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Dainik Bhaskar पुणे पोर्श केस में 900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल:7 आरोपियों के खिलाफ 50 गवाहों ने बयान दिए; नाबालिग आरोपी का नाम नहीं

पुणे पोर्श केस में पुलिस ने करीब दो महीने बाद 900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। सेशन कोर्ट में गुरुवार को दाखिल किए गए 900 पेज की चार्जशीट में 17साल के नाबालिग आरोपी का नाम शामिल नहीं किया गया है। नाबालिग का मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) के सामने है। वहीं, 7 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने और साक्ष्य मिटाने से संबंधित धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है। इनमें नाबालिग के माता-पिता, ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टर और एक कर्मचारी और दो बिचौलिए शामिल हैं नाबालिग ने पोर्श कार से बाइक को टक्कर मारी थी, दो लोगों की मौत हुई थी आरोपी ने 18-19 मई की रात पुणे के कल्याणी नगर इलाके में IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई थी। घटना के समय आरोपी नशे में था। वह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पोर्श स्पोर्ट्स कार चला रहा था। नाबालिग आरोपी को हाईकोर्ट ने जमानत दी बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 जून को नाबालिग को जमानत दे दी थी। तब कोर्ट ने कहा कि हमें आरोपी के साथ वैसे ही पेश आना होगा, जैसे हम कानून का उल्लंघन करने वाले किसी और बच्चे के साथ पेश आते। फिर चाहे अपराध कितना भी गंभीर क्यों न हो।हाईकोर्ट के आदेश के बाद किशोर को सुधार गृह से रिहा कर दिया गया और उसकी हिरासत उसकी मौसी को सौंप दी गई थी। हाईकोर्ट ने 3 आधार पर नाबालिग को जमानत दी... 1. हाईकोर्ट ने कहा- आरोपी की उम्र 18 साल से कम, उसे ध्यान में रखना जरूरी आरोपी लड़के की आंटी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में रिहाई की याचिका लगाई थी। इस याचिका में कहा गया था कि लड़के को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। उसे तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। जस्टिस भारती डांगरे और मंजुशा देशपांडे ने आरोपी को ऑब्जर्वेशन होम भेजने के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के आदेश को रद्द कर दिया था। बेंच ने यह भी नोट किया कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का आदेश अवैध था और बिना जुरिस्डिक्शन के जारी किया गया था। एक्सीडेंट को लेकर रिएक्शन और लोगों के गुस्से के बीच आरोपी नाबालिग की उम्र पर ध्यान नहीं दिया गया। CCL 18 साल से कम उम्र का है, उसकी उम्र को ध्यान में रखना जरूरी है। 2. कोर्ट बोला- नाबालिग आरोपी के साथ बड़े आरोपियों जैसा बर्ताव नहीं कर सकता कोर्ट ने कहा कि हम कानून और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के उद्देश्य से बंधे हुए हैं

Dainik Bhaskar PM मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक आज:7 राज्यों के CM ने आने से इनकार किया, ममता बनर्जी बैठक में शामिल होंगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। मीटिंग में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने पर फोकस रहेगा। इसके अलावा अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री अपने राज्यों के बारे में बातचीत करेंगे। इस बैठक में 7 राज्यों के मुखयमंत्रियों ने आने से इनकार कर दिया है। इनमें तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, केरल और झारखंड शामिल हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि वे बजट 2024-25 में राज्यों के साथ हुए भेदभाव का मुद्दा उठाएंगी। ममता बोलीं- नीति आयोग को खत्म करो ममता बनर्जी ने बैठक से पहले कहा कि नीति आयोग खत्म करो और योजना आयोग को वापस लाओ। योजना आयोग नेताजी बोस का आइडिया था। उन्होंने आगे कहा कि ये सरकार आपसी लड़ाई में गिर जाएगी, इंतजार कीजिए। इस दौरे में मेरे पास ज्यादा समय नहीं है इसीलिए किसी नेता से मेरी मुलाकात नहीं हो रही। मैं अरविंद केजरीवाल की पत्नी से मिलना चाहती थी, मैं उनसे बात करूंगी। भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने पर चर्चा होगी नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में विकसित भारत @ 2047 को लेकर चर्चा की जाएगी। भारत को विकसित बनाने के लिए राज्यों की भूमिका पर भी चर्चा की जाएगी। नीति आयोग का कहना है कि देश 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। भारत 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करेगा। केंद्र ने नीति आयोग की नई टीम बनाई केंद्र सरकार ने 16 जुलाई को नीति आयोग की नई टीम का ऐलान किया। इसमें चार पूर्णकालिक सदस्यों के अलावा भाजपा और NDA के सहयोगी दलों के 15 केंद्रीय मंत्रियों को पदेन सदस्य या विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। राष्ट्रपति भवन की तरफ से इससे जुड़ा नोटिफिकेशन जारी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयोग के अध्यक्ष और इकोनॉमिस्ट सुमन के बेरी उपाध्यक्ष बने रहेंगे। इसके अलावा साइंटिस्ट वी के सारस्वत, एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट रमेश चंद, बाल रोग विशेषज्ञ वी के पॉल और मैक्रो-इकोनॉमिस्ट अरविंद विरमानी पूर्णकालिक सदस्य बने रहेंगे। नीति आयोग में शामिल 15 केंद्रीय मंत्रियों के नाम केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और

Dainik Bhaskar 9 साल की बच्ची से रेप,मां के सामने गला घोंटा:पोर्न की लत में नाबालिग भाई ने की वारदात, रीवा में दो बहनों ने भी छिपाया

रीवा में 14 साल के लड़के ने अपनी 9 साल की बहन से रेप कर उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी। वारदात से पहले आरोपी ने पोर्न वीडियो देखा था। जब मां और दो बड़ी बहनों को पता चला, तो उन्होंने भी घटना को छिपाए रखा। उन्होंने दो बार प्रदर्शन में शामिल होकर कार्रवाई का नाटक भी किया। घटना 24 अप्रैल की है। पुलिस ने 26 जुलाई यानी शुक्रवार रात मामले का खुलासा किया। नाबालिग भाई, बहन को बाल सुधारगृह भेजा गया है। वहीं, मां और बालिग बेटी को जेल भेजा है। घर के आंगन में मिली थी लाश जवा में महिला तीन बेटियों और एक बेटे के साथ रहती थी। पति सूरत में मजदूरी करता है। सबसे छोटी बेटी 9 साल, बड़ी बेटियों उम्र 17 और 18 साल है। बेटे की उम्र 14 साल है। 24 अप्रैल को 9 साल की बेटी की लाश घर के आंगन में मिली थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पोर्न वीडियो देखकर भाई ने किया दुष्कर्म रीवा एसपी विवेक सिंह के मुताबिक महिला ने पूछताछ में बताया, घटना वाले दिन 14 साल का लड़का घर के आंगन में 9 साल की बहन के साथ चारपाई पर सो रहा था। अंदर मां अपनी दोनों बेटियों के साथ थी। रात करीब 1 से 2 बजे के बीच लड़के ने मोबाइल पर पोर्न वीडियो देखे। इसके बाद आरोपी ने बगल में सो रही छोटी बहन का मुंह दबाकर उसके साथ गलत काम किया। लड़की ने कहा कि वह मां-पापा को पूरी बात बता देगी। इससे घबराकर आरोपी ने उसका गला दबा दिया। लड़की के बेहोश होने पर आरोपी ने मां को जगा कर पूरी बात बताई। मां ने देखा, तो बच्ची की सांसें चल रही थीं। इसके बाद आरोपी ने मां के सामने ही बहन का गला दोबारा दबा दिया। इतने में दोनों बहन भी जाग गईं। उन्होंने बदनामी के डर से पूरी घटना को छिपा लिया। रात भी बेटी के शव के साथ घर में अनजान बनकर सोते रहे। पुलिस के सामने रोने का नाटक करते रहे सुबह जब घटना का पता चला, तो पुलिस मौके पर पहुंची। सूचना पर पिता भी सूरत से दूसरे दिन आ गए। पुलिस ने सभी के बयान दर्ज किए। मां ने बताया कि बेटी को किसी कीड़े ने काट लिया है। पुलिस के सामने चारों रोने का नाटक करते रहे। पुलिस ने पीएम रिपोर्ट का इंतजार किया। कार्रवाई की मांग को लेकर चक्काजाम में भी शामिल हुए 25 जुलाई को परिजन ने गांव वालों के साथ मिलकर कार्रवाई की मांग को लेकर चक्काजाम कर दिया। पुलिस के आश्वासन के बाद जाम खोला। 15 दिन बाद पीएम रिपोर्ट में बच्ची के साथ रेप और गला घोंट कर मारने

Dainik Bhaskar फाजिल्का में फैमिली ने जिंदा रखा कारगिल शहीद को:घर में अलग कमरा बनाया, हर साल जमीन की ठेके की रकम में देते हैं हिस्सा

कारगिल के शहीद हुए बलविंदर सिंह का परिवार 25 वर्ष बाद आज भी अपने लड़के की शहादत को नही भूला। शहीद के परिवार ने अपने बेटे की याद में अपने घर के अलग कमरे का निर्माण करवाया है l जिसमें परिवार ने उसकी यादों को जिंदा रखा हैl उसकी शहादत के समय के समान को आज भी संभाल कर रखा गया है l शहीद के परिवार के लिए उनका लड़का आज भी जिंदा है l रोजाना उसके कमरे को साफ किया जाता है और पूजा-पाठ की जाती है l 1999 की कारगिल जंग के शुरुआती दौर में फाजिल्का के गांव साबूआना का बलविंदर सिंह दुश्मनों का मुकाबला करते हुए शहीद हो गया था l देश की सुरक्षा करते हुए बलविंदर सिंह ने अपने सीने पर गोलियां खाई थी l देश के लिए बलिदान दिया था l उसका परिवार गांव छोड़कर फाजिल्का की आवा कॉलोनी में रहने लगा l जहां परिवार ने शहीद बलविंदर सिंह के लिए घर में अलग कमरे का निर्माण करवाया और उसकी पूजा की जाने लगी। गुरुओं की तस्वीरों के साथ-साथ शहीद बलविंदर सिंह का शहादत का सामान रखा गया है l जिसमें उसकी वर्दी, वह तिरंगा जिसमें शहीद के शव को उसके घर लाया गया था l इसके साथ ही शहीद को मिले सम्मान की ट्रॉफी व सब उसके कमरे में रखा गया है l हर वर्ष कराया जाता है अखंड पाठ शहीद की माता बचन कौर और भाभी जसविंदर कौर बताती हैं कि उनको अपने बेटे पर मान है l उन्होंने बताया कि 25 वर्ष बाद भी आज उनका बेटा उनके लिए जिंदा है l जिसको लेकर उन्होंने शहीद बलविंदर सिंह की यादों को घर में संजों कर रखा है l उन्होंने कहा कि घर में कोई भी काम करने से पहले शहीद बलविंदर सिंह के कमरे में जाकर माथा टेका जाता है और हर वर्ष अखंड पाठ करवाया जाता है l माता बचन कौर बताती हैं कि उनके बेटे ने दुश्मनों के साथ सीधा मुकाबला किया l 5 घंटे दुश्मनों का सामना करते हुए उनका लड़का सीने में गोलियां खाते हुए देश के लिए शहीद हो गया था l

Dainik Bhaskar MP-UP और छत्तीसगढ़ में भी अग्निवीरों को आरक्षण:पुलिस, वनरक्षक और PAC भर्ती में छूट मिलेगी, तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने घोषणा की

मध्य प्रदेश सरकार,उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में आरक्षण देगी। कारगिल दिवस के मौके पर एमपी के CM मोहन यादव,यूपी के CM योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के CM मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा की है।इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CISF और BSF में अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी। वहीं हरियाणा और उत्तराखंड सरकार भी अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला ले चुकी हैं। योगी ने कहा कि अग्निवीर जब सेना में सेवा के बाद वापस आएंगे तो उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस भर्ती में, PAC में प्राथमिकता के आधार भर्ती करेगी। उनके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस में एक निश्चित आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मोहन यादव ने कहा कि कारगिल दिवस पर हमारी सरकार ने फैसला किया है कि अग्निवीर जवानों को पुलिस एवं सशस्त्र बलों की भर्ती में आरक्षण दिया जाएगा। सीएम योगी बोले- विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा सीएम योगी ने कहा, अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं के मन में उत्साह है। 10 लाख अग्निवीर भारतीय सेना में अपनी सेवा देने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। दुर्भाग्य है कि कुछ राजनीतिक दलों के लिए स्वयं की राजनीति देश से बड़ी हो गई है। वे देश की कीमत पर राजनीति करना चाहते हैं। उनका काम ही है कि हर प्रगति वाले कार्य में टांग अड़ाना, अनावश्यक व्यवधान पैदा करना, लोगों को भड़काना, गुमराह करना...लगातार उनके द्वारा ऐसा कृत्य किए जाते रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर भी विपक्ष ने लगातार गुमराह करने का प्रयास किया। हमें प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार के इस सेना रिफॉर्म्स के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए आगे बढ़ना चाहिए। एमपी में पुलिस भर्ती में आरक्षण मिलेगा मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने भी अग्निवीरों को आरक्षण देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, अग्निवीर जवानों को राज्य की पुलिस भर्तियों में आरक्षण मिलेगा। इस नई नीति के तहत, अग्निवीर जवानों को पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी, जो उन्हें सरकारी नौकरियों में अधिक अवसर प्रदान करेगी। छत्तीसगढ़ में पुलिस आरक्षक, वनरक्षक, जेल प्रहरी की भर्ती में आरक्षण छत्तीसगढ़ सरकार अग्निवीरों को प्रदेश सरकार की अलग-अलग फोर्स में भर्ती में आरक्षण देगी। विधानसभा में इसका ऐलान खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु

Dainik Bhaskar यूपी में अग्निवीरों को पुलिस-पीएसी में आरक्षण:कारगिल विजय दिवस पर सीएम योगी का बड़ा फैसला, भाजपा शासित 3 राज्य पहले कर चुके हैं ऐलान

कारगिल विजय दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अग्निवीरों को बड़ा तोहफा दिया है। सीएम योगी ने कहा- सेना से निकलने के बाद अग्निवीरों को यूपी पुलिस और PAC (पुलिस आर्म्ड कांस्टेबुलरी) की भर्ती में आरक्षण दिया जाएगा। इससे हमें एक ट्रेंड मैनपावर मिलेगा। मौजूदा नियमावली के अनुसार, SC-ST और OBC को सरकारी नौकरी में आरक्षण का लाभ मिलता है। इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CISF और BSF में अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी। सीएम योगी बोले- विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा सीएम योगी ने कहा, अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं के मन में उत्साह है। 10 लाख अग्निवीर भारतीय सेना में अपनी सेवा देने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। दुर्भाग्य है कि कुछ राजनीतिक दलों के लिए स्वयं की राजनीति देश से बड़ी हो गई है। वे देश की कीमत पर राजनीति करना चाहते हैं। उनका काम है हर प्रगति वाले कार्य में टांग अड़ाना, अनावश्यक व्यवधान पैदा करना, लोगों को भड़काना, गुमराह करना...लगातार उनके द्वारा ऐसा कृत्य किए जाते रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने लगातार गुमराह करने का प्रयास किया। हमें प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार के इस सेना रिफॉर्म्स के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए आगे बढ़ना चाहिए। अन्य राज्यों में कितना मिल रहा आरक्षण यूपी सरकार से पहले आज ही मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने भी अग्निवीरों को आरक्षण देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, अग्निवीर जवानों को राज्य की पुलिस भर्तियों में आरक्षण मिलेगा। इस नई नीति के तहत, अग्निवीर जवानों को पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी, जो उन्हें सरकारी नौकरियों में अधिक अवसर प्रदान करेगी। हाल ही में हरियाणा और उत्तराखंड सरकार ने भी अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है। इन राज्यों में भाजपा की सरकार है। पूर्व मेजर विराट बोले- यूपी सरकार को मिलेगा लाभ पूर्व मेजर विराट मिश्रा ने सरकार के इस फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा, सारे फौजी सरकार के निर्णय का वेलकम करते हैं। जब नौजवान अग्निवीर की सेवा से बाहर आएंगे तो यूपी सरकार उन्हें पीएसी और पुलिस सेवा में प्राथमिकता देगी। सरकार को भी इससे लाभ होगा। उसे एक ट्रेंड जवान मिलेगा। अग्निवीर ने भी जो सेना में अनुभव लिया होगा, उसे प्रदेश की पुलिस में दे सकेंगे। हरियाणा

Dainik Bhaskar सुप्रीम कोर्ट का केरल और बंगाल के राज्यपालों को नोटिस:विधानमंडल से पास बिल रोकने का मामला; केरल के 7, बंगाल के 8 बिल लटके

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (26 जुलाई) को केरल और पश्चिम बंगाल के राज्यपालों के सचिवों और गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। नोटिस अलग-अलग याचिकाओं में के लिए दी गई है, लेकिन दोनों याचिकाएं विधानसभाओं से पास बिल रोकने को लेकर हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपास सीवी आनंद बोस ने विधानमंडल से पास 8 बिल रोक रखे हैं। इसी तरह केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सात बिलों को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए रोक रखा है। इसके खिलाफ राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। पश्चिम बंगाल ने याचिका में कहा- संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति ने असंवैधानिक स्थिति पैदा की चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने मामले से संबंधित पक्षों को नोटिस भेजकर तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब भी इस तरह के मामलों की सुनवाई होती है, तो कुछ बिल पास कर दिए जाते हैं। उन्होंने तमिलनाडु में भी इसी तरह के मामले का जिक्र किया। पश्चिम बंगाल सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि इससे राज्य की जनता प्रभावित हो रही है, जिनकी भलाई के लिए वे बिल लाए गए थे। गवर्नर का रवैया न केवल कानून और लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है, बल्कि संविधान के मूल सिद्धांतों को हराने और खत्म करने की धमकी देने जैसा है। याचिका में आगे कहा गया कि 2022 में पास बिल बिना किसी कार्रवाई के लटकाए जाने से राज्य विधानमंडल की कार्रवाई असफल हो गई है। इस तरह से संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति ने ही असंवैधानिक स्थिति पैदा कर दी है। आगे कहा कि राज्यपाल की शक्तियों और कर्तव्यों का कोई भी हिस्सा उन्हें दो सालों से पेंडिंग बिलों को निपटाने से इनकार करने का अधिकार नहीं देता। पश्चिम बंगाल सरकार का आरोप- गवर्नर ने सेक्रेटरी से कहा, साइन के लिए भेजी फाइलों पर विचार न करें पश्चिम बंगाल सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि गवर्नर ने अपने सेक्रेटरी को राज्य विधानमंडल से पारित बिलों पर सहमति देने और साइन के लिए भेजी गई फाइलों पर विचार न करने के लिए कहा है। पश्चिम बंगाल ने गवर्नर को सेक्रेटरी के माध्यम से निर्देशित करने की अपील की है कि वे राज्य विधानमंडल और सरकार के सभी लंबित बिलों और फाइलों को तय समय में निपटाएं। याचिका में सरकारिया कमीशन की सिफारिशों और संविधान के आर्टिकल 200 के तहत विधानमंडल से

Dainik Bhaskar असम के मोइदम यूनेस्को वर्ल्ड हैरिटेज में शामिल:700 साल पुराने मिट्‌टी के टीले अहोम राजाओं के कब्रस्तान; भारत के पिरामिड के नाम से मशहूर

असम मोइदम में अहोम राजवंश के टीले वाले कब्रस्तान को 26 जुलाई को यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज लिस्ट में शामिल कर लिया गया। कल्चरल कैटेगरी में शुमार मोइदम भारत की 43वीं हैरिटेज साइट है। इसकी घोषणा दिल्ली में चल रहे वर्ल्ड हैरिटेज काउंसिल के 46वें सेशन में की गई। यह पहली बार है जब नॉर्थ ईस्ट की एक सांस्कृतिक महत्व की जगह यूनेस्को की लिस्ट में शामिल हुई है। इसके पहले काजीरंगा और मानस नेशनल पार्क को वर्ल्ड हैरिटेज घोषित किया जा चुका है। अप्रैल 2014 में यूनेस्को की टेम्परेरी लिस्ट में भी मोइदम शामिल किए गए थे। मोइदम, अहोम राजाओं, रानियों और रईसों की कब्रें हैं। मोइदम शब्द ताई शब्द फ्रांग-माई-डैम या माई-टैम से लिया गया है। फ्रांग-माई का अर्थ है कब्र में डालना या दफनाना और डैम का मतलब है- मृतक की आत्मा। चराईदेव में पहले अहोम राजा को दफनाया था वैसे तो मोइदम ऊपरी असम के सभी जिलों में पाए जाते हैं, लेकिन अहोम की पहली राजधानी चराईदेव लगभग सभी अहोम राजघरानों का कब्रिस्तान था। चराईदेव शिवसागर से 28 किमी पूर्व में स्थित है। अहोम के पहले राजा चौ-लुंग सिउ-का-फा को उनकी मृत्यु के बाद चराईदेव में दफनाया गया था, जिसमें सभी ताई-अहोम धार्मिक संस्कार और अनुष्ठान किए गए थे। असम पर ताई-अहोम राजवंश ने 700 साल शासन किया सभी 27 प्रस्तावों की जांच करेगी यूनेस्को की कमेटी यूनेस्को, वर्ल्ड हैरिटेज में शामिल किए 27 स्थलों के प्रस्तावों की जांच करेगा। इसके अलावा पहले से ही शामिल 124 हैरिटेज और उनकी संरक्षण की स्थिति की जांच करेगा। वर्ल्ड हैरिटेज कमेटी, दुनिया की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासतों के संरक्षण के लिए कन्वेंशन चलाने वाली दो निकायों में से एक है। यह कन्वेंशन के 195 देशों में से चुने गए 21 के प्रतिनिधियों से बनी है। स्थलों की जांच तीन कैटेगरी के अनुसार की जाएगी। इनमें प्राकृतिक, मिश्रित और सांस्कृतिक धरोहरें शामिल हैं।

Dainik Bhaskar पंजाब में अग्निवीर पर राहुल गांधी का वीडियो वायरल:कहा था- सेना ट्रेनिंग के बाद समाज में हिंसा बढ़ेगी; अब लूट मामले में जवान गिरफ्तार

मोहाली पुलिस की तरफ से देसी पिस्तौल दिखाकर कार छीनने वाले 3 आरोपियों में से एक अग्निवीर निकला। आरोपी ईशप्रीत सिंह 2022 में अग्निवीर के तौर पर भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। अग्निवीर की गिरफ्तारी के बाद 17वीं लोकसभा में राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें वो अग्निवीर योजना का विरोध कर रहे हैं। राहुल गांधी इस वीडियो में कह रहे हैं- सेना के जनरलों ने उनसे कहा कि हम हजारों लोगों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं और कुछ समय बाद उन्हें समाज में डाल रहे हैं। इससे बेरोजगारी बढ़ेगी, समाज में हिंसा बढ़ेगी। उनके मन में यह बात थी कि यह अग्निवीर योजना सेना के अंदर से नहीं आई है। अजीत डोभाल ने यह योजना सेना पर थोपी है। अग्निवीर योजना पर उठ रहे सवाल वीडियो वायरल करने वाले अब अग्निवीर योजना पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि वीडियो में राहुल गांधी ने जो कहा था, वह अब सच हो रहा है। राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि हम उन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं और कुछ समय बाद उन्हें सेना से निकाल देंगे। इससे क्या होगा? समाज में हिंसा बढ़ेगी और अब वही हुआ है। क्या था मामला मोहाली पुलिस ने सवारी बुक कर कार लूटने वाले तीन लुटेरों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान ईशप्रीत सिंह उर्फ ​​ईशू, प्रभप्रीत सिंह उर्फ ​​प्रभ और बलकरण सिंह के रूप में हुई है। तीनों फाजिल्का के रहने वाले हैं। एसएसपी मोहाली डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आरोपियों से स्विफ्ट डिजायर कार और एक देसी पिस्तौल बरामद की गई है। आरोपी ईशप्रीत सिंह 2022 में भारतीय सेना में अग्निवीर के पद पर भर्ती हुआ था। वह 2 महीने की छुट्टी पर आया था, लेकिन ड्यूटी पर वापस नहीं लौटा। उसने अपने भाई और दोस्त के साथ मिलकर लुटेरा गिरोह बना लिया। अधिक पैसे कमाने के लिए बन गए लुटेरे आरोपी प्रभप्रीत उर्फ ​​प्रभ, ईशप्रीत का सगा भाई है। जांच में पता चला कि अधिक पैसे कमाने के लिए उन्होंने वाहन चोरी करना शुरू कर दिया। तीनों आरोपियों ने 20 जुलाई की आधी रात को इन ड्राइव ऐप के जरिए कैब बुक की थी। चप्पड़चिड़ी के पास आरोपियों ने ड्राइवर पर देसी पिस्तौल तान दी। उसकी आंखों में मिर्ची स्प्रे छिड़क दिया और कार लेकर फरार हो गए।

Dainik Bhaskar AAP का दावा, केजरीवाल का शुगर लेवल 50 तक गिरा:कहा- उनकी हालत चिंताजनक, I.N.D.I.A ब्लॉक 30 जुलाई को समर्थन में रैली करेगा

आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संदीप पाठक शुक्रवार (26 जुलाई) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अरविंद केजरीवाल का ब्लड शुगर लेवल 50 हो गया है। उनकी हालत चिंताजनक है। वह चुने हुए सीएम है, उन पर कई लोगों का भरोसा टिका हुआ है। ऐसे व्यक्ति को जेल में नहीं रखा जाना चाहिए। पाठक ने कहा कि ले. गवर्नर कह रहे है कि केजरीवाल जानबूझकर कर अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। मैं उनसे कहता हूं ऐसे बयान देने से पहले उन्हें किसी डॉक्टर से या जानकारों से सलाह लेनी चाहिए। इससे पहले AAP ने गुरुवार को कहा कि केजरीवाल के स्वास्थ्य और उनकी रिहाई को लेकर INDIA ब्लॉक 30 जुलाई को जंतर मंतर पर एक रैली करेगा। बीजेपी केजरीवाल को जेल में मारने की साजिश कर रही है- AAP आम आदमी पार्टी की तरफ से बोलते हुए दिल्ली की मंत्री आतिशी ने बीजेपी पर केजरीवाल को जेल में मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया। आतिशी ने कहा जब भाजपा को केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने की संभावना के बारे में पता चला तो उन्होंने उन्हें सीबीआई से गिरफ्तार करवा दिया। यह जानते हुए कि केजरीवाल को पिछले 30 वर्षों से मधुमेह है। हिरासत में उनका वजन 8.5 किलोग्राम कम हो गया है। उनका शुगर लेवल 34 बार गिर चुका है। आतिशी ने बताया कि केजरीवाल की मेडिकल रिपोर्ट केन्द्र और एलजी के साथ साझा की गई थी। इसमें बताया गया था कि केजरीवाल का शुगर गिरकर क्रिटिकल लेवल तक गिर गया है। 31 जुलाई तक केजरीवाल जेल में रहेंगे दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने CM अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी। वहीं ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी उन्हें 31 जुलाई तक जेल में ही रहना होगा। दरअसल, 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दे दी थी, लेकिन उनकी तरफ से अभी तक बेल बॉन्ड नहीं भरा गया है। केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें कस्टडी में भेज दिया था। उनके खिलाफ दूसरा मामला CBI का है। जिसमें उन्हें 26 जून को अरेस्ट किया गया था। CBI केस में जमानत पर फैसला 29 जुलाई को इससे पहले 17 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की CBI की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका और अंतरिम जमानत की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। करीब ढाई घंटे तक चली बहस के बाद कोर्ट ने

Dainik Bhaskar 'संविधान हत्या दिवस' के खिलाफ पीआईएल खारिज:इमरजेंसी की याद में मोदी सरकार ने 13 जुलाई को जारी की थी अधिसूचना

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार (26 जुलाई) को 'संविधान हत्या दिवस' के विरोध में दायर जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी। केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित किया था। गृह मंत्री अमित शाह ने 12 जुलाई को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी थी। अगले दिन 13 जुलाई को सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी किया था। सरकार ने इसे इंदिरा गांधी सरकार द्वारा 1975 में लगाई गई इमरजेंसी के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के लिए श्रद्धांजलि बताया था। 'अधिसूचना संविधान का उल्लंघन या अपमान नहीं करती' हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच फैसला सुनाते हुए कि अधिसूचना आर्टिकल 352 के तहत इमरजेंसी की घोषणा के खिलाफ नहीं बल्कि सत्ता और संवैंधानिक प्रावधानों के दुरुपयोग के खिलाफ है। यह अधिसूचना संविधान का उल्लंघन या अनादर नहीं करती। पीआईएल समीर मलिक नाम के व्यक्ति ने दायर की थी। इसमें तर्क दिया गया था कि संविधान के आर्टिकल 352 के तहत इमरजेंसी लागू की गई थी, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि यह संविधान की हत्या है। इसी तरह की एक याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी लंबित है। केंद्र का नोटिफिकेशन... आखिर भाजपा को ऐसा कदम उठाने की जरूरत क्यों पड़ी लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भाजपा ने 400 पार का नारा दिया था। इसके बाद भाजपा के कई नेताओं ने कहा था कि 400 सीटें इसलिए चाहिए, क्योंकि संविधान बदलना है। इनमें BJP नेता अंनत हेगड़े, लल्लू सिंह और अरुण गोविल शामिल थे। इसके बाद विपक्ष ने मुद्दा बनाते हुए कहा था कि अगर भाजपा सरकार में आई तो संविधान बदल देगी। इसके बाद PM मोदी को सफाई देनी पड़ी थी। मोदी ने अप्रैल 2024 को सागर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया था कि उन्हें 400 सीटें क्यों चाहिए। पीएम मोदी ने सागर की सभा में कहा था कि कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहती है। कांग्रेस ने कर्नाटक में धर्म के आधार पर आरक्षण दे दिया। वह यही फॉर्मूला पूरे देश में लागू करना चाहती है। दलित, आदिवासी, ओबीसी के आरक्षण चोरी करने का बंद करने के लिए मोदी को 400 पार चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे दलित, आदिवासी और ओबीसी के आरक्षण की रक्षा करनी है। इसके बाद विपक्ष ने भाजपा पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया। कहा कि अगर भाजपा सरकार में आई तो वह संविधान बदल देगी। जानकार कहते हैं कि इससे भाजपा को महाराष्ट

Dainik Bhaskar पाकिस्तान पर बरसे बमों पर हमारे फौजियों के पैगाम थे:ऑपरेशन सफेद सागर के लीडर बोले- हमने बम पर लिखा था, अकरम के लिए सचिन का सिक्सर

बेंजो, मेरे साथ चलो। यही हुक्म कमांडिंग ऑफिसर विंग कमांडर अवतार सिंह ने उस वक्त मुझे दिया था। श्रीनगर आने से पहले मैं पंजाब में आदमपुर बेस पर था। वहां एक दिन मुझे एटीसी ने बताया कि उड़ान की परमिशन नहीं है, तभी मुझे लगा कि माजरा कुछ और है। सीओ ने भी संक्षिप्त सी जानकारी दी- ‘एक ब्रीफिंग के लिए चलना है’। हम जीप में सवार हुए। विंग कमांडर ने जीप रनवे के किनारे रोकी और वहां पूरी रफ्तार से घूमते ब्लेड वाले हेलीकॉप्टर में सवार होने को कहा। यह मेरे लिए अजीब बात थी। हेलीकॉप्टर की चिंघाड़ के बीच मुझे कॉकपिट में जाने का इशारा किया गया। -कहा गया- चीफ आपसे मिलना चाहते हैं। - मैंने अचकचाकर पूछा- कौन चीफ? -जवाब मिला, चीफ ऑफ एयर स्टाफ। -कॉकपिट में गया तो ओवरऑल में चीफ बैठे दिखे। उन्होंने कोई रैंक नहीं पहना था। पायलट सीट पर विंग कमांडर सिन्हा थे। -वायुसेना प्रमुख एवाई टिपणिस से मेरा पहली बार आमना-सामना हो रहा था। हेलीकॉप्टर उड़ान भर चुका था और हम एक बर्फानी समंदर के ऊपर थे। -इस दौरान मुझे पता चला कि हम पाकिस्तानी फौज के उन घुसपैठियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू करने जा रहे हैं, जिन्होंने पीठ में छुरा घोंप कर उन चोटियों पर कब्जा जमा लिया है, जिन्हें हर सर्दियों में दोनों देश खाली कर देते थे। - एयर चीफ ने पूछा- मिशन के लिए तैयार हो ना। - ‘यस सर’, मेरे जवाब से उन्हें गर्व महसूस हुआ। -उन्होंने कहा- ‘ठीक है, कल से आपको ऑपरेशन की पूरी जानकारी मिल जाएगी।’ - इसके अगले दिन शुरू हुआ- ऑपरेशन सफेद सागर। पहला टारगेट टाइगर हिल थी। वायु सेना के लिए 1971 के बाद पहला मौका था, जब लाइव बम बरसाने थे। हमें बड़े टारगेट्स ध्वस्त करने की ट्रेनिंग थी। -लेकिन, यहां तो ऊंची-ऊंची चोटियों पर बहुत छोटे से इलाके में घुसपैठिए बैठे थे। हमने खुद को इसके लिए ढाल लिया। - हजार टन के बम फाइटर जेट्स की वैली में लगाए गए। तभी कुछ वायु योद्धाओं ने एक तरकीब सुझाई... क्यों न पाकिस्तानियों पर खास पैगाम लिखे बम गिराए जाएं। आइडिया क्लिक कर गया। -बमों पर बेहद क्रिएटिव नारे लिखे गए। वह फोटो आज भी मेरे ड्राइंग रूम में टंगा है जिसमें मैं उस फाइटर के पास खड़ा हूं, जिसके नीचे लगे बम पर लिखा था- जोर का झटका धीरे से लगे। -ऐसे कई पैगाम लिखे गए। एक बम पर लिखा था- फॉर इमरान फ्रॉम जीनत। एक था- फॉर नवाज विद लॉट्स ऑफ आवाज। जबकि तीसरे पर लिख रखा था- स

Dainik Bhaskar रूस-यूक्रेन युद्ध में मरे तेजपाल का शव नहीं पहुंचा भारत:डेढ़ महीने से भटक रही पत्नी ने उठाए इंडियन एंबेसी पर सवाल; दावा-DNA टेस्ट तक नहीं कराया

पंजाब के अमृतसर में रहने वाले तेजपाल सिंह ने आर्मी जॉइन करने का सपना पूरा करने के लिए जनवरी 2024 में रूस का रुख किया था। उस समय रूस को यूक्रेन के खिलाफ लड़ाकों की आवश्यकता थी। वहां मार्च में तेजपाल की युद्ध में मौत हुई और 9 जून को परिवार को इसकी जानकारी मिली, लेकिन अब तक परिवार को उसका शरीर नहीं मिला है। तेजपाल की विधवा परमिंदर कौर का कहना है कि रूस सरकार उसके पति को शहीद का दर्जा दे चुकी है, लेकिन यहां भारत में एक-एक काम करवाने के लिए उन्हें चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। परमिंदर कौर के मुताबिक, 'रूसी अधिकारियों ने कहा है कि चूंकि तेजपाल सिंह के शव की पहचान नहीं हो पाई है, इसलिए DNA टेस्ट कराने की जरूरत है। रूस ने करीबी रिश्तेदारों का DNA टेस्ट करवाने को कहा है। विशेषकर मां का, ताकि रिपोर्ट रूसी पक्ष के साथ साझा की जा सके।' कोई सहयोग नहीं कर रहा 6 साल के लड़के और 3 साल की लड़की की मां परमिंदर कौर ने बताया कि रूस की राजधानी मॉस्को में भारतीय दूतावास में कोई भी अधिकारी सहयोग नहीं कर रहा, और न ही अमृतसर में कोई बता रहा है कि DNA कैसे करवाया जाए। मेडिकल कॉलेज से भेजा थाने परमिंदर कौर का कहना है कि वह रूस से आए भारतीय दूतावास की ईमेल का प्रिंट लेकर मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत आते गुरु नानक देव अस्पताल पहुंच गईं, लेकिन वहां से उन्हें सदर पुलिस थाने भेज दिया गया। सदर पुलिस थाने से उन्हें यह कह कर वापस भेजा गया कि आप सभी गलत काम कर रहे हो। इस मेल पर रूस या भारतीय सरकार की कोई स्टैंप नहीं है। चाचा की शहादत का किस्सा सुन जॉइन करना चाहता था आर्मी तेजपाल की मां सर्बजीत कौर का कहना है कि 1992 में उनके देवर श्रीनगर में शहीद हो गए थे। एक साल बाद तेजपाल हो गया। तेजपाल उनके शहादत के किस्से सुनता था। तभी से उसके सिर पर आर्मी जॉइन करने का भूत सवार था। स्कूल में NCC भी जॉइन की। हथियार चलाने की ट्रेनिंग उसने NCC में ही ले ली थी। तेजपाल ने 6-7 बार आर्मी जॉइन करने की कोशिश की। फिटनेस व लिखित परीक्षा भी पास की, लेकिन हर बार लिस्ट में नाम आने से चूक गया। अंत में उसके दोस्तों ने रूसी आर्मी में हो रही भर्ती के बारे में बताया तो वह जनवरी में यहां से रूस के लिए रवाना हो गया। 4 महीने बाद परिवार को तेजपाल की मौत की सूचना मिली परमिंदर कौर ने बताया कि तेजपाल को रूसी सेना ने सुरक्षा सहायक के रूप में नियुक्त कि

Dainik Bhaskar अखिलेश बोले- मौर्या जी मोहरा बन गए:डिप्टी सीएम दिल्ली के वाई-फाई का पासवर्ड हैं, यूपी सरकार ऐसे नहीं चलेगी

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को यूपी सरकार में चल रही खींचतान पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने डिप्टी सीएम केशव मौर्य के लिए कहा- मौर्या जी मोहरा बन गए हैं। दिल्ली के लोगों का वाई-फाई पासवर्ड हैं। बताइए क्या सरकार ऐसे चलेगी?...यूपी ऐसे नहीं चलेगी। उन्होंने यूपी के लोगों को धोखा दिया है। उन्होंने इशारों में कहा कि लखनऊ और दिल्ली के बीच लड़ाई चल रही है। लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने कहा कि भाजपा हम पर जातिवाद का आरोप लगाती है। उसे खुद अपना देखना चाहिए। योगी जी क्या हैं? मुख्य सचिव क्या हैं? ACS होम क्या हैं? जिलों में बड़े-बड़े अफसर कौन हैं? यूपी पुलिस पर अखिलेश ने कहा- पुलिस ही डाकू बन गई है। बलिया में रोज 15 लाख वसूल रही है। एनकाउंटर का रेट तय करती है। लखनऊ में हत्या हुई, उसमें बीजेपी के लोग शामिल हैं। कानपुर दंगा हुआ था। इसके बाद मुस्लिम लोगों को डराया गया। उनसे वसूली की गई। अखिलेश की 6 बड़ी बातें पढ़िए.... 1- भाजपा नेता खुद कह रहे हैं कि ऐसा करप्शन नहीं देखा भाजपा वाले बेवजह फड़फड़ा रहे हैं, जिन्होंने सबकुछ बिगाड़ा है, वो क्या ठीक करेंगे। सपा ने सांप्रदायिक राजनीति का अंत किया। मदरसों में सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। सरकार दावा करती थी कि जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। खासकर करप्शन और लॉ एंड ऑर्डर पर, लेकिन अब उनके ही नेता कह रहे हैं कि अपने राजनीति जीवन काल में हमने ऐसा भ्रष्टाचार नहीं देखा है। जो इस सरकार में चल रहा है। मुख्यमंत्री खुद स्वीकार करते हैं कि कई विभागों में बड़े पैमाने पर दलाली चल रही है। 2- उत्तर प्रदेश के हर कोने में भ्रष्टाचार चल रहा यूपी के हर कोने में भ्रष्टाचार चल रहा है। अब पुलिस ही पुलिस को पकड़ रही है। प्रधान सांसद जी (पीएम मोदी) के क्षेत्र में पता करिए क्या चल रहा है। पुलिस ही वसूली कर रही थी। एनकाउंटर का डर दिखाते हैं, लेकिन हमने सोशल मीडिया पर कई वीडियो देखें हैं, जहां पर पुलिस रेट तय कर रही थी कि टांग पर गोली मारी जाए, तो कितना पैसा देना पड़ेगा। 3- बंदूक नहीं चली तो मुंह से ही ठांय-ठांय कह दिया हमने यह भी देखा है कि जब बंदूक नहीं चली, तो पुलिस ने एनकाउंटर के लिए मुंह से ही ठांय-ठांय कह दिया। मुझे याद है कि नोएडा का पहला फेक एनकाउंटर हुआ था। एक इंस्पेक्टर जिम से लौट रहा था। उस पर गोली चलाई गई थी। वो आज दिव्यांग है, वह चल नही

Dainik Bhaskar पूर्णिया के जूलरी शोरूम में गन पॉइंट पर लूट:स्टाफ और ग्राहकों को बंधक बनाया, 20 मिनट में वारदात को दिया अंजाम

पूर्णिया में शुक्रवार (26 जुलाई) सुबह तनिष्क शोरूम में दिनदहाड़े की लूट हुई है। फिलहाल कितने की लूट हुई है अभी ये साफ नहीं हो पाया है, लेकिन वहां मौजूद लोगों की माने तो अपराधियों ने करोड़ों की लूट की है। बाइक से आए 6 अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया है। सभी के पास हथियार थे। पहले 3 अपराधी शोरूम में कस्टमर बनकर घुसे थे। इसके बाद तीन और अंदर गए। फिर गन पॉइंट पर लूटपाट की गई। लूटपाट के दौरान बदमाशों ने शोरूम के कर्मचारी और खरीदारी करने आए लोगों को ऊपर वाले फ्लोर पर बंधक बना लिया था। घटना पूर्णिया के सहायक खजांची थाना क्षेत्र के डाकबंगला चौक स्थित तनिष्क शोरूम की है। 20 मिनट में अपराधी पूरी वारदात को अंजाम देकर निकल गए। पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। मामले की जांच की जा रही है। सीसीटीवी भी खंगाले जा रहे हैं। स्टाफ बोला- गहने खरीदने के बहाने अंदर घुसे 3 लोग तनिष्क शोरूम के स्टाफ विवेक कुमार ने बताया कि पहले 3 बदमाश कस्टमर बनकर शोरूम में दाखिल हुए। गहने खरीदने के बहाने उन्होंने स्टाफ को अपनी बातों में उलझाया। इसके बाद 3 और बदमाश अंदर घुसे। सभी के पास पिस्टल थी। शोरगुल करने पर जान से मारने की धमकी देते हुए उन्होंने सभी स्टाफ को गन पॉइंट पर ले लिया और फिर लूटपाट कर बाइक से भाग निकले। एक-एक बाइक पर 3-3 लोग बैठकर भाग निकले। सभी 20-25 मिनट शोरूम के अंदर रहे।