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Dainik Bhaskar पूजा खेडकर की मां 14 दिन की न्यायिक हिरासत में:किसान को धमकाने और जमीन हड़पने का आरोप; पिता अंतरिम जमानत पर

UPSC सिलेक्शन को लेकर विवादों में घिरीं ट्रेनी IAS पूजा खेडेकर की मां को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुणे पुलिस ने उन्हें सोमवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया था। मनोरमा पर किसानों को पिस्टल से धमकाने और जमीन हड़पने का आरोप है। सोशल मीडिया पर मनोरमा का 2023 का एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में मनोरमा जमीन को लेकर एक किसान को पिस्टल दिखाकर धमका रही हैं। पुलिस ने 18 जुलाई को उन्हें रायगढ़ के महाड के एक होटल से गिरफ्तार किया था। वे यहां एक लॉज में कैब ड्राइवर के साथ रूकी थीं। उन्होंने ड्राइवर को अपना बेटा बताया था। लॉज में रूम बुक करने के लिए मनोरमा ने फेक आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था। इससे पहले 19 जुलाई को इसी मामले में पूजा खेडकर के पिता दिलीप कोंडीबा खेडकर को सेशन कोर्ट ने 25 जुलाई तक अंतरिम जमानत दे दी है। खेडकर परिवार का दावा- किसानों ने उनकी जमीन पर कब्जा किया खेडकर परिवार ने पुणे के मुलशी तहसील में 25 एकड़ जमीन खरीदी थी। हालांकि उन्होंने दावा किया कि इसके एक हिस्से पर किसानों ने कब्जा कर लिया था। इसके चलते मनोरमा अपने सिक्योरिटी गार्ड्स के साथ वहां पहुंचीं और किसानों को पिस्तौल दिखाकर धमकाया। वीडियो में सुना जा सकता है कि वह कह रही हैं कि जमीन उनके नाम पर है। पूजा के पिता के खिलाफ ओपन इन्क्वायरी की मांग इस बीच पूजा के पिता और रिटायर्ड अधिकारी दिलीप खेडकर की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। पुणे एंटी करप्शन ब्यूरो से दिलीप खेडकर के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति मामले में ओपन इन्क्वायरी की मांग की गई है। एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें इसको लेकर एक एप्लिकेशन मिला है। पुणे ACB ने ACB हेडक्वार्टर से निर्देश मांगे हैं, क्योंकि दिलीप खेडकर के खिलाफ ACB के नासिक डिवीजन में आय से अधिक संपत्ति के मामले में पहले से ही जांच चल रही है। ग्रामीण बोले- पूजा की मां ने जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी स्थानीय लोगों का आरोप है कि खेडकर परिवार ने बाउंसर की मदद से पड़ोसी किसानों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की और उनको धमकाया। किसान कुलदीप पासलकर ने दावा किया कि मनोरमा जबरदस्ती उनकी जमीन हड़पने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि पुणे पुलिस के सुपरिंटेंडेंट पंकज देशमुख ने 12 जुलाई को बताया था कि यह घटना पिछले साल 5 जून को धडावली गांव में हुई थी। तब किसानों की तरफ से श

Dainik Bhaskar पेपर लीक पर 10 साल की सजा, एक करोड़ जुर्माना:बिहार सरकार ने तैयार किया नया कानून, अब विधानसभा में पेश होगा

बिहार में लगातार हो रहे पेपर लीक पर नकेल कसने के लिए सरकार ने सख्त कानून तैयार किया है। सरकार की ओर से बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक-2024 तैयार किया गया है। इस विधेयक को मंगलवार को विधानसभा में पेश किया जा सकता है। इस बिल के मुताबिक, अब पेपर लीक को सीरियस क्राइम माना जाएगा। विधानसभा से कानून पास होने के बाद पेपर लीक मामले के आरोपियों पर नॉन बेलेवल धाराएं लगाई जाएंगी। नए बिल में पेपर लीक में शामिल व्यक्तियों या संस्थाओं को 3-10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही 10 लाख से 1 करोड़ जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। ये नियम राज्य सरकार की तरफ से आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं में लागू होंगे। डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे मामले की जांच नए नियम के मुताबिक अब पेपर लीक मामले की जांच भी डीएसपी रैंक के अधिकारी से कराई जाएगी। इसके साथ ही नए कानून में इस बात का भी प्रावधान किया गया है कि मामले की जांच सरकार किसी भी जांच एजेंसी से करवा सकती है। अब जानिए किनके लिए क्या सजा का प्रावधान है कैंडिडेट के लिए अगर परीक्षा में गलत तरीके से कैंडिडेट शामिल हो रहे है या फिर नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं तो उनके लिए कम से कम तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। सर्विस प्रोवाइडर के लिए वहीं, परीक्षा में शामिल सेवा प्रदाता अगर पेपर लीक कानून का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं तो उनके लिए एक करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही परीक्षा की लागत को भी सर्विस प्रोवाइडर से ही वसूल किया जाएगा। इसके अलावा, 4 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड करने का भी प्रावधान किया गया है। संगठित अपराध करने पर नए कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह, जिसका सर्विस प्रोवाइडर की मिलीभगत शामिल हो, ये साबित हो जाने के बाद 5-10 साल की सजा और एक करोड़ जुर्माना का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं संस्था की संपत्ति की कुर्की का भी प्रावधान किया गया है। पेपर लीक होने पर अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई इस कानून के प्रावधानों के अनुसार, अगर पेपर लीक होने को लेकर चल रही जांच के दौरान ये तय हो जाता है कि एग्जामिनेशन सर्विस प्रोवाइडर को परीक्षा के दौरान गड़बड़ी का पहले से ही अंदाजा था और इसके बावजूद उसने कुछ नहीं किया तो ऐसी स्थिति मे

Dainik Bhaskar IAS अधिकारी ने UPSC के विकलांगता कोटे पर उठाए सवाल:तेलंगाना की स्मिता सभरवाल बोलीं- सिविल अधिकारी का फिट होना जरूरी

ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर के विकलांगता कोटे के दुरुपयोग के आरोपों पर केन्द्र की कमेटी जांच कर रही है। इसी बीच तेलंगाना IAS स्मिता सभरवाल ने सिविल सेवाओं में विकलांगता की आवश्यकता पर सवाल उठाए हैं। स्मिता ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि IAS और IPS समेत अन्य सिविल सेवकों को जमीन पर उतर कर काम करने की आवश्यकता होती है। उनका शेड्यूल लंबा और थका देने वाला होता है। ऐसे में जरूरी है कि एक अधिकारी शारीरिक रूप से फिट हो। उन्होंने कहा कि वे दिव्यांग लोगों का पूरा सम्मान करती हैं। लेकिन क्या कोई एयरलाइन दिव्यांग पायलट को काम पर रखती है? क्या कोई व्यक्ति, सर्जरी करवाने के लिए दिव्यांग सर्जन पर भरोसा करेगा? यह एक प्रीमियर सर्विस है इसमें स्पेशल कोटा देने की क्या जरूरत है? बयान भेदभाव करने वाला है- शिवसेना सांसद इस बयान पर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा- यह बहुत ही दयनीय और भेदभाव करने वाला है। उन्होंने कहा कि मैंने पहली बार किसी ऑफिसर को सभी के लिए बराबरी का रास्ता खोलने वाले आरक्षण की आलोचना करते देखा है। स्मिता ने शिवसेना सांसद को जवाब देते हुए कहा कि अगर नौकरशाह सरकार के प्रासंगिक मुद्दों पर बात नहीं करेंगे, तो कौन करेगा। मैंने अपने विचार और चिंता 24 साल की नौकरी के बाद सामने रखे हैं। उन्होंने कहा कि अन्य सरकारी नौकरियों की मुकाबले सिविल सेवा की मांग अलग हैं। अन्य नौकरियों में दिव्यांगों को बेहतर अवसर मिल सकते हैं। सिविल सेवा में विकलांगता कोटे का विवाद क्या है महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेड़कर विकलांगता कोटे से UPSC में अपने सिलेक्शन को लेकर सुर्खियों में हैं। उन पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाने का आरोप है। पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल से 24 अगस्त, 2022 को उनका दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया गया था। YCM के डीन राजेंद्र वाबले ने इसे लेकर कहा है कि इस प्रमाण पत्र में उन्हें 7% दिव्यांग बताया गया है। UPSC के नियम के मुताबिक, विकलांग कोटे से सिलेक्शन के लिए 40% डिसेबिलिटी होना जरूरी है। YCM के डीन राजेंद्र वाबले ने 16 जुलाई को कहा- 7% का मतलब है कि शरीर में कोई बड़ी विकलांगता नहीं है। पूजा का मामला लोकोमोटर डिसेबिलिटी यानी चलने-फिरने में परेशानी से जुड़ा है। इस सर्टिफिकेट में पूजा ने अपना एड्रेस

Dainik Bhaskar बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा:लोकसभा में जदयू सांसद को मोदी सरकार का जवाब; लालू बोले- इस्तीफा दें नीतीश

विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर नीतीश सरकार को केंद्र से करारा झटका लगा है। केंद्र ने साफ कर दिया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है। जदयू सांसद रामप्रीत मंडल के सवाल पर केंद्र की तरफ से सोमवार को संसद में जवाब दिया गया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपने जवाब में कहा है कि विशेष राज्य का दर्जा के लिए नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल की तरफ से कुछ जरूरी पैमाने तय किए गए हैं। इसके तहत पहाड़, दुर्गम क्षेत्र, कम जनसंख्या, आदिवासी इलाका, अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर, प्रति व्यक्ति आय और कम राजस्व के आधार पर ही राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिया जा सकता है। बता दें कि बिहार की मांग के बाद केंद्र की यूपीए सरकार ने 2012 में इसके अध्ययन के लिए मंत्रियों के ग्रुप का भी गठन किया था। इस रिपोर्ट में मंत्रियों की तरफ से कहा गया था कि नेशनल डेवलेपमेंट काउंसिल के क्राइटेरिया के तहत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे पाना संभव नहीं है। इसी को आधार बनाकर केंद्र ने एक बार फिर से बिहार सरकार की इस मांग को खारिज कर दिया है। वहीं रूटीन चेकअप के लिए दिल्ली पहुंचे लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि नीतीश ने कहा था कि विशेष राज्य का दर्जा दिलाएंगे। स्पेशल स्टेट का दर्जा तो हम लेकर रहेंगे। ऑल पार्टी मीटिंग में जदयू ने उठाया था मुद्दा राजद-जदयू समेत बिहार की कई पार्टियां विशेष राज्य के दर्जे की मांग को दोहराती रही हैं। वहीं संसद के मानसून सत्र के पहले रविवार को ऑल पार्टी मीटिंग हुई थी। इसमें भी जदयू के राज्यसभा सांसद संजय झा ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया था। उन्होंने कहा था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा हमारी पार्टी की शुरू से मांग है। अगर तकनीकी तौर पर इसमें कोई समस्या है तो बिहार को विशेष पैकेज जरूर मिले। विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज दोनों चाहते हैं -मनोज झा राजद के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि हम बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज दोनों चाहते हैं। बिहार और झारखंड के बंटवारे के बाद से ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग हो रही है। इस मांग को कई लोग अवास्तविक बताते हैं। हम केंद्र सरकार की नीतियों में बदलाव चाहते हैं जो बिहार को श्रम आपूर्ति का केंद्र मानता है। अब समझिए बिहार क्यों विशेष पैकेज और दर्

Dainik Bhaskar मोदी बोले- विपक्ष ने प्रधानमंत्री का गला घोंटा:NEET विवाद पर राहुल-प्रधान में तीखी बहस, संसद की कार्यवाही के टॉप VIDEO

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष से सहयोग की अपील की। मोदी ने कहा कि संसद के पहले सत्र में प्रधानमंत्री का गला घोंटने का प्रयास किया गया। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने NEET मुद्दे पर नारेबाजी की। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच तीखी बहस भी हुई। देखिए संसद की कार्यवाही से जुड़े टॉप VIDEO...

Dainik Bhaskar विभाग छिनने से मंत्री नागर नाराज, इस्तीफे की बात कही:बोले-पद ले लेने के बाद विकास और आदिवासी हितों की रक्षा नहीं कर पाऊंगा

विभाग छिनने से नाराज मंत्री नागर सिंह चौहान ने इस्तीफा देने की बात कही। उन्होंने सोमवार को मीडिया से कहा, 'मैं इस्तीफा दे दूंगा, क्योंकि मंत्री रहते हुए आदिवासी हितों की रक्षा नहीं कर पा रहा हूं।' मंत्री पद की शपथ लेने के 13 दिन रविवार को रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण विभाग सौंपा गया। इस विभाग का जिम्मा मंत्री नागर सिंह चौहान के पास था। अब उनके पास अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ही रह गया है। बताया जा रहा है कि नागर सिंह इस बात से नाराज हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में नागर की पत्नी अनीता सिंह चौहान रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र से सांसद चुनी गई हैं। पद ले लेने के बाद विकास नहीं कर पाऊंगा सोमवार को नागर सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा- अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, बड़वानी, धार, खरगोन के आदिवासी भाइयों ने मुझ पर बहुत भरोसा जताया है कि मैं उनके लिए विकास करूंगा, लेकिन सरकार द्वारा मेरे मुख्य पद ले लेने के बाद मैं विकास नहीं कर पाऊंगा। उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाऊंगा। उन्होंने आगे कहा- मेरे बिना मांगे मुझे तीन-तीन विभाग दिए गए थे, जबकि मैंने आदिवासी होने के नाते आदिवासी विभाग मांगा था। इसके बावजूद कांग्रेस से आए कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें पद दिए जा रहे हैं, जो कहीं न कहीं गलत है। अलीराजपुर जिला कांग्रेस का अभेद्य गढ़ रहा है। वहां हमने दिन-रात मेहनत करके काम किया है। मेरे विभाग ले लेने के बाद अब मंत्री बने रहने का कोई औचित्य नहीं रहता है। भोपाल में सीनियर लीडर्स से करेंगे मुलाकात हालांकि, बाद में नागर सिंह ने कहा कि अभी इस्तीफे का मामला होल्ड पर है। वे पहले भोपाल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। उनकी बात नहीं सुनी जाती है तो इस्तीफा दे सकते हैं। रावत को मंत्री बनने के 13 दिन बाद मिला विभाग मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत को रविवार को ही वन और पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंत्री पद की शपथ लेने के 13 दिन बाद उन्हें विभाग सौंपा गया है। उन्होंने 8 जुलाई को राजभवन में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी। शपथ लेने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। रावत श्योपुर की विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक थे। उनके इस्तीफा देने के बाद ये सीट खाली हो गई है।

Dainik Bhaskar मोदी बोले- संसद दल नहीं, देश के लिए है:विपक्ष ने पिछले सत्र में प्रधानमंत्री का गला घोंटा, 2.5 घंटे मेरी आवाज दबाने की कोशिश की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में पहला बजट पेश करने से पहले सोमवार (22 जुलाई) को मीडिया को संबोधित किया। मोदी ने बजट सत्र के दौरान सरकार के एजेंडे पर बात की। उन्होंने कहा कि यह बजट अगले पांच साल की दिशा तय करेगा और 2047 में विकसित भारत के सपने को पूरा करने की नींव रखेगा। मोदी ने जून में सरकार बनने के बाद लोकसभा के पहले सत्र में विपक्ष के हंगामे की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि संसद दल के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए है। 140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को चुना, पहले सत्र में उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा- विपक्ष ने अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए संसद के समय का इस्तेमाल किया। देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का प्रयास किया। ढाई घंटे मेरी आवाज दबाने की कोशिश की। लोकतांत्रिक परंपराओं में ऐसे आचरण का कोई स्थान नहीं हो सकता। इसका कोई पश्चाताप तक नहीं है।

Dainik Bhaskar कांवड़ रूट की दुकानों पर नेमप्लेट जरूरी नहीं:सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार का फैसला रोका, कहा- दुकानदारों को नाम बताने को मजबूर न करें

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानदारों को अपनी पहचान बताने के सरकारी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने सोमवार को कहा कि दुकानदारों को पहचान बताने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है। अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकान मालिकों के नाम लिखने का आदेश दिया है। इसके खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के NGO ने 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों की पहचान के जरिए उनका आर्थिक बहिष्कार किया जा रहा है। यह चिंताजनक है। भोजन शाकाहारी है या मांसाहारी यह बताना जरूरी, नाम नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था। होटल चलाने वालों को भोजन के प्रकार यानी वह शाकाहारी है या मांसाहारी की जानकारी देनी होगी। उन्हें अपना नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। नाम लिखने का आदेश दो स्तर से जारी हुआ- पुलिस और यूपी सरकार 1. पुलिस: 17 जुलाई को मुजफ्फरनगर के SSP अभिषेक सिंह ने कहा कि जिले के करीब 240 किमी एरिया में कांवड़ मार्ग पड़ता है। सभी होटल, ढाबा, दुकान और ठेले, जहां से कांवड़िए खाने का सामान खरीद सकते हैं, सभी को अपनी दुकान के बाहर मालिक का नाम और नंबर साफ अक्षरों में लिखना पड़ेगा। ऐसा करना इसलिए जरूरी था, ताकि कांवड़ियों में कोई कन्फ्यूजन न रहे और कानून व्यवस्था में बाधा न आए। सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए ये कदम उठाना जरूरी था। 2. सरकार: मुजफ्फरनगर पुलिस का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद 19 जुलाई को सरकार ने इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया। सरकार के मुताबिक, कांवड़ियों की शुचिता बनाए रखने के लिए ये फैसला लिया गया है। हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी। कांवड़ यात्रा का रूट 200 किमी लंबा, पूरा रास्ता पैदल तय करते हैं श्रद्धालु उत्तर प्रदेश में सावन के महीने में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा में देश के अलग-अलग राज्यों के श्रद्धालु शामिल होतें हैं। इन्हें कांवड़िया कहा जाता है। ये कांवड़िए हरिद्वार से गंगा जल लेकर अलग-अलग शहरों मे

Dainik Bhaskar मायावती बोलीं-RSS राजनीतिक पार्टी:तल्खी दूर हो इसलिए भाजपा ने कर्मचारियों के शाखा जाने का प्रतिबंध हटाया, फैसला वापस ले

सरकारी कर्मचारियों के RSS के कार्यक्रम में शामिल वाले फैसले पर बसपा प्रमुख मायावती ने हमला बोला है। उन्होंने कहा- RSS एक राजनीतिक पार्टी है। RSS और भाजपा के बीच तल्खी दूर हो, इसलिए सरकार ने कर्मचारियों के शाखा में जाने पर लगा बैन हटाया है। केंद्र सरकार यह फैसला तुरंत वापस ले। 9 जुलाई को केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे बैन को हटाया दिया था, तभी से विपक्ष भाजपा सरकार पर हमलावर है। मायावती बोलीं-केंद्र का निर्णय देशहित से परे सोमवार को बसपा प्रमुख ने X पर 2 ट्वीट किए। उन्होंने लिखा- सरकारी कर्मचारियों को RSS की शाखाओं में जाने पर 58 साल से जारी प्रतिबंध को हटाने का केंद्र का निर्णय देशहित से परे है। यह फैसला राजनीति और तुष्टीकरण से प्रेरित है। सरकारी नीतियों और इनके (भाजपा) अहंकारी रवैयों से लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच (RSS और भाजपा) के बीच तल्खी हो गई थी। इसको दूर करने के लिए सरकार यह कदम उठाया है। RSS की गतिविधियां राजनीतिक ही नहीं, बल्कि चुनावी भी मायावती ने कहा- सरकारी कर्मचारियों को संविधान और कानून के दायरे में रहना चाहिए और उन्हें निष्पक्षता के साथ जनकल्याण में काम करना चाहिए। कई बार प्रतिबंधित रहे RSS की गतिविधियां राजनीतिक ही नहीं, बल्कि पार्टी विशेष के लिए चुनावी भी रही हैं। ऐसे में यह निर्णय अनुचित है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। जनता पार्टी ने फैसला पलटा था सरकारी कर्मचारियों के RSS से जुड़ने पर रोक का पहला आदेश 1966 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने जारी किया था। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि RSS राजनीतिक रूप से प्रभावित है। केंद्र सरकार ने आगे कहा था कि RSS की वजह से कर्मचारियों की तटस्थता प्रभावित हो सकती है। इसे धर्मनिरपेक्ष समाज के लिए उचित नहीं माना गया। केंद्र सरकार ने आदेश में सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का हवाला देते हुए बैन लगाया था। देश में जब जनता पार्टी की सरकार 1977 में बनी तो इस कानून को निरस्त कर दिया गया था, लेकिन जब 1980 में इंदिरा गांधी फिर से सत्ता में लौटीं तो इस कानून को दोबारा प्रभाव में ला दिया गया था। तब से ये तमाम राज्यों में कर्मचारियों के सर्विस रूल पर प्रभावी है। ये भी पढ़ें.. संसद में अखिलेश बोले-पेपर लीक पर रिकॉर्ड बना रही सरकार सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स

Dainik Bhaskar न्यूज इन ब्रीफ@11 AM:सावन शुरु, महाकाल मंदिर में 3 लाख श्रद्धालु जुटेंगे; जम्मू में एक आतंकी ढेर; NEET रिएग्जाम पर आज फैसला संभव

नमस्कार, आइए जानते हैं आज सुबह 11 बजे तक की देश-दुनिया की 10 बड़ी खबरें… 1. मानसून सत्र आज से: प्रधानमंत्री मोदी संसद पहुंचे, वित्त मंत्री इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। यह 12 अगस्त तक चलेगा। प्रधानमंत्री मोदी संसद पहुंच चुके हैं। उन्होंने मीडिया से कहा- मैं देशवासियों को जो गारंटी देता हूं, उनको जमीन पर उतारना मेरा लक्ष्य है। 22 दिनों के सत्र में 19 बैठकें होंगी। मोदी सरकार 3.0 पहला आम बजट 23 जुलाई को पेश करेगी। आज वित्त मंत्री संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी। सत्र में 6 नए बिल पेश किए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर का बजट भी पेश होगा। पढ़ें पूरी खबर... 2. सावन शुरू: आज पहला सोमवार भी, उज्जैन में 3 लाख श्रद्धालु पहुंचने की उम्मीद आज से सावन महीना शुरु हो गया है। पहला सोमवार भी है। सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में इसको लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर में सावन के पहले सोमवार के दिन 3 लाख श्रद्धालु आने की उम्मीद है। शाम 4 बजे बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाएगी। वहीं, यूपी के वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश के लिए दो-तीन नए रास्ते बनाए गए हैं। सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई गई है। पढ़ें पूरी खबर... 3. जम्मू के राजौरी में वीडीसी के घर आतंकी हमला, सेना ने एक आतंकी मार गिराया जम्मू के राजौरी में सोमवार (22 जनवरी) सुबह आतंकियों ने राजौरी के घोंधा में एक वीडीसी (ग्राम पंचायत सदस्य) के घर हमला कर दिया। खबर लगते ही 63 आरआर आर्मी कैंप से आई टुकड़ी ने जवाबी कार्रवाई की और एक आतंकी को मार गिराया। आतंकी की पहचान नहीं हो पाई है। मुठभेड़ में गोली लगने से एक जवान घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक नागरिक के भी घायल होने की खबर है। पढ़ें पूरी खबर... 4. इलेक्टोरल बॉन्ड पर SC में सुनवाई आज: याचिकाकर्ता की मांग- पार्टियों से पैसों की वसूली हो इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होनी है। NGO कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) ने याचिका लगाई। इसमें दो मांगें रखी गई हैं। पहला- इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कॉर्पोरेट और राजनीतिक दलों के बीच लेन-देन की जांच SIT से कराई जाए। SIT की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करें। दूसरी मांग है कि आखिर घाटे में चल रही कंपन

Dainik Bhaskar ऑपरेशन के दौरान महिला की रीढ़ में छोड़ी सुई:अब अस्पताल मरीज को देगा 5 लाख का मुआवजा, बेंगलुरु का 20 साल पुराना मामला

बेंगलुरु के एक अस्पताल में डॉक्टरों ने सर्जरी के दौरान एक महिला मरीज पद्मावती के रीढ़ की हड्डी में सुई छोड़ दी। इसकी वजह से पद्मावती को लंबे समय तक पेट दर्द, कमर दर्द और ट्रॉमा का सामना करना पड़ा। 6 साल बाद जब पद्मावती ने एक दूसरे अस्पताल में सर्जरी करवाई तो उनकी रीढ़ की हड्डी के पीछे से सूई निकली। महिला की शिकायत के बाद अब मामले में कर्नाटक कंज्यूमर फोरम ने अस्पताल और सर्जरी करने वाले दो डॉक्टरों को महिला को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। डॉक्टरों ने 3.2 सेमी की सर्जिकल सुई रीढ़ में छोड़ी मामला 2004 का है। 46 वर्षीय पद्मावती ने दीपक अस्पताल में रीढ़ की सर्जरी करवाई थी, जिसमें डॉक्टरों की लापरवाही के चलते 3.2 सेमी की सर्जिकल सुई उनकी रीढ़ में रह गई थी। अब अस्पताल और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कर्नाटक स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन ने अस्पताल और दोनों डॉक्टरों को पद्मावती को मुकदमे की लागत के रूप में 50 हजार रुपए देने को कहा है। वहीं अस्पताल में लापरवाही के खतरों के लिए बीमा कराने वाली कंपनी न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 5 लाख रुपए का मुआवजा देना होगा। भोपाल में डॉक्टरों ने मरीज के पेट में छोड़ी थी कैंची करीब एक साल पहले मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से भी डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया था। डॉक्टरों ने ऑपरेशन करते समय उसके पेट में कैंची छोड़ दी। करीब चार महीने बाद मरीज को जब तकलीफ हुई तो पूरे मामले का खुलासा हुआ है। छतरपुर नौगांव की महिला का 4 मार्च 2023 को डॉक्टर अभिषेक शर्मा ने पेट में गठान का ऑपरेशन किया गया था। करीब 4 महीने बाद मरीज के पेट में जब फिर से तकलीफ बढ़ी तो वह छतरपुर के अस्पताल पहुंची। अल्ट्रासाउंड और डिजिटल एक्स-रे में पता चला कि पेट में कैंची है। यह खबर भी पढ़ें... ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट में छोड़ी कैंची:4 महीने बाद पेट दर्द होने पर एक्सरे कराया, तब हुआ खुलासा; महिला की हालत गंभीर राजधानी के भोपाल केयर अस्पताल के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मरीज का ऑपरेशन करते समय उसके पेट में कैंची छोड़ दी। करीब चार महीने बाद मरीज को जब तकलीफ हुई तो पूरे मामले का खुलासा हुआ है। इस पर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि, मरीज को बेहतर इलाज दिया जा रहा है। हालाकि महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है। पूरी खबर पढ़ें...

Dainik Bhaskar मुजफ्फरनगर में कांवड़ियों ने पुलिस पर फेंकी कुर्सियां:कांवड़ खंडित होने पर बवाल, होटल में घुसकर चालक को पीटा, तोड़फोड़ की

मुजफ्फरनगर में कांवड़ खंडित होने पर कांवड़ियों ने जमकर बवाल किया। कार ड्राइवर को होटल में घुसकर पीटा। होटल में तोड़फोड़ की। पुलिस कर्मियों को धक्का देकर गिरा दिया। कुर्सी फेंककर मारी। कांवड़िए इतने गुस्से में थे कि पुलिसवालों के सामने भी ड्राइवर को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। पूरा मामला रविवार देर रात दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे का है। यहां बढेडी चौराहे पर लक्ष्मी फूड प्लाजा के सामने कांवड़ियों ने स्विफ्ट कार को रुकवा लिया। कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर आ रहे थे। कांवड़ियों ने कार ड्राइवर पर कांवड़ खंडित करने का आरोप लगाया। ड्राइवर को कार से खींच लिया और मारपीट करने लगे। ड्राइवर ने होटल में घुसकर जान बचाने की कोशिश की। मगर कांवड़ियों ने उसे होटल में भी घेरकर मारपीट करने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे बचाने का कोशिश की, लेकिन कांवड़िए पुलिस कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की। होटल कर्मी बचाने आए तो उसने भी मारपीट की। मारपीट की 3 तस्वीरें.. पुलिसवालों को गिराया, कुर्सियां फेंकी ​​​​​​गुस्साए कांवड़ियों ने होटल के अंदर कुर्सियां तोड़ीं। वह ड्राइवर को लात-घूसों से पीटते रहे। बाहर खड़े कुछ लोग इसका वीडियो बनाते रहे, लेकिन किसी ने उसे बचाने की हिम्मत नहीं की। वारदात के बारे में पता चलते ही पुलिसकर्मी आए। कांवड़िए उनसे भी उलझ गए। धक्का देकर गिरा दिया और मारपीट करने लगे। पुलिसकर्मियों पर कुर्सी फेंककर हमला किया। गुस्साए कांवड़िए कार पर चढ़ गए और गाड़ी को बुरी तरह से तोड़ डाला। पुलिस ने किसी तरह से घायल चालक को कांवडियों से बचाकर थाने भिजवाया। थोड़ी देर में CO सदर राजू कुमार मौके पर पहुंच गए। कांवडियों को समझाकर शांत किया। क्षतिग्रस्त कार को क्रेन से थाने भिजवाया। गाड़ी से टच हो गई थी कांवड़ CO राजू राव ने बताया- कांवड़ से गाड़ी टच हो गई थी। कांवड़ खंडित नहीं हुई, कांवड़ियों को समझा बुझाकर शांत कर आगे भेजा गया। पुलिस ने CCTV को कब्जे में लिया है। मामले की जांच की जा रही है। होटल संचालक प्रदीप ने बताया- गाड़ी कांवड़ को टच कर गई थी। इसके बाद कांवड़ियों ने मारपीट की। एक युवक घायल है। उसे अस्पताल भेजा गया है। ये भी पढ़ें.. यूपी पुलिस का आदेश-कांवड़ मार्ग पर अपना नाम लिखें दुकानदार:मकसद- कांवड़ियों को दुकानदार का धर्म पता चल सके उत्तर प्रदेश में 22 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा पर प्रशासन विवादों

Dainik Bhaskar जम्मू के राजौरी में आर्मी कैंप पर आतंकी हमला:एक जवान घायल, सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच फायरिंग के बाद सर्च ऑपरेशन जारी

जम्मू के राजौरी में सोमवार (22 जनवरी) सुबह आतंकियों ने आर्मी कैंप पर हमला किया। इसमें एक जवान घायल हो गया। सेना के अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने राजौरी के गुंधा में 63 आरआर आर्मी कैंप पर गोलीबारी की, जिस पर जवाबी कार्रवाई की गई। इस दौरान एक सैनिक को गोली लग गई, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के तुरंत बाद और सुरक्षाबलों को मौके पर भेजा गया है। छिपे हुए आतंकियों का पता लगाने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। आतंकियों ने 16 जुलाई को जम्मू के डोडा जिले के डेसा में सुरक्षाबलों पर हमला किया था। सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों की फायरिंग में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए। एक पुलिसकर्मी की भी मौत हुई थी। कठुआ जिले में 8 जुलाई को आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए। जम्मू रीजन में 22 अप्रैल से अब तक 10 बड़े आतंकी हमले हुए हैं। इनमें 12 जवान शहीद हुए हैं। 18 जुलाई को कुपवाड़ा में 2 आतंकियों को मार गिराया था जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के केरन इलाके में सेना ने 18 जुलाई को एनकाउंटर में 2 आतंकियों को मार गिराया था। सेना को यहां कुछ आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसी दौरान आतंकियों-सेना के बीच मुठभेड़ शुरू हुई थी। उधर, डोडा में भी दो जगह एनकाउंटर चल रहा है। गुरुवार तड़के आतंकवादियों के हमले में दो सैनिक घायल हो गए। सेना के अधिकारियों ने बताया कि कास्तीगढ़ इलाके के जद्दन बाटा गांव में बुधवार देर रात स्कूल में बने अस्थायी सुरक्षा शिविर पर आतंकियों ने गोलीबारी की। इसमें दो जवान घायल हुए। डोडा में 15 जुलाई को मुठभेड़ में 5 जवान शहीद हुए थे डोडा में ही 15 जुलाई को आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के एक कैप्टन और पुलिसकर्मी समेत 5 जवान शहीद हो गए थे। 16 जुलाई को डोडा के डेसा फोरेस्ट बेल्ट के कलां भाटा में रात 10:45 बजे और पंचान भाटा इलाके में रात 2 बजे फिर फायरिंग हुई थी। इन्हीं घटनाओं के बाद सर्च ऑपरेशन चलाने के लिए सेना ने जद्दन बाटा गांव के सरकारी स्कूल में अस्थायी सुरक्षा शिविर बनाया था। डोडा जिले को 2005 में आतंकवाद मुक्त घोषित कर दिया गया था। 12 जून के बाद से लगातार हो रहे हमलों में 5 जवान शहीद हुए, 9 सुरक्षाकर्मी घायल हुए। जबकि तीन आतंकवादी मारे गए। डोडा-कठुआ में 24 आतंकियों के छिपे होने के

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:जम्मू के राजौरी में आर्मी कैंप पर बड़ा आतंकी हमला नाकाम, सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच फायरिंग जारी

जम्मू के राजौरी में सोमवार (22 जनवरी) की सुबह आतंकियों ने आर्मी कैंप पर बड़ा आतंकी हमला करने की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षाबलों ने इसे नाकाम कर दिया। दोनों तरफ से फायरिंग जारी है।

Dainik Bhaskar इकोनॉमिक सर्वे आज संसद में पेश होगा:इसमें GDP से लेकर महंगाई की जानकारी, बीते साल के इकोनॉमिक डेवलपमेंट का रिव्यू

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024 पेश करेंगी। इससे पहले आज यानी, सोमवार 22 जुलाई को संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाएगा। संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है जो 12 अगस्त तक चलेगा। वित्त मंत्रालय का आर्थिक मामलों का विभाग हर साल केंद्रीय बजट से ठीक पहले संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश करता है। इसे संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है। सर्वे में पिछले 12 महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था में हुए डेवलपमेंट की रिव्यू होता है। इकोनॉमिक सर्वे में आमतौर पर दो वॉल्यूम होते हैं: इकोनॉमिक सर्वे से जुड़ी 5 बड़ी बातें वित्त वर्ष 2024 में GDP ग्रोथ 8.2% रही थी सरकार ने 31 मई को पूरे साल यानी, वित्त वर्ष 2024 के लिए भी GDP का प्रोविजनल एस्टिमेट जारी किया था। FY24 में जीडीपी ग्रोथ 8.2% रही थी। पिछले वित्त वर्ष यानी, FY23 में GDP ग्रोथ 7% रही थी। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने एक महीने पहले FY25 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.2% किया था। इसके अलावा RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 का महंगाई अनुमान 4.5% पर बरकरार रखा था। जून में खुदरा महंगाई 4 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची जून में रिटेल महंगाई बढ़कर 5.08% पर पहुंच गई है। यह महंगाई का 4 महीने का उच्चतम स्तर है। अप्रैल में महंगाई 4.85% रही थी। वहीं एक महीने पहले मई में महंगाई 4.75% रही थी। वहीं वित्त वर्ष 2023-2024 के आखिरी महीने यानी मार्च में रिटेल महंगाई 4.85% रही थी। जून में थोक महंगाई बढ़कर 16 महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंची जून में थोक महंगाई बढ़कर 16 महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है। 15 जुलाई को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जून में थोक महंगाई बढ़कर 3.36% पर पहुंच गई है। फरवरी 2023 में थोक महंगाई दर 3.85% रही थी। वहीं, मई में थोक महंगाई बढ़कर 15 महीनों के ऊपरी स्तर 2.61% पर थी। इससे पहले अप्रैल 2024 में महंगाई 1.26% रही थी, जो 13 महीने का उच्चतम स्तर था। वहीं मार्च में थोक महंगाई दर 4.85% रही थी। इकोनॉमिक सर्वे क्या होता है? हम उस देश में रहते हैं, जहां मिडिल क्लास लोगों की तादाद बहुत ज्यादा है। हमारे यहां ज्यादातर घरों में एक डायरी बनाई जाती है। इस डायरी में पूरा हिसाब-किताब रखते हैं। साल खत्म होने के बाद जब हम देखते हैं तो पता चलता है कि हमारा घर कैसा चला? हमने कहां खर्च किया? कितना कमाया? कि