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Dainik Bhaskar संसद के VIDEO मोमेंट्स:राज्यसभा में हाथरस के मृतकों को श्रद्धांजलि, पीएम के आते ही लगे मोदी-मोदी के नारे

वीडियो में देखिए संसद में जारी गतिविधियां। ये लगातार अपडेट हो रहा है…

Dainik Bhaskar लखनऊ में NEET छात्रा पर एसिड अटैक:आधा चेहरा बुरी तरह झुलसा, डॉक्टर भाई भी बचाने में जख्मी; काउंसिलिंग में जा रही थी

लखनऊ में बुधवार सुबह NEET की छात्रा पर सिरफिरे युवक ने एसिड फेंक दिया। छात्रा अपने भाई के साथ NEET काउंसिलिंग में जा रही थी। बचाने में छात्रा का भाई भी झुलस गया है। वारदात चौक इलाके के लोहिया पार्क के पास सुबह करीब 8 बजे हुई। पुलिस दोनों भाई-बहन को KGMU लेकर गई। दोनों को प्लास्टिक सर्जरी वार्ड में शिफ्ट किया गया है। छात्रा का भाई KGMU में MBBS फर्स्ट ईयर का छात्र है। छात्रा के पिता शरद तिवारी व्यापार मंडल के पदाधिकारी हैं और चौक इलाके में व्यापार करते हैं। चाचा संदीप तिवारी भाजपा में मंडल उपाध्यक्ष हैं। आरोपी का नाम अमन वर्मा बताया जा रहा है। परिवार के लोगों ने बताया कि आरोपी अमन वर्मा कुछ दिनों से छात्रा को फोन करके परेशान कर रहा था। लड़की के चेहरे का एक हिस्सा बुरी तरह झुलसा KGMU के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. विजय कुमार ने बताया- लड़की के चेहरे का एक हिस्सा बुरी तरह झुलस गया है। जबकि उसके भाई की पीठ का हिस्सा बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दोनों की पट्टी करने के बाद फिलहाल एक्सपर्ट डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है। लड़की के फूफा मनोज मिश्रा ने बताया कि लड़की अपने मौसेरे भाई के साथ मेडिकल कॉलेज काउंसलिंग के लिए जा रही थी। लोहिया पार्क के पास पहुंचते ही एक लड़का आया और बैग से निकालकर एसिड फेंक दिया। घटना के समय मौसेरे भाई हर्ष तिवारी ने बचाने की कोशिश की। हर्ष की पीठ जल गई है। लड़की का आधा चेहरा जल गया। आरोपी चौपटिया का रहने वाला है। पहले बातचीत की, फिर चला गया प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया- सुबह 8 बजे के करीब लोहिया पार्क के पास छात्रा भाई के साथ खड़ी थी। इसी बीच एक युवक उसके पास पहुंचा और कुछ बातचीत की। इसके बाद युवक वहां से चला गया। कुछ देर बाद ही वापस आया। उसके हाथ में एसिड की बोतल थी। जैसे ही एसिड फेंका छात्रा का भाई आगे आ गया, जिससे वह भी झुलस गया। छात्रा ने युवक को भगा दिया लोगों ने बताया- एसिड फेंकने वाला युवक काली टीशर्ट पहने हुए था। युवक जब युवती के पास पहुंचा और बातचीत करने का प्रयास किया तो छात्रा ने उसे भगा दिया। इसके बाद आरोपी ने छात्रा पर एसिड फेंक दिया। छात्रा के परिजन की ओर से चौक कोतवाली में शिकायत दी गई है। एसिड से हमला करने वाले दो लड़के थे, जिनमें से एक की पहचान हो गई है। पुलिस दूसरे की तलाश कर रही है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें गठित पुलि

Dainik Bhaskar महामंडलेश्वर बोले-कृष्ण ने 16000 शादियां कीं, ये कोई चरित्र है:निरंजनी अखाड़े के ब्रह्मर्षि से उज्जैन के संत नाराज; बोले-उन्हें पद से हटाया जाए

कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा की राधा रानी पर टिप्पणी से सीहोर से मथुरा तक हंगामा मचा। उन्होंने बरसाना के मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांगी। ये मसला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ है कि अब निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी की भगवान श्रीकृष्ण के चरित्र पर टिप्पणी सामने आई है। इसका वीडियो सामने आने के बाद उज्जैन के संतों ने कुमारस्वामी पर प्रतिबंध लगाने और महामंडलेश्वर पद से हटाने की मांग की है। राजस्थान के महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी गुरुदेव के नाम से जाने जाते हैं। वायरल वीडियो में वे कहते दिख रहे हैं- 'चरित्रहीन कौन है? भगवान कृष्ण। 1 शादी कर ली, 2 कर ली, 15 कर ली, 16 कर लो... बहुत है, कितनी कर ली? 16000...ये कोई चरित्र है।' महामंडलेश्वर पद से हटाने की मांग उज्जैन के संत महामंडलेश्वर सुमनानंद ने कहा, 'सनातन क्षेत्र में कार्य करने वाले ही सनातन के विपरीत बयान दे रहे हैं। ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी 25- 30 साल से धर्म के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि वे निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं और भगवान कृष्ण को चरित्रहीन कह रहे हैं। मैंने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को पत्र लिखा है कि चारों कुंभ में इनका आना निषेध करें। इनकी महामंडलेश्वरी खत्म करना चाहिए।' महामंडलेश्वर सुमनानंद इससे पहले कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करवा चुके हैं। अनुयायी बोले- वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई कुमारस्वामी के अनुयायियों का कहना है कि यह 2022 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर दिए गए प्रवचन का वीडियो है। ओरिजनल वीडियो में काट-छांट की गई है। उनके गुरु भगवान श्री कृष्ण के भक्त हैं। वे सनातन धर्म को मानने वाले हैं। हिमांगी सखी वृंदावन पहुंचकर जता चुकीं विरोध किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी भी ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी के बयान से नाराज हैं। एक हफ्ते पहले 26 जून को उन्होंने वृंदावन पहुंचकर विरोध जताया। वृंदावन के नगर निगम चौराहे के पास पुतला जलाने का प्रयास भी किया। इतने में दिल्ली से कुमारस्वामी के अनुयायी आ गए। उन्होंने पुतला छीन लिया। हिमांगी सखी ने कहा, 'हम भगवान कृष्ण की सखियां हैं। इस तरह के बयान देने वालों का विरोध करती हैं।' प्रदीप मिश्रा के इस बयान पर विवाद पं. प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था- राधा के पति का नाम अनय घोष, उनक

Dainik Bhaskar न्यूज इन ब्रीफ@11 AM:हाथरस हादसे की FIR में बाबा का नाम नहीं; सेंसेक्स पहली बार 80 हजार के पार; आज से जियो-एयरटेल रिचार्ज महंगे

नमस्कार, आइए जानते हैं आज सुबह 11 बजे तक की देश-दुनिया की 10 बड़ी खबरें… 1. हाथरस सत्संग में भगदड़; आयोजकों पर FIR, बाबा का नाम नहीं, रातभर चले पोस्टमॉर्टम हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। 4 जिलों अलीगढ़, हाथरस, एटा और आगरा में रातभर शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ। हालांकि, प्रशासन ने अब तक 121 मौत की पुष्टि की है। मंगलवार देर 22 लोगों के खिलाफ सिकंदराराऊ थाने में दारोगा ने FIR दर्ज कराई। इनमें मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर का नाम है। बाकी 21 लोग अज्ञात हैं। FIR में भोले बाबा उर्फ हरि नारायण साकार का नाम नहीं है। पूरी खबर पढ़ें... 2. सेंसेक्स पहली बार 80 हजार के पार, 80039 का लेवल छुआ, निफ्टी भी 24292 पहुंचा शेयर बाजार ने आज लगातार दूसरे दिन ऑल टाइम हाई बनाया। पहली बार 80 हजार के पार पहुंचा। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 80,039 और निफ्टी ने 24,292 का लेवल छुआ। निफ्टी में भी 100 अंक से ज्यादा की तेजी है। ये 24,250 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 25 में तेजी और 5 में गिरावट देखने को मिली। बैंकिंग, मेटल और ऑटो शेयर्स में ज्यादा तेजी है। इससे पहले 2 जुलाई को भी बाजार ने ऑल टाइम हाई बनाया था। पूरी खबर पढ़ें... 3. आज से 25% तक महंगा हुआ जियो का रिचार्ज, एयरटेल ने भी 21% तक बढ़ाए दाम जियो के रिचार्ज प्लान आज से 25% तक महंगे हो गए हैं। वहीं, एयरटेल के रिचार्ज भी 21% महंगे हो गए हैं। दोनों कंपनियों ने 27 और 28 जून को टैरिफ दरों में बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी, जो आज से प्रभावी हो रहा है। आज से जियो के 239 रुपए वाले प्लान की कीमत 299 रुपए हो गई है। इसमें अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ रोजाना 1.5 GB डेटा और 300 SMS मिलते हैं। वहीं, एयरटेल का 179 रुपए वाला सबसे किफायती रिचार्ज प्लान अब 199 रुपए का हो गया है। इसमें 28 दिनों तक अनलिमिटेड कॉलिंग, 2 GB डेटा और रोजाना 100 SMS मिलते हैं। पूरी खबर पढ़ें... 4. NEET पेपर लीक को लेकर आज देशभर में प्रदर्शन, जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद स्टूडेंट्स हिरासत में NEET पेपर लीक और हाल ही में कैंसिल हुए UGC NET, NEET PG एग्जाम के मुद्दे को लेकर I.N.D.I.A. ब्लॉक के छात्र संगठन सहित अन्य स्टूडेंट यूनियन साथ आ गए हैं। ये संगठन आज देशभर में प्रदर्शन करेंगे। संसद घेराव के लिए कल भी दिल्ली क

Dainik Bhaskar लाशों को गिनने वाले भास्कर रिपोर्टर की आंखों देखी:शवों को छूकर देखा जिंदा तो नहीं, आंकड़ा सामने आने पर सरकार की नींद खुली

मंगलवार दोपहर 2 बजे। दोस्त का फोन आया। बोला-हाथरस के फुलरई गांव में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मची है क्या? मैंने कहा- अभी ऐसी जानकारी नहीं। पता करता हूं। मैंने अफसरों को कॉल किया। उन्हें भी जानकारी नहीं थी। खबर 3 बजे कन्फर्म हुई। 3.15 बजे लखनऊ डेस्क को सूचना देकर खबर ब्रेक कराया। तुरंत हाथरस सिटी से 40 किलोमीटर दूर फुलरई गांव के लिए रवाना हुआ। रास्ते में अफसरों से बात करते हुए घटना की जानकारी लेता रहा, लेकिन लोग भगदड़ को हल्के में ले रहे थे। इतनी मौत देख डॉक्टर भी कुछ बोलने को तैयार नहीं थे। कितनी मौतें हुईं यह जानने के लिए भटकता रहा। जिम्मेदारों से पूछता रहा, लेकिन किसी ने मुंह नहीं खोला। कोई ऑप्शन नहीं दिखा, तो मैंने हिम्मत कर एक-एक शवों को गिनना शुरू किया। बहुत मुश्किल था। मैंने 95 शवों को गिना। इतनी मौत का यह आंकड़ा सबसे पहले भास्कर ने ब्रेक किया। तब जाकर प्रशासन से लेकर सरकार तक की नींद खुली। भास्कर रिपोर्टर मनोज महेश्वरी की जुबानी पढ़िए पूरी घटना... लोडर में भरकर लाशें ले जाई गईं मैंने अपनी गाड़ी CHC की तरफ मोड़ दी। अभी CHC से 400 मीटर दूर ही था, तभी बगल से एक लोडर गुजरा। उसमें लाशों के बीच महिला बैठी थी। एक अचेत महिला की हथेली को सहला रही थी। ये मंजर देखकर मैं समझ गया कि हादसा बहुत बड़ा है। CHC पहुंचा तो वहां भारी भीड़ दिखी। चारों तरफ चीख-पुकार मची थी। गाड़ी से उतर कर CHC की तरफ बढ़ा तो कुछ समझ ही नहीं आया। चारों तरफ जमीन पर केवल लोग पड़े थे। थोड़ा आगे बढ़ा तो पता चला कि इनमें से ज्यादातर मर चुके हैं। जो जिंदा थे, उनकी हालत भी गंभीर थी। इन लाशों के बीच कुछ लोग इधर-उधर भाग रहे थे। चीखते-चिल्लाते अपनों की पहचान में लगे थे। वहां कई लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन कुछ बता नहीं पाया। मैं CHC के अंदर गया। वहां बिजली कटने से अंधेरा था। वहां एक ही डॉक्टर थे, जो केवल घायलों की एंट्री भर कर पा रहे थे। लोग इस कदर घायल थे कि उनका CHC में इलाज संभव नहीं था। इलाज न मिलने से लोग दम तोड़ रहे थे। कुछ को वहां से हायर सेंटर रेफर किया गया। लाश गिनते-गिनते मेरी आंखों से आंसू निकल आए वहां डॉक्टर से मौत का आंकड़ा पूछा तो बता नहीं पाए। इसके बाद खुद लाशों को गिनने लगा। CHC के अंदर और बाहर एक-एक कर 30 मिनट में 95 लाशें गिन डाली। लाशों को छूकर देखा कहीं कोई जिंदा तो नहीं। किसी का सिर कुचला थ

Dainik Bhaskar सीएम हाउस में विधायक दल की अहम बैठक:हेमंत सोरेन के दोबारा सीएम बनने की अटकलें; मुख्यमंत्री चंपाई ने कैंसिल किए सारे कार्यक्रम

झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन 5 दिन पहले जेल से रिहा हुए हैं। उनकी रिहाई के साथ ही झारखंड की राजनीति गरमा गई है। सीएम आवास पर आज इंडिया ब्लॉक की बैठक हो रही है। सियासी गलियारे में सीएम का चेहरा बदलने की चर्चा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि हेमंत फिर सीएम की कुर्सी संभाल सकते हैं। कयासों के बीच सीएम चंपाई सोरेन ने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। हालांकि जेएमएम, कांग्रेस, राजद और माले की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। बैठक को लेकर सीएम हाउस में विधायकों और मंत्री का आना जारी है। इस बैठक में सरकार के तमाम मंत्री और विधायक शामिल हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर भी शामिल होंगे। सीएम चंपाई के सभी कार्यक्रम हुए स्थगित आज की इस बैठक को कई लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मंगलवार से ही सीएम चंपाई सोरेन के कई कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। सभी कार्यक्रम को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है। मंगलवार को सीएम चंपाई सहित कई मंत्रियों के राज्य के अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम प्रस्तावित थे, उसे भी स्थगित कर दिया गया है। इसके बाद झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन उनके मोरहाबादी स्थित आवास पर मिलने गए। सूत्रों के मुताबिक दोनों के बीच लगभग आधे घंटे से अधिक समय तक बातचीत हुई है। इस भेंट को काफी अहम माना जा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी सीएम चंपाई सोरेन से मुलाकात की है। क्या फिर सीएम बनेंगे हेमंत सोरेन आज की इस बैठक को राज्य की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, ऐसे में इस पर पूरे राज्य की नजरें टिकी हुई हैं। बैठक से पहले ही सूबे का सियासी पारा चढ़ गया है और चर्चाओं का बाजार गर्म है।माना जा रहा है कि विधायकों की मौजूदगी में बड़ा फैसला हो सकता है। चर्चा है कि सत्ताधारी विधायक हेमंत सोरेन को फिर से नेतृत्व सौंपने पर अपना मंतव्य दे सकते हैं। फिर कोई बड़ा सियासी फैसला लिया जा सकता है। इसे लेकर सत्तापक्ष के भीतर हलचल तेज है। वहीं हेमंत सोरेन के जेल से आने के बाद से कल्पना सोरेन भी पहले से और अधिक सक्रिय हो गई हैं। कल्पना के साथ होने को राजनीतिक संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है। विधानसभा चुनाव पर की जाएगी चर्चा आज की इस बैठक को लेकर जेएमएम महासचिव विनोद पांडे ने कहा कि गठबंधन की बैठक बुलाई गई है। इस

Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:हाथरस हादसा, आयोजकों के अंधेपन और प्रशासन की लापरवाही का नतीजा

सही है, ऐसी त्रासदियों को राजनीतिक रंग तो नहीं ही दिया जाना चाहिए। ऐसी त्रासदियाँ प्रशासन और व्यवस्थापकों की लापरवाही तथा आयोजकों के अंधेपन के कारण होती हैं। हाथरस के पास एक गाँव में हुई इस त्रासदी के बारे में एसडीएम कह रहे हैं कि अनुमति केवल पचास हज़ार लोगों की माँगी थी, जबकि आ गए 80-90 हज़ार। ठीक है, एसडीएम ही सही होंगे तो उनसे पूछा जाना चाहिए कि क्या पचास हज़ार लोगों के हिसाब से भी आपने इंतज़ाम किए थे क्या? केवल 72 पुलिस वाले ड्यूटी पर तैनात थे। फिर पचास हज़ार से ज़्यादा लोग आए तब प्रशासन सो क्यों रहा था? छोटे से गाँव में इतने ज़्यादा लोग आए और प्रशासन को भनक ही नहीं लगी? उन्हें किसी अलग स्थान पर रोका क्यों नहीं गया? जहां तक पुलिस का सवाल है, वह तो एसडीएम के बयान को भी झुठला रही है। पुलिस का कहना है कि आयोजकों ने जिस पत्र पर कार्यक्रम की अनुमति माँगी थी, उस पर लोगों की संख्या के बारे में कुछ नहीं लिखा था। स्थान ख़ाली छोड़ दिया गया था। अब पुलिस को सही मानें तो बिना संख्या जाने उसने कार्यक्रम की अनुमति कैसे दे दी? भगदड़ मचने का कारण तो और भी भयावह है। कहा जा रहा है कि बाबा भीड़ में से निकल रहे थे और लोग उनके चरण छूने दौड़ रहे थे। सही तो यह है कि बाबा को भीड़ में से निकालने के लिए सेवादारों ने लोगों को धक्का दिया। इसी बीच कोई गिर गया और इधर- उधर दौड़ने के चक्कर में भगदड़ मच गई। जिस हॉल में कार्यक्रम था, वह लोगों के हिसाब से बहुत छोटा था। ठीक है, किसी की श्रद्धा पर सवाल नहीं उठाया जा सकता लेकिन इन बाबाओं के भीड़ वाले कार्यक्रम खुले मैदान में क्यों नहीं करवाए जाते? प्रशासन इन्हें साफ- साफ़ क्यों नहीं कहता कि कार्यक्रम करना हो तो खुले मैदान में कीजिए, वरना नहीं। ऐसा क़ानून क्यों नहीं बनता कि इस तरह की त्रासदी हो तो आयोजकों के साथ इन बाबाओं को भी ज़िम्मेदार माना जा सके। हालाँकि उत्तरप्रदेश सरकार हाथरस हादसे के आयोजकों पर ग़ैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर रही हैं। सवाल यह है कि राज्य सरकार, पुलिस और प्रशासन, सभी की चेतना किसी बड़े हादसे या त्रासदी के बाद ही जागृत क्यों होती है। ऐसे कार्यक्रमों के लिए पहले से पुख़्ता इंतज़ाम क्यों नहीं किए जाते? आख़िर हमारी चेतना को किसी बड़ी त्रासदी का इंतज़ार क्यों रहता है?

Dainik Bhaskar 150 तड़पते लोग...एक डॉक्टर और एक के बाद एक मौतें:हाथरस हादसे के पीड़ित बोले- जब लाए, सांसें चल रही थीं; इलाज नहीं मिलने से मौत

हाथरस के फुलरई गांव में मंगलवार सुबह 11 से 1 बजे तक भोले बाबा ने पहले सत्संग सुनाया, फिर उनके चरणों की धूल लेने के लिए होड़ मच गई। भगदड़ मची, तो एक दूसरे को रौंदने लगे। इसमें 122 लोगों की मौत हो गई और 150 से ज्यादा घायल हो गए। कुछ लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, तो कुछ सिर्फ नाम के लिए अस्पताल पहुंच पाए। जो अस्पताल पहुंचे, उनका दर्द तो और भी खतरनाक है। 150 लोगों का इलाज करने के लिए सिर्फ एक डॉक्टर था। लोग तड़प रहे थे, लेकिन उनका हाल लेने वाला कोई नहीं था। अपनो की जान बचाने के लिए अस्पताल पहुंचे लोग कहते हैं- 2 घंटे हो गए, जो जिंदा हैं वो भी मार दिए गए। अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं। यहां न ऑक्सीजन सिलेंडर था और न ही ड्रिप लगाने वाले। हम लोग खींच-खींचकर लोगों को ले आए, उनकी सांसें चल रही थीं। हम लोग डॉक्टर का इंतजार करते रहे, लेकिन एक डॉक्टर होने की वजह से इलाज ही नहीं मिल पाया। अस्पताल के बाहर और बरामदे में घायलों की सांसें टूट गईं। जब नहीं मिले डॉक्टर, तो लोग खुद ही देने लगे CPR अस्पताल के सभी स्ट्रेचर, यहां तक कि बेंच पर भी घायलों को लिटा दिया गया। जब जगह नहीं बची, तो अस्पताल के बरामदे में जमीन पर भी घायलों और मृतकों को लिटा दिया गया। इसके सामने आए वीडियो में दिख रहा है कि लोग खुद ही अपनों को CPR देने में जुटे रहे। कुछ लोग बदहवास होकर दौड़ रहे थे, लेकिन उनकी मदद करने वाला कोई नहीं था। रेफर तक नहीं कर पाए एक छोटे से स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पर इतने संसाधन ही नहीं थे कि सबका इलाज किया जा सके। घायलों को हायर सेंटर रेफर करने की स्थिति नहीं थी। सिर्फ एक एम्बुलेंस थी। मौके पर आए लोगों ने बताया कि यहां पर इतने घायल आ गए कि अस्पताल में जगह ही नहीं बची। घायलों को रास्ते से ही एटा जिला अस्पताल भेजा जाने लगा। घायलों को लेकर पहुंचे सत्संग के एक सुरक्षाकर्मी ने कहा- हम लोग खींच-खींचकर घायलों को अस्पताल लेकर आए। सांसें चल रही थीं, लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर तक नहीं था। अब पढ़िए उन लोगों का दर्द, जिन्होंने आंखों के सामने अपनों को मरते देखा... बेटा बोला- भगदड़ के बाद पहुंचा तो देखा, मेरी मम्मी की सांसें थम गई थीं बदायूं के बिल्सी में रहने वाले वीरेश अपनी भाभी और मम्मी के साथ सत्संग सुनने आए थे। वीरेश कहते हैं- सत्संग खत्म होते ही अचानक भगदड़ मच गई। जब तक मैं मम्मी को लेकर निकल पा

Dainik Bhaskar जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर बस का ब्रेक फेल, हादसा टला:सेना ने टायर के सामने पत्थर रखकर बस रोकी, अमरनाथ यात्रा से लौट रहे 10 श्रद्धालु घायल

जम्मू-कश्मीर के बनिहाल के पास जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर अमरनाथ यात्रा से लौट रहे श्रद्धालुओं की बस का ब्रेक फेल हो गया। मंगलवार सुबह हुई इस घटना के कारण बस ड्राइवर ने बस से कंट्रोल खो दिया। बस में सवार 40 श्रद्धालुओं में कुछ लोग चलती बस से कूद गए। बस को बेकाबू होता देख स्थानीय पुलिस और भारतीय सेना के जवानों ने चलती बस के टायर के सामने बड़े पत्थर रखे, जिससे बस रुक गई। पुलिस ने बताया कि श्रद्धालु दर्शन करके पंजाब के होशियारपुर जा रही थे। हादसे में 10 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पुलिस ने बताया कि नेशनल हाईवे के पास नाला था। अगर जवान बस को समय पर रोकने में कामयाब नहीं होते तो बड़ा हादसा हो सकता था। घायलों में 6 पुरुष और 3 महिलाएं और एक बच्चा शामिल है। इनमें से कुछ को गंभीर चोटें भी आई थीं। 3 दिनों में यह दूसरी घटना अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं से भरी बस के दुर्घटनाग्रस्त होने की यह 3 दिनों में दूसरी घटना है। इससे पहले 30 जून को कश्मीर के पहलगाम के चंदनवारी इलाके में अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों की एक वैन सड़क हादसे का शिकार हुई थी। इस हादसे में कई श्रद्धालु घायल हुए थे। 2 लोगों को गंभीर चोट आई थी। इस हादसे की सूचना मिलते ही। BSF की क्विक रिस्पॉंस टीम घायलों के इलाज के लिए पहुंची। इस हादसे के दौरान भी BSF जवानों की समय पर पहुंचने के कारण घायल हुए तीर्थयात्रियों की जान बच सकी। जम्मू-कश्मीर में बस के खाई में गिरने की 3 घटनाएं... 9 जून 2024: आतंकी हमले के बाद श्रद्धालुओं से भरी बस खाई में गिरी, 9 की मौत, 41 घायल जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकियों ने 9 जून 2024 को श्रद्धालुओं को ले जा रही बस पर हमला किया। इसमें 9 लोगों मारे गए हैं, जबकि 41 लोग घायल हुए। आतंकियों ने शिव खोड़ी से कटरा जा रही बस पर ओपन फायर किया, जिसमें ड्राइवर घायल हुआ और उसका बस से कंट्रोल खो गया। इसके चलते बस खाई में गिर गई। पूरी खबर पढ़ें... 30 मई 2024: जम्मू में बस 150 फीट गहरी खाई में गिरी, 22 की मौत, 69 घायल जम्मू के अखनूर में 30 मई को दोपहर में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई। 69 लोग घायल हैं। मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। घायलों को जम्मू के अखनूर अस्पताल और सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पता

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:पुणे में जीका वायरस के 3 और केस मिले, संक्रमितों की संख्या 7 हुई; इनमें 2 गर्भवती

महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस के 3 और केस मिले हैं। पिछले 11 दिनों में मरीजों की संख्या बढ़कर 7 हो गई है। इनमें दो नए केस एरंडवाने और एक दहानुकर में मिला है। इनमें दो गर्भवती महिलाएं हैं। 21 जून को जीका का पहला केस एक डॉक्टर में मिला था। उनकी 15 साल की बेटी भी संक्रमित मिली थी। आज की अन्य बड़ी खबरें... IPS टीवी रविचंद्रन नए डिप्टी NSA बने, पूर्व RAW चीफ राजिंदर खन्ना को मिली एडिशनल NSA की जिम्मेदारी तमिलनाडु कैडर के 1990 बैच के IPS अधिकारी टीवी रविचंद्रन को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी डिप्टी NSA नियुक्त किया गया है। वे अभी इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के स्पेशल डायरेक्टर के पद पर हैं। इसकी अधिसूचना मंगलवार को जारी की गई। इसके अलावा भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व चीफ राजिंदर खन्ना को एडिशनल NSA की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोनों अधिकारी 2 साल तक अपने-अपने पद पर बने रहेंगे।

Dainik Bhaskar चरण की धूल लेने टूट पड़ी भीड़...मच गई भगदड़:हाथरस में वॉलंटियर्स ने पानी की बौछार की, लोग भागते हुए एक-दूसरे को रौंदने लगे

यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 122 लोगों की मौत हुई है। भगदड़ मचने की मुख्य वजह सामने आ रही हैं। भोले बाबा जब निकले, तो चरण रज लेने के लिए महिलाएं टूट पड़ीं। भीड़ हटाने के लिए वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन का उपयोग किया। बचने के लिए भीड़ इधर-उधर भागने लगी और भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए आगे बढ़ने लगे। एडीजी जोन आगरा अनुपम ने भी चरण रज वाली बात कही है। उन्होंने कहा- महिलाओं से बातचीत में यह बात सामने आई है। मगर, मैं कहना चाहूंगी कि ये पूरी चीज जांच का विषय है। हाथरस के फुलरई गांव में भोलेनाथ बाबा का एक दिन का सत्संग था। सत्संग सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक था। इसमें एक लाख से ज्यादा की भीड़ जुटी थी। सत्संग स्थल पर एक शख्स ने दैनिक भास्कर को बताया- सत्संग खत्म होने के बाद भोले बाबा निकले। उनके चरणों की धूल लेने के लिए सैकड़ों की भीड़ बाहर की ओर दौड़ी। जैसे ही लोग झुककर धूल उठाने लगे, भगदड़ मच गई। इसके बाद एक के ऊपर एक चढ़कर लोग बाबा के चरणों की धूल उठाने लगे। इसी चक्कर में इतना बड़ा हादसा हो गया। सड़क पर आए तो मची भगदड़ प्रत्यक्षदर्शी हीरालाल सिंह बताते हैं- जैसे ही सत्संग समाप्त हुआ, हम वहां से अच्छी तरह से निकलकर बाहर रोड तक आ गए। कोई दिक्कत नहीं थी। सही-सलामत चल रहे थे। फिर अचानक भीड़ का रेला इकट्‌ठा हो गया। उसमें कुछ मोटरसाइकिलें भी थीं। इसमें मैं और बच्चे संभल नहीं पाए। मेरी बच्ची सड़क पर गिरी और फिर वो उठ नहीं पाई। ये पूछने पर कि अंदर क्या हुआ था? हीरालाल कहते हैं- अंदर कुछ नहीं हुआ। ये रोड पर हुआ हादसा है। हम अंदर से अच्छी तरह निकलकर बाहर आ गए। कोई दिक्कत नहीं हुई। बाहर सड़क पर भीड़ का रेला कहां से आया, कुछ पता नहीं लगा। प्रशासन ने पूरी व्यवस्था वॉलंटियर्स पर छोड़ी सत्संग में एक लाख से ज्यादा की भीड़ थी, लेकिन प्रशासन ने पूरी व्यवस्था बाबा के वॉलंटियर्स पर छोड़ दी। वॉलंटियर्स इतनी बड़ी भीड़ नहीं संभाल पाए। लोगों के मुताबिक, खेत में सत्संग था। हाईवे के किनारे नीचे गड्‌ढे थे। खेत जुता था। पानी की वजह से कीचड़ फैल गया। इस वजह से लोग वहां से भाग नहीं पाए। हादसे के बाद 5 बड़े सवाल... 1-डेढ़ लाख लोग जुटे, पुलिस और प्रशासन कहां था? 2- इजाजत देते वक्त लोगों की संख्या का ध्यान क्यों नहीं रखा गया? 3- हाईवे के किनारे कार्यक्रम की इजाजत क्यों दी गई? 4- पुलिस ने बाबा के प्

Dainik Bhaskar 3 बच्चों की मौत छुपाई...24 घंटे में 2 और मौतें:इंदौर के आश्रम में सभी बच्चे 100% मानसिक दिव्यांग, तकलीफ बता ही नहीं सकते; प्रशासन ने बनाया प्लान-B

इंदौर के मानसिक दिव्यांग युग पुरूष आश्रम में हुई घटना में संस्था की लापरवाही सामने आई है। 30 जून को हुई पहली मौत को संस्था ने मिर्गी मान लिया और प्रशासन को सूचना नहीं दी जिसको बाद 24 घंटों में एक के बाद एक 3 मौतें हो गई। इन तीनों मौत की जानकारी छिपाने का खामियाजा यह निकला की 48 घंटे के अंदर ही दो बच्चों की और मौत हो गई। कलेक्टर आशीष सिंह ने भी इस बात को माना कि अगर संस्था द्वारा पहले बच्चे की मौत के बाद ही प्रशासन को घटना की जानकारी दी जाती तो इतनी गंभीर हालात नहीं बनते। दोपहर करीब 12 बजे तक हॉस्टल संचालिका अनिता शर्मा और और SDM बड़कुल बच्चों की स्थिति ठीक बताते रहे और आश्रम में बच्चों की सैंपल लिए जाने की बात कही। लेकिन करीब 2 बजे से फिर बच्चों को जांच और हालात गंभीर होने पर अस्पताल भेजना शुरु किया गया। चौकाने वाली बात यह है कि मंगलवार दोपहर बाद हुई 2 मौत छोटा गोविंद और रानी हिमानी ने आश्रम परिसर में ही हो दम तोड़ दिया था। छोटा गोविंद को आश्रम से अस्पताल भेजे जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया वहीं दिव्या ने आश्रम मे चेकअप के दौरान ही दम तोड़ दिया था। हालात अधिक खराब होने पर 12 बच्चों को मंगलवार सुबह करीब 7 बजे अस्पताल में एडमिट करने के लिए भेजा गया। आश्रम में मौजूद करीब सवा 2 सौ बच्चों में से सिर्फ 23 बच्चों के परिजन की जानकारी संस्था के पास है। घटना में जान गवानें वाले मृत बच्चों में शुभम उर्फ करण, आकाश, शुभ, रानी हिमानी और छोटा गोविंद है। सभी की उम्र 5 से 13 साल के बीच है। उधर मौके की स्थिति देखने पर सामने आया कि संस्था में क्षमता से अधिक बच्चों को रखा गया था। प्रशासन द्वारा भी इस पर स्वीकृति की जानकारी निकालने की बात कही। वहीं आश्रम की संचालिका डॉ. अनिता शर्मा ने बताया कि आश्रम में 100 बालक और 100 बालिकाओं को रखने की व्यवस्था है लेकिन आश्रम के उपस्थिति बोर्ड में 94 बालक और 112 बालिका यानी 206 बच्चों की उपस्थिति बताई गई। इधर पांच बच्चों की मौत के बाद नया चैलेंज आ गया है। अभी भी 31 से ज्यादा बच्चों की तबीयत खराब है। अगले 15 से 30 घंटे उनके लिए महत्वपूर्ण है। इसकी वजह भी चौंकाने वाली है। दैनिक भास्कर की पड़ताल में सामने आया है कि यहां के सभी 204 बच्चे 100% मानसिक दिव्यांग हैं। मनोस्थिति ऐसी है कि वे अपने दुख-दर्द, तकलीफ या परेशानी को साझा ही नहीं कर सकते। यदि जतान

Dainik Bhaskar ममता के खिलाफ मानहानि केस- कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई आज:CM ने कहा था- महिलाएं राजभवन जाने से डरती हैं, बंगाल गवर्नर ने मुकदमा किया था

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का केस 28 जून को कराया था। इस मामले पर आज कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट में जस्टिस कृष्ण राव की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। यह देश में पहली बार है जब किसी राज्य के राज्यपाल ने CM पर मानहानि का केस किया है। दरअसल राज्यपाल-सीएम में लंबे समय से खींचतान चल रही है। इस बीच 27 जून को ममता बनर्जी ने दावा किया था कि कुछ महिलाओं ने उनसे शिकायत की है कि वे राजभवन की गतिविधियों की वजह से वहां जाने से डरती हैं। इसपर राज्यपाल बोस ने कहा था कि किसी भी जन प्रतिनिधी से यह अपेक्षा की जाती है कि वे गलत और निंदनीय धारणाएं न पैदा करें। लोकसभा चुनाव के बीच 2 मई को राजभवन की अस्थायी महिलाकर्मी ने राज्यपाल पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। ममता सरकार ने जांच पुलिस को सौंपी थी। वहीं, राज्यपाल ने राजभवन में पुलिस के प्रवेश पर रोक लगा दी। राज्यपाल ने याचिका में कहा है कि घटना राजनीति से प्रेरित थी। पुलिस ने महिला को भड़काया और वीडियो बनाने के लिए प्रेरित किया। गवर्नर बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो केस पहला केस: राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर राजभवन की महिला कर्मी ने 2 मई को यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उसने मामले को लेकर हरे स्ट्रीट थाने में लिखित शिकायत दी। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, महिला का आरोप है कि वो 24 मार्च को स्थायी नौकरी का निवेदन लेकर राज्यपाल के पास गई थी। तब राज्यपाल ने बदसलूकी की। गुरुवार को फिर यही हुआ तो वह राजभवन के बाहर तैनात पुलिस अधिकारी के पास शिकायत लेकर गई। दूसरा केस: राज्यपाल बोस के खिलाफ सेक्शुअल हैरेसमेंट का एक और केस सामने आया है। उन पर एक ओडिसी क्लासिकल डांसर ने दिल्ली के एक 5 स्टार होटल में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। शिकायत अक्टूबर 2023 में दर्ज कराई गई थी।न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, बंगाल पुलिस ने पिछले हफ्ते राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपी है। 14 मई को मामला सामने आया है। ओडिसी डांसर ने अपनी शिकायत में बताया है कि वह विदेश यात्रा से जुड़ी दिक्कतों को लेकर राज्यपाल से मदद मांगने गई थी। जांच रिपोर्ट में क्या जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि CCTV फुटेज में राज्यपाल के होटल में एंट्री और एग्जिट का समय और महिला ने अपनी शिकायत में जो समय बताया है, वह एक है। हाल

Dainik Bhaskar इस बार जगन्नाथ रथयात्रा 2 दिन की:7 जुलाई की शाम को शुरू होगी यात्रा, 8 को गुंडिचा मंदिर पहुंचेंगे रथ, 1971 में भी ऐसा हुआ था

इस साल पुरी में निकलने वाली जगन्नाथ रथयात्रा दो दिन चलेगी। जगन्नाथ मंदिर का पंचांग बनाने वाले ज्योतिषी का कहना है कि इस साल आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष में तिथियां घट गई। जिसके चलते रथयात्रा से पहले होने वाली पूजा परंपराएं 7 जुलाई की शाम तक चलेंगी। रथयात्रा की तिथि में बदलाव नहीं किया जा सकता, इसलिए सुबह शुरू होने वाली रथयात्रा शाम को शुरू होगी। इससे पहले 1971 में भी ऐसा ही हुआ था। ज्योतिषी डॉ. ज्योति प्रसाद का कहना है, 7 जुलाई को दिनभर पूजा परंपराएं चलेंगी और शाम को 4 बजे के आसपास रथयात्रा शुरू होने की संभावना है। सूर्यास्त के बाद रथ नहीं हांके जाते हैं, इसलिए रथ रास्ते में ही रोके दिए जाएंगे। 8 को सुबह जल्दी रथ चलना शुरू होंगे और इसी दिन गुंडिचा मंदिर पहुंच जाएंगे। 15 दिन बीमार रहते हैं भगवान, 16वें दिन होने वाला श्रृंगार 7 जुलाई को होगा हर साल जेठ महीने की पूर्णिमा पर भगवान जगन्नाथ को स्नान करवाया जाता है। इसके बाद वो बीमार हो जाते हैं और आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष के 15 दिनों तक दर्शन नहीं देते। 16वें दिन भगवान का श्रृंगार किया जाता है और नवयौवन के दर्शन होते हैं। इस बार तिथियों की गड़बड़ी के चलते ये पखवाड़ा 15 की बजाय 13 दिन का ही रहा। इसी कारण भगवान के ठीक होने का दिन रथयात्रा वाली तिथि को पड़ रहा है। अब 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ के नवयौवन श्रृंगार के दर्शन होंगे। इसके साथ नैत्रोत्सव भी होगा। रथयात्रा की तिथि बदली नहीं जा सकती, इसलिए श्रृंगार और नैत्रोत्सव के बाद रथयात्रा से जुड़ी पूजा शुरू होगी। इन विधियों के चलते देरी होने से सूर्यास्त के पहले ही भगवान को रथों पर स्थापित कर रथों को खींचा जाएगा। दो दिनों की सरकारी छुट्टी दो दिन रथयात्रा होने के कारण ओडिशा सरकार ने भी दो दिनों के लिए सरकारी छुट्टी का ऐलान किया है। मंगलवार को पुरी में आयोजित की गई समीक्षा बैठक में सीएम मोहन चरण माझी ने 7 और 8 जुलाई को सरकारी दफ्तर, स्कूल-कॉलेज बंद करने की घोषणा की। तीन किमी की रथयात्रा और 7 दिनों बाद मंदिर लौटते हैं भगवान हर साल आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की दूसरी तिथि को भगवान जगन्नाथ, अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मुख्य मंदिर से 3 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं। भगवान अगले 7 दिनों तक इसी मंदिर में रहते हैं। आठवें दिन यानी दशमी तिथि को तीनों रथ मुख्य मंदिर क

Dainik Bhaskar कौन है भोले बाबा, हादसे के बाद कहां भागा:30 एकड़ में आश्रम, मॉडर्न लुक और कारों का काफिला; भक्त परमात्मा बुलाते, पत्नी को मां जी

UP के हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। इसमें महिलाएं और बच्चे फंस गए। भीड़ ने उन्हें कुचल दिया और शवों के ढेर लग गए। अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हैं। हाल के सालों में ये सबसे बड़ी त्रासदी है। भगदड़ उस समय हुई, जब लोग भोले बाबा के चरणों की धूल लेने को टूट पड़े। वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन से पानी की बौछार की। लोग फिसले और जमीन पर गिरे, फिर एक-दूसरे को रौंदते हुए निकल गए। हादसे के बाद भोले बाबा फरार हो गया। हादसे के 17 घंटे बाद भी पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिली है। भोले बाबा का आश्रम 30 एकड़ में है। उसने खुद की आर्मी बना रखी है। यौन शोषण समेत 5 मुकदमे दर्ज हैं। UP पुलिस में हेड कांस्टेबल रहते हुए यौन शोषण का आरोप लगा तो उसे बर्खास्त कर दिया गया था। जेल भी गया। बाहर आया तो नाम और पहचान बदल ली। अनुयायी भोले बाबा उर्फ साकार विश्व हरि को परमात्मा कहते हैं, जबकि उसकी पत्नी को मां जी। हर समागम कार्यक्रम में बाबा और उसकी पत्नी शामिल होते हैं, जब बाबा नहीं होते तो पत्नी प्रवचन देती। तीन महीने से पत्नी का स्वास्थ्य खबराब है, इसलिए बाबा अकेले ही प्रवचन देने जाते थे। बाबा कहां है, सामने आई 2 थ्योरी... हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ। उस वक्त भोले बाबा गांव में मौजूद था। लेकिन, भगदड़ मचते ही वह फरार हो गया। अब वह कहां है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। इस बीच दो थ्योरी सामने आईं। पहली कि बाबा पुलिस की गिरफ्त में है। उसे मैनपुरी के कस्बा बिछवा स्थित राम कुटीर आश्रम में रखा गया है। आश्रम के अंदर-बाहर फोर्स तैनात कर दी गई है। मामला ठंडा होते ही पुलिस उसकी गिरफ्तारी दिखा सकती है। दूसरी थ्योरी में यह बताया जा रहा है कि बाबा ने अपना मोबाइल बंद कर लिया है। वह फरार हो गया है। उसकी लोकेशन पुलिस को नहीं मिल रही है। अब पढ़िए भोले बाबा का असली नाम क्या है और वो इतना बड़ा उपदेशक कैसे बन गया? एटा में जन्म, नौकरी से बर्खास्त, फिर बदला नाम और पहचान भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। वह एटा जिले के बहादुर नगरी गांव का रहने वाला है। शुरुआती पढ़ाई एटा जिले में हुई। बचपन में पिता के साथ खेती-किसानी में हाथ बंटाता था। पढ़ाई के बाद UP पुलिस में नौकरी लग गई। UP के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में सूरज