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Dainik Bhaskar दिल्ली-राजस्थान समेत 17 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट:गुजरात के जूनागढ़ में 30 गांवों का संपर्क कटा; असम में बाढ़ से 11 लाख लोग प्रभावित

मानसून ने तय समय से 6 दिन (2 जुलाई) पहले ही पूरे देश को कवर कर लिया है। देशभर के तकरीबन सभी राज्यों में भारी बारिश हो रही है। गुजरात के जूनागढ़ में भारी बारिश के चलते सड़कें पानी में डूब गई हैं। इसकी वजह से 30 गांवों का संपर्क कट गया है। वहीं असम में बाढ़ की स्थिति लगातार खराब हो रही है। मंगलवार को बाढ़ के चलते तीन और लोगों की जान चली गई। 23 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों का आंकड़ा बढ़कर 11.3 लाख से ज्यादा हो गया है। सोमवार तक 19 जिलों में 6.44 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित थे। वनथली में सोमवार सुबह से मंगलवार सुबह तक रिकॉर्ड 361 मिमी बारिश हुई। गुजरात के सौराष्ट्र और दक्षिणी क्षेत्र में इस दौरान 200 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। NDRF ने बताया कि उन्होंने जूनागढ़ के केशोड़ में बाढ़ में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए एक टीम भेजी है। IMD ने बुधवार के लिए 17 राज्यों- पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, असम, नगालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम में अति भारी बारिश और 9 राज्यों- हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। असम में 2,208 गांव पानी में डूबे असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मुताबिक फिलहाल राज्य के 2,208 गांव पानी में डूबे हुए हैं और 42,476.18 हेक्टेयर फसल भूमि को नुकसान पहुंचा है। तिनसुकिया जिले के सादिया और डूमडूमा सर्किलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि धेमाजी जिले के जोनाई में एक व्यक्ति डूब गया। सोमवार (1 जुलाई) को तिनसुकिया जिले में एक व्यक्ति की मौत हुई थी। इसके साथ ही इस साल की बाढ़, भूस्खलन और तूफानों में मरने वालों की कुल संख्या 48 हो गई है। कई जिलों में सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वर्तमान में, ब्रह्मपुत्र नदी निमातीघाट, तेजपुर, गुवाहाटी और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को गोलाघाट जिले के बोकाखाट में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। वे स्पीड बोट में बैठकर ऊपरी असम के जलमग्न क्षेत्रों में पहुंचे। सरमा ने काजीरंगा नेशनल पार्क में भी बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की, जो कई साल बाद प

Dainik Bhaskar मोदी आज राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देंगे:कल लोकसभा में बोले थे- कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लगा; तीन किस्से भी सुनाए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार 3 जुलाई को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देंगे। मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में 2 घंटे15 मिनट की स्पीच दी थी। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लग गया है। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। पीएम ने कहा- कांग्रेस पार्टी 2024 से परजीवी पार्टी के रूप में जानी जाएगी। कांग्रेस जिसके साथ रहती है, उसी के वोट खा जाती है। मैं ऐसा आंकड़ों के आधार पर कह रहा हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी के 'हिंदू हिंसक' वाले कल के बयान पर कहा- ये गंभीर बात है कि हिंदुओं पर आरोप लगाने का झूठा षड्यंत्र हो रहा है। कल (1 जुलाई को) सदन में देवी-देवताओं की तस्वीरें दिखाई गई। जिनका दर्शन किया जाता है, उनका प्रदर्शन नहीं किया जाता। अब हिंदू समाज को सोचना पड़ेगा कि क्या ये अपमान कोई संयोग है या बड़े प्रयोग की तैयारी है। लोकसभा में मोदी ने 3 किस्से सुनाए, कहा- एक बच्चा 99% मार्क्स लेकर घूम रहा लोकसभा में प्रधानमंत्री के भाषण की 5 खास बातें 1. राहुल का नाम लिए बिना बोले- देश कह रहा तुमसे न हो पाएगा प्रधानमंत्री ने फिर राहुल का नाम लिए कहा, 'हमने कल सदन में बचकाना हरकत देखी। ये बालक बुद्धि का विलाप है। बालक बुद्धि में न बोलने का ठिकाना होता है और न ही उनमें व्यवहार का कोई ठिकाना होता है। जब ये बालक बुद्धि पूरी तरह सवार हो जाती है, तो सदन में भी ये किसी के गले पड़ जाते हैं। ये बालक बुद्धि जब अपनी सीमाएं खो देती है तो ये सदन में बैठकर आंखें मारते हैं। इनकी सच्चाई पूरा देश समझ गया है। इसलिए देश आज इनसे कह रहा है कि तुमसे नहीं हो पाएगा।' 2. मैं कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं 'हमने दुनिया को दिखा दिया कि ये विश्व का सबसे बड़ा चुनावी अभियान था। देश की जनता ने दुनिया के सबसे बड़े चुनावी अभियान ने हमें चुना है। मैं कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं कि लगातार झूठ चलाने के बावजूद उनकी घोर पराजय हुई।' 3. हिंदुओं पर झूठा आरोप लगाने की साजिश 'आज हिंदुओं पर झूठा आरोप लगाने की साजिश हो रही है। षड़ंयत्र हो रहा है। ये कहा गया हिंदू हिंसक होते हैं। ये हैं आपके संस्कार, ये है आपकी सोच, ये है आपका चरित्र। इस देश के हिंदुओं के साथ ये कारनामे। ये देश शताब्दियों तक इसे भूलने वाला नहीं है।' 4.

Dainik Bhaskar पुणे पोर्श केस- नाबालिग के बाद पिता-दादा को भी जमानत:ड्राइवर के किडनैपिंग केस में मिली बेल; पिता धोखाधड़ी के मामले में फिर गिरफ्तार

पुणे पोर्श केस में नाबालिग के बाद जमानत मिलने के बाद अब उसके पिता और दादा को भी बेल मिल गई है। पुणे की कोर्ट ने नाबालिग आरोपी के पिता और दादा को फैमिली ड्राइवर को धमकाने और उसपर घटना की जिम्मेदारी लेने के दबाव बनाने के केस में बेल दी है। हालांकि, पिता विशाल अग्रवाल अभी जेल में ही रहेगा। विशाल पर नाबालिग का ब्लड सैंपल बदलने को लेकर भी केस दर्ज है, जसमें उसे कोई राहत नहीं मिली है। वहीं, नाबालिग का दादा सुरेंद्र अग्रवाल जल्द ही जेल से बाहर आजाएगा। उधर, विशाल अग्रवाल एक प्रॉपर्टी से जुड़े धोखाधड़ी केस को लेकर गिरफ्तार कर लिया गया है। नाबालिग आरोपी ने 18-19 मई की रात पुणे के कल्याणी नगर इलाके में IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई थी। घटना के समय आरोपी नशे में था। वह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पोर्श स्पोर्ट्स कार चला रहा था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग को 25 जून को जमानत दे दी थी। हालांकि, पुणे पुलिस कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ है। नाबालिग की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। मामले को लेकर आरोपी की मां भी जेल में हुए। पिता के साथ उस पर भी ब्लड सैंपल बदलने का आरोप है। 3 पॉइंट में समझिए पोर्श मामले का ड्राइवर किडनैपिंग केस पिता विशाल पर नाबालिग के ब्लड सैंपल से हेरफेर का भी आरोपी पिता-दादा सहित 11 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी नाबालिग के पिता को 21 मई और दादा को 25 मई को गिरफ्तार किया गया था। ब्लड सैंपल में हेरफेर को लेकर आरोपी की मां को 1 जून को गिरफ्तार किया गया। ससून अस्पताल के दो डॉक्टर, एक स्टाफ को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा जिस पब में नाबालिग ने शराब पी थी, उसके मालिक-मैनेजर और स्टाफ समेत पोर्श केस में कुल 11 गिरफ्तारियां हुई थीं। हाईकोर्ट ने 3 आधार पर नाबालिग को जमानत दी थी... 1. हाईकोर्ट ने कहा- आरोपी की उम्र 18 साल से कम, उसे ध्यान में रखना जरूरी आरोपी लड़के की आंटी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में रिहाई की याचिका लगाई थी। इस याचिका में कहा गया था कि लड़के को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। उसे तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। जस्टिस भारती डांगरे और मंजुशा देशपांडे ने आरोपी को ऑब्जर्वेशन होम भेजने के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के आदेश को रद्द कर दिया था। बेंच ने यह भी नोट किया कि जुवेनाइल जस्टिस

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, 122 की मौत; राहुल का नाम लिए बिना मोदी बोले- बालक बुद्दि तुमसे ना हो पाएगा

नमस्कार, कल की बड़ी खबर यूपी के हाथरस की रही, जहां 20 हजार लोग सत्संग में पहुंचे थे। सत्संग खत्म होने बाद भगदड़ मची और 122 लोगों की मौत हो गई। एक खबर लोकसभा और राज्यसभा में हुए हंगामे से जुड़ी रही। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, 122 की मौत; 22 आयोजकों पर FIR, बाबा फरार यूपी के हाथरस में भोले बाबा (सूरज पाल) के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। इसमें 122 लोगों की मौत हो गई। 150 से अधिक घायल हैं। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में हुआ। सत्संग में 20 हजार से अधिक लोग पहुंचे थे। 27 शवों को एटा मेडिकल कॉलेज भेजा गया। यहां लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया। उसकी मौके पर मौत हो गई। घटना को लेकर 22 आयोजकों पर FIR दर्ज की गई है। कैसे हुआ हादसा: चश्मदीदों के मुताबिक, सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े। भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गई। लोग भागने लगे, तभी एक-दूसरे पर गिरते गए और कुचलने से इतनी मौतें हुईं। कौन है भोले बाबा: बाबा का असली नाम सूरज पाल उर्फ नारायण हरि साकार है। एटा का रहने वाला सूरज पाल करीब 25 साल से सत्संग कर रहा है। पश्चिमी यूपी के अलावा राजस्थान, हरियाणा में भी इसके अनुयायी हैं। हादसे के बाद से ही बाबा फरार है। रात करीब 11:30 बजे पुलिस उसके मैनपुरी स्थित राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट पहुंची। लेकिन बाबा यहां नहीं मिला। समागम में बांटा जाता है पानी: भोले बाबा के सत्संग में अनुयायियों को पानी बांटा जाता है। अनुयायियों का मानना है कि यह पानी पीने से उनकी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। एटा में बहादुर नगर गांव स्थित बाबा के आश्रम में दरबार लगता है। यहां आश्रम के बाहर एक हैंडपंप भी है। दरबार के दौरान इस हैंडपंप का पानी पीने के लिए भी लंबी लाइन लगती है। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. मोदी बोले- 2024 से कांग्रेस परजीवी पार्टी कहलाएगी, इसके मुंह झूठ का खून लग गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। इससे पहले लोकसभा में NDA और विपक्ष के सांसदों ने भी स्पीच दी। दूसरी तरफ, राज्यसभा में

Dainik Bhaskar दिल्ली हाईकोर्ट बोला-पैसे देकर रेप की FIR रद्द करवाना गलत:ऐसा करने पर माना जाएगा की न्याय बेचा जा रहा है

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि रेप से संबंधित FIR को पैसे के लेनदेन के चलते रद्द नहीं करवाना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने का मतलब यह होगा कि न्याय को बेचा जा रहा है। कोर्ट में जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने यह टिप्पणी मंगलवार (2 जुलाई) को रेप की FIR रद्द करने की मांग की याचिका को खारिज करते हुए की। दरअसल, एक रेप केस के आरोपी ने पीड़ित महिला द्वारा दर्ज की गई FIR को रद्द करने की मांग की थी। आरोपी ने कहा था कि 1.5 लाख रुपए में दोनों पक्षों के बीच मामला आउट ऑफ कोर्ट सुलझ गया है। पीड़ित महिला केस से जुड़े अपने दावों से पीछे हटने के लिए सहमत हो गई है। इसलिए अब FIR रद्द हो जानी चाहिए। इसपर जस्टिस शर्मा ने कहा कि FIR रद्द नहीं की जाएगी। हम जानना चाहते हैं कि क्या आरोपी ने वाकई क्राइम किया है या शिकायत करने वाली महिला ने झूठा केस दर्ज कराया था और बाद में 1.5 लाख रुपए स्वीकार करके केस को निपटाने की कोशिश की जा रही है। इस कोर्ट का मानना है कि बिना सुनवाई के FIR रद्द करने से जस्टिस का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। हमें नहीं पता की केस में वास्तविक अपराधी आरोपी है या शिकायतकर्ता। इसका पता लगाकर ही सही मायने में न्याय होगा। 4 पॉइंट में समझिए पूरा मामला कोर्ट ने कहा- महिला और आरोपी अपने हितों को पूरा करना चाहते हैं बेंच ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला और आरोपी अपने स्वयं के हितों को पूरा करना चाहते हैं। इसके लिए कोर्ट के संसाधनों के दुरुपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को मामले का फैसला मामले के मेरिट के आधार पर लेना चाहिए। कोर्ट ने कहा- जस्टिस के लिए फैक्ट्स की जांच जरूरी बेंच ने कहा कि कोर्ट को शिकायतकर्ता महिला और आरोपी दोनों के लिए नेचुरल जस्टिस के लिए फैक्ट्स की जांच करनी चाहिए। साथ ही देखना चाहिए किए ऐसे मामलों पर फैसला सुनाने से समाज और क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पर क्या प्रभाव पड़ेगा। कोर्ट द्वारा सुनाया गया हर फैसला अपने आप में एक अलग मैसेज देता है। यह खबर भी पढ़ें... हाईकोर्ट ने कहा- 15 साल की पत्नी से संबंध रेप नहीं, पति को बरी करने का फैसला बरकरार दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि 15 साल की पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना रेप नहीं है। इसी तर्क के साथ कोर्ट मामले के आरोपी को बरी करने के खिलाफ की गई पुलिस की अपील को खारिज कर दिया। जस्टिस सुरेश कुमार कैत

Dainik Bhaskar नए क्रिमिनल कानूनों पर कमेंट करने से CJI का इनकार:कहा- मामला कोर्ट में लंबित है, फिलहाल कुछ भी बोलना ठीक नहीं होगा

1 जुलाई से लागू हुए 3 नए क्रिमिनल कानूनों को लेकर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों का मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में लंबित है। इसलिए इस मामले पर कुछ भी बोलना ठीक नहीं होगा। दरअसल, CJI मंगलवार (2 जुलाई) को दिल्ली में कड़कड़डूमा, शास्त्री पार्क और रोहिणी में तीन नए कोर्ट के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। इसी दौरान उनसे नए कानूनों को लेकर सवाल किया गया था। इस पर उन्होंने कहा कि कोर्ट में आने वाले मामलों पर बोलना नहीं चाहिए। दरअसल, देश में अंग्रेजों के जमाने से चल रहे कानूनों की जगह 3 नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से लागू हो गए हैं। इन्हें IPC (1860), CrPC (1973) और एविडेंस एक्ट (1872) की जगह लाया गया है। इन कानूनों के लागू होने से पहले सुप्रीम कोर्ट में कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका लगाई गई थी, जिसे खारिज कर दिया था। इसके अलावा कानूनों के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने की एक जनहित याचिका भी दायर की गई है, जिसपर अभी सुनवाई नहीं हुई है। ये हैं सबसे बड़े बदलाव

Dainik Bhaskar हाथरस हादसे के VIDEOS- 122 मौतें, 150 से ज्यादा घायल:सत्संग में भगदड़ के बाद खुले में लाशें बिखरी, अपनों की तलाश में लोग बिलख रहे

उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के दौरान मंगलवार को भगदड़ मचने से 122 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। 150 से ज्यादा लोग घायल हैं। सत्संग हाथरस से 47 किमी दूर फुलरई गांव में चल रहा था। इसमें 20 हजार से ज्यादा लोग जमा थे। हादसे के बाद घायलों को टैंपो और बसों में हाथरस के अस्पताल लाया गया है। घायलों में कई की हालत गंभीर है, इसलिए मृतकों को संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हादसे और उसके बाद के हालात VIDEOS में देखें...

Dainik Bhaskar हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, 122 की मौत:भास्कर रिपोर्टर ने अस्पताल के बाहर लाशें गिनीं; 22 आयोजकों पर FIR, मैनपुरी आश्रम में छापा

उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। कुचलने से 122 लोगों की मौत हो गई। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ। हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ CHC और एटा जिला अस्पताल, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया। CHC के बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे। भास्कर ने डॉक्टर से पूछा तो वह मौत का आंकड़ा नहीं बता पाए। इसके बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर मनोज महेश्वरी ने सिकंदराराऊ CHC के बाहर एक-एक करके लाशों को गिना। यहां 95 लाशें जमीन पर पड़ी थीं। एटा के CMO उमेश त्रिपाठी ने बताया- एटा के जिला अस्पताल में अब तक 27 शव पहुंचे हैं। यानी, कुल 122 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि जब आईजी शलभ माथुर से जब मरने वालों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने 116 लोगों की मौत पुष्ट की। हालात ऐसे रहे कि लाशों को ओढ़ाने के लिए चादर तक नहीं थी। घायल जमीन पर तड़प रहे थे। उनका इलाज करने के लिए डॉक्टर नहीं थे। मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम यूपी के जिलों के हैं। इधर, एटा में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया। साथी उसे डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई। हालांकि एटा एसएसपी ने सिपाही के मौत की वजह बीमारी बताई है। लाश उठाने तक के लिए लोग नहीं, अफसर खड़े देखते रहे हादसे में हाथरस प्रशासन की भयंकर चूक सामने आई है। कार्यक्रम की अनुमति देने से लेकर हादसे के बाद तक प्रशासन लाचार नजर आया। सुबह लाखों की भीड़ कार्यक्रम स्थल पहुंच चुकी थी, लेकिन सत्संग स्थल पर कोई भी बड़ा अफसर मौजूद नहीं था। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। कुछ पुलिसवाले थे, वह भी इधर-उधर टहल रहे थे। परिजन ही रोते-बिलखते शवों को उठा रहे थे। अफसर खड़े देखते रहे। न कार्यक्रम स्थल में और न ही अस्पताल में कोई इंतजाम था। ऐसे हुआ हादसा- प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े। भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गई। लोग भागने लगे, तभी एक-दूसरे पर गिरते गए.. कुचलने से इतनी मौतें हुईं। दो मंत्री, सीएस और डीजीपी घटनास्थल पर पहुंचे CM योगी के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज सिंह और DGP प्रशांत कुमार घटनास्थल पर पहुंच ग

Dainik Bhaskar मां बोली- मैं चीखती रही, लोग बेटी को रौंदते रहे:जब गोद में उठाया तो सांसें थम चुकी थीं; हाथरस भगदड़ की आंखों देखी

हम लोग बदायूं के बिल्सी इलाके के रहने वाले हैं। मैं अपनी भाभी और मम्मी के साथ आज ही सत्संग में आया था। सत्संग खत्म होते ही अचानक भगदड़ मच गई। जब तक मैं मम्मी को लेकर निकल पाता, लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। मैं भी गिरा, लेकिन किसी तरह उठकर बाहर भागा, तब जाकर जान बच सकी। भगदड़ के बाद पहुंचा तो देखा कि मेरी मम्मी की सांसें थम गई थीं। मेरी भाभी घायल हैं। उनका इलाज चल रहा है। मेरी आंखों के सामने लोगों ने मेरी मां को कुचल डाला। मैं चीखता-चिल्लाता रहा, लेकिन उस भगदड़ में कोई किसी की सुन नहीं रहा था। हर कोई खुद की और अपनों की जान बचाने की मशक्कत में लगा रहा। ये कहना है हाथरस सत्संग में अपनी मां को खोने वाले वीरेश का। ऐसे ही 4 और प्रत्यक्षदर्शियों से दैनिक भास्कर ने बात की। पढ़िए हादसे का मंजर, उनकी जुबानी... मां बोली- मेरी बेटी को सैकड़ों लोग रौंदते निकल गए सिकंदराराऊ सीएचसी के बाहर एक महिला अपनी बेटी की लाश से लिपटकर रो रही थी। उसने बताया- मेरी बेटी रोशनी की जान चली गई। बड़ी देर बाद उसे भीड़ में ढूंढ पाए। जब उठाया तो सांसें चल रही थीं। अस्पताल लेकर आए तो उसने दम तोड़ दिया। मेरी बेटी को सैकड़ों लोग रौंदते हुए निकल गए। हम परिवार के साथ सत्संग में आए थे। किसी का कुछ पता नहीं चल रहा है। दो लोगों के शव मेरे सामने हैं। मेरे बेटे, बहू और पोते अभी तक नहीं मिले। भगदड़ में बेटी का हाथ छूटा, फिर लाश मिली जलेसर से आई एक महिला ने बताया- मैं अपने पति और बेटी खुशबू के साथ सत्संग सुनने आई थी। सत्संग खत्म होने के बाद हम लोग जैसे ही निकलने लगे, लोग अचानक बाहर भागने लगे। फिर भगदड़ मच गई। मैं और मेरे पति अपनी बेटी को लेकर भागे, लेकिन लोग मेरी बेटी को रौंदते निकल गए। बेटी की जान चली गई और पति घायल हैं। गोद में शव लिए बोली- सत्संग सुनने आए थे हाथरस की रहने वाली सीता ने बताया- आज हम अपनी बहन मंजू राने और उसके 5 साल के बेटे पीके के साथ सत्संग सुनने आए थे। हादसे में मेरी बहन और उसके बेटे की मौत हो गई। मैं खेतों की तरफ भागी, तब जाकर बच सकी। हजारों की भीड़ में लोग एक-दूसरे को रौंदते रहे। कोई किसी को देखने वाला नहीं था। देखा तो मां मरी पड़ी थी- स्वामी हाथरस के छोटनीपुर में रहने वाले स्वामी ने बताया- मेरी मां की मौत हो गई है। मां मुन्नी देवी आज ही सत्संग सुनने के लिए यहां आई थी। बुजुर्ग थी, मुझे बोलकर आई थी कि

Dainik Bhaskar 150 लोग तड़प रहे थे, सिर्फ एक डॉक्टर था:भगदड़ में घायलों के परिजन बोले- जब लाए, सांसें चल रही थीं; इलाज नहीं मिलने से मौत

2 घंटे हो गए, जो जिंदा हैं वो भी मार दिए जाएंगे। अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है। यहां न ऑक्सीजन सिलेंडर है और न ही ड्रिप लगाने वाले। हम लोग खींच-खींचकर लोगों को ले आए, उनकी सांसें चल रही थीं। यह दर्द और बेबसी अपनों को अस्पताल लेकर आए लोगों की है। बेबस लोग डॉक्टर का इंतजार करते रहे, लेकिन एक डॉक्टर होने की वजह से घायलों को इलाज ही नहीं मिल पाया। उपचार के अभाव में अस्पताल के बाहर और बरामदे में घायलों की सांसें टूट गईं। भगदड़ हाथरस के पिछड़े गांव फुलरई में मची थी। हादसे के बाद लोगों ने बचाव कार्य शुरू किया। जिन 150 लोगों की सांसें चल रही थीं, उन्हें ऑटो, ट्रैक्टर-ट्रॉली और बाइक से लेकर 8 किलोमीटर दूर सिकंद्राराऊ CHC पहुंचे। साथ आए लोगों ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र पर सिर्फ एक डॉक्टर थे। बचाकर लाए गए लोगों की सांसें चल रही थीं, लेकिन उन्हें इलाज ही नहीं मिला। लोग खुद ही देने लगे सीपीआर अस्पताल के सभी स्ट्रेचर, यहां तक की बेंच पर भी घायलों को लिटा दिया गया। जब जगह नहीं बची तो अस्पताल के बरामदे में जमीन पर भी घायलों और मृतकों को लिटा दिया गया। इसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि लोग खुद ही अपनों को सीपीआर दे रहे हैं। कुछ लोग बदहवास होकर दौड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। रेफर तक नहीं कर पाए हालत यह थी कि एक छोटे से स्वास्थ्य केंद्र पर इतने संसाधन ही नहीं थे कि सबका इलाज किया जा सके। घायलों को हायर सेंटर रेफर करने की स्थिति नहीं थी। मौके पर सिर्फ एक एम्बुलेंस थी। मौके पर आए लोगों ने बताया कि यहां पर इतने घायल आ गए कि अस्पताल में जगह ही नहीं बची। घायलों को रास्ते से ही एटा जिला अस्पताल भेजा जाने लगा। घायलों को लेकर पहुंचे सत्संग के सुरक्षाकर्मी ने कहा कि हम लोग खींच-खींचकर घायलों को अस्पताल लेकर आए। सांसें चल रही थीं, लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर तक नहीं था। कोई अफसर या पुलिस भी नहीं आई है अब तक। घटना से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए... हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, 122 की मौत:अस्पताल के बाहर बिखरी पड़ी लाशें; भास्कर रिपोर्टर ने गिनीं; 150 घायल यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 122 लोगों की मौत हो गई। 150 से अधिक घायल हैं। कई लोगों की हालत गंभीर है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलर

Dainik Bhaskar अंबानी परिवार ने करवाया सामूहिक विवाह:अनंत-राधिका की शादी से पहले गरीबों के लिए खास पहल, नीता अंबानी ने दिया जोड़ों को आशीर्वाद

भारत के बिजनेस टायकून मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी जल्द ही राधिका मर्चेंट से शादी करने वाले हैं। शादी की सभी तैयारियां लगभग हो चुकी हैं, जिसके लिए सोने-चांदी से बना वेडिंग कार्ड भी बंटना शुरु हो चुका है। अनंत-राधिका की शादी से पहले अंबानी परिवार ने एक सामूहिक विवाह करवाया है, जिसमें उन्होंने अपने खर्च पर एक बड़े स्तर पर गरीबों की शादी करवाई है। पूरा अंबानी परिवार बना सम्मेलन का हिस्सा ईशा अंबानी भी हुईं सामूहिक विवाह में शामिल मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी भी पति आनंद पीरामल के साथ सामूहिक विवाह में शामिल हुईं। उन्होंने जोड़ों को तोहफे दिए हैं। शादी से पहले न्योता देने काली मंदिर पहुंचे अनंत हाल ही में अनंत अंबानी नेरल के कृष्ण काली मंदिर पहुंचे थे। मंदिर में उनका भव्य स्वागत हुआ था। उन्होंने मीडिया से हुई बातचीत में बताया है कि वो शादी का न्योता देने मंदिर आए हैं। अनंत अंबानी मंदिर में हुई पूजा और हवन का हिस्सा बने थे। 12 जुलाई को राधिका से शादी करेंगे अनंत अंबानी पहले जामनगर फिर इटली के क्रूज में हुईं दो ग्रैंड प्री-वेडिंग सेरेमनी के बाद अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट 12 जुलाई को शादी के बंधन में बंधेंगे। उनकी शादी रिलायंस कंपनी के जियो वर्ल्ड सेंटर में होने वाली है, जिसमें भारत और दुनिया के कई नामी लोग शामिल होने वाले हैं। शादी के अगले दिन 13 जुलाई को शुभ आशीर्वाद सेरेमनी रखी गई है, जिसमें सभी मेहमान न्यूलीवेड कपल को आशीर्वाद देंगे। इसके बाद कपल का रिसेप्शन 14 जुलाई को होने वाला है। सोने-चांदी से बना है अनंत-राधिका का वेडिंग कार्ड अनंत अंबानी और राधिका की शादी का वेडिंग कार्ड सामने आ चुका है। VVIP गेस्ट को दिए जा रहे निमंत्रण पत्र में चांदी का मंदिर है। अंदर सोने की 4 मूर्तियां हैं। दूसरा निमंत्रण पत्र गोल्डन बॉक्स में है। इसमें मंदिर को छोटे रूप में बॉक्स के भीतर ही रखा गया है। यह भी दैवीय थीम पर बेस्ड है। हाथ से लिखा पत्र, बॉक्स खोलते ही गूंजते हैं विष्णु मंत्र एक पाउच में पश्मीना शॉल, दूसरे में रूमाल 3 दिन तक चलेंगे वेडिंग फंक्शंस अनंत और राधिका इससे पहले मार्च की शुरुआत और मई के अंत में प्री-वेडिंग सेरेमनी कर चुके हैं। उनकी पहली प्री-वेडिंग सेरेमनी गुजरात के जामनगर में हुई थी, जबकि दूसरी सेरेमनी क्रूज में हुई थी। इस खबर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अनंत-राधिक

Dainik Bhaskar VIDEO में 122 मौतों वाला हाथरस हादसा:लोग बोले- संकरे दरवाजे के चलते हुआ हादसा; भीड़ में कुचलने से मारे गए महिलाएं-बच्चे

उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के दौरान मंगलवार को भगदड़ मचने से 122 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। 150 से ज्यादा लोग घायल हैं। सत्संग हाथरस से 47 किमी दूर फुलरई गांव में चल रहा था। इसमें 20 हजार से ज्यादा लोग जमा थे। हादसे के बाद घायलों को टैंपो और बसों में हाथरस के अस्पताल लाया गया है। घायलों में कई की हालत गंभीर है, इसलिए मृतकों को संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हादसे की वजह? अभी आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन चश्मदीदों के मुताबिक, सत्संग खत्म होने के बाद लोग बाहर निकलने लगे। हॉल भी छोटा था और गेट भी संकरा था। पहले निकलने के चक्कर में भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े। ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। वीडियो में देखें हादसे और उसके बाद की तस्वीरें...

Dainik Bhaskar UP के हाथरस हादसे की दर्दनाक फोटोज:बसों-टैंपो में भरकर घायलों और शवों को लेकर आए, अस्पताल के बाहर बिखरीं लाशें

हाथरस से 47 किलोमीटर दूर फुलरई गांव में नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मचने से 122 लोगों की जान चली गई। नारायण साकार हरि को भोले बाबा के नाम से जाना जाता है। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। 150 लोग घायल हैं और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसे के बाद घायलों और शवों को टैंपो और बसों में भरकर अस्पताल लाया गया। अस्पताल के बाहर अभी शव बिखरे पड़े हैं। हादसे की दर्दनाक फोटोज...

Dainik Bhaskar जिस बाबा के सत्संग में 122 मौत, वो कौन हैं?:सफेद सूट इनकी पहचान, खुद की प्राइवेट आर्मी; यूपी पुलिस की नौकरी छोड़ बाबा बने

यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई। भगदड़ में महिलाएं और बच्चे फंस गए। भीड़ ने उन्हें कुचल दिया। अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हैं। हाथरस जिले के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में एक दिन के लिए सत्संग आयोजित किया गया था। सत्संग वाली जगह छोटी थी और भीड़ बहुत ज्यादा थी। सत्संग खत्म हुआ तो भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई। कौन हैं भोले बाबा , असली नाम क्या है? किस वर्ग के लोग इनके अनुयायी हैं, किस तरह की व्यवस्था रहती है? पढ़िए पूरी रिपोर्ट... एटा में जन्म हुआ, कोई दान-दक्षिणा नहीं लेते भोले बाबा का असली नाम नारायण साकार हरि है। वे एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई एटा जिले में हुई। बाद में उन्हें यूपी पुलिस में नौकरी मिल गई। लोकल इंटेलिजेंस यानी LIU में नौकरी की। 90 के दशक में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और बाबा बन गए। उन्होंने अपना बदलकर साकार विश्वहरि रख लिया। उनकी पत्नी भी समागम में साथ रहती हैं। नारायण साकार किसी अन्य बाबा की तरह भगवा पोशाक नहीं पहनते। वह अपने सत्संग में सफेद सूट, टाई और जूते में नजर आते हैं। कई बार कुर्ता-पजामा और सिर पर सफेद टोपी भी लगाकर सत्संग करने पहुंचते हैं। नारायण हरि अक्सर अपने समागम में कहते हैं- उन्हें नहीं मालूम कि उन्हें सरकारी नौकरी से आध्यात्म की ओर खींचकर कौन लाया। वे कोई भी दान, दक्षिणा, चढ़ावा नहीं लेते हैं। खुद को सेवादार कहलाना पसंद करते हैं। एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में गहरी पैठ साकार विश्व हरि के अनुयायी यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हैं। इनकी एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में गहरी पैठ है। मुस्लिम भी उनके अनुयायी हैं। साकार विश्व हरि का यूट्यूब और फेसबुक पर पेज है। यूट्यूब में 31 हजार सब्सक्राइबर हैं। फेसबुक पेज पर भी बहुत ज्यादा लाइक्स नहीं हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर उनके अनुयायी लाखों में हैं। उनके हर समागम में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है। आईपीएस, आईएएस और सांसद-विधायक भी समागम में शामिल जरूर होते हैं। 2021 में इटावा-बरेली हाईवे पर हुआ हादसा साकार विश्व हरि के समागम में पहली बार हादसा नहीं हुआ है। दिसंबर 2021 में फर्रुखाबाद में उनका सद्भावना समागम चल रहा था। इस कदर भीड़ उमड़ी कि शहर मानो थम सा गया। इटावा-बरेली हाईवे पर 7 कि

Dainik Bhaskar राज्यसभा में खड़गे बोले- मुझे अध्यक्ष बनाने वालीं सोनिया गांधी:धनखड़ ने कहा- आपको किसने बनाया ये आप जानें, लेकिन चेयर को नीचा नहीं दिखा सकते

संसद सत्र के सातवें दिन (2 जुलाई) को राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी बहस हुई। खड़गे ने बहस के बीच धनखड़ से कहा कि मुझे कांग्रेस अध्यक्ष बनाने वाली सोनिया गांधी हैं, आप नहीं। इसके जवाब में सभापति धनखड़ ने खड़गे को कहा कि आपको किसने बनाया, ये आप जाने। लेकिन आप हर बार चेयर को नीचा नहीं दिखा सकते। इस देश और संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में चेयर के प्रति इतनी अवहेलना कभी नहीं हुई, जितनी आपने की। धनखड़ ने जयराम रमेश को खड़गे की जगह लेने को कहा, इससे शुरू हुआ विवाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सांसद प्रमोद तिवारी बोल रहे थे। इसी दौरान सभापति धनखड़ की मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के साथ बहस हुई। धनखड़ ने कहा कि जयराम रमेश बार-बार उन्हें टोक रहे थे। जब जयराम खुद बोलने के लिए खड़े हुए तो धनखड़ ने कहा, 'जयराम रमेश, आप समझदार हैं, आप प्रतिभासंपन्न हैं, गुणवान हैं, आपको तो तुरंत आकर खड़गे की जगह ले लेनी चाहिए क्योंकि आप खड़गे का ही काम कर रहे हैं।' इस पर खड़गे ने कहा, ‘देखिए, ये वर्ण व्यवस्था जो आपके दिमाग में छपी हुई है, उसे यहां बीच में मत लाइए। इसी वजह से आप रमेश को समझदार और बुद्धिमान कह रहे हैं और मुझे बेवकूफ बता रहे हैं, ताकि वे मेरी जगह ले सकें।’ धनखड़ ने कहा कि खड़गे को उनकी बात समझ नहीं आई और उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया। धनखड़ से खड़गे बोले- आपने मुझे अध्यक्ष नहीं बनाया इसके बाद खड़गे ने कहा कि यह पद मुझे कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने दिया था। मुझे सोनिया गांधी ने अध्यक्ष बनाया है। यह पद देने का अधिकार सिर्फ सोनिया गांधी के पास है, न धनखड़ के पास और न जयराम रमेश के पास। मुझे जनता ने बनाया है। इस पर धनखड़ ने खड़गे से कहा कि मैं उस स्तर पर नहीं आना चाहता। आपको किसने बनाया, ये आप जाने। आप हर बार चेयर को नीचा नहीं दिखा सकते। हर बार चेयर का अपमान नहीं कर सकते। आप अचानक खड़े हो जाते हैं और जो आपके मन में आता है वह कहने लगते हैं, ये समझे बिना कि मैं क्या कह रहा हूं। धनखड़ बोले- खून का घूंट पी सकता हूं, पर सीनियर सदस्य के ऐसे बर्ताव से पीड़ा होती है धनखड़ ने कहा कि इस देश, संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में सभापति का ऐसा अपमान