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Dainik Bhaskar संसद के शीतकालीन सत्र का आज नौवां दिन:गुरुवार को विपक्षी सांसदों ने काली जैकेट पहनी, 'मोदी-अडाणी चोर हैं' के नारे लगाए

संसद के शीतकालीन सत्र का आज नौवां दिन है। पिछले दिन की कार्यवाही में विपक्षी सांसद काली जैकेट पहनकर संसद पहुंचे और गली-गली में शोर है, मोदी-अडाणी चोर हैं के नारे लगाए। विपक्षी सांसदों के साथ राहुल और प्रियंका गांधी भी शामिल हुए। विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी करते हुए ये भी कहा- 'स्कूल देखो- अडाणी', 'सड़कें देखो- अडाणी', 'ऊपर देखो- अडाणी, नीचे देखो- अडाणी' के नारे लगाए। वहीं, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के बीच तीखी बहस हुई। निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए कि विपक्ष सरकार गिराने की लगातार कोशिशें कर रहा है। निशिकांत ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या आप खालिस्तान समर्थकों और कश्मीर का विभाजन चाहने वालों से नहीं मिले? निशिकांत ने ये भी बताया कि विपक्षी नेताओं का एक धड़ा पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में देश को मिली तरक्की को गलत साबित करना चाहता है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले- विपक्ष के नेता पॉलिटिकल नौटंकी कर रहे अडाणी मुद्दे पर विपक्षी सांसदों के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जो अपने को LoP (विपक्ष का नेता) कहते हैं, अच्छा होता कि वे अयोध्या के राम मंदिर की परिक्रमा कर लेते तो उनका पूरा खानदान तर जाता। यहां जो वे पॉलिटिकल नौटंकी कर रहे हैं, इससे अच्छा तो वे राजघाट पर जाकर बैठ जाते। वहीं, विपक्षी सांसदों के प्रदर्शन पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में कहा- जहां तक जीरो अवर (शून्यकाल) का सवाल है, स्पीकर सर ने कहा था कि उनकी (विपक्ष) और इधर वालों (सत्ता पक्ष) दोनों की बात सुनेंगे। लेकिन वे रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर सदन में आए। जो नियम बनाया गया था कि प्लेकार्ड्स लेकर सदन में नहीं आएंगे। इन्होंने नियम तोड़ा है। संसद के बाहर रंग-बिरंगे कपड़े पहनने का इन्होंने जो फैशन शो शुरू किया है, ये हमारी संसदीय गरिमा को गिराता है। अपोजिशन पार्टियों को ऐसा दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए। आपको रेल मंत्री का बयान सुनना चाहिए। सदन में जो भी बिजनेस होना है, उसमें हिस्सा लेना चाहिए। हंगामा करने से देश में गलत संदेश जाता है। हंगामा करने से वोट नहीं मिलता। अच्छा व्यवहार करने से ही लोग पसंद करते हैं। गौरव गोगोई बोले- मोदी अब संभल में आग लगाना चाहते हैं असम से सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि भाजपा झूठ बोल रही है। वे संसद नहीं चलाना चाहते। राहुल गांधी

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ- फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के CM:सिद्दीकी से पहले सलमान को मारने की साजिश थी, अल्लू अर्जुन पर गैर इरादतन हत्या का केस

नमस्कार, कल की बड़ी खबर महाराष्ट्र में सीएम और दो डिप्टी सीएम के शपथ समारोह से जुड़ी रही। देवेंद्र फडणवीस ने 10 साल में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं दूसरी बड़ी खबर एक्टर अल्लू अर्जुन पर दर्ज हुए गैर इरादतन हत्या के केस को लेकर रही। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के CM बने, पहली कैबिनेट में मरीज को ₹5 लाख मदद देने का फैसला महाराष्ट्र चुनाव रिजल्ट के 13 दिन बाद नई सरकार बन गई है। देवेंद्र फडणवीस ने 10 साल में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। ऐसा करने वाले वह भाजपा के पहले नेता हैं। फडणवीस के बाद एकनाथ शिंदे ने डिप्टी CM पद की शपथ ली। शपथ से पहले उन्होंने बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे का नाम लिया। PM मोदी और अमित शाह को धन्यवाद दिया। वे राज्य के दूसरे नेता हैं, जो CM के बाद डिप्टी CM बने। शिंदे के बाद NCP नेता अजित पवार ने डिप्टी CM की शपथ ली। वह छठी बार राज्य के डिप्टी CM बने हैं। वह महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों गठबंधन की सरकार में डिप्टी CM रहने वाले महाराष्ट्र के पहले नेता बन गए हैं। पहली कैबिनेट में मरीज को सहायता मिली: शपथ के आधे घंटे बाद फडणवीस, शिंदे और अजित मंत्रालय पहुंचे। पहली कैबिनेट मीटिंग में देवेंद्र फडनवीस ने पुणे के मरीज चंद्रकांत शंकर कुरहाडे को इलाज के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष से 5 लाख रुपए की सहायता देने का फैसला लिया। मंत्रियों ने शपथ नहीं ली: सीएम और दोनों डिप्टी सीएम के अलावा किसी मंत्री को शपथ नहीं दिलाई गई। हालांकि महायुति के बीच कैबिनेट बंटवारे को लेकर 6-1 का फॉर्मूला तय हुआ है। यानी 6 विधायक पर एक मंत्री पद मिलेगा। इसके तहत भाजपा को 20 से 22 मंत्री पद, एकनाथ शिंदे गुट को 12 और अजित पवार गुट को 9 से 10 मंत्री पद दिए जा सकते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. संसद में निशिकांत बोले- विपक्ष सरकार गिराने की कोशिश में, राहुल से पूछा- क्या देश तोड़ने वालों से नहीं मिले संसद सत्र के आठवें दिन भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्ष पर सरकार गिराने की कोशिश का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि क्या आप खालिस्तान समर्थकों और कश्मीर का विभाजन चाहने वालों से नहीं मिले? निशिकांत ने कहा कि राहुल अमेरिका गए और वहां मुश्फिकुल फजल से म

Dainik Bhaskar दिल्ली का AQI-165, स्कूलो में आज से फिजिकल क्लासेस:सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद GRAP-4 के प्रतिबंध हटे; पुरानी गाड़ियों पर अब भी बैन

दिल्ली में गुरुवार को AQI 165 रिकॉर्ड किया गया। AQI के खराब से मध्यम कैटेगरी में आने पर सुप्रीम कोर्ट भी GRAP-4 के प्रतिबंध हटाने के लिए राजी हुआ, जिसके बाद सेंटर फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने गुरुवार रात GRAP-4 हटाकर GRAP-2 के प्रतिबंध लागू करने का ऐलान किया। प्रतिबंधों में ढील के बाद शिक्षा निदेशालय ने कहा कि शुक्रवार से दिल्ली के स्कूलों में फिजिकल क्लासेस शुरू हो जाएंगी। 12वीं तक के सभी स्कूलों के सभी बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं अब नहीं चलाई जाएंगी। ग्रेप 2 के प्रतिबंधों के तहत दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर बैन जारी रहेगा। कोयला और लकड़ी जलाने जैसी पाबंदियां भी बरकरार रहेंगी। प्राइवेट व्हीकल की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी गई है। दिल्ली में तेज हवा चलने के कारण प्रदूषण कम हुआ मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक दिल्ली और उत्तर भारत में हवा की स्पीड बढ़ने के कारण दिल्ली-NCR में प्रदूषण के स्तर कम हुआ। हालांकि, प्रदूषण आने वाले दिनों में बढ़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि ठंड बढ़ने और तापमान में गिरावट होने के साथ-साथ दिल्ली में प्रदूषण हर साल बढ़ता है। इस साल में भी यही पैटर्न देखने को मिल सकता है। एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने कहा- यहां की हवा यूरोप जैसी नहीं हो सकती CAQM ने कहा कि AQI लेवल में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव हो रहे हैं। दिल्ली में नवंबर-दिसंबर में हमेशा ऐसे ही हाल रहते हैं। हमारे वातावरण और मौसम के हिसाब से हमारे यहां की हवा यूरोपीय देशों जैसी नहीं हो सकती। इसलिए AQI लेवल के हिसाब से ही ग्रैप रिस्ट्रिक्शन लगाए जाएं। अगले एक हफ्ते के AQI अनुमान के हिसाब से हम ग्रैप 2 लेवल की पाबंदियां लगाने का सुझाव देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- AQI 350 के पार जाए तो ग्रैप 3 की पाबंदियां लगाएं दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने कहा पाबंदियां घटाने की इजाजत देते हुए कहा- आगे और मॉनिटरिंग की जरूरत है। अभी हम कमीशन को ग्रैप 2 लागू करने की इजाजत देते हैं। बेहतर होगा कि कमीशन ग्रैप 3 की भी कुछ जरूरी पाबंदियों को लगाए रखें। साथ ही अगर कभी भी AQI 350 के पार जाता है तो तुरंत ग्रैप 3 की पाबंदियां लगाई जाएं। ऐसे ही 400 पार जाने पर ग्रैप 4 की

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:अमेरिका के कैलिफोर्निया में 7 तीव्रता का भूकंप, वेदर सर्विसेस ने सुनामी का अलर्ट जारी किया, फिर कैंसिल किया

अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में गुरुवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.0 आंकी गई।

Dainik Bhaskar बांग्लादेश ने कोलकाता-त्रिपुरा से डिप्लोमैट्स वापस बुलाए:असिस्टेंट हाई कमीशन में घुसपैठ को लेकर एक्शन; ढाका में इंडियन प्रोडक्ट्स का बायकॉट

बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने कोलकाता और त्रिपुरा से अपने 2 डिप्लोमैट्स को वापस बुला लिया है। 2 दिसंबर को अगरतला में बांग्लादेशी हाई कमीशन में घुसपैठ हुई थी। कोलकाता में भी डिप्टी हाई कमीशन के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन्हीं घटनाओं को लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 3 दिसंबर को डिप्लोमैट्स का वापस बुलाने का फैसला लिया था। हालांकि, इसकी जानकारी अब सामने आई है। कोलकाता में बांग्लादेश के एक्टिंग डिप्टी हाई कमिश्नर मोहम्मद अशरफुर रहमान ढाका पहुंच चुके हैं। उन्होंने बांग्लादेशी सरकार के फॉरेन एडवाइजर तौहीद हुसैन से मुलाकात भी की। अशरफुर रहमान ने तौहीद को अगरतला में हुए हमले और ताजा हालात की जानकारी दी। त्रिपुरा के बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमिश्नर आरिफ मोहम्मद फिलहाल ढाका पहुंचे नहीं है। उधर, अगरतला-कोलकाता की घटना के जवाब में बांग्लादेश में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। गुरुवार को बांग्लादेशी नेताओं ने ढाका में भारतीय साड़ी जलाकर इंडियन प्रोडक्ट्स को बायकॉट करने की अपील की। दोनों डिप्लोमैट्स भारत में चल रहे प्रदर्शन की रिपोर्ट देंगे बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय का आरोप है कि भारतीय हिंदुत्व संगठनों के समर्थकों ने 2 दिसंबर को अगरतला के हाई कमीशन में बांग्लादेशी झंडे का अपमान किया था। उन्होंने परिसर पर हमला भी किया था। 3 दिसंबर को बांग्लादेश ने हाई कमीशन को बंद कर दिया था। बांग्लादेश सरकार की ओर से अभी बताया नहीं गया है कि दोनों डिप्लोमैट्स को वापस भारत कब भेजा जाएगा। अगरतला के हाई कमीशन को वापस शुरू करने को लेकर भी अभी कोई सूचना नहीं दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों डिप्लोमैट्स भारत में बांग्लादेश के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन की स्थिति की रिपोर्ट पेश करेंगे। चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान घुसपैठ हुई थी 2 दिसंबर को बांग्लादेशी मिशन के आसपास कई लोगों ने बांग्लादेश इस्कॉन के पूर्व प्रमुख चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में रैली निकाली थी। इसी दौरान 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी अगरतला स्थित बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन के परिसर में घुस गए थे। मामले में तीन सब इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया था। एक DSP को ड्यूटी में लापरवाही के चलते पुलिस हेडक्वार्टर में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस घुसपैठ की निंदा की थी।

Dainik Bhaskar बच्चों को चप्पल से पीटा, धार्मिक नारे लगवाए:मुस्लिम समाज ने थाना घेरा, कार्रवाई के आश्वासन पर माने

रतलाम में तीन बच्चों की पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद गुरुवार रात मुस्लिम समाजजनों ने माणकचौक थाने का घेराव कर दिया। वे बच्चों के साथ मारपीट करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। दरअसल, रात में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें 6, 9 और 11 साल के तीन बच्चों से एक युवक मारपीट कर रहा है, एक अन्य वीडियो रिकॉर्ड कर रहा है। वीडियो में युवक बच्चों को चप्पल से मारते नजर आ रहा है। उनसे धार्मिक नारे भी लगवाए। युवक बच्चों को कह रहा है कि सिगरेट पीना सीख रहे हो। तुम्हारे बाप के नंबर बताओ। वह गाली भी दे रहा है। वीडियो अमृतसागर तालाब के पास बन रहे नए एम्युजमेंट पार्क का बताया जा रहा है। बच्चे भी माणकचौक थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। कार्रवाई का आश्वासन देकर भीड़ को समझाया थाने के बाहर बढ़ती भीड़ को देखते हुए एएसपी राकेश खाखा, सीएसपी सत्येंद्र घनघोरिया, एसडीओपी किशोर पाटनवाला, डीएसपी अजय सारवान समेत शहर के सभी थाना प्रभारी, बिलपांक थाना प्रभारी समेत पुलिस फोर्स तैनात हुआ। समाजजनों को कार्रवाई का आश्वासन देकर भीड़ को समझा कर रवाना किया। वीडियो करीब डेढ़ माह पुराना एएसपी राकेश खाखा ने बताया कि एक वीडियो वायरल हुआ है। समाजजन एफआईआर की मांग कर रहे थे। वीडियो एक से डेढ़ माह पुराना बताया जा रहा है। साइबर व पुलिस टीम को लगाया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने अज्ञात दो आरोपियों के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज करने, जान से मारने की धमकी एवं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया है।

Dainik Bhaskar गुजरात में फर्जी ED टीम ने ज्वेलर को लूटा:12 आरोपी गिरफ्तार, एक फरार, 22 लाख रुपए और जेवर बरामद

गुजरात के गांधीधाम में फर्जी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने ज्वेलर की दुकान और घर पर छापेमारी की। इस दौरान 22.25 लाख रुपए नकद और आभूषण चुरा लिए। पुलिस ने इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया गया कि यह घटना 2 दिसंबर की है। आरोपियों ने शहर की ज्वेलरी शॉप राधिका ज्वैलर्स पर छापामारी की। इन्होंने खुद को ED की टीम बताया था। इस दौरान नकदी और जेवर चुरा लिए। ज्वेलर ने बाद में पुलिस को जानकारी दी तो पुलिस ने जांच की। पता चला कि ED ने कोई छापामारी नहीं की है। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई। इसके बाद भरत मोरवाडिया, देवायत खाचर, अब्दुलसत्तार मंजोथी, हितेश ठक्कर, विनोद चूडासमा, यूजीन डेविड, आशीष मिश्रा, चंद्रराज नायर, अजय दुबे, अमित मेहता, उनकी पत्नी निशा मेहता और शैलेंद्र देसाई को गिरफ्तार किया गया। इनसे 22.27 लाख रुपए के सोने के आभूषण और तीन कारें जब्त की गई हैं। साजिश में शामिल विपिन शर्मा को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। भरत का आइडिया गांधीधाम निवासी भरत को राधिका ज्वैलर्स पर इस तरह की छापेमारी करने का आइडिया आया। उसने अपने सहयोगी खाचर को बताया कि आयकर विभाग ने करीब छह साल पहले इस ज्वैलर्स पर छापा मारा था और बड़ी मात्रा में नकदी और आभूषण जब्त किए थे। राधिका ज्वैलर्स के मालिकों के पास अभी भी 100 करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसके बाद साजिश में मंजोथी, हितेश ठक्कर और विनोद चूडासमा को इसमें शामिल किया गया। ये सभी 15 दिन पहले आदिपुर कस्बे में एक चाय की दुकान पर मिले थे और ED अधिकारी बनकर फर्म पर छापा मारने की योजना तैयार की थी। इसके बाद चूड़ासमा ने मिश्रा से मदद मांगी। उसने अहमदाबाद निवासी नायर, अमित, निशा, विपिन शर्मा और शैलेंद्र देसाई को भी वारदात में शामिल किया, जो अहमदाबाद में मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में अनुवादक के रूप में काम करते हैं। अधिकारी ने कहा, इसके बाद देसाई ने अंकित तिवारी नामक ED अधिकारी का फर्जी पहचान पत्र तैयार किया। देसाई, मिश्रा, नायर, दुबे, अमित मेहता, निशा मेहता और विपिन शर्मा की छापेमारी टीम 2 दिसंबर को ज्वैलर के शोरूम और घर पहुंची। फर्जी छापेमारी के दौरान निशा मेहता ने 25.25 लाख रुपए की नकदी और आभूषण चुरा लिए। एक आरोपी पत्रकार इनमें अब्दुलसत्तार मंजोथी खुद को पत्रकार बताता है। इसके खिलाफ जामनगर जिल

Dainik Bhaskar पु्ष्पा-2 की आंधी के बीच अल्लू अर्जुन पर केस:आरोप- बिना बताए थिएटर पहुंचे; उन्हें देखने भगदड़ मची, जिससे महिला की जान गई

पुष्पा-2 की रिलीज के बीच अल्लू अर्जुन पर केस दर्ज हो गया है। दरअसल अल्लू अर्जुन बुधवार की रात हैदराबाद के एक लोकल संध्या थिएटर पहुंचे थे। उन्हें देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और 3 लोग घायल हो गए। अब रिपोर्ट्स की मानें तो इस मामले में अल्लू अर्जुन और संध्या थिएटर पर केस फाइल कर दिया गया है। बिना बताए थिएटर पहुंचे थे अल्लू, पुलिस को जानकारी नहीं थी बताया जा रहा है कि अल्लू अर्जुन बिना जानकारी दिए वहां पहुंच गए थे। साथ ही संध्या थिएटर पर आरोप लगा है कि उन्होंने इवेंट को सही से मैनेज नहीं किया। इस मामले में हैदराबाद के डिप्टी पुलिस कमिश्नर का रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा- पुलिस को सूचना नहीं थी कि एक्टर फैंस से मिलने थिएटर आ रहे हैं। हालांकि, थिएटर वालों को यह बात पता थी। उन्हें कम से कम भीड़ नियंत्रित करने के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी। अब पूरा मामला विस्तार से समझिए हैदराबाद में बीती रात पुष्पा 2 की स्क्रीनिंग के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें एक महिला की मौत हो गई और 3 लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि बुधवार रात को संध्या थिएटर में फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए अल्लू अर्जुन आए थे। थिएटर के बाहर आरटीसी एक्स रोड पर इकट्ठा हुए। फैंस अल्लू अर्जुन से मिलना चाहते थे। इसी दौरान अचानक भगदड़ मच गई। धक्का-मुक्की के कारण कई लोग एक-दूसरे पर गिर गए। कुछ लोग घायल भी हुए। स्थिति को कंट्रोल में लाने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया। भीड़ कम होने के बाद पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर ने 1 महिला को मृत घोषित कर दिया, वहीं 3 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पूरी खबर पढ़ें..

Dainik Bhaskar कांग्रेस नेता बोले-असम में बीफ बैन संघ परिवार का एजेंडा:कहा- ये असम में चुनाव से पहले लोगों के बीच फूट डालने की कोशिश

केरल के नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सथीसन ने गुरुवार को असम सरकार के बीफ बैन करने के फैसले को ‘संघ परिवार’ का एजेंडा बताया। उन्होंने कहा, ये लोगों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। सथीसन का यह बयान असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बुधवार को किए गए ऐलान के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ने राज्य भर में किसी भी होटल, रेस्टोरेंट और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस परोसने और खाने पर बैन लगाने का फैसला किया है। सथीसन ने कहा- देश भर में संघ परिवार की सरकारें लोगों के बीच समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। असम में चुनाव आ रहे हैं, इसलिए यह संघ परिवार का एजेंडा है और वे लोगों के बीच फूट डालना चाहते हैं। असम सरकार गाय और बीफ के बीच अंतर समझे- बीजेपी नेता मेजर रवि इस बीच, भाजपा के केरल उपाध्यक्ष मेजर रवि ने कहा कि असम सरकार को गाय और बीफ के बीच अंतर समझना चाहिए। उन्होंने कहा, गोमांस पर अचानक बैन से लोगों को गलत संदेश जाएगा। बीफ गाय का मांस नहीं होता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को ऐसा नहीं कहना चाहिए था। अगर कोई खाना चाहता है, तो उसे खाने की आजादी होनी चाहिए। गाय की हम पूजा करते हैं। मैंने कहीं नहीं देखा कि गायों की हत्या की जा रही हो। बीफ भैंस और बैल दोनों का होता है। इसलिए सबसे पहले फर्क समझें और फिर प्रतिबंध लगाएं। हमें लोगों को गलत संदेश नहीं देना चाहिए और सांप्रदायिक मुद्दे नहीं बनाने चाहिए। असम मंत्री बोले- कांग्रेस फैसला माने या पाकिस्तान जाए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा कि 2021 में असम मवेशी संरक्षण अधिनियम कानून पारित किया गया था और यह काफी सफल रहा है। इसलिए अब असम में हमने गोमांस पर पूरी तरह से बैन करने का फैसला किया है। इस फैसले को लेकर असम के जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा- कांग्रेस इस फैसले का स्वागत करे या पाकिस्तान जाए। दरअसल, सामगुरी सीट पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान हुआ था। 23 नवंबर को रिजल्ट आने के बाद कांग्रेस की हार पर सांसद रकीबुल हुसैन ने भाजपा पर बीफ बांटने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को बीजेपी की बैठक के बाद मीडिया से कहा- वे राज्य में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कांग्रेस इसे लिखित में दें। सरमा ने पूछा था- क्या गो

Dainik Bhaskar दिल्ली ट्रिपल मर्डर केस, बेटा हत्यारा निकला:मां-बाप, बहन का गला रेता; बहन के नाम प्रॉपर्टी होने के डर से साजिश रची

दिल्ली के नेब सराय में 4 दिसंबर को हुए ट्रिपल मर्डर केस का खुलासा हो गया है। परिवार के 20 साल के बेटे अर्जुन ने ही पिता राजेश कुमार (51), मां कोमल (46) और बहन कविता (23) के मर्डर की साजिश रची थी। हत्या के बाद वो रोज की तरह मॉर्निंग वॉक पर चला गया। वापस आने के बाद उसने शोर मचाया और पड़ोसियों को परिवार वालों की हत्या होने की बात बताई। जॉइंट सीपी एस के सिंह ने बताया कि पूछताछ के दौरान अर्जुन ने अलग-अलग बयान दिए जिससे उस पर शक हुआ। इसके बाद अर्जुन ने पुलिस के सामने कबूला कि अपने परिवार वालों की हत्या की साजिश उसने ही रची थी। आरोपी अर्जुन के पिता के साथ विवाद चल रहे थे। उसे डर था कि आर्मी से रिटायर्ड पिता पूरी प्रॉपर्टी बेटी के नाम कर देंगे। पिता उसे पढ़ाई के लिए बार-बार टोकते और बॉक्सिंग करियर में सपोर्ट नहीं करते। इस गुस्से में ही उसने परिवार की हत्या कर दी। सालगिरह के दिन हत्या करने की साजिश अर्जुन ने अपने परिवार वालों की हत्या की साजिश पहले से ही कर दी थी। उसने हत्या को अंजाम देने के लिए अपने मां-बाप की सालगिरह का दिन चुना। 4 दिसंबर को उसके माता-पिता अपनी 27वीं सालगिराह मना रहे थे। इन दिन अर्जुन ने सुबह पहले बहन को मारा। इस दौरान दोनों में हाथापाई भी हुई। कविता के शरीर पर चोट के निशान हैं। इसके बाद उसने सो रहे पिता को मारा। आखिर में उसने मां पर वार किया जो बाकी दो मर्डर के समय बाथरूम में थीं। आवाज न हो इसलिए गला काटा अर्जुन ने अपने परिवार वालों की हत्या के लिए पिता का सर्विस नाइफ (चाकू) चुना। हत्या करते समय शोर न हो इसलिए उसने घरवालों के गले पर वार किया। खून का बहाव रोकने के लिए अर्जुन ने तीनों के गले पर कपड़ा भी लगाया। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में बाहरी व्यक्ति के सबूत नहीं मिले हत्या को अंजाम देने के बाद अर्जुन रोज की तरह सुबह 05:30 बजे मॉर्निंग वॉक पर चला गया। यहां से वापस आने के बाद वह पहले घर गया। घर से निकलकर उसने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मां-बाप और बहन की हत्या की जानकारी दी। पड़ोसियों ने पुलिस को फोन कर घटना के बारे में बताया। मामले की जांच कर रही पुलिस को सीसीटीवी कैमरे चेक करने पर घर में कोई बाहरी व्यक्ति जाते नहीं दिखाई दिया। घर में किसी के जबरदस्ती घुसने, सामान इधर-उधर होने या चोरी के भी कोई सबूत नहीं थे। पिता से नाराजगी थी वजह पुलिस को अर्जुन के बया

Dainik Bhaskar पंजाब में 1 जनवरी से ऑफलाइन वेरिफिकेशन बंद:दफ्तरों के झंझटों से मिलेगी राहत, कैबिनेट मंत्री बोले- 95 नई सेवाएं होंगी ऑनलाइन

1 जनवरी से पंजाब में वेरिफिकेशन से जुड़ी सभी सेवाएं ऑनलाइन मिलेंगी। ऑफलाइन वेरिफिकेशन बंद हो जाएगा। पंजाब सरकार ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह जानकारी पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में एक कार्यक्रम में दी। इस दौरान उन्होंने छह तरह की ऑनलाइन सेवाओं के वेरिफिकेशन से जुड़े प्रोजेक्ट को लॉन्च किया। उन्होंने दावा किया है कि इससे लोगों को सरकारी दफ्तरों के झंझटों से मुक्ति मिलेगी। साथ ही उनका समय और पैसा भी बचेगा। काम में पारदर्शिता आएगी। इस तरीके से काम करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य बन गया है। रेवन्यू और नगर निगम की सेवाएं होंगी ऑनलाइन अमन अरोड़ा ने बताया कि सरकार जल्द ही कई विभागों द्वारा दी जाने वाली 95 सेवाओं को ऑनलाइन करने जा रही है जो लंबे समय से ऑफलाइन चल रही हैं। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान राजस्व विभाग, नगर निगम, नगर परिषद, बिजली विभाग की सेवाएं ऑनलाइन की जाएंगी। जिसके लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। सेवा केंद्र में काम के लिए घर बैठे ले पाएंगे अप्वाइंटमेंट पंजाब में चल रहे 500 से अधिक सेवा केंद्रों में काम करवाने के लिए लोगों को धक्के न खाने पड़े। इसके लिए सरकार व्हटासएप चैट बॉट सेवा सरकार शुरू करने जा रही है। इसमें लोगों को बस अपने मोबाइल के व्हाटसएप से अपना काम बताकर अप्वाइंटमेंट बुक करवानी होगी। इसके बाद उनको समय मिल जाएगा। जिससे लोगों को काफी फायदा होगा। इस दौरान सारा काम पंजाबी भाषा में होगा। ऑनलाइन टोकन भी जारी होगा। ऐसे काम करेगा नया सिस्टम इस सिस्टम के तहत सारे पटवारी, पंच, सरपंच, पार्षद और नंबरदारों को जोड़ा गया है। कोई किसी सर्विस के लिए जैसे ऑनलाइन आवेदन करता है। तो उसके बाद ऑनलाइन ही उसकी जानकारी पटवारी के पास जाएगी। पटवारी आगे उससे संबंधित इलाके के सरपंच, पार्षद या नवंबरदार को भेजेगा। इसके बाद वह वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को पूरी होगी। पहले लोगों को जाना पड़ता था सरपंचों के पास अधिकतर सेवाएं पहले भी सरकार द्वारा ऑनलाइन मुहैया करवाई जाती हैं। लेकिन उससे जुड़े कुछ दस्तावेज की वेरिफिकेशन के लिए लोगों को सरपंचों या पंचों के चक्कर लगाने पड़ते थे। इस वजह से कई बार लोगों को परेशानी होती है। ऐसे में अब यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। यह सेवाएं शुरू होगी ऑनलाइन इस दौरान मुख्य रूप से र

Dainik Bhaskar कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने ED को 'गुलाम निदेशालय' बताया:MUDA मामले में कहा- जांच एजेंसी केंद्र सरकार की कठपुतली; रिपोर्ट लीक करने का भी आरोप लगाया

कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने गुरुवार को ED को 'गुलाम निदेशालय' बताया। प्रियांक ने सोशल मीडिया X पर लिखा, 'प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक गुलाम निदेशालय बन गया है। वे भाजपा सरकार की असहाय और लाचार कठपुतलियों के अलावा कुछ नहीं हैं। मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) मामले में CM सिद्धारमैया के खिलाफ ED की जो रिपोर्ट लीक की गई है, वह पूरी तरह से मनगढ़ंत है।' दरअसल साल 1992 में मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई। MUDA पर आरोप है कि उसने 2022 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले मैसुरु के एक पॉश इलाके में 14 साइट्स आवंटित की। इन साइट्स की कीमत पार्वती की जमीन की तुलना में बहुत ज्यादा थी। हालांकि, इस 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार भी नहीं था। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था। ED ने जानबूझ कर रिपोर्ट लीक की- प्रियांक खड़गे प्रियांक खड़गे ने कहा कि यह सब राजनीतिक मंशा से किया जा रहा है और यह कार्रवाई पूरी तरह से केंद्र सरकार के दबाव में की जा रही है। उन्होंने कहा कि ED ने जानबूझकर रिपोर्ट को मीडिया में लीक किया ताकि अदालत पर दबाव डाला जा सके और मामला पक्षपाती हो जाए। अदालत के मन में पूर्वाग्रह पैदा करने का एक शर्मनाक प्रयास है। उन्होंने यह भी पूछा, आखिर भाजपा कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जांच एजेंसी पर लगाए आरोप बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई से पहले लोकायुक्त को पत्र लिखने पर कहा कि ED अदालत को प्रभावित करना चाहता था। उन्होंने X पर लिखा, हमारी याचिका की हाईकोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले ED लोकायुक्त को पत्र लिखता है। यह साफ तौर पर न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश है। ED की जांच भी सवालों के घेरे में है। सही तरीका यह होता कि वे अपनी जांच पूरी करने के बाद लोकाय

Dainik Bhaskar खालिस्तानी स्टाइल में हुआ सुखबीर बादल पर हमला:पॉइंट ब्लैंक रेंज से DIG को भी गोली मारी थी; इसी तरह RSS-हिंदू नेताओं की हत्या हुई

शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता व पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर गोल्डन टेंपल के बाहर दर्शनी ड्योढ़ी पर फायरिंग हुई। खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने पॉइंट ब्लैंक रेंज से सुखबीर बादल को निशाना बनाया। हालांकि, इस हमले में सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए। चौड़ा ने उन्हें खालिस्तानी आतंकियों के पुराने ढंग से ही निशाना बनाने की कोशिश की है। इससे पहले भी ठीक इसी स्टाइल में खालिस्तानी आतंकी एक पूर्व DIG और कई हिंदू नेताओं को शिकार बना चुके हैं। पहले 3 तस्वीरों में देखिए सुखबीर बादल पर हमले का घटनाक्रम... अब जानिए, कब-कब खालिस्तानी आतंकियों ने इसी तरह हत्याएं कीं... गोल्डन टेंपल में DIG अटवाल को गोली मारी 41 साल पहले, 25 अप्रैल 1983 को सुबह 11:10 बजे गोल्डन टेंपल में इसी जगह एक घटना हुई थी, जिसमें IPS ऑफिसर तत्कालीन जालंधर रेंज के DIG एएस अटवाल को पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई थी। स्वर्ण मंदिर में प्रार्थना करने के बाद वह बाहर निकल रहे थे। तभी एक अज्ञात व्यक्ति ने उन पर गोली चला दी, इसमें DIG अटवाल की मौत हो गई। इस हमले में अमृतसर के रहने वाले कुलविंदर सिंह और 11 वर्षीय वरिंदरजीत सिंह भी घायल हुए थे। वरिंदरजीत की बाद में मौत हो गई, जबकि कुलविंदर गंभीर रूप से घायल थे। DGP बोले- 2 घंटे तक पड़ा रहा था DIG का शव इसके बाद तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री पीसी सेठी ने संसद में बताया था कि DIG अटवाल को दरबार साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार के पास गोली मारी गई। हमलावर कथित तौर पर दरबार साहिब के अंदर से आया था और फायरिंग के बाद वापस वहीं चला गया। वहीं, पंजाब के पूर्व DGP केपीएस गिल के अनुसार, "दुकानदारों ने अपने शटर गिरा दिए, और कोई भी DIG के शव के पास जाने की हिम्मत नहीं कर पाया। हत्यारों ने शव के पास भांगड़ा किया और फिर मंदिर में लौट गए। अटवाल का शरीर लगभग 2 घंटे तक मंदिर के मुख्य द्वार पर पड़ा रहा।" RSS नेता की लुधियाना में हुई थी हत्या करीब 8 साल पहले 2016 में लुधियाना में इसी स्टाइल से 2 बाइक सवार खालिस्तानी आतंकियों ने 60 वर्षीय RSS नेता रविंदर गोसाईं और 2017 में रिटायर ब्रिगेडियर व RSS नेता जगदीश गगनेजा की हत्या की थी। इन दोनों मामलों में हमलावर अचानक सामने आए थे और पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोलियां मारीं। जब इस मामले की जांच हुई तो तार पाकिस्तान से होते हुए यूरोप और जर्मनी तक जु

Dainik Bhaskar दिल्ली प्रदूषण पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:GRAP IV पाबंदिया जारी रहेगी या नहीं इस पर फैसला, AQI खराब से मीडियम हुआ

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। GRAP-IV पाबंदियां लागू रहेगी या हटेगी, इस पर फैसला होगा। इससे पहले 2 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 5 दिसंबर तक पाबंदियां लगाए रखने के निर्देश दिए थे। बेंच ने कहा था- अगले तीन दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लेवल में गिरावट देखने के बाद ही GRAP-IV पाबंदियों में ढील दी जाएगी। कोर्ट ने 18 नवंबर से GRAP-IV की पाबंदियां लगाई हैं। दिल्ली की हवा सुधरी दीवाली के बाद से लगातार खराब होती दिल्ली की हवा गुरुवार को बेहतर हुई। सुबह 8 बजे दिल्ली का AQI 161 दर्ज किया गया। यह मीडियम कैटेगरी में आता है। हालांकि बढ़ती ठंड की वजह से स्मॉग की परत भी देखी गई। इससे पहले दिल्ली का AQI खराब, बहुत खराब या खतरनाक कैटेगरी में ही दर्ज किया जा रहा था। कुछ इलाकों में AQI 127 तक भी नीचे आ गया है। पिछली सुनवाई और कोर्ट के बयान... AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है हवा में प्रदूषण की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटा गया है। हर स्तर के लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है। इसीके आधार पर प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है। ग्रेप के स्टेज -------------------------- दिल्ली प्रदूषण से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए... दिल्ली की हवा रोज 38 सिगरेट, हरियाणा की 25 सिगरेट जितनी जहरीली; प्रदूषण पर वो सब कुछ जो जानना जरूरी अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जब 2016 में तीन दिन की यात्रा पर दिल्ली आए थे तब इंटरनेशनल मीडिया में हेडलाइन बनी-मिस्टर प्रेसिडेंट, दुनिया की सबसे खराब हवा ने आपकी जिंदगी 6 घंटे कम कर दी। अगर दिल्ली की जहरीली हवा में महज 3 दिन गुजारने से ओबामा की जिंदगी के 6 घंटे कम हो गए, तो दिल्ली वालों पर इसका क्या इमपेक्ट होगा पूरी खबर पढ़िए

Dainik Bhaskar प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर आज SC में सुनवाई:हिंदू पक्ष की मांग- 1991 में बना कानून रद्द हो; इसमें 1947 के पहले बने पूजा स्थलों को बदलने की इजाजत नहीं

सुप्रीम कोर्ट में आज प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस मनमोहन की तीन जजों की बेंच इस मामले को सुनेगी। हिंदू पक्ष ने 1991 में बने इस कानून को चुनौती दी है। कानून के मुताबिक, 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता। उधर जमीअत उलमा ए हिंद ने कानून के समर्थन में याचिका लगाई है। इस मामले में कुल छह याचिकाएं दाखिल इस मामले में अब तक कुल छह याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट में आज इन सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी। इनमें से कुछ याचिकाओं में इस कानून को रद्द करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं में विश्वभद्र पुजारी पुरोहित महासंघ, सुब्रह्मण्यन स्वामी और अश्विनी उपाध्याय शामिल हैं। वहीं जमीअत उलमा ए हिंद ने इसके समर्थन में याचिका लगाई है। मुस्लिम पक्ष की दलील है कि इस कानून को रद्द न किया जाए। प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट-1991 क्या है? 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार ने पूजा स्थल कानून बनाया। ये कानून कहता है कि 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो उसे एक से तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। अयोध्या का मामला उस वक्त कोर्ट में था इसलिए उसे इस कानून से अलग रखा गया था। क्यों बनाया गया था ये कानून? दरअसल, ये वो दौर था जब राम मंदिर आंदोलन अपने चरम पर था। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ से रथयात्रा निकाली। इसे 29 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचना था, लेकिन 23 अक्टूबर को उन्हें बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार करने का आदेश दिया था जनता दल के मुख्यमंत्री लालू यादव ने। इस गिरफ्तारी का असर ये हुआ कि केंद्र में जनता दल की वीपी सिंह सरकार गिर गई, जो भाजपा के समर्थन से चल रही थी। इसके बाद वीपी सिंह से अलग होकर चंद्रशेखर ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई, लेकिन ये भी ज्यादा नहीं चल सकी। नए सिरे से चुनाव हुए और केंद्र में कांग्रेस की सरकार आई। पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने। राम मंदि

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