Dainik Bhaskar
Dainik Bhaskar संभल हिंसा में चले पाकिस्तानी फैक्ट्री के कारतूस:जामा मस्जिद के पास 5 खोखा और 2 कारतूस मिले; टीम चप्पे-चप्पे को खंगाल रही
संभल हिंसा में पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। मंगलवार को फोरेंसिक टीम उस कोट गर्वी मोहल्ले में पहुंची, जहां 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी। टीम को नालियों से 5 खोखा और 2 मिस फायर कारतूस मिले हैं। ये खोखे पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बने हैं। टीम के साथ LIU भी मौके पर है। ASP श्रीश चंद्र, CO संभल अनुज चौधरी और CO असमोली आलोक कुमार सिद्धू सहित अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। ASP ने बताया कि पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के 9 MM के 2 मिस फायर और 1 खोखा बरामद हुआ है। इसके अलावा 12 बोर के 2 खोखे और 32 बोर के 2 खोखे बरामद हुए हैं। पुलिस की टीम अभी सर्च ऑपरेशन कर रही है। 4 फोटो देखिए... अब जानिए 24 नवंबर को कैसे भड़की थी हिंसा संभल की जामा मस्जिद का कोर्ट के आदेश पर 19 नवंबर को पहला सर्वे हुआ था। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि जामा मस्जिद मुगल शासक बाबर के समय श्रीहरिहर मंदिर था। बाबर ने उसे तुड़वाकर मस्जिद में बदल दिया। 24 नवंबर की सुबह करीब साढ़े 7 बजे सर्वे टीम दोबारा मस्जिद पहुंची। सुबह 6 बजे से ही जामा मस्जिद पर पुलिस तैनात थी। इलाके में भारी फोर्स को देखते हुए मुस्लिम कम्युनिटी में हलचल शुरू हो गई। पूरे शहर में ये अफवाह फैलने लगी कि आज मस्जिद पर कुछ होने वाला है। वॉट्सऐप ग्रुपों में मैसेज वायरल होने लगे। धीरे-धीरे शहर के दूसरे हिस्सों में रहने वाले लोग भी जामा मस्जिद के आसपास जुटने लगे। सुबह 8 बजे तक दो हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ जामा मस्जिद एरिया में पहुंच चुकी थी। इसमें 20 से 30 साल उम्र वालों की संख्या काफी ज्यादा थी। उपद्रवियों में बड़ी तादाद उन युवाओं की थी, जो जामा मस्जिद के आसपास के रहने वाले नहीं थे। पहले उन्होंने सर्वे रोकने की कोशिश की, फिर नारेबाजी की। लेकिन, सर्वे शांतिपूर्ण तरीके से पूरा हुआ। बाहर भीड़ को देखते हुए सर्वे टीम को पुलिस अपनी निगरानी में लेकर कोतवाली गई। सर्वे पूरा होने के बाद भीड़ की तरफ से पत्थर फेंकने शुरू हुए, फिर बवाल बढ़ता गया। छतों से पथराव और फायरिंग की गई। हिंसा में 4 मुस्लिम युवकों की जान गई। करीब 25 पुलिसकर्मी घायल हुए। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई के पीआरओ और संभल सीओ अनुज चौधरी के पैर में गोली थी। हिंसा के बाद पुलिस ने जारी किए वीडियो SP कृष्ण कुमार बिश्नोई ने हिंसा से जुड़े करीब 10 वीडियो जारी किए। ये वीडियो 24 नवं
Dainik Bhaskar CBI के पूर्व डायरेक्टर विजय शंकर का निधन:पार्थिव शरीर AIIMS को दान किया जाएगा; कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर चुके हैं
CBI के पूर्व डायरेक्टर विजय शंकर का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 76 वर्षीय शंकर पिछले कुछ समय से नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। उनके परिवार ने बताया कि उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार विजय शंकर का पार्थिव शरीर AIIMS को दान कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश कैडर के 1969 बैच के IPS अधिकारी विजय शंकर ने 12 दिसंबर 2005 से 31 जुलाई 2008 तक CBI के डायरेक्टर के रूप में काम किया था। उनके कार्यकाल के दौरान, एजेंसी ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच की थी। हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच की विजय शंकर ने CBI के डायरेक्टर रहते हुए आरुषि-हेमराज डबल मर्डर केस की जांच कर चुके हैं। इसके अलावा जब वे सीबीआई के एडिशनल डायरेक्टर थे, तब उनकी निगरानी में ही पुर्तगाल से गैंगस्टर अबू सलेम और अभिनेत्री मोनिका बेदी का प्रत्यर्पण किया गया था। वे तेलगी घोटाले (स्टांप पेपर घोटाला) की जांच में भी शामिल थे। BSF में इंस्पेक्टर जनरल के रूप में भी काम किया CBI डायरेक्टर बनने से पहले शंकर NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड के प्रमुख रह चुके थे। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (BSF) में इंस्पेक्टर जनरल के रूप में भी काम किया है। 1990 के दशक में जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां चरम पर थीं, तब शंकर वहीं तैनात थे। मॉस्को में भी कर चुके हैं काम विदेश मंत्रालय में रहते हुए विजय शंकर मॉस्को में भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस में भी सेवाएं दी है। शंकर राष्ट्रपति पुलिस मेडल से भी सम्मानित हो चुके हैं। ............. ये खबर भी पढ़ें… CBI चीफ का फर्जी एआई कॉल:डॉक्टर को मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखा ठगे 21 लाख रुपए ग्वालियर निवासी आयुर्वेदिक डॉक्टर को पत्नी समेत ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करके 21 लाख रुपए हैदराबाद के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए। खास बात यह है कि इस ठगी में सीबीआई चीफ प्रवीण सूद का चेहरा लगाकर वीडियो कॉल किया गया था। ठग ने डॉक्टर से कहा कि ‘आप मनी लॉड्रिंग गैंग में शामिल हो, संपत्ति जब्त और उम्र कैद की सजा होगी। पूरी खबर पढ़ें…
Dainik Bhaskar SC का निर्देश- सेक्सुअल हैरेसमेंट पर राज्य कंप्लेंट कमेटी बनाएं:कहा- POSH एक्ट लागू हुए इतने साल बीते, इसका पालन नहीं होना चिंताजनक है
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वर्कप्लेस पर महिलाओं के प्रिवेंशन ऑफ सेक्शुअल हैरेसमेंट एक्ट (PoSH) 2013 के लिए इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (ICC) बनाने की निर्देश दिया है। जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच का ये निर्देश गोवा यूनिवर्सिटी के पूर्व विभागाध्यक्ष ऑरेलियानो फर्नांडीस की याचिका पर आया। उन्होंने पूछा कि सुप्रीम कोर्ट ने मई 2023 को केंद्र और राज्य सरकारों को ये वेरिफाई करने को कहा गया था कि क्या वर्कप्लेस पर सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोपों की जांच के लिए सभी मंत्रालयों और विभागों में पैनल गठित किए गए हैं या नहीं। इसके साथ ही फर्नांडीस ने उन पर लगे सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोपों पर बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा- प्रिवेंशन ऑफ सेक्शुअल हैरेसमेंट एक्ट (PoSH) 2013 में आया था। इतने वक्त बाद भी इसे लागू करने में इतनी गंभीर खामियां मिलना चिंताजनक है। ऐसा होना बहुत ही ज्यादा दुखद है। क्योंकि इसका राज्यों की कार्यशैली, पब्लिक अथॉरिटी और पब्लिक संस्थानों पर खराब असर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट खारिज किया बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश ऑरेलियानो फर्नांडीस को यूनिवर्सिटी की डिसिप्लिनरी कमेटी ने नौकरी से हटा दिया था और भविष्य में दोबारा कभी काम पर न रखने कहा था। इस आदेश को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जारी रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जांच के दौरान चूक हुई। जिससे नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ। इसलिए बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को रद्द किया जाता है। .................................................. सुप्रीम कोर्ट से जुड़ीं अन्य खबरें... सुप्रीम कोर्ट बोला- चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, डाउनलोड करना अपराध: मद्रास हाईकोर्ट का फैसला पलटा; कहा- अदालतें इस शब्द का इस्तेमाल भी न करें सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को कहा था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना और देखना POCSO और IT एक्ट के तहत अपराध है। सीजेआई वाली तीन जस्टिस की बेंच ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए फैसला सुनाया था। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर कोई ऐसा कंटेंट डाउनलोड करता और देखता है, तो यह अपराध नहीं, जब तक कि नीयत इसे प्रसारित करने की न हो। पूरी खबर पढ़ें... बच्चों से जुड़े यौन उत्पीड़न के मामले में सम
Dainik Bhaskar चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की सुनवाई से CJI हटे:नई बेंच 6 जनवरी से सुनवाई करेगी; CJI को पैनल से हटाने पर कांग्रेस ने याचिका लगाई
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्त (EC) की नियुक्ति से जुड़े मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। मामले की सुनवाई 6 जनवरी से शुरू होगी और इसके लिए नए बेंच का गठन किया जाएगा। 2 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि CEC और EC की नियुक्ति तीन सदस्यीय पैनल की तरफ से की जाएगी। इसमें प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शामिल होंगे। सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय बेंच ने यह फैसला सुनाया था। इसमें CJI संजीव खन्ना भी शामिल थे, तब वे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस थे। हालांकि, 21 दिसंबर 2023 को सरकार ने एक नया विधेयक पारित किया, जिसमें चीफ जस्टिस को पैनल से हटा दिया गया और उनकी जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल किया गया। इसे प्रधानमंत्री चुनेंगे। केंद्र सरकार के इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस कार्यकर्ता जया ठाकुर ने याचिका दायर की है। इस विवाद के बावजूद केंद्र ने ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया था। अब जानिए क्या है पूरा मामला... 2 मार्च 2023: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- सिलेक्शन पैनल में CJI को शामिल करना जरूरी CEC और EC की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक पैनल करेगा। इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और CJI भी शामिल होंगे। इससे पहले सिर्फ केंद्र सरकार इनका चयन करती थी। यह कमेटी CEC और EC के नामों की सिफारिश राष्ट्रपति से करेगी। इसके बाद राष्ट्रपति मुहर लगाएंगे। तब जाकर उनकी नियुक्ति हो पाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह प्रोसेस तब तक लागू रहेगा, जब तक संसद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर कोई कानून नहीं बना लेती। 21 दिसंबर 2023: संसद के दोनों सदनों में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा नया बिल पास केंद्र सरकार CEC और EC की नियुक्ति, सेवा, शर्तें और अवधि से जुड़ा नया बिल लेकर आई। इसके तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति तीन सदस्यों का पैनल करेगा। इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष का नेता और एक कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे। पैनल से CJI को बाहर रखा गया था। 21 दिसंबर 2023 को शीतकालीन सत्र के दौरान यह बिल दोनों सदनों में पास हो गया। नए कानून पर विपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई थी
Dainik Bhaskar गडकरी बोले- राजनीति अतृप्त आत्माओं का महासागर:यहां हर व्यक्ति दुखी है; सबको अपने पद से ऊंचे पद की लालसा है
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजनीति अतृप्त आत्माओं का एक सागर है, जहां हर व्यक्ति उदास है और अपनी मौजूदा पोजिशन से ऊंची पोस्ट की उम्मीद लगाए बैठा है। रविवार को नागपुर में ‘50 रूल्स ऑफ गोल्डन लाइफ’ के लॉन्च के दौरान उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि जिंदगी समझौतों, मजबूरियों, सीमाओं और विरोधाभासों का खेल है। इंसान चाहे परिवार के बीच हो, समाज में हो, राजनीति में या कॉर्पोरेट जीवन में, जिंदगी चुनौतियों और परेशानियों से भरी रहती है। व्यक्ति को इनका सामना करने के लिए ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ सीखना चाहिए। गडकरी बोले- मुख्यमंत्री को डर है कि उसे हाईकमान कब हटा दे गडकरी ने हाल में राजस्थान के कार्यक्रम का जिक्र किया। यहां उन्होंने कहा था कि राजनीति अतृप्त आत्माओं का महासागर है। हर कोई हां दुखी है। कॉर्पोरेटर उदास है, क्योंकि उसे MLA बनने का मौका नहीं मिला, MLA दुखी है क्योंकि उसे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। जो मंत्री बन गया, वह दुखी है क्योंकि उसे अच्छा विभाग नहीं मिला और वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। और मुख्यमंत्री इस बात से परेशान है कि उसे नहीं पता हाईकमान कब उसे हटने को कह देगा। गडकरी ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन का कोट याद किया गडकरी ने कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में वे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की ऑटोबायोग्राफी का एक कोट याद रखते हैं, जो कहता है कि व्यक्ति के हार जाने से वह खत्म नहीं हो जाता, वह तब खत्म होता है जब वह खुद हार मान लेता है। गडकरी ने खुशहाल जीवन के लिए अच्छे मानव मूल्यों और संस्कारों पर जोर दिया। जीवन जीने और सफल होने के लिए अपने गोल्डन रूल को शेयर करते हुए उन्होंने ‘व्यक्ति, पार्टी और पार्टी के सिद्धांतों’ की अहमियत के बारे में भी बात की।
Dainik Bhaskar इंजीनियरिंग छात्रा रेप-मर्डर केस में फांसी की सजा पर रोक:रेप के बाद जलाकर मार डाला, हाईकोर्ट ने कहा था- फांसी से कम ठीक नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या के दोषी 30 वर्षीय युवक की मौत की सजा पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, पंकज मिथल और उज्ज्वल भुईयां की पीठ ने मामले में ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट का रिकार्ड पेश करने का निर्देश दिया है। निचली अदालत ने 2019 में घटना के दोषी बिहार के नवादा जिले के राहुल कुमार उर्फ राहुल राज को फांसी की सजा दी थी, जिसे रांची हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा था। राहुल ने इसी सजा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जानिए पूरी घटना..., तब रांची की सड़कों पर भड़का था गुस्सा बीटेक की 19 वर्षीय छात्रा रांची की बूटी बस्ती में अपनी बहन के साथ रहती थी। उसके माता-पिता भी आते-जाते थे। 15 दिसंबर 2016 को छात्रा घर में अकेली थी। शाम छह बजे कॉलेज से लौटी थी। राहुल ने उसका दिनभर पीछा किया था। छात्रा को इसका एहसास नहीं था। 16 दिसंबर की सुबह करीब 4 बजे राहुल उसके घर के ग्रिल का ताला किसी तरह खोलकर अंदर घुस आया। उसके साथ रेप किया और जब छात्रा अचेत हो गई तो तार से उसका गला घोंट दिया। छात्रा के शरीर से कपड़े उतारे और मोटर में डालने के लिए घर में रखा मोबिल बॉडी पर डालकर आग लगा दी। उसने छात्रा के कपड़े दूसरे कमरे में फेंक कर आग लगा दी। इसके बाद वह दरवाजा बंद कर भाग गया। इस जघन्य घटना के बाद रांची में लोग भड़क गए। कई दिनों तक प्रदर्शन हुए। बाद में इस मामले की जांच CBI को सौंपी गई। एजेंसी ने करीब 300 लोगों से पूछताछ की। मोबाइल कॉल के आधार पर राहुल का पता लगाया गया था। आरोपी पर पटना और लखनऊ में पहले से दर्ज है रेप केस राहुल नालंदा के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के घुरगांव का रहने वाला है। जांच में पता चला कि वह (राहुल) आदतन अपराधी है। वह बूटी बस्ती में ही रहता था। उस पर पहले से पटना और लखनऊ में रेप के मामले दर्ज थे। CBI जब राहुल की तलाश में उसके गांव पहुंची तो पता चला कि वह रेप के एक केस में लखनऊ जेल में बंद है। एजेंसी ने राहुल की मां के खून का सैंपल लेकर DNA टेस्ट कराया। छात्रा की बॉडी से उठाए गए स्वाब और नाखून के भीतरी अंश से DNA मैच कर गया। बाद में राहुल को लखनऊ जेल से प्रोडक्शन वारंट पर रांची लाकर पूछताछ की गई। हाईकोर्ट ने की थी तल्ख टिप्पणी दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट ने राहुल राज को IPC की धारा 302, 376, 449 और 201 के तहत दोषी ठहराया
Dainik Bhaskar थिएटर एक्टर ने स्टेज पर सुअर मारा, कच्चा ही खाया:सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल; नाटक में राक्षस का किरदार निभा रहा था
ओडिशा के गंजम जिले में एक थिएटर एक्टर ने मंच पर जिंदा सुअर का पेट फाड़कर उसका मांस खा लिया। आरोपी नाटक में राक्षस का किरदार निभा रहा था। कांजियोला यात्रा के अवसर पर रालाबा गांव में 24 नवंबर को धार्मिक नाटक का आयोजन हुआ था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद छिड़ गया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी 45 साल के बिंबाधर गौड़ा को जानवरों के प्रति क्रूरता के आरोप में गिरफ्तार किया है। घटना से राज्यभर में आक्रोश फैल गया। सोमवार को ओडिशा विधानसभा में भी भाजपा नेता बाबू सिंह और सनातन बिजुली ने इस घटना की कड़ी निंदा की। भीड़ जुटाने सांप का प्रदर्शन किया नाटक में सुअर खाने के अलावा भीड़ जुटाने के लिए खुलेआम स्टेज पर सांप भी दिखाया गया। बेरहामपुर के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) सनी खोखर ने कहा कि हम उन लोगों की भी तलाश कर रहे हैं जिन्होंने थिएटर में सांप दिखाए। उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दरअसल, पिछले साल अगस्त में ओडिशा सरकार ने पब्लिक में सांप दिखाने पर रोक लगा दी थी। नाटक का आयोजक भी गिरफ्तार सुअर खाने वाले आरोपी बिंबाधर के अलावा नाटक के आयोजक को भी गिरफ्तार किया गया है। उस पर पशुओं के प्रति क्रूरता और वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप है। पुलिस ने आयोजक का नाम नहीं बताया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दोनों के खिलाफ कार्रवाई की गई। पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इसकी निंदा की और आरोपियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग की। .............. ये खबर भी पढ़ें वन्य प्राणियों की मौत की पीएम रिपोर्ट ऑनलाइन होगी, इन्वेस्टिगेशन क्लैरिटी के लिए मौत वाली जगह की गूगल लोकेशन भी होगी शेयर भोपाल के टाइगर रिजर्व और अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर फोकस करने वाला वन महकमा अब इनकी मौत के कारणों की पूरी जानकारी भी ऑनलाइन रखेगा। इस मामले में खासतौर पर पिछले माह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के बाद गंभीरता दिखाई गई है और सरकार के फैसले के बाद वन विभाग ने वन्य प्राणियों की मौत के बाद वेब आधारित पोस्टमार्टम रिपोर्टिंग सिस्टम तैयार किया है। पूरी खबर पढ़ें...
Dainik Bhaskar विक्रांत मैसी फिल्मों से रिटायरमेंट नहीं ले रहे:कहा- लोग मेरी बात नहीं समझे, बस लंबा ब्रेक चाहिए, हेल्थ सही नहीं है
एक्टर विक्रांत मैसी फिल्मों से रिटायर नहीं हो रहे। वे बस लंबा ब्रेक चाहते हैं। दरअसल विक्रांत ने सोमवार को पोस्ट के जरिए फिल्मों से अनिश्चितकाल के लिए ब्रेक का ऐलान किया था। उनकी पोस्ट से ऐसा लगा कि वे अब फिल्मों में नजर नहीं आएंगे। हालांकि, 24 घंटे के भीतर उन्होंने इस पर सफाई दे दी है। विक्रांत ने कहा कि लोग मेरी बात को ठीक से समझ नहीं पाए। मैं थोड़ा थक गया हूं और कुछ दिन फैमिली के साथ बिताना चाहता हूं। विक्रांत बोले- मेरी हेल्थ सही नहीं विक्रांत मैसी ने न्यूज 18 से कहा- मैं रिटायर नहीं हो रहा। मुझे एक लंबा ब्रेक चाहिए। घर को मिस कर रहा हूं, साथ ही हेल्थ भी कुछ ठीक नहीं है। लोगों ने मेरी बात का गलत अर्थ निकाल लिया। विक्रांत के फैसले ने सबको हैरान कर दिया था विक्रांत मैसी ने सोमवार को पोस्ट करके अपने फैंस और इंडस्ट्री के लोगों को भी हैरान कर दिया था। उन्होंने लिखा था- हैलो, पिछले कुछ साल और उसके बाद के साल शानदार रहे हैं। मैं आपके लगातार समर्थन के लिए आप सभी का धन्यवाद करता हूं, लेकिन जैसे-जैसे मैं आगे बढ़ता हूं, मुझे यह एहसास हुआ है कि अब खुद को फिर से संतुलित करने और घर वापस जाने का समय आ गया है। एक पति, पिता, बेटे और अभिनेता के रूप में भी, तो 2025 में हम आखिरी बार एक-दूसरे से मिलेंगे। द साबरमती रिपोर्ट के दौरान विक्रांत को धमकियां मिली थीं ब्रेक लेने से पहले विक्रांत की अंतिम फिल्म द साबरमती रिपोर्ट है, जो 15 नवंबर को रिलीज हुई थी। यह फिल्म गोधरा कांड और उसके बाद हुए गुजरात दंगों पर आधारित है। ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही फिल्म विवादों में आ गई थी। फिल्म के लीड एक्टर विक्रांत मैसी को धमकियां मिल रही थीं। इस बारे में खुद विक्रांत ने दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया था। विक्रांत ने बताया था कि विरोधियों ने उनके 9 महीने के बच्चे को भी नहीं छोड़ा और उसके बारे में अनाप-शनाप बातें की थीं। पूरी खबर पढ़िए... PM मोदी ने भी देखी द साबरमती रिपोर्ट, तारीफ भी की इसी बीच PM मोदी ने भी अपने मंत्रिमंडल और सांसदों के साथ 2 दिसंबर (सोमवार) को विक्रांत की फिल्म द साबरमती रिपोर्ट देखी। उन्होंने फिल्म देखने के बाद मेकर्स की तारीफ भी की। खुद विक्रांत भी PM मोदी के साथ फिल्म देखने पहुंचे थे। इसकी स्क्रीनिंग संसद भवन के बालयोगी ऑडियोटोरियम में रखी गई थी। विक्रांत ने इस
Dainik Bhaskar MBBS स्टूडेंट छठी मंजिल से कूदा, मौत:पेपर खराब होने से तनाव में था, रात को प्रिंसिपल के बर्थडे में हुआ था शामिल
सिरोही के सरकारी मेडिकल कॉलेज के MBBS द्वितीय वर्ष के छात्र ने छठी मंजिल से कूदकर सुसाइड कर लिया। स्टूडेंट का सोमवार को एग्जाम था। पेपर अच्छा नहीं होने की वजह से वह परेशान था। मंगलवार सुबह 7 बजे स्टूडेंट्स ने उसे नीचे गिरा देखा। उसे हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शिवगंज डीएसपी पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया- सोमवार रात करीब ढाई बजे पालड़ी एम थाना क्षेत्र के बीआर अम्बेडकर मेडिकल कॉलेज के राहुल गरासिया ने सुसाइड किया है। वह पाली के बाली तहसील स्थित पणेतरा गांव का रहने वाला था। राहुल गरासिया रात करीब ढाई बजे तक साथ के स्टूडेंट्स के साथ तीसरी मंजिल पर उसके कमरे में पढ़ाई कर रहा था। इसके बाद वह दोस्तों को सोने की बात कहकर कमरे से निकल गया था। छठी मंजिल पर मिला स्टूडेंट का सामान डीएसपी ने बताया कि सूचना मिलने पर वे हॉस्पिटल पहुंचे। शव को ट्रॉमा सेंटर में रखवाया है। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. श्रवण कुमार मीणा ने रिपोर्ट दी है। परिजनों की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई शुरू की जाएगी। स्टूडेंट का छठी मंजिल पर मोबाइल, जैकेट और चप्पल मिले हैं। सेकेंड ईयर के चल रहे थे एग्जाम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. श्रवण कुमार मीणा ने बताया कि राहुल गरासिया साल 2022 बैच का एमबीबीएस स्टूडेंट था। वो अभी एमबीबीएस के सेकेंड ईयर में था। उसके फाइनल एग्जाम चल रहे थे। पेपर अच्छा नहीं होने पर वह तनाव में था। इस हादसे से दूसरे स्टूडेंट्स को भी तनाव हो सकता है। बच्चों को तनाव नहीं हो, इसलिए वे लगातार सभी बच्चों के संपर्क में रह रहे हैं। सोमवार को उन्होंने बच्चों के साथ खुद का जन्मदिन भी मनाया था और केक भी काटा था। इस आयोजन में राहुल भी शामिल हुआ था। प्रिंसिपल डॉ. श्रवण कुमार मीणा ने बताया फिलहाल सुसाइड के कारणों का पता नहीं चल पाया है। घटना की जानकारी मिलने पर मेडिकल कॉलेज के छात्र बड़ी संख्या में मौके पर और फिर जिला अस्पताल पहुंचे। सूचना मिलने पर छात्र के पिता रेशमा जोधावत ग्रामीणों के साथ अस्पताल पहुंचे।
Dainik Bhaskar ओलिंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु उदयपुर में करेंगी शादी:IT कंपनी के डायरेक्टर के साथ 22 दिसंबर को लेंगी फेरे; 3 दिन चलेंगे फंक्शन
झीलों की नगरी उदयपुर एक बार फिर बड़े सेलिब्रिटी की शादी का गवाह बनने वाली है। देश के लिए दो बार ओलिंपिक मेडल जीतने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु अपनी शादी उदयपुर में करने वाली हैं। पीवी सिंधु 22 दिसंबर को पोसीडेक्स टेक्नोलॉजीस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर वेंकट दत्ता के साथ शादी के बंधन में बंधने वाली हैं। सिंधु ने हाल में लखनऊ में सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीता है। एक महीने पहले परिवार ने शादी की फाइनल एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में सिंधु के पिता पीवी रमन ने कहा- दोनों परिवार लंबे समय से एक-दूसरे को जानते हैं। सिंधु का जनवरी से कार्यक्रम काफी काफी व्यस्त रहने वाला है, जिसको देखते हुए शादी के लिए यही समय सही लगा। एक महीने पहले ही शादी फाइनल हुई है। उदयपुर में 3 दिन होंगे फंक्शन पी वी. सिंधु की शादी के फंक्शन 20 दिसंबर से शुरू हो जाएंगे। 3 दिन शादी की रस्में उदयपुर में होंगी। 24 दिसंबर को हैदराबाद में रिसेप्शन होगा। सूत्रों के अनुसार होटल उदय विलास पैलेस, होटल राफेल या होटल अरावली ताज में से किसी एक में सिंधु की शादी हो सकती है। फिलहाल किसी भी होटल ने बुकिंग के बारे में कन्फर्म नहीं किया है। कौन है सिंधू के होने वाले पति वेंकट दत्ता साईं ने फाउंडेशन ऑफ लिबरल एंड मैनेजमेंट एजुकेशन से लिबरल आर्ट्स एंड साइसेंज/लिबरल स्टडीज में डिप्लोमा किया है। उन्होंने 2018 में फ्लेम यूनिवर्सिटी ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से अपना बीबीए अकाउंटिंग एंड फाइनेंस पूरा किया। इसके बाद इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी बंगलौर से डाटा साइंस एंड मशीन लर्निंग में मास्टर्स डिग्री पूरी की। अंबानी से लेकर बॉलीवुड स्टार ने भी उदयपुर को चुना साल की शुरुआत में 5 जनवरी से 11 जनवरी के बीच बॉलीवुड एक्टर आमिर खान की बेटी आयरा खान ने अपने बॉयफ्रेंड नूपुर शिखरे से उदयपुर में शादी की थी। यह इस साल की सबसे पॉपुलर सेलिब्रिटी वेडिंग रही। उदयपुर के ताज अरावली होटल में 7 दिन तक इसके वेडिंग फंक्शन चले। इसके बाद 29 से 31 जनवरी के बीच बॉलीवुड एक्टर सनी देओल की भांजी निकिता चौधरी की शादी भी यहीं हुई। इसमें देओल फैमिली के अलावा बड़ी संख्या में एनआरआई जुटे। हाल में बॉलीवुड सिंगर नितिन मुकेश के बेटे की शादी हुई बॉलीवुड सिंगर नितिन मुकेश के छोटे बेटे की शादी उदयपुर के हवाला स्थित फाइव स्टार होटल
Dainik Bhaskar आर्मी कैंप से लापता शख्स को ढूंढ रहे 2000 जवान:मणिपुर के लीमाखोंग से 9 दिन गायब हैं लैशराम; ट्रैकर डॉग-ड्रोन भी सर्चिंग में जुटे
मणिपुर के लीमाखोंग कैंप से 25 नवंबर को लापता हुए 56 साल के लैशराम को सेना और पुलिस के 2000 जवान मिलकर खोज रहे हैं। मणिपुर पुलिस सोमवार को किए फेसबुक पोस्ट में बताया कि लैशराम का पता लगाने के लिए मणिपुर पुलिस हेलीकॉप्टरों, ड्रोन और सेना के ट्रैकर कुत्तों की मदद ले रही है। इसके लिए टेक्नोलॉजी का सहारा भी लिया जा रहा है। लैशराम कमलबाबू के लापता होने पर सेकमाई पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है। इसके बाद 30 नवंबर को CM बीरेन सिंह ने कहा था कि लापता शख्स सेना के अधिकारियों के लिए फर्नीचर बनाता था। वह सेना के कैंपस से गायब हुआ इसलिए सेना को ही उसे खोजने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इनर मणिपुर से कांग्रेस सांसद ए. बिमोल अकोईजाम ने भी मंगलवार को कहा, 'आर्मी कैंप से एक व्यक्ति के लापता होने का मामले पर मैंने मीडिया के जरिए अपील की थी। जब भी मुझे मौका मिलेगा मैं इस मुद्दे को उठाऊंगा'। जिस आर्मी कैंप से गायब हुए लैशराम, वह कुकी बहुल इलाका कांगपोकपी जिले में बना 57वें माउंटेन डिवीजन लीमाखोंग आर्मी कैंप राजधानी इंफाल से लगभग 16 किमी दूर है और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यह एक कुकी बहुल इलाका है। लैशराम, अपने परिवार के साथ इंफाल पश्चिम के खुखरुल में रहते थे। पिछले साल मई में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद लीमाखोंग के पास रहने वाले मैतेई लोग भाग गए थे, जिनमें अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। क्या हुआ था 25 नवंबर को असम के कछार में उधारबोंड के गोसाईपुर रहने वाले लैशराम कमलबाबू सिंह, मेसर्स एल बिनोद कंस्ट्रक्शन में सुपरवाइजर के रूप में काम करते थे। लैशराम 25 नवंबर को रोज की तरह लीमाखोंग आर्मी कैंप के अंदर काम कर रहे थे। लेकिन उसके बाद लापता हो गए। 57 माउंटेन डिवीजन के गेट लॉग से पता चला कि वह कैंप में दाखिल हुए थे लेकिन बाहर नहीं निकले। सीसीटीवी फुटेज से यह साबित हुआ कि 25 नवंबर की सुबह करीब 9:15 बजे लैशराम कैंप में दाखिल हुए लेकिन उन्हें बाहर निकलते नहीं देखा गया। आमतौर पर लैशराम शाम 4 बजे तक घर लौट आते थे, लेकिन जब वह रात 8:30 बजे तक नहीं आए और फोन पर भी उनसे संपर्क नहीं हो पाया, तो उनके परिवार ने पुलिस को खबर की। लैशराम की खोज में देरी का विरोध, सड़कें जाम कीं सिंह के लापता होने के बाद विरोध में बनाई गई संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) ने सैन्य स्टेशन से लगभग 2.5 किमी दूर कांटो सबल
Dainik Bhaskar लुधियाना में प्रशासन ने मांगा 7 दिन का टाइम्:हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को छोड़ा, लक्खा सिधाना को भी छोड़ने का ऐलान
लुधियाना में बुड्ढा नाला प्रकरण को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन ने देर शाम हिरासत में लिए गए सभी प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया है। एडीसी अमरजीत बैंस प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे और कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिलाया। काला पानी द मोर्चा के मुखी लक्खा सिधाना को भी छोड़ने का किया ऐलान किया गया। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पहले सिधाना से उनकी बात कराई जाए। सिधाना से बात करने के बाद ही वह धरने से उठेंगे। आज दोपहर बुड्ढा नाला की ओर बढ़ रहे लोगों को फिरोजपुर हाईवे पर पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के बाहर रोक लिया गया। प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने के लिए सिविल प्रशासन के कई अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिए जाने के बाद अन्य प्रदर्शनकारियों ने लुधियाना-फिरोजपुर हाईवे पर जाम लगा दिया है। जहां जहां प्रदर्शनकारी मौजूद है, वहां पर पुलिस प्रशासन ने जैमर लगा दिए हैं, ताकि मोबाइल नेटवर्क ना चल सके। इससे पहले पुलिस ने लुधियाना के टीटू बानिया को हिरासत में ले लिया है, वहीं फिरोजपुर के रोमन बराड, मोगा के मोहिंदर सिंह, फरीदकोट के भी एक व्यक्ति समेत आधा दर्जन लोगों को हिरासत में ले लिया है। आपको बता दें कि, लक्खा सिधाना ने कुछ दिनों पूर्व बुड्ढा नाला को बंद करने का आह्वान करते हुए आंदोलन करने का ऐलान किया था। वहीं ड्राइंड इंडस्टी से जुडे़ लोगों ने भी आंदोलन करने की बात कही थी। जिस पर आज लक्खा सिधाना और उनके कई साथी बुड्ढा नाला को बंद कराने के लिए पहुंच रहे थे। लक्खा सिधना को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वहीं जगराओं में उनके साथी सुख जगराओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। काला पानी द मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन लुधियाना के बुड्डे नाले की सफाई व काले पानी के खिलाफ काला पानी द मोर्चा संस्था का गठन किया गया है, जिसके बैनर तले ही मंगलवार को राजस्थान से 1500 के करीब लोग पंजाब के लुधियाना पहुंच रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि लुधियाना के बुड्डा नाले में फैली गंदगी व काला कैमिकल युक्त पानी सतलुज में मिल जाता है और बाद में पानी राजस्थान पहुंचता है, जिसे पीने से राजस्थान के सैकडों लोग बीमार हो चुके हैं। राजस्थान के लोगों द्वारा लुधियाना में धरना प्रदर्शन की खबर के साथ पुलिस प्रशासन की ओर से शहर की सीमाओं पर 2 हजार
Dainik Bhaskar लखनऊ एयरपोर्ट पर कोरियर में नवजात का शव मिला:प्लास्टिक के डिब्बे में केमिकल भरकर पैक किया था, इस पर मुंबई का एड्रेस
लखनऊ एयरपोर्ट पर कोरियर में 1 महीने के बच्चे का शव मिला है। मंगलवार सुबह कार्गो के सामान की स्कैनिंग में बॉडी डिटेक्ट हुई। शव प्लास्टिक के डिब्बे में पैक था। अंदर लिक्विड भरा था। डिब्बे को इंडिगो की फ्लाइट 6E 2238 से लखनऊ से मुंबई भेजा जा रहा था। कोरियर बुक कराने वाले एजेंट शिव बरन को CISF ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है। उससे पूछताछ जारी है। स्कैनिंग के दौरान मिली डेडबॉडी लखनऊ एयरपोर्ट में कार्गो स्टाफ मंगलवार सुबह कार्गो के लिए बुक होने वाले सामान की स्कैनिंग कर रहा था। इसी दौरान एक प्राइवेट कंपनी का कोरियर एजेंट कार्गो के जरिए सामान बुक कराने आया। कार्गो स्टाफ अंकित कुमार ने उसके सामान की स्कैनिंग शुरू की। इस दौरान नवजात का शव डिटेक्ट हुआ। इसके बाद कार्गो कर्मचारियों ने पैकेट खोला, देखा तो प्लास्टिक के डिब्बे के अंदर बच्चे का शव था। कार्गो कर्मचारियों ने CISF और पुलिस को सूचना दी। इंदिरा IVF हजरतगंज से नवी मुंबई जा रहा था कोरियर यह कोरियर लखनऊ के हजरतगंज स्थित इंदिरा IVF हॉस्पिटल से चंदन यादव ने बुक कराया था। इसे नवी मुंबई के रुपा सोलिटायर प्रीमिसेस, सीओ, ओपी, एसओसी, लिमिटेड, सेक्टर-1 बिल्डिंग नंबर-1, मिलेनियम बिजनेस पार्क के पते पर भेजा जा रहा था। एजेंट नहीं दिखा पाया कोई कागजात एयरपोर्ट चौकी प्रभारी ने बताया कि लखनऊ एयरपोर्ट कार्गो परिसर में बच्चे का शव मिला है। इसके बारे में कोरियर कराने आए युवक से पूछताछ की जा रही है। किसी व्यक्ति ने शव को परीक्षण कराने के लिए मुंबई भेजा है, यह जानकारी सामने आ रही है। हालांकि, इसके संबंध में फ्लाइट से बॉडी ले जाने से जुड़े कोई कागजात कोरियर एजेंट नहीं दिखा पाया। ------------------------------------------------------------ यह खबर भी पढ़ें: लखनऊ में नवजात का शव मिला:पारा के स्कूल मैदान में ग्रामीणों ने देखा, पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा लखनऊ के पारा में नवजात का शव मैदान में पड़ा मिला। राहगीरों और आस-पास के लोगों ने शव को देखकर पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू की। पारा के हँसखेड़ा गांव के पास जयपुरिया स्कूल के मैदान में नवजात का शव पड़ा मिला। पढ़ें पूरी खबर...
Dainik Bhaskar राजस्थान- बेटों की हत्या के बाद पति-पत्नी ने सुसाइड किया:तीन शव फंदे पर लटके मिले, जबकि तीन साल के बेटे की लाश बिस्तर पर पड़ी थी
झालावाड़ में पति-पत्नी ने अपने दो बेटों की पहले हत्या की, फिर दोनों (दंपती) ने सुसाइड कर लिया। पति-पत्नी और 7 साल के बेटे का शव एक ही कमरे में फंदे पर लटके मिले। तीन साल के बेटे का शव उसी कमरे में बेड पर पड़ा था। पुलिस ने शवों को उतरवाकर मॉर्च्युरी भिजवाया। सुसाइड के कारणों की जानकारी नहीं हो पाई है। पुलिस जांच में जुटी है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मरने वालों में नागू सिंह (38), उसकी पत्नी संतोष बाई (30), बेटा युवराज सिंह (7), एक तीन साल का छोटा बेटा शामिल हैं। नागू सिंह और पूरा परिवार गंगधार थाना इलाके के जेताखेड़ी में रहता था। सुबह 8 बजे पुलिस को सूचना मिली एसपी ऋचा तोमर ने बताया- मंगलवार सुबह करीब 8 बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि एक घर में चार लोगों ने सुसाइड कर लिया है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर चौमहला हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाया है। सुसाइड के कारणों की जानकारी की जा रही है। सबसे छोटे बेटे का शव बिस्तर पर पड़ा था गंगधार SHO अमरनाथ जोगी ने बताया कि पति-पत्नी और बड़े बेटे का शव कमरे में छत के कड़े पर फंदे पर लटका मिला, जबकि तीन साल के बेटे का शव बिस्तर पर पड़ा हुआ था। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि दोनों बच्चों को पहले मौत के घाट उतारने के बाद पति-पत्नी फंदे पर लटक गए। फिलहाल सुसाइड के कारणों का पता नहीं चल पाया है। परिजनों और आसपास से लोगों से पूछताछ की जा रही है। खबर लगातार अपडेट की जा रही है....
Dainik Bhaskar त्रिपुरा में बांग्लादेशियों को रहने-खाने नहीं मिलेगा:पड़ोसी देश में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा के विरोध में होटल-रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने लिया फैसला
त्रिपुरा के होटल संचालकों ने बांग्लादेशी यात्रियों को अपने यहां कमरा न देने का फैसला लिया है। रेस्टोरेंट संचालकों ने भी बांग्लादेशियों को खाना देने से इनकार कर दिया है। ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (ATHROA) के जनरल सेक्रेटरी सैकत बंदोपाध्याय ने बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के चलते सोमवार को इमरजेंसी मीटिंग कर यह फैसला लिया गया है। इससे पहले अगरतला के ILS मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल ने भी बांग्लादेशी मरीजों का इलाज न करने का फैसला लिया था। त्रिपुरा में बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन में घुसपैठ त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में सोमवार को बांग्लादेशी कमीशन के आसपास कई लोगों ने चटगांव इस्कॉन के पूर्व प्रमुख चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में रैली निकाली थी। इस दौरान 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन के परिसर में घुस गए। विदेश मंत्रालय ने की थी निंदा त्रिपुरा में हुई घटना की भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को निंदा की थी। मंत्रालय ने कहा था- आज अगरतला में बांग्लादेश असिस्टेंट हाई कमीशन के परिसर में घुसपैठ की घटना बहुत ही अफसोसजनक है। किसी भी हालात में डिप्लोमैटिक और कांसुलर प्रॉपर्टी को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाईकमीशन और देशभर में अन्य असिस्टेंट कमीशन की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया। कोलकाता के डॉक्टरों ने बांग्लादेशियों के इलाज से इनकार किया बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमले के विरोध में पश्चिम बंगाल में भी कुछ डॉक्टरों ने बांग्लादेशी मरीजों का इलाज करने से इनकार कर दिया है। सिलीगुड़ी में डॉक्टर शेखर बंदोपाध्याय ने अपने प्राइवेट क्लिनिक में तिरंगा लगाया है। डॉक्टर ने झंडे के साथ मैसेज में लिखा- भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारी मां की तरह है। कृपया चैंबर में एंट्री करने से पहले तिरंगे को सलाम करें। खासकर बांग्लादेशी मरीज, अगर वे सलाम नहीं करते हैं, तो उन्हें अंदर आने नहीं दिया जाएगा। -------------------------------- ये खबर भी पढ़िए... बांग्लादेश में चिन्मय प्रभु के वकील पर हमला, हालत गंभीर:कट्टरपंथियों ने घर में तोड़फोड़ भी की बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के केस की पैरवी करने वाले वकील पर हमला हुआ है। कोलकाता