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Dainik Bhaskar संभल SP ने न्यायिक आयोग को बताया हिंसा का सीन:भीड़ सामने से पथराव कर रही थी, बाइक फूंक दी...छतों से भी फेंके पत्थर

संभल हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग की टीम जामा मस्जिद पहुंच गई है। टीम में तीन सदस्य हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस डीके अरोड़ा, यूपी के पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन और रिटायर्ड प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद हैं। टीम सबसे पहले हिंसा प्रभावित जामा मस्जिद इलाके पहुंची। पहले बाहर का निरीक्षण किया और फिर मस्जिद के अंदर गई। एसपी कृष्ण विश्नोई ने टीम को ब्रीफ किया। उन्होंने बताया कि 24 नवंबर के दिन किन घरों से पथराव हुआ और कहां से हिंसा की शुरुआत हुई। कमिश्नर, डीआईजी और डीएम भी साथ हैं। इससे पहले, शनिवार को शाही जामा मस्जिद मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने चंदौसी कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। ASI के वकील विष्णु शर्मा ने कहा- यहां प्राचीन इमारत और पुरातत्व अवशेषों के संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन किया गया। मस्जिद के बाहर सीढ़ियों पर जो निर्माण करवाया गया है, उसके खिलाफ पहले से FIR दर्ज है। संभल हिंसा से जुड़ी अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...

Dainik Bhaskar कुलदीप बिश्नोई को लेकर बिश्नोई महासभा दोफाड़:14 मेंबर BJP नेता को संरक्षक पद से हटाने के खिलाफ उतरे; बोले- बूड़िया का फैसला गलत

हरियाणा के पूर्व CM चौधरी भजनलाल के BJP नेता बेटे कुलदीप बिश्नोई को लेकर अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा दोफाड़ हो गई है। महासभा के 21 में से 14 सदस्यों ने कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद पर बरकरार रखने के लिए मुरादाबाद रजिस्ट्रार सोसाइटी को हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपा है। जिसमें कहा गया है कि कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाना असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने बिना कार्यकारिणी से पूछे ऐसा निर्णय लिया जो नियमानुसार सही नहीं है। संरक्षक को हटाने के लिए कार्यकारिणी की सहमति लेनी जरूरी है जबकि 21 में से 14 सदस्य कुलदीप बिश्नोई के समर्थन में है। इन 14 में से 11 सदस्यों ने रजिस्ट्रार सोसाइटी को एफिडेविट (शपथ पत्र) भी सौंपा है। कार्यकारिणी के सदस्यों का कहना है कि "अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा मुकाम के अंदर एक बड़ी सभा आयोजित कर 1 साल के बाद निर्वाचन प्रक्रिया चुनाव करने का निर्णय लिया गया है। यह समाज के चंद लोगों की यह सोच है जो समाज को बांटने का कार्य कर रही है। सबको एकजुट होकर इस नीति को रोकने का प्रयास करना चाहिए"। 3 पॉइंट में जानें, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का विवाद.... 1. देवेंद्र बूड़िया ने कहा- मेरे साथ बुरा बर्ताव किया बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर कहा कि मुझे 2 दिन से रणधीर पनिहार (कुलदीप बिश्नोई के करीबी MLA) दिल्ली बुला रहे हैं। मैं आया तो मेरे साथ ट्रैजेडी की और मेरे साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया। हालांकि विधायक रणधीर पनिहार ने सफाई दी थी कि जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, ऐसी कोई बात नहीं है। 2. जोधपुर जाकर कहा- कुलदीप बिश्नोई ने मेरा अपमान किया सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के बाद देवेंद्र बूड़िया जोधपुर पहुंचे। जहां उन्होंने समाज के लोगों के साथ बैठक की और कहा कि कुलदीप बिश्नोई और रणधीर पनिहार ने मेरा अपमान किया है। मैं समाज का प्रधान हूं, कोई बाहरी (रणधीर पनिहार) समाज के व्यक्ति का कैसे अपमान कर सकता है। इस पर बिश्नोई समाज के लोग गुस्सा हुए और फैसला लिया गया कि मुकाम धाम में बड़ी बैठक बुलाकर फैसला किया जाएगा। 3. बिश्नोई समाज की मीटिंग में कुलदीप को संरक्षक पद से हटाया इसके बाद बूड़िया ने बिश्नोई समाज की मीटिंग कर कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से पदमुक्त कर दिया गया है। साथ ही फैसला लिया गया है कि अब म

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