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Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:जिनके अपने घर शीशे के हों, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए

इस संसद सत्र में ज़्यादा कामकाज नहीं हो पाया लेकिन संविधान पर चर्चा कई मायनों में दिलचस्प रही। नई सासंद प्रियंका गांधी ने पहली बार लोकसभा में भाषण दिया और बहुत हद तक वे अच्छा भी बोलीं। दूसरे दिन राहुल गांधी बोले लेकिन उनके भाषण में उतना नयापन नहीं था जितना प्रियंका के भाषण में था। बाक़ी कांग्रेसी नेता भी बोले लेकिन सभी ने मोदी सरकार पर संविधान को एक तरह से तहस नहस करने का आरोप ही लगाया। अब जिनके अपने घर शीशे के हों, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए लेकिन कांग्रेस और उसके नेताओं को समझाए कौन? जब चर्चा का जवाब देने का मौका आया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलने खड़े हुए। उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक की कई ग़लतियाँ गिना दीं जिन्हें कोई कांग्रेसी भी नकार नहीं सकता। वे 1952 में नेहरूजी द्वारा मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी से शुरू हुए। फिर श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा देश पर लादी गई इमरजेंसी तक पहुँचे। उस इमरजेंसी तक जिसे याद करके लोग आज भी काँप जाते हैं। उन्होंने कांग्रेसियों से पूछा कि इमरजेंसी में आम नागरिक के सारे संवैधानिक क़ानून निरस्त करने वाले आप संविधान की रक्षा की बात किस मुँह से कर सकते हैं? मोदी यहीं नहीं रुके। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में हुए शाहबानो मामले का भी ज़िक्र किया। दरअसल, शाहबानो प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को राजीव सरकार ने मुस्लिम तुष्टिकरण की गरज से पलट दिया था। इस मामले को उठाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा जो लोग अपनी सरकारों के रहते सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान नहीं कर पाए, वे संविधान की रक्षा की बात कैसे कर सकते हैं? यही नहीं संवैधानिक अधिकार प्राप्त मनमोहन कैबिनेट के निर्णय को राहुल गांधी द्वारा सार्वजनिक तौर पर फाड दिए जाने की घटना भी उन्होंने याद दिलाई। और यह भी कि किसी संवैधानिक पद पर न होते हुए एक व्यक्ति कैबिनेट के निर्णय को फाड देता है और वह निर्णय सरकार फिर वापस ले लेती है, इससे बड़े आश्चर्य की बात क्या हो सकती है? प्रधानमंत्री ने एक और संवेदनशील मुद्दा उठाया जिसका कांग्रेस के पास कोई जवाब ही नहीं है। उन्होंने कहा- देश के संविधान की बात तो बहुत दूर की है, कांग्रेस तो खुद अपने संविधान का सम्मान भी नहीं कर पाती! दरअसल यह मामला कांग

Dainik Bhaskar जाकिर हुसैन को पंडित रविशंकर ने उस्ताद कहा था:सबसे कम उम्र में पद्मश्री और एकसाथ तीन ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले इकलौते भारतीय

उस्ताद जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को में 73 साल की उम्र में निधन हो गया। उस्ताद कहते थे- तबले के बिना जिंदगी है, ये मेरे लिए सोचना असंभव है 20वीं सदी के सबसे विख्यात तबलावादक उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी ने जब अपने बेटे को गोद में लिया था तो कान में आयत नहीं पढ़ी, बल्कि तबले के बोल कहे। जब परिवार ने वजह पूछी तो कहा, तबले की ये तालें ही मेरी आयत है। वो बच्चा था जाकिर हुसैन, जिसने दुनियाभर को तबले की थाप पर झूमने का मौका दिया। संगीत की विरासत को रगों में संजोए जाकिर हुसैन देश के उन फनकारों में से एक थे जिन्होंने वैश्विक स्तर पर न सिर्फ भारतीय शास्त्रीय संगीत के सम्मान में चार चांद लगाए, बल्कि तालवाद्यों की दुनिया में तबले को प्रमुख स्थान भी दिलवाया। एकसाथ तीन ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले इकलौते जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को महाराष्ट्र में उस्ताद अल्लाह रक्खा और बावी बेगम के घर हुआ था। बचपन पिता की तबले की थाप सुनते ही बीता और 3 साल की उम्र में जाकिर को भी तबला थमा दिया गया, जो फिर उनसे कभी नहीं छूटा। पिता और पहले गुरु उस्ताद अल्लाह रक्खा के अलावा जाकिर ने उस्ताद लतीफ अहमद खान और उस्ताद विलायत हुसैन खान से भी तबले की तालीम ली। जाकिर ने भारत में पहला प्रोफेशनल शो 12 साल की उम्र में किया था जिसके लिए उन्हें 100 रुपए मिले थे। इसी साल उनके बैंड को ग्रैमी मिला शास्त्रीय संगीत में तो उन्हें पारंगत हासिल थी ही लेकिन कंटेंप्रेरी वर्ल्ड म्यूजिक यानी पश्चिम और पूर्व के संगीत को साथ लाने के सक्सेसफुल एक्सपेरिमेंट की वजह से उन्हें काफी यंग एज में ही इंटरनेशनल आर्टिस्ट के रूप में भी ख्याति मिली। मिकी हार्ट, जॉन मेकलॉफ्लिन जैसे आर्टिस्ट्स के साथ फ्यूजन म्यूजिक बनाने के दौरान ही उन्होंने अपना बैंड शक्ति भी शुरू किया। इसी साल, 2024 में इस बैंड को ग्रैमी से नवाजा गया है। फ्यूजन म्यूजिक बनाने के बाद भी उन्होंने कभी तबले को नहीं छोड़ा, क्योंकि उनके मुताबिक तबला बचपन से उनके साथ एक दोस्त और भाई की तरह रहा।, इसके अलावा जाकिर हुसैन उस दुर्लभ योग्यता के तबलावादक थे, जिन्होंने सीनीयर डागर ब्रदर्स, उस्ताद बड़े गुलाम अली खान साहब से लेकर बिरजू महाराज और निलाद्रि कुमार, हरिहरन जैसे 4 पीढ़ियों के कलाकारों के साथ तबले पर संगत की। सिनेमा जगत में भी उस्ताद जाकिर हुसैन का योगदान अहम है, बावर्ची, सत्

Dainik Bhaskar तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन:73 साल के थे; 2023 में मिला था पद्म विभूषण, तीन ग्रैमी अवॉर्ड विनर भी रहे

विश्व विख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन हो गया है। सोमवार सुबह उनके परिवार ने इसकी पुष्टि की। परिवार के मुताबिक हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित थे। परिवार ने बताया कि वे पिछले दो हफ्ते से सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में भर्ती थे। हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में एडमिट किया गया था। वहीं उन्होंने आखिरी सांस ली। जाकिर का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। उनके पिता का नाम उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी और मां का नाम बीवी बेगम था। जाकिर के पिता अल्लाह रक्खा भी तबला वादक थे। जाकिर हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल स्कूल से हुई थी। उन्होंने ग्रेजुएशन मुंबई के ही सेंट जेवियर्स कॉलेज से किया था।जाकिर हुसैन ने सिर्फ 11 साल की उम्र में अमेरिका में पहला कॉन्सर्ट किया था। 1973 में उन्होंने अपना पहला एल्बम 'लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड' लॉन्च किया था। रविवार देर रात निधन की गलत खबर आई थी रविवार देर रात भी उनके निधन की खबर आई थी। भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भी निधन संबंधी पोस्ट शेयर की थी। लेकिन बाद में इसे हटा लिया गया था। इसके बाद जाकिर की बहन और भांजे आमिर ने जाकिर के निधन की खबर को गलत बताया था।जाकिर हुसैन को तीन ग्रैमी अवॉर्ड मिल चुके थे। सपाट जगह देखकर उंगलियों से धुन बजाने लगते थे उस्ताद जाकिर हुसैन जाकिर हुसैन के अंदर बचपन से ही धुन बजाने का हुनर था। वे कोई भी सपाट जगह देखकर उंगलियों से धुन बजाने लगते थे। यहां तक कि किचिन में बर्तनों को भी नहीं छोड़ते थे। तवा, हांडी और थाली, जो भी मिलता उस पर हाथ फेरने लगते थे। ​​​​​तबले को अपनी गोद में रखते थे जाकिर हुसैन शुरुआती दिनों में उस्ताद जाकिर हुसैन ट्रेन में यात्रा करते थे। पैसों की कमी की वजह से जनरल कोच में चढ़ जाते थे। सीट न मिलने पर फर्श पर अखबार बिछाकर सो जाते थे। इस दौरान तबले पर किसी का पैर न लगे, इसलिए उसे अपनी गोद में लेकर सो जाते थे। 12 साल की उम्र में 5 रुपए मिले, जिसकी कीमत सबसे ज्यादा रही जब जाकिर हुसैन 12 साल के थे तब अपने पिता के साथ एक कॉन्सर्ट में गए थे। उस कॉन्सर्ट में पंडित रविशंकर, उस्ताद अली अकबर खान, बिस्मिल्लाह खान, पंडित शां

Dainik Bhaskar खूंखार नक्सली हिड़मा के गढ़ में शाह:ग्रामीणों से कहा-नक्सलवाद से बच्चों का भविष्य नहीं संवर सकता; रायपुर में ले रहे LWE की बैठक

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। आज वे बस्तर के गुंडम गांव पहुंचे। इस इलाके को सबसे खूंखार नक्सली हिड़मा का गढ़ माना जाता है। यहां वे गुंडम आधे घंटे तक ग्रामीणों के बीच रहे। इसके अलावा एक स्कूल पहुंचकर बच्चों से भी मिले। शाह ने ग्रामीणों से कहा कि, नक्सलवाद से आपके बच्चों का भविष्य संवर नहीं सकता। मुख्यधारा में जुड़े, नक्सलवाद से दूरी बनाएं। यहां अमित शाह ने ग्रामीणों से महतारी वंदन योजना, बैंक खाते, आधार कार्ड की जानकारी ली। इसके साथ गांव में मूलभूत विकास का वादा भी किया। इस दौरान CM साय, राज्य गृहमंत्री विजय शर्मा भी साथ थे। बता दें कि यहां नक्सलियों ने सबसे बड़ा शहीदी स्मारक बना रखा है। इनकी कंपनी नंबर-9 भी सक्रिय है। इससे पहले शाह जगदलपुर के अमर वाटिका पहुंचे जहां उन्होंने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। रायपुर में लेंगे LWE पर बैठक बस्तर से लौट कर अमित शाह रायपुर में वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर बैठक लेंगे। इससे पहले वे कल (15 दिसंबर) बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि, नक्सलवाद खत्म होने पर यहां कश्मीर से ज्यादा पर्यटक आएंगे। 31 मार्च 2026 के बाद लोग कहेंगे बस्तर बदल गया है। गलत रास्ते पर गए लोग सरेंडर करें, हिंसा करेंगे तो हमारे जवान आपसे निपटेंगे। इन 2 जगहों पर जाने की चर्चा, जानिए क्यों बस्तर में जब भी नक्सल का जिक्र होता है तो नक्सली लीडर माड़वी हिड़मा का नाम भी आता है। पुलिस की वांटेड लिस्ट में भी सबसे पहले हिड़मा का ही नाम है। हिड़मा सुकमा जिले के अति संवेदनशील पूवर्ती गांव का रहने वाला है। वर्तमान में ये नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का मेंबर है। इस पर 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का इनाम घोषित है। कुछ महीने पहले ही हिड़मा के गांव पूवर्ती में उसके घर के नजदीक ही सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया है। पूवर्ती, टेकलगुडेम समेत आस-पास के इलाके को जवानों ने कैप्चर कर लिया है। हर दिन यहां सैकड़ों जवान सर्च ऑपरेशन पर निकलते हैं। ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हिड़मा के गांव जाकर उसके इलाके के लोगों से मुलाकात कर सकते हैं। अमित शाह नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ भी जा सकते हैं। अबूझमाड़ के गांव में इसलिए क्योंकि इस इलाके को नक्सलियों की राजधानी के नाम से जाना जाता है। यहां कई बड़े कैडर्स के नक्सली हैं। बड़ी बात है कि अबूझमाड़ के इलाके में ही

Dainik Bhaskar पंजाबी सिंगर का VHP-बजरंग दल पर पलटवार:बोले-देश सबका, किसी एक का नहीं, हिंदू-सिख मुद्दा बना नफरत फैला रहे; हिमाचल में शो कैंसिल हुआ था

पंजाबी सिंगर रंजीत बावा का हिमाचल में शो कैंसिल होने पर दर्द छलका है। सिंगर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर नाराजगी जताई। रंजीत बावा ने कहा कि कुछ लोगों ने पॉलिटिक्स खेलकर हिंदू-सिख का मुद्दा बनाया। बावा ने कहा कि जिस गाने को लेकर मेरा विरोध किया जा रहा है, उसे मैं 4 साल पहले ही डिलीट कर चुका हूं। कलाकार लोगों के मनोरंजन के लिए होता है, लेकिन उनका विरोध करने वाले (विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल) नफरत का सबूत दे रहे हैं। यह देश सबका है, किसी एक का नहीं। बता दें कि बावा को नालागढ़ के रेडक्रॉस मेले में परफॉर्मेंस के लिए बुलाया गया था। हालांकि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इसका विरोध कर दिया। उनका कहना था कि बावा ने अपने गाने में हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। उनके विरोध के बाद प्रशासन से बावा का शो कैंसिल कर दूसरे सिंगर कुलविंदर बिल्ला को बुला लिया। सिंगर रंजीत बावा की 5 अहम बातें 1. जोड़ना सीखो, तोड़ना नहीं नालागढ़ शो कैंसिल करवाकर कुछ लोगों ने नफरत फैलाकर इस बात का सबूत दे दिया कि पॉलिटिक्स खेलकर हिंदू-सिख का मुद्दा बना लो। जोड़ना सीखो, तोड़ना नहीं चाहिए। यह देश सबका है, किसी एक का नहीं कि जब मर्जी विवाद खड़ा कर दो। 2. CM से गुजारिश, इन्हें थोड़ा समझाओ मैं सीएम को गुजारिश करता हूं कि पिछले एक साल में मेरा हिमाचल में तीसरा शो कैंसिल हुआ है। हमें पंजाब में कोई कमी नहीं है, यहां बहुत शो हैं लेकिन बात ये है कि आप नफरत को बहुत ओवर कर रहे हो। आप इन लोगों को थोड़ा समझाओ, जो धर्म के नाम पर पॉलिटिक्स करते हैं। कलाकार मनोरंजन के लिए होता है। 3. हर बात पर हिंदू-सिख का मसला हम सभी धर्मों का सत्कार करते हैं। मगर, कुछ लोग धर्म के नाम पर लड़ाई खत्म नहीं करना चाहते। हर बात पर हिंदू-सिख का मसला बना लेते हो। बहुत सारे फैंस के मैसेज आ रहे हैं। मगर, हम नहीं आ रहे क्योंकि आपके लोग ही इस मामले को खत्म नहीं करना चाहते। 4. चार साल पहले सॉन्ग रिमूव कर चुका जिस सॉन्ग 'मेरा की कसूर' को लेकर विरोध हो रहा है, उसे रिमूव किए हुए 4 साल हो चुके हैं। इस बारे में वीडियो भी डालकर कहा था कि अगर किसी का दिल दुखा तो हम माफी चाहते हैं। आप अभी भी एक ही बात को लेकर धरना लगा रहे हो। 5. कलाकार भाइयों का भी साथ दो धर्म जोड़ना सिखाता है तोड़ना नहीं। कलाकार भाइयों का भी थोड़ा साथ दिया करो। मैं अरदास करता हूं कि

Dainik Bhaskar राज्यसभा में संविधान पर चर्चा का पहला दिन:गृह मंत्री अमित शाह शुरुआत कर सकते हैं; लोकसभा में एक देश-एक चुनाव बिल टला

शीतकालीन सत्र के 16वें दिन सोमवार को राज्यसभा में संविधान पर दो दिवसीय विशेष चर्चा शुरू होगी। गृह मंत्री अमित शाह सदन में इसकी शुरुआत कर सकते हैं। विपक्ष की ओर से राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जु खड़गे चर्चा की शुरू कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को चर्चा में हिस्सा लेंगे। मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने संसद के दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर संविधान पर चर्चा कराने की मांग की थी। लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को संविधान पर विशेष चर्चा हो चुकी है। PM मोदी ने शनिवार को चर्चा के दौरान लोकसभा में संविधान पर विशेष चर्चा में भाग लिया था। इस दौरान उन्होंने सदन में 11 संकल्प रखे थे। वहीं, लोकसभा में सोमवार को एक देश-एक चुनाव को लेकर बिल पेश नहीं होंगे। लोकसभा की संशोधित लिस्ट ऑफ बिजनेस (कार्यसूची) से रविवार को इसे हटा दिया गया। इससे पहले 13 दिसंबर की जारी लिस्ट में एक देश-एक चुनाव से जुड़े दो बिल पेश किए जाने की सूचना थी। कैबिनेट से दोनों बिल 12 दिसंबर को मंजूर हुए थे। संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ था। सत्र 20 दिसंबर को खत्म होगा। लोकसभा में मोदी बोले- कांग्रेस संविधान का शिकार करती रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 दिसंबर को लोकसभा में संविधान पर विशेष चर्चा में भाग लिया। चर्चा के दौरान उन्होंने कांग्रेस को संविधान का शिकार करने वाली पार्टी बताया। 1 घंटे 49 मिनट के अपने भाषण में PM ने कहा कि संविधान संशोधन करने का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लग गया कि वह समय-समय पर संविधान का शिकार करती रही। संविधान की आत्मा को लहूलुहान करती रही। करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया। उन्होंने कहा कि इतिहास कह रहा है कि नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक सभी ने संविधान का दुरुपयोग किया। इनकी नई पीढ़ी भी उसी रास्ते पर है। कांग्रेस के माथे पर जो पाप है, वो कभी भी धुलने वाला नहीं है। पूरी खबर पढ़ें... राहुल बोले- द्रोणाचार्य की तरह युवाओं का अंगूठा काट रही सरकार लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी सोमवार को चर्चा में भाग लिया था। वे करीब 25 मिनट बोले थे। इस दौरान उन्होंने एकलव्य-द्रोणाचार्य की कहानी सुनाते हुए भाजपा सरकार पर युवाओं का अंगूठा काटने का आरोप लगाया। राहुल ने कहा- जैसे एकलव्य का अंगूठा काटकर द्रोणाचार्य ने उनका हुनर ले लिया था

Dainik Bhaskar किसान आज ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे:पंजाब किसान कांग्रेस के अध्यक्ष भूख हड़ताल पर बैठेंगे; पंधेर के लेटर पर यूनियन ने सवाल उठाए

फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत 13 मांगों को लेकर किसान आज (16 दिसंबर) पंजाब को छोड़कर देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। सुबह साढ़े 10 बजे से लेकर 2 बजे तक ट्रैक्टर मार्च निकाले जाएंगे। ​​​​​​ खनौरी बॉर्डर पर 20 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने राष्ट्रपति के नाम लेटर लिखा है। किसान डल्लेवाल द्वारा लिखी गई लेटर की कॉपी DC और SDM को सौंपेंगे। वहीं पंजाब किसान कांग्रेस के प्रधान बिक्रम सिंह संधू डल्लेवाल के समर्थन में चंडीगढ़ स्थित पंजाब कांग्रेस भवन में एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उधर, संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने रविवार को पंजाब की सभी किसान यूनियनों को लेटर लिखकर एक मंच पर आने की बात कही थी। पंधेर के लेटर पर पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाले पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष रुलदू सिंह मानसा ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आंदोलन का मुख्य चेहरा जगजीत सिंह डल्लेवाल भी हैं, लेकिन लेटर पर उनकी यूनियन के साइन नहीं है। डल्लेवाल के संगठन से जुड़े नेताओं की अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, पंधेर से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये इंटरनल कमेटी का मामला है। जिसे जो जिम्मेदारी दी गई थी, वह निभा रहा है। डल्लेवाल को साइलेंट अटैक का खतरा जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 26 नवंबर को आमरण अनशन शुरू किया था। 96 घंटे पंजाब पुलिस की हिरासत में रहने के बाद से वह खनौरी बॉर्डर पर ही हैं। उनका वजन काफी कम हो चुका है। डॉक्टरों की टीम डल्लेवाल के स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है। ​​​​​​डॉक्टरों का कहना है कि डल्लेवाल को साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा है। उनका शरीर कमजोर हो गया है। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना जरूरी है। पंजाब DGP और केंद्रीय गृह निदेशक ने मुलाकात की रविवार को पंजाब के DGP गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल से मुलाकात की। डल्लेवाल से मिलने के बाद मयंक मिश्रा ने कहा कि किसानों की मांगों के बारे में जानकारी ली है। उन्होंने केंद्र की तरफ से वार्ता के प्रस्ताव से इनकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल की डॉक्टरी मदद के आदेश दिए थे। इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री शिवराज सिंह से मीटिंग की थी। दोनों नेताओं ने मोदी को किसान आंदोलन

Dainik Bhaskar हरियाणा में निकाय चुनाव से पहले खट्‌टर एक्टिव:सीधे संवाद कर यूथ को सक्सेस मंत्र देंगे; युवाओं पर फोकस करने की 3 वजहें

हरियाणा में निकाय चुनाव से पहले करनाल से BJP सांसद और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर एक्टिव हो गए हैं। मनोहर लाल की टीम अब यूथ पर फोकस करेगी। इसके लिए मनोहर लाल खट्‌टर का युवाओं से सीधा संवाद कराने का प्लान बनाया गया है। इस संवाद के जरिए हरियाणा के छोरों को खट्‌टर कौशल और आत्मनिर्भरता का मंत्र देंगे। इसके लिए 21 दिसंबर को रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (MDU) में युवा गौरवशाली समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस समारोह में मनोहर लाल खट्‌टर युवा संविधान के सम्मान और स्वाभिमान को अपने जीवन में लागू करने का संकल्प दिलाएंगे। इस समारोह की खास बात यह होगी कि प्रदेशभर से युवा जुटेंगे, जिसमें युवा उद्यमी, युवा सरपंच और खिलाड़ी शामिल होंगे। अब जानिए, BJP क्यों कर रही यूथ पर फोकस 1. हरियाणा में 94 लाख युवा वोटर हरियाणा में 94 लाख के करीब युवा वोटर हैं। इनमें 18-19 आयु वर्ग के कुल 5,01,682, 20 से 29 आयु वर्ग के 41,86,591 और 30 से 39 आयु वर्ग के 47,18,662 वोटर शामिल हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में युवाओं ने बढ़ चढ़कर वोटिंग की। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में युवाओं पर भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों ने फोकस किया था। भाजपा ने बेरोजगार युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता का भी ऐलान किया है। 2. बिना पर्ची-खर्ची के सरकारी नौकरी बड़ा मुद्दा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने युवाओं को बिना खर्ची-पर्ची के नौकरी देकर देशभर में नौकरियां का मिशन मेरिट मॉडल तैयार किया था, जिसे भाजपा ने लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव में भी मुद्दा बनाया। ये मुद्दा दोनों चुनावों में प्रभारी रहा। चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही अन्य बड़े नेताओं ने अपने चुनावी दौरे के दौरान इस मुद्दे को उठाया। भाजपा ने अपने 10 साल से अधिक के कार्यकाल में एक लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने का भी दावा किया। 3. चुनावों में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा हरियाणा में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में बेरोजगार युवाओं को अपनी तरफ करने के लिए भाजपा ने प्रदेश के युवाओं को 2 लाख पक्की नौकरी देने का वादा किया। इसके अलावा 5 लाख युवाओं के लिए रोजगार के अन्य अवसर पैदा करने की बात भी भाजपा कर रही है। नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन योजना के माध्यम से मासिक स्टाइपेंड की सहायता उपलब्ध कराने का वादा भी किया गया। ***********

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:AI इंजीनियर सुसाइड केस, पत्नी-सास अरेस्ट; केजरीवाल चौथी बार नई दिल्ली से लड़ेंगे; महाराष्ट्र के 39 मंत्रियों में 1 मुस्लिम, 4 महिलाएं

नमस्कार, कल की बड़ी खबर बेंगलुरु के AI इंजीनियर सुसाइड केस की रही, पुलिस ने पत्नी समेत 3 आरोपियों को 2 राज्यों से गिरफ्तार किया। दो बड़ी खबरें दिल्ली चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी की लिस्ट और महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की रही। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. AI इंजीनियर सुसाइड केस- पत्नी गुरुग्राम से गिरफ्तार; सास, पत्नी का भाई प्रयागराज से अरेस्ट बेंगलुरु पुलिस ने AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में पत्नी निकिता, सास निशा और पत्नी के भाई अनुराग को अरेस्ट किया है। सास और साले को प्रयागराज से, जबकि पत्नी को गुरुग्राम से अरेस्ट कर बेंगलुरु लाया गया। तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। 7 दिन पहले बेंगलुरु में सुसाइड किया था: अतुल ने 9 दिसंबर को बेंगलुरु में सुसाइड किया था। आत्महत्या से पहले उसने 1.20 घंटे का वीडियो बनाया। इसमें पत्नी निकिता और उनकी फैमिली पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। बेंगलुरु में पत्नी निकिता, सास निशा, साले अनुराग और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया पर FIR दर्ज की गई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. केजरीवाल नई दिल्ली, आतिशी कालकाजी से लड़ेंगी; सभी 70 सीटों पर AAP कैंडिडेट घोषित आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 38 कैंडिडेट्स की चौथी और आखिरी लिस्ट जारी की। पूर्व CM अरविंद केजरीवाल लगातार चौथी बार नई दिल्ली से चुनाव लड़ेंगे। CM आतिशी कालकाजी से, सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश और सत्येंद्र जैन शकूर बस्ती से चुनाव लड़ेंगे। पार्टी सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी उतार चुकी है। दिल्ली में फरवरी 2025 में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। नई दिल्ली सीट से केजरीवाल 3 बार चुनाव लड़े, तीनों बार जीते: केजरीवाल ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से 2013 में उस समय की मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार शीला दीक्षित को 25,864 हराया था। भाजपा के विजेंदर कुमार तीसरे नंबर पर रहे थे। 2015 में भाजपा की नूपुर शर्मा दूसरे नंबर पर थीं। तीसरे नंबर पर रहीं कांग्रेस की किरन वालिया को सिर्फ 4781 वोट मिले थे। 2020 में भाजपा के सुनील कुमार को 21,697 वोट से हराया था। कांग्रेस के रोमेश सभरवाल तीसरे नंबर पर रहे थे। पूरी खबर यहां पढ़ें... 3. किसान नेता 20 दिन से आमरण अनशन पर; एक दिन पहले मोदी ने शाह-शिवराज क

Dainik Bhaskar MP-UP, राजस्थान सहित 12 राज्यों में कोल्ड वेव का अलर्ट:मनाली से ज्यादा ठंडा मध्य प्रदेश का पचमढ़ी, तापमान 1.0ºC; श्रीनगर में -3.4ºC पहुंचा

मौसम विभाग ने सोमवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा सहित 12 राज्यों में कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश में कोल्ड डे की स्थिति बनी रहेगी। मध्य प्रदेश कोल्ड डे चपेट में है। रविवार को हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा 1.0ºC पहुंचा। ये इस सीजन में प्रदेश यह सबसे कम तापमान है। जो मनाली 3.6ºC, शिमला 12.2ºC , देहरादून 4.8ºC और मंडी 1.4ºC से भी कम रहा। राज्य में क्रिसमस (25 दिसंबर) से सर्दी का पीक शुरू होगा। विंड चिल फैक्टर (हवा में ज्यादा ठंडक) के कारण 31 जनवरी तक कड़ाके की सर्दी का दौर पड़ेगा। सर्दी के अंत तक इस पूरे सीजन में कड़ाके की सर्दी वाले दिनों की संख्या 45 तक हो सकती है। नवंबर से इसकी शुरुआत हो गई थी। नवंबर में 36 साल बाद ऐसी कड़ाके की सर्दी पड़ी थी। इसकी खास वजह जेट स्ट्रीम है। यह जमीन से लगभग 12 किमी ऊंचाई पर चलने वाली तेज हवा है। इसकी रफ्तार 200 से 234 किमी प्रति घंटे है। यह देश के उत्तरी हिस्से में सक्रिय है। दिल्ली में रविवार को मिनिमम टेम्परेचर सामान्य से 3.1ºC से कम 4.9ºC तक गिर गया, लेकिन कोल्ड वेव की स्थिति नहीं बनी। सोमवार को कई जगहों पर हल्के से थोड़ा ज्यादा कोहरा रह सकता है। पंजाब के फरीदकोट में रविवार को सबसे कम तापमान 1.0ºC दर्ज किया गया था। हरियाणा में हिसार सबसे ज्यादा ठंडा रहा, यहां टेम्परेचर 1.7ºC था। जम्मू-कश्मीर में के श्रीनगर में तापमान -3.4ºC रहा। कश्मीर में दिन का तापमान बढ़ने से कोल्ड वेव से लोगों को थोड़ी राहत मिली। जम्मू-कश्मीर से बर्फबारी की तस्वीरें... अगले दो दिन कैसे रहेगा मौसम 17 दिसंबर: 4 राज्यों में बारिश, हरियाणा-UP में घना कोहरा 18 दिसंबर: 5 राज्यों में बारिश, राजस्थान में शीतलहर का अलर्ट मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ने के 3 कारण

Dainik Bhaskar देशभर में आज किसान का ट्रैक्टर मार्च, पंजाब में नहीं:संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा शामिल, तमिलनाडु में 15 जगहों पर रेल रोकी जाएगी

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के आह्वान पर पंजाब छोड़कर अन्य राज्यों में सोमवार को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि 16 दिसंबर को जिला और तहसील स्तर पर बड़े ट्रैक्टर मार्च किए जाएंंगे। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में 15 जगहों पर रेल रोकी जाएगी। इसके बाद 18 दिसंबर को पंजाब में दोपहर 12 से 3 बजे तक रेल रोको कार्यक्रम किया जाएगा। इसके बाद ही किसान दिल्ली कूच करेंगे। इधर, हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में 20 दिन से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल से रविवार को केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने मुलाकात की। पंजाब के DGP गौरव यादव के साथ वे खनौरी बॉर्डर पहुंचे। मीटिंग के बाद मिश्रा ने कहा कि उन्होंने किसानों की मांगों के बारे में जानकारी ली है। उन्होंने केंद्र की तरफ से वार्ता के प्रस्ताव से इनकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल की डॉक्टरी मदद के आदेश दिए थे। शनिवार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने मीटिंग की थी। इसमें प्रधानमंत्री मोदी को किसान आंदोलन की जानकारी दी गई। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल थे। दिल्ली कूच में 10 किसान घायल 14 दिसंबर को किसानों की तीसरी बार दिल्ली कूच की कोशिश नाकाम हुई थी। हरियाणा पुलिस ने पहले की तरह उन्हें बॉर्डर पर ही रोक लिया था। इसके बाद किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि 16 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाले जाएंगे। 18 दिसंबर को पंजाब में 12 बजे से 3 बजे तक रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। 18 दिसंबर तक कोई जत्था दिल्ली कूच नहीं करेगा। पंधेर ने अपील की थी कि 18 दिसंबर को किसान और उनके परिवार को अपने गांव या आसपास जहां भी रेल लाइन दिखे, वहां पहुंच जाएं। 2 से 3 लाख लोग भी पहुंच गए तो मोदी सरकार की जड़ें हिल जाएंगी। .................................................. किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... हरियाणा के BJP सांसद बैकफुट पर आए: बोले- मैंने किसानों पर दोषारोपण नहीं किया; पहले कसाई-हत्यारा, नशे का सौदागर कहा था किसानों को कसाई, हत्यारा और नशे का सौदागर कहने वाले हरियाणा के BJP सांसद रामचंद्र जांगड़ा बैकफुट पर आ गए हैं। उनके बयान पर बवाल मचा तो

Dainik Bhaskar नारायण मूर्ति ने 70 घंटे काम करने की सलाह दोहराई:कहा- युवाओं को बहुत मेहनत करनी होगी, देश में 800 मिलियन लोग गरीब

इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने एक बार फिर हफ्ते में 70 घंटे काम करने की बात दोहराई। उन्होंने कहा- युवाओं को यह समझना होगा कि हमें कड़ी मेहनत करनी होगी और भारत को नंबर एक बनाने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने कहा,'हमें अपनी आकांक्षाएं ऊंची रखनी होंगी क्योंकि 800 मिलियन भारतीयों को मुफ्त राशन मिलता है। इसका मतलब है कि 800 मिलियन भारतीय गरीबी में हैं। अगर हम कड़ी मेहनत करने की स्थिति में नहीं हैं, तो कौन कड़ी मेहनत करेगा।' मूर्ति ने कहा कि 'इंफोसिस में मैंने कहा था कि हम सर्वश्रेष्ठ कंपनियों के पास जाएंगे और अपनी तुलना सर्वश्रेष्ठ वैश्विक कंपनियों से करेंगे। एक बार जब हम अपनी तुलना सर्वश्रेष्ठ ग्लोबल कंपनियों से करेंगे तो मैं आपको बता सकता हूं कि हम भारतीयों के पास करने के लिए बहुत कुछ है।' उन्होंने कहा कि एक समय वे वामपंथी थे, जब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान वास्तविकता बन चुके थे। मूर्ति रविवार को कोलकाता पहुंचे थे। वे इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के शताब्दी समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा- दुनिया भारत का सम्मान उसके प्रदर्शन के लिए करती है। प्रदर्शन से पहचान मिलती है, पहचान से सम्मान मिलता है, सम्मान से शक्ति मिलती है। मैं युवाओं को यह बताना चाहता था कि हमारे संस्थापकों के सपने को पूरा करने की हमारी बड़ी जिम्मेदारी है। यही कारण है कि हम सभी को कड़ी मेहनत करनी होगी। हम सभी नेहरू और समाजवाद के मुरीद थे आरपीएसजी ग्रुप के चेयरमैन संजीव गोयनका से बात करते हुए मूर्ति ने कहा- मेरे पिता उस समय देश में हो रही असाधारण प्रगति के बारे में बात करते थे। हम लोग नेहरू और समाजवाद के मुरीद थे। उन्होंने कहा कि मुझे 70 के दशक की शुरुआत में पेरिस में काम करने का मौका मिला था, लेकिन मैं कंफ्यूज था। पश्चिमी देश बात करते थे कि भारत कितना गंदा और भ्रष्ट है। मेरे देश में गरीबी थी और सड़कों पर गड्ढे थे। मूर्ति ने कहा कि पश्चिमी देशों में हर कोई काफी समृद्ध था। ट्रेनें समय पर चलती थीं। मुझे लगा था कि ये गलत नहीं हो सकता। मैंने फ्रांसीसी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता से मुलाकात की और उन्होंने मेरे सभी सवालों के जवाब दिए, लेकिन मुझे संतुष्टि नहीं मिली। आन्त्रप्रेन्योर राष्ट्र का निर्माण करते हैं मूर्ति ने कहा- मुझे एहसास हुआ कि एक देश

Dainik Bhaskar राज्यसभा में संविधान पर चर्चा का पहला दिन:गृह मंत्री अमित शाह शुरुआत कर सकते हैं; लोकसभा में एक देश-एक चुनाव बिल टला

शीतकालीन सत्र के 16वें दिन राज्यसभा में संविधान पर विशेष चर्चा की शुरुआत होगी। 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल लोकसभा में सोमवार, यानी 16 दिसंबर को पेश नहीं किया जाएगा। इससे जुड़े दोनों बिल को लोकसभा की रिवाइज्ड लिस्ट से हटा दिया गया है। इससे पहले 13 दिसंबर के कैलेंडर में कहा गया था कि सोमवार को बिल लोकसभा में रखा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, अब फाइनेंशियल बिजनेस के पूरा होने के बाद बिल सदन में पेश किया जाएगा। हालांकि, सरकार बिल को आखिरी समय में भी लोकसभा स्पीकर की परमिशन के बाद सप्लीमेंट्री लिस्टिंग के जरिए सदन में पेश कर सकती है। कैबिनेट ने 12 दिसंबर को बिल की मंजूरी दी थी। लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को संविधान पर चर्चा हुई थी। अब तक प्रधानमंत्री मोदी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और राजनाथ सिंह इस पर बोल चुके हैं। 16 और 17 दिसंबर को अब राज्यसभा में संविधान पर चर्चा होगी। संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ था, जो 20 दिसंबर को खत्म होगा। रामनाथ कोविंद ने 14 मार्च को रिपोर्ट सौंपी थी एक देश-एक चुनाव पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 2 सितंबर 2023 को एक कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने करीब 191 दिनों में 14 मार्च 2024 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी थी। संविधान संशोधन से क्या बदलेगा, 2 पॉइंट... कोविंद कमेटी की 5 सिफारिशें... एक देश-एक चुनाव क्या है... भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए अलग-अलग समय पर चुनाव होते हैं। एक देश-एक चुनाव का मतलब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से है। यानी मतदाता लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय वोट डालेंगे। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद दिसंबर, 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई। ------------------------------------------------- वन नेशन, वन इलेक्शन से जुड़ी खबर... 1. वन नेशन-वन इलेक्शन- 3 बिल ला सकती है सरकार, दो संविधान संशोधन करने होंगे देश में एक साथ चुनाव कराने की अपनी योजना को अमल में लाने के लिए 3 विधेयक लाए जाने की संभावना है, जिनमें दो संविधान संशोधन से

Dainik Bhaskar तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन:73 साल के थे; 2023 में मिला था पद्म विभूषण, तीन ग्रैमी अवॉर्ड विनर भी रहे

विश्व विख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन हो गया है। सैन फ्रांसिस्को में उनका इलाज चल रहा था। वहीं उन्होंने आखिरी सांस ली। उनका जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। जाकिर हुसैन को तीन ग्रैमी अवॉर्ड भी मिल चुके थे। उनके पिता का नाम उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी और मां का नाम बीवी बेगम था। जाकिर के पिता अल्लाह रक्खा भी तबला वादक थे। जाकिर हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल स्कूल से हुई थी। इसके अलावा उन्होंने ग्रेजुएशन मुंबई के ही सेंट जेवियर्स कॉलेज से किया था। जाकिर हुसैन ने सिर्फ 11 साल की उम्र में अमेरिका में पहला कॉन्सर्ट किया था। 1973 में उन्होंने अपना पहला एल्बम 'लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड' लॉन्च किया था। सपाट जगह देखकर उंगलियों से धुन बजाने लगते थे उस्ताद जाकिर हुसैन जाकिर हुसैन के अंदर बचपन से ही धुन बजाने का हुनर था। वे कोई भी सपाट जगह देखकर उंगलियों से धुन बजाने लगते थे। यहां तक कि किचन में बर्तनों को भी नहीं छोड़ते थे। तवा, हांडी और थाली, जो भी मिलता उस पर हाथ फेरने लगते थे। ​​​​​तबले को अपनी गोद में रखते थे जाकिर हुसैन शुरुआती दिनों में उस्ताद जाकिर हुसैन ट्रेन में यात्रा करते थे। पैसों की कमी की वजह से जनरल कोच में चढ़ जाते थे। सीट न मिलने पर फर्श पर अखबार बिछाकर सो जाते थे। इस दौरान तबले पर किसी का पैर न लगे, इसलिए उसे अपनी गोद में लेकर सो जाते थे। 12 साल की उम्र में 5 रुपए मिले, जिसकी कीमत सबसे ज्यादा रही जब जाकिर हुसैन 12 साल के थे तब अपने पिता के साथ एक कॉन्सर्ट में गए थे। उस कॉन्सर्ट में पंडित रविशंकर, उस्ताद अली अकबर खान, बिस्मिल्लाह खान, पंडित शांता प्रसाद और पंडित किशन महाराज जैसे संगीत की दुनिया के दिग्गज पहुंचे थे। जाकिर हुसैन अपने पिता के साथ स्टेज पर गए। परफॉर्मेंस खत्म होने के बाद जाकिर को 5 रुपए मिले थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का जिक्र करते हुए कहा था- मैंने अपने जीवन में बहुत पैसे कमाए, लेकिन वो 5 रुपए सबसे ज्यादा कीमती थे। जाकिर हुसैन का सम्मान अमेरिका भी करता था जाकिर हुसैन का सम्मान दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका भी करता था। 2016 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्

Dainik Bhaskar पद्मश्री से सम्मानित बैगा चित्रकार जोधइया अम्मा का निधन:उमरिया में 86 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस; राष्ट्रपति ने किया था सम्मान

मध्यप्रदेश की प्रसिद्ध बैगा चित्रकार और पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित जोधइया अम्मा का निधन हो गया है। वे उमरिया जिले की रहने वाली थीं। रविवार शाम करीब 6 बजे उन्होंने 86 वर्ष की उम्र में अपने गांव में अंतिम सांस ली। जोधइया अम्मा लंबे समय से बीमार थीं। जबलपुर में भी उनका इलाज चला था। जोधइया अम्मा की पेंटिंग विदेशों में भी मशहूर है। उन्होंने राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था। सीएम बोले- मध्यप्रदेश ने बड़े कलाकार को खो दिया मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जोधइया अम्मा के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा कि मध्यप्रदेश ने ऐसी कलाकार को खो दिया, जिन्होंने पूरा जीवन जनजातीय संस्कृति, कला व परंपराओं पर आधारित चित्रकला को देश-विदेश में एक पहचान दिलाई। सीएम ने सोशल मीडिया पर ये लिखा- दो साल पहले मिला था पद्मश्री सम्मान अम्मा की बनाई पेंटिंग विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं। उनकी इस प्रसिद्धि के पीछे लंबा संघर्ष था। पति की मौत बाद अम्मा ने बच्चों के लालन पालन के लिए मजदूरी की, फिर जनजातीय कला की बारीकियां सीखकर यह मुकाम हासिल किया था। जोधइया बाई को दो साल पहले पद्मश्री सम्मान मिला था। 22 मार्च, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कला क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए जोधइया बाई बैगा को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। जानिए अम्मा के संघर्ष की कहानी... 14 साल की उम्र में हुई शादी जोधइया अम्मा की शादी करीब 14 साल की उम्र में ही हो गई थी। कुछ वर्षों बाद उनके पति की मौत हो गई। उस समय अम्मा गर्भवती थी। दो बेटों के पालन पोषण की जिम्मेदारी उन पर आ गई। इसके लिए अम्मा मजदूरी करने लगी। कुछ महीने बाद उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया। उन्होंने पत्थर भी तोड़े। जो काम मिलता उसे कर बच्चों का पालन करने लगी। करीब 15 साल पहले वे आशीष स्वामी से मिली थी। उन्होंने कहा था कि कब तक आप पत्थर तोड़ेंगी, मजदूरी करेंगी। उनके कहने पर 2008 में चित्रकारी शुरू की थी। उन्हें अपनी कला के लिए कई सम्मान मिल चुके हैं। 2008 में शुरू की चित्रकारी जोधइया अम्मा का चित्रकारी का सफर 2008 में जनगण तस्वीर खाना से शुरू हुआ। अम्मा यहां चित्र बनाने लगी थी। उनके द्वारा बनाई गई पेटिंग राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित होने लगी। वे शांति निकेतन विश्व भारती विश्वविद्यालय, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, आदिरंग

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