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Dainik Bhaskar संसद के शीतकालीन सत्र का 12वां दिन:विपक्ष का धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस; रिजिजू बोले-बहुमत हमारे पास
संसद के शाीतकालीन सत्र का आज 12वां दिन है। 11वें दिन मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के जनरल सेक्रेटरी पीसी मोदी को धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। इस नोटिस में कांग्रेस, TMC, AAP, सपा, DMK, CPI, CPI-M और RJD समेत विपक्षी पार्टियों के 60 सांसदों के दस्तखत हैं। विपक्ष का आरोप है कि राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पक्षपातपूर्ण तरीके से सदन चलाते हैं और विपक्ष को बोलने नहीं देते। विपक्ष के नोटिस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष हमेशा चेयर (सभापति) का अपमान करता है। वे सभापति के अधिकारों का अनादर करते हैं। सदन में एनडीए के पास बहुमत है और हम सभी को चेयरमैन पर भरोसा है।' प्रियंका बोलीं- सरकार रोज सदन स्थगित करा रही इधर, प्रियंका गांधी ने कहा कि हम जो प्रदर्शन कर रहे हैं, वो बाहर कर रहे हैं। हम रोज कोशिश करते हैं, लेकिन वे (सरकार) चर्चा नहीं चाहते। रोज किसी न किसी बहाने सदन को स्थगित करा रहे हैं। रिजिजू बोले- राहुल के अलावा सभी सांसद चर्चा चाहते हैं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कोई भी मुद्दे हों, हम सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करेंगे। सपा, TMC और कांग्रेस समेत कई पार्टियों के सांसद मेरे पास आए थे। कांग्रेस राज्यसभा में चर्चा करना चाहती है, सिर्फ राहुल गांधी कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहते। शायद उनका संसदीय लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। संसद परिसर में मंगलवार को विपक्षी सांसदों के प्रदर्शन की 4 तस्वीरें निशिकांत बोले- कुछ लोग खालिस्तान और अलग कश्मीर बनाना चाहते हैं, 4 बयान निशिकांत दुबे (भाजपा)- लोकतंत्र में मेरी आवाज दबाई जा रही है। विपक्ष मुझे बोलने नहीं दे रहा। पहले वे मेरे 10 सवाल सुन तो लें। इनमें बात करने की हिम्मत ही नहीं। इन्होंने अंग्रेजों के साथ मिलकर भारत और पाकिस्तान बना दिया। आज जॉर्ज सोरोस के साथ मिलकर खालिस्तान और कश्मीर बनाना चाहते हैं। संजय राउत (शिवसेना, उद्धव गुट)- राहुल गांधी के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठा रहा। वे हमारे नेता हैं। देश में सरकार के खिलाफ जो माहौल तैयार किया है, उसमें राहुल जी का योगदान सबसे बड़ा है। ममता, अखिलेश जी, लालू जी की सबकी अलग-अलग राय है, लेकिन हमने मिलकर INDIA अलायं
Dainik Bhaskar मुंबई बस हादसा- पुलिस को ड्राइवर पर शक:जानबूझकर रौंदा, बस को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया; इस एंगल से भी जांच
मुंबई के कुर्ला में 9 दिसंबर को हुए बस एक्सीडेंट में नया खुलासा हुआ है। पुलिस ने ड्राइवर को अरेस्ट कर मंगलवार को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने कोर्ट में बताया कि वे इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि कहीं ड्राइवर ने जानबूझकर तो इस घटना को अंजाम नहीं दिया। पुलिस को शक है कि ड्राइवर ने बस को हथियार की तरह इस्तेमाल तो नहीं किया। कोर्ट ने बस ड्राइवर संजय मोरे को 21 दिसंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। हादसे में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। 49 घायलों का इलाज चल रहा है। इन्हें सायन और कुर्ला भाभा में भर्ती कराया गया है। दावा- ड्राइवर पहली बार बस चला रहा था यह हादसा कुर्ला पश्चिम रेलवे स्टेशन रोड पर अंबेडकर नगर में हुआ। बस कुर्ला स्टेशन से अंधेरी जा रही थी। BEST की इन बसों का संचालन बृहन्नमुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) करता है। आरोपी ड्राइवर संजय मोरे (54) सोमवार को पहली बार बस चला रहा था। वह 1 दिसंबर को ही कॉन्ट्रैक्ट ड्राइवर के रूप में BEST में शामिल हुआ था। पुलिस ने आरोपी ड्राइवर को अरेस्ट कर लिया है। संजय पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस को दिए बयान में उसने कबूल किया कि वह बस के ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन को लेकर कन्फ्यूज हाे गया था। इधर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुर्ला बेस्ट बस हादसे में मरने वाले लोगों के परिजन को 5-5 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। हादसे से जुड़ी 5 तस्वीरें... चश्मदीद बोले- टक्कर मारने से पहले बस लहरा रही थी हादसे के वक्त मौजूद रहे चश्मदीद जैद अहमद ने बताया कि वह रेलवे स्टेशन जाने के लिए अपने घर से निकल रहे थे। उन्होंने देखा बस तेजी से लहरा रही थी। जैद दौड़कर वहां पहुंचे और देखा कि बेस्ट की एक बस ने पैदल यात्रियों, ऑटो रिक्शा और तीन कारों समेत कई गाड़ियों को टक्कर मार दी थी। उन्होंने कुछ लाशें भी देखीं। इसके बाद उन्होंने ऑटो रिक्शा में सवार यात्रियों को बचाया और उन्हें भाभा अस्पताल ले गए। उनके दोस्तों ने भी घायलों को राहत पहुंचाने में मदद की। तीन महीने पुरानी है बस, BMC ने लीज पर लिया था बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बस ओलेक्ट्रा द्वारा निर्मित 12 मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बस थी और बेस्ट ने इसे वेट लीज पर लिया था। उन्होंने बताया कि ऐसी बसों के चालक निजी ऑपरेटर द
Dainik Bhaskar स्वास्थ्य मंत्री बोले- अचानक मौत की वजह कोविड वैक्सीन नहीं:संसद में रिसर्च पेश की, कहा- वैक्सीनेशन से जोखिम बढ़ा नहीं बल्कि कम हुआ
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि, युवाओं की अचानक मौत की वजह कोविड वैक्सीन नहीं है। नड्डा ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया। नड्डा ने कहा, इस रिसर्च से पता चला है कि वैक्सीनेशन से जोखिम बढ़ा नहीं बल्कि कम हुआ है। ICMR ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के साथ मिलकर यह रिपोर्ट तैयार की है। इसमें 18 से 45 साल के उन लोगों का सैंपल लिया गया है। जो पूरी तरह से स्वस्थ थे। उन्हें कोई बीमारी नहीं थी। इनकी 1 अक्टूबर, 2021 और 31 मार्च, 2023 के बीच अचानक मौत हो गई थी। 19 राज्यों के 47 अस्पतालों से सैंपल लिए गए ICMR की इस रिपोर्ट को 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों के सैंपल लेकर तैयार किया गया है। रिसर्च के दौरान अचानक मौत के 729 केस का अध्ययन किया गया। वहीं 2916 केस ऐसे थे, जिन्हें बचा लिया गया। रिसर्च से पता चला कि कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक या दो खुराक लेने से, बिना किसी कारण के अचानक मृत्यु की संभावना काफी कम हो जाती है। जोखिम कम तो फिर मौत की वजह क्या थी रिसर्च में ऐसे फैक्टर भी सामने आए जो अचानक मौत के जोखिम को बढ़ाते हैं। इसमें फैमिली मेडिकल हिस्ट्री, मौत से 48 घंटे पहले शराब पीना, मनोरंजन के लिए नशीली दवाओं का उपयोग और 48 घंटे पहले जोरदार शारीरिक गतिविधि शामिल हैं। नड्डा ने इस रिसर्च से स्पष्ट किया कि कोविड-19 वैक्सीनेशन और युवाओं की अचानक होने वाली मौत के बीच किसी भी तरह का संबंध नहीं है। जानिए कोविड वैक्सीन पर विवाद, सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज हो चुकी कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका था। 14 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन के कारण ब्लड क्लोटिंग जैसे साइड-इफेक्ट का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी थी। उस वक्त चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा था कि जनहित याचिका सिर्फ सनसनी पैदा करने के लिए दायर की गई थी। बेंच ने कहा, 'क्लास एक्शन सूट दायर करें! इसका क्या फायदा है? कृपया यह भी समझें कि अगर आपने वैक्सीन नहीं ली तो क्या साइड-इफेक्ट होंगे। हम इस मुद्दे को उठाना नहीं चाहते, यह सिर्फ सनसनी पैदा करने के लिए है।' यह याचिका प्रिया मिश्रा और अन्य याचिकाकर्ताओं
Dainik Bhaskar EC बोला- महाराष्ट्र चुनाव में VVPAT-EVM में कोई मिसमैच नहीं:288 क्षेत्रों में 1440 VVPAT का मिलान हुआ, विपक्ष ने गड़बड़ी के आरोप लगाए थे
चुनाव आयोग (EC) ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में EVM वोटों से वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों के मिलान में कोई मिसमैच नहीं मिला है। चुनाव आयोग ने 288 विधानसभा क्षेत्रों में 1440 का EVM वोटों से मिलान किया। आयोग ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में से रेंडमली चुने गए पांच बूथ से वीवीपीएटी स्लिप्स की अनिवार्य गिनती की गई। राज्य में विपक्षी दलों ने 20 नवंबर को हुए चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की जीत के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। VVPAT स्लिप्स की गिनती का उद्देश्य EVM में दर्ज वोटों की गिनती की पुष्टि करना था, जो संबंधित वीवीपीएटी स्लिप्स से मेल खाती है। आयोग ने कहा कि इस गिनती की पूरी प्रक्रिया के दौरान कैंडिडेट्स के प्रतिनिधि मौजूद थे। बूथ चुनने में भी प्रतिनिधि शामिल थे। हर सीट में पांच बूथ से वीवीपीएटी स्लिप्स लीं पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी पर रिकॉर्ड की गई, जिसका फुटेज सुरक्षित रखा गया है। हर सीट में पांच बूथ से वीवीपीएटी स्लिप्स की गिनती आयोग की गाइड लाइन के तहत जरूरी है। रिजल्ट की प्रक्रिया तब तक अधूरी मानी जाती है जब तक यह वैरिफिकेशन पूरा नहीं हो जाता। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें भाजपा महायुति ने जीती हैं। कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और एनसीपी (शरद गुट) के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (MVA) ने महाराष्ट्र चुनाव में हारने के बाद EVM पर सवाल उठाए थे और गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। चुनाव आयोग ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन को 230 सीटों पर जीत हासिल हुई। भाजपा ने 132, शिवसेना ( एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीती थीं। कांग्रेस के नेतृत्व वाला महा विकास अघाड़ी (MVA) 46 सीटों पर सिमट गया था। शिवसेना (उद्धव) 20, कांग्रेस 16 और NCP (शरद पवार) के हिस्से 10 सीटें आईं। 2 सीटें सपा ने जीती हैं। 10 सीटें अन्य के खाते में गई थीं। 104 कैंडिडेट्स ने आयोग से शिकायत की थी विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि वोटिंग के दौरान EVM में छेड़छाड़ की गई और VVPAT की पर्चियों से वोटों का मिलान नहीं हो रहा है। 95 सीटों के 104 कैंडिडेट्स ने आयोग से EVMऔरVVPAT पर्चियों के मिलान करने की मांग की थी। उन्होंने चुनाव आयोग से रिजल्ट की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। हालांकि
Dainik Bhaskar कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के आरक्षण की मांग पर बवाल:बेलगावी में हिंसक प्रदर्शन, लाठीचार्ज; विधायक और स्वामीजी हिरासत में
कर्नाटक में लिंगायत पंचमसाली समुदाय की आरक्षण मांग पर प्रदर्शन उग्र हो गया है। मंगलवार को बेंगलुरु में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर विधानसभा की ओर मार्च करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। पुलिस ने भाजपा के कई विधायकों और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बसवजय मृत्युंजय स्वामीजी को हिरासत में लिया। मौके पर सड़क पर जूते-चप्पल बिखरे मिले। कई प्रदर्शनकारियों के सिर से खून बहने के वीडियो भी सामने आए हैं। इसे लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार और विपक्षी दल भाजपा और JDS के बीच बहस शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर संतों के अपमान का आरोप लगाया, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, "हम प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं। मैंने प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं आए। सबको प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन इसे शांति से किया जाना चाहिए।" देखें प्रदर्शन और लाठीचार्ज से जुड़ी तस्वीरें... लिंगायत पंचमसाली समुदाय ने 5% आरक्षण बढ़ाकर 15% करने को कहा पंचमसाली लिंगायत समुदाय वर्तमान में शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 5% आरक्षण मिला हुआ है। अब वे इसे बढ़ाकर 15% करने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने समुदाय के नेताओं से मुलाकात कर पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट का इंतजार करने को कहा और आश्वासन दिया कि वे रिपोर्ट के हिसाब से सही फैसला लेंगे। स्वामी के समर्थन में उमड़ा जनसैलाब मंगलवार सुबह भगवा झंडों के साथ बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी बसवजय मृत्युंजय स्वामी के नेतृत्व में जुटे। उनकी अगुआई में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। एचडी कुमारस्वामी बोले- कर्नाटक सरकार हिटलर के रास्ते पर यह मामला विधानसभा में भी गूंजा। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर जानबूझकर बल प्रयोग करने का आरोप लगाया। भाजपा के बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने विधानसभा में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा, "क्या कोई सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता?" वहीं, जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने X पोस्ट में कहा, "सिद्धारमैया सरकार हिटलर के रास्ते पर चल रही है। पंचमसाली समुदाय के पूजनीय संतों, विशेष रूप से श्री श्री श्री बसवा मृत्युंजय महास्वामीजी के प्रति अपमानजन
Dainik Bhaskar संभल हिंसा, राहुल-प्रियंका मारे गए युवकों के परिजन से मिले:बोले- हमेशा आपके साथ खड़े हैं; 6 दिन पहले पुलिस ने जाने से रोका था
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा में मारे गए युवकों के परिजन से दिल्ली में मुलाकात की। कांग्रेस नेता रिजवान कुरैशी, सचिन चौधरी और प्रदीप नरवाल युवकों के परिजनों को लेकर दिल्ली पहुंचे थे। सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद ने कहा, संभल हिंसा के पीड़ितों ने आज शाम दिल्ली में 10 जनपथ पर लोकसभा नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात में पार्टी सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं। राहुल ने परिजन से कहा कि अगर उन्हें कोई परेशानी आती है तो वे हमेशा उनके साथ खड़े हैं।' 4 दिसंबर को राहुल-प्रियंका दिल्ली से संभल जाने के लिए निकले थे। लेकिन, गाजियाबाद में उन्हें पुलिस ने रोक लिया। संभल में 10 दिसंबर तक धारा 163 लागू होने का हवाला दिया। राहुल करीब 3 घंटे यूपी गेट पर डटे रहे। पुलिस से रस्साकसी के बाद राहुल दिल्ली लौट गए थे। संभल में कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर को जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था। इस दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें गोली लगने से बिलाल, रूमान, अयान और कैफ की मौत हो गई थी। 19 नवंबर को पहली बार सर्वे, 24 को भड़की थी हिंसा संभल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को याचिका लगाई थी। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक 150 साल पुरानी रिपोर्ट शामिल है। संभल की सिविल कोर्ट ने उसी दिन कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया। इस आदेश के कुछ ही घंटों बाद उसी दिन कमिश्नर टीम ने सर्वे किया। कोर्ट ने सर्वे की रिपोर्ट एक सप्ताह में मांगी। सिविल कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ जामा मस्जिद पक्ष ने अपील दाखिल की है। 24 नवंबर को दोबारा सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा 24 नवंबर, रविवार सुबह 6.30 बजे डीएम-एसपी के साथ दोबारा से टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में दो से तीन हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई। हिंसा में 25 पुलिसकर्मी घायल हुए। 4 युवकों की जान गई। संभल की मस्जिद का विवाद क्या है? हिंदू पक्ष काफी वक्त से संभल की जामा मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर होने का दावा कर रहा
Dainik Bhaskar बेंगलुरु में AI इंजीनियर का सुसाइड:पत्नी पर पैसों के लिए प्रताड़ना का आरोप लगाया; डेढ़ घंटे का वीडियो मैसेज, 24 पेज का लेटर जारी किया
बेंगलुरु में एक AI इंजीनियर के सुसाइड का मामला सामने आया है। 34 साल के अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी और सास पर पैसों के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए सुसाइड कर लिया। उन्होंने 1:20 घंटे का वीडियो और 24 पेज का लेटर जारी कर कहा है कि उसके पास आत्महत्या के सिवा कोई उपाय नहीं बचा है। अतुल ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर की एक जज पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने लेटर में लिखा है कि जज ने मामले को रफा-दफा करने के नाम पर 5 लाख रुपए मांगे थे। अतुल ने यह भी लिखा कि उसकी पत्नी, सास और जौनपुर की जज ने उसे सुसाइड करने को कहा था। मूल रूप से बिहार के अतुल सुभाष का शव बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट में उनके फ्लैट से बरामद हुआ। पड़ोसियों ने उनके घर का दरवाजा तोड़ा तो उनकी बॉडी फंदे पर लटकी मिली। कमरे में ‘जस्टिस इज ड्यू’ यानी ‘न्याय बाकी है’ लिखी एक तख्ती मिली। अतुल के परिवार की शिकायत पर पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। अतुल ने अपने लेटर में राष्ट्रपति के नाम भी नोट लिखा अतुल सुभाष ने 24 पेज के लेटर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम भी एक लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की खामियों के बारे में लिखा और पुरुषों के खिलाफ झूठे केस दर्ज कराने के ट्रेंड के बारे में बताया। एक अन्य नोट में उन्होंने लिखा कि वे अपनी पत्नी की तरफ से दायर कराए गए सभी मामलों के लिए खुद को निर्दोष बता रहे हैं। इनमें दहेज प्रतिरोध कानून और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का केस शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट से रिक्वेस्ट करता हूं कि इन झूठे केसों में मेरे माता-पिता और भाई को परेशान करना बंद करें। अतुल की जुबानी जानिए पूरा मामला... दो साल साथ रहने के बाद पत्नी घर छोड़कर चली गई सुसाइड से पहले रिकॉर्ड किए गए वीडियो में अतुल ने पूरा मामला विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने 2019 में एक मेट्रिमनी साइट से मैच मिलने के बाद शादी की थी। अगले साल उन्हें एक बेटा हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और पत्नी का परिवार उनसे हमेशा पैसों की डिमांड करता रहता था, जो वो पूरी भी करते थे। उन्होंने लाखों रुपए अपनी पत्नी के परिवार को दिए थे। लेकिन जब उन्होंने और पैसे दना बंद कर दिया तो पत्नी 2021 में उनके बेटे को लेकर बेंगलुरु छोड़कर चली गई। पत्नी ने दहेज और पिता के मर्डर का आरोप लगाकर के
Dainik Bhaskar पंजाब में ढंडरियावाले पर हत्या-रेप का केस दर्ज:2012 में मिली युवती की लाश, संत ने सभी आरोपों को बताया बेबुनियाद
2012 के एक मामले में सिख संत रंजीत सिंह ढडरियांवाले के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोपों के साथ एक नई एफआईआर दर्ज की गई है। पंजाब के डीजीपी ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक हलफनामा प्रस्तुत किया। जिसमें कहा गया है कि पटियाला में पहले से दर्ज एफआईआर संख्या 208 के तहत पुराने मामले में नए आरोप जोड़े गए हैं। इस मामले में आईपीसी की धारा 302, 376 और 506 को शामिल किया गया है। हालांकि ढंडरियांवाला ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं, जल्द दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। 2012 में मृत मिली थी 22 साल की युवती यह मामला 2012 का है, और इसमें करनाल की एक 22 वर्षीय लड़की शामिल है। जो अपने परिवार के साथ परमेश्वर द्वार गई थी। 22 अप्रैल 2012 को लड़की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण जहर की मौजूदगी बताई गई। हालांकि परिवार ने आरोप लगाया कि लड़की के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसे जहर देकर मार दिया गया। परमेश्वर द्वार के अधिकारियों ने दावा किया कि लड़की की मौत परिसर के बाहर हुई और कहा कि उस समय रंजीत सिंह ढडरियांवाले देश से बाहर थे। बाद में पीड़िता के परिवार के सदस्यों द्वारा एक याचिका दायर की गई। भाई ने दायर की थी हाईकोर्ट में याचिका 2012 में परमेश्वर द्वार एक लड़की की हत्या के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जवाब मांगा था। इस मामले में मृतक के भाई ने याचिका दायर कर मामले की जांच सीबीआई या वरिष्ठ आईपीएस की अध्यक्षता वाली एसआईटी से कराने का निर्देश देने की मांग की थी। याचिका में रणजीत सिंह ढडरियांवाले पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि तब रणजीत सिंह ढडरियां वाले ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेशों पर जोड़ी गई उक्त धाराएं पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा- ये मामला दुखद स्थिति को दर्शाता है। न्यायालय ने कहा कि कथित बलात्कार और हत्या के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा 24 मई 2012 को दी गई थी। पहली सूचना के आधार पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय पुलिस ने आरोपों की विश्वसनीयता को सत्यापित करने के लिए एक अवैध और असंवैधानिक जांच शुरू कर दी। कौन है रंजीत सिंह ढंडरियांवाला... सिख धर्म के प्रचारक रंजीत सिंह ढंडरियांवाला पटियाला संगरूर रोड पर गुरुद्वारा परमेश्
Dainik Bhaskar केजरीवाल बोले- ऑटो ड्राइवरों का 10 लाख का इंश्योरेंस कराएंगे:बेटी की शादी के लिए एक लाख और वर्दी के लिए 5 हजार रु. देंगे
आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को ऑटो वालों के लिए घोषणाएं कीं। केजरीवाल ने कहा कि हम ऑटो वालों का 10 लाख रुपए का इंश्योरेंस कराएंगे। केजरीवाल ने ये भी कहा कि ऑटो ड्राइवरों को बेटी की शादी के लिए एक लाख रुपए और वर्दी के लिए 2500 रुपए देंगे। दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। AAP उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर 31 नामों की घोषणा कर चुकी है। केजरीवाल के पांच ऐलान केजरीवाल ऑटो चालक नवनीत के बुलावे पर उनके घर खाने पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि मैंने अब ऑटो वालों का नमक खाया है तो इस नमक का कर्ज उतारना मेरा फर्ज है। इसके बाद केजरीवाल ने 5 घोषणाएं कीं... 1. बेटी की शादी के लिए हमारी सरकार की तरफ से 1 लाख रुपए दिया जाएगा। 2. साल में दो बार (होली और दिवाली पर) वर्दी के लिए सरकार की तरफ से 2500-2500 रुपए (कुल पांच हजार) दिए जाएंगे। 3. हर ऑटो वाले का 10 लाख रुपए का लाइफ इंश्योरेंस और 5 लाख रुपए का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कराया जाएगा। 4. ऑटो वालों के बच्चे आगे बढ़ें, आईएएस-आईपीएस, वकील, डॉक्टर-इंजीनियर बनें। इसके लिए कोचिंग का खर्च सरकार देगी। 5. ऑटो वालों के लिए पूछूं ऐप दोबारा शुरू किया जाएगा। ऑटो चालकों को अपने घर चाय पर बुलाया इसके पहले सोमवार शाम केजरीवाल ने ऑटो चालकों को अपने घर चाय पर बुलाया था, जिसकी तस्वीरें साझा करते हुए उन्होंने लिखा था, "ऑटो चालकों से तो मेरा पुराना और गहरा रिश्ता है। समय चाहे कैसा भी रहा हो, हमने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया। उनके जीवन की चुनौतियां और उनकी मेहनत मुझे हमेशा प्रेरित करती रही है।" -------------------------------------------------- आम आदमी पार्टी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…. AAP की दूसरी लिस्ट, 17 विधायकों के टिकट काटे:मनीष सिसोदिया पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से लड़ेंगे, उनकी सीट अवध ओझा को दी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने सोमवार को 20 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की। इसमें 17 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं। 3 प्रत्याशियों की सीट बदली गई है। पढ़ें पूरी खबर... भाजपा बोली- केजरीवाल ने CM हाउस खाली नहीं किया:वीडियो जारी किया, कहा- कोविड के दौरान मकान की मरम्मत पर ₹45 करोड़ खर्च किए दिल्ली भाजपा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास का वीडियो जारी कर आरोप लगाया क
Dainik Bhaskar मणिपुर के इंफाल में AFSPA के विरोध में रैली:महिलाओं-बच्चों की हत्या के खिलाफ सैकड़ों लोग सड़क पर निकले, नारेबाजी की
मणिपुर की राजधानी इंफाल में मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने एक रैली निकाली। ये लोग यहां आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) फिर से लागू करने और जिरीबाम में तीन बच्चों और तीन महिलाओं की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लिए थे। ये लोग मणिपुर को नष्ट मत करो, मणिपुर को बचाओ के नारे लगा रहे थे। रैली पश्चिमी इंफाल के थाउ मैदान से शुरू होकर 5 किलोमीटर दूर खुमान लैंपक स्टेडियम पहुंची। आज (10 दिसंबर) मानवाधिकार दिवस भी है। इसी मौके पर ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन, पोइरेई लीमारोल मीरा पैबी अपुनबा मणिपुर, ऑल मणिपुर वूमेन वॉलिंटरी एसोसिएशन, मानवाधिकार समिति और मणिपुर छात्र संघ ने संयुक्त रैली निकाली। नवंबर में हुई 6 लोगों की हत्या नवंबर में जिरी और बराक नदियों में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव बरामद हुए थे। इसके बाद राज्य में फिर हिंसा हुई थी। मणिपुर में पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मणिपुर के 5 जिलों के 6 थानों में AFSPA फिर से लागू मणिपुर के 5 जिलों के 6 थानों में 14 नवंबर से फिर से आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट (AFSPA) लागू कर दिया गया है। यह 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा। AFSPA लागू होने से सेना और अर्ध-सैनिक बल इन इलाकों में कभी भी किसी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले सकते हैं। इम्फाल पश्चिम जिले का सेकमई और लमसांग, इम्फाल पूर्व जिले का लाम्लाई, जिरिबाम जिले का जिरिबाम, कांगपोकपी का लेइमाखोंग और बिष्णुपुर जिले का मोइरंग थाना क्षेत्र में AFSPA लागू किया गया है। AFSPA में बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार AFSPA को केवल अशांत क्षेत्रों में लागू किया जाता है। इन जगहों पर सुरक्षाबल बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं। कई मामलों में बल प्रयोग भी हो सकता है। पूर्वोत्तर में सुरक्षाबलों की सहूलियत के लिए 11 सितंबर 1958 को यह कानून पास किया गया था। 1989 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने पर यहां भी 1990 में AFSPA लागू कर दिया गया। अशांत क्षेत्र कौन-कौन से होंगे, ये भी केंद्र सरकार ही तय करती है। अब राज्य के 13 इलाकों में AFSPA लागू नहीं केंद्र सरकार के इस आदेश के बाद अब राज्य के 13 इलाके ही AFSPA से बाहर हैं। इससे पहले 1 अक्टूबर को मणिपुर सरकार ने इम्फाल,
Dainik Bhaskar फारूक अब्दुल्ला बोले- रोहिंग्या शरणार्थियों को पानी-बिजली मुहैया कराएंगे:ये हमारी जिम्मेदारी, उन्हें केंद्र सरकार ने JK में बसाया, हमने नहीं
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि राज्य में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को पानी और बिजली जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इन शरणार्थियों को भारत सरकार यहां लाई है। हम उन्हें यहां नहीं लाए। सरकार ने उन्हें यहां बसाया है और जब तक वे यहां हैं, ये हमारी ड्यूटी है कि उन्हें पानी और बिजली मुहैया कराएं। दरअसल, एक दिन पहले भाजपा ने जम्मू में रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थियों के बसाए जाने को ‘राजनीतिक षड्यंत्र’ बताया था। भाजपा ने कहा था कि जो लोग ऐसा होने दे रहे हैं उनकी पहचान करने के लिए CBI जांच होनी चाहिए। नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी की राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा था कि राज्य में रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थियों को पानी और बिजली का कनेक्शन इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि वे एक विशेष समुदाय से आते हैं और राज्य सरकार इनकी रक्षा करना चाहती है। जम्मू-कश्मीर में 13,700 विदेशी नागरिक सरकारी डेटा के मुताबिक, जम्मू और राज्य के कई अन्य जिलों में 13,700 विदेशी नागरिक रह रहे हैं। इनमें से ज्यादातर म्यांमार से आए रोहिंग्या और बांग्लादेशी हैं। 2008 से 2016 के बीच इनकी आबादी में 6000 का इजाफा हुआ है। मार्च 2021 में पुलिस ने 270 से ज्यादा रोहिंग्या लोगों को जम्मू में अवैध रूप से रहते हुए पाया था। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। इसके बाद पुलिस ने सभी को कठुआ की जेल में डाल दिया था। अब्दुल्ला बोले- राज्य में डबल इंजन सरकार नहीं चलेगी अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। यहां सिर्फ एक पावर सेंटर रहेगा। डबल इंजन सरकार यहां काम नहीं करेगी। अब्दुल्ला ने कहा कि यह भारत सरकार का वादा है और सुप्रीम कोर्ट के सामने भी यह शपथ ली गई है। जैसे चुनाव में किए वादे पूरे हुए हैं, वैसे ही सुप्रीम कोर्ट के सामने किया कमिटमेंट भी पूरा किया जाएगा और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होगा। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को मसले को देखना चाहिए। यह RSS द्वारा चलाई जा रही सरकार है। हमें इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।
Dainik Bhaskar बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन:दिल्ली में हाईकमीशन के बाहर हिंदू संगठनों ने मार्च निकाला; साधु-संत भी पहुंचे
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन चल रहा है। जम्मू-कश्मीर, नई दिल्ली, मुंबई, असम, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक समेत देश के कई राज्यों में लोग रैलियां निकाल रहे हैं। इधर दिल्ली में मंगलवार को बांग्लादेश हाईकमीशन के बाहर RSS समेत कई संगठनों प्रदर्शन और नारेबाजी की। सिविल सोसाइटी ने चाणक्यपुरी में विरोध मार्च निकाला। हालांकि इससे पहले बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रदर्शन का नेतृत्व साध्वी ऋतंभरा ज्योति ने किया। उनके अलावा इस्कॉन के सदस्यों ने भी कीर्तन करते हुए विरोध मार्च निकाला और हिंदुओं समेत चिन्मय दास पर हो रहे अत्याचारों पर एक्शन की मांग रखी। बांग्लादेश की 17 करोड़ आबादी में करीब 8% फीसदी हिंदू हैं। 5 अगस्त को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद से बांग्लादेश के 50 से ज्यादा जिलों में हिंदुओं पर 200 से ज्यादा हिंसक हमले हो चुके हैं। देशभर में हुए प्रदर्शन की तस्वीरें... अब तक इन राज्यों में इन तरीकों से हुआ बांग्लादेश का विरोध... त्रिपुरा- होटल अस्पतालों में बांग्लादेशियों की एंट्री बैन त्रिपुरा के होटल और रेस्टोरेंट संचालकों के एसोसिएशन ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (ATHROA) ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में बांग्लादेशी यात्रियों को अपने यहां खाना और कमरा न देने का फैसला लिया है। त्रिपुरा में अगरतला में ILS अस्पताल प्रबंधन ने भी बांग्लादेशी मरीजों का इलाज नहीं करने का फैसला किया। पिछले दिनों अगरतला में बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन के बाहर रैली निकाली गई थी। इस दौरान 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी बांग्लादेशी असिस्टेंट हाई कमीशन परिसर में घुस गए थे। बंगाल - अस्पतालों का इलाज से इंकार, घुसपैठियों पर नजर कोलकाता के जेएन रे अस्पताल के सुभ्रांशु भक्त ने बांग्लादेशी मरीजों का इलाज न करने का फैसला लिया। उनका कहना है कि बांग्लादेश में तिरंगे का अपमान हो रहा है। भारत ने बांग्लादेश की आजादी में अहम भूमिका निभाई, इसके बावजूद बांग्लादेशियों में भारत विरोधी भावनाएं दिख रही हैं। इधर, राज्य सरकार ने भी बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ को लेकर कड़ी नजर रखी जा रही है। महाराष्ट्र - अवैध रूप से रह रहीं 5 बांग्लादेशी महिलाएं गिरफ्त
Dainik Bhaskar आसाराम को तीसरी बार मिली पैरोल:15 दिसंबर से पुणे के आयुर्वेदिक अस्पताल में 17 दिन कराएगा इलाज
रेप केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को तीसरी बार पैरोल मिली है। राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार को आसाराम को 17 दिन की पैरोल दी। आसाराम 10 नवंबर से 30 दिन की पैरोल पर जोधपुर के निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में करवा रहा था। मंगलवार को उसकी पैरोल अवधि खत्म हो गई। आसाराम ने पुणे के माधो बाग अस्पताल में इलाज के लिए कोर्ट से पैरोल मांगी थी। जस्टिस दिनेश मेहता और विनीत माथुर की बेंच ने आसाराम को माधो बाग अस्पताल में इलाज के लिए 15 दिसंबर से 17 दिन की पैरोल दी है। पहले भी पुणे के अस्पताल में करा चुका इलाज आसाराम की ओर से वकील आरएस सलूजा और यशपाल सिंह ने पैरवी की। आसाराम की यह 11 साल में तीसरी पैरोल है। आसाराम को जोधपुर के निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के लिए 7 नवंबर को 30 दिन की पैरोल मिली थी। इससे पहले उसे 13 अगस्त को 11 साल में पहली बार पैरोल मिली थी। तब उसे सात दिन की पैरोल मिली थी। वह 27 अगस्त से 2 सितंबर तक पुणे के माधो बाग अस्पताल में इलाज कराने गया था। इसके बाद उसने पंचकर्म पूरे न होने का हवाला देते हुए 5 दिन पैरोल बढ़ाने की अपील की थी। जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी और मुन्नारी लक्ष्मण की बेंच ने 3 सितंबर को 5 दिन पैरोल बढ़ाने के आदेश दिए। आसाराम ने 7 सितंबर तक माधो बाग अस्पताल में इलाज कराया था। बेटा गुजरात हाईकोर्ट से ले चुका मिलने की अनुमति 18 अक्टूबर को आसाराम के बेटे नारायण साईं ने भी पिता से मिलने की गुहार लगाई थी। सूरत के लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद साईं को गुजरात हाईकोर्ट ने मानवीय आधार को ध्यान में रखते हुए अनुमति दी थी। इसके लिए नारायण साईं को 5 लाख रुपए चुकाने के लिए कहा था। उसे पिता आसाराम से मिलने के लिए 4 घंटे की अनुमति दी गई थी। पढ़ें पूरी खबर पढ़ें आसाराम की पैरोल से जुड़ी खबर 30 दिन के लिए जेल से बाहर आया आसाराम:आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज कराएगा; 11 साल में दूसरी बार पैरोल मिली रेप केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहा आसाराम जेल से बाहर आ गया है। जोधपुर हाईकोर्ट ने 7 नवंबर को आसाराम को इलाज के लिए 30 दिन की पैरोल दी थी। वह जोधपुर के भगत की कोठी स्थित निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में अपना इलाज करवाएगा। (पढ़ें पूरी खबर)
Dainik Bhaskar मंदिरों में नेताओं पोस्टर लगाने का मामला:केरल HC बोला- लोग भगवान के दर्शन करने आते हैं, नेताओं के चेहरे देखने नहीं
केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि मंदिरों में पोस्टर लगाकर राज्य सरकार या त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) को बधाई या राजनीतिक संदेश देने की अनुमति नहीं दी जा सकती। भक्त मंदिर में भगवान के दर्शन करने जाते हैं; न कि मुख्यमंत्री, विधायकों या TDB के सदस्यों का चेहरा देखने। दरअसल, केरल के अलप्पुझा जिले में चेरथला के पास थुरवूर महाक्षेत्रम मंदिर में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, मंत्री वीएन वासवन, क्षेत्रीय विधायक और TDB अध्यक्ष की फोटो वाले पोस्टर लगे थे। इनमें सबरीमाला तीर्थयात्रियों के लिए अन्नदानम (भंडारा) आयोजित करने के लिए राज्य सरकार और TDB की सराहना की गई थी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में शिकायत की गई थी। कोर्ट ने इस मामले में TDB और अन्य संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट बोला- दान के पैसों से पोस्टर न लगाएं जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस मुरली कृष्ण एस की बेंच ने मामला में सुनवाई की। इस पर बेंच ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियों की इजाजत नहीं दी जा सकती। यह मत समझिए कि आप (TDB) मंदिरों के मालिक हैं। बोर्ड एक ट्रस्टी है, जो सिर्फ मंदिर के मैनेजमेंट का काम करता है। थुरावूर मंदिर सबरीमाला तीर्थ यात्रा के दौरान रुकने की जगह है, इसलिए भक्तों को सुविधाएं देना TDB की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने निर्देश दिए कि भक्तों से मिले दान को पोस्टर लगाने के काम में नहीं लगाया जाना चाहिए। कोर्ट ने TDB से उसके प्रबंधन में आने वाले सभी रुकने की जगहों समेत सभी मंदिरों में लगाए गए फ्लेक्स बोर्ड्स की जानकारी मांगी है। ------------------------------------------ मंदिर विवादों से जुड़ी से खबर भी पढ़ें... तिरुपति मंदिर के लड्डू में चर्बी, घी का ब्रांड बदलने से कैसे खड़ी हुई इतनी बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर की लड्डू कॉन्ट्रोवर्सी के कई किरदार हैं। पूर्व CM से मौजूदा CM तक। मंदिर मैनेज करने वाले 'तिरुमला तिरुपति देवस्थानम' से लेकर सैंपल जांच करने वाली नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड तक। नंदनी ब्रांड के घी से लेकर AR डेयरी तक। पूरी खबर पढ़ें...
Dainik Bhaskar नीतीश की महिला संवाद यात्रा, लालू बोले-नयन सेंकने जा रहे:BJP ने कहा- बीमार हैं राजद सुप्रीमो; राजद ने याद दिलाया CM का विधानसभा वाला बयान
RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने सीएम नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि ' अच्छा है यात्रा पर जा रहे हैं। नयन सेंकने जा रहे हैं।' वहीं 2025 में 225 सीटें जीतने के नीतीश कुमार के दावे पर पूर्व सीएम ने कहा कि 'पहले आंखें सेंक लें अपनी। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी।' साथ ही इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर कहा है कि 'पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता चुना जाना चाहिए। कांग्रेस के विरोध का कोई मतलब नहीं है। ममता को ही नेता बनाया जाना चाहिए।' इधर लालू यादव के बयान पर जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि 'आधी आबादी के बारे में इतनी घटिया सोच। इंडी गठबंधन के नेता के इस शर्मनाक बयान की जितनी भी निंदा की जाए, कम होगी। हमें गर्व है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर। आज उनके ऐतिहासिक फैसलों के कारण बिहार महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रहा है।' डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने लालू यादव के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा- बिहार के लोकप्रिय सीएम नीतीश कुमार महिलाओं से संवाद करने जा रहे हैं। जिस तरह के शब्दों का प्रयोग लालू जी ने किया है, ये बड़ा ही चिंता का विषय है। पहले तो हम लोग ये समझते थे कि वो शारीरिक रूप से बीमार हैं। अब मानसिक रूप से बीमार हो गए हैं। उनको इलाज की जरूरत है। लालू यादव स्वार्थी हैं- गिरिराज सिंह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दिल्ली में मीडिया एजेंसी से बात करते हुए कहा, 'लालू प्रसाद यादव शुरू से ही स्वार्थी रहे हैं।' इंडी गठबंधन के नेतृत्व पर कहा- 'ममता बनर्जी कौन हैं? जो पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाना चाहती हैं।' भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि 'लालू प्रसाद यादव महिला का अपमान कर रहे हैं। वह क्या बोलते हैं, क्या सोचते हैं, हमलोग उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेते हैं।' JDU के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि 'लालू जी कांग्रेस को अपनी आंख दिखाइए। नीतीश कुमार पर आंख दिखाने की हिम्मत आपने कैसे कर दी। सच तो यह है कि जब आप जेल में थे तो होटवार जेल में आपका शरीर कैद था और बुद्धि चरवाहा विद्यालय में कैद हो गई थी। विधानसभा में सीएम का बयान भूल गई भाजपा- राजद लालू यादव के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा- 'बीजेपी