Dainik Bhaskar
Dainik Bhaskar गुजरात में फर्जी ED टीम ने ज्वेलर को लूटा:12 आरोपी गिरफ्तार, एक फरार, 22 लाख रुपए और जेवर बरामद
गुजरात के गांधीधाम में फर्जी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने ज्वेलर की दुकान और घर पर छापेमारी की। इस दौरान 22.25 लाख रुपए नकद और आभूषण चुरा लिए। पुलिस ने इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया गया कि यह घटना 2 दिसंबर की है। आरोपियों ने शहर की ज्वेलरी शॉप राधिका ज्वैलर्स पर छापामारी की। इन्होंने खुद को ED की टीम बताया था। इस दौरान नकदी और जेवर चुरा लिए। ज्वेलर ने बाद में पुलिस को जानकारी दी तो पुलिस ने जांच की। पता चला कि ED ने कोई छापामारी नहीं की है। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई। इसके बाद भरत मोरवाडिया, देवायत खाचर, अब्दुलसत्तार मंजोथी, हितेश ठक्कर, विनोद चूडासमा, यूजीन डेविड, आशीष मिश्रा, चंद्रराज नायर, अजय दुबे, अमित मेहता, उनकी पत्नी निशा मेहता और शैलेंद्र देसाई को गिरफ्तार किया गया। इनसे 22.27 लाख रुपए के सोने के आभूषण और तीन कारें जब्त की गई हैं। साजिश में शामिल विपिन शर्मा को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। भरत का आइडिया गांधीधाम निवासी भरत को राधिका ज्वैलर्स पर इस तरह की छापेमारी करने का आइडिया आया। उसने अपने सहयोगी खाचर को बताया कि आयकर विभाग ने करीब छह साल पहले इस ज्वैलर्स पर छापा मारा था और बड़ी मात्रा में नकदी और आभूषण जब्त किए थे। राधिका ज्वैलर्स के मालिकों के पास अभी भी 100 करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसके बाद साजिश में मंजोथी, हितेश ठक्कर और विनोद चूडासमा को इसमें शामिल किया गया। ये सभी 15 दिन पहले आदिपुर कस्बे में एक चाय की दुकान पर मिले थे और ED अधिकारी बनकर फर्म पर छापा मारने की योजना तैयार की थी। इसके बाद चूड़ासमा ने मिश्रा से मदद मांगी। उसने अहमदाबाद निवासी नायर, अमित, निशा, विपिन शर्मा और शैलेंद्र देसाई को भी वारदात में शामिल किया, जो अहमदाबाद में मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में अनुवादक के रूप में काम करते हैं। अधिकारी ने कहा, इसके बाद देसाई ने अंकित तिवारी नामक ED अधिकारी का फर्जी पहचान पत्र तैयार किया। देसाई, मिश्रा, नायर, दुबे, अमित मेहता, निशा मेहता और विपिन शर्मा की छापेमारी टीम 2 दिसंबर को ज्वैलर के शोरूम और घर पहुंची। फर्जी छापेमारी के दौरान निशा मेहता ने 25.25 लाख रुपए की नकदी और आभूषण चुरा लिए। एक आरोपी पत्रकार इनमें अब्दुलसत्तार मंजोथी खुद को पत्रकार बताता है। इसके खिलाफ जामनगर जिल
Dainik Bhaskar पु्ष्पा-2 की आंधी के बीच अल्लू अर्जुन पर केस:आरोप- बिना बताए थिएटर पहुंचे; उन्हें देखने भगदड़ मची, जिससे महिला की जान गई
पुष्पा-2 की रिलीज के बीच अल्लू अर्जुन पर केस दर्ज हो गया है। दरअसल अल्लू अर्जुन बुधवार की रात हैदराबाद के एक लोकल संध्या थिएटर पहुंचे थे। उन्हें देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और 3 लोग घायल हो गए। अब रिपोर्ट्स की मानें तो इस मामले में अल्लू अर्जुन और संध्या थिएटर पर केस फाइल कर दिया गया है। बिना बताए थिएटर पहुंचे थे अल्लू, पुलिस को जानकारी नहीं थी बताया जा रहा है कि अल्लू अर्जुन बिना जानकारी दिए वहां पहुंच गए थे। साथ ही संध्या थिएटर पर आरोप लगा है कि उन्होंने इवेंट को सही से मैनेज नहीं किया। इस मामले में हैदराबाद के डिप्टी पुलिस कमिश्नर का रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा- पुलिस को सूचना नहीं थी कि एक्टर फैंस से मिलने थिएटर आ रहे हैं। हालांकि, थिएटर वालों को यह बात पता थी। उन्हें कम से कम भीड़ नियंत्रित करने के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी। अब पूरा मामला विस्तार से समझिए हैदराबाद में बीती रात पुष्पा 2 की स्क्रीनिंग के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें एक महिला की मौत हो गई और 3 लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि बुधवार रात को संध्या थिएटर में फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए अल्लू अर्जुन आए थे। थिएटर के बाहर आरटीसी एक्स रोड पर इकट्ठा हुए। फैंस अल्लू अर्जुन से मिलना चाहते थे। इसी दौरान अचानक भगदड़ मच गई। धक्का-मुक्की के कारण कई लोग एक-दूसरे पर गिर गए। कुछ लोग घायल भी हुए। स्थिति को कंट्रोल में लाने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया। भीड़ कम होने के बाद पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर ने 1 महिला को मृत घोषित कर दिया, वहीं 3 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पूरी खबर पढ़ें..
Dainik Bhaskar कांग्रेस नेता बोले-असम में बीफ बैन संघ परिवार का एजेंडा:कहा- ये असम में चुनाव से पहले लोगों के बीच फूट डालने की कोशिश
केरल के नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सथीसन ने गुरुवार को असम सरकार के बीफ बैन करने के फैसले को ‘संघ परिवार’ का एजेंडा बताया। उन्होंने कहा, ये लोगों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। सथीसन का यह बयान असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बुधवार को किए गए ऐलान के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ने राज्य भर में किसी भी होटल, रेस्टोरेंट और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस परोसने और खाने पर बैन लगाने का फैसला किया है। सथीसन ने कहा- देश भर में संघ परिवार की सरकारें लोगों के बीच समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। असम में चुनाव आ रहे हैं, इसलिए यह संघ परिवार का एजेंडा है और वे लोगों के बीच फूट डालना चाहते हैं। असम सरकार गाय और बीफ के बीच अंतर समझे- बीजेपी नेता मेजर रवि इस बीच, भाजपा के केरल उपाध्यक्ष मेजर रवि ने कहा कि असम सरकार को गाय और बीफ के बीच अंतर समझना चाहिए। उन्होंने कहा, गोमांस पर अचानक बैन से लोगों को गलत संदेश जाएगा। बीफ गाय का मांस नहीं होता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को ऐसा नहीं कहना चाहिए था। अगर कोई खाना चाहता है, तो उसे खाने की आजादी होनी चाहिए। गाय की हम पूजा करते हैं। मैंने कहीं नहीं देखा कि गायों की हत्या की जा रही हो। बीफ भैंस और बैल दोनों का होता है। इसलिए सबसे पहले फर्क समझें और फिर प्रतिबंध लगाएं। हमें लोगों को गलत संदेश नहीं देना चाहिए और सांप्रदायिक मुद्दे नहीं बनाने चाहिए। असम मंत्री बोले- कांग्रेस फैसला माने या पाकिस्तान जाए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा कि 2021 में असम मवेशी संरक्षण अधिनियम कानून पारित किया गया था और यह काफी सफल रहा है। इसलिए अब असम में हमने गोमांस पर पूरी तरह से बैन करने का फैसला किया है। इस फैसले को लेकर असम के जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा- कांग्रेस इस फैसले का स्वागत करे या पाकिस्तान जाए। दरअसल, सामगुरी सीट पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान हुआ था। 23 नवंबर को रिजल्ट आने के बाद कांग्रेस की हार पर सांसद रकीबुल हुसैन ने भाजपा पर बीफ बांटने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को बीजेपी की बैठक के बाद मीडिया से कहा- वे राज्य में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कांग्रेस इसे लिखित में दें। सरमा ने पूछा था- क्या गो
Dainik Bhaskar दिल्ली ट्रिपल मर्डर केस, बेटा हत्यारा निकला:मां-बाप, बहन का गला रेता; बहन के नाम प्रॉपर्टी होने के डर से साजिश रची
दिल्ली के नेब सराय में 4 दिसंबर को हुए ट्रिपल मर्डर केस का खुलासा हो गया है। परिवार के 20 साल के बेटे अर्जुन ने ही पिता राजेश कुमार (51), मां कोमल (46) और बहन कविता (23) के मर्डर की साजिश रची थी। हत्या के बाद वो रोज की तरह मॉर्निंग वॉक पर चला गया। वापस आने के बाद उसने शोर मचाया और पड़ोसियों को परिवार वालों की हत्या होने की बात बताई। जॉइंट सीपी एस के सिंह ने बताया कि पूछताछ के दौरान अर्जुन ने अलग-अलग बयान दिए जिससे उस पर शक हुआ। इसके बाद अर्जुन ने पुलिस के सामने कबूला कि अपने परिवार वालों की हत्या की साजिश उसने ही रची थी। आरोपी अर्जुन के पिता के साथ विवाद चल रहे थे। उसे डर था कि आर्मी से रिटायर्ड पिता पूरी प्रॉपर्टी बेटी के नाम कर देंगे। पिता उसे पढ़ाई के लिए बार-बार टोकते और बॉक्सिंग करियर में सपोर्ट नहीं करते। इस गुस्से में ही उसने परिवार की हत्या कर दी। सालगिरह के दिन हत्या करने की साजिश अर्जुन ने अपने परिवार वालों की हत्या की साजिश पहले से ही कर दी थी। उसने हत्या को अंजाम देने के लिए अपने मां-बाप की सालगिरह का दिन चुना। 4 दिसंबर को उसके माता-पिता अपनी 27वीं सालगिराह मना रहे थे। इन दिन अर्जुन ने सुबह पहले बहन को मारा। इस दौरान दोनों में हाथापाई भी हुई। कविता के शरीर पर चोट के निशान हैं। इसके बाद उसने सो रहे पिता को मारा। आखिर में उसने मां पर वार किया जो बाकी दो मर्डर के समय बाथरूम में थीं। आवाज न हो इसलिए गला काटा अर्जुन ने अपने परिवार वालों की हत्या के लिए पिता का सर्विस नाइफ (चाकू) चुना। हत्या करते समय शोर न हो इसलिए उसने घरवालों के गले पर वार किया। खून का बहाव रोकने के लिए अर्जुन ने तीनों के गले पर कपड़ा भी लगाया। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में बाहरी व्यक्ति के सबूत नहीं मिले हत्या को अंजाम देने के बाद अर्जुन रोज की तरह सुबह 05:30 बजे मॉर्निंग वॉक पर चला गया। यहां से वापस आने के बाद वह पहले घर गया। घर से निकलकर उसने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मां-बाप और बहन की हत्या की जानकारी दी। पड़ोसियों ने पुलिस को फोन कर घटना के बारे में बताया। मामले की जांच कर रही पुलिस को सीसीटीवी कैमरे चेक करने पर घर में कोई बाहरी व्यक्ति जाते नहीं दिखाई दिया। घर में किसी के जबरदस्ती घुसने, सामान इधर-उधर होने या चोरी के भी कोई सबूत नहीं थे। पिता से नाराजगी थी वजह पुलिस को अर्जुन के बया
Dainik Bhaskar पंजाब में 1 जनवरी से ऑफलाइन वेरिफिकेशन बंद:दफ्तरों के झंझटों से मिलेगी राहत, कैबिनेट मंत्री बोले- 95 नई सेवाएं होंगी ऑनलाइन
1 जनवरी से पंजाब में वेरिफिकेशन से जुड़ी सभी सेवाएं ऑनलाइन मिलेंगी। ऑफलाइन वेरिफिकेशन बंद हो जाएगा। पंजाब सरकार ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह जानकारी पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में एक कार्यक्रम में दी। इस दौरान उन्होंने छह तरह की ऑनलाइन सेवाओं के वेरिफिकेशन से जुड़े प्रोजेक्ट को लॉन्च किया। उन्होंने दावा किया है कि इससे लोगों को सरकारी दफ्तरों के झंझटों से मुक्ति मिलेगी। साथ ही उनका समय और पैसा भी बचेगा। काम में पारदर्शिता आएगी। इस तरीके से काम करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य बन गया है। रेवन्यू और नगर निगम की सेवाएं होंगी ऑनलाइन अमन अरोड़ा ने बताया कि सरकार जल्द ही कई विभागों द्वारा दी जाने वाली 95 सेवाओं को ऑनलाइन करने जा रही है जो लंबे समय से ऑफलाइन चल रही हैं। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान राजस्व विभाग, नगर निगम, नगर परिषद, बिजली विभाग की सेवाएं ऑनलाइन की जाएंगी। जिसके लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। सेवा केंद्र में काम के लिए घर बैठे ले पाएंगे अप्वाइंटमेंट पंजाब में चल रहे 500 से अधिक सेवा केंद्रों में काम करवाने के लिए लोगों को धक्के न खाने पड़े। इसके लिए सरकार व्हटासएप चैट बॉट सेवा सरकार शुरू करने जा रही है। इसमें लोगों को बस अपने मोबाइल के व्हाटसएप से अपना काम बताकर अप्वाइंटमेंट बुक करवानी होगी। इसके बाद उनको समय मिल जाएगा। जिससे लोगों को काफी फायदा होगा। इस दौरान सारा काम पंजाबी भाषा में होगा। ऑनलाइन टोकन भी जारी होगा। ऐसे काम करेगा नया सिस्टम इस सिस्टम के तहत सारे पटवारी, पंच, सरपंच, पार्षद और नंबरदारों को जोड़ा गया है। कोई किसी सर्विस के लिए जैसे ऑनलाइन आवेदन करता है। तो उसके बाद ऑनलाइन ही उसकी जानकारी पटवारी के पास जाएगी। पटवारी आगे उससे संबंधित इलाके के सरपंच, पार्षद या नवंबरदार को भेजेगा। इसके बाद वह वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को पूरी होगी। पहले लोगों को जाना पड़ता था सरपंचों के पास अधिकतर सेवाएं पहले भी सरकार द्वारा ऑनलाइन मुहैया करवाई जाती हैं। लेकिन उससे जुड़े कुछ दस्तावेज की वेरिफिकेशन के लिए लोगों को सरपंचों या पंचों के चक्कर लगाने पड़ते थे। इस वजह से कई बार लोगों को परेशानी होती है। ऐसे में अब यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। यह सेवाएं शुरू होगी ऑनलाइन इस दौरान मुख्य रूप से र
Dainik Bhaskar कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने ED को 'गुलाम निदेशालय' बताया:MUDA मामले में कहा- जांच एजेंसी केंद्र सरकार की कठपुतली; रिपोर्ट लीक करने का भी आरोप लगाया
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने गुरुवार को ED को 'गुलाम निदेशालय' बताया। प्रियांक ने सोशल मीडिया X पर लिखा, 'प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक गुलाम निदेशालय बन गया है। वे भाजपा सरकार की असहाय और लाचार कठपुतलियों के अलावा कुछ नहीं हैं। मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) मामले में CM सिद्धारमैया के खिलाफ ED की जो रिपोर्ट लीक की गई है, वह पूरी तरह से मनगढ़ंत है।' दरअसल साल 1992 में मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई। MUDA पर आरोप है कि उसने 2022 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले मैसुरु के एक पॉश इलाके में 14 साइट्स आवंटित की। इन साइट्स की कीमत पार्वती की जमीन की तुलना में बहुत ज्यादा थी। हालांकि, इस 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार भी नहीं था। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था। ED ने जानबूझ कर रिपोर्ट लीक की- प्रियांक खड़गे प्रियांक खड़गे ने कहा कि यह सब राजनीतिक मंशा से किया जा रहा है और यह कार्रवाई पूरी तरह से केंद्र सरकार के दबाव में की जा रही है। उन्होंने कहा कि ED ने जानबूझकर रिपोर्ट को मीडिया में लीक किया ताकि अदालत पर दबाव डाला जा सके और मामला पक्षपाती हो जाए। अदालत के मन में पूर्वाग्रह पैदा करने का एक शर्मनाक प्रयास है। उन्होंने यह भी पूछा, आखिर भाजपा कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जांच एजेंसी पर लगाए आरोप बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई से पहले लोकायुक्त को पत्र लिखने पर कहा कि ED अदालत को प्रभावित करना चाहता था। उन्होंने X पर लिखा, हमारी याचिका की हाईकोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले ED लोकायुक्त को पत्र लिखता है। यह साफ तौर पर न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश है। ED की जांच भी सवालों के घेरे में है। सही तरीका यह होता कि वे अपनी जांच पूरी करने के बाद लोकाय
Dainik Bhaskar खालिस्तानी स्टाइल में हुआ सुखबीर बादल पर हमला:पॉइंट ब्लैंक रेंज से DIG को भी गोली मारी थी; इसी तरह RSS-हिंदू नेताओं की हत्या हुई
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता व पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर गोल्डन टेंपल के बाहर दर्शनी ड्योढ़ी पर फायरिंग हुई। खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने पॉइंट ब्लैंक रेंज से सुखबीर बादल को निशाना बनाया। हालांकि, इस हमले में सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए। चौड़ा ने उन्हें खालिस्तानी आतंकियों के पुराने ढंग से ही निशाना बनाने की कोशिश की है। इससे पहले भी ठीक इसी स्टाइल में खालिस्तानी आतंकी एक पूर्व DIG और कई हिंदू नेताओं को शिकार बना चुके हैं। पहले 3 तस्वीरों में देखिए सुखबीर बादल पर हमले का घटनाक्रम... अब जानिए, कब-कब खालिस्तानी आतंकियों ने इसी तरह हत्याएं कीं... गोल्डन टेंपल में DIG अटवाल को गोली मारी 41 साल पहले, 25 अप्रैल 1983 को सुबह 11:10 बजे गोल्डन टेंपल में इसी जगह एक घटना हुई थी, जिसमें IPS ऑफिसर तत्कालीन जालंधर रेंज के DIG एएस अटवाल को पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई थी। स्वर्ण मंदिर में प्रार्थना करने के बाद वह बाहर निकल रहे थे। तभी एक अज्ञात व्यक्ति ने उन पर गोली चला दी, इसमें DIG अटवाल की मौत हो गई। इस हमले में अमृतसर के रहने वाले कुलविंदर सिंह और 11 वर्षीय वरिंदरजीत सिंह भी घायल हुए थे। वरिंदरजीत की बाद में मौत हो गई, जबकि कुलविंदर गंभीर रूप से घायल थे। DGP बोले- 2 घंटे तक पड़ा रहा था DIG का शव इसके बाद तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री पीसी सेठी ने संसद में बताया था कि DIG अटवाल को दरबार साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार के पास गोली मारी गई। हमलावर कथित तौर पर दरबार साहिब के अंदर से आया था और फायरिंग के बाद वापस वहीं चला गया। वहीं, पंजाब के पूर्व DGP केपीएस गिल के अनुसार, "दुकानदारों ने अपने शटर गिरा दिए, और कोई भी DIG के शव के पास जाने की हिम्मत नहीं कर पाया। हत्यारों ने शव के पास भांगड़ा किया और फिर मंदिर में लौट गए। अटवाल का शरीर लगभग 2 घंटे तक मंदिर के मुख्य द्वार पर पड़ा रहा।" RSS नेता की लुधियाना में हुई थी हत्या करीब 8 साल पहले 2016 में लुधियाना में इसी स्टाइल से 2 बाइक सवार खालिस्तानी आतंकियों ने 60 वर्षीय RSS नेता रविंदर गोसाईं और 2017 में रिटायर ब्रिगेडियर व RSS नेता जगदीश गगनेजा की हत्या की थी। इन दोनों मामलों में हमलावर अचानक सामने आए थे और पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोलियां मारीं। जब इस मामले की जांच हुई तो तार पाकिस्तान से होते हुए यूरोप और जर्मनी तक जु
Dainik Bhaskar दिल्ली प्रदूषण पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:GRAP IV पाबंदिया जारी रहेगी या नहीं इस पर फैसला, AQI खराब से मीडियम हुआ
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। GRAP-IV पाबंदियां लागू रहेगी या हटेगी, इस पर फैसला होगा। इससे पहले 2 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 5 दिसंबर तक पाबंदियां लगाए रखने के निर्देश दिए थे। बेंच ने कहा था- अगले तीन दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लेवल में गिरावट देखने के बाद ही GRAP-IV पाबंदियों में ढील दी जाएगी। कोर्ट ने 18 नवंबर से GRAP-IV की पाबंदियां लगाई हैं। दिल्ली की हवा सुधरी दीवाली के बाद से लगातार खराब होती दिल्ली की हवा गुरुवार को बेहतर हुई। सुबह 8 बजे दिल्ली का AQI 161 दर्ज किया गया। यह मीडियम कैटेगरी में आता है। हालांकि बढ़ती ठंड की वजह से स्मॉग की परत भी देखी गई। इससे पहले दिल्ली का AQI खराब, बहुत खराब या खतरनाक कैटेगरी में ही दर्ज किया जा रहा था। कुछ इलाकों में AQI 127 तक भी नीचे आ गया है। पिछली सुनवाई और कोर्ट के बयान... AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है हवा में प्रदूषण की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटा गया है। हर स्तर के लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है। इसीके आधार पर प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है। ग्रेप के स्टेज -------------------------- दिल्ली प्रदूषण से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए... दिल्ली की हवा रोज 38 सिगरेट, हरियाणा की 25 सिगरेट जितनी जहरीली; प्रदूषण पर वो सब कुछ जो जानना जरूरी अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जब 2016 में तीन दिन की यात्रा पर दिल्ली आए थे तब इंटरनेशनल मीडिया में हेडलाइन बनी-मिस्टर प्रेसिडेंट, दुनिया की सबसे खराब हवा ने आपकी जिंदगी 6 घंटे कम कर दी। अगर दिल्ली की जहरीली हवा में महज 3 दिन गुजारने से ओबामा की जिंदगी के 6 घंटे कम हो गए, तो दिल्ली वालों पर इसका क्या इमपेक्ट होगा पूरी खबर पढ़िए
Dainik Bhaskar प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर आज SC में सुनवाई:हिंदू पक्ष की मांग- 1991 में बना कानून रद्द हो; इसमें 1947 के पहले बने पूजा स्थलों को बदलने की इजाजत नहीं
सुप्रीम कोर्ट में आज प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस मनमोहन की तीन जजों की बेंच इस मामले को सुनेगी। हिंदू पक्ष ने 1991 में बने इस कानून को चुनौती दी है। कानून के मुताबिक, 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता। उधर जमीअत उलमा ए हिंद ने कानून के समर्थन में याचिका लगाई है। इस मामले में कुल छह याचिकाएं दाखिल इस मामले में अब तक कुल छह याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट में आज इन सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी। इनमें से कुछ याचिकाओं में इस कानून को रद्द करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं में विश्वभद्र पुजारी पुरोहित महासंघ, सुब्रह्मण्यन स्वामी और अश्विनी उपाध्याय शामिल हैं। वहीं जमीअत उलमा ए हिंद ने इसके समर्थन में याचिका लगाई है। मुस्लिम पक्ष की दलील है कि इस कानून को रद्द न किया जाए। प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट-1991 क्या है? 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार ने पूजा स्थल कानून बनाया। ये कानून कहता है कि 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो उसे एक से तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। अयोध्या का मामला उस वक्त कोर्ट में था इसलिए उसे इस कानून से अलग रखा गया था। क्यों बनाया गया था ये कानून? दरअसल, ये वो दौर था जब राम मंदिर आंदोलन अपने चरम पर था। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ से रथयात्रा निकाली। इसे 29 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचना था, लेकिन 23 अक्टूबर को उन्हें बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार करने का आदेश दिया था जनता दल के मुख्यमंत्री लालू यादव ने। इस गिरफ्तारी का असर ये हुआ कि केंद्र में जनता दल की वीपी सिंह सरकार गिर गई, जो भाजपा के समर्थन से चल रही थी। इसके बाद वीपी सिंह से अलग होकर चंद्रशेखर ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई, लेकिन ये भी ज्यादा नहीं चल सकी। नए सिरे से चुनाव हुए और केंद्र में कांग्रेस की सरकार आई। पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने। राम मंदि
Dainik Bhaskar मैदानी इलाकों में हरियाणा का हिसार सबसे ठंडा:झारखंड के कुछ इलाकों का तापमान 1°C तक गया; दिल्ली की हवा सुधरी
मौसम विभाग ने बताया कि एक दिन पहले बुधवार को मैदानी इलाकों में सबसे कम न्यूनतम तापमान 9.9°C हिसार (हरियाणा) में दर्ज किया गया। अगले 3 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत यानी हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, यूपी, राजस्थान के न्यूनतम तापमान में 2-3°C की गिरावट होने की संभावना है। वहीं,सबसे अधिक अधिकतम तापमान 37.3°C बॉम्बे सांताक्रूज़ (कोंकण और गोवा) में रहा। इसके अलावा महाराष्ट्र और तेलंगाना में कुछ जगहों पर न्यूनतम तापमान 5°C या इससे ऊपर; मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा, गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी में 3 से 5°C, वहीं झारखंड में कुछ इलाकों में 1 से 3°C रहा। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि गुरुवार को कोंकण-गोवा, सेंट्रल महाराष्ट्र, कर्नाटक और तटीय आंध्र प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर बिजली चमकने के साथ तेज हवा चलने की आशंका है। वहीं, लक्षद्वीप आस-पास के अरब सागर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की आशंका है। इससे मछुआरों को इस इलाके में न जाने की सलाह दी गई है। दिल्ली की हवा में सुधार के साथ गुरुवार को AQI 128 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के मध्यम स्तर को दिखाता है। इससे पहले बुधवार को 211 AQI दर्ज हुआ था। आज शहर का न्यूनतम तापमान 10°C रहने की संभावना है। दिल्ली का हाल बताती 2 तस्वीरें... राज्यों के मौसम की खबरें... उत्तर प्रदेश: लखनऊ-झांसी में गिरने लगा तापमान, 4 दिन में सर्दी बढ़ने का अनुमान यूपी में मंगलवार रात गोरखपुर सबसे ठंडा शहर रहा। यहां का न्यूनतम तापमान 11.2°C रिकॉर्ड किया गया। मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही ने बताया कि बुधवार को मेरठ में मौसम में बदलाव आया। दिन और रात थोड़ा बढ़ गया। मेरठ में अलगे चार दिनों तक मौसम शुष्क बने रहने का अनुमान है। पूरी खबर पढ़ें... मध्य प्रदेश: रात का तापमान बढ़ा, दिन में लुढ़का; बर्फीली हवा से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर-चंबल ठिठुरे बर्फीली हवा की वजह से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग में दिन में ठंडक बढ़ गई है। यहां दिन के पारे में 3 डिग्री की गिरावट हुई है। दूसरी ओर, फेंगल तूफान ने रात के टेम्परेचर को बढ़ा दिया है। कई शहरों में तो पारा 17 डिग्री के पार है। अगले 2 दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। फिर रात के तापमान में भी गिरावट होने लगेगी। पूरी खबर पढ़ें... छत्तीसगढ़: बढ़ेग
Dainik Bhaskar नोएडा में धरने पर बैठे 34 किसान गिरफ्तार:रातों-रात पुलिस ने धरना स्थल खाली कराया; कल 123 को छोड़ा था
नोएडा में पंचायत से पहले पुलिस ने 34 किसानों को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार देर रात पुलिस ने जीरो पॉइंट पर धरने के लिए बैठे किसानों को भी हटा दिया। पुलिस की इस कार्रवाई से किसानों में आक्रोश है। दरअसल, बुधवार शाम को सीएम योगी ने कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अराजकता कहीं भी बर्दाश्त नहीं होगी। चाहे वो संभल हो या ग्रेटर नोएडा। इसके बाद आनन-फानन में पुलिस ने एक्शन लिया। पूरे मामले पर एक नजर... 2 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के 10 संगठनों ने अपनी 4 मांगों को लेकर दिल्ली कूच का ऐलान किया था। अफसरों के आश्वासन के बाद किसानों ने 7 दिन का समय दिया और नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर आंदोलन को शिफ्ट कर दिया। इसके बाद पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल आने वाले किसानों को रोक दिया। इसके साथ ही 8 किसान नेता समेत 123 किसानों को गिरफ्तार कर लिया। 4 दिसंबर को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) किसानों को छुड़ाने के लिए महापंचायत बुलाई। इसमें शामिल होने जा रहे महापंचायत में शामिल होने पहुंच रहे राकेश टिकैत को पुलिस प्रशासन ने अलीगढ़ के टप्पल पर रोक लिया। इसके बाद पंचायत से किसानों ने ऐलान किया कि अगर 1 घंटे में राकेश को नहीं छोड़ा तो आंदोलन होगा। किसानों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने राकेश टिकैत को छोड़ दिया। टिकैत वहां से भागते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे पर पहुंचे। पुलिस पीछे-पीछे दौड़ती रही। पुलिस को डर था कि टिकैत हाईवे पर न बैठ जाएं। हालांकि, वह से गाड़ी से ग्रेटर नोएडा के लिए रवाना हो गए। हालांकि, वह धरनास्थल तक नहीं पहुंच पाए थे। बुधवार को 123 किसानों को पुलिस ने छोड़ा था बुधवार शाम को 123 किसानों को भी पुलिस ने लुक्सर जेल में छोड़ दिया। देर रात ग्रेटर नोएडा के जीरो पाइंट पर पंचायत प्रमुखों की पुलिस अफसरों से बातचीत हुई। इसके बाद पंचायत प्रमुखों ने कहा- आज धरना जीरो पाइंट पर जारी रहेगा। आज संयुक्त मोर्चे की मीटिंग के बाद निर्णय लिया जाएगा कि धरना जीरो पाइंट पर चलेगा या दलित प्रेरणा स्थल पर। किसान नेता बोले- इतनी तानाशाही ठीक नहीं भारतीय किसान यूनियन के युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी गौरव टिकैत ने नोएडा में चल रही किसानों की पंचायत में पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने कहा है- सीधे-साधे किसानों पर अत्याचार हो रहा है। इससे योगी सरकार की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंन
Dainik Bhaskar योगी बोले-गलतफहमी में मत रहिए, बंटेंगे तो कटेंगे:बांग्लादेश में दुश्मन कृत्य कर रहे, यहां भी ऐसे लोग हैं...जो आपको मरता छोड़ चले जाएंगे
सीएम योगी ने कहा- गलतफहमी में मत रहिए, बंटेंगे तो कटेंगे। ये बांटने वाले लोग दुनिया के कई देशों में प्रॉपर्टी खरीदकर रखे हैं। ये इस सोच में हैं कि यहां संकट आएगा तो वहां चले जाएंगे। मरने वाले लोग मरते रहेंगे। योगी ने कहा- दुश्मन बगल के देश बांग्लादेश में किस तरह का कृत्य कर रहे हैं। यहां भी ऐसे लोग हैं। योगी ने अयोध्या के रामायण मेले के उद्घाटन के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने तुलसी दल पत्रिका का विमोचन भी किया। सीएम ने कहा- याद रखना, 500 साल पहले बाबर के एक सिपहसलार ने जो काम अयोध्या में किया, जो संभल में किया और जो काम आज बांग्लादेश के अंदर हो रहा...तीनों की प्रकृति और DNA एक जैसा है। उन्होंने कहा- सपाई गुंडों के संरक्षण के बगैर बिन पानी मछली की तरह तड़पते हैं, जिसके मन में भगवान राम के प्रति श्रद्धा का भाव नहीं है, उसको कट्टर दुश्मन की तरह त्याग देना चाहिए। जो राम का नहीं, वो हमारे किसी काम का नहीं। अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए...
Dainik Bhaskar संभल हिंसा- उपद्रवियों से एक करोड़ वसूले जाएंगे:SP बोले- हमारे पास 400 आरोपियों के फुटेज; सर्च अभियान में फिर विदेशी कारतूस मिले
संभल हिंसा का आज 12वां दिन है। गुरुवार को लगातार तीसरे दिन पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाकों में पुलिस ने सर्च अभियान चलाया। फोरेंसिक टीम को 3 कारतूस, 1 खोखा और दो 12 बोर के मिस फायर कारतूस मिले हैं। इससे पहले, मंगलवार को सर्च में टीम को पाकिस्तान मेड कारतूस मिले थे। हिंसा में हुए नुकसान पर एसपी केके बिश्नोई ने कहा, अलग-अलग तरीके से 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। कई कारें जल गईं, ट्रांसफॉर्मर जल गए और कैमरे भी टूट गए। यह सब बदमाशों से वसूल किया जाएगा। आतंकी कनेक्शन की जांच होगी। उन्होंने यह भी कहा, मैं उन सभी से अपील करता हूं जो इस घटना में शामिल थे। हमारे पास उन सभी के फुटेज हैं, इसलिए आपको कबूल करने के लिए पुलिस स्टेशन आना चाहिए। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। इधर, राहुल के संभल दौरे को लेकर भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने गुरुवार को कहा- राहुल गांधी हाथ में संविधान की किताब लेकर संविधान तोड़ने की बात कर रहे थे। उनका काम वहां (संभल) जाना नहीं था। उन्हें अपना फोटो सेशन पूरा करना था, उनकी सहानुभूति संभल या वहां के लोगों से नहीं है। उनकी सहानुभूति अपने वोट बैंक से है। सपा और कांग्रेस एक दूसरे का वोट बैंक खींचना चाहती हैं। इससे पहले, बुधवार रात सीएम योगी ने राज्य में कानून व्यवस्था की समीक्षा की। कहा- संभल या किसी अन्य जिले में किसी को भी अराजकता फैलाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। संभल का एक भी दंगाई बख्शा नहीं जाना चाहिए। कानून का उल्लंघन करने की किसी को भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। संभल हिंसा का मौजूदा और पिछले 24 घंटे का घटनाक्रम जानने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...
Dainik Bhaskar पंजाब निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस:अगले सप्ताह शुरू होगा टिकट वितरण का काम, रविवार तक मांगी जाएगी दावेदारों की फाइनल लिस्ट
पंजाब में पांच नगर निगमों और 43 नगर परिषदों के चुनाव की जंग जीतने के लिए कांग्रेस ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी ने तय किया है कि सभी जगहों से चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों के नामों की अंतिम सूची रविवार तक राज्य स्क्रीनिंग कमेटी को भेज दी जाएगी। वहीं, जिन जगहों पर कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं होगा, वहां अगले सप्ताह तक टिकट बांट दिए जाएंगे। स्क्रीनिंग कमेटियों को चार चीजों पर रखना होगा फोकस 1. चंडीगढ़ में हुई स्क्रीनिंग कमेटी मीटिंग में पार्टी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने साफ किया है कि चुनाव उनके लिए काफी अहम है। प्रत्याशी के चयन के लिए कोई भी सिफारिश करें, उनकी सुनवाई जरूर करें। लेकिन नाम उसी का भेजा जाए जो कि चुनाव जीतने की क्षमता रखता हो। 2. नगर निगमों बहुत से कई ऐसे वार्ड होते हैं, जहां से केवल एक ही आवेदन आया होगा। वहां पर कोई दूसरा प्रतिदंद्वी नहीं है। उन एरिया टिकटों का बंटवारा अगले हफ्ते तक कर दिया जाएगा। 3. जब पिछली बार चुनाव हुए तो पार्टी सत्ता में थी, लेकिन इस बार स्थितियां दूसरी है। इसलिए पार्टी केवल विजेता ही नहीं बल्कि उन नामों पर भी विचार करेगी। जिन्होंने पिछली बार टिकट के लिए आवेदन किया था या आजाद चुनाव लड़ा था। 4. 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को किस वार्ड में कितने वोट मिले थे। इसका डॉटा भी पार्टी तैयार कर रही है। पार्टी की कोशिश इन चुनावों में जीत हासिल करना ह ै। क्योंकि इसके बाद सीधे 2027 विधानसभा चुनाव होंगे। निगम चुनाव के लिए बनी स्क्रीनिंग कमेटियों में सभी नेता शामिल पंजाब कांग्रेस ने पिछले महीने नगर निगम और नगर परिषद चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटियों का गठन किया था। इनमें सभी नेताओं, विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों और सांसदों को जगह दी गई है। साथ ही, यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि पार्टी अधिक से अधिक सीटों पर जीत हासिल करे। क्योंकि हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनावों में पार्टी को चार में से तीन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। जहां पार्टी ने आम आदमी पार्टी की लहर के बाद भी 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इनमें गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल सीटें शामिल हैं। हालांकि, पार्टी 2017 के बाद बरनाला सीट जीतने में कामयाब रही है।
Dainik Bhaskar संसद के शीतकालीन सत्र का 8वां दिन आज:कल महिला सांसदों के जय श्रीराम के जवाब में प्रियंका गांधी ने जय सियाराम कहा था
संसद के शीतकालीन सत्र का गुरुवार को आठवां दिन है। संसद की पिछली 7 कार्यवाहियों में संभल हिंसा, मणिपुर हिंसा, किसानों की मांग का मुद्दा और अडाणी मामला सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। आज भी इन मुद्दों पर हंगामे के आसार हैं। कल संसद परिसर में प्रियंका गांधी से महिला सांसदों की मुलाकात के दौरान जय श्रीराम कहकर अभिवादन किया था। इसके जवाब में प्रियंका ने कहा था कि हम महिलाएं हैं। जय सियाराम बोलो, सीता को मत छोड़ो। बुधवार को संसद के दोनों सदनों में सांसदों ने अपनी बात रखी। हालांकि, चीन मुद्दे पर विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया था। विदेश मंत्री जयशंकर ने राज्यसभा में कहा था चीन के साथ LAC पर कुछ हिस्से को लेकर असहमति है, जिसे दूर करने के लिए भारत और चीन समय-समय पर बातचीत करते हैं। जयशंकर का बयान पूरा होने पर विपक्षी ने उनसे स्पष्टीकरण की परमिशन मांगी, लेकिन धनखड़ ने इसे अस्वीकार किया। इस पर आपत्ति जताते हुए विपक्ष राज्यसभा से बाहर चला गया था। मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने कहा था- बांग्लादेश में हमारे हिंदुओं और हिंदू मंदिरों, खास तौर पर इस्कॉन और इस्कॉन भक्तों के साथ जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर मैं बेहद दुखी और परेशान हूं। यह केवल विदेशी संबंधों का मुद्दा नहीं है, यह भारत में कृष्ण भक्तों की भावनाओं का मामला है। सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष का लगाई फटकार राज्यसभा में विपक्ष किसानों के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था। तभी सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्षी नेताओं के बीच बहस हुई। धनखड़ ने खड़े होकर विपक्षी नेताओं को डांटा था। उन्होंने कहा- पिछले हफ्ते पांच दिन कार्यवाही के दौरान विपक्ष के किसी भी नेता ने किसान मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस नहीं दिया और आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। ये सब नहीं चलेगा। आपके लिए किसानों का हित स्वार्थ के लिए है। लोकसभा और राज्यसभा में पेश किए गए 2 विधेयक बॉयलर विधेयक 2024: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बॉयलर विधेयक पेश किया था। ये 100 साल पुराने मूल कानून को निरस्त करेगा। बॉयलर विधेयक, 2024 बॉयलर गतिविधियों से संबंधित कुछ अपराधों को अपराध की कैटेगरी से बाहर करने के लिए है। इस विधेयक में बॉयलर में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान हैं। रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024: बुधवार को लोकसभा में केंद्