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Dainik Bhaskar पंजाब में थाने के बाहर ब्लास्ट:अमृतसर के मजीठा में देर शाम धमाका, अफरातफरी का माहौल

पंजाब में अमृतसर के मजीठा में थाने के बाहर बुधवार (4 दिसंबर) की देर शाम ब्लास्ट हो गया। घटना के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। इसे ब्लास्ट में किसी तरह का नुकसान हुआ या नहीं, इसकी शुरुआती जानकारी में पुष्टि नहीं हो पाई। अमृतसर रूरल पुलिस के SSP चरणजीत सिंह ने कहा कि इलाके में धमाके की आवाज आई है। पुलिस टीमें मौके पर पहुंच गई हैं, जांच की जारी है। बुधवार सुबह ही अमृतसर में गोल्डन टेंपल के बाहर पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल को मारने की कोशिश की गई थी। इस घटना के बाद से पूरे पंजाब में पुलिस हाईअलर्ट पर चल रही है। इसी बीच देर शाम को मजीठा में धमाके की घटना हो गई। हम खबर को अपडेट कर रहे हैं...

Dainik Bhaskar SC बोला- पार्थ चटर्जी भ्रष्ट व्यक्ति हैं:खुद को दूसरे आरोपियों जैसा बताने पर आपको शर्म आनी चाहिए, हर कोई मंत्री नहीं होता

सुप्रीम कोर्ट में बधुवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी से जुड़े ED के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई हुई। चटर्जी के वकील मुकुल रोहतगी ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच से चटर्जी को जमानत देने की मांग की। मुकुल ने दलील देते हुए कहा- चटर्जी को छोड़कर इस मामले के सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, एक हफ्ते पहले भी एक आरोपी को जमानत मिली थी। चटर्जी 2.5 साल से जेल में हैं।' इस पर बेंच ने कहा- पार्थ चटर्जी को दूसरे आरोपियों के जैसे होने का दावा करने में थोड़ी शर्म आनी चाहिए, क्योंकि वे सभी इसके कारण ही आरोपी हैं। हर कोई मंत्री नहीं होता। पहली बात तो ये कि आप (पार्थ चटर्जी) भ्रष्ट व्यक्ति हैं। आपके घर से करोड़ों रुपए बरामद हुए हैं। आप समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं? क्या इस तरह से भ्रष्ट व्यक्ति को जमानत मिल सकती है?' बेंच ने कहा कि आप (पार्थ चटर्जी) दूसरों के जैसे व्यवहार की मांग नहीं कर सकते। जांच में देरी और दूसरे पक्ष की भूमिका पर सवाल उठा सकते हैं, लेकिन मामले की योग्यता पर नहीं। सुनवाई के बाद बेंच ने पार्थ की जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया। दरअसल, ED ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामल में पार्थ चटर्जी को 25 अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया था। 22 जुलाई को पार्थ और उनकी करीबी अर्पिता के 18 ठिकानों से ED ने रेड में 20 करोड़ कैश बरामद किया था। गिरफ्तारी के बाद से ही पार्थ जेल में हैं। केस से जुड़ी 2 तस्वीरें... कोर्ट रूम लाइव... पार्थ का पक्ष मुकुल रोहतगी ने रखा और ED की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए। रोहतगी- चटर्जी इस मामले में लंबे समय से जेल में हैं। उन्हें अन्य आरोपियों की जैसे ही जमानत दी जाए। बेंच- पार्थ को इस मामले में अगर भ्रष्ट व्यक्तियों को इस तरह जमानत मिल सकती है तो समाज में क्या संदेश जाएगा। एसवी राजू- चटर्जी को इस मामले में जमानत मिल भी जाती है, तो भी वह जेल से बाहर नहीं निकलेंगे, क्योंकि उन पर सीबीआई के मामले भी चल रहे हैं। रोहतगी- ऐसा लगता है कि वे (राजू) पार्थ की परेशानी पर खुश हो रहे हैं। अन्य मामलों में जो कुछ भी होता है, वो मेरी नजर में है। मुझे कहीं से तो शुरुआत करनी होगी। वे किस तरह का तर्क दे रहे हैं? पार्थ 2.5 साल से जेल में हैं। रोहतगी

Dainik Bhaskar असम में गोमांस पर बैन:सार्वजनिक कार्यक्रम, रेस्टारेंट और होटल में परोसा नहीं जाएगा; मंत्री बोले- कांग्रेस फैसले का स्वागत करे या पाकिस्तान जाए

असम सरकार ने गोमांस (बीफ) पर बैन लगा दिया है। सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी।सीएम ने बताया कि यह फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। अब राज्य के होटलों, रेस्टोरेंट्स और सार्वजनिक स्थानों पर परोसा नहीं जा सकेगा। इसकी घोषणा करते हुए जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा ने कहा– कांग्रेस इस फैसले का स्वागत करे या पाकिस्तान जाए। दरअसल, सामगुरी सीट पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान हुआ था। 23 नवंबर को रिजल्ट आने के बाद कांग्रेस की हार पर सांसद रकीबुल हुसैन ने भाजपा पर बीफ बांटने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को बीजेपी की बैठक के बाद मीडिया से कहा- वे राज्य में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं,बशर्ते कांग्रेस इसे लिखित में दें। सरमा ने पूछा था- क्या गोमांस देकर सामगुरी सीट जीती जा सकती है सरमा ने कहा था, मैं जानना चाहता हूं कि क्या कांग्रेस मतदाताओं को गोमांस देकर सामगुरी जीत रही थी। वह सामगुरी को अच्छी तरह से जानते हैं। क्या इसका मतलब यह है कि गोमांस देकर सामगुरी जीती जा सकती है। इस साल धुबरी लोकसभा सीट से 10.12 लाख से अधिक मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीतकर हुसैन सांसद बने है। इससे पहले वे लगातार पांच बार सामगुरी से विधायक रहे थे। सरमा ने कहा, मैं रकीबुल हुसैन से कहना चाहता हूं कि गोमांस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने खुद कहा है कि ये गलत है। उन्हें मुझे केवल लिखित में देने की जरूरत है। भाजपा और कांग्रेस को गोमांस के बारे में नहीं बोलना चाहिए। BJP, AGP, CPM कोई भी ऑफर नहीं कर पाएगा और हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सभी को गोमांस खाना बंद कर देना चाहिए। असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 क्या कहती है असम में गोमांस का सेवन गैरकानूनी नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 उन क्षेत्रों में मवेशी वध और गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाता है जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं और किसी मंदिर या सत्र (वैष्णव मठ) के पांच किलोमीटर के दायरे में हैं। ..................... ये खबर भी पढ़ें... असम में सरकारी नौकरी के लिए वहीं जन्म होना जरूरी:हिमंत सरकार नए कानून बना रही; लव-जिहाद के आरोपी को उम्रकैद की सजा दी जाएगी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने 4 अगस्त को तीन बड़े ऐलान क

Dainik Bhaskar AAP विधायक बाल्यान जमानत मिलने के बाद फिर गिरफ्तार:नए केस में अरेस्ट हुए, वसूली और धमकाने के मामले में आज ही मिली थी बेल

आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक नरेश बाल्यान को जमानत मिलते ही दिल्ली पुलिस ने बुधवार को फिर गिरफ्तार कर लिया। उन्हें मकोका मामले में गिरफ्तार किया गया है। उत्तम नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बाल्यान को राउज एवेन्यू कोर्ट से क्राइम ब्रांच ऑफिस ले जाया जा रहा है। बुधवार को ही उन्हें जबरन वसूली मामले में जमानत मिली थी। दरअसल, 30 नवंबर को क्राइम ब्रांच ने नरेश बाल्यान को 2023 के जबरन वसूली मामले में गिरफ्तार किया था। इसी दिन भाजपा ने बाल्यान का एक ऑडियो क्लिप जारी किया था। भाजपा का कहना है कि नरेश का संबंध गैंगस्टर से है और वह वसूली गैंग चलाते हैं। वो हवाला के जरिए पैसों का लेनदेन करते हैं। बाल्यान ने ऑडियो को फेक बताया बाल्यान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X में अमित के पोस्ट को रिट्वीट किया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने इस ऑडियो को गलत बताते हुए सभी चैनलों से फर्जी खबर को हटवाया था। ये कई साल पुराना मामला है। जब केजरीवाल ने कानून व्यवस्था पर भाजपा को घेरा तो ये कई साल पुरानी फर्जी खबर लेकर आए हैं। अमित मालवीय ने शेयर ऑडियो किया बीजेपी-IT सेल हेड अमित मालवीय ने बाल्यान का कथित ऑडियो शेयर करते हुए लिखा, 'नरेश बाल्यान का गैंगस्टरों के साथ ऑडियो कॉल वायरल, जिसमें वे दिल्ली के बिल्डरों और व्यापारियों से फिरौती मांग रहे हैं। केजरीवाल दिल्ली में जबरन वसूली का नेटवर्क चला रहे हैं और फिर खराब कानून व्यवस्था के लिए भाजपा को दोषी ठहरा रहे हैं। आप ने दिल्ली को भ्रष्टाचार के दलदल में तब्दील कर दिया है। आप विधायक नरेश बाल्यान के करीबी सहयोगी का गैंगस्टरों के साथ ऑडियो कॉल भी अब सार्वजनिक हो गया है।' दैनिक भास्कर इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। बीजेपी बोली- बाल्यान केस में AAP की मिलीभगत बीजेपी नेता वीरेंद्र सचदेवा और गौरव भाटिया ने शनिवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अब एक घोटालेबाज और गुंडों की पार्टी बन चुकी है। नरेश बाल्यान गैंगस्टरों के साथ मिलकर वसूली करवा रहा है और नागरिकों को डरा-धमका रहा है। सचदेवा और भाटिया ने सवाल उठाया कि अगर नरेश बाल्यान के खिलाफ AAP कार्रवाई नहीं करती है तो यह माना जाएगा कि पार्टी की भी इसमें मिलीभगत है। दिल्ली में 2025 में विधानसभा चुनाव होगा दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म हो रहा है। इलेक्शन कमीशन म

Dainik Bhaskar 104 साल का बुजुर्ग 36 साल बाद जेल से छूटा:सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी; भाई की हत्या करने पर 1988 से जेल में थे

पश्चिम बंगाल में 104 साल के बुजुर्ग 36 साल जेल की सजा काटने के बाद रिहा हुए हैं। 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रसिक चंद्र मंडल मंगलवार (3 नवंबर) को मालदा करेक्शनल होम से बाहर आए। उन्हें 1988 में भाई की हत्या के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। 1994 में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें दोषी करार करते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मंडल ने अपने जीवन के आखिरी दिन परिवार के साथ बिताने के लिए रिहाई की मांग की थी। जेल से बाहर निकलकर उन्होंने कहा कि वह जिंदगी के बचे हुए दिन बागवानी और पौधों का ध्यान रखने में बिताएंगे। 1988 से जेल में थे रसिक चंद्र मंडल मालदा के रहने वाले रसिक चंद्र मंडल ने जमीनी विवाद के चलते भाई की हत्या की थी। 1988 में 68 साल की उम्र में उन्हें ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया। 1994 में ट्रायल कोर्ट ने दोषी पाते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। मंडल ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। 2018 में हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट भी गए मंडल, लेकिन फैसला बरकरार रहा 2019 में मंडल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट की तरह सजा को बरकरार रखा। उम्र संबंधी बीमारियों के चलते 14 जनवरी 2019 को उन्हें सुधार गृह भेज दिया गया। इसके बाद 2020 में मंडल ने उम्र संबंधी बीमारियों और परिवार के साथ आखिरी समय बिताने की इच्छा का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटिशन दाखिल कर रिहाई की मांग की थी। 7 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया और करेक्शनल होम के सुपरिनटेंडेंट से मंडल की सेहत और शारीरिक स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी। 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने मंडल को अंतरिम जमानत दे दी। आजीवन कारावस में रिहाई को लेकर क्या है कानून कानून के हिसाब से आजीवन कारावास की सजा काट रहा व्यक्ति जब 14 साल की सजा पूरी कर लेता है, तो अच्छे व्यवहार, बीमारी, पारिवारिक समस्या या किसी अन्य वैध कारण के आधार पर उसे रिहा किया जा सकता है। हालांकि, यह स्थापित नियम नहीं है कि उसे 14 साल बाद रिहा कर ही दिया जाएगा। ---------------------------------- ये खबरे भी पढ़िए... 24 घंटे में गुर्गों सहित रिहा हुआ चावल माफिया:आग

Dainik Bhaskar कांग्रेस नेता बोले- मूर्ति के ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ बयान से असहमत:कहा- घर-बच्चे संभालना भी जीवन का हिस्सा, महिलाएं वर्क और लाइफ अलग नहीं कर सकतीं

इंफोसिस को-फाउंडर नारायण मूर्ति के वर्क-लाइफ बैलेंस वाले बयान पर फिर से बहस शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार को नारायण मूर्ति के 'ओवरवर्क कल्चर' यानी ज्यादा काम करने के पक्ष में दिए गए बयान से असहमति जताई। उन्होंने X पोस्ट में कहा कि वर्क-लाइफ बैंलेस महिलाओं के लिए मुश्किल है। पारंपरिक तौर से काम करने वाली महिलाओं के पास काम और जिंदगी को अलग करने का भी विकल्प नहीं होता है। यह सुविधा पारंपरिक तौर पर पुरुषों को ही मिली है और अब समय है आधुनिक समय में वे इसे त्याग दें। दरअसल, पिछले साल 2023 में नारायण मूर्ति ने देश के युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था- 'पीएम मोदी हफ्ते में 100 घंटे काम कर सकते है तो हम क्यों नहीं। 1986 में जब भारत 6 डे वर्क वीक से 5 डे वर्क वीक पर शिफ्ट हुआ तो मुझे बहुत दुख हुआ था।' गोगोई बोले- परिवार की देखभाल करना भी काम का हिस्सा गोगोई ने नारायण मूर्ति के वर्क-लाइफ बैलेंस को एक मिथक के रूप में पेश करने की आलोचना की। उन्होंने कहा पारंपरिक रूप से पुरुष और महिलाओं के बीच घर के काम का बंटवारा असमान है। जीवन केवल पेशेवर काम तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें घर की जिम्मेदारियां भी शामिल हैं। ये सभी काम पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से करने चाहिए। गोगोई ने कहा कि आजकल पुरुषों और महिलाओं दोनों को काम और जीवन की जिम्मेदारियों को समान रूप से साझा करना पड़ता है। वर्क-लाइफ बैलेंस की अवधारणा सभी के लिए चुनौतीपूर्ण है, सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं। आलोचना के बाद भी बयान पर कायम रहे मूर्ति हफ्ते में 70 घंटे तक काम करने की सलाह देने वाले बयान को लेकर नारायण मूर्ति की काफी आलोचना हुई। बाद में मूर्ति ने अपने इस बयान का बचाव भी किया था। उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति के लिए कड़ी मेहनत बहुत जरूरी है। 15 नवंबर को CNBC ग्लोबल लीडरशिप समिट में मूर्ति ने कहा- मुझे खेद है, मैंने अपना दृष्टिकोण नहीं बदला है। मैं इसे अपने साथ कब्र तक ले जाऊंगा। ....................... नारायण मूर्ति से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… नारायण मूर्ति की फिर 70 घंटे काम करने की सलाह:बोले- खेद है कि मैंने अपना दृष्टिकोण नहीं बदला, मैं इसे अपने साथ कब्र तक ले जाऊंगा इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम करने वाले अपने विवादास्पद बयान का

Dainik Bhaskar प्रोबा-3 मिशन की लॉन्चिंग एक दिन टली:तकनीकी दिक्कत आने से इसरो ने टाला मिशन, इसके जरिए सूर्य की स्टडी की जाएगी

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने प्रोबा-3 मिशन की लॉन्चिंग एक दिन टाल दी है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस मिशन को आज यानी, बुधवार शाम 4:08 बजे पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) से लॉन्च किया जाना था। इसरो ने बताया कि तकनीकी दिक्कत के कारण मिशन को अब गुरुवार यानी, 13 दिसंबर को शाम 4:16 बजे लॉन्च किया जाएगा। ये मिशन यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) का है। इसका उद्देश्य दो उपग्रहों: कोरोनोग्राफ और ऑकुल्टर के जरिए सूर्य के बाहरी वातावरण की स्टडी करना है। दोनों सैटेलाइट एक दूसरे से 150 मीटर की दूरी पर रहेंगे दोनों सैटेलाइट पृथ्वी की अण्डाकार कक्षा में चक्कर लगाएंगे। पृथ्वी से इनकी सबसे ज्यादा दूसरी 60,530 Km और सबसे कम दूसरी लगभग 600 Km होगी। इस कक्षा में दोनों सैटेलाइट एक दूसरे से 150 मीटर की दूरी रखने में सक्षम होंगे और एक यूनिट की तरह काम करेंगे। ऑकुल्टर सैटेलाइट में 1.4-मीटर की ऑकुलेटिंग डिस्क लगी है जिसे सूर्य की चमकदार डिस्क को ब्लॉक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इससे कृत्रिम सूर्य ग्रहण होता है। इस छाया के भीतर कोरोनाग्राफ सैटेलाइट अपने टेलीस्कोप से सोलर कोरोना का निरीक्षण करेगा।

Dainik Bhaskar बांग्लादेश के खिलाफ भारत में विरोध प्रदर्शन:MP में RSS की रैली में 2.5 लाख लोग जुटे; भाजपा विधायक बोलीं- भारत ईंट से ईंट बजाना जानता है

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ देश के कई हिस्सों में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। दक्षिण भारतीय राज्यों में भी लगातार विरोध चल रहा है। कर्नाटक के बेंगलुरु में बुधवार को हिंदू हितरक्षण वेदिके धरना किया। वहीं, तमिलनाडु के चेन्नई में बांग्लादेश हिंदू अधिकार पुनर्प्राप्ति समिति द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में कई हिंदू संगठनों ने भाग लिया। बांग्लादेश के विरोध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मध्यप्रदेश में आक्रोश रैली निकाल रहा है। इंदौर, भोपाल, उज्जैन समेत प्रदेश के सभी जिलों में व्यापारी अपनी दुकानें बंद रखकर विरोध जता रहे हैं। RSS ने दावा किया है कि इंदौर रैली में ढाई लाख से ज्यादा लोगों के शामिल हुए हैं। प्रदर्शन में पहुंची पूर्व मंत्री व विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि सनातनी देशभक्त हिंदू समाज ने संदेश दिया है कि जिहादियों अपनी मर्यादा में रहो, वरना ईंट से ईंट बजाना भारत जानता है। अस्पतालों का बांग्लादेशियों के इलाज से इनकार हिंसा के विरोध में त्रिपुरा और कोलकाता के अस्पताल बांग्लादेशियों का इलाज करने से मना कर चुके हैं। त्रिपुरा के ILS अस्पताल ने शनिवार को बांग्लादेशियों का इलाज करने से इनकार कर दिया था। वहीं, कोलकाता के सिलीगुड़ी में डॉ शेखर बंदोपाध्याय ने अपने प्राइवेट क्लीनिक में तिरंगा लगाकर मैसेज लिखा था- भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारी मां की तरह है। कृपया चैंबर में एंट्री करने से पहले तिरंगे को सलाम करें। खासकर बांग्लादेशी मरीज, अगर वे सलाम नहीं करते हैं, तो उन्हें अंदर आने नहीं दिया जाएगा। त्रिपुरा में बांग्लादेश हाई कमीशन में घुसे प्रदर्शनकारी त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में सोमवार को बांग्लादेश असिस्टेंट हाई कमीशन के बाहर विरोध रैली निकाली जा रही थी। इस दौरान 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी हाई कमीशन परिसर में घुस गए और तोड़फोड़ की। इस मामले में मंगलवार को तीन सब इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं, एक DSP को ड्यूटी में लापरवाही के चलते पुलिस हेडक्वार्टर में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया। इसके अलावा प्रदर्शन कर रहे सात लोगों को भी अरेस्ट किया गया। ब्रिटिश में भी विरोध, सांसद बोले- हिंदुओं का सफाया करने की कोशिश बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर ब्रिटिश सांसदों ने भी चिंता जताई है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के

Dainik Bhaskar 6000 करोड़ का घोटाला कर गुजरात की कंपनी फरार हुई:शुभमन गिल, मोहित, तेवतिया समेत 5 क्रिकेटरों ने भी कंपनी में निवेश किया था

गुजरात और राजस्थान में करीब 6 हजार करोड़ रुपए का घोटाला कर रफूचक्कर हुई गुजरात की 'बीजेड फाइनेंस कंपनी' का सीईओ भूपेंद्र सिंह झाला फरार है। गुजरात और राजस्थान के उसके सभी ऑफिसों में ताला लटका है। अब सीआईडी क्राइम ब्रांच की जांच में कंपनी के धोखे का शिकार होने वाले निवेशकों के नाम भी सामने आने लगे हैं। इनमें सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी और बिजनेसमैन ही नहीं, बल्कि देश के जाने-माने क्रिकेटर्स के नाम भी शामिल हैं। सीआईडी ​​क्राइम ने जब निवेशकों की सूची की जांच की तो उसमें क्रिकेटर शुभमन गिल, राहुल तेवतिया, मोहित शर्मा समेत पांच क्रिकेटरों के नाम भी मिले हैं। क्रिकेटर्स ने भी दस लाख से एक करोड़ तक का निवेश किया था इन क्रिकेटर्स ने भी पैसे डबल करने के लिए कंपनी में दस लाख से एक करोड़ रुपए तक का निवेश किया था। इस बारे में जब सीआईडी ​​के प्रमुख डॉ. एस राजकुमार पंड्या से पूछा गया तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया। हालांकि, नाम न बताने की शर्त पर सीआईडी ​​क्राइम के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इन पांच क्रिकेटरों के नाम की पुष्टि करते हुए कहा कि इनके साथ भी धोखा हुआ है। करीब 14000 पीड़ित : अब सामने आएंगे पुलिस का कहना है कि बीजेड ग्रुप के लिए नवंबर महीने का ब्याज चुकाने का समय आ गया है। हालांकि, कंपनी के संचालक फरार हैं और सभी ऑफिसेज भी बंद हैं तो यह तय है कि निवेशों को इस महीने का ब्याज नहीं मिलेगा। इसलिए बड़ी संख्या में लोग सामने आएंगे। अब तक पुलिस को अलग-अलग जगहों से निवेशकों का जो ब्योरा मिला है, उसके मुताबिक देशभर से 14 हजार लोगों ने भूपेन्द्र सिंह झाला की बीजेड फाइनेंस कंपनी में निवेश किया है। छापे से पहले ही पासपोर्ट लेकर फरार हो गया था झाला सूत्रों का कहना है कि छापेमारी से पहले ही भूपेन्द्र सिंह अपना पासपोर्ट लेकर फरार हो गया था। सीआईडी ​​प्रमुख ने आरोपी के फरार होने की बात पर अधिकारियों को फटकार भी लगाई गई थी। बीजेड ग्रुप घोटाले की जांच कर रहे एक आईपीएस ने बताया कि भूपेन्द्रसिंह पासपोर्ट लेकर भले ही फरार हो गया हो, लेकिन उसने भारत नहीं छोड़ा है। हमने देश के सभी इंटरनेशनल हवाई अड्डों से डिटेल मांगी है, लेकिन उसके देश छोड़ने की रिपोर्ट नहीं मिली है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 3% से 30% तक के ब्याज का लालच देती थी भूपेंद्र की कंपनी सीआईडी की जांच में पता चला

Dainik Bhaskar सुखबीर बादल के हमलावर पर ग्रामीण बोलने को तैयार नहीं:घर पर सिर्फ पत्नी मिली, बोलीं- बरसी के कार्यक्रम में जाने की बात कहकर निकला

पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में खालिस्तानी आतंकी ने फायरिंग की। सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी की वजह से गोली दीवार पर जाकर लगी, जिसके चलते सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए। आरोपी गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक के चौड़ा गांव का नारायण सिंह है। दैनिक भास्कर की टीम चौड़ा गांव पहुंची। यहां गांव के लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। पता पूछकर नारायण सिंह के घर पहुंचे। वहां सिर्फ उसकी पत्नी जसमीत कौर थी। जसमीत कौर ने कहा- 'पति सुबह करीब पौने 6 बजे घर से निकला था। घर पर वह यह बोलकर गया था कि श्री दरबार साहिब में बरसी का कार्यक्रम है, वहां शामिल होना है। मुझे इस घटना के बारे में कुछ नहीं पता। पहले भी वह अमृतसर, गुरदासपुर, लुधियाना, चंडीगढ़ की जेल में सजा काट चुका है। उन्होंने जो भी किया है, बिल्कुल गलत है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने किन हालातों में यह कदम उठाया, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।' जसमीत कौर ने मीडिया से बात की। कुछ देर बाद एक युवक आया और वह उसके साथ बाइक पर बैठकर चली गई। ग्रामीणों के मुताबिक नारायण सिंह के 2 बेटे हैं। दोनों वकील हैं। पुलिस भी घर पहुंची, सिर्फ पत्नी मिली नारायण सिंह चौड़ा के घर पहुंचे थाना डेरा बाबा नानक के सब इंस्पेक्टर कैलाश सिंह ने बताया कि पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल पर हमले के मामले में वह नारायण सिंह चौड़ा के घर पर आए हैं। यहां पर सिर्फ उनकी पत्नी ही मिली। पारिवारिक सदस्यों से बातचीत की जाएगी। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। चौड़ा ने लिखा- सिख समुदाय ने अकाली दल को खारिज किया अकाली दल के बागी गुट ने एक जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर सुखबीर बादल की गलतियां कबूली थीं। जिसके बाद 14 जुलाई को नारायण सिंह चौड़ा ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली। जिसमें नारायण सिंह ने लिखा- सिख समुदाय ने अकाली दल को उसके जघन्य अपराधों के कारण राजनीतिक क्षेत्र से खारिज कर दिया है और वह अपनी मृत प्रतिष्ठा को पुनर्जीवित करने के लिए अकाल तख्त साहिब की मदद ले रहा है। नाराज गुट द्वारा अकाल तख्त साहिब पर जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को सौंपा गया अनुरोध पत्र इसी कड़ी का हिस्सा है। खालसा पंथ को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। इस पार्टी की साजिश, जो हवस के तहत लंबे समय तक अकाल तख्त साहिब के

Dainik Bhaskar महाराष्ट्र जाएंगे हरियाणा के मुख्यमंत्री:फडणवीस के शपथ समारोह में होंगे शामिल; चुनाव के दौरान सैनी ने किया डोर-टू-डोर प्रचार

हरियाणा विधानसभा चुनाव का असर महाराष्ट्र में भी देखने को मिला। हरियाणा में जीत से उत्साहित भाजपा नेताओं ने महाराष्ट्र में हरियाणा जैसे मुद्दे उठाए, जिसके चलते महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन को एकतरफा बहुमत मिला। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खुद महाराष्ट्र में स्टार प्रचारक की भूमिका निभाई। उन्होंने 2 सीटों पर रैलियां कीं और कई जगहों पर भाजपा प्रत्याशियों के लिए घर-घर जाकर प्रचार किया। सैनी ने हरियाणा में राहुल गांधी की जलेबी का मुद्दा भी उठाया। अब महाराष्ट्र में भाजपा ने विधायक दल का नेता देवेंद्र फडणवीस को चुना है। हरियाणा के सीएम नायब सैनी भी 5 दिसंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में पहुंच रहे हैं। वे कल महाराष्ट्र के लिए रवाना होंगे। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही भाजपा शासित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी पहुंच रहे हैं। चिखली और खामगांव सीट पर सैनी ने रैली की मुख्यमंत्री नायब सैनी ने महाराष्ट्र की चिखली और खामगांव सीट पर रैली की थी। इन दोनों सीटों पर भाजपा उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने 17 नवंबर को बुलढाणा जिले की खामगांव विधानसभा में महायुति के प्रत्याशी आकाश पांडुरंग फुंडकर के समर्थन में सभा कर उनके पक्ष में मतदान करने की अपील की थी। इसके अलावा, चिखली विधानसभा पर भी गठबंधन उम्मीदवार के लिए वोटों की अपील की थी। इन दोनों सीटों पर भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से था। इसके अलावा नायब सैनी ने ठाणे और मुंबई में भी प्रचार किया था। हरियाणा का मराठाओं से कनेक्शन पानीपत की लड़ाई के समय मराठाओं और मुगलों के बीच युद्ध हुआ था। इतिहासकार बताते हैं कि उसके बाद से ही कई मराठा हरियाणा में बस गए। उनके वंशज आज तक यहां रह रहे हैं। हरियाणा की रोड बिरादरी खुद को मराठा बताती है। वे मुख्य रूप से पानीपत, करनाल, सोनीपत, कैथल और रोहतक में रहते हैं। हरियाणा में रोड मराठाओं की कुल आबादी करीब 6 से 8 लाख है। हरियाणा में 'रोड मराठा जागृति मंच' ने अपने समुदाय के युवाओं के लिए करनाल और पानीपत में हॉस्टल भी बनाए हैं। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर हरविंद्र कल्याण भी रोड बिरादरी से आते हैं।

Dainik Bhaskar ऑडी सवार ने युवक को 3KM तक बोनट पर घसीटा:पहले बाइक को टक्कर मारी; फिर बहस की, नाराजगी जताने पर मारपीट की

पुणे के पिंपरी-चिंचवाड़ में ऑडी कार सवार ने बोनट पर मोटरसाइकिल सवार को 3 किलोमीटर तक घसीटा। घटना 1 दिसंबर को बीजानगर इलाके में हुई थी, जिसका वीडियो मंगलवार को सामने आया। पुलिस के अनुसार मोटरसाइकिल चालक जचेरिया मैथ्यू को पहले कार सवार ने टक्कर मारी। टक्कर मारने के बाद कार चालक और उसके दो साथियों ने गाली गलौज शुरू कर दी। तीनों कार सवारों ने मैथ्यू और उसके दोस्त के साथ मारपीट भी की। उनमें से एक ने मैथ्यू पर हमला कर उसे बोनट पर गिरा दिया। इसके बाद उसे तीन किलोमीटर तक घसीटा। मोटरसाइकिल चालक ने अपने साथ हुई घटना की शिकायत पुलिस में कराई। पुलिस ने ऑडी चालक कमलेश पाटिल (23) सहित उसके दो दोस्तों हेमंत म्हालस्कर (26) और प्रथमेश दराडे (22) को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है। पुणे में हिट एंड रन के बड़े मामले- नाबालिग ने तेज रफ्तार पोर्श से मोटरसाइकिल चालकों को कुचला पुणे में 18 मई 2024 को एक बिल्डर के 17 साल के बेटे ने तेज रफ्तार पोर्श से दो लोगों को कुचल दिया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि कार चालक तुरंत भाग गया। हादसे में मरने वाले अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। दोनों पुणे में एक ही कंपनी में काम करते थे। कोर्ट (किशोर न्याय बोर्ड) ने नाबालिग को घटना के 15 घंटे के अंदर ही जमानत दे दी। पुणे में ऑडी चालक ने डिलीवरी बॉय को कुचला, मौत पुणे के मुंढवा इलाके में 10 अक्टूबर को एक ऑडी कार ने फूड डिलीवरी बॉय को टक्कर मार दी थी। फिर कार से कुचलकर भाग गया। घायल रऊफ अकबर शेख को अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। कार सवार ने रऊफ को टक्कर मारने से पहले एक स्कूटी को भी टक्कर मारी थी, जिसमें 3 घायल हो गए थे। पुलिस ने आसपास लगे CCTV कैमरे से कार की पहचान की। फिर उसके मालिक का पता लगाकर गिरफ्तार किया। पटाखा जला रहे शख्स को कार ने टक्कर मारी,10 मीटर दूर जाकर गिरा, मौत पुणे में दिवाली की रात सड़क पर पटाखे फोड़ रहे एक शख्स को कार सवार ने कुचल दिया था। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। कार की टक्कर इतनी जोरदार थी कि शख्स करीब 10 मीटर दूर जाकर गिरा। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। टक्कर के बावजूद ड्राइवर ने कार नहीं रोकी। ------------------------------ कार हादसों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए... छत्तीसगढ़ में सड़क हादसे में 3 दोस्तों की मौत:पिकअप से टक्

Dainik Bhaskar आतंकी चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार:1984 में खालिस्तानियों से जुड़ा; पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे जेल से भगाए, अपनी आर्मी बना रखी

पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को गोल्डन टेंपल के गेट पर फायरिंग की गई। फायरिंग करने वाला गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक का रहने वाला नारायण सिंह चौड़ा है। उसकी गोली से सुखबीर बाल-बाल बच गए। नारायण सिंह चौड़ा की हिटलिस्ट में बादल परिवार पहले से था। वह बादल परिवार को सिख पंथ का गद्दार मानता है। चौड़ा आतंकियों के साथ जेल काट चुका है और खुद भी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। वह भारत सरकार की ओर से बैन किए जा चुके खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा है। बुधवार सुबह सुखबीर बादल पर गोली चलाने के बाद पुलिस ने उसका फोन जब्त कर लिया। पुलिस सूत्र बताते हैं कि उसके मोबाइल फोन से कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं। पुलिस के रिकॉर्ड में नारायण सिंह का पता... अब नारायण सिंह चौड़ा के बारे में पढ़िए.... पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी करने लगा नारायण सिंह चौड़ा का जन्म 4 अप्रैल 1956 को गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक एरिया के चौड़ा गांव में हुआ। पंजाब में आतंकवाद के दौर से ही नारायण सिंह काफी एक्टिव रहा। वह साल 1984 में पाकिस्तान गया जहां उसकी मुलाकात ऐसे कई संगठनों से हुई जो भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। उसने पाकिस्तान में रहते हुए गुरिल्ला वॉर पर किताब और देशद्रोही साहित्य भी लिखा। पंजाब में आतंकवाद के दौरान आतंकी गुरिल्ला वॉर की तरह ही वारदात किया करते थे। यही नहीं, चौड़ा पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती दौर में हथियारों और विस्फोटकों की स्मगलिंग भी करता रहा। उस दौरान पंजाब में हुई कई आतंकी गतिविधियों में उसकी अहम भूमिका रही। तीन जिलों में UAPA के केस नारायण सिंह चौड़ा के खिलाफ 8 मई 2010 को अमृतसर के सिविल लाइन थाने में आर्म्स एक्ट के तहत तकरीबन एक दर्जन मामले दर्ज किए गए। अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ जिले में उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के केस भी दर्ज हैं। अमृतसर में आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज एक केस में वह कोर्ट से बरी भी हो चुका है। 2013 में गिरफ्तार हुआ पंजाब पुलिस ने नारायण सिंह चौड़ा को 28 फरवरी 2013 को तरनतारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया था। उसके साथ तरनतारन के ही पंडोरी गांव से सुखदेव सिंह और गुरिंदर सिंह भी अरेस्ट किए गए। इन तीनों से पूछताछ के बाद पंजाब पुलिस ने मोहाली के कुराली गांव में रेड करके RDX और हथियारों का जखीरा बराम

Dainik Bhaskar पंजाब में बिट्टू बोले- मुझे भी मारने की कोशिश हुई:3 कार्यक्रम रद्द करने पड़े, RDX लेकर घूमता है आरोपी; पूर्व CM की आई याद

पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को गोल्डन टेंपल के गेट पर हुए हमले के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि जब वे 2009 में श्री आनंदपुर साहिब के सांसद थे, तब इस हमले का आरोपी नारायण सिंह चौरा उन्हें भी मारने की कोशिश कर रहा था। रूपनगर के तत्कालीन एसएसपी ने उन्हें चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि आरोपी उन पर हमला करने की कोशिश कर रहा था। वह अपनी गाड़ी में आरडीएक्स लेकर घूम रहा था। इसके बाद उन्होंने तीन दिन अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए थे। इसके बाद आरोपी को पकड़ लिया गया। सारे आरोपी जेल से करवाएं फरार बिट्टू ने कहा कि गुरु का शुक्र है कि इस हमले में शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल का बचाव हो गया है। हालांकि उनका कहना है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि यह एक बहुत बड़ी घटना है। उन्होंने कहा कि उनके दादा पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या 1995 में हुई थी। उस समय सारे पकड़े गए आरोपियों को बुड़ैल जेल से भगाने में भी शामिल था। जो कि बहुत बड़े क्रिमिनल हैं। उन सभी आरोपियों को इसी ने फरार करवाया था। ऐसे लोगों की मदद नहीं की जानी चाहिए रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा ऐसे लोगों की जगह जेल में हैं। हालांकि हमारे यहां पर ऐसे लोगों को बचाने की कोशिश की जाती हैं। उन्हें देश विदेश से मदद मिलती है। इनकी मदद के लिए बड़े-बड़े वकील लगाए जाते हैं। लेकिन यह उचित नहीं है। ऐसे लोगों की वजह से समाज का माहौल खराब होता है।

Dainik Bhaskar सुखबीर बादल गोलीबारी मामले में विपक्ष का हमला:सिरसा बोले- पंजाब में कोई कानून नहीं, पूर्व मंत्री ने कहा- यह दरबार साहिब पर अटैक

पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को गोल्डन टेंपल के गेट पर फायरिंग की गई। गोली दीवार पर लगी, जिसमें वह बाल-बाल बच गए। इस बीच विपक्ष ने इस मामले में पंजाब सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा- जब से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आई है, पंजाब में कोई कानून नहीं बचा है। पंजाब को जेलों से चलाया जा रहा है। जेलों से गैंगस्टर राज कर रहे हैं। सिरसा ने कहा कि यह सुरक्षा में बड़ी चूक है। जेड प्लस सुरक्षा होने के बावजूद भी पंजाब में कोई व्यक्ति सुरक्षित नहीं है। सिरसा ने कहा कि भगवंत सिंह मान ने पंजाब को बर्बादी के रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया है। पंजाब में जेलों और बंदूकों का राज है। आज कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है। यहां बड़े-बड़े लोगों की हत्या हो रही है। आज पूरा देश देख रहा है कि पंजाब किस कगार पर खड़ा है। सेवादार पर अटैक मतलब श्री दरबार साहिब पर हमला-सांपला पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने कहा कि दरबार साहिब में सुखबीर सिंह बादल पर हुए जानलेवा हमले की घटना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब ने तनखैया घोषित किया हुआ है और वह अपनी सेवा करके सजा भुगत रहे हैं। वहीं कुछ लोग सिख मर्यादा के खिलाफ जाकर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं जो बहुत निंदनीय है। विजय सांपला ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल श्री दरबार साहिब में सेवादार बनाकर अपनी सेवा निभा रहे थे और वहां पर सुखबीर सिंह बादल पर हमला करना श्री दरबार साहिब पर हमला है। उन्होंने कहा कि वह इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं और सरकार पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधों में लापरवाही बरती गई है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। प्रताप बाजवा ने की हमले की निंदा कांग्रेस के सीनियर नेता और विपक्ष के नेता विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि श्री दरबार साहिब, अमृतसर के बाहर सुखबीर सिंह बादल पर हुआ हमला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। इस तरह की हिंसा की घटनाओं के लिए हमारे समाज में कोई जगह नहीं है। ऐसी घटनाएं हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक ढांचे को कमजोर करती हैं। इस घटना के बाद हमें समझना चाहिए कि पंजाब का माहौल खराब न हो और सभी राजनीतिक

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