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Dainik Bhaskar अजमेर-दरगाह में शिव मंदिर के दावे वाली याचिका पर सुनवाई:कोर्ट ने मामले को सुनने योग्य माना; दरगाह कमेटी समेत 3 पक्षकारों को नोटिस

अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए अजमेर सिविल कोर्ट में लगाई गई याचिका को कोर्ट ने सुनने योग्य माना है।यह याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से याचिका लगाई गई। सिविल जज मनमोहन चंदेल की बेंच ने सुनने योग्य माना और अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस देकर पक्ष रखने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। याचिका में रिटायर्ड जज हरविलास शारदा की 1911 में लिखी किताब अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव का हवाला देते हुए दरगाह के निर्माण में मंदिर का मलबा होने का दावा किया गया है। साथ ही गर्भगृह और परिसर में एक जैन मंदिर होने की बात कही गई है। इन डॉक्यूमेंट्स के आधार पर किया दावा हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बताया कि आप अजमेर दरगाह के आसपास घूमेंगे तो देखेंगे कि बुलंद दरवाजे पर हिन्दू परंपरा की नक्काशी की गई है। वहीं जहां शिव मंदिर होता है, वहां झरना, पेड़ आदि जरूर होते हैं। पानी वहां जरूर होता है। ऐसे में पुरातत्व विभाग से भी अपील की है कि वे यहां जांच करें। सुनवाई के दौरान भगवान शिव के बाल स्वरूप की तरफ से एडवोकेट रामस्वरूप बिश्नोई और ईश्वर सिंह ने बहस की। 38 पेज का वाद दिया दिल्ली के एडवोकेट रामस्वरूप बिश्नोई ने बताया- 38 पेज का वाद पेश किया गया। इसमें कहा गया है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर है। दरगाह की बनावट और शिव मंदिर के प्रमाण के संबंध में भी सबूत पेश किए गए हैं। दरगाह परिसर का ASI से सर्वे कराने की अपील की है। याचिका में मध्य प्रदेश में धार इलाके की भोजशाला, बनारस और अन्य जगहों का उदाहरण भी दिया गया है। वाद में दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय और पुरातत्व विभाग काे पक्षकार बनाया गया है। शारदा की किताब का हवाला दिया दावे में रिटायर्ड जज हरविलास शारदा की 1911 में लिखी किताब अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव का हवाला दिया गया है। इस किताब में जज ने मौजूदा इमारत में 75 फीट ऊंचे बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलबे के अंश बताए थे। इसमें एक तहखाना या गर्भगृह है, जिसमें शिवलिंग बताया गया था। किताब के अनुसार, यहां ब्राह्मण परिवार पूजा अर्चना करता था। वाद में दरगाह कमेटी ने क्षेत

Dainik Bhaskar अश्विनी वैष्णव बोले-वल्गर कंटेंट रोकने के लिए सख्त कानून बने:जहां से ये कंटेंट आ रहा, वहां की और हमारी संस्कृति में बहुत अंतर

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर वल्गर कंटेंट की रोकथाम के लिए सख्त कानून बनाने की बात कही। वैष्णव ने कहा- जिन देशों से ऐसे कंटेंट आते हैं, उनकी संस्कृति हमसे काफी अलग है। वैष्णव ने कहा- वल्गर कंटेंट की रोकथाम के लिए पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी को इस विषय पर ध्यान देने और कानून को सख्त करने की जरूरत है। वैष्णव ये बात बुधवार को संसद सत्र के दूसरे दिन लोकसभा सांसद अरुण गोविल के पूछे गए सवाल के जवाब में कही। गोविल ने सोशल मीडिया पर वल्गर कंटेंट से युवाओं पर पड़ रहे असर और इसकी रोकथाम के लिए सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए थे। अरुण गोविल ने पूछा- वल्गर कंटेंट को रोकने के लिए मौजूदा तंत्र क्या है? सांसद गोविल ने सदन में पूछा कि वल्गर कंटेंट को रोकने के लिए मौजूदा तंत्र क्या है? और क्या सरकार इन कानूनों को और सख्त करने का प्रस्ताव कर रही है? इसके जवाब में वैष्णव ने कहा- सोशल मीडिया के युग में एडिटोरियल चेक होना समाप्त हो गया है। पहले प्रेस से जो कुछ भी छपता था, उसे चेक किया जाता था कि यह सही है या गलत, और फिर उसे मीडिया में लाया जाता था। उन्होंने कहा कि एडिटोरियल चेक के खत्म होने के कारण आज सोशल मीडिया एक तरफ फ्रीडम ऑफ प्रेस का बहुत बड़ा माध्यम बन गया है, लेकिन दूसरी तरफ यह एक अनकंट्रोल्ड एक्सप्रेशन हैं, जिसमें कई तरह के वल्गर कंटेंट डाले जाते हैं। वैष्णव ने कहा कि इसके लिए मौजूदा कानून को और सख्त करने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें आम सहमति की भी जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट बोला था- चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, डाउनलोड करना अपराध सुप्रीम कोर्ट ने 24 सितंबर को कहा था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना और देखना POCSO और IT एक्ट के तहत अपराध है। CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए फैसला सुनाया था। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी की जगह 'चाइल्ड सेक्शुअल एक्सप्लॉएटेटिव एंड एब्यूसिव मटेरियल' शब्द का इस्तेमाल किया जाए। केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर बदलाव करे। अदालतें भी इस शब्द का इस्तेमाल न करें। दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर कोई ऐसा कंटेंट डाउनलोड करता और देखता है, तो यह अपराध नहीं, जब तक कि नीयत इसे प्रसारित करने की न हो। सुप्रीम को

Dainik Bhaskar भारतीय सेना का पंजाब सरकार को पत्र:कहा-राज्य में सैन्य कर्मचारियों को मिले 300 यूनिट फ्री बिजली, प्रदेश में तैनात हैं 1 लाख कर्मचारी

भारतीय सेना ने पंजाब सरकार से राज्य में तैनात अपने कर्मियों के लिए हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली की मांग की है। इससे सरकार मुश्किल में पड़ गई है। क्योंकि वह घरेलू बिजली सब्सिडी के भारी बोझ से जूझ रही है। राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में भारतीय सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान ने दलील दी है कि हालांकि राज्य सरकार जुलाई 2022 से घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली दे रही है। लेकिन इसे पंजाब के छावनी और सैन्य स्टेशनों में विवाहित आवासों में रहने वाले सैन्य कर्मियों और रक्षा नागरिकों तक नहीं बढ़ाया गया है। दूसरी ओर पंजाब सरकार के अधिकारियों का कहना है कि छावनी और सैन्य स्टेशनों में रहने वालों को मुफ्त बिजली सब्सिडी नहीं दी जा सकती। क्योंकि इन स्टेशनों को भारी मात्रा में बिजली की आपूर्ति होती है। सब्सिडी व्यक्तिगत घरेलू उपभोक्ताओं को दी जाती है। भारतीय सेना का यह भी तर्क है कि दिल्ली सरकार द्वारा दी जाने वाली मुफ्त बिजली की समान सुविधा वहां तैनात सैन्य कर्मियों को भी दी जाती है। इस मांग पर अब राज्य सरकार के शीर्ष स्तर पर चर्चा हो रही है। पंजाब में एक लाख सैनिक तैनात पंजाब में इस वक्त एक लाख से अधिक सैनिक तैनात हैं। सभी अधिकारी और जूनियर कमीशन प्राप्त अधिकारी, 35% जवानों के समान ही परिवार के साथ रहने के लिए अधिकृत हैं। इसके अलावा, सेना की संरचनाओं में तैनात रक्षा मंत्रालय के बड़ी संख्या में असैन्य कर्मचारी भी सैन्य स्टेशनों में रहने के लिए पात्र हैं। क्योंकि राज्य सरकार का कुल घरेलू बिजली सब्सिडी बिल पहले से ही 8,785 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 1,550 करोड़ रुपए अधिक है। इसलिए मुफ्त बिजली के लिए हजारों और घरेलू परिवारों को शामिल करने से पीएसपीसीएल की वित्तीय मुश्किलें बढ़ेंगी। 5 जिलों में मुफ्त बिजली देने की मांग राज्य सरकार अपनी खुद की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए पीएसपीसीएल को बिजली सब्सिडी का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रही है। 13 नवंबर तक, मुफ्त घरेलू बिजली के लिए राज्य सरकार द्वारा भुगतान की जाने वाली कुल सब्सिडी में से केवल 4,508.2 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। 20,477 करोड़ रुपए के कुल सब्सिडी बिल में से 11,401.26 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इस महीने में पीएसपीसीएल को दी गई 200 करोड़ रुपए की सब्सिडी के अलावा राज्य

Dainik Bhaskar आतंकी अर्श डल्ला के खिलाफ NIA की कार्रवाई:पंजाब-हरियाणा और यूपी में 9 ठिकानों पर छापेमारी, कनाडा में गिरफ्तारी के बाद एक्शन

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला के ठिकानों पर छापेमारी की है। तीनों राज्यों के 9 जिलों में ये छापेमारी की गई। कनाडा में अर्श डल्ला की गिरफ्तारी के बाद यह पहला मौका है जब उसके के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। अर्श डल्ला के करीबी सहयोगी एनआईए की रडार पर हैं, ताकि डल्ला के पूरे नेटवर्क को तोड़ा जा सके। एनआईए की जांच के मुताबिक डल्ला के तीन सहयोगी हैं। ये तीनों सहयोगी भारत में बड़ा आतंकी-गैंगस्टर सिंडिकेट चला रहे थे। अर्शदीप खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का आतंकी है। भारत सरकार ने उसे 2022 में आतंकी घोषित किया था। वह कनाडा में रहता है और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निझर का करीबी था। निझर की हाल ही में कनाडा में हत्या कर दी गई थी। एनआईए से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। सभी लोग डल्ला से बात करते थे। लंबी जांच के बाद यह छापेमारी शुरू की गई। हैरी मोड़ और हैरी राजपुरा की पूछताछ में हुआ था खुलासा एनआईए का दावा है कि अर्शदीप के साथी हैरी मोड और हैरी राजपुरा स्लीपर सेल के रूप में काम करते थे और उन्हें राजीव कुमार नाम के व्यक्ति ने शरण दी थी। तीनों ने डल्ला के निर्देश पर और उससे मिले पैसों से कई आतंकी हमले करने की योजना बनाई थी। हैरी मोड और हैरी राजपुरा गिरोह के शूटर थे और उन्हें लक्षित हत्याएं करने का आदेश था। अर्श डल्ला ने राजीव कुमार उर्फ ​​शीला को हैरी मोड और हैरी राजपुरा को पनाह देने के लिए पैसे दिए थे। एनआईए की जांच में यह भी पता चला कि राजीव कुमार, अर्श दल्ला के निर्देश पर दो अन्य लोगों के लिए रसद सहायता और हथियारों की व्यवस्था भी कर रहे थे। एनआईए ने 23 नवंबर 2023 को हैरी मौर और हैरी राजपुरा को और 12 जनवरी 2024 को राजीव कुमार को गिरफ्तार किया था।

Dainik Bhaskar कानपुर के बंद मदरसे में मिला बच्चे का कंकाल:स्कूल ड्रेस में फर्श पर पड़ा था; 4 साल पहले बंद हुआ था मदरसा

कानपुर के एक मदरसे में बच्चे का कंकाल पड़ा मिला। मदरसे का ताला टूटने की बात पता चलने पर आज जब मालिक वहां पहुंचे, तब यह बात सामने आई। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम ने कंकाल को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। कमरे में कोई और चीज पड़ी नहीं मिली है। यह भी पता नहीं चला कि ये हत्या है या बच्चा गलती से मदरसे के अंदर बंद हो गया था। फिर भूख और बीमारी से उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद सामने आएगा कि बच्चे की मौत कैसे हुई? फिलहाल जाजमऊ थाने की पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। यह मदरसा पोखरपुर इलाके में है। 4 साल पहले कोविड काल में इसको बंद कर दिया गया था। अब सिलसिलेवार पूरा मामला समझिए... 4 साल पहले मदरसा बंद हुआ था शब्बीर अहमद बेकनगंज में रहते हैं। उनका जाजमऊ के पोखरपुर फार्म वाली गली में करीब 100 वर्ग गज का 2 मंजिला मकान है। इसमें शब्बीर के दामाद परवेज अख्तर 2015 में मदरसा चलाते थे। उस वक्त यहां 70 से ज्यादा बच्चे पढ़ते थे। वह नई सड़क पर रहते हैं। इस मदरसे का नाम कदरिया उलूम था। आस-पास रहने वाले लोगों ने बताया कि करीब 4 साल पहले कोविड काल में यह मदरसा बंद कर दिया गया था। 2 साल पहले परवेज अख्तर की भी मौत हो गई, उन्हें कैंसर था। ताला टूटा था, अंदर गए तो शव पड़ा था परवेज के बेटे अमजा ने बताया- डेढ़ से दो साल पहले हम लोग जब मदरसा पर आए थे, तब भी ताला टूटा मिला था। तब नया ताला लगाया था। तब हम लोगों ने अंदर जाकर नहीं देखा था कि वहां क्या है? बुधवार दोपहर 12 बजे KDA में रहने वाले हमारे ममेरा भाई अनस ने बताया कि मदरसे का ताला फिर से टूटा पड़ा है। इसके बाद हम लोग वहां पहुंचे। आज अंदर जाकर देखा, तो कमरे में एक बच्चे का कंकाल पड़ा था। इसके बाद हमने तुरंत पुलिस को इस बारे में बताया। 4 साल से मदरसा बंद, फिर 20 मई, 2023 को कौन पढ़ा गया मदरसे की बिल्डिंग में बाहर लोहे का गेट लगा है। अंदर प्रवेश करने से पहले लोहे का चैनल है। इसके अंदर एक ओर प्रथम तल जाने के लिए जीना बना है। वहीं, दूसरी ओर एक क्लास रूम है, जिसमें धूल से सनी कुछ सीटें व बेंच पड़ी हुई थीं। चौंकाने वाली बात यह है कि ब्लैक बोर्ड में क्लास वर्क में 20/05/2022 की तारीख लिखी है, जबकि परिवार और रिश्तेदारों का दावा है कि कोरोना काल से पढ़ाई बंद है। ऐसे में सवाल उठता है कि उस दिन कौन पढ़ा गया।

Dainik Bhaskar हिमाचल में CBI की बड़ी कार्रवाई:रीजनल पीएफ कमिशनर बद्दी, एनफोर्समेंट ऑफिसर और एक कंसल्टेंट गिरफ्तार, 10 लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) कार्यालय बद्दी सोलन में भ्रष्टाचार मामले में बड़ी कार्रवाई की है। CBI ने रीजनल पीएफ कमिश्नर बद्दी, एनफोर्समेंट ऑफिसर और एक कंसल्टेंट (प्राइवेट पर्सन) सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के अनुसार, रीजनल पीएफ कमिश्नर और एनफोर्समेंट ऑफिसर पर शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपए रिश्वत मांगने के आरोप है। इन दोनों अधिकारियों ने रिश्वत की रकम कंसल्टेंट के माध्यम से डिमांड की थी। सीबीआई ने बीते 24 नवंबर को मामला दर्ज किया था। तब से जांच चल रही थी और आज तीनों आरोपियों को रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया गया। फर्म से पीएम मामले को निपटाने के लिए मांगी रिश्वत आरोप है कि एनफोर्समेंट ऑफिसर ने शिकायतकर्ता की फर्म के पीएफ मामले को निपटाने के लिए रिश्वत मांगी थी। ​​​​​​फर्म का पीएम मामला ​ईपीएफओ कार्यालय बद्दी के पास लंबित है। आरोप है कि यदि पैसा नहीं देने पर फर्म मालिक को 45-50 लाख रुपए का भुगतान करने की धमकी दी गई। शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना सीबीआई को दी। इसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने जाल आरोपियों की धरपकड़ को जाल बिछाया और रिश्वत की रकम लेते वक्त रंगे हाथ दबोचा। तीनों आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा सीबीआई ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर दिया है। इन्हें कुछ देर में विशेष अदालत में पेश कर रिमांड मांगा जाएगा।

Dainik Bhaskar सुप्रीम कोर्ट बोला-आरक्षण के लिए धर्म परिवर्तन संविधान से धोखा:​​​​​​​क्रिश्चयन धर्म अपनाया, अब नौकरी के लिए हिंदू होने का दावा सही नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आरक्षण का फायदा उठाने के लिए किया गया धर्म परिवर्तन संविधान के साथ धोखा है। अदालत ने यह फैसला 26 नवंबर को उस केस में सुनाया, जिसमें एक महिला ने क्रिश्चियन धर्म अपना लिया था, लेकिन बाद में शेड्यूल कास्ट सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए दावा किया कि वो हिंदू है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अपील को ठुकरा दिया और कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के 3 कमेंट 1. जब वास्तव में यकीन हो तब धर्म परिवर्तन करें जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस आर महादेवन ने मद्रास हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा। बेंच ने कहा, "किसी को भी धर्म परिवर्तन तब करना चाहिए, जब वो वास्तव में उस धर्म के मूल्यों, विचारों और आस्था से प्रेरित हुआ हो।" 2. बिना आस्था धर्म परिवर्तन को इजाजत नहीं अदालत ने कहा, "अगर धर्म परिवर्तन का मकसद आरक्षण का फायदा उठाने के लिए हो, लेकिन व्यक्ति को उस धर्म पर भरोसा नहीं हो तो इसे इजाजत नहीं दी जा सकती। ऐसे में ये सिर्फ रिजर्वेशन पॉलिसी और सामाजिक स्वभाव को नुकसान पहुंचाएगा।" 3. बाप्टिज्म के बाद हिंदू होने का दावा नहीं कर सकते बेंच ने कहा, "हमारे सामने जो सबूत रखे गए, उसके आधार पर बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता ने क्रिश्चियन धर्म अपनाया और वो लगातार चर्च जाती है, यानी वो धर्म का पालन भी कर रही है। लेकिन दूसरी तरफ वो यह दावा कर रही है कि वो हिंदू है। वो रोजगार के लिए SC सर्टिफिकेट चाहती है। वो दो दावे कर रही है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। वे बाप्टिज्म के बाद खुद के हिंदू होने का दावा नहीं कर सकती।" याचिकाकर्ता महिला से 8 वकीलों ने जिरह की याचिकाकर्ता महिला सेल्वरानी की ओर से वकील एनएस नप्पिनई, वी बालाजी, असाइथम्बी एमएसएम, अतुल शर्मा, सी कन्नन, निज़ामुद्दीन, बी धनंजय और राकेश शर्मा ने जिरह की। वहीं, वकील अरविंद एस, अक्षय गुप्ता, अब्बास बी और थराणे एस ने तमिलनाडु की राज्य सरकार का पक्ष रखा। ---------------------------------- सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... SC रिजर्वेशन में कोटे में कोटा मंजूर, सुप्रीम कोर्ट बोला- राज्य आरक्षण में सब कैटेगरी बना सकते हैं राज्य सरकारें अब अनुसूचित जाति, यानी SC के रिजर्वेशन में कोटे में कोटा दे सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (1 अगस्त) को इस बारे में बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने 20 साल पुरान

Dainik Bhaskar हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र 18 दिसंबर से:4 सीटिंग होगी, विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का सत्र 18 दिसंबर से शुरू होगा। शीतकालीन सत्र में कुल 4 सीटिंग रखी गई है। हमेशा की तरह विंटर सेशन धर्मशाला के तपोवन में होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि यह मौजूदा सरकार का सातवां सत्र होगा। विदेश से लौटते ही कुलदीप सिंह पठानिया ने सत्र आयोजन का प्रस्ताव राज्यपाल की संस्तुती के लिए राजभवन भेज दिया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद सत्र की अधिसूचना होगी। पठानियां ने कहा, तपोवन में सत्र आयोजन की व्यवस्था के लिए उन्होंने सियोल से ही जिला कांगड़ा जिला प्रशासन को दिशा–निर्देश जारी कर दिए थे। उन्होंने समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। वह खुद जल्द ही धर्मशाला का दौरा करके तैयारियों का जायजा लेंगे। विधानसभा सत्र को लेकर कुलदीप सिंह पठानिया कल शिमला में प्रेस कॉफ्रेंस कर विस्तृत जानकारी देंगे। स्पीकर का विधानसभा सचिवालय में स्वागत इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष का स्वदेश लौटने पर विधानसभा सचिवालय परिसर में उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक मलेन्द्र राजन एवं विधान सभा सचिवालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने गुलदस्ता देकर स्वागत किया।

Dainik Bhaskar संभल हिंसा में 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी:4 महिलाएं भी शामिल; मंत्री ने कहा-जितना नुकसान हुआ भरपाई उपद्रवी करेंगे

यूपी के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी किए हैं। इनमें हाथ में पत्थर लिए हुए ज्यादार लड़के मुंह बांधे हुए हैं। हिंसा में अब तक पुलिस 4 महिलाओं समेत 27 उपद्रवियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। बुधवार को यूपी के आबकारी राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा-कानून बिगाड़ने वालों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पत्थरबाजी करने वाले, माहौल बिगाड़ने वाले, दंगा भड़काने वाले उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थान पर लगने वाले हैं। साथ ही सार्वजनिक सम्पत्ति को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई उपद्रवियों से कराई जाएगी। इससे पहले, सरकारी सूत्रों ने बताया कि हिंसा में जिन-जिन लोगों के नाम सामने सामने आए हैं। उनकी पहचान की जाएगी। ADG जोन रमित शर्मा ने भी बुधवार सुबह कहा था कि जिनके हाथ में पत्थर थे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दूसरे चरण के दौरान रविवार को हिंसा हुई थी। पथराव-फायरिंग में 4 युवाओं की मौत हुई थी। इस दौरान कई घंटे तक पथराव हुआ था। पुलिस ने हाथ में पत्थर लिए 100 लोगों के पोस्टर जारी किए है। इनको लगातार अपडेट किया जा रहा है....

Dainik Bhaskar वक्फ संशोधन बिल पर JPC की आठवीं बैठक आज:दाऊदी बोहरा समाज खुद को इसके दायरे से बाहर रखने की मांग कर चुका

वक्फ (संशोधन) विधेयक के लिए बनाई गई JPC (जॉइंट पार्लियामेंट कमेटी) की आठवीं बैठक आज दिल्ली में दोपहर तीन बजे से होगी। इससे पहले 7 बैठकें हो चुकी हैं। इससे पहले 5 नवंबर को हुई 7वीं बैठक में दाऊदी बोहरा समुदाय ने मांग रखी थी कि उसे वक्फ बोर्ड के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए, क्योंकि वक्फ (संशोधन) विधेयक उनके विशेष दर्जे को मान्यता नहीं देता है। संसदीय समिति में शामिल विपक्षी सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलकर पैनल के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल पर विपक्ष की राय लिए बिना एकतरफा निर्णय लेने का आरोप लगा चुके हैं। JPC में लोकसभा से 21 सदस्य- भाजपा के 7, कांग्रेस के 3 सांसद 1. जगदंबिका पाल (भाजपा) 2. निशिकांत दुबे (भाजपा) 3. तेजस्वी सूर्या (भाजपा) 4. अपराजिता सारंगी (भाजपा) 5. संजय जायसवाल (भाजपा) 6. दिलीप सैकिया (भाजपा) 7. अभिजीत गंगोपाध्याय (भाजपा) 8. श्रीमती डीके अरुणा (YSRCP) 9. गौरव गोगोई (कांग्रेस) 10. इमरान मसूद (कांग्रेस) 11. मोहम्मद जावेद (कांग्रेस) 12. मौलाना मोहिबुल्ला (सपा) 13. कल्याण बनर्जी (TMC) 14. ए राजा (DMK) 15. एलएस देवरायलु (TDP) 16. दिनेश्वर कामत (JDU) 17. अरविंत सावंत (शिवसेना, उद्धव गुट) 18. सुरेश गोपीनाथ (NCP, शरद पवार) 19. नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना, शिंदे गुट) 20. अरुण भारती (LJP-R) 21. असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM) JPC में राज्यसभा से 10 सदस्य- भाजपा के 4, कांग्रेस का एक सांसद 1. बृज लाल (भाजपा) 2. डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी (भाजपा) 3. गुलाम अली (भाजपा) 4. डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (भाजपा) 5. सैयद नसीर हुसैन (कांग्रेस) 6. मोहम्मद नदीम उल हक (TMC) 7. वी विजयसाई रेड्डी (YSRCP) 8. एम मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK) 9. संजय सिंह (AAP) 10. डॉ. धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े (राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत) वक्फ बिल पर JPC की अब तक हुईं बैठकें... 22 अगस्त, पहली बैठक: कमेटी चेयरपर्सन बोले- सबकी बात सुनी जाएगी 22 अगस्त को 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक हुई थी। इसमें कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा था कि बिल पर विचार करने के दौरान सभी 44 अमेंडमेंट्स पर चर्चा होगी। सबकी बात सुनी जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालय के अधिकारी ने कमेटी को ड्राफ्ट कानून में जो बदलाव के बारे में बताया। पूरी खबर पढ़ें... 30 अगस्त, दूसरी बैठक: विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट किया दूसरी बैठ

Dainik Bhaskar झांसी अग्निकांड में प्रधानाचार्य को हटाया, 3 सस्पेंड:डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने बैठाई थी जांच, अब तक 18 बच्चों की मौत

झांसी अग्निकांड मामले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को हटा दिया गया है। 3 अन्य जिम्मेदारों को सस्पेंड किया गया है। डिप्टी CM ब्रजेश पाठक के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर बुधवार दोपहर यह फैसला लिया गया। मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 15 नवंबर को 10 बच्चे जिंदा जल गए थे। 26 नवंबर तक कुल 18 बच्चे दम तोड़ चुके हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर को पद से हटा दिया गया है। उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) डॉ. सचिन माहोर को आरोप पत्र दिया गया है। कॉलेज के अवर अभियन्ता (विद्युत) संजीत कुमार, NICU वार्ड की नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज संध्या राय और मेडिकल कॉलेज की प्रमुख अधीक्षक डॉ. सुनीता राठौर को सस्पेंड किया गया है। कमिश्नरी जांच के आदेश मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओमशंकर चौरसिया, सर्जरी विभाग के सह-आचार्य डॉ. कुलदीप चंदेल और विद्युत प्रभारी अधिकारी की भूमिका की जांच के लिए कमिश्नर झांसी को जिम्मा सौंपा है। अब तीनों आरोपियों के किरदार जानते हैं... झांसी महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज 9 एकड़ में फैला है। प्रदेश के सबसे पुराने चिकित्सा संस्थानों में इसका नाम है। यह बुंदेलखंड का सबसे बड़ा उपचार केंद्र है, जहां यूपी के अलावा मध्य प्रदेश के लोग भी इलाज के लिए आते हैं। झांसी मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी प्रिंसिपल के कंधों पर होती है। प्रिंसिपल डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर को पद से हटा दिया गया है। डॉ. सेंगर के पास यह जिम्मेदारी है। हर छोटी-बड़ी समस्या की रिपोर्ट इनके पास जाती है। लगभग 10 से 15 दिन में प्रिंसिपल हॉस्पिटल का विजिट भी करते हैं। पिछले कई दिनों से एसएनसीयू वार्ड में क्षमता से अधिक बच्चों को रखा जा रहा था। प्राथमिक जांच रिपोर्ट में भी ये सामने आया है कि 18 वेंटिलेटर पर 49 बच्चे एडमिट थे। किसी बेड पर 3 तो किसी पर 4 बच्चों को ऑक्सीजन दी जा रही थी। इससे इन्फेक्शन का खतरा तो था ही, बच्चों को आग से बचाने में भी दिक्कत हुई। एक साथ एक-एक वेंटिलेटर पर 3 से 4 बच्चे झुलस गए। अगर तय मानकों के अनुसार बच्चों को रखा जाता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। प्रिंसिपल को मानक से ज्यादा बच्चों को भर्ती करने पर रोक लगानी

Dainik Bhaskar शारीरिक संबंध बनाया फिर गर्लफ्रेंड के किए 50 टुकड़े:बॉयफ्रेंड के साथ लिव इन में थी, दूसरी लड़की से संबंध बनाने पर हुआ झगड़ा

झारखंड के खूंटी में एक खौफनाक घटना सामने आई है। बॉयफ्रेंड ने गर्लफ्रेंड को 50 टुकड़ों में काटकर फेंक दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब कुत्ता लड़की की बॉडी के पार्ट को खा रहा था। गांववालों ने देखा तो पुलिस को सूचना दी। बॉयफ्रेंड ने यह हत्या इसलिए की, क्योंकि वो दूसरी लड़की से उसके संबंध का विरोध कर रही थी। पुलिस के अनुसार, बॉयफ्रेंड ने हत्या से पहले लड़की के साथ संबंध बनाया था। उसके बाद उसके गले को उसके ही दुपट्टे से घोंट दिया। मरने के बाद उसने बॉडी के 50 टुकड़े किए और घर से 500 मीटर दूर जंगल में जाकर फेंक दिया। पुलिस को अब तक बॉडी का पूरा पार्ट नहीं मिला है। फिलहाल लड़की का सिर, दो हाथ की हड्‌डी और बाल मिले हैं। पुलिस ने आरोपी बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार कर लिया है। अब घटना विस्तार से जानिए... घटना खूंटी में जरियागढ़ थाना क्षेत्र के भगवान पांज टोंगरी‎ की है। पुलिस को यहां 24 नवंबर को लड़की के शरीर के कुछ टुकड़े, उसका फटा हुआ आधार कार्ड व बैंक पासबुक मिला था। इसके बाद लड़की पहचान की गई। पुलिस ने ग्रामीणों से पूछताछ शुरू की तो लड़की के प्रेमी के बारे में पता चला। पुलिस ने 26 नवंबर को प्रेमी से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म स्वीकार कर पूरी घटना बताई। आरोपी नरेश भेंगरा ने पुलिस को बताया कि प्रेमिका गांगी के अलावा वे एक दूसरी लड़की के संपर्क में आ गया था। जब प्रेमिका को यह जानकारी मिली तो वो युवक के पास आई। उसने कहा- 'जब तुम ‎दूसरी लड़की के साथ रह रहे हो, ‎तो मुझे मेरे गांव मालगो पहुंचा दो। साथ ही जो पैसे मैंने तुम्हें दिए हैं, उसे लौटा‎ दो।'‎ इसी बात को लेकर दोनों में झगड़ा‎ हो गया और आरोपी ने प्रेमिका की हत्या कर दी। आरोपी मुर्गा काटता था इसलिए शव के टुकड़े करने ‎में कोई झिझक नहीं हुई एसडीपीओ क्रिस्टोफर केरकेट्टा ने बताया- आरोपी नरेश भेंगरा को गिरफ्तार कर लिया गया है। वो ‎बेंगलुरु में मुर्गा काटने का काम करता‎ था। इसलिए उसे शव के टुकड़े करने ‎में कोई झिझक नहीं हुई। मृतका की शिनाख्त‎ लापुंग के मालगो जतरा टोली निवासी गांगी ‎‎कुमारी (24) के रूप में हुई थी।‎ गांगी, नरेश भेंगरा के साथ ‎लिव इन में रह रही थी। नरेश का ‎‎ननिहाल युवती के गांव में था। ननिहाल ‎‎आने-जाने के दौरान गांगी और नरेश में प्रेम ‎हो गया। डेढ़ साल साथ रहने के बाद गांगी काम‎ करने के लिए तमिलनाडु के त्रिपुर चली गई ‎और नर

Dainik Bhaskar हरियाणा के सीरियल किलर का गुजरात में स्टूडेंट से रेप-मर्डर:हत्या के दो घंटे बाद लौटकर लाश से भी रेप किया, 25 दिन में किए 5 मर्डर

गुजरात के वलसाड में बीते 14 नवंबर को 19 साल की छात्रा की रेप के बाद हत्या करने वाला आरोपी सीरियल किलर निकला है। आरोपी ने इस वारदात के पहले 25 दिन में हीं चार और हत्याओं का जुर्म कबूल किया है। गुजरात पुलिस ने आरोपी को 5 दिन की रिमांड पर लिया है। पूछताछ में और भी वारदातों का खुलासा होने की संभावना है। पहले गुजरात से जुड़ा पूरा मामला जानिए...स्टूडेंट की लाश से भी दो-तीन बार दुष्कर्म किया था आरोपी राहुल जाट ने वलसाड के पारडी तालुका के मोतीवाला इलाके में रहने वाली बी-कॉम सेकंड ईयर की स्टूडेंट का अपहरण कर लिया था। हथियार की नोंक पर उसे झाड़ियों में ले गया और दुष्कर्म के बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं, आरोपी वारदात वाली शाम को फिर इसी जगह लौटा था और छात्रा के शव के साथ भी दो-तीन बार दुष्कर्म किया था। इसी दौरान कुछ लोगों के आने की आहट सुनकर जल्दबाजी में अपनी टी-शर्ट और बैग छोड़कर भाग निकला था। वारदात का शिकार हुई स्टूडेंट देर शाम तक घर नहीं लौटी तो परिवार उसकी तलाश में जुटा। पुलिस को सूचना दी गई और पुलिस की दो टीमों ने भी तलाश शुरू की। एक सीसीटीवी कैमरे में छात्रा ट्यूशन से घर लौटते नजर आई। लेकिन इसके बाद बीच रास्ते में ही गायब हो गई। इसलिए पुलिस ने रेलवे ट्रैक के पास का इलाका छानना शुरू किया। आखिरकार रात को मोतीवाला फाटक के पास झाड़ियों से उसका शव बरामद हुआ था। पैनल पीएम की प्राथमिक रिपोर्ट में रेप और उसके बाद गला दबाकर हत्या करने की बात सामने आई थी। ऐसे पकड़ में आया था आरोपी पारडी पुलिस ने अज्ञात शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद वलसाड एलसीबी, एसओजी समेत वलसाड जिला पुलिस की कुल 10 अलग-अलग टीमें जांच में जुटी हुई थीं। लड़की के शव के पास से पुलिस को एक खाली बैग और एक टी-शर्ट मिली थी। इन्हीं दो सबूतों के आधार पर पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी। इसके बाद रेलवे ट्रैक के पास के सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए और पार्किंग के कैमरे से यही बैग टांगे और फेंके हुए कपड़े पहने एक शख्स नजर आया। इसके बाद पुलिस इसकी भी तलाश में जुटी। आखिरकार वारदात के 11वें दिन (24 नवंबर) आरोपी को गुजरात के ही उदवाडा रेलवे स्टेशन से अरेस्ट कर लिया गया। 25 दिन में ही पांच हत्याएं कबूलीं आरोपी राहुल ने कबूल किया है कि इस वारदात के एक दिन पहले ही उसने तेलंगाना सिकंदराबाद में भी लूट के दौरान

Dainik Bhaskar जम्मू के 4 जिलों के 56 ठिकानों पर छापेमारी:लश्कर-जैश से जुड़े होने का शक था, कई संदिग्ध गिरफ्तार; हथियार, कैश, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद

जम्मू कश्मीर पुलिस ने दो दिन में 56 आतंकवादी ठिकानों पर रेड कर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के कई संदिग्ध आतंकवादियों और ग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया है। जम्मू रीजन के चार जिलों में हुई छापेमारी में पुलिस को कई हथियार, कैश, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और दस्तावेज बरामद हुए हैं। इंटेलिजेंस के आधार पर पुलिस ने मंगलवार को राजौरी जिले में घरों सहित 9 इलाकों की कई लोकेशन पर छापे मारे। इसके अलावा दो दिन में पुंछ की 12, उधमपुर की 25 और रियासी की 10 लोकेशन पर पुलिस ने रेड की। जम्मू जोन के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (ADG) आनंद जैन ने कहा कि जब्त किए गए सामान और जानकारी के आधार पर आगे की जांच की जाएगी। इलाके में शांति बनाए रखने के लिए जरूरत पड़ने पर ऐसे और ऑपरेशन किए जा सकते हैं। अलग-अलग मामलों में रेड जम्मू जोन के चारों जिलों में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े अलग-अलग मामलों में रेड की गई। राजौरी और पुंछ में 2013 और इस साल के आतंकवाद संबंधी मामले की जांच के लिए रेड की गई। वहीं, उधमपुर और रियासी में की छापेमारी बसंतगढ़ पुलिस स्टेशन में दर्ज एक केस से जुड़ी थी। पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग आतंकवादियों को संवेदनशील जानकारी, हथियार और फंड मुहैया कराते थे। आतंकवादी संगठनों में और लोगों को शामिल करने वाले थे पुलिस की रेज जैश और लश्कर से संबंधित संदिग्ध आतंकवादियों और उनके लिए ग्राउंड पर काम करने वाले लोगों पर की गई। पुलिस को शक था कि ये लोग जम्मू में और ऑन-ग्राउंड वर्कर्स एक्टिवेट करना चाहते हैं, जिससे आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाया जा सके। ADGP जैन ने जम्मू के नागरिकों से भी आतंकवादियों, उनके साथियों और इलाके में कोई भी संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को देने की अपील की है। ---------------------------- जम्मू कश्मीर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... कश्मीर में 36 घंटे में 3 एनकाउंटर:श्रीनगर में उस घर को उड़ाया, जहां आतंकी छुपे थे कश्मीर में 36 घंटे में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच श्रीनगर, बांदीपोरा और अनंतनाग में 3 एनकाउंटर हुए। इनमें 4 जवान घायल हो गए और 3 आतंकी मारे गए। श्रीनगर के खान्यार में एक घर में 2 से 3 आतंकी छिपे थे। सेना ने घर को बम से उड़ाया। इसमें एक पाकिस्तानी आतंकी मारा गया। घटनास्थल से आतंकी की बॉडी और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। पढें पूरी

Dainik Bhaskar हेमंत सोरेन अकेले लेंगे शपथ, मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में:दिल्ली में नहीं सुलझा मंत्रिमंडल पर पेंच, राहुल-प्रियंका के शपथ समारोह में आने पर सस्पेंस

JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) नेता हेमंत सोरेन 28 नवंबर को अकेले रांची के मोरहाबादी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। विधायकों की शपथ के बाद मंत्रिमंडल की शपथ होगी। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने भास्कर को बताया कि मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में होगा। दरअसल, माले ने अब तक सरकार में शामिल होने पर फैसला नहीं लिया है। इसके लिए 29 नवंबर को बैठक बुलाई है। यह भी हेमंत के अकेले शपथ लेने का कारण माना जा रहा है। क्या दिल्ली में नहीं बनी बात? हेमंत सोरेन पत्नी कल्पना सोरेन के साथ सोमवार रात दिल्ली गए थे। मंगलवार को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि सोरेन कांग्रेस कोटे के मंत्रियों और विभाग पर बात करने गए हैं। इसके बाद खबर आई कि हेमंत सोरेन अकेले सीएम पद की शपथ लेंगे। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। शपथ में INDIA की दिखेगी ताकत महाराष्ट्र में कांग्रेस की करारी हार के बाद INDIA गठबंधन को झारखंड ने ही ऑक्सीजन दिया है। ऐसे में गठबंधन अपनी ताकत दिखाने के लिए रांची में एकजुट होगा। बताया जा रहा है कि झारखंड की नई सरकार की शपथ में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, पंजाब के सीएम भगवंत मान, तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन, दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, सुनीता केजरीवाल, मनीष सिसोदिया का आना तय है। वहीं, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया, राजद नेता लालू यादव और तेजस्वी यादव के भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की संभावना है। शाम तक कंफर्म हो सकता है। सभी नेता कल यानी गुरुवार को दिन में आएंगे और शाम 4 बजे शपथ के बाद लौट जाएंगे। नई सरकार में 5:1 का फॉर्मूला, कांग्रेस के विधायक दिल्ली में बताया जा रहा है कि नई सरकार में 2019 के फॉर्मूले को ही अपनाया जाएगा। उस वक्त 5 विधायकों पर एक मंत्री पद का फॉर्मूला तय हुआ था। इस बार भी 5:1 का ही फॉर्मूला रहेगा। सूत्रों के अनुसार, नई सरकार में JMM के 6, कांग्रेस के 4 और राजद का एक मंत्री होगा। मंत्री बनने के लिए विधायक रामेश्वर उरांव, श्वेता सिंह और निशत आलम को छोड़कर सारे नवनिर्वाचित विधायक दिल्ली में आला नेताओं के दरबार में हैं। विधायकों ने पार्टी

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