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Dainik Bhaskar राजस्थान में पाक बॉर्डर पर जवान ने खुद को गोली:सर्विस राइफल से हेड कॉन्स्टेबल ने किया सुसाइड, कारणों का नहीं हुआ खुलासा

भारत-पाकिस्तान सीमा पर BSF के हेड कॉन्स्टेबल ने सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली। मृतक कृष्ण कुमार (44) होशियारपुर (पंजाब) के निवासी थे। जानकारी के अनुसार 173वीं बटालियन के कृष्ण कुमार शाहगढ़ एरिया में भानु सीमा चौकी पर पोस्टेड थे। वे 24 साल से BSF में थे। घटना गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे की है। शाहगढ़ थाना प्रभारी बाबूराम ने बताया कि सुसाइड के कारणों की जांच की जा रही है। फिलहाल मृतक के शव को रामगढ़ स्थित हॉस्पिटल में रखवाया गया है। परिजनों के आने के बाद शव का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। .... सेना के जवानों के सुसाइड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... 1. बीकानेर में सेना के 2 जवानों ने किया सुसाइड:BSF हेड कॉन्स्टेबल ने घर में फंदा लगाया, दूसरे ने महाजन फिल्ड फायरिंग रेंज में बीकानेर में 18 घंटे में 2 जवानों ने सुसाइड कर लिया। BSF के हेड कॉन्स्टेबल बंशीलाल सारस्वत (41) ने घर के बेसमेंट में रस्सी का फंदा लगाकर जान दे दी। वे 22 साल से BSF में रहते हुए राष्ट्र सेवा कर रहे थे। (पढ़ें पूरी खबर) 2. जोधपुर में पेड़ से लटका मिला सब-इंस्पेक्टर:सुसाइड किया, बेटा बोला-तबीयत खराब होने के बाद भी 2 दिन घर नहीं जाने दिया​​​​​​​ जोधपुर के सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर में तैनात सब इंस्पेक्टर ने सुसाइड कर लिया। उनका शव CRPF कैंप में एक पेड़ से लटका हुआ मिला। सब इंस्पेक्टर के बेटे ने आरोप लगाया है कि कैंप के अधिकारी काम को लेकर दबाव बनाते थे और तबीयत खराब होने के बाद भी 2 दिन से उन्हें घर नहीं जाने दिया। (पढ़ें पूरी खबर) 3. भारत-पाक बॉर्डर पर BSF जवान ने किया सुसाइड:बीएसएफ चौकी परिसर में पेड़ से लटका मिला शव, दो महीने पहले घर से आया था​​​​​​​ जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक जवान ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। सूचना पर बीएसएफ के अधिकारी और तनोट थाना पुलिस मौके पर पहुंची। घटना जैसलमेर से करीब 140 किलोमीटर दूर बबलीयानवाला पोस्ट की है।​​​​​​​ (पढ़ें पूरी खबर)

Dainik Bhaskar मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार आज:92 साल की उम्र में निधन; 7 दिन का राष्ट्रीय शोक; राहुल बोले- मैंने अपना गुरु खो दिया

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया। वे 92 साल के थे। पूर्व पीएम लंबे समय से बीमार थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली AIIMS लाया गया था। हॉस्पिटल बुलेटिन के मुताबिक, उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। अंतिम संस्कार आज राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। मनमोहन सिंह, 2004 में देश के 14वें प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने मई 2014 तक इस पद पर दो कार्यकाल पूरे किए थे। वे देश के पहले सिख और सबसे लंबे समय तक रहने वाले चौथे प्रधानमंत्री थे। मनमोहन सिंह के निधन के चलते केंद्र सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। सुबह 11 बजे कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई है। साथ ही शुक्रवार को होने वाले सभी कार्यक्रम कैंसिल कर दिए गए हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे बेलगावी से देर रात दिल्ली पहुंचने के बाद सीधे मनमोहन सिंह के आवास गए थे। राहुल ने X पर लिखा- मैंने अपना मार्गदर्शक और गुरु खो दिया है। इस बीच, कर्नाटक के बेलगावी में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) मीटिंग रद्द कर दी गई। कांग्रेस स्थापना दिवस से जुड़े आयोजन भी कैंसिल हो गए हैं। पार्टी के इवेंट 3 जनवरी के बाद शुरू होंगे। केरल सरकार ने डॉ. सिंह के सम्मान में 26 दिसंबर से 1 जनवरी तक 7 दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। टीम इंडिया भी मेलबर्न टेस्ट में आज काली पट्‌टी बांधकर खेलने उतरी है। इसी साल 3 अप्रैल को खत्म हुआ था राज्यसभा कार्यकाल मनमोहन सिंह 3 अप्रैल को राज्यसभा से रिटायर हुए थे। वे 1991 में पहली बार असम से राज्यसभा पहुंचे थे। तब से करीब 33 साल तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे। छठी और आखिरी बार वे 2019 में राजस्थान से राज्यसभा सांसद बने थे। मनमोहन सिंह के रिटायरमेंट पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें खत भी लिखा था। अपनी चिट्ठी में खड़गे ने लिखा था कि- अब आप सक्रिय राजनीति में नहीं होंगे, लेकिन आपकी आवाज जनता के लिए लगातार उठती रहेगी। संसद को आपके ज्ञान और अनुभव की कमी खलेगी। मनमोहन सिंह की सीट पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पहली बार राज्यसभा पहुंची थीं। 20 फरवरी को उन्हें राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले आखिरी पीएम थे मनमोहन सिंह 3 जनवरी 2014 को मनमोहन सिंह ने बतौर प

Dainik Bhaskar मनमोहन सिंह ने टीचर्स के कहने पर इकोनॉमिक्स चुनी:अमृतसर हिंदू कॉलेज लेता था आधी फीस, क्लासमेट बोले-कम शब्दों में अपनी बात बोल जाते थे

देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह नहीं रहे। गुरुवार रात को उन्होंने दिल्ली AIIMS में अंतिम सांस ली। वे अविभाजित भारत में पंजाब के गाह गांव में पैदा हुए थे। उनका परिवार बंटवारे के समय पंजाब के अमृतसर में बस गया था। डॉ. मनमोहन सिंह ने 10वीं के बाद प्री कॉलेज करने के लिए हिंदू कॉलेज को चुना था। सितंबर 1948 में उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया और पहला स्थान पाया। तत्कालीन प्रिंसिपल संत राम ने उन्हें रोल कॉल ऑफ ऑनर के साथ सम्मानित किया। वह पहले स्टूडेंट थे, जिन्हें इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। यह किस्सा खुद डॉ. मनमोहन सिंह ने हिंदू कॉलेज में 2018 में आयोजित एलुमनी मीट और कनवोकेशन के दौरान सुनाया था। डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि शिक्षक ही विद्यार्थी की विलक्षण शक्ति को पहचान सकते हैं। उन्होंने बताया था कि टीचर्स के कहने के बाद उन्होंने बीए ऑनर्स इन इकोनॉमिक्स में दाखिला लिया था। 1952 में एक बार फिर टॉपर बने। डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने पूर्व प्रिंसिपल संत राम, प्रो. मस्त राम, प्रो. एसआर कालिया, डॉ. जुगल किशोर त्रिखा और डॉ. सुदर्शन कपूर को अपना हीरो बताया था। दोस्तों ने साझा की थीं डॉ. मनमोहन सिंह से जुड़ी बातें... कॉलेज पूरा होने के 65 साल के बाद साल 2018 में डॉ. मनमोहन सिंह हिंदू कॉलेज में पहुंचे थे। इस कॉलेज में उन्होंने तकरीबन 4 साल 1948 से 1952 तक शिक्षकों के लेक्चर सुन ज्ञान हासिल किया था। इस दौरान उनके कई क्लासमेट भी कॉलेज पहुंचे थे, जिन्होंने 2018 में प्रिंसिपल रहे डॉ. पीके शर्मा को कई किस्से सुनाए। कम शब्दों में अपनी बात बोल जाते थे मनमोहन डॉ. मनमोहन सिंह के बैचमेट रहे डीएवी लोकल मैनेजिंग कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट सुदर्शन कपूर ने बताया था कि वह 3 साल तक कॉलेज की डिबेट टीम का हिस्सा रहे थे। डॉ. मनमोहन के पास बोलने व दूसरों को प्रभावित करने की शैली शुरू से ही थी। डिबेट में वह बहुत ही कम शब्दों में व शांति के साथ अपनी बात बोल जाते थे। वह बात इतनी प्रभावशाली होती थी कि कोई उन्हें पहला इनाम देने से खुद को रोक नहीं पाता था। डॉ. मनमोहन का अधिक समय लाइब्रेरी में ही बीतता थे। जब भी वह इकट्ठे बैठते तो फिल्मों व एक्ट्रेस की बातें भी चल पड़ती थीं, लेकिन यह बातें सुन वह शरमा जाते। कपूर बोले- उन्हें मनमोहन कहना आसान नहीं था डॉ. सुदर्शन कपूर ने बताया कि डॉ. मनमोहन ने

Dainik Bhaskar मध्यप्रदेश-राजस्थान समेत 8 राज्यों में ओला-बारिश का अलर्ट:50kmph की रफ्तार से चलेगी हवा; जम्मू के सोपोर में तालाब जमा, बच्चों ने इसी पर क्रिकेट खेला

वेस्टर्न डिस्टरबेंस के एक्टिव होने के बाद IMD ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत 8 राज्यों में आंधी-बारिश और ओले गिरने का अलर्ट जारी किया है। यहां 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इससे इन राज्यों के तापमान में भी गिरावट होगी। उधर, जम्मू-कश्मीर में पड़ रही कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के चलते तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे चल रहा है। इसका एक नजारा जम्मू के सोपोर में दिखाई दिया। हरितारा इलाके में बना एक तालाब पूरी तरह जम गया। बच्चों ने इस जमे हुए तालाब पर ही क्रिकेट खेला। दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में आज भी तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं इसके अलावा मैदानी इलाकों में छत्तीसगढ़ में भी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बारिश करवा सकता है। मौसम की 3 तस्वीरें... अगले 2 दिन का मौसम... 28 दिसंबर: 2 राज्यों में ओले गिरने का अलर्ट 29 दिसंबर: MP-राजस्थान में बारिश का अलर्ट राज्यों से मौसम की खबरें... राजस्थान : 13 जिलों में ओले-बारिश का अलर्ट, पारा गिरेगा शुक्रवार को राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में बारिश और कई जगह ओले गिरने की आशंका जताई है। मौसम विभाग ने 15 जिलों में ऑरेंज, जबकि 16 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, अगले तीन दिन घना कोहरा रहेगा। मौसम विभाग ने 27 दिसंबर के लिए 13 जिलाें में भी ओले-बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। 28 दिसंबर को जयपुर सहित 23 जिलों में बरसात की संभावना है। पढ़ें पूरी खबर... मध्य प्रदेश : 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं, अगले 5 दिन बारिश का अलर्ट 4-5 दिन तक बादल, कोहरा, तेज हवा और मावठा के आसार हैं। वेस्टर्न डिस्टरबेंस साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर प्रदेश में दिखाई दे रहा है। दो तरफ से से नमी आ रही है। इसी वजह से बारिश, कोहरा जैसा मौसम बना हुआ है। नर्मदापुरम्, रायसेन, सीहोर, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, बैतूल और हरदा में ऑरेंज अलर्ट है। इसके चलते इन जिलों में बारिश-घना कोहरा छा सकता है। पढ़ें पूरी खबर... हरियाणा : प्रदेश में बारिश और ओले का अलर्ट, अगले 2 दिन ठंड बढ़ेगी पानीपत और सोनीपत समेत कई जगह सुबह हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग ने 16 जिलों में बारिश का ऑरेंज और 6 जिलों में यलो अलर्ट है। कुछ एक स्थानों पर ओले गिरने की भी संभावना है। 12 जिलों में हैवी रेन की संभावना है। इन जिलों में अन्य जिलों की अपेक्षा 50 से

Dainik Bhaskar डल्लेवाल के अनशन पर SC का पंजाब सरकार को नोटिस:कहा- किसी की जिंदगी दांव पर, इसे गंभीरता लें, कल रिपोर्ट दें; डल्लेवाल ऑनलाइन जुड़ेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने 32 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की सेहत को लेकर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब सरकार से डल्लेवाल को दी जा रही मेडिकल मदद को सुनिश्चत करने को कहा है। पंजाब के चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ कंटेप्ट पिटीशन पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बैंच ने कहा- अगर कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी तो उससे सख्ती से निपटना चाहिए। किसी की जिंदगी दांव पर है, पंजाब सरकार को इसे सीरियसली लेना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल को दी जा रही मेडिकल मदद जारी रहे। ऐसा लग रहा है कि पंजाब सरकार ऐसा नहीं कर रही है। डल्लेवाल को दी जा रही मेडिकल मदद को लेकर कल पंजाब सरकार रिपोर्ट पेश करें। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम कल सुनवाई के दौरान जगजीत डल्लेवाल से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करेंगे। उसके बाद कोई आदेश देंगे। कोर्ट की पहली प्राथमिकता उनकी जिंदगी है। 32 दिन से अनशन पर डल्लेवाल, पानी भी छोड़ा 70 साल के किसान नेता जगजीत डल्लेवाल 32 दिन से आमरण अनशन पर हैं। उन्होंने पहले अन्न खाना छोड़ दिया था, अब वे पानी भी नहीं पी रहे। पानी पीने से उन्हें उल्टियां हो रही हैं। उनके साथी किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि उनका ब्लड प्रेशर 88/59 हो चुका है। 60 साल से ज्यादा उम्र के पुरुष का सामान्य ब्लड प्रेशर 133/69 सही माना जाता है। डल्लेवाल की इम्यूनिटी भी काफी कमजोर हो चुकी है। मगर, वह डॉक्टरी इलाज लेने से इनकार कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट पहले ही 3 बार लगातार सुनवाई कर चुका 1. पंजाब सरकार को कहा– ढिलाई नहीं बरत सकते 17 दिसंबर की सुनवाई में पंजाब सरकार ने कहा था कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। आपको हालात संभालने होंगे। डल्लेवाल पब्लिक पर्सनालिटी हैं। उनके साथ किसानों के हित जुड़े हुए हैं। 2. 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर, कौन कह रहा, वे ठीक हैं 18 दिसंबर को पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है?। आप कैसे कह सकते हैं डल्

Dainik Bhaskar 5 दिन से 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी चेतना:तीन दिन से नहीं कर मूवमेंट, प्रशासन के सभी प्लान फेल; अब सुरंग खोदेंगे

कोटपूतली में 5 दिन से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में टीम अब भी चेतना (3) तक नहीं पहुंच सकी है। पाइलिंग मशीन से बोरवेल के पैरलल करीब 170 फीट का गड्‌ढा खोदा गया है। बताया जा रहा है कि रैट माइनर्स पाइप के जरिए इस गड्‌ढे में उतरेंगे। इसके बाद वे गड्‌ढे से बोरवेल तक 20 फीट की सुरंग खोदेंगे। इस पूरे ऑपरेशन में जिला प्रशासन के अब तक सभी प्लान फेल रहे हैं। किरतपुर के बड़ियाली की ढाणी की चेतना सोमवार (23 दिसंबर) को 700 फीट गहरे बोरवेल में 150 फीट पर फंस गई थी। देसी जुगाड़ से उसे रेस्क्यू टीमें केवल 30 फीट ऊपर ला सकी थीं। बीते तीन दिन से मासूम 120 फीट की गहराई में अटकी है। पांच दिन से भूखी-प्यासी चेतना की कंडीशन को लेकर अधिकारी चुप हैं। वो कोई मूवमेंट नहीं कर रही है। डेली नए प्लान, लेकिन फेल रहा है प्रशासन मंगलवार (24 दिसंबर) शाम तक चार देसी जुगाड़ फेल हो जाने के बाद आधुनिक मशीनों से खुदाई शुरू की गई। रेस्क्यू में देरी और लापरवाही के आरोपों से घिरे अधिकारियों की बातों से परिवार व ग्रामीणों में भी नाराजगी है। नया गड्ढा खोदने के बाद अब उसमें पाइप के जरिए रैट माइनर्स को उतारा जाएगा। फिर वे एक सुरंग खोदकर चेतना तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। इधर बच्ची की मां बेहोशी की हालत में है। परिवार के दूसरे मेंबर्स का भी रो-रोकर बुरा हाल है। अब देखिए रेस्क्यू से जुड़े PHOTOS... ...... चेतना के रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... 4 दिन से बोरवेल में भूखी-प्यासी फंसी बच्ची:मां ने भी खाना नहीं खाया,हालत बिगड़ी; 170 फीट गहरा गड्ढा खोदा, अब रैट माइनर्स बनाएंगे सुरंग कोटपूतली में 4 दिन से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में टीम अब भी चेतना (3) तक नहीं पहुंच सकी है। पाइलिंग मशीन से बोरवेल के पैरलल करीब 170 फीट का गड्‌ढा खोदा गया है। बताया जा रहा है कि रैट माइनर्स पाइप के जरिए इस गड्‌ढे में उतरेंगे। इसके बाद वे गड्‌ढे से बोरवेल तक 20 फीट की सुरंग खोदेंगे। पूरी खबर पढ़िए...

Dainik Bhaskar RTO के करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल की मां का खुलासा:जिस गाड़ी में 54 किलो सोना और 11 करोड़ मिले उसे पूरा ‘दफ्तर’ इस्तेमाल करता था

परिवहन विभाग के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर लोकायुक्त के छापे के बाद उसकी मां उमा शर्मा ने पहली बार भास्कर से बात की है। उमा ने कहा कि जिस गाड़ी से 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नकद मिलने की बात कही जा रही है, उस गाड़ी को तो दफ्तर के सारे लोग इस्तेमाल करते थे। उमा शर्मा से दफ्तर का मतलब पूछा तो बोलीं- जो लोग सौरभ से मिलते-जुलते थे, जिनके साथ उसका उठना-बैठना था। वे सारे लोग इस गाड़ी का इस्तेमाल करते थे। हालांकि, उमा शर्मा ने ये नहीं बताया कि वो लोग कौन हैं। पढ़िए और क्या कहा उमा शर्मा ने… भास्कर रिपोर्टर ने घंटी बजाई तो 45 मिनट बाद खुला दरवाजा 19 दिसंबर को जिस दिन लोकायुक्त की टीम ने सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित ई-7/78 मकान पर छापा मारा था, तब सौरभ की मां उमा शर्मा घर पर ही थीं। छापे के एक हफ्ते बाद जब भास्कर की टीम इसी मकान पर पहुंची तो बाहर सन्नाटा पसरा हुआ था। भास्कर रिपोर्टर ने डोर बेल बजाई, तो किसी ने भी दरवाजा नहीं खोला। 10 मिनट इंतजार करने के बाद दोबारा डोर बेल बजाई, उसके बाद भी किसी ने दरवाजा नहीं खोला। इस तरह आधा घंटा गुजर गया। 45 मिनट इंतजार के बाद घर के भीतर से एक लड़की ने दरवाजा खोला। उस लड़की से पूछा कि उमा शर्मा घर में हैं, तो लड़की ने इशारे से बात की। पहले बातचीत से इनकार, फिर दिए सवालों के जवाब जैसे ही दरवाजा खुला भास्कर रिपोर्टर को सौरभ की मां उमा शर्मा की एक झलक दिखाई दी। रिपोर्टर को देखकर उमा शर्मा ने तत्काल दरवाजा बंद करने की कोशिश की। रिपोर्टर ने अपना परिचय देते हुए उनसे बात करने का आग्रह किया। पहले तो उन्होंने इनकार किया, बाद में दरवाजा खोला और रिपोर्टर को भीतर बुलाया। रिपोर्टर ने उनसे कहा कि इस पूरे मामले में उनका पक्ष जानना है तो वह रोने लगी। कुछ देर बाद सामान्य होते हुए वह रिपोर्टर को घर के आंगन में लेकर आई और बातचीत की… सवाल: आपके मकान से करोड़ों रुपए और दो क्विंटल से ज्यादा चांदी की सिल्लियां बरामद हुई हैं। जवाब: जांच होगी तो सब पता चलेगा। जितना बताया जा रहा है, जरूरत से ज्यादा बताया जा रहा है। ये जो कह रहे हैं कि लाख-लाख रुपए के सामान, 50-50 हजार के मोजे और बाकी सामान की बात सब झूठ है। चांदी की सिल्लियां मेरे घर से नहीं मिली हैं। सौरभ के दफ्तर से मिली हैं। सवाल: एक गाड़ी से 54 किलो सोना और 11 करोड़ नकद मिले हैं, क्या वो सौरभ

Dainik Bhaskar हिमाचल में बर्फबारी देखने टूरिस्टों की भीड़ पहुंची:48 घंटे में 80 हजार गाड़ियों में 3 लाख टूरिस्ट आ चुके; शिमला और कुल्लू-मनाली फेवरेट जगह

हिमाचल में बर्फबारी देखने के लिए टूरिस्टों की भीड़ पहुंचने लगी है। हालात यह हैं कि 24 से 26 दिसंबर यानी महज 48 घंटे में प्रदेश में 81 हजार गाड़ियों में 3 लाख टूरिस्ट हिमाचल पहुंच चुके हैं। ज्यादा टूरिस्ट शिमला पहुंचे हैं। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक यहां 65 हजार गाड़ियों में पौने 2 लाख टूरिस्ट आ चुके हैं। दूसरे नंबर पर कुल्लू जिला है। जहां पिछले 2 दिन में 16 हजार गाड़ियों में करीब सवा लाख टूरिस्ट पहुंच चुके हैं। जो कुल्लू और मनाली के अलावा आसपास के पर्यटन स्थलों पर भी पहुंच रहे हैं। एक तरफ नारकंडा, महासू पीक, कुफरी में टूरिस्ट पैरा ग्लाइडिंग, स्नो-बाइक राइडिंग, स्कीइंग, घुड़सवारी, यॉक की सवारी कर रहे हैं तो दूसरी तरफ शिमला के महासू पीक से दूरबीन के जरिए हिमाचल से लगते चीन बॉर्डर और सामने बर्फ से ढ़की हिमालय रेंज को देख रहे हैं। मौसम विभाग ने 28 दिसंबर तक हैवी-स्नोफॉल का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए पुलिस ने टूरिस्टों को ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है। हिमाचल में बर्फबारी एंजॉय करते टूरिस्ट के PHOTOS.. बर्फबारी देखने हिमाचल आने वालों के लिए 3 जरूरी जानकारी... 1. NH-5 से पहुंचे शिमला-कुफरी और नारकंडा टूरिस्ट चंडीगढ़-शिमला-किन्नौर नेशनल हाइवे-5 से शिमला में बर्फबारी वाली जगहों पर पहुंच सकते हैं। कुफरी, नारकंडा, फागू में भी पर्यटकों के ठहरने व खाने पीने की उचित व्यवस्था है। पर्यटक चाहें तो रात में ठहरने के लिए वापस शिमला भी लौट सकते हैं। शिमला, नारकंडा और कुफरी में इन दिनों होटलो में 1200 रुपए से लेकर 8000 रुपए तक के कमरे उपलब्ध हैं। 2. कुल्लू-मनाली के लिए चंडीगढ़-मनाली एनएच से पहुंचे कुल्लू में सबसे ज्यादा टूरिस्ट सोलंग नाला और अंजनी महादेव पहुंच रहे हैं। यहां चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे से पहुंच सकते हैं। सोलंग नाला में पैराग्लाइडिंग के साथ मोटर बाइकिंग और घुड़सवारी भी कर सकते हैं। सोलंग नाला मनाली से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सोलंग नाला से पाथरू तक रोपवे भी बना हुआ है। यहां होटलों में 1200 रुपए से लेकर 4500 रुपए तक कमरे उपलब्ध हैं। इससे आगे अटल टनल रोहतांग तक सिर्फ 4X4 व्हीकल ही जा सकते हैं। 3. लाहौल स्पीति पागल नाला समेत 5 जगहों पर बर्फ लाहौल स्पीति जिले में कोकसर, अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ व साउथ पोर्टल, पागल नाला, जिस्पा और सिस्सू मे

Dainik Bhaskar महबूबा मुफ्ती बोलीं- हिमाचल में कश्मीरियों को फिर टारगेट किया:तीसरी बार हुआ, CM करें हस्तक्षेप; व्यापारियों पर फेरीवाले भगाने का आरोप

हिमाचल के व्यापारियों पर एक बार फिर से कश्मीर के फैरी वालों को काम नहीं करने देने के आरोप लगे है। बिलासपुर जिला के घुमारवी में कुछ दिन से लोकल व्यापारी फैरी वालों को भगा रहे है। यह आरोप फैरी वालों ने SDM घुमारवी को दी लिखित शिकायत में लगाए है। इनका आरोप है कि उन्हें न केवल काम करने से रोका जा रहा है, बल्कि हिमाचल से वापस कश्मीर जाने को भी कहा जा रहा है। इस पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती X पर पोस्ट कर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला से हस्तक्षेप की अपील की है। ‌उन्होंने लिखा कश्मीरियों को टारगेट किया जा रहा है। ऐसा तीसरी बार हुआ है। मकान मालिक पर कमरा खाली करवाने का दबाव डाला जा रहा कश्मीरियों का कहना है कि वह 30-40 सालों से फैरी का काम कर रहे हैं। पिछले 15 दिनों से उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा। यही नहीं उनके मकान मालिक पर भी कमरा खाली कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इससे फैरी वाले परेशान है। उन्होंने SDM से इस मामले में उचित कार्रवाई करने की मांग उठाई है। SP बोले-आज बुलाए दोनों पक्ष इसे लेकर जब SP बिलासपुर संदीप धवल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें SDM के माध्यम से कश्मीरी समुदाय के लोगों की शिकायत मिली है। कल दोनों पक्ष को थाने बुलाया गया है। कश्मीरियों का आरोप है कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा, जबकि व्यापारी वर्ग का कहना है कि इससे उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है। कांगड़ा में भी दो कश्मीरियों को धमकाने का आया था मामला इससे पहले कांगड़ा में भी एक पंचायत समिति सदस्य (‌BDC) द्वारा दो कश्मीरियों को हिमाचल से वापस लौटने की धमकी और जय श्रीराम के नारे लगवाने का मामला सामने आया था। दरअसल, मुस्लिम समुदाय के दो व्यक्ति कांगड़ा के एक गांव में सामान बेचने गए थे, जहां एक महिला ने उनका विरोध किया। BDC सदस्य मुस्लिम समुदाय के लोगों से जय श्री राम के नारे लगाने को कहती हैं। महिला कह रही है कि इनका सामान कोई न खरीदे। जो सामान खरीदना है, वो हिंदू दुकानदारों से खरीदे। ये क्या हमें मुफ्त में देंगे। अगर मुफ्त भी देंगे तो भी नहीं लेंगे। हालांकि इस मामले में पुलिस में FIR के बाद महिला ने माफी मांग ली थी। वहीं डीसी कांगड़ा ने BDC सदस्य महिला को सस्पेंड कर दिया था। मस्जिद विवाद के बाद भी

Dainik Bhaskar ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा आज से:पहले दिन 6 जिलों में जाएगी, 3 दिन में हरियाणा कवर करेंगे, रस्म पगड़ी देवीलाल स्टेडियम में

हरियाणा के 5 बार के CM रहे इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा आज से शुरू होगी। यात्रा की शुरुआत फतेहाबाद से होगी। इसके बाद हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ (नारनौल) और रेवाड़ी तक जाएगी। यहां से यात्रा गुरुग्राम में प्रवेश करेगी, जहां रात्रि विश्राम किया जाएगा। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने कहा है कि जो लोग अंतिम संस्कार पर नहीं पहुंच पाए थे, उनके लिए सभी 22 जिलों में अस्थि कलश यात्रा निकाल रहे हैं, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। यह यात्रा 3 दिन में पूरे प्रदेश को कवर करेगी। हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के तीर्थ स्थलों में भी कलश ले जाए जाएंगे। ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि समारोह 31 दिसंबर को सिरसा के चौधरी देवीलाल स्टेडियम में होगा। ओपी चौटाला के निधन से जुड़े 4 पाइंट्स... 1. गुरुग्राम में हुआ निधन ओपी चौटाला का 89 साल की उम्र में 20 दिसंबर को गुरुग्राम में निधन हुआ था। यहां दोपहर करीब साढ़े 11 बजे उन्हें हार्ट अटैक आया। परिवार उन्हें अस्पताल लेकर गया, लेकिन करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। चौटाला पहले से ही हार्ट और डायबिटीज समेत कई बीमारियों से ग्रस्त थे। 2. फार्म हाउस में अंतिम संस्कार निधन के बाद गुरुग्राम से शाम को ही ओपी चौटाला की पार्थिव देह सिरसा के तेजाखेड़ा गांव स्थित फार्म हाउस लाई गई। यहां 21 दिसंबर को उनकी पार्थिव देह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला ने मिलकर उन्हें मुखाग्नि दी। उनके 4 पोतों दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, अर्जुन चौटाला और कर्ण चौटाला ने अंतिम रस्में निभाईं। 3. सुप्रीम कोर्ट जज से लेकर उप-राष्ट्रपति तक ने श्रद्धांजलि दी ओपी चौटाला के निधन पर कई बड़ी हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने सिरसा पहुंचीं। इनमें उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत, योगगुरू स्वामी रामदेव, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर, CM नायब सैनी, पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा भी भी शामिल हैं। 4. अंतिम विदाई के वक्त एक साथ दिखा परिवार राजनीतिक तौर पर अलग हो चुके चौटाला परिवार के सदस्य पूर्व CM के निधन पर एक साथ दिखे। बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला के साथ भाई रणजीत चौटाला भी उनकी अंतिम विदा

Dainik Bhaskar हरियाणा के 16 जिलों में आज बारिश:ओले गिरने की भी संभावना; मौसम विभाग ने 12 जिलों में हैवी रेन की चेतावनी दी

हरियाणा में मौसम बदल गया है। पहाड़ों पर देर रात वेस्टर्न डिर्स्टबेंस के एक्टिव होने से पूरे हरियाणा में बादल छाए हैं। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने 16 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जबकि 6 जिलों में यलो अलर्ट जारी है। इस दौरान गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं (गस्टी विंड) चलेंगी। कुछ एक स्थानों पर ओले गिरने की भी संभावना मौसम विभाग ने जताई है। सूबे के 12 जिले ऐसे होंगे, जहां हैवी रेन की संभावना है। इन जिलों में अन्य जिलों की अपेक्षा 50 से 75 प्रतिशत तक बारिश हो सकती है। बारिश के कारण ठंड में बढ़ोतरी होगी, लेकिन कोहरे से राहत मिल सकती है। इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जिन 16 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है उनमें अंबाला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, झज्जर, रेवाड़ी, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद और मेवात का अधिकांश एरिया शामिल है। वहीं, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, फतेहाबाद और सिरसा जिलों को यलो अलर्ट पर रखा गया है। जिस जिलों में हैवी रेन की संभावना जताई है उनमें सोनीपत, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, झज्जर, रेवाड़ी, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद और मेवात शामिल हैं। हिसार की रातें सबसे ठंडी रहीं हरियाणा में दिन के मुकाबले रात के तापमान में कमी देखने को मिली है। बुधवार की रात में न्यूनतम तापमान में 0.2 डिग्री की औसत कमी आई। हिसार की रातें सबसे ठंडी रहीं। यहां का न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। पलवल को छोड़कर अन्य सभी जिलों का तापमान 10 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया गया। पलवल का न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री रहा। मौसम विशेषज्ञ बोले- 2 दिन मौसम में दिखेगा बदलाव चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया है कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण हरियाणा के मौसम में बदलाव देखने को मिलेंगे। 27 व 28 दिसंबर को प्रदेश में मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहेगा। उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी की भी संभावना है, लेकिन 29 दिसंबर से मौसम शुष्क रहेगा। 15 दिन बंद रहेंगे स्कूल इधर, हरियाणा सरकार ने स्कूलों में सर्दी की छुट्टियों की घोषणा कर दी है। ये छुट्टियों 1 से 15 जनव

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी हॉस्पिटल से घर पहुंचे, सर्दी-जुकाम की शिकायत के बाद 14 दिन से भर्ती थे

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी 14 दिन बाद हॉस्पिटल से घर आ गए हैं।वे अपोलो अस्पताल में 12 दिसंबर से एडमिट थे। लालकृष्ण आडवाणी का इलाज डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में हो रहा था। परिवार के मुताबिक 97 साल के आडवाणी को सर्दी-खांसी की परेशानी हुई थी, जो पॉल्यूशन के चलते और बढ़ गई। आज की बाकी बड़ी खबरें... इजराइल के अटॉर्नी जनरल ने पीएम नेतन्याहू की पत्नी के खिलाफ जांच के आदेश दिए इजराइल के अटॉर्नी जनरल ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की पत्नी के खिलाफ जांच शुरू करने का आदेश दिया है। उन पर इजराइली नेता के भ्रष्टाचार के मुकदमे में राजनीतिक विरोधियों और गवाहों को परेशान करने का संदेह है। इजराइली न्याय मंत्रालय ने गुरुवार देर रात यह घोषणा की। इसमें कहा गया कि जांच सारा नेतन्याहू के बारे में हाल ही में यूवीडीए जांच कार्यक्रम की रिपोर्ट के निष्कर्षों पर केंद्रित होगी।

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:पूर्व PM मनमोहन सिंह का निधन; ‘ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम’ भजन पर हंगामा; AAP की कांग्रेस को I.N.D.I.A. से हटाने की धमकी

नमस्कार, कल की बड़ी खबर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की रही, उन्होंने 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। एक खबर कांग्रेस को आम आदमी पार्टी की धमकी से जुड़ी रही। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज का प्रमुख इवेंट, जिस पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन, दिल्ली AIIMS में आखिरी सांस ली देश के 14वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने रात 9:51 बजे दिल्ली AIIMS में आखिरी सांस ली। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें इमरजेंसी वार्ड में एडमिट कराया गया था। मनमोहन सिंह को भारत में आर्थिक सुधार का जनक माना जाता है, बतौर वित्त मंत्री 1991 में उन्होंने उदारीकरण के जरिए इंडियन इकोनॉमी को वर्ल्ड मार्केट से जोड़ा। 7 दिन का राष्ट्रीय शोक: केंद्र सरकार ने मनमोहन सिंह के निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। साथ ही शुक्रवार के सभी कार्यक्रम कैंसिल कर दिए हैं। देर रात मनमोहन का पार्थिव शरीर आवास लाया गया। यहां आखिरी दर्शन के लिए रखा जाएगा। आज उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। राहुल बोले- मैंने गुरु खो दिया: PM मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए X पर लिखा, 'डॉ. मनमोहन सिंह जी ने हमारी आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। संसद के अंदर उनका योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है।' वहीं राहुल गांधी ने लिखा, 'मैंने अपना मार्गदर्शक और गुरु खो दिया।' पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम...भजन पर हंगामा, गायिका को माफी मांगनी पड़ी; 'मैं अटल रहूंगा’ कार्यक्रम की घटना बिहार के पटना में अटल जयंती समारोह में 'ईश्वर अल्लाह तेरो नाम...सब को सन्मति दे भगवान' भजन पर हंगामा हुआ। लोगों ने कार्यक्रम बीच में ही रोककर जय श्रीराम के नारे लगाए। इसके बाद भजन गायिका देवी देवी को माफी मांगनी पड़ी। हालांकि बाद में देवी ने कहा कि विरोध करने वालों छोटी सोच का परिचय दिया। रघुपति राघव राजाराम... भजन में गांधी जी ने किया था बदलाव रघुपति राघव राजाराम। पतित पावन सीताराम।। ईश्वर अल्लाह तेरो नाम। सब को सन्मति दे भगवान।। ....ये महात्मा गांधी का प्रिय भजन था। वे इसे अक्सर गाया करते थे। ऐसा कहा जाता है कि यह भजन बहुत पुराना है। गांधी जी ने इसके मूल रूप में बदलाव किया था। 17वीं सदी में कवि और संत स्वामी

Dainik Bhaskar दो बार के PM मनमोहन सिंह नहीं रहे:भाषण की स्क्रिप्ट उर्दू में लिखवाते थे, मारुति 800 पसंद थी; सिख दंगों पर संसद में माफी मांगी

सितारों के आगे जहां और भी हैं... संसद में ये शेर पढ़ने वाले डॉ. मनमोहन सिंह अपने आखिरी सफर पर निकल चुके हैं। 92 साल के मनमोहन ने 26 दिसंबर की रात 9:51 बजे दिल्ली AIIMS में अंतिम सांस ली। AIIMS के मुताबिक अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद रात 8:06 बजे गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल लाया गया था। देश के 14वें प्रधानमंत्री रहे मनमोहन बेहद कम बोलते थे। हालांकि आधार, मनरेगा, RTI, राइट टु एजुकेशन जैसी स्कीम्स उनके कार्यकाल में ही लॉन्च हुईं, जो आज बेहद कारगर साबित हो रही हैं। उनकी पहचान राजनेता से ज्यादा अर्थशास्त्री के तौर पर रही। देश की इकोनॉमी को नाजुक दौर से निकालने का क्रेडिट भी उन्हें दिया जाता है। लेकिन कम ही लोगों को पता है कि डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री आवास में रहने के बावजूद खुद को आम आदमी कहते थे। उन्हें सरकारी BMW से ज्यादा अपनी मारुति 800 पसंद थी। पद्म विभूषण डॉ. मनमोहन सिंह की जिंदगी के कम देखे-सुने गए पहलुओं के बारे में यहां जानिए... पर्सनल प्रोफाइल... दादा-दादी ने पाला, लालटेन में पढ़े मनमोहन सिंह पाकिस्तान से विस्थापित होकर हल्द्वानी आए थे। बचपन में मां का निधन हो गया। दादा-दादी ने पाला। गांव में लालटेन की रोशनी में पढ़ाई की। पिता चाहते थे कि वे डॉक्टर बनें इसलिए प्री-मेडिकल कोर्स में दाखिला लिया। हालांकि, कुछ महीनों बाद ही उन्होंने कोर्स छोड़ दिया। स्पीच की स्क्रिप्ट उर्दू में लिखते थे मनमोहन सिंह की शुरुआती पढ़ाई उर्दू में हुई थी। जब प्रधानमंत्री बने, तब भी स्पीच की स्क्रिप्ट उर्दू में ही लिखते थे। कई बार गुरुमुखी में भी लिखी। ऑक्सफोर्ड से योजना आयोग तक 1948 में मैट्रिक की। कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। करियर की शुरुआत पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में शिक्षक के रूप में की। वर्ष 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बने। 1972 में वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार बने। 1985 से 1987 योजना आयोग के प्रमुख और 1982 से 1985 रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे। पीवी नरसिम्हा राव ने 1991 में वित्त मंत्री बनाया। 2018 में कांग्रेस से राज्यसभा पहुंचे। उनका कार्यकाल अप्रैल, 2024 में समाप्त हुआ था। आर्थिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं मनमोहन डॉ. मनमोहन सिंह की सुझाई नीतियों से देश में आर्थिक सुधार के दरवाजे खुले। 1991 में पीवी नरसिम्ह

Dainik Bhaskar मनमोहन सिंह नहीं रहे:बतौर वित्तमंत्री देश में उदारीकरण लाए, नरसिम्हा राव ने कहा था- सफल हुए तो श्रेय दोनों को, नाकाम हुए तो आप जिम्मेदार

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। वे अविभाजित भारत में पंजाब के गाह गांव में पैदा हुए थे। मनमोहन सिंह को भारत की अर्थव्यवस्था में उदारीकरण लाने का श्रेय दिया जाता है। वे पीवी नरसिम्हा राव सरकार (1991-96) में वित्त मंत्री भी रहे थे। पीवी नरसिम्हा राव ने तब एक आला अफसर पीसी अलेक्जेंडर की सलाह पर डॉ. सिंह को वित्त मंत्री बनाया था। राव ने मनमोहन से कहा था कि अगर आप सफल हुए तो इसका श्रेय हम दोनों को जाएगा। अगर आप असफल हुए तो सिर्फ आपकी जिम्मेदारी होगी। नरसिम्हा राव के शपथ ग्रहण से एक दिन पहले मनमोहन को फोन गया... नरसिम्हा राव 1991 में प्रधानमंत्री बने तो वे कई चीजों के एक्सपर्ट बन चुके थे। स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय वे पहले देख चुके थे। वो विदेश मंत्री भी रह चुके थे। उनका एक ही विभाग में हाथ तंग था और वो था वित्त मंत्रालय। प्रधानमंत्री बनने से दो दिन पहले कैबिनेट सचिव नरेश चंद्रा ने उन्हें 8 पेज का एक नोट दिया था, जिसमें बताया गया था कि भारत की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। नरसिम्हा राव ने उस समय के अपने सबसे बड़े सलाहकार पीसी अलेक्जेंडर से पूछा कि क्या आप वित्त मंत्री के लिए ऐसे व्यक्ति का नाम सुझा सकते हैं, जिसकी इंटरनेशनल लेवल पर स्वीकार्यता हो। अलेक्जेंडर ने उन्हें रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर रह चुके और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक आईजी पटेल का नाम सुझाया। आईजी पटेल दिल्ली नहीं आना चाहते थे, क्योंकि उनकी मां बीमार थीं और वे वडोदरा में थे। फिर अलेक्जेंडर ने ही मनमोहन सिंह का नाम लिया। अलेक्जेंडर ने शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले मनमोहन सिंह को फोन किया। उस समय वे सो रहे थे, क्योंकि कुछ घंटे पहले ही विदेश से लौटे थे। जब उन्हें उठाकर इस प्रस्ताव के बारे में बताया गया तो उन्होंने इस पर विश्वास नहीं किया। इसलिए ऐतिहासिक माना जाता है 1991 का बजट... 1991 में नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने बजट में उदारीकरण (Liberalization), निजीकरण (Privatization) और वैश्वीकरण (Globalization) से जुड़ी अहम घोषणाएं की, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिली। इसके चलते देश में व्यापार नीति, औद्योगिक लाइसेंसिंग, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति से जुड़े नियम-कायदों में बदलाव किए गए। 20

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