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Dainik Bhaskar रामगोपाल बोले- छोटे-छोटे जज देश में आग लगवाना चाहते हैं:संभल हिंसा से जुड़ा AUDIO- युवक बोला- मस्जिद के पास 'सामान' लेकर आओ
UP के संभल में हिंसा का गुरुवार को पांचवां दिन है। हिंसा से जुड़ा एक ऑडियो सामने आया है। इसमें एक शख्स दूसरे युवक को 'सामान' लेकर जामा मस्जिद के पास बुला रहा है। दूसरे युवक ने पूछा कि कहां आना है तो कहा कि जुबैर के घर के पास आना है। सूत्रों ने बताया आरोपियों के मोबाइल से यह ऑडियो पुलिस ने रिकवर किया। दावा किया जा रहा है कि सामान शब्द का मतलब हथियार से है। इधर, सपा नेता रामगोपाल यादव ने अजमेर शरीफ मुद्दे पर कहा- छोटे-छोटे जज बैठे हैं जो इस देश में आग लगवाना चाहते हैं। कोई मतलब नहीं है इसका। प्रशासन ने संभल में दो दिन के लिए और इंटरनेट बंद कर दिया। इधर, भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा- जानबूझकर दंगा भड़काना, खुलेआम फायरिंग करना, पथराव करना, इस तरह की चीजें उत्तर प्रदेश में बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। इनके पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। संभल हिंसा के पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...
Dainik Bhaskar 2 बुजुर्गों से ₹15 करोड़ की ठगी:एक को शेयर मार्केट से हाई रिटर्न का झांसा, दूसरे को महीने भर डिजिटल अरेस्ट रखा
साइबर ठगी के दो केसों में दो बुजुर्गों से करीब 15 करोड़ रुपए के फ्राड के मामले सामने आए हैं। दोनों मामले मुंबई के हैं। एक मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरे की जांच चल रही है। पहला मामला रिटायर्ड शिप कैप्टन से जुड़ा है। जालसाजों ने 75 वर्षीय बुजुर्ग को शेयर मार्केट से हाई रिटर्न दिलाने का झांसा देकर फंसाया। इसके बाद ठगों ने अगस्त से नवंबर के बीच 11.16 करोड़ रुपए ठग लिए। वहीं, दूसरे मामले में 77 वर्षीय महिला को जालसाजों ने करीब एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखा। ठग ने खुद को लॉ इन्फोर्समेंट ऑफिसर बताकर 3.8 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाए। शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है। पहला मामला: ऑनलाइन अकाउंट में प्रॉफिट दिखाया, 20% टैक्स बताकर ₹11 करोड़ ट्रांसफर कराए पहले मामले में पुलिस ने बुधवार को बताया कि शुरुआत में पीड़ित बुजुर्ग को अपने ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट अकाउंट में मुनाफा दिखाई दिया। जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की, तो 20% सर्विस टैक्स देने के लिए कहा गया। पीड़ित ने 22 बार ट्रांजेक्शन करके ठगों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि ठगों ने पैसे निकालने के लिए कई अकाउंट्स का इस्तेमाल किया था। दो खातों की छानबीन से पता चला कि एक महिला ने चेक के जरिए 6 लाख रुपए निकाले हैं। उसने KYC के लिए पैन कार्ड दिया था। पूछताछ करने पर महिला ने कैफ मंसूरी के कहने पर पैसे निकालने की बात कबूल की। मामले में पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी मामले में हिस्ट्रीशीटर कैफ इब्राहिम मंसूरी को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 12 अलग-अलग बैंक अकाउंट्स के 33 डेबिट कार्ड और 12 चेकबुक बरामद हुईं। दूसरा मामला: मनी लॉन्ड्रिंग केस का झांसा दिया, ₹3.8 करोड़ ठगे करीब एक महीने पहले 77 वर्षीय महिला को अननोन नंबर से व्हाट्सऐप कॉल आया। ठग ने महिला से कहा कि उसने जो पार्सल ताइवान भेजा है उसमें MDMA ड्रग्स, 5 पासपोर्ट, 1 बैंक कार्ड और कपड़े हैं। जब महिला ने पार्सल भेजने की बात इस इनकार किया तो ठग ने कहा कि इसमें उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद ठग ने मुंबई के बड़े पुलिस ऑफिसर को कॉल ट्रांसफर करने की बात कही। उस फ्राड पुलिस ऑफिसर ने महिला को बताया कि उसका आधार कार्ड एक मनी लॉन्ड्रिंग के
Dainik Bhaskar दरगाह में हिंदू मंदिर होने के 3 आधार पेश किए:हाई कोर्ट के जज की किताब का हवाला; वंशज बोले- ऐसी हरकतें देश के लिए खतरा
अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है। अजमेर सिविल कोर्ट में लगाई गई याचिका को कोर्ट ने सुनने योग्य मानते हुए सुनवाई की अगली तारीख 20 दिसंबर तय की है। याचिका दायर करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने मुख्य रूप से 3 आधार बताए हैं। याचिकाकर्ता बोला- तथ्य साबित करते हैं कि दरगाह की जगह पहले मंदिर था उन्होंने कहा कि 2 साल की रिसर्च और रिटायर्ड जज हरबिलास शारदा की किताब में दिए गए तथ्यों के आधार पर याचिका दायर की है। किताब में इसका जिक्र है कि यहां ब्राह्मण दंपती रहते थे और दरगाह स्थल पर बने महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना करते थे। इसके अलावा कई अन्य तथ्य हैं, जो साबित करते हैं कि दरगाह से पहले यहां शिव मंदिर रहा था। 20 दिसंबर तक पक्ष रखने के लिए उपस्थित होना है कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस जारी किया है। 20 दिसंबर को उन्हें अपना पक्ष लेकर उपस्थित होना है। इस मामले को लेकर अजमेर दरगाह प्रमुख उत्तराधिकारी और ख्वाजा साहब के वंशज नसरुद्दीन चिश्ती ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा- ऐसी हरकतें देश की एकता के लिए खतरा है। यहां तो हिन्दू राजाओं ने भी अकीदत की है। दरगाह में मौजूद कटहरा जयपुर के महाराजा ने भेंट किया है। 1950 के सर्वे में स्पष्ट हो चुका है कि दरगाह में कोई हिन्दू मंदिर नहीं था। दैनिक भास्कर में पढ़िए अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर पहली बार पेश किए गए दावे की पूरी कहानी- 2 साल की रिसर्च के बाद किया दावा हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बताया- मैंने अजमेर के लोगों को कहते सुना था और आसपास कई बार ये दावे किए गए थे कि दरगाह में पहले संकट मोचक महादेव का मंदिर था। इसकी बनावट को लेकर भी लोग संदेह की दृष्टि से देखते थे। इसे लेकर मैंने 2 साल पहले रिसर्च शुरू की। गूगल पर देखा और कई किताबों को पढ़ने की कोशिश की। इसी दौरान मुझे अजमेर के प्रतिष्ठित जज हरबिलास शारदा की किताब अजमेर : हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव के बारे में जानकारी मिली। इसमें दावा किया गया था कि यहां कभी संकट मोचन महादेव का मंदिर हुआ करता था। अजमेर के लोग ही कहते थे यहां हिंदू मंदिर है गुप्ता ने बताया- अजमेर आता तो लोग दबी जुबान में कहते थे
Dainik Bhaskar पंजाब में निगम चुनावों की घोषणा आज:सरकार ने हाईकोर्ट में कहा- राज्य निर्वाचन आयोग जारी करेगा कार्यक्रम; SC तक गया था मामला
पंजाब में पांच नगर निगमों और 43 नगर परिषदों के चुनावों की घोषणा आज (28 सितंबर) हो सकती है। यह जानकारी पंजाब सरकार के वकील ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दी है। कोर्ट में सरकार ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग द्वारा कार्यक्रम जारी किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नगर निगम और नगर परिषद चुनावों का कार्यक्रम जारी न होने पर यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा। हालांकि, सरकार ने चुनावों की अधिसूचना जारी कर दी थी। याचिकाकर्ता बेअंत सिंह ने अपने वकील के माध्यम से राज्य चुनाव आयोग के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। अदालत में थी ये दलील याचिकाकर्ता ने याचिका में दलील दी है कि पंजाब सरकार ने 22 नवंबर को चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर राज्य चुनाव आयोग को पत्र भेजा था। अधिसूचना मिलने के बाद आयोग की ओर से चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं किया गया। इसी के चलते उनकी ओर से याचिका दायर की गई है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने उन्हें अधिकार दिया था कि अगर भविष्य में उन्हें लगे कि मामले में उचित कार्रवाई नहीं हो रही है तो वे फिर से कोर्ट आ सकते हैं। सरकार ने चुनाव के लिए तैयार होने का किया दावा इससे पहले निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि अब चुनाव कराने को लेकर राज्य चुनाव आयोग को फैसला लेना है। उनकी तरफ से चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि ये चुनाव पार्टी सिंबल पर होंगे। निकाय विभाग ने चुनाव आयोग को बताया है कि वे दिसंबर के अंत तक चुनाव कराने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ये चुनाव शहरी क्षेत्रों में होंगे। वहीं, पुराने वार्ड विभाजन के हिसाब से ही चुनाव होंगे। क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था। उसमें इस संबंध में आदेश दिए गए हैं। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चला मामला पंजाब में 5 नगर निगम और 44 नगर परिषद के चुनाव को लेकर लंबी जंग चली। यह लड़ाई पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गई। 11 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कुल 10 सप्ताह में चुनाव करवाने को कहा था। शीर्ष अदालत ने 15 दिनों में चुनाव की नोटिफिकेशन और अगले 8 हफ्तों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए थे। राज्य सरकार की तरफ से 6 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उस आदेश मे
Dainik Bhaskar हरियाणा CMO से खट्टर की प्रशासनिक टीम की छुट्टी:CM सैनी ने नए अफसर नियुक्त किए; IAS अरुण गुप्ता प्रधान सचिव, साकेत बने गए APS
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के एक माह 10 दिन बाद बुधवार देर रात मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्तियां कर दी गई हैं। पूर्व सीएम मनोहर लाल की पूरी प्रशासनिक टीम को सीएमओ से हटा दिया गया है। केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गए पूर्व सीएम वी उमाशंकर की जगह अब वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरुण गुप्ता मुख्यमंत्री नायब सैनी के प्रधान सचिव होंगे। वहीं साकेत कुमार को अतिरिक्त प्रधान सचिव बनाया गया है। शहरी निकाय विभाग के निदेशक पद पर कार्यरत 2011 बैच के आईएएस यशपाल को मुख्यमंत्री का उप प्रधान सचिव बनाया गया है। सीएम के मुख्य प्रधान सचिव के पद पर पहले से ही सेवानिवृत्त आईएएस राजेश खुल्लर कार्यरत हैं। हालांकि खुल्लर की गिनती खट्टर के करीबियों में होती है, लेकिन नई नियुक्तियों में राजेश खुल्लर अपवाद हैं। यहां देखिए ऑर्डर... जिनकी छुट्टी हुई, उन्हें क्या मिली जिम्मेदारी उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के निदेशक का काम देख रहे साकेत कुमार को मुख्यमंत्री का नया अतिरिक्त प्रधान सचिव बनाया गया है। साकेत कुमार की नियुक्ति अमित अग्रवाल के स्थान पर की गई है। अमित अग्रवाल पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बेहद करीबी रहे हैं। साकेत कुमार 2005 बैच के IAS अधिकारी हैं। CM की अतिरिक्त प्रधान सचिव आशिमा बराड़ को इस पद से अलग कर दिया गया है। अब उन्हें सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण, SC-ST एवं पिछड़ा वर्ग और अंत्योदय सेवा विभाग का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। कृष्ण कुमार बेदी इस विभाग के मंत्री हैं। वहीं, अमित अग्रवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय से अलग करने के बाद सरकार ने पंचायत एवं विकास विभाग के आयुक्त एवं सचिव और हरियाणा बिजली प्रसारण निगम का प्रबंध निदेशक बनाया है। पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार हैं, जबकि बिजली मंत्री अनिल विज हैं। CMO में कुछ राजनीतिक नियुक्तियां बाकी हरियाणा CMO में कुछ राजनीतिक नियुक्तियां भी होनी है। इसमें पूर्व राज्य मंत्री सुभाष सुधा, असीम गोयल का नाम शामिल है। सुभाष सुधा को CMO में विशेष कार्याधिकारी (OSD) लगाया जा सकता है। वहीं, असीम गोयल को CM के राजनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्ति दी जा सकती है। इसके अलावा हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के चेयरमैन रहे भोपाल सिंह खदरी की भी CMO में एंट्री होने की चर्चाएं हैं। ये तीनों मुख्यमं
Dainik Bhaskar चंडीगढ़ बम ब्लास्ट में क्लब संचालक का लॉरेंस कनेक्शन:3 से 4 केस दर्ज, जेल भी जा चुका; गैंगस्टर संपत नेहरा से दोस्ती
चंडीगढ़ के सेक्टर-24 स्थित 2 क्लबों के बाहर 3 दिन पहले बम ब्लास्ट हुआ। इसमें से एक क्लब डि ओरा क्लब के संचालक का लॉरेंस गैंग से कनेक्शन सामने आया है। संचालक की लॉरेंस के करीबी गैंगस्टर संपत नेहरा के साथ दोस्ती थी। संचालक पर 3 से 4 मामले दर्ज हैं। इन केसों में वह जेल भी जा चुका है। 2018 में चंडीगढ़ की पूर्व सांसद किरण खेर के करीबी सहदेव सलारिया पर फायरिंग के बाद संचालक चर्चा में आया था। जिसमें सामने आया था कि उसके लिंक लॉरेंस गैंग से हैं। संचालक के साथ और लोग भी पकड़े गए थे, जो लॉरेंस के करीबी हैं। छानबीन के दौरान पुलिस को एक फोन कॉल के बारे में पता चला है। बताया जा रहा है कि यह कॉल लॉरेंस के करीबी गैंगस्टर काली के गुर्गे ने की थी। इस बातचीत के दौरान काली का गुर्गा एक क्लब संचालक से बहस कर रहा था। दोनों ने आपस में गाली-गलौज और मारपीट की धमकियां दी थीं। बताया जा रहा है कि क्लब के संचालक को यह कॉल बम ब्लास्ट से करीब एक सप्ताह पहले आया था। सूत्रों ने बताया कि काली भी उससे नाराज चल रहा था। पैसों के लेनदेन का मामला था। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है। चंडीगढ़ की SSP कंवरदीप कौर इस मामले में हमें लीड मिली है। आरोपियों को पकड़ने के लिए हमारी टीमें लगी हुई हैं। जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह एक्सटॉर्शन का मामला नहीं लग रहा। एक संचालक के साथ आपसी रंजिश का मामला लग रहा है। अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला... 2 क्लबों के बाहर धमाके हुए, एक क्लब के रैपर बादशाह पार्टनर चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित सेविले बार एंड लाउंज और डि'ओरा क्लब के बाहर मंगलवार अल सुबह सवा 3 बजे बाइक सवार युवकों ने बम फेंके। इससे क्लब के शीशे टूट गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेविले बार एंड लाउंज क्लब के मालिकों में मशहूर रैपर बादशाह भी पार्टनर हैं। धमाकों की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली है। गोल्डी बराड़ ने इस बारे में सोशल मीडिया पोस्ट डाली। हालांकि, कुछ देर बाद पोस्ट डिलीट कर दी गई। पुलिस पता लगा रही है कि यह पोस्ट किस फोन और कहां से अपलोड की गई थी? गोल्डी बराड़ के हवाले वाली सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- '2 ब्लास्ट की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग के गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा लेते हैं। इन दोनों क्लबों के मालिकों को प्रोटेक्शन मनी के लिए मैसेज किया था। मगर इन्हें हमारी कॉल की घंटी नहीं सुनाई दे रही थ
Dainik Bhaskar हरियाणा के बॉक्सर दिल्ली में चुनाव लड़ सकते हैं:लोकसभा इलेक्शन से पहले भाजपा में शामिल हुए; कांग्रेस के टिकट पर हार चुके
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए हरियाणा के बॉक्सर विजेंदर सिंह दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। इसकी चर्चा तब शुरू हुई जब विजेंदर सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर BJP के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े के साथ एक फोटो शेयर की। इस फोटो में विजेंदर पंच दिखाते नजर आ रहे हैं। बता दें कि विजेंदर सिंह इससे पहले दक्षिण दिल्ली लोकसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, उस चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। अब वह BJP से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इन चर्चाओं पर विजेंदर सिंह के भाई मनोज बेनीवाल का कहना है कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पार्टी जो जिम्मेदारी विजेंदर को देगी, वह अच्छे से निभाएगा। 2019 में राजनीति में आए विजेंदर सिंह बॉक्सर विजेंदर सिंह ने 2019 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। पहले ही चुनाव में पार्टी ने उन्हें दक्षिण दिल्ली से मैदान में उतारा। इस चुनाव में उन्हें भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद विजेंदर सिंह राजनीति में उतने एक्टिव नहीं रहे। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए। विजेंदर सिंह जाट समुदाय से आते हैं। इस समुदाय का हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई सीटों पर राजनीतिक प्रभाव है। 2024 में मथुरा से लड़ने की चर्चाएं थीं भिवानी के रहने वाले ओलिंपियन बॉक्सर विजेंदर सिंह को लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव में भी चर्चाएं थीं कि वह कांग्रेस के टिकट पर मथुरा से चुनाव लड़ सकते हैं। उन्हें मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी का का कॉम्पिटीटर माना जा रहा था। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर की तरफ से इसे लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। विजेंदर सिंह लोकसभा चुनाव से ठीक पहले BJP में शामिल हुए थे। विजेंदर के जरिए जाटों को साधने की कोशिश भाजपा पिछले कुछ वर्षों से जाट बिरादरी पर अधिक ध्यान नहीं दे रही थी, लेकिन अब इस समुदाय में अपनी पैठ बनाने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के जाट नेता कैलाश गहलोत पहले ही भाजपा में आ चुके हैं। अब भाजपा विजेंदर सिंह को आगे कर रही है। कॉलेज के दिनों से था मुक्केबाजी का शौक 29 अक्टूबर, 1985 को जन्मे विजेंदर के पिता महिपाल सिंह बेनी
Dainik Bhaskar हरियाणा में राज्यसभा चुनाव से पहले कुलदीप बिश्नोई एक्टिव:गृहमंत्री शाह से मुलाकात की; बेटे की हार के बाद पार्टी से दूरी बनाई
हरियाणा में राज्यसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई दिल्ली दरबार में फिर एक्टिव हो गए हैं। बुधवार (27 नवंबर) को उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। अब इस मुलाकात की टाइमिंग पर सवाल उठ रहे हैं। इसका कारण है कि इससे पहले कुलदीप ने दिल्ली के चक्कर तब लगाए थे, जब इस साल विधानसभा चुनाव से पहले भी हरियाणा में राज्यसभा चुनाव हुए थे। हालांकि, तब कुलदीप को नजरअंदाज कर भाजपा ने पूर्व विधायक किरण चौधरी को राज्यसभा का टिकट दे दिया था। इसलिए हो रहा राज्यसभा चुनाव हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बदले में भाजपा ने उन्हें पानीपत की इसराना विधानसभा से चुनाव लड़वाया। अब वह जीत कर मंत्री बन गए हैं। उनकी राज्यसभा सीट अब खाली हो गई है। इसलिए, 20 दिसंबर को उसके लिए वोटिंग होनी और 10 दिसंबर तक नामांकन का अंतिम दिन है। इससे पहले भाजपा को अपना उम्मीदवार मैदान में उतारना होगा। विधानसभा के संख्याबल के हिसाब से भाजपा जिसे मैदान में उतारेगी, उसका राज्यसभा में जाना लगभग तय है। इसलिए, कुलदीप बिश्नोई फिर से कोशिश में लग गए हैं। कुलदीप बिश्नोई ने गृहमंत्री शाह से मिलकर यह पोस्ट किया... कुलदीप ने X पर पोस्ट कर लिखा- मुझे लंबा समय दिया कुलदीप बिश्नोई ने केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात के बाद X पर लिखा, "अमित शाह से शिष्टाचार की भेंट हुई। महाराष्ट्र में प्रचंड जीत की बधाई दी, उनसे आशीर्वाद लिया और लंबी राजनीतिक चर्चा की। मुझे इतना लंबा समय देने, मेरी बातों को इतने ध्यान से सुनने और इतना स्नेह देने के लिए मेरे नेता अमित शाह का दिल की गहराइयों से आभार।" गैर जाट चेहरे के रूप में पेश कर रहे दावेदारी कुलदीप बिश्नोई भाजपा में गैर जाट चेहरे के रूप में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। उनके पिता पूर्व CM भजनलाल की प्रदेश में गैर जाट CM के रूप में पहचान थी। गैर जाट वोटर ही भाजपा की प्रदेश में ताकत माने जाते हैं। ऐसे में कुलदीप इस वोट बैंक को जोड़े रखने में सहायक बनना चाहते हैं। हरियाणा के 3 बार मुख्यमंत्री रहे भजनलाल के समय प्रदेश का संपूर्ण नॉन जाट वोटर उनके साथ था, जो बाद में कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के साथ लामबंद रहा। 2011 से 2014 तक हजकां और भाजपा के गठबंधन के ब
Dainik Bhaskar हुड्डा के कार्यकाल में लगे अधिकारी-कर्मचारी निशाने पर:हरियाणा CM सैनी के पास लिस्ट पहुंची; चुनाव में एकपक्षीय काम करने की शिकायतें मिलीं
हरियाणा विधानसभा चुनाव में 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बना चुकी भाजपा अब भी हारी सीटों का मंथन करने में लगी हुई है। अभी तक हुए मंथन में पार्टी के बागियों के अलावा BJP उम्मीदवारों को हराने में प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका होने की बात सामने आई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद पार्टी के हारे हुए कैंडिडेट्स के बाद अब विधायकों से इनपुट ले रहे हैं। अब तक जो इनपुट मिले हैं, उसके हिसाब से चुनाव में उन अधिकारियों और कर्मचारियों ने भीतरघात किया है, जो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में लगे थे। इनकी लिस्ट भी पार्टी के विधायकों ने CM सैनी को सौंप दी है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सरकार ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करेगी। मीटिंग में बताया- चुनाव में अधिकारियों ने अपनाया एकपक्षीय रवैया हरियाणा CM सैनी चुनाव में अधिकारियों के रवैये को लेकर हारे हुए उम्मीदवारों के बाद विधायकों और मंत्रियों से इनपुट ले रहे हैं। बीते सोमवार और मंगलवार को CM ने पार्टी विधायकों और मंत्रियों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में विधायकों और मंत्रियों ने चुनाव में अधिकारियों के एकपक्षीय रवैये की शिकायत की। कुछ विधायकों ने अधिकारियों की लिस्ट के साथ उसके सबूत भी सौंपे। इन सबूतों के अनुसार, प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्राउंड पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के पक्ष में काम किया। किस BJP विधायक ने क्या कहा... 1. विधानसभा चुनाव के दौरान अधिकारियों द्वारा सही भूमिका न निभाने के आरोप और कार्रवाई करने को लेकर भाजपा विधायक धनेश अदलखा बोले, 'मैंने भी मीटिंग के दौरान ऐसे अधिकारियों की लिस्ट CM को सौंपी है। IAS अधिकारी लंबी सोच के साथ काम करता है। इस चुनाव में छोटे लेवल के कर्मचारी कहीं न कहीं चुनाव में डगमगा जाते हैं। जब बिना पर्ची बिना खर्ची के कर्मचारी लगे होते हैं, तो वह निष्पक्ष काम करते हैं, लेकिन जो पर्ची-खर्ची से नौकरी पाए होते हैं तो वह अपना काम सही नहीं करते हैं।' 2. भाजपा विधायक जगमोहन आनंद ने बताया कि CM के साथ बैठक में चुनाव के दौरान भीतरघात और राजधर्म न निभाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने भी ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की एक लिस्ट CM सैनी को सौंपी है। इन पर कार्रवाई जरूर होगी। दिग्गज
Dainik Bhaskar एक हफ्ते की कोशिश, 15 km बेखौफ नहीं घूम सके:यह फिलिस्तीन या यूक्रेन नहीं, मणिपुर का जिरीबाम है; भास्कर रिपोर्टर की डायरी
'मणिपुर में जिस तरफ जाओ लोग आपको शक की नजरों से देखते हैं। ऐसा लगता है मणिपुर अब भारत में नहीं रहा, लगता है आप बिना वीजा किसी दूसरे देश में घूम रहे हैं। सड़कों पर लोगों से ज्यादा पुलिसवाले नजर आते हैं। हालात ये हैं कि सेना की वर्दी पहने लोग आते हैं, घरों को आग लगाकर लोगों को जिंदा जला देते हैं। दो साल के बच्चे को गोली मार देते हैं। कब-कहां से गोली चल जाए, इसकी गारंटी नहीं है।' मणिपुर में 7 से 17 नवंबर के बीच करीब 21 लोगों की मौत हुई है। इस बार हिंसा का हॉटस्पॉट जिरीबाम जिला है, जहां बोरोबेक्रा इलाका सबसे ज्यादा हिंसा प्रभावित है। मैं सबसे पहले 14 नवंबर असम के सिलचर से जिरीबाम पहुंचा। सिलचर से जिरीबाम करीब 48 km दूर है। जिरीबाम शहर से बोरोबेक्रा 26 km दूर है। मुझे कुल 74 km का सफर तय करना था, लेकिन मैं आगे नहीं बढ़ पा रहा था। 14 नवंबर से 21 नवंबर के दौरान मैं तीन बार जिरीबाम गया। 21 नवंबर को लेटिंगखाल तक पहुंचा, लेकिन वहां से सिर्फ 17 km दूर बोरोबेक्रा नहीं जा सका। 5 दिनों के दौरान हर बार कुछ किलोमीटर आगे बढ़ पाता, लोग कहते थे- आगे मत जाना, खतरा है। ऐसा लग रहा था जैसे मैं मणिपुर में नहीं, फिलिस्तीन या यूक्रेन में हूं। आखिरकार 10 दिन बाद 24 नवंबर को मेरे साथी रिपोर्टर देवांशु तिवारी के साथ मैं बोरोबेक्रा पहुंच सका। पढ़िए भास्कर रिपोर्टर की डायरी... पहला दिन: 14 नवंबर राहत शिविर में पीड़ित परिवारों ने सुनाई आपबीती पार्ट 1: हम सुबह करीब 8 बजे सिलचर से जिरीबाम के लिए रवाना हुए। करीब 40 मिनट के सफर के बाद मणिपुर बॉर्डर से लगे असम के जिरीघाट पहुंचे। आगे बढ़ते ही बराक नदी पर बना पुल आ गया। यह असम का छोर है। पुल के उस पार जिरीबाम शुरू हो जाता है। जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा था, ऐसा लगने लगा जैसे बिना वीजा के किसी दूसरे देश में कदम रखने जा रहे हों। जिरीबाम की तरफ से आ रहे ऑटोरिक्शा, बाइक या दूसरे वाहनों पर सवार लोग शक की नजर से देख रहे थे। जिरीबाम शहर में सन्नाटा पसरा था। अमूमन यहां के बाजार में भीड़ रहती है। असम के लोग भी जिरीबाम के बाजारों में आते हैं, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। हर चौक-चौराहे पर सुरक्षाबलों की सख्त तैनाती थी। सभी दुकानें बंद, इक्का-दुक्का खुली भी थीं, तो दुकानदार अजीब तरीके से घूर रहे थे। बोरोबेक्रा में 11 नवंबर को सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में कुकी आदिवासी समूह से जु
Dainik Bhaskar पंजाब में किसानों के मरणव्रत का तीसरा दिन:डल्लेवाल DMC और सुखजीत सिंह खनौरी में, सरकार आज कर सकती है बैठक
फसलों की एमएसपी समेत 13 मुद्दों को लेकर फरवरी महीने से किसानों का पंजाब-हरियाणा के बार्डर पर संघर्ष पर चल रहे हैं। जबकि आज (28 नवंबर) को 70 वर्षीय बुजुर्ग और कैंसर से पीड़ित किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल का DMC लुधियाना और सुखजीत सिंह हरदो झंडे का खनौरी बार्डर पर मरणव्रत तीसरे दिन में दाखिल हो गया है। दूसरी तरफ पंजाब सरकार किसानों को शांत करने में जुटी है। भले ही बुधवार को हुई मीटिंग में कोई नतीजा नहीं निकला है। लेकिन माना जा रहा है कि सरकार आज मीटिंग कर किसानों को शांत करेगी। जबकि किसानों ने साफ किया है कि जब तक सरकार किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को मोर्चे में लेकर नहीं आती है। तब तक वह किसी मुद्दे पर बात नहीं करेंगे। पहले डल्लेवाल को मोर्चे पर लाएं, फिर बात करेंगे इससे पहले 27 नवंबर खन्नौरी बॉर्डर संयुक्त किसान मोर्चे गैर राजनीतिक बैनर तले किसानों की आपात मीटिंग हुई। मीटिंग में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल को पुलिस हिरासत से छुड़वाने ओर संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए स्ट्रेटजी बनाई गई। इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के किसान नेता शामिल थे। दूसरी तरफ किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने वीडियो जारी कर कहा कि वह केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। लेकिन राज्य सरकार सीएम अपनी स्थिति साफ करे। हमें नजर आ रहा है कि दाल में कुछ काला है। किसान नेता सुखजीत सिंह हरदो झंडे ने मरणव्रत शुरू किया है। सरकार डल्लेवाल को बांधकर, उनके नाक में नली लगाकर खुराक दे रही होगी। इसी बीच दोपहर में पंजाब पुलिस के डीआईजी मनजीत सिंह सिद्धू, एसएपसी पटियाला नानक सिंह खनौरी बार्डर पर पहुंचे। लेकिन मीटिंग बेनतीजा रही। किसानों का कहना है कि पहले डल्लेवाल को मोर्चे पर लाएं, फिर बात करेंगे। साथ ही साफ करे कि उन्हें अस्पताल में क्यों ले जाया गया है। सरकार को दिया है 10 दिन का अल्टीमेटम 26 नवंबर की सुबह किसान नेता डल्लेवाल को उठाया गया तो किसान भड़क गए। किसान नेता सरवन पंधेर ने मीटिंग कर अगली रणनीति बनाई। किसान नेताओं ने कहा है कि इस आंदोलन का यह दूसरा चरण है। उन्होंने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय बातचीत के लिए दिया है। अगर इसमें कोई सहमति नहीं बनी तो किसान 6 दिसंबर को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। किसानों का कहना है कि हमारे सुरक्षा पहरे में कोई कमी रह गई थी, जो पुलिस हमारे किसान नेता को उठाकर
Dainik Bhaskar संसद सत्र का तीसरा दिन आज:प्रियंका गांधी और रविंद्र चव्हाण सांसद पद की शपथ लेंगे; कल अडाणी मुद्दे पर हंगामा हुआ था
संसद के शीतकालीन सत्र का गुरुवार को तीसरा दिन है। वायनाड लोकसभा उपचुनाव जीतने वालीं प्रियंका गांधी वाड्रा और नांदेड़ लोकसभा सीट उपचुनाव जीतने वाले रविंद्र चव्हाण सदन में सांसद पद की शपथ लेंगे। बुधवार को सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू होने के साथ ही विपक्ष ने अडाणी मुद्दे पर हंगामा किया था। विपक्ष ने यूपी के संभल में हिंसा का मुद्दा भी उठाया था। राहुल गांधी ने संसद के बाहर कहा था कि अडाणी पर अमेरिका में 2 हजार करोड़ की रिश्वत देने का आरोप है। उन्हें जेल में होना चाहिए। मोदी सरकार उन्हें बचा रही है। पहली बार संसद में गांधी परिवार के तीन सदस्य केरल के वायनाड लोकसभा उपचुनाव में प्रियंका गांधी की जीत के बाद लोकसभा में दोबारा कांग्रेस के 99 सांसद हो गए हैं। वायनाड सीट राहुल गांधी ने छोड़ी थी, जबकि नांदेड़ सीट कांग्रेस सांसद बसंतराव चव्हाण के निधन के चलते खाली हुई थी। इन पर हाल ही में उपचुनाव हुए हैं और दोनों ही सीटें कांग्रेस के पास वापस आ गई हैं। यह पहली बार होगा कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े गांधी परिवार के 3 सदस्य एक साथ संसद के सदस्य होंगे। राहुल गांधी रायबरेली से और प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से लोकसभा सांसद हैं। जबकि सोनिया गांधी राजस्थान से राज्य सभा सांसद हैं। अश्विनी वैष्णव बोले- वल्गर कंटेंट रोकने के लिए सख्त कानून बने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर वल्गर कंटेंट की रोकथाम के लिए सख्त कानून बनाने की बात कही थी। वैष्णव ने कहा- जिन देशों से ऐसे कंटेंट आते हैं, उनकी संस्कृति हमसे काफी अलग है। वल्गर कंटेंट की रोकथाम के लिए पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी को इस विषय पर ध्यान देने और कानून को सख्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि सोशल मीडिया के युग में एडिटोरियल चेक होना समाप्त हो गया है। पहले प्रेस से जो कुछ भी छपता था, उसे चेक किया जाता था कि यह सही है या गलत, और फिर उसे मीडिया में लाया जाता था। उन्होंने कहा कि एडिटोरियल चेक के खत्म होने के कारण आज सोशल मीडिया एक तरफ फ्रीडम ऑफ प्रेस का बहुत बड़ा माध्यम बन गया है, लेकिन दूसरी तरफ यह एक अनकंट्रोल्ड एक्सप्रेशन हैं, जिसमें कई तरह के वल्गर कंटेंट डाले जाते हैं। इसके लिए मौजूदा कानून को और सख्त करने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें आम सहमति की भी जरूरत है। पूरी खबर पढ़ें...
Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:शिंदे बोले- भाजपा का CM मंजूर; अजमेर दरगाह में मंदिर का दावा, मामला कोर्ट पहुंचा; उर्विल टी-20 में फास्टेस्ट सेंचुरी लगाने वाले भारतीय
नमस्कार, कल की बड़ी खबर महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ी रही, कार्यवाहक CM एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें BJP का मुख्यमंत्री मंजूर है। एक खबर अजमेर से रही, दावा किया गया है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह में शिव मंदिर है। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. एकनाथ शिंदे बोले- मुझे पद की लालसा नहीं, जब CM था तब मोदी साथ खड़े रहे, जो फैसला लेंगे स्वीकार महाराष्ट्र के कार्यवाहक CM एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद को लेकर अपना रुख साफ कर दिया। शिंदे ने कहा, 'मैंने मोदीजी-शाहजी को फोन किया। उनसे कहा कि आपका जो भी फैसला होगा, हमें स्वीकार है। BJP की बैठक में आपका कैंडिडेट चुना जाएगा, वो भी हमें स्वीकार है। हम सरकार बनाने में अड़चन नहीं डालेंगे।' केंद्र में जाने के सवाल पर शिंदे ने कहा, 'मैं महायुति सरकार के साथ हूं। राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने का काम करुंगा।' दिल्ली में महायुति की मीटिंग: आज शिंदे, फडणवीस और अजित पवार दिल्ली में अमित शाह के साथ मीटिंग करेंगे। इसमें फडणवीस के नाम पर मुहर लग सकती है। विधानसभा चुनाव में महायुति ने 288 सीटों में से 230 पर जीत दर्ज की है। BJP को 132, शिवसेना शिंदे को 57 और NCP अजित पवार को 41 सीटें मिली थी। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. संसद सत्र के दूसरे दिन अडाणी मुद्दे पर हंगामा, राहुल बोले- उन्हें जेल में होना चाहिए, सरकार बचा रही संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में विपक्ष ने अडाणी मुद्दे पर हंगामा किया। हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। राहुल गांधी ने रिश्वत मामले को लेकर गौतम अडाणी पर हमला बोला। राहुल बोले, 'उन्हें जेल में होना चाहिए। मोदी सरकार उन्हें बचा रही है।' इस सेशन में 16 बिल पेश होने हैं: शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान 19 बैठकें होंगी, 16 बिल पेश होने हैं। 18वीं लोकसभा का पहला मानसून सत्र 22 जुलाई से 9 अगस्त तक चला था। पूरे सत्र में कुल 15 बैठकें हुईं, जो लगभग 115 घंटे तक चलीं थी। मानसून सत्र में 12 बिल आए थे, सिर्फ 4 ही पास हो सके। पूरी खबर यहां पढ़ें... 3. अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा, याचिका स्वीकार; दरगाह कमेटी समेत 3 पक्षकारों को नोटिस अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महाद
Dainik Bhaskar महाराष्ट्र में नए CM के नाम का ऐलान आज संभव:महायुति की बैठक के बाद फैसला होगा, शिंदे बोले- भाजपा का CM हमें मंजूर
महाराष्ट्र में आज नए मुख्यमंत्री का ऐलान हो सकता है। इसके लिए महायुति के तीनों दलों के नेताओं की दिल्ली में बैठक होगी। अगला सीएम भाजपा का हो सकता है। बुधवार को ठाणे में कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा का सीएम हमें मंजूर है। मुझे पद की लालसा नहीं। जब मैं मुख्यमंत्री था तब मोदी जी मेरे साथ खड़े रहे। अब वो जो फैसला लेंगे स्वीकार होगा। शिंदे ने कहा- मैंने 26 नवंबर मोदी जी को फोन किया था हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है, मन में कोई अड़चन न लाएं। हम सब NDA का हिस्सा हैं। भाजपा की बैठक में जो फैसला लिया जाएगा, हमें मंजूर होगा। कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है। हम सरकार बनाने में अड़चन नहीं बनेंगे। शिंदे बोले, मैं कभी भी अपने आप को मुख्यमंत्री नहीं समझता। मैंने हमेशा आम आदमी बनकर काम किया। यह जनता की विजय है। समर्थन के लिए जनता को धन्यवाद। इलेक्शन के वक्त सुबह 5 बजे तक काम करते थे। सभी कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की। पूर्व डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिंदे के बयान ने सबकी शंका दूर की है। महायुति में कभी भी मतभेद नहीं रहा है। हम मुख्यमंत्री के नाम पर ही जल्द ही फैसला लेंगे। शिंदे को मोदी का हर फैसला स्वीकार, 6 बयान दिए.. 1. मैं आम आदमी, कभी खुद को CM नहीं समझा एकनाथ शिंदे ने कहा, " आम आदमी को क्या समस्या आती है, वो मैं समझता हूं। मैंने कभी भी अपने आप को मुख्यमंत्री नहीं समझा। मैंने हमेशा आम आदमी बनकर काम किया। मैं देखता आ रहा हूं कि कुटुम्ब को कैसे चलाया जाता है। मैंने सोचा था कि जब मेरे पास अधिकार आएंगे तो जो परेशान हैं, उनके लिए योजनाएं लाएंगे।" 2. मैं आपका लाडला भाई, ये लोकप्रियता ज्यादा अच्छी शिंदे ने कहा, "जब सीएम था, जब लोगों को लगता था कि हमारे बीच का मुख्ममंत्री है। घर हो, मंत्रालय हो, लोग आकर मिलते हैं। मेरी जो पहचान मिली है, वो आपकी वजह से है। मैंने लोकप्रियता के लिए काम नहीं किया, महाराष्ट्र की जनता के लिए काम किया। राज्य की बहनें और भाई अब खुश हैं। बहनों ने मेरा साथ दिया और मेरी रक्षा की, अब मैं उनका लाडला भाई हूं, यह पहचान अच्छी है।" 3. राज्य को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र का साथ जरूरी एकनाथ शिंदे बोले, "हमने ढाई साल सरकार चलाई। इस दौरान केंद्र सरकार हमारे साथ मौजूद रही, खड़ी रही। हमारे हर प्रस्ताव को उसका समर्थन मिला। राज्य को चलाने के
Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:असम में पुलिस ने 76,000 याबा टैबलेट जब्त कीं, 3 गिरफ्तार; 1 Kg क्रिस्टल मेथामफेटामाइन भी सीज
असम पुलिस ने छापेमारी में 76,000 याबा टैबलेट जब्त कीं। इस दौरान 3 लोगों को गिरफ्तार किया। 2 गाड़ियों के जरिए इन टैबलेट्स की तस्करी हो रही थी। इसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपए है। छापेमारी श्रीभूमि जिले के पटेल नगर इलाके में हुई थी। याबा टैबलेट में मेथेम्फेटामाइन और कैफीन मिला होता है। यह लाल रंग की होती है और पूर्वी म्यांमार के शान, काचिन सहित दो अन्य राज्यों में बनती है। इससे पहले असम राइफल्स ने कस्टम डिपार्टमेंट के साथ एक ज्वाइंट ऑपरेशन में करीब 1 किलोग्राम क्रिस्टल मेथामफेटामाइन जब्त किया। इसे आमतौर पर ICE के रूप में जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लगभग 16 करोड़ रुपए है।