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Dainik Bhaskar महाराणा प्रताप के वंशजों में विवाद, विरोध प्रदर्शन-पत्थरबाजी:धूणी माता के बिना दर्शन के लौटे विश्वराज; उदयपुर महल की विवादित जगह कुर्क

राजस्थान के उदयपुर के पूर्व राजघराने में चल रहे विवाद ने सोमवार को हिंसक रूप ले लिया। उदयपुर के सिटी पैलैस और परिवार के अन्य सदस्यों व समर्थकों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। इसमें कई लोग घायल भी हो गए। महाराणा प्रताप के वंशजों में ऐस झगड़ा पहली बार सामने आया है। वहीं, सोमवार देर रात करीब 1 बजे प्रशासन ने विवादित जगह को कुर्क कर रिसीवर की नियुक्ति कर दी। यह पूरा विवाद उदयपुर राजघराने के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे और नाथद्वारा से भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक और इससे जुड़ी रस्मों को लेकर हुआ। लोकतंत्र आने के बाद राजशाही खत्म हो गई है, लेकिन प्रतीकात्मक यह रस्म निभाई जाती है। विश्वराज सिंह राजतिलक के बाद सिटी पैलेस के अंदर धूणी के दर्शन करने जाना चाहते थे, लेकिन सिटी पैलेस में रहने वाले उनके चाचा के परिवार ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। यहीं से पूरा विवाद शुरू हुआ। देखिए इस विवाद से जुड़ी 3 तस्वीरें... परिवार में 41 साल से क्यों चल रहा झगड़ा दरअसल, उदयपुर के आखिरी महाराणा भगवत सिंह ने 1963 से 1983 तक राजघराने की कई प्रॉपर्टी को लीज पर दे दिया, तो कुछ प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी बेच दी। इनमें लेक पैलेस, जग निवास, जग मंदिर, फतह प्रकाश, शिव निवास, गार्डन होटल, सिटी पैलेस म्यूजियम जैसी बेशकीमती प्रॉपर्टीज शामिल थीं। ये सभी प्रॉपर्टी राजघराने द्वारा स्थापित एक कंपनी को ट्रांसफर हो गई थीं। यहीं से विवाद शुरू हुआ। ​​​​​​पूरा विवाद विस्तार से यहां पढ़ें

Dainik Bhaskar केंद्रीय कैबिनेट की QR कोड वाले PAN कार्ड को मंजूरी:स्टूडेंट्स को 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' की सुविधा; राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को मंजूरी

मोदी कैबिनेट की बैठक में सोमवार को PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विवी वैष्णव ने बताया कि इसके लिए सरकार 1435 करोड़ रुपए खर्च करेगी। मौजूदा पैन के नंबर को बदले बिना कार्ड एडवांस किए जाएंगे। वैष्णव ने कहा- नए पैन कार्ड QR कोड वाले होंगे। इसके लिए पेपरलेन यानी ऑनलाइन प्रोसेस अपनाई जाएगी। लोगों को QR कोड वाले पैन के लिए अलग से खर्च करने की जरूरत नहीं होगी। नए पैन में डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। किसी भी शिकायत के सॉल्यूशन के लिए ग्रेविएंस रेफरल सिस्टम तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि पैन कार्ड को कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तीन नए रेलवे प्रोजेक्ट, किसानों के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन, युवाओं-छात्रों के लिए 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' और अटल इनोवेशन मिशन 2.0 को मंजूरी को भी मंजूरी दी गई है। 6 नवंबर की बैठक में ​​​​​​​हायर एजुकेशन लोन पर 75% क्रेडिट को मंजूरी दी थी मोदी कैबिनेट की 6 नवंबर की बैठक में पीएम विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दे दी गई थी। इसमें हायर एजुकेशन के लिए 7.5 लाख रुपए तक के लोन पर भारत सरकार 75% क्रेडिट गारंटी देगी। 8 लाख रुपए सालाना आय वाले परिवार के बच्चों को 10 लाख रुपए तक के लोन पर 3% ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा। 4.5 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले छात्रों को पहले से पूर्ण ब्याज अनुदान मिल रहा है। इस योजना के दायरे में देश के प्रमुख 860 हायर एजुकेशन सेंटर्स के 22 लाख से अधिक छात्र आएंगे। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कहा गया था कि इस योजना का उद्देश्य मेधावी छात्रों को सहायता प्रदान करना है, ताकि उनकी पढ़ाई में पैसा बाधा न बने। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का ही विस्तार है। मोदी बोले- शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए बढ़ा कदम 24 अक्टूबर: स्पेस सेक्टर में स्टार्ट अप पर 1,000 करोड़ खर्च करेगी सरकार भारत सरकार स्पेस सेक्टर में स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए 1,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसे पांच साल में खर्च किया जाएगा। 2025-26 में 150 करोड़, 2026-27, 2027-28 और 2028-29 में 250-250 करोड़, 2029-30 में 100 करोड़ खर्च होंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विन वैष्णव ने यह जानकारी कैबिनेट बैठक के बाद दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक की अध्यक्षत

Dainik Bhaskar लाहौल-स्पीति में पर्वतारोहण से जुड़ी एक्टिविटी पर रोक:सारे ट्रैक-चोटियों पर नहीं जा सकेंगे टूरिस्ट, खराब मौसम और एवलांच से बचाने के लिए फैसला

हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में पर्वतारोहण से जुड़ी एक्टिविटी पर रोक लगा दी गई है। यह रोक तत्काल प्रभाव से लागू हो गई। इस रोक के बाद अब टूरिस्ट लाहौल-स्पीति की चोटियों पर ट्रैकिंग और दूसरी गतिविधियां नहीं कर पाएंगे। लाहौल-स्पीति ट्रैकिंग और पर्वतारोहण से जुड़ी दूसरी गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। टूरिस्टों को सर्दी के मौसम में अचानक मौसम बिगड़ने, भारी बर्फबारी और एवलांच के खतरे से बचाने के लिए यह फैसला लिया गया है। सर्दी के मौसम में अचानक मौसम बिगड़ने, भारी बर्फबारी और एवलांच के खतरे के बीच टूरिस्टों के मुश्किल में फंसने की सूरत में उन्हें ढूंढने और बचाव से जुड़ा काम अत्यंत खतरनाक हो जाता है। ऐसे में एहतियात के तौर पर जिले के डीसी राहुल कुमार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 34 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जिले के सभी ट्रैक और चोटियों पर ट्रैकिंग और पर्वतारोहण से जुड़ी दूसरी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगा दी है। उल्लंघन पर होगी कार्रवाई डीसी राहुल कुमार ने सभी टूर ऑपरेटरों, गाइड और आम व्यक्तियों को इस आदेश का पालन करने के निर्देश दिया है। इसका उल्लंघन करने वालों पर आपदा प्रबंधन एक्ट-2005 और अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी । प्रतिबंध पर सख्ती से होगी अनुपालना उन्होंने कहा है कि पुलिस, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन इस प्रतिबंध का सख्ती से अनुपालन करना सुनिश्चित करेंगे तथा नियमित गश्त करेंगे। उन्होंने बताया कि आपातकालीन या वैज्ञानिक अभियानों के लिए विशेष अनुमति मामले-दर-मामले आधार पर दी जा सकती हैं। यह आदेश सार्वजनिक सुरक्षा के हित में जारी किया गया है तथा अगले आदेशों तक प्रभावी रहेगा ।

Dainik Bhaskar पंजाब में गन्ने का रेट बढ़ा:CM मान ने एक्स पर पोस्ट कर की घोषणा, पूरे भारत से सबसे ज्यादा रेट मिलेगा

पंजाब सरकार ने किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी का ऐलान किया है। सरकार ने गन्ने के दाम बढ़ा दिए हैं, जिसके बाद अब पंजाब के गन्ना किसानों को देश में फसल का सबसे ज्यादा दाम मिलेगा। सीएम भगवंत मान ने एक्स पर पोस्ट करके गन्ने के दामों की जानकारी साझा की है। सीएम मान ने लिखा- "पंजाब सरकार की तरफ से गन्ना किसानों के लिए तोहफा! गन्ने का दाम 391 रुपये प्रति क्विंटल से 10 रुपये बढ़ाकर 401 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। सीएम मान ने आगे लिखा- अब पंजाब के गन्ना उत्पादकों को पूरे भारत में सबसे ज्यादा रेट मिलेगा। पंजाब सरकार अपने किसानों के कल्याण के लिए फैसले लेने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है।

Dainik Bhaskar पीएम ने ICA ग्लोबल कोऑपरेटिव कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया:कहा- हमारे सहकारी क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी 60% से अधिक, खादी बड़े ब्रांड से आगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के सहकारी क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी 60% से अधिक है। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सहकारी प्रबंधन में महिला डायरेक्टरों को शामिल करने के लिए मल्टी स्टेट सहकारी समिति अधिनियम में संशोधन किया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने खादी और ग्रामोद्योग जैसे क्षेत्रों में नया आंदोलन खड़ा किया। आज खादी और ग्रामोद्योग को हमारी सहकारिता ने बड़े-बड़े ब्रांड से भी आगे पहुंचा दिया है। आजादी के आंदोलन को भी सहकारिता ने प्रेरित किया है। पीएम ने कहा कि इससे आर्थिक सशक्तिकरण में तो मदद मिली ही साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों को एक सामूहिक मंच भी मिला। महात्मा गांधी जी के ग्राम स्वराज ने सामुदायिक भागीदारी को फिर से नई ऊर्जा दी थी। पीएम मोदी ने ये बात दिल्ली में भारत मंडपम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA) के ग्लोबल कोऑपरेटिव कॉन्फ्रेंस 2024 में कही। उन्होंने इसका उद्घाटन भी किया। ये कार्यक्रम भारत में पहली बार आयोजित किया गया। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 को समर्पित पोस्टल स्टाम्प एल्बम भी लॉन्च किया। कार्यक्रम की 2 तस्वीरें... 107 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की। इसमें भूटान के प्रधानमंत्री, फिजी के उप-प्रधानमंत्री भी उपस्थित रहे। इसके अलावा दुनियाभर के 107 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। सम्मेलन का विषय- सहकारिता से सभी की समृद्ध का निर्माण और उप विषय था। पीएम मे संबोधन की 4 बड़ी बातें... गैर सरकारी संगठन है आईसीए अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA) गैर सरकारी सहकारी संगठन है। इसकी स्थापना 1895 में दुनिया भर में सहकारी समितियों को एकजुट करने उनका प्रतिनिधित्व करने और उनकी सेवा करने के लिए की गई थी। .................................... पीएम मोदी से जुड़ीं ये खबरें भी पढ़ें... मन की बात-PM ने फिर किया डिजिटल अरेस्ट का जिक्र: बोले- लोगों को समझाना होगा सरकार में इसका प्रावधान नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात रेडियो शो के 116वें एपिसोड में स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती, NCC दिवस, गयाना यात्रा, लाइब्रेरी जैसे मुद्दे पर बात की। पिछली बार की तरह पीएम मोदी ने कहा- हमें बार-बार लोगों को समझाना होगा कि सरकार में डिजिटल अरेस्ट

Dainik Bhaskar हेमंत की शपथ का राहुल, ममता और तेजस्वी को न्योता:28 नवंबर को चौथी बार झारखंड CM की लेंगे शपथ, JMM बोला- ऐतिहासिक होगा कार्यकाल

28 नवंबर की सुबह 11.30 बजे झारखंड की नई सरकार शपथ लेगी। इसकी तैयारी तेज कर दी गई है। हेमंत सोरेन के चौथे शपथ ग्रहण समारोह में INDIA ब्लॉक के सभी बड़े नेता शामिल होंगे। JMM प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा- राहुल गांधी, ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव, दीपंकर भट्टाचार्य सहित बड़े नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। सबको न्योता दिया गया है। समारोह रांची के मोरहाबादी मैदान में होगा। खबर है कि हेमंत सोरेन के साथ 10 से 11 मंत्री शपथ ले सकते हैं। INDIA ने नए मंत्रिमंडल के लिए 5:1 का फार्मूला तय किया है। यानी 5 विधायक पर एक मंत्री। इस तरह JMM से 6, कांग्रेस से 4 और RJD से एक मंत्री शपथ लेंगे। हमारा एजेंडा क्लियर हैः JMM JMM नेता मनोज पांडे ने कहा, "झारखंड की जनता ने ऐतिहासिक जनादेश दिया है, कार्यकाल भी ऐतिहासिक होगा। हमारे अपने एजेंडे और मुद्दे हैं। झारखंडी अस्मिता से जुड़े विषयों को लेकर सरकार आगे बढ़ेगी। हमें उम्मीद है कि केंद्र हमारा सहयोग करेगी, लेकिन अगर यह तानाशाही सरकार हमारे पैसे देने में आनाकानी करेगी तो पार्टी अपने स्तर पर विचार करके आंदोलनात्मक कार्रवाई करेगी।. पहली बार रिपीट हुई है सरकार राज्य बनने के बाद पहली बार सरकार रिपीट हुई है। अब तक यह होता था कि जो सरकार सत्ता में होती थी उसकी वापसी नहीं होती थी। 23 नवंबर को आए चुनावी नतीजे में 81 सीटों में झामुमो गठबंधन ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह आंकड़ा 41 के बहुमत से 15 सीट ज्यादा है। रांची DC ने मोरहाबादी मैदान का लिया जायजा सोमवार को रांची DC वरुण रंजन ने शपथ ग्रहण स्थल का जायजा लिया। शपथ ग्रहण समारोह में झारखंड के दूर-दराज क्षेत्रों से काफी संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना है। कार्यक्रम में अतिथि/विशिष्ट व्यक्तियों के अलावा सीनियर प्रशासनिक पदाधिकारियों के आने की संभावना है। ​​ यह भी पढ़ें; 5 मंत्री होंगे रिपीट, दो यादवों की लड़ाई में पासवान ने मारी बाजी, जानिए पूरी लिस्ट हेमंत सोरेन की नई सरकार के 7 मंत्रियों का नाम भास्कर को पता चला है। उनका मंत्री बनना लगभग तय है। इसमें JMM कोटे से रामदास सोरेन, दीपक बिरुआ, मथुरा महतो, हफीजुल हसन, कांग्रेस कोटे से रामेश्वर उरांव, इरफान अंसारी और RJD कोटे से देवघर विधायक सुरेश पासवान के नाम शामिल हैं। वहीं, बाकी बचे 4 नामों में JMM से लुईस मरांडी और भवनाथपुर से जीते अनंत प्रत

Dainik Bhaskar तेलंगाना सरकार ने अडाणी से डोनेशन लेने से मना किया:CM रेड्डी बोले- मेरी छवि को नुकसान हो सकता है, ग्रुप ने ₹100 करोड़ देने की घोषणा की थी

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी कहा कि राज्य सरकार अडाणी ग्रुप से डोनेशन स्वीकार नहीं करेगी। ग्रुप ने यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी के लिए 100 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोमवार को रेड्डी ने कहा- मौजूदा विवाद की वजह से फैसला लिया गया है कि राज्य सरकार अदाणी ग्रुप से डोनेशन नहीं लेगी। इससे राज्य सरकार और मेरी खुद की छवि को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से रविवार को ही अडाणी ग्रुप को एक चिट्ठी भेज दी गई है। उसमें अदाणी ग्रुप से यूनिवर्सिटी के लिए 100 करोड़ रुपये ट्रांसफर न करने का अनुरोध किया गया है। रेड्डी ने कहा- कई कंपनियों ने यूनिवर्सिटी को फंड दिया है, लेकिन तेलंगाना सरकार ने अब-तक किसी भी ग्रुप से अपने खाते में एक भी रुपया नहीं लिया है। अडाणी पर धोखाधड़ी के आरोप, दावा- कॉन्ट्रैक्ट के लिए ₹2200 करोड़ रिश्वत ऑफर की उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अमेरिका के न्यूयॉर्क में अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में 20 नवंबर को सुनवाई में गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, विनीत जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना था कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे। पूरा मामला अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा है। सागर अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं। अमेरिकी इंवेस्टर्स का पैसा, इसलिए वहां केस अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के पैसे जुटाने के लिए उन्होंने अमेरिकी इंवेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोला। अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इंवेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है। पूरी खबर पढ़ें... राहुल बोले- PM मोदी अडाणी को बचा रहे, भाजपा का जवाब- मां-बेटे खुद जमानत पर राहुल गांधी ने 21 नवंबर को गौतम अडाणी पर लगे करप्शन के आरोपों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने

Dainik Bhaskar अमृतसर में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने बुलाई बैठक:अकाली दल अध्यक्ष समेत 2007-17 के मंत्रियों को किया तलब; सजा का हो सकता ऐलान

जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2 दिसंबर को दोपहर एक बजे श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच सिख साहिबानों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर बादल के साथ 2007-2017 के दौरान पद पर रहे मंत्रियों, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्यों और मौजूदा अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को बुलाया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में सुखबीर बादल और 2007-17 के दौरान अकाली दल के मंत्रियों को सजा सुनाई जा सकती है। कुछ दिन पहले सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए थे और उन्होंने मांग की थी कि उन्हें तनखैया घोषित किए हुए तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है और उन्हें अब सजा सुनाई जानी चाहिए। वहीं, दो दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने भी संकेत दिए थे कि मुद्दों को लेकर कुछ दिनों में बैठक बुलाई जा सकती है। सुखबीर ने लिखा-सारे वर्कर चाहते थे मैं चुनाव लड़ूं श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे सुखबीर बादल ने अपने लिखित आवेदन में कहा था कि पार्टी के सारे वर्कर चाहते थे कि विशेष हालात के चलते मुझे अभी हो रहे उपचुनाव लड़ने और प्रचार की इजाजत दी जाए। उपचुनाव न लड़ पाने के कारण पंथ और पंजाब को बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन अकाल पुरख की रजा में उन्होंने यह नुकसान झेला है। इसीलिए उनकी सजा पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए और उन्हें इजाजत दी जाए कि वह पंथ विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला कर सकें। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुनाई थी सजा सुखबीर बादल को जुलाई महीने में धार्मिक सजा सुना दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ''अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ।'' बागी गुट की शिकायत के बाद शुरू हुआ था विवाद दूसरी तरफ बागी गुट के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा 1 जुलाई क

Dainik Bhaskar गुजरात में अब नकली आईएएस अफसर पकड़ाया:नौकरी दिलाने के नाम पर की ठगी, 2 इनोवा कार किराए पर लेकर सायरन लगवाए

गुजरात में फर्जी सरकारी अधिकारियों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अहमदाबाद शहर के पालडी इलाके में रहने वाले और ट्रैवल बिजनेस चलाने वाला एक शख्श फर्जी आईएएस अधिकारी ही बन बैठा। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी ने नौकरी लगवाने के नाम पर कई लोगों को चूना लगाया। दो इनोवा कार किराए पर ले रखी थीं आरोपी मेहुल शाह ने खुद को आईएएस अधिकारी बताने के लिए दो इनोवा किराए पर ले रखी थीं। साथ ही ड्राइवर के अलावा दो बाउंसर भी रखता था, ताकि लोग उससे प्रभावित हों। इसके बाद कार में सायरन और पर्दे लगाने के लिए गृह मंत्रालय के सचिव के हस्ताक्षर वाला लेटर भी खुद ही तैयार कर लिया था। उसने सरकारी नौकरी के लिए अहमदाबाद जिला शिक्षा अधिकारी का फर्जी लेटर देकर कई लोगों से लाखों रुपए वसूले। ऐसी शिकायत अहमदाबाद क्राइम ब्रांच में दर्ज की गई है। स्कूल को सीबीएसई बनाने का कहकर ठगा इसके अलावा मेहुल शाह के निशाने पर 2 महीने तक असारवा का एक स्कूल भी रहा। मेहुल ने ट्रस्टी से 10 लाख रुपए यह कहकर ले लिए थे कि वह स्कूल को सीबीएसई स्कूल बनवा देगा। इतना ही नहीं, डीईओ को भी अपनी बातों में फंसाकर स्कूल के एक सम्मान समारोह में बुला लिया था। मेहुल ने इन्हें अपनी पहचान केंद्र सरकार के साइंस एंड रिसर्च डिपार्टमेंट में डाटरेक्टर और साइंटिस्ट के रूप में बताई थी। मेरे 10 लाख रुपए अभी तक नहीं दिए गए - स्कूल ट्रस्टी स्कूल ट्रस्टी दहयाभाई पटेल ने कहा कि मेहुल शाह ने खुद को एक सरकारी अधिकारी बताया। वह इनोवा कार से ही स्कूल आता था, जिसके आगे भारत सरकार लिखा होता था। उसने तो स्कूल खरीदने के लिए हमसे 35 करोड़ का सौदा करने की भी बात कही थी। उसने यह पैसा दक्षिण भारत में अपने चाय बागानों की बिक्री के बाद देने को कहा था। उसने हाल ही बताया था कि वह सुरेंद्रनगर से अहमदाबाद शिफ्ट हो रहा है, जिसके लिए उसे 10 लाख रुपए की जरूरत है। मैंने उस पर भरोसा कर उसे 10 लाख रुपए दे दिए थे, जो उसने अब तक नहीं लौटाए। बाद में मुझे जब उस पर शक हुआ तो उसने स्कूल आना ही बंद कर दिया था। नंबर भी नहीं लग रहा था। फिर मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। ये खबरें भी पढ़ें... फर्जी कोर्ट चला रहा था; विवादित मामलों में फैसले देकर 100 एकड़ जमीन भी हड़पी गुजरात में एक शख्स ने फर्जी ट्रिब्यूनल बनाया। खुद को उसका जज बता

Dainik Bhaskar संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष-समाजवादी शब्द हटाने की मांग खारिज:सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ये संविधान के बुनियादी ढांचे का हिस्सा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को संविधान की प्रस्तावना में 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों को हटाने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। 22 नवंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने कहा- इन शब्दों को संविधान में 42वें संशोधन (1976) के जरिए शामिल किया गया था और ये संविधान के बुनियादी ढांचे का हिस्सा हैं। बेंच ने कहा- संविधान में दर्ज 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द भारतीय लोकतंत्र की बुनियादी विशेषताओं को बताते हैं। इन्हें हटाना उचित नहीं है। संविधान को उसके मूल उद्देश्यों से अलग करने का कोई भी प्रयास मंजूर नहीं। पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी, वकील विष्णु शंकर जैन और अन्य की दायर याचिकाओं में कहा गया था कि 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों को संविधान में शामिल करना गैर जरूरी और अवैध है। ये शब्द लोगों की निजी स्वतंत्रता और धार्मिक भावनाओं पर असर डालते हैं। दरअसल, संविधान 1949 में अपनाया गया था। तब संविधान की प्रस्तावना में 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' नहीं थे। 1976 में इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान 42वें संविधान संशोधन के तहत संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द शामिल किए गए थे। कोर्ट रूम लाइव... CJI- 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' दो अभिव्यक्तियां 1976 में संशोधनों के जरिए बनाई गई थीं। ये कहना कि ये संविधान 1949 में अपनाया गया था, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। अगर पहले से मौजूद तर्क माने जाते हैं तो वे सारे संशोधनों पर लागू होंगे। इतने सालों के बाद प्रक्रिया को रद्द नहीं किया जा सक। इतने साल हो गए हैं, अब इस मुद्दे को क्यों उठाया जा रहा है। CJI- भारत में समाजवाद को समझने का तरीका दूसरे देशों से बहुत अलग है। हमारे संदर्भ में समाजवाद का मुख्य अर्थ कल्याणकारी राज्य है। बस इतना ही। इसने निजी क्षेत्र को कभी नहीं रोका जो अच्छी तरह से फल-फूल रहा है। हम सभी को इससे लाभ हुआ है। उन्होंने कहा- समाजवाद शब्द का इस्तेमाल एक अलग संदर्भ में किया जाता है, जिसका अर्थ है कल्याणकारी राज्य है। समाजवाद को लोगों के कल्याण के लिए खड़ा होना चाहिए। समाज अवसर प्रदान करने चाहिए। एसआर बोम्मई मामले में 'धर्मनिरपेक्षता' को संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा माना गया है। वकील जैन- संशोधन लोगों की बात स

Dainik Bhaskar फोन टैपिंग मामले में गहलोत के पूर्व-ओएसडी लोकेश शर्मा गिरफ्तार:कुछ देर बाद जमानत, बन सकते हैं सरकारी गवाह; केंद्रीय मंत्री ने दर्ज करवाया था केस

फोन टैपिंग केस में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा को दिल्ली पुलिस की प्रशांत विहार क्राइम ब्रांच ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। 14 नवंबर को खुद लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में फोन टै​पिंग केस में दायर गिरफ्तारी से राहत देने और केस राजस्थान ट्रांसफर करने की याचिका वापस ले ली थी। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हट गई थी। हालांकि आज गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही लोकेश शर्मा को जमानत मिल गई। दरअसल, लोकेश शर्मा को 21 नवंबर को पटियाला हाउस कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली हुई थी। क्राइम ब्रांच ने आज गिरफ्तारी कर प्रकिया पूरी की, अरेस्ट मेमो बनाया और ​फिर जमानत पर छोड़ दिया। राजस्थान में सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय जुलाई 2020 में गहलोत सरकार पर बीजेपी ने फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मार्च 2021 में लोकेश शर्मा सहित पुलिस अफसरों पर फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस में केस दर्ज करवाया था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले में जांच कर रही है। सरकारी गवाह बन सकते हैं लोकेश शर्मा लोकेश शर्मा फोन टैपिंग केस में सरकारी गवाह बन सकते हैं। अगर वो सरकारी गवाह बनते हैं तो उन्हें आगे इस केस में राहत मिल जाएगी। इस केस में जिस तरह उन्हें आसानी से जमानत मिली है, उसे सरकारी गवाह बनने की संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है। फोन टैपिंग केस में दिल्ली क्राइम ब्रांच की जांच आगे बढ़ती है तो पूर्व सीएम अशोक गहलोत, तत्कालीन एसीएस होम, कई वरिष्ठ पुलिस अफसरों और सीएमओ में रहे अफसरों से भी पूछताछ हो सकती है। लोकेश शर्मा ने बयान में कहा था- पूर्व सीएम गहलोत से हो पूछताछ लोकेश शर्मा ने क्राइम ब्रांच में दिए बयानों में कहा था- फोन टै​पिंग में मेरी कोई भूमिका नहीं है। अशोक गहलोत ने ही मुझे पेन ड्राइव में ऑडियो क्लिप देते हुए कहा था कि इसे मीडिया में भेज दो। मेरी फोन टै​पिंग में कोई भूमिका नहीं है। अब इस मामले में जो कुछ बता सकते हैं, वह गहलोत ही बता सकते हैं। अब अशोक गहलोत से क्राइम ब्रांच पूछताछ करे। इसे लेकर लोकेश शर्मा ने अपना फोन, पेन ड्राइव और कुछ सबूत भी दिल्ली पुलिस को दिए थे। दिल्ली क्राइम ब्रांच से पूछताछ में लोकेश शर्मा ने दिल्ली क्राइम ब्रांच को दिए बयानों में ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया से मिलने की बात कही थी। बाद में लोकेश ने

Dainik Bhaskar कोलकाता रेप-मर्डर केस,पुलिस कस्टडी में महिला के टॉर्चर का केस:सुप्रीम कोर्ट बोला- राज्य के सीनियर IPS जांच करेंगे; हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच को रिपोर्ट देंगे

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर केस से जुड़े मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने प्रोटेस्ट के दौरान गिरफ्तार एक महिला को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित करने के मामले की SIT जांच का आदेश दिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश में भी बदलाव किया, जिसमें CBI जांच करने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने कहा- जांच राज्य के सीनियर IPS अधिकारियों को सौंपी जानी चाहिए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि SIT में वे अधिकारी शामिल होंगे, जिनके नाम राज्य सरकार ने दिए थे। टीम हर हफ्ते हाईकोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंपेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को एक स्पेशल बेंच बनाने का भी निर्देश दिया। SIT इसी बेंच को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और आगे की जांच की मांग करेगी। ममता सरकार की याचिका पर चल रही सुनवाई इससे पहले 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के 8 अक्टूबर के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें CBI जांच का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने ममता सरकार को आदेश दिया था कि वह कस्टडी में टॉर्चर मामले की जांच के लिए एक नई SIT के गठन के लिए पांच महिलाओं समेत सात IPS अधिकारियों की लिस्ट पेश करे। याचिका पश्चिम बंगाल सरकार ने लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि हाईकोर्ट ने गलत तरीके से CBI जांच का आदेश दिया था, जबकि राज्य पुलिस जांच करने में सक्षम थी। 6 नवंबर को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने महिला के आरोपों की CBI जांच का निर्देश देने वाले सिंगल जज के आदेश को बरकरार रखा था। साथ ही कहा था- स्वतंत्र जांच के आदेश में कोई गलती नहीं। इसमें किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। जेल के डॉक्टर को महिला में मिले थे हेमाटोमा के लक्षण आरजी कर केस के खिलाफ प्रोटेस्ट में शामिल दो महिलाओं रेबेका खातून मोल्ला और रमा दास को 7 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन डायमंड हार्बर कोर्ट से ज्यूडीशियल कस्टडी मिलने का आदेश दिए जाने तक वे फाल्टा पुलिस की हिरासत में रहीं। इसके बाद दोनों ने पुलिस हिरासत में टॉर्चर का आरोप लगाते हुए सिंगल जज बेंच में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने जेल के डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया था। रिपोर्ट में उनमें से एक के पैरों में हेमाटोमा (ऊतकों के भीतर खून का थक्का जमने के बाद आई सूजन) क

Dainik Bhaskar हिमाचल में महिला बोली- मुसलमानों से सामान न खरीदें:कश्मीरी युवक को गांव में घुसने से रोका, कहा- जय श्री राम बोलो, VIDEO वायरल​​​​​​​

हिमाचल प्रदेश मस्जिद विवाद के बाद मुसलमानों से सामान नहीं खरीदने की अपील के कारण फिर सुर्खियों में आया है। इससे जुड़ा एक वीडियो The Muslim नाम से X पर बने अकाउंट से पोस्ट किया गया है, जिसमें 2 महिलाएं और 2 मुस्लिम समुदाय के लोग आपस में बहस करते नजर आ रहे है। दरअसल, मुस्लिम समुदाय के दो व्यक्ति प्रदेश के किसी गांव में सामान बेचने जाते हैं, जहां दो महिलाएं उनका विरोध करती है। इनकी आपसी बातचीत का कोई वीडियो बना लेता है, जिसे बाद में X पर पोस्ट कर दिया जाता है। हिमाचल में यह वीडियो किस जगह व क्षेत्र का है। यह अभी कन्फर्म नहीं है। मगर The Muslim नाम के सोशल मीडिया अकाउंट से इस पर भारत के मुसलमानों का आर्थिक रूप से बहिष्कार की बात कही है। पुलिस के पास भी इसे लेकर अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है। इससे अब तक वीडियो की पुष्टि नहीं हो पाई है। मगर वीडियो में महिला खुद हिमाचली होने का जिक्र कर रही है। इसमें एक महिला मुस्लिम समुदाय के लोगों से जय श्री राम के नारे लगाने को कह रही हैं। महिला कह रही है कि इनका सामान कोई न खरीदे। जो सामान खरीदना है, वो हिंदू दुकानदारों से खरीदे। ये क्या हमें मुफ्त में देंगे। अगर मुफ्त भी देंगे तो भी नहीं लेंगे। महिला कह रही है कि आप हिमाचल में तो सामान मत ही लाओ। महिला आगे कहती है ये हिंदुस्तान है बाबा। एक बार जय श्री राम बोलो। महिला अपने आपको पंचायत मेंबर बोलती हैं और कहती है वह उन्हें गांव में नहीं आने देगी। मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति कहता हैं कि हम भी हिंदुस्तान के है। इस पर महिला बोलती है आप कश्मीर में रहो। आप वहीं रहो। आप हिमाचल मत आओ। हिमाचल कटर हिंदुओं का है। हिंदु एकजुट हो गए हैं। हमारी तरफ से आपको यहां आने की इजाजत नहीं होगी। आपके जहां घर होंगे, वहीं रहो।

Dainik Bhaskar वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शनकारी-पुलिस में झड़प:दुकानदार-पालकीवाले बोले-₹250 करोड़ के प्रोजेक्ट से रोजी रोटी छिन जाएगी

जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ सोमवार को लोकल दुकानदार और मजदूरों ने लगातार चौथे दिन प्रोटेस्ट किया। प्रदर्शनकारियों ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी दौरान दोनों के बीच झड़प हो गई। धुक्का-मुक्की में 1 पुलिसवाला घायल हो गया। प्रदर्शनकारियों ने पहले मजिस्ट्रेट ऑफिस के बाहर से विरोध रैली निकाली। फिर शालीमार पार्क के बाहर धरना दिया। दरअसल, शालीमार पार्क में ही वैष्णोदेवी दर्शन के लिए जाने वाले लोगों के लिए बेस कैंप बनाया गया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचाने वाले रोपवे प्रोजेक्ट से मौजूदा रूट के लोकल दुकानदार के धंधे पर असर पड़ेगा। पालकी और घोड़े से श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचाने वाले व्यापारियों ने कहा कि नया प्रोजेक्ट 250 करोड़ की लागत से बन रहा है, लेकिन फिर सब लोग रोपवे से जाएंगे तो हमारा रोजगार छिन जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शन के अलावा दुकानदारों और घोड़े-पालकीवालों ने 3 दिन हड़ताल का भी ऐलान किया था। 22 नवंबर से शुरू हुई यह हड़ताल अब 1 दिन और बढ़ाई गई है। प्रदर्शनकारी बोले- हर दुकानदार या मजदूर को ₹20 लाख मुआवजा मिले प्रदर्शन में मजदूर संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह जामवाल और शिवसेना (UBT) के प्रदेश अध्यक्ष मनीष साहनी भी शामिल हुए। उन्होंने रोपवे प्रोजेक्ट से प्रभावित होने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए ₹20 लाख का मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास प्लान बनाने के लिए भी कहा है। नए रोपवे प्रोजेक्ट से 7 घंटे का सफर 1 घंटे में होगा 2024 में अब तक 84 लाख लोगों ने दर्शन किए वैष्णो देवी के दर्शन के लिए इस साल अक्टूबर तक 86 लाख से ज्यादा लोग पहुंच चुके है। श्राइन बोर्ड के अधिकारियों को कहना है कि आंकड़ा 1 करोड़ से ऊपर पहुंच जाएगा। पिछले साल 95 लाख से ज्यादा लोगों ने दर्शन किए थे।

Dainik Bhaskar प.बंगाल गवर्नर मूर्ति विवाद:राजभवन बोला- बोस ने अपनी मूर्ति का इनॉगरेशन नहीं किया, ये बदनाम करने की साजिश

पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस से जुड़े मूर्ति विवाद को लेकर सोमवार को राजभवन ने बयान जारी किया। राज्यपाल ऑफिस ने कहा- मीडिया रिपोर्ट में राज्यपाल बोस द्वारा अपनी प्रतिमा का अनावरण करने का जो दावा किया जा रहा है। वह गलत है। यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है। दो सदस्यीय पैनल इसकी जांच करेगा। दरअसल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 23 नवंबर को अपने कार्यकाल के दो साल पूरे किए थे। इस मौके पर उनकी एक तस्वीर सामने आई थी। जिसमें वह अपनी एक मूर्ति के साथ खड़े थे। आसपास काफी भीड़ थी। दावा किया गया कि बोस ने खुद अपने स्टैच्यू का इनॉगरेशन किया। राजभवन अधिकारी बोला- एक मूर्तिकार ने स्टैच्यू गिफ्ट किया था राजभवन के एक अधिकारी के मुताबिक, राज्यपाल ने राजभवन में अपनी किसी प्रतिमा का अनावरण नहीं किया और न ही इसे राजभवन के परिसर में कहीं स्थापित किया। यह बिल्कुल गलत जानकारी है। एक मूर्तिकार द्वारा प्रतिमा राज्यपाल को भेंट की गई थी। उन्होंने कहा, कई कलाकार अपनी कलाकृतियां राज्यपाल को सौंपते हैं। चित्रकार ने उनके चित्र बनाए और उन्हें भेंट किया। इसी तरह, एक मूर्तिकार ने बोस की प्रतिमा बनाकर उन्हें भेंट की। दुर्भाग्यवश इसे अपनी ही प्रतिमा का अनावरण बताया गया है। राज्यपाल बोस का बंगाल सरकार से कई मुद्दों पर टकराव दो साल पहले 23 नवंबर 2022 को आनंद बोस ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बाद बंगाल के राज्यपाल का पद संभाला था। अपने कार्यकाल के दौरान, राज्यपाल बोस का बंगाल सरकार के साथ कई मुद्दों पर टकराव हुआ है, जिनमें स्टेट यूनिवर्सिटीज के वीसी की जॉइनिंग और कोलकाता पुलिस कर्मियों द्वारा कथित जासूसी और व्यक्तिगत हमले शामिल हैं। .............. ये खबर भी पढ़ें...

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