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Dainik Bhaskar अमेठी हत्याकांड- आरोपी को पुलिस ने दौड़ाकर मारी गोली:भागने की कोशिश कर रहा था, फायरिंग में पैर में लगी बुलेट

अमेठी हत्याकांड के आरोपी चंदन वर्मा के पैर में पुलिस ने गोली मार दी है। वह भागने की कोशिश कर रहा था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपी ने गुरुवार शाम टीचर सुनील, उसकी पत्नी और दो बेटियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात को टीचर के घर में ही अंजाम दिया गया। इसके बाद आरोपी ने सुसाइड करने की कोशिश की थी। खुद पर गोली चलाई, लेकिन मिस हो गई। वह डर गया और दोबारा गोली नहीं चला सका। तब वह फरार हो गया। उसका टीचर की पत्नी से डेढ़ से साल से संबंध था। गुरुवार को वह पहली बार टीचर के घर आया था। उसने टीचर को 3, पत्नी को 2 और बच्चियों को एक-एक गोली मारी। शुक्रवार रात 11 बजे अमेठी के एसपी अनूप सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने आरोपी चंदन वर्मा को मीडिया के सामने पेश किया। कहा- चंदन को गौतमबुद्धनगर जिले में जेवर टोल प्लाजा से STF ने गिरफ्तार किया। पत्नी ने चंदन के खिलाफ दर्ज कराई थी शिकायत पुलिस के मुताबिक, टीचर को पत्नी और चंदन के अफेयर का पता चल गया था। 18 अगस्त को यानी 47 दिन पहले टीचर की पत्नी पूनम भारती ने रायबरेली जिले की नगर कोतवाली में FIR कराई थी। इसमें चंदन से जान को खतरा बताया था। कहा- परिवार की हत्या होगी तो इसका जिम्मेदार चंदन वर्मा होगा। पुलिस ने FIR दर्ज कर चंदन से पूछताछ भी की थी। इसके बाद 12 सितंबर को चंदन ने अपना वॉट्सऐप बायो चेंज किया था। FIR के बाद पूनम और चंदन के बीच बातचीत बंद हो गई। FIR दर्ज होने पर चंदन परिवार को परेशान करने लगा। गुरुवार को बुलेट से टीचर के घर पहुंचा। बच्चों को पैसे दिए। इसके बाद पति-पत्नी से उसकी कहासुनी हो गई। इसी बीच उसने पति, पत्नी और बच्चों को गोली मार दी। वारदात के बाद वह बुलेट छोड़कर फरार हो गया। मैं डर गया था, पुलिस के साथ दौड़ते हुए पहुंचा वारदात के बाद मेडिकल स्टोर संचालक राम मनोहर यादव सबसे पहले मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया- गुरुवार शाम 6.50 बजे का वक्त था। गोली चलने की आवाज आई। मैं टीचर सुनील के घर की तरफ दौड़ा। इतने में एक और फायरिंग हुई। मैं डर गया। तुरंत घर से 100 मीटर की दूरी तैनात पुलिस को खबर दी। दरवाजा खोला तो दंग रह गया, सभी खून से लथपथ पड़े थे... मौके पर जाकर दरवाजा खोला तो दंग रह गया। सभी खून से लथपथ पड़े थे। पति और पत्नी की लाश घर के आंगन में लगे नल के पास थी। 10 कदम की दूरी पर दोनों बेटियों की लाश पड़ी थी।

Dainik Bhaskar पहली बार भारत से कैलाश पर्वत के दर्शन हुए:उत्तराखंड सरकार, BRO और ITBP ने जगह खोजी थी; पहले तिब्बत जाना पड़ता था

कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान 3 अक्टूबर पहली बार भारतीय इलाके से पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन हुए। दर्शन पुराने लिपुलेख दर्रे से हुए। यह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी में स्थित है। हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है। कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास माना जाता है। इससे पहले तीर्थयात्रियों को पर्वत के दर्शन के लिए तिब्बत जाना पड़ता था। यह भारतीय इलाके से कैलाश पर्वत के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों का पहला जत्था है। पिथौरागढ़ के जिला पर्यटन अधिकारी कृति चंद्र आर्य ने बताया, पहले जत्थे में पांच तीर्थयात्री थे। वे 2 अक्तूबर को गुंजी कैंप पहुंचे। दर्शन के लिए उन्हें 2.5 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ी। यह अभिभूत करने वाला अनुभव था। पवित्र कैलाश पर्वत को देखा तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। कुछ महीने पहले ही उत्तराखंड पर्यटन विभाग, सीमा सड़क संगठन (BRO) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के अधिकारियों की एक टीम ने कैलाश पर्वत के स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाले स्थान की खोज की थी। उत्तराखंड पर्यटन विभाग के पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आयोजित हुई यात्रा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय सीमा के अंदर से कैलाश दर्शन संभव बनाने वाले सभी विभागों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अब शिव भक्तों को कैलाश-मानसरोवर यात्रा का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वे भारतीय सीमा के अंदर से ही भगवान के दर्शन कर सकेंगे। वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पहली यात्रा के सफल आयोजन को शिव भक्तों के लिए ऐतिहासिक घटना बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तीर्थयात्रियों को एक अनूठा और यादगार अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह यात्रा उत्तराखंड पर्यटन विभाग के एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आयोजित की गई थी। बता दें, कोविड बाद से तिब्बत के रास्ते पारंपरिक कैलाश मानसरोवर यात्रा कई वर्षों से निलंबित थी। तीन साल तक बंद रही थी यात्रा कोविड के दौरान कैलाश-मानसरोवर यात्रा तीन साल बंद रही थी। पिछले साल चीन ने यात्रा के लिए वीसा देने शुरू कर दिया था। हालांकि, इसके नियम बेहद कड़े कर दिए थे। साथ ही यात्रा पर लगने वाले कई तरह की फीस भी लगभग दोगुनी कर दी थी। भारतीय नागरिकों को यात्रा के लिए अब 1.85 लाख रुपए खर्च करने होते हैं। अगर तीर्थयात्री अपनी मदद के लिए ने

Dainik Bhaskar पूर्व क्रिकेटर सलिल अंकोला की मां का शव मिला:गले में चोट के निशान मिले,हत्या की आशंका, घर में अकेली थीं

पूर्व क्रिकेटर सलिल अंकोला की मां माला अशोक अंकोला (77) का शव पुणे में प्रभात रोड स्थित उनके घर पर संदिग्ध हालात में मिला है। चेहरे पर चोट के निशान थे। पुलिस इसे हत्या मान रही है। वे घर में अकेली थीं। जानकारी मिलने पर पुलिस उन्हें पुणे के अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। गर्दन पर जख्म थे जानकारी के मुताबिक दोपहर में जब घर पर काम करने के लिए हेल्पर पहुंची और उन्होंने घर की घंटी बजाई तो दरवाजा नहीं खुला। जिसके बाद हेल्पर ने अपनी बेटी को बुलाकर जानकारी दी। उसके बाद हेल्पर के पति ने घर का दरवाजा खोला। उस वक्त माला अंकोला खून से लथपथ थी। उसकी गर्दन पर चाकू का घाव था।उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। पहली पत्नी ने की थी खुदकुशी सलिल अंकोला की पहली पत्नी परिणीति अंकोला ने साल 2013 में खुदकुशी कर ली थी। उस समय वह अपने मायके गईं हुई थी और घर के बाकी लोग एक शादी अटेंड करने गए हुए थे। टीम इंडिया के लिए 20 वनडे और एक टेस्ट खेल चुके हैं अंकोला सलिल अंकोला टीम इंडिया के लिए एक टेस्ट और 20 वनडे मैच खेल चुके हैं। उन्होंने वनडे में 13 और टेस्ट में दो विकेट लिए। इसके अलावा उन्होंने अपने करियर में कुल 54 फर्स्ट क्लास और 75 लिस्ट ए मुकाबले भी खेले। सचिन-द्रविड़ और गांगुली के साथ खेले अंकोला सलिल अंकोला ने पाकिस्तान के खिलाफ 15 नवंबर, 1989 को कराची में टेस्ट डेब्यू किया था। हालांकि ये मैच उनका आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ। सलीम मलिक अंकोला के पहले शिकार थे। अंकोला ने पाकिस्तान के खिलाफ 1989 में ही वनडे डेब्यू किया था और उनका पहला वनडे विकेट इमरान खान थे। अंकोला अपने करियर का आखिरी मैच डरबन में 1997 में सचिन की कप्तानी में खेले।

Dainik Bhaskar 'मुस्लिम संत बनकर घूम रहे...महाकुंभ में आधार देखकर एंट्री मिले':प्रयागराज में अखाड़ा परिषद का फैसला; शाही-पेशवाई शब्द पर भी ऐतराज

हमने हरिद्वार में देखा है कि वहां कई मुस्लिम भाई संत बनकर घूम रहे हैं। इसलिए जरूरी है, जो भी प्रयागराज महाकुंभ में आए, उसकी जांच हो। उसके पास आधार कार्ड हो, ताकि उसकी पहचान हो सके। हमारे साधु-संत, श्रद्धालु और शासन-प्रशासन सभी सुरक्षित हो सकें। ये महाकुंभ है, कोई भी उग्रवादी यहां संत बनकर आ सकता है। यह बात शुक्रवार देर शाम प्रयागराज के निरंजनी अखाड़े हुई अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कही। सिर्फ सनातनियों को एंट्री मिले परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने कहा- महाकुंभ मेला में सिर्फ सनातनियों को ही प्रवेश दिया जाए। कोई भी मुखौटा लगाकर गलत तरीके से महाकुंभ मेले में प्रवेश कर सनातन संस्कृति और परंपरा को दूषित कर सकता है। इस खतरे से निपटने के लिए समय रहते मेला प्रशासन और सरकार को चौकन्ना रहना होगा। कुंभ में शाही और पेशवाई शब्द का इस्तेमाल नहीं होगा मीडिया से बातचीत में महंत हरि गिरि ने कहा- कुंभ मेले में आने वाले साधुओं के रहने की व्यवस्था अच्छी हो, इसको लेकर भी चर्चा हुई है। वहीं कुंभ के स्नान से शाही और पेशवाई शब्द हटाने पर विचार-विमर्श हुआ। यह तय किया गया कि इस बार इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल नहीं होगा। दो दिन बाद सीएम के सामने रखेंगे अपनी बात महंत हरि गिरी ने कहा- आज जो भी निर्णय लिए गए हैं, वह 6 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखे जाएंगे। दरअसल, मुख्यमंत्री 6 को ही प्रयागराज आ रहे हैं। वह अखाड़ों के पदाधिकारियों के साथ वार्ता करेंगे। अखाड़ा परिषद में 13 में 8 अखाड़े निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी के साथ हैं। शनिवार सुबह 10 बजे से निरंजनी अखाड़े के मुख्यालय दारागंज में अखाड़ा पंचायत की फिर से बैठक होगी। इस बैठक में महाकुंभ में संतों की पेशवाई और शाही स्नान का नाम बदले जाने को लेकर प्रस्ताव पास हो सकता है। अखाड़े की ओर से योगी सरकार से सरकारी तौर पर नाम बदले जाने का अनुरोध किया जा सकता है। बैठक में महाकुंभ से जुड़े कई प्रस्ताव किए गए पास क्यों उठ रही शाही और पेशवाई शब्द बदलने की मांग संतों ने कुंभ में उर्दू और फारसी शब्दों के प्रयोग पर आपत्ति जताई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने शाही को उर्दू शब्द बताया है। वहीं पेशवाई फारसी शब्द है। संत शाही के स्थान पर राजसी स्नान का प्रयोग करने पर जोर दे रहे हैं। इसके अलावा अ

Dainik Bhaskar SC रिजर्वेशन में कोटे में कोटा मामला:सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका खारिज की, कहा- फिर से विचार करने जैसा कुछ नहीं

राज्य सरकारें अनुसूचित जाति (SC) रिजर्वेशन में कोटे में कोटा दे सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संविधान पीठ ने इसके खिलाफ लगी पुनर्विचार याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया। CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा- 'पुराने फैसले में ऐसी कोई खामी नहीं है, जिस पर फिर से विचार किया जाए।' बेंच ने कहा- पुर्नविचार याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट के 1 दिसंबर को दिए गए फैसले को खारिज करने का कोई आधार नहीं बताया गया है। इसलिए पुर्नविचार याचिकाएं खारिज की जाती हैं। 1 अगस्त को कोर्ट ने क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को फैसला सुनाया था कि राज्य सरकारें अब अनुसूचित जाति, यानी SC के रिजर्वेशन में कोटे में कोटा दे सकेंगी। अदालत ने 20 साल पुराना अपना ही फैसला पलट दिया। तब कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जातियां खुद में एक समूह हैं, इसमें शामिल जातियों के आधार पर और बंटवारा नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने राज्य सरकारों को 2 निर्देश दिए थे कोर्ट ने अपने नए फैसले में राज्यों के लिए जरूरी हिदायत भी दी। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें मनमर्जी से फैसला नहीं कर सकतीं। इसके लिए दो शर्तें होंगी... पहली: अनुसूचित जाति के भीतर किसी एक जाति को 100% कोटा नहीं दे सकतीं। दूसरी: अनुसूचित जाति में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए। 24 सितंबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया कोर्ट ने 24 सितंबर को ही इन याचिकाओं पर सुनवाई की थी, लेकिन फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन याचिकाओं को संविधान बचाओ ट्रस्ट, अंबेडकर ग्लोबल मिशन, ऑल इंडिया SC-ST रेलवे एम्प्लॉयी एसोसिएशन समेत कई संस्थाओं की ओर से दायर किया गया था। फैसले का आधार: अदालत ने फैसला उन याचिकाओं पर सुनाया है, जिनमें कहा गया था कि अनुसूचित जाति और जनजातियों के आरक्षण का फायदा उनमें शामिल कुछ ही जातियों को मिला है। इससे कई जातियां पीछे रह गई हैं। उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए कोटे में कोटा होना चाहिए। इस दलील के आड़े 2004 का फैसला आ रहा था, जिसमें कहा गया था कि अनुसूचित जातियों को सब-कैटेगरी में नहीं बांट सकते। फैसले के मायनेः राज्य सरकारें अब राज्यों में अनुसूचित जातियों में शामिल अन्य ज

Dainik Bhaskar बाइक सवार युवकों ने छात्राओं से की छेड़छाड़, VIDEO:जान बचाकर भागी बच्चियां, परीक्षा देकर स्कूल से लौट रही थीं

देवरिया में स्कूल से लौट रही छात्राओं से बाइक सवार 4 युवकों ने छेड़छाड़ की। पीछा कर एक छात्रा का हाथ पकड़कर खींच लिया, जिससे वह साइकिल से नीचे गिर गई। दूसरी छात्रा डर के मारे असंतुलित होकर खेत में गिर गई। घटना सड़क किनारे पोल्ट्री फार्म के CCTV कैमरे में कैद हो गई। मामला तरकुलवा थाना क्षेत्र का है। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। घटना के 3 फोटो देखें... परीक्षा देकर घर आ रही थीं छात्राएं सिसवा नारायणपुर गांव स्थित एक विद्यालय की 8वीं की छात्राएं शुक्रवार को परीक्षा देकर घर लौट रही थीं। रास्ते में बाइक सवार चार युवकों ने उनका रास्ता रोक लिया। छात्राओं का हाथ पकड़ कर खींचने लगे। बचने के लिए एक छात्रा साइकिल छोड़कर चीखते हुए वहां से भागी। छात्राओं के चिल्लाने पर भागे बाइक सवार वहीं दूसरी छात्रा साइकिल से भागते समय असंतुलित होकर धान के खेत में गिर गई। छात्राओं के चिल्लाने पर बाइक सवार युवक फरार हो गए। छात्राओं ने घटना की सूचना विद्यालय में दी। प्रबंधक ने पुलिस को लिखित तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। रॉयल ब्रदर्स ने बदला नाम रखा 005 ग्रुप ग्रामीणों का कहना है कि कुछ महीने पहले एक इंटर कॉलेज से पढ़कर लौट रही छात्राओं से भी इसी गैंग के लड़कों ने छेड़खानी की थी। पुलिस ने दो लड़कों का शांति भंग में चालान किया था। कुछ दिन पहले थाना क्षेत्र के चिउटहा गांव के पास से कोचिंग पढ़कर घर लौट रही छात्राओं से अश्लील हरकत करते दो युवकों पुलिस ने पकड़ा था। कुछ छात्राओं ने स्कूल जाना किया बंद क्षेत्र के कुछ गांवों के युवकों ने एक रॉयल ब्रदर्स ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप के युवक आए दिन लड़कियों से छेड़खानी और मारपीट करते हैं। इस कारण कुछ छात्राओं ने स्कूल जाना बंद कर दिया है। कुछ महीने पहले रॉयल ब्रदर्स ग्रुप ने अपना नाम बदल कर 005 ग्रुप कर लिया है। पुलिस की पांच टीमें आरोपियों की तलाश जुटी एसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि मामला तरकुलवा थाना क्षेत्र का है। यहां दो बालिकाओं को बाइक सवारों युवकों ने परेशान किया है। उनका पीछा किया। तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस की 5 टीमें बनाई गई हैं। सीसीटीवी फुटेज से युवकों की पहचान की जा रही है। जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ये भी पढ़ें... प्रयागराज में पिता की दवा लेने निकली बच्ची की हत्या:घर से

Dainik Bhaskar SC में सुनवाई तक MCD स्टैंडिंग कमेटी चुनाव पर रोक:LG से पूछा- ऐसे दखल देंगे तो लोकतंत्र का क्या होगा; 2 हफ्ते में जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (MCD) की स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य की चुनाव प्रक्रिया पर आपत्ति जताई। कोर्ट ने उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना के MCD एक्ट की धारा 487 का इस्तेमाल पर भी सवाल उठाया। कोर्ट लोकतांत्रिक प्रक्रिया में LG के दखल देने और चुनाव प्रक्रिया में मेयर शैली ओबेरॉय को नजरअंदाज करने पर भी सवाल उठाया। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने एलजी की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट संजय जैन से पूछा- धारा 487 के तहत चुनाव में बाधा डालने का अधिकार आपको कहां से मिला, खासकर तब जब यह स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य के चुनाव का मामला हो? आपको इतनी जल्दी क्या थी कि आप दो दिन में ही चुनाव कराना चाहते थे? अगर आप इस तरह से दखलअंदाजी करते रहेंगे तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का क्या होगा? कोर्ट ने चुनाव को चुनौती देने वाली ओबेरॉय की याचिका पर नोटिस जारी किया। साथ ही मौखिक रूप से एलजी से कहा कि जब तक याचिका पर दो सप्ताह बाद सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष के चुनाव न कराए जाएं। अगर आप चुनाव कराते हैं तो हम इसे गंभीरता से लेंगे। क्या है पूरा मामला मामला 27 सितंबर को हुए MCD की स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य के चुनाव का है। यह सीट बीजेपी के कमलजीत सेहरावत के लोकसभा के लिए चुने जाने पर खाली हुई थी। चुनाव में बीजेपी के सुंदर सिंह ने ही जीत हासिल की थी। जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने चुनाव का बहिष्कार किया था। इसे लेकर MCD मेयर शैली ओबेरॉय ने 1 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा कि चुनाव प्रक्रिया असंवैधानिक और निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकारों का खुला उल्लंघन है। MCD प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस रेग्युलेशन, 1958 के नियम 51 का संदर्भ देते हुए कहा गया कि स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव मेयर की अध्यक्षता में निगम की बैठक में होना चाहिए। इसके अलावा नियम 3 (2) के अनुसार ऐसी बैठक की तारीख, समय और जगह केवल मेयर ही तय कर सकता है। वहीं, MCD Act की धारा 76 कहती है कि इन बैठकों की अध्यक्षता मेयर या उनकी अनुपस्थिति में डिप्टी मेयर करेगा। हालांकि, चुनाव कराने के निर्देश LG ने धारा 487 के तहत दिए थे। इसके बाद एडिशनल कमिश्नर जितेंद्र यादव ने बैठक बुलाई और चुनाव कराए। याचिकाकर्ता का तर्क है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से अवैध

Dainik Bhaskar चंडीगढ़ में गोल्डी बराड़ के खिलाफ लगेगा UAPA:फॉर्च्यूनर चालक पर फायरिंग की; एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी

विदेश में बैठे कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बराड़ पर चंडीगढ़ पुलिस एक और संगीन मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत कड़ा एक्शन लेने जा रही है। गोल्डी बराड़ पर डड्डूमाजरा इलाके में फॉर्च्यूनर चालक गुरजीत सिंह भूरा से एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने और रंगदारी न देने पर उस पर 2 सितंबर को फायरिंग करने का आरोप है। इस मामले में पुलिस अब यूएपीए की धारा जोड़ने की तैयारी में है। घटना उस समय की है जब गुरजीत सिंह भूरा जिम से लौट रहे थे। गोल्डी बराड़ के कहने पर उसके गुर्गे हर्षदीप और गुरशरनजीत ने भूरा पर गोलियां चलाईं। यह हमला सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि भूरा ने गोल्डी की मांग के अनुसार एक करोड़ रुपए की रंगदारी देने से इनकार कर दिया था। चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले में दोनों शूटरों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले भी 11 मार्च को चंडीगढ़ पुलिस ने गोल्डी बराड़ के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था। लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गिरोह से जुड़े शूटर ​गिरफ्तार सेक्टर-11 पुलिस थाना के दर्ज किए गए इस मामले में क्राइम ब्रांच ने लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गिरोह से जुड़े और भी शूटरों को गिरफ्तार किया है। इनमें रोहतक निवासी सनी उर्फ सचिन और उमंग, फरीदाबाद निवासी कैलाश चौहान उर्फ टाइगर और राजस्थान की महिला माया उर्फ पूजा शर्मा शामिल हैं। इन शूटरों का मकसद जिला न्यायालय परिसर में गैंगस्टर राणा की हत्या करना था। इसके लिए उन्होंने वकीलों के कपड़े और गाउन तक खरीद लिए थे, ताकि वे आसानी से न्यायालय में घुसकर वारदात को अंजाम दे सकें। चंडीगढ़ पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि गोल्डी बराड़ लगातार अपने गिरोह के सदस्यों के जरिए शहर में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। पुलिस का मानना है कि इस नए मामले में यूएपीए के तहत कार्रवाई से न सिर्फ गोल्डी बराड़ पर शिकंजा कसने में मदद मिलेगी, बल्कि उसके गुर्गों और अन्य आपराधिक तत्वों को भी एक सख्त संदेश जाएगा। चंडीगढ़ पुलिस पहले भी गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के खिलाफ कई कार्रवाई कर चुकी है। इस बार की कार्रवाई से पुलिस की मंशा साफ है कि वह किसी भी सूरत में शहर में गैंगस्टर गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगी।

Dainik Bhaskar ब्रेकिंग न्यूज़:पाकिस्तान जाएंगे विदेश मंत्री जयशंकर, SCO की बैठक में शामिल होंगे

विदेश मंत्री एस जयशंकर 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान जाएंगे। वे इस्लामाबाद में SCO के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसकी जानकारी दी है। यह 9 साल में पहली बार होगा जब भारत का कोई मंत्री पाकिस्तान जाएगा। दरअसल, पाकिस्तान ने 29 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मीटिंग के लिए न्योता दिया था। पाकिस्तान की विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था कि बैठक में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है। इस पर जयशंकर ने कहा था, "पाकिस्तान से बातचीत करने का दौर अब खत्म हो चुका है। हर चीज का समय होता है, हर काम कभी ना कभी अपने अंजाम तक पहुंचता है। जहां तक ​​​​जम्मू-कश्मीर का सवाल है तो अब वहां आर्टिकल 370 खत्म हो गई है। यानी मुद्दा ही खत्म हो चुका है। अब हमें पाकिस्तान के साथ किसी रिश्ते पर क्यों विचार करना चाहिए।" सुषमा स्वराज ने की थी आखिरी PAK यात्रा प्रधानमंत्री मोदी आखिरी बार साल 2015 में एक सरप्राइज विजिट पर लाहौर पहुंचे थे। तब उन्होंने पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। इसके बाद दिसंबर 2015 में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी पाकिस्तान दौरे पर गई थीं। उनके इस दौरे के बाद से भारत के किसी भी प्रधानमंत्री या मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। तब से दोनों देशों के बीच कोई हाई-लेवल बैठक नहीं हुई है। हम इसे लगातार अपडेट कर रहे हैं...

Dainik Bhaskar अशोक तंवर बोले- धर्म-जाति की नीति देख BJP छोड़ी:हरियाणा के नेता दोबारा कांग्रेस में शामिल; 5 साल में 5 रूप दिखाए, अब खिल्ली उड़ रही

हरियाणा में भाजपा को छोड़कर अचानक कांग्रेस में शामिल हुए नेता अशोक तंवर का आज पहला बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है, 'भाजपा जाति और धर्म के नाम पर लड़वाती है। आज हरियाणा के अंदर किस तरीके से जाति का सहारा लेकर, जहां धर्म चले वहां धर्म चलाओ, जहां धर्म न चले, वहां जाति चलाओ। यह भाजपा की नीति है। यही देखकर मैं आहत हुआ और कांग्रेस में वापसी की।' तंवर गुरुवार को एक चुनावी जनसभा में राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए, लेकिन आज उन्होंने आधिकारिक रूप से सदस्यता ली। इसके बाद दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तंवर ने कहा, ''पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा और ऐसे अन्य कार्यक्रम आयोजित किए। भारत जोड़ो यात्रा ने देश को एक दिशा दी और लोगों में कांग्रेस पार्टी के प्रति विश्वास पैदा हुआ है। राहुल गांधी एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरे हैं। BJP राजनीति में जहां भी लागू हो, धर्म और जाति का उपयोग करती है।'' 5 साल कांग्रेस से दूर रहे तंवर भाजपा को छोड़कर अचानक कांग्रेस में शामिल होने के बाद अशोक तंवर को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। यह उनकी करीब 5 साल बाद फिर से कांग्रेस में वापसी है। उन्होंने 5 अक्टूबर 2019 में कांग्रेस को अलविदा कहा था। इन 5 सालों में अशोक तंवर ने आम आदमी पार्टी (AAP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता ली। साथ ही जाने-अनजाने में जननायक जनता पार्टी (JJP) के लिए चुनाव प्रचार भी किया। अब फिर से वह कांग्रेस में शामिल हुए हैं तो उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। उनकी ट्रोलिंग के संदर्भ में कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें अशोक तंवर को विभिन्न पार्टियों के बारे में बोलते हुए देखा जा सकता है। इन वीडियोज में अशोक उन पार्टियों की तारीफ कर रहे हैं, जिन्हें उन्होंने जॉइन कर लिया। यहां पढ़िए, अलग-अलग पार्टियों के पक्ष में दिए अशोक तंवर के बयान... JJP के पक्ष में बयान: नहीं, नहीं! सत्ता में आने का नहीं, हमारी तो सरकार बन रही है। अभी सरकार बनेगी JJP की। AAP के लिए दिया बयान: भारत माता का लाल, करेगा कमाल, केजरीवाल-केजरीवाल। TMC के पक्ष में बयान: अरे भाई खुली चुनौती है। इस तृणमूल को रोक के दिखाइयो। हम तो इन पापियों को खत्म करने का अकेले ही बीड़ा उठाए हुए थे। अब तो

Dainik Bhaskar बीजेपी विधायक नवरात्रि में रामायण और तलवार बांट रहे:बोले- सरकार और प्रशासन दोनों अपने हैं, गिरिराज ने कहा- हथियार लेकर ही पूजा करें

बिहार के सीतामढ़ी में नवरात्रि के शुरू होने पर विधायक मिथिलेश कुमार घूम-घूमकर पूजा समिति के सदस्यों को तलवार और रामायण बांट रहे हैं। विधायक ने अपनी कार में रामायण और तलवार दोनों रखी है। वे जहां जा रहे हैं दुर्गा समिति के सदस्यों को इसे दे रहे हैं। इसे लेकर उन्होंने कहा कि 'समाज में शस्त्र और शास्त्र दोनों की जरूरत है, मैं सभी पूजा समितियों को तलवार और रामायण दे रहा हूं।' उन्होंने कहा कि 'तलवार हिंसा के लिए नहीं बल्कि ऋषि पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए दी जा रही है। प्राचीन काल में महान ऋषि मुनियों ने अपनी कठिन तपस्या और साधना से शस्त्रों का निर्माण किया था। संसार और धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र दिए थे। भगवान शिव ने भी अर्जुन को शस्त्र दिया था।' जानकारी के अनुसार तलवारें असली हैं। इन्हें सीतामढ़ी के बाहर से मंगवाया गया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने विधायक का समर्थन करते हुए हिंदुओं को दुर्गा पूजा के दौरान एक हाथ में अस्त्र लेकर पूजा करनी चाहिए। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी उनके बयान से पल्ला झाड़ते दिखे। आरजेडी का कहना है कि बीजेपी का काम ही है दंगा, फसाद करवाना। JDU ने कहा है कि अब बिहार के इन सब चीजों की नहीं कमल की जरूरत है। प्रशासन और सरकार दोनों अपने हैं विधायक मिथिलेश कुमार ने तलवार और रामायण बांटने को लेकर कहा कि 'मां भगवती की कृपा है। इसलिए पूजा समितियों को रामायण और तलवार दे रहा हूं। कुल 71 तलवार और रामायण देने का लक्ष्य है। अब तक 41 दे चुका हूं।' जिला प्रशासन की कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'सरकार और प्रशासन दोनों अपनी है, जरूरत पड़ने पर समझा देंगे।' विधायक ने कहा कि 'मैं कोरोना के वक्त बीमार पड़ा था। फिर 2022 में एक्सीडेंट हुआ। भगवती की कृपा से ही बचा हूं। भगवती चाहेंगी तो हम 100 साल जीएंगे और यह काम करते रहेंगे। बलि के लिए करेंगे तलवार का इस्तेमाल किंग स्टार मां दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष अमर कुमार गुप्ता ने कहा कि 'हर साल बलि के लिए शस्त्र की जरूरत पड़ती है। इस साल विधायक की ओर से भेंट किया गया है। इसमें उसका प्रयोग किया जाएगा। इसके साथ ही शस्त्र पूजा में भी उपयोग होगा। शोभा यात्रा में भी इस्तेमाल किया जाएगा।' सीतामढ़ी एसपी मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि 'मामले की जानकारी मिलने के बाद एसडीपीओ सदर को जांच का आदेश दिया गया है।' अब इस मामले में सियासी बयान

Dainik Bhaskar बाढ़ पीड़ितों और पुलिस के बीच चले लाठी-डंडे, VIDEO:मुजफ्फरपुर में राहत सामग्री नहीं मिली तो NH-77 को किया जाम, रास्ता खुलवाने गई थी टीम

मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को बाढ़ पीड़ितों और पुलिस के बीच लाठी-डंडे चले हैं। बताया जा रहा है कि यहां बाढ़ की वजह से लोगों के घर डूब गए हैं। ये लोग सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर NH-77 पर राहत सामाग्री और मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। लोगों ने नेशनल हाई-वे को जाम कर दिया था। पुलिस इन्हें समझाने पहुंची तो लोग हटने को तैयार नहीं हुए। बताया जा रहा है कि भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने भी हल्का बल प्रयोग किया। घटना औराई प्रखंड के गोपालपुर के पास है। अब कुछ तस्वीरें देखिए.... मुजफ्फरपुर में बाढ़ की वजह से कई लोगों के घर का पूरा सामान बह गया है। लोग मजबूर होकर ऊंचे स्थान और छत पर शरण लेने को मजबूर हैं। फूस के बने घर बह गए और पक्के मकान भी गिरने की कगार पर हैं। इधर, फूड पैकेजिंग भी पीड़ितों को नहीं मिल रही है। इसके कारण अब पीड़ित उग्र हो गए हैं। प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिलने की वजह से गुस्साए लोगों ने बांस बल्ली लगाकर बीच सड़क पर टायर जलाया। लोगों ने मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रोड को जाम कर दिया। नाराज बाढ़ पीड़ितों ने इस दौरान पुलिस को खदेड़ा और पथराव किया। इसके साथ ही लाठी-डंडे से पुलिस पर हमला भी किया। इस घटना के बाद पुलिस कर्मी वहां से जान बचाकर भागे। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल को भेजा जा रहा है। मुजफ्फरपुर में 25 से ज्यादा गांव डूबे, 3 लाख आबादी प्रभावित नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हुई बारिश की वजह से मुजफ्फरपुर की नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया। गंडक, बूढ़ी गंडक और बागमती खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी। निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने लगा, जिससे औराई और कटरा प्रखंड के 25 से अधिक गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। 3 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं। लोग मजबूर होकर छतों पर शरण लिए हुए हैं। बागमती, गंडक और बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने से औराई और कटरा प्रखंड के बकुची, मोहनापुर पतारी, हमदमा, गंगिया, माधोपुर, भवानीपुर, बासाघट्टा, बभमगमा समेत 25 से अधिक गांव में बाढ़ की स्थिति बन गई है। इन गांवों के घरों में 4 फीट पानी घुस गया है। इससे लोग अपने-अपने घर की छत पर रहने को मजबूर हैं। लोगों को कहीं घुटने तो कहीं कमर तक पानी से होकर आना-जाना पड़ रहा है। इसके साथ ही लोग मवेशियों के चारे की समस्या से भी जूझ रहे हैं। अब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की तस्वीर देखिए..

Dainik Bhaskar दंतेवाड़ा-नारायणपुर बॉर्डर पर मुठभेड़, 7 नक्सली ढेर:सर्च ऑपरेशन में शव के साथ AK-47 समेत ऑटोमेटिक हथियार भी बरामद

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले के बॉर्डर पर पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। फोर्स ने 7 नक्सलियों को मारा गया है। सातों नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। AK-47 , एसएलआर समेत अन्य हथियार बरामद किए हैं। अबूझमाड़ में 2 घंटे से रुक-रुककर फायरिंग हो रही थी। इसके बाद जब फायरिंग रुकी तो सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान शव और ऑटोमेटिक वेपन्स बरामद हुए। एक दिन पहले नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले से जवानों को नक्सल ऑपरेशन पर भेजा गया था। 164 नक्सली ढेर 10 दिन पहले 24 सितंबर को सुकमा जिले में भी मुठभेड़ हुई थी। एनकाउंटर में 2 नक्सलियों को ढेर किया गया। हालांकि दोनों शव को उनके साथी अपने साथ ही ले गए। DRG, CRPF और कोबरा के जवान कर्कनगुड़ा में नक्सलियों के कोर इलाके में घुसे थे। 2024 में अबतक 164 नक्सलियों को मार गिराया गया है। एक महीने पहले 3 महिला नक्सली ढेर 29 अगस्त को नारायणपुर और कांकेर बॉर्डर पर अबूझमाड़ इलाके में मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में 3 वर्दीधारी महिला नक्सली को ढेर किया गया था। इनकी शिनाख्त उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी और PLGA कम्पनी नंबर 05 के सदस्य के रूप में हुई। मानसून सीजन में ही 212 नक्सली गिरफ्तार पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुन्दरराज पी ने इस मुठभेड़ से पहले बताया था कि बस्तर संभाग में मानसून सीजन में ही 212 से ज्यादा नक्सली गिरफ्तार हुए हैं। नक्सल विरोधी अभियान के दौरान 201 नक्सलियों ने सरेंडर भी किया है। खबर अपडेट हो रही है..

Dainik Bhaskar सोमनाथ मंदिर के पास अवैध निर्माण पर बुलडोजर एक्शन:सुप्रीम कोर्ट बोला- हमारे आदेश की अवमानना ​​हुई तो अधिकारियों को जेल भेजेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अगर उसे लगता है कि गुजरात में अधिकारियों ने बुलडोजर एक्शन पर उसके आदेश की अवमानना ​​की है, तो वह न केवल अधिकारियों को जेल भेजेगा, बल्कि उन्हें ध्वस्त की गई संपत्ति दोबारा बनाने का आदेश भी देगा। यह बात जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कही। बेंच गुजरात में सोमनाथ मंदिर के पास बने अवैध निर्माणों पर 28 सितंबर को हुए बुलडोजर एक्शन के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में समस्त पाटनी मुस्लिम जमात ने सुप्रीम कोर्ट के 17 सितंबर के आदेश के उल्लंघन को लेकर ​​कार्रवाई करने की मांग की थी। इस दौरान मुस्लिम धार्मिक और आवासीय स्थलों को ज्यों का त्यों रखने की मांग खारिज कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। सोमनाथ मंदिर से 340 मीटर दूर बने थे घर और दरगाह याचिका समस्त पटनी मुस्लिम जमात के वकील संजय हेगड़े ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आदेश के बावजूद, गुजरात में अधिकारियों ने बुलडोजर एक्शन को अंजाम दिया। यहां 57 एकड़ के क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय की लगभग 5 दरगाहें, 10 मस्जिदें और 45 घरों पर बुलडोजर चलवाया गया। गुजरात के अधिकारियों की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये संरचनाएं समुद्र से सटी हुई थीं और सोमनाथ मंदिर से करीब 340 मीटर दूर थीं। देश भर में हो रहे बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुरक्षित सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में हो रहे बुलडोजर एक्शन के मामले में 1 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने कहा था कि फैसला आने तक देशभर में बुलडोजर एक्शन पर रोक जारी रहेगी। अभी सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की तारीख तय नहीं की है। हालांकि कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि अवैध अतिक्रमणों को हटाने पर कोई रोक नहीं होगी। सड़क हो, रेल लाइन हो, मंदिर हो या फिर दरगाह, अवैध अतिक्रमण हटाया ही जाएगा। हमारे लिए जनता की सुरक्षा ही प्राथमिकता है।

Dainik Bhaskar सवाल: BJP का टारगेट आप ही क्यों?:हुड्‌डा- जो राजनीति में उठता है, वह टारगेट बनता ही है; भाग्य में होगा तो दीपेंद्र CM बनेगा

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए कल सुबह वोटिंग होगी। चुनावी शोरगुल थम चुका है। नेता अब डोर टू डोर जाकर प्रचार में जुटे हैं। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा भी रोहतक में लोगों से मिल रहे हैं। इसी दौरान पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। हुड्‌डा ने BJP के उनको ही टारगेट करने पर कहा- राजनीति में जो ऊपर जाता है, उसे टारगेट किया ही जाता है। हुड्‌डा ने डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को पैरोल मिलने को कानूनी मामला करार दिया। इसके अलावा दीपेंद्र हुड्‌डा के मुख्यमंत्री बनने पर कहा कि भाग्य में जो होगा, वह मिलेगा। इनके अलावा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति, BJP के सरकारी नौकरियों में पर्ची-खर्ची के आरोपों समेत हरियाणा के तमाम बड़े मुद्दों पर भूपेंद्र हुड्‌डा ने दैनिक भास्कर बात की, उसके प्रमुख अंश पढ़ें... सवाल: वोटिंग से पहले लोगों से क्या अपील करना चाहेंगे? भूपेंद्र हुड्‌डा : भाईचारा बनाए रखें, शांतिपूर्ण तरीके से अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करें। सवाल : BJP ने आप पर कई तरह के आरोप लगाए। हर बार आपको टारगेट क्यों किया जाता है? भूपेंद्र हुड्‌डा : ये कुदरती बात है, जो राजनीति में ऊपर आता दिखता है, उसे ही टारगेट करेंगे। सवाल: BJP ने पर्ची-खर्ची का मुद्दा उठाया, इससे यूथ प्रभावित तो नहीं होगा?​​​​​​​ भूपेंद्र हुड्‌डा : उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। HPSC के ऑफिस में करोड़ों रुपए किसके राज में पकड़े गए..BJP के। कमीशन के चेयरमैन को किसके राज में सस्पेंड किया गया...BJP के। कौशल रोजगार निगम के MD के यहां करप्शन पकड़ा गया...BJP के राज में। इन्होंने खुद परचून की दुकान की तरह नौकरियां बेची हैं। उसे बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उल्टा चोर कोतवाल को डांट रहा है। सवाल: अशोक तंवर ने कल कांग्रेस जॉइन की है, क्या कहना चाहेंगे?​​​​​​​ भूपेंद्र हुड्‌डा : कोई नहीं, वह पहले कांग्रेस में ही थे। उनका स्वागत है। सवाल : पिता के तौर पर क्या आप चाहते हैं कि एक दिन दीपेंद्र हुड्‌डा हरियाणा की कमान संभालें?​​​​​​​ भूपेंद्र हुड्‌डा : ये हाईपोथेटिकल सवाल है। जो जिसके भाग्य में होगा, मिलेगा। सवाल: राम रहीम को चुनाव से ठीक पहले पैरोल मिली है। क्या ये सही है?​​​​​​​ भूपेंद्र हुड्‌डा : कोई बात नहीं। कानूनी प्रक्रिया और ज्यूडिशियरी का काम है। सवाल: सरकार बनाने का रोडमैप त