Dainik Bhaskar Dainik Bhaskar

Dainik Bhaskar हरियाणा की 90 सीटों की स्थिति:BJP के लिए गढ़ बचाने, कांग्रेस के सामने गिरता ग्राफ रोकना चैलेंज, जाट-दलित वोटर, थर्ड प्लेयर डिसाइडिंग फैक्टर

हरियाणा का चुनावी सीन हर दिन बदल रहा है। जम्मू-कश्मीर से फ्री होने के बाद BJP और कांग्रेस ने दिल्ली से सटे इस राज्य में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों पार्टियों में है। बीते 10-12 दिनों में भाजपा जहां रिकवरी मोड में नजर आई और उसने कई चीजों को ठीक किया। दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने पक्ष में दिख रहे मोंमेटम को बनाए रखने के लिए दिन-रात एक कर रखा है। हरियाणा की 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को एक साथ वोट डाले जाएंगे। प्रदेश में हवा का रुख समझने के लिए दैनिक भास्कर ने अलग-अलग इलाकों में आम लोगों, पॉलिटिकल पार्टियों और एक्सपर्ट्स से बात की। इसके मुताबिक पोलिंग से 2 दिन पहले तक कांग्रेस 40 से ज्यादा और भाजपा 22 से 32 सीटों पर मजबूत दिख रही है। BJP की सीटों का आंकड़ा बहुत हद तक इस बात पर भी डिपेंड रहेगा कि साइलेंट वोटर आखिरी समय में किस तरफ जाता है और जाट-दलित वोट बंटते हैं या नहीं। साध्वी यौन शोषण केस में सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख राम रहीम पोलिंग से ठीक पहले पैरोल पर बाहर आ चुका है। कांग्रेस इसके खिलाफ चुनाव आयोग गई लेकिन उसकी आपत्तियां दरकिनार कर दी गईं। डेरा आधा दर्जन से ज्यादा सीटों पर रिजल्ट प्रभावित कर सकता है। इसका फायदा भाजपा को मिलने का अनुमान है। अन्य दलों की बात करें तो इनेलो-BSP गठबंधन 1 से 5 और निर्दलीय 4 से 9 सीटों पर आगे रह सकते हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) का वोट शेयर तो इस बार बढ़ने की उम्मीद है लेकिन वह एक-आध सीट पर ही मुख्य मुकाबले में है। दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) और सांसद चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (ASP) कहीं मुख्य मुकाबले में नजर नहीं आती। डेढ़ दर्जन सीटों पर कांटे की टक्कर मतदान से 48 घंटे पहले तक की बात करें तो तकरीबन डेढ़ दर्जन सीटें ऐसी भी हैं जहां भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। यहां आखिरी समय में पलड़ा किसी भी तरफ झुक सकता है। यहां जीत-हार का मार्जिन भी कम रहने का अनुमान है। कई सीटों का रिजल्ट इस बात पर भी डिपेंड करेगा कि वहां थर्ड प्लेयर के रूप में इनेलो-BSP, AAP और JJP-ASP के अलावा निर्दलीय कितने वोट ले पाते हैं। अब पढ़िए… क्या है दोनों प्रमुख पार्टियों की स्थिति भाजपा: जीटी रोड-बागड़ बेल्ट में सुधार, बागी-भीतरघात से निपटना चैलेंज भाजपा ने सत्ताविरोधी लहर के बीच अपने ऑर्गेनाइज और ताबड़तोड़ प्रचार क

Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:आप पार्टी जैसे वादों के साथ एक और राजनीतिक दल मैदान में

राजनीतिक दलों का गठन बडे- बड़े वादों के साथ होता है। इन वादों को सुनकर लगता है कि बिगड़ैल राजनीतिक व्यवस्था को ये पार्टी ज़रूर सुधार देगी। हालाँकि इस तरह की तमाम आशाएँ, उम्मीदें और संभावनाएँ अब तक तो धूल- धूसरित ही होती रही हैं। राष्ट्रीय स्तर पर आज़ादी के वक्त ये तमाम संभावनाएँ लोगों ने कांग्रेस में देखी। लेकिन कुछ ही सालों में ये संभावनाएँ ओझल हो गईं। फिर जब वीपी सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ पुकार लगाई तो यही संभावनाएँ उनके जनता दल और भाजपा में देखी गईं। इन संभावनाओं के तिरोहित होने के बाद अन्ना के आंदोलन से आप पार्टी उपजी और लगा कि यह पार्टी और इसके लोग पूरी राजनीति को बदल देंगे। गाड़ी नहीं लेंगे। बंगला नहीं लेंगे। युवाओं को राजनीति में लाएँगे और परम्परावादी राजनीति को बदलकर भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति का नया अध्याय शुरू करेंगे। इस तरह के वादों के साथ आप पार्टी चुनाव मैदान में आई लेकिन उससे बंधी आशाएँ भी कुछ महीनों- सालों में फुर्र हो गईं। दरअसल, राजनीतिक दलों की विडम्बना यह है कि वे बड़े होते ही कांग्रेस हो जाते हैं। अब प्रशांत किशोर ने नई पार्टी का गठन किया है। जन सुराज नाम की इस पार्टी का गठन करने वाले प्रशांत किशोर कांग्रेस, भाजपा और जनतादल यू जैसे दलों के सलाहकार रह चुके हैं। इन पार्टियों की सफलता में उनका योगदान भी रहा है। अक्सर होता यह है कि राजनीतिक सलाहकार जब खुद अपनी पार्टी बना लेते हैं तो उनकी सफलता की कोई गारंटी नहीं होती। वैसे ही, जैसे नब्बे के दशक में कई पत्रकारों ने अख़बारों में काम करते- करते खुद ही अपने अख़बार निकाले और विफल हो गए। बहरहाल, प्रशांत किशोर ने भी आप पार्टी की तरह बडे- बड़े वादे किए हैं। उनका कहना है कि उनकी पार्टी से जो भी विधायक या सांसद बनेगा उसने जनता के काम नहीं किए तो राइट टु रिकॉल के तहत उसकी विधायकी या सांसदी छीन ली जाएगी। और भी वादे हैं, जैसे - बच्चों के लिए क्वालिटी एजुकेशन, युवाओं को रोजगार, बुजुर्गों को दो- दो हज़ार रुपए पेंशन आदि। फिलहाल प्रशांत किशोर की नई पार्टी बिहार में होने वाले चार उपचुनावों से अपना चुनावी सफ़र शुरू करने वाली है। यही उपचुनाव उनकी अगली सफलता की नींव साबित होगी।

Dainik Bhaskar तिरुपति लड्‌डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:फैसले के बाद आंध्र पुलिस SIT जांच आगे बढ़ाएगी; पवन कल्याण की प्रायश्चित दीक्षा आज पूरी होगी

आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के प्रसादम (लड्डुओं) में जानवरों की चर्बी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। 30 सितंबर की सुनवाई में जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा- 'जब प्रसाद में पशु चर्बी होने की जांच CM चंद्रबाबू नायडू ने SIT को दी, तब उन्हें मीडिया में जाने की क्या जरूरत थी। कम से कम भगवान को तो राजनीति से दूर रखें।' इसके बाद 1 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश पुलिस ने मामले की SIT जांच रोक दी। राज्य के डीजीपी द्वारका तिरुमाला राव ने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी, इसलिए तब तक SIT जांच नहीं की जाएगी। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक ये तय किया जाएगा कि SIT जांच को आगे बढ़ाना है या नहीं। वहीं, लड्डू विवाद को लेकर डिप्टी CM पवन कल्याण की 11 दिन की प्रायश्चित दीक्षा जारी है। प्रायश्चित के तहत पवन 1 अक्टूबर से तीन दिन के लिए नंगे पैर तिरुपति मंदिर यात्रा पर हैं। दीक्षा खत्म होने के बाद वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करेंगे। पूरी खबर यहां पढ़ें... पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- क्या सबूत है कि लड्‌डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल हुआ सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'जुलाई में लैब रिपोर्ट आई। वह स्पष्ट नहीं है। मुख्यमंत्री SIT जांच के आदेश देते हैं और फिर सितंबर में मीडिया के सामने बयान देते हैं। एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा कैसे कर सकता है।' कोर्ट ने तिरुपति मंदिर की ओर से पेश हुए वकील सिद्धार्थ लूथरा से पूछा- इस बात के क्या सबूत हैं कि लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था। इस पर वकील ने कहा कि हम जांच कर रहे हैं। इसके बाद जस्टिस गवई ने पूछा, 'फिर तुरंत प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी? आपको धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।' बेंच ने करीब 1 घंटे की सुनवाई के बाद कहा कि मामले की जांच SIT से ही कराएं या फिर किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से, इसके लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से हम सुझाव चाहते हैं। सभी याचिकाओं पर एक साथ 3 अक्टूबर को दोपहर 3:30 बजे सुनवाई करेंगे। पूरी खबर पढ़ें... 30 सितंबर को SIT ने तिरुमाला में फ्लोर मिल का निरीक्षण किया था इससे पहले SIT ने 30 सितंबर को कई जगहों पर छानबीन की थी। SIT के अधिकारियों ने तिरुमाला में फ्ल

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:इजराइली आर्मी लेबनान में घुसी, 8 सैनिकों की मौत; गोविंदा से अस्पताल में पुलिस पूछताछ; प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी बनाई

नमस्कार, कल की बड़ी खबर इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच लेबनान में चल रही जंग की रही, इजराइली आर्मी लेबनान के दक्षिणी इलाके में घुस चुकी है। एक खबर बिहार से रही, जहां की सियासत में अब जन सुराज पार्टी की एंट्री हो गई है। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. इजराइली आर्मी लेबनान में घुसी, हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने 3 टैंक तबाह किए, 8 इजराइली सैनिकों की मौत इजराइली आर्मी लेबनान के दक्षिणी इलाके में दाखिल हो चुकी है। यहां हिजबुल्लाह के साथ लड़ाई में 8 इजराइली सैनिकों की मौत हुई है। हिजबुल्लाह ने दावा किया है कि उसने इजराइल के 3 टैंक भी तबाह कर दिए हैं। इजराइल लेबनान में हिजबुल्लाह, गाजा में हमास, ईरान और यमन में हूती विद्रोहियों से लड़ाई लड़ रहा है। इजराइल में UN चीफ की एंट्री बैन: इजराइल ने UN चीफ एंटोनियो गुटेरेस के देश आने पर रोक लगा दी है। इजराइली विदेश मंत्री काट्ज ने कहा, 'UN चीफ ने ईरानी हमले की निंदा नहीं की, जिस वजह से ये फैसला लिया गया है।' उधर, गाजा के खान युनुस में हुई इजराइली स्ट्राइक में 51 लोग मारे गए हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. एक्टर गोविंदा से अस्पताल में पूछताछ, पुलिस अपने आप गोली चलने की बात से संतुष्ट नहीं मुंबई पुलिस ने बॉलीवुड एक्टर गोविंदा से गोलीकांड को लेकर पूछताछ की। पैर में गोली लगने से घायल गोविंदा फिलहाल अस्पताल में एडमिट हैं। पूछताछ में गोविंदा ने मिसफायर होने की बात दोहराई। एक्टर ने पुलिस को बताया कि रिवॉल्वर 20 साल पुरानी है। पुलिस गोविंदा के बयान से संतुष्ट नहीं है और जल्द ही दोबारा पूछताछ करेगी। पूरी खबर यहां पढ़ें... 3. प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी बनाई, विधानसभा से पहले 4 सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी प्रशांत किशोर ने बिहार के पटना में जन सुराज पार्टी लॉन्च की। SC समुदाय से आने वाले पूर्व IRS अफसर मनोज भारती पार्टी के पहले कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए गए हैं। जन सुराज पार्टी नवंबर 2024 में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भी कैंडिडेट्स उतारेगी। इस साल 4 सीटों पर उपचुनाव है। पूरी खबर यहां पढ़ें... 4. मानसून ट्रैकर: रेस्क्यू में जुटे हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग; MP-राजस्थान में बारिश का दौर खत्म बिहार के सीतामढ़ी से बाढ़ राहत सामग्री लेकर जा रहे एयरफोर्स हेलिकॉप्टर का इंजन फेल हो गया। पायलट

Dainik Bhaskar बदलापुर एनकाउंटर पर बॉम्बे हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी:पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बोला था- बदलापुर की घटना को एनकाउंटर मानना मुश्किल

ठाणे के बदलापुर में नर्सरी की दो बच्चियों के साथ यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर मामले में आज सुनवाई होगी। 25 सितंबर को पिछली सुनवाई ने एनकाउंटर को लेकर कई सवाल उठाए थे। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा था- हम कैसे मान लें कि 4 अफसर एक आरोपी को संभाल नहीं पाए। हथकड़ी भी लगी थी, अगर सेल्फ डिफेंस जैसी स्थिति थी तो आरोपी के पैर पर गोली मारते हैं, सिर में नहीं। बेंच ने कहा- अगर गोली चलाने वाला अफसर असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर है, तब वह यह नहीं कह सकता कि उसे रिएक्ट कैसे करना है, इसकी जानकारी नहीं थी। उसे पता होना चाहिए कि फायर कहां करना है। कोर्ट ने कहा- जैसे ही आरोपी ने ट्रिगर दबाया 4 लोग आसानी से उस पर काबू पा सकते थे। वो कोई बहुत मजबूत आदमी नहीं था। यह स्वीकार करना बहुत मुश्किल है। इसे एनकाउंटर नहीं कहा जा सकता है। अक्षय के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका लगाकर एनकाउंटर की SIT से जांच की मांग की है। इस पर जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के सवाल, राज्य सरकार का जवाब... कोर्ट: जो अफसर अक्षय शिंदे को ले जा रहा था वो ठाणे पुलिस की क्राइम ब्रांच से था? राज्य सरकार: जी। कोर्ट: जिस जगह घटना हुई, वो जगह खाली थी या फिर आसपास कॉलोनी और मकान थे? राज्य सरकार: दाईं ओर पहाड़ियां थीं और बाईं तरफ एक छोटा सा कस्बा था। जैसे ही यह घटना हुई उसके तुरंत बाद अक्षय और घायल पुलिसवाले को अस्पताल ले जाया गया। कोर्ट: किस अस्पताल ले गए, वो कितनी दूर था? राज्य सरकार: कलवा के करीब शिवाजी हॉस्पिटल। करीब 25 मिनट का रास्ता था। सबसे करीब अस्पताल यही था। कोर्ट: जब इतने गंभीर अपराध के आरोपी को ले जा रहे थे तो लापरवाही कैसे हो सकती है। SOP क्या है, क्या उसे हथकड़ी लगी थी? राज्य सरकार: लगी थी, उसने पानी मांगा था। कोर्ट: क्या आपने पिस्टल के फिंगर प्रिंट लिए थे? राज्य सरकार: FSL ने फिंगर प्रिंट लिए थे। कोर्ट: आप कह रहे हैं कि आरोपी ने 3 गोलियां चलाई थीं, पुलिस जवान को एक गोली लगी, बाकी 2 कहां गईं? आमतौर पर सेल्फ डिफेंस में हम पैर या हाथ पर गोली मारते हैं? राज्य सरकार: अफसर ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया, उसने खाली रिएक्ट किया। कोर्ट: हम कैसे मान लें कि गाड़ी में 4 अफसर थे और एक आरोपी को संभाल नहीं पाए? राज्य सरकार: यह

Dainik Bhaskar रिजिजू बोले- अच्छे काम पर भी अब वोट नहीं मिलते:संसद में शोर-शराबा और हंगामा ही होता, गालियां दो तो ही खबर बनती है

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राजनीति में अब गिरावट आ चुकी है। पहले संसद में अच्छी चर्चाएं और बहस हुआ करती थी। लेकिन अब सदन में शोर-शराबा और हंगामा ही होता है। एक-दूसरे को गालियां दो, तो ही खबर बनती है। रिजिजू आगे बोले- आज अच्छे काम करके भी वोट नहीं मिलते। अगर आप कुछ अच्छी बात करना चाहते हैं। उसको कोई सुनने वाला नहीं है। रिजिजू ने 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय सेवा भारती और संत ईश्वर फाउंडेशन की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में ये बातें कहीं। रिजिजू बोले- अच्छी बातों को आज मीडिया भी कवर नहीं करता राजनीति के गिरते स्तर पर बाते करते हुए रिजिजू ने कहा- जब हम युवा सांसद थे, तब संसद में अलग ही माहौल हुआ करता था। आज संसदीय कार्य मंत्री होने के नाते मैं सोचता रहता हूं कि आज इतना शोर है कि कोई भी अच्छा बोलने वालों को सुनने को तैयार नहीं है। रिजिजू ने कहा कि अन्य सांसदों से भी इस बारे में पूछता, उनका भी यही मानना है। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा, क्योंकि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है। लेकिन वे कहते हैं कि अगर आप अच्छी चीजों के बारे में बात करते हैं तो मीडिया कवर नहीं करता है। अगर आप संसद में गाली देते हैं और हंगामा करते हैं, तभी यह खबर बनती है। केंद्रीय मंत्री बोले- जैसी शिक्षा मिलनी चाहिए, वैसी नहीं मिल रही केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, मैं एक बॉर्डर एरिया से आता हूं। बचपन में वहां कोई स्कूल और सड़क नहीं थी। हमारे पास कोई सुविधा नहीं थी। टीचर चार-पांच किलोमीटर पैदल यात्रा करके हमारे गांव आते थे। लेकिन, आज बच्चे कॉन्वेंट और पब्लिक स्कूलों में पढ़ते हैं। कई स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा है। लेकिन, मुझे लगता है कि जिस तरह की शिक्षा मिलनी चाहिए, उसमें कहीं न कहीं कमी दिखाई देती है। रिजिजू बोले- सोशल मीडिया से लोगों पर गलत असर रिजिजू ने कहा कि समाज में अच्छे लोग हैं जो देश के भविष्य के निर्माण के बारे में सोचते हैं लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जो कोई योगदान नहीं देता और समाज को गलत तरीके से प्रभावित करता है। फिर भी, सोशल मीडिया पर उनके बड़ी संख्या में फॉलोअर्स हैं। मैं सोचता रहता हूं कि ऐसे लोगों को फॉलो करने का क्या मतलब है। क्या वे आदर्श लोग हैं? उन्होंने कहा कि लोगों को किसी व्यक्ति के जीवन और विचारों के बारे में जानने के बाद ही उसे फॉलो करना चाहिए। ये खबर भी पढ़ें...

Dainik Bhaskar जेल में जाति देखकर काम का बंटवारा,आज SC का फैसला:कोर्ट ने 17 राज्यों से जवाब मांगा था; CJI बोले थे- ऐसे नियम तकलीफ पहुंचाने वाले

जेल में कैदियों की जाति देखकर काम के बंटवारे मामले में आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा की 3 सदस्यीय बेंच ने 10 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल यह मामला एक पत्रकार सुकन्या शांता ने उठाया था। उन्होंने दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की और दलील दी कि, देश के करीब 17 राज्यों में जेलों में बंद कैदियों के साथ जाति आधारित भेदभाव हो रहा है। इस पर पहली सुनवाई जनवरी 2024 में हुई। कोर्ट ने 17 राज्यों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। छह महीने के अंदर केवल उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने ही अपना जवाब कोर्ट में दाखिल किया। अब जानिए कैसे सामने आया ये मामला... याचिकाकर्ता सुकन्या शांता पेशे से पत्रकार हैं। वह मानवाधिकार कानून और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों पर लिखती हैं। उन्होंने अपनी खबरों के जरिए जेल में जातिगत भेदभाव का मुद्दा उठाया। इस मुद्दे पर 2020 में रिसर्च रिपोर्ट भी तैयार की। रिपोर्ट में जिक्र था कि, भारत के 17 राज्यों में कैदियों को काम का बंटवारा उनकी जाति देखकर किया जाता है। सुकन्या की यह रिपोर्ट 'द वायर' पर पब्लिश हुई थी। याचिकाकर्ता ने अपनी रिपोर्ट में 3 मुख्य राज्यों का उदाहरण दिया... सुप्रीम कोर्ट ने 10 महीने में सुनवाई पूरी की इस मामले में दिसंबर 2023 में याचिका लगाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने 10 महीने के अंदर सुनवाई पूरी कर ली। 10 जुलाई को आखिरी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तर प्रदेश जेल नियमावली के कुछ प्रावधानों को भी अदालत में पढ़ा था। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने तर्क दिया कि हमारी जेलों में कोई जातिगत भेदभाव नहीं है लेकिन, मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने जेल नियमों को भी पढ़ा और उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई। नियम 158 में मैला ढोने के कर्तव्य (जिम्मेदारी) का जिक्र है। यह मैला ढोने का कर्तव्य (जिम्मेदारी) क्या है? इसमें मैला ढोने वालों की जाति क्यों लिखी गई है। इसका क्या मतलब है? डीवाई चंद्रचूड़, CJI इसके बाद CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने पश्चिम बंगाल के वकीलों से जेल नियम भी पढ़ने को कहा। वहां भी जेल नियम में इसका जिक्र था कि सफाई कर्मचारी कौन होना चाहिए। इसे पढ़ने के बाद बेंच ने पूछा कि क्या आपको इसमें कोई समस्या नजर नहीं आती

Dainik Bhaskar सोनम वांगचुक बोले- PM मोदी या राष्ट्रपति से मिलूंगा:गृह मंत्रालय ने आश्वासन दिया; एक दिन पहले रिहा हुए, लद्दाख को स्टेटहुड दिलाने की मांग

लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और 150 अन्य प्रदर्शनकारियों को दिल्ली के बवाना पुलिस थाने से 2 अक्टूबर को रिहा कर दिया गया। थाने से बाहर आने के बाद सोनम दिल्ली पुलिस की निगरानी में राजघाट गए। वहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। सोनम ने कहा- हमने सरकार को एक ज्ञापन दिया है कि लद्दाख को संवैधानिक प्रावधानों के तहत संरक्षित किया जाए। मुझे गृह मंत्रालय ने आश्वासन दिया गया है कि आने वाले दिनों में, मैं पीएम या राष्ट्रपति से मिलूंगा। सोनम की मांग लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण, लेह और कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की है। इसको लेकर वे काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं। 30 सितंबर की रात हिरासत में लिए गए थे वांगचुक और अन्य प्रदर्शनकारी सोनम अपनी मांगों को लेकर 1 सितंबर को दिल्ली तक पैदल मार्च पर निकले थे। 2 अक्टूबर को उनका मार्च राजघाट पर खत्म होना था। 30 सितंबर की रात सोनम और 150 लोग दिल्ली पहुंचे थे। वे दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर रात बिताना चाहते थे। दिल्ली में 5 अक्टूबर तक धारा 163 लागू है। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वापस जाने के लिए कहा गया। जब वे नहीं माने तो पुलिस ने एक्शन लेते हुए सभी को हिरासत में लिया था। वांगचुक को बवाना पुलिस थाने ले जाया गया था। अन्य प्रदशर्नकारियों को दूसरे थानों में भेजा गया था। वांगचुक का अनशन थाने में भी जारी रहा था। अगले दिन 1 अक्टूबर को वांगचुक को रात में दिल्ली के सेंट्रल एरिया की ओर जाने से रोका गया था, लेकिन वे मान नहीं रहे थे। इसके बाद उन्हें दूसरी बार पुलिस ने हिरासत में लिया था। वांगचुक ने 30 सितंबर का रात हिरासत के बाद X पर पोस्ट शेयर की थी। मुझे दिल्ली की बॉर्डर पर हिरासत में से लिया गया है। यहां 1,000 पुलिसवाले थे। हमारे साथ कई बुजुर्ग हैं। हमारे भाग्य क्या लिखा है, हमें नहीं पता। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और लोकतंत्र की जननी में बापू की समाधि तक शांतिपूर्ण मार्च पर थे। हे राम। एपेक्स बॉडी के ऑर्डिनेटर बोले- 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में मंगलवार रात को दूसरी बार गिरफ्तारी के बाद लेह एपेक्स बॉडी के ऑर्डिनेटर जिग्मत पलजोर का बयान सामने आया था। उनका कहना है कि गिरफ्तारी को 24 घंटे से ज्यादा हो गए है और हमें अभी भी मजिस्ट्रेट के सामने पे

Dainik Bhaskar दिल्ली में 560 किग्रा की कोकीन जब्त, कीमत 2000 करोड़:4 लोग गिरफ्तार; पुलिस को 2 महीने पहले इसकी जानकारी मिली थी

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बुधवार को एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया। पुलिस ने साउथ दिल्ली के महरौली से 560 किलोग्राम कोकीन जब्त की। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 2000 करोड़ रुपए बताई जा रही है। पुलिस ने इस मामले में 4 तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो आरोपी हाशिमी मोहम्मद वारिस और अब्दुल नायब के पास से 400 ग्राम हेरोइन और 160 ग्राम कोकीन बरामद की। राजधानी में अब तक का सबसे बड़ा पर्दाफाश दिल्ली में यह अब तक सबसे ज्यादा कोकिन पकड़े जाने का केस माना जा रहा है। पुलिस इस सिंडिकेट का पता लगाने के लिए पिछले दो महीने से काम कर रही थी। दो महीने पहले पुलिस को ड्रग्स सप्लाई का इनपुट मिला था। ये तस्कर इस ड्रग को राजधानी और एनसीआर में खपाने की कोशिश में थे। गोदाम में छिपा रखी थी ड्रग्स स्पेशल सेल प्रमोद सिंह कुशवाह ने बताया, एक आरोपी का नाम तुषार गोयल है। यह दिल्ली के वसंत विहार का रहने वाला है। उसके दो दोस्त हिमांशु और औरंगजेब भी साथ थे। तीनों आरोपियों को कुर्ला वेस्ट से रिसीवर भरत जैन के साथ पकड़ा गया। तुषार, हिमांशु और औरंगजेब के पास से करीब 15 किलोग्राम कोकीन बरामद की गई। उन्हें तब पकड़ा गया जब वे रिसीवर को सप्लाई देने के लिए महिपालपुर एक्सटेंशन के गोदाम से बाहर आ रहे थे। कुशवाह ने यह भी बताया कि पुलिस को गोदाम के तीसरे फ्लोर से 23 , पोलो शर्ट में कोकिन और एक बोक्स में मेरवाना मिली है। ड्रग्स के खिलाफ दिल्ली पुलिस ऑपरेशन कवच' चला रही 30 सितंबर को 228 किलो गांजा किया जब्त: पिछले कई दिनों से पुलिस ड्रग सप्‍लायरों को पकड़ने के लिए पुलिस 'ऑपरेशन कवच' जैसे कई ऑपरेशन चला रही है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 30 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स कार्टेल का भंडाफोड़ किया था, जिसमें पुलिस ने 228 किलो गांजा जब्त किया था। जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 1.14 करोड़ रुपये कीमत थी। इस कार्टेल के दो सप्लायर को गिरफ्तार किया था। 27 जुलाई को 100 करोड़ रुपए का कोकीन किया जब्त: दिल्ली पुलिस ने 27 जुलाई को दिल्ली एयरपोर्ट पर एक जर्मनी के नागरित को 6 किलो ग्रेड-ए-कोकीन के साथ पकड़ा था। इस कोकीन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 12 करोड़ रुपए है। आरोपी का नाम अशोक कुमार था।

Dainik Bhaskar दुष्यंत बोले-कांग्रेस का CM खर्ची-BJP का पर्ची से निकलता है:बुढ़ापा पेंशन 5100 करेंगे, मेरी लाश उचाना से ही उठेगी

हरियाणा में जींद जिले के उचाना में बुधवार को जननायक जनता पार्टी (JJP) और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने जन आशीष रैली की। इसमें जेजेपी नेता एवं पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भाजपा का सीएम पर्ची से बनता है। दिल्ली से एक पर्ची आती है वो विधायकों को पढ़कर सुना दी जाती है। वहीं कांग्रेस में सीएम खर्ची से बनता है। दुष्यंत ने कहा कि राज की हिस्सेदारी के कारण जेजेपी ने प्रदेश में अनेकों बड़े विकास कार्य करके दिखाए हैं। उचाना की सड़कें अपने आप बयां कर रही है कि यहां पर कितना विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि दिल का रिश्ता है मेरा खास उचाना से, जीवन की हर आस और विश्वास उचाना से। जब तक जीऊंगा आपके बीच रहूंगा, दुष्यंत की उठेगी लाश उचाना से। आखिरी सांस तक काम करेंगे दुष्यंत ने कहा कि उन्होंने उचाना को एक हलका नहीं बल्कि परिवार माना है। आखिरी सांस तक यहां के लिए काम करते रहेंगे। हरियाणा में राज बनने के बाद सबसे पहले बुढ़ापा पेंशन 5100 रुपए की जाएगी। संविधान पर बीजेपी और कांग्रेस को घेरा पूर्व डिप्टी CM ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस वाले संविधान की बात कहते हैं, लेकिन क्या कभी कांग्रेस के राज में राहुल गांधी को संविधान की किताब लेकर घूमते देखा है। 90 बार संविधान बदलना पड़ा है। बीजेपी के 10 साल के राज में 8 बार संविधान में संशोधन हुआ। इनका वश नहीं चला नहीं तो ये गरीबों का आरक्षण भी खत्म कर देते। जींद जिले को 3 हिस्सों में बांटा उन्होंने कहा कि जींद जिले को राजनीतिक तौर पर तोड़ने के लिए कांग्रेस की सोच और विचारधारा देखो। हिसार जिला पूरा एक लोकसभा में, सिरसा जिला एक लोकसभा में, करनाल जिला एक लोकसभा में, लेकिन इस जींद के 3 हिस्से क्यों किए। 2-3 विधानसभाएं सोनीपत में डाल दीं कि सोनीपत बड़ा जिला रहेगा, वहां ताकत जाए। उचाना डाल दिया हिसार में और सिरसा में डाल दिया नरवाना। चंद्रशेखर बोले- हम डरने वाले नहीं आजाद समाज पार्टी के प्रमुख एवं सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उचाना में कुछ असामाजिक तत्वों ने हमें डराने की कोशिश की, लेकिन हम किसान-मजदूर हैं, डरने वाले नहीं।

Dainik Bhaskar हाथ में तिरंगा लेकर सिद्धारमैया के जूते खोलने पर विवाद:बेंगलुरु में गांधी जयंती कार्यक्रम में आए थे CM; BJP बोली- यही कांग्रेस की संस्कृति

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक नए विवाद में घिर गए हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दिख रहा है कि एक कांग्रेस कार्यकर्ता हाथ में तिरंगा लेकर सिद्धारमैया के जूते उतार रहा है। मामला बुधवार का है। सिद्धारमैया बेंगलुरु में महात्मा गांधी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में आए थे। इस दौरान एक कार्यकर्ता सिद्धारमैया का जूता उतारने में मदद करने लगा। वह अपने हाथ से जूते का फीता खोलने लगा, इस दौरान वह अपने हाथ में एक छोटा तिरंगा भी पकड़े था। थोड़ी देर में सीएम सिद्धारमैया की सुरक्षा में तैनात एक कर्मचारी ने उसके हाथ से झंडा ले लिया। वीडियो सामने आने के बाद से सिद्धारमैया की आलोचना हो रही है। सिद्धारमैया पहले ही मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले को लेकर भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) के निशाने पर हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता पोंगुलेटी सुधाकर रेड्डी ने एक्स पर लिखा- यह अपमान है और कांग्रेस की "संस्कृति" दिखाता है। यह राष्ट्र के गौरव का अपमान है। उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। MUDA केस क्या है साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई। MUDA पर आरोप है कि उसने 2022 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसुरु के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले मैसुरु के एक पॉश इलाके में 14 साइट्स आवंटित की। इन साइट्स की कीमत पार्वती की जमीन की तुलना में बहुत ज्यादा थी। हालांकि, इस 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार भी नहीं था। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था। प्लॉट वापस लेने को तैयार हुई MUDA, 30 सितंबर को सिद्धारमैया की पत्नी ने लिखी थी चिट्ठी मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) 1 अक्टूबर को CM सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बी. एम. की तरफ से लौटाए 14 प्लॉट वापस लेने को तैयार हो गई है। पार्वती ने लेटर लिखकर प्लॉट लौटाने की बात कही थी। इसके बाद MUDA ने कहा था कि वे इसे वापस लेने से पहले कानूनी

Dainik Bhaskar बरेली में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, 3 की मौत:2 KM दूर तक सुनाई दिया धमाका; 5 मकान गिरे, 6 से ज्यादा घायल

बरेली में बुधवार शाम एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया। आसपास के 8 मकानों में नुकसान हुआ है। 5 मकान गिर गए, 3 में दरारें आ गई हैं। 6 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। धमाका करीब 2 KM दूर तक सुनाई दिया है। JCB से मलबा हटाया जा रहा है। पुलिस और गांव के लोग घायलों को अस्पताल पहुंचा रहे हैं। यह घटना बरेली से 85 किमी दूर सिरौली क्षेत्र के कल्याणपुर गांव की है। यहां एक मकान में बिना लाइसेंस पटाखे बनाए जा रहे थे। तभी अचानक धमाका हुआ। गांव वालों ने तुरंत रेस्क्यू शुरू किया। पुलिस भी मौके पर है। मलबा से 2 महिलाओं के शव निकाले पुलिस का कहना है, अभी तक तबस्सुम और रुखसाना के शव निकाले गए हैं। दोनों की मौत हो चुकी है। वहीं एक अन्य की हालत बेहद नाजुक है। कल्याणपुर गांव में मस्जिद के सामने एक मकान में यह विस्फोट हुआ। सिरौली के अलावा आंवला से पुलिस टीम भेजी गई है। अब 4 तस्वीरों में हादसा देखिए... लाइसेंस निरस्त हो चुका था, 6 लोग घायल एसपी देहात उत्तरी मुकेश चंद्रा ने 5 थानों की फोर्स को मौके पर भेजा। पुलिस ने बताया कि 3 लोगों की मौत हुई है। अभी तक कि पुलिस की जांच में सामने आया कि जहां पटाखा बनाया जा रहा था, उसका लाइसेंस निरस्त हो चुका है। पटाखों में विस्फोट हुआ है या अन्य कोई कारण है, इसकी जांच की जा रही है। करीब 6 लोग लोग घायल होने की बात सामने आ रही है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली में पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे का संज्ञान लिया। उन्होंने अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने और उचित इलाज कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। (खबर अपडेट की जा रही है) यह भी पढ़िए... लखनऊ में युवती से बैड टच करने वाला गिरफ्तार: लुलु मॉल में काम करता है फुरकान; चलती बाइक से कमर पर मारा था हाथ लखनऊ के शहीद पथ पर स्कूटी से जा रही युवती से बैड टच करने के आरोपी को पुलिस ने सीतापुर से गिरफ्तार कर लिया। उसका नाम फुरकान है और वह लुलु मॉल में कारपेंटर का काम करता है। अपर पुलिस उपायुक्त दक्षिणी केशव कुमार ने बताया, पुलिस नंबर से गाड़ी मालिक अमरीश वर्मा तक पहुंची। अमरीश ने पुलिस को बताया कि घटना के दिन वह शहर में नहीं था। बाइक का एक्सीडेंट हो गया था। उसे मैकेनिक के पास बनने के

Dainik Bhaskar हरियाणा में AAP उम्मीदवार ने पार्टी छोड़ी:वोटिंग से 2 दिन पहले कांग्रेस में शामिल; बोले- मैं लड़ता तो BJP को फायदा होता

हरियाणा विधानसभा की नीलोखेड़ी (SC) सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे अमर सिंह ने कांग्रेस जॉइन कर ली है। पार्टी के चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय में पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा की उपस्थिति में अमर सिंह ने कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान किया। प्रताप सिंह बाजवा ने उन्हें विधिवत रूप से पार्टी का सदस्य बनाया। अमर सिंह का स्वागत करते हुए प्रताप सिंह बाजवा ने कहा- वह बिना किसी शर्त कांग्रेस में शामिल हुए हैं और कांग्रेस के उम्मीदवार धर्मपाल गोंदर को उन्होंने पूरी तरह से समर्थन देने का ऐलान किया है। कांग्रेस जॉइन करने के बाद अमर सिंह ने कहा, "अगर मैं चुनाव लड़ता तो इसका सीधा लाभ भाजपा को होता। वोट का विभाजन न हो इसे सुनिश्चित करने के लिए ही मैं कांग्रेस में शामिल हुआ हूं"। अमर सिंह बोले- बीजेपी-कांग्रेस में मुकाबला मीडिया के साथ बातचीत में अमर सिंह ने कहा, "इस समय हरियाणा में मुकाबला सीधे कांग्रेस और भाजपा के बीच है। नीलोखेड़ी में भी यही स्थिति है। उन्होंने कहा कि इस समय सबसे बड़ा मकसद किसानों, महिलाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय करने वाली भाजपा सरकार से निजात पाना है और यह काम केवल कांग्रेस कर सकती है"। हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं...

Dainik Bhaskar फेक न्यूज एक्सपोज:क्या ईरान के मिसाइल अटैक के बाद जान बचाकर भागते नजर आए नेतन्याहू? जानिए सच

ईरान ने मंगलवार रात इजराइल पर 180 मिसाइलें दागीं। ईरान की ज्यादातर मिसाइलों को इजराइल के डिफेंस सिस्टम आयरन डोम ने नष्ट कर दिया। IDF के मुताबिक हमले में कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है। The Muslim नाम के वेरिफाइड एक्स पेज ने वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा- ईरानी मिसाइल हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू तेल अवीव में बंकर ढूंढने के लिए भागे। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: खबर लिखे जाने तक इस इस वीडियो को 5 हजार से अधिक लोग लाइक और 1700 लोग रीपोस्ट कर चुके थे। एक्स पर The Muslim एक्स अकाउंट को 79 हजार लोग फॉलो करते हैं। Voice of humans नाम के वेरिफाइड एक्स अकाउंट ने अपने ट्वीट में लिखा- उस वक्त का वीडियो जब नेतन्याहू इजराइल छोड़कर भाग रहे थे। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: आफताब आलम नामक एक्स यूजर ने वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा- कृपया करके कोई बेंजामिन नेतन्याहू को छिपने की जगह दे दो। आखिरकार, उन्होंने छिपकर अपनी जान बचाई और देशवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया। नेतन्याहू अभी भी बंकर में ही छिपे हैं। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: वहीं, ध्रुव राठी पैरोडी नाम के एक्स अकाउंट ने भी वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा - इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू जान बचाकर भागते हुए... आखिर कितने दिनों तक वे बंकर में छिपे रहेंगे। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: क्या है वायरल वीडियो की सच्चाई ? वायरल वीडियो का सच जानने के लिए हमने इसके कीफ्रेम्स को गूगल इमेज पर रिवर्स सर्च किया। पड़ताल के दौरान हमें बेंजामिन नेतन्याहू का एक ट्वीट मिला। यह ट्वीट नेतन्याहू ने 14 दिसंबर 2021 को किया था। ट्वीट में लिखा था - मुझे आपके लिए दौड़ने पर हमेशा गर्व होता है। इसे आधे घंटे पहले नेसेट में लिया गया था। देखें ट्वीट : दरअसल यह वीडियो 2021 का है जब वोटिंग पर समय से पहुंचने के लिए बेंजामिन नेतन्याहू अपने ऑफिस से दौड़कर आए थे। इस पूरे वाकए से जुड़ा एक आर्टिकल हमें hidabroot नाम की वेबसाइट पर मिला। (खबर का अर्काइव लिंक) देखें स्क्रीनशॉट... स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर बेंजामिन नेतन्याहू को लेकर किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। वायरल वीडियो ईरान के मिसाइल हमले के बाद का नहीं बल्कि 2021 में हुए चुनाव के दौरान का है जब मतदान पर समय से पहुंचने के लिए नेतन्याहू अपने ऑफिस से दौड़कर गए

Dainik Bhaskar खड़गे बोले-PM मोदी झूठों के सरदार:एक भी वादा नहीं निभाया, हरियाणा में सरकार के दोनों इंजन फेल हुए तो खट्‌टर को बदला

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी झूठों के सरदार हैं। साल 2014 में सत्ता संभालने से पहले मोदी ने जो देशवासियों से वादे किए, उन्हें 10 साल के शासन के बाद भी नहीं निभाया। पूर्व में किसी प्रधानमंत्री ने झूठ नहीं बोला, लेकिन वर्तमान प्रधानमंत्री ने देश के समक्ष बार-बार झूठ बोला है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में मनोहर लाल ने साढ़े 9 साल शासन किया। प्रदेश की गठबंधन सरकार के दोनों इंजन फेल होते ही उन्हें बदलकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया। इन्होंने हरियाणा के लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं किए। लोग आज भी हुड्डा सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को याद करते हैं। हम जो कहते हैं वो करते हैं, लेकिन वे (भाजपा) कभी वादे पूरे नहीं करते। भाजपा पहाड़ खोदकर चूहा निकालती है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये बातें चरखी दादरी में कहीं। वह यहां बाढड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे थे। इस रैली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद रहे। इससे पहले खड़गे 2 रैलियों में तबीयत खराब होने के चलते नहीं पहुंच पाए थे। युवाओं को नौकरी देने का वादा नहीं निभाया ​​​​​​​बाढड़ा में रैली को संबोधित करने हुए खड़गे ने कहा कि कहा कि वर्ष 2014 के चुनाव से पहले मोदी ने कहा था कि कांग्रेस नेताओं का काला धन विदेश में है और अगर भाजपा की सरकार बनी तो उसे देश में वापस लाकर प्रत्येक देशवासी के खाते में 15 लाख डालूंगा। उनका यह वादा जुमला साबित हुआ। हर साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा भी मोदी ने नहीं निभाया। डबल इंजन की सरकार पटरी पर एक जगह खड़ी उन्होंने कहा कि हरियाणा की बात करें तो 5 लाख युवाओं को नौकरी देने की बात कही, जबकि अब तक 1.60 लाख स्थायी पद खाली पड़े हैं। खड़गे ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के एक सिरे का दिल्ली तो दूसरे का चंडीगढ़ की तरफ खिंचाव है। डबल इंजन की सरकार इसके चलते पटरी पर एक ही जगह खड़ी हुई है। खड़गे ने कहा कि भाजपा को जवान और किसान की अहमियत नहीं पता है। आरएएस और भाजपा में कोई किसान नहीं है और यही कारण है सरकार अंबानी व अडाणी जैसे उद्योगपतियों की मदद करती है। हुड्‌डा बोले- लोग परिवर्तन का मन बना चुके हैं वहीं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा के 10 साल के शासनकाल से जनता पूरी तरह से परेशान हो चुकी है और अब परिवर्तन का मन बना चुकी है। कां