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Dainik Bhaskar कंगना के बयान पर गरमाई पंजाब की राजनीति:कांग्रेस ने कार्रवाई की उठाई मांग, भाजपा भी विरोध में आई, कहा- भगवान उसे सद्बुद्धि दें

हिमाचल प्रदेश के मंडी की सांसद कंगना रनोट ने गांधी जयंती मौके गांधी पर ही विवादित बयान दिया है। जिससे एक बार फिर पंजाब की राजनीति गर्मा गई। अब भाजपा नेता भी सीधे उसका विरोध कर रहे हैं। हरजीत सिंह ग्रेवाल का तो यहां तक कहना है कि कंगना के यह विचार नाथू राम गोडसे के है। जबकि कांग्रेस नेता राज कुमार वेरका ने कहा कि बीजेपी को कंगना पर कार्रवाई करनी चाहिए। अब तो उसने सारी हदें पार कर दी है। पंजाब भाजपा के सीनियर नेता हरजीत ग्रेवाल ने कहा कि कंगना रनोट जो कि मंडी से सांसद एवं फिल्म स्टार भी है। उन्होंने गांधी जी को लेकर एक स्टेटमेंट दी है। जो बहुत शर्मसार करने वाला है। ग्रेवाल ने कहा कि कंगना ने महात्मा गांधी को तो पसंद नहीं किया। लेकिन उन्होंने लाल बहादुर काे पसंद किया। उन्हें कोई बताए कि लाल बहादुर शास्त्री तो गांधी के सबसे बड़े पैरोकार थे । अगर आप शिष्य का सत्कार कर रहे और उसके मार्गदर्शक का अपमान कर रहे हो तो यह कहां की बुद्धिमानी है। कंगना का विचार नाथ रामू गोडसे का विचार है। देश की आजादी में गांधी के योगदान सबके सामने है। मैं समझता हूं कि मंडी के लोगों से बहुत गलती हो गई गई। भगवान उसे सद्बुद्धि दे। उसे इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए। अब तो कंगना ने सारी हदें पार कर दी कंगना पर देशद्रोह का केस दर्ज कांग्रेस नेता राज कुमार वेरका ने कहा कि कंगना देश विरोधी बातें कर रही हैं। हम बार-बार मांग कर रहे हैं कि इसके खिलाफ देशद्रोह का केस होना चाहिए। बीजेपी न तो इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रही है, और न ही कोई अन्य कार्रवाई कर रही है। लेकिन हैरानगी इस बात की है कि आज महात्मा गांधी का दिन है, ऐसे में यह टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महात्मा गांधी के चरणों में पुष्प माला अर्पित कर रहे हैं। यह महात्मा गांधी को गाली निकाल रही है। इस बारे में बीजेपी अपनी नीति स्पष्ट करे। साथ ही कंगना पर कार्रवाई करें। बापू ने कहा था बुरा सुनते है तो कान बंद कर लो कंगना के बयान पर जब केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू से चंडीगढ में मीडिया ने सवाल किया तो एक दम हैरान रह गए। फिर उन्होंने हाथ जोड़ते हुए कहा कि बापू ने कहा था बुरा सुनते हो तो अपने कान बंद कर लो। कंगना ने अपने पोस्ट में यह लिखा है कंगना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें

Dainik Bhaskar हरियाणा में JJP प्रत्याशी ने पार्टी छोड़ी:वोटिंग से 3 दिन पहले बीजेपी जॉइन की, टिकट न मिलने पर भाजपा से इस्तीफा दिया था

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच जननायक जनता पार्टी (JJP) को झटका लगा है। वोटिंग से 3 दिन पहले पानीपत ग्रामीण से जजपा के प्रत्याशी रघुनाथ तंवर कश्यप ने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने बीजेपी पार्टी जॉइन कर ली है। रघुनाथ को कार्यवाहक सीएम नायब सैनी ने पार्टी का पटका पहनाया। इस दौरान पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भी मौजूद रहे। इसके साथ ही पानीपत ग्रामीण सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार महिपाल ढांडा को अपना समर्थन दे दिया है। टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ी थी भाजपा के ओबीसी मोर्चा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रघुनाथ तंवर कश्यप ने 10 सितंबर शाम को पार्टी को अलविदा कहा था। रघुनाथ ने अपना इस्तीफा जिलाध्यक्ष दुष्यंत भट्ट को भेजा था। दरअसल, रघुनाथ तंवर कश्यप पानीपत ग्रामीण विधानसभा टिकट न मिलने से नाराज थे। वह लगातार टिकट की मांग कर रहे थे। उनको उम्मीद थी कि भाजपा इस बार ग्रामीण में ओबीसी कार्ड खेलेगी , ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने अपने समर्थकों से सलाह की थी। टिकट कटने के बाद से ही वह कई पार्टियों के संपर्क में थे। 12 सितंबर को वह जजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्हें जेजेपी-ASP गठबंधन ने टिकट दिया था। पार्टी छोड़ने के बाद कहा था- न्याय नहीं हुआ रघुनाथ तंवर कश्यप ने कहा था कि वह 1984 से भाजपा में थे। भाजपा में उनके साथ न्याय नहीं हुआ। उनको दुखी मन से भाजपा छोड़नी पड़ी। पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दी। जजपा ने उनके साथ न्याय किया है। ये खबर भी पढ़ें... हरियाणा चुनाव के बीच AAP प्रत्याशी ने पार्टी छोड़ी:वोटिंग से 6 दिन पहले भाजपा जॉइन की, केंद्रीय मंत्री की सभा में पहुंचे हरियाणा के फरीदाबाद में शनिवार (28 सितंबर) को आम आदमी पार्टी (AAP) को झटका लगा। वोटिंग से 6 दिन पहले AAP के प्रत्याशी प्रवेश मेहता पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए। फरीदाबाद से सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने उनको भाजपा जॉइन कराई। प्रवेश मेहता भाजपा कैंडिडेट विपुल गोयल की सभा में पहुंचे थे। (पूरी खबर पढ़ें)

Dainik Bhaskar राहुल गांधी पर पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री का पलटवार:रविशंकर प्रसाद बोले- आरक्षण पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें, हरियाणा में हुड्‌डा से पूछकर आते हैं गांधी

पूर्व केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को निशाने पर लिया। वे रोहतक स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पहुंचे थे और यहां उन्होंने पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में वे जहां भी जाते हैं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बारे में सुनते हैं, लेकिन हरियाणा में हुड्डा कांग्रेस है। उन्होंने कटाक्ष किया कि राहुल गांधी को भी हरियाणा में हुड्डा की अनुमति लेकर आना पड़ता है। हरियाणा में कांग्रेस का पूरी तरह से हुड्डा करण हो चुका है। रवि शंकर प्रसाद ने कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के खिलाफ पिछले दिनों की गई अशोभनीय टिप्पणी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कुमारी सैलजा के साथ किया गया आचरण दुर्भाग्यपूर्ण है। एक रैली के मंच पर कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ मिलवाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कम से कम कमरे के अंदर मिलवाते तो अच्छा रहता। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में वहां के कांग्रेस नेताओं के हाथ मिलवाए थे तो कांग्रेस को इन राज्यों को हार का सामना करना पड़ा। यही हालत अब हरियाणा में होगा। कांग्रेस हरियाणा में जारी नहीं कर पाई घोषणापत्र उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी तो हरियाणा के घोषणा पत्र भी हरियाणा के किसी जिले में जारी नहीं कर पाई। घोषणा पत्र को दिल्ली और फिर चंडीगढ़ में जारी करना पड़ा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बड़ी ही रोचक स्थिति है। हरियाणा की जनता मौजूदा प्रदेश सरकार के 10 साल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री कार्यकाल के 10 साल की तुलना कर रही है। इस तुलना में मौजूदा सरकार का कार्यकाल बेहतर है। जबकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समय तो लैंड डील की चर्चा होती थी। उन्होंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का नाम लिए बगैर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय दामाद मॉडल चलता था। किसानों की बेश कीमती जमीन ले ली जाती थी। आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट करें राहुल पूर्व केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी बताएं कि आरक्षण के मुद्दे पर उनका क्या स्टैंड है। वे हर समय संविधान की किताब लेकर घूमते हैं। लेकिन देश में कांग्रेस शासनकाल के समय सबसे ज्या

Dainik Bhaskar हरियाणा में वोटिंग के आधे घंटे बाद जारी होंगे एग्जिट-पोल:उल्लंघन करने पर 2 साल कैद; सुरक्षा के लिए 225 कंपनियां तैनात

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कुछ शर्तों के साथ एग्जिट पोल जारी करने का आदेश दिया है। जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 126 ए, के तहत मतदान शुरू होने के लिए निर्धारित समय से लेकर मतदान समाप्त होने के लिए निर्धारित समय के आधे घंटे बाद तक की अवधि के दौरान प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से एग्जिट पोल आयोजित करने और उनके परिणामों के प्रसार पर रोक रहेगी। हरियाणा, जम्मू व कश्मीर विधानसभा चुनावों का नोटिफिकेशन एक साथ जारी होने के कारण मतदान शुरू होने का समय 18 सितंबर को सुबह 7 बजे से माना गया है। यह प्रतिबंध मतदान के दिन 5 अक्टूबर को शाम 6ः30 बजे तक प्रभावी रहेगा। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) पंकज अग्रवाल ने बताया कि आम चुनाव के संबंध में किसी भी एग्जिट पोल के परिणाम पर 5 अक्टूबर शाम 6.30 बजे तक रोक रहेगी। उल्लंघन करने पर 2 साल की सजा होगी इसके अतिरिक्त, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी जनमत सर्वेक्षण या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणाम सहित किसी भी चुनावी मामले को प्रदर्शित करना, आम चुनाव के संबंध में मतदान के समापन के लिए निर्धारित समय से समाप्त होने वाली 48 घंटों की अवधि के दौरान प्रतिबंधित रहेगा। इन नियमों का उल्लंघन करने पर 2 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। सभी मीडिया घरानों को सलाह दी जाती है कि वे इस संबंध में निर्देशों का पालन करें। शिकायतों के लिए अलग से नोडल अधिकारी होंगे पंकज अग्रवाल ने बताया विधानसभा आम चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग निगरानी के लिए राज्य नियंत्रण कक्ष, जिला नियंत्रण कक्ष व विधानसभा के नियंत्रण कक्ष बनाए गये है। इसके अलावा, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा भी वेबकास्टिंग द्वारा निगरानी की जाएगी। किसी भी मतदान केंद्र पर मतदान के दिन पोलिंग एजेंट पोलिंग स्टेशन में केवल वही कार्यकलाप करेंगे जिसकी उनको अनुमति है। इसके अलावा, यदि वो कुछ भी गलत करते पाये जाते है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। इस बारे विस्तृत हिदायतें जारी की जा चुकी है। मतदान के दिन उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों द्वारा दी गई शिकायतों की सुनवाई के लिए अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। महिला कर्मचारी के पति बाहर बैठेंगे पंकज अग्रवाल ने निर्देश दिए कि मतदान केंद्र के अंदर चुनाव डयूटी पर तैनात महिला

Dainik Bhaskar अतिथि शिक्षकों पर गोली चलाने की चेतावनी:भोपाल में प्रदर्शन के दौरान पुलिस से धक्का-मुक्की; कई की तबीयत बिगड़ी

नियमितिकरण की मांग को लेकर मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षक 22 दिन के भीतर एक बार फिर आंदोलित हैं। गांधी जयंती के दिन ही प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक भोपाल के अंबेडकर मैदान पर बड़ी संख्या में जमा हैं। इस दौरान विदिशा से आई अतिथि शिक्षक रानी खान समेत कई टीचर बेहोश हो गए। यहां से सीएम हाउस तक न्याय यात्रा निकालने की तैयारी है। हालांकि, पुलिस ने कुछ दूरी पर बैरिकेडिंग कर रखी है। आगे बढ़ने के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्कामुक्की हुई। पुलिस बैनर लगाकर प्रदर्शनकारियों के आंदोलन के गैरकानूनी बताकर गोली चलाने की चेतावनी भी दे रही है। अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन की 3 तस्वीरें...

Dainik Bhaskar मुख्यमंत्री आवास खाली करेंगे दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल:पार्टी ने बताया- लुटियंस दिल्ली में घर फाइनल हुआ, पार्टी हेडक्वार्टर से कुछ मीटर की दूरी पर है

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए नई दिल्ली के मंडी हाउस इलाके में घर फाइनल हो गया है। वे जल्द ही सिविल लाइंस में फ्लैगस्टाफ रोड पर मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को यह जानकारी दी। पार्टी ने बताया कि केजरीवाल मंडी हाउस के पास फिरोज शाह रोड पर आप के राज्यसभा सांसदों को आवंटित दो बंगलों में से एक में रहने जा सकते हैं। बंगले पार्टी मुख्यालय से कुछ मीटर की दूरी पर हैं। केजरीवाल ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे बाद पार्टी ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि एक नेशनल पार्टी के प्रमुख के तौर पर केजरीवाल को आवास मुहैया कराया जाए। हालांकि, दिल्ली में विधायकों को सरकारी आवास आवंटित नहीं किए जाते हैं। केजरीवाल भी अब सिर्फ नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। जमानत के 4 दिन बाद दे दिया था सीएम पद से इस्तीफा शराब नीति मामले में 21 मार्च 2024 को ED ने दो घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था। इसके 177 दिन बाद सुप्रीम काेर्ट ने 13 सितंबर 2024 को उन्हें जमानत दी थी। जमानत मिलने और तिहाड़ जेल से बाहर आने के 4 दिन बाद ही अरविंद केजरीवाल ने 17 सिंतबर को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही आतिशी ने नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया था। वे कालकाजी सीट से तीन बार की विधायक हैं। उन्होंने 21 सितंबर को दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने राजनिवास में ही उन्हें शपथ दिलाई थी। शपथ के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर भी छुए थे। वे ​​​​​दिल्ली की सबसे युवा (43 साल) CM हैं। इससे पहले केजरीवाल 45 साल की उम्र में CM बने थे। आतिशी बतौर महिला सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला CM हैं। शपथ लेने के बाद आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने इस देश की राजनीति में ईमानदारी और नैतिकता की मिसाल कायम करते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। मुझे नहीं लगता पूरी दुनिया में ऐसा कोई नेता रहा होगा। हम सभी दिल्ली वालों को फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल को फिर से सीएम बनाना है। आतिशी के बाद सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत ने मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। उन्होंने शिक्षा, PW

Dainik Bhaskar सोनम वांगचुक रिहाई के बाद फिर पुलिस हिरासत में:पुलिस स्टेशन में अनशन जारी, लद्दाख को स्टेटहुड दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन

लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और 150 अन्य प्रदर्शनकारियों को मंगलवार देर रात दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर से हिरासत में ले लिया। पुलिस स्टेशन में उनका अनशन अभी भी जारी है। पुलिस के मुताबिक, वांगचुक और अन्य लोगों को मंगलवार रात को दिल्ली के सेंट्रल एरिया की ओर जाने से रोका गया था, लेकिन वे नहीं माने। इसलिए उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया। सोमवार रात प्रदर्शनकारियों को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में लिया गया था और फिर अलग-अलग थानों में ले जाया गया। दरअसल, लद्दाख को स्टेटहुड (राज्य का दर्जा) दिलाने की मांग को लेकर वांगचुक ने ‘दिल्ली चलो पदयात्रा' निकाली। यह यात्रा एक महीने पहले लेह से शुरू हुई थी सोमवार को हुई थी पहली गिरफ्तारी पुलिस के मुताबिक, सोमवार देर रात सोनम और 150 लोग दिल्ली पहुंचे थे। वे दिल्ली बॉर्डर पर रात बिताना चाहते थे। दिल्ली में 5 अक्टूबर तक धारा 163 लागू है। प्रदर्शनकारियों को वापस जाने के लिए कहा गया। जब वे नहीं माने, तब एक्शन लिया। तब हमने उन्हें पहली बार हिरासत में लिया था। वांगचुक ने सोमवार रात हिरासत के बाद X पर पोस्ट शेयर की थी। मुझे दिल्ली की बॉर्डर पर हिरासत में से लिया गया है। यहां 1,000 पुलिसवाले थे। हमारे साथ कई बुजुर्ग हैं। हमारे भाग्य क्या लिखा है, हमें नहीं पता। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और लोकतंत्र की जननी में बापू की समाधि तक शांतिपूर्ण मार्च पर थे। हे राम। 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में, अभी तक मजिस्टेट के सामने पेश नहीं किया मंगलवार रात को दूसरी बार गिरफ्तारी के बाद लेह एपेक्स बॉडी के ऑर्डिनेटर जिग्मत पलजोर का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि गिरफ्तारी को 24 घंटे से ज्यादा हो गए है और हमें अभी भी मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया है। ऐसा करना अवैध है। पलजोर ने बताया कि वांगचुक के अनशन को 36 घंटे हो चुके है। वे 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें वहां जाने से रोका गया। लेह से 1 सितंबर को निकले प्रदर्शनयात्रियों ने हरियाणा को छोड़कर पूरा रास्ता पैदल पूरा किया है। हरियाणा में वे बसों में बैठे, जहां उन्होंने अनशन शुरू कर दिया। वांगचुक को हिरासत में लेने पर किसने क्या कहा? राहुल गांधी: पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर

Dainik Bhaskar सहारनपुर में 56 साल बाद पहुंचा जवान का पार्थिव शरीर:1968 में एयरफोर्स का प्लेन क्रेश हुआ, बर्फ में दबा शव बिल्कुल ठीक मिला

भारतीय सेना के डोगरा स्काउट्स और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू की एक जॉइंट टीम को सोमवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे पर 4 भारतीय जवानों के शव मिले हैं। बैच नंबर से मलखान सिंह की पहचान हुई। मलखान सिंह का गांव सहारनपुर से 30 किलोमीटर दूर फतेहपुर गांव में है। मलखान के अलावा 2 शवों की पहचान सिपाही नारायण सिंह और क्रॉफ्टमैन थॉमस चरण के रूप में हुई। चौथे शव की पहचान अभी नहीं हो पाई है। जो विमान हादसे का शिकार हुआ वह ट्विन इंजन एएन-12 टर्बोप्रॉप ट्रांसपोर्ट विमान था। इससे पहले, इस हादसे से जुड़े 2019 तक 5 शव बरामद किए गए थे। प्लेन का मलबा 2003 में मिला था। रक्षा मंत्रालय की ओर से मलखान सिंह का पार्थिव शरीर वायु सेना के जवान लेकर आए। आसपास के कई गांवों के करीब एक हजार लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे हैं। मलखान सिंह अमर रहें... भारत माता की जय के नारे लग रहे हैं। देशभक्ति गीतों से माहौल गमगीन है। पहले पार्थिव शरीर लाए जाने के 3 फोटो देखिए- देश का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन विमान लापता होने के बाद 2003 में इसका मलबा रोहतांग में मिला, फिर डोगरा स्काउट्स के नेतृत्व में रेस्क्यू शुरू किया गया। रेस्क्यू अभी भी जारी है। इसे देश का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन कहा जाता है। अब इसमें भारतीय सेना को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मलखान के गायब होने के बाद उनके पिता, मां और पत्नी समेत परिवार के लोग आस लगाए बैठे थे। अब मां, पिता और पत्नी की मौत हो चुकी है। एक ही बेटा था, जिसकी 2010 में मौत हो गई। अब मलखान की बहू, दो पाते और 3 पोती हैं। 56 साल बाद परिवार वाले खुश हैं, लेकिन गम भी है। उनका कहना है कि शव लाए जाने का गम है, अगर जिंदा लौटते तो इससे बड़ी खुशी न होती। अटल सरकार में शुरू हुआ रेस्क्यू, 2019 तक 5 शव मिले नानौता के गांव फतेहपुर निवासी वायु सैनिक मलखान सिंह देश की रक्षा करते हुए 7 फरवरी 1968 को हिमाचल के रोहतांग में शहीद हो गए। अटल सरकार के कार्यकाल से 2003 में सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। 2019 तक 5 शव बरामद किए गए। सोमवार यानी 30 सितंबर को 4 शव और मिले। इनमें एक शव सहारनपुर के मलखान सिंह का है। सोमवार को सेना ने शव मिलने की सूचना परिवार को दी मलखान की पत्नी और उनका एक बेटा रामप्रसाद की मौत हो चुकी है। उनके पोते गौतम और मनीष मजदूरी करते हैं। सोमवार को जब यह खबर सेना के सूत्रों से परिवार के

Dainik Bhaskar मणिपुर के उखरुल में हिंसा:नगा समुदायों के बीच गोलीबारी, लोगों के घरों से बाहर निकलने पर रोक; चुराचांदपुर में एक उग्रवादी की हत्या

मणिपुर के उखरुल शहर में बुधवार को दो नगा समुदायों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें कुछ लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163, 2023 की उप-धारा 1 के तहत शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अगले आदेश तक लोगों के घरों से निकलने पर रोक है। पुलिस ने बताया कि दोनों पक्ष नगा समुदाय के हैं लेकिन दो अलग-अलग गांव हैं। दोनों पक्ष जमीन पर अपना दावा करते हैं। बुधवार को स्वच्छता अभियान के तहत विवादित जमीन की सफाई को लेकर दोनों गुटों के बीच हिंसा हुई। इलाके में असम राइफल्स को तैनात किया गया है। दूसरी तरफ, चुराचांदपुर जिले के लीशांग गांव के पास मंगलवार को अज्ञात लोगों ने एक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के टाउन कमांडर की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान जिले के कपरंग गांव के निवासी सेखोहाओ हाओकिप के रूप में की गई। पुलिस ने बताया कि मृतक यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी (UKNA) का सदस्य था। घटना कल सुबह 12:15 बजे चुराचांदपुर में टोरबुंग बंगले से करीब 1.5 किमी दूर हुई। पुलिस ने हाओकिप के शव को चुराचांदपुर मेडिकल कॉलेज के मॉर्चुरी में रखवा दिया है।

Dainik Bhaskar जुलाना में विनेश बोलीं- मैंने नहीं उठाया PM का फोन:पैरिस ओलिंपिक से आयोग्य होने पर आया था कॉल; वीडियो डालकर मजाक उड़ाते मेरा

पूर्व भारतीय रेसलर और कांग्रेस नेता विनेश फोगट हरियाणा चुनाव में जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। विनेश फोगट ने प्रचार के दौरान कई बार पेरिस ओलिंपिक में अयोग्य ठहराए जाने के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि उस बुरे वक्त में उन्हें किसी का साथ नहीं मिला। कुछ दिन पहले विनेश ने यह बताया कि डिस्क्वालिफाई होने के बाद उन्हें भारतीय सरकार की ओर से केवल एक फोन आया था। उन्होंने अब जाकर खुलासा किया है कि वह कॉल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का था। विनेश ने बताया कि उन्हें पीएम मोदी का फोन आया था। जब वह डिस्क्वालिफाई हो गई थी तब पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से फोन आया था। विनेश ने कहा, 'उनका डायरेक्ट फोन नहीं आया। वहां जो लोग थे उन्होंने कहा कि वह (पीएम) बात करना चाहते हैं। विनेश ने बताया पीएम मोदी से बात करने के लिए रखी थी शर्त विनेश ने बताया कि उन्होंने बात करने से मना कर दिया क्योंकि वह उन लोगों की शर्तें मानने के लिए तैयार नहीं थी। विनेश ने कहा, उन्होंने कुछ शर्ते रखी। उन्होंने कहा कि बात करते समय मेरा कोई आदमी मेरे साथ नहीं होगा। उनका एक आदमी होगा जो बात कराएगा और एक वीडियो शूट करेगा। विनेश ने पूछा कि क्या यह वीडियो सोशल मीडिया पर जाएगा तो उन्होंने कहा हां। मैंने इसी कारण मना कर दिया कि मैं अपनी भावनाओं का मजाक नहीं उड़ाना चाहता है। उन्होंने कहा, अगर उनको सच में सहानुभूति है कि वह बिना रिकॉर्डिंग बात कर सकते तो मैं बहुत धन्यवाद रहूंगी। शायद उन्हें पता था कि विनेश बात करेंगी तो दो साल हिसाब मानेगी। वह अपने हिसाब से रिकॉर्डिंग को काट सकते थे लेकिन मैं तो ऐसा नहीं कर सकती। राजनीति में क्यों नहीं आई साक्षी मलिक? विनेश फोगाट ने यह भी बताया कि साक्षी मलिक का राजनीति में न आना निजी फैसला है। उन्होंने या बजरंग ने साक्षी को राजनीति में आने के लिए दबाव नहीं दिया। उन्होंने आगे कहा, अगर किसी भी फील्ड को चुनते हैं तो, जब रेसलिंग को चुना तब भी हमारा फैसला था। अब हम स्पोर्ट्स छोड़कर राजनीति में आए हैं तो भी यह हमारा निजी फैसला है। न तो हम साक्षी पर दबाव डाल सकते हैं न वह डाल सकती हैं। हमारी लड़ाई एक ही हैं। आखिर तक हमारा लक्ष्य एक ही रहेगा। जब हम जिंदा हैं तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

Dainik Bhaskar साहिबगंज में रेलवे ट्रैक को बम से उड़ाया:39 मीटर दूर गिरा पटरी का हिस्सा, ट्रैक पर 3 फीट गड्‌ढा हुआ

साहिबगंज में एनटीपीसी एमजीआर रेलवे ट्रैक को बदमाशों ने बम से उड़ा दिया है। इसमें ट्रैक का 470 सेंटीमीटर टुकड़ा क्षतिग्रस्त हो गया है। ब्लास्ट इतना जोरदार था कि रेलवे ट्रैक का हिस्सा 39 मीटर दूरी जा गिरा। ब्लास्ट के बाद ट्रैक में 770 सेंटीमीटर का गैप आ गया। वहीं 3 फीट गहरा गड्‌ढा हुआ है। ब्लास्ट पिलर संख्या 40/1 के पास हुआ है। ट्रैक का टुकड़ा पिलर संख्या 39/15 पर मिला है। मामला बरहेट थाना क्षेत्र के रांगा गांव के घुट्टू टोला के पास का है। रात 12 बजे के करीब की घटना मौके पर रेलवे और पुलिस के बड़े अधिकारी पहुंचे हुए हैं। घटना लगभग रात के 12 बजे की बताई जा रही है। घटना के बाद कोयला लोड गाड़ी पोल संख्या 42 / 2 के पास खड़ी है। एसपी अमित कुमार सिंह ने बताया कि 'घटना की जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।' 10 बजे रात तक ठीक थी लाइन वहीं घटना के संबंध में रेलवे नाइट गार्ड जीतेंद्र कुमार शाह ने बताया कि 'मेरी ड्यूटी इसी लाइन में शाम चार बजे से रात 12 बजे तक रहती है। मैं ड्यूटी में ही था। कई बार की जांच के दौरान में रात 10 बजे तक लाइन में किसी तरह की कोई हलचल नहीं थी। रात 12 बजे के करीब धमाके जैसी आवाज आई। हालांकि इस लाइन में पहले कभी इस तरह की घटना नहीं हुई तो लगा कि टायर फटा होगा। मेरी ही लाइन में घटना घटी इसका पता नहीं चल सका। ड्यूटी खत्म कर मैं घर चला गया। सुबह फोन पर जानकारी मिली की ऐसी घटना हुई है।' कोयला चोरों की हो सकती है हरकत बताया जा रहा है कि जिन रेलवे लाइन को उड़ाया गया है वह एनटीपीसी की विशेष लाइन है। इस लाइन के जरिए ललमटिया से फरक्का तक कोयला लेकर मालगाड़ियां चलती हैं। घटना के संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोयला चोरों की भी हरकत हो सकती है। फिलहाल मामले की जांच पुलिस कर रही है।

Dainik Bhaskar हिमाचल CM बोले- PM मोदी के फैक्ट गलत:हरियाणा चुनाव-प्रचार के दौरान झूठ बोला; कांग्रेस सरकार ने 20 महीने में पूरी की 10 में से 5 गारंटी

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को हरियाणा में चुनाव प्रचार किया। पंचकूला में कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र मोहन के पक्ष में जनसभा को संबोधित करते हुए CM​​​​ ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा में हिमाचल की बात करते हैं, लेकिन पीएम के फैक्ट सही नहीं थे। मुख्यमंत्री ने कहा, हिमाचल की पूर्व भाजपा सरकार ने चुनावी बेला में 5000 करोड़ रुपए की मुफ्त की रेवड़ियां बांटी, ताकि सरकार वापस लाई जा सके। टैक्स पेयर को 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी गई। जनता ने फिर भी बीजेपी को सत्ता से बाहर किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस सरकार ने हिमाचल की सत्ता में आते ही कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) बहाल की। सरकार ने 10 में से 5 गारंटियां 20 महीने में ही पूरी की। महिलाओं को 1500 रुपए इंदिरा गांधी सुख समृद्धि योजना के तहत दिए जा रहे हैं। दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जा रहा है और हरियाणा में बीजेपी के बड़े नेता झूठ बोलते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सदी की सबसे भीषण आपदा आई, लेकिन केंद्र से मदद नहीं मिली। राज्य सरकार ने बिना केंद्रीय मदद के 23 हजार परिवार बसाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल की सरकार को गिराने के लिए ऑपरेशन लोटस चलाया गया। इस दौरान उन्होंने जनता से चंद्र मोहन के पक्ष में वोट देने की अपील की। पीएम मोदी ने हिमाचल सरकार पर किए थे हमले दरअसल, पीएम मोदी ने हरियाणा की चुनावी जनसभाओं में हिमाचल सरकार पर तीखे हमले बोले हैं। उन्होंने कहा, हिमाचल में कांग्रेस झूठी गारंटियां देकर सत्ता आई हैं। अब कोई भी वादा पूरा नहीं किया जा रहा। कर्मचारियों-पेंशनर को सैलरी-पेंशन नहीं दे पा रहे। पंचकूला की जनसभा में सीएम सुक्खू ने पीएम को इसका जवाब दिया। इस दौरान सीएम सुक्खू के साथ हिमाचल कांग्रेस के विधायक राम कुमार चौधरी, केवल सिंह पठानिया, विनोद सुल्तानपुरी, सुदर्शन सिंह बबलू और सुरेश कुमार इत्यादि मौजूद रहे। कांग्रेस हाईकमान ने सुक्खू को बना रखा प्रभारी कांग्रेस हाईकमान ने सुखविंदर सुक्खू को हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी बना रखा है। मगर, 23 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर जाने का कार्यक्रम था। इसके बाद हरियाणा में भी चुनावी जनसभाएं करनी थी। मगर वह बीमार पड़ गए। इस वजह से सीएम सुक्खू अब हरियाणा में आखिरी दौर के चुनाव प्रचार को पहुंचे हैं। अब उनके स्वास्थ्य में सुधार हो

Dainik Bhaskar SHO को दुष्यंत-चंद्रशेखर से बहस महंगी पड़ी:SP ने नोटिस थमाया, JJP की दोनों को बदलने की मांग, हमला करने वाला पूर्व चेयरमैन गिरफ्तार

हरियाणा में पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और आजाद समाज पार्टी (ASP) के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर के रोड शो पर हमला करने वाले नगर निगम के पूर्व चेयरमैन इंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार हमले के दौरान इंद्र सिंह ने आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर के लिए आपत्तिजनक बातें कहीं और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने थाना प्रभारी पवन कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जेजेपी की टिकट पर उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी हैं। सोमवार को दुष्यंत चौटाला और सांसद चंद्रशेखर उचाना कलां में रोड शो कर रहे थे। उनका काफिला रात करीब 10 बजे उचाना कलां गांव पहुंचा। दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आगे चल रहे थे। उनकी गाड़ियां काफिले में पीछे थीं। इस दौरान कुछ युवकों ने चंद्रशेखर की गाड़ी पर पत्थर फेंके और धूल भी उड़ाई। इससे गाड़ी के शीशे टूट गया। दुष्यंत चौटाला भी रथ से उतरकर कार्यकर्ताओं के बीच आ गए। इस दौरान दुष्यंत की एसएचओ पवन कुमार से बहस भी हुई। हमले से संबंधित 2 तस्वीरें.... हमले पर दोनों नेताओं ने क्या कहा था दुष्यंत ने कहा- मैं कोई चेतावनी नहीं दे रहा हूं पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मैं कोई चेतावनी नहीं दे रहा हूं, अगर आप एक घंटे के अंदर चंद्रशेखर की गाड़ी पर हमला करने वालों पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो, इसी बीच उचाना थाना SHO ने कहा कि हम केस दर्ज कर कार्रवाई करेंगे। इस पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एफआईआर नहीं, आप हमलावरों को गिरफ्तार करें। आपने चुनाव के बीच में क्या तमाशा बनाकर रखा हैं। चंद्रशेखर ने कहा- आप मेरा मजाक उड़ा रहे हैं इस मामले पर सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि एक सांसद के पास इतनी पावर होती है कि पुलिस को उसकी सुरक्षा करनी चाहिए। आप क्या कर रहे थे? अगर कुछ हुआ था तो जवाब दें। मेरी अपने सीनियर अधिकारी से बात करवाएं। मैं आरोपियों को नहीं छोड़ूंगा। मैं वकील भी हूं और आपके खिलाफ भी केस दर्ज करवाऊंगा, आप तमाशा कर रहे हैं, आप मेरा मजाक उड़ा रहे हैं क्योंकि मैं दलित समाज से आता हूं। जेजेपी ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र जेजेपी की ओर से चुनाव आयोग को लिखे पत्र में रोड शो पर हुए हमले की जानकारी दी गई है। इसके अलावा पत्र में लोकसभा चुनाव

Dainik Bhaskar राजस्थान के जंगल से 1 लाख पेड़ काटने की तैयारी:इसकी जगह पावर प्लांट लगेगा, MP के कूनो नेशनल पार्क से सटा; संगठन बोले-चिपको आंदोलन करेंगे

राजस्थान में बारां जिले के सबसे घने जंगल शाहाबाद में पावर प्लांट के लिए एक लाख 19 हजार 759 पेड़ काटे जाएंगे। केंद्र सरकार ने ग्रीनको एनर्जी कंपनी को प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दे दी है, लेकिन स्थानीय संगठन इसके विरोध में उतर आए हैं। संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि पेड़ काटे गए तो आंदोलन किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक यह जंगल प्रस्तावित चीता प्रोजेक्ट में भी शामिल है, क्योंकि इसके बिल्कुल नजदीक मध्यप्रदेश में कूनो पालपुर नेशनल पार्क है। यहीं पर अफ्रिका से लाए गए चीते छोड़े गए हैं। दरअसल, शाहपुर में ग्रीनको एनर्जी को 1800 मेगावाट के पावर प्लांट के लिए जंगल की 407.82 हेक्टेयर जमीन को डायवर्जन करने की सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। इस वनभूमि के बदले जैसलमेर में जमीन उपलब्ध कराई गई है। कंपनी इसके बदले जैसलमेर में 431 हेक्टेयर गैर वन भूमि और 184.84 हेक्टेयर वनभूमि में पौधारोपण करवाएगी। इसके लिए कंपनी को करीब साढ़े 27 करोड़ रुपए जमा कराने होंगे। जो जंगल काटा जाएगा, उसकी मार्केट वैल्यू करीब 42 करोड़ 47 लाख रुपए है। इसके साथ ही कंपनी को यहां हाेने वाले मिट्‌टी के कटाव के लिए भी 65 लाख 30 हजार रुपए जमा कराने होंगे। वहीं, इस जंगल के कटने के कारण जो वन्यजीव प्रभावित होंगे, उनके लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन प्लान तैयार कर काम किया जाएगा। इसकी मंजूरी प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के स्तर पर होना है। ऐसा सघन जंगल दुबारा बनने में लग जाएंगे कई साल विभागीय सूत्रों के अनुसार जंगल की जिस जमीन के बदले पावर प्लांट प्रोजेक्ट की मंजूरी मिली है, वह शाहाबाद कंजर्वेशन रिजर्व लेपर्ड संरक्षित क्षेत्र में शामिल है। यहां भालू, लेपर्ड सहित विभिन्न वन्यजीव और पक्षी मौजूद हैं। शाहाबाद के जंगल में 800 से ज्यादा प्रजातियों के पेड़ हैं। यहां तक कि 150 से 200 साल पुराने पेड़ भी हैं। इतना सघन वन विकसित करने में कई साल लग जाएंगे। चिपको आंदोलन की चेतावनी शाहाबाद जंगल में बिजली प्लांट लगाने को लेकर करीब सवा लाख पेड़ काटने के विरोध में पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक संगठन विरोध में आ गए हैं। पेड़ों और जंगल को बचाने के लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को उप वन संरक्षक से मुलाकात कर वन-भूमि से पेड़ काटने को लेकर विरोध जताय

Dainik Bhaskar मोदी बोले- कुछ लोगों ने गांधी का संदेश भुलाया:सिर्फ वोट बटोरे; स्वच्छता के लिए जो आज हो रहा, पहले क्यों नहीं हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान के 10 साल पूरे होने पर देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता मिशन के तहत जो आज हो रहा है, वो पहले क्यों नहीं हुआ? मोदी ने पहले की सरकारों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने रास्ता दिखाया था, सुझाया भी था। लोगों ने गांधी के नाम पर वोट बटोरे, लेकिन उनके संदेश को भुला दिया। पीएम ने बच्चों के साथ सफाई की, 3 फोटोज... मोदी के भाषण की 4 खास बातें 1. स्वच्छता अभियान से मनोवैज्ञानिक बदलाव आया एक बहुत बड़ा वर्ग था, जो गंदगी करना अपना अधिकार मानता था। कोई स्वच्छता करे तो उनके सम्मान को चोट पहुंचाता था और अपने अहंकार में जीते थे। जब हम सब स्वच्छता करने लग गए तो उन्हें लगा कि मैं जो करता हूं, वह भी बड़ा काम है। अब कई लोग मेरे साथ जुड़ रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान से बहुत बड़ा मनोवैज्ञानिक परिवर्तन आया और सफाई करने वालों को सम्मान मिला। 2. स्वच्छता पखवाड़े में 28 करोड़ की भागीदारी पिछले 10 साल में करोड़ों भारतीयों ने स्वच्छ भारत मिशन को अपनाया है। भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व उपराष्ट्रपति भी स्वच्छता सेवा कर चुके हैं। 15 दिन के सेवा पखवाड़े में 28 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया। आज से 1 हजार साल बाद भी जब 21वीं सदी के भारत का अध्ययन होगा, तो उसमें स्वच्छ भारत अभियान को जरूर याद किया जाएगा। 3. स्वच्छता मिशन जितना सफल, देश उतना चमकेगा आज स्वच्छता मिशन से जुड़े 10 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई है। अमृत मिशन के तहत देश के अनेक शहरों में वाटर और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। नमामि गंगे से जुड़ा काम हो या कचरे से बायोगैस पैदा करने वाले प्लांट, ये स्वच्छ भारत मिशन को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। स्वच्छ भारत मिशन जितना सफल होगा, उतना ही हमारा देश चमकेगा। 4. कई लोगों ने गंदगी को ही जिंदगी मान लिया था मन की बात में मैंने करीब-करीब 800 बार स्वच्छता का जिक्र किया है। लोग स्वच्छता के प्रयासों को सामने ला रहे हैं। मैं देख रहा हूं कि जो आज हो रहा है, वो पहले क्यों नहीं हुआ? महात्मा गांधी ने तो ये रास्ता दिखाया भी था, सुझाया भी था। लोगों ने गांधी जी के नाम पर वोट तो बटोरे, लेकिन उनके संदेश को भुला दिया। उन लोगों ने गंदगी को ही जिंदगी मान लिया।