Dainik Bhaskar
Dainik Bhaskar हरियाणा में घुसा हाथियों का परिवार:कलेसर के जंगलों में निवास ढूंढ रहा, नर-मादा के साथ 2 बच्चे, 20 दिन पहले हरिद्वार से निकला
उत्तराखंड से हाथियों का झुंड हरियाणा में दस्तक दी है। राज्य के यमुनानगर जिले के कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में एक नर, दो मादा और दो शिशु हाथियों सहित पांच सदस्यों का एक हाथी परिवार देखा गया है। वन विभाग इनके आगमन को वन्यजीवों के लिए उद्यान की अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों का सकारात्मक संकेतक मान रहा है। वन्यजीव विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह परिवार संभवतः उत्तराखंड के देहरादून स्थित राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से आया है, जहां हाथियों की आबादी बहुत अधिक है। बताया जा रहा है कि यह परिवार दिसंबर 2024 में कलेसर में दाखिल हुआ था और तब से इसे कई बार जंगल के अलग-अलग हिस्सों में घूमते देखा गया है। 20 दिन पहले दिखाई दिया परिवार यमुनानगर जिले के वन्यजीव विभाग के इंस्पेक्टर लीलू राम ने बताया, "हमने करीब 20 दिन पहले कलेसर नेशनल पार्क में एक नर और दो मादा हाथियों के साथ दो बच्चों का एक परिवार देखा था। इसके बाद, हमने उन्हें तीन या चार बार और देखा। इंस्पेक्टर राम ने अनुमान लगाया कि हाथी सुरक्षित आवास की तलाश में कलेसर चले गए होंगे। उन्होंने कहा, "कलेसर नेशनल पार्क एक घना जंगल है जो हाथियों सहित जंगली जानवरों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। हमें खुशी है कि हाथियों का एक परिवार यहां आया है। खाने के लिए आया ये परिवार हाथियों के पसंदीदा पेड़ रिहानी और अन्य वनस्पतियों की बहुतायत इस पार्क को इन शानदार जानवरों के लिए एक आदर्श निवास स्थान बनाती है। राम ने कहा, "कलेसर हाथियों की भोजन संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है क्योंकि इसमें उनके पसंदीदा पेड़ों की बहुतायत है।" 11,570 एकड़ में फैला कलेसर राष्ट्रीय उद्यान, घने जंगल के गलियारे के माध्यम से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ा हुआ है, साथ ही कलेसर वन्यजीव अभयारण्य (13,209 एकड़) और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में शेर जंग राष्ट्रीय उद्यान भी है। शिवालिक तहलटी में है कलेसर उद्यान हरियाणा के कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में कई तरह के जंगली जानवर पाए जाते हैं, जिनमें से तेंदुआ, हाथी, हिरण, चीतल, सांभर, वनबकरा, जंगली मुर्गा, तीतर, बटेर, खरगोश प्रमुख हैं। इसके अलावा यहां गिलहरी, भारतीय सियार, नीलगाय, गोरल, भारतीय कलगीदार साही, छोटी भारतीय सिवेट, कॉमन पाम सिवेट, ग्रे लंगूर भी यहां मिलते हैं। कलेसर राष्ट्रीय उद्यान, यमुनानगर जिले में स्थित है। यह शिवालिक
Dainik Bhaskar कंगना की फिल्म इमरजेंसी का ट्रेलर जारी:भिंडरावाले और खालिस्तान से जुड़े सीन हटाए गए; 17 जनवरी को रिलीज होगी फिल्म
कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी तकरीबन तीन महीने पहले सेंसर बोर्ड की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद 17 जनवरी को रिलीज होने जा रही है। कंगना ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर फिल्म का ट्रेलर रिलीज कर दिया है। जिसमें से जरनैल सिंह भिंडरांवाला और खालिस्तान संबंधित दृश्यों को हटा दिया गया है। इससे पहले कंगना के निर्देशन में बनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर, 2024 को रिलीज होने वाली थी लेकिन इसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से क्लीयरेंस ही नहीं मिला था। तकरीबन 5 महीने पहले इससे पहले पंजाब के निर्दलीय सांसद व खालिस्तान समर्थक सर्बजीत सिंह खालसा ने ट्रेलर में दिखाए गए दृश्यों पर आपत्ति जताई थी। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले उनके सुरक्षाकर्मी बेअंत सिंह के बेटे व सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने कहा था कि फिल्म इमरजेंसी में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है तो यह एक गहरी साजिश है। यह फिल्म एक मनोवैज्ञानिक हमला है, जिस पर सरकार को पहले से ध्यान देकर दूसरे देशों में सिखों के प्रति नफरत भड़काना बंद कर देना चाहिए। 10 बदलाव करने के लिए कहा गया था फिल्म से तीन दृश्य करवाए गए थे डिलीट फिल्म अब रिलीज होने के लिए तैयार है। फिल्म को लेकर सिख संगठनों ने आपत्ति जताई थी, जिसके कारण CBFC ने सर्टिफिकेट रोक दिया था। कंगना ने इस मामले पर रोष भी व्यक्त किया था। इस फिल्म के कई सीन पर CBFC ने आपत्ति जताई थी। CBFC ने इस फिल्म से 3 सीन डिलीट करने के निर्देश दिए थे। सख्त हिदायत भी दी थी कि फिल्म को रिलीज करने से पहले इसमें 10 बदलाव किए जाएं।
Dainik Bhaskar चीन के कोरोना जैसे वायरस का भारत में पहला केस:बेंगलुरु में 8 महीने की बच्ची पॉजिटिव, इससे चीन में इमरजेंसी जैसे हालात का दावा
चीन में फैले कोरोना जैसे वायरस का भारत में पहला केस मिला है। वायरस का नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बेंगलुरु में 8 महीने की बच्ची पॉजिटिव आई है। सैंपल की जांच बैपटिस्ट अस्पताल में की गई थी। हालांकि कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपनी लैब में नमूने की जांच नहीं कराई। रिपोर्ट एक निजी अस्पताल से आई है। वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। केंद्र सरकार ने कहा था- HMPV इस मौसम में सामान्य वायरस चीन में HMPV के बढ़ते मामलों के बीच भारत सरकार ने 4 जनवरी को जॉइंट मॉनीटरिंग ग्रुप की बैठक की थी। बैठक के बाद सरकार ने कहा था कि फ्लू के मौसम को देखते हुए चीन की स्थिति असामान्य नहीं है। केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा- देश सांस से जुड़ी बीमारियों के मामलों में किसी भी बढ़त से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। चीन में फ्लू के बढ़ते मामलों की वजह RSV और HMPV इस मौसम में इन्फ्लुएंजा के सामान्य वायरस हैं। सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। साथ ही WHO से चीन की स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट देने को कहा है। सरकार बोली- एहतियात के तौर पर टेस्टिंग लैब बढाएंगे सरकार ने कहा कि भारत में ICMR और IDSP के जरिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और इन्फ्लूएंजा के लिए गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के लिए मजबूत निगरानी सिस्टम मौजूद है। दोनों एजेंसियों के आंकड़ों से पता चलता है कि ILI और SARI मामलों में कोई असामान्य बढ़त नहीं हुई है। एहतियात के तौर पर ICMR, HMPV की टेस्टिंग करने वाली लैब की संख्या बढ़ाएगा तथा पूरे साल HMPV के मामलों पर नजर रखेगा। जानिए HMPV वायरस के बारे में... सवाल: HMPV वायरस क्या है? जवाब: HMPV एक RNA वायरस है, जो आमतौर पर सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है। इससे खांसी या गले में घरघराहट हो सकती है। नाक बह सकती है या गले में खराश हो सकती है। इसका जोखिम ठंड के मौसम में ज्यादा होता है। सवाल: HMPV वायरस कैसे फैलता है? जवाब: HMPV वायरस खांसने और छींकने से फैलता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, वायरस से संक्रमित किस
Dainik Bhaskar चंडीगढ़ में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग गिरी:लोग बोले- ऐसा लगा जैसे ब्लास्ट हुआ, इसके पास ही DC ऑफिस और शोरूम
चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में सोमवार सुबह 7 बजे मल्टीस्टोरी बिल्डिंग गिर गई। यह बिल्डिंग काफी समय से खाली थी। हालांकि हादसे में किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है। प्रशासन के अधिकारी खुद मौके पर मौजूद हैं। इसके पास ही DC ऑफिस और नामी शोरूम स्थित है। जानकारी के मुताबिक यह बिल्डिंग 1970 के करीब बनी थी। यह बिल्डिंग शहर की प्राइम लोकेशन पर स्थित है। लोगों के मुताबिक ये बिल्डिंग 5 मंजिला थी। उन्होंने बताया कि जब यह बिल्डिंग गिरी तो ऐसा लगा जैसे कोई कोई ब्लास्ट हुआ हो। कुछ समय के लिए दहशत फैल गई। प्रशासन ने सील करवा दी थी बिल्डिंग मौके पर मौजूद लोगों ने बताया इमारत में करीब 2 महीने से कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था। इससे इमारत में दरारें आ गई थीं। जैसे ही मामला प्रशासन के ध्यान में आया था तो उसके बाद 27 दिसंबर को इमारत को सील कर दिया गया था। लोगे बोले- सीलिंग के बाद ठेकेदार फरार हो गया था प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सीलिंग की कार्रवाई के बाद बिल्डिंग पर काम करने वाला ठेकेदार फरार हो गया था। साथ वाली इमारत के मालिकों ने बताया कि रेनोवेशन के समय उचित कदम नहीं उठाए गए। इस वजह से उनकी इमारतों को भी नुकसान हुआ है। इस बिल्डिंग में पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री का होटल चलता था पास की बिल्डिंग के मालिक कंवलजीत सिंह सिद्धू ने बताया कि पहले इस बिल्डिंग में पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन का महफिल होटल चलता था। इसके बाद बिल्डिंग को मालाबार ज्वैलर ने किराए पर लिया था। वह यहां बेसमेंट में रेनोवेशन का काम करवा रहे थी। इस दौरान बिल्डिंग के पिल्लरों में दरारें आई थीं। इसके बाद हमारे मुलाजिम भी एकदम बाहर निकल गए थे। अब उन्होंने कंस्ट्रक्शन इंजीनियर बुलाए हैं, ताकि अपनी बिल्डिंग का असेसमेंट करवाया जा सके। बिल्डिंग अनसेफ घोषित कर दी थी मौके पर पहुंचे सेक्टर-17 थाना के SHO रोहित ने बताया कि आज सुबह 100 नंबर पर कॉल आया था। जिसके बाद वह मौके पर पहुंचे। बिल्डिंग अनसेफ घोषित कर दी थी। अभी तक ठेकेदार या किसी अन्य पर कोई कार्रवाई नहीं की है। फिलहाल जांच जारी है। जांच रिपोर्ट तैयार होने के बाद उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सेक्टर 1 से लेकर 30 तक कई हेरिटेज बिल्डिंग आजादी के बाद चंडीगढ़ ही पहली प्लांड सिटी बसाई गई थी। 2 अप्रैल 1952 को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आधारशिला रखी थी। यहां सेक्टर 1 से ल
Dainik Bhaskar पत्रकार मुकेश की हत्या का मास्टर माइंड सुरेश चंद्राकर गिरफ्तार:SIT ने हैदराबाद से पकड़ा, पूछताछ जारी; बीजापुर लाने की तैयारी
छ्त्तीसगढ़ में बीजापुर जिले के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का मुख्य आरोपी और इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड सुरेश चंद्राकर पकड़ा गया है। SIT ने रविवार की देर रात हैदराबाद से इसे गिरफ्तार किया है। फिलहाल इससे पूछताछ की जा रही है। ये पत्रकार मुकेश चंद्राकर का चचेरा भाई है। इस हत्याकांड में शामिल 3 सगे भाइयों समेत चार आरोपी पकड़े जा चुके हैं। दरअसल, सुरेश चंद्राकर ठेकेदार है। राजनीति से भी जुड़ा हुआ है। मुकेश चंद्राकर ने ठेकेदार की भ्रष्टचार की खबर बनाई थी। इसी बात से नाराज था। जिसके बाद इसने मुकेश की हत्या करवाने की पूरी साजिश रची। अपने बैडमिंटन कोर्ट परिसर में इसने अपने भाई और सुपरवाइजर के हाथों मरवा दिया। बदले जा सकते हैं SIT के अफसर इस हत्याकांड के बाद गठित की गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के अधिकारियों को बदला जा सकता है। इन्वेस्टिगेशन टीम में पहले से ही बीजापुर में पदस्थ कुछ अधिकारियों को शामिल किया गया है। पत्रकारों ने इस पर आपत्ति जताई थी। पुलिस हेडक्वार्टर से अन्य अधिकारियों से मामले की जांच कराने की मांग की गई थी। ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। गृह मंत्री विजय शर्मा के मुताबिक मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा। घर में बनी थी हत्या की पूरी प्लानिंग दैनिक भास्कर ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि सुरेश चंद्राकर ने मुकेश की हत्या की प्लानिंग अपने घर में बैठकर की थी। छोटा भाई रितेश उसे बुलाएगा और सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर उसे मार देगा। क्योंकि उन्हें पता था कि रितेश के बुलाने पर ही मुकेश आ सकता है। प्लान में ये भी था कि हत्या के दिन सुरेश और दिनेश जगदलपुर में रहेंगे, हत्या के बाद रितेश रायपुर और सुरेश हौदराबाद चला जाएगा। वहीं दिनेश और महेंद्र रामटेके दोनों मिलकर शव को ठिकाने लगाएंगे। और इन्होंने ठीक इसी प्लानिंग के तहत ही काम किया। लेकिन पत्रकारों की सक्रियता के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घर से 3 किमी दूरी पर हुई हत्या सुरेश बैडमिंटन कोर्ट परिसर में मौजूद कमरों को स्टोर रूम बनाकर रखा था। आस-पास सैकड़ों घर भी हैं। जब भास्कर की टीम ने इलाके में रहने वाले लोगों से बातचीत करने की कोशिश की तो लोगों ने कैमरे के सामने बात करने से मना कर दिया। तीनों हत्यारे भाइयों का अय्याशी का था अड्डा इसकी वजह सुरेश और उसके गुर्गो
Dainik Bhaskar अमित शाह से मिले कैप्टन अमरिंदर सिंह:पंजाब के कई मुद्दों पर बनी रणनीति, 25 अक्टूबर को खन्ना मंडी पहुंचे थे
पंजाब भाजपा के सीनियर नेता और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह कई महीनों के बाद फिर से राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। यह मुलाकात दिल्ली में हुई। उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि उन्होंने गृह मंत्री से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान पंजाब के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इन 3 मुद्दों पर हुई बातचीत गृह मंत्री अमित शाह से कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुलाकात का समय काफी अहम है। सूत्रों की मानें तो मुख्य रूप से चर्चा के तीन बिंदु रहे। एक तो राज्य में इस समय चल रहा किसान आंदोलन। जिसे एक साल पूरा होने वाला है। जगजीत सिंह दल्लेवाल करीब 42 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। उनकी तबीयत नाजुक है। ऐसे में उम्मीद है कि बैठक में यह मुद्दा भी उठा होगा। दूसरा अहम मुद्दा पार्टी प्रधान का है। क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद सुनील जाखड़ ने गृह मंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया था। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी की गतिविधियों से खुद को अलग कर लिया था। तीसरा, राज्य में एक के बाद एक लोकसभा, पंचायत और नगर निगम चुनाव हुए हैं। अब विधानसभा चुनाव में सिर्फ दो साल बचे हैं, ऐसे में पार्टी को किस तरह आगे बढ़ना चाहिए, इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। इससे पहले पहुंचे थे खन्ना अनाज मंडी इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह करीब दो महीने छह दिन पहले 25 अक्टूबर को अचानक खन्ना अनाज मंडी पहुंचे थे। जब किसानों को धान खरीद में दिक्कतें आ रही थीं, तब केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना हो रही थी। इसके बाद भाजपा नेता सभी मंडियों में पहुंचे। इस मुद्दे पर भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से भी मिला था। हालांकि, वे पार्टी की बैठकों से दूर रहते हैं। हालांकि, उनकी पत्नी पूर्व केंद्रीय मंत्री परनीत कौर और बेटी जय इंदर कौर सक्रिय रहती हैं। भाजपा ने पटियाला में नगर निगम चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा था।
Dainik Bhaskar BPSC कैंडिडेट्स प्रदर्शन- जेल भेजे गए प्रशांत किशोर:कंडीशनल बेल लेने से इनकार; कोर्ट अपने फैसले पर कायम, कहा- ऐसा प्रदर्शन दोबारा न हो
जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना सिविल कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में पटना की बेऊर जेल भेजा है। पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पुलिस ने सोमवार सुबह 4 बजे गिरफ्तार किया था। वो 2 जनवरी की शाम 5 बजे से BPSC अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर थे। पटना सिविल कोर्ट में उनकी पेशी हुई। SDJM आरती उपाध्याय की कोर्ट से उन्हें 25 हजार के निजी मुचलके पर बेल मिली। कोर्ट में पेशी के दौरान प्रशांत किशोर ने खुद बहस की। उन्होंने जज को बताया कि किस तरीके से पुलिसिया बर्बरता की गई। कोर्ट से जमानत मिली, लेकिन प्रशांत किशोर सशर्त जमानत लेने के लिए तैयार नहीं हुए। प्रशांत किशोर ने PR बॉन्ड पर साइन नहीं किए। उनकी ओर से जुडिशियल कस्टडी की मांग की गई। दरअसल कोर्ट ने कहा है कि 'आगे से ऐसी कोई भी काम नहीं करेंगे जिसकी वजह से आम लोगों को दोबारा परेशानियों का सामना करना पड़े।' पीके इसका विरोध कर रहे हैं। जज अपने फैसले पर कायम हैं। इससे पहले आज सुबह 4 बजे पटना पुलिस ने गांधी मैदान से उन्हें जबरन हटाया। इस दौरान पुलिस को भारी विरोध का सामना भी करना पड़ा। समर्थक का दावा है कि हटाने के दौरान एक पुलिस वाले ने प्रशांत किशोर को थप्पड़ भी मारा और जबरन वहां से उठाकर एंबुलेंस में बैठाया। प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के दौरान क्या हुआ, 3 पॉइंट्स में जानिए पहले से PK को हटाने की तैयारी कर चुकी थी पुलिस पुलिस ने पहले से प्रशांत किशोर को हटाने की तैयारी कर ली थी। शहरी इलाके में प्रशांत के विरोध और समर्थन को देखते हुए पुलिस ने उन्हें शहर से बाहर ले जाने की रणनीति बनाई थी। इसी के तहत सोमवार सुबह पटना पश्चिमी एसपी, दानापुर ASP और गांधी मैदान टाउन डीएसपी पहुंचे थे। 2 दिन पहले यानी 4 जनवरी को पटना डीएम ने भी कहा था कि एग्जाम के बाद प्रशांत किशोर पर एक्शन होगा। प्रशांत किशोर BPSC कैंडिडेट्स के समर्थन में गुरुवार शाम से आमरण अनशन पर हैं। वहीं, मुजफ्फरपुर कोर्ट में BPSC छात्रों को भड़काने के आरोप में उन पर केस दर्ज किया गया है। कैंडिडेट्स पर कई बार हो चुका है लाठीचार्ज 13 दिसंबर को 912 सेंटर्स पर BPSC 70वीं की पीटी हुई थी। पटना के बापू परीक्षा परिसर में अभ्यर्थियों ने प्रश्न पत्र लेट मिलने समेत अन्य आरोप लगाएं। इसके बाद बवाल बढ़ गया।
Dainik Bhaskar यूका के जहरीले कचरे पर हाईकोर्ट में सुनवाई:याचिकाकर्ता बोले- भरोसे में लिए बिना सरकार ने उठाया कदम; पीथमपुर में पुलिस अलर्ट पर
हाईकोर्ट में यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलाने के फैसले को चुनौती देने वाले वाली याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका इंदौर की एमजीएम एलुमनाई एसोसिएशन ने इंदौर खंडपीठ में दायर की थी। जहां से इसे जबलपुर खंडपीठ में ट्रांसफर किया गया है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच इसे सुन रही है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव धनओटकर का कहना है कि सरकार ने इंदौर और पीथमपुर की जनता को बिना भरोसे में लिए यह एकतरफा कदम उठाया है। इंदौर से पीथमपुर की दूरी सिर्फ 30 किलोमीटर है। ऐसे में अगर 358 मीट्रिक टन जहरीला कचरा यहां रखा जाता है तो यह जनता के लिए हानिकारक साबित होगा। दूसरी तरफ, पीथमपुर में रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज की फैक्ट्री के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। तारपुरा गांव में दो अस्थायी पुलिस चौकियां बनाई गई हैं। पुलिस लगातार इलाके में गश्त कर रही है। वज्र वाहन और फायर फाइटर अलर्ट पर हैं। पुलिस के आला अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। पीथमपुर में तीन दिन चले थे हिंसक प्रदर्शन बुधवार एक जनवरी की रात को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री परिसर से करीब 358 मीट्रिक टन जहरीला कचरा 10 कंटेनर में भरकर पीथमपुर भेजा गया था। इसे रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज में जलाया जाना है। जहरीले कचरे के निष्पादन के खिलाफ पीथमपुर में लगातार तीन दिन विरोध प्रदर्शन हुए थे। शनिवार को तारपुरा गांव से लगी रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज की फैक्ट्री पर पथराव किया गया। इसमें कुछ वाहनों के कांच टूट गए। इसके बाद पुलिस ने लोगों को फैक्ट्री के पास से खदेड़ा था। प्रदर्शन के सिलसिले में पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज किए हैं। बरदरी चौराहा, सवारियां मंदिर और आजाद चौराहे पर चक्काजाम करने वाले अज्ञात आरोपियों के खिलाफ 383, 341,149, 147 धाराओं के तहत FIR की गई हैं। सीएस ने कहा था- जनता को भरोसे में लेकर आगे बढे़ंगे पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर हो रहे विरोध के बीच मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा था- राज्य सरकार इस मामले में हाईकोर्ट से समय देने की मांग करेगी। कोर्ट को मौजूदा परिस्थितियों के बारे में जानकारी देंगे। स्थानीय लोगों को भरोसे में लेकर ही सरकार अब इस मामले में आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा- कोर्ट से कितना वक्त मिलेगा, कह नहीं सकते। कचरे की शिफ्टिंग से लेकर आगे क
Dainik Bhaskar अनशन कर रहे प्रशांत किशोर गिरफ्तार:रात 4 बजे पुलिस ने जबरन उठाया, गांधी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे
भूख हड़ताल पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने सोमवार तड़के गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उन्हें रात 4 बजे जबरन उठाकर ले गई। साथ ही वहां मौजूद लोगों पर लाठीचार्ज किया। वे पिछले पांच दिनों से बीपीएससी परीक्षा रद्द करने समेत पांच मांगों को लेकर गांधी मैदान स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा स्थल पर आमरण अनशन कर रहे थे।
Dainik Bhaskar केंद्रीय मंत्री खट्टर बोले- किसानों का मुद्दा पंजाब का:केंद्र ने बातचीत का प्रस्ताव रखा, उन्होंने हाथ नहीं बढ़ाया; करनाल पहुंचे थे पूर्व CM
हरियाणा के करनाल में कर्ण कमल कार्यालय पहुंचे केंद्रीय मंत्री और करनाल लोकसभा सांसद मनोहर लाल ने शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों के मामले को पंजाब का मामला बताया। उन्होंने कहा कि यह मसला पंजाब का ज्यादा है, हरियाणा में ऐसा कुछ नहीं है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को किसानों से बातचीत करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी भी बनाई थी। केंद्र सरकार किसानों से बातचीत करने की कोशिश कर चुकी है और दो-तीन बार बातचीत का ऑफर भी दे चुकी है, लेकिन कोई भी किसान उस कमेटी से मिलने नहीं आया। इसके बाद किसानों को फिर से पंचकूला में मीटिंग करने का ऑफर दिया गया है। वहां भी वे बातचीत करने नहीं आए। अब अगर किसानों को किसी शर्त पर बात करनी पड़ रही है तो यह ठीक नहीं है। जब दोनों तरफ से हाथ बढ़ाया गया है तो बढ़ाना चाहिए और मिल-बैठकर बातचीत करने से ही समाधान निकलेगा। मैं न तो कांग्रेस का पदाधिकारी हूं और न ही कार्यकर्ता कुलदीप शर्मा द्वारा कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिखे जाने और कांग्रेस में मची कलह के सवाल पर मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है और यह सवाल कांग्रेस नेताओं से पूछा जाना चाहिए। मैंने कांग्रेस में प्रवेश नहीं किया है और न ही मैं कांग्रेस का पदाधिकारी हूं और न ही कार्यकर्ता। इसलिए मीडिया को कांग्रेस के लोगों से मिलकर उनसे यह सवाल पूछना चाहिए। बागी पार्षदों के सवाल पर खट्टर बोले विधानसभा चुनाव में बागी पार्षदों द्वारा अपनी गलती मानने और डबल कोटा भरने के सवाल पर मनोहर लाल ने कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है और पार्टी इस पर विचार कर अपना फैसला लेगी।
Dainik Bhaskar 1400 साल पहले ह्वेनसांग ने लिखा-संगम स्नान पाप धो देता:मेगस्थनीज ने गंगा किनारे मेले के बारे में बताया; तैमूर ने कुंभ में नरसंहार किया
आदि गुरु शंकराचार्य ने छठी शताब्दी ईसा पूर्व जब कुंभ को लोकप्रिय बनाना शुरू किया, तब कोई नहीं समझ सका था कि यह अनवरत चलने वाली ऐसी सनातन यात्रा प्रारंभ हो रही है, जो कालखंड में बांधी न जा सकेगी। इसके बाद सदियां बीतती गईं और कुंभ का वैभव बढ़ता गया। भारतीय अध्यात्म परंपरा ही नहीं, सदियों पहले से यहां आने वाले विदेशी यात्रियों ने भी अपने संस्मरण में कुंभ को दर्ज किया है। सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के समय (302 ईसा पूर्व) यूनानी यात्री मेगस्थनीज भारत आया। उसने अपनी किताब ‘इंडिका’ में गंगा किनारे लगने वाले मेले का वर्णन किया है। चीनी यात्री फाहियान (399 से 411 ई.) वाराणसी आया और गंगा से जुड़े किस्से लिखे। सम्राट हर्षवर्धन के समय आए ह्वेनसांग ने 16 सालों तक देश के विभिन्न हिस्सों में अध्ययन किया। करीब 1400 साल पहले (644 ईस्वी) में वह सम्राट हर्षवर्धन के साथ प्रयाग कुंभ का साक्षी बना। उसने अपनी किताब ‘सी-यू-की’ में लिखा- ‘देशभर के शासक धार्मिक पर्व में दान देने प्रयाग आते थे। संगम किनारे स्थित पातालपुरी मंदिर में एक सिक्का दान करना हजार सिक्कों के दान के बराबर पुण्य वाला माना जाता है। प्रयाग में स्नान सभी पाप धो देता है। अल-बिरूनी ने किताब-उल-हिन्द में देव-दानव संघर्ष का वर्णन किया ह्वेनसांग ने प्रयागराज को मूर्तिपूजकों का महान शहर बताया और लिखा कि इस उत्सव में 5 लाख से ज्यादा लोग शामिल होते हैं। दूसरी ओर महमूद गजनवी के शासनकाल में 1030 ईस्वी के आस-पास अबू रेहान मुहम्मद इब्न अहमद अल-बिरूनी ने ‘किताब-उल-हिन्द’ लिखी। इसमें उसने वाराहमिहिर के साहित्य के आधार पर समुद्र मंथन और अमृत कुंभ को लेकर हुए देव-दानव संघर्ष का वर्णन किया है। अकबर 1567 में पहली बार प्रयाग आया मुगल बादशाह अकबर 1567 में पहली बार प्रयाग पहुंचा। वह कुंभ और नागा साधुओं से भी परिचित था। अबुल फजल ने ‘अकबरनामा’ में लिखा, ‘यह स्थान प्राचीन काल से पयाग (प्रयाग) कहलाता था। बादशाह के मन में विचार था कि जहां गंगा-यमुना मिलती हैं और भारत के श्रेष्ठ लोग जिसे बहुत पवित्र समझते हैं, वहां दुर्ग बनाया जाए।’ इससे पहले सन् 1398 में समरकंद से आए आक्रांता शुजा-उद-दीन तैमूर लंग ने हरिद्वार अर्धकुंभ मेले पर हमला किया। इस दौरान उसने लूटपाट और नरसंहार किया। तैमूर ने अपनी आत्मकथा ‘तुजुक-ए-तैमूरी’ में इसका जिक्र किया है। ----------------
Dainik Bhaskar हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो में सिफारिशी नियुक्ति बंद:ACB चीफ की DGP को चिट्ठी, अधिकारी–मंत्रियों से सिफारिश का फैशन नहीं चलेगा, ऑनलाइन अप्लाई कराएं
हरियाणा सरकार के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में अब कर्मचारियों और अधिकारियों की सिफारिशी नियुक्ति नहीं होगी। इस बारे में 23 दिसंबर को ही नियुक्त हुए ACB के नए चीफ ADGP आलोक कुमार मित्तल ने DGP शत्रुजीत कपूर को चिट्ठी भेजी है। जिसमें यह भी कहा गया कि एसीबी में नियुक्ति के लिए अधिकारियों–मंत्रियों के सिफारिश का एडहॉक फैशन के बजाय पारदर्शिता से काम होगा। इसके लिए इच्छुक अधिकारियों–कर्मचारियों को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन करने को कहा गया है। यह नियुक्ति डेपुटेशन के आधार पर होगी। ADGP की DGP को लिखी चिट्ठी में क्या… एंटी करप्शन ब्यूरो में डेप्यूटेशन के इच्छुक अधिकारियों के लिए ACB ने एक पोर्टल बनाया है। ट्रांसफर पॉलिसी के अधीन जो अधिकारी एसीबी के लिए योग्य हैं, वह इस पर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। अफसरों और मिनिस्ट्रियल कैडर की तरफ से नाम प्रस्तावित करने के अनौपचारिक फैशन के बजाय यह काम ऑनलाइन पारदर्शिता से होगा। इस पोर्टल का लिंक ACB की ऑफिशियल वेबसाइट www.acb.haryana.gov.in पर दिया गया है। DGP ने सभी अधिकारियों को भेजी सूचना ACB चीफ ADGP मित्तल ने डीजीपी से अनुरोध किया कि इसके बारे में सभी पुलिस यूनिट को सूचित कर दें ताकि इव्छुक अधिकारी इस पोर्टल के जरिए आवेदन कर सके। इसके बाद DGP ऑफिस से सभी पुलिस कमिश्नर, SP और पुलिस हेडक्वार्टर की ब्रांचों में इसके बारे में सूचना भेज दी गई है। एंटी करप्शन ब्यूरो से जुड़े 3 पॉइंट्स... 1. हरियाणा गठन के बाद 3 बार बदला गया नाम 1 नवंबर 1966 को हरियाणा का गठन हुआ था। इसके एक साल बाद जून 1967 में रिश्वतखोरी पर कार्रवाई के लिए स्टेट विजिलेंस ब्यूरो (SVB) बनाया गया था। इसकी शुरुआत एक विशेष जांच एजेंसी (SIA) के तौर पर हुई थी, बाद में साल 1978 में इसका नाम बदलकर स्टेट विजिलेंस ब्यूरो कर दिया गया। फिर फरवरी, 2023 में इसका नाम बदलकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी ACB कर दिया गया। यह फैसला तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में डिविजनल विजिलेंस ब्यूरो के पुलिस उप महानिरीक्षकों (डीआईजी) और पुलिस अधीक्षकों के साथ हुई अहम बैठक में लिया गया था। 3. राज्य से जिला स्तर पर एक्टिव किया गया शुरुआत में ACB राज्य स्तर पर काम करती थी। इसके बाद तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने ही रिश्वत के मामलों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए इसे जिला स्तर पर भी एक्टिव
Dainik Bhaskar हरियाणा के युवक को एक साल में 4 नौकरियां मिलीं:इनमें 3 सरकारी; पहली जॉब 1 दिन में छोड़ी, कॉन्स्टेबल के बाद लेक्चरर बना
हरियाणा के एक युवक ने राज्य सरकार की भर्ती में 4 बार नौकरी हासिल कर ली। इनमें 3 बार सरकारी और एक बार कॉन्ट्रैक्ट बेस पर मिली नौकरी शामिल है। सचिन सुथार को सबसे पहले सरकारी तौर पर पंचायत लोकल ऑपरेटर की नौकरी मिली। इसके बाद गणित टीचर और फिर पुलिस कॉन्स्टेबल की परीक्षा पास करने में वह कामयाब रहा। अब हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) से उसे मैथ के लेक्चरर की नौकरी मिल गई है। सचिन का कहना है कि वह असिस्टेंट प्रोफेसर बनने तक रुकने वाले नहीं हैं। सचिन के पिता राजमिस्त्री हैं जबकि मां गृहणी है। पिता राजेंद्र सुथार ने कहा कि उन्होंने सचिन को मजदूरी कर पढ़ाया। बेटा शुरू से ही पढ़ाई में होशियार रहा है। वह खुद मजदूरी करते हैं, लेकिन बच्चे को पढ़ाने में किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी। उन्होंने कहा कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। सचिन ने कहा कि उनके गांव में बिजली की अच्छी सुविधा नहीं है, इसलिए उन्होंने सोलर लाइट में भी पढ़ाई की। युवक को मिली 4 नौकरियों की कहानी.... 1. पहली बार एग्जाम में ही सरकारी नौकरी मिल गई नौकरी के लिए पहली बार उन्होंने 2023 में ही क्रीड पंचायत लोकल ऑपरेटर (CPLO) की परीक्षा दी। जिसके बाद मार्च 2024 में क्रीड विभाग में ग्राम पंचायत लोकल ऑपरेटर पद पर उनका चयन हो गया। इस पद पर युवक ने एक ही दिन काम किया। 2. दूसरी बार गणित लेक्चरर पद पर चुने गए इसके बाद सचिन ने आगे परीक्षा देनी जारी रखी। कुछ दिन बाद ही उनका चयन हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत PGT गणित टीचर के पद पर हो गया। 16 मार्च 2024 को सचिन ने इस पद पर जॉइनिंग ली। वह अग्रोहा के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पढ़ा रहे हैं। 3. तीसरी पर हरियाणा पुलिस में कॉन्स्टेबल चुने गए इसके बाद अक्टूबर माह में ही सचिन हरियाणा पुलिस में भर्ती हो गए। उनके पास इसका जॉइनिंग लेटर भी आ गया। हालांकि, सचिन ने यह नौकरी जॉइन नहीं की। उन्होंने एप्लिकेशन डालकर नौकरी जॉइन करने के लिए 3 महीने का एक्सटेंशन ले लिया। इसका कारण था कि सचिन उस समय हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) के इंटरव्यू की तैयारी कर रहे थे। 4. अब PGT मैथ के लेक्चरर की नौकरी मिली हरियाणा लोक सेवा आयोग के एग्जाम में भी सचिन को कामयाबी मिली। 4 जनवरी को उन्हें सूचना मिली कि HPSC में भी उनका सिलेक्शन हो गया है। उनका PGT मैथ के लेक्चरर के पद पर चयन हुआ है। हालांकि, उन्हें अभ
Dainik Bhaskar किसान आंदोलन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:शंभू बॉर्डर खोलने, डल्लेवाल को अस्पताल भर्ती कराने की 2 याचिका; पंजाब सरकार कंप्लायंस रिपोर्ट देगी
हरियाणा–पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 11 महीने से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसमें कोर्ट के आगे 2 मामले रखे जाएंगे। पहला मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के शंभू बॉर्डर खोलने के फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार की याचिका का है। दूसरी खनौरी बॉर्डर पर 42 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती न कराने की पंजाब सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका है। इसमें पंजाब सरकार कोर्ट के सामने डल्लेवाल को अस्पताल भर्ती कराने को लेकर कंप्लायंस रिपोर्ट पेश करेगी। 2 जनवरी को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मामले एक साथ रखने को कहा था। वहीं शनिवार को महापंचायत में 9 मिनट के संबोधन के बाद डल्लेवाल को चक्कर और उल्टियां होने लगीं। उनका ब्लड प्रेशर काफी कम गया। जिसके बाद सेहत विभाग ने एक टीम को अलर्ट मोड पर रखा है। वहीं किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि हम शंभू बॉर्डर पर ही 6 जनवरी को श्री गुरू गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व मनाएंगे। शंभू बॉर्डर खोलने का मामला सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा, 5 पॉइंट्स 1. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून को लेकर 13 फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है। इसके अलावा खनौरी बॉर्डर पर भी किसान आंदोलन पर बैठे हैं। 2. 10 जुलाई 2024 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर को खोला जाए। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। 3. 12 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एंबुलेंस, सीनियर सिटीजन्स, महिलाओं, छात्रों के लिए शंभू बॉर्डर की एक लेन खोलने के लिए कहा। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई। जिसे सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता करनी थी। 4. सुप्रीम कोर्ट की यह कमेटी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई। जिसमें पूर्व डीजीपी बीएस संधू, कृषि विश्लेषक देवेंद्र शर्मा, प्रोफेसर रंजीत सिंह घुम्मन, कृषि सूचनाविद डॉ. सुखपाल सिंह और विशेष आमंत्रित सदस्य प्रोफेसर बलदेव राज कंबोज शामिल हैं। 5. कमेटी ने 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। जिसमें उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वाले किसान बातचीत के लिए नहीं आ रहे। किसानों से उनकी सुविधा के अनुसार तारीख और
Dainik Bhaskar अमेजन-फ्लिपकार्ट पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:चुनिंदा विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने का आरोप, CCI ने मामलों को कर्नाटक HC ट्रांसफर करने की मांग की है
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट पर आज (6 जनवरी) सुनवाई होगी। इन कंपनियों पर कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया यानी CCI ने मार्केट कॉम्पिटिशन के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। 3 दिसंबर 2024 को CCI ने सुप्रीम कोर्ट से दोनों कंपनियों पर लगे सभी मामलों को एक साथ कर्नाटक हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी। ताकि, अगल-अलग कोर्ट के निर्णय कंट्राडिक्टरी नहीं ना हों। सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाते हुए CCI ने कहा था कि सैमसंग, वीवो और अन्य कंपनियां हाई कोर्ट की जांच को रोकने के उद्देश्य से अलग-अलग कोर्ट में चुनौतियां पेश कर रही हैं। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने कोर्ट से सैमसंग, वीवो, अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ वेंडर्स की 23 शिकायतों पर सुनवाई करने का अनुरोध किया, ताकि मामले पर जल्द से जल्द फैसला हो सके। अमेजन-फ्लिपकार्ट पर एंटीट्रस्ट-लॉ के उल्लंघन का आरोप मामला 2019 में CCI की जांच से जुड़ा है। कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया ने जांच के बाद आरोप लगाया गया था कि अमेजन और फ्लिपकार्ट ने कुछ चुनिंदा सेलर्स को मार्केट में ज्यादा प्रायोरिटी दी। कंपनियों के इस गड़बड़ी के चलते भारत का ई-कॉमर्स मार्केट काफी डिस्टर्ब हो गया था। CCI की इन्वेस्टिगेटिव यूनिट ने जांच में पाया कि दोनों कंपनियों ने एंटी-ट्रस्ट लॉ का उल्लंघन किया है। इसके अलावा, रिपोर्ट में सैमसंग और वीवो जैसे स्मार्टफोन मैन्यूफैक्चरर्स के साथ स्पेशल ऑनलाइन लॉन्च के लिए मिलीभगत को उजागर किया गया। कंपनियों ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया था अमेजन और फ्लिपकार्ट को अपने व्यापारिक तौर-तरीकों को लेकर कई सालों से छोटे रिटेलर्स की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली भारी छूट और तरजीही व्यवहार के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं अमेजन और फ्लिपकार्ट ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है। 2019 में शुरू हुई थी CCI की जांच अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ CCI की जांच 2019 में शुरू हुई थी, लेकिन इसमें कई बार देरी हुई है। मामले को चुनौती देने के लिए भारत भर में दायर 23 मुकदमों में से ज्यादातर में CCI पर अपनी जांच के दौरान उचित प्रोसेस का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि आयोग द्वारा दायर 23 मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के अनुरो