Dainik Bhaskar Dainik Bhaskar

Dainik Bhaskar झारखंड में वोटिंग से पहले ED की छापेमारी:पश्चिम बंगाल में भी रेड; बांग्लादेशी घुसपैठ और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है मामला

झारखंड में पहले चरण के वोटिंग से एक दिन पहले ईडी ने कार्रवाई की है। रांची के बरियातू इलाके के होटल स्काई लाइन, आश्वी डायग्नोसिस समेत छह ठिकानों की तलाशी ले रही है। ईडी की टीम बंगाल में भी छापेमारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक दोनों राज्यों को मिला कर कुल 17 जगहों पर छापेमारी कर रही है। यह छापेमारी बांग्लादेशी घुसपैठ, देह व्यापार और इससे संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका को लेकर की जा रही है। दरअसल, रांची पुलिस ने जून में बरियातू थाना क्षेत्र के हिल व्यू रोड बाली रिजॉर्ट से तीन संदिग्ध बांग्लादेशी युवतियों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार तीनों युवतियों की पहचान बांग्लादेश के चटग्राम की रहने वाली निंपी बिरूआ, समरीन अख्तर व निपा अख्तर के रूप में हुई थी। तीनों ही युवतियों ने पुलिस को बताया था कि उन्हें मनीषा राय नामक की एक अन्य लड़की की मदद से बांग्लादेश से जंगल के रास्ते पहले कोलकाता फिर वहां से रांची लेकर आई थी। उन्हें ब्यूटी सैलून में जॉब दिलाने की बात कही गई थी, लेकिन यहां उनसे जिस्म फरोशी कराई जाने लगी। अब उस एफआईआर को जानिए, जिसके बाद एक्टिव हुई ED पुलिस ने गिरफ्तार बांग्लादेशी युवतियों से मिली जानकारी के आधार पर बरियातू थाने में चार जून को एफआईआर (संख्या 188/2024) दर्ज किया है। रांची के बरियातू थाने में आईपीसी 1860 की धारा 420, 467, 468, 471 और 34, पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12, विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14-ए के तहत यह केस दर्ज हुआ था। ईडी इस मामले को बांग्लादेशी महिलाओं की तस्करी, घुसपैठ और इसके जरिए मनी लान्ड्रिंग की संभावना मानते हुए पीएमएलए के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई कर रही थी। आज की रेड उसी कार्रवाई का हिस्सा है। जिन लड़कियों को जमानत पर छोड़ा गया वो हो गईं फरार पुलिस ने बाली रिजॉर्ट से जिन 3 लड़कियों को गिरफ्तार किया था। उसे कोर्ट से 10-10 हजार रुपए के निजी मुचलके पर इसी शर्त पर जमानत दी थी कि वे मामले में अनुसंधान के दौरान जांच एजेंसी को सहयोग करेंगी। 20 दिन पहले जब ईडी मामले की जांच को लेकर बरियातू थाने गई थी तब बरियातू थाना प्रभारी मनोज कुमार से पूछा गया कि तीनों युवतियां कहां हैं, तो उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी नहीं है। बरियातू पुलिस ने इनके पास से जो आधार कार्ड जब्त किया था, वह भी फर्जी था। रेड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें सीएम सोरेन के PS के घर IT

Dainik Bhaskar कंगना रनोट के खिलाफ याचिका पर आज सुनवाई:कहा था- किसान आंदोलन के समय रेप-मर्डर हुए; आगरा में आज वकीलों के बयान दर्ज होंगे

बॉलीवुड एक्ट्रेस और हिमाचल की मंडी सीट से BJP सांसद कंगना रनोट के खिलाफ दायर याचिका में आज मंगलवार को आगरा कोर्ट में सुनवाई होगी। कंगना के खिलाफ दायर मामले में स्पेशल कोर्ट MP-MLA अनुज कुमार सिंह की कोर्ट में जिरह होगी। दोपहर बाद वकीलों के बयान दर्ज किए जाएंगे। एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने स्पेशल कोर्ट MP-MLA में कंगना के खिलाफ राष्ट्रद्रोह और राष्ट्र अपमान का आरोप लगाते हुए 13 सितंबर को याचिका दाखिल की थी। आगरा में राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने याचिका में आरोप लगाते हुए कहा- कंगना ने धरने पर बैठे लाखों किसानों पर अभद्र टिप्पणी की। उन्हें हत्यारा और बलात्कारी करार दिया। यही नहीं, कंगना ने 16 नवंबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का मजाक उड़ाया था। कंगना पर भावनाएं आहत करने का आरोप एडवोकेट ने कहा- मैं भी किसान परिवार से हूं। 30 साल तक खेती-किसानी की। किसानों और राष्ट्रपिता के प्रति सम्मान रखता हूं। कंगना ने हमारी और लाखों किसानों की भावनाएं आहत की है। उन पर राष्ट्रद्रोह का केस हो। रमाशंकर शर्मा ने बताया कि 31 अगस्त को उन्होंने पुलिस कमिश्नर और थाना न्यू आगरा को शिकायत भेजकर कार्रवाई करने की मांग भी की थी। इस मामले में 17 सितंबर को एडवोकेट रमाशंकर शर्मा के कोर्ट में बयान होने थे, लेकिन कोर्ट ने 25 सितंबर की डेट दे दी थी। भाजपा ने कंगना के बयान से किनारा किया, कहा- उनकी निजी राय कंगना के बयान पर विवाद बढ़ता देखकर भाजपा ने कंगना के बयान से किनारा कर लिया था। पार्टी ने कहा था- ये कंगना के अपने विचार हैं। पार्टी इससे सहमत नहीं। कंगना को आगे ऐसे बयान न देने की हिदायत दी गई है। पहले भी किसानों पर विवादित बयान दे चुकी कंगना 1- आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। सोशल मीडिया पर लिखा था- 'खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। 2- किसान आंदोलन में महिलाएं 100 रुपए में शामिल होती हैं किसान आंदोलन के वक्त कंगना ने 27 नवंबर 2020 को एक सोशल मीडिया पोस्ट की। इसम

Dainik Bhaskar ताजमहल नहीं तेजोमहालय, आगरा कोर्ट में सुनवाई आज:पूजा की अनुमति मांगी गई; पिछली सुनवाई पर ASI की एप्लिकेशन कोर्ट ने खारिज की

आगरा में ताजमहल में पूजा अर्चना की मांग करते हुए सिविल जज कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। दावा है कि यह इमारत तेजोमहालय है। 12 नवंबर को सिविल जज (जूनियर डिवीजन) 6 की कोर्ट में सुनवाई होगी। इस मामले की पिछली सुनवाई 23 अक्टूबर को हुई। मृत्युंजय श्रीवास्तव की कोर्ट ने ASI के नकल मांगने वाले लेटर को खारिज कर दिया है। सावन में पूजा की अनुमति मांगी, तर्क दिया कि मुगल आक्रांताओं ने मंदिर तोड़ा 23 जुलाई, 2024 को योगी योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अजय तोमर ने आगरा की सिविल जज (जूनियर डिवीजन) 6 कोर्ट में याचिका दाखिल की। उन्होंने सावन के महीने में ताजमहल (तेजोमहालय) में पूजा-अर्चना और जलाभिषेक की मांग रखी। उनका तर्क था कि ताजमहल भगवान शिव का मंदिर है। मुगल आक्रांताओं ने मंदिर को तोड़कर उसका मुख्य ढांचा परिवर्तित कर दिया था। ASI ने मांगी थी केस की नकल याचिका की पैरवी में अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने बताया कि प्रतिवादी ASI प्रसिडेंटेंड राजकुमार पटेल के अधिवक्ता ने केस की नकल मुहैया कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। इसे अदालत ने खारिज कर दिया। उन्हें पहले ही दावे की नकल एवं संशोधन प्रार्थना पत्र की नकल मुहैया करा दी गई थी। कुंवर अजय तोमर का कहना है कि ASI के अधिवक्ता मामले को बार-बार टालने का प्रयास कर रहे हैं। ASI के पास मकबरा होने के कोई सबूत नहीं हैं। ताजमहल को बताया वक्फ की संपत्ति मुस्लिम पक्षकार सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी की ओर से उनके अधिवक्ता रहीसउद्दीन ने प्रार्थना पत्र दाखिल किया। उन्होंने ताजमहल को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताया था। भारतीय संघ को भी पक्षकार बनाया है। हालांकि भारतीय संघ की ओर से अभी तक कोई न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ है। ---- यह भी पढ़ें : राहुल ने I Love Wayanad लिखी टीशर्ट पहनी:बोले- वायनाड ने इतना स्नेह दिया कि मैंने राजनीति में 'प्यार' शब्द का इस्तेमाल शुरू किया कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को केरल के वायनाड में अपनी बहन प्रियंका के लिए चुनावी रैली की। इस दौरान वे अपनी ट्रेडमार्क सफेद टीशर्ट में नजर आए, जिसके पीछे 'I ???? वायनाड' लिखा था। प्रियंका के साथ रैली करते हुए उन्होंने वायनाड के लोगों को ये टीशर्ट दिखाई। राहुल ने कहा कि वायनाड के लोगों ने उन्हें इतना स्नेह दिया कि उनकी पूरी राजनीति का दृष्टिकोण बदल गया। यहां आने के बाद उन्होंने राज

Dainik Bhaskar IRS अफसर बनकर महिला मित्रों से करता था अश्लील चैट:25 से ज्यादा महिलाओं से लाखों रुपए ठगे; घरवालों-कोचिंग टीचर से भी फ्रॉड किया

उज्जैन में खुद को भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) का अफसर बताकर 25 से ज्यादा युवतियों को ठगने वाले ने अपने कोचिंग टीचर तक को नहीं छोड़ा। 5 साल पहले जिस कोचिंग में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) की तैयारी की, वहां सिलेक्शन का कहकर अपना झूठा सम्मान करवा लिया। घरवालों को भी बताया कि मैं इनकम टैक्स अधिकारी हो गया हूं। आरोपी सर्वेश कुमावत को जयपुर की विद्याधर नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह जयपुर में अजमेर रोड स्थित एक होटल में एक लड़की से मिलने पहुंचा था, तभी पुलिस ने उसे धरदबोचा। वह खुद को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का जोनल डायरेक्टर बताकर युवतियों से चैट करता था। मोबाइल चैट से पता चला है कि सर्वेश ने 25 से ज्यादा युवतियों को ठगा है। इनमें से 21 सरकारी कर्मचारी हैं। उनके लाखों रुपए हड़प चुका है। उसके मोबाइल में कुछ युवतियों के साथ की गई आपत्तिजनक चैट भी मिली है। कोचिंग जॉइन की, फीस नहीं दी सर्वेश कुमावत उज्जैन शहर से 65 किलोमीटर दूर झारड़ा का रहने वाला है। उसका सपना यूपीएससी एग्जाम क्लियर करके अधिकारी बनने का था। इसके लिए 2019 में उज्जैन शहर की महाकाल वाणिज्य कॉलोनी में 'युग निर्माण सिविल सर्विस एकेडमी' कोचिंग क्लास जॉइन की थी। कोचिंग संचालक राघवेंद्र चौधरी ने बताया- एडमिशन लेने के बाद सर्वेश ने पिता की मौत और घर की परिस्थिति ठीक नहीं होने का कहकर फीस माफ करवा ली थी। चार महीने बाद कोचिंग आना बंद कर दिया था। घर वालों को भी धोखा दिया सर्वेश के पिता मनोहर कुमावत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े थे। उनकी गांव में किराने की दुकान थी। 2007 में उनकी सांप के काटने के कारण मौत हो गई थी। सर्वेश पर उज्जैन में कोई केस दर्ज नहीं है। सर्वेश के भाई ने निरंजन ने बताया- सर्वेश पिछले 5 साल में सिर्फ दो बार घर आया है। वो घर पर सबको दिल्ली में इनकम टैक्स अधिकारी होने की बात कहता था। आज तक उसने एक भी रुपया घर नहीं भेजा, न ही उसने शादी की। ऐसे पकड़ में आया सर्वेश नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) जयपुर की महिला सब इंस्पेक्टर कृतिका गोयल ने विद्याधर नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसमें कहा था कि सर्वेश ने दिल्ली की एक युवती को मैसेज भेजकर खुद को एनसीबी, जयपुर का जोनल डायरेक्टर बताया था। युवती ने उन्हें इस बारे में जानकारी दी। एनसीबी ने जांच की तो पता चला कि इस नाम का क

Dainik Bhaskar प्रयागराज में 20 हजार छात्रों के प्रदर्शन पर सियासत:डिप्टी सीएम समर्थन में उतरे; कहा-अधिकारी हल निकालें, अखिलेश बोले-योगी बनाम छात्र हुआ माहौल

प्रयागराज में लोक सेवा आयोग कार्यालय (UPPSC) के सामने 20 हजार छात्र 30 घंटे से धरने पर बैठे हैं। अब सियासत भी शुरू हो गई है। डिप्टी सीएम केशव मौर्य छात्रों के समर्थन में उतर आए हैं। कहा- अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें। सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे। इधर, अखिलेश यादव ने कहा- योगी बनाम प्रतियोगी छात्र जैसा माहौल है। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी। अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोजर चलाएगी। मंगलवार सुबह छात्रों ने रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवानों के साथ राष्ट्रगान किया। इसके बाद थाली बजाकर प्रदर्शन किया। सोमवार आधी रात कमिश्नर, DM और आयोग के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही। आयोग ने रात 10:18 बजे सात पॉइंट में बयान जारी किया। कहा- आयोग और सरकार ने छात्रों के भविष्य को देखते दो पालियों में परीक्षा का निर्णय लिया है। कुछ लोग छात्रों को बरगला रहे हैं। छात्रों के प्रदर्शन से जुड़ी 2 तस्वीरें... क्यों गुस्से में हैं छात्र, क्यों कर रहे प्रदर्शन आयोग ने PCS की प्री परीक्षा 7 और 8 दिसंबर, जबकि RO/ARO की परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को रखी है। दोनों परीक्षाएं दो दिन में होगी। आयोग ने पहली बार नॉर्मलाइजेशन यानी नॉर्मलाइज्ड स्कोर की प्रक्रिया लागू की है। छात्र इसका विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि परीक्षा एक ही दिन कराई जाए। नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) की प्रक्रिया निरस्त की जाए। नॉर्मलाइजेशन क्या है? जो परीक्षाएं एक दिन में एक शिफ्ट में खत्म हो रही हैं, उसमें नॉर्मलाइजेशन नहीं अपनाया जाता। जो परीक्षा अलग-अलग डेट पर होती है, अलग-अलग प्रश्न पत्र होते हैं, उसमें यह अपनाया जाता है। क्योंकि हर पेपर के डिफिकल्टी लेवल में थोड़ा अंतर हो सकता है। इस कारण सरल आए पेपर के ही शिफ्ट के छात्रों को ही फायदा न हो, इसलिए नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस अपनाया जाता है। इसके लिए विभाग एक फॉर्मूले के आधार पर काम करता है। यहां पूरी खबर पढ़ें छात्रों के प्रदर्शन के पल-पल अपडेट के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए...

Dainik Bhaskar पंजाब में धान खरीद पर पुलिस-किसानों की झड़प:तहसीलदार-इंस्पेक्टर को बंधक बनाया, छुड़ाने गई पुलिस पर पथराव, कई घायल

पंजाब के बठिंडा जिले के रायके कलां गांव में धान की खरीद में हो रही देरी और अन्य समस्याओं के बीच सोमवार देर शाम पुलिस और किसानों में झड़प हो गई। किसानों ने तहसीलदार और खरीद निरीक्षक को बंधक बना लिया था। सूचना के बाद पुलिस पहुंची तो उन पत्थर चलाए गए, अंत में लाठीचार्ज हुआ। वहीं, पुलिस ने अब भारतीय किसान यूनियन के नेताओं के खिलाफ दो मामले दर्ज कर लिए हैं। जानकारी के अनुसार, किसानों का धान नमी की जांच के बिना खरीदने से प्रशासन ने इनकार कर दिया था। जिसके बाद किसानों का गुस्सा भड़क उठा। 3:30 बजे के आसपास, भारतीय किसान यूनियन के लगभग 20-25 कार्यकर्ता रायके कलां गांव स्थित मंडी में एकत्र हुए। दोनों पक्षों की बहस के बाद मौजूदा तहसीलदार और खरीद निरीक्षक को बंधक बना लिया गया। जिसके बाद पुलिस को मौके पर आना पड़ा। शाम 5.30 बजे पुलिस ने किया हस्ताक्षेप भड़के किसानों ने तहसीलदार और खरीद निरीक्षक को कई घंटे तक बंधक बनाए रखा। पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। शाम 5:30 बजे पुलिस मंडी में पहुंच गई। पहले तो किसान नेताओं को समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन कुछ उग्र किसान नेताओं ने धक्का मुक्की और पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद मामले को शांत कराने के लिए लाठीचार्ज किया गया। जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की तैयारी में पुलिस पुलिस प्रशासन का कहना है कि मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है। दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे। दूसरी ओर, किसानों का कहना है कि धान की नमी जांच के नाम पर उनकी फसल को खरीदा नहीं जा रहा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। किसानों ने मांग रखी है कि सरकार धान की खरीद को पारदर्शी बनाए और बिना नमी की जांच के भी खरीद प्रक्रिया को तेजी से पूरा करे। उनका आरोप है कि नमी जांच के नाम पर खरीद में देरी हो रही है, जिससे उनकी फसल खराब हो सकती है। किसान नेताओं ने किया विरोध बठिंडा में हुई घटना का अन्य किसान संगठनों ने भी विरोध शुरू कर दिया है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने इसका घटना का विरोध किया है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान भी केंद्र की सरकार के साथ मिल गए हैं और बड़े घरानों का किसानों की मंडियों पर कब्जा करवाना चाहते हैं। पंजाब में घटना का विरोध शुर

Dainik Bhaskar पंजाब में आम आदमी क्लिनिक के बदलेंगे नाम:केंद्र और पंजाब सरकार बना रही रणनीति, रुका हुआ NHM फंड हासिल करने की कोशिश

पंजाब के केंद्र द्वारा रोके हुए एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) फंड मिलने की उम्मीद जग गई है। इस विवाद को खत्म करने को लेकर दोनों सरकारों ने बीच का रास्ता निकाला लिया है। ऐसे में स्ट्रेटजी बनी है कि केंद्र और पंजाब सरकार की 60-40 हिस्सेदारी से बने आम आदमी क्लीनिक के नाम बदले जाएंगे। लेकिन जो आम आदमी क्लिनिक खुद सरकार ने बनाए या किसी व्यक्ति द्वारा दान दी गई इमारत में चल रहे हैं। उनके नाम नहीं बदलेंगे। यह जानकारी खुद पंजाब के सेहत मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी में आयोजित पंजाब विजन 2047 के दौरान पत्रकारों से दी। उन्होंने बताया कि नया नाम क्या होगा। वह भी प्लानिंग तैयार है। हालांकि उन्होंने साफ किया इस नाम से दोनों सरकारों की को ब्रांडिंग होगी। कुल कितने क्लीनिक का नाम बदलेगा, इसके बारे में वह जल्दी ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से एग्रीमेंट हो गया है। नीतियों का असर आने वाले सालों में दिखेगा इस मौके पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा बतौर मुख्य मेहमान समागम में शामिल हुए। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नई विकासात्मक नीतियों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि हम अगले कुछ वर्षों में इन नीतियों के परिणाम देखेंगे जो राज्य की अर्थव्यवस्था को फिर से जीवंत कर देंगे। जीएसटी की शुरुआत के साथ, पंजाब जैसे औद्योगिक और कृषि राज्यों के राजस्व में गिरावट देखी गई है। क्योंकि जीएसटी एक गंतव्य आधारित कर है। इसका मतलब है कि कम औद्योगिक और कृषि उत्पादन वाले राज्य और इसलिए अधिक खपत वाले राज्य अधिक कर एकत्र करते हैं। वहीं, शहीद भगत सिंह को पाकिस्तान पंजाब की ओर से आतंकी बताए जाने पर हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि हमे पड़ोसी देश से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। पंजाब सरकार ने अच्छा काम किया राज्यसभा सांसद राघव चड्डा ने कहा कि पंजाब सरकार ने अरविंद केजरीवाल की रहनुमाई में अच्छा काम किया है। पंजाब विजन 2047 एक अच्छी पहल है। इस क्षेत्र में और अधिक बेहतर कार्य कैसे हो सकते है, इस पर चर्चा की गई है। पंजाब ने देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाया राज्यसभा सांसद डॉ. विक्रम साहनी ने अपनी ताकत और कमजोरियों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के दौरान कई विशेषज्ञ आएंगे और अपने विचार साझा करेंगे। हमें प्रत्येक क

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:नवी मुंबई में 2.5 करोड़ रुपए कैश जब्त, पुलिस बोली- चुनाव में इस्तेमाल होने का शक

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वोटिंग से 9 दिन पहले सोमवार को 2.5 करोड़ रुपए नकदी नवी मुंबई से जब्त किए गए हैं। पुलिस को शक है कि इस रकम का इस्तेमाल चुनाव में गैर कानूनी रूप से हो रहा था। नेरूल पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारी ब्रम्हानंद नाइकवाड़ी ने बताया कि यह रकम नेरुल के सेक्टर 16 से जब्त की गई है। फिलहाल जांच जारी है। जांच के बाद ही पूरी जानकारी दी जाएगी। आज की अन्य बड़ी खबरें... वडोदरा में इंडियन ऑयल की रिफाइनरी में धमाके के बाद आग लगी, 1 की मौत, 2 घायल गुजरात के वडोदरा जिले के कोयली इलाके में सोमवार शाम को IOCL की रिफाइनरी में धमाका हुआ, जिसके बाद आग लग गई। हादसे में 1 की मौत और दो लोग घायल हो गए हैं। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंची। आग देर रात तक बुझाई नहीं जा सकी। पुलिस ने बताया कि रिफाइनरी के स्टोरेज टैंक में आग लगी। कई किलोमीटर दूर तक धुएं का गुबार देखा गया।

Dainik Bhaskar हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट का आवंटन आज:EC की मीटिंग में ​​​​​​​होगा फैसला; प्रकृति की खूबसूरती निहार सकेंगे पर्यटक

हिमाचल सरकार आज 6 इको टूरिज्म साइट आवंटित कर सकती है। वन विभाग के इसके लिए एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें साइट के आवंटन का फैसला होगा। EC में सहमति के बाद इन साइट को इको टूरिज्म के लिए तैयार करने के निर्देश दे दिए जाएंगे। इसके बाद देश-दुनिया से हिमाचल प्रदेश पहुंचने वाले पर्यटक नजदीक से प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकेंगे। इसका ज्यादा आनंद पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली का पर्यटक उठाएंगे, क्योंकि इन्हीं राज्यों से ज्यादातर सैलानी पहाड़ों पर पहुंचता है। दरअसल, वन विभाग ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर कुल्लू की केसधार, कसौल, खीरगंगा, सुमारोपा, बिंद्रवणी और कांगड़ा जिले में बीड़ बिलिंग साइट के लिए एप्लीकेशन इनवाइट की हैं। इन 6 जगहों पर 16 बिडर ने इको-टूरिज्म यूनिट खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। इनमें से किसे कौन की साइट दी जाए, यह फैसला आज की मीटिंग में होगा। इको टूरिज्म स्थलों पर होटलों की तर्ज पर खाने-पीने और रहने की सुविधा होगी। इन स्थलों पर इको फ्रेंडली संरचनाएं और टेंट हाउस बनाए जाएंगे। जंगलों में पक्का स्ट्रक्चर बनाने की इजाजत नहीं होगी इन साइट का एरिया एक हैक्टेयर या इससे कम होगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की शर्त के अनुसार, प्रकृति से छेड़छाड़ की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। जंगलों में पक्के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जा सकेंगे। स्थानीय लोगों को इन साइट पर अनिवार्य रूप से रोजगार देना होगा। इन साइट को 10 साल के लिए दिया जा रहा है। शहरों की चकाचौंध से दूर भाग रहे पर्यटक पिछले एक दशक के दौरान पर्यटक सुकून की तलाश में शहरों की चकाचौंध से दूर भागने लगा है। वह प्रकृति की खूबसूरती निहारना चाहता है। इसी उम्मीद के साथ पर्यटक पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं। प्रकृति की गोद में इन साइट के बनने के बाद पर्यटक सीधे हरे भरे जंगलों, झर-झर बहते झरनों, ऊंचे पहाड़ों और बहती नदियों के किनारे पहुंच सकेंगे। इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही सरकार इसे देखते हुए राज्य सरकार पर्यटन के नए कॉन्सेप्ट इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने जा रही है। प्रकृति की गोद में बनी प्रस्तावित साइटों पर टूरिस्ट ट्रैकिंग का भी आनंद उठा सकेंगे। इन साइटों के लिए बीते फरवरी माह में भी टेंडर निकाले गए थे, लेकिन तब इन साइटों के लिए आवेदन नहीं मिल पाए। हालांकि, शिमल

Dainik Bhaskar देश में 28% लोग जोड़-घटाना नहीं जानते:राजस्थान में 27%, MP में 22% लाेग गणित में कमजोर; नेशनल सैंपल सर्वे की रिपोर्ट जारी

देश में 15 साल से ऊपर के 28% लोगों को साधारण वाक्य पढ़ना-लिखना और सामान्य जोड़-घटाना करना नहीं आता है। हालांकि, 15-24 वालों में यह आंकड़ा महज 3% है। नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) के व्यापक वार्षिक मा‌ॅड्यूलर सर्वे 2022-23 में यह तस्वीर सामने आई है। इस सर्वे में 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित क्षेत्रों के लगभग 3 लाख घरों और करीब 13 लाख लोग शामिल किए गए। इसके मुताबिक, राजस्थान में 27% व मप्र में 22% लाेग साधारण जोड़-घटाना करने में सक्षम नहीं हैं। इस मामले में बिहार की स्थिति यूपी से बेहतर है। बि​हार में 24% और यूपी में 25% लोगों की गणित कमजोर है। केरल में ऐसे महज 2% लोग हैं। देश में 6-10 साल वालों में गांवों में 91% और शहरों में 89% बच्चे स्कूलों में हैं। परिवहन; बस-टैक्सी की उपलब्धता में गुजरात और ट्रेन में हरियाणा आगे शहरों में परिवहन व्यवस्था कुछ ऐसी है कि 93.7% लोगों को घर से 500 मीटर के दायरे में ही बस-टैक्सी, कार, ऑटो जैसे लो-कैपिसिटी पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध हैं। हालांकि, हाई-कैपिसिटी पब्लिक ट्रांसपोर्ट यानी ट्रेन, मेट्रो आदि की बात करें तो 42% शहरी आबादी के ही एक किमी के दायरे में इसकी सुविधा है। व्यापक वार्षिक मा‌ॅड्यूलर सर्वे 22-23 में ये आंकड़े दिए गए हैं। जिन राज्यों में ट्रेन-मेट्रो सुविधा आसपास मौजूद नहीं है, वहां निजी वाहन वालों की संख्या भी ज्यादा है। दिल्ली में 58.7% लोगों को 1 किमी में मेट्रो या ट्रेन उपलब्ध है, तो यहां निजी वाहन वाले 19% हैं। नगालैंड में 17% लोगों को आसपास मेट्रो या ट्रेन उपलब्ध है, यहां 32% के पास कार है। इंटरनेट; 15 साल से ऊपर के 40% लोग इसका इस्तेमाल नहीं जानते हैं देश में 95% लोगों के पास टेलीफोन या मोबाइल है। शहरों में यह आंकड़ा 97% व गांवों में 94% ह​ै। वहीं, देश में 10% घरों में कंप्यूटर है। शहरों में 22% और गांवों में 4% घरों में यह सुविधा है। देश में 15 साल से ऊपर के 60% लोग ही इंटरनेट का इस्तेमाल करना जानते हैं। शहरों में आंकड़ा 74% और गांवों में 54% है। व​हीं, देश में 38% लोग ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए ट्रांजेक्शन करना जानते हैं। इस मामले में चंडीगढ़ 64% के साथ देश में सबसे आगे है, जबकि छत्तीसगढ़ 19% के सा​थ बहुत पीछे है। मप्र में 30% और राजस्थान में 38% लोग ऑनलाइन बैंकिंग जानते हैं। दक्षिण के राज्यों में तेलंगाना 62% के साथ सूची में सबसे

Dainik Bhaskar सिद्धारमैया बोले-गारंटियों से राज्य के खजाने पर असर पड़ रहा:मोदी ने कहा था कि हम दिवालिया हो जाएंगे, लेकिन हम मैनेज कर रहे

फ्रीबीज योजनाओं के मुद्दे को लेकर अब कर्नाटक के CM सिद्धारमैया का भी बयान आ गया है। उन्होंने स्वीकार किया है कि कर्नाटक में 5 गारंटियों से उनके राज्य के खजाने पर बोझ पड़ रहा है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि 5 गारंटियां बंद नहीं होगी। ये 5 साल तक चलेगी। एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में सिद्धारमैया ने कहा- मोदी ने खुद राजस्थान में बयान दिया था कि अगर ये गारंटी लागू की गईं, तो कर्नाटक सरकार दिवालिया हो जाएगी और विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं होगा। हम मई 2023 में सत्ता में आए और हमने सभी गारंटी योजनाओं को लागू किया है। इससे राज्य के खजाने पर बोझ पड़ रहा है, लेकिन हम विकास कार्यों को रोके बिना मैनेज रहे हैं और हम सभी खर्चों को पूरा कर रहे हैं। दरअसल, खड़गे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच 31 अक्टूबर को कहा था कि पार्टियों को चुनाव से पहले वही वादे करने चाहिए जो पूरे हो सके। इस बयान को लेकर PM मोदी ने कहा था कि कर्नाटक समेत कांग्रेस की सभी राज्य सरकारें अपने वादे पूरे नहीं कर रही। सिद्धारमैया बोले- खड़गे के बयान का गलत मतलब निकाला गया सिद्धारमैया ने इंटरव्यू में कहा कि खड़गे के 31 अक्टूबर को दिए बयान का भाजपा ने गलत मतलब निकाला। भाजपा ने हम पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना की सरकारें इन गारंटियों वाली विकास योजनाओं के कारण सरकारी अधिकारियों को वेतन देने में असमर्थ हैं। यह आरोप बेबुनियाद है। सभी राज्यों में सरकारी अधिकारियों को वेतन दिया जा रहा है। सुखविंदर सुक्खू, रेवंत रेड्डी और डीके शिवकुमार ने भी यह बात 9 नवंबर को मुंबई में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताई थी। चुनावी वादे पर 10 से कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने 31 अक्टूबर: खड़गे ने कहा- वो वादे करने चाहिए, जो पूरे किए जा सके बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में खड़गे ने कहा- हमें वो वादे करने चाहिए, जो पूरे किए जा सके। नहीं तो आने वाली पीढ़ी के पास बदनामी के अलावा कुछ नहीं बचेगा। मैंने महाराष्ट्र कांग्रेस से कहा है कि हमें 5,6, 10 गारंटी की घोषणा नहीं करना चाहिए। हमें इसे बजट के आधार पर करना चाहिए। 1 नवंबर: कांग्रेस को समझ आया, झूठे वादे आसान नहीं खड़गे के बयान पर प्रधानमंत्री मोदी ने X पर कहा- कांग्रेस को यह बात अब समझ में आ रही है कि झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें लागू करना मुश्किल या

Dainik Bhaskar हरियाणा में पार्टी छोड़ने वालों की BJP में एंट्री मुश्किल:गुपचुप चक्कर काट लॉबिंग कर रहे; CM सैनी ने केंद्रीय नेतृत्व से परमिशन को कहा

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का माहौल देख पार्टी छोड़ने वालों की BJP में एंट्री मुश्किल हो गई है। प्रदेश में फिर सरकार बनने के बाद ऐसे नेता 5 साल तक विपक्ष के बजाय फिर से सत्ता पक्ष में आना चाहते हैं। हालांकि CM नायब सैनी ने इन नेताओं की एंट्री पर फुल स्टॉप लगा दिया है। उन्होंने प्रदेश के संगठन को दो टूक कह दिया है कि ऐसे नेताओं की पार्टी में वापसी का फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा। जिससे BJP में वापसी का जुगाड़ लगा रहे या लॉबिंग में जुटे नेताओं को झटका लगा है। माना जा रहा है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच पार्टी को धोखा देने वालों से केंद्रीय नेतृत्व खासा नाराज है। यही वजह है कि अब इन पर फैसला केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथ में लिया है। ऐसे में उनकी एंट्री मुश्किल ही मानी जा रही है। कौन से नेता वापसी की कोशिश में BJP ​​​​से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी में वापसी की कोशिश में टिकट न मिलने पर नाराज होने से लेकर बागी चुनाव लड़ने और पूर्व सांसद-पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। जो प्रदेश के नेताओं के जरिए केंद्रीय नेतृत्व में अपनी पैरवी चाहते थे। संगठन को मजबूत दिखाने के लिए प्रदेश के कुछ नेता एक्टिव भी हो चुके थे। हालांकि जैसे ही CM नायब सैनी को इसकी भनक लगी तो उन्होंने साफ कह दिया कि पार्टी में आने के इच्छुक पहले केंद्रीय नेतृत्व से परमिशन लेकर आएं। प्रदेश में चुनाव के बीच पार्टी छोड़ने वाले 3 बड़े चेहरे पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह: पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। वह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें भाजपा के हिसार से टिकट कटने का डर था। हालांकि कांग्रेस ने उनकी हिसार-सोनीपत की दावेदारी खारिज कर लोकसभा टिकट ही नहीं दी। विधानसभा चुनाव में उन्हें जींद की उचाना सीट से उतारा लेकिन वह भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र अत्री से चुनाव हार गए। रणजीत चौटाला: पूर्व डिप्टी PM देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से बगावत की। जब बीजेपी ने उन्हें रानियां से टिकट देने से इनकार कर दिया तो वह नाराज होकर बागी तेवर दिखाने लगे। हालांकि वह 5 साल BJP सरकार में ही बिजली मंत्री रहे। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई की दावेदारी को दरकिनार कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाया था लेकिन वह हार गए। विधानसभा चुनाव में बग

Dainik Bhaskar हरियाणा BJP की 42 सीटों पर हार की रिपोर्ट:पुराने नेताओं की अनदेखी समेत 5 कारण, संगठन में बदलाव की तैयारी

हरियाणा में लगातार तीसरी बार भले ही भाजपा ने सरकार बना ली हो, लेकिन पार्टी को 90 में से 42 सीटों पर हार भी मिली है। अब भाजपा ने इन सीटों पर हुई हार की समीक्षा भी कर ली है। एक महीने तक BJP ने हार के कारण जानने के लिए हारे उम्मीदवारों, जिलाध्यक्षों, पुराने कार्यकर्ताओं सहित RSS से भी फीडबैक लिया है। प्रदेश भाजपा इकाई ने यह रिपोर्ट पार्टी शीर्ष नेतृत्व को सौंप दी है। बताया जा रहा है हरियाणा में सदस्यता अभियान के बाद प्रदेश में संगठन के बदलाव के समय ही इन जिलों में जिलाध्यक्ष से लेकर जिला इकाई तक में बदलाव किए जाएंगे। ऐसे लोगों को किनारे लगाया जाएगा जो पद लेकर बैठे रहे, मगर फिल्ड में एक्टिव नहीं दिखे। इसमें संघ की रिपोर्ट की भूमिका सबसे अहम होगी। वहीं टिकट वितरण में स्थानीय नेताओं की उपेक्षा भी हार का बड़ा कारण माना जा रहा है। इससे पार्टी में गलत मैसेज गया और कार्यकर्ता फिल्ड में जाने के बजाय निष्क्रिय होकर बैठ गए। इन सब बिंदुओं को देखते हुए रिपोर्ट तैयार की गई। पार्टी के सह प्रभारी बिप्लब देव भी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से इसको लेकर चर्चा कर चुके हैं। आने वाले समय में संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। संगठन मंत्री बोले- हमने समीक्षा कर ली आगे भी करेंगे भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री फणीन्द्र नाथ शर्मा ने बताया कि भाजपा हार की समीक्षा लगातार करती रही है। लोकसभा की तरह हमने विधानसभा में जिन सीटों पर हार हुई है उसकी समीक्षा की है और रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व को दी है। भाजपा में समीक्षा कभी नहीं रूकती लगातार चलती रहती है। रिपोर्ट में हार के 5 बड़े कारण... 1. पुराने नेताओं की अनदेखी भाजपा ने कई सीटों पर पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। दूसरी पार्टी के कई नेताओं को चुनाव से ऐन वक्त पहले पार्टी में शामिल करवाया गया और टिकट दी, जिससे कई महीनों से फिल्ड में तैयारी कर रहे नेताओं को झटका लगा और वह पूरे चुनाव में दूरी बनाकर रहे। उम्मीदवारों और संघ की रिपोर्ट में उन नेताओं के बकायदा नाम भी लिखकर दिए गए हैं। 2. एंटी इनकंबेंसी चुनाव के समय प्रदेश में भाजपा के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी की खबरें सामने आईं। भाजपा यह चुनाव हार रही है और कांग्रेस जीत रही है, इसके कारण 5 प्रतिशत स्विंग वोटर्स कांग्रेस की तरफ चला गया। जिसके कारण कड़े मुकाबलों वाली सीटों पर हार हुई। रोहतक,

Dainik Bhaskar कनाडा में गिरफ्तार पंजाब के आतंकी की कहानी:परिवार ने पढ़ने के लिए विदेश भेजा, भारत लौट गैंगस्टर को मारा, 70 से ज्यादा मामलों में वांटेड

खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कनाडा के हॉल्टन में हुई शूटिंग के मामले में उसकी गिरफ्तारी की चर्चा है। हालांकि, इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की। अर्श डल्ला आखिरकार है कौन, जिसने भारत सरकार और पंजाब सरकार का सिर दर्द बढ़ाया हुआ है? कैसे गैंगस्टर बना? कैसे विदेश भागा और परिवार क्या करता है? गिरफ्तारी की चर्चा के बाद ये सभी सवाल लोगों के दिमाग में उठ रहे हैं। मोटी-मोटी जानकारी है कि डल्ला ने एक बदमाश की हत्या कर उसकी ID से मोगा से करोड़ों की उगाही की। फिर विदेश में रह रही एक राजस्थानी लड़की के साथ पेपर मैरिज कर विदेश भाग गया और वहां जाकर खालिस्तानी आतंकी संगठनों के साथ जुड़ गया। देश में 70 से ज्यादा केसों में वांटेड 28 साल का अर्श डल्ला शुरू से क्रिमिनल नहीं था, लेकिन आज भारत के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स में डल्ला का भी नाम आता है। सुरक्षा एजेंसियों ने उसके घर सहित अन्य प्रॉपर्टियां अटैच की हुई हैं। सिलसिलेवार जानिए, अर्श डल्ला कैसे बना भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी... खेती करते थे डल्ला के पिता पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद उसका आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) अर्श डल्ला ही चला रहा है। डल्ला का जन्म 1996 में मोगा के गांव डाला में हुआ था। उसके पिता चरणजीत सिंह गिल एक आम किसान थे, जोकि ठेके पर जमीन लेकर खेती करते थे। डल्ला शुरू से आपराधिक संगत में नहीं था। आर्थिक तंगी से प्राइवेट स्कूल छोड़ा अर्श डल्ला ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई मोगा के सेक्रेड हार्ट स्कूल से की। उसका छोटा भाई भी उसके साथ पढ़ता था। आर्थिक तंगी के चलते 10वीं के बाद 12वीं तक की पढ़ाई डल्ला ने अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से की। दोस्तों के साथ झगड़ा करने पर पहली FIR हुई 12वीं के बाद अर्श डल्ला ने भारत में पढ़ाई नहीं की। इस दौरान डल्ला की संगत बुरी हुई तो उसके लड़ाई-झगड़े भी होने लगे। पहली बार अर्श ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मोगा में एक झगड़ा किया था, जिसमें पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद डल्ला ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विदेश से लौट मोगा में की गैंगस्टर सुक्खा लम्मा की हत्या परिवार ने अर्श को किसी तरह से विदेश भेज दिया। जब विदेश गया तो उसकी मोगा के बदमाश सुक्खा लम

Dainik Bhaskar 10 राज्यों की 31 विधानसभा, 1 लोकसभा सीट पर उपचुनाव:वायनाड में प्रियंका के खिलाफ भाजपा की नव्या; सिक्किम की 2 सीटों पर निर्विरोध चुनाव हुआ

झारखंड में पहले फेज की 43 सीटों के साथ ही 10 राज्यों की 31 विधानसभा और केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर बुधवार को उपचुनाव होंगे। सिक्किम की 2 सीटों पर 30 अक्टूबर को ही सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) के दोनों प्रत्याशियों को निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया गया था। वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव राहुल गांधी के इस सीट को छोड़कर रायबरेली सीट चुनने की वजह से हो रहा है। उन्होंने रायबरेली और वायनाड दो सीटों से चुनाव लड़ा था और दोनों पर जीते थे। यहां से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस प्रत्याशी हैं। कांग्रेस का राज्य में UDF गठबंधन है। भाजपा की ओर से नव्या हरिदास और लेफ्ट गठबंधन LDF से सत्यन मोकेरी चुनावी मैदान में हैं। 10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों में से 28 विधायकों के लोकसभा चुनाव में सांसद बनने, 2 के निधन और 1 के दलबदल से उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें 4 सीटें SC और 6 सीटें ST के लिए आरक्षित हैं। 31 में से 18 सीटें विपक्ष ने जीती थीं। इनमें अकेले कांग्रेस के पास 9 सीटें थीं। वहीं NDA ने 11 सीटें जीती थीं। इनमें से 7 विधायक भाजपा के थे। 2 विधायक अन्य दलों के थे। उपचुनाव का राज्यवार राजनीतिक समीकरण... राजस्थान: 7 में से सिर्फ 1 पर भाजपा का विधायक, कांग्रेस 4 और BAP-RLP का 1-1 पर कब्जा था राजस्थान में 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के 11 महीने के भीतर ही सात सीटों पर उपचुनाव होंगे। इनमें से केवल सलूंबर सीट से अमृतलाल मीणा भाजपा विधायक थे, बाकी 4 पर कांग्रेस, एक सीट भारतीय आदिवासी पार्टी और एक हनुमान बेनीवाल की RLP के पास थी। उपचुनाव के नतीजे सीधे तौर पर प्रदेश की भजनलाल सरकार की पहली परीक्षा के तौर पर भी देखे जाएंगे। हालांकि, विधानसभा चुनाव के करीब छह महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 25 में से 18 सीटें जीती थीं। लेकिन ये नतीजे संतोषजनक नहीं थे, क्योंकि 2019 में भाजपा ने 24 और 2014 में सभी 25 सीटें जीती थीं। वहीं, पिछले 5 सालों के उपचुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है। करीब 89% उपचुनावों में कांग्रेस की जीत हुई है। हालांकि, हरियाणा में जीत के बाद भाजपा का आत्मविश्वास बढ़ा है, लेकिन यदि नतीजे भाजपा के खिलाफ आए तो पार्टी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सामने सियासी संकट खड़े होने तय हैं। बिहार: 4 सीटों पर उपचुनाव, विधानसभा चुनाव- 2025 का सेमीफाइनल बिहार की चार विधानसभा

AD
AD
AD
AD
AD
AD
AD
AD
AD
AD
AD
AD
AD
AD
AD