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Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:राजस्थान थप्पड़कांड- मीणा 14 दिन की कस्टडी में; PoK में चैंपियंस ट्रॉफी टूर कैंसिल; अब ग्रेजुएशन 2 साल में ही कर सकेंगे
नमस्कार, कल की बड़ी खबर पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से जुड़ी रही। एक खबर UGC चेयरमैन एम. जगदीश कुमार के बयान की रही, उन्होंने कहा है कि अगले एकेडमिक ईयर से ग्रेजुएशन डिग्री दो से ढाई साल में पूरी की जा सकेगी। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. झारखंड में मोदी के प्लेन में तकनीकी खराबी, ढाई घंटे विमान में रहे; राहुल गोड्डा में डेढ़ घंटे फंसे रहे झारखंड के देवघर में PM मोदी के प्लेन में तकनीकी खराबी आ गई। मोदी ढाई घंटे विमान में ही रहे। इसके बाद दिल्ली से आए स्पेशल प्लेन से रवाना हुए। उधर, झारखंड के गोड्डा में राहुल गांधी के हेलिकॉप्टर को एयर ट्रैफिक कंट्रोल ( ATC) की क्लियरेंस नहीं मिली। उन्हें डेढ़ घंटे तक हेलिपैड पर इंतजार करना पड़ा। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की: कांग्रेस ने राहुल के हेलिकॉप्टर को उड़ान भरने की इजाजत नहीं मिलने पर चुनाव आयोग से शिकायत की है। सूत्रों के मुताबिक, PM मोदी बिहार के जमुई से सभा कर देवघर एयरपोर्ट जा रहे थे। इस कारण राहुल के हेलिकॉप्टर को उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिली। झारखंड में दूसरे फेज में 38 सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होनी है। पहले फेज में 43 सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग हुई थी। नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. राजस्थान थप्पड़कांड: नरेश मीणा 14 दिन की कस्टडी में; वकील बोले- SDM ने थाने में मीणा को पीटा राजस्थान के टोंक जिले में देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान SDM को थप्पड़ मारने वाले उम्मीदवार नरेश मीणा को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया है। इधर, नरेश के वकील ने आरोप लगाया है कि जिस SDM को नरेश मीणा ने थप्पड़ मारा था, उसने थाने में पहुंचकर नरेश मीणा से मारपीट की है। किस बात पर हुआ बवाल: समरावता गांव के लोगों ने उपचुनाव का बहिष्कार किया था। मीणा भी ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश की तो SDM अमित चौधरी ने उन्हें रोका। इस पर मीणा ने SDM को थप्पड़ जड़ दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें... 3. चैंपियंस ट्रॉफी का टूर PoK में नहीं होगा, BCCI की आपत्ति के बाद ICC ने PCB को मना किया इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) न
Dainik Bhaskar कन्हैया के 'इंस्टाग्राम रील' वाले बयान पर फडणवीस का जवाब:कहा- मेरी पत्नी पर हमले कर रही कांग्रेस की ट्रोल आर्मी, उनको डूब मरना चाहिए
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कन्हैया कुमार ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी पर टिप्पणी की है। इस पर फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके कन्हैया कुमार पर निजी हमले करने का आरोप लगाया है। मेरी पत्नी को लेकर मीम्स बनाए गए और उनके बारे में बुरी बातें लिखी गईं। जिस तरह से मेरी पत्नी के बारे में अपमानजनक बातें लिखी गईं, उसे देखकर ट्रोलर्स को शर्म आनी चाहिए. ऐसे लोगों को पानी में डूब मरना चाहिए। अगर आप लड़ना चाहते हैं, तो सामने आकर लड़िए। आखिर यह कौन सा युद्ध आप लड़ रहे हैं? मैं उनकी लड़ाई को समझता हूं और उन्हें हराऊंगा। दरअसल, कन्हैया कुमार ने फडणवीस के 'वोट जिहाद' और 'धर्म-युद्ध' वाले एक पुराने बयान की आलोचना की थी। उन्होंने एक रैली में कहा था किजो नेता धर्म बचाने की बात कहे, उससे पूछिए कि ऐसा तो नहीं होगा न कि धर्म बचाने की जिम्मेदारी हमारी होगी और ऑक्सफोर्ड-कैम्ब्रिज में पढ़ने की जिम्मेदारी आपके बच्चों की होगी। अगर धर्म बचाना है तो सब मिलकर बचाएंगे। ऐसा तो नहीं होगा न कि हम धर्म बचाएंगे और डिप्टी सीएम की पत्नी इंस्टाग्राम पर रील्स बनाएंगीं। दरअसल, फडणवीस ने 9 नवंबर को औरंगाबाद में कहा था कि राज्य में अब 'वोट जिहाद' शुरू हो गया है। अगर वे वोट जिहाद कर रहे हैं, तो हमें 'धर्म-युद्ध' के लिए तैयार रहना चाहिए। कन्हैया कुमार का पूरा भाषण पढ़ें… इस देश का नागरिक होने के नाते लोकतंत्र को बचाना हमारा धर्म है। जिस लोकतंत्र के चलते आज मैं यहां खड़े होकर भाषण दे रहा हूं, उसकी रक्षा करना मेरा धर्म है। अगर यह धार्मिक युद्ध है और धर्म की रक्षा दांव पर है, तो जो भी नेता आपके सामने धर्म बचाने की बात कहता है, उस नेता से एक सवाल पूछना चाहिए- एक्सक्यूज मी सर, आप धर्म बचाना चाहते हैं, बस एक बात बता दीजिए, इस धर्म बचाने की लड़ाई में आपके बेटा-बेटी भी हमारे साथ चलेंगे न? ऐसा तो नहीं होगा न कि धर्म बचाने की जिम्मेदारी हमारी और ऑक्सफोर्ड-कैम्ब्रिज में पढ़ने की जिम्मेदारी आपके बच्चों की। अगर धर्म बचाना है तो सब मिलकर बचाएंगे। ऐसा तो नहीं होगा न कि हम धर्म बचाएंगे और डिप्टी सीएम की पत्नी इंस्टाग्राम पर रील्स बनाएंगीं। यही बात मैंने भाजपा के एक दोस्त को हीं। मैंने कहा दोस्त धर्म बचाना है। तो चलो, नेताओं के बच्चे भी धर्म बचाएंगे। तो मेरा दोस्त बोला कि मोदी जी और योगी जी को बेटा-बे
Dainik Bhaskar मणिपुर में 2 बच्चों समेत तीन लोगों का शव मिला:लापता मैतेई परिवार के होने की संभावना; 5 दिन पहले मुठभेड़ के बाद से 6 लोग लापता हैं
मणिपुर में एक महिला और दो बच्चों के शव शुक्रवार को जिरी नदी में बहते मिले। इन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। ये शव सोमवार को मुठभेड़ के बाद से लापता हुए लोगों के हो सकते हैं। सोमवार को वर्दी पहने हथियारबंद उग्रवादियों ने बोरोब्रेका थाना परिसर और सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था। इसमें 10 उग्रवादी मारे गए थे। इस दौरान जिरीबाम जिले के बोरोब्रेका थाना परिसर स्थित राहत शिविर से 6 लोग लापता हो गए थे। स्थानीय लोगों ने आशंका जताई थी कि हमला करने वाले उग्रवादियों ने महिलाओं और बच्चों का अपहरण किया है। इनकी तलाश की मांग को लेकर राज्य के अलग-अलग हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। अभियान की निगरानी के लिए शुक्रवार को इंफाल से आईजी और डीआईजी रैंक के अफसरों को जिरीबाम भेजा गया है। न्याय की मांग को लेकर कुकी समुदाय का प्रदर्शन कुकी समुदाय से जुड़े लोग मुठभेड़ में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को चुराचांदपुर में सैंकड़ों लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि मुठभेड़ की न्यायिक जांच हो। कुकी संगठन बोले- मरने वाले उग्रवादी नहीं, वॉलिंटियर्स थे कुकी संगठनों ने दावा किया है कि मरने वाले उग्रवादी नहीं थे। सभी कुकी गांव के वॉलिंटियर्स थे। साथ ही कहा था कि CRPF को मंगलवार को हुई घटना को ध्यान में रखते हुए अपना कैंप नहीं छोड़ना चाहिए। संगठनों के इस दावे को आईजीपी ऑपरेशन आईके मुइवा खारिज किया। उन्होंने कहा कि मारे गए सभी लोगों के पास एडवांस हथियार थे। ये सभी यहां उपद्रव मचाने आए थे। इससे साबित होता है कि वे सभी उग्रवादी ही थे। उन्होंने कुकी समुदाय की CRPF पर गई टिप्पणी पर कहा- पुलिस और सुरक्षाबल भारत सरकार के अधीन काम कर रहे हैं। वे हमेशा अलग-अलग एजेंसियों के मार्गदर्शन में काम करते हैं। पुलिस और सीआरपीएफ जैसी सुरक्षा एजेंसियां अपने कर्तव्य के मुताबिक काम करना जारी रखेंगी। उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशन-CRPF कैंप पर हमला किया था जिरिबाम जिले के जकुराडोर करोंग इलाके में मौजूद बोरोबेकेरा पुलिस स्टेशन पर 11 नवंबर को कुकी उग्रवादियों दोपहर करीब 2.30 से 3 बजे के बीच हमला किया था। जवाबी फायरिंग में सुरक्षाबलों ने 10 उग्रवादियों को मार गिराया था। पुलिस स्टेशन के नजदीक ही मणिपुर हिंसा में विस्थापित लोगों के लिए एक राहत शिविर है। यहां रह रहे लोग कुकी उग्रवादिय
Dainik Bhaskar डॉक्टर 3-3 अधजले नवजात को उठाकर भागे:शरीर झुलसकर काला पड़ा, बच्चों का चेहरा देखते ही मां बेहोश हुई
हाय मेरा बच्चा, एक बार चेहरा तो दिखा दो। एक बार आंचल से लगा लेने दो यह कहते हुए प्रसूता नीलू बेहोश हो गई। पति ने उसे संभाला। नजारा झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज का है। यहां शुक्रवार रात 10.30 बजे शिशु वार्ड के SNCU (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की जिंदा जलने से मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज में धमाका सुनाई दिया, इसके बाद अफरा-तफरी मच गई। SNCU से धुआं उठते देख डॉक्टर बच्चों को बचाने दौड़े, लेकिन आग से SNCU पूरी तरह जल गया। जिन मशीनों का इस्तेमाल नवजात बच्चों को रखने के लिए किया जाता है, वे मलबे में तब्दील हो गईं। एक-एक कर 10 बच्चों के शव निकाले गए। स्टाफ और लोगों ने 39 बच्चों को रेस्क्यू किया। खबर मिलते ही घटना दैनिक भास्कर रिपोर्टर मौके पर पहुंचा। यहां तस्वीरें विचलित कर देने वाली थी। पढ़िए भास्कर रिपोर्टर की आंखों देखी... एक डॉक्टर के हाथ में तीन नवजात हम SNCU वार्ड के करीब पहुंचे, फायर ब्रिगेड की दो छोटी गाड़ी गेट पर लगी थीं। डायल-112 और पुलिस फोर्स तैनात थी। जैसे ही भीड़ के पास पहुंचे, दो डॉक्टरों को देखकर हमारे होश उड़ गए। एक डॉक्टर के हाथ में झुलसा हुआ एक नवजात था। दूसरे डॉक्टर के हाथों में तीन नवजात थे, जो पूरी तरह से झुलस गए थे। आगे बढ़े डॉक्टरों ने पीछे मुड़कर देखा, फिर दोनों डॉक्टर दौड़ पड़े। पीछे से आवाज आई- अरे राम-राम। सब जल गए...हम भी इनके पीछे दौड़े... करीब 200 मीटर तक गए। डॉक्टरों के पीछे नर्स और परिजन दौड़ रहे थे। वहां मौजूद एक व्यक्ति से पूछा क्या हो गया? उसने बताया- बच्चे जल गए। वार्ड की खिड़की से किया जा रहा था रेस्क्यू हम SNCU की ओर बढ़े, जहां से ये लोग आ रहे थे। वहां चारों तरफ धुआं था, दवा और इलेक्ट्रॉनिक सामान जलने की दुर्गंध आ रही थी। लाइट काटी जा चुकी थी, अंधेरा था। पास गए तो देखा- कुछ लोग टॉर्च लेकर खिड़की से वार्ड के अंदर जा रहे थे। वहां मौजूद लोगों ने बताया- अब तक 8 बच्चे जले हुए निकले हैं। संतरा देवी बोलीं- किसी की बच्ची मुझे मिली, मेरा पोता नहीं हम अस्पताल के अंदर जाने के लिए जैसे ही गैलरी के पास पहुंचे। 50-55 साल की संतरा देवी एक बच्ची को लेकर दौड़ रही थीं। पूछने पर बोलीं- मेरा बच्चा नहीं मिला। यह किसी की बेटी मिल गई। ये भी मर जाती, लेकिन मैं इसे बचा लूंगी। संतरा देवी बच्ची को दूसरे वार्ड पहुंचाने के
Dainik Bhaskar झांसी मेडिकल कॉलेज में 10 नवजात जिंदा जले:NICU में भर्ती थे, 37 बच्चे खिड़की तोड़कर बाहर निकाले गए; योगी ने डिप्टी सीएम को भेजा
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड (SNCU) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। जिसमें झुलस कर 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। वार्ड की खिड़की तोड़कर अभी तक 10 शवों को निकाला जा चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मौके पर जिलाधिकारी समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए हैं। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां आग बुझाने में लगी हैं। सेना का दमकल वाहन भी मौके पर पहुंच चुका है। अब तक करीब 37 बच्चों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। अंदर 50 से ज्यादा बच्चों के फंसे होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। सीएम योगी ने हादसे पर संज्ञान लिया। सीएम योगी ने कमिश्नर और DIG को 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश दिए। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संजय प्रसाद झांसी के लिए रवाना हो चुके हैं। डीएम समेत तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। घटना रात करीब साढ़े 10 बजे की है। पहले देखिए घटना की 4 तस्वीरें... डीएम ने कहा- अंदर फंसे बच्चों को नहीं बचाया जा सका डीएम अविनाश कुमार ने कहा- बाहर की तरफ जो बच्चे थे, वो बचा लिए गए हैं। अंदर की तरफ जो बच्चे थे, वो काफी झुलस गए हैं। 10 बच्चों की मौत हो गई है। शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है। जितने बच्चे घायल हैं, उनकी मॉनिटरिंग की जा रही है। घटना 10.30 बजे से 10.45 के बीच की है। एक जांच टीम बना दी गई है। जो इसकी रिपोर्ट देगी। कमिश्नर बोले- अंदर की तरफ से लगी आग कमिश्नर विमल दुबे ने बताया कि अधिकांश बच्चों को बचा लिया गया है। एनआईसीयू वार्ड की दो यूनिट हैं, एक अंदर और दूसरी बाहर की तरफ। आग अंदर की ओर से लगी है। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि सिलेंडर ब्लास्ट के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। कुछ देर तक समझ नहीं आया कि क्या हुआ। लेकिन अस्पताल कर्मचारियों ने जब एसएनसीयू वार्ड से धुंआ निकलते देखा तो वहां अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल के कर्मचारी शिशु वार्ड की तरफ भागे। रोते-बिलखते बच्चों के परिजन भी उनके पीछे-पीछे भागे। हालांकि, आग की लपटों और धुएं की वजह से कोई वार्ड में नहीं घुस पाया। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और पुलिस टीम ने खिड़की का शीशा तोड़कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। आग लगने के बाद भी नहीं बजा सेफ्टी अलार्म दमकल कर्मी मुंह पर रुमाल बांधकर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं। वार्ड में आग लगन
Dainik Bhaskar झांसी मेडिकल कालेज में लगी आग, 10 बच्चों की मौत:एसएनसीयू में भर्ती थे; खिड़की का शीशा तोड़कर निकाले जा रहे शव
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। जिसमें झुलसने और दम घुटने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर 10 शवों को निकाला गया। मौके पर जिलाधिकारी समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए हैं। फायर ब्रिगेड की 6 गाड़ियां आग बुझाने में लगी हैं। सेना का दमकल वाहन भी मौके पर पहुंच चुका है। अब तक करीब 37 बच्चों को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। अंदर 50 से ज्यादा बच्चों के फंसे होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज की बिजली काट दी गई है। बताया जा रहा है कि सिलेंडर ब्लास्ट से आग लगी है। सीएम योगी ने हादसे का संज्ञान लिया है। राहत बचाव कार्य के आदेश दिए हैं। डीएम समेत तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। घटना रात करीब साढ़े 10 बजे की है। दमकल कर्मी मुंह पर रुमाल बांधकर रेस्क्यू करने में लगे हैं। चाइल्ड वार्ड में आग लग गई, लेकिन सेफ्टी अलार्म भी नहीं बजा। अगर समय से सेफ्टी अलार्म बच जाता तो इतनी बड़ी घटना होने से रोकी जा सकती थी। बुंदेलखंड क्षेत्र के ज्यादातर लोग मेडिकल कॉलेज में डिलीवरी और इलाज के लिए आते हैं। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए भारी मात्रा में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। खबर अपडेट की जा रही है...
Dainik Bhaskar श्रद्धा वालकर के हत्यारे की तिहाड़ में सिक्योरिटी बढ़ाई गई:बाबा सिद्दीकी के मर्डर के आरोपी का दावा- लॉरेंस गैंग की हिट लिस्ट में आफताब पूनावाला
बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के मुख्य आरोपी शिव कुमार गौतम ने आफताब पूनावाला का नाम लिया है। आफताब वही है जिसने साल 2022 में दिल्ली के महरौली इलाके में अपनी प्रेमिका श्रद्धा वालकर की हत्या की थी और शव के टुकड़े कर अलग-अलग जगह फेंके थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में मुंबई पुलिस की पूछताछ के दौरान शिव कुमार ने आफताब की हत्या की बात कही। उसने कहा- आफताब का नाम लॉरेंस गैंग की हिट लिस्ट में है। आफताब तिहाड़ जेल में बंद है। उसकी जेल में ही हत्या की प्लानिंग है। सूत्रों के मुताबिक जेल प्रशासन को अभी तक इस संबंध में मुंबई पुलिस से आधिकारिक खबर नहीं मिली है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में आए शिव कुमार के बयान के बाद से तिहाड़ की 4 नंबर जेल में बंद आफताब पूनावाला की सिक्योरिटी बढ़ा दी है। श्रद्धा वालकर की 18 मई 2022 को महरौली इलाके में आफताब ने हत्या कर दी थी। उसके शरीर के अंगों को छतरपुर पहाड़ी इलाके के जंगल में फेंक दिया गया था। उसे नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने आफताब के खिलाफ हत्या और सबूत गायब करने के लिए धारा 302 और 201 (IPC) के तहत आरोप तय किए थे, जिसने खुद को निर्दोष बताते हुए मुकदमे का दावा किया था। जुलाई में हुई आफताब की याचिका खारिज इसी साल 23 जुलाई को दिल्ली की साकेत जिला कोर्ट ने आफताब की याचिका खारिज की थी। आफताब ने मांग की थी कि उसके वकील को ज्यादा समय दिया जाए, महीने में केवल दो सुनवाई हों। ऐसा इसलिए कि वकील आफताब की बचाने के लिए ज्यादा तैयारी कर सके। अदालत ने कहा था- आरोपी जानबूझकर मुकदमे में देरी करने की कोशिश कर रहा है। कोर्ट ने कहा था कि जून 2023 तक इस केस के 212 गवाहों में से केवल 134 की ही जांच की गई है। इसलिए मुकदमे को तेजी से समाप्त करने के लिए लगातार तारीखों की आवश्यकता है। बाबा सिद्दीकी का शूटर 30 मिनट अस्पताल के पास रहा, मौत की पुष्टि होने तक इंतजार किया था एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी के शूटर ने मौत की पुष्टि तक अस्पताल के पास इंतजार किया। शूटर ने पुलिस को बताया कि फायरिंग के बाद उसने तुरंत अपनी शर्ट बदल ली और करीब आधे घंटे तक भीड़ के बीच अस्पताल के बाहर खड़ा रहा। वह यह जानने के लिए खड़ा रहा कि सिद्दीकी की मौत हो गई या वे हमले में बच गए। जैसे ही उसे यह पता चला कि सिद्दीकी की हालत बहुत गंभीर है, वह वहां से चला गया। प
Dainik Bhaskar सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मैटरनिटी लीव पर जवाब मांगा:याचिकाकर्ता बोली- 3 महीने से ज्यादा उम्र का बच्चा गोद लेने पर लीव नहीं मिलती, ये असंवैधानिक
सुप्रीम कोर्ट ने 12 नवंबर को केंद्र सरकार की मैटरनिटी लीव पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकारी की मैटरनिटी बेनिफिट अमेंडमेंट एक्ट के सेक्शन 5(4), 2017 की कॉन्स्टिट्यूशनल वैलिडिटी को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि 3 महीने से ज्यादा उम्र के बच्चों को गोद लेने पर मैटरनिटी लीव नहीं मिलती है। ऐसे में बच्चा गोद लेने वाली माताओं को दी गई कथित 12 सप्ताह की मैटरनिटी लीव सिर्फ एक दिखावा है। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस पंकज मिठल की बेंच ने इस संबंध में केंद्र सरकार से 3 हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करने का कहा है। साथ ही जवाब की कॉपी पहले याचिकाकर्ता को देने के निर्देश दिए हैं। अभी नियम ये है कि 3 महीने से कम उम्र के बच्चों को गोद लेने वाली या सरोगेट माताओं को 12 हफ्तों की छुट्टी मिलेगी। लेकिन 3 महीने से ज्यादा के बच्चों को गोद लेने पर मैटरनिटी लीव का कोई प्रावधान नहीं है। SC ने केंद्र से 3 सप्ताह के अंदर मांगा जवाब जस्टिस पारदीवाला ने कहा- याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने 3 महीने की उम्र को सही ठहराते हुए अपना जवाब दाखिल किया है, लेकिन सुनवाई के दौरान कई मुद्दे सामने आए हैं जिन पर विचार करने की जरूरत है। ये क्या तर्क है कि बच्चा 3 महीने या उससे कम का होना चाहिए? मैटरनिटी लीव देने का मकसद क्या है? इसको लेकर केंद्र से 3 सप्ताह के अंदर जवाब पेश करे। याचिका में ये बातें भी कही गईं - धारा 5(4) बच्चा गोद लेने वाली माताओं के साथ भेदभावपूर्ण और मनमानी के जैसी है। साथ ही 3 महीने और उससे ज्यादा उम्र के वो बच्चे जो अनाथ हैं, छोड़े गए हैं या सरेंडर (अनाथालय) किए गए हैं, उनके साथ भी मनमाना व्यवहार करती है। ये मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के मोटिव के साथ पूरी तरह से न्याय नहीं करती है। - धारा 5(4) बायोलॉजिकल माताओं को दिए जाने वाले 26 सप्ताह की मैटरनिटी लीव की तुलना बच्चा गोद लेने वाली माताओं को मिलने वाली 12 सप्ताह की लीव से करना संविधान के भाग III की बुनियादी जांच में भी नहीं टिक पाती है। इसमें मनमानी नजर आती है। मैटर्निटी बेनिफिट एक्ट (संशोधित) 2017 की मुख्य बातें जो आपको जाननी चाहिए... ..................................... मैटरनिटी लीव से जुड़ीं ये खबरें भी पढ़ें... संविदाकर्मी भी मैटरनिटी लीव की हकदार:सिविल सर्विसेज
Dainik Bhaskar गुरुग्राम में मोहन भागवत बोले-शोध पर लालफीताशाही भारी:आजकल सारा उद्देश्य पेट भरने का; 4% जनसंख्या वालों को 80% संसाधन चाहिए
स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को गुरुग्राम में विजन फॉर विकसित भारत-(विविभा) 2024 सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि आज शोध करने वाले बहुत हैं, लेकिन लालफीताशाही की वजह से कुछ कर नहीं पाते। आजकल सारा उद्देश्य पेट भरने का है, अगर ऐसा है, तो बहुत दुखद है। इसके अलावा प्रदर्शनी के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया कि सनातनी शिक्षा से लेकर आधुनिक शिक्षा तक के सफर में भारत कहां है। एसजीटी यूनिवर्सिटी में 3 दिन चलने वाले विविभा-2024 में आज वे चीफ गेस्ट थे। उन्होंने कहा कि दुनिया अब मानती है कि 16वीं सदी तक भारत हर क्षेत्र में अग्रणी था। हमने बहुत सी चीजें खोजीं, लेकिन फिर हम रुक गए और इस तरह हमारा पतन शुरू हो गया। लेकिन, उस समय तक हम सबको साथ लेकर चलने का उदाहरण दे चुके थे। उन्होंने कहा कि आज समय विकसित भारत की मांग कर रहा है। दुनिया में 4% जनसंख्या वालों को 80% संसाधन चाहिए। मोहन भागवत ने कहा कि आज पूरी दुनिया में चर्चा है कि विकास चुनें या पर्यावरण। विकास हुआ तो पर्यावरण की समस्या उत्पन्न हो गई। 16वीं शताब्दी तक भारत हर क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी था, मगर, हम रुक गए और पिछड़ गए। शोध पत्रिका ‘प्रज्ञानम’ का अनावरण मोहन भागवत ने भारतीय शिक्षण मंडल की शोध पत्रिका ‘प्रज्ञानम’ का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि दृष्टि की समग्रता ही भारत की विशेषता है। हर भारतवासी को अपना भारत विकसित और समर्थ भारत चाहिए। विकास के कई प्रयोग 2000 सालों में हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक आनी चाहिए, लेकिन निर्ममता नहीं होनी चाहिए, हर हाथ को काम मिले। दुनिया हमसे सीखे कि ये सारी बातें साथ लेकर कैसे चलते हैं। अनुकरण करने लायक चीजें ही लें, लेकिन अन्धानुकरण नहीं करना चाहिए। विशाल प्रदर्शनी का भी किया शुभारंभ उद्घाटन समारोह के दौरान इसरो चीफ डॉ. एस सोमनाथ और नोबेल शांति विजेता कैलाश सत्यार्थी की मौजूदगी में मोहन भगवत ने एक विशाल प्रदर्शनी का भी शुभारंभ किया। VIVIBHA: 2024 में कणाद से कलाम तक की भारत की यात्रा का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान 10 हजार शैक्षणिक संस्थानों, शोध संगठनों और सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों ने "भारतीय शिक्षा", "विकसित भारत के लिए दृष्टि" और "भविष्य की तकनीक" जैसे विषयों पर अपने शोध और नवाचारों का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शनी के माध्यम से यह बताने का
Dainik Bhaskar पटना हाईकोर्ट बोला-बिहार में गलत दिशा में जा रही शराबबंदी:पुलिस-तस्करों की मिलीभगत, अधिकारी भी उठा रहे फायदा, गरीब आदमी पर हो रहे केस
बिहार में शराबबंदी को लेकर पटना हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने एक पुलिस अधिकारी के केस में फैसला सुनाते हुए कहा कि 'राज्य सरकार ने 2016 में शराबबंदी की तो उसके पीछे सही मकसद था। सरकार की कोशिश थी कि लोगों का जीवन स्तर सुधारे और स्वास्थ्य पर बुरा असर ना पड़े, लेकिन कुछ वजहों से अब इसको इतिहास में बुरे निर्णय के रूप में देखा जा रहा है। जस्टिस पूर्णेंदु सिंह ने पटना के एक SI मुकेश कुमार पासवान की याचिका पर 29 अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए ये टिप्पणी की। हाईकोर्ट की वेबसाइट में 13 नवंबर को इस फैसले को अपलोड किया गया है। अधिकारी उठा रहे शराबबंदी का फायदा जस्टिस सिंह ने अपने फैसले में कहा कि 'शराबबंदी का पुलिस, एक्साइज, राज्य कमर्शियल टैक्स और परिवहन विभाग के अधिकारियों ने स्वागत किया क्योंकि इससे उनको आर्थिक लाभ कमाने का जरिया मिल गया। शराब माफिया या सिंडिकेट ऑपरेटरों के खिलाफ कुछ केस दर्ज किए गए, लेकिन इसकी तुलना में गरीब आदमी के खिलाफ ढेर सारे केस दर्ज हुए। वे शराब पीने के कारण पकड़े गए या कच्ची शराब पीने के शिकार हुए। कुल मिलाकर इस एक्ट का खामियाजा सबसे ज्यादा आम गरीब आदमी को भुगतना पड़ रहा है। मामला 2020 का है। एक SI के केस में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ये बातें कही। केस की पूरी टाइमलाइन ये खबर भी पढ़िए... सीवान में जहरीली शराब से एक की मौत, दूसरा गंभीर:युवक बोला- 50 रुपए में शराब खरीदी, 3-4 लोगों ने पी थी, दिखाई नहीं दे रहा सीवान में एक शख्स की संदिग्ध हालत में मौत हुई है। दो शख्स अस्पताल में भर्ती हैं। उसके साथ अस्पताल में भर्ती दूसरे शख्स ने बताया कि सभी ने शराब पी थी। इसके बाद तबीयत बिगड़ने लगी। मृतक की पहचान अमरजीत यादव के रूप में हुई है। वो लकड़ी नबीगंज थाना क्षेत्र का रहने वाला है। पूरी खबर पढ़िए
Dainik Bhaskar काशी की देव दीपावली देखने आए 15 लाख टूरिस्ट:उप राष्ट्रपति धनखड़ ने नमो घाट का लोकार्पण किया; घाटों पर 20 लाख दीये जगमगाएंगे
आज देव दीपावली है। काशी में दीपोत्सव और महाआरती के लिए मां गंगा के 84 घाटों पर 20 लाख दीये सज गए हैं। मुख्य अतिथि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, सीएम योगी और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी नमो घाट पहुंचे। उप राष्ट्रपति ने नमो घाट का लोकार्पण किया। नमो घाट पर ही शाम सवा 6 बजे पहला दीप जलाया जाएगा। आरती स्थल दशाश्वमेध और अस्सी घाट पर टूरिस्ट की भीड़ है। इंडोनेशिया, वियतनाम और फ्रांस समेत 40 देशों के मेहमान काशी के घाटों पर हैं। अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर से 15 लाख लोग काशी पहुंचे हैं। वीकेंड होने के चलते टूरिस्ट की संख्या ज्यादा बढ़ी है। सिडनी से आई लारा ने कहा, 'मैं भारत आती रहती हूं। मगर देव दीपावली पर काशी पहली बार आई हूं, दीयों की रोशनी मुझे अच्छी लगती है।' बॉलीवुड अभिनेत्री दीप्ति भटनागर भी देव दीवाली मनाने आई हैं। उन्होंने कहा, 'मैं भाग्यशाली हूं। मैं साक्षात देव दीपावली देख रही हूं। यहां का माहौल इतना सुंदर है, लगता है कि सभी एक रंग में रंगे हुए हैं। भगवान शिव का मैं धन्यवाद करती हूं। पिछले साल से 5 लाख ज्यादा दीये जलेंगे इस बार प्रशासन ने घाटों पर 17 लाख और पूरे काशी में 25 लाख दीये जलाने का टारगेट रखा है। संत रविदास घाट से लेकर आदिकेशव घाट तक और वरुणा नदी के तट से लेकर मठों-मंदिरों तक कुल 25 लाख दीपक जगमगाएंगे। 2023 में पूरे काशी में 18 लाख दीये जलाए गए थे। प्रशासन ने 12 लाख दीयों का टारगेट सेट किया। इसको पूरा करने के लिए 84 घाटों पर 15 लाख दीये सजाए गए थे। पल-पल की अपडेट्स जानने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...
Dainik Bhaskar कंगना ने मनाली की जनता से किए वादे निभाए:आभार जताने सांसद के घर पहुंचे लोग; 26 लाख के सेक्शन लेटर जनता को दिए
हिमाचल के मंडी से सांसद कंगना रनोट के मनाली स्थित घर पर आज काफी संख्या में लोग उनका आभार जताने पहुंचे। दरअसल, कंगना ने सितंबर में मनाली के दौरे के दौरान जनता से सड़क, रास्ते और सामुदायिक भवन बनाने का वादा किया था। कंगना ने इन विकास कार्य के लिए बजट मंजूर करवाकर जनता को आज इनके सेंक्शन-लेटर दिए। इस दौरान कंगना ने भरोसा दिया कि मंजूर किए गए प्रोजेक्ट का समयबद्ध काम पूरा किया जाएगा। बता दें कि कंगना ने मनाली गांव के शमशान घाट तक रास्ता बनाने के लिए 10 लाख सांसद निधि से स्वीकृत किए। बीते दिनों मानसून सीजन में भारी बारिश के बाद मनालसु नाले में बाढ़ से रास्ता पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। तब कंगना चुनाव में मिली जीत का आभार जताने क्षेत्र में आई थी। उस दौरान कंगना ने रास्ता बनाने के लिए बजट देने का वादा किया था। पंचायत को सड़क और कल्वर्ट के लिए 6 लाख दिए कंगना ने ग्राम पंचायत वशिष्ट में सरस्वती माता से वशिष्ठ स्कूल तक सड़क बनाने व कल्वर्ट (पुलिया) के निर्माण को सांसद निधि से 6 लाख रुपए मंजूर किए। यह प्रस्ताव पंचायत द्वारा 30 सितंबर 2024 को सांसद के समक्ष रखा था। सामुदायिक भवन सियाल के लिए 10 लाख कंगना ने अपनी सांसद निधि से सियाल स्थित सामुदायिक भवन के लिए 10 लाख की राशि स्वीकृत की है। इस दौरान कंगना ने सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के लिए भी 17.50 लाख की राशि देने की भी घोषणा की। लगवैली के भल्याणी गांव पहुंची सांसद कंगना कुल्लू जिले की लगवैली के भल्याणी गांव पहुंचीं। यहां भू-भू जोत टनल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने टनल के निर्माण का मामला केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष उठाया है। उन्हें इस बारे में आश्वासन भी दिया है। उन्होंने कहा कि जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी लोकसभा चुनाव में प्रचार करने कुल्लू आए थे, तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि उनका और प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि भू-भू टनल बने।
Dainik Bhaskar महाराष्ट्र के हिंगोली में शाह के हेलिकॉप्टर की चेकिंग हुई:EC अधिकारियों ने बैग खोलकर जांचे; गृह मंत्री बोले- BJP का निष्पक्ष चुनाव में विश्वास
महाराष्ट्र के हिंगोली में शुक्रवार दोपहर गृह मंत्री अमित शाह के हेलिकॉप्टर की जांच हुई। इलेक्शन कमिशन के अधिकारियों ने शाह के हेलिकॉप्टर की जांचा और उसमे रखा सामान भी खोलकर देखा। पूरी जांच की वीडियोग्राफी भी कराई गई। वहीं, शाह ने भी इस चेकिंग के वीडियो को X पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा- आज महाराष्ट्र के हिंगोली विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव आयोग के अधिकारियों ने मेरे हेलीकॉप्टर की जांच की। भाजपा निष्पक्ष चुनाव और स्वस्थ चुनाव प्रणाली में विश्वास करती है। और माननीय चुनाव आयोग के बनाए गए सभी नियमों का पालन करती है। उन्होंने लिखा- हम सभी को एक स्वस्थ चुनाव प्रणाली में योगदान देना चाहिए और भारत को दुनिया का सबसे मजबूत लोकतंत्र बनाए रखने में अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। चुनाव के बीच देश के 9 बड़े नेताओं की जांच हो चुकी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग (EC) की सख्ती जारी है। चुनाव के बीच EC देश के 9 बड़े नेताओं की जांच हो कर चुकी है। 14 नवंबर को भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, गोवा के CM प्रमोद सावंत, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और उद्धव ठाकरे के सामानों की चेकिंग की गई थी। खड़गे नासिक में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे। हैलिपेड पर उनकी जांच की वीडियोग्राफी भी हुई। गोंदिया में महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के हेलिकॉप्टर और बैग की जांच की गई। वे गोरेगांव विधानसभा सीट पर NCP(SP) उम्मीदवार के लिए प्रचार करने जा रहे थे। उद्धव ठाकरे की तीसरी बार अहमदनगर में जांच हुई। इस तरह कराड एयरपोर्ट (सातारा) पर गोवा के CM प्रमोद सावंत का सामान भी चेक हुआ। नेताओं के सामान की जांच की तस्वीरें... शिंदे ने जांच के बाद कहा था- कपड़े हैं, यूरिन पॉट नहीं 13 नवंबर को CM एकनाथ शिंदे की भी चेंकिग हुई थी। वे पालघर में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारी से कहा था- कपड़े हैं, यूरिन पॉट वगैरह नहीं है। यह कमेंट उद्धव के बयान पर तंज था। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के हेलिकॉप्टर की भी जांच हुई थी। दरअसल, 11 और 12 नवंबर को दो बार उद्धव ठाकरे के सामान की जांच हुई थी। उद्धव ने इसका वीडियो शेयर किया था, जिसमें वह कह रहे थे- मेरा बैग चेक कर लीजिए। यूरिन पॉट भी चेक कर लीजिए, लेकिन अब मुझे मोदी का बैग चेक करते हुए भी आप लोगों का
Dainik Bhaskar झारखंड में PM मोदी के प्लेन में तकनीकी खराबी:उन्हें लेने दिल्ली से दूसरा विमान आएगा; राहुल भी एयरपोर्ट डेढ़ घंटे तक फंसे रहे
झारखंड के देवघर में PM मोदी के प्लेन में तकनीकी खराबी आ गई। वे दोपहर 2:20 बजे से यहां फंसे हैं। सूत्रों के मुताबिक, पीएम के लिए दिल्ली से दूसरा प्लेन लाया जा रहा है। पीएम प्लेन में ही हैं। एसपीजी ने उन्हें एयरपोर्ट के लॉन्ज तक जाने की परमिशन नहीं दी है। मोदी सुबह इसी प्लेन से देवघर आए थे। यहां से वे बिहार के जमुई जनजातीय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। वापसी में उन्हें देवघर से ही दिल्ली जाना था, लेकिन प्लेन उड़ान नहीं भर सका है। दिल्ली से भेजा जा रहा है प्लेन एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विशेष विमान भारतीय वायुसेना का है। बताया जा रहा है कि सीनियर पायलट ने जैसे ही तकनीकी खराबी की जानकारी दी,तो पीएमओ ने को-ऑर्डिनेट किया और दिल्ली से वायुसेना का विमान देवघर रवाना कर दिया। गोड्डा में राहुल गांधी का हेलिकॉप्टर भी डेढ़ घंटे तक फंसा झारखंड के गोड्डा में राहुल गांधी के हेलिकॉप्टर को एयर ट्रैफिक कंट्रोल ( ATC) की क्लीयरेंस नहीं मिलने से डेढ़ घंटे तक हैलिपेड पर इंतजार करना पड़ा। कांग्रेस नेता शुक्रवार को महगामा में चुनावी सभा करने पहुंचे थे। उन्हें गोड्डा से बोकारो जिले के बेरमो में जाना था। बाद में हंगामे के बाद करीब डेढ़ बाद उड़ाने भरने की अनुमति मिली। खबर अपडेट हो रही है.....
Dainik Bhaskar एक गोली खाओ और 4 महीने में दुबले हो जाओ:वजन घटाने के लिए गुजरात में बैलून कैप्सूल का क्रेज, जानिए क्या है स्लिमिंग मेडिसिन?
वजन कम करने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। बहुत से लोग जिम जाते हैं और तरह-तरह की एक्सरसाइज भी करते हैं। कुछ कम आहार पर रहते हैं, तो कुछ बेरिएट्रिक सर्जरी कराते हैं। दूसरी ओर, ऐसे लोग भी हैं जो आसानी से वजन कम करने के मेडिकल तरीके ढूंढते हैं, तो ऐसे लोगों के लिए अब बलून कैप्सूल आ गया है। बैलून एक ऐसा कैप्सूल है, जो पेट में जाने के बाद फूल जाता है। इससे पेट में जगह कम हो जाती है और खाना कम खाना पड़ता है। जैसे-जैसे खाना कम होता जाता है वजन भी अपने आप कम होने लगता है। बैलून कैप्सूल ट्रीटमेंट क्या है? यह कैसे होता है? इसकी कीमत कितनी क्या है? क्या इससे कोई दुष्प्रभाव हो सकता है? इन सभी सवालों के जवाब पाने के लिए हमने अहमदाबाद में 20 साल से अधिक समय से बेरिएट्रिक सर्जरी कर रहे डॉक्टर अपूर्व व्यास से बातचीत की। पढ़िए उनसे हुई बातचीत के अंश... बिना प्रिस्क्रिप्शन के नहीं मिलते कैप्सूल सबसे पहले यह जान लें कि ये बलून कैप्सूल किसी भी व्यक्ति के लिए सीधे तौर पर उपलब्ध नहीं हैं। इसे डॉक्टर से ही लेना होगा। ये कैप्सूल केवल तभी मिल सकते हैं, जब मोटापे का इलाज करने वाले एंडोस्कोपिस्ट या बेरिएट्रिक सर्जन द्वारा तय किए गए हो। बैलून कैप्सूल रखने के 2 तरीके बैलून कैप्सूल के बारे में समझने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि बलून क्या है? जैसा कि आप नाम से ही समझ गए होंगे यह एक तरह का गुब्बारा है। इन गुब्बारों को दो तरीकों से पेट में रखा जाता है। एक तरीका हैएंडोस्कोपी और दूसरा तरीका है स्वैलो पिल। इस कैप्सूल को किसी दवा की तरह निगलना होता है। जिसके बाद यह पेट के अंदर जाकर गुब्बारा बन जाता है। इससे पेट में जगह कम हो जाती है और भूख कम हो जाती है। भूख कम लगने से खाना कम खाया जाता है और धीरे-धीरे वजन कम होने लगता है। 700 मिलीलीटर तक भरा जा सकता है पानी इन दोनों तरीकों के बारे में बताते हुए डॉ. अपूर्व व्यास का कहना है कि एंडोस्कोपी के जरिए जो बैलून कैप्सूल डाला जाता है, उसमें मरीज को एनेस्थीसिया देकर बेहोश करना होता है। इसके बाद एंडोस्कोपी की मदद से गुब्बारे को पेट में रखा जाता है। इसके बाद इसे फुलाया जाता है। जिसके बाद असेंबली को बाहर निकाला जाता है और मरीज को तीन घंटे के लिए एडमिट कर छुट्टी दे दी जाती है। इस तरीके से गुब्बारे में 700 एमएल तक पानी भरा जासकता है। एंडोस्कोपी बैलून के