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Dainik Bhaskar पंजाब में धान खरीद पर बोले केंद्रीय मंत्री बिट्टू:बयानों से न घबराएं, दाना-दाना खरीदेगी एजेंसियां; 44 हजार करोड़ जारी किए, और भी करेंगे
पंजाब में की मंडियों से जब तक धान की पूरी खरीद नहीं हो जाती है, तब तक केंद्रीय एजेंसियों द्वारा खरीद जारी रखेगी जाएगी। यह जानकारी केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने सोशल मीडिया पर दी है। उन्होंने कहा कि अब तक केंद्र सरकार ने 44 हजार करोड़ रुपए जारी किए गए है। वहीं, जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त राशि जारी की जाएगी। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर यह जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि कुछ नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयानों से घबराने की जरूरत नहीं है। जब तक खरीद नहीं होती, मंडियां बंद नहीं होगी केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि - केंद्रीय एजेंसियां मंडियों में तब तक खरीद जारी रखेंगी, जब तक कि एक-एक दाना नहीं खरीदा जाता है। केंद्र सरकार ने पंजाब में खरीद के लिए पहले ही 44,000 करोड़ रुपए आवंटित कर दिए हैं और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि देने के लिए तैयार है। जब तक एजेंसियों द्वारा सारा अनाज नहीं खरीदा जाता, तब तक कोई भी मंडी बंद नहीं होगी। मैं पंजाब के किसानों को भरोसा दिलाता हूं कि केंद्र सरकार एक-एक दाना खरीदेगी और कुछ नेताओं के भ्रामक बयानों से घबराने की जरूरत नहीं है। KMM ने सरकार को 10 तक दिया अल्टीमेट इससे पहले कल पंजाब के किसानों ने चंडीगढ़ स्थित अनाज भवन में पंजाब सरकार के अधिकारियों से मीटिंग की थी। साथ ही मांग की थी कि मंडियों को बंद नहीं किया जाए। साथ ही जो कट लगाया जा रहा है, उसकी भरपाई की जानी चाहिए। दूसरी तरफ किसान मजदूर मोर्चा की तरफ से दस नवंबर तक धान का उठान नहीं हुआ, तो वह 11 को संघर्ष का ऐलान करेंगे।
Dainik Bhaskar हरियाणा में पुलिस पर थर्ड डिग्री देने के आरोप:युवक बोला- सिर पानी में डुबोकर पीटते रहे, हालत बिगड़ी तो माता-पिता को सौंपा
हरियाणा के फरीदाबाद में युवक ने पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम पर निर्वस्त्र कर थर्ड डिग्री देने के आरोप लगाए हैं। युवक का कहना है कि पुलिस ने उसकी सुनवाई नहीं की। पानी में सिर डुबोकर उसके साथ मारपीट की गई। विशेष समुदाय के युवक ने पुलिस से मिलीभगत कर उसे उठवाया है। युवक पर आरोप है कि उसे हथियार के साथ सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड की थी। इसी सिलसिले में पुलिस ने युवक को पूछताछ के लिए बुलाया था। थर्ड डिग्री देने के आरोपों को पुलिस नकार रही है। पुलिस का कहना है कि युवक बचने के लिए ऐसे बहाने बना रहा है। पुलिस पर मिलीभगत का आरोप सेक्टर-62 स्थित आशियाना फ्लैट में रहने वाले विकास ने बताया कि हाल ही में वह 18 साल का हुआ है। कुछ दिन पहले एक 10 वर्ष की बच्ची के साथ विशेष समुदाय के कुछ युवकों ने छेड़छाड़ की थी। इसके बाद जब बच्ची के परिवार ने विरोध किया, तो विशेष समुदाय के लोगों ने उनके साथ मारपीट की। छेड़छाड़ के बाद से वह बच्ची के परिवार का साथ दे रहा है। जिस विशेष समुदाय के युवकों पर छेड़छाड़ और मारपीट करने के आरोप थे, उनमें से एक फकरू नाम के स्क्रैप कारोबारी ने पुलिस से मिलीभगत कर उसे उठा लिया। क्राइम ब्रांच टीम ने घर से उठाया विकास ने बताया कि उसकी गलती बस इतनी थी कि वह कुछ समय पहले वह अपने बिहार के गांव सिवान गया हुआ था। यहां पर उसने अपने एक साथी के साथ अवैध हथियार के साथ फोटो खिंचवा कर इंस्टाग्राम पर अपलोड की थी। इसी को मोहरा बनाते हुए गुरुवार देर शाम क्राइम ब्रांच सेक्टर 30 की टीम उसके घर पहुंची और उसे उठाकर ले गई। अवैध हथियार की पूछताछ के लिए उसे थर्ड डिग्री दी गई। उसे लगभग 4-5 घंटे निर्वस्त्र कर पानी में सिर डूबा कर पीटते रहे, जब उसकी हालत बिगड़ी तब उन्होंने माता-पिता को बुलाकर उनके हवाले कर दिया। उससे मारपीट करने वाले लगभग 3-4 पुलिसकर्मी थे। उसे डंडों से बुरी तरह पीटा। हंटर से भी पिटाई की गई। उसने पुलिसवालों को बताया कि वह फोटो बिहार की है, लेकिन पुलिस वाले फोटो को फरीदाबाद की बताकर मारपीट करते रहे। डॉक्टरों ने मेडिकल करने से किया मना विकास ने आगे बताया कि उसका फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। वह अपना मेडिकल करना चाहता है, लेकिन डॉक्टर ने उसे पुलिस द्वारा डीडी नंबर लाने की बात कह कर मेडिकल करने से मना कर दिया। मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचि
Dainik Bhaskar CJI चंद्रचूड़ के लास्ट वर्किंग डे पर बैठी सेरेमोनियल बेंच:9 साल पहले सुप्रीम कोर्ट आए; 1274 बेंचों का हिस्सा रहे, 612 फैसले लिखे
CJI चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो जाएंगे, लेकिन उससे पहले 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में उनका आखिरी वर्किंग डे है। CJI चंद्रचूड़ की विदाई के लिए सेरेमोनियल बेंच चल रही है। जिसकी लाइव स्ट्रीमिंग हो रही है। इसमें उनके साथ जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला भी होंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को बतौर सिटिंग जज, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किए गए थे। अपने कार्यकाल में CJI चंद्रचूड़ 1274 बेंचों का हिस्सा रहे। उन्होंने कुल 612 फैसले लिखे। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों में CJI चंद्रचूड़ ने सबसे ज्यादा फैसले लिखे हैं। नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड के मुताबिक CJI डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल के आखिरी दिन सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग केसों की संख्या 82509 है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ को लेकर बने कुछ रिकॉर्ड CJI चंद्रचूड़ की चर्चित और विवादित तस्वीरें... पेशवा के राज में शक्तिशाली था चंद्रचूड़ का परिवार महाराष्ट्र के कन्हेरसर में खेद गांव में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के पूर्वजों का पुश्तैनी महल है। इसका नाम चंद्रचूड़ वाड़ा है। यह साढ़े तीन एकड़ में फैला है। चंद्रचूड़ के पूर्वज पेशवा राज में बहुत पावरफुल था। उनके दरबारी थे। भीमा कोरेगांव में इनकी सत्ता थी। पिछले दिनों CJI अपने गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने भी गए थे। जस्टिस संजीव खन्ना होंगे सुप्रीम कोर्ट के 51वें चीफ जस्टिस जस्टिस संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के 51वें चीफ जस्टिस होंगे। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से उनके नाम की सिफारिश की थी। हालांकि, उनका कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा। 64 साल के जस्टिस खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर होंगे। सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर जस्टिस खन्ना ने 65 फैसले लिखे हैं। इस दौरान वे करीब 275 बेंचों का हिस्सा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट जज बनाए जाने से पहले वे दिल्ली हाईकोर्ट में 14 साल तक जज रहे। उन्हें 2019 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था।
Dainik Bhaskar पुलिस-नक्सली मुठभेड़...2 नक्सलियों के मारे जाने की खबर:बीजापुर में सुबह से फोर्स ने घेरा; रुक-रुककर हो रही फायरिंग
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शुक्रवार की सुबह सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में दो नक्सलियों के मारे जाने की खबर है, हालांकि मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। दोनों तरफ से रुक-रुककर फायरिंग हो रही है। जवानों ने नक्सलियों को उनके ठिकाने में घुसकर घेर रखा है। बस्तर IG सुंदरराज पी ने मुठभेड़ की पुष्टि की है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली थी कि उसूर-बासागुड़ा-पामेड़ इलाके में भारी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। इसी सूचना के आधार पर जवानों को ऑपरेशन पर भेजा गया। शुक्रवार की सुबह 11 बजे से पुलिस और नक्सलियों के बीच गोलीबारी हो गई। नक्सलियों को कितना नुकसान हुआ है ये अभी स्पष्ट नहीं है। सारे जवान सुरक्षित हैं। यह खबर अपडेट की जा रही है ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- नक्सलियों से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... 309 दिन में 10 करोड़ के 189 नक्सली ढेर:छत्तीसगढ़ में 96 मुठभेड़, 5 बड़े कैडर भी मारे; AK-47, SLR, इंसास जैसे 207 हथियार बरामद छत्तीसगढ़ के बस्तर में इस साल 1 जनवरी से 5 नवंबर तक पुलिस और नक्सलियों के बीच कुल 96 मुठभेड़ हुई है। इन 309 दिनों में अलग-अलग जिलों में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने 9 करोड़ 72 लाख रुपए के कुल 189 नक्सलियों को ढेर किया है। इनमें 5 DKSZC (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी) कैडर के भी नक्सली शामिल हैं। मारे गए नक्सलियों से पुलिस ने AK-47, SLR और इंसास जैसे कुल 207 हथियार भी बरामद किए हैं। ये हथियार नक्सलियों ने अलग-अलग मुठभेड़ों के बाद जवानों से ही लूटे थे। राज्य गठन होने के बाद बस्तर के नक्सल इतिहास में यह पुलिस की सबसे बड़ी सफलता वाला साल रहा है। यहां पढ़ें पूरी खबर...
Dainik Bhaskar BCAS के आदेश पर जत्थेदार ने जताया रोष:कहा- किरपान सिख धर्म का अभिन्न हिस्सा; केंद्र सरकार से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघुबीर सिंह ने भारत के सिविल एविएशन सुरक्षा ब्यूरो के आदेश का विरोध किया है। इस आदेश में देश के हवाई अड्डों पर सुरक्षा सेवाओं में कार्यरत अमृतधारी सिख कर्मचारियों के किरपान पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है। जत्थेदार ने इस आदेश को सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। अकाल तख्त साहिब से जारी एक लिखित बयान में जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता में सिख समुदाय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जहां 80 प्रतिशत से अधिक कुर्बानियां सिखों ने दी हैं। उन्होंने इस प्रतिबंध को सिख धर्म के खिलाफ बताया और कहा कि किरपान सिख धर्म का अभिन्न हिस्सा है, जिसे गुरु साहिबान ने ककार (धार्मिक प्रतीक) के रूप में प्रदान किया है। जत्थेदार ने इसे सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता पर एक असहनीय हमला और उन्हें विभिन्न सरकारी सेवाओं से वंचित करने के बराबर बताया। SGPC को आदेश जारी जत्थेदार ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) को आदेश दिया है कि वह इस फैसले के खिलाफ भारत के गृह मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिखे। इसमें सिख समुदाय की भावनाओं से उन्हें अवगत कराते हुए इस प्रतिबंध को हटाने की मांग की जाए। इसके अलावा, उन्होंने एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल तैयार कर जल्द से जल्द भारत सरकार के साथ बातचीत शुरू करने का निर्देश दिया ताकि देश के हवाई अड्डों पर कार्यरत अमृतधारी सिख कर्मचारियों को अपने धार्मिक प्रतीक किरपान पहनने का अधिकार मिल सके। 30 अक्टूबर को जारी हुआ था आदेश भारत के एयरपोर्ट्स पर सिख कर्मचारी कृपाण नहीं पहनने को लेकर 30 अक्टूबर को द ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन (BCAS) ने ऑर्डर जारी किए थे। BCAS ने अपने आदेश में कहा कि एयरपोर्ट्स पर कार्यरत सिख कर्मचारियों को सुरक्षा के मद्देनजर कृपाण नहीं पहन सकेंगे। एक दिन पहले ही सभी एयरपोर्ट्स के कर्मचारियों को यह गाइडलाइन मिली। BCAS की तरफ से कहा गया है कि सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की वजह से ये आदेश जारी किए गए। जिसके बाद विवाद शुरू हो गया। एयरपोर्ट पर कृपाण को लेकर हो चुके विवाद नियमों के अनुसार भारत में घरेलू उड़ानों में सिख यात्रियों को कृपाण ले जाने की अनुमति है। हालांकि, कृपाण की लंबाई 23 सेमी (9 इंच) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और ब्लेड की लंबाई 15 सेमी (6 इंच) से ज्यादा
Dainik Bhaskar जम्मू-कश्मीर विधानसभा में चौथे दिन भी हंगामा:खुर्शीद अहमद शेख ने पोस्टर लहराने की कोशिश की; मार्शल ने जमीन में गिराया, बाहर निकाला
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में शुक्रवार को चौथे दिन भी जमकर हंगामा हुआ। अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने आज फिर 370 की बहाली से जुड़ा पोस्टर लहराने की कोशिश की। उससे पहले विपक्ष के नेताओं ने उन्हें रोक दिया। विधायकों के बीच धक्का-मुक्की होने लगी। इस बीच एक विधायक टेबल पर चढ़ गया। उधर मार्शल खुर्शीद अहमद को घसीटते हुए ले गए। इस दौरान खुर्शीद जमीन पर गिर गए। उन्हें फिर बाहर निकाल दिया गया। खुर्शीद अहमद बारामूला से सांसद इंजीनियर रशीद के भाई हैं। इंजीनियर रशीद अलगाववादी नेता हैं और उन्हें विधानसभा चुनाव में कैंपेनिंग के लिए जमानत पर रिहा किया गया था। एक दिन पहले भी हंगामा हुआ था, 3 भाजपा विधायक घायल हुए थे जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के दौरान गुरुवार को भी विधायकों के बीच जमकर हाथापाई हुई थी। सत्ता पक्ष और विपक्षी भाजपा के विधायकों ने एक-दूसरे की कॉलर पकड़ी और धक्कामुक्की की। सदन में हंगामे के चलते पहले विधानसभा की कार्यवाही 20 मिनट, फिर कल तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। दरअसल, लेंगेट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने सदन में आर्टिकल 370 की वापसी का बैनर लहराया था। बैनर पर लिखा था, 'हम अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली और सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई चाहते हैं। भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने इसका विरोध किया। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे। दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हुई। मार्शलों ने आर एस पठानिया सहित कई भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकाला। 3 विधायक घायल हुए। हालांकि इसके बाद भी भाजपा विधायक "विशेष दर्जा प्रस्ताव वापस लो" के नारे लगाते रहे। इस पर स्पीकर ने कहा कि, "यह विधानसभा है, मछली बाजार नहीं है।" 7 नवंबर को हंगामे की तस्वीरें... शेख के भाई पर आतंकी फंडिंग का आरोप बैनर लहराने वाले विधायक खुर्शीद अहमद शेख बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई हैं। राशिद को 2016 में जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के आरोप में UAPA के तहत अरेस्ट किया गया था। 2019 से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं। भाजपा बोली- आर्टिकल 370 की वापसी का प्रस्ताव SC के फैसले के खिलाफ भाजपा का कहना है- इंडी गठबंधन जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जो प्रस्ताव (आर्टिकल 370 की वापसी का) लाई है, वह भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन क्या दलितों
Dainik Bhaskar कृपाण बैन करने पर आतंकी पन्नू भड़का:अमृतसर-चंडीगढ़ एयरपोर्ट बंद कराने का आह्वान; बोला- सिख नहीं जागे तो श्रीगणेश स्थापित कराएगी सरकार
अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के आतंकी और खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 17 नवंबर को अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट बंद कराने की धमकी दी है। पन्नू का आरोप है कि भारत सरकार ने सिख धर्म के प्रतीक कृपाण को एयरपोर्ट के भीतर पहनने पर रोक लगाई है। पन्नू ने इस फैसले को सिख समुदाय पर हमला बताते हुए भविष्य में सिखों के धार्मिक प्रतीकों पर और अधिक प्रतिबंध लगाने की आशंका जताई है। आतंकी पन्नू ने सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो वायरल किया है, जिसमें वह भारत सरकार को धमकी देता दिख रहा है। उसने आरोप लगाया है कि भारत सरकार आने वाले दिनों में दस्तार (पगड़ी) पर भी प्रतिबंध लगा सकती है। इसके बाद सिखों को अपने धार्मिक प्रतीकों को घर में पहनने पर भी भारत सरकार रोक सकती है। पन्नू ने पंजाब के युवाओं को भड़काने की कोशिश की है, और रोष में 17 नवंबर को अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट्स को बंद करवाने की बात कही है। बता दें कि 30 अक्टूबर को द ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन (BCAS) ने भारत के एयरपोर्ट्स पर कृपाण धारण न करने के ऑर्डर जारी किए थे। BCAS ने अपने आदेश में कहा कि एयरपोर्ट्स पर कार्यरत सिख कर्मचारी सुरक्षा के मद्देनजर कृपाण नहीं पहन सकेंगे। BCAS की तरफ से कहा गया था कि सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की वजह से ये आदेश जारी किए गए। जिसके बाद ही विवाद शुरू हो गया था। पन्नू के भड़काऊ बयान की 3 मुख्य बातें... 1. सिखों को घर के बाहर श्री गणेश स्थापित करने पड़ेंगे पन्नू ने अपने वीडियो में चेतावनी दी है कि भारत सरकार ने कृपाण पर पाबंदी लगाई है। कल पाबंदी दस्तार पर भी लग सकती है। फिर श्री साहिब और दस्तारें घर पर भी पहनने नहीं दी जाएंगी। यह भारत सरकार सभी सिखों को जनेऊ डलवा देगी। अपनी जिंदगी बचाने के लिए सिखों को अपने घर के बाहर श्री गणेश स्थापित करने पड़ेंगे। 2. शस्त्र विद्या का अभ्यास करें पन्नू ने कहा कि भारतीय संविधान सिख धर्म को हिंदू धर्म का हिस्सा बताता है। इस भारतीय संविधान के अंतर्गत गोल्डन टेंपल के अंदर हमला हुआ, सिखों की नस्लकुशी हुई और पंजाब में 15-20 किसान हर महीने खुदकुशी करते हैं। हाथ जोड़ कर कभी आजादी नहीं मिलती और कानून वापस नहीं होते। याद रखो, दशम पिता के सामने रुहानी ताकत के लिए हाथ जोड़ें। जिस्मानी ताकत के लिए शस्त्र विद्या का अभ्यास करें। 3. सड़क और एयर रूट बंद करें युवा पन्नू ने पंजाब के य
Dainik Bhaskar यूपी में पुरुष टेलर महिलाओं का माप नहीं ले सकेंगे:कानपुर हत्याकांड के बाद महिला आयोग का आदेश, जिम में महिला ट्रेनर जरूरी
कानपुर एकता हत्याकांड के बाद यूपी महिला आयोग ने सख्त कदम उठाया है। अब जिम और योगा सेंटर में महिला ट्रेनर लगाने होंगे। इसकी CCTV से निगरानी होगी। इसके अलावा, पुरुष टेलर महिलाओं की माप नहीं ले सकेगा। आयोग का कहना है- पार्लर में लड़कियों के मेकअप और ड्रैसअप के लिए भी महिला होनी चाहिए। इसके अलावा, महिलाओं के लिए विशेष कपड़े बेचने वाले स्टोरों में भी महिला कर्मचारियों को रखा जाए। इसके अलावा, कोचिंग सेंटरों में CCTV से निगरानी की जाए। दरअसल, 28 अक्टूबर को महिला आयोग की बैठक हुई थी। इसमें यह फैसला लिया गया। अब आयोग ने सभी जिले के डीएम, कमिश्नर और SP को आदेश को लागू करने को कहा है। आदेश को लेकर भास्कर ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान से बात की। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा.... 1- जिम में महिलाओं के 99 प्रतिशत ट्रेनर पुरुष जनसुनवाई के दौरान जिम, ब्यूटी पार्लर और बुटीक में पुरुषों से जुड़ी घटनाएं आ रही हैं। जिम में महिलाओं के 99 प्रतिशत ट्रेनर पुरुष हैं। वहां पर बहुत सारी ऐसी घटनाएं होती हैं। इसे महिलाएं या छोटी बच्चियां बर्दाश्त करती हैं। घर पर आकर नहीं बता पाती हैं। हाल ही में कानपुर में ऐसी ही घटना हुईं, जिसमें जिम ट्रेनर ने एक महिला की हत्या कर दी। ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जिसमें तलाक तक की नौबत आ गई। जिम संचालित करें, लेकिन महिलाओं के लिए महिला ट्रेनर होनी चाहिए। इससे महिलाओं को भी रोजगार मिलेगा। 2- पुरुष टेलर महिलाओं से करते हैं बैडटच बुटीक में पुरुष टेलर महिलाओं को कपड़ों के नाप के दौरान बैडटच करते हैं। ऐसी शिकायतें महिला आयोग को मिल रही हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बुटीक में मेजरमेंट के लिए महिला ही होनी चाहिए। इससे महिलाओं को सुविधा भी रहेगी। 3- ब्यूटी पार्लर में लड़कियां ही रहें फैशन बन गया है कि ब्यूटी पार्लर में पुरुष ही महिलाओं का मेकअप करते हैं। लड़कियां महिलाओं का मेकअप क्यों नहीं कर सकती हैं? यह फील्ड तो महिलाओं के लिए ही है। ब्यूटी पार्लर में भी दुल्हन को तैयार करने, महिलाओं को साड़ी पहनाने के दौरान शिकायतें मिल रही हैं। पार्लर में भी लड़कियों के मेकअप और ड्रैसअप के लिए भी महिला होनी चाहिए। 4- पार्लर में काम करने वाले लड़कों का पुलिस वैरिफिकेशन हो कोचिंग सेंटर में कैमरे लगे होने चाहिए। वहां बच्चियों के लिए अलग से टॉयलेट होने चाहिए। जिम, बुटीक और
Dainik Bhaskar सलमान रुश्दी की विवादित किताब के इंपोर्ट से बैन हटा:राजीव गांधी ने 1988 में प्रतिबंध लगाया था; दिल्ली हाईकोर्ट बोला- नोटिफिकेशन गायब हो चुका
दिल्ली हाईकोर्ट ने 1988 में सलमान रुश्दी की विवादित किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' के इंपोर्ट पर लगा बैन हटा दिया है। कोर्ट ने कहा कि अधिकारी बैन लगाने वाला नोटिफिकेशन पेश नहीं कर पाए, इसलिए यह माना जाना चाहिए कि यह मौजूद नहीं है। जस्टिस रेखा पल्ली और सौरभ बनर्जी की बेंच ने यह फैसला 5 नवंबर को सुनाया था। जानिए ये मामला कैसे कोर्ट पहुंचा किताब के इंपोर्ट को लेकर 2019 में संदीपन खान नाम के शख्स ने एक याचिका लगाई थी। संदीपन ने कहा, उन्होंने 'द सैटेनिक वर्सेज' किताब मंगवाई थी। लेकिन कस्टम विभाग की तरफ से 36 साल पहले जारी किए गए नोटिफिकेशन के चलते बुकं इंपोर्ट नहीं हो सकी। लेकिन यह न तो किसी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध था और न ही किसी संबंधित अधिकारी के पास इससे जुड़े दस्तावेज मौजूद थे। अब जानिए 'सैटेनिक वर्सेज' किताब क्यों है विवादित 'सैटेनिक वर्सेज' उपन्यास का हिंदी में अर्थ ‘शैतानी आयतें’ हैं। इस किताब के नाम पर ही मुस्लिम धर्म के लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। रुश्दी ने अपनी इस किताब में एक काल्पनिक किस्सा लिखा है। किस्सा कुछ इस तरह है कि दो फिल्म कलाकार हवाई जहाज के जरिए मुंबई से लंदन जा रहे हैं। इनमें एक फिल्मी दुनिया का सुपरस्टार जिबरील है और दूसरा ‘वॉयस ओवर आर्टिस्ट’ सलादीन है। बीच रास्ते में इस प्लेन को कोई सिख आतंकी हाइजैक कर लेता है। इसके बाद विमान अटलांटिक महासागर के ऊपर से गुजर रहा होता है, तभी पैसेंजर से आतंकियों की बहस होने लगती है। गुस्से में आतंकवादी विमान के अंदर बम विस्फोट कर देता है। इस घटना में जिबरील और सलादीन दोनों समुद्र में गिरकर बच जाते हैं। इसके बाद दोनों की जिंदगी बदल जाती है। फिर एक रोज एक धर्म विशेष के संस्थापक के जीवन से जुड़े कुछ किस्से पागलपन की ओर जा रहे जिबरील के सपने में आता है। इसके बाद वह उस धर्म के इतिहास को एक बार फिर नई तरह से स्थापित करने की सोचता है। इसके आगे रुश्दी ने अपने कहानी के किरदार जिबरील और सलादीन के किस्से को कुछ इस अंदाज में लिखा है कि इसे ईशनिंदा माना गया। किताब पर बैन और जान से मारने का फतवा भारत पहला देश था जिसने इस उपन्यास को बैन किया। उस वक्त देश में राजीव गांधी की सरकार थी। इसके बाद पाकिस्तान और कई अन्य इस्लामी देशों ने इसे प्रतिबंधित कर दिया। फरवरी 1989 में रुश्दी के खिलाफ मुंबई में मुसलमानों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया
Dainik Bhaskar अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अल्पसंख्यक दर्जे की हकदार:सुप्रीम कोर्ट ने कहा- धार्मिक समुदाय शिक्षा संस्थान बना और चला सकते हैं; इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला पलटा
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी यानी AMU अल्पसंख्यक दर्जा पाने की हकदार है। सुप्रीम कोर्ट में CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 7 जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने संविधान के आर्टिकल 30 का हवाला देते हुए कहा कि धार्मिक समुदाय को शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और उसे चलाने का अधिकार है। हालांकि AMU के पास अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा बरकरार रहेगा या नहीं, इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच करेगी। इसकी सुनवाई अलग से होगी। 2005 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने AMU को अल्पसंख्यक संस्थान मानने से इनकार कर दिया था। AMU ने इसके खिलाफ SC में अर्जी दी थी। 2006 में तत्कालीन UPA सरकार फैसले के खिलाफ SC गई थी। हालांकि 2016 में राज्य सरकार ने याचिका वापस लेने का फैसला लिया था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कब और किसने बनवाई? आजादी के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर विवाद शुरू हुए। आगे कुछ प्रमुख घटनाओं की टाइमलाइन जानेंगे… साल 1951: गैर-मुस्लिमों के लिए भी खुले दरवाजे AMU एक्ट 1920 के सेक्शन 8 और 9 को खत्म कर दिया गया। इसके तहत मुस्लिम छात्रों को अनिवार्य धार्मिक शिक्षा देने वाली बात खत्म कर दी गई। साथ ही अब किसी भी जाति, लिंग, धर्म के लोगों की एंट्री के लिए यूनिवर्सिटी का दरवाजा खोल दिया गया। साल 1965: सरकार के अधीन लिया गया AMU एक्ट 1920 के सेक्शन 23 में बदलाव किया गया। इसके जरिए यूनिवर्सिटी कोर्ट की सर्वोच्च शक्ति को घटाकर बाकी यूनिवर्सिटी की तरह ही इसके लिए एक बॉडी बना दी गई। यूनिवर्सिटी को उस समय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंदर ले लिया गया। साल 1967: सुप्रीम कोर्ट ने छीना अल्पसंख्यक दर्जा 1967 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे का मामला सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच के सामने पहुंचा। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तर्क दिया कि सर सैयद अहमद खान ने इस यूनिवर्सिटी को बनाने के लिए एक कमेटी बनाई थी। उस कमेटी ने इसे बनाने के लिए चंदा करके धन जुटाया। एक अल्पसंख्यक के प्रयासों से अल्पसंख्यकों के फायदे के लिए यूनिवर्सिटी शुरू हुआ है। इसलिए इसे अल्पसंख्यक का दर्जा मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सर अहमद खान और उनकी कमेटी ब्रिटिश सरकार के पास गई। सरकार ने कानून बनाकर इस यूनिवर्सिटी को मान्यता दी और उसे शुरू किया। यही वजह है
Dainik Bhaskar मोबाइल में पत्नी संग प्राइवेट वीडियो रखने महंगे पड़े:हरियाणा के रिटायर्ड प्रिंसिपल फंसे; 4 साल पहले गुम हुए मोबाइल से इंस्टाग्राम पर ब्लैकमेलिंग
हरियाणा के पानीपत में रिटायर्ड प्रिंसिपल को मोबाइल में निजी पलों की वीडियो रखनी महंगी पड़ गई। 4 साल पहले प्रिंसिपल का वीडियो गुम हो गया था। जो बाद में किसी शातिर के हाथ लग गया। उसने इंस्टाग्राम पर फर्जी ID बनाकर प्रिंसिपल के बेटे को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। बदमाश वीडियो को वायरल करने की धमकी दे रहा है साथ है ऐसा ना करने के बदले 2 लाख रुपए मांग रहा है। प्रिंसिपल को इसका पता चला तो उसने पुलिस को शिकायत दे दी है। जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर साइबर सैल के जरिए इसकी जांच शुरू कर दी है। सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें पूरा मामला... 4 साल पहले गुम हुआ था मोबाइल पानीपत के समालखा के रहने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह शिक्षा विभाग में प्रिंसिपल पद से सेवामुक्त हुए हैं। 4 साल पहले वह किसी काम से सोनीपत गए थे। वहां उनका मोबाइल गुम हो गया। रात में महिला के इंस्टाग्राम अकाउंट से बेटे को आए मैसेज रिटायर्ड प्रिंसिपल ने बताया कि 4-5 नवंबर की रात उनके बेटे के पास सुनीता अग्रवाल नाम के यूजर के अकाउंट से इंस्टाग्राम पर मैसेज आए। उनके बेटे को कुछ वीडियो भेजी गई थी। जो रिटायर्ड प्रिंसिपल और उनकी पत्नी की निजी पलों की थी। सुनीता अग्रवाल के नाम से आरोपी ने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर 2 लाख रुपए की मांग की। मोबाइल से ही बनाए थे वीडियो रिटायर्ड प्रिंसिपल के मुताबिक यह वीडियो उन्होंने अपने मोबाइल में बनाए थे। जो उनकी पत्नी के साथ निजी पलों के थे। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इस तरह से वीडियो का मिसयूज होगा। धमकी से वह मानसिक तौर पर परेशान हो गए। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायत कर दी। धमकी का मैसेज वैनिश मोड में भेजा रिटायर्ड प्रिंसिपल ने बताया कि उनके बेटे को धमकी भरा मैसेज भेजते वक्त बदमाश ने इंस्टाग्राम का वैनिश मोड लगाया था। जिसकी वजह से 2 लाख रुपए मांगने के मैसेज को वह रिकॉर्ड नहीं कर सके। हालांकि उसकी धमकी भरी चैटिंग का उन्होंने स्क्रीनशॉट ले रखा है। बता दें कि वैनिश मोड इंस्टाग्राम का खास फीचर है। जिसे ऑन करने पर यूजर के भेजे मैसेज कुछ समय बाद ही डिसअपीयर यानी खुद ब खुद दिखने बंद हो जाते हैं। पंजाब में कुल्हड़ पिज्जा कपल की हो चुकी बदनामी मोबाइल में अपने ही अश्लील वीडियो रिकॉर्ड करने के मामले में पंजाब के जालंधर का कुल्हड़ पिज्जा कपल खूब सुर्खियों में रहा। उनके मोबाइल से यह वीडियो लीक हो गई। ज
Dainik Bhaskar कांग्रेस की आज दिल्ली न्याय यात्रा:राजघाट से शुरू होगी, 360 किमी की दूरी तय करेंगे; राहुल-खड़गे भी शामिल होंगे
कांग्रेस की महीने भर चलने वाली दिल्ली न्याय यात्रा शुक्रवार को राजघाट से शुरू होगी। यात्रा सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए लगभग 360 किलोमीटर दूरी तय करेगी। यात्रा का नेतृत्व दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव करेंगे। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और के सी वेणुगोपाल समेत कांग्रेस के सीनियर लीडर भी इसमें शामिल होंगे। यह यात्रा अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते की जा रही है। कांग्रेस दिल्ली में अपनी पहचान वापस पाने के लिए आप सरकार पर विभिन्न मुद्दों पर दबाव बनाने की कोशिश में है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर, कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता दिल्ली न्याय यात्रा के दौरान शहर के लोगों से बातचीत करेंगे और पिछले 10 सालों में उनके सामने आई समस्याओं के बारे में जानेंगे। 8 नवंबर से शुरू, 4 दिसंबर को खत्म होगी दिल्ली न्याय यात्रा 8 नवंबर को राजघाट से शुरू होगी और सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों से होते हुए 4 दिसंबर को तिमारपुर में खत्म होगी। यात्रा चार चरणों में होगी। पहला स्टेज चांदनी चौक से शुरू होकर 16 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगा और दूसरा स्टेज 15 से 20 नवंबर तक 18 सीटों को कवर करेगा। 22 से 27 नवंबर तक तीसरे स्टेज में 16 विधानसभा क्षेत्रों और 29 नवंबर से 4 दिसंबर तक चौथे स्टेज में 20 सीटों को कवर किया जाएगा। हर स्टेज में लगभग 250-300 कांग्रेस कार्यकर्ता यात्रा में भाग लेंगे और अंबेडकर भवन, करोल बाग-1, दिलशाद गार्डन-2, कालकाजी और राजौरी गार्डन में रात्रि विश्राम करेंगे। अन्य राज्यों से पार्टी के वरिष्ठ नेता भी यात्रा में शामिल होंगे। कांग्रेस की अब तक 2 न्याय यात्रा... राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा- 63 दिन, 15 राज्य और 6700 किलोमीटर का सफर इस साल की शुरुआत में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा की थी। 63 दिनों तक चलने वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा देश के 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरी। इस दौरान राहुल 6700 किमी का सफर तय किया। राहुल की इस यात्रा ने 15 राज्य और 110 जिलों के 337 विधानसभा सीटों को कवर किया। इस दौरान राहुल गांधी बस से और पैदल 6 हजार 713 किलोमीटर से ज्यादा का सफर किया। यह मणिपुर से शुरू होकर नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य
Dainik Bhaskar ईसाई बहुल सिमडेगा से चुनावी सभा शुरू करेंगे राहुल गांधी:कांग्रेस नेता की झारखंड में आज दो जनसभा, 15 सीटों को साधेंगे
कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को झारखंड में पहले चरण की 43 सीटों के लिए अपने चुनावी सभा का आगाज ईसाई बहुल सिमडेगा से करेंगे। इसके बाद वो लोहरदगा में भी जनसभा करेंगे। सिमडेगा और लोहरदगा जिला दक्षिण छोटानागपुर प्रमंडल का हिस्सा है। अनुसूचित जनजाति बहुल इस प्रमंडल में विधानसभा की 15 सीटें हैं। इनमें से 11 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST), एक सीट कांके अनुसूचित जाति (SC) और तीन सीटें रांची, हटिया और सिल्ली जनरल सीट है। झारखंड में दो चरणों 13 और 20 नवंबर को मतदान होगा। पहले फेज में 43 सीटें और दूसरे फेज में 38 सीटों पर वोट पड़ेगा। रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा। द. छोटानागपुर प्रमंडल की राजनीति को समझिए 2019 में इस इलाके में NDA छिटक गया था, जिसका फायदा तब JMM-कांग्रेस और राजद गठबंधन ने उठाया और 15 में से 9 सीटों पर धमाकेदार जीत दर्ज की थी। इस बार NDA इंटेक्ट है। आजसू पार्टी फिर से NDA में है। बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (JVM) का भाजपा में विलय हो गया है। JDU और लोजपा (रामविलास) भी साथ है। दोनों गठबंधन फिलहाल बराबरी पर दिख रहे हैं। 19-20 का ही फर्क है। इसके बावजूद अगर किसी गठबंधन के पक्ष में स्विंग हो गया तो परिणाम बदल सकते हैं। इलाके की दोनों लोकसभा सीटें कांग्रेस के पास 2024 लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो INDIA ब्लॉक को नुकसान होता नहीं दिख रहा है। इलाके की दोनों लोकसभा सीटों खूंटी से कांग्रेस के कालीचरण मुंडा और लोहरदगा से कांग्रेस के सुखदेव भगत ने जीत दर्ज की है। सिमडेगा जिले में एनोस एक्का बना रहे त्रिकोण सिमडेगा जिले की सिमडेगा और कोलेबिरा सीट पर पूर्व मंत्री एनोस एक्का त्रिकोण बनाते दिख रहे हैं। उनकी झारखंड पार्टी (एनोस) ने सिमडेगा से उनकी बेटी आईरीन एक्का और कोलेबिरा में बेटे विभव संदेश एक्का को उतार दिया है। दोनों ने त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति पैदा कर दी है। चुनाव के दौरान एनोस एक्का जेल से बाहर है। इससे सभी पार्टियों के अंदर बेचैनी दिख रही है। एनोस की इलाके में मजबूत पकड़ है। आय से अधिक संपत्ति मामले में CBI की विशेष अदालत ने उनको सात साल की सजा सुनाई है। वैसे सिमडेगा का समीकरण भी दिलचस्प है। जब भी गैर ईसाई मतदाता एकजुट होते हैं भाजपा चुनाव जीत जाती है। 2014 में भाजपा की विमला प्रधान चुनाव जीती थीं। हालांकि, कोलेबिरा में राज्य गठन के बाद से भाजपा
Dainik Bhaskar महाराष्ट्र में आज मोदी की पहली रैली:धुले और नासिक में जनता को संबोधित करेंगे; राज्य में एक फेज में 20 नवंबर को चुनाव
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी की आज पहली रैली है। प्रधानमंत्री दोपहर 12 बजे धुले में जनता को संबोधित करेंगे। फिर 2 बजे नासिक में जनसभा होगी। पीएम के अलावा अमित शाह की भी राज्य में चार रैलियां हैं। महाराष्ट्र की 288 सीटों में एक फेज में 20 नवंबर को चुनाव होंगे। रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा। भाजपा महायुति गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है। बीजेपी ने 148, शिंदे गुट ने 80, अजित गुट ने 53 उम्मीदवार उतारे हैं। 2019 की तुलना में भाजपा कम सीटों पर लड़ रही 2019 के विधानसभा चुनाव की तुलना में भाजपा इस बार कम सीटों पर लड़ रही हैं। भाजपा ने पिछली बार 164 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इस बार 16 उम्मीदवार कम उतारे हैं। वहीं, शिवसेना-शिंदे ने 80, NCP-अजित ने 53 के लिए पार्टी में बगावत के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। पिछले चुनाव में शिवसेना (अविभाजित) और NCP (अविभाजित) 124-124 सीटों पर लड़ी थीं। इन सबके अलावा इस बार महायुति ने 5 सीटें सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी हैं। भाजपा बोली- CM पर फैसला चुनाव के बाद होगा मुख्यमंत्री के रूप में देखे जाने पर डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने करीब एक हफ्ते पहले कहा था कि लोग उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देख रहे हैं तो यह समस्या नहीं है, समाधान है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे CM बनने जा रहा हैं। महायुति को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एकनाथ शिंदे मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसकी घोषणा की जाएगी। शिवसेना प्रमुख CM एकनाथ शिंदे, NCP प्रमुख अजीत पवार और भाजपा का संसदीय बोर्ड तय करेगा कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा। महायुति भ्रमित नहीं हैं, समस्या महाविकास अघाड़ी (MVA) में है। चेहरे का सवाल उनके लिए है, महायुति के लिए नहीं। MVA मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं कर रहा है क्योंकि वे जानते हैं कि चुनाव के बाद उनका CM आ सकता है। महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पर एक नजर... लोकसभा चुनाव में भाजपा 23 से 9 सीटों पर सिमटी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।। इनमें भाजपा को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट मिली थी। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव से NDA को 41 जबकि 2014 में 42 सीटें मिली थीं। लोकसभा
Dainik Bhaskar हाईप्रोफाइल लोगों को कैसे डिजिटल अरेस्ट कर रहे लुटेरे:अनजान लिंक पर क्लिक करना खतरनाक; जानें कैसे पहचानें फर्जी पुलिसवालों को, पार्ट-2
अनजान नंबरों से वीडियो कॉल। रिसीव करते ही सामने दिखता है पुलिस की वर्दी में एक शख्स। पीछे दीवार महापुरुषों की तस्वीरें। ये देखते ही कॉल रिसीव करने वाला हड़बड़ा जाता है- मैंने ऐसी क्या गलती कर दी कि पुलिस ने कॉल किया है। इसी का फायदा उठाते हैं डिजिटल अरेस्ट करने वाले लुटेरे। ये लुटेरे पुलिस ऑफिसर बनकर डराते हैं? कई-कई घंटे घर में कैद रहने को मजबूर करते हैं। देशद्रोही, आतंकी, रेपिस्ट बताकर लाखों-करोड़ों रुपए लूट लेते हैं। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज 'ऑपरेशन डिजिटल अरेस्ट' के पार्ट-1 में रिपोर्टर ने 6 घंटे के लिए खुद को डिजिटल अरेस्ट कराकर इन्हें बेनकाब किया। आज पार्ट-2 में एक्सपट्र्स के जरिए जानिए- कैसे इन ऑनलाइन लुटेरों को पहचान सकते हैं... क्या होता है डिजिटल अरेस्ट ? यदि पुलिस मामले की जांच करती है तो उसकी क्या प्रोसेस है पुलिस अधिकारियों के अनुसार पुलिस जांच और पूछताछ की एक प्रोसेस होती है। पुलिस के सामने कोई भी मामला आने पर पहले एफआईआर दर्ज की जाती है। इसकी एक कॉपी परिवादी और एक कॉपी आरोपी को दी जाती है। इसमें बताया जाता है कि आपके खिलाफ ये मामला है। पूछताछ के लिए भी पहले आरोपी को नोटिस भेजा जाता है और उसे थाने में बयान के लिए एक तारीख दी जाती है। कोई भी बयान ऑनलाइन नहीं होता। यदि गिरफ्तारी करनी है तो उसे पुलिस सीधे पहले गिरफ्तार नहीं करती। थाने में उसके बयान लेने के बाद पुलिस हिरासत में रखती है और इसके बाद गिरफ्तारी होती है। गिरफ्तार होने के बाद इसकी सूचना परिवार को दी जाती है। बताया जाता है कि उसे किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 24 घंटे के अंदर उसे कोर्ट में पेश किया जाता है। डिजिटल अरेस्ट के जाल से बचने के लिए क्या सावधानी बरतें? किस तरह काम करता है ये नेटवर्क? यह ठग अलग-अलग प्रदेशों से अपने नेटवर्क को ऑपरेट करते हैं। अलग-अलग माध्यम से हाईप्रोफाइल लोगों के मोबाइल नंबर और पर्सनल डेटा जुटा लेते हैं। एक टीम और होती है जो ठगी के रुपए को खपाने का काम करती है। ये अलग-अलग शहरों में बेरोजगार युवाओं को ढूंढती है, जिनके खाते किराए पर लिए जा सकें। ...... डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... पहली बार कैमरे पर डिजिटल अरेस्ट वाले लुटेरे:भास्कर रिपोर्टर 6 घंटे कैद रहा, LIVE रिकॉर्ड की हर साजिश, कैसे फंसते हैं हाईप्रोफाइल लोग, पार्ट-1 देशभर में डिजिटल अरेस्ट करने वाले ऑ