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Dainik Bhaskar कन्हैया कुमार को प्रचार के दौरान व्यक्ति ने मारा थप्पड़:माला पहनाने के बहाने से आया था, कन्हैया के समर्थकों ने हमलावर की पिटाई की
दिल्ली की नॉर्थ सीट से कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी कन्हैया कुमार के साथ चुनाव प्रचार के दौरान मारपीट का मामला सामने आया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक व्यक्ति कन्हैया कुमार को माला पहनाने के बहाने आया और थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। उसने कन्हैया पर स्याही भी फेंकी। कन्हैया के समर्थकों ने युवक को तुरंत पकड़ लिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी। इस दौरान हमलावर को काफी चोटें आई हैं। हालांकि, कन्हैया कुमार सुरक्षित हैं। घटना के दौरान आम आदमी पार्टी की महिला पार्षद छाया शर्मा से भी हाथापाई की गई। इसे लेकर छाया ने पुलिस थाने में शिकायत की है। AAP के ऑफिस पहुंचे थे, तभी घटना हुई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कन्हैया कुमार को शुक्रवार को प्रचार के लिए न्यू उस्मानपुर में आम आदमी पार्टी के ऑफिस पहुंचे थे। मीटिंग पूरी होने के बाद वे AAP पार्षद छाया के साथ नीचे आए। इस दौरान कई लोग नारेबाजी करते हुए कन्हैया के पास पहुंच गए। इन्हीं में से एक शख्स माला पहनाने के दौरान कन्हैया को थप्पड़ मार दिया। आरोपी बोला- टुकड़े-टुकड़े का नारा लगाने वाले को सजा दी कन्हैया पर हमला करने वाले शख्स ने एक वीडियो जारी कर कहा कि कन्हैया ने देश के खिलाफ नारे लगाए थे, जिसकी वजह से वे नाराज थे। उसने कहा कि कन्हैया ने भारत तेरे टुकड़े होंगे, अफजल तेरे कातिल जिंदा हैं, हम शर्मिंदा हैं जैसे नारे लगाए थे। आज हमने उसके मुंह पर चांटा देकर जवाब दिया है कि भारत के टुकड़े कोई नहीं कर सकता, जब तक हमारे जैसे सनातनी शेर जिंदा हैं। कन्हैया कुमार के खिलाफ BJP से मनोज तिवारी दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन है। 4 सीटों पर AAP में तो कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कन्हैया कुमार सितंबर 2021 में लेफ्ट छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने उनके खिलाफ मौजूदा सांसद मनोज तिवारी को उतारा है। JNU छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार 2019 में कन्हैया कुमार ने लेफ्ट के टिकट पर बिहार के बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ा था। वे बीजेपी प्रत्याशी गिरिराज सिंह से 4 लाख से ज्यादा वोटों से हार गए थे। 2014 से केजरीवाल पर 12 बार हमला 4 मई 2019 को लोकसभा चुनाव के दौरान एक व्यक्ति ने CM केजरी
Dainik Bhaskar हरियाणा में JJP का अपने 2 विधायकों पर एक्शन:स्पीकर को लेटर लिखा, सदस्यता खत्म करने की मांग; BJP उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे
हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) ने पार्टी के ही बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। जजपा की ओर से नरवाना से विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग को लीगल नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। साथ ही विधानसभा की सदस्यता खत्म करने के लिए स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को लेटर भी लिखा है। जजपा के पार्टी कार्यालय सचिव रणधीर सिंह की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं। इस नोटिस में दोनों विधायकों पर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट मांगने का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि पार्टी के दोनों विधायकों ने भाजपा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के दौरान मंच भी शेयर किया है। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने JJP का साल 2019 में गठन किया था। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतने के बाद भाजपा के साथ जजपा ने गठबंधन में सरकार बनाई। साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों को लेकर समझौता नहीं होने के कारण दोनों के बीच गठबंधन टूट गया। इसके बाद पार्टी के 5 विधायक बागी हो चुके हैं। नरवाना और हिसार में भाजपा प्रत्याशियों के लिए मांग रहे वोट पार्टी के कार्यालय सचिव ने आरोप लगाया है कि राम निवास सुरजाखेड़ा की ओर से नरवाना में भाजपा प्रत्याशियों के लिए मंच शेयर कर वोट मांगे। जोगीराम सिहाग ने हिसार में भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह चौटाला के पक्ष में राजनीतिक मंच शेयर कर लोगों से वोट देने की अपील की। दोनों विधायकों की एंटी पार्टी एक्टिविटी है, जबकि जहां वह भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं कि वहां जजपा ने भी अपने प्रत्याशियों को खड़ा किया है। दोनों विधायकों को अपने प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने चाहिए, न कि विपक्षी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट की अपील करनी चाहिए। विधायकों ने लीगल नोटिस का नहीं दिया जवाब रणधीर सिंह ने बताया कि जजपा की ओर से दोनों विधायकों को एंटी पार्टी एक्टिविटी के लिए 2 से 3 बार लीगल नोटिस दिए गए, लेकिन दोनों का कोई भी जवाब नहीं आया। इसलिए पार्टी की ओर से एंटी डिफेंस लॉ के 10वें एक्ट की धारा 2(1) A की धारा के तहत स्पीकर को लेटर लिखा है। इसमें पार्टी ने दोनों विधायकों की विधानसभा सदस्यता खत्म करने की मांग की है। इसके बाद स्पीकर दोनों विधायकों को नोटिस देंगे, अब वह जो भी जवाब देंगे उसके हिसाब से ही स्पीकर कार्रवाई करेंगे। जजपा के पास प्रचार करने के पूरे
Dainik Bhaskar जालंधर के मेजर ने जम्मू-कश्मीर में की आत्महत्या:सर्विस वेपन से खुद को मारी गोली, 2 साल पहले हुई थी शादी; भाई नेवी में
जम्मू कश्मीर के अखनूर बॉर्डर पर तैनात जालंधर के लद्देवाली निवासी एक मेजर ने अपने आप को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। मेजर की पहचान मुबारक सिंह पड्डा के रूप में हुई थी। आज पड्डा का शव जालंधर लाया गया, जहां उनका आज संस्कार कर दिया गया। जब मुबारक सिंह का शव उनके पैतृक घर लद्देवाली के पास पहुंचा तो पूरे परिवार का रो रो कर बुरा हाल था। सम्मानपूर्वक तिरंगे के साथ उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया था। साथी कर्मचारी बोले- मुबारक ने खुद को गोली मारी मुबारक सिंह के साथ तैनात आर्मी के मेजर रमित सिंह ने कहा- मेजर पड्डा उनके साथ पोस्टेड था। दोनों ने एक साथ ट्रेनिंग की हुई है और दोनों इकट्ठे पास आउट हुए थे। जिसके बाद मेजर मुबारक सिंह पड्डा पहले उत्तराखंड में तैनात था। फिर वेस्ट बंगाल में तैनात हुआ और उसके बाद में जम्मू कश्मीर में पोस्टेड था। मेजर रमित सिंह ने बताया कि मुबारक ने ये कदम क्यों उठाया, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। मगर इतना जरूर पता चला है कि उसने अपने आप को गोली मारी है। आत्महत्या मामले में जांच चल रही है और जो भी रिपोर्ट वहां से आएगी, उसके आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी। दो साल पहले हुई मुबारक सिंह शादी मिली जानकारी के अनुसार मेजर मुबारक सिंह पड्डा की करीब दो साल पहले शादी हुई थी। शादीशुदा जीवन मुबारक का अच्छा चल रहा था। मगर फिलहाल उसका कोई बच्चा नहीं था। वहीं, मुबारक सिंह का एक भाई भी है, जोकि भारतीय वायु सेना में काम कार्यरत है। वहीं, परिवार ने भी यही कहा है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि मुबारक ने ऐसा क्यों किया। क्योंकि वह परेशान भी नहीं रहता था। ना ही कभी मुबारक ने ऐसी कोई बात शेयर की थी। बंद कमरे में मारी थी खुद को गोली मेजर ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था। जिसके बाद उन्होंने खुद को गोली मार ली थी। गोली की आवाज सुनकर आसपास के जवान मौके पर पहुंचे। तुरंत दरवाजे को तोड़ घायल मेजर को अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद बिगड़ी हालत को देखते हुए उन्हें हेलिकाप्टर से उधमपुर कमान अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। 28 इन्फेंट्री ब्रिगेड सुंदरबनी में मुबारक की तैनाती थी।
Dainik Bhaskar एसिड अटैक सर्वाइवर की KYC कैसे हो:बोलीं- आंखें खराब, पलक नहीं झपका सकतीं, अन्य विकल्प सुझाएं; सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-RBI से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (17 मई) को एसिड अटैक सर्वाइवर की अन्य तरीकों से डिजिटल केवाईसी (Digital KYC) किए जाने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। CJI डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। साथ ही इस मुद्दे को महत्वपूर्ण बताया है। एसिड अटैक एक्टिविस्ट प्रज्ञा प्रसून और 9 अन्य एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने याचिका दायर की है। इसमें मांग की गई है कि अटैक में आंख गंवाने वाली सर्वाइवर्स की KYC के लिए दूसरी व्यवस्था की जाए। एसिड अटैक सर्वाइवर का बैंक अकाउंट नहीं खुल सका था याचिका में साल 2023 की घटना का जिक्र है। जब एक याचिकाकर्ता ICICI बैंक में अकाउंट ओपन कराने के लिए गई थी। KYC के दौरान उसे पलक झपकाने के लिए कहा गया था। युवती ऐसा नहीं कर सकी थी क्योंकि हमले में उसकी आंखें खराब हो गई थीं। बैंक ने बताया था कि ग्राहक जीवत है इसकी पुष्टि के लिए RBI की ओर से तय की गई KYC प्रोसेस में आई ब्लिंकिंग (पलक झपकाने) का नियम है। जब मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ने लगा था तो बैंक ने इस अपवाद के तौर लेकर मान्यता दे दी थी। याचिका में यह मांग की गई है याचिका में कहा गया है कि एसिड अटैक सर्वाइवर को सिम खरीदने, बैंक अकाउंट खोलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही उनको दैनिक जीवन की अन्य चीजों के लिए परेशानी होती है। जो उनके सम्मान, स्वतंत्रता, समानता के साथ जीवन जीने के लिए जरूरी है। याचिका में मांग की गई है कि KYC के लिए लाइव फोटोग्राफ की जरूरत पर केंद्र सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए। पलक झपकाने की जगह KYC के लिए फेशियल मूवमेंट और वॉइस रिकग्निशन को विकल्प के तौर पर शामिल करना चाहिए। यह खबर भी पढ़ें... जरूरत की खबर- बार-बार KYC अपडेट के झंझट से मुक्ति:जानिए क्या है यूनिफॉर्म KYC KYC, इस नाम से तो आप बखूबी परिचित होंगे। फाइनेंस की भाषा में कहें तो ‘नो योर कस्टमर।’ थोड़े ही समय के भीतर KYC हम सभी के जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। चाहे बैंक खाता खुलवाना हो, इंश्योरेंस लेना हो, स्टॉक मार्केट में पैसा लगाना हो, आधार और पैन कार्ड को लिंक करना हो, ऑनलाइन पेमेंट ऐप एक्टिव करना हो या फिर म्यूचुअल फंड में निवेश करना हो, इन सभी कामों के लिए हमें
Dainik Bhaskar लोकसभा चुनाव का वोटिंग डेटा 48 घंटे में जारी हो:सुप्रीम कोर्ट ADR की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार; आज ही होगी बहस
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को एक NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया। याचिका में चुनाव आयोग से वोटिंग परसेंटेज का डेटा 48 घंटे के भीतर वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की गई है। मामले की सुनवाई CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच करेगी। NGO की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण ने इस पर तुरंत सुनवाई की मांग की थी। पिछले हफ्ते, ADR ने अपनी 2019 जनहित याचिका में एक अंतरिम आवेदन किया था जिसमें चुनाव पैनल को निर्देश देने की मांग की गई थी कि सभी पोलिंग सेंटर्स के फॉर्म 17 C भाग- I (रिकॉर्ड किए गए वोटों का अकाउंट) की स्कैन की गई कॉपी वोटिंग के तुरंत बाद अपलोड की जाएं। NGO ने दलील दी थी कि याचिका यह तय करने के लिए दायर की गई थी ताकि चुनावी अनियमितताओं का लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर असर न हो। याचिका में दावा- वोटर टर्न आउट देर से जारी किया याचिका में कहा गया है कि आयोग ने पहले दो फेज का वोटिंग डेटा देर से पब्लिश किया। पहले फेज की वोटिंग के 11 दिन बाद और दूसरे फेज की वोटिंग के 4 दिन बाद यह डेटा सामने आया था। फाइनल वोटर टर्नआउट जारी करने में हुई देर और पोल पैनल के प्रेस नोट में 5% से ज्यादा के अंतर ने इसके सही होने पर चिंताएं और संदेह बढ़ा दिया है। वोटर टर्नआउट जारी न होने के साथ-साथ डाले गए वोटों के आंकड़े जारी करने में देरी के कारण वोटर्स में शुरुआती आंकड़ों और 30 अप्रैल को जारी आंकड़ों के बीच आए फर्क को लेकर आशंकाएं बढ़ गई हैं। इन्हें दूर किया जाना चाहिए। वोटर्स का भरोसा कायम रहे, इसके लिए जरूरी है कि आयोग अपनी वेबसाइट पर वोटिंग बंद होने के 48 घंटों के भीतर डाले गए वोटों का सर्टिफाइड डेटा पब्लिश करे। सुप्रीम कोर्ट में EVM-VVPAT के 100% मिलान की मांग खारिज कर चुका अप्रैल में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बैलट पेपर से चुनाव कराने और इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (EVM) और VVPAT स्लिप की 100% क्रॉस-चेकिंग कराने से जुड़ी याचिकाएं खारिज कर दीं। लेकिन एक बड़ा फैसला भी दिया। कोर्ट ने EVM के इस्तेमाल के 42 साल के इतिहास में पहली बार जांच का रास्ता खोल दिया। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि बैलट पेपर से चुनाव नहीं होंगे। लेकिन कैंडिडेट की शिकायत पर EVM जांच होगी। पढ़ें
Dainik Bhaskar उत्तराखंड जंगल की आग पर आज फिर सुनवाई:सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- आग बुझाने के लिए सरकार का अप्रोच सही नहीं
उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग मामले में शुक्रवार 17 मई को फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। उत्तराखंड सरकार का जवाब जानने के लिए कोर्ट ने मुख्य सचिव को तलब किया था। बुधवार 15 मई को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि उत्तराखंड सरकार की जंगल की आग पर कंट्रोल करने वाली अप्रोच बेहद निराशाजनक है। सरकार ने एक्शन प्लान तो बनाया, लेकिन उसे जमीनी स्तर पर लागू नहीं किया गया। कोर्ट ने पर्याप्त धन और वन विभाग के अधिकारियों को लोकसभा चुनाव 2024 की ड्यूटी में लगाए जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार की आलोचना की थी। कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि उसने जरूरत के मुताबिक फंड राज्य को क्यों नहीं दिया। वहीं, राज्य सरकार की तरफ से फंड का सही इस्तेमाल न किए जाने पर भी सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के वन विभाग में खाली पड़े पदों को भरने की जरूरत बताई और कहा कि इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इससे पहले 8 मई को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि बारिश या कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) के भरोसे नहीं बैठा जा सकता। इसकी जल्द रोकथाम के उपाय करें। तब सरकार ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट भी सबमिट की थी। मामले में सुप्रीम कोर्ट की दो टिप्पणियां 1. सुप्रीम कोर्ट ने फंड नहीं रिलीज करने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि उत्तराखंड को जंगल की आग से निपटने के लिए 10 करोड़ रुपए की मांग के मुकाबले केवल 3.15 करोड़ रुपए दिए गए। पर्याप्त धनराशि क्यों नहीं दी गई? 2. जंगल में आग के बीच वन कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर क्यों लगाया गया है? इस पर राज्य ने कहा कि अब किसी भी वन अधिकारी की चुनाव पर ड्यूटी पर नहीं लगाई जाएगी। पिछली सुनवाई में भी केंद्र ने यही बात कही थी। इसके बाद राज्य ने कहा था कि मतदान केंद्रों पर तैनात वन अधिकारियों को उनके काम पर वापस बुला लिया गया है। नवंबर 2023 से अब तक आग लगने की 910 घटनाएं उत्तराखंड सरकार ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच को बताया कि 1 नवंबर 2023 से अब तक जंगलों में आग लगने की 910 घटनाएं हो चुकी हैं। हर बार ये आग इंसानों ने लगाई गई। सरकार की तरफ से एडीशनल सॉलिसिटर जतिंदर कुमार सेठी ने बताया था कि उत्तराखंड के जंगलों का सिर्फ 0.1% हिस्से में ही आग चपेट में है। उत्तराखंड में अप्रैल के पहले
Dainik Bhaskar राजस्थान में भीषण बस एक्सीडेंट, 4 की मौत:भरतपुर में नेशनल हाईवे पर खड़े ट्रक में घुसी, आगे का पूरा हिस्सा खत्म
राजस्थान में कुछ देर पहले हुए भीषण सड़क हादसे में 4 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। 10 से अधिक यात्री घायल हो गए हैं। जानकारी के अनुसार भरतपुर के हलैना के पास उत्तर प्रदेश (यूपी) परिवहन की बस खड़े ट्रक में घुस गई। हादसे में बस का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। ट्रक में लकड़ियां भरी हुई थीं। घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। हादसे में घायलों को नजदीक के हॉस्पिटल लेकर गए हैं। बस यूपी परिवहन के अलीगढ़ डिपो की है। वह अलीगढ़ से जयपुर जा रही थी। (खबर अपडेट की जा रही है)
Dainik Bhaskar केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:ED की गिरफ्तारी को चुनौती दी; कोर्ट ने कहा था- 20 मई को गर्मियों की छुट्टी से पहले करेंगे फैसला
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। केजरीवाल ने ED की गिरफ्तारी को चुनौती दी है। जांच एजेंसी ने 21 मार्च को केजरीवाल को अरेस्ट किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को 21 दिन यानी एक जून तक अंतरिम जमानत दी है। 2 जून को उन्हें सरेंडर करना होगा। ED की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत का विरोध किया था। उन्होंने कहा था- केजरीवाल को जमानत दी गई तो एक गलत मिसाल कायम होगा। इससे आम लोगों को लगेगा कि राजनेताओं का एक अलग वर्ग है। कई ऐसे लोग जेल में हैं, जो इस आधार पर जमानत मांगेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- अगले हफ्ते बहस जारी रहेगी सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को कहा था, गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर बहस अगले सप्ताह जारी रहेगी। 20 मई से शुरू होने वाली गर्मी की छुट्टियों से पहले याचिका पर फैसला सुनाने का प्रयास करेगी। ऐसे में अगर कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध पाया तो वो फिर जेल नहीं जाएंगे। हालांकि, अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें 2 जून को तिहाड़ जेल वापस जाना पड़ेगा। शराब नीति केस में AAP को आरोपी बनाएगी ED दिल्ली शराब नीति केस में अब आम आदमी पार्टी (AAP) को भी आरोपी बनाया जाएगा। ED के वकील ने जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा से कहा कि मामले की अगली चार्जशीट में हम ये करेंगे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 14 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ये बात कही थी। ईडी इस केस में 7वीं चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इसमें एक मुख्य और 6 सप्लीमेंट्री हैं। ईडी की 224 पेज की चार्जशीट सिर्फ के कविता और कुछ अन्य के खिलाफ दाखिल हुई है। 10 मई से पहले सुप्रीम कोर्ट में 5 बार सुनवाई हुई ये खबर भी पढ़ें... भास्कर एक्सप्लेनर- केजरीवाल को बिना मांगे अंतरिम जमानत कैसे मिली:सुप्रीम कोर्ट में ED के तर्क क्यों नहीं टिके; 10 सवालों के जवाब केजरीवाल को आखिर बिना मांगे अंतरिम जमानत कैसे मिली, अंतरिम जमानत क्या होती है, ईडी ने कौन से तर्क दिए जो सुप्रीम कोर्ट में नहीं टिके, क्या चुनाव प्रचार करना संवैधानिक अधिकार है; भास्कर एक्सप्लेनर ऐसे 10 जरूरी सवालों के जवाब जानेंगे... पढ़ें पूरी खबर...
Dainik Bhaskar शाह बोले- केजरीवाल जहां जाएंगे, शराब घोटाले की याद दिलाएंगे:संविधान बदलने का बहुमत हमारे पास 10 साल से है, लेकिन यह काम कांग्रेस का है
लोकसभा चुनाव से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शराब नीति केस को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल प्रचार के लिए जब भी जहां भी जाएंगे, लोगों को शराब घोटाला याद आएगा। कई लोगों को तो बड़ी बोतल दिखेगी। विपक्ष के संविधान बदलने वाले बयान पर अमित शाह ने न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में कहा- संविधान बदलने का बहुमत हमारे पास 10 साल से है। हमें 400 सीटें चाहिए, क्योंकि देश में राजनीति में स्थिरता लाना चाहते हैं, क्योंकि देश की सीमाओं को सुरक्षित रखना है। हमने 10 सालों में अनुच्छेद 370 को निरस्त किया, तीन तलाक को खत्म किया, राम मंदिर बना, UCC लेकर आए। बहुमत के दुरुपयोग करने का इतिहास हमारी पार्टी का नहीं है। बहुमत का दुरुपयोग इंदिरा गांधी के समय में कांग्रेस ने किया था। शाह के इंटरव्यू की बड़ी बातें सवाल: क्या भाजपा के पास बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंचने की स्थिति में कोई प्लान बी है?' अमित शाह: प्लान बी तभी बनाने की जरूरत है जब प्लान ए के सफल होने की 60% से कम संभावना हो। मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री मोदी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आएंगे। सवाल: केजरीवाल ने कहा था अगर आप मुझे वोट देंगे तो मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा, उनकी जमानत पर आप क्या कहना चाहेंगे? अमित शाह:अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो इससे बड़ी सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नहीं हो सकती। क्या सुप्रीम कोर्ट जीत और हार के आधार पर गुनाह का निर्णय करेगा? मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता; लेकिन जिस तरह से AAP, कुछ मीडिया समूह और ज्यादातर पत्रकार इसको केजरीवाल की जीत मान कर चल रहे हैं। मैं इसे थोड़ा स्पष्ट करना चाहूंगा। यह क्लीन चिट नहीं है। आरोप पत्र अभी भी सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष है, यदि उन्हें अरविंद केजरीवाल इतना भरोसा था, तो सत्र न्यायालय में अपील करते कि मेरे खिलाफ चार्ज ही गलत है। सवाल: ओडिशा में CM नवीन पटनायक पर PM मोदी हमले कर रहे हैं। नवीन पटनायक भी पलटवार कर रहे हैं। अमित शाह: किसी भी नेता द्वारा बयान हालिया स्थिति को देखते हुए किया जाता है। PM ने मौजूदा स्थिति को देखकर ही बयान किया है। मेरा भी मानना है कि वहां सरकार बदलने जा रही है। सवाल: विपक्ष आर्टिकल 370 पर सवाल उठा रहा है। शाह: जो लोग अनुच्छेद 370 पर सवाल उठाते हैं, मैं उनसे कहना चा
Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:राजनीति में महिलाओं की भागीदारी; आज़ादी से पहले और बाद में
राजनीति में महिलाओं की ज़्यादा से ज़्यादा भागीदारी के लिए अब व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। केवल महिला आयोग ही नहीं, केंद्र सरकार भी गंभीर है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम से विधेयक पारित हो चुका है। इसके अनुसार 2029 से संसद और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इतिहास देखें तो आज़ादी से पहले भी महिला वर्ग काफी सक्रिय रहा। आज़ादी की लड़ाई के हर मोर्चे, चाहे वो गांधीजी का नरमपंथी आंदोलन हो, क्रांतिकारियों की उग्र लड़ाई हो या नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज हो, महिलाएँ हर तरफ़ सक्रिय रहीं। उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को आज़ादी के संघर्ष के इतिहास का कोई पन्ना भुला नहीं सकता। 1905 में बंगाल के विभाजन के विरुद्ध शुरू हुए आंदोलन से लेकर 1942 के ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आंदोलन तक हर दौर में महिलाएँ आगे रहीं। पुरुषों की बराबरी के लिए महिलाओं ने आंदोलन तभी छेड़ दिया था जब वे आज़ादी की लड़ाई लड़ रही थीं और संविधान ने यह गारंटी दी थी कि प्रतिनिधि सभाओं में महिलाओं की कम भागीदारी के बावजूद भारतीय महिलाओं के स्तर और अधिकारों की उन्नति में कोई भी क़ानून कभी भी प्रतिबंधात्मक नहीं होगा। संविधान सभा ने जब नवंबर 1949 में संविधान को अंतिम रूप दे दिया तब की कुल 313 सदस्य संख्या में महिला सदस्यों की संख्या मात्र 11 थी। लेकिन संविधान सभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम होने की वजह से महिलाओं को समान अधिकार देने के संविधान सभा के उद्देश्य में कोई विचलन नहीं आया। यही वजह है कि अनुच्छेद- 15 के तहत धर्म, जाति, मूलवंश, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिबंध है। आज हालाँकि महिलाओं के लिए आरक्षण को लेकर राजनीतिक पार्टियां उत्साहित हैं। होना भी चाहिए। इससे राजनीति के अपराधीकरण पर काफ़ी हद तक अंकुश लगेगा। लेकिन स्वतंत्रता संग्राम के दौर में महिलाएँ उनके लिए संसदीय अथवा विधानसभा सीटों के आरक्षण के एकदम ख़िलाफ़ थीं। तब वे मानती थीं कि आरक्षण कमजोरी तथा पिछड़ेपन की निशानी है, इसलिए वे इसे स्वीकार नहीं करेंगी। वे चाहती थीं कि महिलाएँ खुद को पुरुषों की बराबरी का प्रतियोगी साबित करें और उन्हें यह भरोसा था कि वे यह कर दिखाएँगी।
Dainik Bhaskar PM मोदी का राहुल-अखिलेश पर तंज:कहा- कांग्रेस नेता ने बोला- रायबरेली की जनता प्रधानमंत्री चुनेगी, यह सुनकर समाजवादी शहजादे का दिल टूट गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाराबंकी में कहा- कांग्रेस के नेताओं ने कह दिया कि रायबरेली के लोग प्रधानमंत्री चुनेंगे। यह सुनते की समाजवादी शहजादे का दिल ही टूट गया। बस आंसू नहीं निकले। शहजादे के दिल के सारे अरमान निकल गए। बताइए आप सभी लोग कितने तेज तर्रार हैं कि सारी बात इशारों-इशारों में समझ लेते हो। अब आप बताइए। इस ऊट-पटांग खिचड़ी को आप लोग वोट देकर, अपना वोट बर्बाद करोगे। कोई भी अपना वोट बर्बाद करना चाहेगा क्या। बाराबंकी के बाद पीएम फतेहपुर और हमीरपुर भी जाएंगे। प्रधानमंत्री ने गुरुवार को यूपी के 4 शहरों आजमगढ़, जौनपुरी, भदोही और प्रतापगढ़ में रैली की थी। गुरुवार को प्रतापगढ़ की चुनावी रैली में पीएम ने राहुल गांधी के खटाखट वाले बयान पर निशाना साधा। कहा था- शहजादों (राहुल-अखिलेश) को न मेहनत की आदत है और न ही नतीजे लाने की, इसलिए ये कहते हैं देश का विकास अपने आप होगा। देश का विकास खटाखट होगा।
Dainik Bhaskar न्यूज इन ब्रीफ@11 AM:चारधाम में रील्स-वीडियो बनाना बैन; बिहार में स्कूल में बच्चे का शव मिलने पर आगजनी; नेपाल में भी MDH-एवरेस्ट मसाले बैन
नमस्कार, आइए जानते हैं आज सुबह 11 बजे तक की देश-दुनिया की 10 बड़ी खबरें… 1. AAP सांसद मालीवाल का देर रात मेडिकल, केजरीवाल के PA बिभव को महिला आयोग ने तलब किया आप सांसद स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के पीए बिभव कुमार के खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने मालीवाल का मेडिकल कराया। बिभव कुमार अभी पंजाब में हैं, उनके दिल्ली लौटते ही पुलिस उनसे पूछताछ करेगी। राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए बिभव को आज आयोग के सामने पेश होने को कहा है। पढ़ें पूरी खबर... 2. चार धाम में 31 मई तक VIP दर्शन नहीं, मंदिरों से 50 मीटर के दायरे में रील्स-वीडियो नहीं बना सकेंगे चारधाम यात्रा के लिए केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में VIP दर्शन पर लगी रोक को 31 मई तक बढ़ा दिया है। पहले यह रोक 25 मई तक लगाई गई थी। वहीं मंदिर के 50 मीटर के दायरे में श्रद्धालु रील्स और वीडियो नहीं बना सकेंगे। अब तक चारों धामों में 3.98 लाख लोग दर्शन कर चुके हैं। 28 लाख से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। पढ़ें पूरी खबर... 3. बिहार में बच्चे का शव स्कूल के गटर में मिला: भीड़ ने स्कूल में आग लगाई, 10 मिनट का CCTV फुटेज गायब बिहार के पटना में टिनी टोट एकेडमी स्कूल के गटर से एक 4 साल के बच्चे का शव मिला। इसके बाद भीड़ ने स्कूल कैंपस में जमकर तोड़फोड़ की। स्कूल में आग लगा दी। पुलिस ने स्कूल प्रशासन से जुड़े लोगों को हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। स्कूल के सभी टीचर फरार हैं। पढ़ें पूरी खबर... 4. MDH-एवरेस्ट मसालों पर बैन लगाने वाला नेपाल तीसरा देश, कुछ प्रोडक्ट में पेस्टिसाइड ज्यादा सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के बाद अब नेपाल ने भी भारत के दो मसाला ब्रांड एवरेस्ट और MDH की बिक्री, खपत और आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। कंपनियों के कुछ प्रोडक्ट्स में पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइड की लिमिट से ज्यादा मात्रा होने के कारण उन्हें बैन किया गया है। इन प्रोडक्ट्स में इस पेस्टिसाइड की ज्यादा मात्रा से कैंसर होने का खतरा है। पढ़ें पूरी खबर... 5. पश्चिम बंगाल में बिजली गिरने से 13 की मौत: UP-राजस्थान समेत 11 राज्यों में लू का अलर्ट पश्चिम बंगाल में अचानक तूफान और बारिश के दौरान तीन जिलों में बिजली गिरने से 13 लोगों की मौत हो गई। इनमें तीन बच्चे शामिल हैं। वहीं, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध
Dainik Bhaskar कर्नाटक सेक्स स्कैंडल- एचडी रेवन्ना को अंतरिम जमानत मिली:JDS विधायक का दावा- रेप के आरोप बेटे प्रज्वल के खिलाफ; लोअर कोर्ट में आज फिर सुनवाई
बेंगलुरु की एक अदालत ने गुरुवार (17 मई) को जनता दल (सेक्युलर) विधायक और कर्नाटक के पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना को सेक्शुअल हैरेसमेंट केस में अंतरिम जमानत दे दी। इससे पहले 14 मई को एचडी रेवन्ना को एमपीएमएलए कोर्ट से भी कर्नाटक सेक्स स्कैंडल से जुड़े किडनैपिंग केस में सशर्त जमानत मिल चुकी है। JDS विधायक ने गुरुवार को यौन उत्पीड़न मामले में जमानत याचिका लगाई थी। इसमें रेवन्ना ने दावा किया कि रेप के आरोप बेटे प्रज्वल के खिलाफ हैं, उनके खिलाफ नहीं। हालांकि ACJM ने अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि मुख्य जमानत याचिका पर शुक्रवार दोपहर 3 बजे सुनवाई होगी। SIT की बोली- रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज हो कर्नाटक सरकार की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम SIT ने तर्क दिया कि अदालत को एचडी रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज कर देनी चाहिए। एसपी जयना कोठारी ने रेवन्ना की न्यायिक हिरासत की मांग की है। विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट में कहा कि रेवन्ना जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए उन्हें न्यायिक हिरासत में वापस भेजा जाए। हालांकि, रेवन्ना के वकील अरुण ने कहा कि उनके खिलाफ जमानती मामला दर्ज है। एचडी रेवन्ना और उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना को उनके घर में काम करने वाली महिला की शिकायत के बाद यौन उत्पीड़न और धमकी के आरोप हैं। कर्नाटक सरकार की बनाई SIT इसकी जांच कर रही है। 4 मई को गिरफ्तारी, 10 दिन बाद जमानत एचडी रेवन्ना को अश्लील वीडियो केस से जुड़े किडनैपिंग केस में 4 मई को गिरफ्तार किया गया था। बाद में स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने 14 मई को उनकी सशर्त जमानत मंजूर करते हुए परप्पाना अग्रहारा जेल से रिहा करने के आदेश दिए थे। जज ने रेवन्ना को 5 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी। कोर्ट में रेवन्ना को दो निजी जमानतदार भी पेश करने पड़े। अदालत ने रेवन्ना को SIT जांच में सहयोग करने और सबूतों को नष्ट या छेड़छाड़ नहीं करने का भी निर्देश दिया है। एचडी रेवन्ना, देवगौड़ा परिवार के पहले सदस्य हैं, जिन्हें किसी केस में गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। प्रज्वल के खिलाफ सेक्स स्कैंडल से जुड़ी 3 FIR कर्नाटक सेक्स स्कैंडल में मुख्य आरोपी प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ अब तक तीन FIR दर्ज की जा चुकी हैं। यह FIR 8 मई को बेंगलुरु में दर्ज की गई थी। यह शिकायत किसने दर्ज कराई है, SIT ने इसकी जानकारी नहीं दी है। 26 अप्रैल को दूसरे फेज की वोटिंग होन
Dainik Bhaskar केदारनाथ-बद्रीनाथ में 31 मई तक VIP दर्शन नहीं:गंगोत्री-यमुनोत्री रूट पर 12 से 15 घंटे तक जाम; अब तक 28 लाख रजिस्ट्रेशन
चारधाम यात्रा के लिए केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में श्रद्धालुओं की भीड़ प्रशासन के लिए लगातार चुनौती बन रही है। भारी भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने VIP दर्शन पर लगी रोक को 31 मई तक बढ़ा दिया है। पहले यह रोक 25 मई तक लगाई गई थी। बीते दो दिन में उत्तराखंड सरकार 5 बड़ी बैठकें कर चुकी हैं, लेकिन यमुनोत्री और गंगोत्री रूट पर लंबे-लंबे ट्रैफिक का समाधान नहीं मिल पा रहा है। हालांकि इतनी राहत जरूर है कि दो दिन पहले ट्रैफिक में जो समय 20 से 25 घंटे लग रहा था, वो अब घट गया है। गुरुवार दिनभर उत्तरकाशी से गंगोत्री के 99 किमी और बरकोट से यमुनोत्री के 46 किमी रूट पर करीब 3 हजार गाड़ियां 12 से 15 घंटे इंतजार कर ट्रैफिक में रेंगती रहीं। सबसे ज्यादा समस्या यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ के पास बनी हुई है। यहां 12-12 घंटे गाड़ियां रोक रहे हैं। रास्ते संकरे हैं और मोटर लोड ज्यादा है, इसलिए बुधवार पूरी रात ट्रैफिक चालू रहा। यात्रियों ने रात गाड़ी में ही बिताई। इससे पहले, चार धामों में वीडियो शूट पर आ रही आपत्तियों को लेकर राज्य सरकार का रुख 5 घंटे में दो बार बदला। पहले मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मंदिरों के 200 मी. के दायरे में वीडियो या रील्स नहीं बना सकेंगे। फिर सीएम ने समीक्षा बैठक की। इसके बाद जो आदेश आया, उसमें 200 मीटर दायरे की जगह 50 मीटर लिखा गया। केदारनाथ में गुरुवार को 28 हजार, बद्रीनाथ में 12,231, यमुनोत्री में 10,718 तो गंगोत्री में 12,236 लोगों ने दर्शन किए। अब तक चारों धामों में 3.98 लाख लोग दर्शन कर चुके हैं। 28 लाख से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। बैरियर्स पर दो से तीन घंटे रोक रहे 400 डॉक्टर तैनात, इनमें 256 एक्सपर्ट पहली बार चार धाम यात्रा मार्ग पर 400 से ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती है। इनमें 256 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। फिर भी श्रद्धालु यात्रा में कम से कम 7 दिन का प्लान बनाकर आएं, ताकि घटते-बढ़ते तापमान में शरीर ढलता रहे। उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी में कहा है कि चारों धाम 3 हजार मीटर से ऊपर हैं और पहाड़ों पर रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है। इसलिए श्रद्धालु 7 दिन का प्लान बनाकर निकलें। आम दर्शन से 6 घंटे पहले गर्भगृह में जाते हैं मुख्य पुजारी केदारनाथ धाम के संत अविराम दास महाराज ने बताया
Dainik Bhaskar पटना में बच्चे का शव स्कूल के गटर में मिला:यहीं पढ़ता था, भीड़ ने स्कूल में आग लगाई; 10 मिनट का CCTV फुटेज गायब
पटना में टिनी टोट एकेडमी स्कूल के गटर से 4 साल के एक बच्चे का शव तड़के 3 बजे बरामद हुआ। वह इसी स्कूल में पढ़ता था। शव मिलने के बाद गुस्साए लोगों ने स्कूल कैंपस में तोड़फोड़ की, बिल्डिंग में आग लगा दी। गुस्साए परिजन ने शव को सड़क पर रख दानापुर-गांधी मैदान मुख्य मार्ग को बाटागंज पेट्रोल पंप के पास जाम लगा दिया। सड़क पर भी आगजनी की गई है। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद लोगों को समझाया और भीड़ को स्कूल से हटाया गया। करीब 3-4 घंटे के हंगामे के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। फायर ब्रिगेड ने स्कूल में लगी आग पर काबू पा लिया है। साथ ही पुलिस ने स्कूल प्रशासन से जुड़े 3 लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। स्कूल के सभी टीचर फरार हैं। बच्चे की पहचान पॉलसन निवासी शैलेंद्र राय के बेटे आयुष कुमार के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि स्कूल खत्म होने के बाद आयुष उसी स्कूल में ट्यूशन पढ़ता था। गुरुवार को भी वो रोज की तरह स्कूल गया लेकिन लौटा नहीं। आयुष गुरुवार सुबह साढ़े 6 बजे स्कूल पहुंचा था, लेकिन शाम 5 बजे तक नहीं लौटा तो परिजन ने खोजबीन शुरू की। परिजनों ने बच्चे के अगवा होने की शिकायत थाने में की थी। छात्र के चाचा ने बताया कि प्रिंसिपल ने पहले तो आयुष के स्कूल आने से ही इनकार किया। बाद में सीसीटीवी में वो दिखाई दिया। फुटेज के साथ छेड़छाड़ हुई है। 10 मिनट का फुटेज डिलीट किया गया है। पूरी घटना नीचे सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए...