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Dainik Bhaskar सेना पर राहुल की टिप्पणी के खिलाफ EC पहुंची भाजपा:जयशंकर बोले- ये सैनिकों पर हमला; राहुल ने कहा था- देश में दो तरह के जवान

राहुल गांधी की सेना पर टिप्पणी के खिलाफ भाजपा बुधवार को चुनाव आयोग शिकायत करने पहुंची। विदेश मंत्री एस. जयशंकर बीजेपी के कई दिग्गज नेता आयोग के ऑफिस पहुंचकर राहुल और उनकी पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।साथ ही आयोग से एक्शन लेने की मांग की। भाजपा का कहना है कि चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने दो तरह के सैनिक बनाए हैं। एक गरीब, पिछड़े, आदिवासी और दलित का बेटा और दूसरा जो अमीर घर का बेटा। इस पर विदेश मंत्री ने कहा कि ये झूठ है और सैनिकों पर सीधा हमला है। कांग्रेस इसे विवाद का मुद्दा बनाना चाहती है और सैनिकों का मनोबल गिराना चाहती है। जयशंकर ने कहा कि यह चुनाव का मामला नहीं है, यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। सेना चीन के खिलाफ देश की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना गंभीरता के साथ अपनी पूरी ताकत लगा रही है। एस. जयशंकर के दो बड़े बयान... 1. कांग्रेस पहले भी सेना पर उठा चुकी है सवाल विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह पहली बार नहीं कि जब कांग्रेस ने भारतीय सेना पर हमला किया हो। इससे पहले भी जब हमारे सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश में चीन के सैनिकों को आगे आने से रोका था और उन्हें खदेड़ दिया था। उस वक्त भी राहुल गांधी ने संसद में कहा था भारतीय सैनिकों की पिटाई हुई है। ये अपमान हम देखते आ रहे हैं। इससे पहले भी जब बालाकोट में जब सैनिकों ने सर्जिकल स्ट्राइक की तो भी इन लोगों ने उस पर सवाल उठाए , जब हम हमने उरी में एक्शन लिया उस पर भी इन लोगों ने सवाल उठाए। जयशंकर ने आगे कहा कि देश बर्दाश्त नहीं करेगा कि हमारे सैनिकों पर राजनीतिक कारण की वजह से ऐसे हमले हों। 2. सेना के खिलाफ झूठ पर आपत्ति है सीमाओं पर हमारे सैनिक देश को चीनी बलों से सुरक्षित रखने के लिए अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं। पाकिस्तान सीमा पर आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं। अगर कांग्रेस झूठ फैलाकर कहती है कि अगर वे शहीद हो गए तो सरकार उनके लिए कुछ नहीं करेगी तो इस पर हम गंभीर आपत्ति जताते हैं। EC ने हेट स्पीच मामले में भाजपा-कांग्रेस को नोटिस जारी किया था 25 अप्रैल को चुनाव आयोग के पोल पैनल ने कांग्रेस और भाजपा की एक-दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों के आधार पर दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस जारी किया था। यह नोटिस आचार संहिता के उल्लंघन की शिका

Dainik Bhaskar सुप्रीम कोर्ट का NEET स्टूडेंट को अबॉर्शन से इनकार:बेंच ने कहा- भ्रूण को जीने का मौलिक अधिकार; 20 साल युवती 27 महीने की प्रेग्नेंट है

सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर विचार करने से बुधवार (15) मई इनकार कर दिया, जिसमें 27 महीने की गर्भवती 20 साल की युवती ने अबॉर्शन की इजाजत मांगी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गर्भ में पल रहे भ्रूण को भी जीने का मौलिक अधिकार है। जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस एस वी एन भट्टी और जस्टिस संदीप मेहता में याचिका को खारिज किया है। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट युवती को अबॉर्शन के इजाजत देने से इनकार कर दिया था। जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम कानून के विपरीत कोई आदेश पारित नहीं कर सकते। कोर्ट रूम लाइव... बेंच- गर्भ में पल रहे बच्चे को भी जीने का मौलिक अधिकार है। आप (याचिकाकर्ता) इस बारे में क्या कहते हैं? वकील- मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) कानून केवल मां के बारे में बात करता है। यह मां के लिए बना है। बेंच- गर्भावस्था की अवधि अब 7 महीने से अधिक हो गयी है। बच्चे के जीवित रहने के अधिकार के बारे में क्या? आप इसे कैसे संबोधित करते हैं? वकील- भ्रूण गर्भ में है और जब तक बच्चा पैदा नहीं हो जाता, यह मां का अधिकार है। याचिकाकर्ता इस समय गंभीर दर्दनाक स्थिति में है। वो बाहर भी नहीं आ सकती, NEET परीक्षा के लिए कोचिंग कर रही है। इस स्थिति में समाज का सामना नहीं कर सकती। उसकी मानसिक और शारीरिक हेल्थ पर विचार किया जाना चाहिए। इस पर बेंच ने कहा- माफ करें। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था- अबॉर्शन न तो नैतिकता और न ही कानूनी रूप से स्वीकार्य दिल्ली हाईकोर्ट ने इसी मामले में 7 मई के आदेश में कहा था कि मेडिकल रिपोर्ट में भ्रूण बिल्कुल स्वस्थ पाया गया है। प्रेग्नेंसी जारी रखने में मां और बच्चे को कोई खतरा नहीं है। ऐसे में अबॉर्शन कराना न तो नैतिकता के आधार पर ठीक होगा और न ही कानूनी रूप से स्वीकार्य होगा। युवती की दलील थी कि वो अभी स्टूडेंट है और NEET एग्जाम की तैयारी कर रही है। उसे 16 अप्रैल को अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में पता चला था। तब 27 हफ्ते बीत चुके थे। उसने ये भी कहा था कि मेरी अभी शादी नहीं हुई है और इनकम का भी कोई सोर्स नहीं है। ऐसे में प्रेग्नेंसी जारी रखने से मेरी बदनामी होगी और करियर पर भी फर्क पड़ेगा। कोर्ट ने इस पर कहा था कि डिलीवरी के लिए आप AIIMS जा सकती हैं। वहां आपको प्रेग्नेंसी जारी रखने को लेकर डॉक्टरों के अहम सुझाव भी मिलेंगे। डिलीवरी के बाद अगर आप बच्चे को एडॉ

Dainik Bhaskar शाह बोले- केजरीवाल को बेल मिलना स्पेशल ट्रीटमेंट:मोदीजी 2029 तक PM बने रहेंगे, उसके बाद भी वे हमारा नेतृत्व करेंगे

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को एक बार फिर कहा कि लोकसभा चुनाव में जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश का नेतृत्व करेंगे। वे 2029 तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। इसके बाद भी वे हमारा नेतृत्व करेंगे। गृह मंत्री ने तिहाड़ से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिहाई पर कहा- मेरा मानना है कि यह कोई रूटीन जजमेंट नहीं था। देश में कई सारे लोग हैं, जिनका मानना है कि केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत स्पेशल ट्रीटमेंट है। शाह ने न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में लोकसभा चुनाव, भाजपा के नेतृत्व, अरविंद केजरीवाल की तिहाड़ जेल से रिहाई, ममता बनर्जी, संदेशखाली, इंडी इलायंस, राम मंदिर, अल्पसंख्यक वोट बैंक, पाकिस्तान के परमाणु बम और POK समेत विभिन्न मुद्दों पर बात की। शाह के इंटरव्यू की खास बातें...

Dainik Bhaskar CAA के तहत 14 लोगों को मिली भारत की नागरिकता:जारी हुए सर्टिफिकेट; केंद्र ने 11 मार्च को देशभर में लागू किया था

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत 14 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार (15 मई) को ये जानकारी दी। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि 14 लोगों को CAA के सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने 11 मार्च 2024 को CAA देशभर में लागू किया था। CAA के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी। दरअसल, 10 दिसंबर 2019 को सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल (CAB) लोकसभा से और अगले दिन राज्यसभा से पारित हुआ था। 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद CAA कानून बन गया था। नागरिकता संशोधन कानून की 3 बड़ी बातें... 1. किसे मिलेगी नागरिकता: 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। 2. भारतीय नागरिकों पर क्या असर: भारतीय नागरिकों से CAA का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता। 3. आवेदन कैसे कर सकेंगे: आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है। 2019 में लोकसभा-राज्यसभा से बिल पास हो चुका 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (CAB) के पक्ष में 125 और खिलाफ में 99 वोट पड़े थे। 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। देशभर में भारी विरोध के बीच बिल दोनों सदनों से पास होने के बाद यह कानून की शक्ल ले चुका था। इसे गृहमंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया था। 1955 के कानून में बदलाव किया गया 2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAA) पेश किया गया था। इसमें 1955 के कानून में कुछ बदलाव किया जाना था। ये बदलाव थे, भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना। 12 अगस्त 2016 को इसे संयुक्त संसदीय कमेटी के पास भेजा गया। कमेटी ने 7 ज

Dainik Bhaskar IMDC की रिपोर्ट- मणिपुर में 67 हजार लोग विस्थापित हुए:कहा- साल 2023 का यह आंकड़ा साउथ एशिया के कुल विस्थापितों का 97 फीसदी

जिनेवा के इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर (IMDC) ने रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि साल 2023 में साउथ एशिया में 69 हजार लोग विस्थापित हुए। इनमें से 97 फीसदी यानी 67 हजार लोग मणिपुर हिंसा के कारण विस्थापित हुए थे। रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत में साल 2018 के बाद हिंसा के कारण पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विस्थापन देखने को मिला। IMDC ने कहा गया है कि मार्च 2023 में मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति (ST) में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार को सिफारिशें भेजने के लिए कहा था। इसके बाद कुकी समुदाय ने राज्य के पहाड़ी जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। 3 मई 2023 को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। जो देखते ही देखते पूर्वी-पश्चिमी इंफाल, बिष्णुपुर, तेंगनुपाल और कांगपोकपी समेत अन्य जिलों में फैल गए थे। इस हिंसा में करीब 200 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। साथ ही लगभग 67 हजार लोगों को अपना घर छोड़कर राहत शिविर या दूसरी जगहों पर आसरा लेना पड़ा था। साउथ एशिया में कुल 5.3 मिलियन अभी विस्थापन में रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 के अंत तक पूरे साउथ एशिया में करीब 5.3 मिलियन लोग विस्थापन में रहे थे, जिनमें से 80% अफगानिस्तान से थे। रिपोर्ट में दावा है कि तीन-चौथाई आंदोलन मणिपुर में हुए, जबकि अन्य आंदोलन मिजोरम, असम और नगालैंड जैसे पड़ोसी राज्यों में देखने को मिले थे। हिंसा पर काबू पाने के लिए केंद्र-राज्य सरकार ने राज्यों में कर्फ्यू लगाकर, इंटरनेट बंद करके और सुरक्षाबलों को तैनात किया था। हिंसा प्रभावित इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था और उन्हें राहत शिविरों में ठहराया गया था। IMDC ने कहा है कि हिंसा से विस्थापित लोग साल 2023 के आखिर तक राहत शिविरों में ही रहे थे। 4 पॉइंट्स में जानिए- क्या है मणिपुर हिंसा की वजह... मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं। कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भ

Dainik Bhaskar मोदी की मिमिक्री करने वाले श्याम रंगीला वाराणसी से कैंडिडेट:बोले- भगवंत मान और जेलेंस्की भी पहले कॉमेडियन थे, वे राजनीति में आ सकते हैं तो मैं क्यों नहीं

प्रधानमंत्री मोदीजी कहते हैं कि मुझे गंगा मैया ने गोद ले लिया है। मैं कहूंगा कि गंगा मैया ने मुझे भी अपना लिया है। क्या मां अपने बेटों में भेदभाव करती है? मोदीजी वाराणसी में 10 साल रहे। अब मैं रहूंगा, अब मेरी बारी है। मोदीजी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए मैं भी यहीं से चुनाव लड़ रहा हूं। अगर मोदीजी कहीं और खड़े होते तो मैं भी वहां से चुनाव लड़ता। मेरा पूरा करियर खतरे में है। लेकिन फिर भी मैं रुकना नहीं चाहता। मैं देश को बचाने के लिए चुनाव में खड़ा हुआ हूं...ये शब्द हैं वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय कैंडिडेट श्याम रंगीला के। जी हां, श्याम रंगीला वहीं कॉमेडियन हैं, जो पीएम मोदी समेत कई नेताओं की बेहतरीन मिमिक्री करते नजर आते हैं। श्याम रंगीला का असली नाम श्याम सुंदर है। मूल रूप से राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले श्याम बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ तीखी कॉमेडी के चलते अक्सर चर्चा में रहते हैं। लेकिन अब वे चुनाव में सीधे पीएम मोदी के खिलाफ मैदान में हैं। इस मौके पर दैनिक भास्कर ने श्याम रंगीला से बातचीत की। पेश हैं उनसे बातचीत के मुख्य अंश... सवाल: पीएम मोदी की आवाज निकालना कैसे और कब शुरू किया? जवाब: साल 2014 में जब बीजेपी के पीएम कैंडिडेट के रूप में मोदीजी का कैंपेन शुरू हुआ तो पूरे देश में रोड शो, रैलियां हो रही थीं, सोशल मीडिया पर हर जगह उनके भाषण चल रहे थे। तब मुझे एहसास हुआ कि मैं भी मोदीजी की आवाज निकाल सकता हूं।' अगर मैं उनकी शैली में बोलने की कोशिश करूं तो मैं बिल्कुल उनकी तरह बोल सकता हूं। इसलिए मैंने उन्हीं के अंदाज में बोलने की प्रैक्टिस शुरू कर दी। मुझे लोगों का सपोर्ट भी मिला। अभी मैं मोदीजी के अलावा राहुल गांधी, केजरीवाल और अशोक गहलोत की भी आवाज निकाल लेता हूं। सवाल: कॉमेडी से अचानक राजनीति में आने का विचार कैसे आया? जवाब: अब राजनीति में कॉमेडी और कॉमेडी में राजनीति होने लगी है। तो मुझे लगा कि अब हास्य कलाकारों को राजनीति में आना चाहिए और लोगों को थोड़ा जगाना चाहिए। इसलिए मैंने चुनाव में खड़े होने का फैसला किया। हर चीज की शुरुआत होती है। यह मेरी शुरुआत है। मैंने अभी चुनाव जीतने या राजनीति में करियर बनाने के लिए अपनी उम्मीदवारी दाखिल नहीं की है। इसके पीछे का कारण अलग है। मैं लोगों को एक आइडिया देना चाहता हूं, इसलिए चुन

Dainik Bhaskar झांसी में 4 मंजिला शोरूम में भीषण आग:सेना को बुलाया गया; फायर ब्रिगेड की 20 गाड़ियां मौके पर; 7 दुकानें जलीं

झांसी के सबसे बड़े बाजार सीपरी में बुधवार को भीषण आग लग गई। 4 मंजिला कोहली स्टोर से भड़की आग ने 7 दुकानों को चपेट में ले लिया। आग से अफरा-तफरी मच गई। दुकानदार और ग्राहक भागने लगे। सूचना पर फायर ब्रिगेड की 20 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं। सेना को भी बुलाया गया है। पुलिस ने बताया- रस विहार तिराहा के पास कोहली स्टोर है। चारों मंजिल पर कपड़े के शोरूम हैं। दोपहर 1.30 बजे आग लगी। दुकान में कपड़े रखे होने की वजह से आग बहुत तेजी से फैली। पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी है। 2-3 घंटे से आग बुझाने की कोशिश की जा रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी है। 5 तस्वीरें देखिए... खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है...

Dainik Bhaskar दिल्ली के माधव शरण ने 12वीं में 93% स्कोर किए:2 साल पहले कोमा में थे, ब्रेन हैमरेज के चलते बोल और लिख नहीं पाते थे

अगर इंसान ठान ले तो उसके लिए कोई मंजिल मुश्किल नहीं। दिल्ली के माधव शरण की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। 2 साल पहले कोमा में रहने के बाद भी उन्होंने 12वीं में 93% स्कोर किए। उनका यह सफर कठिनाइयों से भरा रहा। एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले 18 साल के माधव को अगस्त 2021 में ब्रेन हैमरेज हुआ था। वो 10 दिन तक कोमा में रहे। उनके दिमाग का एक-तिहाई हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इस वजह से वो ठीक से बोल नहीं पाते थे। उनके सोचने-समझने की क्षमता भी प्रभावित हुई थी। लिखने में भी मुश्किलें आती थीं। लेकिन उन्होंने हौसला, हिम्मत नहीं हारी और 12वीं में 93% हासिल किए। पिता बोले- बेटा जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा था एक मीडिया इंटरव्यू में माधव के पिता दिलीप ने कहा, "अस्पताल में भर्ती होने के शुरुआती एक हफ्ते माधव कोमा में था। वो जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा था। हम नहीं जानते थे कि वो हमारी बातें सुन रहा है या। अगर सुन रहा है तो क्या उसे हमारी बातें समझ आ रही हैं या नहीं। वो बोल नहीं पाता था।" उन्होंने कहा, "माधव की रिकवरी में काफी दिक्कतें आईं। वो बोलना भूल सा गया था। कुछ नहीं कह पाता था। उनकी स्थिति बेहद नाजुक थी। माधव की ब्रेन से जुड़ी कई सर्जरी हुईं। एक सर्जरी के दौरान उसकी खोपड़ी से एक हड्डी का फ्लैप हटाकर उसे छह महीने के लिए खुला छोड़ दिया गया था। इतना सब होने के बावजूद माधव ने हार नहीं मानी। अभी भी वो साफ तौर पर बोल नहीं पाता, उसके हाथ भी ठीक से काम नहीं करते लेकिन वो अपना हौसला कम होने नहीं देता।" माधव के पिता ने कहा- रिकवरी धीमी थी वसंत कुंज में रहने वाले माधव के पिता दिलीप ने कहा, "बेटे के रिकवरी की गति काफी धीमी थी। उसे पहले जैसे स्थिति में आने में काफी समय लगा। धीरे-धीरे उसने एक बार फिर बोलना सीखा। लेकिन भाषा उसके लिए चुनौती थी। उसे बेसिक इंग्लिश सीखने में एक साल का समय लगा। हिंदी को समझने में ज्यादा कठिनाई आई।" 2022 में स्कूल में वापसी हुई इलाज के बाद जुलाई 2022 में माधव स्कूल वापस गए। कठिनाइयों और अकादमिक जरूरतों को समझते हुए माधव ने अपनी स्ट्रीम चेंज की। वो साइंस से आर्ट्स स्ट्रीम में आए। चुनौतियों के बावजूद उनका दृढ़ संकल्प और जुनून उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहा। पॉलिटिकल साइंस में आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं माधव इंग्लिश, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, फाइन आर

Dainik Bhaskar बंगाल गवर्नर पर सेक्शुअल हैरेसमेंट का एक और केस:क्लासिकल डांसर से होटल में शोषण का दावा; राजभवन की कर्मचारी भी आरोप लगा चुकी

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ सेक्शुअल हैरेसमेंट का एक और केस सामने आया है। उन पर दिल्ली के एक 5 स्टार होटल में ओडिशी डांसर से यौन उत्पीड़न का आरोप है।इस मामले में अक्टूबर 2023 में शिकायत दर्ज कराई गई थी। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, बंगाल पुलिस ने पिछले हफ्ते राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपी है। मंगलवार (14 मई) को मामला सामने आया है। ओडिशी डांसर ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह विदेश यात्रा से जुड़ी दिक्कतों को लेकर राज्यपाल से मदद मांगने गई थी। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल ने उसे मदद का भरोसा दिया और कहा कि वह विदेश मंत्रालय से भी संपर्क करें। जनवरी 2023 में राज्यपाल की तरफ से ओडिशी डांसर को दिल्ली आने-जाने के लिए फ्लाइट्स के टिकट मिले थे। आनंद बोस के एक रिश्तेदार ने 5 और 6 जनवरी के लिए दिल्ली के एक 5 स्टार होटल में डांसर के लिए कमरा भी बुक कराया। बोस तब दिल्ली के बंग भवन में रह रहे थे। आरोप है कि राज्यपाल ने होटल जाकर महिला के साथ बदसलूकी की। जांच रिपोर्ट में दावा किया गया कि CCTV फुटेज में राज्यपाल के होटल में एंट्री और एग्जिट का समय और महिला की शिकायत में बताए गए समय के मिलान की पुष्टि हुई है। हालांकि, ओडिशी डांसर ने यह नहीं बताया कि उसने 10 महीने बीतने के बाद अक्टूबर में शिकायत क्यों दर्ज कराई। राजभवन की महिला कर्मी ने भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया हाल ही में, आनंद बोस पर राजभवन की महिला कर्मी ने भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उसने 2 मई को हरे स्ट्रीट थाने में राज्यपाल के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी। महिला का आरोप है कि वो 24 मार्च को स्थायी नौकरी का निवेदन लेकर राज्यपाल के पास गई थी। तब राज्यपाल ने बदसलूकी की। 2 मई को फिर यही हुआ तो वह राजभवन के बाहर तैनात पुलिस अधिकारी के पास शिकायत लेकर गई। हालांकि, राज्यपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महिला के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा, 'ये मुझे बदनाम करने की साजिश है। मेरे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। सत्य की जीत होगी। उन्होंने आगे कहा कि मैं बनावटी नरेटिव से डरने वाला नहीं। कोई मुझे बदनाम करके चुनावी फायदा चाहता है तो भगवान भला करे। मैं भ्रष्टाचार-हिंसा के खिलाफ लड़ाई नहीं रोक सकता।' TMC ने कहा- क्या मोदीजी राज्यपाल से सफाई मांगेंगे तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने महिला क

Dainik Bhaskar रामचरित मानस और पंचतंत्र को UNESCO की मान्यता मिली:मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर में शामिल किया गया

यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (UNESCO) ने रामचरित मानस, पंचतंत्र और सह्रदयलोक-लोकन को वैश्विक मान्यता दी है। इन साहित्यिक रचनाओं को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर (MOWCAP) में शामिल किया गया है। द मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड (MoW) इंटरनेशनल एडवाइजरी और एग्जीक्यूटिव बोर्ड की तरफ से रिकमेंड किए गए दस्तावेजों को वैश्विक महत्व और यूनिवर्सल वैल्यू के आधार पर इस लिस्ट में शामिल करता है। रीजनल रजिस्टर में शामिल दस्तावेजों को विश्व स्तर पर पहचान बनाने में मदद मिलती है। साथ ही एक देश की संस्कृति दुनिया के कई देशों तक पहुंचती है। 38 देशों ने दी इन रचनाओं को मान्यता इन रचनाओं को दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स (IGNCA) की तरफ से रीजनल रजिस्टर के लिए नामांकित किया गया था। उलनाबटार में MOWCAP की बैठक में इन दस्तावेजों को प्रस्तुत करने वाले IGNCA कला विभाग के HOD प्रोफेसर रमेश चंद्र गौड़ ने बताया कि UNESCO के 38 सदस्य और 40 ऑब्जर्वर देशों ने इन साहित्यिक रचनाओं के वैश्विक महत्व को पहचान कर इन्हें मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि भारतीय संस्कृति के प्रसार और संरक्षण के लिए मील का पत्थर साबित होगी। IGNCA की तरफ से पहली बार रीजनल रजिस्टर के लिए आवेदन भेजा गया था। जो दस बैठकों के बाद स्वीकार कर लिया गया। दो संस्कृत और एक अवधी भाषा की रचना संस्कृति मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि रामचरितमानस, पंचतंत्र और सह्रदयलोक-लोकन जैसी रचनाओं ने भारतीय संस्कृति और साहित्य को गहराई से प्रभावित किया है। इन साहित्यिक रचनाओं सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि भारत के बाहर के लोगों पर भी गहरा असर छोड़ा है। यूनेस्को की तरफ से इन रचनाओं को मान्यता मिलना भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत के लिए गौरव की बात है। साथ ही यह सम्मान भारतीय संस्कृति के संरक्षण की तरफ नई कदम बढ़ाने में मदद करेगा। रामचरितमानस भगवान राम के चरित्र पर आधारित धार्मिक ग्रंथ है जिसे गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी भाषा में लिखा। पंचतंत्र मूल रूप से संस्कृत भाषा की रचना जिसमें दंत और लोक कथाएं शामिल हैं,इस विष्णु शर्मा ने लिखा है। वहीं सहृदयलोक-लोकन की रचना आचार्य आनन्दवर्धन ने संस्कृत में की थी। ये खबर भी पढ़ें... सुप्रीम कोर्ट बोला-न्यूज क्लिक फाउंडर पुरकायस्थ क

Dainik Bhaskar राजमाता माधवी राजे सिंधिया की यादगार तस्वीरें:नेपाल की राजकुमारी के दादा पीएम थे; शादी से पहले किरण राजलक्ष्मी था नाम

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया नहीं रहीं। 75 साल की उम्र में उन्होंने बुधवार सुबह 9.28 बजे दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। वे दो महीने से एडमिट थीं। दो हफ्ते से हालत ज्यादा खराब थी। राजमाता नेपाल राजघराने की राजकुमारी थीं। उनके दादा जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। राणा वंश के मुखिया भी रहे थे। शादी से पहले उनका नाम प्रिंसेस किरण राजलक्ष्मी था। माधव राव सिंधिया से शादी के बाद मराठी परंपरा के अनुसार उनका नाम बदला गया। वह राजमाता माधवी राजे कहलाने लगीं। माधवी राजे की सात यादगार तस्वीरें...

Dainik Bhaskar गुजरात के पोइचा में नर्मदा नदी में 7 लोग डूबे:एक का शव मिला, 6 की तलाश जारी; भागवत कथा के बाद त्रिवेणी संगम आए थे सभी

गुजरात में नर्मदा जिले के पोईचा में नर्मदा नदी में नहाने गए सूरत के 8 लोग डूब गए। इनमें से एक को बचा लिया गया है, जबकि एक का शव मिला है। वहीं, अन्य 6 लोगों की तलाश जारी है। हादसे का शिकार हुए सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं। सभी सूरत जिले के हेमद गांव के रहने वाले हैं। 10-12 लोगों का समूह आया था त्रिवेणी हादसे की जानकारी देते हुए SDM किशन दान गढवी ने बताया सूरत के हेमद गांव में रहने वाले बल्दानिया और उनके भाई के परिवार के 10-12 लोगों का समूह यहां आया था। इनके घर भागवत कथा का आयोजन किया गया था। कथा समापन के बाद सभी लोग नर्मदा नदी के पोइचा त्रिवेणी संगम आए हुए थे। मछुआरे एक को ही बचा सके यहां मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद लोग नदी में नहाने उतरे थे। इसी दौरान सभी लोग गहराई में चले गए और डूबने लगे। डूबते हुए लोगों ने मदद के लिए आवाज लगाई। वहां मौजूद स्थानीय नाविकों की नजर उन पर पड़ी और वे इन्हें बचाने नदी में कूद पड़े। उन्होंने इनमें एक युवक को बचा लिया। जबकि, अन्य लोग देखते ही देखते गायब हो गए थे। कल दोपहर से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। आज सुबह लगभग 8 बजे एक शव मिला है और अन्य लापता 6 लोगों की तलाश अभी भी जारी है। एनडीआरएफ और वडोदरा फायर टीम खोज और बचाव अभियान चला रही है। हादसे का शिकार हुए लोगों के नाम 1. भरत मेघा बलदानिया (45 वर्ष) पिता 2. अर्णव भरत बलदानिया (12 वर्ष) पुत्र 3. मैत्र्य भरत बलदानिया (15 वर्ष) पुत्र 4. व्रज हिम्मत बलदानिया (11 वर्ष) चचेरा भाई 5. आर्यन राजू झिंझाला (7 वर्ष) भतीजा 6. भार्गव अशोक हडिया (15 वर्ष) चचेरा भाई 7. भावेश वल्लभ हडिया (15 वर्ष) चचेरा भाई

Dainik Bhaskar मुख्तार की फातिहा में शामिल होगा अब्बास अंसारी:सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति दी, 3 दिन परिवार के साथ रहेगा; लेकिन भाषण नहीं दे सकेगा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को पिता के फातिहा में शामिल होने की अनुमति दे दी है। 10 से 12 जून तक अब्बास को कासगंज जेल से लाकर गाजीपुर जेल में रखा जाएगा। वहां से उसे तीनों दिन पुलिस हिरासत में सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक घर जाने दिया जाएगा। 13 जून को उसे वापस कासगंज जेल लाया जाएगा। SC ने कहा कि जेल से बाहर रहने के दौरान अब्बास न कोई भाषण दे, न मीडिया से बात करें। उसे 10 अप्रैल को पिता मुख्तार के फातिहा में शामिल होने की इजाजत दी थी। बांदा जेल में 28 मार्च को दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मौत हो गई थी। 30 मार्च को मुख्तार का शव पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया गया। उसे गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के कब्रिस्तान में दफन किया गया था। कई संगीन आपराधिक मुकदमों में आरोपी अब्बास अंसारी कासगंज जेल में बंद है। जनाजे में शामिल होने की नहीं मिली थी इजाजत मुख्तार अंसारी के जनाजे में अब्बास के शामिल होने के लिए अंसारी परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। लेकिन पीठ के समक्ष अर्जी पर सुनवाई न हो पाने के कारण अब्बास को जमानत नहीं मिल सकी। वह जनाजे में शामिल नहीं हो सका था। इसके बाद परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अब्बास को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत 9 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने आदेश दिया कि अब्बास को अनुष्ठान में शामिल होने के लिए 9 अप्रैल की शाम तक उसके घर गाजीपुर ले जाया जाए। 13 अप्रैल को कासगंज जेल वापस लाया जाए। अब सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर अब्बास को प्रार्थना सभा में शामिल होने की इजाजत दी है। अब जानिए कब से कासगंज जेल में है अब्बास, क्या है पूरा मामला… मनी लॉड्रिंग मामले में ED ने अब्बास को किया था गिरफ्तार सुभासपा विधायक अब्बास प्रयागराज में मनी लॉड्रिंग केस में 18 नवंबर 2022 से चित्रकूट जेल में बंद था। अब्बास को ED ने 4 नवंबर, 2022 को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। इस दौरान पूछताछ में सहयोग न करने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद 14 तक कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। 18 दिसंबर को उसे पहले नैनी और फिर चित्रकूट जेल भेज दिया गया था।​​​​​​​ जेल में चोरी-छुपे मिलते पकड़े गए थे अब्बास-निखत 10 फरवरी, 2023 को चित्रकूट जेल में अब्बास से मिलने

Dainik Bhaskar बृजभूषण सिंह रैली में भावुक हुए...VIDEO:कहा- मेरे खिलाफ डेढ़ साल से साजिश हो रही, खेला अभी बाकी है; मुसलमान और हमारा DNA एक

गोंडा में भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह चुनावी मंच पर भावुक हो गए। उन्होंने कहा- डेढ़ साल से मेरे साथ षड्यंत्र किया जा रहा है। मेरे शरीर पर इतने वार हुए कि यह शरीर अब पत्थर का हो चुका है, लेकिन मैं चुप नहीं रह सकता। अभी खेला होना बाकी है। उन्होंने मुसलमानों से कहा- कोई कहे या न कहे आप हमारा ही खून हो, आपका और हमारा DNA एक है। अगर हम और आप चेक करवा लें, तो 5 पीढ़ी पहले हमारा आपका DNA एक ही निकलेगा। हम आप पहले भाई-भाई थे। विपत्ति-आपातकाल का समय, साथ दीजिए बृजभूषण कैसरगंज में बेटे करण के लिए प्रचार कर रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा- इस बार ऊसर में बिया मत बोइये। इस बार कमल में बिया बोइए। हमारे ऊपर अहसान हो जाएगा। क्योंकि यह विपत्ति और आपातकाल का समय है, इसलिए साथ दीजिए। उन्होंने कहा-600 किमी दूर हरियाणा में बैठकर, जो हमारे खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं। हमारा राजनीतिक भविष्य समाप्त कर देना चाहते हैं, आपका वोट उनके गाल पर तमाचा होगा। उन लोगों को सही जवाब मिल जाएगा कि किससे पाला पड़ा है। हम चुप नहीं रह सकते, इसीलिए हमारे साथ षड्यंत्र होता रहता है। 1996 में भी हमारे साथ षड्यंत्र हुआ, तब हमारी पत्नी सांसद बनी थीं। 2024 में हमारे साथ षड्यंत्र हुआ। भाजपा ने कैसरगंज सीट से बृजभूषण का टिकट काटकर उनके बेटे करण भूषण को दिया है। मेरी तरह बेटा भी 33 साल में बनेगा सांसद बृजभूषण ने कहा- एक पिता के लिए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है कि उसका बेटा सांसद बनने जा रहा है। मैंने कुछ भी नहीं खोया है। मैं भी 33 साल की उम्र में सांसद बना था। अब 33 की उम्र में मेरा बेटा सांसद बनने जा रहा है। बुलडोजर नीति पर भी दिया था बयान 3 दिन पहले बृजभूषण ने बुलडोजर नीति को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा- मैंने पहले भी सार्वजनिक मंच से बयान दिया था। आपको याद होगा गोरखपुर का एक मामला था, हमसे पूछा गया, तो मैंने कहा था मैं बुलडोजर नीति का विरोधी हूं। आज फिर सार्वजनिक मंच से कहा रहा हूं, मैं बुलडोजर नीति का विरोधी हूं। किसी का घर बड़ी मुश्किल से बनता है। मेरे भाइयों बृजभूषण सिंह ऐसा व्यक्ति है, जो आपके दुख और दर्द को समझता है। मैं इसकी नाराजगी भी झेल रहा हूं। लेकिन कोई बात नहीं, मैं विरोध करता रहूंगा। विवादों के लिए भी मशहूर हैं ब्रजभूषण रांची में अंडर-15 नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में कुश्ती महासंघ के अध्य

Dainik Bhaskar न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ जेल से रिहा होंगे:सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी को अवैध बताया; चीन से फंडिंग के आरोप में अरेस्ट हुए थे

फॉरेन फंडिंग केस में न्यूजक्लिक के फाउंडर और एडिटर इन चीफ प्रबीर पुरकायस्थ को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रिहा कर दिया। प्रबीर और न्यूज क्लिक के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को चीन से फंडिंग के आरोप में पिछले साल 3 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस मेहता की बेंच ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा- आतंकवाद विरोधी कानून (UAPA) के तहत प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी अमान्य है। बेंच ने निर्देश दिया कि उन्हें हिरासत से रिहा किया जाए। प्रबीर पर आरोप क्या थे दिल्ली पुलिस की FIR के मुताबिक, न्यूज क्लिक पर चीनी प्रोपगैंडा फैलाने और देश की संप्रभुता को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया था। इसके अलावा पुरकायस्थ पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म के साथ साजिश रचने का आरोप है।