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Dainik Bhaskar प्रयागराज में गर्मी ने 127 साल का रिकॉर्ड तोड़ा:रात का पारा 34.3 डिग्री पहुंचा; लखनऊ में सुबह पारा 33 डिग्री; आज फिर 73 जिलों में हीटवेव

यूपी की रातें अब बेहद गर्म हो रही हैं। 30 शहरों में रात का तापमान 30 डिग्री के पार चला गया। सोनभद्र और भदोही में शुक्रवार रात तापमान 35°C क्रॉस कर गया। प्रयागराज में गर्मी ने तो 127 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहां रात पारा 34.3 डिग्री दर्ज किया गया। आज यूपी में फिर 73 जिलों में हीटवेव का अलर्ट है। इस दौरान पारा 47 डिग्री के पार जा सकता है। 18 जिलों में वार्म नाइट की भी चेतावनी है। इन शहरों में रिकॉर्ड टूटे... लखनऊ में सुबह 6.30 बजे पारा 33 डिग्री लखनऊ में सुबह 6.30 बजे पारा 33 डिग्री था। गोरखपुर में पारा 30 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। प्रयागराज में सुबह 5.30 बजे 35 डिग्री पारा दर्ज किया गया था। बरेली में सुबह 6.30 बजे 32 डिग्री पारा दर्ज किया गया। आगरा 31 डिग्री दर्ज किया गया। वाराणसी 6.30 बजे 34 डिग्री दर्ज किया गया। 4 दिनों तक ऐसा ही रहेगा मौसम मौसम विभाग का कहना है कि अगले 4 दिनों यानी 19 जून तक ऐसा ही मौसम रहेगा। शुक्रवार की बात करें, तो प्रयागराज सबसे गर्म जिला रहा। यहां पर दिन का अधिकतम तापमान 46.9 °C दर्ज किया गया। 46.2°C के साथ हमीरपुर दूसरे नंबर और 45.9°C के साथ वाराणसी तीसरे नंबर पर रहा। 22 जून को यूपी में एंट्री करेगा मानसून यूपी में मानसून की एंट्री अपने समय से 2 दिन लेट यानी कि 22 जून को होगी। 14 दिनों से बंगाल में रुका मानसून अब बिहार में दस्तक दे चुका है। 7-8 दिन में मानसून यूपी के वाराणसी के रास्ते आ जाएगा। 27-28 जून तक पूरे यूपी में मानसून के बादल पहुंच जाएंगे। वेस्ट यूपी में 4°C गिरा तापमान वेस्ट यूपी में शुक्रवार की बारिश ने मौसम को खुशनुमा बना दिया। यहां का पारा 4-5 डिग्री नीचे आया। वहीं ईस्ट यूपी के जिलों का तापमान नॉर्मल से 5 डिग्री ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। 3 दिन बाद ईस्ट यूपी के गोरखपुर बेल्ट में भी प्री-मानसून की बारिश का अलर्ट जारी किया गया।

Dainik Bhaskar आगरा में एक दिन में 56 पुलिसकर्मी कैसे सस्पेंड हुए:वेरिफिकेशन के नाम पर 500 से 1000 रुपए वसूले, कमिश्नर ने फोन करके पता लगा लिया

हैलो ! हम पुलिस कमिश्नरेट आगरा के फीड बैक ऑफिस से बोल रहे हैं। आपके पासपोर्ट वेरिफिकेशन में कोई दिक्कत तो नहीं आई। पुलिसकर्मी ने काम करने के एवज में रुपए तो नहीं लिए। बस इसी एक फोन कॉल पर पुलिसकर्मियों की शिकायत आईं। जांच के बाद ही आगरा में 24 घंटे में 56 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि फीड बैक लेकर रिश्वतखोर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई। आइए आपको बताते हैं आगरा पुलिस में कैसे फीड बैक सिस्टम की शुरुआत हुई। 4 महीने पहले पुलिस कमिश्नर ने की शुरुआत 6 महीने पहले जनवरी में पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड़ ने आगरा में चार्ज लिया था। उस समय आगरा पुलिस पर जमीन कांड में बेगुनाहों को जेल भेजने और जमीन पर कब्जा कराने के आरोप लगे थे। ऐसे में पुलिस की इमेज सुधारने के लिए उन्होंने सिटीजन चार्टर लागू किया। 4 महीने पहले पुलिस में बीट प्रणाली लागू की। उस समय पुलिस कमिश्नर ने कहा था, किसी भी काम के वेरिफिकेशन के लिए पुलिस कोई शुल्क नहीं लेती। अगर कोई शुल्क मांगता है, तो उसकी शिकायत पुलिस हेल्पलाइन पर कर सकते हैं। वेरिफिकेशन के बाद पुलिस की ओर से लाभार्थी से फीड बैक भी लिया जाएगा। उनसे पुष्टि की जाएगी कि बीपीओ घर पर आए थे या नहीं। कोई सुविधा शुल्क तो नहीं लिया गया। 4 महीने से ये व्यवस्था चल रही थी। पुलिस की ओर से फीड बैक सेल लोगों से फीड बैक ले रहा था। मगर, कुछ पुलिसकर्मी इस बात को भूल गए थे। वो वेरिफिकेशन के बदले लोगों से सुविधा शुल्क ले रहे थे। इसकी शिकायतें पुलिस कमिश्नर और जोन के DCP को मिल रही थीं। आचार संहिता के दौरान शिकायतों की संख्या बढ़ गई थी। ऐसे में आचार संहिता हटते ही भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ एक्शन लिया गया। फीडबैक से नाम आए सामने डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया- फीडबैक सेल ने पासपोर्ट बनवाने वाले लोगों से बात की। 90 फीसदी लोगों ने शिकायत नहीं की, लेकिन 10 फीसदी ने सुविधा शुल्क की शिकायत की। उसी के आधार जांच की गई। पता किया गया कि कौन पुलिसकर्मी उस दिन तैनात था। शिकायत करने वाले की जानकारी कन्फर्म कराने के बाद एक्शन लिया गया। उनका कहना है, फीड बैक सेल से बेहतर रिजल्ट मिल रहे हैं। इससे पारदर्शिता भी आ रही है। भ्रष्टाचार करने वालों पर आगे भी कार्रवाई होती रहेगी। यूपी में पहली बार हुई इतनी बड़ी कार्रवाई यूपी पुलिस

Dainik Bhaskar राधा-कृष्ण विवाह का साक्ष्य है मथुरा का यह मंदिर:स्कंद और शिव पुराण में भी उल्लेख; राधाजी का जन्म रावल में हुआ, बरसाना में रहीं

कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के राधा रानी के जन्मस्थल और शादी पर दिए गए प्रवचन के बाद विवाद खड़ा हो गया है। वो ब्रज के संत-महात्मा और भागवतचार्यों के निशाने पर आ गए हैं। संतों और भागवताचार्यों ने प्रदीप मिश्रा को चुनौती दी कि ब्रज में राधा-कृष्ण के विवाह के साक्ष्य हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने वृंदावन के 9 विद्वानों और भागवताचार्यों से बात की। राधा रानी से जुड़े दो धार्मिक स्थलों पर गई। पढ़िए सच क्या है… पहले जानिए पंडित प्रदीप मिश्रा ने क्या कहा, जिससे विवाद हुआ राधा रानी के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधाजी का विवाह छाता में हुआ था। राधाजी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो उनके पिता की कचहरी थी, जहां वह साल भर में एक बार आती थीं। आपत्ति किस बात पर है- पहली- साल में सिर्फ एक बार बरसाना आने को लेकर। दूसरी- राधा रानी और कृष्ण जी के विवाह के प्रसंग पर। अब राधारानी के जन्म स्थल की बात करते हैं दैनिक भास्कर ने सबसे पहले मथुराधीश प्रभु मंदिर के सेवायत और भागवत प्रवक्ता रमाकांत गोस्वामी से बात की। उन्होंने बताया- राधा रानी का जन्म उनके ननिहाल रावल में हुआ था। लेकिन जब नंदबाबा गोकुल से नंदगांव गए, तब राधाजी के पिता वृषभानु भी अपनी नगरी बरसाना चले गए। राधाजी भी उनके साथ बरसाना चली आईं। बरसाना से रावल गांव की दूरी करीब 60 किलोमीटर है। यानी जन्म को लेकर प्रदीप मिश्रा ने जो बात कही है, वो सही है। लेकिन, रावल में निवास करने वाली बात को वृंदावन के साधु-संत सरासर गलत मानते हैं। सभी का कहना है कि राधाजी जब से बरसाना आईं, तब से वहीं रहीं। बरसाना में ही राधा रानी का प्रसिद्ध मंदिर राधा रानी बरसाना में ही रहती थीं। इसका प्रमाण बरसाना में बना राधाजी का मंदिर है। मंदिर को ‘बरसाने की लाडलीजी का मंदिर’ और ‘राधा रानी महल’ भी कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को यहां राधा रानी की विशेष पूजा होती है। इस दिन को राधाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। स्कंद पुराण और गर्ग संहिता के अनुसार, इस दिन बरसाने की लाडली राधाजी का जन्म हुआ था। इस मंदिर में दर्शन के लिए 250 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। जहां यह मंदिर है, वहां से पूरा बरसाना गांव दिखता है। मंदिर को 400 साल पहले ओरछा नरेश ने बनवाया था। मंदिर में विराजित रा

Dainik Bhaskar छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र में मानसून 3-4 दिन में पहुंच सकता है:पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में गरज के साथ बारिश;UP-दिल्ली समेत 4 राज्यों में हीटवेव का अलर्ट

छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और बंगाल की खाड़ी में 3-4 दिन में मानसून पहुंच सकता है। वहीं, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पूर्वोत्तर के 7 राज्यों असम, मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम और मिजोरम में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं और गरज के बारिश की संभावना जताई है। ऐसा मौसम 7 दिन तक रह सकता है। वहीं, उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ में 15-18 जून तक सीवियर हीटवेव (तेज लू) का अलर्ट जारी किया गया है। मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू में भी दो दिन हीटवेव की स्थितियां बन सकती हैं। यूपी का प्रयागराज देश में सबसे गर्म, 46.9 डिग्री रहा तापमान उत्तर प्रदेश का प्रयागराज शुक्रवार को सबसे गर्म रहा। IMD के मुताबिक, यहां का तापमान 46.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, यूपी, हरियाणा, दिल्ली और पूर्वी मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में टेम्परेचर 44-46 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। गुजरात में मानसून ने दस्तक दी गुजरात में मानसून आधिकारिक तौर पर आ चुका है। दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय हो गया है। इसके चलते मौसम विभाग ने अगले 6 दिनों तक राज्य के कई जिलों में बारिश की संभावना जताई है। शुक्रवार को सूरत, बनासकांठा, गांधीनगर, अहमदाबाद, नवसारी, वलसाड समेत कई जिलों में गरज के साथ बारिश हुई। सिक्किम में भारी बारिश, हेल्पलाइन नंबर जारी सिक्किम सरकार ने शुक्रवार 14 जून को प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 7602673187 जारी किया है। सरकार ने मानसून सीजन में लोगों से सावधान रहने की भी ताकीद दी है। सिक्किम में गुरुवार (13 जून) को एक दिन में 220 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। इससे पिछले साल बना संगकालांग ब्रिज ढह गया, जिससे गुरुडोंगमार झील और युनथांग घाटी जैसे पर्यटन स्थलों के लिए मशहूर मंगन जिले के जोंगु, चुंगथांग, लाचेन और लाचुंग जैसे शहर देश के बाकी हिस्सों से कट गए हैं। राहत-बचाव में जुटे डिजास्टर मैनेजमेंट के अधिकारियों ने बताया कि लाचुंग और चुंगथांग में करीब 2 हजार पर्यटक फंसे हैं। इन्हें अब हेलिकॉप्टर से ही रेस्क्यू किया जा सकता है, लेकिन खराब मौसम में हेलिकॉप्टर का उड़ पाना मुमकिन नहीं है। फिलहाल, पर्यटक जहां फंसे हैं, उन्हें वहीं रहने को कहा गया है। सिक्किम

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:NEET मामले में NTA को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, केजरीवाल की मांग- मेडिकल के दौरान पत्नी रहें; पाकिस्तान टी-20 वर्ल्ड कप से बाहर

नमस्कार, कल की बड़ी NEET परीक्षा केस से जुड़ी रही। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने NTA को नोटिस जारी किया है। उधर केजरीवाल ने कोर्ट से मांग की है कि उनके मेडिकल टेस्ट के दौरान पत्नी सुनीता भी रहें। वहीं 2009 का चैंपियन पाकिस्तान T20 वर्ल्ड कप से बाहर हो गया। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. NEET पेपर केस में सुप्रीम कोर्ट का NTA को नोटिस, शिक्षा मंत्री प्रधान स्टूडेंट और पेरेंट्स से मिले सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG पेपर लीक और इसकी CBI जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि NTA दो हफ्ते के अंदर इस पर अपना पक्ष रखे। याचिकाकर्ता हितेश सिंह कश्यप का आरोप है कि गुजरात के गोधरा में जय जल राम परीक्षा सेंटर को चुनने के लिए कई राज्यों के 26 छात्रों ने 10-10 लाख रुपए घूस दी थी। इस सेंटर पर ड्यूटी दे रहे टीचर सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। टीचर के पास से 26 छात्रों की डीटेल मिली है। इसलिए मामले की CBI जांच जरूरी है। केस की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। आरोपी का कबूलनामा: बिहार से NEET की परीक्षा में शामिल सॉल्वर गैंग के 19 लोग गिरफ्तार हुए। ​​​​​​एक आरोपी आयुष ने कहा- 'परीक्षा से एक दिन पहले मुझे पेपर मिल गया था। प्रश्न पत्र उत्तर सहित दिया गया और याद करने के लिए कहा गया। मेरे साथ वहां 20-25 परीक्षार्थी थे। उनको भी प्रश्न पत्र उत्तर सहित दिया गया और रटाया गया। अगले दिन एग्जाम सेंटर में वही पेपर मिला।' शिक्षा मंत्री स्टूडेंट से मिले: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से कुछ स्टूडेंट्स और पेरेंट्स ने मुलाकात की। प्रधान ने भरोसा दिया कि जांच में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। सरकार पारदर्शी प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है। कोर्ट के सामने पारदर्शिता से बात रखेंगे। कोर्ट जो भी आदेश देगा, उसका पालन करेंगे। दरअसल, पूरे देश में 5 मई को NEET की परीक्षा ली गई। इसमें करीब 24 लाख कैंडिडेट शामिल हुए। कई स्टूडेंट्स का आरोप है कि NEET परीक्षा में धांधली हुई और पेपर लीक हुआ है। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. केजरीवाल की मांग, मेडिकल जांच के दौरान पत्नी मौजूद रहें, कोर्ट में आज सुनवाई शराब नीति केस में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेडिकल टेस्ट को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका लगाई ह

Dainik Bhaskar NEET फर्जीवाड़े को लेकर 24 लाख बच्चों के सवाल कायम:1000 किमी दूर का मनचाहा सेंटर कैसे दिया, ग्रेस मार्क्स किस आधार पर दिए

मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित नीट-यूजी परीक्षा से संदेह के बादल छंट नहीं रहे हैं। NTA भले 1563 छात्रों को ग्रेस अंक देने का फैसला पलटकर दाेबारा परीक्षा करवा रही हो, लेकिन कई मुद्दे हैं, जो NTA की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। सबसे बड़ा मुद्दा पेपर लीक और इसे लेकर हुए बड़े लेनदेन का है। NTA और खुद केंद्रीय शिक्षा मंत्री इससे इनकार कर चुके हैं, लेकिन बिहार के पटना में पेपर लीक और गुजरात के गोधरा में अभ्यर्थियों को पास कराने के एवज में 10-10 लाख वसूले जाने के सबूत और मनचाहा सेंटर अलॉट होना परीक्षा में गहरी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं। इस बीच, NTA अब तक बिहार और गुजरात पुलिस को नीट का मूल प्रश्न पत्र उपलब्ध नहीं करवा पाया है। बिहार की जांच एजेंसी EOU के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि NTA ने जांच के लिए सबसे जरूरी मूल प्रश्न पत्र नहीं भेजे हैं। इस वजह से जले हुए टुकड़ों का मिलान नहीं कर पाए हैं। वहीं गुजरात पुलिस की भी NTA से यही शिकायत है। पंचमहाल पुलिस के मुताबिक मई से अब तक NTA ने सहयोग नहीं किया। पुलिस टीम शुक्रवार को दिल्ली पहुंची है। NTA ने 16 में से बिहार, झारखंड, ओडिशा के 10 छात्रों का भी ब्योरा गुजरात पुलिस से साझा नहीं किया है, जो 1000 किमी दूर मनचाहे सेंटर पर परीक्षा देकर नीट पास करने के हिस्सेदार थे। नीट फर्जीवाड़े को लेकर 6 बड़े सवाल... सवाल 1. गोधरा: 16 छात्रों ने 10-10 लाख दिए, सेंटर भी चुना ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड के 16 छात्रों को गुजरात के गोधरा में जय जलाराम स्कूल का मनचाहा सेंटर कैसे मिला, जबकि उनके राज्यों में सेंटर थे? नियम है कि छात्र 100-150 किमी दूर तक केंद्र चुन सकते हैं, जबकि यहां दूरी 1000 किमी से अधिक है? पुलिस 5 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। 2.30 करोड़ के 16 चेक बरामद हुए हैं। मुख्य आरोपी तुषार भट्‌ट ने कबूल किया है कि दूसरे राज्यों के 16 छात्रों से नीट परीक्षा पास कराने के लिए 10-10 लाख रुपए लिए थे। सवाल 2. बिहार: 4 घंटे पहले माफिया तक कैसे पहुंचा पर्चा पटना में जेल भेजे गए चार अभ्यर्थियों यह कबूल कर चुके हैं कि उन्हें नीट परीक्षा से चार घंटे पहले प्रश्नपत्र और उत्तर मिल गया था। इसका प्रिंट आउट लिया गया और 5 मई को सुबह 10 बजे रटाना शुरू किया गया। पुलिस ने यहीं से जले प्रश्न पत्र और एक ही बुकलेट नंबर 6136488 की तीन कॉपी बरामद की है।

Dainik Bhaskar बंगाल गवर्नर बोले- राज्य में मौत का तांडव हो रहा:कहा- चुनाव के बाद से हिंसा जारी है, पीड़ितों को मुझसे मिलने नहीं दे रही पुलिस

पश्चिम बंगाल गवर्नर सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा। चुनाव के बाद से राज्य में जारी हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य में कई जगहों पर मौत का तांडव हो रहा है और राज्य सरकार हिंसा के शिकार लोगों को राज भवन नहीं आने दे रही है। बंगाल की सीएम संविधान की उपेक्षा नहीं कर सकती हैं। दरअसल गुरुवार को पुलिस ने भाजपा लीडर और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और चुनावों के बाद जारी हिंसा के पीड़ितों को राज भवन जाने से रोका था। इसके पीछे पुलिस ने कारण दिया था कि राज भवन के आसपास सेक्शन 144 लागू है। गवर्नर बोस बोले- ममता सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही गवर्नर बोस ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैंने इन सभी लोगों को राज भवन आने और मुझसे मिलने की लिखित इजाजत दी थी, इसके बावजूद उन्हें राज भवन आने से रोका गया। मैं ये जानकर स्तब्ध हूं कि कुछ कारण बताकर इन सभी लोगों को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करने से रोका गया। गवर्नर बोस ने कहा कि यह संविधान का उल्लंघन है, जो राज्य सरकार इससे पहले भी कई बार कर चुकी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ममता बनर्जी को चिट्‌ठी लिखकर पूछा है कि इजाजत दिए जाने के बावजूद पुलिस ने किस आधार पर सुवेंदु अधिकारी और हिंसा पीड़ितों को राज भवन आने से रोका। वहीं सुवेंदु अधिकारी और एक अन्य व्यक्ति ने पुलिस के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस से पूछा- क्या गवर्नर को हाउस अरेस्ट में रखा है शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर राजभवन की तरफ से इजाजत मिलती है तो सुवेंदु अधिकारी और हिंसा पीड़ित लोग गवर्नर से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जस्टिस अमृता सिन्हा की सिंगल बेंच ने पश्चिम बंगाल के एडवोकेट जनरल से यह भी पूछा था कि क्या गवर्नर को हाउस अरेस्ट में रखा गया है। अगर ऐसा नहीं है तो इन लोगों को राजभवन जाकर गवर्नर से मिलने क्यों नहीं दिया जा रहा है।

Dainik Bhaskar केंद्रीय मंत्री वी सोमन्ना के बेटे पर केस:बेंगलुरु के कपल ने फ्रॉड, ब्लैकमेल और डराने-धमकाने का आरोप लगाया

केंद्रीय मंत्री वी सोमन्ना के बेटे अरुण पर बेंगलुरु के एक दंपती ने फाइनेंशियल फ्रॉड करने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाने वाले इस कपल ने शुक्रवार को बेंगलुरु पुलिस में अरुण और दो अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इसमें फ्रॉड के अलावा ब्लैकमेलिंग, हाथापाई और जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है। अरुण के अलावा अन्य दो लोगों की पहचान दसाराहल्ली के रहने वाले जीवन कुमार और हेब्बल के रहने वाले प्रमोद राव के तौर पर की गई है। वी सोमन्ना ने प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी कैबिनेट में जल शक्ति और रेलवे मंत्रालय में राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है। इससे पहले 2021 से 2023 तक वे कर्नाटक की बासवराज सरकार में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट मिनिस्टर और आवास मंत्री रहे थे। अरुण ने अपने पिता के प्रभाव का हवाला देकर बिजनेस बढ़ाने की बात कही थी शिकायत के मुताबिक तृप्ति और उनके पति माधवराज बीते 23 साल से इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चला रहे हैं। रेलवे और जल शक्ति मंत्रालय के राज्य मंत्री वी सोमन्ना के बेटे अरुण से उनकी मुलाकात 2013 में एक सरकारी इवेंट में हुई थी। इस कपल ने इससे पहले अरुण की बहन के लिए एक बर्थडे पार्टी का आयोजन किया था, जिसकी काफी तारीफ हुई थी। कपल के काम से खुश होकर अरुण ने माधवराज से पार्टनरशिप करने को कहा था। अरुण ने तब कहा था कि कर्नाटक सरकार में उनके पिता की प्रभावशाली पोजिशन के जरिए वे अपना बिजनेस बढ़ा सकते हैं। कोरोना के बाद अरुण ने कंपनी को अपने कंट्रोल में ले लिया लेकिन 2019 में कोरोना महामारी के चलते कंपनी को नुकसान हो गया। कपल ने कहा कि अरुण ने कंपनी का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया और मुनाफे उनके साथ शेयर करना बंद कर दिया। बाद में अरुण ने कपल से डिमांड कि वे शेयरहोल्डर्स के पद से इस्तीफा दे दें और 1.2 करोड़ रुपए मुआवजे के तौर पर दें। जब कपल ने मना किया तो अरुण ने ऑफिस के कर्मचारियों के सामने उन्हें अपशब्द कहे और माधवराज को बेल्ट और लैंप से मारा। पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर ली है।

Dainik Bhaskar लेखिका अरुंधति रॉय पर UAPA के तहत केस चलेगा:दिल्ली के उपराज्यपाल ने मंजूरी दी; दिल्ली में 2010 में भड़काऊ भाषण देने का मामला

दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने शुक्रवार (14 जून) को लेखिका अरुंधति रॉय और कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्व प्रोफेसर डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ यूएपीए कानून के तहत केस चलाने की मंजूरी दी। दोनों के खिलाफ साल 2010 में सुशील पंडित ने FIR दर्ज कराई थी। अरुंधति रॉय और हुसैन पर 21 अक्टूबर 2010 को दिल्ली के कोपरनिकस रोड पर मौजूद LTG ऑडिटोरियम में 'आजादी - द ओनली वे' के बैनर तले आयोजित एक सम्मेलन में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। सम्मेलन में 'कश्मीर को भारत से अलग करने' का प्रचार किया गया था। भाषण देने वालों में सैयद अली शाह गिलानी, एसएआर गिलानी (सम्मेलन के एंकर और संसद हमले के मामले में मुख्य आरोपी) अरुंधति रॉय, डॉ. शेख शौकत हुसैन और माओवादी समर्थक वरवर राव शामिल थे। सामाजिक कार्यकर्ता ने दर्ज कराई थी FIR 21 अक्टूबर 2010 को दिए भाषणों को लेकर कश्मीर के सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित ने 28 अक्टूबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद रॉय और हुसैन के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। अक्टूबर 2023 में दिल्ली LG वीके सक्सेना ने CRPC की धारा 196 और IPC की विभिन्न धाराओं 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए हानिकारक कार्य करना), 153 बी (राष्ट्रीय-एकीकरण के लिए हानिकारक आरोप, दावे) और 505 (सार्वजनिक शरारत को बढ़ावा देने वाले बयान) के तहत तहत रॉय और हुसैन पर केस चलाने की अनुमति दी थी। अरुंधति की किताब को मिल चुका बुकर प्राइज साल 1997 में लेखिका अरुंधति राय की किताब ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ को बुकर प्राइज मिला चुका है। यह उनका पहला उपन्यास था। इस पाने वालीं वे पहली भारतीय महिला हैं। नोबेल पुरस्कार के बाद बुकर प्राइज को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है। यह दुनियाभर में साहित्य जगत के प्रमुख पुरस्कारों में से एक है। साल 2014 में रॉय को दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की टाइम 100 की सूची में शामिल किया गया था। अरुंधति लेखन की दुनिया में आने से पहले सिनेमा में भी काम कर चुकी हैं। फिल्मों में अभिनय के साथ ही उन्होंने स्क्रीनप्ले भी लिखा है। साल 1988 में उन्हें बेस्ट स्क्रीनप्ले के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिल

Dainik Bhaskar खड़गे बोले-मोदी के पास जनादेश नहीं:सरकार कभी भी गिर सकती है, हम चाहते हैं चलती रहे, अच्छा न चलने देना प्रधानमंत्री की आदत

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार (14 जून) को कहा कि NDA की सरकार गलती से बनी है। मोदी जी के पास जनादेश नहीं है। यह अल्पमत की सरकार है। यह सरकार कभी भी गिर सकती है। उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि यह सरकार चलती रहे, देश के लिए अच्छा हो, हमें देश को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री की आदत है कि जो अच्छा चल रहा है, उसे चलने नहीं देते। हम देश को मजबूत करने की दिशा में सहयोग करेंगे। NDA के पास 293 तो INDIA ब्लॉक के पास 234 सांसद हैं। मोदी समेत 72 सांसदों ने 9 जून को शपथ ली थी। खड़गे का NEET में हुई गड़बड़ियों पर भी निशाना, बोले- मोदी खामोश क्यों खड़गे ने NEET UG एग्जाम में हुई गड़बड़ियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस पर खामोश क्यों हैं? सरकार इस स्कैम पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। अगर NEET का पेपर लीक नहीं हुआ तो बिहार में 13 आरोपियों को अरेस्ट क्यों किया गया। खड़गे ने X पर सवाल उठाए- क्या पटना की आर्थिक अपराध शाखा (EOU) ने शिक्षा माफिया को 30 और 50 लाख दिए जाने का खुलासा नहीं किया। क्या पेपर लीक में आर्गनाइज्ड गैंग शामिल नहीं हैं? क्या गुजरात के गोधरा में NEET-UG में धोखाधड़ी के रैकेट का खुलासा नहीं हुआ? यहां धोखाधड़ी में 3 लोग शामिल थे। यहां आरोपियों के बीच 12 करोड़ के ट्रांजैक्शंस की बात भी सामने आई। क्या मोदी सरकार देश के लोगों को बेवकूफ बना रही है। सरकार ने 24 लाख युवाओं के सपनों को चूर-चूर कर दिया है। डॉक्टर बनने का सपना लिए 22 लाख युवाओं ने NEET की परीक्षा दी थी। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 1 लाख सीट्स हैं, जिनमें से करीब 55 हजार SC, ST, OBC और आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) के लिए आरक्षित हैं। मोदी सरकार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) का गलत इस्तेमाल कर रही है। रिजर्व्ड सीट्स के लिए भी कट-ऑफ मार्क्स बढ़ाए गए। ये खबरें भी पढ़ें... NEET पेपर लीक- सुप्रीम कोर्ट का NTA को नोटिस:शिक्षा मंत्री प्रधान स्टूडेंट और पेरेंट्स से मिले, बोले- कोर्ट जो भी कहेगा, हम करेंगे सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 14 जून को NEET UG पेपर लीक और इसकी CBI जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि NTA दो हफ्तों के अंदर इस पर अपना पक्ष रखे। इस मामले पर 8 जुलाई को अगली सुनवाई होगी। कुछ स्टूडेंट्स और पेरेंट्स ने शिक

Dainik Bhaskar बिहार में बेरोजगारों को मिलेगा बेरोजगारी भत्ता:राज्य कर्मचारियों के हाउस अलाउंस में 4% तक बढ़ोतरी, कैबिनेट में 25 एजेंडों पर मुहर

बिहार में बेरोजगारों को भत्ता मिलेगा। इसके साथ ही राज्य कर्मियों के हाउसिंग अलाउंस में भी इजाफा किया गया है। यह निर्णय शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। कैबिनेट की बैठक में कुल 25 एजेंडों पर मुहर लगी है। बैठक में मनरेगा के तहत बिहार बेरोजगारी भत्ता नियमावली-2024 को मंजूरी दी गई है। इस नियमावली के तहत बेरोजगारों को रोजगार के लिए आवेदन देना होगा। आवेदक को 15 दिनों के भीतर रोजगार नहीं मिलता है तो मांग तिथि से तय सीमा के भीतर दैनिक बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। अक्षर आंचल योजना के तहत 774 करोड़ रुपए की स्वीकृति महादलित, दलित, अल्पसंख्यक, अतिपिछड़ा वर्ग के लिए अक्षर आंचल योजना के तहत 774 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। इसका लाभ 30 हजार कर्मियों को मिलेगा। इसमें तालीम मरकज के 10 हजार और शिक्षक सेवक के 20 हजार कर्मी शामिल हैं। हाउस अलाउंस में 1 से 4 फीसदी तक बढ़ोतरी सरकारी कर्मचारियों के हाउस अलाउंस में इजाफा किया गया है। राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा पर हाउस अलाउंस के मौजूदा दर में संशोधन किया गया। इस संशोधन को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। कर्मियों के हाउस अलाउंस में 1 से 4 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई है। पटना जैसे Y श्रेणी के शहर में हाउस अलाउंस 16 से बढ़ाकर 20 फीसदी, जेड श्रेणी के शहर जैसे बिहारशरीफ, नवादा, बेतिया, मोतिहारी जिला हेडक्वार्टर में 7.5 से 10 फीसदी और अवर्गितकृत शहर जैसे सब डिवीजन और छोटे टाउन में मकान किराया 6 फीसदी से बढ़कर 7.5 फीसदी किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र का हाउस अलाउंस 4 से 5 फीसदी किया गया है। कॉन्टिजेंसी फंड में किया गया इजाफा बिहार सरकार ने कॉन्टिजेंसी फंड में भी इजाफा किया है। 2024-25 में 30 मार्च 2025 तक के लिए अस्थाई रूप से 350 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 हजार करोड़ रुपए करने का निर्णय लिया है। पिछली बैठक 18 मार्च को हुई थी वहीं, 15 मार्च की मीटिंग में 108 एजेंडों पर मुहर लगी थी। बिहार सरकार के कर्मचारियों और सरकारी पेंशन भोगियों को बढ़ती महंगाई से राहत देते हुए चार फीसदी डीए में इजाफा किया गया था। राजगीर में एयरपोर्ट बनाए जाने पर मुहर लगी थी। साथ ही भागलपुर एयरपोर्ट का जीर्णोद्धार का भी फैसला लिया गया था।

Dainik Bhaskar मेयर बोलीं-अखिलेश पिद्दी भर थे, तब से राजनीति में हूं:सपा प्रमुख ने कहा था- प्रमिला पांडेय का गुस्सा दिखावटी, जनता सब जानती है

'जब अखिलेश यादव पिद्दी भर के थे, तब से मैं राजनीति कर रही हूं। पार्षद रहते हुए 10 साल जनता की सेवा की और दूसरी बार फिर से मेयर हूं। ये सब जनता की बदौलत ही है।' ये बातें कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के तंज के जवाब कही। दरअसल, प्रमिला पांडेय ने बुधवार, 12 जून को नाला सफाई और अन्य मुद्दों को लेकर नगर निगम के अफसरों की बैठक ली। जोन 3 के अधिशासी अभियंता नानक चंद ने नाला सफाई की फाइल दिखाई तो उसमें कमियां मिली। इस पर प्रमिला का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया। उन्होंने फाइल फेंक दी और बोलीं- अबकी बार नाला भरा तो उसी में डुबो देंगे। फाइल फेंकने का वीडियो भी सामने आया। पहले अखिलेश यादव का ट्वीट पढ़िए... अखिलेश ने लिखा- हवाई दावों की हवा में उड़ती फाइल प्रमिला के इस अंदाज पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को तंज कसा। उन्होंने X पर लिखा- ये है यूपी में भाजपा सरकार के हवाई दावों की हवा में उड़ती फाइल। कानपुर मेयर का ये दिखावटी गुस्सा कितना सच है, जनता सब जानती है। कानपुर ही नहीं पूरे यूपी की जनता को भाजपाई मेयरों ने ठगा है। यूपी में स्मार्ट सिटी बनाने का कागजी काम भाजपाई भ्रष्टाचार का शिकार होकर कागजों में ही लटका है। स्मार्ट सिटी के नाम पर यूपी को बजबजाती नालियों, सड़ांध भरे नालों, गड्ढे-युक्त सड़कों-गलियों, जाम में फंसी सड़कों के अलावा अगर और कुछ मिला है तो वो है ‘भाजपाई राजनीति’ का वो प्रदूषण जो सारे ठेके अपने लोगों को लेन-देन के सौदे के बदले में देता है। इसीलिए इनका काम न होने का क्रोध केवल दिखावा है। जनता ऐसे नाटक देख-देखकर त्रस्त हो चुकी है और अगले मेयर चुनाव में भाजपा के मेयरों को हराने-हटाने के लिए तैयार बैठी है। अखिलेश यादव के निशाना साधने के बाद दैनिक भास्कर से कानपुर मेयर से बात की। पढ़िए सवाल-जवाब... सवाल- अखिलेश के ट्वीट पर क्या कहेंगी? जवाब- अखिलेश जो काम करते होंगे, वो हवा-हवाई करते होंगे। यहां सारे काम धरातल पर होते हैं। अगर वो कुछ कह रहे हैं तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है। जब वो पिद्दी भर थे, तब से मैं राजनीति कर रही हूं। 10 साल जनता की सेवा पार्षद के रूप में की और दूसरी बार मेयर के रूप में चुनी गई हूं। मेरी पार्टी ने सबका साथ, सबका विकास करना सिखाया है। नगर निगम मेरा परिवार है। अब उनको (अखिलेश) को कुछ भी कहना है तो कहें। सवाल- क्या था

Dainik Bhaskar ​​​​​​​CJI बोले- SC के जजों के पास सातों दिन काम:5 दिन 50 केसों की सुनवाई, शनिवार को फैसला लिखवाते, रविवार को सोमवार की फाइल पढ़ते हैं

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने जजों की छुट्टी और पेंडिंग केस की गति को लेकर कहा- सुप्रीम कोर्ट के जज सातों दिन काम करते हैं। सोमवार से शुक्रवार तक 40-50 मामले निपटाते हैं, शनिवार को छोटे केसेस पर सुनवाई होती है। इसी दिन सुरक्षित रखे गए फैसलों को लिखवाया जाता है। रविवार को सोमवार के केस पढ़े जाते हैं। दरअसल, PM के इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के मेंबर संजीव सान्याल ने हाल ही में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट जज बहुत अधिक छुट्टियां ले रहे हैं। इसपर सुप्रीम कोर्ट के कई जजों ने असहमति जताई थी। CJI चंद्रचूड़ ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में स्पीच के दौरान इसी बात का जवाब दिया। CJI ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के जज छुट्टी के दौरान संवैधानिक मुद्दों पर विचार करते हैं। हमारे लिए यह करना बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि संवैधानिक मामले देश की सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक स्थिति के साथ-साथ लोगों के अधिकारों को भी प्रभावित करते हैं। CJI बोले- यात्रा के दौरान में अलीगढ़ मामले पर काम कर रहा हूं CJI ने स्पीच के दौरान कहा- क्या सुप्रीम कोर्ट की भूमिका सिर्फ मामलों का निपटारा करना है। या राजनीति, समाज को बदलना भी है? मैं छुट्टी पर हूं। ब्रिटेन की यात्रा कर रहा हूं, लेकिन इस समय मेरे पास संविधान पीठ के 6 बड़े फैसले हैं। इनमें से एक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक स्टेटस वाला ममला है। इसके अलावा और केसेस हैं। ये ऐसे मामले हैं, जो हमारे जीवन के महत्वपूर्ण सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं को परिभाषित कर रहे हैं। CJI ने कहा- रोटेशन में छुट्टी से वकीलों को दिक्कत होगी CJI ने कहा कि हमसे पूछा जाता है कि जज रोटेशनल सिस्टम में छुट्टी क्यों नहीं लेते। जजों के लिए यह बढ़िया व्यवस्था है, लेकिन फिर वकीलों का क्या होगा? वकीलों को भी समय की जरूरत होती है। रोटेशन सिस्टम लागू हुआ तो वकील कहेंगे कि जज जब चाहें छुट्टियां ले सकते हैं, लेकिन वकीलों को रोज आना पड़ रहा है। CJI ने कहा- वकीलों को नेटवर्किंग के लिए समय चाहिए होता है। वकीलों को अपने क्लाइंट तक पहुंचना होता है। उन्हें भी अपने परिवार के लिए समय चाहिए होता है। ये खबरें भी पढ़ें... CJI ने खुद के ट्रोल होने का किस्सा सुनाया: बोले- कमर दर्द था, कोहनी टिकाकर बैठ गया; लोगों ने गलत समझा भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 23 मार्च 2024 को कर्नाटक में

Dainik Bhaskar वडोदरा में मुस्लिम महिला को फ्लैट दिए जाने का विरोध:सरकारी नौकरी करने वाली महिला को CM आवास योजना के तहत मिला है फ्लैट

गुजरात के वडोदरा शहर की हरणी सोसायटी में मुस्लिम महिला को मिले फ्लैट का विरोध किया जा रहा है। सोसायटी के 33 लोगों ने जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें उन्होंने मकान के आवंटन को अमान्य करने की मांग की है। ज्ञापन में लिखा- शांतिपूर्ण जीवन में आग लगाने वाला फैसला मोटनाथ रेजीडेंसी कोऑपरेटिव हाउसिंग सर्विसेज सोसाइटी लिमिटेड के ज्ञापन में लिखा है- हरनी एक हिंदू बहुल शांतिपूर्ण क्षेत्र है और लगभग चार किलोमीटर के एरिया में मुसलमानों की कोई बस्ती नहीं है। वीएमसी का यह आवंटन 461 हिंदू परिवारों के शांतिपूर्ण जीवन में आग लगाने जैसा है। ज्ञापन में 33 लोगों के हस्ताक्षर हैं, जिसमें मांग की गई है कि आवंटित मकान को अमान्य कर महिला को किसी अन्य आवास योजना में स्थानांतरित किया जाए। लंबे वक्त से चल रहा है विरोध विरोध का सामना कर रही 44 वर्षीय मुस्लिम महिला अपने बेटे के साथ यहां शिफ्ट होना चाहती है। महिला का कहना है कि विरोध प्रदर्शन मकान आंवटन के समय यानी कि साल 2020 से ही शुरू हो गया था। यहां के लोगों ने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को पत्र लिखकर मेरे घर के आवंटन को अमान्य करने की मांग की थी। उस समय हरनी पुलिस स्टेशन ने सभी संबंधित पक्षों के बयान दर्ज किए थे और मामले का निपटारा कर दिया था। लेकिन, अब मैं मकान में शिफ्ट होने वाली हूं, इस खबर से सोसायटी में पिछले चार दिनों से फिर से प्रदर्शन शुरू हो गया है। 462 घरों में से 461 में रहते हैं हिंदू परिवार मोटनाथ सोसायटी में रहने वाले एक शख्स ने बताया कि यहां 462 घर हैं। इनमें से 461 घरों पर हिंदू परिवार रहते हैं। इनमें से एक घर मुस्लिम महिला को आवंटित है। मकान आवंटित करते समय अधिकारियों को ध्यान देना था कि यह एक हिंदू बहुल एरिया है। एक स्थानीय ने कहा- कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है सोसायटी के लोगों का कहना है कि अगर मुस्लिम परिवारों को रहने की अनुमति दी गई तो यहां कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। एक हस्ताक्षरकर्ता ने कहा कि हम सभी ने इस कॉलोनी में घर इसलिए बुक किए हैं, क्योंकि यह एक हिंदू एरिया है और हम नहीं चाहते कि अन्य धार्मिक पृष्ठभूमि के लोग हमारे बीच रहें। लोगों ने कहा- विधायकों-सांसदों का घेराव करेंगे सामाजिक कार्यकर्ता अतुल गामेची ने बताया कि सोसायटी के लोग पिछले 6 महीनों से नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों

Dainik Bhaskar भारत से 509 सिख तीर्थयात्री जाएंगे पाकिस्तान:महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि को लेकर लिया फैसला, 10 दिन में लौटेंगे वापस

शान ए पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर पाकिस्तान ने तीर्थयात्रियों का वीजा अप्रूव किया है। दिल्ली में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग ने इसकी जानकारी सांझा की है। 21-30 जून 2022 तक पाकिस्तान में महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर होने वाली वार्षिक वर्षगांठ में शामिल होने के लिए भारत के सिख तीर्थयात्रियों को 509 वीजा जारी हुए हैं। यात्रा के दौरान तीर्थयात्री पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल होने के साथ-साथ पांजा साहिब, ननकाना साहिब और श्री करतारपुर साहिब जाएंगे। वे 21 जून को पाकिस्तान में प्रवेश करेंगे और 30 जून 2022 को भारत लौट आएंगे। इससे पहले भी पाकिस्तान ने जारी किए वीजा बता दें कि इससे पहले भी हर साल पाकिस्तान वीजा जारी करता है। वहीं, पाकिस्तान ऐंबैसी को चुने गए यात्रियों के वीजा के लिए फाइलें भेजी गई थी। जिन्होंने कुल 509 लोगों को वीजा ग्रांट कर दिया है। बता दें कि किन्हीं कारणों ने पाकिस्तान कुछ यात्रियों के वीजा रिजेक्ट भी किए हैं। बता दें कि कोरोना काल में पाकिस्तान ने भारतीय नागरिकों को वीजा देने से मना कर दिया था। इसकी सारी देखरेख एसजीपीसी द्वारा की गई जा रही है। पाकिस्तान में है महाराजा रणजीत सिंह की समाधि सिख श्रद्धालुओं का जत्था इन 10 दिनों में गुरुद्वारों के साथ-साथ पाकिस्तान के लाहौर में स्थित महाराजा रणजीत सिंह की समाधि पर भी जाएगा। इसके अलावा पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब, पंजा साहिब और गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में भी नतमस्तक होगा। इसके बाद यह जत्था 30 जून को अटारी सीमा के रास्ते भारत लौट आएगा।