Dainik Bhaskar Dainik Bhaskar

Dainik Bhaskar मुंबई में BMC कर्मचारियों-पुलिस पर पथराव:5 पुलिसकर्मी घायल, अवैध अतिक्रमण हटाने गए थे; अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई रोकी गई

मुंबई के पवई में गुरुवार (6 जून) को अवैध अतिक्रमण हटाने गए बृहनमुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) के कर्मचारियों और पुलिस टीम पर पर लोगों ने पथराव किया। इस हमले में 5 पुलिसकर्मियों घायल हुए हैं। घटना का वीडियो भी सामने आया है। वहीं, पथराव और हंगामे के चलते अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई को रोक दिया गया है। घटना की तस्वीरें... इलाके में पुलिस बल तैनात पवई के हीरानंदानी इलाके में कई साल पुरानी एक झुग्गी बस्ती है। नगर पालिका ने इन झोपड़ी मालिकों को नोटिस दिया था। आज नगर पालिका के अधिकारी और कर्मचारी वहां घुसे और अवैध रूप से बसी इस झुग्गी बस्ती को हटाने की कार्रवाई शुरू की। कार्रवाई के वक्त वहां बड़ी संख्या में पुलिस भी मौजूद थी। लेकिन इस कार्रवाई से स्थानीय निवासी नाराज हो गए। उन्होंने पुलिस और नगर निगम अधिकारियों पर पथराव शुरू कर दिया। इससे काफी अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। फिलहाल इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। इलाके में पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी तैनात कर दी गई है। यह खबर भी पढ़ें... होर्डिंग गिरने के कारणों का पता लगाएगा टेक्निकल इंस्टीट्यूट:7 दिन में BMC को रिपोर्ट सौंपेगा; बिलबोर्ड कंपनी का मालिक उदयपुर से गिरफ्तार मुंबई के घाटकोपर में 13 मई को होर्डिंग गिरने के कारणों का पता लगाने की जिम्मेदारी मुंबई के वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (VJTI) को दी गई है। यह टेक्निकल इंस्टीट्यूट 7 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा। इसकी जानकारी गुरुवार को बृहनमुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) ने दी। पढ़ें पूरी खबर...

Dainik Bhaskar चारधाम यात्रा पर आए 2 विदेशी श्रद्धालुओं की मौत:रुद्रप्रयाग से पहले गाड़ी पर पहाड़ी से गिरा पत्थर, टेम्पो-ट्रैवलर की छत तोड़कर अंदर घुसा

ऋषिकेश- बद्रीनाथ हाईवे पर नरकोट के पास एक बड़ा हादसा हुआ है। रुद्रप्रयाग से 5 किमी पहले पहाड़ी से गिरे बड़े बोल्डर की चपेट में आकर 2 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 7 यात्री घायल हो गए। सभी यात्री अमेरिका के न्यूयार्क के रहने वाले हैं। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी। यात्री बद्रीनाथ की यात्रा करने के बाद ऋषिकेश की ओर लौट रहे थे। अन्य सात लोग हुए घायल हादसा बुधवार शाम का बताया जा रहा है। जब सभी प्रवासी भारतीय भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर ऋषिकेश लौट रहे थे। इस दौरान रुद्रप्रयाग से पहले नरकोट के पास पहाड़ी से भारी बोल्डर उनके टेंपो ट्रैवलर पर गिर गया। बोल्डर इतना बड़ा था कि टेंपो ट्रैवलर की छत तोड़कर सीधे अंदर घुस गया। इसमें न्यूयार्क में रहने वाले भारतीय अमित सिकंदर (62) और बुद्धदेव मजूमदार (74) की मौके मौत हो गई। जबकि अन्य 7 लोगों को भी चोट आई हैं। घायलों पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया सूचना पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम पहुंची और टेंपो ट्रैवलर में फंसे लोगों को बाहर निकाला। गंभीर रूप से घायल लोगों को पुलिस ने रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल भेजा। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस द्वारा मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी गई है। इसके अलावा जो प्रवासी भारतीय टेंपो ट्रैवलर में सवार थे, वह हादसे के बाद पूरी तरह से घबराए हुए।

Dainik Bhaskar सुप्रीम कोर्ट बोला-हिमाचल, दिल्ली को 137 क्यूसेक पानी दे:हरियाणा मदद करे, 5 दिन में रिपोर्ट दें; दिल्ली सरकार से कहा- पानी की बर्बादी रोकें

दिल्ली सरकार ने राज्य में जलसंकट के चलते सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी कि वह हरियाणा, हिमाचल और उत्तर प्रदेश को एक महीने एक्स्ट्रा पानी देने का निर्देश दे। कोर्ट ने 6 जून को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हिमाचल को पानी देने में कोई आपत्ति नहीं है, इसलिए वह अपस्ट्रीम से 137 क्यूसेक पानी दिल्ली के लिए छोड़े। वहीं, हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि जब पानी हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जाए तो हरियाणा वजीराबाद तक पानी पहुंचाने में मदद करे, ताकि बिना किसी बाधा के दिल्ली के लोगों को पीने का पानी मिल सके। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी पानी की बर्बादी रोकने कहा है। जस्टिस पी के मिश्रा और के वी विश्वनाथन की वेकेशन बेंच ने 7 जून से ही पानी छोड़ने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा- पानी की बर्बादी नहीं होनी चाहिए, न ही कोई राजनीति होनी चाहिए। कोर्ट ने सभी पक्षों से सोमवार 10 जून तक इस मामले पर रिपोर्ट सौंपने कहा है। दिल्ली सरकार ने जल सकंट पर 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को दिल्ली को एक महीने तक एक्स्ट्रा पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी। कोर्ट रूम लाइव... दिल्ली सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील रखीं। वहीं ASG विक्रमजीत बनर्जी हरियाणा सरकार की तरफ से पेश हुए। सिंघवी: कृपया मुझे बताने दीजिए। हिमाचल को कोई आपत्ति नहीं है और हरियाणा ने कोई जवाब नहीं दिया है। हम अभी (बोर्ड की) रिपोर्ट के लिए आए हैं। जस्टिस विश्वनाथन : मिस्टर बनर्जी यह एक अस्तित्वगत समस्या है। यह रास्ते के अधिकार के बारे में है। अगर हम इस तरह के गंभीर मुद्दे का संज्ञान नहीं लेते तो... हिमाचल 150 क्यूसेक दे रहा है, आप (हरियाणा) इसे पास होने दें। जस्टिस मिश्रा: कल यह कहते हुए राजनीति नहीं होनी चाहिए कि हिमाचल पानी दे रहा है लेकिन हरियाणा नहीं छोड़ रहा।सिंघवी: हमने सिर्फ 1 महीने का समय मांगा था। जस्टिस विश्वनाथन: यह अब बोर्ड की सिफारिश है, हम याचिका पर एक्शन लेकर नहीं बल्कि उस पर आदेश पारित कर रहे हैं। जस्टिस मिश्रा: हिमाचल सरप्लस पानी छोड़ रहा है या नहीं, इसकी निगरानी कौन करेगा? शादान फरासत: हरियाणा का रवैया देखिए। यह सर्वोच्च न्यायालय के काम में बाधा उत्पन्न कर रहा है। उनके पास कोई वैध कारण नहीं है। जस्टि

Dainik Bhaskar सम्राट चौधरी बोले-नीतीश के नेतृत्व में लड़ेंगे 2025 का चुनाव:वो बिहार में हमारे नेता हैं, इंडिया गठबंधन की मीटिंग को बताया फालतू की बात

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद केंद्र में सियासी उठापटक जारी है। इन सबके बीच बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हम 2025 का चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ेंगे। वो बिहार के नेता हैं। इंडिया गठबंधन की मीटिंग को सम्राट चौधरी ने फालतू बताया। पत्रकारों में जब सम्राट चौधरी से पूछा कि क्या 2025 में नीतीश के नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव बीजेपी लड़ेगी? इस पर सम्राट चौधरी ने कहा कि इसमें दिक्कत क्या है। बिहार में 1996 से हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में जनता ने एनडीए को 75 परसेंट मार्क्स दिया है। जो लोग परसेप्शन बना रहे थे वो गलत हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमने चुनाव लड़ा। चुनाव प्रबंधन जो हमारा बिहार की टीम थी उसके नेतृत्व में हम चुनाव लड़े। 25 फीसदी मार्क्स हमारी कटी है। वही सम्राट चौधरी ने कहा कि जिन सीटों पर हम चुनाव हारे हैं उसकी समीक्षा हो रही है। पप्पू यादव बोले- मोदी अब पीएम नहीं बनेंगे पूर्णिया से निर्दलीय जीते पप्पू यादव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि INDIA गठबंधन की सरकार बनेगी और अगर NDA गठबंधन की सरकार बन गई तो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री तो नहीं बनेंगे। पप्पू यादव ने आगे कहा कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू हमेशा महात्मा गांधी के विचार पर चले हैं, ये सामाजिक न्याय की बात करते हैं। मैं उम्मीद करता हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि नीतीश जी पर देश को गर्व होगा जब वह देश के भरोसे पर खरे उतरेंगे और चंद्रबाबू नायडू भी। पप्पू यादव को मिल सकता है बड़ा ऑफर सियासी घमासान के बीच जहां दोनों डिप्टी सीएम दिल्ली जा रहे हैं, वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता राधा मोहन सिंह को भी भाजपा आलाकमान ने दिल्ली बुला लिया है। पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते पप्पू यादव भी दिल्ली जा रहे हैं, जिसे लेकर कयास का बाजार गर्म है। पप्पू यादव हालांकि कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते। ऐसे में एक तरफ जहां इंडिया गठबंधन उन्हें अपने साथ रखने के प्रयास में है। वहीं माना यह भी जा रहा है कि भाजपा भी पप्पू यादव को बड़ा ऑफर दे सकती है। बिहार के दोनों डिप्टी सीएम को दिल्ली बुलाय

Dainik Bhaskar न्यूज इन ब्रीफ@11 AM:मोदी के शपथ ग्रहण में 5 पड़ोसी देशों को न्योता; गोल्डन टेंपल में लगे खालिस्तानी नारे; चंद्रबाबू की 12 जून को शपथ

नमस्कार, आइए जानते हैं आज सुबह 11 बजे तक की देश-दुनिया की 10 बड़ी खबरें… 1. मोदी के शपथ ग्रहण में श्रीलंका-बांग्लादेश समेत 5 देशों के नेताओं को न्योता, 8 जून को हो सकता है समारोह लोकसभा चुनाव में NDA की जीत के बाद नरेंद्र मोदी 8 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। समारोह में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के PM प्रचंड, मॉरीशस और भूटान के नेता शामिल होंगे। पूरी खबर पढ़ें... 2. ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी पर अमृतसर के गोल्डन टेंपल में लगे खालिस्तानी नारे ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी पर अमृतसर के गोल्डन टेंपल में भीड़ ने जरनैल सिंह भिंडरांवाले के पोस्टर लेकर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। साथ ही तलवारें लहराईं। इंदिरा गांधी की सरकार में गोल्डन टेंपल को भिंडरांवाले और हथियारबंद समर्थकों के कब्जे से छुड़ाने के लिए सेना के ऑपरेशन को ब्लू स्टार नाम दिया गया था। इसमें भिंडरांवाले की मौत हुई थी। पूरी खबर पढ़ें... 3. चंद्रबाबू नायडू 12 जून को CM पद की शपथ लेंगे, चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे तेलुगु देशम पार्टी (TDP) अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू 12 जून को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। समारोह अमरावती में होगा। इसमें नरेंद्र मोदी और नए केंद्रीय कैबिनेट के कई मंत्री शामिल होंगे। विधानसभा चुनाव में NDA ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की है। विधानसभा की 175 सीटों में से नायडू की TDP को 135, पवन कल्याण की जनसेना को 21 और भाजपा को 8 सीटें मिली हैं। तीनों गठबंधन में हैं। पूरी खबर पढ़ें... ​​​​​​4. TDP ने भाजपा से 5 मंत्रालय और स्पीकर पद मांगा, रेलवे-कृषि मंत्रालय पर JDU की नजर NDA गठबंधन में TDP और JDU ने सीटों में बड़ी भागीदार होने के नाते बड़ी हिस्सेदारी मांगी है। JDU की निगाह रेलवे-कृषि मंत्रालय के साथ बिहार के लिए विशेष पैकेज पर है। TDP ने ग्रामीण विकास, आवास और शहरी मामले, बंदरगाह और शिपिंग, सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं जल शक्ति मंत्रालय की मांग रखी है। TDP वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी मांग रही है। नायडू चाहते हैं कि वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार उन्हें मिले। पूरी खबर पढ़ें... 5. UP-बिहार समेत चार राज्यों में हीटवेव, मॉनसून 10 दिन में MP आने का अनुमान देश में दक्ष

Dainik Bhaskar चंद्रबाबू नायडू 12 जून को CM पद की शपथ लेंगे:चौथी बार बनेंगे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री; मोदी सहित नई कैबिनेट के कई मंत्री मौजूद रहेंगे

तेलुगु देशम पार्टी (TDP) अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू 12 जून को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। नायडू का शपथ ग्रहण समारोह अमरावती में होगा। इसमें नरेंद्र मोदी और नए केंद्रीय कैबिनेट के कई मंत्री शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक, चंद्रबाबू नायडू शपथ ग्रहण के दिन अमरावती को राज्य की राजधानी बनाने का ऐलान कर सकते हैं। 2 जून को हैदराबाद को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी रखने के लिए 10 साल का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया। अभी आंध्र देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसकी कोई राजधानी नहीं है। चंद्रबाबू नायडू चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे है। इससे पहले उन्होंने 1 सितंबर 1995, 11 अक्टूबर 1999 और 8 जून 2014 को तीन बार CM पद की शपथ ली थी। 2019 में YSRCP अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने जीत दर्ज कर उनसे सत्ता छीनी थी। आंध्र में NDA को बहुमत, TDP ने 135 सीटें जीतीं 2024 विधानसभा चुनाव में NDA ने आंध्र प्रदेश में भारी बहुमत से जीत दर्ज की है। विधानसभा की 175 सीटों में से नायडू की TDP को 135, पवन कल्याण की जनसेना को 21 और भाजपा को 8 सीटें मिली हैं। तीनों गठबंधन में हैं। जगन मोहन रेड्डी की YSRCP को केवल 12 सीटों मिलीं। कांग्रेस राज्य में अपना खाता भी नहीं खोल सकी। इस बार जगन मोहन रेड्डी की बहन वाई एस शर्मिला रेड्डी राज्य में कांग्रेस की अगुआई कर रही थीं। वे आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस के पारंपरिक वोटर्स भाई-बहन की पार्टी में बंट गए। कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं था, लेकिन YSRCP को इसका नुकसान हुआ और भाई-बहन की लड़ाई में सीधा फायदा TDP को हुआ। 2019 में जगन मोहन ने एकतरफा जीत दर्ज की थी आंध्र में 2019 में YSRCP अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी 175 में से 151 सीटों पर एकतरफा जीत दर्ज की थी। TDP सिर्फ 23 सीटें जीत पाई थी। जगन मोहन 2019 में पहली बार राज्य के CM बने थे। जगन मोहन के पिता दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी आंध्र में कांग्रेस के बड़े नेता थे। 2004 और 2009 में वे लगातार दो बार राज्य के CM रहे थे। जगन मोहन ने भी अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस से ही शुरू किया था। वे 2009 में कांग्रेस से पहली बार सांसद चुने गए। हालांकि, 2009 में हेलिकॉप्टर हादसे में पिता की मौत के बाद जगन ने 2010 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने

Dainik Bhaskar सहस्त्रताल ट्रैकिंग पर 9 ट्रैकर्स की मौत:13 को सुरक्षित बचाया; 5 के शव मिले, चार शवों को ढूंढने के लिए अभियान जारी

उत्तरकाशी के सहस्त्रताल ट्रैकिंग पर गए 9 ट्रैकर्स की मौत हो गई है। जिला प्रशासन ने देर रात इसकी पुष्टि की है। जिनमें से बुधवार दोपहर तक पांच शवों को बाहर निकल गया है। चार ट्रैकर्स के शव अभी भी सहत्रताल ट्रैकिंग पर भी फंसे हुए हैं । इनमें आज दिन तक निकलने की उम्मीद जताई जा रही है। जबकि 13 अन्य लोगों को भी सुरक्षित बचा ले गया है। इनमें से कुछ लोग बीमार है जिनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौसम साफ रहा तो आज निकाले जा सकते हैं चार लोगों के शव एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने बुधवार सुबह अभी ट्रैकर्स को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरू किया था। रेस्क्यू अभियान के लिए वायु सेवा की टीम का भी सहारा लिया गया था। संयुक्त बचाव दल ने बुधवार दोपहर तक 13 ट्रैकर्स को सुरक्षित निकाल लिया था। जबकि पांच ट्रैकर्स के शव भी निकल लिए गए थे। लेकिन दोपहर बाद अचानक मौसम खराब होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा और चार ट्रैकर्स के शव नहीं निकाल पाए। डीएम मेहरबान बिष्ट ने बताया कि गुरुवार सुबह फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा और चार लोगों के शव निकाल दिए जाएंगे। 19 मई को 22 सदस्य दल गया था सहत्रताल ट्रैकिंग पर बता दे की 19 मई को कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैकर्स का 22 सदस्य दल सहस्रताल ट्रैकिंग पर गया था। ट्रैकिंग के बाद वापस आते वक्त 3 जून को यह सभी ट्रैकर्स मौसम खराब होने के कारण रास्ता भटक गए। घने कोहरे और भारी बर्फबारी के बीच यह सभी ट्रैकर्स वहीं फंस गए। 4 जून शाम को जिला प्रशासन को ट्रैकर्स के फंसने की सूचना मिली। जिसके बाद 5 जून सुबह प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान शुरू किया। अत्यधिक ठंड के कारण चार ट्रैकर्स की मौत पहले ही हो चुकी थी। लेकिन देर रात जिला प्रशासन ने 9 ट्रैक्टर्स के मौत की पुष्टि की है।

Dainik Bhaskar मोदी के शपथ ग्रहण में पड़ोसी देशों को न्योता:श्रीलंका-बांग्लादेश समेत 5 देशों के नेता होंगे शामिल; 8 जून को हो सकता है समारोह

लोकसभा चुनाव में NDA की जीत के बाद नरेंद्र मोदी 8 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, इस समारोह के लिए भारत के पड़ोसी देशों के लीडर्स को न्योता भेजा जाएगा। इनमें श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के PM प्रचंड समेत मॉरीशस और भूटान के नेता शामिल होंगे। श्रीलंका के राष्ट्रपति के मीडिया डिविजन ने इसकी पुष्टि भी की। रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने बुधवार को फोन करके PM मोदी को चुनाव जीतने पर बधाई दी थी। इसी दौरान कॉल पर मोदी ने उन्हें शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता दिया, जिसे विक्रमसिंघे ने स्वीकार कर लिया। वहीं बांग्लादेश की PM के साथ भी फोन पर बातचीत के दौरान मोदी ने उन्हें समारोह का आमंत्रण दिया है। बाइडेन-पुतिन ने PM मोदी को फोन कर दी जीत की बधाई नेपाल के PM प्रचंड ने भी PM मोदी को फोन कर बधाई दी। PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बाकी देशों के नेताओं को आज शपथ ग्रहण समारोह के लिए न्योता भेजा जाएगा। इससे पहले मंगलवार (6 जून) को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद PM मोदी को आधी दुनिया ने बधाई दी। इनमें भारत के पड़ोसी देशों के नेताओं के अलावा, रूस के राष्ट्रपति पुतिन, अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन, ब्रिटेन के PM सुनक, मालदीव, फ्रांस के राष्ट्रपति, इजराइल और जापान के प्रधानमंत्री समेत 70 से ज्यादा नेता शामिल रहे। सभी ने PM मोदी को तीसरे कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दी। साथ ही भारत के साथ मिलकर पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने की उम्मीद जताई। 2014 में SAARC, 2019 में BIMSTEC सदस्यों को दिया था न्योता इससे पहले 2014 में अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह के दौरान PM मोदी ने SAARC देशों के लीडर्स को न्योता भेजा था। इसके तहत पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई और श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंद राजपक्षे समारोह में शामिल हुए थे। इनके अलावा शेख हसीना की जगह बांग्लादेश के हाउस स्पीकर कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इसके बाद अपने दूसरे कार्यकाल के लिए 2019 में हुए शपथ ग्रहण समारोह में PM मोदी ने BIMSTEC देशों के नेताओं को आमंत्रित किया था। समारोह में किर्गिस्तान, श्रीलंका, मॉरीशस, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार के लीडर्स ने हिस्सा

Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:नरेंद्र मोदी पहली बार बनेंगे मिली-जुली सरकार के प्रधानमंत्री

इंडिया गठबंधन में लोगों ने जितना भी विश्वास इस बार दिखाया, उसने उसका सम्मान किया और बुधवार को शामिल बैठक करके घोषणा कर दी कि हम सही समय का इंतज़ार करेंगे। इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि फ़िलहाल इंडिया गठबंधन विपक्ष में ही बैठेगा। सरकार बनाने की कोई कोशिश फ़िलहाल नहीं करेंगे। सही है, सिवाय इसके इंडिया गठबंधन के पास को चारा नहीं था। नीतीश और चंद्रबाबू ने टूटने से इनकार कर दिया है और ऐसे में इन दोनों का पेशेंस ख़त्म होने की राह तकने के अलावा विपक्ष के पास कोई चारा नहीं है। लेकिन वे विपक्ष में बैठने का साफ़ निर्णय घोषित नहीं भी करते तो कोई क्या कर लेता! कम से कम फ़िलहाल तो उन्होंने एक तरह की राजनीतिक ईमानदारी दिखा ही दी। बहरहाल, तमाम हालात साफ़ होने के बाद आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार मिली- जुली सरकार बनने जा रही है। केंद्र में यह उनकी तीसरी सरकार होगी लेकिन अभी तक उन्होंने पूर्ण बहुमत वाली सरकार ही चलाई है। निश्चित रूप से इस बार उनके सामने नई चुनौतियाँ होंगी लेकिन जिस विश्वास के साथ वे आगे बढ़ रहे हैं, लगता है मिली- जुली सरकार को भी भली-भाँति चला लेंगे। राजनीति में कब मुलायम होना है और कब कठोर, यह वे अच्छी तरह जानते हैं। वैसे नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की सभी माँगें मानना इतना आसान नहीं होगा लेकिन कुछ कम पर इन दोनों को मनाना वे जानते हैं। चूँकि नीतीश और नायडू पहले भी एनडीए सरकार में रह चुके हैं इसलिए वे बड़े मंत्रालय तो माँगेंगे ही, उन मंत्रालयों में और किसी की दख़लंदाज़ी न हो, इस तरह की माँग भी रख सकते हैं। लगता है दख़लंदाज़ी न करते हुए भी निगरानी रखना प्रधानमंत्री को आता है। उधर इंडिया गठबंधन नीतीश और नायडू को अपनी तरफ़ खींचने की कोशिश में लगा हुआ तो था लेकिन देर शाम उसने इन दोनों को साफ़ कह दिया कि आओ तो दरवाज़ा खुला है और न आओ तो रास्ता खुला है। उधर एनडीए ने तो शपथ ग्रहण की तारीख़ भी तय कर ली है और वो शायद आठ जून है। एक बार शपथ ग्रहण और मंत्रिमंडल का गठन हो जाने के बाद इंडिया गठबंधन के लिए कोई गुंजाइश वैसे भी नहीं रह जाएगी। वैसे इस बार के चुनाव परिणाम कुछ अनोखे ही हैं। पहली बार है कि चुनाव परिणामों से चुनाव और उसकी प्रक्रिया में शामिल तमाम पक्ष खुश हैं। दुखी होने का कारण किसी के पास नहीं है। एनडीए इसलिए खुश है क्योंकि उसे पूर्ण बहुमत

Dainik Bhaskar I.N.D.I.A ब्लॉक:संजय राउत बोले- मोदी और उनकी पार्टी के पास बहुमत नहीं, वे अस्थिर सरकार देना चाहते हैं

बुधवार को I.N.D.I.A ब्लॉक की बैठक के बाद शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के पास बहुमत नहीं है। वे अस्थिर सरकार देना चाहते हैं। I.N.D.I.A ब्लॉक के पास जनादेश भी है और संख्या भी है। भाजपा 237-240 पर अटकी है। अस्थिर सरकार चलाना मोदी जी का काम नहीं है। वह मोदी की सरकार, मोदी की गारंटी के बारे में बात करते थे। अगर वे सरकार बनाने की कोशिश करेंगे तो उन्हें अपने गठबंधन सहयोगियों टीडीपी और जेडी (यू) पर निर्भर रहना होगा।

Dainik Bhaskar NEET छात्रा के सुसाइड का वीडियो:कोटा में फ्लैट की 9वीं मंजिल से कूदी, कम मार्क्स आने से तनाव में थी

NEET की तैयारी कर रही छात्रा ने फ्लैट की बिल्डिंग की 9वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। उसे कूदते हुए उस फ्लोर पर रहने वाली महिला ने देखा। वह कुछ समझ पाती, उससे पहले ही उसने छलांग लगा दी। उसका एक दिन पहले ही NEET का रिजल्ट आया था। कम मार्क्स आने से वो डिप्रेशन में चल रही थी। वह बुधवार दोपहर डाउट क्लियर करने क्लास गई थी। मामला कोटा के जवाहर नगर इलाके का शाम 4 बजे का है। मां और भाई के साथ रहती थी जवाहर नगर थानाधिकारी हरिमोहन शर्मा ने बताया- बगिशा तिवारी (18) रीवा (मध्य प्रदेश) के अनंतपुर इलाके की रहने वाली थी। वह कोटा के जवाहर नगर इलाके की पुखराज एलिमेंट बिल्डिंग की 5वीं मंजिल के फ्लैट नं. 503 में रहती थी। साथ में मां व छोटा भाई भी रहते थे। बगिशा 3 साल से नीट की तैयारी कर रही थी। उसका भाई 11वीं में पढ़ता है। वो भी JEE की तैयारी कर रहा है। छात्रा का एक दिन पहले ही नीट का रिजल्ट आया था। CCTV खंगाल रही पुलिस थानाधिकारी ने बताया- छात्रा किस मंजिल से कूदी, इसकी पुलिस जांच कर रही है। छात्रा के नीचे गिरते ही मौके पर भीड़ जमा हो गई थी। बिल्डिंग के सुरक्षा गार्ड सहित आस-पास के दुकानदार व राहगीर भाग कर आए। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। उसे प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस बिल्डिंग के आसपास के CCTV कैमरे भी खंगाल रही है। कहा था- आकर खाना खाऊंगी बगिशा के भाई पार्थ ने बताया- बुधवार सुबह हम दोनों कोचिंग गए थे। 12 बजे वापस घर आ गए थे। दोपहर 2 बजे बगिशा डाउट क्लास गई थी। उसने मां से कोचिंग से आकर खाना खाने की बात कही थी। दोपहर करीब 3.45 बजे उसे मैसेज करके पूछा था कि कितनी देर में आ रही है। उसने कहा- क्लास में हूं कुछ देर में आ जाऊंगी। मुझे भी डाउट क्लास में जाना था। मैं भी तैयार हो रहा था। मां खाना बनाने में लग गईं। कुछ देर बाद पड़ोस के लोगों ने आकर बताया कि बगिशा बिल्डिंग के नीचे गिरी हुई है। नीट में आए थे 320 नंबर पिता विनोद तिवारी रीवा में PWD डिपार्टमेंट में इंजीनियर हैं। वे सुबह 7 बजे कोटा पहुंचे थे। उन्होंने बताया- 4 जून को NEET का रिजल्ट आया था। इसमें बगिशा के 720 में से 320 नंबर आए थे। वह नीट की परीक्षा क्लियर नहीं कर पाई थी। उसके बाद 4 जून की रात को उससे बात हुई थी। मैंने उसे कहा- नंबर कम आए हैं तो कोई बात नहीं किसी प्राइवेट कॉलेज मे

Dainik Bhaskar NDA गठबंधन:भाजपा के 14 सहयोगियों के पास 53 सीटें, रक्षा-रेलवे और कृषि जैसे प्रमुख मंत्रालयों पर JDU-TDP की नजर

लोकसभा चुनाव में बहुमत मिलने के अगले ही दिन बुधवार (5 जून) को NDA ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को नेता चुना। पीएम आवास पर हुई बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया, ‘हमें गर्व है कि NDA ने चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़ा और जीता।’ बैठक में टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे सहित 14 दलों के 21 नेता थे। नायडू और नीतीश के साथ मोदी ने अलग से भी बैठक की। माना जा रहा है कि दोनों ने गठबंधन जारी रहने का आश्वासन दिया। लोकसभा चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। पार्टी को 240 सीटें मिली हैं। यह बहुमत के आंकड़े (272) से 32 सीटें कम हैं। ऐसे में वह 14 सहयोगी दलों के 53 सांसदों के साथ मिलकर गठबंधन सरकार चलाएगी। इसमें चंद्रबाबू की TDP 16 सीटों के साथ दूसरी और नीतीश की JDU 12 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों पार्टियां चाहती हैं कि सीटों में बड़ी भागीदार होने के नाते उन्हें उसी हिसाब से कैबिनेट में भी हिस्सेदारी दी जाए। रक्षा-रेलवे और कृषि जैसे प्रमुख मंत्रालयों पर बड़े सहयोगियों की निगाह केंद्र सरकार के 10 सबसे ताकतवर और समृद्ध मंत्रालय- गृह, रक्षा, वित्त, विदेश, रेलवे, सूचना प्रसारण, शिक्षा, कृषि, सड़क परिवहन और सिविल एविएशन हैं। अकेले बहुमत ​होने से 2019 और 2014 में भाजपा ने सभी बड़े विभाग अपने पास रखे। खबर है कि इस बार JDU की निगाह रेलवे-कृषि मंत्रालय के साथ बिहार के लिए विशेष पैकेज पर है। वहीं, TDP लोकसभा स्पीकर, तीन बड़े मंत्रालय और विशेष राज्य का दर्जा चाहती है। सूत्रों ने बताया, 7 जून को मोदी को भाजपा संसदीय दल-NDA संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश होगा। शपथ ग्रहण 8 जून को हो सकता है।

Dainik Bhaskar CJI बोले-चुनाव भारत के संवैधानिक लोकतंत्र का मूल आधार:​​​​​​​जजों को उनके फैसलों से राजनीति पर पड़ने वाले असर से परिचित होना चाहिए

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान कहा- चुनाव भारत के संवैधानिक लोकतंत्र का मूल आधार है। भारत में जज किसी चुनाव में इलेक्ट नहीं होते हैं। वहां जज सिस्टम की रक्षा करने वाले संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने की भावना को दर्शाते हैं। कार्यक्रम में CJI से पूछा गया कि फैसला सुनाते समय उन पर कितना पॉलिटिकल और सोशल प्रेशर होता है। इसके जवाब में उन्होंने कहा- न्यायाधीश के रूप में मेरे 24 सालों के कार्यकाल में मुझे कभी भी पॉलिटकल प्रेशर का सामना नहीं करना पड़ा। हमारा जीवन सरकार की पॉलिटिकल ब्रांच से बिल्कुल अलग है। हम नेताओं से अलग जीवन जीते हैं, लेकिन किसी भी जज को अपने फैसलों के पॉलिटिक्स पर पड़ने वाले असर से परिचित होना चाहिए। इसे पॉलिटिकल प्रेशर नहीं कहा जाता है। इसे किसी फैसले के असर की समझ कहा जाता है। सेम सेक्स मैरिज के फैसले पर कहा- मैं अल्पमत में था सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर 2023 को सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने से इनकार किया था। स्पेशल मैरिज एक्ट में बदलाव न करने के फैसले को लेकर CJI ने कहा- मैं यहां फैसले का बचाव करने के लिए नहीं आया हूं। मेरा मानना है कि जजों द्वारा सुनाया गया फैसला वैश्विक मानवता की संपत्ति बन जाता है। स्पेशल मैरिज एक्ट संसद से पारित किया गया एक कानून था। 5 जजों की संवैधानिक बेंच थी। मैं अल्पमत में था, लेकिन बेंच के 3 जज मुझसे सहमत नहीं थे, क्योंकि उनका मानना था कि सेम-सेक्स मैरिज को मान्यता देना ज्यूडिशयरी के अधिकार क्षेत्र के बाहर है। कोर्ट लगातार संवाद की प्रोसेस में विश्वास रखता है। कोर्ट मुकदमा करने वाले पक्षों के साथ और नागरिकों और समाज के साथ लगातार संवाद किया है। अहम संवैधानिक मामलों को लाइवस्ट्रीम करने के उनके फैसले पर डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा हमें न्याय की प्रक्रिया और कानून के प्रशासन को लोगों के घरों और दिलों तक ले जाने की जरूरत है। CJI बोले- हमें टेक्नोलॉजी के उपयोग को समझना होगा CJI चंद्रचूड़ ने कहा टोक्नोलॉजी और AI पर भी बात की। उन्होंने कहा कि यह अहम है कि हम न्याय के मानवीय तंत्र को सुनिश्चित करने के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग को समझे। हमें इसकी पॉजिटिव और नेगेटिव पॉइंट्स को भी समझना होगा। फ्यूचर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बहुत उपयोगी हो सकता है। हमें सुनिश्चित करना चा

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:दिल्ली हाई कोर्ट ने अस्पतालों में आग से सुरक्षा को लेकर केजरीवाल सरकार को निर्देश दिए

दिल्ली के अस्पतालों में लग रही आग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को बुधवार को सख्त निर्देश जारी किया। कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो युगांश मित्तल की ओर से दायर जनहित याचिका को प्रतिनिधि के तौर पर ले और कानून के तहत उस पर निर्णय ले। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो राष्ट्रीय राजधानी में छोटे अस्पतालों और नर्सिंग होम में आग से सुरक्षा को लेकर अनिवार्य मानकों को लागू करने के लिए 4 हफ्ते के भीतर फैसला ले। साथ ही 8 हफ्ते के भीतर एक्शन रिपोर्ट दाखिल करे। ये जनहित याचिका 26 मई को विवेक विहार स्थित बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में आग से 7 नवजातों की मौत को लेकर की गई है। आज की अन्य बड़ी खबरें... पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस में नाबालिग के माता-पिता की पुलिस हिरासत 10 जून तक बढ़ी पुणे पोर्श एक्सीडेंट मामले में बुधवार, 5 जून, को जिला कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने आरोपी नाबालिग के ब्लड सैंपल में हेराफेरी करने वाले उसके पिता विशाल अग्रवाल और मां शिवानी अग्रवाल को 10 जून पुलिस की हिरासत में भेज दिया। साथ ही ससून अस्पताल के डॉ श्रीहरि हालनोर, डॉ अजय टावरे और उनके सहयोगी अतुल घाटकांबले को 7 जून तक पुलिस हिरासत में भेजा है।

Dainik Bhaskar देश में चर्चा, अयोध्या में क्यों हारी भाजपा:लोग बोले- जो वोट मिले, वो मोदी के नाम पर दिए; सांसद इस लायक नहीं थे

देशभर की निगाहें जिस अयोध्या पर थीं, वहीं भाजपा चुनाव हार गई। राम नगरी में मिले इस जनमत ने सबको चौंका दिया। 1990 की रथयात्रा से लेकर 2024 चुनाव तक भाजपा के मूल में रहने वाली सीट पर पार्टी ने जी-जान से ताकत लगाई। हजार-दो हजार करोड़ नहीं, 32 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट शुरू कराए। राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा दुनियाभर में सुर्खियां बनीं। 500 साल पुराना इतिहास बदला गया। पीएम मोदी खुद यहां रोड-शो करने आए। योगी ने 5 जनसभाएं कीं। मगर सियासी जादू नहीं चला। जनता की नाराजगी अंदर ही अंदर मुखर हो रही थी। भाजपा के स्थानीय नेताओं से लेकर आलाकमान तक उस तासीर को भांप ही नहीं पाए। मोदी को यहां के भाजपा नेता गुड मैनेजमेंट दिखाते रहे। मगर अंदरखाने में कुछ और ही चल रहा था। विरोध की यह चिंगारी कैंडिडेट के फाइनल होते ही शुरू हो गई थी। आखिर भाजपा अपने सबसे बड़े गढ़ में क्यों हारी, लोगों के बीच में क्या गुस्सा था? मोदी आखिर जनता की नब्ज क्यों नहीं भांप पाए? इन सवालों के जवाब खंगालने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड पर उतरी। पूरी रिपोर्ट पढ़िए... लोग बोले- मंदिर से खुश, सांसद से नाराज हनुमानगढ़ी जाने वाली सड़क के मार्केट में हमारी मुलाकात रणंजय शास्त्री से हुई। वह अयोध्या के ही रहने वाले हैं। भाजपा को वोट क्यों नहीं पड़ा? वो कहते हैं- लोग मोदी-योगी को पसंद करते हैं। राममंदिर से खुश हैं। मगर सांसद लल्लू सिंह से नाराज हैं। आप ऐसे समझिए कि जो 4.99 लाख वोट भाजपा को मिले हैं। वो पीएम मोदी को मिले हैं, लल्लू सिंह को नहीं। वह इतने पर ही नहीं रुकते। कहते हैं, अयोध्या में 2 साल से लोग परेशान हैं। VIP तो आते हैं, मगर जो सड़कें बंद होती हैं, उनमें हम लोग फंसते हैं। लोग घरों में कैद हो जाते हैं। हमारे रिश्तेदार शहर के बॉर्डर पर फंस जाते हैं। अंदर नहीं आने दिया जाता। लोग परेशान हो गए थे, यही वजह है कि लोगों ने सपा को जिता दिया। भाजपा को शहर से मिले वोट, गांव वालों का रुख सपा की ओर यहां से कुछ आगे हमारी मुलाकात ओंकार पांडेय से हुई। वह भी रणंजय शास्त्री से इत्तेफाक रखते हैं। कहते हैं- भाजपा को गांव में कम वोट मिले हैं। शहर के लोगों ने वोट दिए हैं। इसकी वजह अफसरों की तानाशाही और सांसद की उदासीनता रही है। अफसरों को लगता है कि वो मुख्यमंत्री के सीधे संपर्क में हैं। लोगों की समस्याएं तक नहीं सुनते। गांव के लोग ज्यादा