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Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किए 4 घंट में 26 मोबाइल फोन छीनने वाले 2 आरोपी

दिल्ली पुलिस ने मोबाइल छीनने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि इन दोनों ने 4 घंटे के अंदर 26 मोबाइल फोन छीने थे। शाहदरा एसपी सुरेंद्र चौधरी ने कहा पकड़ने गए आरोपियों के नाम शाहरुख और आसिफ है। डीसीपी ने बताया कि 650 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में दोनों ने खुलासा किया की चोरी करने के बाद दोनों 10-15 दिन के लिए दिल्ली से गायब हो जाते थे। आज की अन्य बड़ी खबरें... दिल्ली में 4 साल की बच्ची से रेप, पड़ोसी निकला आरोपी, गिरफ्तार हुआ दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके में 4 साल की बच्ची से 22 साल के पड़ोसी युवक ने रेप किया। पुलिस ने बताया कि, बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने से आरोपी अपने साथ ले गया था। आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। उससे पूछताछ जारी है। घटना से गुस्साए लोगों ने आरोपी के घर को आग लगी दी। फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। बच्ची का अस्पताल में इलाज जारी है।

Dainik Bhaskar कुलदीप बिश्नोई बोले-मैं हरियाणा CM की रेस में हूं:कहा-विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा, मेरा कद बड़ा, फाइल लेकर अधिकारी के दफ्तर नहीं जा सकता

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि मैं विधायक इसलिए नहीं बनना चाहता क्योंकि मेरा कद अब बड़ा है। मैं किसी अधिकारी के दफ्तर में फाइल लेकर नहीं जा सकता। यह मेरा घमंड नहीं बल्कि मेरा स्वाभिमान है। कुलदीप ने कहा कि मैंने इसीलिए आदमपुर को भव्य बिश्नोई को सौंपा है और उसने मेरी उम्मीद के मुताबिक काम किया है। कुलदीप ने कहा कि भव्य ने अब तक आदमपुर में डेढ़ साल में ही 800 करोड़ के काम कराए हैं। कुलदीप ने कहा कि भव्य को कहीं काम करवाने में दिक्कत होती है तो मुझे फोन कर लेता है। आदमपुर में एक नहीं बल्कि दो विधायक हैं। कुलदीप ने कहा है कि वह भाजपा में आने के बाद भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। कुलदीप ने कहा कि मैं हमेशा मुख्यमंत्री पद का दावेदार रहूंगा। पता नहीं किस्मत कब पलटी मार जाए। कुलदीप बिश्नोई का दावा इसलिए भी अहम है क्योंकि भाजपा ने सीएम नायब सैनी की अगुआई में ये विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। कुलदीप बिश्नोई ने हिसार दौरे के दौरान एक सोशल मीडिया चैनल से बातचीत में अपने दिल की बातें खुलकर सामने रखीं। कुलदीप बिश्नोई ने कहा मैं अकेला ऐसा नेता हूं, जो पूरे हरियाणा के गांव में 2 बार गया हूं। हर गांव में हमारा वर्कर और वोटर है। मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि अगर पार्टी मजबूत जनाधार वाले नेता को मजबूत करती है तो पार्टी खुद भी मजबूत होती है। अगर विराट कोहली सेंचुरी मारता है तो 100 रन पूरी टीम इंडिया के भी जोड़ते हैं। अकेले विराट के 100 रन नहीं गिने जाते। भाजपा के कुछ सलाहकार गलत कुलदीप बिश्नोई को हिसार से टिकट नहीं दिए जाने पर कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि भाजपा के सलाहकार कुछ जगहों पर गलती कर देते हैं। भाजपा ने आउट साइडर को हिसार से टिकट दे दिया, जिनका कोई जनाधार हिसार में नहीं है। मैं उनकी इज्जत करता हूं। उनसे बहुत मेरे पारिवारिक रिश्ते हैं। मगर लोगों ने उनको वोट नहीं दिया। लोगों ने कहा कि हमारे नेता की टिकट कट गई। हमारे पारिवारिक सदस्य की टिकट कट गई। हिसार ही नहीं बल्कि हरियाणा में पार्टी को नुकसान हुआ। अब मैं उसे ठीक और भरपाई करने का प्रयास कर रहा हूं। कुलदीप बोले-लोकसभा में गलत टिकट बांटे कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में गलत टिकट बांटे। मैंने मुख्यमंत

Dainik Bhaskar हरियाणा CM करनाल सीट छोड़ेंगे:पंजाबी वोट बैंक समेत 3 वजहें; तीन सीटों का विकल्प, जिसमें लाडवा फेवरेट, सीएम चेहरा इसलिए BJP रिस्क नहीं ले रही

हरियाणा के CM नायब सैनी इस विधानसभा चुनाव में करनाल सीट छोड़ सकते हैं। भाजपा के उच्च सूत्रों के मुताबिक पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उनके लिए नई सीट की तलाश में है। जिसके लिए 3 सीटों का विकल्प तैयार किया गया है। जिसमें कुरूक्षेत्र की लाडवा सीट को फेवरेट माना जा रहा है। सैनी कुछ महीने पहले लोकसभा के साथ हुए उपचुनाव में करनाल विधानसभा सीट से उपचुनाव जीते थे। चूंकि भाजपा यह चुनाव सीएम नायब सैनी की अगुआई में ही लड़ रही है। ऐसे में उन्हें किसी कड़े मुकाबले में नहीं फंसाना चाहती। इसी वजह से जातीय समीकरण से लेकर भाजपा के आधार वाली सेफ सीट की तैयारी की जा रही है। खास बात यह है कि CM सैनी खुद भी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे कि वह करनाल से ही लड़ेंगे। 2 दिन पहले पंचकूला में हुई मीटिंग में उन्होंने इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया था। CM सैनी के लिए चुनी 3 सेफ सीट और उसकी वजह... 1. लाडवा: सैनी बिरदारी, OBC वर्ग और लोकसभा का कनेक्शन लाडवा विधानसभा क्षेत्र कुरूक्षेत्र में है। इस विधानसभा में 1 लाख 95 हजार से ज्यादा वोट है। जिसमें 50 हजार वोट जाट सामाज की है। इसके अलावा सैनी समाज के 47 हजार से ज्यादा वोट है। अगर ओबीसी वोट की करें तो 90 हजार से ज्यादा वोट ओबीसी वर्ग की हैं। ओबीसी वर्ग और खास तौर पर सैनी समुदाय के वोट बैंक की वजह से यह सीएम के लिए फेवरेट सीट मानी जा रही है। हालांकि पिछली बार 2019 में भाजपा के सैनी समुदाय से जुड़े पवन सैनी यहां से कांग्रेस के मेवा सिंह से 12,637 वोटों से चुनाव हार गए थे। राजनीतिक विशेषज्ञ DAV कॉलेज के प्राचार्य RP सैनी के अनुसार लाडवा को लेकर एक और बात अहम है। सीएम नायब सैनी कुरूक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं, जिसमें लाडवा भी आता है। उनके सांसद के रूप में किए गए कामों का यहां पर सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है, जिससे यह सीट उनके लिए सुरक्षित मानी जा रही है। 2. गोहाना: समुदाय और बैकवर्ड क्लास का प्रभाव गोहाना विधानसभा सीट सोनीपत जिले में है। गोहाना विधानसभा में 2 लाख से ज्यादा वोटर है। जिसमें करीब 50 हजार वोट जाट समाज से है। सैनी समाज से करीब 17 हजार के करीब वोट है। टोटल OBC वोट बैंक की बात करें तो 80 हजार वोट ओबीसी समाज की है। ओबीसी वोट बैंक के चलते ही 2019 राजकुमार सैनी ने इसी विधानसभा से चुनाव लड़ा था। उन्हें 35,379 वोट मिले थे। हाल

Dainik Bhaskar बृजभूषण के खिलाफ गवाही से पहले रेसलर्स की सिक्योरिटी हटाई:कोर्ट का दिल्ली पुलिस को आदेश- सुरक्षा दें; यौन शोषण केस में इन्हें आज गवाही देनी है

भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का मुकदमा करने वाली 3 महिला पहलवानों की सिक्योरिटी हटा लेने पर अदालत ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है। गुरुवार को महिला रेसलर्स ने दिल्ली की अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि शुक्रवार को एक पहलवान की कोर्ट में गवाही होनी है, लेकिन इस गवाही से एक दिन पहले दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा वापस ले ली। अदालत ने इस याचिका पर पहल के आधार पर सुनवाई की और दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि तीनों रेसलर्स को तुरंत सुरक्षा मुहैया कराई जाए। अदालत ने अंतरिम आदेश में यह भी कहा कि कोर्ट के अगले ऑर्डर तक महिला रेसलर्स की सुरक्षा न हटाई जाए। आज होनी है गवाही महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न से जुड़ा मामला दिल्ली कोर्ट में विचाराधीन है। विनेश फोगाट और उनकी चचेरी बहन संगीता समेत कई महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे, जिसके बाद बृजभूषण पर FIR दर्ज की गई थी। इसी केस में आज 23 अगस्त को एक महिला रेसलर की कोर्ट में गवाही होनी है। इस गवाही से एक दिन पहले, गुरुवार को केस की तीन मुख्य गवाहों और पीड़ित पहलवान ने दिल्ली की अदालत में याचिका दायर की। इसमें पहलवानों ने कहा कि उनकी गवाही से ठीक पहले दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा वापस ले ली है। विनेश ने उठाए सवाल, दिल्ली पुलिस का इनकार बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन की अगुआई करने वाली हरियाणा की पहलवान विनेश फोगाट ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट की। विनेश ने लिखा, 'जिन महिला पहलवानों की बृजभूषण के खिलाफ कोर्ट में गवाहियां होने वाली हैं, दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा हटा ली है।' मामला गरमाता देखकर दिल्ली पुलिस की ओर से सफाई दी गई और कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। 6 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई इस मामले में पिछली सुनवाई 6 अगस्त को हुई थी। उस दौरान भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज मामले में एक महिला पुलिसकर्मी का बयान दर्ज किया गया था। उसी दिन इस मामले की एक पीड़ित का बयान दर्ज होना था, लेकिन वह स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सकी। तब कोर्ट ने इस मामले की जांच से जुड़ी SI रश्मि के बयानों को दर्ज किया था। रश्मि का बृजभूषण शरण सिंह के वकील राजीव मोहन ने क्रॉस-एग्जामिनेशन किया। एडिशनल जुडिशियल मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने मामले की अगली सु

Dainik Bhaskar पंजाब के सरकारी कॉलेज अस्पतालों में OPD शुरू:सुप्रीम कोर्ट के आश्वासन के बाद लौटे डॉक्टर, काली पट्टी बांधकर जारी रखेंगे विरोध

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त की रात को महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के विरोध में पंजाब में 11 दिनों से चल रही हड़ताल आज खत्म हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के आश्वासन के बाद इसे खत्म की गई है। डॉक्टर्स ने उचित विचार-विमर्श कर आज अपने काम पर लौट आए हैं। लेकिन वे अपना हड़ताल जारी रखेंगे। आज यानी शुक्रवार को पीजीआई, पटियाला और अमृतसर सरकारी मेडिकल कॉलेज में ओपीडी और अन्य सुविधाएं आम दिनों की तरह बहाल कर दी गई हैं। लेकिन इस दौरान सभी डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर अपनी सेवाएं देंगे और अपना रोष प्रकट करेंगे। दो सप्ताह में राज्यों को उठाने हैं उचित कदम चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने गुरुवार कहा कि डॉक्टर काम पर लौट आएं। अस्पतालों की स्थिति वे जानते हैं। वे खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोए हैं, जब उनके परिवार का एक सदस्य बीमार था। CJI ने राज्य सरकारों को डॉक्टरों के लिए उचित सुरक्षा इंतजाम करने को कहा है। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश दिया गया कि वे राज्य के मुख्य सचिवों और DGP के साथ मिलकर डॉक्टर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह एक्सरसाइज 1 हफ्ते में पूरी करने के लिए कहा गया है। राज्य 2 हफ्ते के अंदर इसे लागू करेंगी। आश्वासन पर विश्वास कर डॉक्टर्स लौटने को तैयार रेजिडेंस डॉक्टर्स एसोसिएशन अमृतसर मेडिकल कॉलेज के एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी डॉ. समर्थ गुप्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आश्वासन के बाद डॉक्टर्स हड़ताल खत्म कर अपने काम पर लौट आए हैं। आज शुक्रवार से ओपीडी व अन्य सभी सुविधाएं आम दिनों की तरह चलेंगी। इससे पहले सिर्फ इमरजेंसी में ही मरीजों को देखा जा रहा था। ओपीडी व अन्य सुविधाओं को ठप कर दिया गया था। केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम लागू करने की उठाई मांग कोलकाता की घटना के बाद डॉक्टर मांग कर रहे हैं कि केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम लागू किया जाए। ताकि कोलकाता जैसी घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। वहीं घटना का शिकार बने डॉक्टर के आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग भी डॉक्टर्स उठा रहे हैं। फिलहाल कोलकाता घटना की जांच सीबीआई कर रही है।

Dainik Bhaskar केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:14 अगस्त को कोर्ट ने CBI को नोटिस जारी किया था, आज जवाब देगी एजेंसी

सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 23 अगस्त को शराब नीति केस से जुड़े CBI केस में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। 14 अगस्त को हुई मामले की पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देने से इनकार का दिया था। इस पर कोर्ट ने जांच एजेंसी को नोटिस जारी करके 23 अगस्त तक जवाब मांगा था। 14 अगस्त को CBI केस में केजरीवाल की एक और याचिका पर सुनवाई हुई थी। यह याचिका CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ थी। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 अगस्त को अरविंद केजरीवाल की CBI की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही जमानत याचिका के लिए निचली अदालत जाने को कहा था। शराब नीति केस में केजरीवाल के खिलाफ ED और CBI का केस चल रहा है। ED मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है। वहीं CBI केस में वह जेल में बंद हैं। CBI ने 26 जून को शराब नीति केस में भ्रष्टाचार के आरोपों पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। वे फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। केजरीवाल की जमानत याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां ने सुनवाई की। केजरीवाल की तरफ से एडवोकेट एएम सिंघवी कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट रूम LIVE: एएम सिंघवी: उन्हें (केजरीवाल) ईडी मामले में ट्रायल कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इसके बाद CBI केजरीवाल से पूछताछ करने आ जाती है। जस्टिस कांत: उस मामले में क्या हुआ जिसमें जमानत दी गई थी। सिंघवी: मामले की अंतिम सुनवाई चल रही है। इसे इंश्योरेंस अरेस्टिंग कहा जा सकता है। सिंघवी: हम CBI केस में अंतरिम जमानत के लिए आए हैं। उन्हें (केजरीवाल) स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। जस्टिस कांत- कोई अंतरिम जमानत नहीं दी जाती है। CBI को नोटिस जारी करते हैं। सिंघवी: अगली सुनवाई की तारीख अगले हफ्ते कर सकते हैं। जस्टिस कांत: 23 अगस्त को अगली सुनवाई होगी। केजरीवाल के वकील की दलील: मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में बेल मिल चुकी तो CBI केस में क्यों नहीं केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा- दिल्ली के मुख्यमंत्री को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 45 के सख्त प्रावधानों के बावजूद तीन बार जमानत मिल चुकी है। उन्होंने 10 मई और 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत आदेशों और 20 जून को PMLA मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए नियमित जमानत का भी हवाला दिया। सिंघवी ने कहा- ऐसे में

Dainik Bhaskar देश का मानसून ट्रैकर:त्रिपुरा में 12 लोगों की मौत, 65 हजार लोग राहत शिविरों में रह रहे; 22 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट

देश में कहीं तेज तो कहीं धीमी बारिश हो रही है। कई इलाकों में बारिश रुकने से गर्मी-उमस भी है। मौसम विभाग (IMD) ने 23 अगस्त (शुक्रवार) को 22 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में भारी बारिश का दौर जारी है। यहां बारिश के चलते 12 लोगों की मौत हो गई। 65 हजार से ज्यादा लोग 450 राहत शिविरों में रह रहे हैं। यहां NDRF, SDRF, BSF, असम राइफल्स, पुलिस और वॉलंटियर्स राहत-बचाव अभियान में लगे हैं। रेवेन्यू डिपार्टमेंट के सचिव बृजेश पांडे के मुताबिक, धलाई, खोवाई, दक्षिण त्रिपुरा, पश्चिम त्रिपुरा, उत्तर त्रिपुरा और उनाकोटी जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। दो हजार से ज्यादा जगहों पर लैंडस्लाइड हुई। 1952 सड़कें धंस गईं। इधर, मध्य प्रदेश में 24 और 25 अगस्त को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, समेत 31 जिलों के लिए भारी बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। राजस्थान में 24-26 अगस्त के दौरान कहीं-कहीं भारी से अतिभारी बारिश होने की संभावना है। बारिश की 3 फोटोज... 24 अगस्त को 10 राज्यों में 12 सेमी बारिश की संभावना

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:कोलकाता रेप केस, सुप्रीम कोर्ट बोला- 30 साल में ऐसी लापरवाही नहीं देखी; JK में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस में गठबंधन

नमस्कार, कल की बड़ी खबर कोलकाता रेप-मर्डर केस की रही, मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के डॉक्टर्स से हड़ताल खत्म करने की अपील की। एक खबर जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से जुड़ी रही, कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस(JKNC) ने साथ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. कोलकाता रेप केस: CBI ने कहा- सबूतों से छेड़छाड़ हुई, SC बोला- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को हुए ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। CBI ने कोर्ट में कहा कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। इस पर जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा, ‘कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है। जांच में ऐसी लापरवाही अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी।’ चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'हमें बहुत सारे ईमेल मिले हैं, जिनमें डॉक्टर्स ने कहा है कि उन पर बहुत ज्यादा दबाव है। 48 या 36 घंटे की ड्यूटी अच्छी नहीं है। ड्यूटी के घंटे तय होना जरूरी है। इसके लिए नेशनल टास्क फोर्स सुझाव देगी' हड़ताल खत्म करने की अपील: CJI ने डॉक्टर्स से काम पर लौटने की अपील की। उन्होंने कहा कि वापस आने के बाद आप पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। CJI ने सुनवाई के दौरान कहा, ’अस्पतालों की स्थिति जानता हूं। मैं खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार था।' इसके बाद AIIMS के डॉक्टर्स ने 11 दिन से चल रही हड़ताल खत्म कर दी। ममता की मोदी को चिट्ठी: पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी। ममता ने लिखा, 'मौजूदा डेटा बताता है कि देश में रोज 90 रेप हो रहे हैं। ज्यादातर मामलों में रेप पीड़ित की हत्या हो जाती है। यह ट्रेंड भयावह है। हमारा कर्तव्य है कि महिलाएं सुरक्षित महसूस करें। इसके लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार कड़ा कानून बनाए, जिसमें इस तरह के जघन्य अपराध करने वालों को कड़ी सजा का प्रावधान हो। ऐसे मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाना चाहिए। पीड़ित को जल्द न्याय मिले, इसके लिए जरूरी है कि ट्रायल 15 दिन में पूरा कर लिया जाए।' पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. बदलापुर यौन शोषण केस: हाईकोर्ट बोला- बच्चियों को भी नहीं बख्शा जा रहा, यह

Dainik Bhaskar देश में सितंबर से शुरू हो सकती है जनगणना:पूरी होने में 2 साल का वक्त लग सकता है; जातीय जनगणना को लेकर स्थिति साफ नहीं

देश में जातिगत जनगणना को लेकर बहस थमती नहीं दिख रही है। केंद्रीय स्तर पर भाजपा इसे लेकर विपक्ष पर हमलावर है, वहीं सरकार ने अभी कुछ भी साफ नहीं किया है। इस बीच खबरें हैं कि जनगणना सितंबर से शुरू हो सकती है। हालांकि सरकार की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। जनगणना में देरी के चलते सरकारी योजनाएं और नीतियां वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के हिसाब से बन रही हैं। इससे आर्थिक आंकड़े, मुद्रास्फीति और नौकरियों के अनुमानों सहित कई सांख्यिकीय सर्वेक्षणों की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। वर्ष 1881 से हर 10 साल के बाद होने वाली जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कोरोना के कारण सरकार इसे टालती रही है। जनगणना प्रक्रिया पूरी होने में कम से 2 साल लगेंगे। ऐसे में अगर सितंबर में भी जनगणना की प्रक्रिया शुरू हुई तो अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में आएंगे। इसलिए इस बार की जनगणना का डेटा सिर्फ 2031 तक सीमित रखना तार्किक नहीं होगा। जनगणना निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन और योजनाएं-नीतियां बनाने के लिए जरूरी शासन-प्रशासन के लिए जनगणना का बेसिक डेटा बहुत जरूरी है। जनगणना में जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर यह तय होता है की विधानसभाओं और लोकसभा में कितनी सीटें आरक्षित होंगी। जनगणना के आधार पर ही सरकार समाज कल्याण संबंधी नीतियां बनाती है। जनगणना के बाद ही संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन होगा। लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं के निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या 2026 तक बढ़-घट नहीं सकती। वर्ष 2021 की आबादी के हिसाब से निर्वाचन क्षेत्रों का नए सिरे से सीमांकन होना है। इसके हिसाब से सीटें बढ़ सकती हैं। बढ़ी सीटों पर महिलाओं के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में एक-तिहाई सीटें आरक्षित होनी हैं। जातियों की गिनती के लिए एक्ट में संशोधन करना होगा जनगणना एक्ट 1948 में एससी- एसटी की गणना का प्रावधान है। ओबीसी की गणना के लिए इसमें संशोधन करना होगा। इससे ओबीसी की 2,650 जातियों के आंकड़े सामने आएंगे। 2011 की जनगणना के अनुसार, मार्च 2023 तक 1,270 एससी, 748 एसटी जातियां हैं। 2011 में एससी आबादी 16.6% और एसटी 8.6% थी। सामाजिक-आर्थिक गणना के आंकड़े जारी ही नहीं हुए मनमोहन सिंह सरकार के दौरान 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जातिगत जनगणना करवाई गई थी। इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और गृह

Dainik Bhaskar ईमेल-सोशल मीडिया पोस्ट में गलत शब्द लिखना भी अपराध:बॉम्बे हाईकोर्ट बोला- इससे भी महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाती है

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार (21 अगस्त) को महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले मामले में सुनवाई की। जस्टिस एएस गडकरी और नीला गोखले की बेंच ने कहा कि ईमेल, सोशल मीडिया पर लिखे गए ऐसे शब्द जो किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचा सकते हैं तो वो आईपीसी की धारा 509 के तहत अपराध है। दरअसल, बेंच ने 2009 के मामले में सुनवाई की। केस में शिकायतकर्ता महिला है। उसने एक व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 509 के केस दर्ज कराया था। महिला का आरोप था कि साउथ मुंबई की एक सोसायटी में रहे के दौरान व्यक्ति ने उसके खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक ईमेल लिखे थे। मेरे चरित्र पर टिप्पणी की गई थी। और इन ईमेल को सोसायटी के दूसरे लोगों को भी भेजा गया था। महिला के दर्ज कराए केस को खारिज करने की मांग को लेकर व्यक्ति ने हाईकोर्ट का रुख किया था। उसकी दलील थी कि IPC की धारा 509 में बोले गए शब्द का मतलब केवल बोले गए शब्द होंगे न कि ईमेल या सोशल मीडिया पोस्ट आदि में लिखे गए शब्द। कोर्ट ने IPC की धारा 354 के तहत लगाए आरोप हटाए बेंच ने कहा कि ईमेल की सामग्री निस्संदेह अपमानजनक है और समाज की नजर में शिकायतकर्ता की छवि और प्रतिष्ठा को कम करने के उद्देश्य से है। अदालत ने मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया। हालांकि, बेंच ने IPC की धारा 354 (शील भंग करने के इरादे से किसी महिला पर हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना) के तहत व्यक्ति पर लगे आरोपों को हटा दिया। सुनवाई में बेंच की कही बातें

Dainik Bhaskar आर्मी जवानों ने ऊर्जा मंत्री का बंगला घेरा​​​​​​​:ग्वालियर में ट्रैफिक जवान पर मेजर से मारपीट का आरोप; सस्पेंड करने की मांग को लेकर प्रदर्शन

ग्वालियर में आर्मी के मेजर और ट्रैफिक जवान के बीच मारपीट हो गई। विवाद एक्सीडेंट को लेकर हुआ था। परिजन का आरोप है कि मेजर को पुलिस उठाकर ले गई। इसके बाद गुरुवार देर रात थाने पर हंगामा हो गया। शुक्रवार सुबह करीब 11.30 बजे आर्मी के जवान इकट्‌ठा होकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले पर पहुंच गए। यहां नारेबाजी की। मंत्री ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है। दरअसल, गुरुवार शाम करीब 8 बजे सीएम डॉ. मोहन यादव का काफिला MITS कॉलेज इंद्रमणि नगर चौराहे निकलने वाला था, जिसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी। इसी बीच, शताब्दीपुरम के रहने वाले आशीष चौहान अपनी पत्नी, बहन और दोस्त के साथ कार से जा रहे थे। आशीष मेजर हैं और वर्तमान में राजस्थान के जोधपुर में पदस्थ हैं। मेजर ने ट्रैफिक जवान की पिटाई कर दी इसी दौरान इनोवा कार ने मेजर की गाड़ी को टक्कर मार दी। वह गाड़ी लेकर भागने लगा। मेजर गाड़ी से उतरकर उसे पकड़ने के लिए दौड़े। वहां मौजूद ट्रैफिक जवान ने मेजर को रोका। इसी बात पर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। विवाद इतना बढ़ा कि मेजर ने ट्रैफिक जवान की पिटाई कर दी। हंगामा देख वहां से गुजर रही क्राइम ब्रांच पुलिस भी आ गई। मेजर को गाड़ी में बिठाकर गोला का मंदिर थाने ले गई। सूचना पर अफसर के परिजन समेत अन्य लोग रात में ही थाने पहुंच गए। उन्होंने ट्रैफिक पुलिसकर्मी पर केस दर्ज करने की मांग की। मेजर की पत्नी बोली- मारपीट कर पति को ले गए मेजर की पत्नी मीनाक्षी चौहान ने बताया, ‘वह और उनके पति जब वहां से गुजर रहे थे। उस समय सीएम का काफिला नहीं निकल रहा था। ट्रैफिक पुलिस कर्मी ने पति से बेवजह विवाद किया था। विरोध करने पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने उनके साथ मारपीट की। क्राइम ब्रांच पुलिस पति को जबरन गाड़ी में बैठ कर ले गई। जब रोकने की कोशिश की, तो पुलिस ने उनके साथ बदतमीजी कर धक्कामुक्की की। ये भी नहीं बताया कि पति को कहां ले जा रहे हैं।’ CSP बोले- जांच के बाद करेंगे कार्रवाई सीएससी नागेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया, ‘ट्रैफिक पुलिसकर्मी और आर्मी के मेजर का विवाद हो गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया है। मामले की जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने होटल में मेजर के परिजन और एसपी को बुलाया आर्मी के जवानों के प्रदर्शन के बाद मं

Dainik Bhaskar विनेश का दावा-पुलिस ने महिला पहलवानों की सुरक्षा हटाई:यौन शोषण केस में बृजभूषण सिंह के खिलाफ कल कोर्ट में गवाही देनी है; दिल्ली पुलिस का इनकार

हरियाणा की पहलवान विनेश फोगाट ने गुरुवार, 22 अगस्त को आरोप लगाया कि WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण ​​​​​​सिंह के खिलाफ गवाही देने वाले महिला पहलवानों की सुरक्षा हटा दी गई है। विनेश ने X पर लिखा, 'जिन महिला पहलवानों की बृजभूषण के खिलाफ कोर्ट में गवाहियां होने वाली हैं, दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा हटा ली है।' उधर, दिल्ली पुलिस ने विनेश के इन आरोपों से इनकार किया है। विनेश और उनकी चचेरी बहन संगीता फोगाट समेत कई अन्य पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होनी है। दरअसल, 3 महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस पर उनकी सुरक्षा वापस लेने का आरोप लगाते हुए दिल्ली कोर्ट का रुख किया। उनमें से एक पहलवान कल अदालत में गवाही देगी। इस मामले का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने अगले आदेश तक पहलवानों को सुरक्षा प्रदान करने का अंतरिम आदेश पारित किया है। बालिग पहलवानों के केस में इन धाराओं में चार्जशीट दिल्ली पुलिस ने 6 बालिग पहलवानों के केस में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354, 354-A और D के तहत चार्जशीट दाखिल की है। विनोद तोमर के खिलाफ धारा 109, 354, 354 (A), 506 के तहत चार्जशीट दायर की गई है। बालिग पहलवानों केस की चार्जशीट की 5 अहम बातें 1. पुलिस ने पहलवानों के CrPC की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के आगे दिए बयान को चार्जशीट का प्रमुख आधार माना है। 2. बालिग पहलवानों ने जिस जगह पर उनके साथ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, वहां आरोपियों की मौजूदगी के सबूत मिले हैं। 3. पहलवानों ने पुलिस को जांच के दौरान सबूत के तौर पर 5 फोटो सौंपी हैं। इसके अलावा और भी डिजिटल सबूत दिए गए, उन्हें पेन ड्राइव में कोर्ट को सौंपा गया है। 4. चार्जशीट में करीब 25 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। 7 गवाहों ने पीड़ित बालिग पहलवानों के आरोपों का सपोर्ट किया है। बाकी आरोपियों के पक्ष में बोले हैं। ट्रायल के दौरान इनका क्रॉस एग्जामिनेशन होगा। 5. पुलिस ने कजाकिस्तान, मंगोलिया और इंडोनेशिया के कुश्ती संघों से उन जगहों की CCTV फुटेज और फोटो देने को कहा है, जहां महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। अभी ये नहीं मिले हैं। इनके मिलने पर पुलिस केस में सप्लीमेंट्री चालान पेश करेगी।

Dainik Bhaskar कोलकाता रेप-मर्डर केस, ममता की मोदी को चिट्ठी:रोज 90 रेप केस हो रहे, सख्त कानून बनाएं; आरजी कर हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल का पॉलीग्राफ टेस्ट होगा

कोलकाता रेप-मर्डर केस में अब गुरुवार (22 अगस्त) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। ममता ने पीएम को लिखा कि देश में रोज दुष्कर्म के 90 मामले सामने आते हैं। इसे रोकने के लिए सख्त कानून बनना चाहिए। इस बीच, सियालदह कोर्ट ने CBI को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट करने की अनुमति दे दी है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर हो गया था। पुलिस ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को अरेस्ट किया है। इसके लेकर देशभर के डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं। ममता ने पीएम को लिखा- महिलाएं सुरक्षित महसूस करें पश्चिम बंगाल की सीएम ने मोदी को लिखा- मौजूदा डेटा बताता है कि देश में रोज 90 रेप केस हो रहे हैं। ज्यादातर मामलों में रेप पीड़ित की हत्या हो जाती है। यह ट्रेंड भयावह है। यह समाज और देश के आत्मविश्वास और विवेक को झकझोरता देता है। यह हमारा कर्तव्य है कि महिलाएं सुरक्षित महसूस करें। इसके लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार एक कड़ा कानून बनाए, जिसमें इस तरह के जघन्य अपराध करने वाले को कड़ी सजा का प्रावधान हो। ऐसे मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाना चाहिए। पीड़ित को जल्द न्याय मिल सके, इसके लिए जरूरी है कि ट्रायल 15 दिन में पूरा कर लिया जाना चाहिए। ये खबर भी पढ़ें... कोलकाता रेप-मर्डर केस, CBI ने कहा- सबूतों से छेड़छाड़ हुई:सुप्रीम कोर्ट बोला- 30 साल में ऐसी लापरवाही नहीं देखी; पुलिस की भूमिका पर भी संदेह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 9 अगस्त को हुए ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में आज (22 अगस्त) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसके बाद AIIMS के डॉक्टरों ने 11 दिन से चल रही हड़ताल खत्म कर दी है। इससे पहले CJI ने कहा था कि डॉक्टर काम पर लौट आएं। अस्पतालों की स्थिति जानता हूं। मैं खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार था। वापस आने के बाद आप पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें...

Dainik Bhaskar मोहम्मद जुबैर को जिहादी कहने वाले को हाईकोर्ट का आदेश:ट्विटर हैंडल पर माफी मांगें और दो महीने तक इसे डिलीट न करें

अल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को ट्विटर पर जिहादी कहने वाले एक शख्स को दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि वह अपने ट्विटर हैंडल पर माफीनामा पोस्ट करें। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि यह पोस्ट दो महीने तक ट्विटर अकाउंट पर रहना चाहिए। इस व्यक्ति ने 2020 में जुबैर को जिहादी कहा था। जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने यह टिप्पणी 2020 के एक POCSO केस को खारिज करने के लिए लगाई गई याचिका की सुनवाई के दौरान दी। साथ ही कोर्ट ने मामले में जुबैर को क्लीन चिट दे दी है। कोर्ट का आदेश- एक हफ्ते के अंदर माफीनामा पोस्ट करें आदेश के मुताबिक जगदीश सिंह नाम के इस व्यक्ति को यह ट्वीट एक हफ्ते के अंदर करना होगा। इसमें लिखना होगा- मैं ऊपर किया कमेंट करने पर पछतावा महसूस कर रहा हूं। यह कमेंट मैंने किसी दुर्भावना या जुबैर को दुख पहुंचाने के इरादे से नहीं किया था। जगदीश सिंह के वकील ने कोर्ट को बताया कि जगदीश अपने ट्विटर हैंडल पर माफीनामा पोस्ट करने को राजी है। इस पर कोर्ट ने जगदीश सिंह के वकील से कहा कि जगदीश अपने पिछले ट्वीट का हवाला देते हुए माफीनामा पोस्ट करें। इसके साथ कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने यह भी कहा कि जगदीश सिंह ट्रायल कोर्ट में कानूनी उपाय अपना सकते हैं, जहां मामला अभी पेंडिंग है। क्या था पूरा मामला 2020 में जगदीश सिंह ने मोहम्मद जुबैर को लेकर ट्वीट किया था। इसमें उसने कहा था- वन्स ए जिहादी इज ऑलवेज जिहादी (जिहादी हमेशा जिहादी ही रहता है)। इसे लेकर जुबैर ने जगदीश सिंह के डिस्प्ले पिक्चर को रिट्वीट करते हुए उसे ट्रोल कहा था। डिस्प्ले पिक्चर में जगदीश सिंह की पोती की तस्वीर थी, जिसे जुबैर ने ब्लर कर दिया था। तस्वीर के साथ जुबैर ने ट्वीट किया था- हेलो जगदीश सिंह, क्या तुम्हारी प्यारी पोती ये जानती है कि तुम सोशल मीडिया पर लोगों को ट्रोल करने की पार्ट टाइम नौकरी करते हो? मेरा सुझाव है कि तुम प्रोफाइल पिक बदल लो। जुबैर के ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस ने POCSO एक्ट के कुछ प्रावधानों, इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी एक्ट और इंडियन पीनल कोड के तहत FIR दर्ज की। जुबैर पर आरोप लगाया गया कि उसने ट्विटर पर नाबालिग लड़की को डराया और परेशान किया है। बाद में पुलिस ने हाईकोर्ट में एक एफिडेविट दाखिल कर कहा कि उसने चार्जशीट में जुबैर का नाम नहीं लिखा है क्योंकि उसके खिलाफ किसी अपराध का सबूत नहीं मि

Dainik Bhaskar वक्फ बिल पर 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक:अध्यक्ष जगदंबिका बोले- सभी 44 बदलावों पर चर्चा करेंगे, हर हिस्सेदार की बात सुनी जाएगी

वक्फ बिल पर गुरुवार (22 अगस्त) को पहली बार 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक हुई। इसमें समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि बिल पर विचार करने के दौरान सभी 44 बदलावों (अमेंडमेंट्स) पर चर्चा होगी। साथ ही सभी हिस्सेदारों की बात सुनी जाएगी। मुस्लिम जानकारों से भी राय ली जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालय के अधिकारी ने समिति को ड्राफ्ट कानून में जो बदलाव किये गए है, उसके बारे में बताया। JPC को वक्फ बिल की जांच का काम सौंपा है। संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के JPC को भेज दिया गया था। JPC में लोकसभा से 21 सदस्य- भाजपा के 7, कांग्रेस के 3 सांसद 1. जगदंबिका पाल (भाजपा) 2. निशिकांत दुबे (भाजपा) 3. तेजस्वी सूर्या (भाजपा) 4. अपराजिता सारंगी (भाजपा) 5. संजय जायसवाल (भाजपा) 6. दिलीप सैकिया (भाजपा) 7. अभिजीत गंगोपाध्याय (भाजपा) 8. श्रीमती डीके अरुणा (YSRCP) 9. गौरव गोगोई (कांग्रेस) 10. इमरान मसूद (कांग्रेस) 11. मोहम्मद जावेद (कांग्रेस) 12. मौलाना मोहिबुल्ला (सपा) 13. कल्याण बनर्जी (TMC) 14. ए राजा (DMK) 15. एलएस देवरायलु (TDP) 16. दिनेश्वर कामत (JDU) 17. अरविंत सावंत (शिवसेना, उद्धव गुट) 18. सुरेश गोपीनाथ (NCP, शरद पवार) 19. नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना, शिंदे गुट) 20. अरुण भारती (LJP-R) 21. असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM) JPC में राज्यसभ से 10 सदस्य- भाजपा के 4, कांग्रेस का एक सांसद 1. बृज लाल (भाजपा) 2. डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी (भाजपा) 3. गुलाम अली (भाजपा) 4. डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (भाजपा) 5. सैयद नसीर हुसैन (कांग्रेस) 6. मोहम्मद नदीम उल हक (TMC) 7. वी विजयसाई रेड्डी (YSRCP) 8. एम मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK) 9. संजय सिंह (AAP) 10. डॉ. धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े (राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत) ये खबर भी पढ़ें... वक्फ बोर्ड के पास 3 दिल्ली जितनी जमीन:मुस्लिम संस्था के पास कहां से आई इतनी संपत्ति; मोदी सरकार कैसे घटा रही इसकी ताकत 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया। इस बिल के सदन में पेश होते ही देश की सबसे बड़