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Dainik Bhaskar वाराणसी से मुंबई जा रही फ्लाइट में यात्री की मौत:कुर्सी से गिरे और चंद मिनट में दम तोड़ा, भोपाल में इमरजेंसी लैंडिंग

वाराणसी से मुंबई जा रही अकासा एयरलाइंस की फ्लाइट में यात्री की तबीयत बिगड़ गई। सीट से गिर पड़े और बेहोश हो गए। इसके बाद भोपाल एयरपोर्ट पर फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। आनन-फानन में यात्री को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। भोपाल एयरपोर्ट के डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने बताया- मृतक की पहचान वाराणसी के दशरथ गिरि (82) के रूप में हुई है। उनका परिवार मुंबई में रहता है। वह इलाज के लिए मुंबई जा रहे थे। आशंका है कि उनको हार्ट अटैक आया था। सुबह 9.50 बजे उड़ान भरी फ्लाइट आकासा एयरलाइंस के अनुसार, अकासा एयरलाइंस के विमान (QC 1492) वाराणसी से मुंबई के लिए सुबह 9.50 बजे उड़ान भरी थी। शेड्यूल के हिसाब से दोपहर 12.50 बजे मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड करना था, लेकिन विमान में सवार यात्री की अचानक तबीयत बिगड़ गई। सीने में दर्द हुआ, कुर्सी से गिरे यात्री के सीने में दर्द हुआ। इसके बाद वह अपनी कुर्सी से गिर पड़े। उनकी हालत देखकर फ्लाइट में हड़कंप मच गया। विमान के क्रू स्टाफ ने ATC से संपर्क किया। स्थिति के बारे में बताया और भोपाल एयरपोर्ट पर विमान को लैंड कराने की अनुमति मांगी। भोपाल एयरपोर्ट के डायरेक्टर ने बताया कि इमरजेंसी को देखते हुए तत्काल विमान को भोपाल में लैंडिंग की अनुमति दी गई। फ्लाइट में कुल 183 पैसेंजर्स मौजूद थे। 11:30 बजे भोपाल में हुई इमरजेंसी लैंडिंग ​​​​​भोपाल एयरपोर्ट पर फ्लाइट की 11:30 बजे इमरजेंसी लैंडिंग हुई। मरीज को हमीदिया अस्पताल भेजा गया। वहां डॉक्टरों ने यात्री को मृत घोषित कर दिया। ये भी पढ़ें.. घाघरा में समा रहे घर, बांध पर कट रही जिंदगी:सीतापुर-बाराबंकी में 34 साल में 12 गांव मिट गए, 10 हजार की आबादी संकट में सीतापुर-बाराबंकी बॉर्डर पर अखरी, अमरौरा, अटौरा गांव हैं। ये सभी घाघरा नदी के किनारे बसे हैं। हर साल नदी का पानी बढ़ता है, कटान तेज होती है और घर नदी में हमेशा के लिए समा जाते हैं। 34 साल में नदी में 12 से अधिक गांव समा गए हैं। नदी गांवों से 4 किलोमीटर दूर थी, लेकिन अब गांव के करीब से बह रही है। पढ़ें पूरी खबर

Dainik Bhaskar मोदी के कार्यक्रम में अतिथि बने एमपी के सरपंच, दीदी:किसी ने दिल्ली बुलाने पर मोदी का आभार माना तो कोई बोला, पीएम की योजनाओं से आए बदलाव

दिल्ली में हुए स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में मध्य प्रदेश से 10 महिला सरपंचों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, 52 लखपति दीदी व ड्रोन दीदी को बुलाया गया। लाल किले की प्राचीर से पीएम नरेंद्र मोदी का संबोधन सुनने और स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के अतिथि के रूप में सम्मान पाकर इन महिलाओं ने पीएम मोदी का आभार माना है। ड्रोन दीदी भगवती अहिरवार ने कहा कि ड्रोन से खेती की दशा में काफी सुधार हुआ है तो सत्येंद्र परस्ते ने प्रधानमंत्री वन धन योजना से आदिवासियों की जीवन में बदलाव आने की बात कही। लाल किले से पीएम मोदी का भाषण सुनने की मंशा पूरी धार जिले की आंगनवाडी कार्यकर्ता आशा जैन को अतिथि के रूप में बुलाया गया था। इनका कहना है कि लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण को सुनने के लिए आतुर थी और यह मंशा आज पूरी हो गई। धार जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित गंधवानी में रहने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आशा ने बताया कि वह पिछले 30 वर्षों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। पीएम मोदी ने विशेष अतिथि के रूप में बुलाया, सौभाग्य की बात-भगवती दतिया जिले के बसई की निवासी ड्रोन दीदी भगवती अहिरवार का कहना है कि ड्रोन के आने से खेती किसानी की दिशा में काफी कुछ बदलाव देखने को मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में बुलाया है, यह उनके लिए सौभाग्य की बात है। वह इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देती हैं। आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद सकारात्मक बदलाव आए-त्रिवेणी सीहोर जिले के सिद्धीगंज निवासी लखपति दीदी त्रिवेणी शर्मा को भी 15 अगस्त को दिल्ली में होनेवाले स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद उनकी जिंदगी में बहुत सारे सकारात्मक बदलाव आए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दिल्ली बुलाया, इससे वह बेहद खुश हैं। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। वन धन योजना ने बदली आदिवासियों की किस्मत-परस्ते भोपाल के सत्येंद्र परस्ते प्रधानमंत्री वन धन योजना के लिए काम करते हैं। उन्हें भी 15 अगस्त को दिल्ली में होने वाले स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में आने का न्यौता मिला। परस्ते का कहना है कि प्रधानमंत्री वन धन योजना से आदिवासी लोगों के ज

Dainik Bhaskar CJI बोले- स्वतंत्रता कितनी कीमती है, बांग्लादेश को देख लें:आजादी को हल्के में नहीं लिया जा सकता; ये कितनी जरूरी, इतिहास से समझें

दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस के एक कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बांग्लादेश में जो हो रहा है। वह इस बात की याद दिलाता है कि स्वतंत्रता हमारे लिए कितनी कीमती है। CJI ने कहा- हमने 1950 में संविधान को अपनाया और इसका अनुसरण किया। यही वजह है कि स्वतंत्रता में किसी प्रकार का दखल नहीं है। स्वतंत्रता या आजादी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। ये कितनी महत्वूपर्ण है, अतीत की कहानियों से समझा जा सकता है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि, आज का दिन हमें संविधान के सभी मूल्यों को साकार करने और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की याद दिलाता है। सीजेआई बोले- आजादी की लड़ाई में वकालत छोड़ने वालों को सलाम CJI ने कहा- आजादी की लड़ाई में देश ने क्या झेला। उस वक्त संविधान और कानून की क्या स्थिति थी। सभी जानते हैं। हमें उन स्वतंत्रता सेनानियों को सलाम करना चाहिए। जिन्होंने आजादी के संघर्ष में शामिल होने के लिए वकालत तक छोड़ दी। बाबासाहेब अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, गोविंद वल्लभ पंत, देवी प्रसाद खेतान, सर सैयद मोहम्मद सादुल्लाह जैसे कई महापुरुषों ने खुद को राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया था। ये सभी भारत की आजादी के नायक थे बल्कि एक स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना में भी सहयोग किया। चंद्रचूड़ बोले- कोर्ट का काम आम आदमी के संघर्ष जैसा चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कोर्ट के मौजूदा प्रोसेस पर भी बात की। सीजेआई ने कहा- पिछले 24 सालों में एक जस्टिस के रूप में मैं अपने दिल पर हाथ रखकर कह सकता हूं कि कोर्ट का काम उतना ही संघर्ष भरा है जितनी एक आम आदमी की जिंदगी। कोर्ट में सभी धर्म, जाति, लिंग, गांव और शहरों के लोग आते हैं। इन सभी को चुनिंदा संसाधनों में और दायरे में रहकर न्याय दिलाना होता है। यह उतना आसान काम नहीं है। ये खबर भी पढ़ें... CJI बोले- SC के जजों के पास सातों दिन काम: 5 दिन 50 केसों की सुनवाई, फिर फैसला लिखवाते चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने जजों की छुट्टी और पेंडिंग केस की गति को लेकर कहा- सुप्रीम कोर्ट के जज सातों दिन काम करते हैं। सोमवार से शुक्रवार तक 40-50 मामले निपटाते हैं, शनिवार को छोटे केसेस पर सुनवाई होती है। इसी दिन सुरक्षित रखे गए फैसलों को लिखवाया जाता है। रविवार को सोमवार के केस पढ़े जाते हैं। पढ़ें पू

Dainik Bhaskar कांग्रेस अध्यक्ष बोले- कुछ लोग भाईचारा नष्ट करना चाहते हैं:पार्टी ऑफिस में फहराया तिरंगा; कहा- संविधान की रक्षा के लिए बलिदान देने तैयार रहें

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को पार्टी ऑफिस में तिरंगा फहराया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें जबरन अपने विचार थोपकर हमारे भाईचारे को नष्ट करने की कोशिश कर रही हैं। हमें संविधान की रक्षा के लिए बलिदान देने के लिए तैयार रहना होगा। खड़गे ने यह भी कहा कि यह चिंता की बात है कि संवैधानिक और ऑटोनॉमस संस्थाओं को सरकार ने कठपुतलियों में बदल दिया है। लोकतंत्र और संविधान 140 करोड़ भारतीयों की सबसे बड़ी ढाल हैं और हम अपनी आखिरी सांस तक उनकी रक्षा करेंगे। विपक्ष लाेकतंत्र के लिए ऑक्सीज की तरह- खड़गे विपक्ष लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन की तरह है। सरकार के असंवैधानिक रवैये को रोकने के साथ-साथ यह जनता के मुद्दों को भी उठाता है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सपना विविधता में एकता बनाए रखना था। लेकिन कुछ ताकतें जबरन अपने विचार देश पर थोपकर हमारे भाईचारे को खत्म करने की कोशिश कर रही हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि हम सभी संविधान में अभिव्यक्ति, जीवन, खान-पान, पहनावे, पूजा-पाठ के तरीकों और कहीं भी आने-जाने की आजादी के बारे में अलर्ट रहें। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर मैं सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी, भ्रष्टाचार और असमानता के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। संविधान की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देने के लिए तैयार रहें। यही हमारे पूर्वजों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। राहुल गांधी ने कहा- लोकतंत्र हमारा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता एक सुरक्षा कवच है, जो संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों में समाया हुआ है। हमारे लिए, स्वतंत्रता केवल एक शब्द नहीं है - यह संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों में बुना हुआ हमारा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। यह अभिव्यक्ति की शक्ति है, सच बोलने की क्षमता है और सपनों को पूरा करने की उम्मीद है। स्वतंत्रता दिवस पर हुए अन्य आयोजन... जेपी नड्‌डा ने अपने घर पर तिरंगा फहराया​​​​​​​ कैलाश गहलोत ने छत्रसाल स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया

Dainik Bhaskar पंजाब-हरियाणा में आज किसानों का ट्रैक्टर मार्च:MSP की कानूनी गारंटी की मांग, महीनों से प्रदर्शन जारी

फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर पिछले छह महीने से केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसान संगठन गुरुवार को पंजाब और हरियाणा समेत देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व विभिन्न जिलों में किसान नेता करेंगे। इसके लिए किसान नेताओं की ड्यूटियां लगा दी गई हैं। मार्च में किसान ट्रैक्टरों पर राष्ट्रीय ध्वज और किसानी झंडे दोनों लगाकर निकलेंगे। वहीं, पुलिस भी पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। शंभू बॉर्डर पर 11 बजे से शुरू होगा मार्च 13 फरवरी को फसलों के लिए एमएसपी की मांग को लेकर किसान दिल्ली के लिए निकले थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर ही रोक दिया। तब से किसान वहीं बैठे हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किसान शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। सुबह 11 बजे वहां से मार्च शुरू होगा। इसके बाद मार्च ऊंचा दर बाबे नानक दा से वापस आकर शंभू धरना स्थल पर समाप्त होगा। वाघा बॉर्डर से अमृतसर तक निकालेंगे मार्च किसान नेता सरवन सिंह पंधेर अमृतसर में रहेंगे । वह वाघा बॉर्डर से अमृतसर तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और तीनों आपराधिक कानूनों की प्रतियां जलाएंगे। जबकि किसान सुरजीत सिंह फूल भगता मंडी, मनजीत सिंह रॉय होशियारपुर में मौजूद रहेंगे। सुखविंदर कौर मोर मंडी, सुखविंदर सिंह गिल जीरा तहसील और फिर डीसी ऑफिस फिरोजपुर। बलदेव सिंह जीरा की तरफ से जीरा में मोर्चा संभाला जाएगा। SC ने आंशिक रूप से रास्ता खोलने को कहा हरियाणा सरकार की तरफ से रास्ते बंद किए जाने के बाद से किसान शंभू बॉर्डर पर पंजाब साइड में पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हैं। किसानों का कहना है जब रास्ता खुलेगा तो दिल्ली जाएंगे। वहीं, रोड बंद होने की वजह से लोगों को दिक्कत आ रही है। इसके बाद लोगों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली थी। अदालत ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने का आदेश दिया था। लेकिन सरकार इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गत सुनवाई पर हरियाणा और पंजाब सरकार को आंशिक रूप से जरूरी वाहनों के लिए रास्ता खोलने के आदेश दिए थे। वहीं, इस मामले में अब अगली सुनवाई 22 अगस्त तय की गई है।

Dainik Bhaskar मोदी के सिर पर राजस्थानी लहरिया पगड़ी:सफेद कुर्ता-चूड़ीदार और आसमानी बंद गला जैकेट; देखें 11 साल में मोदी का अटायर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर रिकॉर्ड 11वीं बार लालकिले पर तिरंगा फहराया। बतौर प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद वे तीसरे ऐसे शख्स हैं। आज स्वतंत्रता दिवस प्रोग्राम में पीएम मोदी ने सफेद कुर्ता-चूड़ीदार और लाइट ब्लू कलर का बंदगला हॉफ जैकेट के साथ राजस्थानी लहरिया पगड़ी पहनकर देश को संबोधित किया। सबसे ज्यादा चर्चा में पीएम मोदी की पगड़ी रही। उन्होंने वाइब्रेंट लहरिया प्रिंट पगड़ी पहनी। नारंगी रंग की पगड़ी में पीला और हरे रंग का कॉम्बिनेशन देखने को मिला। पीएम मोदी ने अपने पहले स्वतंत्रता दिवस में भी राजस्थानी पगड़ी पहनी थी। लहरिया प्रिंट पगड़ी की कहानी लहरिया प्रिंट की कहानी राजस्थान की रेत से जुड़ी हुई है। राजस्थान के पश्चिमी इलाकों के रेगिस्तानी रेत पर बहने वाली हवा से डायगोनल पैटर्न (लहर) बन जाते हैं। लहरिया प्रिंट इन्हीं पैटर्न से प्रेरित माना जाता है। यह एक पारंपरिक कपड़ा टाई एंड डाई प्रिंट टेक्नीक है, जिसमें खूबसूरत रंगों का कॉम्बिनेशन होता है। लहरिया डिजाइन बनाने के लिए सबसे पहले कपड़े को धागे से बांधा जाता है और फिर उस पर प्रिंट किया जाता है। लहरिया प्रिंट का फैशन आज से नहीं बल्कि 18वीं सदी से है। राजस्थान में पगड़ी पहनना रिवाज है जो सदियों से चला आ रहा है। प्रधानमंत्री के पिछले 11 साल का लुक देखें... 2024: राजस्थानी लहरिया प्रिंट पगड़ी 2023: वी नेक जैकेट और राजस्थानी पगड़ी 2022: नेहरू जैकेट और तिरंगा पगड़ी 2021: केसरिया पगड़ी के साथ लाल बॉर्डर दुपट्टा 2020: पीएम की आकर्षक केसरिया और क्रीमपगड़ी 2019: भारतीय विरासत की स्तुति 2018: केसरिया और लाल साफा 2017: लाल-पीली पगड़ी 2016: टाई-डाई पगड़ी 2015: क्रिस-क्रॉस राजस्थानी स्टाइल पगड़ी 2014: पारंपरिक राजस्थानी पगड़ी

Dainik Bhaskar स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर गेस्ट पहुंचे ओलिंपिक खिलाड़ी:लाल किले से वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने फूल बरसाए; फोटोज में देखिए टॉप मोमेंट्स

देश का 78 वां स्वतंत्रता दिवस का मुख्य आयोजन दिल्ली के लाल किला परिसर में आयोजित किया गया है। इस समारोह में हाल ही में संपन्न हुए पेरिस ओलिंपिक में भारतीय टीम का हिस्सा रहे खिलाड़ी बतौर गेस्ट पहुंचे हैं। इसके अलावा सरकार की तरफ से करीब 6 हजार से ज्यादा स्पेशल गेस्ट को भी आमंत्रित किया गया है। इनमें किसान, युवा, महिलाएं और आदिवासी शामिल हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सफेद कुर्ता-पायजामा के साथ नीले नेहरू जैकेट और राजस्थान की लहरिया पगड़ी पहनकर कार्यक्रम में शामिल हुए। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी सफेद कुर्ता पायजामा पहनकर कार्यक्रम स्थल पर नजर आए। देखिए 78वें स्वतंत्रता दिवस के मुख्य आयोजन के टॉप फोटोज...

Dainik Bhaskar शिकार हुए हिरणों की साधु-संत की तरह दी समाधि:टेंट लगाकर शोकसभा, हलवे-चने का भोग, ग्रामीण बोले- बच्चों की तरह पाला था, बनाएंगे स्मारक

बाड़मेर का लीलसर गांव...कभी 500 से 700 हिरणों से आबाद था। हिरण झुंड बनाकर बेखौफ रहते थे। गांव के लोग उन्हें बच्चों से भी ज्यादा दुलार देते थे, लेकिन शिकारियों ने सब कुछ तबाह कर दिया। दो दिन पहले जब एक साथ सात हिरणों के अवशेष और उनके शव देखे तो ग्रामीण भड़क गए। दो दिन तक धरने पर बैठे रहे और खुलासा हुआ कि इन हिरणों का शिकार कर इनके मांस को राजस्थान की होटलों में बेचा जा रहा था। 7 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। इस घटना के बाद भास्कर रिपोर्टर लीलसर गांव पहुंचा। जहां हिरणों का बेरहमी से शिकार किया गया था, वहां ग्रामीण टेंट लगाकर शोक सभा कर रहे थे। एक तरफ कड़ाही पर हलवा और चने की सब्जी बन रही थी। पूछने पर ग्रामीणों ने बताया- जिन हिरणों का शिकार किया गया, उन्हें हम साधु-संतों की तरह अंतिम विदाई दे रहे हैं। उनके लिए समाधि बनाई जाएगी। थोड़ी ही देर में वहां मौजूद लोगों ने शिकार हुए हिरणों के लिए स्मारक बनाने की घोषणा की और चंद मिनटों में लाखों रुपए का चंदा भी पहुंच गया। पढि़ए- ये विशेष रिपोर्ट… बाड़मेर से करीब 56 किलोमीटर दूर लीलसर गांव से महज 1 किलोमीटर दूर शेरपुरा गांव में हिरणों का शिकार किया गया था। यहीं पर लगे एक बड़े पंडाल में गांव के महंत पूर्णनाथ सहित लोगों की भीड़ इकट्ठा थी। महंत पूर्णनाथ ने बताया- धर्म के अनुसार इनकी समाधि होती है। जैसे साधु-संतों को समाधि देते हैं, वैसे ही मृत हिरणों को उनके शिकार वाली जगह पर ही समाधि दी गई है। हिंदू धर्म के अनुसार सारे विधि-विधान कर मंत्रोच्चार के साथ इन्हें अंतिम विदाई दी गई। इससे पहले धोरीमन्ना हॉस्पिटल में हिरणों का पोस्टमाॅर्टम करने के बाद सभी को लीलसर शेरपुरा रोड पर नाड़ी के पास लाया गया था। 4 हजार गांव की आबादी के लिए बनाए हलवा-चने, 10 लाख का चंदा किया गांव के लोगों ने बताया कि हिरणों के प्रति उनका जुड़ाव काफी गहरा रहा है, इसलिए जब समाधि बनाने की बात आई तो यह निर्णय लिया गया कि लीलसर गांव की ओर से महाप्रसादी रखी जाएगी। जैसा-सामान्य तौर पर होता है कि अंतिम संस्कार के बाद जब कोई लौटता है तो उसके लिए गांव के लोग खाना बनाते हैं। इसी तरह गांव की ओर से प्रसादी बनाई गई है। गांव की आबादी करीब 4 हजार की है। प्रसादी के लिए पूरे गांव ने चंदा किया। जैसे ही हिरणों का स्मारक बनाने की घोषणा की गई, चंद घंटों में 10 लाख रुपए इकट्‌ठा हाे गए। ग्रा

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:IIT बॉम्बे की स्टूडेंट बॉडी का दावा- कैंटीन में नॉन-वेज खाने पर बैन लगाया गया

एक स्टूडेंट एसोसिएशन ने दावा किया है कि IIT बॉम्बे की एक कैंटीन में नॉन-वेज खाना खाने पर प्रतिबंधन लगा दिया गया है। IIT बॉम्बे परिसर में कई कैंटीन हैं। अंबेडकर पेरियार फुले स्टडी सर्कल (APPSC) नाम के एक वामपंथी संगठन ने X पर एक पोस्ट में दावा किया कि 'अमूल कैंटीन' के डाइनिंग एरिया में मांसाहारी भोजन की अनुमति नहीं है। APPSC ने अपने पोस्ट में कहा कि शुद्ध-शाकाहारी विचारधारा के समर्थक फिर से सक्रिय हो गए हैं। इस कैंटीन के पास एक ठीकठाक डाइनिंग एरिया भी नहीं है, फिर भी वे 'शुद्ध-शाकाहारी' के नाम पर और ज्यादा जगह बनाने के लिए परेशान हैं। संगठन ने एक नोटिस की तस्वीर भी पोस्ट की, जिसमें लिखा था, "अमूल कैंटीन एक शुद्ध-शाकाहारी भोजनालय है। कैंटीन के डाइनिंग एरिया में मांसाहारी सामान लाना सख्त मना है।" इसे लेकर IIT बॉम्बे की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। आज की अन्य प्रमुख खबरें... 1984 बैच के IAS अफसर गोविंद मोहन केंद्रीय गृह सचिव नियुक्त, अजय कुमार भल्ला की जगह लेंगे कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने बुधवार (14 अगस्त) को IAS अधिकारी गोविंद मोहन को अगला केंद्रीय गृह सचिव नियुक्त किया। मोहन अगले महीने 59 साल के हो जाएंगे, वे वर्तमान गृह सचिव अजय कुमार भल्ला का स्थान लेंगे। मोहन असम-मेघालय कैडर के 1984 बैच के IAS अधिकारी हैं।

Dainik Bhaskar सरकार ने माना- शहरी बाढ़ से निपटने का सिस्टम नाकाफी:10 साल में 25 हजार करोड़ रुपए खर्च, फिर भी मानसूनी बारिश में डूब रहे शहर

केंद्र सरकार बारिश के पानी की निकासी के लिए शहरों पर बीते 10 वर्षों में 25 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। इसके बावजूद हर बारिश के दौरान शहरों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं और पानी उतरने में घंटों लगते हैं। इससे शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंच रहा है। संसद के हाल में खत्म हुए बजट सत्र में जब शहरों में बाढ़ जैसी स्थिति को लेकर सवाल उठा तो शहरी मामलों के मंत्री मनोहरलाल खट्‌टर ने कहा कि देशभर के सभी ड्रेनेज सिस्टम एक घंटे में 2 सेमी या करीब आधा इंच बारिश के हिसाब से बने हैं, लेकिन मौसम में बदलाव के चलते अब शहरी क्षेत्रों में एक घंटे के दौरान 8 से 10 सेमी (2-3 इंच) तक बारिश हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक साथ इतनी बारिश होने से पानी जमा हो जाता है क्योंकि ड्रेनेज सिस्टम इतनी बारिश को झेलने वाली क्षमता के नहीं हैं। इसी वजह से मानसून के दौरान दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु सहित तमाम छोटे-बड़े शहरों में घंटे-भर की बारिश में ही बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। अब हमें मौसम में बदलाव के हिसाब से ड्रेनेज सिस्टम विकसित करने होंगे, इसके लिए संसद में सदस्यों से सुझाव लेकर नई योजना तैयार करेंगे। शहरों में बायो ड्रेनेज सिस्टम और स्पंज सिटी कॉन्सेप्ट लागू हों स्मार्ट सिटी में जिस तरह इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बने हैं, उसमें शहरों की स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज की निगरानी को शामिल करना चाहिए। देश के बाकी शहरों में भी पारंपरिक ड्रेनेज सिस्टम से काम नहीं चलेगा। अब भविष्य को ध्यान में रखते हुए बायो ड्रेनेज सिस्टम होना चाहिए क्योंकि क्लाइमेट चेंज हो रहा है, कम समय में बहुत ज्यादा बारिश आ जाती है। इसके अलावा एक स्पंज सिटी कॉन्सेप्ट है, जिसमें सड़कों के बीच ऐसा स्थान रखा जाता है जिससे बारिश का पानी सीधे जमीन में सोख लिया जाए। एक अन्य स्वैल कॉन्सेप्ट है, जिसमें शहरों के निचले इलाकों में तालाब विकसित किए जाते हैं ताकि वहां पानी बना रहे, निर्माण आदि न हो। निर्माण बढ़ा, पानी को धरती में रिसने का रास्ता नहीं मिल रहा स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज के नए ढांचे और उनकी देखभाल ठीक से नहीं हो रही है। शहरों में बिल्टअप एरिया तेजी से बढ़ रहा है। जो शहर नदी किनारे हैं, वहां विकास के नाम पर बाढ़ क्षेत्र में भी कांक्रीटीकरण हो रहा है। पानी को धरती में रिसने का रास्ता नहीं मिल रहा। अमृत

Dainik Bhaskar बिहार में चुनाव से पहले 12 लाख नौकरी,34 लाख रोजगार:CM नीतीश का गांधी मैदान से बड़ा ऐलान; 18वीं बार तिरंगा फहरा कर रिकॉर्ड बनाया

स्वतंत्रता दिवस पर CM नीतीश ने बड़ा ऐलान किया है। सरकार बिहार 12 लाख नौकरी और 34 लाख रोजगार देगी। सीएम ने कहा- 'हमने 2022 में 10 लाख नौकरी देने की बात कही थी, जिसमें से 5 लाख 16 हजार नौकरियां सरकार दे चुकी है। 2 लाख की प्रकिया पूरी की जा चुकी है। अब अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले सरकार 10 की जगह 12 लाख नौकरी देगी। इसी तरह हमने 10 लाख रोजगार की बात कही थी। 4 साल में 24 लाख रोजगार दिया है। अब और 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। यानी चुनाव से पहले हम 34 लाख रोजगार देने जा रहे हैं।' मुख्यमंत्री ने पटना के गांधी मैदान में तिंरगा फहराने के बाद ये घोषणा की है। उन्होंने 18वीं बार झंडा फहरा कर बिहार में सबसे ज्यादा बार तिंरगा फहराने का रिकॉड बनाया है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनवाई और लालू परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग अपनी पत्नी को ही सीएम बना देते हैं। परिवार से आगे बढ़ते ही नहीं, कभी पत्नी, कभी बेटा-बेटी के बारे में ही सोचते रह जाते हैं। मंच पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के साथ-साथ विधानसभा स्पीकर नंद किशोर यादव, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भी मौजूद हैं। इधर, स्वतंत्रता दिवस को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कार्यक्रम खत्म होने तक शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बदलाव किया गया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। लालू प्रसाद यादव ने अपने आवास पर तिरंगा फहराया।

Dainik Bhaskar आजादी की पहली सुबह 5 खास VIDEOS में:लाल किले पर गूंजी बिस्मिल्लाह खां की शहनाई, जश्न में डूबे 40 करोड़ लोग

भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 200 सालों तक ब्रिटिश सत्ता से संघर्ष करने के बाद 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था। उस दिन हर किसी की आंखों में खुशी के आंसू थे। उस ऐतिहासिक पल की कुछ झलक आप भी देखिए। 1. बिस्मिल्लाह खां की शहनाई जो उन्होंने लाल किले से बजाई थी आजादी के पलों को और शुभ बनाने के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को दिल्ली बुलाया गया था। वे उत्साह से सराबोर थे और उनके साथ साजिंदों का एक दल भी था। उस रोज आजादी के जश्न के कार्यक्रम में बिस्मल्लाह खां ने खुशी का राग काफी बजाया था। 2. आजाद भारत के पहले ध्वजारोहण की उमंग हर जगह उत्साह था। तिरंगे को लहराते हुए देखने के लिए 15 अगस्त की शाम 5 बजे तक प्रिंसेस पार्क में 5 लाख लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। अगले दिन यानी 16 अगस्त को जब लाल किले पर पहली बार तिरंगा फहराया गया तो वहां भी लाखों लोग मौजूद थे। 3. 40 करोड़ लोगों में जश्न का उत्साह उस दिन 40 करोड़ से अधिक लोग दो आजाद मुल्कों भारत और पाकिस्तान की खुली हवा में सांस लेने के लिए तैयार थे। दिल्ली में संसद भवन के बाहर उत्साह और जश्न मनाते लाखों लोगों का हुजूम पहुंच गया था। माहौल खुशी, उत्सव और मेले जैसा बन गया था। 4. जब ब्रिटिश सेना ने छोड़ा था भारत 18 अगस्त 1947 को ब्रिटिश सेना की पहली टुकड़ी भारत छोड़कर रवाना हुई थी। जैसे ही ब्रिटिश सैनिक जहाज की ओर बढ़े रॉयल इंडियन नेवी बैंड बजने लगा। शिप जॉर्जिक भारतीय तट छोड़कर रवाना हो गया। अब भारत अपने देश की सुरक्षित सेना के हाथ में था। 5. नेहरू का वो भाषण जब हुई थी नए युग की शुरुआत 14 अगस्त 1947 की आधी रात को भारतीय संविधान सभा में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने ऐतिहासिक भाषण दिया था…ट्रिस्ट विद डेस्टिनी… यानी नियति के साथ मुलाकात…। उस दिन एक युग समाप्त हो रहा था और राष्ट्र की आत्मा को अभिव्यक्ति मिली थी।

Dainik Bhaskar देश का मानसून ट्रैकर:21 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट; जयपुर में रेलवे ट्रैक डूबा, झारखंड में बिजली गिरने से 3 खिलाड़ियों की मौत

देशभर में बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग (IMD) ने गुरुवार (15 अगस्त) को 21 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, राजस्थान कई इलाकों में काफी बारिश हो रही है। राजधानी जयपुर में सड़कों पर नदी की तरह पानी बहता नजर आया। कार, बाइक समेत अन्य वाहन तैरते दिखाई दिए। रेलवे स्टेशन पर ट्रैक पानी में डूब गया। कई इलाकों में जाम लग गया। वहीं, झारखंड के सिमडेगा में बिजली गिरने से 3 हॉकी खिलाड़ियों की मौत हो गई और 5 अन्य घायल हो गए। घटना कोलीबीड़ा इलाके की है। पुलिस के मुताबिक, घटना से पहले ये खिलाड़ी मैच खेलने की तैयारी कर रहे थे। MP में सीजन की 73% ज्यादा बारिश, बिहार में 7 नदियां उफान पर मध्य प्रदेश: साइक्लोनिक सर्कुलेशन और मानसून ट्रफ की एक्टिविटी होने से मध्यप्रदेश में अगले 24 घंटे में कहीं तेज, तो कहीं हल्की बारिश होगी। गुना, सागर समेत 7 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है। प्रदेश में अब तक सीजन की 73% बारिश ज्यादा हो गई है। अब तक 23.5 इंच बारिश होनी चाहिए, लेकिन 27.2 इंच पानी गिर चुका है। उत्तर प्रदेश: गंगा और यमुना उफान पर हैं। कानपुर-उन्नाव में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई हैं। वाराणसी के 50 घाट अभी गंगा में डूबे हैं, जहां NDRF तैनात है। बिहार: अगले 2 दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, बांका में मंगलवार रात मूसलाधार बारिश के बीच आकाशीय बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई। उत्तर बिहार की 7 नदियां, गंगा, गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, घाघरा और परमान खतरे से ऊपर हैं। गंगा नदी में आए उफान से पटना जिले के 20 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं। देशभर से बारिश की तस्वीरें... 16 अगस्त को 16 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल नहीं मिलेगा; JK एनकाउंटर में कैप्टन शहीद; कोलकाता रेप केस, दावा- डॉक्टर से गैंगरेप हुआ

नमस्कार, कल की बड़ी खबर रेसलर विनेश फोगाट की सिल्वर मेडल की अपील से जुड़ी रही, जिसे स्पोर्ट्स कोर्ट ने खारिज कर दिया। एक खबर कोलकाता डॉक्टर रेप केस की रही, दावा किया गया है कि डॉक्टर का रेप नहीं, गैंगरेप हुआ था। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. विनेश की सिल्वर मेडल की अपील खारिज, 100 ग्राम ओवरवेट होने से फाइनल नहीं खेल पाई थीं रेसलर विनेश फोगाट को पेरिस ओलिंपिक में सिल्वर मेडल नहीं मिलेगा। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोटर्स (CAS) ने उनकी अपील खारिज कर दी। फाइनल मैच से पहले विनेश को 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के चलते अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की थी। इस मामले पर CAS में 9 अगस्त को 3 घंटे सुनवाई हुई थी। इस दौरान विनेश भी वर्चुअली मौजूद थीं। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की ओर से सीनियर वकील हरीश साल्वे ने उनका पक्ष रखा। पीटी उषा ने नाराजगी जताई: इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की प्रेसिडेंट पीटी उषा ने CAS के फैसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) और इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) के फैसले से उन्हें झटका लगा है। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. कोलकाता रेप-मर्डर केस, डॉक्टर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी का दावा- लड़की से गैंगरेप हुआ ऑल इंडिया गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. सुवर्ण गोस्वामी का दावा है कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप नहीं, गैंगरेप हुआ था। उन्होंने ये बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से कही। गोस्वामी ने बताया कि ट्रेनी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट से 151mg सीमन मिला। इतनी ज्यादा मात्रा किसी एक शख्स की नहीं हो सकती है। पूरी संभावना है कि यह गैंगरेप है। राहुल बोले- आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पीड़िता को न्याय दिलाने की जगह आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है। ये चीजें अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। दोषियों को ऐसी सजा मिले, जो समाज में ऐसी घटना रोकने के लिए मिसाल बने। पूरी खबर यहां पढ़ें... 3. जम्मू-कश्मीर के डोडा में एनकाउंटर, कैप्टन शहीद; 30 दिन में यह डोडा में दूसरा हमला जम्मू-कश्मीर के डोडा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एनकाउ

Dainik Bhaskar सेना ने चरवाहा मॉड्यूल के 9 लोगों को पकड़ा:आतंकियों को घाटी में मिट्‌टी के घर में रुकने-खाने और जंगलों में छिपने की ट्रेनिंग देते थे

स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले जम्मू में एक और आतंकी मुठभेड़ हुई। बुधवार को तलाशी अभियान के दौरान जंगल में छिपे 4 आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। इसमें 48 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन दीपक सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया। जवाबी कार्रवाई में चारों आतंकी जख्मी होकर गोला-बारूद छोड़कर भाग गए। बाद में एक आतंकी का शव बरामद हुआ। तीन की तलाश जारी है। जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद जैन ने बताया कि हमें खून से लथपथ चार बैकपैक और अमेरिका में बनी एम-4 कार्बाइन भी मिली हैं। इन आतंकियों ने मंगलवार शाम उधमपुर के पटनीटॉप से डोडा में एंट्री की थी। इस इलाके में आतंकियों की मदद करने वाले 'चरवाहा मॉड्यूल' का खुलासा हुआ है। 12 अगस्त को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक मॉड्यूल पकड़ा था, जिसमें 9 सदस्य थे। ये लोग ऊंचे पर्वतीय इलाकों में ढोंक (मिट्‌टी के झोपड़े) बनाकर रहते थे। ये लोग सांबा व कठुआ बॉर्डर से घुसपैठ करने वाले आतंकियों को ढोंक में रुकने-खाने और पहाड़ों व जंगलों में छिपने की ट्रेनिंग देते थे। इन्हीं के बताए रास्तों पर चलकर आतंकी डोडा, किश्तवाड़, रियासी और उधमपुर तक पहुंचे। डोडा में आतंकी हमले की लोकेशन... पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में रहते थे मददगार, एक आतंकी से 50 हजार रुपए लेते थे जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इन 9 मददगारों में एक शख्स है हाजी मोहम्मद लतीफ। 60 साल का लतीफ कठुआ के अंबेनाल में आतंक का नेटवर्क चला रहा था। 11-12 जून को हीरानगर के सैडा सोहल में मुठभेड़ के बाद लतीफ का नाम सामने आया था। मॉड्यूल में उसका बेटा लियाकत और भाई नूरानी भी है। लतीफ ने ही इन आतंकियों को सांबा से कठुआ में एंट्री कराने और कैलाश कुंड के पास सुरक्षित पहुंचाया। वह पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों से सीधे जुड़ा था। इसके बदले एक आतंकी से 50 हजार रु. लेता था। 20 आतंकियों की घुसपैठ कराकर 15 लाख रु. कमा चुका है। इसी पैसे से उसने आतंक का ओवरग्राउंड नेटवर्क तैयार किया। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट पर सेना ने पुलिस को चरवाहों की जानकारी दी, क्योंकि आतंकी चरवाहों के रूट का ही घुसपैठ में उपयोग कर रहे थे। पुलिस ने ढोंक में रह रहे 50 चरवाहों को हिरासत में लिया। इन्होंने सख्ती के बाद मुंह खोल दिया। घाटी के 169 ‘आतंकी’ जम्मू शिफ्ट सेना को पता