Dainik Bhaskar Dainik Bhaskar

Dainik Bhaskar अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकारी हनन की कार्यवाही हो:जयराम रमेश का आरोप- वायनाड हादसे पर गृह मंत्री ने सदन को गुमराह किया

कांग्रेस महासचिव और सांसद जयराम रमेश ने शुक्रवार (2 अगस्त) को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने की मांग की। रमेश ने आरोप लगाया कि केरल के वायनाड हादसे पर गृह मंत्री शाह ने सदन को गुमराह किया है। रमेश ने सभापति को लिखी चिट्‌ठी में कहा- 31 जुलाई को गृह मंत्री अमित शाह ने वायनाड हादसे पर ध्यानाकर्षण के जवाब में कहा कि केरल सरकार को हादसे से 7 दिन पहले यानी 23 जुलाई को चेतावनी दी गई थी। केरल सरकार ने इसे नजर अंदाज किया। सरकार इस पर अमल करती तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। जयराम रमेश ने आगे लिखा कि इन दावों की मीडिया में बड़े पैमाने पर तथ्यों की जांच की गई है। 2 अगस्त, 2024 को द हिंदू में प्रकाशित एक फैक्ट चेक की रिपोर्ट भी शामिल है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि गृह मंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा जारी पूर्व चेतावनी पर अपने बयानों से राज्यसभा को गुमराह किया है। जो पूरी तरह से झूठे साबित हुए हैं। गृह मंत्री ने कहा- राज्य को पहले ही अलर्ट किया था 31 जुलाई को संसद में विपक्ष ने कहा कि 'अर्ली वॉर्निंग' भेज दी जाती तो वायनाड हादसा में मौतों को टाला जा सकता था। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- अर्ली वॉर्निंग, अर्ली वॉर्निंग, अर्ली वॉर्निंग... बोलते ही गए। अंग्रेजी में जितने भी गंभीर प्रकार के शब्द हैं अपने भाषण में डालकर बताया गया था। मैं सदन के सामने स्पष्ट करना चाहता हूं कि 23 जुलाई को केरल सरकार को अर्ली वॉर्निंग भारत सरकार की तरफ से दी गई थी। केरल CM बोले- तबाही के बाद अलर्ट जारी किया गया था शाम होते-होते अमित शाह के इस दावे पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का भी जवाब आया था। विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से सूचना वायनाड में तबाही हो जाने के कई घंटों बाद मिली थी। विशेषाधिकार का क्या मतलब है? देश में सांसद और विधायक को कुछ विशेष अधिकार मिलते हैं। इसमें कई तरह के अधिकार शामिल होते हैं जैसे विधान सभा में उसके बारे में कोई गलत सूचना नहीं दी जा सकती। सदन में किसी सांसद के भाषण को किसी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती या अगर कोई दूसरा सांसद उनका नाम लेता है तो उन्हें जवाब देने का अधिकार है। यदि कोई सदस्य या मंत्री कोई टिप्पणी करता है या कोई व्यक्ति किसी सांसद की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है या सांसद को उसके काम करने से रोकता है तो

Dainik Bhaskar गुजरात हादसों के पीड़ितों के लिए कांग्रेस निकालेगी न्याय यात्रा:9 अगस्त को मोरबी से शुरू होगी 300 किमी लंबी पदयात्रा, राहुल-प्रियंका भी होंगे शामिल

गुजरात में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से न्याय यात्रा निकालने जा रही है। यह न्याय यात्रा पिछले दो साल में हुए कई बड़े हादसों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए निकाली जा रही है। गुजरात प्रदेश कांग्रेस द्वारा क्रांति दिवस यानी आगामी 9 अगस्त 2024 से यात्रा की शुरुआत करेगी। करीब 300 किमी लंबी यह पदयात्रा मोरबी से शुरू होकर गांधीनगर में समाप्त होगी। यात्रा में कुछ जगहों पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल होंगी। 9 तारीख की सुबह मोरबी से शुरू होगी यात्रा कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी भाई देसाई ने कहा, 9 तारीख की सुबह मोरबी से यात्रा शुरू होकर टंकारा पहुंचेगी। उसके बाद 11 तारीख की शाम को यात्रा राजकोट पहुंचेगी और उसी शाम राजकोट के टीआरपी गेमज़ोन स्थल पर एक शोक सभा आयोजित की जाएगी। 12 तारीख को यात्रा फिर से राजकोट के मुख्य मार्गों से होते हुए सुरेंद्रनगर की ओर बढ़ेगी। 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन जब यात्रा सुरेंद्रनगर पहुंचेगी तो वहां ध्वजारोहण का कार्यक्रम भी रखा गया है। फिर यात्रा अहमदाबाद पहुंचेगी और 22 या 23 तारीख के आसपास अहमदाबाद से गांधीनगर पहुंचेगी। इन हादसों के पीड़ितों को लिए है न्याय यात्रा लालजी भाई देसाई ने कहा- प्रदेश में चार बड़े हादसे हुए हैं, जिसमें न सिर्फ भ्रष्ट्राचार हुआ है, बल्कि इनके तार कहीं न कहीं बीजेपी से जुड़े हैं। इनमें पांच साल पहले सूरत में हुआ तक्षशिला आर्केड आगजनी हादसा, जिसमें 22 स्टूडेंट्स मारे गए और 19 घायल हुए, मोरबी पुल हादसा, जिसमें 141 लोग मारे गए, बड़ोदरा के हरणी झील में नाव हादसा, जिसमें 12 स्टूडेंट्स व दो टीचर्स सहित कुल 14 लोग मारे गए, वहीं कुछ महीने पहले राजकोट में हुआ गेमिंग जोन हादसा शामिल हैं। इन सभी घटनाओं को कुछ महीनों से लेकर पांच साल तक हो गए, लेकिन अभी भी पीड़ितों व उनके परिवारजनों को न्याय नहीं मिला है। यात्रा में रहेगा बीजेपी का पाप का मटका' मोरबी से गांधीनगर तक इस न्याय पदयात्रा में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के भी शामिल होने की संभावना है। दोनों के यात्रा में एक दिन कहीं न कहीं एक साथ शामिल होने की भी संभावना है। पदयात्रा का स्वागत जगह-जगह किया जाएगा, लेकिन ढोल-नगाड़ों से नहीं, बल्कि सूत-मोतियों से। इस यात्रा के साथ एक मटका भी रखा जाएगा, जिसमें लोग अपने सवाल और अपनी बात रख सकेंगे और इस म

Dainik Bhaskar मैं जया अमिताभ बच्चन बोल रही हूं...:और खिलखिलाकर हंस पड़े राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़; जानें संसद में क्या हुआ

राज्यसभा में सोमवार (2 अगस्त) को उस समय ठहाके गूंजने लगे जब समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने कहा, सर मैं जया अमिताभ बच्चन आपसे पूछ रही हूं...। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ जोर से हंसने लगे। सदन में मौजूद सांसद और खुद जया भी हंसने लगीं। दरअसल, जया पिछले दिनों उनके नाम को लेकर उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के साथ हुई बहस पर तंज कस रही थीं। जया बोलीं- जयराम रमेश का नाम लिए बगैर आपका खाना नहीं पचता संसद के मानसून सत्र के दौरान जया बच्चन बोलने के लिए खड़ी हुईं कि तभी सभापति जगदीप धनखड़ बोले एक सेकेंड मैम, मुझे आपके लाइटर नोट के लिए सीरियस होने दीजिए। इसके बाद जया बोलीं मैं जया अमिताभ बच्चन आपसे पूछ रही हूं... आपको आज लंच ब्रेक मिला। सभापति के मना करने पर बोलीं तभी आप बार-बार जयराम जी का नाम ले रहे हैं। उनका नाम लिए बगैर आपका खाना ही हजम नहीं होता। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ बोले मैं लाइटर नोट पर बताऊं... मैंने लंच रीसेस में लंच नहीं लिया, पर उसके बाद मैंने जयराम जी के साथ लंच लिया। इसके बाद पूरा सदन फिर ठहाकों से गूंज गया। उपसभापति पर क्यों भड़क गई थीं जया बच्चन दरअसल 30 जुलाई को राज्यसभा के उपसभापति ​​​​​हरिवंश नारायण सिंह ने सदन में जया बच्चन को ‘श्रीमती जया अमिताभ बच्चन जी’ नाम से संबोधित कर दिया। इस पर जया उपसभापति पर भड़क गईं। बोलीं- सर, सिर्फ जया बच्चन बोलते तो काफी था। इस पर उपसभापति ने उन्हें जवाब भी दिया कि यहां पूरा नाम लिखा था इसलिए मैंने रिपीट किया। उन्हें जवाब देते हुए जया बोलीं- ये जो है कुछ नया शुरू हुआ है कि महिलाएं जो हैं वो अपने पति के नाम से जानी जाएं। उनका कोई अस्तित्व ही नहीं हैं। उनकी कोई उपलब्धि नहीं है अपने में। पूरी खबर पढ़ें... राहुल बोले- इंतजार करूंगा, चाय-बिस्किट मेरी तरफ से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा किया है कि उनके खिलाफ एनफोर्समेंट डायरेक्टरोट (ED) रेड की प्लानिंग हो रही। राहुल ने गुरुवार देर रात 1:52 बजे X पर की गई एक पोस्ट में यह दावा किया। उन्होंने लिखा- टू-इन-1 को मेरा चक्रव्यूह भाषण पसंद नहीं आया। ED के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया कि मेरे खिलाफ रेड की योजना बनाई जा रही है। मैं ED अधिकारियों का बांहें फैलाकर इंतजार कर रहा हूं। चाय और बिस्किट मेरी तरफ से।

Dainik Bhaskar शिवराज बोले-कांग्रेस को शकुनि, चौसर, चक्रव्यूह क्यों याद आते हैं:इन शब्दों का संबंध अधर्म से; राहुल गांधी ने बजट की तुलना चक्रव्यूह से की थी

संसद के मानसून सत्र का शुक्रवार (2 अगस्त) को दसवां दिन है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में शकुनि, चौसर, चक्रव्यूह का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया। शिवराज ने कहा- कांग्रेस को याद आए तो भी शकुनि याद आए। शकुनि, चौसर, चक्रव्यूह इन सारे शब्दों का संबंध अधर्म से है... जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। उन्होंने आगे कहा कि शकुनि छल, धोखे और कपट के प्रतीक थे। चौसर में थे तो धोखे से ही हराया गया था। चक्रव्यूह मतलब घेर के मारना। अब कांग्रेस को क्यों चक्रव्यहू, शकुनि, चौसर ही याद आते हैं।'' शिवराज ने आगे कहा कि हम जब महाभारत काल में जाते हैं तो भगवान श्रीकृष्ण याद आते हैं। शिवराज का ये बयान राहुल गांधी के उस बयान पर आया, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के बजट की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की थी। राहुल ने कहा था कि महाभारत में अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है। शिवराज सिंह बोले- कांग्रेस के DNA में किसान का विरोध है शिवराज ने कहा- कांग्रेस के DNA में किसान विरोध है। कांग्रेस की प्राथमिकताएं प्रारंभ से ही गलत रहीं। जवाहरलाल नेहरू 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे। तब देश को अमेरिका से आया सड़ा हुआ लाल गेहूं खाने को विवश होना पड़ता था। इंदिरा गांधी के समय किसानों से जबरन लेवी वसूली का काम होता था। राहुल ने कहा था- केंद्र का बजट महाभारत के चक्रव्यूह जैसा​​​​​​​ 29 जुलाई को मानसून सत्र के छठवें दिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की थी। राहुल ने लोकसभा में कुल 46 मिनट भाषण दिया। इसमें 4 बार अडाणी-अंबानी का नाम लिया, दो बार मुंह पर उंगली रखी। स्पीकर ने भाषण के दौरान राहुल को 4 बार टोका था। राहुल ने जब हलवा सेरेमनी का पोस्टर लहराया, तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर पकड़ लिया था। राहुल ने कहा था हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर 6 लोगों ने मारा था। चक्रव्यूह का दूसरा नाम है- पद्मव्यूह, जो कमल के फूल के शेप में होता है। इसके अंदर डर और हिंसा होती है। 21वीं सदी में एक नया 'चक्रव्यूह' रचा गया है- वह भी कमल के फूल के रूप में तैयार हुआ है। इसका चिह्न प्रधानमंत्री अपने सीने पर लगाकर चलते हैं। अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया ज

Dainik Bhaskar टीचर को स्टूडेंट्स ने रिटायरमेंट पर लग्जरी कार दी:शिक्षा मंत्री ने पैर छूए; इनके 65 स्टूडेंट्स सेना, 20 पुलिस में, 7 दिन तक चला समारोह

राजस्थान के नागौर में शारीरिक शिक्षक (पीटीआई) हनुमान सिंह देवड़ा को रिटायरमेंट पर स्टूडेंट्स ने गुरु दक्षिणा में लग्जरी कार दी। टीचर का रिटायरमेंट समारोह 7 दिन चला। इसमें शिक्षा मंत्री मदन दिलावर समेत कई नेता और अफसर शामिल हुए। शिक्षा मंत्री ने पीटीआई के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। कहा- मैंने आज से पहले गुरु के प्रति छात्रों का ऐसा समर्पण और ऐसा सेवानिवृत्ति समारोह कहीं नहीं देखा। देवड़ा नागौर के गोगेलाव स्थित सेठ मेघराज माणकचंद बोथरा गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पीटीआई थी। 31 जुलाई को रिटायर हुए। रिटायरमेंट समारोह 25 से 31 जुलाई तक चला। देवड़ा के पढ़ाए 100 से अधिक स्टूडेंट आज सेना, पुलिस और टीचर देवड़ा के 65 स्टूडेंट्स भारतीय सेना में हैं। इनमें से कई की लेह-लद्दाख और जम्मू-कश्मीर, जैसलमेर और पठानकोठ क्षेत्रों में तैनाती है। जबकि एक सब इंस्पेक्टर समेत पुलिस में 20 से अधिक स्टूडेंट्स कार्यरत हैं। वहीं 15 से अधिक स्टूडेंट्स शारीरिक शिक्षक के रूप में चयनित हो चुके हैं। देवड़ा ने एक जुलाई 1995 को शिक्षा विभाग में नौकरी जॉइन की थी। देवड़ा 29 साल तक सरकारी नौकरी में रहे। पूर्व छात्रों ने बनाया 'पूर्व छात्र परिषद'

Dainik Bhaskar चुनावी बॉन्ड स्कीम की जांच SIT नहीं करेगी, याचिका खारिज:सुप्रीम कोर्ट बोला- इस लेवल पर आदेश देना समय से पहले और गलत होगा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (2 अगस्त) को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम में क्विड प्रो क्वो सिस्टम की जांच के लिए SIT बनाने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि बॉन्ड की खरीदी कॉरपोरेट्स और राजनीतिक दलों के बीच हुआ लेन-देन था, कोर्ट केवल इस आधार पर जांच के आदेश नहीं दे सकता। फैसला सुनाते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि टैक्स असेसमेंट के मामलों की दोबारा जांच से अथॉरिटी के कामकाज पर भी असर पड़ेगा। संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस लेवल पर हस्तक्षेप करना गलत और समय से पहले होगा। कोर्ट NGO कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) समेत 4 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। जिनमें दावा किया गया था कि इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर राजनीतिक दलों, निगमों और जांच एजेंसियों के बीच स्पष्ट लेन-देन होता है। फरवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया था,साथ ही SBI को इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने तुरंत बंद करने का आदेश दिया था। याचिका में दावा था- फायदे के लिए फंडिंग की मार्च 2024 में इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा सामने आने के बाद यह याचिका लगाई गईं। इसमें दो मांगें रखी गई थीं। पहला- इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कॉरपोरेट्स और राजनीतिक दलों के बीच लेन-देन की जांच SIT से कराई जाए। SIT की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज करें। दूसरी मांग थी कि आखिर घाटे में चल रहीं कंपनियों (शैल कंपनियां भी शामिल) ने पॉलिटिकल पार्टीज को कैसे फंडिंग की। अधिकारियों को निर्देश दिया जाए की पॉलिटिकल पार्टियों से इलेक्टोरल बॉन्ड में मिली राशि वसूल करें, क्योंकि यह अपराध से जरिए कमाई गई राशि है। याचिकाकर्ताओं का दावा था कि कंपनियों ने फायदे के लिए पॉलिटिकल पार्टियों को बॉन्ड के जरिए फंडिंग की। इसमें सरकारी काम के ठेके, लाइसेंस पाने, जांच एजेंसियों (CBI, IT, ED) की जांच से बचने और पॉलिसी में बदलाव शामिल है। याचिका में ये आरोप भी थे कि घटिया दवाईयां बनाने वाली कई फार्मा कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का उल्लंघन है।

Dainik Bhaskar दिल्ली में 20 दिन में 13 बच्चों की मौत:आशा किरण शेल्टर होम का मामला; जनवरी से अब तक 27 की जान गई

दिल्ली के एक शेल्टर होम में पिछले 20 दिनों के दौरान 13 लोगों की मौत हो गई है। मामला रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम का है। यह दिल्ली सरकार की तरफ से संचालित एकमात्र संस्था है, जहां मानसिक रूप से कमजोर लोगों की देखभाल की जाती है। टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 जुलाई से 31 जुलाई के बीच यहां 12 लोगों की मौत हो गई। इनमें 10 महिलाएं और दो पुरुष हैं। 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच एक और शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया था, जिसके कारण मरने वालों का आंकड़ा 13 बताया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने शेल्टर होम में अचानक इतने लोगों की मौत के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री आतिशी ने शुक्रवार (2 अगस्त) को राजस्व विभाग को मजिस्ट्रेट जांच करने और 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। मृतकों के आंकड़े को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से अब तक शेल्टर होम में 27 बच्चों की मौत हुई है। सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की जांच में शेल्टर होम में मौतों का खुलासा हुआ है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने शेल्टर होम में जनवरी से अब तक 14 मौतों की बात कही है। मौतों का असली कारण फिलहाल पता नहीं चल सका है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मरने वाले लोगों में दस्त और उल्टी के एक जैसे लक्षण थे। आशा किरण शेल्टर होम दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आती है। AAP विधायक राज कुमार आनंद समाज कल्याण मंत्री थे। हालांकि, 10 अप्रैल को मंत्री पद और AAP से उनके इस्तीफे के बाद से इस विभाग के हेड का पद खाली है। तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसी भी मंत्री को विभाग का जिम्मा नहीं सौंपा है।

Dainik Bhaskar ट्रांसजेंडर-सेक्स वर्कर्स के रक्तदान का मामला:सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार को नोटिस; याचिका में तर्क- ब्लड डोनेशन पर रोक समानता के अधिकार का उल्लंघन

सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्कर्स, गे और ट्रांसजेंडर के ब्लड डोनेट करने पर रोक लगाने वाले नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। साथ ही कोर्ट ने नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन और नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल को भी नोटिस जारी किया है। CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी परदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने 1 अगस्त को एक्टिविस्ट शरीफ डी रंगनेकर की साल 2017 के केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की थी। याचिका में तर्क दिया है कि ब्लड डोनेशन से पहले मेडिकल जांच होती है। जिसमें सुनिश्चित किया जाता है कि ब्लड डोनेट के लायक है या नहीं। ऐसे में कुछ लोगों को ब्लड डोनेशन से नहीं रोका जाना चाहिए। यह समानता के अधिकार के खिलाफ है। साल 2017 के नियमों के मुताबिक, ट्रांसजेंडर, पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों (MSM) और विमन सेक्स वर्कर्स को ब्लड डोनेट करने से रोका गया है। क्योंकि, नियमों में कहा गया है कि इनके ब्लड डोनेट करने से HIV और हेपेटाइटिस और ट्रांसफ्यूजन ट्रांसमिसिबल इंफेक्शन (TTI) के खतरे है। सरकार की तरफ से इनके ब्लड डोनेट करने पर परमानेंट रोक लगाई गई है। संविधान के आर्टिकल के खिलाफ है गाइडलाइन- याचिकाकर्ता मामले में एडवोकेट इबाद मुश्ताक ने याचिका दायर की थी। जिसमें 2017 में ट्रांसजेंडर्स, गे, सेक्स वर्कर्स को जारी की गई, ब्लड डोनेशन गाइडलाइन को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया कि किसी व्यक्ति को सिर्फ इसलिए ब्लड डोनेशन से वंचित रखना जाना, कि वह किसी विशेष समुदाय, व्यवसाय या सेक्शुअल ग्रुप से आता है, संविधान के मुताबिक मूल अधिकार के खिलाफ है। याचिका में कहा गया कि 2017 की गाइडलाइन संविधान के आर्टिकल 14, 15, 17 और 71 में बताए गए समानता, सम्मान और जीवन के अधिकार का उल्लंघन करते हैं। दावा है कि गाइडलाइन 1980 में अमेरिका में बनाए गए इसी तरह के गाइडलाइन से प्रेरित हैं। जबकि तब से लेकर अब तक इन गाइडलाइन में कई बार विचार और बदलाव किया जा चुका है। बिना किसी जांच के ही रक्तदान पर रोक लगा देना इस बात को मजबूत करता है कि इन समुदाय के लोग पहले से ही गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। क्या हैं 2017 की गाइडलाइन ब्लड डोनेशन पर 2017 में नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल (NBTC)

Dainik Bhaskar अयोध्या रेप पीड़िता की मां से योगी ने की मुलाकात:विधानसभा में कहा था-सपा सांसद का करीबी है आरोपी, बच्ची से दुष्कर्म किया

अयोध्या में नाबालिग से रेप का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को लखनऊ में योगी ने सीएम आवास पर बच्ची की मां से मुलाकात की। पूरा घटनाक्रम पूछा। बच्ची की हालत के बारे में जाना। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। बच्ची अभी अयोध्या में महिला अस्पताल में भर्ती है। बच्ची से रेप मामले में अयोध्या पुलिस ने भदरसा से सपा नगर अध्यक्ष मोइन खान और उसके नौकर राजू को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि बच्ची का वीडियो बनाया और ब्लैकमेल करके उसके साथ रेप किया। बीकापुर के भाजपा विधायक अमित सिंह पीड़ित की मां को लेकर लखनऊ आए थे। गुरुवार को सीएम योगी ने विधानसभा में इस घटना का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था- अयोध्या में पिछड़ी जाति की बच्ची से रेप हुआ है। आरोपी सपा का है। वो सपा सांसद (अवधेश प्रसाद) के साथ उठता-बैठता, खाता-चलता है। लेकिन पार्टी के नेताओं के मुंह में दही जमा है। सपा ने उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। ऐसे अपराधियों को गोली नहीं मारी जाएगी तो क्या उन्हें माला पहनाई जाएगी। पीड़िता की मां बोलीं- सीएम से कहा है...आरोपियों को फांसी की सजा हो सीएम से मुलाकात के बाद गैंगरेप पीड़िता की मां ने मीडिया से बात की। कहा- आज सीएम योगी ने आश्वासन दिया है कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाएंगे। आरोपियों के अवैध कब्जों पर बुलडोजर की कार्रवाई करेंगे। सीएम से हमने आरोपियों के लिए फांसी की संजा की मांग की। पूरा मामला क्या है? अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र में 12 साल की बच्ची से रेप की घटना हुई थी। आरोपियों ने बच्ची का अश्लील वीडियो बना लिया। फिर लंबे समय तक उसे ब्लैकमेल करके घिनौनी हरकत करते रहे। इस मामले का खुलासा 29 जुलाई को तब हुआ जब पीड़ित बच्ची 2 महीने की गर्भवती हो गई। बच्ची की मां ने मोइन खान और उनके नौकर राजू के खिलाफ एप्लिकेशन दी। आरोप है कि पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसके बाद विहिप, बजरंग दल के साथ निषाद पार्टी के लोगों ने इस मामले पर आक्रोश जताया तो पुलिस ने मोइन खान और उसके नौकर को गिरफ्तार किया। खेत से लौट रही थी किशोरी... 12 वर्षीय बच्ची 4 बहनों में सबसे छोटी है। पिता की 2 साल पहले ही मौत हो गई है। घर का गुजारा उसकी मां और बहनों की ओर मजदूरी से मिले पैसे से चलता है। आरोप है कि लगभग ढाई महीने पहले पीड़िता खेत से मजदूरी करके लौट रही थी। तभी रास्ते मे

Dainik Bhaskar सदन के बाहर निलंबित बीजेपी विधायकों ने बेची बालू:झारखंड विधानसभा परिसर में टोकरी लेकर पहुंचे MLA, कहा- सरकार की मुफ्त बालू योजना हवा हवाई

झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र महतो ने गुरुवार को बीजेपी के 18 विधायकों को मानसून सत्र से 2 दिन के लिए निलंबित कर दिया है। इस बीच निलंबित 18 विधायकों ने आज सदन के बाहर विरोध का अलग तरीका अपनाया। बीजेपी विधायकों ने राज्य में बालू को लेकर सरकार की नीति का विरोध करते हुए बालू बेचकर अपना विरोध दर्ज किया। बीजेपी के निलंबित विधायक सदन में बालू और तराजू लेकर आए थे। राज्य में बालू की कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए विधायकों ने तराजू से बालू तौल कर बेचा। वहीं, विधायक नीरा यादव ने 100 रुपए प्रति किलो बालू बेचा। विधायक शशि भूषण मेहता सिर पर बालू की टोकरी लेकर विधानसभा पहुंचे। बालू की कीमत एक हजार रुपए रखी थी। बीजेपी विधायकों ने बताया कि राज्य सरकार की मुफ्त में बालू देने की योजना बिल्कुल हवा हवाई है और विपक्ष इसका पूरी तरह विरोध करता है। बता दें कि हाल में ही राज्य सरकार ने आयकर ना भरने वाले गरीब लोगों को सरकार ने घर बनाने के लिए मुफ्त में बालू देने का ऐलान किया है। विधायकों ने सरकार के इस ऐलान को धोखा बताया है। विधायकों का कहना है कि यह घोषणा हवा में कर दिया गया है। पांच सालों का मांग रहे हैं हिसाब विधायकों ने बालू बेचते हुए बताया कि उनका बालू इतना महंगा इसलिए है क्योंकि रास्ते में बालू लाने के दौरान कई थाने में पैसा जाता है। इसलिए इसकी कीमत इतनी बढ़ गई है। विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन से उनके पांच सालों का हिसाब मांग रहे हैं। इसे लेकर विरोध अब तक जारी है। विधानसभा अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी के 18 विधायकों को 2 अगस्त 2024 के अपराह्न 2:00 बजे तक के लिए सस्पेंड कर दिया था। इनमें विरंची नारायण, अनंत ओझा, रणधीर सिंह, नवीन जायसवाल, नारायण दास, केदार हाजरा, किशुन दास, सीपी सिंह, अमित मंडल, कोचे मुंडा, भानु प्रताप शाही, शशिभूषण मेहता, अलोक चौरसिया, पुष्पा देवी, नीरा यादव, अपर्णा सेनगुप्ता, राज सिन्हा, समरी लाल शामिल हैं। स्पीकर रवींद्र महतो ने भाजपा के 22 में से इन 18 विधायकों को सदन के अनुरूप आचरण नहीं करने, सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने और अवमानना के आरोपों में निलंबित किया है। इन मुद्दों को लेकर जारी है विरोध प्रदर्शन मुख्यमंत्री से पारा शिक्षक, मनरेगा कर्मी, आंगनबाड़ी सेविका / सहायिका, रसोईया, कृषि मित्र, एएनएम, होमगार्ड, पोषण सखी, जलसहिया, कंप्यूटर ऑपरेटर, डाटा ऑपरेटर, पाराम

Dainik Bhaskar राजस्थान में न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर विरोध:जमीन खाली करवाने गई पुलिस-ग्रामीणों के बीच झड़प, लोगों ने किया पथराव; जवान का सिर फूटा

राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रस्तावित न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर स्थानीय लोगों ने भारी विरोध शुरू कर दिया है। प्लांट के लिए जमीन खाली करवाने गई पुलिस और लोगों के बीच टकराव हो गया है। विरोध कर रहे स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया तो पुलिस ने भी लोगों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। दरअसल, बांसवाड़ा के छोटी सरवन में 2800 मेगावाट का न्यूक्लियर पावर प्लांट लगना है। यहां से लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि मुआवजा देने के बाद भी जमीन खाली नहीं की जा रही थी। इसी मामले को लेकर तीन जिलों की पुलिस को मौके पर तैनात किया गया और यहां से लोगों को हटाना था। बताया जा रहा है कि अगस्त में इस प्लांट का शिलान्यास होना था। इसी कारण इन परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट कराया जा रहा था। जबकि स्थानीय लोग ज्यादा मुआवजा देने की लगातार मांग कर रहे थे और दूसरी जगह​ शिफ्ट होने से मना कर दिया था। ऐसे में प्रशासन शुक्रवार को पुलिस की मदद से इन लोगों को शिफ्ट करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन ग्रामीण इसके विरोध में उतर गए और हाईवे जाम कर दिया। शुक्रवार सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। सुबह करीब 10:30 बजे बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। विरोध को बढ़ता देख पुलिस ने जब इन्हें हटाना शुरू किया तो पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव में क्यूआरटी का जवान कल्पेश गरासिया घायल हो गया, जिसके सिर पर पत्थर लगा। उसे बांसवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है। महिलाओं ने जाम किया हाईवे, बीएपी नेता समेत कई लोग हिरासत में इस विरोध प्रदर्शन में स्थानीय महिलाओं ने नेशनल हाईवे 927-A (बांसवाड़ा-डूंगरपुर-रतलाम) हाईवे को जाम कर दिया। पुलिस ने म​हिलाओं और लोगों को हटाने का प्रयास किया। इस पर वहां भगदड़ मच गई और कुछ लोग पहाड़ी पर चले गए और वहां से पथराव शुरू कर दिया। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने बीएपी नेता हेमंत राणा समेत कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। इस पथराव में क्यूआरटी के जवान कल्पेश गरासिया के​ सिर में चोट लगी है। उनका अभी बांसवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। 553 हेक्टेयर क्षेत्र में बनना है पावर प्लांट बांसवाड़ा में सितंबर में राजस्थान परमाणु ऊर्जा संयंत्र (एमबीआरएपीपी) का काम शुरू होना है। यह 1,366.49 एकड़ (553.00 हेक्टेय

Dainik Bhaskar हिमाचल में 24 घंटे के भीतर दूसरी बार भूकंप:तीव्रता 3.2 मापी गई; आपदा के बीच धरती हिलने से लोग डरे

हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल स्पीति में 24 घंटे के अंदर दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.2 मापी गई। जमीन के अंदर इसकी गहराई 5 किलोमीटर थी। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक गुरुवार सुबह 9:49 बजे धरती तीन से चार बार हिली। बुधवार रात को भी लाहौल स्पीति में 3.2 तीव्रता का भूकंप आया था। हिमाचल में आई आपदा के बीच बार-बार भूकंप के झटके आने से लोग डरे और सहमे हुए हैं। हालांकि तीव्रता कम होने के कारण किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। लाहौल स्पीति जिला जोन 5 में आता है, जो भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। क्यों आता है भूकंप पृथ्वी की सतह मुख्य रूप से 7 बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें लगातार तैरती रहती हैं और कभी-कभी आपस में टकराती हैं। टकराव के कारण कभी-कभी प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण ये प्लेटें टूटने लगती हैं। ऐसी स्थिति में नीचे से आने वाली ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती है और इस गड़बड़ी के बाद भूकंप आता है।

Dainik Bhaskar स्टूडेंट से गैंगरेप, आरोपी अग्निवीर सेना की मदद से गिरफ्तार:वारदात के बाद उत्तराखंड में ड्यूटी पर लौटा, लड़की के परिवार पर बनाता रहा दबाव

स्कूल स्टूडेंट से गैंगरेप के आरोप में पुलिस ने एक अग्निवीर को गिरफ्तार किया है। सेना की मदद से आरोपी को उत्तराखंड से पकड़ा गया है। अग्निनवीर ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर 12वीं की छात्रा से दुष्कर्म किया था। मामला अलवर के कठूमर थाना क्षेत्र में 14 जुलाई का। 22 जुलाई को दर्ज हुआ था मामला अलवर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा के अनुसार पीड़िता ने 22 जुलाई को केस दर्ज कराया था। उसने बताया कि एक दोस्त के रिश्तेदार ने उसे रात के समय फोन करके घर से बुलाया था। फिर वह उसे बाइक पर बैठाकर जंगल की तरफ ले गया। वहां उसके दोस्त मौजूद थे। सभी दोस्तों ने गैंगरेप किया। घटना के बाद आरोपी समझौता करने के लिए पीड़िता और उसके परिजनों पर दबाव बनाने लगा। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया, लेकिन अन्य आरोपी फरार थे। मामले का मुख्य आरोपी अग्निवीर भावेश जाट ही है। ड्यूटी पर लौट गया था आरोपी पुलिस के अनुसार वारदात के बाद आरोपी भावेश जाट उत्तराखंड में अपनी ड्यूटी पर भाग गया था। घटना के बाद पीड़िता ने CM को पत्र लिखकर न्याय दिलाने की मांग भी की थी। पुलिस अधिकारी जोगेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी जाट सेना में अग्निवीर है। इसलिए उसे पकड़ने के लिए सेना के अधिकारियों से संपर्क किया गया था। पुलिस टीम ने उत्तराखंड जाकर सेना की मदद से आरोपी को पकड़ा। पीड़िता के परिजनों के अनुसार- आरोपी खुद के परिवार के संबंध सरकार में एक मंत्री से बताकर मामले को दबाने के लिए दबाव देता रहा। इसके बाद पीड़िता ने एसपी से लिखित शिकायत कर मदद की गुहार लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि अगर न्याय नहीं मिलेगा तो वो आत्महत्या के लिए मजबूर होगी। पुलिस के अनुसार आर्मी को दुराचरण के मामले की रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसके बाद आर्मी के स्तर पर कार्रवाही होगी। फिलहाल भावेश जाट को न्यायालय ने 15 दिन के लिए जेल भेजा है।

Dainik Bhaskar दिल्ली HC में कोचिंग हादसे पर आज सुनवाई:MCD डायरेक्टर कोर्ट में हाजिर होंगे, पिछली सुनवाई में जस्टिस बोले थे- हादसा अफसरों की मिलीभगत से हुआ

दिल्ली में राउ IAS कोचिंग हादसे में आज हाईकोर्ट में दूसरी सुनवाई होगी। पहली सुनवाई 31 जुलाई को हुई थी। कुटुंब ट्रस्ट की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव की बेंच ने म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली (MCD) को जमकर फटकार लगाई थी। बेंच ने कहा था- इस तरह की घटनाएं सिस्टम की नाकामी है। ये सब अफसरों की मिलीभगत से हुआ है। सभी ब्लेम-गेम खेल रहे हैं। कोर्ट ने MCD डायरेक्टर को आज कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था। दिल्ली के राउ IAS कोचिंग के बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी में पानी भरने से 27 जुलाई को तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई थी। याचिकाकर्ता की मांग है कि राजिंदर नगर की घटना नई नहीं है। पिछले साल मुखर्जी नगर और विवेक विहार के कोचिंग सेंटर में भी आग लगी थी। तब हाईकोर्ट ने अवैध कोचिंग सेंटरों को बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। 31 जुलाई की सुनवाई में कोर्ट ने क्या कहा था... याचिकाकर्ता के वकील ने 3 दलीलें दी थीं... 6 पॉइंट में राजिंदरनगर हादसे की वजह तीन स्टूडेंट्स जिनकी मौत हुई घटना के बाद से अब तक प्रशासन का एक्शन... कोचिंग मालिक अभिषेक गुप्ता और कॉर्डिनेटर देशपाल सिंह सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को मजिस्ट्रेट जांच शुरू करने के आदेश दिए। उधर MCD ने 25 संस्थान सील कर दिए हैं। 35 बंद कराए गए। 75 कोचिंग सेंटर को नोटिस जा चुका है। उधर दृष्टि कोचिंग सेंटर ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख की सहायता राशि देने का ऐलान किया।

Dainik Bhaskar पंजाब के सिख सैनिकों पर आतंकी पन्नू की नजर:बोला- आपका परिवार आज भी गुलाम, मोदी को रोकने पर 5 लाख डॉलर का लालच

स्वतंत्रता दिवस के नजदीक आते ही खालिस्तानी समर्थक और आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू एक बार फिर सक्रिय हो गया है। पन्नू का फोकस अब सेना में भर्ती सिख सैनिकों पर है। अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए पन्नू ने सिख सैनिकों को पैसों का लालच देकर देशभक्ति के खिलाफ जाने की सलाह दी है। पन्नू ने विदेशी धरती पर रहते हुए विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट पर एक नया वीडियो वायरल किया है। सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने वीडियो में कहा है कि सिख सैनिकों, यह भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस है। लेकिन आप, आपका परिवार, सिख आजाद नहीं हैं और अभी भी गुलाम हैं। पन्नू ने कहा कि सिख सैनिकों को 1984 को नहीं भूलना चाहिए, स्वर्ण मंदिर पर हमला हुआ था और सिखों का नरसंहार हुआ था। आज भी दिल्ली में सिखों की विधवा कॉलोनी है। सिखों की पगड़ी और टोपी और भगवा और खाकी में यही फर्क है। अगर सिख सैनिक स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा जलाते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकते हैं, तो उन्हें 5 लाख डॉलर दिए जाएंगे। पहले भी भड़काता रहा है आतंकी पन्नू देश विरोधी गतिविधियों के बाद आतंकी घोषित पन्नू लगातार देश और पंजाब में आतंक फैलाने की कोशिश करता रहा है। कभी यह आतंकी पंजाब के युवाओं को भड़काने की कोशिश करता रहा है तो कभी जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम समुदाय को। विदेशी धरती पर आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के मारे जाने के बाद पन्नू लगातार देश के प्रधानमंत्री और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को निशाना बना रहा है। पन्नू कई बार देश के विभिन्न शहरों में गुप्त रूप से देश विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे लिखकर आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर चुका है। 2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में पन्नू के संगठन SFJ को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत प्रतिबंधित कर दिया था। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि SFJ सिखों के लिए जनमत संग्रह की आड़ में पंजाब में अलगाववाद और चरमपंथी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाने का आरोप लगा था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया था। 2020 में सरकार ने एसएफजे से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनल प