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Dainik Bhaskar चौटाला बोले- BJP का इनेलो-हलोपा से अंडरग्राउंड समझौता:3 सीटों के बदले डमी कैंडिडेट खड़े कराए; कुलदीप बिश्नोई बुरी तरह हारते, मेरे ब्लाइंड सपोर्टर

हरियाणा के पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला ने दावा किया कि चुनाव में BJP ने इनेलो और हलोपा से अंडरग्राउंड गठबंधन किया है। इसी वजह से भाजपा ने इनेलो को 3 सीटें दे दी और बाकी जगह उम्मीदवार खड़े करा दिए ताकि भूपेंद्र हुड्‌डा के वोट काटे जा सकें। चौटाला ने कहा कि हलोपा प्रमुख गोपाल कांडा की इमेज गीतिका सुसाइड कांड से है। उससे हाथ मिलाने से भाजपा और इनेलो की साख गिरेगी। BJP के टिकट न देने पर रानियां से निर्दलीय लड़ रहे चौटाला ने कहा कि उनके पास ब्लाइंड सपोर्टर हैं। कुलदीप बिश्नोई पर पलटवार करते हुए चौटाला ने कहा कि वे मेरी जगह हिसार से लड़ते तो बुरी तरह चुनाव हारते। कुलदीप ने भास्कर को दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि वे हिसार लोकसभा लड़ते तो प्रदेश की सबसे बड़ी जीत होती। चौटाला ने ये भी कहा कि बिश्नोई परिवार लोगों के फोन तक नहीं उठाता। हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच दैनिक भास्कर ने रणजीत चौटाला से सिरसा में भाजपा उम्मीदवार वापस लेना समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू... सवाल: रानियां सीट पर आपका इलेक्शन कैसा चल रहा है? रणजीत चौटाला : देखिए, यहां मेरे ब्लाइंड सपोर्टर हैं। उनका किसी पार्टी से लेना देना नहीं है। पिछली बार रानियां से टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा तो यहां कांग्रेस और भाजपा दोनों राष्ट्रीय पार्टी थीं। इनेलो और जजपा क्षेत्रीय पार्टी थीं। चारों की जमानत जब्त हुई। मैं 25 हजार से चुनाव जीता। इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा में चला गया। पहले तो मैं एक नंबर कैंडिडेट था, लेकिन 3 महीने बाद विधानसभा का टिकट काट दिया। लोगों के कहने पर मैं फिर निर्दलीय खड़ा हो गया। सवाल: कौन से मुद्दे लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं? रणजीत चौटाला : मैंने 30 गांव तक घग्गर नदी का पानी पहुंचाया है, जो कभी हो नहीं सकता था। डार्क जोन था, उसे तोड़कर ओपन कर दिया। किसानों को 24 घंटे बिजली और पानी की व्यवस्था की। घग्गर यहां सबसे बड़ी नदी है, जिसके ऊपर कभी चौधरी देवीलाल ने 2 पुल बनवाए थे। मैंने भी 2 पुल बनाए हैं, जो 14 और 11 करोड़ रुपए के बने हैं। इसके अलावा, गांव की गलियां, कम्युनिटी सेंटर, खेतों के कच्चे रास्ते जैसी सुविधाएं दीं। मेरी लोगों में सबसे ज्यादा अवेलेबिलिटी है। सवाल: भाजपा ने यहां शीशपाल कंबोज को टिकट दिया है। उन्हें कमजोर कैंडिडेट कहा जा रहा है? रणजीत चौटाला : द

Dainik Bhaskar जम्मू-कश्मीर की 40 सीटों पर वोटिंग आज:आखिरी फेज में 415 कैंडिडेट्स; आतंकी अफजल गुरू और इंजीनियर राशिद के भाई मैदान में

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के आखिरी और तीसरे चरण में मंगलवार (1 अक्टूबर) को 7 जिलों की 40 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इसमें 39.18 लाख वोटर्स शामिल होंगे। तीसरे फेज की 40 सीटों में से 24 जम्मू डिवीजन और 16 कश्मीर घाटी की हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, आखिरी फेज 415 कैंडिडेट्स मैदान में हैं। इनमें 387 पुरुष और 28 महिला उम्मीदवार हैं। थर्ड फेज में 169 कैंडिडेट्स करोड़पति और 67 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। जम्मू के नगरोटा से भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र सिंह राणा की सबसे ज्यादा 126 करोड़ संपत्ति है। इस फेज में संसद हमले का मास्टरमाइंड अफजल गुरु के बड़े भाई एजाज अहमद गुरु भी चुनावी मैदान में है। एजाज गुरु सोपोर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी हैं। नॉर्थ कश्मीर की लंगेट सीट से इंजीनियर राशिद के भाई खुर्शीद अहमद शेख चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग बारामूला से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। 18 सितंबर को पहले फेज की 24 विधानसभा सीटों वोटिंग हुई। इस दौरान 61.38% वोटिंग हुई। वहीं 25 सितंबर को 6 जिलों की 26 विधानसभा सीटों 57.31% मतदान हुआ। फर्स्ट फेज वोटिंग प्रतिशत सेकेंड फेज वोटिंग प्रतिशत जम्मू की सबसे ज्यादा 11 सीटों पर वोटिंग, PDP के 33 प्रत्याशी मैदान में तीसरे फेज में जम्मू जिले की सबसे ज्यादा 11 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। वहीं बारामूला की 7, कुपवाड़ा और कठुआ की 6-6, उधमपुर की 4, बांदीपोरा और सांबा की 3-3 सीटों पर वोटिंग होगी। बारामूला सीट पर सबसे ज्यादा 25 कैंडिडेट्स चुनावी मैदान में हैं। वहीं जम्मू की अखनूर में 3 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है। आखिरी फेज में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) 33 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। गठबंधन में चुनाव लड़ रहे नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 18 जबकि कांग्रेस 24 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा के 29 कैंडिडेट्स हैं। वहीं 155 निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के 90% कैंडिडेट्स करोड़पति, 6 कैंडिडेट्स की संपत्ति शून्य एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के फेज 3 के 415 उम्मीदवारों के हलफनामे के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे फेज के 415 कैंडिडेट की एवरेज संपत्ति 2.76 करोड़ रुपए हैं। 415 में से 41% यानी 169 कैंडिडेट्स करोड़पति हैं। इनके पास एक

Dainik Bhaskar बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र से कहा था- हमारी इजाजत बिना तोड़फोड़ न हो

बुलडोजर एक्शन के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। 18 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने 1 अक्टूबर यानी आज तक के लिए बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी थी। अदालत ने कहा था कि अगली सुनवाई तक देश में एक भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि हम स्पष्ट कर दें कि इस ऑर्डर में सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइंस के अवैध अतिक्रमण नहीं शामिल हैं। केंद्र ने इस ऑर्डर पर सवाल उठाया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के हाथ इस तरह नहीं बांधे जा सकते हैं। इस पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा- अगर कार्रवाई दो हफ्ते रोक दी तो आसमान नहीं फट पड़ेगा। आप इसे रोक दीजिए, 15 दिन में क्या होगा? कोर्ट धारणाओं से प्रभावित नहीं होता, लेकिन हम साफ कर रहे हैं कि हम किसी भी अवैध अतिक्रमण के बीच नहीं आएंगे, लेकिन अधिकारी जज नहीं बन सकते। कोर्ट रूम लाइव... जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद: हर दिन तोड़फोड़ हो रही है। केंद्र सरकार: 2022 में नोटिस दिए गए और उसके बाद कार्रवाई की गई। इस बीच अपराध हुए। सुप्रीम कोर्ट: 2024 में कार्रवाई में इतनी जल्दबाजी क्यों हो रही है, नोटिस तो 2022 में जारी किए गए थे। केंद्र सरकार: एक धारणा बनाई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट: बाहरी शोर से हम प्रभावित नहीं होते हैं। अभी हम इस पॉइंट पर नहीं जा रहे हैं कि किस समुदाय पर एक्शन लिया जा रहा है। अगर एक भी अवैध बुलडोजर एक्शन है तो यह संविधान के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट: धारणाओं से हम प्रभावित नहीं होते हैं। हम साफ कर दे रहे हैं कि हम किसी भी अवैध अतिक्रमण के बीच नहीं आएंगे, लेकिन अधिकारी जज नहीं बन सकते हैं। केंद्र सरकार: याचिकाकर्ता कह रहे हैं कि धर्म विशेष के लिए तोड़फोड़ की कार्रवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट: अभी हमारा मकसद डिमोलेशन की कार्रवाई को व्यवस्थित करना है। केंद्र सरकार: जिन पर कार्रवाई की गई है, वो कोर्ट आए ही नहीं। उन्हें पता है कि निर्माण अवैध है। 2 हफ्ते कार्रवाई नहीं होगी तो कोई आसमान नहीं फट पड़ेगा। आप अपने हाथ रोक दीजिए। 15 दिन में क्या हो जाएगा। जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद: इस अदालत ने आदेश दिया था, इसके बावजूद कुछ पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं और उसी रात घर गिरा दिए गए। यह रोज हो रहा है। केंद्र सरकार: MP का एक मामला है। जहां 70 दुकानों को गिरा दिया गया, इनमें से 50 दुकानें हिं

Dainik Bhaskar असली NCP किसकी, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी:शरद गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले फैसला देने की अपील की थी

अजीत पवार गुट और शरद पवार गुट के बीच असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को लेकर चल रहे मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। 25 सितंबर को हुई सुनवाई में शरद पवार एनसीपी गुट के वकील ने अपील की थी कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले का निपटारा करें। इसके बाद जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्जवल भुइयां की बेंच ने मामले की सुनवाई 1 अक्टूबर के लिए तय की। पिछली सुनवाई में क्या हुआ था... पिछली सुनवाई में शरद पवार के वकील ने दावा किया कि अजित पवार ने शरद पवार को अपना भगवान बताया है और कहा है कि वे सभी एक साथ हैं। वकील ने कहा कि अजित पवार गुट ने अदालत के पिछले आदेश का पालन नहीं किया है, इसलिए कोर्ट अजित पवार गुट को विधानसभा चुनावों के लिए नए चुनाव चिह्न के लिए अप्लाई करने का निर्देश दे। दरअसल, शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके चुनाव आयोग के 6 फरवरी के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें अजित पवार समूह को आधिकारिक तौर पर असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की मान्यता दी गई थी और पार्टी का चुनाव चिह्न 'घड़ी' आवंटित किया गया था। शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग की थी, ताकि अजित पवार गुट को NCP और उसके चुनाव चिह्न 'घड़ी' का इस्तेमाल करने से रोका जा सके। पूरा मामला क्या है... 6 फरवरी: चुनाव आयोग ने अजीत गुट को असली NCP माना, शरद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे चुनाव आयोग ने भी इसी साल 6 फरवरी को अजित पवार गुट को ही असली NCP माना था। साथ ही आयोग ने शरद पवार को नए राजनीतिक दल के लिए 7 फरवरी की शाम 4 बजे तक तीन नाम देने को कहा था। चुनाव आयोग ने 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद यह फैसला दिया था। आयोग ने कहा कि विधायकों की संख्या के बहुमत ने अजित गुट को NCP का नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की। जिसके खिलाफ पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार की इस याचिका को अर्जेंट सुनवाई के लिए स्वीकार किया था। शरद की ओर से वकील अभिषेक जेबराज ने कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा का 20 फरवरी को स्पेशल सेशन बुलाया गया है। अजित गुट की ओर से व्हिप जारी किया जा सकता है। इसलिए इस केस को तुरंत सुना जाए। शरद पवार ने 11 फरवरी को कहा था - इससे पहले ऐसा कभ

Dainik Bhaskar गोपाल कांडा-गोकुल सेतिया में कांटे की टक्कर:कांग्रेस को पंजाबी-जाट वोटरों से आस; कांडा भाजपा से नाराज किसानों को इनेलो के जरिए साध रहे

हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट इस चुनाव में सुर्खियों में है, क्योंकि यहां से पूर्व गृह राज्य मंत्री और गीतिका सुसाइड केस से चर्चा में आए गोपाल कांडा अपनी पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर हलोपा ने इनेलो से गठबंधन किया है, जबकि इनेलो पहले ही बसपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रही है। भाजपा उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा अपना नामांकन वापस ले चुके हैं। कांग्रेस ने यहां पूर्व मंत्री लक्ष्मणदास अरोड़ा के नाती गोकुल सेतिया को टिकट दिया है। गोकुल सेतिया ने पिछले चुनाव में गोपाल कांडा को कड़ी टक्कर दी थी। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी (AAP) ने श्याम सुंदर मेहता और जननायक जनता पार्टी (JJP) ने पवन शेरपुरा को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर वोटरों की संख्या लगभग 2.20 लाख है। यहां वैश्य और पंजाबी समाज के वोटर ही उम्मीदवार की हार जीत का फैसला करते हैं। गोपाल कांडा वैश्य समाज से आते हैं, जबकि गोकुल सेतिया पंजाबी समाज से हैं। इस सीट में 31 वार्ड और 31 गांव हैं। ग्रामीण और किसान वोटर को अपनी तरफ करने के लिए हलोपा, इनेलो पर निर्भर है। गोकुल सेतिया किसान आंदोलन से बने माहौल के सहारे जाट और किसान वोटरों को अपनी तरफ करने की जुगत में हैं। राज्य में 5 अक्टूबर को वोटिंग से पहले दैनिक भास्कर सिरसा सीट पर चुनावी माहौल जानने के लिए फील्ड में पहुंचा। यहां आम लोगों और एक्सपर्ट्स से बात की गई। लोगों का कहना है कि पिछले चुनाव की तरह इस बार भी गोपाल कांडा और गोकुल सेतिया में कड़ी टक्कर है। अभी कुछ नहीं कहा जा सकता कि कौन जीतेगा। आखिरी टाइम तक जो मेहनत करेगा, वो बाजी मार जाएगा। 5 पॉइंट्स में समझें सिरसा विधानसभा सीट के समीकरण शहर को मॉडर्न बनाने के नाम पर वोट मांग रहे कांडा गोपाल कांडा चौथा विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पहला चुनाव उन्होंने 2009 में सिरसा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था। तब निर्दलीय विधायकों से कांग्रेस का समर्थन कराने पर उन्हें भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा की सरकार में गृह राज्य मंत्री बनाया गया। साल 2012 में गीतिका सुसाइड केस में नाम आने के बाद गोपाल कांडा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद वह करीब 18 महीने तिहाड़ जेल में भी रहे। 2014 में उन्होंने अपनी हलोपा पार्टी से दूसरा विधानसभा चुनाव लड़ा और करीब 3 हजार वोट से चुनाव हार गए। 2019 विधानसभा चुनाव वह द

Dainik Bhaskar हरियाणा में आज PM मोदी की अंतिम रैली:पार्टी के 22 उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेंगे, इससे पहले 3 जनसभाएं कर चुके

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पलवल में रैली है। यह उनकी अंतिम जनसभा होगी, जिसमें वह पूरी ताकत झोंकेंगे। उनकी जनसभा नेशनल हाईवे-19 पर गदपुरी टोल प्लाजा के पास होगी। यहां प्रदेश की 22 विधानसभाओं के भाजपा उम्मीदवार मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी अपनी अंतिम चुनावी जनसभा में 22 विधानसभाओं को साधने का प्रयास करेंगे। पलवल के भाजपा जिलाध्यक्ष चरण सिंह तेवतिया ने बताया है कि प्रधानमंत्री मोदी की रैली में पलवल की 3, फरीदाबाद की 6, नूंह की 3, गुरुग्राम की 4, रेवाड़ी की 3 और महेंद्रगढ़ की 3 सीटों के उम्मीदवार उनके साथ स्टेज पर होंगे। स्टेज पर प्रधानमंत्री मोदी के अलावा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत, केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा और 6 जिलों के जिलाध्यक्ष व 6 जिला परिषद चेयरमैन स्टेज पर बैठेंगे। पंडाल में 30 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था PM मोदी की अंतिम रैली के लिए भाजपा ने बड़े इंतजाम किए हैं। गदपुरी टोल पर पंडाल लगा है, जिसमें 30 हजार कुर्सियां लगवाई गई हैं। इस रैली में करीब 50 हजार लोगों के आने की संभावना है। जनसभा के लिए पार्टी कार्यकर्ता और प्रशासन के अधिकारी इंतजाम करने में जुटे हुए हैं। सभा स्थल के चारों तरफ पुलिस तैनात कर दी गई है। टेंट, मंच, शामियाना, माइक और लाइटिंग का पूरा कार्य पुलिस की निगरानी में किया गया है। पलवल जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार आ रहे हैं। इसके लए पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान भी सुरक्षा में लगाए गए हैं। जिले में मानव रहित हवाई वाहन उड़ान (ड्रोन आदि) को प्रतिबंधित किया गया है। नेशनल हाईवे-19 पूरे दिन के लिए बंद जिलाधीश हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया है कि SP चंद्रमोहन स्वयं सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। PM मोदी की रैली के चलते नेशनल हाईवे-19 पर 1 अक्टूबर को सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक यातायात बंद रहेगा। इसके लिए रूट डायवर्ट कर दिया गया है। फरीदाबाद से पलवल की ओर जाने वाले मुंबई-बडोदरा एक्सप्रेस-वे पर कैली गांव से होते हुए KMP एक्सप्रेस-वे से पलवल पहुंचेंगे। जबकि, पलवल से फरीदाबाद जाने वाले अटोहां कट से KMP एक्सप्रेस-वे से होते हुए मुंबई-बडोदरा एक्सप्रेस-वे का उपयोग कर कैली से नेशनल हाईवे-19 पर पहुंचेंगे।

Dainik Bhaskar राहुल गांधी की विजय संकल्प यात्रा का दूसरा दिन:बहादुरगढ़ से शुरू होकर गोहाना में होगा समापन; अधिकतर सीटों पर भूपेंद्र हुड्‌डा का होल्ड

हरियाणा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'हरियाणा विजय संकल्प यात्रा' दूसरे दिन मंगलवार (1 अक्टूबर) को झज्जर के बहादुरगढ़ से शुरू होगी। यात्रा बहादुरगढ़ के बाद सोनीपत के पांच हलकों को कवर करते हुए गोहाना पहुंचेगी। इस दौरान राहुल गांधी दोपहर को सोनीपत सिटी और शाम को गोहाना में जनसभा को संबोधित करेंगे। यात्रा का शेड्यूल जारी होने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता इसकी तैयारियों में लगे हुए हैं। बहादुरगढ़ से शुरू होगी यात्रा राहुल गांधी मंगलवार को देश की राजधानी दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में पकौड़ा चौक से अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे। वह बहादुरगढ़ के कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र सिंह जून के लिए वोट की अपील करेंगे। साथ ही शहर में एक रोड शो भी करेंगे। इसके बाद राहुल गांधी का गांव लडरावन और कुंडल गांव में भी स्वागत होगा। इसके बाद यात्रा खरखौदा के रास्ते सोनीपत में प्रवेश कर जाएगी। सोनीपत में पहुंचने पर कालुपुर चुंगी पर कांग्रेस कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे। सोनीपत में जनसभा करेंगे सोनीपत के सेक्टर-15 ग्राउंड में राहुल गांधी दोपहर को कांग्रेस की एक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वह शहर में रोड शो करते हुए जाहरी चौक से गन्नौर विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। राहुल गांधी कल सोनीपत जिले की खरखौदा, सोनीपत, गन्नौर, गोहाना विधानसभा सीट को कवर करेंगे। इस दौरान राई हलका उम्मीदवार सोनीपत में और बरोदा हलका उम्मीदवार राहुल गांधी के स्वागत के लिए गोहाना में हाजिर होंगे। राहुल गांधी मंगलवार को सोनीपत के जिन विधानसभा क्षेत्रों में विजय संकल्प यात्रा निकालेंगे, उनमें 2019 के चुनाव में राई व गन्नौर हलके में भाजपा जीती थी। सोनीपत में 6 विधानसभा सीटें हैं। यहां 5 सीटों पर कांग्रेस-भाजपा में और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार कांग्रेस-भाजपा को कड़ी टक्कर दे रहा है। राहुल की पहले दिन की यात्रा का अपडेट पढ़ें... हरियाणा में राहुल गांधी बोले-मोदी के भगवान अडाणी:ऑर्डर मिलने पर ED-CBI भेजकर काम कराते हैं; अग्निवीर स्कीम जवानों की पेंशन चोरी का तरीका राहुल गांधी ने हुड्‌डा-सैलजा के हाथ मिलवाए:जातिसूचक शब्दों और टिकट बंटवारे में अनदेखी से सांसद नाराज; सिर्फ अपने समर्थकों की सीटों पर प्रचार

Dainik Bhaskar मार्निंग न्यूज ब्रीफ:तिरुपति विवाद: सुप्रीम कोर्ट बोला- भगवान को राजनीति से दूर रखें; महाराष्ट्र में देसी गाय राज्यमाता कहलाएगी; मिथुन को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड

नमस्कार, कल की बड़ी खबर तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई की रही, अदालत ने कहा कि जब प्रसाद में पशु चर्बी होने की जांच CM चंद्रबाबू नायडू ने SIT को दे दी, तब उन्हें मीडिया में जाने की क्या जरूरत थी। एक खबर महाराष्ट्र सरकार के फैसले की रही, यहां देसी गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया गया है। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. तिरुपति लड्डू विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- SIT की जांच चल रही है तो CM ने बयान क्यों दिया तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में एनिमल फैट के इस्तेमाल से जुड़े केस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने कहा, 'जुलाई में लैब रिपोर्ट आई। वह स्पष्ट नहीं है। मुख्यमंत्री SIT जांच के आदेश देते हैं और फिर सितंबर में मीडिया के सामने बयान देते हैं। एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा कैसे कर सकता है। कम से कम भगवान को तो राजनीति से दूर रखें।' अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सुझाव मांगा है कि मामले की जांच SIT से ही कराई जाए या किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से। CM नायडू ने लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की, विवाद बढ़ा: CM नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पूर्व जगन सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिलाया गया था। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में लड्डुओं में चर्बी की पुष्टि हो गई थी। हालांकि, टीडीपी ने दो महीने बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की। राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए 22 सितंबर को SIT भी बनाई। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. महाराष्ट्र सरकार ने देसी गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने देसी गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया है। महाराष्ट्र ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य है। CM शिंदे ने कहा, 'सरकार गोशालाओं में स्वदेशी गायों के पालन-पोषण के लिए 50 रुपए प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने जा रही है। इसे महाराष्ट्र गोसेवा आयोग ऑनलाइन लागू करेगा।' देसी गाय के महत्व को देखते हुए फैसला लिया: राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन में कहा कि वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देसी गाय के महत्व, मानव आहार में देसी गाय के दूध की उपयोगिता, आयुर्वेद चिकित्सा, पंचगव्य उपचार पद्धति और जैविक कृष

Dainik Bhaskar मानसून में 15 दिन बचे, इस बार 8% ज्यादा बारिश:राजस्थान सबसे ज्यादा भीगा, पंजाब सबसे सूखा; एक महीने में सर्दी की दस्तक

इस बार मानसून एक जून से पहले आ गया था और उसकी आखिरी विदाई अक्टूबर के दूसरे या तीसरे हफ्ते तक हो सकती है। मगर, मौसम विभाग 1 जून से 30 सितंबर तक होने वाली बारिश को ही ‘मानसूनी बारिश’ मानता है। इस हिसाब से देखें तो मानसूनी बारिश का सीजन खत्म हो गया है। इस बार देशभर में मानसून के दौरान सामान्य से 8% ज्यादा बारिश हुई है। 13 बड़े राज्यों में देखें तो इस बार मानसून में राजस्थान में सर्वाधिक (सामान्य से 56% ज्यादा) व पंजाब में सबसे कम (सामान्य से 28% कम) बारिश हुई। जून में मानसून की दस्तक के समय मौसम विभाग का अनुमान था कि अगस्त तक ला-नीना परिस्थितियां विकसित होंगी और मानसून के आखिरी दो महीनों में जमकर बारिश होगी। मगर ला-नीना नहीं बनने के बावजूद इस बार मानसून मौसम विभाग के अनुमान 106% से भी 2% ज्यादा पर खत्म हुआ। इस बार मानसून में ज्यादा बारिश की वजह क्या रही आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने कहा- ‘इस बार मानसून के दौरान सक्रिय मैडेन जुलियन ओसिलेशन (एमजेओ) की फ्रीक्वेंसी ने मानसून को बेहतर बनाने में मदद की।’ एमजेओ हिंद महासागर की ओर से आने वाला धरती की परिक्रमा करते बादलों का एक जखीरा है, जो इस बार उत्तर की ओर से गुजरा, जिसका फायदा मिला। अब आगे क्या? नवंबर के तीसरे हफ्ते से दस्तक देने लगेगी सर्दी मानसून के देशभर से विदा होने की सामान्य तिथि 15 अक्टूबर है। अब अगले एक से डेढ़ महीने दिन व रात के तापमान में अंतर और बढ़ जाएगाा। नवंबर के तीसरे हफ्ते से दिन में भी तापमान कम होना शुरू होगा, क्योंकि पश्चिमी विक्षोभों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। दिसंबर में पहाड़ों पर बर्फबारी की शुरुआत से मैदानों में भी ठंड दस्तक देगी। नवंबर के आखिरी तक ला-नीना पैदा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। ला-नीना में अक्सर ज्यादा ठंड रहती है। मप्र में 18% ज्यादा मानसूनी बारिश, बिहार में 19% कम; यूपी में 5 साल का रिकॉर्ड टूटा देश में 1 जून से 30 सितंबर के दौरान सामान्य रूप से 868.6 मिमी बारिश होनी चाहिए, लेकिन इस बार 934.8 मिमी हुई है यानी 7.8% ज्यादा। जबकि जून में बारिश की 11% कमी थी लेकिन उसके बाद लगातार ज्यादा बारिश होती रही। जुलाई में 9%, अगस्त में 15.3% और सितंबर में 11.6% बारिश हुई। उत्तर पश्चिम के इलाके जिसमें राजस्थान व दिल्ली शामिल हैं, वहां जून और जुलाई में 32.6% और 14.6% की कमी थी लेकिन बाकी क

Dainik Bhaskar तिरुपति लड्डू विवाद- SIT ने फ्लोर मिल की जांच की:यहीं स्टोर किया जाता है घी, इसी से प्रसाद बनता; घी ले जाने वाले टैंकर की भी जांच

आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) में प्रसादम (लड्डुओं) में जानवरों की चर्बी मामले की जांच कर रही SIT ने 30 सितंबर को कई जगहों पर छानबीन की। विशेष जांच दल (SIT) के अधिकारियों ने तिरुमाला में फ्लोर मिल का निरीक्षण किया। यहीं पर घी को स्टोर किया जाता है। इसी घी का इस्तेमाल लड्डू प्रसादम में होता है। SIT चीफ सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी और उनकी टीम ने तिरुमाला में घी के टैंकरों और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) लैब की भी जांच-पड़ताल की। तिरुपति मंदिर में नंदिनी घी से लड्डू बन रहे, घी सप्लॉयर की GPS से निगरानी तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने के लिए अब नंदिनी घी का इस्तेमाल किया जा रहा है। नंदिनी, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन का लोकप्रिय ब्रांड है। विवाद के बीच एक महीने पहले ही तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को घी सप्लाई करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर एमके जगदीश ने कहा, हमने अपनी गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम और जियो लोकेशन डिवाइस लगाई हैं। ये गाड़ियां मंदिर में घी सप्लाई करती हैं। GPS सिस्टम लगाने से हमें पता चलता है कि गाड़ी कहां-कहां रुकी है, ताकि मिलावट को रोका जा सके। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को 350 टन घी की सप्लाई का ठेका मिला है। डिप्टी CM का 11 दिन का प्रायश्चित, पूर्व CM जगन को मंदिर जाने की इजाजत नहीं तिरुपति मंदिर के प्रसाद में एनिमल फैट की बात सामने आने के बाद से लगातार राजनीति हो रही है। डिप्टी CM पवन कल्याण ने रविवार (22 सितंबर) से 11 दिनों की प्रायश्चित दीक्षा की शुरुआत की। इस दौरान वह उपवास रख रहे हैं। पवन ने कहा- मुझे अफसोस है कि मैं मिलावट के बारे में पहले क्यों नहीं पता लगा पाया। मुझे दुख हो रहा है। इसके लिए प्रायश्चित कर रहा हूं। वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी को मंदिर जाने की इजाजत नहीं दी गई। जगन 28 सितंबर को तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में विशेष अनुष्ठान करने वाले थे। एक दिन पहले ही उन्हें नोटिस जारी किया गया। नोटिस में कहा गया है कि YSRCP पार्टी के कार्यकर्ताओं को तिरुमाला मंदिर जाने की इजाजत नहीं है पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ केस दर्ज आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन पर श्री वेंक

Dainik Bhaskar सोनम वांगचुक समेत 120 लोग हिरासत में:दिल्ली में एंट्री से रोका; 5 अक्टूबर तक धारा 163 लागू; लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग

लद्दाख से करीब 700 किमी की पदयात्रा करके दिल्ली पहुंचे क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक समेत 120 लोगों को हिरासत में लिया गया है। ये लोग लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और केंद्र शासित प्रदेश को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, हिरासत में लिए गए सभी लोगों को अलीपुर और शहर की सीमा पर स्थित अन्य पुलिस थानों में ले जाया गया है। वांगचुक और अन्य लोग बॉर्डर पर रात बिताना चाहते थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में 5 अक्टूबर तक धारा 163 (जो पहले सीआरपीसी की धारा 144 थी) लागू है। ऐसे में मार्च कर रहे सभी लोगों को वापस जाने के लिए कहा गया, लेकिन जब वे नहीं रुके, तो बॉर्डर पर पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने 120 लोगों को हिरासत में ले लिया। मार्च में सोनम वांगचुक ने 21 दिन की भूख हड़ताल की थी सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण, लेह और कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की मांग को लेकर काफी समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी साल मार्च में सोनम ने 21 दिन की भूख हड़ताल की थी। भूख हड़ताल खत्म करने के बाद सोनम वांगचुक ने कहा था- ये आंदोलन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। अपनी मांगों को लेकर हमें जब तक आंदोलन करना पड़े, हम करेंगे। आर्टिकल 370 हटने के बाद शुरू हुआ आंदोलन केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना। लेह और कारगिल को मिलाकर लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश बना था। इसके बाद लेह और कारगिल के लोग खुद को राजनीतिक तौर पर बेदखल महसूस करने लगे। उन्होंने केंद्र के खिलाफ आवाज उठाई। बीते दो साल में लोगों ने कई बार विरोध-प्रदर्शन कर पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा मांगते रहे हैं, जिससे उनकी जमीन, नौकरियां और अलग पहचान बनी रही, जो आर्टिकल 370 के तहत उन्हें मिलता था। केंद्र ने मांगें मानने से इनकार किया था इस साल की शुरुआत में बौद्ध बहुल लेह और मुस्लिम बहुल कारगिल के नेताओं ने लेह स्थित एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (KDA) के बैनर तले हाथ मिलाया। इसके बाद लद्दाख में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन और भूख हड़ताल होने लगीं। केंद्

Dainik Bhaskar हिमाचल में 56 साल बाद मिले 4 जवानों के शव:1968 में IAF विमान क्रैश हुआ था, 100 लोग सवार थे; 6200 मी ऊंचाई पर मलबा

हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे पर 56 साल बाद चार भारतीय जवानों के शवों के अवशेष मिले हैं। भारतीय सेना के डोगरा स्काउट्स और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू की एक जॉइंट टीम ने शव बरामद किए। दरअसल 1968 में इंडियन एयर फोर्स का AN-12 विमान इसी इलाके में क्रैश हो गया था। 102 जवानों को ले जा रहा यह ट्विन इंजन एएन-12 टर्बोप्रॉप ट्रांसपोर्ट विमान 7 फरवरी, 1968 को चंडीगढ़ से लेह जाते समय लापता हो गया था। विमान खराब मौसम में फंस गया और हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 2019 तक पांच शव बरामद किए गए थे 2003 में ही अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों ने मलबे की खोज की थी, जिसके बाद भारतीय सेना, खासकर डोगरा स्काउट्स ने सालों तक कई सर्च ऑपरेशन चलाए। डोगरा स्काउट्स ने 2005, 2006, 2013 और 2019 में शवों की छानबीन जारी रखी। अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना स्थल की कठोर परिस्थितियों और चुनौतीपूर्ण भूभाग के कारण 2019 तक केवल पांच शव बरामद किए गए थे। अब किसके शव बरामद किए गए हैं अधिकारियों के अनुसार, तीन पीड़ितों के अवशेषों की पहचान मलखान सिंह, सिपाही नारायण सिंह और क्रॉफ्टमैन थॉमस चरण के रूप में की गई है। चौथे शव की पहचान अभी नहीं हो पाई है। थॉमस चरण केरल के पथानामथिट्टा जिले के एलंथूर के रहने वाले थे। उसके परिजनों, उसकी मां एलीमा को बरामदगी के बारे में सूचित कर दिया गया है। मलखान सिंह की पहचान आधिकारिक रिकॉर्ड से प्राप्त दस्तावेजों की मदद से की गई, जबकि सिपाही सिंह, जो सेना के मेडिकल कोर में काम करते थे। अधिकारियों ने बताया कि सिंह उत्तराखंड के गढ़वाल में चमोली तहसील के कोलपाडी गांव के रहने वाले थे। ये खबर भी पढ़ें... राजस्थान में फाइटर प्लेन मिग-29 क्रैश: धमाके के साथ आग लगी, हादसे से पहले सुरक्षित दोनों पायलट निकले राजस्थान के बाड़मेर में उत्तरलाई एयरबेस के पास सोमवार को फाइटर प्लेन मिग-29 क्रैश हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। फाइटर प्लेन में 2 पायलट थे। दोनों ने क्रैश से पहले इजेक्ट (विमान से बाहर निकलना) कर लिया था। पढ़ें पूरी खबर...

Dainik Bhaskar इवेंट कैलेंडर:नवरात्रि, दशहरा और दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा, JK और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे; अक्टूबर में आपके काम की तारीखें

अक्टूबर का महीना त्योहारों से भरा हुआ है। 3 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू होगी, 12 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा और 31 अक्टूबर को दिवाली की धूम रहेगी। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनाव के नतीजे भी इसी महीने आएंगे। अक्टूबर में भारत-बांग्लादेश के बीच T20 सीरीज और विमेंस वर्ल्ड कप खेला जाएगा। वहीं, बड़े पर्दे पर सिंघम अगेन और भूल भुलैया-3 रिलीज होगी, जबकि OTT पर युधरा और द बकिंघम मर्डर फिल्म आएगी। जानिए इस महीने अपने काम की सभी तारीखें...

Dainik Bhaskar MUDA जमीन घोटाला- सिद्धारमैया की पत्नी 14 प्लाट लौटाएंगी:CM बोले- बिना झुके लड़ना चाहता था लेकिन पत्नी के फैसले का सम्मान

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएन पार्वती ने MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) को लेटर लिखकर 14 प्लाट वापस करने की पेशकश की है। लेटर में पार्वती ने लिखा, इन प्लाट को वापस करने के साथ-साथ, मैं MUDA से संबंधित सभी आरोपों की जांच की भी मांग करती हूं। इससे पहले 30 सितंबर को ED ने सिद्धारमैया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। यह केस मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) लैंड स्कैम से जुड़ा है। ED ने इस केस में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और कुछ अधिकारियों का नाम भी शामिल किया है। CM की पत्नी बोलीं- राजनीतिक परिवारों की महिलाओं को विवाद में न घसीटें MUDA को भेजे लेटर में CM की पत्नी ने लिखा, कुछ लोग पूछ सकते हैं कि इस समय ऐसा फैसला क्यों लिया गया? मैंने यह डिसीजन उसी दिन लिया था जिस दिन आरोप लगे थे। चूंकि MUDA प्लॉट आवंटन के संबंध में आरोप राजनीति से प्रेरित थे, इसलिए कुछ शुभचिंतकों ने सलाह दी कि हमें इस अन्याय के खिलाफ लड़ना चाहिए और उनकी योजनाओं का शिकार नहीं बनना चाहिए। इसलिए मैं शुरू में प्लॉट वापस करने से पीछे हट गई। मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और मीडिया के सदस्यों से अपील करती हूं। कृपया राजनीतिक परिवारों की महिलाओं को विवाद में न घसीटें। उन्हें राजनीतिक विवादों में शामिल करके उनकी गरिमा और सम्मान को नुकसान न पहुंचाएं। CM सिद्धारमैया बोले- पत्नी के प्लाट वापस करने के फैसले का सम्मान पत्नी के जमीन वापस करने के फैसले के बीच CM सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया पर लिखा, राज्य के लोग भी जानते हैं कि विपक्षी दलों ने मेरे खिलाफ राजनीतिक नफरत पैदा करने के लिए झूठी शिकायत की और मेरे परिवार को विवाद में घसीटा। मेरा स्टैंड इस अन्याय के आगे झुके बिना लड़ने का था। लेकिन मेरी पत्नी, जो मेरे खिलाफ चल रही राजनीतिक साजिश से परेशान है, उसने इन प्लाट को वापस करने का फैसला लिया है। वह मेरे खिलाफ नफरत की राजनीति का शिकार है और मानसिक यातना झेल रही है। इसका मुझे खेद है। हालांकि, मैं अपनी पत्नी के प्लाट वापस करने के फैसले का सम्मान करता हूं। जांच के खिलाफ सिद्धारमैया की याचिका हाईकोर्ट में खारिज एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा ने आरोप लगाया था कि CM ने MUDA अधिकारियों के साथ मिलकर 14 महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल किया। 24 सितंबर को हाईकोर्ट ने

Dainik Bhaskar सिद्धारमैया पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया:कर्नाटक CM पर मैसुरु लैंड स्कैम का आरोप; लोकायुक्त पहले से जांच कर रही

कर्नाटक CM सिद्धारमैया के खिलाफ सोमवार को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। यह केस मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) लैंड स्कैम से जुड़ा है। ED ने इस केस में सिद्धारमैया के अलावा उनकी पत्नी, साले और अन्य लोगों का नाम भी शामिल किया है। कर्नाटक के गवर्नर थावर चंद गहलोत ने 16 अगस्त को इस घोटाले में सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। सिद्धारमैया इसके खिलाफ हाईकोर्ट गए, लेकिन 24 सितंबर को अदालत ने भी कहा कि जांच का आदेश सही है, ये होनी चाहिए। इसके बाद कर्नाटक की एक स्पेशल कोर्ट ने लोकायुक्त टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है, जिसके तहत 27 सितंबर को लोकायुक्त पुलिस ने MUDA घोटाले मामले में FIR दर्ज की। सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और कुछ अधिकारियों का नाम MUDA लैंड स्कैम में आया है। एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा ने आरोप लगाया था कि CM ने MUDA अधिकारियों के साथ मिलकर 14 महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल किया। जांच के खिलाफ सिद्धारमैया की याचिका हाईकोर्ट में खारिज 24 सितंबर को हाईकोर्ट ने MUDA स्कैम में सिद्धारमैया के खिलाफ जांच करने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत के आदेश को बरकरार रखा था। जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने राज्यपाल के आदेश के खिलाफ सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, 'याचिका में जिन बातों का जिक्र है, उसकी जांच जरूरी है। केस में मुख्यमंत्री का परिवार शामिल है, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।' राज्यपाल ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 की धारा 218 के तहत सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी थी। CM ने 19 अगस्त को इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सिद्धारमैया बोले- सत्य की जीत होगी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वे जांच का सामना करने से नहीं डरते, लेकिन कानूनी सलाह लेंगे कि क्या इस मामले में इन्वेस्टिगेशन हो सकती है या नहीं। उन्होंने आगे कहा कि मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं। अंत में सच की जीत होगी। MUDA केस क्या है साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक

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