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Dainik Bhaskar पाकिस्तानी फायरिंग में बीकानेर का जवान शहीद:कश्मीर के बारामुला में सिर में लगीं गोलियां, हॉस्पिटल में दम तोड़ा

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) के अनंतनाग में हुई पाकिस्तानी फायरिंग में बीकानेर के जवान रामस्वरूप कस्वां (24) शहीद हो गए। वे नोखा के पांचू गांव के रहने वाले थे। जिला प्रशासन के अनुसार, अनंतनाग में हमले के दौरान उन्हें सिर में गोलियां लगी थीं। आर्मी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। जुलाई में ही अनंतनाग में उनकी पोस्टिंग हुई थी। उनकी पार्थिव देह को गुरुवार को पांचू लाया जाएगा। बड़े भाई भी सेना में हैं जानकारी के अनुसार, रामस्वरूप कस्वां के बड़े भाई सहीराम भी सेना में हैं। शहीद होने के बाद सेना ने उनके परिजन और बीकानेर प्रशासन को सूचना दी। कस्वां की पार्थिव देह कल (गुरुवार) बीकानेर पहुंचने की संभावना है। बीकानेर जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने रामस्वरूप के निधन पर शोक जताया है। कलेक्टर ने कहा- देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले कस्वां के परिवार के साथ प्रशासन और सरकार का पूरा सहयोग रहेगा। रात 9 बजे हुई थी गोलीबारी सेना के जवानों के लिए बीकानेर में वेलफेयर का काम करने वाले सीताराम सिहाग ने बताया- श्रीनगर के अनंतनाग में मंगलवार रात 9 बजे बॉर्डर पर गोलीबारी हुई थी। कस्वां आर्मी के तोपखाने में पोस्टेड थे। मूलरूप से कस्वां परिवार नोखा के केड़ली गांव का रहने वाला है। फिलहाल वे पांचू में रहते हैं। डेढ़ साल पहले ही उनकी शादी कौशल्या से हुई थी। पार्थिव देह को दिल्ली लाया गया पार्थिव देह श्रीनगर से दिल्ली पहुंच चुकी है। इसके बाद बीकानेर लाने की कवायद शुरू की गई है। केड़ली गांव का एक जवान तुलसाराम सिहाग पिछले साल ही शहीद हुआ था। सीताराम सिहाग ने बताया- बीकानेर के जयपुर रोड पर स्थित कैप्टन चंद्र चौधरी स्मारक पर सुबह साढ़े 8 बजे श्रद्धांजलि दी जाएगी। यहां लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए आएंगे। अंतिम यात्रा नोखा होते हुए उनके घर पांचू जाएगी। वहां राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की जाएगी।

Dainik Bhaskar CJI बोले-देश के किसी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कह सकते​​​​​​​:कर्नाटक HC के जज की माफी मंजूर की, बेंगलुरु के मुस्लिम इलाके को पाकिस्तान कहा था

सु्प्रीम कोर्ट ने बुधवार को जजों को हिदायत दी कि वे किसी समुदाय पर कमेंट करते वक्त लापरवाही ना बरतें। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच कर्नाटक हाईकोर्ट के जज के विवादित कमेंट का मामला सुन रही थी। जिसमें जज ने बेंगलुरु के एक हिस्से को पाकिस्तान कह दिया था। CJI ने कहा कि आप देश के किसी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कह सकते हैं। यह देश की एकता के मौलिक सिद्धांत के खिलाफ है। कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस वी श्रीशनंदा के इस कमेंट का वीडियो वायरल हो गया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस मामले की सुनवाई शुरू की। जस्टिस श्रीसनंदन ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांग ली। CJI की बेंच ने माफी मंजूर करते हुए यह केस बंद कर दिया है। जस्टिस श्रीशानंद के 2 विवादित बयान कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस श्रीशनंदा के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे... पहला: एक वीडियो में वे पश्चिमी बेंगलुरु के एक मुस्लिम बहुल इलाके को पाकिस्तान कहते दिखे। दूसरा: दूसरे वीडियो में वे एक महिला वकील को फटकार लगाते नजर आ रहे थे। उन्होंने महिला वकील से कहा था कि वह दूसरे पक्ष के बारे में बहुत कुछ जानती हैं। हो सकता है अगली बार वे उसके अंडरगारमेंट का रंग भी बता दें। सु्प्रीम कोर्ट की जजों को सलाह - लापरवाह तरीके से किए गए कमेंट किसी व्यक्ति का पक्षपात पूर्ण नजरिया बताते हैं, खासतौर से तब जब वे किसी जेंडर या कम्युनिटी पर किए गए हों। सुनवाई के दौरान जज ऐसे कमेंट से बचें, जो किसी समुदाय के खिलाफ हों या उसे नुकसान पहुंचाने वाला हो। - कर्नाटक हाईकोर्ट के जज केस में पार्टी नहीं थे, हम अभी और कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन समुदाय और जेंडर पर किए गए कमेंट को लेकर हमारी चिंता गंभीर है। ऐसे कमेंट नकारात्मक छवि बनाते हैं। कोर्ट की भी और पूरी न्यायिक व्यवस्था को प्रभावित करते हैं। - इस केस को हम बंद कर रहे हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक एज के दौर में न्यायधीशों और वकीलों को उचित कमेंट करना चाहिए और अपने व्यवहार को इस दौर के मुताबिक ढालना चाहिए। हाईकोर्ट ने कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाई थी यूट्यूब चैनल से वीडियो क्लिप वायरल होने के एक दिन बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपनी अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने से आधा घंटे पहले एक डिस्क्लेमर दिया। इसमें बिना परमिशन वीडियो रिकॉर्ड करने पर रोक लगा दी गई। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी

Dainik Bhaskar वक्फ बिल पर 1.25 करोड़ फीडबैक आए:भाजपा सांसद बोले- ये आंकड़े चौंकाने वाले, ISI और चीन की साजिश; इसकी जांच हो

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वक्फ बिल पर मिले एक करोड़ से ज्यादा फीडबैक पर चिंता जताई है। दरअसल, संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष के विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेज दिया गया था। JPC ने बिल में सुधार के लिए फीडबैक मांगा था। अब तक 1.25 करोड़ सुझाव आएं हैं। हालांकि निशिकांत दुबे ने फीडबैक की संख्या पर सवाल उठाए। दुबे का आरोप है कि, ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इसमें ISI और चीन का हाथ हो सकता है। उधर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने भी आंकड़ों पर हैरानी जताई थी। दुबे बोले- यह कट्टरपंथी संगठनों, ISI और चीन की साजिश निशिकांत दुबे 31 सदस्यीय जेपीसी का हिस्सा हैं। उन्होंने कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को लेटर लिखकर इस मामले की जांच की मांग की है। दुबे ने लेटर में लिखा, करोड़ों की संख्या में आए फीडबैक में साजिश नजर आ रही है। ये कट्टरपंथी संगठनों, जाकिर नाइक जैसे व्यक्तियों, ISI और चीन की साजिश लगती है। दुबे का दावा है कि, यह असंभव है कि अकेले भारत से 1.25 करोड़ रिएक्शन मिलें। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना ​​है कि JPC कमेटी को हमारी विधायी प्रक्रिया की अखंडता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए।' JPC में लोकसभा से 21 सदस्य- भाजपा के 7, कांग्रेस के 3 सांसद 1. जगदंबिका पाल (भाजपा) 2. निशिकांत दुबे (भाजपा) 3. तेजस्वी सूर्या (भाजपा) 4. अपराजिता सारंगी (भाजपा) 5. संजय जायसवाल (भाजपा) 6. दिलीप सैकिया (भाजपा) 7. अभिजीत गंगोपाध्याय (भाजपा) 8. श्रीमती डीके अरुणा (YSRCP) 9. गौरव गोगोई (कांग्रेस) 10. इमरान मसूद (कांग्रेस) 11. मोहम्मद जावेद (कांग्रेस) 12. मौलाना मोहिबुल्ला (सपा) 13. कल्याण बनर्जी (TMC) 14. ए राजा (DMK) 15. एलएस देवरायलु (TDP) 16. दिनेश्वर कामत (JDU) 17. अरविंत सावंत (शिवसेना, उद्धव गुट) 18. सुरेश गोपीनाथ (NCP, शरद पवार) 19. नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना, शिंदे गुट) 20. अरुण भारती (LJP-R) 21. असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM) JPC में राज्यसभा से 10 सदस्य- भाजपा के 4, कांग्रेस का एक सांसद 1. बृज लाल (भाजपा) 2. डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी (भाजपा) 3. गुलाम अली (भाजपा

Dainik Bhaskar बदलापुर एनकाउंटर के बाद देवेंद्र फडणवीस के मुंबई में पोस्टर:डिप्टी CM की बंदूक और असॉल्ट राइफल के साथ 3 तस्वीरें, लिखा- बदला पूरा

बदलापुर में नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर के बाद बुधवार सुबह मुंबई के बांद्रा कला नगर में कई पोस्टर लगाए गए हैं। इसमें डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस की तीन तस्वीरें लगाई गई है। तस्वीरों में फडणवीस बंदूक और असॉल्ट राइफल पकड़े नजर आ रहे हैं। भगवा रंग के इस पोस्टर में 'बदला पूरा' लिखा हुआ है। फिलहाल इस मामले में फडणवीस की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। पोस्टर किसने लगवाया है इसकी भी जानकारी सामने नहीं आई है। अक्षय के एनकाउंटर पर विपक्ष के सवालों को लेकर फडणवीस ने मंगलवार को कहा था पुलिस वारंट के साथ अक्षय शिंदे को जांच के लिए ले जा रही थी। उसने पुलिस की पिस्टल छीन ली थी। विपक्ष हर बात पर सवाल उठाता है। वही विपक्ष आरोपी को फांसी देने की मांग कर रहा था। आरोपी अक्षय के परिवार की बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका, SIT की मांग आरोपी अक्षय शिंदे के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका लगाकर एनकाउंटर की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की मांग की है। यह याचिका न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच के सामने रखा गया है। परिवार बोला- अक्षय को थाने में पीटा गया घटना के बाद अक्षय के परिवार ने आरोप लगाया कि उसे कस्टडी में जमकर पीटा गया था। मामले को दबाने के लिए एनकाउंटर कर दिया गया। उसका शव भी नहीं देखने दिया। इधर विपक्ष ने सवाल किया- अक्षय हथकड़ी में था, वो फायरिंग कैसे कर सकता है।आरोपी शिंदे की मां ने कहा है कि हम अस्पताल में घंटों इंतजार करते रहे। लेकिन पुलिसवालों ने हमें अक्षय का शव भी देखने नहीं दिया। अक्षय के खिलाफ यौन शोषण के आरोप साबित नहीं हुए थे। वह पटाखे फोड़ने तक से डरता था। पुलिस पर गोली कैसे चला सकता है। एनकाउंटर एक साजिश है। अब हम उसका शव नहीं लेंगे। अक्षय ने बताया था कि पुलिस वाले उसे पीटते थे। दबाव डालकर बयान भी लिखवाते थे। आरोपी पर गोली चलाने वाले इंस्पेक्टर ने दाउद के भाई को पकड़ा था बदलापुर के स्कूल में बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपी अक्षय पर गोली चलाने वाले इंस्पेक्टर संजय शिंदे ठाणे क्राइम ब्रांच के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल के हेड रह चुके हैं। वे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की टीम में भी थे। इसी टीम ने 2017 में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 19 मार्च क

Dainik Bhaskar हरियाणा में देवीलाल जयंती पर इनेलो की सम्मान दिवस रैली:मायावती-ओमप्रकाश चौटाला पहुंचे; INLD और बसपा गठबंधन में चुनाव लड़ रहीं

हरियाणा में जींद के उचाना में पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल की 111वीं जयंती पर इनेलो पार्टी की रैली हो रही है। रैली में यूपी की पूर्व सीएम मायावती और इनेलो सुप्रीमो पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला पहुंच गए हैं। अभय चौटाला ने बसपा सुप्रीमो मायावती को मुकुट पहना कर उनका स्वागत किया। रैली में भारी भीड़ उमड़ी है। जींद पटियाला हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा है। रैली में इनेलो सुप्रीमो पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला समेत कई नेता संबोधित करेंगे। हरियाणा में बसपा इनेलो के साथ गठबंधन में है।

Dainik Bhaskar लखनऊ में HDFC बैंक में डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट की मौत:काम करते-करते कुर्सी से गिरीं; उठ नहीं पाईं; कर्मचारी बोले-तनाव में थीं

लखनऊ में HDFC बैंक की एक महिला अधिकारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मंगलवार को वह ऑफिस में बैठकर काम कर रही थीं। अचानक कुर्सी से नीचे गिर गईं। कर्मचारी उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर गए। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। वजीरगंज की रहने वाली सदफ फातिमा (45) HDFC बैंक की गोमतीनगर की विभूतिखंड ब्रांच में एडिशनल डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट के पद पर तैनात थीं। मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे ऑफिस में काम कर रही थीं। तभी अचानक अचेत होकर गिर गईं। हार्ट अटैक की आशंका ऑफिस के कर्मचारियों ने बताया- काम को लेकर काफी प्रेशर था। इससे वह तनाव में रहती थीं। आज काम के दौरान ही यह घटना हुई। हालांकि, मामले में कोई ऑफिशियल बात करने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि सब कुछ मुंबई से मैनेज होता है। इंस्पेक्टर विभूति खंड सुनील सिंह का कहना है- मौत की वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चल पाएगी। प्रारंभिक जांच में हार्ट अटैक की बात सामने आ रही है। एक रिश्तेदार ने बताया, सदफ फातिमा की दवा चल रही थी। परिजनों ने कोई शिकायती पत्र नहीं दिया है। अखिलेश ने X पर लिखा- मौत के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार सपा अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा- लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है। ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं। इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है। ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालातों को सवालों के घेरे में ले आते हैं। किसी भी देश की असली तरक़्क़ी का पैमाना सेवा या उत्पाद के आंकड़े का बढ़ना नहीं होता बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है। भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है कि अपने व्यापार-व्यवसाय को बचाने के लिए वो कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं। ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करने वाले भाजपाइयों के बयान भी। इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को ‘तत्काल सुधार

Dainik Bhaskar ट्रेन में TTE ने पैसेंजर को CPR देकर बचाई जान:वीडियो कॉल पर डॉक्टर बताता रहा तरीका, दरभंगा से सवार हुए बुजुर्ग को हार्ट अटैक आया

बिहार के दरभंगा से वाराणसी जा रहे ट्रेन पैसेंजर को पवन एक्सप्रेस ट्रेन में हार्ट अटैक आया। उनके साथ यात्रा कर रहे भाई ने रेलवे हेल्पलाइन नंबर पर सूचना देकर मदद मांगी। ट्रेन में ड्यूटी पर तैनात TTE ने मौके पर पहुंचकर पैसेंजर को CRP दिया जिससे उनकी जान बच गई। रेलवे ने TTE के लिए इनाम का ऐलान किया है। घटना सोमवार रात की है जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। दरभंगा से पवन एक्सप्रेस (11062) के फर्स्ट क्लास कोच A-1 में अपने भाई के साथ सवार हुए बीपी कर्ण (65) को ट्रेन में ही सीने में तेज दर्द उठा और वे गिर गए। साथ यात्रा कर रहे भाई ने तुरंत रेलवे के हेल्प लाइन नंबर पर मदद मांगी। रेलवे से TTE सविंद कुमार को भी अलर्ट मिला वे कोच में पहुंचे। इस बीच मरीज के भाई ने अपने फैमिली डॉक्टर को फोन लगा लिया था। भाई ने TTE सविंद कुमार की डॉक्टर से बात कराई। डॉक्टर ने पहले नब्ज चेक करने को कहा। नब्ज चल रही थी। इसके बाद डॉक्टर ने TTE से कहा कि वे मरीज को CPR दें। कहा। डॉक्टर वीडियो कॉल पर TTE को गाइड करते गए और TTE सविंद CRP देते रहे। सोनपुर -छपरा रेलखंड के बीच TTE ने करीब 15 मिनट तक CRP दिया। जिसके बाद मरीज को होश आ गया। थोड़ी देर में ट्रेन छपरा पहुंच गई। रेलवे स्टेशन पर पहले से मेडिकल टीम मौजूद थी। तुरंत बुजुर्ग को अस्पताल भेजा गया। मरीज की हालत अब ठीक है। सीपीआर क्या है सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) एक इमरजेंसी प्रोसेस है। इसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति की जान बचाने के लिए किया जाता है जब उसका हार्ट काम करना बंद कर दे और वह सांस न ले रहा हो। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के केस में मरीज को पांच मिनट के अंदर सीपीआर दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। सीपीआर के जरिए ऑक्सिजिनेटेड ब्लड (ऑक्सीजन ले जाने वाला रक्त) को ब्रेन की सेल्स तक पहुंचाते रहते हैं। इससे ब्रेन सेल्स डेड नहीं होते। साथ ही हम हार्ट को वापस अपनी स्थिति में चलने के लिए स्टिमुलेट करते हैं। इससे हार्ट की पल्स फिर स्टार्ट हो सकती है।

Dainik Bhaskar MP के 28वें चीफ जस्टिस बने जस्टिस कैत:6 महीने का होगा कार्यकाल; जामिया हिंसा, सीएए जैसे मामलों के लिए जाने जाते हैं

हरियाणा में कैथल जिले के रहने वाले जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने मध्यप्रदेश के 28वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ले ली है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उनको शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित कई नेता और अधिकारी इस मौके पर मौजूद रहे। जस्टिस कैत इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में सीनियर जस्टिस के पद पर थे। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 सितंबर को उनके नाम की मध्यप्रदेश के चीफ जस्टिस पद के लिए अनुशंसा की थी। इस पद पर उनका कार्यकाल 6 महीने का होगा। चीफ जस्टिस का पद 24 मई 2024 से खाली है। जस्टिस रवि मलिमठ के रिटायर होने के बाद पहले जस्टिस शील नागू, फिर जस्टिस संजीव सचदेवा एक्टिंग चीफ जस्टिस रहे। जुलाई 2024 में कॉलेजियम ने जस्टिस जीएस संधूवालिया को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की अनुशंसा की थी। बाद में इसे संशोधित कर जस्टिस कैत के नाम की अनुशंसा की गई। यूपीएससी और रेलवे के पैनल वकील रहे हैं मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के 28वें चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत हरियाणा के कैथल जिले के रहने वाले हैं। उनका जन्म 24 मई 1963 को कैथल के काकौत गांव में हुआ था। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के दौरान वे एनएसएस में यूनिट लीडर के रूप में चुने गए थे। छात्र संघ के संयुक्त सचिव भी रहे। 1989 में उन्होंने वकील के तौर पर पंजीकृत कराया था। उन्हें वर्ष 2004 में केंद्र सरकार के स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया। वे यूपीएससी और रेलवे के पैनल वकील रह चुके हैं। 2008 में दिल्ली हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के तौर पर नियुक्ति के बाद 2013 में प्रमोशन पाकर परमानेंट जज बने। जस्टिस सुरेश कुमार कैत दिल्ली के जामिया हिंसा और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई कर चुके हैं। फैसलों में उनके निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण की सराहना की जाती है। सांसद तन्खा ने लिखा-अगली बार आदिवासी चीफ जस्टिस हो राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत को बधाई दी है। तन्खा ने X पर

Dainik Bhaskar हिमाचल मस्जिद विवाद में बोले AIMIM नेता:हाईकोर्ट में करेंगे PIL; कानून सबके लिए एक समान, बोले-मस्जिद वैध या अवैध कोर्ट तय करेगा, लोग नहीं

हिमाचल प्रदेश की राजधानी संजौली से उठा मस्जिद विवाद शांत होने नहीं दिख रहा। बेशक, संजौली मस्जिद कमेटी ने लिखित में अंडरटेकिंग देकर कोर्ट का फैसला आने पर मस्जिद का अवैध निर्माण तोड़ने की सहमति जताई है। मगर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) दिल्ली के अध्यक्ष शोएब जामाई ने संजौली मस्जिद पहुंचकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें जामाई कह रहे हैं कि मस्जिद के वैध है या अवैध, यह कोर्ट तय करेगा। वह कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) डालेंगे। शोएब जामाई वीडियो में कह रहे हैं कि संजौली मस्जिद के साथ बनी दूसरी बिल्डिंग की ऊंचाई दिखाकर कह कर रहे हैं कि जितनी ऊंचाई मस्जिद की है, उससे ज्यादा की ऊंचाई आसपास बने घरों की है। वह कह रहे हैं कि अगर मस्जिद अवैध है तो यहां बने घर कैसे वैध हो सकते हैं। कानून सबके लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा, वह संविधान से हटकर बात नहीं कर रहे। मोहब्बत की दुकान यहां भी खुलनी चाहिए। शोएब जामाई कह रहे हैं कि मस्जिद के मौलाना ने अच्छे से हैंडल किया है। इतनी कम आबादी होने के बावजूद अच्छा फैसला लिया है। इतना सप्रोर्ट नहीं है। सरपरस्त ताकतें आवाज उठा रही है हर जगह। इंसाफ सभी के लिए होना चाहिए। प्रदेश में मस्जिद विवाद संजौली की इसी मस्जिद के कारण उपजा है। संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा बीते 12 सितंबर को लिखित में नगर निगम आयुक्त को मस्जिद के अवैध निर्माण तोड़ने की पेशकश की गई। कमिश्नर ने बताया कि कोर्ट अगर ऑर्डर देगा तो मस्जिद का अवैध खुद तोड़ेंगे। फैसला आने तक मस्जिद की 3 मंजिल को सील कर दिया जाए। मस्जिद कमेटी इसके लिए तैयार है। इसके बाद शिमला में मस्जिद विवाद शांत हुआ। हालांकि प्रदेश के अन्य शहरों में संजौली मस्जिद के बाद प्रदर्शन जारी है। वहीं संजौली मस्जिद मामले में आगामी 5 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होनी है। विवादित संजौली मस्जिद 1947 में बनी थी, 3 मंजिल पर आपत्ति संजौली में मस्जिद 1947 से पहले बनी थी। तब यहां 2 मंजिला कच्ची मस्जिद होती थी। संजौली में नगर एवं ग्राम नियोजन एक्ट (TCP) लागू है। इसके तहत बिना मंजूरी और नक्शा पास कराए बगैर यहां निर्माण नहीं किया जा सकता है। मस्जिद कमेटी पर आरोप है कि इन्होंने बिना नक्शा पास कराए यहां 5 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी। साल 2010 में इसकी पक्की इमारत बनाने का काम शुरू हुआ। तब से लेकर नगर निगम 35

Dainik Bhaskar महाकाल मंदिर परिसर में केक काटा, 10 कर्मचारी सस्पेंड:वर्चुअली दर्शन कराने वाली कंपनी की महिलाकर्मी का बर्थडे था; पुजारी बोले- यह नियमों के खिलाफ

उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर परिसर में कर्मचारियों ने केक काटकर सहकर्मी युवती का बर्थडे सेलिब्रेट किया। मामला मंगलवार का है। इसका वीडियो बुधवार को सामने आया। जिसके बाद मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ के निर्देश पर 10 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, पुजारी ने भी इसे धार्मिक मान्यताओं के उलट बताया है। मंदिर परिसर में प्रोटोकॉल ऑफिस के पास भोपाल की AR (ऑग्मेंटेड रियलिटी) कंपनी को VR (वर्चुअल रियलिटी) तकनीक से महाकाल मंदिर की भस्म आरती दिखाने का टेंडर मिला है। कंपनी के 12 से ज्यादा कर्मचारी रोजाना श्रद्धालुओं को भस्म आरती के दर्शन करवाते हैं। मंगलवार को कर्मचारी रचना विश्वकर्मा का जन्मदिन था। प्रोटोकॉल कार्यालय के फर्स्ट फ्लोर पर साथी कर्मचारियों ने बाकायदा केक काटकर उसका बर्थडे मनाया। सेलिब्रेशन का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।। वीडियो में केक काट रही युवती के साथ कर्मचारी दिखाई दे रहे हैं। युवती मंदिर परिसर में ही केक काट रही है। वीडियो में महाकाल लोक भी दिख रहा है। पुजारी बोले- मंदिर परिसर में केक काटना धर्म के विपरीत वीडियो सामने आने के बाद महाकाल मंदिर समिति के पूर्व सदस्य महेश पुजारी ने कहा कि अगर जन्मदिन मंदिर में ही मनाना हो, तो महाकाल के दर्शन करें। भस्म आरती में शामिल हों, हार पहनें। पंडित जी का आशीर्वाद लेकर जन्मदिन मनाया जा सकता है। लेकिन इस तरह से मंदिर परिसर में केक काटना धर्म के विपरीत है। ऑग्मेंटेड रियलिटी कंपनी ने जारी किया लेटर कंपनी ने भी मंदिर समिति को पत्र लिखा है। इसमें लिखा है कि कर्मचारियों की ओर से बिना पूर्व सूचना या अनुमति के केक कटिंग की गई थी। अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से कर्मचारियों पर एक्शन लिया गया है। कंपनी ने भविष्य में ऐसी घटना नहीं होने का आश्वासन दिया है। कंपनी ने 10 ऑपरेटरों को किया सस्पेंड दैनिक भास्कर ऐप पर खबर पब्लिश होने के बाद कंपनी ने कड़ा एक्शन लिया है। इनमें ऑपरेटर चेतना विश्वकर्मा, यश गहलोत, हर्षिता सिसोदिया, आकाश उज्जैनिया, शिवानी मकवाना, राज सरगरा, विनोद मकवाना, हर्षिता आर्या, शक्ति सिंह और राधिका त्रिपाठी को सस्पेंड किया गया है। नंदीगृह में केक काटने पर नोटिस, प्रतिबंध लग चुका है करीब 6 साल पहले महाकाल मंदिर के नंदी गृह में नंदिनी जोशी और साधना उपाध्याय नाम की श्रद्धालुओं ने केक काट

Dainik Bhaskar गुजरात के साबरकांठा में ट्रक से टकराई कार, 7 मौतें:कार के अगले हिस्से को गैस कटर से काटकर शव निकाले, 1 गंभीर अस्पताल में भर्ती

गुजरात के साबरकांठा में हिम्मतनगर हाईवे पर एक इनोवा कार की बुधवार सुबह ट्रक से टक्कर हो गई। हादसे में कारसवार 7 लोगों की मौत हो गई। 1 गंभीर रूप से घायल है, जिसका इलाज हिम्मतनगर सिविक अस्पताल में चल रहा है। पुलिस ने बताया कि कार में मौजूद सभी लोग 8 अहमदाबाद के रहने वाले थे। वे शामलाजी से अहमदाबाद की ओर जा रहे थे। इसी दौरान इस कार की ट्रक के पिछले हिस्से से टकर हुई। हादसा इतना गंभीर था कि मृतकों के शव कार में ही फंसे रह गए। शवों को निकालने के लिए कार की बॉडी को गैस कटर से काटना पड़ा। हादसे की 3 तस्वीरें... पुलिस बोली- कार तेज रफ्तार में थी DSP डीएसपी एके पटेल ने बताया कि हादसे की जानकारी जैसे ही हमें लगी, हम मौके पर पहुंचे। हमारे पहुंचने तक 7 लोगों की मौत हो चुकी थी। हादसे में बचे एक शख्स की हालत गंभीर थी। कार को गैस कटर से काटने के बाद उसे हिम्मतनगर सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। DSP पटेल ने बताया कि मरने वालों की पहचान धनवानी, चिराग, रविभाई, रोहित, गोविंद, राहुल, रोहित और बर्थ के रूप में हुई है। अभी इनकी उम्र और बाकी डिटेल सामने नहीं है। वहीं, 22 साल के हनीभाई शंकरलाल टोटवानी का हिम्मतनगर सिविल हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। यह खबर भी पढ़ें... गुजरात में बस खाई में गिरी, 2 बच्चों की मौत, 65 यात्री सवार थे, कई घायल गुजरात के डांग जिले के सापूतारा घाट पर 7 जुलाई को 65 यात्रियों से भरी एक बस खाई में जा गिरी थी। हादसे में 2 बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हो गए थे। घायलों को सापूतारा और डांग के अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया था। पूरी खबर पढ़ें...

Dainik Bhaskar हरियाणा में कांग्रेस उम्मीदवार की सिक्योरिटी बढ़ाई:5 गनमैन तैनात, प्रचार में SHO साथ रहेंगे, मूसेवाला के हत्यारे गैंगस्टर गोल्डी संग फोटो वायरल हो चुके

हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे गोकुल सेतिया की पुलिस सुरक्षा बढ़ाई गई है। उनको 2 अतिरिक्त गनमैन दिए गए हैं। पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय सुभाषचंद ने थाना प्रभारी (SHO) को तुरंत प्रभाव से उनको गनमैन उपलब्ध करवाने के आदेश दिए हैं। गोकुल सेतिया ने पंजाब के बंबीहा गैंग से अपनी जान को खतरा बताया था। इसके साथ ही डीएसपी ने पुलिसकर्मियों को सेतिया निवास के आसपास नियमित पेट्रोलिंग करने की भी हिदायत दी है। पुलिस विभाग द्वारा 2 अतिरिक्त गनमैन चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक अस्थायी तौर पर दिए गए हैं। गोकुल सेतिया को इससे पहले 3 गनमैन मिले हुए थे और अब इनकी संख्या 5 हो गई है। बता दें कि गोकुल सेतिया का परिवार पुराना कांग्रेसी है और उनके नाना लक्ष्मण दास अरोड़ा कांग्रेस में थे और 5 बार विधायक रहे रहे हैं। गोकुल सेतिया की मां सुनीता सेतिया 2014 में भाजपा की टिकट पर सिरसा से चुनाव लड़ चुकी हैं, मगर वह हार गई थीं। इसके बाद भाजपा से उनके व परिवार के रिश्ते बिगड़ गए और सेतिया परिवार ने भाजपा छोड़ दी थी। गोकुल सेतिया यहां हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) प्रमुख गोपाल कांडा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। गोपाल कांडा को इनेलो-बसपा के अलावा भाजपा ने भी समर्थन दे रखा है। 1 साल पहले गोकुल सेतिया को मिली थी धमकी गोकुल सेतिया को करीब एक साल पहले धमकी मिली थी। विदेश से कॉल करने वाले ने अपने आप को नामी गैंगस्टर बताते हुए 1 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। पैसे न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी।गोकुल ने इसके बाद सिरसा एसपी को पूरे मामले की जानकारी दी थी और परिवार की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। धमकी मिलने के बाद सिरसा पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी थी। एक साल पहले गोकुल सेतिया पर हमला करने की प्लानिंग कर रहे 3 गुर्गों को सिरसा में पकड़ा था। इन गुर्गों को पंजाब की एंटी टास्क फोर्स ने सिरसा में दबिश देकर पकड़ा था। पूछताछ में इन्होंने गोकुल सेतिया को मारने के लिए सिरसा आने का खुलासा किया था। पंजाब पुलिस ने यह इनपुट हरियाणा पुलिस से सांझा किया। इसके बाद सिरसा पुलिस ने इनपुट के आधार पर उसे तीन सुरक्षा कर्मचारी दे दिए थे। गोल्डी बराड़ के साथ फोटो वायरल हुई थीं कांग्रेस में शामिल होते ही उनके गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के साथ फोटो वायरल हुई थीं। गोल्डी के साथ गोकुल सेति

Dainik Bhaskar CA डेथ केस- EY ऑफिस ने परमिट नहीं लिया था:जो ड्यूटी के 9 घंटे निर्धारित करता है; लेबर डिपॉर्टमेंट ने कर्मचारियों की लॉग बुक मांगी

महाराष्ट्र में अर्न्स्ट एंड यंग (EY) कंपनी के पुणे ऑफिस में 26 साल की CA एना सेबेस्टियन की मौत मामले में लेबर डिपार्टमेंट के अधिकारी मंगलवार (24 सितंबर) को जांच करने पहुंचे। जांच में सामने आया कि EY कंपनी 2007 से स्टेट परमिट के बिना काम कर रही है। महाराष्ट्र के एडिशनल लेबर कमिश्नर शैलेंद्र पोल ने कहा कि कंपनी के पास शॉप एंड इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत दिया जाने वाला सर्टिफिकेट नहीं था। यह कानून किसी भी कंपनी में कर्मचारी के अधिकतम 9 घंटे (हफ्ते में 48 घंटे) की ड्यूटी करने की परमीशन देता है। दरअसल, एना की 20 जुलाई को कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उसे वर्कलोड के चलते कार्डियक अरेस्ट आया था। मौत से कुछ दिन पहले जब माता-पिता उससे मिलने पुणे आए तो उसने सीने में दर्द की शिकायत की। डॉक्‍टर को दिखाने पर पता चला था कि ऑफिस वर्कलोड के चलते एना परेशान थी। लेबर डिपार्टमेंट बोला- EY कंपनी 7 दिन के अंदर जवाब दे एडिशनल लेबर कमिश्नर शैलेंद्र पोल की टीम इस मामले में कंपनी के पुणे ऑफिस में जांच-पड़ताल करने पहुंची थी। शैलेंद्र पोल ने आगे कहा, कंपनी ने लेबर डिपार्टमेंट में रजिस्ट्रेशन के लिए इसी साल फरवरी में आवेदन किया था। हमने इसे रिजेक्ट कर दिया था क्योंकि कंपनी 2007 से चल रही है तो अब तक आवेदन क्यों नहीं किया था। हमने EY कंपनी को जवाब देने के लिए 7 दिन का वक्त दिया है। एना ने मार्च में कंपनी जॉइन की, 5 महीने में मौत केरल की रहने वाली CA एना ने 19 मार्च को अर्न्स्ट एंड यंग कंपनी जॉइन की थी। 6 जुलाई को जब एना के माता-पिता उससे मिलने पुणे आए तो उसने सीने में दर्द की शिकायत की। डॉक्‍टर को दिखाने पर पता चला कि ऑफिस वर्कलोड के चलते एना परेशान थी। एना के पेरेंट्स का कहना है कि उनकी बेटी डॉक्‍टर से मिलने के बाद ऑफिस लौट गई थी। रात में देर से घर आई और अगली सुबह फिर जल्‍दी चली गई। जिसके बाद 20 जुलाई को एना की मौत हो गई। जिस कंपनी के लिए काम करते हुए एना की जान गई, उस कंपनी से कोई भी उसके अंतिम संस्‍कार तक में शामिल नहीं हुआ। एना की मौत से पहले कई कर्मचारी रिजाइन कर चुके थे एना की मां अनीता ऑगस्टिन ने चेयरमैन राजीव मेमानी को लेटर लिखकर अपनी कंपनी के टॉक्सिक वर्क कल्‍चर में सुधार करने को कहा था। अनीता ने यह भी दावा किया है कि कई कर्मचारी वर्कलोड के चलते रिजाइन कर चुके थे।

Dainik Bhaskar जोधपुर की पूर्व विधायक सूर्यकांता व्यास का निधन:लंबे समय से बीमार चल रही थीं, 6 बार MLA रहीं; जीजी के नाम से मशहूर थीं

जोधपुर में 'जीजी' के नाम से मशहूर पूर्व विधायक सूर्यकांता व्यास का बुधवार सुबह निधन हो गया। 87 साल की BJP की सीनियर नेता व्यास लंबे समय से बीमार चल रही थीं। उनके बेटे शिवकुमार व्यास ने बताया- आज सुबह 7 बजे तबीयत बिगड़ने पर उन्हें महात्मा गांधी (MGH) हॉस्पिटल ले जाया गया था। इलाज के दौरान करीब सवा सात बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके निधन पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित तमाम नेताओं ने शोक जताया है। सूर्यकांता व्यास (जीजी) ने वर्ष 1990 में जोधपुर (पुराना शहर) निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था। पार्षद से राजनीतिक शुरुआत करने वाली जीजी ने 1990, 1993 और 2003 के विधानसभा चुनाव में बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। 2008 में सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ा और विजयी हुईं। 2023 नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव का टिकट जीजी को भाजपा ने नहीं दिया था। उनकी जगह देवेंद्र जोशी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया था। सूर्यकांता व्यास के पति उमा शंकर व्यास सप्लाई इंस्पेक्टर थे। पिता फतेहराज कल्ला पुलिस इंस्पेक्टर थे। नगर परिषद सदस्य से की राजनीतिक जीवन की शुरुआत जीजी 1972 में पहली बार नगर परिषद सदस्य बनी थीं। इसके बाद जीजी भाजपा जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष बनीं। 1990-92 में नवीं विधानसभा में पहली बार विधायक बनी थीं। जताई थी चुनाव लड़ने की इच्छा टिकट कटने के बाद सूर्यकांता व्यास ने कहा था- यह पार्टी का निर्णय है और वह देवेंद्र जोशी (भाजपा प्रत्याशी रहे) के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चुनाव में प्रचार में उतरेंगी और पार्टी के लिए सीट जिताएंगी। इस बयान के बाद सीनियर भाजपा नेता सूर्यकांता व्यास ने यह भी कहा था- पार्टी चाहे तो उन्हें शहर में किसी भी विधानसभा से उतार सकती है। वे पार्टी के लिए जीत दर्ज करेंगी। सूर्यकांता व्यास ने शहर विधानसभा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए पार्टी से टिकट मांगा था। सीएम ने कहा- पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति गजेंद्र शेखावत ने लिखा- लोकसभा चुनाव के पहले मुझे उनका आशीर्वाद मिला था टीकाराम जूली ने भी शोक जताया गहलोत की तुलना राजा-महाराजों से की थी पिछले साल सितंबर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर शहर के चांदपोल क्षेत्र में पुष्करणा समाज की कुलदेवी उ

Dainik Bhaskar कंगना के बयान से फिर BJP ने किया किनारा:कहा- ये व्यक्तिगत बयान; 3 कृषि कानूनों पर कहने के लिए अधिकृत नहीं, खंडन किया

हिमाचल से BJP सांसद कंगना रनोट रद्द किए गए 3 कृषि कानूनों पर बयान देने के बाद दोबारा फंसती दिख रही हैं। हरियाणा चुनावों के बीच आए इस बयान के बाद भाजपा ने एक बार फिर कंगना के बयान से किनारा कर लिया है। भाजपा सीनियर लीडर एवं प्रवक्ता गौरव भाटिया ने वीडियो जारी कर कंगना को 3 कृषि कानूनों पर बोलने के लिए अनधिकृत बताया है। वक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि सोशल मीडिया पर भाजपा की सांसद कंगना रनोट का बयान 3 कृषि कानूनों का लेकर, जो पहले वापस लिए गए थे, चल रहा है। मैं बिल्कुल स्पष्टता से कहना चाहता हूं कि ये बयान कंगना रनोट का व्यक्तिगत है। भारतीय जनता पार्टी की और से कंगना रनोट ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और ना ही उनका बयान पार्टी की सोच है, जो 3 कृषि कानूनों को लेकर उसको दर्शाता है। इसलिए उस बयान का हम खंडन करते हैं। दरअसल, 2 दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कंगना रनोट ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की मांग की है। कंगना ने कहा कि किसानों को खुद ये कानून लागू करने की मांग करनी चाहिए। नवंबर 2021 में केंद्र सरकार को 14 महीने के बाद किसान आंदोलन के बाद ये कानून वापस लेने पड़े थे। विपक्ष ने घेरना किया था शुरू इस बयान के बाद विपक्ष ने भी कंगना के साथ भाजपा की घेराबंदी शुरू कर दी थी। ​​​​​पंजाब से अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने तो भाजपा को कंगना को पार्टी से निकालने और उस पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाने की मांग की थी। इसके साथ ही हरियाणा कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया और कहा कि भाजपा फिर से 3 कृषि कानून वापस लाने का प्लान बना रही है। कांग्रेस किसानों के साथ है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना भी जोर लगा लें, ये कानून लागू नहीं होने दिए जाएंगे। वहीं पंजाब लोकसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि भाजपा अपने किसान विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए रनोट का इस्तेमाल कर रही है, उन्होंने सरकार से तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग रखी थी। कंगना के बयान से दूसरी बार भाजपा ने मुंह फेरा 3 कृषि कानूनों पर कंगना का ये तीसरा बयान था। हिमाचल प्रदेश के मंडी में दिए गए बयान से पहले भी कंगना 2 बार कृषि कानूनों पर बोल चुकी हैं और सांसद बनने के बाद ये उनका दूसरा बयान है। वहीं, सांसद बनने के बाद आए उनके

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