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Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:गणपति पूजा से इफ़्तार पार्टी तक राजनीतिक द्वंद्व

ये विवादों का देश है। फिलहाल देश में गणेश उत्सव चल रहा है और विवाद भी गणपति पूजा को लेकर ही शुरू हो गया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्रियन पोशाक पहनकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ( सीजेआई) चंद्रचूड़ के घर चले गए थे। वहाँ उन्होंने गणपति पूजा भी की। प्रधानमंत्री ने गणपति की आरती उतारी और गाई सीजेआई ने। विपक्ष ने इस पर हंगामा कर दिया। विपक्ष का कहना है कि राजनीति और न्यायिक व्यवस्था दोनों में एक मर्यादा होती है। एक लक्ष्मण रेखा होती है। इसका पालन होना ही चाहिए। अगर मुख्य न्यायाधीश ने प्रधानमंत्री को गणपति पूजा का आमंत्रण दिया भी था तो इसकी वीडियोग्राफ़ी करने की क्या ज़रूरत थी? या प्रचार की आवश्यकता क्यों पड़ी? जवाब में भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि कांग्रेस के सत्ताकाल में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इफ़्तार पार्टी दी थी और उसमें तब के मुख्य न्यायाधीश शामिल हुए थे तब कांग्रेस और बाक़ी पार्टियों ने ऐतराज क्यों नहीं किया? सवाल यह है कि इफ़्तार पार्टी हो या गणपति पूजा, कोई भी किसी के कार्यक्रम या उसके आमंत्रण पर कहीं भी जा सकता है। इसमें ऐतराज कैसा? आख़िर किसी सीजेआई या किसी प्रधानमंत्री की निजी और सामाजिक ज़िंदगी है या नहीं? फिर किसी प्रधानमंत्री के किसी सीजेआई के घर पूजा करने जाने से क्या सीजेआई के फ़ैसलों पर असर पड़ सकता है? नहीं। हमारी संवैधानिक संस्थाएँ इतनी भी कमजोर नहीं हैं कि किसी के किसी के घर जाने से प्रभावित हो जाएं! वे कश्मीर वाले फारुख अब्दुल्ला भी प्रधानमंत्री के सीजेआई के घर जाने की निंदा कर रहे हैं जिन्होंने कश्मीर में अपना राज रहते हुए किसी कानून, किसी संवैधानिक संस्था की परवाह नहीं की। वे उद्धव ठाकरे जिनकी पार्टी सालों तक भाजपा के साथ रही, वे भी कह रहे हैं कि सीजेआई चंद्रचूड़ को हमसे जुड़े हुए न्यायिक मामलों से खुद को अलग कर लेना चाहिए! आख़िर ये कैसी बहस है? ये कैसा दौर है जहां मुख्य न्यायाधीश के फ़ैसलों, उनकी सिद्दत और ईमानदारी पर शक किया जा रहा है! सिर्फ़ इसलिए कि देश के प्रधानमंत्री ने उनके घर जाकर गणपति पूजा में हिस्सा ले लिया? सही है, राजनीति में और न्यायिक तंत्र में एक मर्यादा और एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए लेकिन इसके लिए किसी सीजेआई या किसी प्रधानमंत्री की धार्मिक भावनाओं को हासिए पर कैसे डाला जा सकता है?

Dainik Bhaskar किडनी ट्रांसप्लांट के बाद अब लालू की एंजियोप्लास्टी:इससे पहले ओपन हार्ट सर्जरी भी हुई, एक्सपर्ट बोले- नॉनवेज और टेंशन छोड़नी होगी

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की एंजियोप्लास्टी मुंबई के एशियन हार्ट अस्पताल में हुई है। इससे पहले 2014 में उनकी ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी। करीब 6 घंटे में एऑर्टिक वाल्व बदला गया था। इस दौरान दिल में मौजूद 3 एमएम के छेद को भरा गया था। लालू यादव का किडनी ट्रांसप्लांट 5 दिसंबर 2022 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में हुआ था। बेटी रोहिणी आचार्य ने पिता को किडनी डोनेट की थी। कुछ दिन पहले लालू प्रसाद सिंगापुर से किडनी का चेकअप कराकर लौटे हैं। उसके बाद मुंबई जाकर एंजियोप्लास्टी करवाई। आरजेडी सुप्रीमो को शुगर समेत कई बीमारियां हैं। सबसे बड़ी दिक्कत यह कि वे खुद स्वीकार करते हैं कि जीभ पर नियंत्रण नहीं रख पाते और नॉनवेज खा लेते हैं। वे घर में बैठे भी नहीं रह सकते। पॉलिटिकल कार्यक्रमों में जाने की जिद भी करते हैं। 5 सितंबर को पार्टी दफ्तर में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। उसके बाद गणपति पूजन के आयोजन में भीड़भाड़ के बीच दानापुर चले गए थे। डॉक्टरों ने उन्हें मास्क लगाकर बाहर निकलने की सलाह दी है, लेकिन वो उनकी भी बात नहीं मानते। 7 सितंबर को दानापुर के पेठिया बाजार में गणपति उत्सव में पहुंचे थे। फीता काटकर उन्होंने गणेशोत्सव का उद्घाटन भी किया। यहां बहुत अधिक भीड़ थी। लालू प्रसाद को मुश्किल से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया गया। डॉक्टर की सलाह के बाद भी यहां बिना मास्क के दिखे। वाल्व क्यों बदला गया था? 2014 में जांच में डॉक्टरों ने पाया था कि लालू के दिल का एओर्टिक वाल्व स्टेनोसिस (एक प्रकार का रोग) के चलते सिकुड़ गया है। यह रोग संक्रमण, कैल्शियम जमने या पैदाइशी समस्या के चलते होता है। इसमें तुरंत सर्जरी की जरूरत होती है। हार्ट से जुड़ी धमनियों में ब्लॉकेज होने पर स्टेंट लगाकर ब्लाॉकेज को ठीक कर दिया जाता है। स्टेंट लगाने के बाद खून का बहाव सही हो जाता है। यह सफल नहीं होता है तब बाइपास सर्जरी की जरूरत पड़ती है। एंजियोप्लास्टी के बाद मरीज को एक-दो दिन में अस्पताल से छुट्टी भी मिल जाती है। डॉक्टरों की माने तो आने वाले समय में लालू प्रसाद ने लाइफ स्टाइल नहीं बदली तो मुश्किल में पड़ सकते हैं। एक आंकड़े के अनुसार, भारत में हर साल तकरीबन 4.5 लाख हार्ट के मरीज एंजियोप्लास्टी कराते हैं। वहीं, देश में 4 से 5 करोड़ लोग इस्चेमिक हार्ट डिजीज (IHD) से पीड़ित हैं। यह देश में होने वाली 15

Dainik Bhaskar देश का मानसून ट्रैकर:मानसून 19-25 सितंबर के बीच लौट सकता है; 8 राज्यों में बहुत भारी और 9 स्टेट में भारी बारिश का अनुमान

मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 से 25 सितंबर के बीच लौटना शुरू हो सकता है। सामान्य रूप से मानसून पश्चिमोत्तर भारत से 17 सितंबर से लौटना शुरू होता है। मानसून सीजन 15 अक्टूबर तक पूरे भारत से खत्म हो जाता है। मौसम विभाग ने ये भी बताया कि 1 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में अब तक देश में 836.7 मिमी बारिश हुई। यह इस दौर में हुई सामान्य बारिश (772.5 मिमी) से 8% ज्यादा है। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से 16% कम बारिश हुई, जबकि पश्चिमोत्तर भारत में सामान्य से 4%, मध्य में 19% और दक्षिण भारत में 25% ज्यादा बारिश हुई। इधर, मध्यप्रदेश में अभी बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। प्रदेश के कई जिलों में बारिश हो रही है। करीब-करीब सभी डैम फुल हैं। ग्वालियर का डबरा और सेकरा गांव बाढ़ से घिर गए। स्थानीय प्रशासन बाढ़ में फंसे 400 लोगों को निकाला। वहीं, यूपी में 24 घंटे में 14 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा खराब स्थिति आगरा, झांसी और मथुरा की रही। झांसी में ​​​​​ट्यूब में डेडबॉडी बांधकर नदी पार कराई। दिल्ली-आगरा हाईवे पर 4 फीट पानी भर गया है। राजस्थान के अधिकतर जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं। भरतपुर में स्कूलों में 4 दिन छुट्टी कर दी गई है। धौलपुर में भी अगले आदेश तक स्कूल बंद रहेंगे। 13 सितंबर को 8 राज्यों में अतिभारी बारिश की चेतावनी IMD ने उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड समेत 8 राज्यों में बहुत भारी और मध्य प्रदेश-राजस्थान समेत 9 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 14 सितंबर को 5 राज्यों में 12 सेमी बारिश का अनुमान बारिश की 4 फोटोज...

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:हरियाणा विधानसभा 52 दिन पहले भंग; MP में आर्मी अफसरों से मारपीट, दोस्त से गैंगरेप; ममता बोलीं- मैं इस्तीफा देने को तैयार

नमस्कार, कल की बड़ी खबर MP के इंदौर की रही, यहां सेना के 2 ट्रेनी अफसरों से मारपीट और उनकी दोस्त से गैंगरेप का मामला सामने आया है। एक खबर पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी के बयान की रही, उन्होंने कहा है कि वो इस्तीफा देने तैयार हैं। हम आपको ममता के बयान की वजह भी बताएंगे...। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. हरियाणा विधानसभा 52 दिन पहले भंग, राज्य की BJP सरकार ने इसकी सिफारिश की थी हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने 52 दिन पहले प्रदेश विधानसभा भंग कर दी। राज्य की भाजपा सरकार ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी। नियम के मुताबिक, विधानसभा के 2 सेशन में छह महीने से ज्यादा का गैप नहीं हो सकता। लेकिन हरियाणा विधानसभा के पिछले सेशन को 12 सितंबर को 6 महीने पूरे हो रहे थे। चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने की वजह से सेशन बुलाना संभव नहीं था। इस संवैधानिक संकट से बचने के लिए सैनी सरकार ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी। ऐसा पहला मामला: संवैधानिक संकट के बाद विधानसभा भंग करने का यह पहला मामला है। 1947 में देश आजाद होने के बाद कभी किसी राज्य में ऐसी नौबत नहीं आई। यहां तक कि कोरोनाकाल में भी हरियाणा में ऐसे ही संकट को टालने के लिए एक दिन का सेशन बुलाया गया था। इससे पहले भी हरियाणा विधानसभा 3 बार समय से पहले भंग की गई लेकिन उन तीनों ही मामलों में समय से पहले चुनाव करवाने के लिए ऐसा किया गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. MP के इंदौर में आर्मी अफसरों से मारपीट, दोस्त से गैंगरेप; 6 आरोपी थे, 3 गिरफ्तार मध्य प्रदेश के इंदौर में सेना के 2 ट्रेनी अफसरों और उनकी दोस्त से मारपीट करने, बंधक बनाने और गैंगरेप का मामला सामने आया है। घटना 10 सितंबर रात करीब ढाई बजे की है। दो ट्रेनी अफसर इंदौर के जामगेट घूमने गए थे। उनके साथ 2 दोस्त भी थीं। इसी बीच आरोपी भी वहां पहुंच गए। उन्हें बंधक बनाकर पीटा और 10 लाख की फिरौती मांगी। पुलिस ने 6 आरोपियों की पहचान की है और 3 को गिरफ्तार किया है। गैंगरेप पर पुलिस के 3 बयान... 1. बुधवार रात 9 बजे: गैंगरेप की शिकायत हुई है बुधवार रात 9 बजे ग्रामीण डीआईजी निमिष अग्रवाल ने घटना के दौरान महिला से गैंगरेप की पुष्टि कर दी थी। उन्होंने कहा था कि अफसरों के साथ जो महिला थी, उसके साथ रेप जैसे गंभीर

Dainik Bhaskar शराब नीति केस- केजरीवाल की जमानत पर आज फैसला:CBI ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था- CM को बेल के लिए ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए

दिल्ली शराब नीति केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा। 5 सितंबर को पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले केजरीवाल और CBI का पक्ष सुना। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि CBI ने केजरीवाल को इसलिए गिरफ्तार किया, ताकि वे जेल से बाहर ना आ सकें। वहीं CBI की तरफ से ASG एसवी राजू ने दलील दी कि CM को जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए, सीधे सुप्रीम कोर्ट नहीं आना चाहिए। केजरीवाल की जमानत और CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच सुनवाई कर रही है। केजरीवाल को शराब नीति से जुड़े ED केस में सुप्रीम कोर्ट से ही 12 जुलाई को जमानत मिल चुकी है। इस केस में आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संजय सिंह, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और भारत राष्ट्र समिति (BRS) लीडर के कविता को जमानत दी जा चुकी है। 5 सितंबर की सुनवाई में सिंघवी की 2 अहम दलीलें 1. CBI ने दलील दी है कि केजरीवाल सहयोग नहीं कर रहे हैं। कोर्ट के ही आदेश में कहा गया है कि यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि आरोपी खुद को दोषी बता दे। 2. केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं, उनके भागने की कोई आशंका नहीं, सबूतों से छेड़छाड़ नहीं हो सकती, क्योंकि लाखों दस्तावेज और 5 चार्जशीट मौजूद हैं। गवाहों को प्रभावित करने का खतरा भी नहीं है। बेल की 3 जरूरी शर्तें हमारे पक्ष में हैं। CBI की ओर से ASG राजू की दलीलें 1. मनीष सिसोदिया, के. कविता सभी पहले जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट गए थे। केजरीवाल सांप-सीढ़ी के खेल की तरह शॉर्टकट अपना रहे। 2. केजरीवाल को लगता है कि वे एक एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी व्यक्ति हैं, जिनके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए। हमारा कहना है कि गिरफ्तारी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट पहली अदालत नहीं होनी चाहिए। केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए। 3. अगर केजरीवाल को जमानत दी जाती है तो ये फैसला हाईकोर्ट को निराश करेगा। ED केस में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 12 जुलाई को जमानत दी थी सुप्रीम कोर्ट ने ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई को जमानत दे दी थी। जमानत देते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं, इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। हम जानते हैं कि वह चुने ह

Dainik Bhaskar बिना अनुमति मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा पर कोर्ट में याचिका:भरतपुर के गोपालगढ़ दंगे के मामले में मिली थी सशर्त जमानत, सुनवाई 24 को

सीएम भजनलाल शर्मा इन दिनों ​राइजिंग राजस्थान के तहत निवेशकों को आमंत्रित करने दक्षिण कोरिया व जापान यात्रा पर हैं। इस दौरान वे राजस्थान में निवेश को बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बड़े उद्योगपतियों और प्रवासी राजस्थानियों से मिल रहे हैं। दूसरी ओर, गुरुवार को भरतपुर के गोपालगढ़ में सितंबर 2011 में हुए दंगा मामले में उन्हें मिली सशर्त अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए जिले की एडीजे कोर्ट-4 में अर्जी दायर हुई है। अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को जवाब देने को कहा है। यह निर्देश सांवरमल चौधरी के आवेदन पर दिया। भजनलाल शर्मा, जाहिदा खान, जमशेद खान, प्रमोद शर्मा, जवाहर सिंह बेढम, केसरी सिंह, गिरधारी तिवारी सहित अन्य आरोपियों को 10 सितंबर, 2013 को 50-50 हजार रुपए की दो जमानतों व एक लाख के मुचलके पर सशर्त अग्रिम जमानत मिली थी। शर्त थी कि कोर्ट की मंजूरी के बिना देश से बाहर नहीं जाएंगे। जांच में सहयोग करेंगे और गवाहों को डराएंगे-धमकाएंगे नहीं। जूली ने कहा- कोर्ट की बिना अनुमति विदेश जाने पर स्थिति स्पष्ट करें सीएम नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कोर्ट के आदेश के हवाले से विदेश जाने पर रोक संबंधी स्थिति पर सीएम भजनलाल शर्मा से अपना पक्ष स्पष्ट करने की मांग की है। जूली ने लिखा कि याचिका के अनुसार मुख्यमंत्री ने गोपालगढ़ दंगा मामले में चल रहे ट्रायल के बीच अदालत की अनुमति के बिना विदेश यात्रा कर जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। न्यायालय की पूर्वानुमति के बिना देश की सीमा के बाहर जाना अनुमत नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री बिना अनुमति के दक्षिण कोरिया एवं जापान यात्रा पर गए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं अगर इस तरह कानून से खिलवाड़ करेंगे तो जनता में क्या संदेश जाएगा? दिलावर ने कहा- गोपालगढ़ की 13वीं बरसी पर कांग्रेस फिर तुष्टीकरण कर रही शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि कांग्रेस ने गोपालगढ़ कांड की 13वीं बरसी पर एक बार फिर तुष्टीकरण की नीति का प्रमाण दिया है। वे तब निर्दोष व्यक्तियों की जान बचाने में फेल हुए थे और आज भी सांप्रदायिकता के बीज बो रहे हैं। कांग्रेस ने गोपालगढ़ में षड्यंत्र रचा था। गुर्जरों और सैनी समाज के लोगों पर हमले किए गए थे। तब प्रशासन के आग्रह पर भजनलाल शर्मा वहां पर गए थे और सामाजिक सौहार्द के साथ ही हिंदुओं की रक्षा की। जवाहर बेढम ने कहा- राहुल पर सीएम

Dainik Bhaskar स्विस कोर्ट ने अडाणी के 310 मिलियन डॉलर फ्रीज किए:हिंडनबर्ग का आरोप; अडाणी ग्रुप बोला- सारे दावे झूठे, हमारी मार्केट वैल्यू गिराने की कोशिश

अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने 12 सितंबर को अडाणी ग्रुप पर एक नया आरोप लगाया। X पर एक पोस्ट के जरिए कहा गया कि स्विटजरलैंड में मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के तहत ग्रुप के 6 स्विस बैंक अकाउंट्स में 310 मिलियन डॉलर फ्रीज कर दिए गए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि "स्विस क्रिमिनल कोर्ट के नए रिकॉर्ड के अनुसार प्रॉसीक्यूटर्स ने बताया है कि कैसे अडाणी ग्रुप से जुड़े एक शख्स ने बिना पहचान उजागर किए बीवीआई/मॉरीशस और बरमूडा फंडों में इन्वेस्ट किया। स्विस मीडिया आउटलेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिनेवा पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ऑफिस अडाणी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग के पहला आरोप लगाने से बहुत पहले ही ग्रुप के गलत कामों की जांच कर रहा था। हालांकि गुरुवार देर रात अडाणी ग्रुप ने इस नई रिपोर्ट पर सफाई दी है। जिसमें उसने इन सभी आरोपों को झूठा बताया, साथ ही कहा कि ये सब उनकी मार्केट वैल्यू गिराने के लिए किया जा रहा है। अडाणी ग्रुप ने मीडिया से कहा- अगर खबर छापें तो हमार पूरा बयान जोड़ें अडाणी ग्रुप ने शुक्रवार को जारी एक ब्लॉग में कहा, "अडाणी ग्रुप का किसी भी स्विस अदालती कार्यवाही से कोई संबंध नहीं है। न ही हमारी कंपनी का कोई अकाउंट जब्त किया गया है। हमारा ओवरसीज होल्डिंग स्ट्रक्चर पूरी तरह ट्रांसपैरेंट और कानून के मुताबिक है। हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि यह हमारी प्रतिष्ठा और मार्केट वैल्यू को नुकसान पहुंचाने के लिए काम करने वालों की एक और कोशिश है।" स्टेटमेंट के आखिर में मीडिया से यह भी कहा गया है कि वे इस खबर को पब्लिश न करें, अगर वे इसे छापते हैं तो ग्रुप का पूरा बयान शामिल करें। अडाणी ग्रुप पर लगाए थे मनी लॉन्ड्रिंग, शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, बाद में इसमें रिकवरी आई। इस रिपोर्ट को लेकर भारतीय शेयर बाजार रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने हिंडनबर्ग को 46 पेज का कारण बताओ नोटिस भी भेजा था। 1 जुलाई 2024 को पब्लिश किए अपने एक ब्लॉग पोस्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि नोटिस में बताया गया है कि उसने नियमों उल्लंघन किया है। कंपनी ने कहा, SEBI ने आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पाठकों

Dainik Bhaskar मुंबई में लालू यादव के दिल का ऑपरेशन:ब्लॉकेज के बाद की गई एंजियोप्लास्टी, पहले एक वॉल्व बदला जा चुका है

आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के हार्ट का ऑपरेशन किया गया है। बुधवार को मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में उनकी एंजियोप्लास्टी की गई है। लालू के दिल में ब्लॉकेज के बाद ये ऑपरेशन किया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि अभी उनकी स्थिति ठीक है। 10 सितंबर को एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में उन्हें भर्ती कराया गया था। बुधवार को लालू यादव की एंजियोप्लास्टी की गई। इससे पहले 27 अगस्त 2014 को एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में लालू यादव की ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी। फेमस कार्डियक सर्जन रामाकांत पांड्या की देखरेख में 20 डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी की थी। यह सर्जरी 6 घंटे से ज्यादा देर तक चली थी। इस दौरान लालू का एऑर्टिक (aortic) वॉल्व बदला गया था। इससे पहले जुलाई महीने में भी लालू यादव की तबीयत बिगड़ी थी। यूरिन करने में परेशानी के बाद दिल्ली के AIIMS में उन्हें भर्ती कराया था। सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था 2 साल पहले सिंगापुर में लालू यादव का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने उनको अपनी एक किडनी डोनेट की थी। दोनों की सर्जरी की गई थी। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लालू की सेहत में काफी सुधार दिखा। रोहिणी आचार्य जब सारण से लोकसभा का चुनाव लड़ रही थीं, तब लालू उनके चुनाव प्रचार में भी गए थे। कई कार्यक्रमों में भी वे भाग लेते दिखते हैं। हालांकि, किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उनको कई तरह का परहेज करना पड़ता है। लालू किडनी की बीमारी के अलावा अन्य कई बीमारियों से भी ग्रस्त रहे हैं। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद सिंगापुर में डॉक्टरों ने उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की सलाह दी थी, लेकिन लालू प्रसाद मानने को तैयार नहीं हैं। उन्हें सीमित मात्रा में पानी पीने और धूल से बचने की भी हिदायत दी गई है। डॉक्टरों की सलाह को नजर अंदाज कर जगदेव प्रसाद के शहादत दिवस पर 5 सितंबर को आरजेडी कार्यालय पहुंचे थे। यहां तक की भाषण भी दिया। 7 सितंबर को दानापुर के पेठिया बाजार में गणपति उत्सव में भी पहुंचे थे। फीता काटकर उन्होंने गणेशोत्सव का उद्घाटन भी किया। यहां बहुत अधिक भीड़ थी। लालू प्रसाद को मुश्किल से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया गया। डॉक्टर की सलाह के बाद भी यहां बिना मास्क के दिखे। हर साल 4.5 लाख हार्ट के मरीज एंजियोप्लास्टी कराते हैं एक आंकड़े के अनुसार, भारत में हर साल तकरीबन 4.5 लाख हार्ट के मरी

Dainik Bhaskar बिरयानी लाने वाले छात्र का दूसरे स्कूल में होगा एडमिशन:छह महीने की बकाया 37 हजार फीस भी होगी माफ, DIOS बोले- परिजन नहीं चाहते कोई कार्रवाई

अमरोहा में हिल्टन कॉन्वेंट स्कूल में नॉनवेज लेकर जाने वाले बच्चे का विवाद के बाद अब दूसरे स्कूल में एडमिशन कराया जाएगा। इसी स्कूल में उसके दो भाई भी पढ़ेंगे। वहीं, हिल्टन स्कूल में बच्चे की बकाया छह महीने की 37 हजार रुपए फीस भी हिल्टन स्कूल ने माफ कर दी है। विवाद के बाद बच्चे की मां ने ही किसी दूसरे स्कूल में अपने बच्चे के एडमिशन की मांग रखी थी। साथ ही बकाया छह महीने की फीस भी माफ करने के लिए कहा था। डीआईओएस ने सभी मांगें मान लीं। एडमिशन समेत छह महीने की फीस माफ कर दी गई है। डीआईओएस ने अपनी जांच में महिला के आरोपों को गलत बताया। हालांकि, उन्होंने ये माना कि प्रिंसिपल ने गलत तरीके से बात की थी। अब जानिए पूरा मामला… टिफिन में बच्चा लेकर आया था बिरयानी नगर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति कानपुर में प्राइवेट जॉब करते हैं। उनका 7 साल का बच्चा जोया रोड स्थित हिल्टन कॉन्वेंट स्कूल में कक्षा-3 का छात्र है। एक हफ्ते पहले वह अपने टिफिन में बिरयानी लेकर गया था। आरोप है, लंच टाइम में खाने लगा तो टीचर्स ने विरोध किया। मामला प्रिंसिपल तक पहुंचा। उन्होंने बच्चे को खूब फटकारा और उसे स्टोर रूम में बंद कर दिया। डरा-सहमा बच्चा रोता रहा, लेकिन किसी ने उसे बाहर नहीं निकाला। दोपहर में छुट्‌टी होने पर बच्चे को बाहर निकाला गया। प्रिंसिपल ने बच्चे का स्कूल से नाम काट दिया। यह कहते हुए घर भेजा कि अब स्कूल न आना। बच्चे ने घर जाकर ये बात अपनी मां को बताई। गुरुवार को बच्चे की मां शिकायत लेकर स्कूल पहुंची। प्रधानाचार्य और छात्र की मां में हुई नोकझोंक प्रधानाचार्य और छात्र की मां के बीच जमकर नोकझोंक हुई। मां ने बेटे को बंधक बनाने और उसकी पिटाई करने का आरोप लगाया। साथ ही नाम भी काटने का आरोप लगाया था। प्रकरण को लेकर डीआईओएस की ओर से जांच के लिए एक तीन सदस्यीय टीम गठित की गई थी। राजनीतिक दलों ने उठाया था मुद्दा वहीं सपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने विरोध जताया था। मुस्लिम कमेटी ने भी प्रधानाचार्य पर कार्रवाई की मांग को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा था। उधर, डीआईओएस की तीन सदस्यीय टीम ने जांच के बाद छात्र की मां के सभी आरोपों को गलत बताया था। प्रिंसिपल को गलत बयानबाजी का दोषी माना हिल्टन स्कूल में पढ़ने वाले उनके तीन बच्चों की छह महीने की फीस बकाया बताई थी। हालांकि, प्

Dainik Bhaskar CPI(M) महासचिव सीताराम येचुरी का निधन:सांस की नली में इंफेक्शन था; 25 दिन से दिल्ली AIIMS में भर्ती थे

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। तेज बुखार आने के बाद उन्हें 19 अगस्त को AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था। 25 दिन से उनका इलाज चल रहा था। CPI(M) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ‘कॉमरेड सीताराम येचुरी को सांस की नली में गंभीर संक्रमण हुआ था। डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी।’ न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक तेज बुखार आने के बाद उन्हें 19 अगस्त को AIIMS में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उन्हें ICU में एडमिट किया गया था। येचुरी ने हाल ही में मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी कराया था।येचुरी तीन बार CPI(M) के महासचिव रहे थे। AIIMS में रहते बुद्धदेव भट्टाचार्य को श्रद्धांजलि दी थी येचुरी ने AIIMS में भर्ती रहते हुए 22 अगस्त को पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने 6 मिनट 15 सेकेंड के वीडियो संदेश में कहा था, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे AIIMS से ही बुद्धो दा के प्रति भावनाएं प्रकट करना और लाल सलाम कहना पड़ रहा है।' येचुरी ने 23 अगस्त को सोशल मीडिया एक्स पर जम्मू-कश्मीर में सीपीएम, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच चुनावी गठबंधन को लेकर पोस्ट किया था। 29 अगस्त को उन्होंने X पर अब्दुल गफूर नूरानी के निधन पर शोक संदेश पोस्ट किया था। 12वीं परीक्षा में देश भर में पहली रैंक हासिल की सीताराम येचुरी ने 10वीं कक्षा तक ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। वे 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचे। येचुरी ने दिल्ली में प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल में एडमिशन लिया और CBSE हायर सेकेंडरी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में फर्स्ट रैंक से बीए (ऑनर्स) किया। फिर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से इकोनॉमिक्स में एमए किया। उन्होंने पीएचडी के लिए जेएनयू में एडमिशन लिया था। हालांकि, 1975 में इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तारी के कारण पूरा नहीं कर सके। 2021 में 34 साल के बेटे की कोरोना से मौत हुई येचुरी की पत्नी सीमा चिश्ती पेशे से पत्रकार हैं। येचुरी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी पत्नी आर्थिक रूप से उनका भरण-पोषण करती हैं। उनकी पहली शादी वीना मजूमदार की बेटी इंद्राणी मजूमदार से हुई थी। इस शादी से उ

Dainik Bhaskar हिमाचल में ब्राह्मण युवती ने किया धर्म परिवर्तन:इस्लाम अपनाया; परिजनों ने औट थाने में कराई FIR, 3 दोस्तों पर ब्रेन​​​​​​​वॉश​​​​​​​ का आरोप

हिमाचल प्रदेश के संजौली में मस्जिद विवाद के बीच एक ब्राह्मण युवती द्वारा इस्लाम धर्म अपनाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में युवती के परिजनों ने औट पुलिस थाने में एफआईआर कराई है। जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ है। परिजनों ने मुताहिर शदरयार उर्फ साहिल, रिजवान व एक स्थानीय हिंदू मित्र शिवानी नौटियाल पर बेटी को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने के आरोप लगाए हैं। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने युवती के बयान कलम बद्ध कर लिए हैं, जिसमें युवती कह रही है कि उसने स्वेच्छा से इस्लाम को अपनाया है। उस पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं है। सूचना के अनुसार, मंडी जिला के औट क्षेत्र की युवती पंजाब में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी। पढ़ाई के बाद उसने 8 से 9 महीने प्राइवेट नौकरी भी की। इस दौरान वह कुछ मुस्लिम लड़कों के संपर्क में आई और उसने धर्म परिवर्तन कर दिया। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही युवती फिलहाल युवती ने कुछ समय पहले नौकरी छोड़ दी है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। इन दिनों वह औट में अपने घर पर है। इस दौरान उसकी गतिविधियां देखकर परिजन हैरान हो गए। युवती के परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि उनकी बेटी घर पर इस्लाम धर्म से संबंधित गतिविधियां कर रही हैं। इस वजह से पूरे घर का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। परिजनों में अज्ञात मुस्लिम पर ब्रेनवॉश की शंका जाहिर की परिजनों ने उनकी बेटी के इस्लाम धर्म में जाने के पीछे साजिश और किसी मुस्लिम युवक के होने की शंका जाहिर की है। परिजनों का कहना है कि साजिश के तहत उनकी बेटी का ब्रेनवॉश किया गया और अब वह अपने धर्म को भूल कर इस्लाम धर्म के बारे में बातें कर रही है। परिजनों के अनुसार, पंजाब में ही उनकी बेटी का ब्रेनवॉश किया गया। परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में इस मामले में छानबीन करके कार्रवाई की मांग की है। परिजनों की शिकायत पर जांच शुरू: SP SP मंडी साक्षी वर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया, परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। परिजनों द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उस हिसाब से आगामी कार्रवाई की जाएगी।

Dainik Bhaskar मोदी के जन्मदिन पर अजमेर दरगाह में लगेगा लंगर:दुनिया की सबसे बड़ी देग में पकेंगे 4 हजार किलो चावल; दुआ के बाद बांटे जाएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर को अजमेर दरगाह में दुनिया की सबसे बड़ी देग (कड़ाही) में 4 हजार किलो मीठे चावल पकाए जाएंगे। तैयार चावल का प्रसाद लोगों में बांटा जाएगा। अजमेर दरगाह के गद्दीनशीन सैय्यद अफसान चिश्ती ने बताया- पीएम के जन्मदिन पर इंडियन माइनारिटी और चिश्ती फाउंडेशन ने लंगर करने का निर्णय किया है। इसके लिए 15 वॉलेंटियर्स लगाए जाएंगे। जन्मदिन से एक दिन पहले कच्ची सामग्री एकत्र की जाएगी। चिश्ती ने बताया कि ऐसा पहली बार होगा, जब किसी प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर दरगाह में लंगर का आयोजन होगा। दरगाह में दो बड़ी देग चिश्ती ने बताया- दरगाह में छोटी और बड़ी दो देग है। बड़ी देग (दुनिया की सबसे बड़ी) में 4800 किलो और छोटी देग में 2400 किलो मीठे चावल पकाए जाते हैं। इसके बाद प्रसाद बांटा जाता है। इसमें केवल शाकाहारी भोजन ही पकाया जाता है। मन्नत पूरी होने पर पकवाते हैं देग चिश्ती ने बताया- दरगाह परिसर में मौजूद बड़ी और छोटी देग जायरीन की आस्था से जुड़ी है। बताया जाता है कि मन्नत पूरी होने पर जायरीन अपनी आस्था और क्षमता के अनुसार देग पकवाते हैं और लंगर लगाते हैं। जायरीन देगों में पैसा, ज्वेलरी, शकर, चावल, मेवे अपनी श्रद्धा के अनुसार डालते हैं, ताकि लंगर में उनका भी सहयोग हो सके। वहीं कई लोग पूरी देग ही पकवाते हैं। इसके लिए आवश्यक सामग्री मंगवाकर भेंट करते हैं। इसके लिए बुकिंग की जाती है। अंजुमन कमेटी की ओर से देग का हर महीने ठेका दिया जाता है। इससे आने वाले पैसे वेलफेयर में खर्च किए जाते हैं। हर साल पीएम भेजते हैं उर्स में चादर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से साल 2014 से ही उर्स के मौके पर हर साल चादर भेजी जाती रही है। वह दिल्ली में ही दरगाह कमेटी के पदाधिकारी को यह चादर सौंपते हैं। कमेटी पदाधिकारी और भाजपा नेता इस चादर को दरगाह में पेश करते रहे हैं।

Dainik Bhaskar हरियाणा में इनेलो-बसपा और हलोपा का गठबंधन:सिरसा से चुनाव लड़ेंगे गोपाल, BJP से नहीं बनी बात, पूर्व CM को नोटों से तोल चुके कांडा

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल ) और हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) के बीच गठबंधन हो गया है। इनेलो मायावती की पार्टी बसपा ( बहुजन समाज पार्टी ) के साथ पहले ही गठबंधन कर चुकी है, हलोपा के साथ आने से अब ये तीनों दल एक साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतर गए हैं। इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने आज सिरसा में हलोपा प्रमुख गोपाल कांडा के आवास पर पहुंचकर इस गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया है। सिरसा से दो बार विधायक रह चुके गोपाल कांडा को सिरसा से गठबंधन की तरफ से उम्मीदवार भी घोषित कर दिया गया है। दरअसल, हलोपा 2019 के बाद से भाजपा को समर्थन दे रही थी। गोपाल कांडा को उम्मीद थी की भाजपा उनके साथ गठबंधन कर सिरसा से उन्हें ही उम्मीदवार बनाएगी, हालांकि भाजपा ने कांडा की उम्मीदों को तोड़ते हुए हलोपा से गठबंधन नहीं किया। बता दें कि इनेलो के साथ गोपाल कांडा के रिश्ते काफी पुराने हैं। 2004 के विधानसभा चुनाव से पहले सिरसा पहुंचे तत्कालीन मुख्यमंत्री ओपी चौटाला को कांडा ने नोटों की गड्डियों से तोला था। खट्टर ने किया प्रयास, लेकिन कांडा की छवि के कारण पीछे हटना पड़ा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले हलोपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे। पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल ने इसके लिए प्रयास किए थे। लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने ऐसा नहीं होने दिया। तब उमा भारती ने ट्वीट कर 'स्वच्छ' छवि वाले नेताओं से समर्थन लेने की सलाह दी थी। 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग को दिए गए गोपाल कांडा के हलफनामे के मुताबिक, उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश, जालसाजी, धोखाधड़ी और चेक बाउंस समेत 9 आपराधिक मामले विभिन्न अदालतों में लंबित थे। हालांकि, चुनाव के बाद भी गोपाल कांडा ने हरियाणा की खट्टर सरकार को समर्थन दिया। नायब सैनी घर तक गए, गठबंधन की बात कही थी मुख्यमंत्री नायब सैनी सिरसा दौरे के दौरान कई बार कांडा बंधुओं से मिले। विधायक गोपाल कांडा के आवास पर भी गए। नायब सैनी ने मीडिया तक में यह बयान दिया कि हरियाणा में भाजपा गोपाल कांडा की हलोपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। हलोपा, एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) का हिस्सा भी है। वहीं गोपाल कांडा ने पिछले दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं भाजपा के हरियाणा प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान

Dainik Bhaskar कांग्रेस कैंडिडेट बोलीं-राव इंद्रजीत ने मेरी मदद की थी:इस बार भी साथ देंगे; सिंचाई मंत्री का पत्थर मारने-दीवार ढहने का बयान उन्हीं पर निशाना

हरियाणा चुनाव के बीच नांगल चौधरी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मंजू चौधरी ने सियासी विवाद खड़ा कर दिया है। मंजू चौधरी ने दावा किया कि भाजपा से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने पिछले चुनावों में BJP उम्मीदवार के बजाय मेरी मदद की थी। मंजू ने कहा कि इस बार भी भाजपा उम्मीदवार अभय सिंह यादव के खिलाफ वे मेरी मदद करेंगे। सिंचाई मंत्री अभय यादव के पत्थर मारने और दीवार ढहने के बयान को भी मंजू चौधरी ने राव इंद्रजीत और उनके समर्थकों से जोड़ा। उन्होंने कहा कि 8 अक्टूबर को जब वोटों की गिनती होगी, तब सिंचाई मंत्री के बयान का जवाब उनको अपने आप मिल जाएगा। दैनिक भास्कर ने मंजू चौधरी से विस्तृत बातचीत की। उसके प्रमुख अंश पढ़ें... सवाल: इस बार आप किन मुद्दों को लेकर लोगों के बीच जाएंगी? मंजू चौधरी: इस बार वे चुनाव नहीं लड़ रही है, बल्कि यहां की जनता चुनाव लड़ रही है। सवाल: नांगल चौधरी से अभय सिंह यादव 2 बार विधायक रहे हैं। इन 10 सालों में उन्होंने क्या विकास के कार्य कराए? मंजू चौधरी: अभय सिंह यादव ने नांगल चौधरी क्षेत्र में विकास के कोई भी कार्य नहीं करवाए। हां, यहां पर पानी अवश्य पहुंचा है। लेकिन इसके अलावा कोई विकास का कार्य नहीं करवाया। केवल अपने चहेतों को लाभ और आम आदमी को नुकसान पहुंचाया है। अपने आदमियों को लॉजिस्टिक हब में जमीन खरीदवाई, जबकि यहां के ग्रामीणों को मुआवजे से वंचित रखा। सवाल: सिंचाई मंत्री ने एक पत्थर मारने वाला और दीवार ढहने वाला बयान दिया है, उस बयान के क्या मायने हैं ?। मंजू चौधरी: उसे बयान के बहुत मायने हैं उन्होंने यह बयान केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के समर्थन के ऊपर दिया है कि उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में उनके साथ दिया था। इसलिए मंत्री अब उनकी दीवार ढाहने की बात कहते हैं। लेकिन इस बार राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक मंत्री जी को दिखा देंगे कि दीवार किनकी ढहती है। एक दूसरे के कट्‌टर विरोधी राव इंद्रजीत और अभय यादव दक्षिणी हरियाणा के अहीरवाल इलाके में मजबूत पकड़ रखने वाले केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा सरकार में राज्यमंत्री डॉ. अभय सिंह आपस में धुर विरोधी हैं। राव ने 2014 में टिकट का विरोध किया, खट्‌टर ने दिलाई 2014 में जब अभय सिंह को बीजेपी का टिकट मिला तो उस समय राव इंद्रजीत सिंह ने मुखर होकर इसका विरोध किया, लेकिन मनोहर लाल खट्‌टर की जिद क

Dainik Bhaskar आंखों की रोशनी बढ़ाने वाली दवा कंपनी का लाइसेंस रद्द:दावा था- कमजोर नजर वाले बिना चश्मा देख-पढ़ सकेंगे, गलत प्रचार का आरोप

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने बुधवार को प्रेस्वू नाम के आई ड्रॉप की मैन्यूफैक्चरिंग और मार्केटिंग लाइसेंस को रद्द कर दिया है। इस आईड्रॉप को मुंबई स्थित दवा निर्माता कंपनी एंटोड फार्मास्यूटिकल्स ने बनाया था। कंपनी का दावा था कि, यह प्रेसबायोपिया (बढ़ती उम्र के बाद नजदीक की नजर कमजोर हो जाना) से पीड़ित लोगों को फायदा पहुंचाती है। आईड्रॉप को आंखों में डालने के बाद चश्मा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बिना चश्मे के भी आसानी से किताब पढ़ी जा सकती है। पहले आईड्रॉप को अप्रूवल मिला, अब लाइसेंस सस्पेंड केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने इस दवा को कुछ दिनों पहले अप्रूव किया था। CDSCO के अप्रूवल के बाद भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने भी इस दवा को हरी झंडी दिखा दी थी। अक्टूबर में यह आईड्रॉप मार्केट में भी आने वाला था लेकिन उससे पहले इस पर रोक लग गई। अब जानिए DCGI और दवा कंपनी का पक्ष... DCGI बोली- दवा का गलत प्रचार किया जा रहा है, सिर्फ प्रिस्क्रिप्शन की परमीशन थी DCGI ने आईड्रॉप का लाइसेंस रद्द करने के पीछे एक बड़ी वजह बताई। अथॉर्रिटी का कहना है कि, दवा को सिर्फ प्रिस्क्रिप्शन के साथ इस्तेमाल करने की परमीशन दी गई थी। जबकि कंपनी इसका प्रचार OTC (ओवर द काउंटर) बताकर किया जा रहा था। OTC दवाईयां वो होती हैं, जिन्हें बिना किसी डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन के खरीदा जा सकता है। दवा कंपनी बोली- हमने कुछ गलत नहीं किया, सस्पेंशन ऑर्डर को कोर्ट में चुनौती देंगे दवा कंपनी एंटोड फार्मास्यूटिकल्स ने कहा, उन्होंने प्रचार में किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी नहीं दी है। DCGI ने इस दवा को अप्रूव किया था। हमने करीब 234 पेशेंट में इसका सफल टेस्ट किया। जिन पेशेंट ने आईड्रॉप का इस्तेमाल किया। वह बिना चश्मे के पढ़ सकते थे। हम सस्पेंशन ऑर्डर को कोर्ट में चुनौती देंगे। अब जानिए आई ड्रॉप प्रेस्वू से जुड़ी सभी सवालों के जवाब... सवाल- नई आई ड्रॉप प्रेस्वू क्या है? जवाब- जिन लोगों की आंखों की रोशनी कमजोर हो गई है या 40 साल की उम्र के तुरंत बाद जिन्हें चश्मा लग गया है और वे चश्मा नहीं लगाना चाहते हैं तो वे इस आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं। सवाल- किस उम्र के लोग इस आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं? जवाब- 40 से 55 साल के लोग ये ड्रॉप आंखों में डाल सकते हैं। सवाल- यह बाजार में कब उ