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Dainik Bhaskar कांग्रेस ने 12 दिन में सैलजा को कैसे मनाया:राहुल गांधी का मैसेज, खड़गे से मिलने गईं; रैली-CM फेस समेत 2 वजहें
हरियाणा कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा सिरसा सांसद कुमारी सैलजा चुनाव प्रचार के लिए मान गई हैं। इसका खुलासा खुद उन्होंने एक इंटरव्यू में किया। सैलजा टिकट बंटवारे में अनदेखी, विधानसभा चुनाव लड़ने की इजाजत न देने और आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर नाराज हो गई थी। सैलजा चुनाव प्रचार छोड़ घर बैठ गईं थी। यहां तक कि दिल्ली में मेनिफेस्टो रिलीज में भी हिस्सा नहीं लिया था। हालांकि सैलजा कैसे प्रचार के लिए राजी हुईं, इसको लेकर पूरी कहानी सामने नहीं आई। हालांकि दैनिक भास्कर को सूत्रों से इसकी पूरी जानकारी मिली है। जिसमें पता चला कि सैलजा को राहुल गांधी ने मैसेज भेजा। राहुल ने सैलजा को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने को कहा। जहां खड़गे ने सैलजा को CM चेहरे और राहुल गांधी की रैली को लेकर भरोसा दिया। जिसके बाद वह मीडिया के सामने आईं। हालांकि उन्होंने खुद बातचीत को लेकर कोई ब्यौरा नहीं दिया। सैलजा प्रचार में हिस्सा ले रही हैं, इसकी पुष्टि कांग्रेस में उनके साथ जुड़े सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी की। उन्होंने कहा कि 26 सितंबर से सैलजा प्रचार शुरू कर देंगी। इन 2 शर्तों से दूर हुई सैलजा की नाराजगी पहली: हरियाणा कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी-प्रियंका गांधी के कांग्रेस उम्मीदवारों का जो शेड्यूल तैयार किया गया था, उसमें सैलजा-सुरजेवाला समर्थकों के नाम नहीं थे। इस पर सैलजा ने आपत्ति जताई, जिसके बाद प्रचार के लिए रि-शेड्यूल बनाया गया। जिसमें सबसे पहले 26 सितंबर को सैलजा समर्थक असंध से विधायक रह चुके शमशेर गोगी के यहां राहुल गांधी वोट मांगने के लिए जाएंगे। ऐसा माना जा रहा है कि राहुल गांधी कुमारी सैलजा का मान रखने के लिए उनके करीबी कैंडिडेट से अपने अभियान की शुरुआत कर रहे हैं. ताकि उनकी नाराजगी कुछ कम हो सके। दूसरा: हरियाणा कांग्रेस में CM फेस को लेकर जबरदस्त कॉन्ट्रोवर्सी चल रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा हैं। ये दोनों पार्टी के बड़े नेता अपने आप को सीएम फेस का दावेदार मान रहे हैं। सैलजा के सीएम फेस में सबसे बड़ा रोड़ा यह है कि इस बार के टिकट वितरण में पूर्व सीएम बाजी मार ले गए हैं। इनमें 72 के करीब उम्मीदवार हुड्डा समर्थक हैं, ऐसे में सैलजा के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। ऐसे में अपना दावा और मजबूत करने के लिए सैलजा लगातार केंद्रीय नेतृत्व के
Dainik Bhaskar मंडी सांसद कंगना पर मंत्री जगत नेगी का तंज:बोले-अनपढ़ जैसी बातें करती हैं, देशभर में हम मजाक का पात्र बने, हमने बेवकूफी की
मंडी से सांसद कंगना रनोट पर हिमाचल के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा, जिस तरह की बातें कंगना करती हैं। ऐसी तो कोई अनपढ़ भी नहीं कर सकता। हिमाचल सरकार द्वारा कर्ज की राशि सोनिया गांधी को देने के कंगना के बयान पर पलटवार करते हुए जगत नेगी ने कहा कंगना के कारण पूरे देश में हमारा सिर शर्म से नीचे गिरा है। देश में हम मजाक के पात्र बन गए हैं। दूसरे प्रदेशों के लोग सोचते होंगे कि हमने किस तरह का सांसद चुन कर भेजा है, जिसको कोई समझ ही नहीं है। उन्होंने कहा कि कंगना अब सांसद है। इनको सोच समझकर बयान देने चाहिए। इसका मतलब यह है कि हमने जो सांसद चुना है, हमसे बहुत बड़ी बेवकूफी हुई है। हमने कैसे मूर्ख व्यक्ति को चुन कर संसद भेजा है। मंडी के मतदाता आज पछता रहे हैं, क्योंकि मतदाताओं ने कंगना को भारत के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर में चुन कर भेजा है। कंगना वहां भी ऐसी बातें करनी से नहीं हटती। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। कंगना ने सोनिया गांधी को लेकर दिया था ये बयान दरअसल, कंगना रनोट ने 2 दिन पहले मनाली में एक कार्यक्रम में कहा था कि हिमाचल सरकार कर्ज लेती है और सोनिया गांधी की झोली में डाल देती है। इस पर कांग्रेस पार्टी भड़क उठी है। बीते कल PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी कंगना रनोट को कम शिक्षित बोला था। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर ने भी कंगना को निशाने पर लिया। विक्रमादित्य बोले- कंगना पर करेंगे मानहानि का केस कंगना रनोट के बयान को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने कहा, यदि कंगना रनोट पैसे सोनिया गांधी को देने के सबूत नहीं दिखाती और माफी नहीं मांगती तो सोनिया गांधी की छवि को खराब करने के लिए मानहानि का केस करेंगे।
Dainik Bhaskar यूपी सरकार का आदेश-होटल में मालिक-मैनेजर का नाम लिखना जरूरी:कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन होगा, तिरुपति प्रसाद केस के बाद फैसला
तिरुपति मंदिर के प्रसादम् में जानवर की चर्बी मिलने की खबरों के बीच यूपी सरकार ने खाने-पीने की दुकानों पर नेमप्लेट यानी दुकानदार का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया है। सीएम योगी ने मंगलवार को यह आदेश दिए। मंगलवार को योगी ने खाद्य विभाग के साथ बैठक की। सीएम ने कहा- प्रदेश की सभी होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट की गहन जांच और हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाए। खाने की चीजों की शुद्धता के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम में आवश्यक संशोधन किए जाएं। नए आदेश के मुताबिक, खान-पान केंद्रों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर का नाम और पता डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा। पूरे रेस्टोरेंट में CCTV लगाने होंगे। कर्मचारियों को मास्क-ग्लव्ज पहनना जरूरी होगा। इससे पहले यूपी सरकार ने कांवड़ रूट की दुकानों पर नेमप्लेट अनिवार्य की थी। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। कोर्ट ने योगी सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी थी। मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। सीएम की बैठक के 4 पॉइंट... 1- खाने-पीने की चीजों में यूरिन-थूक मिलाना वीभत्स सीएम ने कहा- खान-पान की चीजों में यूरिन और थूक मिलाने की घटनाएं देखने को मिली हैं। ये वीभत्स हैं। ऐसा कतई स्वीकार नहीं। उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाएं। 2- दुकानदारों का वेरिफिकेशन किया जाए ढाबों और रेस्टोरेंट की जांच की जानी जरूरी है। प्रदेश में अभियान चलाकर कर्मचारियों का वेरिफिकेशन किया जाए। इसे खाद्य सुरक्षा, पुलिस और प्रशासन की टीम जल्द करे। खान-पान की दुकानों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर के नाम और पता डिस्प्ले किया जाए। 3- रेस्टोरेंट-होटल की हर जगह CCTV से कवर हो रेस्टोरेंट-होटल में CCTV की व्यवस्था हो। न केवल ग्राहकों के बैठने के स्थान पर, बल्कि पूरा रेस्टोरेंट CCTV से कवर होना चाहिए। हर होटल संचालक CCTV की फीड सुरक्षित रखेगा। जरूरत पड़ने पर उपलब्ध कराएगा। 4- शेफ-वेटर को मास्क और ग्लब्स पहनना जरूरी खाने-पीने की दुकानों में साफ-सफाई होनी चाहिए। शेफ और वेटर को मास्क और ग्लब्स पहनना जरूरी है। खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने से जुड़े नियमों को और सख्त किया जाए। खबर में पोल भी है। इसमें हिस्सा लेकर राय दे सकते हैं... कांवड़ यात्रा के दौरान भी यूपी सरकार ने नेमप्लेट अनिवार्य की थी, सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई इससे पहले, यूपी सरकार ने पूरे राज्य में
Dainik Bhaskar रेसलर योगेश्वर दत्त बोले- देश से माफी मांगें विनेश:उनकी वजह से मेडल का नुकसान हुआ, लेकिन कहा गया कि विनेश के साथ गलत हुआ
पूर्व रेसलर योगेश्वर दत्त ने कहा है कि विनेश फोगाट को देश से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उनके कारण पेरिस ओलिंपिक में भारत को एक मेडल का नुकसान हुआ है। 41 साल के दत्त ने एक शो में कहा- 'अगर मैं विनेश की जगह होता, तो देश से माफी मांगता कि मैं अपना वेट कम नहीं कर सका, लेकिन उनका स्वागत हो रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि विनेश के साथ गलत हुआ।' विनेश पेरिस ओलिंपिक में ओवरवेट होने के कारण अयोग्य घोषित हो गई थीं। उन्हें फाइनल में पहुंचने के बावजूद मेडल गंवाना पड़ा था। विनेश हरियाणा में होने वाले चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि दत्त BJP से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला है। उन्होंने लंदन ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था। राजनीति और रेसलिंग पर योगेश्वर दत्त के बयान 1. राजनीति में जाना व्यक्तिगत फैसला योगेश्वर ने कहा कि राजनीति में जाना व्यक्तिगत फैसला है, लेकिन देश को सच पता लगना चाहिए। जो पिछले एक साल में हुआ, चाहे ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई होना हो या पहलवानों का जंतर-मंतर पर आंदोलन, इससे देश की गलत छवि बनाई गई और पूरी दुनिया में उसका गलत तरीके से प्रचार किया गया। 2. मेडल गंवाने पर भी स्वागत, गलत धारणा बनाई गई योगेश्वर ने कहा कि जंतर-मंतर पर आंदोलन के बारे में गलत जानकारी देकर लोगों को बुलाया गया। ये पूरी तरह से गलत था। देश का एक मेडल का नुकसान करने के बाद भी यही परसेप्शन बनाया गया कि विनेश के साथ गलत हुआ। अगर मैं विनेश की जगह होता तो पूरे देश से माफी मांगता कि मैं अपना वेट कम नहीं कर सका, लेकिन यहां तो स्वागत हो रहा हैं। 3. राजनीति की तुलना में रेसलिंग आसान एक सवाल के जवाब में योगेश्वर ने कहा कि रेसलिंग आसान है, क्योंकि राजनीति के खेल में आपकी उम्र बीत जाएगी, लेकिन आप राजनीति नहीं सीख सकते। लोगों से झूठ बोलना और उन्हें धोखा देना राजनीति में सबसे गलत बात है। योगेश्वर दत्त ने कहा, राजनीति में सिर गिने जाते हैं, लेकिन कुश्ती में आपका बल काम करता है। राजनीति में आकर आपको पता लगता है कि कौन साथ है, कौन नहीं। ऐसे लोग भी आगे बढ़ते हैं जिनका कोई वजूद नहीं है। विनेश 100 ग्राम ओवरवेट से डिसक्वालिफाई हुई थीं विनेश फोगाट को पेरिस ओलिंपिक में फाइनल से पहले 100 ग्राम ओवरवेट होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। फिर उन्होंने इसके खिलाफ CAS
Dainik Bhaskar कर्नाटक CM सिद्धारमैया पर चलेगा जमीन घोटाले का केस:हाईकोर्ट ने गवर्नर के आदेश को बरकरार रखा, सिद्धारमैया की याचिका खारिज
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर जमीन घोटाले से जुड़े मामले में केस चलेगा। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को यह आदेश दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि कर्नाटक के गवर्नर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। यह सही है, केस में जांच की जरूरत है। सिद्धारमैया ने गवर्नर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया गया। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 17 अगस्त को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में केस चलाने की आधिकारिक अनुमति दी थी। सिद्धारमैया पर मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) की जमीन के मुआवजे के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का आरोप है। 26 जुलाई को राज्यपाल ने नोटिस जारी कर CM से 7 दिन में जवाब मांगा था। 1 अगस्त को कर्नाटक सरकार ने राज्यपाल को नोटिस वापस लेने की सलाह दी और उन पर संवैधानिक शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। MUDA घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और कुछ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की गई है। एक्टिविस्ट टी. जे. अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा का आरोप है कि CM ने MUDA अधिकारियों के साथ मिलकर महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए। MUDA केस क्या है साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने कुछ जमीन रिहायशी इलाके में विकसित करने के लिए किसानों से ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत अधिग्रहित भूमि मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई। 1992 में MUDA ने इस जमीन को डीनोटिफाई कर कृषि भूमि से अलग किया था। 1998 में अधिगृहित भूमि का एक हिस्सा MUDA ने किसानों को डेनोटिफाई कर वापस कर दिया। यानी एक बार फिर ये जमीन कृषि की जमीन बन गई। सिद्धारमैया की पत्नी की 3 एकड़ जमीन से जुड़ा है MUDA घोटाला दरअसल, सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास मैसुरु जिले के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था। हालांकि इस जमीन के बदले 2022 में बसवराज बोम्मई सरकार ने पार्वती को साउथ मैसुरु के पॉश इलाके में 14 साइट्स दिए थे। इनका 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,283 वर्ग फीट
Dainik Bhaskar कांग्रेस ने हरियाणा में बागी को निकाला:बहादुरगढ़ से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे; चित्रा सरवारा के बाद दूसरे नेता पर कार्रवाई
हरियाणा में झज्जर जिले की बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राजेश जून को कांग्रेस ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के बाद 6 साल के लिए निकाला गया है। राजेश जून बहादुरगढ़ से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट न देकर राजेंद्र सिंह जून को उम्मीदवार बनाया है। इसके कारण उन्होंने बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया। बहादुरगढ़ विधानसभा से फिलहाल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। AICC की ओर से जारी लेटर... पहली लिस्ट में नाम न आने के बाद की बगावत बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से टिकट कटने से नाराज होकर राकेश जून ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। कांग्रेस की पहली लिस्ट में नाम न होने के बाद ही राजेश जून ने बगावत कर दी थी। इसके साथ ही 11 सितंबर को नामांकन दाखिल कर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। कांग्रेस ने यहां से मौजूदा विधायक राजेंद्र जून को चुनाव में उतारा है। हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं...
Dainik Bhaskar 'पत्नी का एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर तो गुजारा भत्ते की हकदार नहीं':तलाक के एक केस में कोर्ट का फैसला, सरकारी कर्मचारी पति से मांगे थे 40 लाख
महिला का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर (शादी के बाद गैर पुरुष से संबंध) है तो वह गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं है। एक केस में जयपुर की फैमिली कोर्ट-1 ने यह फैसला सुनाया। तलाक से जुड़े मामले में कोर्ट ने पत्नी के स्थायी गुजारा भत्ता की याचिका इस आधार पर खारिज कर दी कि महिला का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- पत्नी शादी के बाद भी एडल्ट्री (गैर पुरुष से अवैध संबंध) में रही। ऐसे में कानून के तहत वह स्थायी भरण पोषण का हक नहीं रखती है। दरअसल, पत्नी ने पति से स्थायी भरण पोषण के तहत 40 लाख रुपए की मांग की थी। पत्नी का कहना था कि पति की सरकारी नौकरी है। उसके पास पर्याप्त संपत्ति है। ऐसे में उसे स्थायी भरण पोषण दिलाया जाए। वहीं, पति ने पत्नी के प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा था कि वह केवल एक क्लर्क है। उस पर पूर्व दिवंगत पत्नी से पैदा हुए बेटे और बीमार मां की जिम्मेदारी है। स्वयं भी बीमार रहता है। यह राशि देने में वह सक्षम नहीं है। पति ने कहा- पत्नी शादी से पहले से ही पड़ोस में रहने वाले युवक से प्रेम करती थी। शादी के बाद भी उसने संबंध जारी रखे। दोनों का कोर्ट में क्रूरता और एडल्ट्री के आधार पर ही 2019 में तलाक हो चुका है। इस पर अदालत ने पत्नी के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। पत्नी के प्रेमी ने चाकू से किया था हमला मामले से जुड़े वकील डीएस शेखावत और रजनी अग्रवाल ने बताया- जयपुर के रहने वाले युवक-युवती की शादी 18 नवंबर 1991 को हुई थी। शादी के बाद दोनों के एक बेटी हुई। पत्नी के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के चलते शादी के बाद से ही दोनों के बीच झगड़े होने लगे। पत्नी के प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए पति ने कहा- मेरी पत्नी के शादी से पूर्व ही उसके पड़ोस में रहने वाले युवक से प्रेम संबंध थे। लेकिन, परिजनों ने उसकी जबरन मुझसे शादी कर दी। शादी के बाद भी पत्नी ने अपने प्रेमी से बात करना नहीं छोड़ा। मैंने पत्नी को कई बार समझाया, लेकिन वह नहीं मानी। 19 दिसंबर 1993 को उसने प्रेमी के साथ मिलकर मुझ पर चाकू से हमला करवा दिया। इसकी एफआईआर भी वैशाली नगर थाने में दर्ज करवाई गई थी। पुलिस ने आरोपी युवक को हथियार के साथ गिरफ्तार करके उसके खिलाफ चालान भी पेश किया था। पत्नी के प्रेमी ने संबंधों को कबूला पति ने कहा- इस घटना के बाद पत्नी मायके चली गई। वहां उसने मुझे फंसाने के ल
Dainik Bhaskar दावा- सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद में चूहों के बच्चे मिले:स्टॉक में रखे लड्डू कुतरे हुए थे; मंदिर प्रशासन ने जांच शुरू की
मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद के पैकेटों पर चूहों के बच्चों का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें प्रसाद रखने वाला कैरेट कुतरा हुआ दिखाई दे रहा है। कैरेट के एक कोने में चूहे के बच्चे हैं। इसके बाद से ही तिरुपति लड्डू विवाद की तरह ही सिद्धिविनायक के प्रसाद की शुद्धता पर भी सवाल उठने लगे हैं। वीडियो सामने आने के बाद मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सदा सर्वणकर ने कहा कि वीडियो में दिखाई गई जगह मंदिर परिसर का हिस्सा नहीं है। ये हमारी इमेज खराब करने की कोशिश है। मंदिर ट्रस्ट इस मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला है। मंदिर ट्रस्ट बोला - गंदगी का संभावना ही नहीं सरवणकर ने कहा, "ऐसी अस्वच्छ स्थितियों की कोई संभावना नहीं है। जब तिरुपति मंदिर का प्रसादम विवाद शुरू हुआ है, तब हमारे परिसर का भी निरीक्षण किया गया। वहां सभी सुरक्षा और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। हम प्रसाद अनुभाग में स्वच्छता का सबसे ज्यादा ध्यान रखते हैं।" अधिकारी ने बताया कि मंदिर प्रसाद के लिए हाई क्वालिटी मटेरियल का इस्तेमाल करता है, जिसमें प्रीमियम घी भी शामिल है। पानी से लेकर कच्चे माल तक हर चीज लैब में टेस्ट की जाती है। 3 सरकारी अधिकारी सख्त मानकों को बनाए रखने के लिए निगरानी करते हैं। रोजाना बनते हैं 50 हजार लड्डू मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सिद्धिविनायक मंदिर में हर रोज 50 हजार लड्डू बनाए जाते हैं। त्योहार के समय इन लड्डूओं की मांग और बढ़ जाती है। प्रसाद के लिए 50-50 ग्राम के दो लड्डू पैकेट में होते हैं। इसके अलावा फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट भी लड्डू में इस्तेमाल होने वाली चीजों को सर्टिफाइड करता है। 8 दिन लड्डू खराब नहीं होते, पैकेट पर चेतावनी 4 दिन की मंदिर ट्रस्ट की सचिव वीणा पाटिल ने बताया कि मंदिर में हर साल 2 करोड़ लड्डू बनाए जाते हैं। चाशनी के लिए ब्रांडेड चीनी का इस्तेमाल की जाती है। लैब टेस्ट के मुताबिक इन लड्डुओं को 7 से 8 दिन तक रखा जा सकता है, लेकिन लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए हम एहतियातन चार दिन में ही खाने की सूचना पैकेट पर लिखते हैं। 50 -50 ग्राम के दो लड्डू पैकेट में होते हैं। ठेकेदार का टेंडर मंजूर होने से पहले उसके बनाए लड्डू का सैम्पल टेस्ट होता है। ये खबर भी पढ़ें... अब तिरुपति के लड्डू में तंबाकू मिलने पर विवाद, महिला श्रद्धालु ने वीडियो शेयर
Dainik Bhaskar अब तिरुपति के लड्डू में तंबाकू मिलने पर विवाद:महिला श्रद्धालु ने वीडियो शेयर किया; एनिमल फैट के इस्तेमाल वाले मामले में घी सप्लायर को नोटिस जारी
आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलने का विवाद अभी जारी है। इस बीच तेलंगाना के खम्मम की एक महिला प्रसादम को लेकर आरोप लगाया है कि उसे लड्डू के अंदर कागज में लिपटे तंबाकू के टुकड़े मिले हैं। गोल्लागुडेम की डोंथु पद्मावती ने बताया 19 सितंबर को वह तिरुमाला मंदिर गई थीं। बाकी भक्तों की तरह वे भी तिरुपति के लड्डू लाईं। लड्डू को तोड़ने पर उसमें एक कागज के अंदर तंबाकू के टुकडे़ मिले। वीडियो इंडिया टुडे, ABP नाडु समेत कुछ साेशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर किया गया है। हालांकि दैनिक भास्कर इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। तिरुपति मंदिर की शुद्धि के लिए महाशांति यज्ञ किया गया। 23 सितंबर को सुबह 6 से 10 बजे तक चले पंचगव्य प्रोक्षण (शुद्धिकरण) में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड के अधिकारी समेत 20 पुजारी शामिल हुए। अनुष्ठान में लड्डू और अन्नप्रसादम रसोई की शुद्धि की गई। आंध्रप्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि राज्य में YSR कांग्रेस सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू (प्रसादम्) में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया गया था। इसके अगले दिन TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा किया। प्रसादम विवाद पर अब तक क्या-क्या हुआ पुजारी बोले- अब मंदिर पूरी तरह शुद्ध, प्रसाद घर ले जा सकते हैं मंदिर के मुख्य पुजारियों में से एक कृष्ण शेषाचल दीक्षितुलु कहते हैं, "सरकार एक प्रस्ताव लेकर आई कि मंदिर को शुद्ध करने के लिए क्या किया जाए। इसलिए हम शांति होम करने के प्रस्ताव के साथ प्रबंधन के पास गए। सुबह 6 बजे हम सभी भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद और अनुमति लेने के लिए गर्भगृह में गए। अब सब कुछ शुद्ध हो गया है, मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि उन्हें अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। भगवान बालाजी के दर्शन करें और प्रसाद घर ले जाएं।" यह विवाद कैसे सामने आया... कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) पिछले 50 साल से रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। तिरुपति मंदिर में हर छह महीने में 1400 टन घी लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित
Dainik Bhaskar हिमाचल में लड़कियों की लड़ाई का VIDEO:जमकर लात-घूंसे चले, एक-दूसरे के बाल नोचे; लोगों की भीड़ तमाशा देखती रही
हिमाचल प्रदेश के जिले मंडी में 2 लड़कियों की गुत्थमगुत्था का मामला सामने आया है। सोमवार की शाम को मंडी के बस स्टैंड पर 2 युवतियां किसी बात को लेकर आपस में भिड़ गईं। दोनों ने एक-दूसरे को खूब गालियां दीं। बाल पकड़कर घसीटा और और खूब लात-घूंसे मारे। दोनों युवतियां करीब 2 से 3 मिनट तक आपस में लड़ती रहीं, लेकिन बस अड्डा पर मौजूद किसी भी व्यक्ति ने उनका बीच-बचाव करने की कोशिश नहीं की। जनता तमाशबीन बनकर खड़ी रही। कुछ देर बाद खुद ही युवतियों ने लड़ाई बंद कर दी और अपने-अपने रास्ते चली गईं। वीडियो सामने आया, उसमें क्या इस हाथापाई की एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसमें दिख रहा है कि लगभग हमउम्र दो युवतियां आपस में झगड़ रही हैं। एक युवती ने दूसरी के बाल कसकर पकड़ रखे हैं उसे जमीन पर गिरा रखा है। इसके बाद नीचे गिरी युवती उठती है और अपने बाल छुड़ाने की कोशिश करती है। हालांकि, वह अपनी कोशिश में नाकाम रहती है। बाल पकड़े हुई युवती उसे फिर से घुटना मारकर जमीन पर पटक लेती है। इसके बाद नीचे गिरी युवती फिर उठती है, और वह भी दूसरी युवती के बाल पकड़ लेती है। तब वह उठ खड़ी होती है और कुछ पलों के लिए खड़े होकर ही फाइट करती है। इसके बाद जो युवती पहले पिट रही थी, वह दूसरी युवती के बाल पकड़कर चारों ओर घुमा देती है और झटका देकर जमीन पर पटक लेती है। इन दोनों गुत्थमगुत्था चलती रहती है और भीड़ खड़ी तमाशा देखती रहती है। कोई उन्हें एक-दूसरे से छुड़ाने नहीं आता। कुछ लोग उनका वीडियो बनाने में ही व्यस्त हैं। वही वीडियो अब वायरल हो रहा है। वीडियो से लिए गए लड़ाई के PHOTOS... पुलिस के पास नहीं पहुंची शिकायत युवतियों के भिड़ने की सूचना पुलिस तक नहीं पहुंची। जब स्थानीय पुलिस स्टेशन से इसके बारे में पता किया गया तो बताया गया कि उनके पास घटना को लेकर कोई शिकायत नहीं पहुंची है। इस कारण यह भी साफ नहीं हो पाया है कि उन युवतियों में लड़ाई क्यों हो रही थी और वे युवतियां कौन थीं। हालांकि, वायरल वीडियो की पुष्टि मंडी बस स्टैंड के अड्डा प्रभारी पवन गुलेरिया ने की है। उन्होंने बताया है कि यह घटना मंडी बस स्टैंड की ही है। सोमवार शाम करीब 5 बजे उन युवतियों की लड़ाई हुई थी। इसके बाद वे दोनों यहां से चली गईं।
Dainik Bhaskar प्रयागराज में महाबोधि एक्सप्रेस पर पथराव:कई यात्री घायल; कांच तोड़कर AC कोच के अंदर आए पत्थर यात्रियों को लगे
नई दिल्ली से गया (बिहार) जा रही महाबोधि एक्सप्रेस ट्रेन पर सोमवार रात प्रयागराज में पथराव हुआ। इसमें कई यात्री घायल हो गए। ट्रेन को मिर्जापुर स्टेशन पर रोककर घायलों का इलाज कराया गया। आरपीएफ की टीम ने 3 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। महाबोधि एक्सप्रेस सोमवार रात 8.33 बजे प्रयागराज जंक्शन पहुंची। 9.06 मिनट पर रवाना हुई। रात करीब 9.16 बजे यमुना ब्रिज से पहले उस पर पथराव शुरू हो गया। ट्रेन पर करीब 50 से 60 पत्थर फेंके गए थे। कुछ पत्थर एस-3 कोच में विंडो तोड़कर अंदर आए और यात्रियों को लगे। पथराव की सूचना मिलते ही लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी। सूचना पर आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक ट्रेन रवाना हो चुकी थी। कानपुर में की गई थी ट्रेन पलटने की साजिश अभी 2 दिन पहले रविवार को कानपुर में ट्रेन को पलटने की साजिश की गई थी। प्रेमपुर स्टेशन के पास ट्रैक पर एक छोटा सिलेंडर रखा मिला। शुक्र था कि ड्राइवर की पहले ही नजर पड़ गई। उसने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। ठीक 10 फीट पहले गुड्स ट्रेन रुक गई। घटना सुबह 5.50 बजे की कानपुर से 35 किमी दूर प्रेमपुर रेलवे स्टेशन की है। प्रेमपुर दिल्ली-हावड़ा रूट पर कानपुर और प्रयागराज के बीच है। मालगाड़ी कानपुर से प्रयागराज जा रही थी। प्रेमपुर में गुड्स ट्रेन का स्टाप था। ट्रेन की स्पीड धीमी थी। लोको पायलट ने ट्रैक पर सिलेंडर रखा देखा तो घबरा गया। तुरंत इमरजेंसी ब्रेक मारे। ट्रेन रुकते-रुकते सिलेंडर के करीब तक पहुंच गई। ड्र्राइवर ने उतरकर देखा तो 5 KG का गैस सिलेंडर को पटरी पर सटाकर रखा गया था। उसने तुरंत सीनियर ऑफिसर को सूचना दी। सिलेंडर रखे होने की खबर मिलते ही रेलवे में हड़कंप मच गया। वहीं, इसी रूट पर जम्मू मेल दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची। जम्मू मेल कानपुर से प्रयागराज की ओर जा रही थी। प्रेमपुर स्टेशन के पास अचानक एक बोगी के पहिए में लगे शॉकर का नट-बोल्ट खुल गया। हालांकि, ट्रैक की निगरानी कर रहे पाइंट मैन की नजर पड़ गई। इससे बड़ा हादसा होने से टल गया। 38 दिनों में 5वीं साजिश यूपी में 38 दिनों में ट्रेन पलटाने की यह 5वीं साजिश थी। इससे पहले कानपुर में ही 8 सितंबर को कासगंज रूट पर भरा सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश रची गई थी। ट्रैक के पास बोतल में पेट्रोल और बारूद रखा मिला था। खबर अपडेट की जा रही है...
Dainik Bhaskar हरियाणा में कांग्रेस कैंडिडेट का विरोध:चुनावी सभा में बोले- सरकार आएगी तो रास्ता बनवा देंगे; सवाल पूछने वालों को धक्के देकर निकाला
हरियाणा की रेवाड़ी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव का चुनाव प्रचार के दौरान विरोध हुआ है। जब वह गिंदोखर गांव में प्रचार के लिए पहुंचे तो युवकों ने उनके सामने गो बैक के नारे लगाए। इतना ही नहीं उनसे विकास कार्यों को लेकर तीखे सवाल भी पूछे। काफी देर हंगामे के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध करने वाले युवकों को धक्के देकर कार्यक्रम से निकाल दिया। इस दौरान कुछ देर के लिए माहौल काफी गहमागहमी वाला हो गया था। चिरंजीव के कार्यक्रम में युवा पहुंचे तो बात बिगड़ी सोमवार दोपहर को चिरंजीव राव गिंदोखर गांव के पंचायत घर में कार्यक्रम के लिए पहुंचे थे। वह चुनाव में खुद को वोट देने की अपील करने के लिए ग्रामीणों के बीच गए। कार्यक्रम में काफी भीड़ थी। तभी गांव के युवक अजय यादव, विकास, प्रवीण, देवेंद्र सहित अन्य कार्यक्रम में पहुंचे। चिरंजीव राव जब ग्रामीणों को संबोधित करने लगे तो युवकों ने गांव के विकास कार्यों को लेकर उनसे सवाल पूछने शुरू कर दिए। इसके बाद माहौल गरमा गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और युवाओं के बीच धक्कामुक्की हुई। इस दौरान विरोध करने वाले युवकों ने चिरंजीव के खिलाफ नारेबाजी की। रास्ते को लेकर विरोध जताया विरोध करने वाले अजय यादव ने कहा, ‘चिरंजीव राव 2019 में विधायक चुने गए। इसके बाद पहली बार वह इस गांव में 26 नवंबर 2023 को आए और गिंदोखर-जाडरा के कच्चे रास्ते का शिलान्यास कर चले गए।' इस पर चिरंजीव ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार नहीं है। इसके बावजूद वह अपने विधायक कोटे से 16 लाख रुपए दिलवाकर इस सड़क का निर्माण कार्य करवा रहे हैं। हालांकि, 10 महीने बाद भी इस सड़क का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। इस पर चिरंजीव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मेरा काम पैसे दिलवाने का था। हमारी सरकार नहीं है। सरकार आएगी तो बनवा भी देंगे।’ हमें सवाल पूछने का हक, फिर भी धक्के मारकर कार्यक्रम से निकाला अजय के मुताबिक, 'हमने विधायक से यह भी पूछा कि हमें यही बता दीजिए कि जो 16 लाख रुपए आपने विधायक कोटे से दिलवाए, आखिर वह किसके पास गए हैं। उनके पास इसका कोई जवाब नहीं था। मेरी पत्नी पूनम गांव की पंचायत में पंच है। हमें हमारे जनप्रतिनिधि से गांव के विकास से जुड़े मामले में सवाल पूछने का हक है। उसके बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमें धक्के देकर कार
Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:जापान में 5.9 तीव्रता का भूकंप, सुनामी का अलर्ट जारी
जापान में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। जापान मेट्रोलॉजिकल एजेंसी ने बताया कि इजू आइलैंड पर आए भूंकप की तीव्रता 5.9 थी। भूकंप के बाद टोक्यो के दक्षिण में मौजूद द्वीप समूह में सुनामी का अलर्ट जारी किया है। यहां 1 मीटर तक ऊंची लहरे उठ सकती हैं। आज की अन्य बड़ी खबरें कोलकाता रेप मर्डर केस, TMC नेता निर्मल घोष से CBI की पूछताछ, जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कराने का आरोप आरजी कर मामले में सोमवार को सीबीआई द्वारा तृणमूल कांग्रेस के विधायक निर्मल घोष से पूछताछ की जा रही है। घोष पर मृतक डॉक्टर के जल्दबाजी में अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का संदेह है। अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के डॉ. अपूर्व बिस्वास से भी सीबीआई पूछताछ कर रही है।
Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:जैसा कभी तमिलनाडु में रहा, अब दिल्ली में भी खड़ाऊ शासन शुरू
आतिशी के बारे में जो राजनीतिक चर्चा चल रही थी, सही निकली। सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल सँभालते वक्त आतिशी ने केजरीवाल के नाम का सिंहासन ख़ाली छोड़ा और बग़ल में एक कुर्सी रखकर वहाँ बैठ गईं। हो सकता है उनकी इसी स्वामी भक्ति के कारण उनका नेता पद पर चयन किया गया हो, लेकिन कुर्सी खाली छोड़ते वक्त जो तर्क आतिशी ने दिया वह और भी हैरत कर देने वाला है। आतिशी ने कहा- जिस तरह भगवान राम वनवास गए थे तब चौदह साल तक उनके छोटे भाई भरत ने राम की खड़ाऊ रखकर राज चलाया था, उसी तरह मैं भी दिल्ली का शासन चलाऊंगी। जब चुनाव में जीतकर केजरीवाल वापस आएँगे तो इसी कुर्सी पर बैठकर फिर से दिल्ली का शासन वे ही चलाएँगे। होना तो यह चाहिए कि इन राजनेताओं को अपनी चालें चलने और नित नए समीकरण भिड़ाने के लिए कम से कम पौराणिक पात्रों के उदाहरण देना बंद कर देना चाहिए। क्योंकि खड़ाऊ रखकर राज ज़रूर चलाए जा रहे हैं लेकिन आज की राजनीति में न तो जिसकी खड़ाऊ रखी जा रही है वो राम है और न ही जो खड़ाऊ रख रहा है, वो भरत। बात केवल आप पार्टी की ही नहीं है, और भी राजनीतिक दल हैं जहां कोई न कोई किसी न किसी की खड़ाऊँ रखकर किसी न किसी प्रदेश का राज चला रहा है। हो सकता है ज्यादातर राज्य सरकारें रिमोट से चलाई जा रही होंगी लेकिन आतिशी की तरह राम और भरत का उदाहरण देकर तो नहीं ही। इसके पहले भी कुछ राजनीतिक उदाहरण सामने आए थे जिनमें खड़ाऊ शासन की झलक मिली थी। जे जयललिता को जब जेल हो गई थी तो उन्होंने भी पन्नीरसेलवम को डमी मुख्यमंत्री बनाया था। तब पन्नीर सेल्वम भी आतिशी की तरह ही जयललिता का सिंहासन ख़ाली छोड़कर बग़ल की कुर्सी पर बैठकर सरकार चलाया करते थे। यदा-कदा जेल से फ़ोन आ जाया करता था तो केवल पन्नीर सेल्वम ही नहीं, पूरा मंत्रिमंडल कुर्सी से खड़ा होकर बात कियाकरता था। खैर, चार महीने के लिए ही सही, आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गईं हैं लेकिन इतना तय है कि सरकार केजरीवाल ही चलाने वाले हैं। जैसे जेल में बैठकर जयललिता चलाया करती थीं। जैसे मनमोहन सिंह के वक्त सरकार दस, जनपथ से चलाई जाती रही।
Dainik Bhaskar देश में कामकाजी महिलाएं पुरुषों से 3 गुना तेज बढ़ीं:बेरोजगारी पुरुषों में कम; सालभर में बेरोजगारी दर 3.2% पर स्थिर
देश में पिछले 6 साल में कामकाजी महिलाएं 18% और पुरुष 5% बढ़ गए। 2023-24 में महिलाओं का वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो (डब्ल्यूपीआर) 40% पर पहुंच गया, जो 2017-18 में 22% ही था। यानी 18% का इजाफा हुआ। वहीं, पुरुषों में यह 76% हो गया, जो 71% था यानी 5% की बढ़ोतरी हुई। इस हिसाब से कामकाजी महिलाएं पुरुषों से 3 गुना तेजी से बढ़ीं। मगर, 6 साल में पुरुषों की बेरोजगारी दर 2.9% घटी, जबकि महिलाओं की 2.4% ही कम हुई। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) की जुलाई 23 से जून 24 की रिपोर्ट में ये आंकड़े सामने आए हैं। कामकाजी लोगों में सबसे ज्यादा 58.4% लोग स्वरोजगार वाले आंकड़े के मुताबिक, कामकाजी लोगों में सबसे ज्यादा 58.4% लोग स्वरोजगार, 21.7% नियमित नौकरी और 19.8% दिहाड़ी मजदूरी में हैं। 2022-23 के मुकाबले स्वरोजगार वाले 1.1% और नौकरीपेशा 0.8% बढ़े, जबकि दिहाड़ी मजदूरी वाले 2% तक घट गए। काम करने वालों में सबसे ज्यादा 46% लोग कृषि, 12.2% ट्रेड, होटल और रेस्टोरेंट, 12% निर्माण और 11.4% मैन्युफैक्चरिंग में लगे हैं। 2022-23 के मुकाबले निर्माण में काम करने वाले सबसे ज्यादा 1% कम हुए। 15-29 साल वालों में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा 10.2% रही है देश में 15 से 29 वर्ष के आयु वर्ग की बेरोजगारी दर में एक साल के दौरान मामूली इजाफा हुआ है। जुलाई 2022- जून 23 में 10% की तुलना में जुलाई 2023- जून 24 में यह 10.2% हो गई है। शहरी इलाकों में यह दर 15.7% से घटकर 14.7% हो गई है, जबकि ग्रामीण इलाकों में 8% से बढ़कर 8.5% हो गई है। जाति-धर्म का जॉब कनेक्शन 53% एसटी के पास रोजगार, सामान्य में सबसे कम 43% ही रोजगार में ईसाई सबसे आगे, हिंदू दूसरे पर हैं नौकरीपेशा की औसत मासिक आय स्वरोजगार वालों से 7203 रुपए ज्यादा अप्रैल से जून-2024 के दौरान स्वरोजगार के जरिए देश में औसतन मासिक आय 13,900 रुपए रही। वेतनभोगी कर्मियों का औसत मासिक वेतन सबसे ज्यादा 21,103 रु. है। दिहाड़ी मजदूर औसतन 433 रुपए रोजाना कमा रहे हैं। इस हिसाब से देखें तो नौकरीपेशा लोग स्वरोजगार वालों से हर महीने 7203 रुपए ज्यादा कमा रहे। जबकि जुलाई-सितंबर 2023 में स्वरोजगार में मासिक आय 12,685 रुपए और वेतनभोगी में 20,095 रुपए थी। दिहाड़ी मजदूर 404 रुपए रोजाना कमा रहे थे। 61.1% नियमित वेतनभोगी कर्मी बिना किसी लिखित कांट्रैक्ट के काम करते हैं, 52.2% को पेड लीव नहीं मिलत