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Dainik Bhaskar CA की खुदकुशी पर सीतारमण बोलीं- आत्मशक्ति की कमी थी:वह दबाव नहीं झेल पाई, शिवसेना सांसद बोलीं- आपने पीड़ित का अपमान किया

पुणे में अर्नस्ट एंड यंग इंडिया कंपनी की 26 साल की CA एना सेबेस्चियन की मौत पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान के बाद विवाद शुरू हो गया है। सीतारमण ने 22 सितंबर को तमिलनाडु के एक निजी मेडिकल कॉलेज के प्रोग्राम में कहा था कि एक महिला सीए काम के दबाव को सहन नहीं कर पाई। दबाव झेलने की ताकत ईश्वर से आती है, इसलिए ईश्वर की शरण में जाएं। इस पर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि CA की पढ़ाई के दौरान ऐना के अंदर दबाव झेलने की शक्ति आ गई थी, लेकिन टॉक्सिक वर्क कल्चर और लंबे समय तक काम करने की वजह से उसकी जान गई। इस पर बात होनी चाहिए। आप विक्टिम शेमिंग बंद करें और थोड़ा संवेदनशील होने की कोशिश करें। अगर आप कोशिश करेंगी तो भगवान आपकी मदद करेंगे। निर्मला सीतारमण का पूरा बयान पढ़ें... मैं पिछले दो दिन से खबरों में चल रहे एक मुद्दे पर चर्चा कर रही हूं। हमारे बच्चे कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करने जाते हैं और अच्छे नतीजे लेकर निकलते हैं। एक कंपनी है, मैं उसका नाम नहीं लूंगी, लेकिन वह इस मामले में शामिल है। CA की अच्छी पढ़ाई करके आई एक महिला इस कंपनी में काम के दबाव को सहन नहीं कर पाई। इसके चलते उसने आत्महत्या कर ली। ऐसे में परिवारों को अपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि उन्हें पढ़ाई या नौकरी के दबाव को संभालना सीखना होगा। दबाव झेलने की यह क्षमता सिर्फ दैवीय कृपा के जरिए पाई जा सकती है। आप भगवान पर विश्वास करें, भगवान की शरण लें और अच्छा अनुशासन सीखें। आपकी आत्म शक्ति सिर्फ इससे बढ़ेगी। आंतरिक शक्ति तभी आएगी जब आत्म शक्ति का विकास होगा।

Dainik Bhaskar भारत में Mpox क्लेड 1 का पहला मरीज मिला:UAE से केरल लौटा था; क्लेड 1 स्ट्रेन को WHO हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है

भारत में मंकीपॉक्स (MPox) के पहले क्लेड 1 स्ट्रेन का पहला मरीज मिला है। यह वही स्ट्रेन है, जिसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है। मरीज पिछले हफ्ते UAE से केरल लौटा था। केरल के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पीड़ित 38 साल का है। 17 सितंबर को मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर उसने खुद को क्वारंटीन कर लिया था। इससे पहले 9 सितंबर को देश में मंकीपॉक्स के पहले मरीज मिलने की पुष्टि हुई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि विदेश से लौटे एक व्यक्ति को 8 सितंबर को मंकीपॉक्स के संदेह में आइसोलेशन में रखा गया था। सैंपल लेकर जांच कराई गई, जिसमें मंकीपॉक्स के स्ट्रेन क्लेड 2 (क्लेड 1 नहीं) की पुष्टि हुई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की राज्यों को एडवाइजरी 9 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने मंकीपॉक्स को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की थी। चंद्रा ने कहा था कि मंकीपॉक्स के खतरे को रोकने के लिए सभी राज्यों को हेल्थ एक्शन लेना चाहिए। राज्यों को मंकीपॉक्स पर स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के मंकीपॉक्स पर जारी सीडी-अलर्ट (कम्यूनिकेवल डिजीज अलर्ट) पर एक्शन लेना चाहिए। इसके अलावा राज्यों को अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा करनी चाहिए। सीनियर अधिकारियों को जिलों की स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेना चाहिए। WHO के मुताबिक, मंकीपॉक्स के ज्यादातर मामले युवा पुरुषों में सामने आए हैं, जिनकी औसत आयु 34 वर्ष (सीमा 18-44 वर्ष) है। सबसे ज्यादा मामले सेक्सुअल कॉन्टेक्ट से संक्रमण के हैं। इसके बाद जिसके बाद पर्सन-टू-पर्सन नॉन सेक्सुअल कॉन्टेक्ट के मामले हैं। WHO ने मंकीपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। भारत ने 20 अगस्त को देश के सभी पोर्ट, एयरपोर्ट के साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश से सटे बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया था। यह दो साल में दूसरी बार है, जब WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, मंकीपॉक्स की शुरुआत अफ्रीकी देश कांगो से हुई थी। अफ्रीका के दस देश इसकी गंभीर चपेट में हैं। इसके बाद ये तेजी से

Dainik Bhaskar छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर मुठभेड़ में 3 नक्सली ढेर:नारायणपुर में सर्चिंग पर निकले थे जवान; रुक-रुक कर फायरिंग जारी

छ️त्तीसगढ़ के नारायणपुर और महाराष्ट्र बॉर्डर पर सोमवार शाम पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ हो गई है। दोनों तरफ से रुक-रुक कर फायरिंग जारी है। मुठभेड़ में 3 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। फिलहाल इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। जानकारी के मुताबिक, जवान माड़ क्षेत्र में नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना पर सर्चिंग पर निकले थे। शाम करीब 4 बजे सर्चिंग के दौरान घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग कर दी। इस पर जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की है। 14 सितंबर को भी मारा गया था एक नक्सली इससे पहले 14 सितंबर को सुकमा में जवानों ने मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया। शव के पास से ही भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और अन्य सामग्री बरामद हुई थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि, चिंतागुफा क्षेत्र में तुमालपाड़ की पहाड़ी पर नक्सली मौजूद हैं। इसके बाद जिला बल, DRG और बस्तर फाइटर्स के जवानों को सर्च ऑपरेशन पर भेजा गया था। पढ़ें पूरी खबर... 5 सितंबर को छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर 6 नक्सली हुए थे ढेर छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर 6 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया है। इनमें दो महिलाएं भी शामिल है। जवानों ने हथियार और शव बरामद कर लिए हैं। दो जवानों को भी गोली लगी थी। तेलंगाना की ग्रेहाउंड पुलिस को सूचना मिली थी कोत्तागुडेम जिले के गुंडाला-करकागुडेम इलाके में भारी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। इसी आधार पर फोर्स को एक दिन पहले ही सर्च ऑपरेशन के लिए भेजा गया था। पढ़ें पूरी खबर... खबर अपडेट की जा रही है... इससे संबंधित और भी खबरें... 1. छत्तीसगढ़ में माइंस से बारूद लूटने पहुंचे थे नक्सली: 400 जवानों ने 36 घंटे में 9 को मार गिराया; इनमें 25 लाख का इनामी भी छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर मंगलवार को जवानों ने 9 नक्सलियों को मार गिराया। मारे गए नक्सलियों में 25 लाख रुपए का इनामी दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) कैडर रणधीर भी शामिल है। दक्षिण बस्तर में मारा जाने वाला यह (DKSZC) कैडर का पहला नक्सली है। यहां पढ़िए पूरी खबर.... 2. छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने 9 नक्सली मार गिराए: दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर 13 घंटे चली मुठभेड़, हथियार-विस्फोटक बरामद; बीजापुर में 13 नक्सली पकड़े गए छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर मंगलवार (3 सितंबर) को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 9 नक्सलियों को मार गिराया है। इनमें 6 महिला न

Dainik Bhaskar ट्रैक पर डेटोनेटर फटने के मामले में रेलवे कर्मचारी गिरफ्तार:खंडवा कोर्ट में पेश; आर्मी की स्पेशल ट्रेन गुजरने से पहले फटे थे डेटोनेटर्स

बुरहानपुर के सागफाटा रेलवे स्टेशन के पास आर्मी की स्पेशल ट्रेन गुजरने से पहले ट्रैक पर फटे डेटोनेटर्स के मामले में आरपीएफ ने रेलवे के ही एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। सोमवार को उसे खंडवा सिविल कोर्ट में रेलवे न्यायाधीश राहुल सोनी की कोर्ट में पेश किया गया। एक अन्य कर्मचारी से भी पूछताछ की गई है, जिसे नोटिस दिया गया है। गिरफ्तार आरोपी साबिर रेलवे में मेट है। यह गैंगमैन से ऊंचा पद है। उसका काम रेलवे ट्रैक पर गश्त करने का है। साबिर पर डेटोनेटर चुराने के आरोप में एफआईआर की गई है। घटना वाले दिन ही साबिर को रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) ने कस्टडी में ले लिया था। खंडवा आरपीएफ के इंस्पेक्टर संजीव कुमार के मुताबिक, 'रेलवे संपत्ति (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम की धारा 3 (ए) के तहत डेटोनेटर चोरी करने के आरोप में रविवार को साबिर के खिलाफ केस दर्ज किया था। सिर्फ दो या तीन सरकारी विभागों के पास ये डेटोनेटर होते हैं। इन्हें आरोपी को आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया था।' आरपीएफ इंस्पेक्टर के मुताबिक, 'साबिर ने पूछताछ में दावा किया है कि घटना वाले दिन वह ड्यूटी पर नहीं था और नशे में था।' नुकसानदायक नहीं, रेलवे में संकेत देने के लिए इस्तेमाल होता है रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ये डेटोनेटर्स हानिकारक नहीं हैं। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला ने बताया कि रेलवे नियमित रूप से इन डेटोनेटर का इस्तेमाल करता है। इन्हें क्रैकर भी कहा जाता है। फटने पर तेज आवाज करते हैं। ये ट्रैक पर आगे कोई रुकावट, धुंध या कोहरे के संकेत देने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। 10 डेटोनेटर करीब एक से डेढ़ फीट के अंतराल से रखे गए थे घटना 18 सितंबर की है, जानकारी रविवार 22 सितंबर को सामने आई थी। बुरहानपुर के नेपानगर और खंडवा के बीच स्थित सागफाटा रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक पर कुछ डेटोनेटर लगे मिले थे। मामला तब गंभीर हो गया था, जब पता चला कि यहां से सेना के जवानों को ले जा रही ट्रेन गुजरने वाली थी। हालांकि, ट्रेन के पहुंचने से पहले ही कुछ डेटोनेटर फट गए। इससे रेलवे अधिकारी अलर्ट हो गए और सागफाटा स्टेशन पर ट्रेन रुकवा दी गई। रेलवे सूत्रों के अनुसार, दिल्ली-मुंबई ट्रैक पर सागफाटा से डोंगरगांव के बीच 10 डेटोनेटर करीब एक से डेढ़ फीट के अंतराल से रखे गए थे। ट्रेन खंडवा से होते हुए तिरुवनंतपुरम जा रही थी। इस

Dainik Bhaskar दिल्ली के कॉलेज में छात्रों के बीच मारपीट:एक छात्र की पगड़ी गिरी, FIR कराई; DUSU चुनाव में हिस्सा न लेने के फैसले से नाराज थे

दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर छात्रों के बीच मारपीट हुई। इस दौरान एक छात्र की पगड़ी गिर गई। इस घटना का वीडियो सामने आया है। इसके बाद पीड़ित छात्र ने दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई। मामला दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव से जुड़ा है। श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि वे 27 सितंबर को होने वाले दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनावों में भाग नहीं लेंगे। ये फैसला कॉलेज की मूल संस्था दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (DSGMC) के आदेश के बाद लिया गया। इसके विरोध में छात्रों ने प्रदर्शन किया। इस बीच छात्रों में झड़प हो गई। वीडियो के मुताबिक, जिस लड़के की पगड़ी गिरी थी, बाद में उसे उठाकर दे दी गई थी। वहीं, कुछ स्टूडेंट प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर खड़े होकर अधिकारियों से बात करते दिखे थे। मामले को तीन फोटोज में समझें... गुरु तेग बहादुर कॉलेज की DU एडमिनिस्ट्रेशन को चिट्ठी- हम अपने चुनाव अलग से कराएंगे श्री गुरु तेग बहादुर कॉलेज में हुई झड़प को लेकर पुलिस ने धारा 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर किया गया काम), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 351(2) (आपराधिक धमकी) और 3(5) (दो या दो से ज्यादा लोगों के एक साथ काम करने पर संयुक्त आपराधिक दायित्व) के तहत FIR दर्ज की है। वहीं, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज के प्रिंसिपल गुरमोहिंदर सिंह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन को एक पत्र लिखा था। इसमें कहा गया कि कॉलेज अपने छात्र चुनाव अलग आयोजित करेगा, जिसे स्टाफ एडवाइजरी कमेटी देखेगी। इस फैसले के विरोध में कॉलेज में स्टूडेंट का विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) दोनों के छात्र इस फैसला का विरोध करने लगे। ABVP ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (DSGMC) कॉलेजों को DUSU से अलग करने के लिए अदालत में याचिका भी दायर की। चार कॉलेजों को कंट्रोल करती है DSGMC DSGMC दिल्ली यूनिवर्सिटी के चार कॉलेजों - श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज, श्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स को कंट्रोल करता है। ये सभी कॉलेज DUSU से जुड़े हैं। जबकि DSGMC से कंट्रोल होने वाला माता सुंदरी कॉलेज फॉर वुमेन भी है, लेकिन यह DUSU से जुड

Dainik Bhaskar केंद्रीय मंत्री बिट्टू बोले-राहुल गांधी पप्पू या बहुत शातिर आदमी:वे चाहते हैं कि सिख देश के खिलाफ हथियार उठा लें;कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिखाए काले झंडे

रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने एक बार फिर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर हमला बोला है। उन्होने कहा- राहुल गांधी पप्पू हैं या बहुत ही शैतान शातिर आदमी हैं। राहुल चाहते हैं कि सिख अपने देश के खिलाफ दोबारा हथियार उठा लें। उनके अंदर ये बीज बोया जा रहा है। दरअसल, 10 सितंबर को अमेरिका में राहुल ने कहा था कि भारत में सिख समुदाय के बीच इस बात की चिंता है कि उन्हें पगड़ी, कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या नहीं। इसके जवाब में बिट्‌टू ने राहुल गांधी को देश का सबसे बड़ा आतंकवादी कहा था। इन दोनों बयानों को लेकर काफी विवाद हुआ था। रवनीत सिंह बिट्टू सोमवार को जयपुर में एक शूटिंग चैंपियनशिप कॉम्पिटिशन का उद्घाटन करने आए थे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमारे देश में सिख को झुककर सरदार जी कहकर संबोधित किया जाता है। मुझे नहीं लगता कि किसी को ये सम्मान मिलता है। वो चीज ये खत्म करना चाहते हैं। ये आग में घी डालने का काम रहे है। चाहे वो किसानों का आंदोलन हो या हरियाणा में इलेक्शन हो। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिखाए काले झंडे, बिट्‌टू बोले- मुझसे ज्यादा राहुल को नहीं जानते रवनीत सिंह बिट्‌टू को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जयपुर में काले झंडे भी दिखाए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू ने कहा- उन्हें तकलीफ करने की जरूरत क्यों है। मेरे पास आ जाते, मैं उनको खुद बुला लेता। वो आकर मेरे साथ बात करें। मैं तो उनमें से ही आया हूं। मेरे से ज्यादा वो राहुल गांधी के बारे में नहीं जानते हैं। मैं तो 15 साल उनके साथ रहा। उनका तीन बार जीता हुआ एमपी था। तब उन्हें छोड़कर आया हूं। मेरे से ज्यादा राहुल गांधी को कौन जानता है। बिट्‌टू ने कहा कि मुझे देश में पगड़ी नहीं बांधने दी जा रही। मुझे देश में कड़ा नहीं पहनने दिया जा रहा। मैं गुरुद्वारा नहीं जा सकता। आप मुझे बताओ, ये कोई अच्छी बात है। आप क्यों माइनॉरिटी को बार-बार छेड़ रहे हैं। वायुसेना जिनके अंडर है, वो पगड़ी बांधते हैं। सीआईएसएफ के डीजी एक पंजाबी सिख हैं। इनके अंडर में एयरपोर्ट, मेट्रो और संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। राहुल गांधी को भी उनसे होकर जाना है। मैं भी एक सिख हूं। आपके सामने बैठा हूं। इस तरीके की बात करना वो भी अमेरिका में जाकर इसका मतलब क्या है। मंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू ने कहा कि राहुल गांधी के परिवार ने द

Dainik Bhaskar फेक न्यूज एक्सपोज:पटरी पर मिला खंबा, लोग बोले ट्रेन पलटाने की साजिश; कुछ और निकली सांप्रदायिक दावे के पीछे की सच्चाई

देश के कई इलाकों से ट्रेन डिरेल करने की साजिश से जुड़ी खबरें सामने आ रहीं हैं। इसी क्रम में पिछले दिनों खबर आई थी कि रामपुर (यूपी) में नैनी दून एक्सप्रेस को भी बेपटरी करने की कोशिश की गई। वेरिफाइड एक्स यूजर दीपक शर्मा लिखते हैं- हजारों हिन्दुओं की जान जाते जाते बची… रामपुर की मुस्लिम कॉलोनी के पीछे से गुजर रही रेलवे लाइन पर ट्रेन को पलटाने के उद्देश्य से लोहे का खम्बा रख दिया आतंकवादियों ने...लेकिन देहरादून एक्सप्रेस के लोको पॉयलेट ने समय रहते इमरजेंसी ब्रेक लगाकर हजारों हिन्दुओं की जान बचा ली... आखिर कब खुलेगी रेल मंत्रालय की आखें (अर्काइव लिंक) देखें ट्वीट : एक्स पर दीपक शर्मा को 98 हजार से अधिक यूजर्स फॉलो करते हैं। वहीं, खबर लिखे जाने तक उनके इस ट्वीट को 5 हजार से अधिक लोग लाइक कर चुके थे वहीं 2900 लोगों ने इसे रीपोस्ट किया था। एक्स यूजर घनश्याम सिंह चौहान ने भी अपने ट्वीट में वही बात लिखी जो दीपक शर्मा ने ट्वीट की थीं। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: पड़ताल के दौरान हमें जय श्री राम नाम का वेरिफाइड एक्स अकाउंट भी मिला। इस अकाउंट से किए गए ट्वीट में लिखा था - मोहब्बत की बात करने वाले मुल्ले कहा मुंह छुपाकर बैठे हैं हजारों हिन्दुओं की जान जाते जाते बची... रामपुर के मुस्लिम कॉलोनी के पीछे से गुजर रही रेलवे लाइन पर ट्रेन को पलटाने के उद्देश्य से लोहे का खम्बा रख दिया आतंकवादियों ने... (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: क्या है वायरल दावे का सच ? वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने इस घटना से जुड़ी खबरों को गूगल पर ओपन सर्च किया। इस दौरान हमें न्यूज 18 और टीवी9 के आर्टिकल्स मिले। आर्टिकल्स में जो बताया गया था वो वायरल दावे से एकदम उलट था। न्यूज 18 की खबर का स्क्रीनशॉट... न्यूज 18 ने अपने आर्टिकल में मुरादाबाद के रेलवे पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार वर्मा के हवाले से बताया था कि यह घटना 18 सितंबर की है और इस मामले में संदीप चौहान और बिजेंद्र उर्फ​ टिंकू नामक दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों रामपुर जिले के बिलासपुर थाना क्षेत्र के निवासी हैं। पूछताछ में दोनों ने बताया, 'हम अक्सर घटनास्थल पर शराब पीने जाया करते थे। हादसे वाले दिन भी पटरी के पास बैठकर शराब पी रहे थे, तभी वहां लोहे का खंबा पड़ा दिखा, जिसे चुराने के बारे में सोचा, मौका देखते ही दोनों उसे लेकर निकल गए। जमीन ऊबड़-ख

Dainik Bhaskar हरियाणा चुनाव के बीच कांग्रेस कैंडिडेट बरी:हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी अवैध बताई, 25 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने अरेस्ट किया था

हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच सोनीपत से कांग्रेस कैंडिडेट सुरेंद्र पंवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। हाईकोर्ट ने 25 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस को खारिज कर दिया है। उनकी गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है। करीब 3 महीने पहले एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने उन्हें गिरफ्तार किया था। सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने हाईकोर्ट में अपील की थी कि जब पंवार का नाम किसी FIR में नहीं है तो इनको अवैध तरीके से गिरफ्तार क्यों किया गया। दस्तावेजों को आधार मानते हुए अब हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। वकील मुकेश ने कहा कि वह अभी लिखित कॉपी लेने के लिए भागदौड़ में लगे हुए हैं। सुरेंद्र पंवार खनन व्यापारी हैं। ईडी ने उनको 20 जुलाई काे गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे अंबाला जेल में थे। सुरेंद्र पंवार 2019 में कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधायक बने थे। अब कांग्रेस ने उनको दोबारा से टिकट दी है। पुत्रवधू ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली भाजपा ने सोनीपत में कांग्रेस के बागी नगर निगम के मेयर निखिल मदान को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी यहां अभी गुटबाजी का सामना कर रहे हैं। वहीं सुरेंद्र पंवार के जेल में होने की वजह से उनका चुनाव प्रचार भी यहां प्रभावित हो रहा था। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार ही मैदान में डटी हुई थी। सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे हुए थे, लेकिन इन सबके बावजूद सुरेंद्र पंवार की कमी यहां खल रही थी। राजनीति से जुड़े लोग बताते हैं कि सुरेंद्र पंवार के जेल से बाहर आने के बाद अब सोनीपत सीट पर चुनावी मुकाबला बड़ा ही रोचक हो जाएगा। यहां विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। निखिल मदान ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है। हालांकि पूर्व मंत्री कविता जैन व राजीव जैन भाजपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार से दूर हैं। जनवरी में हुई थी ED की रेड इसी वर्ष चार जनवरी को सोनीपत के कांग्रेस के तत्कालीन विधायक सुरेंद्र पंवार के सेक्टर-15 स्थित आवास व अन्य स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापा मारा था। ईडी वर्ष 2013 में हुए अवैध खनन मामले में जांच कर रही थी। विधायक के साथ ही उनके साझेदारों यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग

Dainik Bhaskar बेंगलुरु हत्याकांड, संदिग्ध आरोपी बंगाल का रहने वाला:महिला झारखंड की, बेंगलुरु में अकेले किराये से रहती थी; 30 टुकड़ों में मिली थी बॉडी

बेंगलुरु में महिला की हत्या और शव के 30 टुकड़े किए जाने के मामले में पुलिस ने संदिग्ध आरोपी की पहचान कर ली है। कर्नाटक के गृह मंत्री गंगाधरैया परमेश्वर ने कहा की पुलिस ने घटना से जुड़े कई सुराग ढूंढ लिए हैं। आरोपी इस वक्त पश्चिम बंगाल में है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी होगी। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने बेंगलुरु पुलिस को मामले में शामिल लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया है ताकि मामले की जांच समय रहते हो सके। इसके अलावा आयोग ने पुलिस को तीन दिन के अंदर मामले की डिटेल रिपोर्ट पेश करने को कहा है। दरअसल, बेंगलुरु के व्यालिकेवल इलाके में 21 सितंबर को श्रद्धा वालकर हत्याकांड जैसा मामला सामने आया था। झारखंड की 29 साल की महालक्ष्मी की हत्या कर शव के 30 टुकड़े कर दिए गए थे। आरोपी शव के टुकड़ों को फ्रिज​ में रखकर फरार हो गया। बताया जा रहा है कि महिला फ्लैट में अकेली रहती थी। 3 महीने से किराए के घर में रह रही थी महिला 21 सितंबर को बेंगलुरु वेस्ट के एडिशनल पुलिस कमिश्नर एन सतीश कुमार ने बताया था कि घटना व्यालिकेवल पुलिस थाना क्षेत्र के मल्लेश्वरम इलाके की है। ऐसा लग रहा है जैसे हत्या 4-5 दिन पहले की गई है। उन्होंने बताया पता चला है कि महिला बेंगलुरु में एक मॉल में काम करती थी। बीते 3 महीने से वह यहां किराए से रह रही थी। उसका पति शहर से दूर एक आश्रम में काम करता है। घटना की जानकारी मिलने के बाद वह भी मौके पर पहुंचा था। पड़ोसियों ने फ्लैट से बदबू आने की शिकायत की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना के बारे में तब पता चला जब पड़ोसियों ने घर से फ्लैट मालिक को फ्लैट से बदबू आने की शिकायत की। जब म​कान मालिक फ्लैट में घुसा तो उसने देखा की घर की हालत बेहद खराब है। पूरे घर में सामान बिखरा हुआ था। रसोई के पास कीड़े रेंग रहे थे, और खून के धब्बे दिखाई दे रहे थे। फ्रिज खाेला तो उसमें शव के ​टुकड़े दिखे। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस की इन्वेस्टिगेशन टीम ने सबूत इकट्‌ठा किए। मई 2022 में सामने आया था श्रद्धा वालकर मर्डर केस, शरीर के 35 टुकड़े कर फ्रिज में रखे थे 18 मई 2022 को दिल्ली के छतरपुर इलाके में रहने वाले आफताब ने अपनी लिव इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े कर 300 लीटर के फ्रिज में रखे थे। आफताब इन टुकड़ों

Dainik Bhaskar हाईकोर्ट बोला- सरकार दुर्गा पूजा कमेटियों को ₹10 लाख दे:ये पश्चिम बंगाल की सांस्कृतिक विरासत, अभी मिल रही ₹85 हजार की रकम मामूली

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार (23 सितंबर) को ममता सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, दुर्गा पूजा पंडालों के लिए सरकार की तरफ से मिलने वाली 85000 रुपए की रकम मामूली है। आयोजककर्ताओं का इससे कई गुना तो खर्च हो जाता होगा। सरकार को कम से कम हर दुर्गा पूजा समिति को 10 लाख रुपये की रकम देने पर विचार करना चाहिए। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टी एस शिवगनम और जस्टिस बिवास पटनायक की बेंच दुर्गा पूजा आयोजकों को दी जाने वाली राशि पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता की दलील थी कि, पूजा समितियों को मिलने वाली सहायता राशि का कोई हिसाब-किताब नहीं होता। ऐसे में उन्हें ये आर्थिक मदद देनी बंद करनी चाहिए। हालांकि हाईकोर्ट ने इस तरह की कोई भी रोक लगाने का आदेश नहीं दिया। चीफ जस्टिस बोले- दुर्गा पूजा राज्य की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा चीफ जस्टिस टी एस शिवगनम ने कहा कि उन्होंने पिछले दो सालों में कई दुर्गा पूजा पंडालों का दौरा किया। उन्हें लगता है कि आयोजन में जितना खर्च हो जाता है उसकी तुलना में 85,000 रुपये कुछ भी नहीं हैं। हालांकि पूजा समितियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की तरफ से राशि बांटनी चाहिए क्योंकि दुर्गा पूजा राज्य की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता से कहा कि राज्य को प्रत्येक आयोजक को 10 लाख रुपये देने पर विचार करना चाहिए। कोर्ट बोली- सरकार की तरफ से मिलने वाले पैसे कहां खर्च हो रहे, यह देखना होगा अदालत ने आगे कहा कि, कमेटियों को पैसा मिलता है तो यह भी देखना होगा कि वे इस धनराशि का कैसे उपयोग करते हैं। दरअसल याचिकाकर्ता की वकील नंदिनी मित्रा ने कहा कि यह चिंताजनक है कि पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से दी जाने वाली सहायता पर विभिन्न दुर्गा पूजा समितियों द्वारा खर्च का लेखा-जोखा नहीं दिया जा रहा है। इस पर राज्य सरकार के वकील ने कहा कि इस मुद्दे पर एक याचिका का निपटारा अक्टूबर 2020 में हाईकोर्ट द्वारा किया गया था, और सरकार की तरफ से अदालत के निर्देशानुसार एक रिपोर्ट भी दायर की गई थी। दुर्गा पूजा पंडालों में लाइट पर मिलने वाली छूट की याचिका रद्द याचिकाकर्ता की तरफ से पूजा पंडालों के दौरान बिजली शुल्क पर छूट को भी रोकने की मांग की गई थी। हालांकि कोर्ट ने इसे याचिका को रद्द कर दिया। जस्टिस बिव

Dainik Bhaskar कंगना का राहुल गांधी पर हमला:बोलीं- इनका तो 50 की उम्र में भी बचपन चल रहा; लव लेटर लिखने की उम्र में हमने स्क्रिप्ट लिखी

हिमाचल की मंडी सीट से सांसद कंगना रनोट ने एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बगैर निशाना साधा और कहा कि पप्पू और उनकी बहन ने छोटे-छोटे बच्चे पाल कर रखे हैं। कंगना ने कहा, हम लोग जब बच्चे थे तो हमारा बचपन छिन गया। 15 साल की उम्र में कमाना शुरू कर दिया। कंगना ने कहा, हमारी उम्र की लड़कियां जब प्रेम पत्र लिखा करती थीं तो हमने तो स्क्रिप्ट लिखना शुरू कर दिया था। हमारा तो बचपन छिन गया। बच्चे तो ये हैं। बचपना तो इनका खूब चल रहा है। 50 साल की उम्र में भी बच्चे हैं। 3 कृषि कानून वापस लाने की अपील करें किसान: कंगना दरअसल, कंगना रनोट सोमवार को मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत नाचन विधानसभा क्षेत्र के ख्योड़ नलवाड़ मेले के समापन अवसर पर पहुंची थीं। इस दौरान कंगना ने कहा कि भारत है तो हम हैं और जो किसानों के हितकारी तीन कानून है, वह वापस आने चाहिए। कंगना ने कहा कि वह चाहती है किसान खुद अपील करें कि तीनों कानूनों को वापस लाया जाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा कहता है कि उनके संबंध किसानों के साथ ठीक नहीं है। वह किसान परिवार से आती हैं। यह पूरा देश जानता है कि जिस तरह से गलत खबरें चलाकर उनकी छवि को खराब किया जा रहा है, यह ज्यादा दिन तक चलने वाला नहीं है। अपना नुकसान कर देश के बारे में सोचने वाली इकलौती बेटी: कंगना कंगना ने कहा कि देश जानता है कि वह भारत की इकलौती ऐसी बेटी है जो अपना नुकसान कर देश के बारे में सोचती हैं। यह लड़की सिक्योरिटी लेकर घूमती है और टुकड़े-टुकड़े गैंग के खिलाफ अकेली खड़ी है। अगर उन पर कोई बात आती है तो देश का बच्चा-बच्चा उनके साथ खड़ा होता है। मुंबई में जब उनका घर तोड़ा गया तब भी देश का हर नागरिक उनके साथ खड़ा रहा।

Dainik Bhaskar मैरिटल रेप पर पतियों को छूट, SC में कल सुनवाई:कर्नाटक-दिल्ली हाईकोर्ट इसे अपराध मान चुके, मगर कानून में कोई सजा नहीं

पत्नी के साथ जबरन संबंध बनाने पर पति के खिलाफ केस चलना चाहिए या नहीं, इस पर मंगलवार (24 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI)डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच इस पर सुनवाई करेगी। कर्नाटक हाईकोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के दो फैसलों के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। इसके अलावा कई और जनहित याचिकाएं दायर की गईं थीं। इन सभी को एक साथ मर्ज करके सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 63 (बलात्कार) के अपवाद 2 के मुताबिक मैरिटल रेप को अपराध नहीं माना गया है। हालांकि इस मामले पर केंद्र सरकार को भी जवाब दाखिल करना है। केंद्र का कहना है, कानूनों में बदलाव के लिए विचार-विमर्श की जरूरत है। मैरिटल रेप का मामला सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा... मैरिटल रेप को लेकर नए कानून बनाने की मांग काफी समय से हो रही थी। पिछले दो सालों में दिल्ली हाईेकोर्ट और कर्नाटक हाईकोट का फैसला आने के बाद इसकी मांग और तेज हो गई। सुप्रीम कोर्ट में दो मुख्य याचिकाएं हैं, जिन पर सुनवाई होगी। एक याचिका पति की तरफ से लगाई गई, तो दूसरी अन्य मामले में एक महिला ने याचिका दायर की थी। दिल्ली हाईकोर्ट का मामला: साल 2022 में एक महिला ने पति द्वारा जबरन शारीरिक संबंध बनाने पर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई। 11 मई 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट के 2 जजों ने अलग-अलग फैसला दिया था। जस्टिस राजीव शकधर ने वैवाहिक बलात्कार के अपवाद को रद्द करने का समर्थन किया था। वहीं, जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा कि पति को मिली छूट असंवैधानिक नहीं है और एक समझदार अंतर पर आधारित है। कर्नाटक हाईकोर्ट का मामला: कर्नाटक हाईकोर्ट में एक पति ने पत्नी की तरफ से लगाए रेप के आरोपों पर हाईकोर्ट का रुख किया था। 23 मार्च 2023 को कर्नाटक हाईकोर्ट ने पति पर लगाए गए रेप के आरोपों को समाप्त करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले में अपवाद को मानने से इनकार कर दिया। कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल बेंच ने इस मामले में कहा था कि तथ्यों के आधार पर इस तरह के यौन हमले/दुष्कर्म के लिए पति को पूरी छूट नहीं दी जा सकती है। मैरिटल रेप क्या है, भारत में क्या है कानून पत्नी की इजाजत के बिना पति द्वारा जबरन शारीरिक संबंध बनाने को मैरिटल रेप कहा जाता है। मैरिटल रेप को पत्नी के खिलाफ एक त

Dainik Bhaskar सूरत में ट्रेन बेपटरी करने की कोशिश का मामला:रेलवे का कर्मचारी ही निकला आरोपी, प्रमोशन पाने की-मैन ने रची थी साजिश

गुजरात के सूरत में शुक्रवार की तड़के सुबह किम रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ की गई थी। यहां अप लाइन की पटरी से फिश प्लेट और 71 कीज हटा दी गई थीं। वहीं, दो फिश प्लेट उसी पटरी पर रख दी गई थीं। लेकिन, समय रहते ही की-मैन सुभाष कुमार ने ये फिश प्लेट पटरी पर रखी देख ली थीं, जिससे बड़ा हादसा टल गया। की-मैन सुभाष कुमार ने ही रची थी साजिश अब इसी मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि यह साजिश खुद की-मैन सुभाष कुमार ने ही रची थी। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार सुभाष ने प्रमोशन पाने के लिए इस पूरे षड़यंत्र को अंजाम दिया था। कीज और फिश प्लेटें भी उसी ने ही निकाली थीं। अब पुलिस इस जांच में जुटी है कि सुभाष ने इसमें किन-किन लोगों की मदद ली थी। देश में लगातार ट्रेनों को बेपटरी करने की वारदात से सुभाष को यह आइडिया आया था। उसने सोचा था कि बड़ा हादसे रोकने की उसकी सतर्कता से उसे जल्द ही प्रमोशन मिल जाएगा। सुभाष ने ही रेलवे मास्टर को दी थी सूचना कीम रेलवे स्टेशन मास्टर को सबसे पहले की-मैन सुभाष कुमार ने ही इसकी जानकारी दी थी। सुभाष ने बताया था कि वह अपनी ड्यूटी के दौरान रेलवे ट्रैक का निरीक्षण कर रहा था। इसी दौरान उसने देखा कि ट्रैक से फिश प्लेट और कीज के पार्ट निकालकर उन्हें अप मेन लाइन के ऊपर रख दिया गया है। सूचना मिलते ही स्टेशन मास्टर ने इस ट्रैक से कुछ ही देर में गुजरने वाली दो पैसेंजर ट्रेनें रुकवा दी थीं। ट्रैक से 5.30 बजे गरीब रथ को गुजरना था। उसके बाद 5.45 बजे सुपरफास्ट अगस्त क्रांति ट्रेन गुजरने वाली थी। हालांकि 20 मिनट में ही नई फिश प्लेट लगाने के बाद रेलवे सेवा बहाल कर दी गई थी। अब जानिए, वे दो बड़ी वजहें, जिससे रेलवे अधिकारियों को सुभाष पर शक हो गया था... शक की पहली वजह: अनुभवी व्यक्ति भी 30 मिनट में दो ​फिश प्लेट ही खोल सकता है इस घटना में एक किमी की दूरी पर दो फिश प्लेट व 78 पेडलॉक निकाले गए हैं। इस गतिविधि में एक घंटे तक का समय लग सकता है। ट्रैक पर इतने लंबे समय तक काम करना संभव नहीं है। इससे साफ था कि यह काम करने वाला रेलवे का अनुभवी था। रेलवे के अनुभवी कर्मचारी होने के अलावा उसके पास पर्याप्त औजार होने चाहिए। इसके बावजूद भी दो फिश प्लेट खोलने में ही 30 मिनट का समय लग सकता है। जांच के लिए रेलवे के तकनीकी विशेषज्ञों के अलावा स्थानीय पुलिस, एटीएस व एन

Dainik Bhaskar जयपुर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सुरक्षा में चूक:घेरा तोड़कर मिलने पहुंचा 10वीं का स्टूडेंट, कहा- मेरी मम्मी का ट्रांसफर नहीं हो रहा

जयपुर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। राजनाथ सिंह सीकर रोड स्थित भवानी निकेतन स्कूल के कैंपस में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर सैनिक स्कूल का उद्घाटन करने आए थे। कार्यक्रम के बाद वह एयरपोर्ट के लिए रवाना हो रहे थे। इसी दौरान एक छात्र सुरक्षा घेरा तोड़कर उनके पास पहुंच गया। सुरक्षाकर्मियों ने छात्र को उठाकर बाहर की ओर धकेल दिया। हालांकि राजनाथ सिंह ने छात्र को अपने पास बुलाया और उसकी बात सुनी। छात्र हर्ष भारद्वाज ने कहा- वह 10वीं क्लास में पढ़ता है और जयपुर में अकेला रहता है। उसकी मम्मी झालावाड़ में सरकारी टीचर हैं। उनका ट्रांसफर यहां नहीं हो रहा है। अर्थव्यवस्था की ड्राइविंग सीट पर प्राइवेट सेक्टर बैठा इससे पहले सैनिक स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा- आज पीपीपी मोड की भूमिका बदल गई है। इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप कहा जाता है, लेकिन मैं इसे प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप कहना ज्यादा उचित समझूंगा। पीपीपी मोड में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका पब्लिक सेक्टर से कहीं ज्यादा है। रक्षा मंत्री ने कहा- आज देश की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा सेक्टर कृषि भी प्राइवेट सेक्टर में ही होता है। आप देखेंगे कि अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान प्राइवेट सेक्टर करता है। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में भी प्राइवेट की भूमिका पब्लिक सेक्टर से कहीं ज्यादा है। आज देश की अर्थव्यवस्था की ड्राइविंग सीट पर प्राइवेट सेक्टर बैठा हुआ है, इसलिए देश में नए सैनिक स्कूलों की स्थापना इसी पीपीपी मोड पर की जा रही है। यहां पर प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर दोनों की ताकत मिलकर काम करेगी। दीया कुमारी बोलीं- पढ़ाई के साथ-साथ देशभक्ति की भावना भी पैदा होगी उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा- मुझे गर्व है कि मैं एक सैनिक की बेटी हूं। राजस्थान में बड़ी संख्या में सैनिक परिवार रहते हैं। ऐसे में यहां के बच्चों में बचपन से ही देशभक्त की भावना पैदा हो जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में पीपीपी मोड पर 100 सैनिक स्कूल खोलने का ऐलान किया था। अब स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ देशभक्ति की भावना भी बच्चों में पैदा होगी।

Dainik Bhaskar बिहार में पुलिस वालों पर तीर से हमला:महिला SI के चेहरे पर लगा तीर, जमीन विवाद सुलझाने गई थी टीम

अररिया में जमीन से अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस टीम पर तीर और लाठी से हमला हुआ है। इसमें जोकीहाट थाने के 2 पुलिस वाले घायल हुए हैं। सब इंस्पेक्टर नुसरत जहां की आंख के पास तीर लगा है। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार नट को भी चोट आई है। दोनों को इलाज के लिए पूर्णिया भेज गया है। घटनास्थल पर फिलहाल पुलिस की टीम कैंप कर रही है। ये हमला महलगांव थाना क्षेत्र के बागनगर पंचायत के पोखरिया गांव में हुआ है। यहां करीब अठारह एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर विवाद था। पुलिस इसी मामले में पुलिस कार्रवाई करने गई थी। पुलिस की कार्रवाई से नाराज लोगों ने टीम पर हमला कर दिया। इस जमीन पर महादलित समुदाय के लोग रहते हैं। एसपी ऑफिस से बताया गया कि 'महलगांव थाना क्षेत्र के पोखरिया गांव में सोमवार की सुबह 3 बजे दो पक्षों में जमीनी विवाद की शिकायत आई थी। इसमें एक पक्ष की ओर से लगभग 200 लोगों ने संबधित जमीन पर बांस लगाने का काम शुरू कर दिया था। इसी को सुलझाने के लिए महलगांव थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ स्थल पर पहुंचे थे।' ये खबर भी पढ़िए... एक दिन में महिला सिपाही की दो बार पिटाई:गया में जमीन विवाद सुलझाने गई थी पुलिस, पहले खेत फिर थाने में घुसकर पीटा गया में जमीन विवाद सुलझाने पहुंची महिला सिपाही की जमकर पिटाई किए जाने का मामला सामने आया है। महिला सिपाही की एक दिन में दो बार पिटाई की गई। सबसे पहले जिस जगह पर विवाद था, वहां महिला पुलिसकर्मी की बाल खींचकर महिलाओं ने पिटाई कर दी। इसके बाद थाने में घुसकर महिलाओं ने उसी महिला पुलिसकर्मी की फिर से पिटाई कर दी।घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र की है। बताया जा रहा है कि दो रिश्तेदारों के बीच जमीन विवाद है। विवाद बढ़ता देख एक पक्ष ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। इसी दौरान दूसरे पक्ष की महिलाओं ने घटना को अंजाम दिया। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि महिला सिपाही की बाल खींचकर कुछ महिलाएं पिटाई कर रही हैं। पूरी खबर पढ़िए

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