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Dainik Bhaskar श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले पर आज सुनवाई:इलाहाबाद हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष रखेगा अपना पक्ष, मस्जिद कमेटी देगी जवाब
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज यानी सोमवार को सुनवाई होगी। कोर्ट में हिंदू पक्षकार अपना जवाब दाखिल करेंगे। मस्जिद पक्ष ने वाद बिंदु निर्धारण से पहले सभी केस की एक साथ सुनवाई के आदेश की वापसी की अर्जी पर सुनवाई की मांग की थी। कोर्ट ने मंदिर पक्ष से मस्जिद पक्ष की अर्जी पर जवाब मांगा था। आज कोर्ट में हिंदू पक्ष जवाब दाखिल कर बहस कर सकता है। सभी 18 सिविल वादों की सुनवाई जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच कर रही है। इससे पहले की सुनवाई में क्या हुआ था इलाहाबाद हाईकोर्ट में करीब 3 घंटे से ज्यादा हुई बहस के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की डेट 23 सितंबर नियत की थी। मस्जिद पक्ष की वरिष्ठ अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखा था। कोर्ट से प्रार्थना की थी कि जनवरी 2024 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले के सभी मुकदमे को एक साथ सुनने का आदेश जारी किया गया था। इसके विरोध में रिकॉल आवेदन दाखिल किया था लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी। कोर्ट ने वाद की पोषणीयता पर सुनवाई शुरू कर दी थी। अहमदी ने कोर्ट से प्रार्थना किया था कि पहले रिकॉल आवेदन पर सुनवाई की जाए इसके बाद मुकदमे की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाए। वाद नंबर 7 में लिखित कथन निर्धारित समय में दाखिल न करने पर एकपक्षीय सुनवाई का आदेश दिया। इसी मामले में मस्जिद पक्ष ने रिकॉल आवेदन दाखिल किया है। वाद नंबर 13 के अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में वाद बिंदु दाखिल किया है। साथ ही कोर्ट से प्रार्थना की है कि इन्हीं बिंदुओं के आधार पर मामले का शीघ्र समाधान किया जाए। एक मामले में वादी आशुतोष पांडेय ने प्रार्थना पत्र दाखिल कर प्रतिदिन सुनवाई किए जाने की मांग की। अधिवक्ता हरेराम त्रिपाठी ने कोर्ट से इस मामले के सभी कागजात जमा करने के लिए अलग से हलफनामा दाखिल करने का समय मांगा। कोर्ट ने 23 सितंबर को दोपहर दो बजे से अगली सुनवाई की डेट निर्धारित कर दी थी।
Dainik Bhaskar क्या चाइल्ड पोर्न देखना अपराध, SC में आज फैसला सुनाएगा:केरल HC बोला था- अकेले देखना क्राइम नहीं; मद्रास HC ने कहा- फोन में रख सकते
सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा कि चाइल्ड पोर्न देखना अपराध है या नहीं। लाइव लॉ के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में केरल हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि फोन में बच्चों से जुड़े पोर्न वीडियो को डाउनलोड करना अपराध नहीं होगा। केरल हाईकोर्ट ने 13 सितंबर 2023 को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि अगर कोई व्यक्ति निजी तौर पर अश्लील फोटो या वीडियो देख रहा है तो यह अपराध नहीं है, लेकिन अगर दूसरे को दिखा रहा है तो यह गैरकानूनी होगा। दरअसल पहले केरल हाईकोर्ट और फिर उसी के आधार पर मद्रास हाईकोर्ट में एक आरोपी के दोष मुक्त हो जाने पर एक NGO ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई CJI चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच करेगी। पोर्नोग्रॉफी को लेकर केरल और मद्रास हाईकोर्ट के 2 फैसलों पर विवाद.... केरल हाईकोर्ट ने कहा था- पोर्न देखना व्यक्ति की निजी पसंद, दखल नहीं दे सकते केरल हाईकोर्ट के जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन की बेंच ने यह फैसला दिया था। जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने कहा था, पोर्नोग्रॉफी सदियों से प्रचलित है। आज डिजिटल युग में इस तक आसानी से पहुंच हो गई। बच्चों और बड़ों की उंगलियों पर ये मौजूद है। सवाल यह है कि अगर कोई अपने निजी समय में दूसरों को दिखाए बगैर पोर्न देख रहा है तो यह अपराध है या नहीं? जहां तक कोर्ट की बात है, इसे अपराध की कैटेगरी में नहीं लाया जा सकता क्योंकि यह व्यक्ति की निजी पंसद हो सकती है। इसमें दखल उसकी निजता में घुसपैठ के बराबर होगा। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था- फोन में चाइल्ड पोर्न डाउनलोड करना अपराध नहीं केरल हाईकोर्ट की इस टिप्पणी को आधार बताते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने 11 जनवरी 2024 को पॉक्सो एक्ट के एक आरोपी के खिलाफ केस को रद्द कर दिया था। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि अपनी डिवाइस पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या डाउनलोड करना अपराध के दायरे में नहीं आता है। कोर्ट ने 28 साल के एक व्यक्ति के खिलाफ चल रहे केस पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की थी। उस व्यक्ति के खिलाफ चाइल्ड पोर्नोग्राफी के आरोप में POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) कानून और IT कानून के तहत केस दर्ज हुआ था। कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ चल रहे केस को रद्द कर दिया था। 3 पॉइंट्स में जानिए भा
Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:कश्मीर और हरियाणा के बाद दिल्ली में भी चुनावी सरगर्मी
हरियाणा औ जम्मू-कश्मीर में चुनाव-प्रचार चरम पर है। हरियाणा में भाजपा, कांग्रेस और इनेलो के लोकल नेताओं ने कमान संभाल रखी है। हालाँकि भाजपा और कांग्रेस के केंद्रीय नेता भी यहाँ जा रहे हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में भाजपा का प्रचार धुँआधार चल रहा है। गृह मंत्री अमित शाह वहाँ ताबड़तोड़ रैलियाँ कर रहे हैं। कांग्रेस की ओर से एक-दो दिन पहले पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ज़रूर कश्मीर गए थे, लेकिन पार्टी की ओर से वहाँ प्रचार अभियान धीमा ही नज़र आ हा है। नेशनल कान्फ्रेंस ने ज़रूर प्रचार में जान झोंक रखी है क्योंकि उसके लिए यह चुनाव जीवन-मरण का सवाल है। भाजपा और नेशनल कान्फ्रेंस दोनों जानते हैं कि उनके प्रभाव क्षेत्र अलग-अलग है। जम्मू क्षेत्र में भाजपा का ज़बर्दस्त प्रभाव है। जहां तक कश्मीर घाटी का सवाल है, वहाँ नेशनल कान्फ्रेंस का प्रभाव ज़्यादा है। हालांकि, वहाँ पीडीपी और कुछ क्षेत्रीय पार्टियां भी हैं। कुछ निर्दलीय भी हैं, जिनके बारे में कहा जा हा है कि वे भाजपा के प्रॉक्सी उम्मीदवार हैं। इधर, दिल्ली में आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद आप नेता अरविंद केजरीवाल ने प्रचार शुरू कर दिया है। हालाँकि यहाँ चुनाव महाराष्ट्र औ झारखंड के भी बाद अगले साल फ़रवरी में होना है लेकिन आप पार्टी ने दिल्ली जीतने की मुहिम अभी से शुरू कर दी है। दिल्ली में रविवार, 22 सितंबर को केजरीवाल जनता के बीच गए और कहा कि दिल्ली चुनाव मेरे लिए एक तरह की अग्निपरीक्षा है। अब फ़ैसला आपको करना है कि मैं ईमानदार हूँ या बेईमान। अगर आप मुझे ईमानदार समझें तो ही वोट देना वर्ना मत देना। मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बारे में केजरीवाल का कहना है कि भले ही मुझ पर लगाए गए आरोप झूठे हों, लेकिन लांछन लगने के बाद मैं किसी पद पर नहीं रहना चाहता। अब उनसे ये कौन पूछे कि इतने दिन तक जेल में रहने के बावजूद इस मुख्यमंत्री पद को क्यों ढोते रहे? अब केजरीवाल कह रहे हैं कि वे जनता की अदालत में न्याय माँगने आए हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या चुनावी जीत किसी के ईमानदार होने का प्रमाण हो सकती है? देश में ऐसे कई नेता हैं जो अनेक आरोप लगने का बाद भी चुनाव जीतकर लोकसभा या विधानसभा में पहुँचे हैं।
Dainik Bhaskar हरियाणा चुनाव,वोटिंग से 2 हफ्ते पहले कांग्रेस बहुमत के करीब:जाट-दलित बंटे तो BJP 25 पार; इनेलो को 2-4 सीटें, JJP-AAP मुकाबले से बाहर
‘हरियाणा में प्रॉपर्टी ID और पोर्टल-राज के कारण हुई परेशानी बड़ा इश्यू है। जिन लोगों के मकान 50-60 साल पहले बने थे, उन पर लाखों की रिकवरी निकाल दी गई। जमकर लूट-खसोट मचाई। 70 से 80% प्रॉपर्टी ID गलत थीं। घर-दुकान-शोरूम-प्लाट खरीदने वाले भी परेशान हैं और बेचने वाले भी।’ ये पीड़ा सिर्फ हरियाणा के यमुनानगर में रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर अशोक गुप्ता की नहीं है। प्रदेश में जिसके नाम पर भी घर, मकान, दुकान या प्लाट है, वह इसी मुश्किल का सामना कर रहा है। अशोक गुप्ता तो तंग आकर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम ही छोड़ गए। जिन लोगों ने 50-60 साल पुराने नक्शे वगैरह संभाल कर नहीं रखे, वह दफ्तरों के धक्के खा रहे हैं। कैथल में दुकान चला रहे विश्व कहते हैं कि 5 साल में काम नहीं हुए। नायब सैनी ने CM बनने के बाद कुछ अच्छे फैसले लिए लेकिन उससे पहले खट्टर साहब से लोग खुश नहीं रहे। किसान और जाट BJP से खुश नहीं हैं। हरियाणा में BJP अपनी सरकार के पोर्टल सिस्टम को करप्शन खत्म करने का सबसे बड़ा हथियार बताती रही है। दूसरी ओर कांग्रेस सत्ता में आते ही इसे खत्म करने का वादा कर रही है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मनोहर लाल खट्टर ने बतौर सीएम पहले टर्म (2014-19) में अच्छी सरकार दी लेकिन दूसरे कार्यकाल में गाड़ी बेपटरी हो गई। हरियाणा की 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को एक साथ वोट डाले जाएंगे और नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे। प्रदेश में हवा का रुख समझने के लिए दैनिक भास्कर ने लोकल लोगों, पॉलिटिकल पार्टियों और एक्सपर्ट्स से बात की। सबसे पहले 6 प्वाइंट्स में समझिए रुझान और सियासी समीकरण… अब पढ़िए राज्य की 7 बेल्ट में कौन सी पार्टी की सीटवाइज क्या स्थिति… 1. जीटी रोड बेल्ट : BJP के लिए गढ़ बचाना मुश्किल भाजपा को सत्ता दिलाने में सबसे बड़ा योगदान इसी बेल्ट का रहा। 2014 में पार्टी की 47 में से 21 सीटें और 2019 में 40 में से 12 सीटें इसी इलाके से आईं। मनोहर लाल खट्टर, नायब सैनी के साथ-साथ सरकार में रहे अनिल विज, कंवरपाल गुर्जर, सुभाष सुधा, महिपाल ढांडा इसी एरिया से आते हैं। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी यहीं से हैं। इस रीजन में ज्यादातर वोटर गैर जाट हैं और BJP की सियासत इन्हीं के इर्दगिर्द घूमती है। इस बार खट्टर मैदान से बाहर हैं और सैनी को सीट बदलते हुए करनाल की जगह लाडवा से उतारा गया है। जगाधरी में AAP के टिकट पर उतरे कांग्रेस क
Dainik Bhaskar फंड की कमी से फंस रहा जल जीवन मिशन:15.15 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पानी पहुंचा; 4.18 करोड़ बाकी, कोरोना में 2 साल काम नहीं हुआ
घर-घर पीने का शुद्ध पानी पहुंचाने के मकसद से 15 अगस्त 2019 को शुरू की गई जल जीवन मिशन योजना अधर में लटकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत करते हुए मार्च 2024 तक इसे पूरा करने का टारगेट रखा था। योजना की रफ्तार धीमी होने के पीछे कोरोना, फंड की कमी जैसे कारण हैं। इसे पूरा करने के लिए समय भी ज्यादा दिया जाना चाहिए। योजना की शुरुआत हुई तब देशभर में 3.24 करोड़ परिवारों को ही नल से जल की सुविधा थी। बीते पांच सालों में 15.15 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पानी पहुंचाया गया है। यह कुल ग्रामीण आबादी का करीब 78% है। योजना की रफ्तार धीमी, 3 वजह 1. फंड की कमी, पेमेंट नहीं हो रहा दुर्गम भूभाग और खास तौर पर पानी की कमी वाले इलाकों में अभी भी 4.18 करोड़ परिवारों तक इस योजना का लाभ पहुंचना बाकी है। इनमें राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड जैसे इलाके प्रमुख हैं। दरअसल, इन इलाकों तक पानी पहुंचाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। केंद्रीय फंड की कमी और पहले से हो चुके काम का भुगतान न होने के कारण यह योजना अटक गई है। 3. मटेरियल और वर्कर्स की समस्या शुरुआत में योजना का बजट 3.60 लाख करोड़ रुपए था। इसमें केंद्रीय हिस्सेदारी 2.08 लाख करोड़ और राज्य की 1.52 लाख करोड़ रुपए रही। मिशन आगे बढ़ने के साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा न होने के कारण लागत बढ़ती गई। संशोधित बजट बढ़कर 8.33 लाख करोड़ रुपए हो गया। यह अनुमान के दोगुने से ज्यादा है। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 4.33 लाख करोड़ और राज्यों की 4.00 लाख करोड़ रु. है। शुरुआत में ऐसे इलाके थे, जहां भू-जल था, तो बजट की जरूरत कम थी। बाकी इलाकों में काम चुनौतीपूर्ण है, इसलिए बजट की ज्यादा जरूरत है। फंड की कमी से काम धीमा हो गया है। एजेंसियों को मटेरियल और कामगारों की सप्लाई बनाए रखने में दिक्कत आने लगी है। 4. कोरोना में काम नहीं, पाइप कम पड़े कोविड के चलते दो वर्ष काम नहीं हो सका। प्रोजेक्ट में लगने वाले डक्टाइल आयरन पाइप की भी कमी रही। इस पाइप को बनाने वाले भी सीमित हैं। पाइप की मांग अचानक बढ़ने से सप्लाई में देरी हुई है। इससे भी काम प्रभावित हुआ है। जानकार बताते हैं- योजना को गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए इसकी फंडिंग और काम पूरा करने का समय बढ़ाने की जरूरत है। मप्र में 1500 करोड़ से अधिक का पेमेंट अट
Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:अमेरिका के अलाबामा में गोलीबारी में 4 लोगों की मौत, 20 से ज्यादा घायल
अमेरिका के अलबामा स्टेट के बर्मिंघम में गोलीबारी की घटना में 4 लोगों की मौत हो गई। 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने कहा कि शनिवार, 21 सितंबर को करीब 11 बजे फाइव पॉइंट्स साउथ क्षेत्र में मैगनोलिया एवेन्यू के पास 20वीं स्ट्रीट पर गोलीबारी हुई। बर्मिंघम के फाइव पॉइंट्स साउथ क्षेत्र में कई रेस्टोरेंट और बार हैं और अक्सर शनिवार की रात को भीड़ होती है।
Dainik Bhaskar देश का मानसून ट्रैकर:देश के 16 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट; छत्तीसगढ़ में बिजली गिरने से बच्चे की मौत; MP में बारिश नहीं
मौसम विभाग ने सोमवार को देश के 16 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। कहीं भी बहुत भारी बारिश का अलर्ट कहीं भी नहीं है। मध्य प्रदेश में आज बारिश की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक, 24 सितंबर को हल्की से तेज बारिश हो सकती है। क्योंकि रविवार को लो प्रेशर एरिया में एक्टिविटी दिखी है। ये महीने के आखिर तक जारी रह सकता है। कल 5 जिलों में गरज-चमक, तेज हवा और हल्की बारिश को सकती है। 18 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि रीवा जिले को छोड़कर बाकी के 54 जिलों में औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई। 1 जून से 30 सितंबर पर आमतौर पर 949.5 mm बारिश होती है। 22 सितंबर तक एमपी में 1064.7 mm बारिश हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में कई जिलों नें अगले 5 दिनों तक गरज-चमक के साथ बिजली गिरने और हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। आज बस्तर संभाग के कई जिलों के लिए भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। रविवार को जांजगीर-चांपा जिले में बिजली गिरने से 11 साल के बच्चे की मौत हो गई और 8 लोग घायल हो गए। ये सभी तालाब के पास पिकनिक मना रहे थे। राज्यों से मौसम की तस्वीरें 24 सितंबर को 15 राज्यों में बारिश इस बार मानसून सामान्य से 16 अधिक दिन एक्टिव रहेगा मानसून के 16 अधिक दिन एक्टिव रहने की वजह राज्यों में मौसम का हाल
Dainik Bhaskar हरियाणा में BJP कैंडिडेट को किसानों ने बंधक बनाया:सैनी के काफिले को ट्रैक्टरों से घेरा; डेढ़ घंटे हंगामा, पुलिस ने लाठीचार्ज कर निकाला
हरियाणा के अंबाला में पूर्व मंत्री अनिल विज के बाद किसानों ने भाजपा के नारायणगढ़ से उम्मीदवार पवन सैनी को घेर लिया। सैनी काफिले के साथ वोट मांगने फतेहगढ़ जा रहे थे। रास्ते में किसानों ने चोरों तरफ से ट्रैक्टर लगा कर उन्हें घेर लिया। करीब डेढ़ घंटे तक वह किसानों के बीच फंसे रहे। किसान उन्हें ट्रैक्टर चढ़ा कर कुचलने का डर दिखाते रहे। इस दौरान खूब हल्ला हुआ। बाद में SP सुरेंद्र भौरिया भारी पुलिस बस के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने लाठीचार्ज कर पवन सैनी को वहां से निकाला। आरोप है कि भाजपा कैंडिडेट पर किसानों ने जानलेवा हमला किया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। अनिल विज ने शिकायत की अंबाला में भाजपा उम्मीदवारों का गांवों में किसानों की ओर से भारी विरोध किया जा रहा है। रविवार को पहले अंबाला कैंट के भाजपा कैंडिडेट अनिल विज का गांव गरनाला में किसानों ने विरोध किया। उन्हें सभा को जैसे-तैसे निपटाकर लौटना पड़ा। इसे लेकर अनिल विज ने चुनाव आयोग और DGP से शिकायत भी की है। विरोध कर रहे कुछ किसानों के नाम भी बताए। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि किसानों ने रविवार शाम को नारायणगढ़ से भाजपा कैंडिडेट पवन सैनी के काफिले को घेर लिया। वह नारायणगढ़ से करीब 20 किलोमीटर दूर फतेहगढ़ में वोट मांगने के लिए जा रहे थे। किसानों ने पवन सैनी के काफिले को सड़क पर घेर लिया। किसानों ने उनकी गाड़ी के चारों तरफ ट्रैक्टर लगा दिए। ऐसे में उम्मीदवार पवन सैनी ट्रैक्टरों के बीच में बुरी तरह फंस गए। उनके साथ पुलिस के जवान भी थे। पवन सैनी के विरोध के PHOTOS... पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा पुलिस ने किसानों को रोकना चाहा, लेकिन किसान नहीं माने। किसान लगातार अपने ट्रैक्टरों को पवन सैनी की ओर लाकर घेरे को तंग करते जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मौके पर हालात ऐसे थे, जैसे कि किसान पवन सैनी को ट्रैक्टरों से कुचल कर ही मानेंगे। वहां खूब हंगामा हो गया। पवन सैनी काे किसानों ने इस तरह से घेरा कि वह एक तरह से बंधक बन कर रह गए। हालात को बिगड़ता देख पुलिस के आलाधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। कुछ समय बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। अंबाला के SP सुरेंद्र भौरिया भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने किसानों को हटाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ा और भाजपा उम्मीदवार
Dainik Bhaskar हरियाणा चुनाव के बीच कांग्रेस दोफाड़:भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा प्रचार में डटे लेकिन सैलजा समर्थक 5 उम्मीदवारों से दूरी; सिरसा सांसद नाराज होकर घर बैठीं
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में कांग्रेस दोफाड़ हो गई है। टिकट बंटवारे के बाद से ही चुनाव प्रचार के दौरान सांसद कुमारी सैलजा कहीं दिखाई नहीं दे रहीं। वहीं, पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा उन पार्टी उम्मीदवारों को सपोर्ट नहीं कर रहे, जिन्हें सैलजा की पैरवी से टिकट मिला है। ऐसे में प्रदेश की 5 सीटों पर पार्टी कमजोर हो चली है। सैलजा की अनुपस्थिति में ये 5 सीटों के उम्मीदवार अपना चुनाव प्रचार खुद ही कर रहे हैं। इनकी टक्कर भाजपा के बड़े चेहरों से है, इसलिए इन उम्मीदवारों की जीत की डगर काफी मुश्किल है। कांग्रेस कैंडिडेट के सामने बेटी उतारकर मुश्किल बढ़ाई अंबाला सिटी से हुड्डा गुट के कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल सिंह ने अपनी ही बेटी चित्रा सरवारा को अंबाला कैंट विधानसभा से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतार दिया है। इससे कांग्रेस कैंडिडेट परविंदर परी की मुसीबत बढ़ गई है। इस सीट पर उनका मुकाबला पहले से ही कड़ा था, क्योंकि यहां से भाजपा ने पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को टिकट दिया है। वहीं, हिसार में कांग्रेस कैंडिडेट राम निवास राड़ा को हुड्डा समर्थकों का खुलकर समर्थन नहीं मिल रहा है। इसके अलावा फतेहाबाद विधानसभा में हुड्डा के नजदीकी नेताओं ने बलवान सिंह दौतलपुरिया के प्रचार से दूरी बना ली है। अंबाला में सैलजा का खुद का जनाधार हालांकि, पंचकूला में पूर्व डिप्टी CM चंद्रमोहन बिश्नोई और जगाधरी विधानसभा से पूर्व डिप्टी स्पीकर अकरम खान मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा से यहां उन्हें सीधी टक्कर मिल रही है। चुनाव प्रचार में दोनों को कुमारी सैलजा की कमी खल रही है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और मौजूदा सांसद कुमारी सैलजा अंबाला से सांसद रह चुकी हैं। यहां उनका अपना जनाधार भी है। इन सभी पांचों सीटों पर कांग्रेस को 2019 में हार का सामना करना पड़ा था। खास बात यह है कि इन सीटों पर भाजपा के विधायक ही चुनाव लड़ हैं। इनमें से विधानसभा स्पीकर सहित 3 कैबिनेट मंत्री हैं। सैलजा समर्थकों की सीटें इस तरह फंसीं फतेहाबाद : यहां कांग्रेस ने बलवान सिंह दौलतपुरिया को मैदान में उतारा है। बलवान सिंह 2014 में यहां से इनेलो की टिकट पर विधायक बने थे। 2019 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। अब उन्हें टिकट मिला है तो कांग्रेस नेताओं और हुड्डा समर्थकों प्रह्लाद सिंह गिल्लाखेड़ा, डॉ. वीरेंद्र सिवाच सहित कई ने प्रचार से दूरी ब
Dainik Bhaskar तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर विश्व हिंदू परिषद की बैठक:मंदिरों को सरकारी कंट्रोल से आजादी दिलाने और धर्म परिवर्तन पर चर्चा होगी
आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) में प्रसादम (लड्डुओं) में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने के मामले पर आज विश्व हिंदू परिषद तिरुपति शहर में एक बैठक करने वाला है। VHP के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की एक दिन की इस बैठक में मंदिरों को सरकारी कंट्रोल से आजादी दिलाने और धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और अन्य दक्षिणी राज्यों से हिंदू संत इस बैठक में शामिल होंगे। इसमें VHP के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग बागड़ा और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। वहीं, राज्य सरकार ने रविवार को तिरुपति मंदिर के लड्डुओं की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि SIT सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी। इसी के आधार पर कार्रवाई होगी, ताकि ऐसी चीजें दोबारा न हों। डिप्टी सीएम बोले- भगवान से क्षमा मांगी, उपवास रख रहा आंध्र प्रदेश के डिप्टी CM पवन कल्याण ने कहा- जब हिंदू मंदिरों को अपवित्र किया जाता है तो हमें चुप नहीं रहना चाहिए। अगर ऐसा मस्जिदों या चर्चों में होता तो देश में गुस्सा भड़क उठता। पवन कल्याण ने रविवार (22 सितंबर) से 11 दिनों की प्रायश्चित दीक्षा की शुरुआत की। इस दौरान वह उपवास करेंगे। पवन ने कहा- मुझे अफसोस है कि मैं मिलावट के बारे में पहले क्यों नहीं पता लगा पाया। मुझे दुख हो रहा है। इसके लिए प्रायश्चित करूंगा। पवन बोले- जगन सरकार की गलती से हिंदू जाति पर कलंक लगा पवन कल्याण ने सोशल मीडिया X पर लिखा, 'पवित्र माने जाने वाले तिरुमाला लड्डू प्रसादम को जगन रेड्डी की सरकार की भ्रष्ट नीतियों के कारण अपवित्र कर दिया गया है। इस पाप को शुरू में न पहचान पाना हिंदू जाति पर एक कलंक है। जिस पल मुझे पता चला कि लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी हैं, मैं हैरान रह गया। खुद को दोषी महसूस कर रहा हूं। चूंकि मैं लोगों के कल्याण के लिए लड़ रहा हूं, इसलिए मुझे दुख है कि मैं इसे पहचान क्यों नहीं पाया।' जगन मोहन रेड्डी ने PM मोदी को लेटर लिखा, बोले- नायडू झूठ फैला रहे आंध्र के पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री मोदी को लेटर लिखकर प्रसादम विवाद पर नायडू से जवाब मांगने का अनुरोध किया है। रेड्डी ने लेटर में लिखा, CM चंद्रबाबू नायडू की तरफ से तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की पवित्रता, अखंडता और प्रतिष्ठा को कलंकित करने
Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:MP में आर्मी ट्रेन डिरेल करने की साजिश; तिरुपति लड्डू विवाद, पवन कल्याण बोले- मस्जिद में ऐसा होता तो देश भड़क उठता
नमस्कार, कल की बड़ी खबर तिरुपति लड्डू विवाद से जुड़ी रही, राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई है। एक खबर मध्य प्रदेश में आर्मी ट्रेन डिरेल करने की साजिश की रही। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. तिरुपति लड्डू विवाद: आंध्र डिप्टी CM बोले- भगवान से क्षमा मांगी, 11 दिन के लिए उपवास रखूंगा तिरुपति मंदिर के प्रसादम (लड्डू) विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के डिप्टी CM पवन कल्याण ने प्रायश्चित के लिए 11 दिन का उपवास रखा है। पवन ने कहा, 'मुझे अफसोस है कि मैं मिलावट के बारे में पहले क्यों नहीं पता लगा पाया। मैंने भगवान से क्षमा मांगी, इसके लिए प्रायश्चित करूंगा। जब हिंदू मंदिरों को अपवित्र किया जाता है तो हमें चुप नहीं रहना चाहिए। अगर ऐसा मस्जिदों या चर्चों में होता तो देश में गुस्सा भड़क उठता।' जगन मोहन रेड्डी ने PM को लेटर लिखा: पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी ने PM मोदी को लेटर लिखा। उन्होंने कहा, 'CM चंद्रबाबू नायडू झूठ बोल रहे हैं। जो झूठ फैलाया गया, उसकी सच्चाई सामने लाई जाए।' उधर, राज्य सरकार ने लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई है। CM नायडू ने कहा, SIT सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। इसी के आधार पर कार्रवाई होगी, ताकि ऐसी चीजें दोबारा न हों।' पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. इस्तीफे पर केजरीवाल बोले- लांछन के साथ नहीं जी सकता, ईमानदार लगूं तो वोट देना आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर जनसभा की। उन्होंने कहा, 'भाजपा ने भ्रष्टाचारी और चोर कहा तो दुख हुआ। लांछन के साथ कुर्सी तो क्या सांस भी नहीं ले सकता हूं, जी भी नहीं सकता। अगला दिल्ली चुनाव मेरी अग्निपरीक्षा है, अगर ईमानदार लगूं तो ही वोट देना।' भागवत से सवाल पूछा: केजरीवाल ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से सवाल पूछे। कहा, 'जब 75 साल में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र जैसे नेताओं को रिटायर कर दिया तो ये नियम मोदी पर लागू क्यों नहीं। अमित शाह कह रहे हैं कि मोदी पर लागू नहीं होगा। भागवत जी जवाब दीजिए।' पूरी खबर यहां पढ़ें... 3. MP में आर्मी ट्रेन डिरेल करने की साजिश हुई, ट्रैक पर डेटोनेटर बिछाए; कानपुर में फिर ट्रैक पर सिलेंडर मिला मध्य प्रदेश के बु
Dainik Bhaskar आर्मी अफसर से मारपीट, मंगेतर से यौन उत्पीड़न मामला:ओडिशा CM ने न्यायिक जांच के आदेश दिए; 60 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर के भरतपुर थाने में आर्मी अफसर से मारपीट और उनकी मंगेतर से यौन उत्पीड़न मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट के जस्टिस चित्तरंजन दास न्यायिक जांच की अध्यक्षता करेंगे। सरकार ने 60 दिनों के भीतर उनसे जांच रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने 23 सितंबर की देर रात 1:21 बजे X पर इसकी जानकारी दी। बयान के अनुसार, सरकार ने हाई कोर्ट से पुलिस की क्राइम ब्रांच की तरफ से हो रही जांच की निगरानी करने की भी अपील की है। दरअसल, 15 सितंबर की रात 1 बजे आर्मी अफसर और उनकी मंगेतर कैफे बंद कर लौट रहे थे। इस दौरान रास्ते में युवकों ने उनके साथ मारपीट और बदसलूकी की। कपल शिकायत लेकर भरतपुर थाने पहुंचे। आरोप है कि वहां पुलिसकर्मियों ने आर्मी अफसर को लॉकअप में बंद किया और मंगेतर का यौन उत्पीड़न किया। पीड़ित महिला पूर्व ब्रिगेडियर की बेटी है। पुलिस ने पीड़ित को ही बदसलूकी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। महिला ने 19 सितंबर को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मामले का खुलासा किया था। 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड, आरोपी युवकों का जमानत मिली सरकार ने भरतपुर पुलिस स्टेशन के पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। कपल से मारपीट और बदसलूकी करने वाले 7 आरोपी युवकों को उन्हें 20 सितंबर की रात गिरफ्तार किया था। हालांकि, 4 घंटे बाद कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई। सभी आरोपी इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स हैं। आरोपियों को 20-21 सितंबर की देर रात ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास-2 (JMFC) कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें बेल मिल गई। एडिशनल डीसीपी कृष्ण प्रसाद दास ने बताया कि आरोपियों के 11 मोबाइल फोन और एक गाड़ी जब्त की गई है। आरोपी युवक बोले- अफसर की मंगेतर को हाथ नहीं लगाया पुलिस के मुताबिक, आरोपी स्टूडेंट्स ने आर्मी अफसर को घसीटा और उसके साथ मारपीट की थी। जब अफसर ने अपने मोबाइल फोन पर घटना का वीडियो रिकॉर्ड करने की कोशिश की तो उन्हें इसका अंजाम भुगतने की धमकी भी दी थी। हालांकि, स्टूडेंट्स ने आरोपों से इनकार किया। उनका दावा है कि उन्होंने अफसर की मंगेतर को हाथ नहीं लगाया था। एक युवक ने कहा, 'महिला ने अपनी कार से हमारी तरफ कुछ अश्लील इशारे किए थे। इसके बाद आर्मी अफसर से हमारी झड़प हुई।' हालांकि, घटना के एक वायरल वीड
Dainik Bhaskar सिसोदिया बोले- केजरीवाल के साथ राम-लक्ष्मण का रिश्ता:26 साल की दोस्ती में कभी अलग नहीं रहे; भाजपा ने 18 महीने दूर रखा
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के साथ उनका राम और लक्ष्मण जैसा रिश्ता है। किसी रावण में उनका रिश्ता तोड़ने की ताकत नहीं है। सिसोदिया ने रविवार को जंतर-मंतर पर केजरीवाल के 'जनता की अदालत' कार्यक्रम में ये बातें कहीं। AAP नेता ने कहा, 'केजरीवाल पिछले 26 साल से मेरे दोस्त हैं। इन 26 सालों में हम रोज मिलते थे। हर रोज देश के बारे में बात करते थे। हम 18 घंटे भी अलग नहीं रहे, लेकिन भाजपा ने हमें 18 महीने अलग रखा।' सिसोदिया ने कहा, 'भाजपा वालों ने मुझे तोड़ने की, पार्टी से अलग करने बहुत कोशिश की। जब मैंने अपनी पत्नी को इस बारे में बताया कि मैं केजरीवाल का साथ छोड़कर कार्यकर्ताओं और अपने आप को क्या मुंह दिखाऊंगा। तो पत्नी ने कहा कि कार्यकर्ताओं और अपने आप को छोड़ो, केजरीवाल के साथ गद्दारी की सोची तो मुझे क्या मुंह दिखाओगे।' सिसोदिया बोले- भाजपा ने कहा था केजरीवाल का नाम ले लो, बच जाओगे सिसोदिया ने दावा किया कि दिल्ली शराब नीति मामले में जेल जाने के बाद उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। सिसोदिया ने कहा, 'भाजपा वालों ने कोर्ट में कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति मामले में सिसोदिया का नाम लिया है। उसी दिन मुझे आकर कहा कि देखो केजरीवाल ने आपका नाम ले लिया है। अब आप भी केजरीवाल का नाम ले लो, तो बच जाओगे। मैंने कहा कि जब कुछ गलत किया ही नहीं तो केजरीवाल ने मेरा नाम क्यों लेंगे और मैं उनका नाम क्यों लूं।' पूर्व डिप्टी सीएम बोले- बेटे की फीस के लिए हाथ फैलाने पड़े थे सिसोदिया ने कहा, 'जब मैं पत्रकार था, मैंने 2002 में 5 लाख रुपए में एक छोटा सा घर खरीदा था। मेरे बैंक खाते में 10 लाख रुपए थे। ED ने मेरा घर जब्त कर लिया। बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया। मेरा बेटा कॉलेज में पढ़ रहा है। मुझे उसकी फीस भरने के लिए लोगों के सामने हाथ फैलाने पड़े थे। केजरीवाल बोले- लांछन के साथ नहीं जी सकता आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने 2011 में हुए अन्ना आंदोलन और पहली बार चुनाव जीतने की घटना का जिक्र किया। कहा- हम पहली बार में ही ईमानदारी के दम पर सत्ता में आ गए। इस्तीफे पर केजरीवाल ने कहा- सत्ता और कुर्सी का लालची नहीं हूं। भाजपा ने भ्रष्टाचारी और चोर कहा तो दुख हुआ। लांछन के साथ कुर्सी तो क्
Dainik Bhaskar धनखड़ बोले- देश राम राज्य की तरफ बढ़ रहा:नरेंद्र नाम ने सब कुछ संभव किया; भारत दुनिया का मुख्य केंद्र बना
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को दीव के घोघला में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) फ्लैट्स का उद्घाटन किया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्रीय नेतृत्व में भारत राम राज्य की तरफ बढ़ रहा है। नर और इंद्र यानी नरेंद्र नाम ने सब कुछ संभव बना दिया है। धनखड़ ने कहा कि पिछले 10 सालों में भारत ने जो बड़ी प्रगति की है और जिस बड़ी सोच के साथ काम किया है, उससे भारत दुनिया का एक मुख्य केंद्र बन गया है। आज देश में एक खासियत है। जो सैंक्शन होता है वो मुमकिन होता है। मुमकिन करने वाला व्यक्ति देश का नेतृत्व कर रहा है।
Dainik Bhaskar राजनाथ बोले- पाकिस्तान आतंकवाद छोड़ दे, तो उसे गले लगाएंगे:उसने IMF से $7 बिलियन मांगे, हमसे मांगता; हमने इससे ज्यादा JK को दिया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी में कहा कि भारत पाकिस्तान को गले लगाने और उससे बातचीत करने को तैयार है, बशर्ते पाकिस्तान ये गारंटी दे कि वह भारत की जमीन पर आतंक फैलाना बंद करेगा। राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि पाकिस्तान ने इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) से 7 अरब डॉलर की आर्थिक मदद मांगी है। पाकिस्तान भारत से मदद मांग सकता था। इससे ज्यादा फंड तो हमने जम्मू-कश्मीर को दिया है। पाकिस्तान आज इस हाल में इसलिए है क्योंकि उसने सांप पाल रखे हैं। रक्षा मंत्री बोले- कांग्रेस, NC और PDP पाकिस्तान के मददगार राजनाथ सिंह ने कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP पर पाकिस्तान के मददगारों की तरह काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी को जम्मू-कश्मीर में इस्लामाबाद का घटिया मकसद पूरा नहीं करने देगा। पाकिस्तान स्पॉन्सर्ड टेररिज्म ने जम्मू-कश्मीर में हजारों लोगों की जान ली है। इसमें 80% से ज्यादा मुस्लिम हैं। राजनाथ ने कहा- NC और PDP पाकिस्तान से बातचीत करने की वकालत कर रहे हैं। पाकिस्तान वह देश है जिसने जम्मू-कश्मीर में आतंक को बढ़ावा दिया है। आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 2019 में आर्टिकल-370 हटाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 7 अनुसूचित जातियों के लिए और 9 अनुसूचित जनजातियों के लिए रिजर्व हैं। 18 सितंबर को पहले फेज की वोटिंग हो चुकी है। 25 सितंबर को दूसरे फेज और 1 अक्टूबर को तीसरे फेज की वोटिंग होगी। 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक यहां 88.06 लाख वोटर हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने 28 सीटें, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं। भाजपा 90 में से 62 सीटों पर चुनाव लड़ रही भाजपा ने जम्मू-कश्मीर की 90 में से 62 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जम्मू संभाग की सभी 43 सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। पार्टी कश्मीर में 47 में से 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बची हुई 28 सीटों पर भाजपा निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन करेगी। पहले चरण में रिकॉर्ड 61.13%