Dainik Bhaskar Dainik Bhaskar

Dainik Bhaskar रेगिस्तान में भारत और अमेरिकी सेना का युद्धाभ्यास:दुश्मन के ड्रोन अटैक से बचाव का सीखेंगे तरीका; अमेरिकी रॉकेट सिस्टम है मुख्य आकर्षण

बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में सोमवार को भारत और अमेरिका की सेना का संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू हुआ। इसमें पहली बार अमेरिका के हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस आर्टिलरी की मारक क्षमता 310 किलोमीटर है। यूक्रेन वॉर के दौरान इसी सिस्टम से रूसी गोला-बारूद ढेर किए गए थे। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में यह अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है। इसमें भारत-अमेरिका के कुल 1200 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। आज सुबह करीब 10:30 बजे परेड समारोह के साथ युद्धाभ्यास का आगाज हुआ। दोनों देशों के झंडों को फहराया गया। दुश्मन के ड्रोन हमलों से बचाव का भी होगा अभ्यास युद्धाभ्यास में भारत की साउथ वेस्टर्न कमांड के 600 और अमेरिका के 600 जवान हिस्सा ले रहे हैं। दोनों देशों के जवान मिलकर 15 दिन तक दुश्मन को घेरकर मारने सहित कई रणनीतियों का अभ्यास करेंगे। इस दौरान एयरबोर्न और हेलीबोर्न ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा। गांव में छिपे आतंकियों को खोजकर मारने के अलावा ड्रोन हमलों से बचाव का भी अभ्यास किया जाएगा। एक-दूसरे के हथियार चलाना सीखेंगे इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं की आंतरिक क्षमता को बढ़ाना और जरूरत पड़ने पर एक साथ काम करने की संभावनाओं को मजबूत करना है। संयुक्त अभियान में कई सैन्य रणनीति और जॉइंट एक्सरसाइज शामिल हैं, जिसका उद्देश्य एक-दूसरे देश की विशेषताओं और क्षमताओं का आदान-प्रदान है। यह अभ्यास भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों काे देखते हुए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अमेरिका का रॉकेट सिस्टम मुख्य आकर्षण युद्धाभ्यास का मुख्य आकर्षण अमेरिकी सेना का हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम है। इस सिस्टम का उपयोग यूक्रेन में रूस के खिलाफ हो चुका है। इसे सी-130 विमान पर ले जाना आसान है। मात्र 20 सेकेंड में रॉकेट तैयार किए जा सकते हैं। 45 सेकेंड के भीतर सभी रॉकेट दागे जा सकते हैं। ये छह मल्टीपल-लॉन्च रॉकेट सिस्टम के साथ एक ही पॉड में समाहित हैं। इसकी मारक क्षमता करीब 310 किलोमीटर तक है। आर्मी टैक्टिकल मिसाइल (ATACMC) के रूप में जाना जाता है। यूक्रेन में 2022 में युद्ध के दौरान इस सिस्टम को रूसी लक्ष्यों के खिलाफ बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था।कई रूसी कमांड पोस्ट, गोला-बारूद भंडारण, सैनिकों और बख्तरबंद वाहनों के जमावड़े तथा पुलों को सफलतापू

Dainik Bhaskar बृजभूषण का तंज-विनेश को CM का कैंडिडेट बना देना चाहिए:इतनी दबंग लेडी हैं कि ट्रायल नहीं होने देती, हारी हुई कुश्ती को जीत लेती हैं

पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कांग्रेस नेता व पहलवान विनेश फोगाट पर पलटवार किया। कहा- विनेश फोगाट हरियाणा की मुख्यमंत्री बन जाए। मैं तो कहता हूं कि विनेश को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ाना चाहिए। इतनी दबंग लेडी है, जो ट्रायल नहीं होने देती, हारी हुई कुश्ती को जीत लेती है। बृजभूषण सिंह ने कहा- दीपेंद्र, भूपेंद्र हुड्डा को विनेश फोगाट को मुख्यमंत्री का कैंडिडेट बता देना चाहिए। इतनी दबंग लेडी है, जो कुश्ती संघ के लोगों को बाहर भिजवा देती है। पूरे सिस्टम को हाईजैक कर लेती है। इतनी दबंग लेडी कहां मिलेगी। यहीं करना था तो इतना बड़ा ड्रामा क्यों? कांग्रेस ज्वॉइन करने पर बृजभूषण ने कहा- देश की जनता इन लोगों से ये सवाल जरूर पूछेगी कि अगर यही करना था, तो आपने फिर इतना बड़ा ड्रामा क्यों किया? यौन शोषण के आरोप पर कहा- आपके साथ बदतमीजी हुई। आपने हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष दीपेंद्र हुड्डा को नहीं बताया। आपने पलट कर हमको मारा नहीं। उसी समय आप खींच करके हमको एक थप्पड़ मारती, जिस समय मैं आपके साथ बदतमीजी कर रहा था। वहीं दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल आरोप पत्र पर कहा- अब हम अपनी बात रखेंगे। जिस दिन की घटना को लेकर आरोप लगाया गया, उस दिन मैं वहां नहीं था। जब मैं उस दिन सर्बिया देश में हूं, तो यह कैसे संभव है। जब मैं लखनऊ में हूं तब कैसे संभव है। एक ही डेट में मैं तीन जगह कैसे हो सकता हूं, यह झूठा मामला है बृजभूषण ने कहा- हमको भी नहीं पता था कि यह किस डेट का मामला है? किस डेट को लेकर आरोप लगा रहे हैं? कौन सी तारीख और महीना है? डेट इन लोगों ने दिया है, हमने तो दिया नहीं है। तो उस डेट को मैं सर्बिया में हूं। उसी डेट को मैं लखनऊ में हूं। उसी डेट को मैं नंदिनी नगर में हूं और ऑन कैमरा हूं। फिर जो आरोप पत्र दिल्ली ने दाखिल किया है, वह कैसे कर सकता हूं, यह झूठा मामला है। विनेश फोगाट ने कहा था- बृजभूषण देश नहीं हैं विनेश ने रविवार को भाजपा सांसद को लेकर कहा था- बृजभूषण देश नहीं हैं। मेरा देश मेरे साथ खड़ा है। मेरे अपने मेरे साथ हैं। विनेश के इसी बयान पर भाजपा सांसद ने पलटवार किया है। इससे पहले भाजपा नेता ने कहा था- कांग्रेस ने आपको आंदोलन पर बिठाया था। इसके जवाब में विनेश ने कहा- हमें जंतर-मंतर पर बैठने की अनुमति बीजेपी ने ही दी थी। मेडल का दुख तो उसी दिन कम हो गया था जब मैं लौटकर

Dainik Bhaskar जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में 2 आतंकी ढेर:सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद दिया; ऑपरेशन जारी

जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में सुरक्षाबलों ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। सेना ने 8 सितंबर की देर रात दो आतंकियों को मार गिराया। साथ ही भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया है। फिलहाल ऑपरेशन जारी है। आर्मी ने X पर इसकी जानकारी दी। पिछले एक हफ्ते में आतंकी मुठभेड़ की यह दूसरी घटना है। 2 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के सुंजवान मिलिट्री स्टेशन पर आतंकियों ने सेना पर फायरिंग की थी। इसमें एक जवान शहीद हो गया था। पिछले एक महीने में आतंकी मुठभेड़ की 2 घटनाएं... 29 अगस्त: कुपवाड़ा में एनकाउंटर में 3 आतंकी मारे गए 29 अगस्त को कुपवाड़ा में एनकाउंटर में 3 आतंकी मारे गए थे। इनमें दो टेररिस्ट माछिल और एक तंगधार में मारा गया था। सेना ने बताया था कि माछिल और तंगधार में 28-29 अगस्त की देर रात खराब मौसम के बीच संदिग्ध गतिविधि देखी गई थी। इसके बाद यहां सेना और पुलिस ने सर्चिंग शुरू की। इस दौरान मुठभेड़ शुरू हो गई थी। 14 अगस्त: डोडा में कैप्टन दीपक सिंह शहीद हुए थे 14 अगस्त को डोडा में आतंकियों से एनकाउंटर में राष्ट्रीय राइफल के आर्मी कैप्टन दीपक सिंह शहीद हो गए। वह डोडा में असार फॉरेस्ट एरिया में चल रहे एनकाउंटर में टीम को लीड कर रहे थे। एनकाउंटर में एक आतंकी मारा गया। 16 जुलाई को भी डोडा के डेसा इलाके में मुठभेड़ के दौरान एक कैप्टन समेत 5 जवान शहीद हुए थे।

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:संजय राउत बोले- फडणवीस 100 बार जन्म लेने पर भी शरद पवार की चाल नहीं समझ पाएंगे

शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा है। उन्होंने रविवार 8 सिंतबर को कहा- फडणवीस 100 बार जन्म लेने पर भी कभी नहीं समझ पाएंगे कि शरद पवार के दिमाग में क्या चल रहा है। दरअसल, राउत की यह टिप्पणी फडणवीस के उस दावे के जवाब में आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि शरद पवार ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए तीन से चार नामों को चुना था, लेकिन उनमें से उद्धव ठाकरे का नाम नहीं था। आज की अन्य बड़ी खबरें... जम्मू-कश्मीर के शोपियां में PDP और AIP के कार्यकताओं में हाथापाई हुई, पुलिस मामले की जांच कर रही जम्मू-कश्मीर के शोपियां में रविवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) के समर्थकों के बीच हाथापाई हुई। इस घटना में दोनों ही पार्टियों के कार्यकता घायल हुए। PDP के उम्मीदवार यावर बंदे भी घायलों में शामिल हैं। ​​​​​​​​​​​​​​दोनों पार्टियों पर आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन करने का आरोप है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

Dainik Bhaskar कालिंदी एक्सप्रेस को पलटने की साजिश, IB-ATS पहुंचीं:ट्रैक पर सिलेंडर से टकराई ट्रेन, पेट्रोल-बारूद मिला; 6 संदिग्ध हिरासत में, जमातियों की जांच

कानपुर में एक बार फिर ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई। अनवर-कासगंज रूट पर रविवार देर शाम यह घटना हुई। कालिंदी एक्सप्रेस ट्रैक पर रखे सिलेंडर से टकरा गई। सिलेंडर फटा नहीं और ट्रेन से टकराकर ट्रैक के किनारे गिर गया। कालिंदी एक्सप्रेस के लोको पायलट ने तुरंत सीनियर अफसर को सूचना दी। घटना के बाद RPF, GRP और रेलवे के सीनियर अफसरों ने जांच की। अब IB, STF और ATS इस मामले की जांच कर रही हैं। ट्रैक से सिलेंडर के अलावा, बोतल में पेट्रोल, माचिस और झोला मिला है। झोले में बारूद जैसा पदार्थ पाया गया। RPF ने कहा कि आतंकी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। पुलिस ने 6 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। जमातियों की जांच के लिए 6 टीमें बनाई गई हैं। छह संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया है। पुलिस ने रडार पर इलाके के जमातियों को भी लिया है। जांच के लिए 6 टीमों का गठन किया है। डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने बताया कि आस-पास से आने वाले जमातियों की जांच की जा रही है। कहां-कहां से जमाती आए हैं और कहां ठहरे हैं, इसकी भी पड़ताल की जा रही है। इससे जुड़े पल-पल के अपडेट्स जानने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...

Dainik Bhaskar मणिपुर में ड्रोन हमलों के खिलाफ प्रदर्शन:राज भवन और CM हाउस के करीब पहुंचा हजारों लोगों का मार्च, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

मणिपुर के इंफाल में हाल ही में हुए ड्रोन हमलों के विरोध में हजारों लोग रविवार देर रात सड़क पर प्रदर्शन के लिए निकले। टिडिम रोड पर 3 किलोमीटर तक मार्च के बाद प्रदर्शनकारी राजभवन और CM हाउस तक पहुंच गए। इसके बाद मणिपुर पुलिस और सुरक्षाबलों ने उन्हें बैरिकेड लगाकर रोका। कई राउंड आंसू गैस के गोले भी दागे। इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। लोगों ने कहा- ड्रोन हमलों को रोकने में राज्य सरकार और पुलिस विफल रही है। उन्होंने DGP को हटाने की भी मांग की। मणिपुर में मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। बीते 7 दिनों से हिंसा बढ़ गई है। इसमें 8 लोगों की मौत हुई है। 15 से ज्यादा घायल हैं। हाल ही में मणिपुर में ड्रोन से भी हमले हुए हैं। इनमें 2 लोगों की मौत हुई है। मणिपुर में हिंसा की ताजा घटनाएं... 1 सितंबर- हिंसा में पहली बार ड्रोन से हमला : एक सितंबर को राज्य में पहली बार ड्रोन हमला देखने को मिला। इंफाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया। इसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए। 3 सितंबर- सेजम चिरांग गांव में ड्रोन अटैक: इंफाल जिले के सेजम चिरांग गांव में उग्रवादियों ने ड्रोन अटैक किए। इसमें एक महिला समेत 3 लोग घायल हो गए। उग्रवादियों ​​​​​​ने रिहायशी इलाके में ड्रोन से 3 विस्फोटक गिराए, जो छत को तोड़ते हुए घरों के अंदर फटे। उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से गोलीबारी भी की। 6 सितंबर- पूर्व CM के घर रॉकेट से हमला: मणिपुर बिष्णुपुर जिला स्थित मोइरांग में पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के घर पर हमला हुआ था। कुकी उग्रवादियों ने रॉकेट बम फेंका। इस हमले में 1 एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए। मैरेम्बम कोइरेंग राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे। 7 सितंबर- जिरिबाम में दो हमले, 5 की मौत: पहली घटना जिला हेडक्वार्टर से करीब 7 KM दूर हुई। यहां संदिग्ध पहाड़ी उग्रवादियों ने एक घर में घुसकर बुजुर्ग को सोते समय गोली मार दी। वे घर में अकेले रहते थे। दूसरी घटना में कुकी और मैतेई लोगों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें 4 लोगों की मौत हुई। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया। मणिपुर के आईजी (इंटेलिजेंस) के. कबीब ने शनिवार (7 सितं

Dainik Bhaskar यूपी में यादव से ज्यादा ब्राह्मण-ठाकुरों का एनकाउंटर:साढ़े सात साल में 207 आरोपी ढेर, इनमें 67 मुस्लिम; मुठभेड़ का हिसाब-किताब

''लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था। इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया। अन्य लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई और ‘जाति’ देखकर जान ली गई। '' यह बातें सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 5 सितंबर को X पर लिखीं। उन्होंने डकैती के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल उठाए। आरोप लगाया- मंगेश इसलिए मारा गया, क्योंकि वह जाति विशेष का था। 8 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी ने अखिलेश को जवाब दिया। कहा- डकैत मारा गया तो इनको बुरा लग गया। चिल्ला रहे हैं। अब राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। दैनिक भास्कर ने योगी सरकार के साढ़े 7 साल के कार्यकाल के दौरान पुलिस मुठभेड़ की लिस्ट चेक की। देखा- किन बदमाशों पर कितना इनाम था, कितने केस दर्ज थे और उनकी जाति क्या थी? कितने पुलिस वालों ने जान गंवाई, किस जोन में सबसे ज्यादा एनकाउंटर हुए? पढ़िए सिलसिलेवार… ग्राफिक्स से देखिए एनकाउंटर का हिसाब-किताब पहले पढ़िए मंगेश यादव को लेकर आए अखिलेश, योगी और राहुल गांधी के बयान अखिलेश यादव: जाति देखकर गोली मारी गई। दो दिन पहले उठाया और एनकाउंटर के नाम पर बंदूक सटाकर गोली मारकर हत्या की गई। अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव डाला जा रहा है। इस संगीन शासनीय अपराध का सर्वोच्च न्यायालय तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले कि सबूत मिटा दिए जाएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: आप देखते होंगे, उनके किसी माफिया शार्गिद को मारा जाता है, तो चिल्लाने लगते हैं। जहां डकैत पुलिस मुठभेड़ में मारा गया, वहां ग्राहक भी बैठे थे। डकैत उनकी हत्या करके भाग जाता तो हम उनकी जान को वापस कर पाते क्या? ग्राहक किसी भी जाति का हो सकता था। यादव भी हो सकता था, दलित भी। राहुल गांधी: भाजपा शासित राज्यों में ‘कानून और संविधान’ की धज्जियां वही उड़ा रहे हैं, जिन पर उनका पालन कराने की जिम्मेदारी है। सुल्तानपर में हुए मंगेश यादव के एनकाउंटर ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भाजपा रूल आफ लॉ पर विश्वास ही नहीं करती। UP STF के दर्जनों एनकाउंटर सवालों के घेरे में हैं? क्या आज तक उनमें से किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई हुई? आखिर कौन उन्हें बचा रहा है और क्यों? वर्दी पर लगी खून की छींटें साफ होनी चाहिए। अब योगी सरकार के कार्यकाल में एनकाउंटर की बात य

Dainik Bhaskar कांग्रेस की दूसरी लिस्ट के 9 प्रत्याशियों की डिटेल प्रोफाइल:तोशाम में भाई-बहन का मुकाबला; 3 हारे चेहरों पर दांव, परमवीर सबसे उम्रदराज

हरियाणा में कांग्रेस ने उम्मीदवारों की जो दूसरी लिस्ट जारी की है, उसमें 3 नए चेहरे हैं। इस लिस्ट में 3 टिकट उन नेताओं को मिले हैं, जो पिछली बार हारे थे। 9 सीटों में 4 टिकटें जाट और 2-2 OBC और पंजाबी उम्मीदवारों को मिली हैं। दूसरी लिस्ट में केवल 1 महिला है। 2 दलबदलुओं को टिकट दी है। सबसे उम्रदराज परमवीर सिंह (69) हैं, जिन्हें फतेहाबाद के टोहाना से मैदान में उतारा है। वहीं, सबसे युवा वर्धन यादव (35) को गुरुग्राम की बादशाहपुर सीट से टिकट मिली है। इस बार भिवानी की तोशाम सीट पर भाई-बहन का मुकाबला होगा। यहां से बीजेपी ने किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को टिकट दी है। वहीं कांग्रेस ने श्रुति चौधरी के चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी को मैदान में उतारा है। अनिरुद्ध चौधरी रणबीर महेंद्रा के बेटे हैं। रणबीर महेंद्रा हरियाणा के पूर्व सीएम बंसीलाल के बेटे हैं। वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष रह चुके हैं। उम्मीदवारों की डिटेल प्रोफाइल.... ये खबरें भी पढ़ें... हरियाणा चुनाव, कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में 9 उम्मीदवार घोषित:पार्टी ने अब तक 28 विधायकों समेत 41 कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान किया हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रविवार (8 सितंबर) की देर रात अपने कैंडिडेट्स की दूसरी लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट में 9 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया। पार्टी ने तोशाम सीट से पूर्व सीएम बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी और उचाना कलां सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे व BJP के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को टिकट दिया है। (पूरी खबर पढ़ें) हरियाणा में कांग्रेस की 2 लिस्ट जारी, 32 नाम:ED केस में फंसे-नूंह हिंसा आरोपी समेत 28 विधायकों को दोबारा टिकट; BJP बोली- क्राइम चैंपियनशिप​​​​​ हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 6 सितंबर की देर रात दो लिस्ट में 32 उम्मीदवारों का ऐलान किया। पहली लिस्ट में 31 उम्मीदवारों का ऐलान किया गया। डेढ़ घंटे बाद दूसरी लिस्ट में एक कैंडिडेट का नाम घोषित किया (पूरी खबर पढ़ें) कांग्रेस की पहली लिस्ट के 32 उम्मीदवारों की डिटेल प्रोफाइल:1 हारे-1 दलबदलू को टिकट, 80 साल के कादियान सबसे बुजुर्ग, विनेश सबसे यंग​​​​​​ हरियाणा में कांग्रेस ने 32 नामों की जो पहली लिस्ट जारी की है, उसमें सिर्फ 3 नए चेहरे हैं। इस लिस्ट में पिछला चुनाव हारे हरियाणा का

Dainik Bhaskar हरियाणा में कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट का एनालिसिस:​​​​​​​​​​युवा-अनुभवी चेहरों का गुडमिक्स; हाईकमान ने सर छोटूराम और बंसीलाल की विरासत नहीं छोड़ी

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 9 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी। इसके जरिए कांग्रेस हाईकमान ने युवा और अनुभवी चेहरों का गुडमिक्स किया है। इनमें 2019 का चुनाव हारने के बावजूद 3 चेहरों अशोक अरोड़ा, कुलदीप शर्मा और परमवीर सिंह पर अनुभव के तौर पर दांव खेला। वहीं वर्धन यादव, मोहित ग्रोवर, बलराम दांगी और अनिरुद्ध चौधरी युवा चेहरे हैं। हाईकमान ने प्रदेश के पूर्व दिग्गज नेताओं की विरासत को भी पार्टी से जोड़े रखने का पूरा ध्यान रखा। इसी वजह से पूर्व CM बंसीलाल के पोते और सर छोटूराम के पूर्व मंत्री नाती बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को भी टिकट दी है। कांग्रेस हाईकमान ने BJP में बगावत से दूसरी लिस्ट में भी सबक लिया। भाजपा के पहली ही लिस्ट में 67 उम्मीदवारों को मुकाबले कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 32 और अब सिर्फ 9 उम्मीदवारों की घोषणा की। जातीय समीकरण: जाट चेहरे ज्यादा, SC चेहरा न होने से चौंकाया क्षेत्रीय समीकरण: बागड़-अहीरवाल बेल्ट पर हाईकमान का ज्यादा मंथन 2019 में जिन सीटों पर दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस, वहां 26 सीटें रोकीं कांग्रेस 2019 के विधानसभा चुनाव में कुल 30 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। 2024 के चुनाव के लिए पार्टी ने इन 30 सीटों में से सिर्फ 4 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है। इनमें थानेसर, गन्नौर, महम और होडल (SC) शामिल है। इन चार में से तीन सीटों पर पार्टी ने उन्हीं चेहरों को मौका दिया है जो 2019 का चुनाव लड़े थे। इनमें थानेसर से अशोक अरोड़ा, गन्नौर से कुलदीप शर्मा और होडल (SC) से चौधरी उदयभान शामिल है। महम सीट पर पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे आनंद सिंह दांगी की जगह पार्टी ने इस बार उनके बेटे बलराम दांगी को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की दूसरी लिस्ट से जुड़े सवाल-जवाब 1. दूसरी लिस्ट में सिर्फ 9 ही उम्मीदवार क्यों? कांग्रेस हरियाणा में BJP जैसी गलती नहीं करना चाहती। इसीलिए कम सीटों की घोषणा की। इनमें वैसे तो कहीं बगावत की गुंजाइश नहीं है। अगर कहीं ऐसी स्थिति हुई थी तो कम सीटों की वजह से दिग्गज नेताओं को वहां जाकर बागियों को संभालना आसान हो जाएगा। 2. कांग्रेस कितनी लिस्टें जारी करेगी कांग्रेस के पहली लिस्ट में 32 और दूसरी में 9 उम्मीदवार देखकर ऐसा लगता है कि अभी 2 और लिस्टें आ सकती हैं। तीसरी लिस्ट आज या कल में आ सकती है। चौथी लिस्ट सब

Dainik Bhaskar देश का मानसून ट्रैकर:छत्तीसगढ़ में बिजली गिरने से 7 की मौत; UP में 9 की जान गई; आज 21 राज्यों में बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने सोमवार (9 सितंबर) के लिए 21 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में बहुत भारी की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने ​​​​​के मुताबिक, ​​मानसून ट्रफ मध्य प्रदेश के दमोह जिले से होते हुए गुजर रहा है। दूसरा ट्रफ राजस्थान से छत्तीसगढ़ की ओर जा रहा है। लो प्रेशर एरिया भी एक्टिव है। इनके चलते 9-10 सितंबर को एमपी के कुछ जिलों में भारी बारिश हो सकती है। 11 सितंबर से पूरे प्रदेश बारिश की संभावना है। रविवार को उत्तर प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 9 लोगों की मौत हुई। राज्य में पिछले 24 घंटों में औसतन 1.7 mm बारिश दर्ज की गई। इधर, छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा में रविवार को बिजली गिरने से 7 लोगों की मौत हो गई। तीन लोग झुलसे हैं। अधिकारियों ने बताया कि घटना के दौरान सभी लोग खेत में काम कर रहे थे। मौसम विभाग ने अगले 3 दिन तक भारी बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है। वहीं, राजस्थान के अजमेर में तेज बारिश के बाद से हालात खराब हैं। शहर के निचले इलाकों सहित ऊंचे इलाकों तक में पानी भरा है। कुछ इलाकों में घर भी गिरे हैं। भारी बारिश को देखते हुए आज भी अजमेर में स्कूलों की छुट्टी है। देशभर से बारिश की तस्वीरें... ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश की संभावना मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर बनने के बाद यह रविवार को डिप्रेशन में बदल गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, आज ये उत्तरी ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ेगा और डीप डिप्रेशन (चक्रवात) में बदल जाएगा। इसके कारण 12 सितंबर तक पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। ओडिशा में भी इस चक्रवात का असर दिखेगा। मौसम विभाग ने दोनों की राज्यों के मछुआरों को 11 सितंबर तक बंगाल की खाड़ी (समुद्र) में न जाने की चेतावनी दी है। यहां से 50-70 kmph की हवा चल सकती है। 10 सितंबर को 22 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट राज्यों की मौसम की खबरें...

Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:जम्मू-कश्मीर के चुनाव में धारा 370 ही सबसे बड़ा मुद्दा

जम्मू- कश्मीर में चुनाव प्रचार ने ज़ोर पकड़ लिया है। नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस का चुनाव पूर्व गठबंधन हो चुका है। भाजपा यहाँ अकेले लड़ रही है। कुछ निर्दलीय उसके साथ हैं ऐसा दावा किया जा रहा है। भाजपा का जम्मू रीजन में बहुत अच्छा प्रभाव है। कश्मीर घाटी में भाजपा का असर कम है। ऐसा समझा जाता है कि कश्मीर घाटी में नेशनल कान्फ्रेंस का ज़ोर है। पहले भी था और अब भी। नेशनल कान्फ्रेंस ने कांग्रेस से समझौता इसलिए किया है ताकि जम्मू रीजन की कुछ सीटें कांग्रेस हासिल करने में कामयाब हो गई तो नेकां को सरकार बनाने में मदद मिल सकती है। जहां तक मुद्दों का सवाल है, यहाँ सबसे बड़ा मुद्दा धारा 370 ही है। भाजपा चुनाव प्रचार के दौरान धारा 370 हटाने का श्रेय ले रही है। उसका कहना है कि यह अनुच्छेद अब इतिहास हो चुका है। इसकी वापसी कभी नहीं हो सकती। उधर नेशनल कान्फ्रेंस कश्मीर घाटी के लोगों की भावनाओं को भुनाने के लिए कह रही है कि वह धारा 370 को फिर से लागू करवाएगी जबकि यह उसके बस की बात नहीं है। यह काम केंद्र सरकार ही कर सकती है। राज्य स्तर पर यह संभव नहीं है। जम्मू रीजन के लोगों को भाजपा के मुद्दे पसंद आ रहे हैं। वैसे भी नेशनल कान्फ्रेंस ने लम्बे समय तक कश्मीर पर राज किया है। इस परिवार की यह तीसरी पीढ़ी चल रही है। इसके पहले कश्मीर में कर्णसिंह के पिता महाराज हरिसिंह का राज था। महाराज हरिसिंह पर कई आरोप लगाकर शेख़ अब्दुल्ला ने यहाँ राज किया था। शेख़ अब्दुल्ला के लम्बे कार्यकाल के बाद उनके बेटे फ़ारुख अब्दुल्ला ने लम्बे समय तक सत्ता का नेतृत्व किया और बाद में उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने भी। उमर अब्दुल्ला इस वक्त अफ़ज़ल विवाद में घिर चुके हैं। उन्होंने कह दिया कि अफ़ज़ल को फाँसी देना गलत था। चूँकि अफ़ज़ल संसद पर हमले का ज़िम्मेदार था, इसलिए भाजपा ने इस मुद्दे पर साफ़ कहा है कि नेशनल कान्फ्रेंस आतंकवादियों से मिली हुई है या उनकी तरफ़दारी कर रही है और कांग्रेस उसकी साथी है। ऐसे में लोगों को तय करना चाहिए कि वे देश प्रेमियों के साथ हैं या देशद्रोहियों के साथ? बहरहाल, धारा 370 हटने के बाद यहाँ पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में पचास प्रतिशत से ऊपर मतदान हुआ था जो अच्छा संकेत है। वर्ना इससे पहले तो तीस प्रतिशत मतदान को भी अच्छा समझा जाता रहा।

Dainik Bhaskar राहुल बोले-भारत जोड़ो यात्रा से राजनीति में मोहब्बत शुरू हुई:अमेरिका में कहा- 25 लोगों का लाख-करोड़ों का लोन माफ हुआ, इससे इंडस्ट्रीज लग सकती थीं

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के लिए रविवार को टेक्सास के डलास पहुंचे। यहां उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के स्टूडेंट से भारत की राजनीति, इकोनॉमी, भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बात की। राहुल गांधी ने कहा कि इंडियन पॉलिटिक्स में नफरत थी। भारत जोड़ो यात्रा से राजनीति में मोहब्बत की शुरुआत हुई। भारत में रोजगार की समस्या है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमने प्रोडक्शन पर ध्यान नहीं दिया। राहुल ने कहा कि चीन ने प्रोडक्शन पर ध्यान दिया है। भारत में कई चीजें मेड इन चाइना रहती हैं। इसलिए चीन में रोजगार की दिक्कतें नहीं हैं। इंडिया में 25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपए का बैंक लोन माफ कर दिया गया। इतने पैसे में कई इंडस्ट्रीज लग सकती थीं। जब हम कर्ज माफी करने का कहते है तो मीडिया हमसे सवाल करने लगता है। जब 16 लाख करोड़ रुपए खर्च कर दिया जाता है तब कुछ नहीं कहा जाता है। भारत में गरीबी को लेकर पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा- सिर्फ एक-दो लोगों को सारे पोर्ट्स और सारे डिफेंस कॉन्ट्रेक्ट दिए जाते हैं। इसी कारण भारत में मेनुफैक्चरिंग की स्थिति ठीक नहीं है। कार्यक्रम में राहुल गांधी से 7 सवाल-जवाब सवाल: लीडर ऑफ ऑपोजिशन के तौर पर क्या चैलेंज होते हैं। जवाब : ऑपोजिशन लोगों की आवाज होता है। विपक्ष के लीडर के तौर सोचना होता है कि कहां और कैसे लोगों की आवाज उठाई जा सकती है। इस दौरान इंडस्ट्री, पर्सनल, फार्मर सब पर्सपेक्टिव से सोचना होता है। अच्छे से सुनकर और समझकर जवाब देना होता है। पार्लियामेंट में स्थिति एक जंग की तरह होती है। वहां जाकर लड़ना होता है। हालांकि, कभी-कभी जंग मजेदार होती है। कभी जंग सीरियस हो जाती है। यह शब्दों की जंग होती है। पार्लियामेंट में अलग-अलग नेता आते हैं। बिजनेसमैन भी आते हैं। अलग-अलग डेलिगेशन आकर मिलता है। सभी पक्षों को सुनना होता है। सवाल: आपका लंबा करियर रहा है। राजनीति में रहते हुए इतने सालों में आपने क्या बदलाव देखे हैं। जवाब: अब मैं इस निष्कर्ष पर पहुंच रहा हूं कि सुनना बोलने से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। सुनने का मतलब है खुद को आपकी जगह पर रखना। अगर कोई किसान मुझसे बात करता है, तो मैं खुद को उनके रोजमर्रा के जीवन में शामिल करने की कोशिश करूंगा और समझूंगा कि वे क्या कहना चाह रहे हैं। सुनना बुनियादी बात होती है। इसके बाद किसी मुद्द

Dainik Bhaskar कोलकाता रेप-मर्डर केस, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज:पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा- 30 साल में ऐसी लापरवाही नहीं देखी; पुलिस की भूमिका पर संदेह

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 9 अगस्त को हुए ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में आज (9 सितंबर) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। मामला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच में सुनवाई के लिए लिस्टेड है। 22 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में CBI ने कोर्ट में कहा था कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। इस पर जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है। जांच में ऐसी लापरवाही अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी। इस बीच केंद्र सरकार ने 3 सितंबर को पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका लगाई थी। केंद्र का आरोप है कि बंगाल सरकार आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात CISF जवानों को परिवहन और आवास की सुविधा उपलब्ध नहीं करा रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 21 अगस्त को CISF के 92 जवान आरजी कर की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। इनमें 54 महिलाएं भी हैं। इन्हें अपने हथियार रखने की भी जगह नहीं मिली है। केंद्र सरकार के अनुरोध के बाद भी बंगाल सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही। CJI ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की थी 22 अगस्त की सुनवाई में CJI ने देशभर में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौट आने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि अस्पतालों की स्थिति जानता हूं। मैं खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार था। वापस आने के बाद आप पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा CJI ने कहा कि हमें बताया गया कि डॉक्टर काम पर वापस जाने के लिए तैयार हैं। राज्य सरकारें डॉक्टरों के लिए कुछ सुरक्षा इंतजाम कर सकती हैं। हम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय निर्देश देते हैं कि वे राज्य के मुख्य सचिवों और DGP के साथ मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह एक्सरसाइज 1 हफ्ते में पूरी हो जानी चाहिए। राज्य 2 हफ्ते के अंदर इसे लागू करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- एक और रेप का इंतजार नहीं कर सकते इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने 20 अगस्त को इस मामले की सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान CJI ने कहा- व्यवस्था में सुधार के लिए हम और एक रेप का इंतजार नहीं कर सकते। डॉक्टर्स की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए टास्क फोर्स बना रहे हैं,

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:भारत में मंकीपॉक्स का संदिग्ध; कोलकाता केस, TMC सांसद राज्यसभा से इस्तीफा देंगे; विनेश बोलीं- भारतीय दल ने कोई मदद नहीं की

नमस्कार, कल की बड़ी खबर भारत में मंकीपॉक्स का संदिग्ध केस मिलने की रही। एक खबर विनेश फोगाट के बयान की रही, उन्होंने कहा है कि ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई होने के बाद भारतीय दल ने उनकी मदद नहीं की। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. भारत में मंकीपॉक्स का संदिग्ध मिला; अगस्त में ग्लोबल इमरजेंसी घोषित होने के बाद पहला मामला हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, विदेश से भारत लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण मिले हैं। उसे एक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। उसकी हालात स्थिर है। संदिग्ध किस देश से लौटा है, मंत्रालय ने इसकी जानकारी नहीं दी है। प्रोटोकॉल के तहत उसके संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा रही है। दरअसल, 14 अगस्त को WHO ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। इसके बाद भारत में संक्रमण का पहला संदिग्धन मिला है। यह दो साल में दूसरी बार है, जब WHO ने मंकीपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, मंकीपॉक्स की शुरुआत अफ्रीकी देश कांगो से हुई थी। अफ्रीका के 10 देश इसकी चपेट में हैं। WHO इसलिए भी चिंतित है क्योंकि मंकीपॉक्स के अलग-अलग आउटब्रेक में मृत्यु दर अलग-अलग देखी गई है। कई बार तो यह 10% से भी अधिक रही है। भारत में मंकीपॉक्स के 30 केस चुके: WHO के मुताबिक, 2022 से अब 116 देशों में मंकीपॉक्स के 99,176 मामले सामने आए और 208 मौतें दर्ज की गई हैं। इस साल अब तक 15,600 से अधिक मामले और 537 मौतें दर्ज की गईं। 2022 के बाद से भारत में मंकीपॉक्स के 30 मामले सामने आए हैं। आखिरी मामला मार्च 2024 में सामने आया था। भारत में मंकीपॉक्स की जांच के लिए 32 लैब्स हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. कोलकाता केस: TMC सांसद राज्यसभा से इस्तीफा देंगे; गवर्नर बोले- पुलिस कमिश्नर को हटाएं कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर के विरोध में TMC सांसद जवाहर सरकार ने इस्तीफा देने का फैसला किया है। जवाहर ने कहा कि वे राजनीति से भी संन्यास लेंगे। उन्होंने TMC अध्यक्ष और बंगाल CM ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखकर सरकार की कार्यशैली पर निराशा जताई। जवाहर सरकार ने लिखा है कि वे जल्द ही दिल्ली जाकर राज्यसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। गवर्नर सीवी आनंद बोस ने ममता सरकार को कैबि

Dainik Bhaskar केजरीवाल से मुलाकात की परमिशन पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज:संजय सिंह बोले- तिहाड़ अधिकारी मिलने नहीं दे रहे, कोर्ट ने अफसरों से जवाब मांगा था

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने की परमिशन न देने के मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। AAP सांसद संजय सिंह ने याचिका में कहा कि उन्हें तिहाड़ जेल के अधिकारियों द्वारा केजरीवाल से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। 4 सितंबर को पिछली सुनवाई में संजय सिंह की तरफ से सीनियर एडवोकेट राहुल मेहरा पेश हुए थे। उन्होंने कहा था कि संजय सिंह ने केजरीवाल से मिलने के लिए दो बार परमिशन मांगी, लेकिन जेल अधीक्षक ने मनमाने ढंग से कैंसिल कर दिया। वे जनप्रतिनिधि हैं, ऐसे में उन्हें सीएम से मिलने की अनुमति देनी चाहिए। राहुल मेहरा की दलील के बाद जस्टिस नीना बंसल कृष्णा के बेंच ने जेल अधिकारियों को नोटिस जारी किया और उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। संजय सिंह के वकील का दावा- तिहाड़ प्रशासन लिखित कारण नहीं बता रहा राहुल मेहरा ने कहा कि AAP सांसद को जेल अधीक्षक ने मिलने नहीं दे रहे। वे दिल्ली प्रीजन रूल 2018 के नियम 588 का हवाला देकर कहते हैं कि आवेदक पूर्व कैदी हैं। इसलिए उन्हें नहीं मिलने दिया जाएगा। जेल अधीक्षक कोई लिखित कारण भी नहीं बताते हैं, जबकि नियम 616 के अनुसार कारणों को बताना जरूरी है। संजय के वकील का कहना है कि याचिकाकर्ता राज्यसभा में सांसद हैं। वे जनप्रतिनिधि हैं और आम आदमी पार्टी के सदस्य भी हैं। याचिकाकर्ता की ओर से मुलाकात के अधिकार को बार-बार नकारना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में दलील दी गई है कि मौलिक अधिकार के दायरे में जेल में बंद अपने परिवार के सदस्यों और मित्रों से मिलने का अधिकार भी आता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2 अप्रैल को संजय सिंह को जमानत दी रही। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले साल 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। 6 महीने तक वे जेल में थे। ED ने कोर्ट से कहा कि उन्हें संजय की जमानत से कोई ऐतराज नहीं। इसके बाद अदालत ने संजय सिंह को जमानत देने का फैसला सुनाया था। शराब नीति केस-केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुरक्षित दिल्ली शराब नीति केस में 5 सितंबर को केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले केजरीवाल और CBI का पक्ष सुना। CBI ने दलील दी कि केजरीवाल को जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए, सीधे सुप्रीम कोर्