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Dainik Bhaskar लखनऊ में iPhone के लिए डिलीवरी बॉय की हत्या:लाश बोरे में भरकर नहर में फेंकी; पैसे देने के लिए घर में बुलाकर वारदात
लखनऊ में iPhone के लिए डिलीवरी बॉय की हत्या कर दी गई। उसकी लाश बोरे में भरकर इंदिरा नहर में फेंक दी। डिलीवरी बॉय के घरवालों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस जांच करते हुए आरोपियों तक पहुंची। वारदात 23 सितंबर की है। सोमवार (30 सितंबर) को पुलिस ने वारदात का खुलासा किया। पुलिस ने iPhone ऑर्डर करने वाले ग्राहक समेत दो आरोपियों को हिरासत में लिया है। इंदिरा नहर में डिलीवरी बॉय के शव की तलाश की जा रही है। ऑनलाइन iPhone ऑर्डर किया था DCP शशांक सिंह ने बताया कि चिनहट में रहने वाले गजेंद्र ने डेढ़ लाख रुपए का iPhone शॉपिंग साइट फ्लिपकार्ट से ऑनलाइन ऑर्डर किया। उसका भुगतान कैश ऑन डिलीवरी था। 23 सितंबर की रात को निशातगंज का रहने वाला भरत साहू फोन की डिलीवरी करने गजेंद्र के घर पहुंचा। भरत ने गजेंद्र से iPhone का पेमेंट करने को कहा। इस पर गजेंद्र ने भरत को घर के अंदर बुला लिया। कमरे में आते ही गजेंद्र और उसके एक दोस्त ने मिलकर भरत की गला दबाकर हत्या कर दी। रात में ही दोनों ने लाश को बोरे में भरा, फिर इंदिरा नहर में ले जाकर फेंक दिया। परिवार वालों ने गुमशुदगी दर्ज कराई उधर, भरत घर नहीं लौटा तो परिवार वाले उसकी तलाश में लगे थे। 25 सितंबर को परिजन ने चिनहट थाने में भरत की गुमशुदगी दर्ज कराई। डीसीपी ने बताया- भरत के मोबाइल नंबर की लोकेशन और कॉल डिटेल निकाली गई। आखिरी कॉल जिस नंबर पर थी, वह गजेंद्र का था। उस नंबर के जरिए पुलिस गजेंद्र तक पहुंची। पूछताछ करने पर आरोपी ने वारदात कबूल कर ली। पुलिस उनकी निशानदेही पर इंदिरा नहर में शव की तलाश कर रही है। लखनऊ जैसी वारदात बेंगलुरु में भी हुई थी 3 दिन घर में रखा शव, स्कूटी में रखकर लाश जलाने के लिए ले गया जगह- कर्नाटक का हासन। तारीख- 7 फरवरी, 2023। आरोपी हेमंत दत्ता मोबाइल खरीदना चाहता था, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। इसके लिए उसने प्लान बनाया। उसने फ्लिपकार्ट से पहले iPhone ऑर्डर किया। 23 साल का डिलीवरी बॉय जब मोबाइल डिलीवरी करने आरोपी के घर पहुंचा तो आरोपी ने उससे इंतजार करने को कहा। कुछ देर बाद हेमंत ने उसे अंदर बुलाया और उस पर धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने मृतक की लाश 11 फरवरी को अर्सिकेरे शहर के अंककोप्पल रेलवे स्टेशन के पास से बरामद की। हत्या के तीन दिन बाद मृतक के भाई मंजू नाइक न
Dainik Bhaskar रिसर्चर बोले- कोविड लॉकडाउन से चांद का टेम्परेचर घटा:ह्यूमन एक्टिविटीज बंद होने और रेडिएशन में कमी के कारण चांद का तापमान 8 से 10 डिग्री गिरा
एक इंडियन रिसर्च में पता चला है कि कोविड लॉकडाउन के बाद से चांद के तापमान में 8 से 10 डिग्री की गिरावट आई है। फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL) के के. दुर्गा प्रसाद और जी एंबिली ने 2017 से 2023 के बीच नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर से छह अलग-अलग जगहों के डेटा का विश्लेषण किया। रिसर्च से पता चला कि पृथ्वी पर लॉकडाउन के चलते ह्यूमन एक्टिविटीज लगभग बंद हो गई थी, जिससे रेडिएशन में गिरावट आई। इसी की वजह से चांद के तापमान में भी कमी दर्ज की गई। TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार यह रिसर्च पीयर-रिव्यू मंथली नोटिस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी: लेटर्स में छपी है। इससे पता चला कि चांद के तापमान में विशेष गिरावट अप्रैल और मई के महीने में देखी गई, जब लॉकडाउन सबसे सख्त था। 2020 में सबसे कम तापमान देखा गया 2020 में चांद पर एक जगह 96.2 डिग्री टेम्परेचर दर्ज किया गया था। जो अब तक के चांद के टेम्परेचर में सबसे कम माना गया। 2022 में एक जगह पर टेम्परेचर 143.8 डिग्री दर्ज किया गया। आम तौर पर 2020 में चांद के ज्यादातर जगहों पर कम तापमान देखा गया। इसके बाद फिर से तापमान बढ़ते हुए देखा गया क्योंकि पृथ्वी पर ह्यूमन एक्टीविटीज फिर से शुरू हो गई थी। चंद्रमा एक तरह से धरती के रेडिएशन सिग्नेचर के एम्प्लीफायर की तरह काम करता है। रिसर्च के बाद पता चला कि चांद के तापमान पर नेचुरल एक्टिविटी के साथ-साथ ह्यूमन एक्टिविटीज का भी प्रभाव पड़ता है। के. दुर्गा प्रसाद ने बताया कि इस रिसर्च से हमें यह पता चला कि पृथ्वी पर ह्यूमन एक्टीविटीज में परिवर्तन होने का प्रभाव चांद पर पड़ता है।
Dainik Bhaskar राहुल गांधी ने मंच पर हुड्डा-सैलजा के हाथ मिलवाए:टिकट बंटवारे-जातिसूचक शब्दों से नाराज थीं सांसद; प्रचार तक छोड़ दिया था
हरियाणा चुनाव में जीत के लिए राहुल गांधी कांग्रेसियों की गुटबाजी भी दूर करने की कोशिश में जुटे हैं। सोमवार को अंबाला के नारायणगढ़ से राहुल ने 'हरियाणा विजय संकल्प यात्रा' शुरू की। इसको लेकर वहां जनसभा हुई। इसी दौरान मंच पर सभी बड़े नेता भीड़ के अभिवादन के लिए खड़े हुए। राहुल गांधी ने इस दौरान भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा के हाथ मिलवाए। सैलजा और हुड्डा के बीच चुनाव के दौरान संबंध बिगड़े हुए हैं। खास तौर पर समर्थकों को टिकट न मिलने के बाद जातिसूचक शब्द कहे जाने पर सैलजा काफी नाराज हैं। इसको लेकर कई इंटरव्यू में इशारों में वह अपनी नाराजगी भी बयान कर चुकी है। सैलजा और हुड्डा के बीच नाराजगी की 3 वजहें 1. सैलजा ने CM कुर्सी का दावा ठोका चुनाव की घोषणा के बाद सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने सीएम कुर्सी पर दावा ठोक दिया। सैलजा ने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति का सीएम होना चाहिए। चूंकि इस वक्त भूपेंद्र हुड्डा सीएम कुर्सी के सबसे बड़े दावेदार हैं। इस वजह से हुड्डा समर्थक इससे नाराज हो गए। 2. टिकट बंटवारे में हुड्डा की चली कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर सैलजा ने समर्थकों को टिकट दिलाने की पूरी कोशिश की। हालांकि इसमें हुड्डा की चली। 90 टिकटों में से सबसे ज्यादा 72 हुड्डा के ही समर्थकों को मिल गई। इसकी वजह से सैलजा नाराज हो गई। 3. जातिसूचक शब्द से ज्यादा नाराज हुईं, प्रचार छोड़ा इसके बाद एक सीट पर सैलजा मंच से पहले घोषणा करने के बावजूद अपने समर्थक को टिकट नहीं दिला सकी। यहां से हुड्डा समर्थक को टिकट मिल गया। इसके बाद इसी सीट के उम्मीदवार से जुड़े समर्थक ने सैलजा के प्रति जातिसूचक शब्द कहे। इससे सैलजा इस कदर नाराज हुईं कि उन्होंने चुनाव प्रचार छोड़ दिया। वह नाराज होकर घर बैठ गईं। राहुल के फोन के बाद खड़गे से मिलीं सैलजा की नाराजगी बढ़ने से हरियाणा में दलित वोटरों की कांग्रेस के प्रति नाराजगी बढ़ने लगी। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी सैलजा की नाराजगी को लेकर कांग्रेस को कोसने लगे। इसके बाद राहुल गांधी ने सैलजा को फोन किया। फिर सैलजा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे से मिली। जिसके बाद उनकी नाराजगी दूर हुई और वह प्रचार के लिए आ गईं। हुड्डा ने कहा था- सैलजा बहन कुमारी सैलजा को जातिसूचक शब्द कहे जाने का मामला हुड्डा के आगे भी उठा। इस पर हुड्डा
Dainik Bhaskar नकली नोट देकर खरीद लिया 1.60 करोड़ का सोना:नोटों पर गांधी बापू की जगह अनुपम खेर की फोटो, लिखा था -रिसोल बैंक ऑफ इंडिया
गुजरात में नकली नोटों से फ्रॉड का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ये नकली नोट एक सराफा व्यापारी मेहुल ठक्कर के पास से जब्त किए गए हैं। व्यापारी ने बताया कि उन्हें एक करोड़ 30 लाख रुपए की यह कैश रकम एक व्यक्ति ने सोने के 2100 ग्राम बिस्किट खरीदने के एवज में दी थी। जब मशीन से रुपयों की गिनती की जाने लगी तो इन नोटों के नकली होने का पता चला। नोटों पर महात्मा गांधी की जगह बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर की तस्वीर छपी हुई है। वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की जगह पर रिसोल बैंक ऑफ इंडिया लिखा हुआ है। पुलिस ने अज्ञात तीन युवकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस जांच में जुटी है कि इसके पीछे का मास्टरमाइंड कौन है और इन नोटों की छपाई कहां पर हुई? अब जानिए, किस तरह हुई यह धोखाधड़ी? शहर के प्रहलाद नगर इलाके के पुष्पकदील बंगलों में रहने वाले व्यापारी मेहुल ठक्कर की माणेक चौक में ज्वेलरी शॉप है। बीते 23 सितंबर को उनके पास एक परिचित ज्वेलरी शॉप के मैनेजर प्रशांत पटेल का फोन आया कि एक पार्टी 2100 ग्राम सोने के बिस्किट खरीदना चाहती है। इस तरह 1.60 करोड़ रुपए में यह सौदा तय हो गया। पार्टी ने उन्हें फोन पर कहा कि वह अगले दिन सोने की डिलीवरी ले लेगा। अगले दिन यानी की 24 सितंबर को दोपहर प्रशांत पटेल ने मेहुल ठक्कर को फोन कर कहा कि डिलीवरी लेने वाली पार्टी को अर्जेंट सोने की जरूरत है। उन्हें जल्दी शहर से बाहर जाना है। इसके साथ यह भी कहा कि पार्टी ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर नहीं कर पा रही है। इसलिए वे कैश ही देंगे। सोने की डिलीवरी लेने वाली पार्टी फिलहाल सीजी हाईवे रोड पर कांतिलाल मदनलाल एंड कंपनी में बैठी है। आप सोना वहां भेज दीजिए। 30 लाख कैश लाने का कहकर दो जालसाज पहले ही हो गए थे गायब इसके बाद मेहुल ने 2100 ग्राम के सोने के बिस्किट दुकान के कर्मचारी भरत जोशी को देकर उसे पार्टी के पास भेज दिया। भरत जोशी ने बताया कि वहां तीन व्यक्ति बैठे हुए थे। वहां भी वे फर्नीचर की डील कर रहे थे। जब भरत जोशी वहां पहुंचे तो सरदार की भेष में बैठे एक व्यक्ति ने उनसे कहा कि उसी ने सोने के डील की है। उसने भरत जोशी 1.30 करोड़ रुपए का नोटों से भरा बैग को दे दिया और कहा कि मेरे साथी बाकी के 30 लाख रुपए लेकर आ रहे हैं। इसके बाद दो व्यक्ति 30 लाख रुपए लाने का कहकर निकल गए। अब भरत जोशी ने मशीन से नोट गिनने शु
Dainik Bhaskar हरियाणा में BJP कैंडिडेट के बिगड़े बोल:कांग्रेस उम्मीदवार को काला सांड कहा; बोले- हमसे बड़ा गुंडा कोई नहीं, गलतफहमी दूर कर लें सुरजेवाला
हरियाणा के कैथल में सोमवार को भाजपा प्रत्याशी लीला राम के बोल बिगड़ गए। उन्होंने कैथल से कांग्रेसी प्रत्याशी आदित्य सुरजेवाला को काला सांड कह दिया। वहीं आदित्य के पिता एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला को भरे मंच से चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर सुरजेवाला औकात में रहकर चुनाव लड़ेगा तो हम प्यार से चुनाव लडेंगे। अगर गुंडागर्दी दिखाओगे तो शहर में हमसे बड़ा कोई गुंडा नहीं है। अगर सुरजेवाला किसी गलतफहमी में हैं तो दूर कर ले, हम ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं। लीला राम ने ये बात सोमवार को उदय सिंह किले पर आयोजित जन आशीर्वाद रैली में कही। इस रैली में हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी भी पहुंचे थे। लीला राम बोले- शहर में क्या काले सांडों की संख्या कम थी लीला राम ने रणदीप सुरजेवाला और उनके बेटे आदित्य को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि ये (सुरेजवाला) अमेरिका से सांड लेकर आया। पहले क्या शहर में काले सांडों की संख्या कम थी, जो इसे (आदित्य) लेकर आया। इसके भाई ने 20 साल सेवा की, उसे दूध से मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया। इससे पहले भी लीला राम गुर्जर विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं। हमारे पोस्टरों को फाड़ रहे उन्होंने कहा कि सुरजेवाला के कार्यकर्ता आजकल बदतमीजी पर उतर आए हैं, वह जो होर्डिंग लगवाते हैं, उनको रात को उतरवा देते हैं। जो पोस्टर लगाए हैं, उनको फाड़ देते हैं। जबकि उन्होंने आज तक सुरजेवाला के कोई भी होर्डिंग और पोस्टर नहीं हटवाए। पिछले चुनाव में आईटीआई बूथ पर हुआ था झगड़ा बता दें कि पिछले चुनाव में भी लीलाराम और रणदीप सिंह सुरजेवाला के कार्यकर्ताओं के बीच शहर के आईटीआई बूथ पर झगड़ा हुआ था। दोनों पक्षों के लोगों को चोटें आई थी। जिला प्रशासन ने आईटीआई बूथ को अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा हुआ है। कांग्रेस कैंडिडेट्स के भी बिगड़ चुके बोल... कांग्रेस कैंडिडेट वीरेंद्र बोले- कुनबे के हिसाब से नौकरी लगाऊंगा, BJP वाले के कान मरोड़ूंगा करनाल के घरौंडा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस कैंडिडेट वीरेंद्र राठौर ने चुनावी रैली में कहा कि मैं कुनबों के हिसाब से नौकरियां लगवाऊंगा, मुझे पता है कि यह हिमालय चढ़ने जितना कठिन है, लेकिन मैं हिमालय चढ़ने का साहस रखता हूं। इसके साथ ही उन्होंने घरौंडा के भाजपा उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक हरविंद
Dainik Bhaskar जम्मू-कश्मीर की 40 सीटों पर कल वोटिंग:आखिरी फेज में 415 कैंडिडेट्स; आतंकी अफजल गुरू और इंजीनियर राशिद के भाई चुनावी मैदान में
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के आखिरी और तीसरे चरण में कल मंगलवार (1 अक्टूबर) को 7 जिलों की 40 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इसमें 39.18 लाख वोटर्स शामिल होंगे। तीसरे फेज की 40 सीटों में से 24 जम्मू डिवीजन और 16 कश्मीर घाटी की हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, आखिरी फेज 415 कैंडिडेट्स मैदान में हैं। इनमें 387 पुरुष और 28 महिला उम्मीदवार हैं। थर्ड फेज में 169 कैंडिडेट्स करोड़पति और 67 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। जम्मू के नगरोटा से भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र सिंह राणा की सबसे ज्यादा 126 करोड़ संपत्ति है। इस फेज में संसद हमले का मास्टरमाइंड अफजल गुरु के बड़े भाई एजाज अहमद गुरु भी चुनावी मैदान में है। एजाज गुरु सोपोर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी हैं। नॉर्थ कश्मीर की लंगेट सीट से इंजीनियर राशिद के भाई खुर्शीद अहमद शेख चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग बारामूला से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। 18 सितंबर को पहले फेज की 24 विधानसभा सीटों वोटिंग हुई। इस दौरान 61.38% वोटिंग हुई। वहीं 25 सितंबर को 6 जिलों की 26 विधानसभा सीटों 57.31% मतदान हुआ। फर्स्ट फेज वोटिंग प्रतिशत सेकेंड फेज वोटिंग प्रतिशत जम्मू की सबसे ज्यादा 11 सीटों पर वोटिंग, PDP के 33 प्रत्याशी मैदान में तीसरे फेज में जम्मू जिले की सबसे ज्यादा 11 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। वहीं बारामूला की 7, कुपवाड़ा और कठुआ की 6-6, उधमपुर की 4, बांदीपोरा और सांबा की 3-3 सीटों पर वोटिंग होगी। बारामूला सीट पर सबसे ज्यादा 25 कैंडिडेट्स चुनावी मैदान में हैं। वहीं जम्मू की अखनूर में 3 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है। आखिरी फेज में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) 33 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। गठबंधन में चुनाव लड़ रहे नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 18 जबकि कांग्रेस 24 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा के 29 कैंडिडेट्स हैं। वहीं 155 निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के 90% कैंडिडेट्स करोड़पति, 6 कैंडिडेट्स की संपत्ति शून्य एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के फेज 3 के 415 उम्मीदवारों के हलफनामे के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे फेज के 415 कैंडिडेट की एवरेज संपत्ति 2.76 करोड़ रुपए हैं। 415 में से 41% यानी 169 कैंडिडेट्स करोड़पति हैं। इनके पास
Dainik Bhaskar वकील के Ya.. Ya.. Ya.. बोलने पर CJI नाराज:बोले- Yes कहिए, यह कोर्ट है, कॉफी शॉप नहीं; डांट सुनकर मराठी बोलने लगा वकील
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ सोमवार को एक सुनवाई के दौरान वकील के अंग्रेजी में 'या.. या..' कहने पर नाराज हो गए। उन्होंने वकील को डांटते हुए कहा- यह कोई कॉफी शॉप नहीं है। ये क्या है या.. या..। मुझे इससे बहुत एलर्जी है। इसकी परमिशन नहीं दी जा सकती। आप यस बोलिए। डांट सुनने के बाद वकील ने बताया कि वह पुणे का रहने वाला है। वह मराठी में दलीलें देने लगा, इस पर CJI ने भी मराठी में ही उसे समझाने की कोशिश की। दरअसल, याचिका पूर्व CJI रंजन गोगोई के खिलाफ इन हाउस जांच की मांग को लेकर लगाई गई थी। CJI चंद्रचूड़ ने वकील से केस से पूर्व CJI का नाम हटाने का निर्देश दिया है। पहले वकील को अंग्रेजी पर पड़ी डांट एडवोकेट : पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई का फैसला वैलिड टर्मिनेशन नहीं था। CJI चंद्रचूड़ : लेकिन क्या यह अनुच्छेद 32 की याचिका है? आप एक जज को पार्टी बनाकर जनहित याचिका कैसे दायर कर सकते हैं। एडवोकेट : या..या.. तब सीजेआई रंजन गोगोई ने मुझे एक क्यूरेटिव दायर करने के लिए कहा था। CJI चंद्रचूड़ : यह एक कॉफी शॉप नहीं है! यह क्या है या..या..। मुझे इससे बहुत एलर्जी है। इसकी परमिशन नहीं दी जा सकती। फिर CJI ने मराठी में वकील को समझाया CJI चंद्रचूड़: (मराठी में) जज आला पार्टी करत नहीं। तासा कारण है। (आप किसी जज पर आरोप नहीं लगा सकते। कानून में इसके लिए प्रक्रिया है।) जब आप किसी हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हैं तो आप यहां जज को दोष नहीं देते। एडवोकेट: मैं काय करत साहेब (मुझे क्या करना चाहिए) । CJI चंद्रचूड़: तुम्हले सजूत नाहीं (आप मेरी बात बिल्कुल नहीं समझ रहे।) CJI चंद्रचूड़: क्या आप अपील में जस्टिस गोगोई का नाम हटा देंगे। एडवोकेट: हो हो (हां.. हां..) मैं ऐसा करूंगा। CJI चंद्रचूड़: ठीक है आप पहले हटाएं और फिर हम देखेंगे। पूर्व CJI के खिलाफ 2018 में दाखिल हुई याचिका पूर्व CJI के खिलाफ मई 2018 में दायर की गई थी। जिसमें कहा गया कि पूर्व CJI गोगोई ने एक अवैध बयान के आधार पर सेवा समाप्ति को चुनौती देने वाली याचिका को गलत तरीके से खारिज कर दिया था। उनके फैसले में कानून की बड़ी गलतियां थीं। सुनवाई के दौरान CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि सही हो या गलत, सुप्रीम कोर्ट का फाइनल फैसला आ चुका है। रिव्यू पिटीशन खारिज कर दी गई है। अब आपको क्यूरेटिव दाखिल करना होगा। लेकिन आप ऐसा नहीं करना चाहते। CJI ने यह भी साफ किय
Dainik Bhaskar कुर्सियां खाली, माला डलवा रहे कुलदीप बिश्नोई, VIDEO वायरल:दुष्यंत बोले- अब कुर्सियां ही कुर्सियां इंतजार में; कांग्रेस बोली- हरियाणा चुनाव परिणाम दिख रहा
हरियाणा में BJP नेता पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई का एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें वह गले में माला डलवाकर फोटो खिंचवा रहे हैं लेकिन सामने की सारी कुर्सियां खाली पड़ी हैं। इस पर JJP राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने सोशल मीडिया पर लिखा-"जिंदगी भर तड़पते रहे ये एक कुर्सी के प्यार में, अब कुर्सियां ही कुर्सियां हैं इनके इंतजार में।" इस वीडियो पर तंज कसने में हरियाणा कांग्रेस भी नहीं चूकी। उन्होंने इसे चुनाव के रिजल्ट से जोड़ते हुए लिखा- 'भव्य' स्वागत, आदमपुर के रुझान, दिख रहा हरियाणा का परिणाम। 9 सेकेंड के वायरल वीडियो में क्या? कुलदीप बिश्नोई को लेकर वायरल हुआ वीडियो 9 सेकेंड का है। इसमें दिख रहा है कि करीब 9-10 लोग कुलदीप बिश्नोई का स्वागत कर रहे हैं। हालांकि इस दौरान सामने रखी सभी कुर्सियां खाली पड़ी हैं। यह कोई सड़क के किनारे की जगह है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ कि यह वीडियो कब और कहां का है?। भव्य बिश्नोई आदमपुर से चुनाव लड़ रहे कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई हिसार की आदमपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। भव्य बिश्नोई ने आदमपुर विधानसभा उपचुनाव जीता था। भाजपा ने उन्हें फिर से टिकट देकर मैदान में उतारा है। इस सीट पर 56 साल से भजनलाल परिवार का ही कब्जा है। साल 1968 में भजनलाल यहां से पहला चुनाव जीते थे, तब से लेकर अब तक कोई भी आदमपुर के किले को भेद नहीं पाया है। बीजेपी में सीएम पद के कुलदीप दावेदार पूर्व सीएम भजनलाल के सियासी वारिस कुलदीप बिश्नोई भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में अपनी दावेदारी जताई थी। हालांकि उन्होंने यह भी क्लियर किया था कि इस चुनाव में नायब सैनी ही सीएम के चेहरा हैं। कुलदीप ने कहा था कि वह भाजपा में आने के बाद भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं, मैं हमेशा मुख्यमंत्री पद का दावेदार रहूंगा। पता नहीं किस्मत कब पलटी मार जाए। ये खबर भी पढ़ें... पूर्व IAS ने आदमपुर में मुकाबला कड़ा किया, कांग्रेस ने भजनलाल के करीबी के भतीजे को उतार समीकरण बिगाड़े; ओबीसी वोट बंटे तो BJP फंसेगी हरियाणा में हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा सीट हॉट बनी हुई है, क्योंकि इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल का परिवार यहां से चुनाव लड़ रहा है। इस सीट पर 56 साल से भजनलाल परिवार का ही कब्जा है। साल 1968 में भजनलाल यहां से
Dainik Bhaskar एमपी के 35वें मुख्य सचिव होंगे अनुराग जैन:केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटेंगे; मध्यप्रदेश पब्लिक सर्विसेज डिलीवरी एक्ट लागू कराने में रहा अहम रोल
मध्यप्रदेश के नए मुख्य सचिव अनुराग जैन होंगे। वे अगस्त 2025 तक इस पद पर रहेंगे। हालांकि नियुक्ति आदेश आज शाम तक जारी होगा। अनुराग जैन 1989 बैच के आईएएस अफसर हैं। मौजूदा मुख्य सचिव वीरा राणा का सर्विस एक्सटेंशन 30 सितंबर को यानी आज खत्म हो रहा है। जैन को मुख्य सचिव बनाने से किसी भी अफसर को सुपर सीड नहीं किया जाएगा। उनकी नियुक्ति का आधार अनुभव और सीनियोरिटी है। हालांकि वे सीएम डॉ. मोहन यादव की पसंद भी हैं। अनुराग जैन को सीएस बनाने की चर्चा नौ महीने पहले भी हुई थी, जब सीएम डॉ. मोहन यादव से दिल्ली स्थित एमपी भवन में उनकी मुलाकात हुई थी। माना जा रहा था कि वे जल्द ही एमपी लौट सकते हैं। अनुराग जैन को केंद्रीय प्रति नियुक्ति से वापस करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने डीओपीटी को पत्र भेजा है। हालांकि आज सुबह सीएम हाउस में 1990 बैच के आईएएस डॉ. राजेश राजौरा को वहां मौजूद अफसरों ने बधाई भी दे दी थी। इस दौरान पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान सीएम हाउस में थे। उनकी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आधे घंटे तक मुलाकात भी हुई। अनुराग जैन 30 मई 2020 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। पूर्व मुख्य सचिव रहे इकबाल सिंह बैंस के एक्सटेंशन के समय भी जैन के मुख्य सचिव बनने की चर्चा थी, लेकिन केंद्र ने उन्हें नहीं छोड़ा। बता दें, अनुराग जैन के साथ राजेश राजौरा, मोहम्मद सुलेमान और जेएन कंसोटिया के नाम भी मुख्य सचिव के लिए चर्चा में थे। मोदी 3.0 में अहम मंत्रालय की कमान मिली थी 10 साल पहले पीएमओ में संयुक्त सचिव रहे अनुराग जैन को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में सबसे अहम मंत्रालय रोड, ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे की कमान दी गई है। जैन मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दो बार सचिव रह चुके हैं। वे भोपाल के कलेक्टर भी रहे हैं। जैन वित्त प्रबंधन के अच्छे जानकार माने जाते हैं। यही वजह है कि 2019 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद कमलनाथ सरकार ने उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन मई 2020 में वे फिर से प्रतिनियुक्ति पर केंद्र चले गए। अनुराग जैन ने दिसंबर 2013 से फरवरी 2014 तक भारतीय निर्यात-आयात बैंक के कार्यवाहक अध्यक्ष और कार्यवाहक प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया है। अनुराग जैन की मध्यप्रदेश में पब्लिक सर्विसेज डिलीवरी एक्ट को लागू कराने में अहम भूमिका रही है। पीएम गति शक्
Dainik Bhaskar कुल्लू में मस्जिद विवाद में प्रदर्शन:DC ने धारा 163 लगाकर प्रोटेस्ट पर रोक लगाई, देवभूमि संघर्ष समिति ने किया था आह्वान
हिमाचल की राजधानी से भड़की मस्जिद विवाद की चिंगारी प्रदेश के अन्य शहरों में भी तेजी से सुलग रही है। इसी कड़ी में कुल्लू में देवभूमि संघर्ष समिति आज प्रदर्शन कर रही है। कुछ देर में प्रदर्शन शुरू हो जाएगा। DC कुल्लू तोरुल एस रविश ने शान्ति एवं क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 लागू कर प्रदर्शन पर पांबंदी लगा दी है। इसे पांच या इससे ज्यादा लोगों के एक साथ चलने पर रोक लग गई है। DC द्वारा धारा 163 लागू करने के बावजूद देवभूमि संघर्ष समिति द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। सुबह 10 से दोपहर बाद 4 बजे तक प्रदर्शन पर रोक यह रोक सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक भेखली बाइपास से पेट्रोल पम्प तक लागू की गई। वहीं पुलिस प्रशासन ने एक दिन पूर्व से ही अखाड़ा बाजार में गश्त बढ़ा दी है। इस दौरान संजौली की अवैध मस्जिद को गिराने, वक्फ बोर्ड को भंग करने के अलावा कुल्लू में बनी मस्जिद का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। देवभूमि हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष क्षतिज सूद ने बताया कि आज मस्जिद के विरोध में शांतिपूर्ण धरने का आयोजन रखा है। गेमन पुल के पास सभी एकत्रित होंगे। वहीं तय किया जाएगा रैली कहां से निकालनी है। वहीं कुल्लू में जामा मस्जिद को लेकर एसडीएम विकास शुक्ला स्पष्ट कर चुके हैं कि मस्जिद अवैध नहीं। क्या है मस्जिद विवाद शिमला के मैहली में बीते 31 अगस्त को 2 गुटों में लड़ाई के बाद मस्जिद विवाद गरमाया। लोकल व्यक्ति को मारने वाले विशेष समुदाय के 6 लोग संजौली मस्जिद में छिप गए थे। इसके बाद मस्जिद को तोड़ने की मांग तेज हुई, क्योंकि संजौली में मस्जिद बिना नक्शे के ब़नाई गई। जिस मस्जिद का मुस्लिम समुदाय आजादी से पहले बना होने का दावा कर रहा है, वह 1947 से पहले की है, लेकिन तब यह 2 मंजिला था। साल 2010 से 2020 के बीच यहां 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई। हिंदू संगठन इस मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने की मांग कर रहे है। इसी मांग को लेकर शिमला में 1 और 5 सितंबर को प्रदर्शन हुआ। 11 सितंबर को बड़ी संख्या में लोगों ने संजौली-ढली में प्रदर्शन किया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इससे हिंदू संगठन भड़क गए और देवभूमि संघर्ष समिति अलग अलग शहरों में प्रदर्शन कर रही है। इसी कड़ी में आज कुल्लू में प्रदर्शन रखा गया है।
Dainik Bhaskar शाह बोले-खड़गे ने अपने नेताओं से ज्यादा घटिया बात कही:कांग्रेस अध्यक्ष ने कल जम्मू में कहा- मोदी को PM पद से हटाए बिना मरने वाला नहीं
गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के मोदी पर दिए बयान पर निशाना साधा। शाह ने कहा- "कांग्रेस अध्यक्ष अपने पार्टी नेताओं से ज्यादा शर्मनाक बयान देते हैं। हमारी प्रार्थना है कि वे अनेक वर्षों तक जीवित रहें और 2047 तक विकसित भारत का निर्माण होते देखें।" दरअसल, कठुआ में एक रैली के दौरान 83 साल के कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तबीयत बिगड़ गई थी। बाद में लौटकर उन्होंने कहा था कि जब तक वे मोदी को हटाएंगे नहीं, जिंदा रहेंगे। शाह ने सोशल मीडिया पर खड़गे को जवाब दिया शाह ने लिखा- "कल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी ने अपने भाषण में खुद, अपने नेताओं और अपनी पार्टी से भी ज्यादा घटिया और शर्मनाक बात कही। उन्होंने अपनी कटुता का परिचय देते हुए बेवजह पीएम मोदी को अपने निजी स्वास्थ्य के मामले में घसीटा और कहा कि वे पीएम मोदी को सत्ता से हटाकर ही दम लेंगे। इससे पता चलता है कि इन कांग्रेसियों में पीएम मोदी के प्रति कितनी नफरत और डर है कि वे हर समय उनके बारे में सोचते रहते हैं। जहां तक श्री खड़गे जी के स्वास्थ्य की बात है, मोदी जी प्रार्थना करते हैं, मैं प्रार्थना करता हूं और हम सभी प्रार्थना करते हैं कि वे दीर्घायु और स्वस्थ रहें। वे अनेक वर्षों तक जीवित रहें और 2047 तक विकसित भारत का निर्माण होते देखें।" खड़गे कल जम्मू में भाषण के दौरान बेहोश हुए, कहा- मोदी को हटाए बिना मरूंगा नहीं 29 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए मंच पर बेहोश हो गए थे। खड़गे 28 सितंबर को कठुआ में मारे गए कॉन्स्टेबल को श्रद्धांजलि दे रहे थे, तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई। भाषण देते हुए खड़गे की आवाज धीमी होती चली गई और अचानक वे बेसुध हो गए। इसके चलते भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। मंच पर खड़े लोगों ने उन्हें सहारा देकर बैठाया। इसके बाद उनके भाषण को रोक दिया गया। तबीयत ठीक होने के बाद खड़गे वापस मंच पर आए और कहा- "मैं 83 साल का हो गया हूं, लेकिन इतना जल्दी मरने वाला नहीं हूं। जब तक मोदी को हटाएंगे नहीं, मैं जिंदा रहूंगा। आपकी बात सुनता रहूंगा। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए बात रखता रहूंगा।" जम्मू-कश्मीर में कल वोटिंग का आखिरी दिन जम्मू-कश्मीर में कल वोटिंग का आखिरी दिन है। थर्ड फेज में 7 जिलों की 40 विधानसभ
Dainik Bhaskar मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार:8 अक्टूबर को नेशनल अवॉर्ड सेरेमनी में सम्मान मिलेगा; 350 से ज्यादा फिल्में कीं, 3 नेशनल अवॉर्ड जीते
दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड इस साल मिथुन चक्रवर्ती को दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार (30 सितंबर) को इसकी ऑफिशियल अनाउंसमेंट की। 8 अक्टूबर को 70वीं नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी में मिथुन को सम्मान दिया जाएगा। मिथुन ने अपना फिल्मी करियर 1976 में मृगया से शुरू किया था। पहली ही फिल्म में उन्होंने नेशनल अवॉर्ड जीता। 1982 में आई डिस्को डांसर से उन्हें पहचान मिली। केंद्रीय मंत्री ने लिखा- मिथुन को दादा साहब फाल्के देते हुए गर्व महसूस कर रहे अश्विनी वैष्णव ने X लिखा, मिथुन दा की उल्लेखनीय सिनेमैटिक जर्नी कई जनरेशन्स को इंस्पायर करती है। ये अनाउंस करते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि दादा साहेब फाल्के सिलेक्शन जूरी ने इस साल लेजेंड्री एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को उनके भारतीय सिनेमा को दिए आइकॉनिक योगदान के लिए ये अवॉर्ड देने का फैसला किया है। 350 से ज्यादा फिल्में कीं, 3 नेशनल अवॉर्ड जीते 16 जून 1950 को मिथुन चक्रवर्ती का जन्म कोलकाता में हुआ था। उनका असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। मिथुन ने 1976 की आर्ट फिल्म मृगया से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म के लिए उन्हें पहला नेशनल अवॉर्ड मिला था। मिथुन अपने करियर में 3 नेशनल अवॉर्ड हासिल कर चुके हैं। उन्हें दूसरा नेशनल अवॉर्ड 1993 की फिल्म तहादेर कथा, जबकि तीसरा नेशनल अवॉर्ड 1996 की स्वामी विवेकानंद के लिए मिला। करीब 4 दशकों के एक्टिंग करियर में मिथुन बंगाली, हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़,ओडिया और भोजपुरी जैसी कई भाषाओं की 350 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। मिथुन हाईएक्ट पेड एक्टर्स में से एक थे जनवरी 2024 में मिथुन चक्रवर्ती को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। मिथुन को भारतीय सिनेमा के इतिहास के बड़े एक्टर्स में गिना जाता है। मिथुन इकलौते एक्टर हैं, जिन्हें अपनी पहली ही फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर के नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 80-90 के दशक के बीच मिथुन भारत के हाईएस्ट पेड एक्टर्स में से एक रहे हैं। मिथुन चक्रवर्ती की आखिरी रिलीज हुई हिंदी फिल्म साल 2022 की द कश्मीर फाइल्स थी। इसके अलावा वे बंगाली फिल्म प्रजापति और काबुलीवाला में भी नजर आए। लिम्का बुक में दर्ज है मिथुन का नाम मिथुन चक्रवर्ती की साल 1989 में 19 फिल्में रिलीज हुई थीं, जिनमें वो बतौर लीड एक्टर नजर आए थे। उनका ये रिकॉर्ड नाम लिम्का बुक ऑफ रिक
Dainik Bhaskar पंजाब में सरपंच पद के लिए 2 करोड़ की बोली:3 दावेदार, भाजपा नेता आगे; दावा यह कि पैसा गांव के विकास में खर्च करेंगे
पंजाब में पंचायत चुनाव के ऐलान के बाद गांवों में हलचल शुरू हो गई है। गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक के गांव हरदोवाल कलां में सरपंच पद के लिए 2 करोड़ की बोली लगाई गई। अभी तक इस पर फैसला नहीं आया है। गांव में आज भी बोली जारी रहेगी। भाजपा नेता आत्मा सिंह के मुताबिक यह बोली और भी ऊंची जाएगी। इस बोली को लेकर सभी गांववालों की सहमति है। वहीं गांव की युवा सभा का दावा है कि बोली से आने वाला पैसे गांव के विकास पर खर्च किया जाएगा। जबकि पंचायत को दी जाने वाली ग्रांट अलग से होगी। सूत्रों के मुताबिक अभी तक प्रशासन के पास कोई शिकायत नहीं पहुंची है। गांव में इस तरह की प्रक्रिया पहली बार हो रही है। इस मामले में गुरदासपुर के चुनाव अधिकारी उमा शंकर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। 2011 की जनगणना के मुताबिक गांव में 824 घर हैं। कुल जनसंख्या 4742 है, जिसमें 2494 पुरुष व 2248 महिलाएं हैं। 3 पार्टियों के बीच है मुकाबला गांव की 3 पार्टियां इसमें बोली लगा रही हैं। जो सबसे ऊंची बोली लगाएगा, उसे सर्वसम्मति से सरपंच बनाया जाएगा। बोली लगाने वालों में आत्मा सिंह, जसविंदर सिंह बेदी, निरभैर सिंह शामिल हैं। बीजेपी नेता ने अभी तक सबसे ऊंची बोली लगाई है। बोली के लिए गुरुद्वारे से की गई घोषणा गांव में सरपंच पद के लिए बोली को लेकर गुरुद्वारा साहिब से घोषणा की गई। इसके बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई। पता चला है कि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल से कोई प्रतिनिधि बोली लगाने के लिए आगे नहीं आया। सबसे पहले भाजपा नेता आत्मा राम ने 50 लाख रुपए की बोली लगाई। उनके मुकाबले जसविंदर सिंह ने 1 करोड़ की बोली लगाई। जिसके बाद आत्मा सिंह ने 2 करोड़ की बोली लगाई। यह बोली आज भी जारी रहेगी। उधर, भाजपा नेता विजय सोनी ने आत्मा सिंह को 2 करोड़ की बोली लगाने के लिए बधाई दी है। बोली की राशि खर्च करने का अधिकार सभा को यह गुरदासपुर की सबसे बड़ी पंचायत है। पंचायत के पास 300 एकड़ की जमीन है। गांव में जब से पंचायत भंग हुई है, तब से गांव की युवा सभा (21 सदस्यीय समिति) सारी व्यवस्था देख रही है। सभा ने तय किया था कि इस बार जो व्यक्ति सरपंच पद के लिए सबसे ज्यादा राशि देगा, उसे सर्वसम्मति से गांव का सरपंच चुना जाएगा। जो पैसा आएगा, उसे सभा गांव के विकास कार्यों पर खर्च करेगी। जबकि गांव के विकास के लिए स
Dainik Bhaskar श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में हाईकोर्ट में आज सुनवाई:मुस्लिम पक्ष ने दी थी रिकॉल एप्लिकेशन, मंदिर कमेटी जवाब दाखिल करेगी
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी। मस्जिद पक्ष की ओर से इस मामले में रिकॉल एप्लिकेशन दाखिल की गई है। जिसमें कहा गया है कि वाद बिंदु तय करने से पहले रिकॉल एप्लिकेशन (किसी आदेश को वापस लेने के लिए दायर किया जाने वाला आवेदन ) पर सुनवाई हो। इस पर मंदिर पक्ष ने विरोध किया। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने मंदिर पक्ष से 30 सितंबर तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। मस्जिद पक्ष चाहता है कि सभी मामलों को अलग-अलग सुना जाए। जबकि कोर्ट सभी सिविल वादों की एकसाथ सुनवाई करने का फैसला दे चुका है। रिकॉल एप्लिकेशन पर मंदिर पक्ष का जवाब न दाखिल होने की वजह से इस पर बहस नहीं हो सकी थी। अब सोमवार को मंदिर पक्ष जवाब दाखिल करेगा तो बहस और दलीलें शुरू होंगी। 25 सितंबर को दो घंटे चली थी सुनवाई इस मामले पर 25 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में 2 घंटे तक सुनवाई चली थी। मंदिर और मस्जिद दोनों पक्ष कोर्ट में मौजूद थे। तब कोर्ट ने हिंदू पक्ष से जवाब देने को कहा था और सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की थी। कोर्ट ने ASI को जवाब दाखिल करने के लिए कहा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में पूर्व में मस्जिद पक्ष ने सीपीसी के आदेश 7, नियम 11 के तहत सिविल वाद को चुनौती दी थी। वाद संख्या 3, जिसमें आगरा के शाही ईदगाह मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण की मांग है, उस पर भी 25 सितंबर को संक्षिप्त सुनवाई हुई। जिस पर कोर्ट ने एएसआई को जवाब दाखिल करने के लिए कहा। यह वाद भी अगली तारीख पर सुना जाएगा। कोर्ट ने मंदिर पक्ष से मस्जिद पक्ष की अर्जी पर जवाब मांगा था। अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मामले का पूरा विवाद समझिए.. 25 सितंबर, 2020 को पहली बार इस मामले में मथुरा जिला अदालत में याचिका दायर की गई। 5 दिन बाद ही 30 सितंबर को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज छाया शर्मा ने इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि भगवान श्रीकृष्ण के पूरी दुनिया में असंख्य भक्त हैं। अगर हर भक्त की याचिका पर सुनवाई की इजाजत देंगे तो न्यायिक एवं सामाजिक व्यवस्था चरमरा जाएगी। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता न तो पक्षकार हैं और न ही ट्रस्टी, इसलिए याचिका खारिज की जाती है। बिना देर किए 30 सितंबर को ही इस मामले में पुनर्विच
Dainik Bhaskar सुप्रीम कोर्ट में मेनका गांधी की याचिका पर सुनवाई आज:दावा- सुल्तानपुर के सपा सांसद ने हलफनामे में 4 केस छिपाए, चुनाव रद्द हो
पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की याचिका पर आज 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। वे सुल्तानपुर के सपा सांसद रामभुआल निषाद के खिलाफ कोर्ट पहुंची हैं। उनका आरोप है- सपा सांसद ने 2024 लोकसभा चुनावी हलफनामे में 4 केस छिपाए। उन्होंने इन मुकदमों का जिक्र नहीं किया, इसलिए उनका निर्वाचन खारिज किया जाए। लोकसभा चुनाव 2024 में पहली बार समाजवादी पार्टी ने सुल्तानपुर में अपना खाता खोला था। सपा से रामभुआल निषाद ने भाजपा प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को 43,174 मतों से हराया था। अब पढ़िए मेनका गांधी ने क्या आरोप लगाए... 12 मुकदमों में 8 केस का ही किया जिक्र पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने याचिका में कहा- चुनावी शपथ पत्र में पूर्व मंत्री और सपा सांसद राम भुआल निषाद के खिलाफ 12 आपराधिक मामले लंबित हैं। उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में सिर्फ 8 का ही जिक्र किया है। उन्होंने आपराधिक मामले को छिपाने को भ्रष्ट आचरण करार देते हुए उनका निर्वाचन खारिज करने की मांग की। 27 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में मेनका गांधी ने याचिका दायर की थी। 14 अगस्त को हाईकोर्ट से खारिज हुई थी याचिका हाईकोर्ट ने 14 अगस्त को मेनका गांधी की याचिका को खारिज करके उन्हें बड़ा झटका दे दिया था। इस फैसले से सपा खेमे ने काफी राहत की सांस ली थी। कोर्ट ने याचिका को समय सीमा के उल्लंघन और जनप्रतिनिधित्व एक्ट की धारा 81 और 86 के खिलाफ माना। यह जनप्रतिनिधित्व एक्ट 1951 के तहत दी गई समय सीमा 45 दिन से 7 दिन बाद दायर की गई थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा- मेनका गांधी की याचिका समय सीमा से बाधित थी। इस कारण इस याचिका को खारिज किया जाता है। कोर्ट ने मामले में 5 अगस्त को सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। केस की सुनवाई जस्टिस राजन रॉयक की एकल पीठ ने की और मेनका गांधी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने दलीलें पेश की थीं। हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में वकील सुप्रिया जुनेजा ने मेनका गांधी की तरफ से याचिका दाखिल की थी। पिछली सुनवाई 20 सितंबर को हुई थी याचिका पर 20 सितंबर को जस्टिस सूर्याकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने सुनवाई की थी। तब 30 सितंबर अगली डेट दी थी। मेनका गांधी ने अलग से एक याचिका दाखिल कर जनप्रतिनिधि