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Dainik Bhaskar हिमाचल में मस्जिद तोड़ने पर अड़े लोग:निगम आयुक्त से मिलने जा रहे; आदेशों को सेशन कोर्ट में चुनौती दे चुका वक्फ बोर्ड

हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली के बाद अब शिमला के उप नगर कसुम्पटी में भी मस्जिद गिराने की मांग पर लोग अड़ गए हैं। इसे लेकर आज कसुम्पटी वासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम (MC) आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मिलने जा रहा है, जो मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग करेंगे। MC आयुक्त कोर्ट एक साल पहले ही कसुम्पटी मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के आदेश सुना चुका है। मगर मुस्लिम समुदाय ने MC आयुक्त के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दे रखी है। अभी यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कसुम्पटी वार्ड की पार्षद रचना शर्मा ने कहा, हर शुक्रवार को मस्जिद के छोटे से ढांचे में 100 से ज्यादा लोग नमाज पढ़ने आते हैं, तब यहां चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है। इसलिए मस्जिद को गिराने की MC आयुक्त से मांग की जाएगी। शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने कहा कि कसुम्पटी से एक किलोमीटर आगे दूसरी मस्जिद है। ऐसे में कसुम्पटी में मस्जिद की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा, इससे बाज़ार में न्यूसेंस क्रिएट हो रही है। उन्होंने इस अवैध मस्जिद को तुंरत हटाने की मांग की है। पूर्व मेयर ने कहा कि यह जमीन वक्फ बोर्ड ने सदीक मोहम्मद की घरवाली मुमताज बेगम के नाम पर लीज पर दी था। लेकिन उनके बच्चों ने इसे बाहर से आने वाले लोगों को दे दिया। आजादी से पहले की बनी मस्जिद: कुतुबुद्दीन वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन ने दावा किया कि कसुम्पटी क्षेत्र में वफ्फ बोर्ड की जमीन है। उनके पास इसका राजस्व रिकॉर्ड भी है। कसुम्पटी में बनी मस्जिद आजादी से पहले की है और यहां जमीन या मस्जिद पर कोई विवाद नहीं है। सिर्फ कुछ निर्माण को नगर निगम कोर्ट ने हटाने के आदेश दिए है, जिससे संबंधित मामला अब सेशन कोर्ट में लंबित है। अब सिलसिलेवार पढ़िए कैसे पैदा हुआ मस्जिद विवाद ... दरअसल, बीते 31 अगस्त को शिमला के मैहली में दो गुटों के बीच लड़ाई हुई। इसके आरोपी संजौली मस्जिद में छिप गए। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। 1 सितंबर को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों में संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। 5 सितंबर को संजौली और चौड़ा मैदान में फिर प्रदर्शन कर अवैध मस्जिद गिराने की मांग उठी। इसी दिन कसुम्पटी में भी अवैध मस्जिद को तोड़ने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन हुआ। पुलिस को हल्

Dainik Bhaskar सिद्धू के पूर्व सलाहकार मालविंदर की गिरफ्तारी का विरोध:सुखजिंदर रंधावा बोले- डिजिटल इमरजेंसी के बने हालात; राजा वड़िंग ने बताया आश्चर्यजनक

पंजाब में मोहाली पुलिस ने पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू के पूर्व राजनीतिक सलाहकार मालविंदर सिंह माली को सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया है। मोहाली पुलिस के सीआईए विंग की तरफ से टीम देर शाम उनके घर पहुंची। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। मलविंदर माली के खिलाफ मोहाली पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। मलविंदर माली की गिरफ्तारी के बाद पंजाब की सियासत में उसका विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर इसका विरोध किया है और इसे डिजिटल इमरजेंसी करार दिया है। हांलाकि आम आदमी पार्टी का अभी तक इसे पर कोई बयान नहीं आया है और ना ही पुलिस की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि मलविंदर माली को किस पोस्ट के लिए अरेस्ट किया गया है। मालविंदर माली को अरेस्ट करने का वीडियो आया सामने सोमवार रात हुई गिरफ्तारी के बाद अब एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें पता चलता है कि जब मलविंदर माली को अरेस्ट किया गया, वे घर में अपने दोस्तों के साथ ड्रिंक कर रहे थे। सीआईए मोहाली की टीम उन्हें अरेस्ट करने पहुंची। मालविंदर माली ने इस दौरान उनसे अरेस्ट वारंट भी मांगा। लेकिन टीम ने कहा कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। ऐसे में उन्हें अरेस्ट करने के लिए किसी वारंट की जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं, मालविंदर माली के दोस्तों को भी दूर रहने की सलाह दी गई, क्योंकि उन्होंने ड्रिंक कर रखी थी। पंजाब में डिजिटल इमरजेंसी जैसे हालात गुरदासपुर से कांग्रेस के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा- डिजिटल आपातकाल की स्थिति वे सरकारी बना रही है, जो स्वयं सोशल मीडिया के ऊपर परिवर्तन की बातें करके खुद सत्ता में आई। जो आज भी डिजिटल मीडिया पर करोड़ रुपए खर्च कर रही है। मालविंदर सिंह माली के जैसे पत्रकार और हर व्यक्ति जाे पंजाबी के अधिकारों की बात करता है और हर समय सरकार की आलोचना करता आया है, उन्हें ये लोग दबाने का प्रयास करते हैं। इनको जेलों में चल रहे मोबाइल फोन, जेलों में हो रहे गैंगस्टरों का इंटरव्यू, बढ़ रही गुंडागर्दी नहीं दिखाई देती। पंजाबी सीएम भगवंत मान तानाशाही के रास्ते पर पहले दिन ही चल पड़े थे, पर उनका यह रास्ता पंजाबी रोकेंगे। राजा वडिंग ने मालविंदर को छोड़ने को कहा लुधियाना से सांसद व पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर

Dainik Bhaskar श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद, मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज:SC में हाईकोर्ट के हिंदू पक्ष की 18 याचिकाएं सुनी जाने के फैसले को चुनौती दी थी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (17 सितंबर) को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। हिंदू पक्ष की 18 याचिका एक साथ सुनी जाएंगी। मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। दरअसल, 1 अगस्त को हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने 18 याचिकाएं एक साथ सुनने का फैसला सुनाया था। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि हिंदू पक्ष के दाखिल सभी वाद सुनने योग्य ही नहीं हैं। लिहाजा इनको खारिज किया जाए। हिंदू पक्ष का कहना है कि सभी याचिकाएं एक ही नेचर की हैं। इसलिए एक ही सभी याचिकाएं सुनी जाएं। अब पढ़िए हिंदू और मुस्लिम पक्ष के तर्क... हिंदू पक्षकारों के 11 तर्क मुस्लिम पक्षकारों की दलीलें श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद और जन्मभूमि के इतिहास को ग्राफिस से समझिए... यह खबर भी पढ़ें... श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज:हाईकोर्ट हिंदू पक्ष की 18 याचिकाएं एक साथ सुनेगा, दावा- ईदगाह गर्भगृह की जमीन पर मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार (1 अगस्त) को यह फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से दायर 18 याचिकाएं एक साथ सुनी जाएंगी। पढ़ें पूरी खबर

Dainik Bhaskar बहबलकलां इंसाफ मोर्चा के नेता सुखराज सिंह दिल्ली तलब:एनआईए ने नोटिस भेजकर बुलाया, 19 को होगी पूछताछ, वजह साफ नहीं

बहबलकलां इंसाफ मोर्चा के नेता सुखराज सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी NIA ने तलब किया है। उन्हें 19 सितंबर को दिल्ली में बुलाया गया है। सुखराज सिंह ने मीडिया से बातचीत में नोटिस मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि वह पूछताछ में शामिल होंगे। हालांकि उन्हें किस लिए बुलाया गया है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह इस मामले को पहले की तरह उठाते रहेंगे। कुछ दिन पहले एनआईए ने उनके करीबियों पर रेड की थी। गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ने की तैयारी बहबलकलां में 14 अक्टूबर 2015 को फरीदकोट जिले के बरगाड़ी में बेअदबी की घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 2 सिख प्रदर्शनकारियों, सरवन गांव के गुरजीत सिंह और फरीदकोट जिले के नियामीवाला गांव के कृष्ण भगवान सिंह की मौत हो गई थी। कृष्ण भगवान सिंह का ही बेटा सुखराज सिंह है। उन्होंने भी गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने कहा था कि हम पिछले 9 सालों से न्याय का इंतजार कर रहे हैं। मेरे पिता की हत्या शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान की गई थी, लेकिन 3 सरकारों ने न्याय नहीं दिलाया। हम प्रदर्शन के जरिए नेताओं से सवाल पूछते रहे हैं, लेकिन जो भी सरकार में आता है, वह भागने की कोशिश करता है। अब मैं दूसरे नेताओं पर निर्भर रहने के बजाय सीधे विधानसभा में उनसे सवाल पूछना चाहता हूं। हम विधानसभा में उनके बीच आकर उनका मुकाबला करेंगे।

Dainik Bhaskar फिरोजाबाद में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, 5 मौत:6 मकान ढहे; 2 बच्चे खोने वाली मां बोलीं- योगी आएंगे तभी अंतिम संस्कार करेंगे

फिरोजाबाद में अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया। सोमवार देर रात हुए धमाके से आसपास के 6 मकान ढह गए। हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। मलबे से 11 लोगों को बाहर निकाला गया। 15 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। SDRF और फायर ब्रिगेड की टीम स्निफर डॉग की मदद से मलबे में तलाश कर रही है कि कहीं कोई और तो नहीं दबा है। हालांकि, अब किसी के लापता होने की जानकारी नहीं है। इधर, ग्रामीणों ने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हादसे में बेटा-बेटी को खोने वाली मां ने कहा- मेरा सब कुछ खत्म हो गा। जब तक सीएम योगी नहीं आएंगे, तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। सीएम योगी ने मृतकों को परिजनों को 4-4 मुआवजा देने का ऐलान किया है। हादसा रात 10.10 बजे नौशेरा गांव में हुआ। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आबादी के बीच फैक्ट्री चल रही थी, लेकिन आसपास के लोगों को इसका पता नहीं था। हादसे के बाद पहुंची पुलिस टीम को लोगों ने दौड़ा लिया। अफसरों ने आक्रोशित लोगों को किसी तरह से शांत कराया। इसके बाद रेस्क्यू शुरू हुआ। घटना के वक्त फैक्ट्री में कोई नहीं था। सभी मरने वाले सभी आसपास के घरों के हैं। इस वजह से लोग प्रशासन से नाराज हैं। धमाका इतना तेज था कि 1 किमी तक आवाज सुनाई दी। घरों के खिड़की-दरवाजे टूट गए और दीवारों में दरारें तक पड़ गईं। हादसे की 2 तस्वीरें देखिए...

Dainik Bhaskar पंजाबी सिंगर जैज धामी को हुआ कैंसर:सोशल मीडिया पर शेयर की भावुक पोस्ट; बोले-कैंसर से सिर्फ फैंस-फैमिली के लिए लड़ रहा हूं

पंजाब के मशहूर सिंगर जैज धामी को कैंसर हो गया। इसकी जानकारी उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की है। पोस्ट शेयर कर धामी ने कहा- मैं अपने फैंस को मेरी कैंसर की लड़ाई के बारे में बताना चाहता हूं। जिसमें मैंने आज तक किसी को पता नहीं चलने दिया और उसे निजी रखा। जैज धामी ने कहा कि साल 2022 में मेरा नया गाना आया, पूरी दुनिया ने मेरा वो गाना सुना और प्रशंसा की। लाखों लोगों तक मेरी आवाज पहुंची। गाने की प्रमोशन के लिए मैं एक स्टेज पर था और परफॉर्म कर रहा था। इन सभी चीजों का सिर्फ मैंने बचपन में सपना देखा था। मैं डेढ़ साल पहले पिता बना। मेरी लाइफ बहुत अच्छी चल रही थी। धामी बोले- मेरी पत्नी ने मुझे कैंसर से लड़ने की हिम्मत दी मगर एक दिन ऐसा आया, जिसने सब कुछ बदल कर रख दिया। 2022 के फरवरी माह में मुझे पता चला कि मुझे कैंसर हो चुका है। तब से लेकर आज तक मैं संघर्ष कर रहा हूं। पहले पहले में इस बीमारी को लेकर बहुत डर गया था, सोचता था कि मेरे साथ क्या होगा। मैंने इतना सोचना शुरू कर दिया था कि मैं कमजोर पड़ने लगा था। फिर मेरी पत्नी ने मुझे हिम्मत दी और कहा- तुम्हें इससे लड़ना होगा। परिवार और फैंस के सपोर्ट ने मुझे मजबूत बनाया धामी ने आगे कहा- मैं अब अपने परिवार, फैंस और करियर के लिए लड़ रहा हूं। मुझे ये भी पता है कि मेरा सफर आसान नहीं रहने वाला, क्योंकि ये सफर काफी लंबा होगा। मगर फैंस के सपोर्ट से मजबूत हो रहा हूं। मैं जानता हूं कि मैं इससे लड़ सकता हूं, क्योंकि मुझे पता है कि मेरे पास मेरे परिवार और फैंस का सपोर्ट है। मैं जल्द वापस लौटूंगा।

Dainik Bhaskar अंतिम 72 घंटों में भारत-अमेरिकी सैनिकों की अग्निपरीक्षा:आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करेंगे, -35 डिग्री में रहने वाली विदेशी सेना रेगिस्तान में कर रही युद्धाभ्यास

अमेरिकी और भारतीय सेना की जल्दी ही अग्निपरीक्षा शुरू होगी। दोनों देशों की सेनाओं को अपना दमखम दिखाने का मौका दिया जाएगा। 72 घंटे तक चलने वाली लड़ाई बस प्रैक्टिस (अभ्यास) के लिए होगी। इस दौरान सेना के जवान आतंकी ठिकानों को टारगेट करेंगे। -35 डिग्री में रहने वाली विदेशी सेना के जवान राजस्थान (बीकानेर) के रेगिस्तान में पिछले करीब एक हफ्ते से पसीना बहा रहे हैं। 36 डिग्री की गर्मी में दुश्मनों को मात देने के गुर सीख रहे हैं। दोनों देशों के इस संयुक्त अभ्यास में बड़ी संख्या में महिला सैनिक भी हिस्सा ले रही हैं। बीकानेर के महाजन फायरिंग रेंज में नौ सितंबर को शुरू हुआ था युद्धाभ्यास इंडियन आर्मी और अमेरिकी सेना के ‘युद्धाभ्यास’ का 20वां एडिशन बीकानेर के महाजन फायरिंग रेंज में नौ सितंबर को शुरू हुआ था। 22 सितम्बर तक चलने वाले इस अभ्यास में इंडियन आर्मी के साथ दुनिया के शक्तिशाली देश अमेरिका के जवान हिस्सा ले रहे हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है। आतंकियों को खत्म करने में मददगार 14 दिन तक चलने वाले इस अभ्यास के अंतिम 72 घंटे बहुत ही महत्वपूर्ण होंगे। इस दौरान दोनों सेनाओं के 1200 सैनिक आपस में ही लड़ेंगे। यह अभ्यास आतंकी गतिविधियों से निपटने में मददगार साबित होगा। दोनों देशों के संयुक्त ऑपरेशन से भी यह जुड़ा है। अंतिम क्षणों में आतंकी ठिकानों पर हमले के दौरान आपसी तालमेल का भी शानदार प्रदर्शन किया जाएगा। भारतीय जवानों की मूंछें एक जैसी अभ्यास के लिए अमेरिका के अलास्का में तैनात आर्मी भारत आई है। इसे ‘आर्कटिक एंजेल्स’ के नाम से जाना जाता है। अमेरिका की यह टुकड़ी -35 डिग्री की ठंड में युद्ध करने में माहिर है। वहीं भारत की 9वीं राजपूत इन्फेंट्री इसमें भाग ले रही है। इसके सभी जवानों की मूंछें एक जैसी हैं। एक साल पहले भारतीय सेना के जवान अलास्का गए थे। वहां -35 डिग्री में युद्ध करने के टिप्स लिए थे। अब अमेरिका से सेना यहां (भारत) आई है। दोनों सेनाएं आपसी तालमेल का भी प्रदर्शन करेंगी अमेरिकी सेना के 600 जवान भारतीय सैनिकों के साथ रेगिस्तानी इलाकों में युद्ध का अभ्यास कर रहे हैं। दोनों देश साथ मिलकर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के मिशन पर काम कर रहे हैं। दोनों देश टैंक, राइफल लेकर मैदान में उतरेंगे। यहां आतंकी ठिकानों को तोप से उड़ाने की प्रैक्टिस करेंगे। दुश्मन के नजदीक जाकर

Dainik Bhaskar केंद्र और पंजाब सरकार HC में आज देगी जवाब:अमृतपाल के साथी दलजीत सिंह पर दोबारा NSA लगाने का मामला, डिब्रूगढ़ जेल में है बंद

खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह के सहयोगी व अभिनेता सरबजीत सिंह उर्फ दलजीत कलसी ने उन पर दोबारा लगाए गए नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। आज (मंगलवार) को इस मामले की सुनवाई होगी। इस दौरान केंद्र सरकार, डिब्रूगढ़ जेल और पंजाब सरकार की तरफ से जवाब दाखिल किया जाएगा। गत सुनवाई पर तीनों को नोटिस जारी हुआ था। डिब्रूगढ़ जेल में बंद कलसी ने अपने वकील के माध्यम से याचिका दायर करते हुए कहा है कि उन पर एक्ट लगाना ही गलत है। अजनाला मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि सरकारी वकील ने कई दलीलें सुनवाई के दौरान रखी थी। सरकार ने इन दलीलों को सहारे लगाया NSA वकील ने बताया कि दलजीत सिंह कलसी पर NSA लगाते समय सरकार की तरफ से दलील दी गई है कि यह पंजाब की पीस व हार्मेनी के लिए खतरा है। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। वकीलों ने कहा कि NSA की अवधि को 3-3 महीने बढ़ाया जाना चाहिए। जबकि, सरकार ने सीधे एक साल के लिए बढ़ाया दिया है। यह पूरी तरह से गलत है। इसके साथ ही सरकार ने NSA लगाते हुए तर्क यह भी दिया है कि सोशल मीडिया पर इसके बारे में कई पोस्ट हैं। कई लोगों के नाम बताए गए जो इनके साथ खड़े होने का दावा कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि माहौल खराब होगा। कलसी के वकीलों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कलसी जेल के अंदर है। इसके साथ ही उन्होंने इस संबंधी उचित दस्तावेज पेश किए। अदालत में सरकार की तरफ से जवाब देने के लिए 5 हफ्ते का समय मांगा। जबकि, कलसी के वकीलों ने इसका भी विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि कलसी डेढ़ साल से जेल में है। ऐसे में यह अवधि कम की जानी चाहिए। इसके बाद अदालत ने केंद्र व पंजाब सरकार को 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है। कलसी भी चुनाव लड़ने के इच्छुक खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथ करीब डेढ़ साल से ज्यादा समय में डिब्रूगढ़ जेल में बंद दलजीत सिंह कलसी भी चुनाव लड़ने का इच्छुक है। कुछ समय पहले इसे लेकर भी चर्चा हुई थी। कलसी ने सुखजिंदर सिंह रंधावा के सांसद बनने के बाद खाली हुई सीट डेरा बाबा नानक से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। जबकि, कुलवंत सिंह राउके पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर रहे गुरमीत सिंह मीत हेयर के सांसद बनने के बाद खाली हुई बरनाला सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। जल्दी ही इन सीटों पर विधानसभा के उप चुनाव तय

Dainik Bhaskar हरियाणा BJP की कांडा पर कुर्बानी की इनसाइड स्टोरी:3 चुनाव बाद पहली बार 89 सीटों पर लड़ेगी; इसकी 3 वजहें- कांडा, कंडीशन और कांग्रेस

हरियाणा में 3 विधानसभा चुनाव के बाद BJP पहली बार 89 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने 1 सीट गोपाल कांडा के लिए छोड़ दी है। भाजपा के अचानक लिए गए फैसले से हर कोई हैरान है। एक दिन पहले खुद को नेशनल डेमोक्रेटिक अलाइंस (NDA) का हिस्सा बताने वाले गोपाल कांडा भी भाजपा के इस कदम से हैरान हैं। जहां गोपाल कांडा दो दिन पहले तक यह कहते नहीं थक रहे थे कि आने वाली सरकार भाजपा की होगी और हम उसके साथ समझौता करेंगे। वहीं, कल कांडा यह कहते नजर आए थे कि सिरसा की जनता कांग्रेस और भाजपा दोनों से ही परेशान हो चुकी है। वह ऐसी पार्टी को जिताना चाहती है जो सिरसा में राज ला सके। कांडा ने भाजपा के समर्थन मांगने से भी इनकार कर दिया। कहा कि वह भाजपा का समर्थन नहीं चाहते। कांडा ने इससे पहले खुद का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ाव भी बताया था। कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा ने सिरसा सीट पर डमी कैंडिडेट इसलिए उतारा है, ताकि कांडा की मदद की जा सके, लेकिन अचानक नामांकन वापसी के ठीक 2 दिन पहले भाजपा कांडा के लिए दोबारा एक्टिव हो गई और सोमवार को सिरसा सीट से अपने उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा का नामांकन वापस ले लिया। कांडा को समर्थन देने की भाजपा की 3 वजहें कांग्रेस : भाजपा नहीं चाहती कि सिरसा सीट कांग्रेस जीते। भाजपा हर सीट को खास मानकर चुनाव लड़ रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान सिरसा में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा था। इसलिए, भाजपा नहीं चाहती कि सीट पर कांग्रेस विरोधी वोट बंटे। कंडीशन : गोकुल सेतिया की उम्मीदवारी से कांग्रेस की राह आसान होती दिख रही है। अचानक कांग्रेस से बागी हुए नेता भी गोकुल का समर्थन करते नजर आए। इससे भाजपा एक्टिव हो गई। कांडा : कांडा के लिए मुकाबला टफ हो गया है। भाजपा जानती है कि सिरसा सीट कांडा ही निकाल सकते हैं। उनके पास ऐसा कोई चेहरा नहीं जो कांडा से बड़ा हो। कांडा सिरसा बेल्ट में प्रभावशाली नेता हैं। लोकसभा चुनाव में कांडा ने भाजपा की मदद भी की थी। कांडा के इकरार से इनकार तक की वजह इनेलो-बसपा गठबंधन : भाजपा ने नामांकन प्रक्रिया के शुरू होने के एक दिन पहले तक कांडा से गठबंधन पर कोई फैसला नहीं लिया गया। कांडा ने 12 सितंबर को इनेलो और बसपा से गठबंधन कर लिया। बसपा और इनेलो भाजपा के खिलाफ हैं। भाजपा-कांग्रेस विरोधी वोट मिलें : शुरुआत से ही भाजपा का समर्थन लेने से पार्टी विरोधी वोट

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:मणिपुर के चार जिलों में सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई

मणिपुर के बिष्णुपुर, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और थोउबल जिलों में आज सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है ताकि लोग जरूरी सामान खरीद सकें। हालांकि किसी भी प्रकार की गैरकानूनी सभा, बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही, धरना या रैली के लिए अब भी कर्फ्यू लागू रहेगा। इंफाल पूर्व के जिलाधिकारी ने आदेश में कहा कि जिले में 1 सितंबर से कर्फ्यू लागू है, लिहाजा लोगों को दवाइयां और खाद्य सामग्री जैसी जरूरी वस्तुओं की खरीदारी के लिए प्रतिबंध में ढील देना जरूरी है। वहीं, मणिपुर सरकार ने सोमवार को 5 हिंसा प्रभावित जिलों में मोबाइल इंटरनेट बैन बढ़ा दिया। मणिपुर के गृह सचिव ने रविवार को बताया कि इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग के लोग 20 सितंबर तक मोबाइल इंटरनेट नहीं चला सकेंगे। दरअसल, मणिपुर में अचानक बढ़ी हिंसक घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने 10 सितंबर को 5 दिन के लिए इंटरनेट पर बैन लगाया था। हालांकि, 12 सितंबर को ब्रॉडबेन्ड इंटरनेट से बैन हटा लिया गया था। आज की अन्य प्रमुख खबरें... नवी मुंबई में नाबालिग का यौन शोषण करने के आरोप में 73 साल का शख्स गिरफ्तार नवी मुंबई के पंचशील नगर में पुलिस ने 73 साल के एक शख्स को नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी और विक्टिम दूर के रिश्तेदार हैं और कटकरी पाड़ा इलाके में एक-दूसरे के पड़ोस में रहते हैं। जब विक्टिम के परिवार को मामले के बारे में पता चला तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर POCSO के तहत केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

Dainik Bhaskar देश का मानसून ट्रैकर:मध्य प्रदेश समेत 4 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट; UP के 22 जिले बाढ़ की चपेट में, 2 हजार मंदिर डूबे

मौसम विभाग ने मंगलवार को छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा राजस्थान में भी बारिश का अलर्ट है। सोमवार को उत्तर प्रदेश में बीते 5 दिन से जारी बारिश के कारण 21 जिलों में बाढ़ आई है। यहां 200 से ज्यादा गांव पानी में डूबे हुए हैं। बारिश के जुड़ी घटनाओं में बीते 24 घंटे में 4 लोगों की मौत हुई। वाराणसी में 85 घाट और 2 हजार छोटे-बड़े मंदिर गंगा में डूब गए। घाट किनारे बसी कॉलोनियों में पानी भर गया। 25 हजार लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। मध्य प्रदेश में इस सीजन 40.5 इंच बारिश हो चुकी है। यह सामान्य से 8% ज्यादा है। 35 जिलों में बारिश का कोटा फुल हो चुका है। यहां 100 से 195% तक पानी गिर चुका है। श्योपुर सबसे अव्वल है। यहां सामान्य की दोगुनी यानी 195% तक बारिश हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश के 6 जिलों में मौसम विज्ञान बुधवार को गरज के साथ बारिश और बिजली का येलो अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को सोलन जिले के कुमारहट्टी के लैंडस्लाइड हुआ। इसके कारण NH 5 बंद हो गया। राज्य में भारी बारिश के कारण 74 सड़कें बंद हैं। 18 सितंबर को 11 राज्यों में बारिश का अलर्ट देश भर से मौसम की तस्वीरें... इस बार मानसून सामान्य से 16 अधिक दिन एक्टिव रहेगा मानसून के 16 अधिक दिन एक्टिव रहने की वजह राज्यों की मौसम की खबरें...

Dainik Bhaskar हरियाणा चुनाव में खाप पॉलिटिक्स:निर्दलीय को समर्थन देकर पूर्व CM चौटाला को हराया था, इस बार 4 उम्मीदवार

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में खाप पॉलिटिक्स की चर्चा तेज है। इसका कारण खापों के 4 बड़े चेहरे चुनावी मैदान में होना है। खाप पॉलिटिक्स की चर्चा इसलिए भी अहम है कि राज्य में खापों का सामाजिक से लेकर राजनीतिक फैसलों में गहरा नाता रहा है। चाहे बात किसान आंदोलन की हो या फिर खिलाड़ियों के विरोध-प्रदर्शन की। इन दोनों ही घटनाक्रम में खापों ने अहम रोल निभाया था। ऐसे में इस बार खाप से जुड़े बड़े चेहरे चुनावी रण में उतरकर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। अहलावत खाप से जुड़ीं सोनू अहलावत को आम आदमी पार्टी (AAP) ने झज्जर की बेरी सीट से टिकट दी है। वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के खिलाफ उचाना कलां सीट पर 66 गांवों के प्रतिनिधियों की बैठक के बाद खाप ने आजाद पालवा को उतारा है। इसी तरह बेरी सीट पर ही अहलावत खाप से जुड़े अमित अहलावत भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। साथ ही 360 महरौली के प्रमुख गोवर्धन सिंह भी इसी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।​​​​​ बेरी में कांग्रेस-बीजेपी दोनों के लिए खतरा बेरी सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 1,82,798 है। जाट बाहुल्य इस सीट पर कांग्रेस ने कद्दावर नेता और 6 बार के विधायक रघुबीर कादियान को फिर से चुनाव मैदान में उतारा हैं। वहीं बीजेपी ने संजय कबलाना के रूप में नया चेहरा दिया है। जेजेपी ने इस सीट पर सुनील दुजाना को टिकट दी हैं। तीनों ही नेता जाट हैं। वहीं खाप की तरफ से ताल्लुक रखने वाले अमित अहलावत, आप कैंडिडेट सोनू अहलावत और गोवर्धन सिंह भी जाट ही हैं। यहां बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबला माना जा रहा है, लेकिन खाप उम्मीदवारों के आने से कांग्रेस के लिए कुछ मुश्किल हो सकती है। अब पढ़िए खापों की पॉलिटिक्स हरियाणा में कितनी असरदार है? खाप का इतिहास और उनके विवादित फैसले 2014 में कांग्रेस को दिया था समर्थन हरियाणा की राजनीति में खाप और डेरे का फैक्टर हमेशा से हावी रहा है। 2014 से पहले डेरे और खाप के समर्थन को एक तरह से जीत की गारंटी माना जाता था, लेकिन 2014 में कई बड़े चेहरों की हार के बाद सवाल भी खड़े होने लगे। उस वक्त खापों ने कांग्रेस का समर्थन किया था, लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई। इतना ही नहीं उस वक्त गठवाला के चौधरी बलजीत सिंह और खाप से जुड़ीं संतोष दहिया चुनाव हार गईं थीं। हालांकि 2019 के चुनाव में खाप का राज्य में बड़ा असर देखने को मिला। चरखी

Dainik Bhaskar केंद्रीय मंत्री अमित शाह आज हरियाणा में:2 जगह रैलियां करेंगे, पहले भिवानी पहुंचेंगे, जेपी दलाल के लिए वोट मांगेंगे

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज हरियाणा के दौरे पर रहेंगे। वह 2 जगह रैली करेंगे। पहली भिवानी के लोहारू और दूसरी फरीदाबाद में करेंगे। सबसे पहले अमित शाह लोहारू के बहल के राजीव गांधी खेल ग्राउंड में 2 बजे आएंगे। जिसमें प्रशासन की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है। यहां वह लोहारू से भाजपा प्रत्याशी जेपी दलाल के पक्ष में रैली को संबोधित करेंगे। इसके बाद फरीदाबाद के सेक्टर 12 में रैली करेंगे। यहां उनके पहुंचने का टाइम शाम 4 बजे है। इस मौके पर उनके साथ प्रदेश चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश चुनाव सह प्रभारी बिप्लब देब, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और भाजपा के उम्मीदवार मौजूद रहेंगे। पार्टी के जिला अध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि रैली स्थल में 20 हजार कुर्सियां लगाई गई हैं। करीब 25 हजार लोगों की भीड़ इसमें जुटने वाली है। 14 सिंतबर को पीएम मोदी ने कुरुक्षेत्र में की थी रैली हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र में 14 सितंबर को पहली रैली की थी। यहां उन्होंने कहा था कि कांग्रेस का शाही (गांधी) परिवार आरक्षण को खत्म करने वाला है। मगर, जब तक मोदी है, आरक्षण की रत्ती भर भी लूट नहीं होने दूंगा। पीएम ने हरियाणा के लोगों को चेताया कि अगर यहां कांग्रेस की सरकार आई तो इसकी हालत भी हिमाचल जैसी हो जाएगी। जहां सरकार के पास कर्मचारियों को सैलरी देने के पैसे नहीं हैं। यहां तक कि सीएम और मंत्रियों को अपनी सैलरी छोड़नी पड़ रही है। इस रैली में हरियाणा की जीटी रोड बेल्ट पर लगते 6 जिलों की 23 विधानसभा सीटों के उम्मीदवार भी मौजूद रहे। ये करनाल, कुरूक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर और कैथल के थे। हरियाणा चुनाव को लेकर 12 सितंबर को नामांकन खत्म हो चुके हैं। अब 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

Dainik Bhaskar इमरजेंसी में मोदी सरदार बनकर जेल पहुंच गए थे:PM मोदी के 74वें जन्मदिन पर पढ़िए उनके जीवन के 10 अनसुने किस्से

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपना 74वां जन्मदिन मनाएंगे और जीवन के 75वें साल में प्रवेश करेंगे। गुजरात के वडनगर से दिल्ली पहुंचने तक के सफर में उन्हें कई संघर्षों का सामना करना पड़ा। एक चाय की दुकान से संघ प्रचारक तक और भाजपा कार्यकर्ता से देश के प्रधानमंत्री बनने तक उन्होंने कई उतार-चढ़ाव का सामना किया है। मोदी के 75वें साल में प्रवेश के मौके पर भास्कर ने एक खास रिपोर्ट तैयार की है। इसमें मोदी के जीवन के विभिन्न पड़ावों, संघ से लेकर संसद के सहयोगियों, पत्रकारों से लेकर अधिकारियों तक से बातचीत की। इनमें पीएम मोदी के ऐसे किस्से शामिल हैं, जिनके बारे में आपने आज तक सुना या पढ़ा नहीं होगा। नीचे पढ़ें, ऐसे ही 10 किस्से...

Dainik Bhaskar हरियाणा की सीट, जहां मतगणना के बाद कोर्ट से फैसला:हारने के बाद भी कैंडिडेट विधायक बने रहे; एक ने तो कार्यकाल भी पूरा किया

हरियाणा में करनाल की एक विधानसभा सीट ऐसी है, जिसकी चर्चा चुनावों के रिजल्ट पर हुए कोर्ट केस को लेकर की जाती है। इस सीट पर मतगणना में गड़बड़ी के बाद हारे नेता 2 बार विधायक बने। इसके बाद जब तक कोर्ट का फैसला आया, तब तक एक का तो कार्यकाल भी पूरा हो चुका था। इन चुनावों में हार-जीत का अंतर इतना छोटा था कि रीकाउंटिंग के बाद अदालत भी जल्दी फैसला नहीं सुना सकी। इनमें से एक केस को टाइम निकलने की बात कहकर कोर्ट ने रफा-दफा कर दिया। वहीं, दूसरे चुनाव के रिजल्ट पर कोर्ट में स्टे लिया गया था, जिसके बाद विनिंग कैंडिडेट को केवल 6 महीने के लिए विधायक की कुर्सी मिल पाई। यह करनाल की घरौंडा सीट है। 1996 में आया पहला मामला पहला विवादित चुनाव 1996 का था जब विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रमेश कश्यप ने इनेलो कैंडिडेट रमेश राणा को मात्र 11 वोटों से हराया था। रिकॉर्ड के अनुसार, 1996 में हारने के बाद रमेश राणा वोटों की रीकाउंटिंग के लिए हाईकोर्ट पहुंच गए थे। इस मामले में 3 साल बाद हाईकोर्ट ने रमेश राणा के पक्ष में फैसला सुना दिया, लेकिन इस फैसले को रमेश कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर दिया। उन्होंने रीकाउंटिंग में कम वोटों की गिनती को आधार बनाते हुए रिजल्ट पर स्टे ले लिया और विधानसभा भंग होने तक विधायक बने रहे। पूर्व विधायक रमेश राणा की पत्नी पूर्व विधायक रेखा राणा का कहना है कि रमेश राणा हाईकोर्ट से केस जीत गए थे। फिर उन्होंने विधायक पद की शपथ भी ली थी। इसके प्रमाण विधानसभा में भी मिल जाएंगे। जबकि, रमेश कश्यप का दावा है कि वह विधानसभा भंग होने तक विधायक रहे और रमेश राणा ने कोई शपथ नहीं ली। 6 महीने तक हम विधानसभा में रहे रेखा राणा ने बताया है कि 1996 में केंद्र में समता पार्टी व इनेलो का समझौता था। 1996 में बैलेट पेपर से चुनाव होते थे। भाजपा और इनेलो के उम्मीदवारों का नाम भी एक जैसा था। रेखा राणा का आरोप है कि एक प्रभावशाली नेता के बेटे ने वोटों की गिनती में गड़बड़ी करवाई और रमेश कश्यप के पक्ष में रिजल्ट करवा दिया। रेखा ने यह भी आरोप लगाया कि उस प्रभावशाली नेता ने 500 वोट भी कैंसिल करवा दिए थे। इसके बाद हम हाईकोर्ट में गए। वहां वोटों की गिनती दोबारा करवाई गई तो रमेश राणा 157 वोटों से जीते थे। उन्हें शपथ के लिए 20 दिन का समय मिला था। इस समय में शपथ लेनी थी, लेकिन उनकी फाइल को कहीं दब

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