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Dainik Bhaskar शिंदे के विधायक बोले-राहुल की जीभ काटने वाले को इनाम:संजय गायकवाड़ ने कहा- 11 लाख दूंगा; आरक्षण पर कांग्रेस नेता के बयान से नाराज

महाराष्ट्र के बुलढाणा से विधायक संजय गायकवाड़ ने राहुल गांधी को लेकर विवादित बयान दिया है। संजय ने सोमवार को कहा, 'राहुल गांधी पिछड़ों, आदिवासियों का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं। उन्हें इसका इनाम मिलेगा, जो भी राहुल की जीभ काटेगा उसे 11 लाख रुपए दिए जाएंगे।' संजय ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में संविधान खतरे में होने का फर्जी नैरेटिव सेट कर वोट हासिल किए। आज वे आरक्षण खत्म करने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस पिछड़े वर्ग, ओबीसी और आदिवासियों का आरक्षण खत्म करना चाहती है। राहुल गांधी पिछले दिनों अमेरिका दौरे पर थे। भारत में आरक्षण कब तक चलेगा, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, "कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे। फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है।" राहुल गांधी के इस बयान पर देशभर में उनका विरोध हुआ था। हालांकि राहुल गांधी ने कहा था कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। संजय गायकवाड़ का बयान... महाराष्ट्र और देश में आरक्षण की मांग की आग लगी हुई है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने संविधान में पिछड़े वर्ग, आदिवासियों और अन्य वर्गों को आरक्षण दिया था। लेकिन, राहुल गांधी ने विदेश जाकर कहा कि वे देश में आरक्षण खत्म करना चाहता हैं। उनका असली चेहरा सामने आ गया है। राहुल ने कहा था- आरक्षण खत्म करने का अभी सही समय नहीं राहुल ने वॉशिंगटन डीसी में कहा था- कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब सही समय होगा। जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपए में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपए में से 5 रुपए मिलते हैं और OBC को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है। राहुल ने जातिगत जनगणना को लेकर भी कहा था- भारत के दलित, OBC, आदिवासी को उनका हक नहीं मिल रहा है। देश के 90% आबादी वाले OBC, दलित और आदिवासी इस खेल में ही नहीं हैं। जातिगत जनगणना यह जानने का आसान तरीका है कि निचली जातियां, पिछड़ी जातियां और दलित किस स्थिति में हैं।

Dainik Bhaskar हरियाणा में AAP का गेम प्लान बनेगा केजरीवाल का इस्तीफा:1.5 लाख वॉलंटियर मैदान में, इमोशनल कार्ड खेला जाएगा; डोर टू डोर कैंपेन चलाएंगे दिल्ली CM

आम आदमी पार्टी (AAP) ने जेल से बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गेम प्लान तैयार किया है। इस प्लान के जरिए पार्टी के नेता हरियाणा चुनाव के दौरान इमोशनल कार्ड खेलेंगे। इसके अलावा सभी बड़े चेहरे और खुद दिल्ली के सीएम केजरीवाल बड़ी रैलियों की जगह डोर-टू-डोर कैंपेन चलाएंगे। 2019 के बाद AAP ने बीजेपी के बाद राज्य में बड़ा संगठन तैयार किया है। पार्टी का दावा है कि पार्टी के 1.5 लाख वॉलंटियर पूरे राज्य में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। हरियाणा में आम आदमी पार्टी राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। आइए जानते हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद हरियाणा में चुनावी खेल कितना बदलेगा। कैथल से आप उम्मीदवार अनुराग ढांडा का मानना ​​है कि 2019 के उलट इस बार आप ने अपने संगठन का विस्तार किया है और कई इलाकों में मजबूत भी हुई है। जब अरविंद केजरीवाल हरियाणा के गांवों में जाकर जनता से मिलेंगे तो इसका अलग ही असर होगा। हरियाणा पर फोकस कर पाएंगे केजरीवाल हरियाणा में बीजेपी 10 साल से सत्ता में है। कांग्रेस यहां मुख्य विपक्षी दल है। इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो), जननायक जनता पार्टी (जेपी) के उम्मीदवार भी मैदान में हैं। आप ने पिछले 5 सालों में हरियाणा में अपना कैडर मजबूत किया है। इसके साथ ही दिल्ली और पंजाब से पार्टी के वॉलंटियर भी यहां सक्रिय होने वाले हैं। इन सबके बीच अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा पार्टी के लिए मददगार साबित हो सकता है। इसकी वजह यह है कि केजरीवाल चुनाव के दौरान लगातार कार्यकर्ताओं के बीच सक्रिय रहेंगे, इससे पार्टी के वॉलंटियर का मनोबल मजबूत होगा और पार्टी नेताओं की ओर से कहा जा रहा है कि केजरीवाल पार्टी के प्रचार में जी-जान से जुटेंगे। AAP को हरियाणा में मिलेगा बड़ा चेहरा हरियाणा में आम आदमी पार्टी के पास दिल्ली और पंजाब की तरह बड़े नेता नहीं हैं। अभी दो बड़े चेहरे पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता और अनुराग ढांडा हैं। इसलिए पार्टी को हरियाणा में अरविंद केजरीवाल की ज्यादा जरूरत है। जब केजरीवाल तिहाड़ में थे, तब उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने हरियाणा में कई जगहों पर रैलियां की थीं। उन्होंने केजरीवाल को हरियाणा का बेटा और हरियाणा का शेर बताया था। ऐसे में केजरीव

Dainik Bhaskar अमृतपाल के साथी राउके ने NSA को दी चुनौती:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका की दायर, केंद्र सरकार व डिब्रूगढ़ जेल को नोटिस

खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह के साथी कुलवंत सिंह राउके ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। साथ ही खुद पर दूसरी बार लगाए गए NSA को चुनौती दी है। उसने खुद पर लगाए एनएसए को गलत बताया है। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए डिब्रूगढ़ जेल के सुपरिटेंडेंट, केंद्र सरकार और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई पर उन्हें अपना जवाब दाखिल करना होगा। पहले बिजली निगम में क्लर्क था तैनात कुलवंत सिंह इस मामले में गिरफ्तार होने से पहले पंजाब स्टेट कॉर्पोरेशन में बतौर क्लर्क तैनात था। वह अमृतपाल सिंह का करीबी है। जब 23 फरवरी 2023 को अमृतपाल और उनके समर्थकों द्वारा कथित तौर पर अजनाला पुलिस स्टेशन परिसर हमला करने का केस दर्ज हुआ था। उसके बाद मार्च महीने में उसे गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था।

Dainik Bhaskar इनेलो-बसपा का लापता उम्मीदवार 20 घंटे बाद मिला:सीधे SDM ऑफिस जाकर नामांकन वापस लिया; हरियाणा के पार्टी नेताओं से बात नहीं की

हरियाणा में बादली विधानसभा से ​INLD-​​​​​‌BSP प्रत्याशी महेंद्र सिंह ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। रविवार शाम चार बजे से वह बिना कुछ बताए घर से निकले थे, वह अपना फोन भी घर पर छोड़ गए थे। जिसके बाद किसी को भी खबर नहीं थी की वो कहां हैं। बसपा के जिलाध्यक्ष सत्य प्रकाश व अन्य ने पुलिस और बादली के SDM को महेंद्र सिंह के गायब होने की शिकायत भी दी थी। लेकिन करीब 20 घंटे बाद महेंद्र अपनी पत्नी शिक्षा देवी के साथ उपमंडल कार्यालय में पहुंचे और उन्होंने SDM सतीश यादव के सामने अपना अपना नामांकन वापस ले लिया। इस विषय में पार्टी के जिला अध्यक्ष सत्य प्रकाश का मानना है कि BSP प्रत्याशी महेंद्र सिंह पर किसी के द्वारा दबाव बनाया गया है। मौके पर पार्टी के सभी पदाधिकारी मौजूद थे। उन्होंने किसी पदाधिकारी से कोई भी बातचीत नहीं की। उन्होंने किसी को नहीं बताया कि वह नामांकन क्यों वापस ले रहे हैं। साथ ही इस दौरान उन्होंने ये भी नहीं बताया की पिछले 20 घंटे से वो कहां थे। हालांकि महेंद्र सिंह की पत्नी ने पहले ही दावा कर दिया था कि उनके पति रिश्तेदारी में गए हुए हैं। लेकिन पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई थी। लापता उम्मीदवार के एक्शन ने पार्टी को चौंकाया 20 घंटे तक घर से गायब रहने के बाद जैसे ही महेंद्र सिंह अपनी पत्नी के साथ उपमंडल कार्यालय पहुंचे तो पार्टी के नेता हैरान हो गए। हालांकि ज्यादा हैरानी उन्हें तब हुई जब महेंद्र सिंह ने अपना नामांकन वापस ले लिया। मौके पर मौजूद पार्टी के पदाधिकारी ने उनसे बातचीत करने का भी प्रयास किया लेकिन महेंद्र किसी से भी बात करने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया और तुरंत कार्यालय से निकल अपने घर की ओर चले गए। एसडीएम को भी नहीं दी कोई जानकारी दरअसल, महेंद्र सिंह के गायब होने के बाद BSP जिला अध्यक्ष सत्य प्रकाश व अन्य पदाधिकारियों ने एसडीएम को दिए अपने पत्र में कहा था की महेंद्र सिंह जब तक फिजिकली रूप से सामने न आ जाए, तब तक उनका पर्चा रद्द न किया जाए। मामला संज्ञान में लेते हुए एसडीएम ने पूरे मामले की जांच करने की बात कही थी, हालांकि आज जब महेंद्र सिंह ने एसडीएम के सामने ही अपना नामांकन वापस लिया तो, उन्होंने एसडीएम को भी नहीं बताया कि आखिर वो गायब कहां थे। कई सालों से पार्टी से जुड़े हुए थे महेंद्र सिंह बता दें की पेल्पा निवासी महेंद्र

Dainik Bhaskar RSS प्रमुख बोले- देश में अच्छे-बुरे के जिम्मेदार हिन्दू:क्योंकि वही राष्ट्र के कर्ताधर्ता; नई पीढ़ी संस्कार भूल रही, यह चिंता का विषय

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा- देश में कुछ अच्छा होता है तो हिंदू समाज की कीर्ति बढ़ती है। कुछ गड़बड़ होता है तो हिंदू समाज पर आता है, क्योंकि वही इस देश के कर्ताधर्ता हैं। उन्होंने हिन्दू धर्म की परिभाषा बताते हुए कहा- जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं, यह वास्तव में मानव धर्म है। विश्व धर्म है और सबके कल्याण की कामना लेकर चलता है। उन्होंने पारिवारिक संस्कारों को लेकर भी चिंता जताई। कहा- देश में परिवार के संस्कारों को खतरा है। मीडिया के दुरुपयोग से नई पीढ़ी बहुत तेजी से अपने संस्कार भूल रही है। यह चिंता का विषय है। संघ कार्य के 100 साल पूरे हो रहे संघ प्रमुख भागवत 5 दिन के अलवर प्रवास पर हैं। नगर एकत्रीकरण कार्यक्रम के पहले दिन रविवार (15 सितंबर 2024) को इंदिरा गांधी स्टेडियम में स्वयंसेवकों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा- अगले साल संघ कार्य को 100 साल पूरे हो रहे हैं। संघ की कार्य पद्धति लंबे समय से चली आ रही है। हम कार्य करते हैं तो उसके पीछे विचार क्या है? यह हमें ठीक से समझ लेना चाहिए। अपनी कृति के पीछे यह सोच हमेशा जागृत रहनी चाहिए। हमें देश को समर्थ करना है। हमने प्रार्थना में ही कहा है कि यह हिंदू राष्ट्र है। हिंदू समाज इसका उत्तरदायी है। बोले- छुआछूत को लेकर मन बदलना होगा नगर एकत्रीकरण कार्यक्रम में डॉ. भागवत ने कहा- हम अपने धर्म को भूलकर स्वार्थ के अधीन हो गए हैं। इसलिए छुआछूत चला। ऊंच-नीच का भाव बढ़ा। हमें इस भाव को पूरी तरह मिटा देना है, जहां संघ का काम प्रभावी है। संघ की शक्ति है, वहां कम से कम मंदिर, पानी, श्मशान सब हिंदुओं के लिए खुले होंगे। यह काम समाज का मन बदलते हुए करना है। सामाजिक समरसता के माध्यम से परिवर्तन लाना है। स्वयंसेवकों से सामाजिक समरसता, नागरिक अनुशासन सहित पांच विषयों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब इन बातों को स्वयंसेवक अपने जीवन में उतारेंगे, तब ही समाज भी इसका अनुसरण करेगा। हिंदू का मतलब विश्व का सबसे उदार मानव डॉ. भागवत ने कहा- राष्ट्र को परम वैभव संपन्न और सामर्थ्यवान बनाने का काम पुरुषार्थ के साथ करने की आवश्यकता है। हमें समर्थ बनना है। इसके लिए पूरे समाज को योग्य बनाना पड़ेगा। जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं, यह वास्तव में मानव धर्म है। विश्व धर्म है और सबके कल्याण की कामना लेकर चल

Dainik Bhaskar पंजाब में बिट्‌टू के आतंकवादी वाले बयान पर बवाल:राजा वड़िंग ने कहा- एहसान फरामोश है रवनीत; बाजवा बोले- मेंटल बैलेंस खोया

केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा राहुल गांधी पर दिए गए बयान को लेकर पंजाब की राजनीति गरमा गई है। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पलटवार किया है। उन्होंने बिट्टू को एहसान फरामोश बताया है। साथ ही केंद्र सरकार को उनके दिमाग का इलाज करवाने की सलाह दी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर राहुल गांधी को आतंकवादी कहने से बिट्टू का कद बढ़ता है तो उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। वहीं, बिट्टू का कहना है कि वह अपने बयान पर कायम हैं। वह संसद के अंदर भी उनके सामने यह बात कह सकते हैं। राहुल गांधी विदेश में बैठे आतंकवादियों की भाषा बोल रहे हैं। राहुल ने 3 बार बनाया मेंबर ऑफ पार्लियामेंट कांग्रेस प्रधान व लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि बिट्‌टू ने राहुल गांधी को आतंकवादी कहा है, उसे शर्म आनी चाहिए। उसे राहुल गांधी ने ही तीन बार मेंबर पॉर्लियामेंट बनाया है। बिट्‌टू बच्चा था, इसे कुछ नहीं आता था। गुरकीरत काबिल था। बिट्टू के कहने से राहुल गांधी आतंकी नहीं बनेगा। बिट्टू के बयान से उनकी मानसिकता, बुद्धि का ज्ञान लोगों को हो गया है। यह कितना एहसान फरामोश आदमी है। अपने आकाओं को खुश करने के लिए बयान दिया है। राहुल गांधी के पिता ने देश के लिए शहादत दी है। और एक यह व्यक्ति है, जिसने अपने पिता के कातिलों को माफ कर दिया। राहुल गांधी को आतंकी बोलकर आपका बीजेपी में कद बढ़ रहा तो आप बोलिए। हमें इससे एतराज नहीं है। इसे बेवकूफी कहते हैं। वहीं, उन्होंने बीजेपी को कहा कि आपने हारे लड़के को मंत्री बनाया है। इस मदुबुद्वि को अक्ल दीजिए। बिट्टू ने मेंटल बैलेंस खोया कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि रवनीत बिट्‌टू के बयान से लगता है कि उन्होंने अपना मेंटल बैलेंस खो दिया है। मुझे बहुत अफसोस है। जिस आदमी का अस्तित्व जिस लीडर, परिवार व पार्टी के कारण हुआ है। उन्हें इसने आतंकवादी बताया है। जिस आदमी को लोगों ने रिजेक्ट कर दिया है। उसे केंद्र सरकार ने मंत्री बना दिया है। उसे अपने संवैधानिक पद का पता नहीं है। मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि इस कठिन समय में अपने मंत्री की सहायता करें, क्योंकि ऐसा लगता है कि उन्होंने अपने भाषण और तर्क के बीच आवश्यक संबंध खो दिया है। ऐसे शुरू हुआ था विवाद दरअसल राहुल गांधी कुछ दिन पहले विदेश दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने

Dainik Bhaskar केजरीवाल कल दिल्ली CM पद से इस्तीफा देंगे:सिसोदिया-केजरीवाल की मुलाकात आज; नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा हो सकती है

आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलेंगे। संभावना है कि दोनों दिल्ली के अगले CM के नाम पर चर्चा कर सकते हैं। बैठक सिविल लाइंस में मुख्यमंत्री आवास पर होगी। सोमवार को आप नेता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि अभी CM के नाम पर चर्चा नहीं हुई है। इस पर फैसला केजरीवाल के इस्तीफे के बाद विधायक दल लेगा। केजरीवाल ने 15 सितंबर को घोषणा की है कि वे पद से इस्तीफा देंगे और तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, जब तक जनता उन्हें ईमानदारी का सर्टिफिकेट नहीं दे देती। केजरीवाल दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े केस में 13 सितंबर को ही जमानत पर जेल से बाहर आए हैं। पार्टी ऑफिस में मीटिंग के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि उनकी पार्टी का कोई सहयोगी ही मुख्यमंत्री बनेगा। हालांकि केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद उनकी पत्नी सुनीता, दिल्ली सरकार में मौजूदा शिक्षा मंत्री आतिशी और गोपाल राय के नामों पर चर्चा तेज हो गई है। केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आगे क्या... 177 दिन बाद रिहाई, केजरीवाल ने जेल में 156 दिन बिताए शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर केजरीवाल को 21 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद उन्हें 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया। ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। शराब नीति मामले में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में CBI ने उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया। 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी। इस तरह से वे 156 दिन तिहाड़ जेल में बिता चुके हैं, लेकिन उन्हें रिहाई 177 दिन बाद मिली है। केजरीवाल के इस्तीफे के मायने, 3 बातें... दिल्ली में 2013 से केजरीवाल की सरकार, लगातार 3 बार CM बने

Dainik Bhaskar कर्नाटक के मंगलुरु में VHP और बजरंग दल का प्रदर्शन:मस्जिद पर पथराव मामले में गिरफ्तारी से नाराज, सोशल मीडिया पोस्ट पर भी आपत्ति

कर्नाटक के मंगलुरु में मस्जिद पर पथराव और आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सोमवार सुबह VHP और बजरंग दल प्रदर्शन कर रहा है। प्रोटेस्ट रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग की, जिसे प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया है। आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार देर रात मंगलुरु के बाहरी इलाके में कटिपल्ला की बद्रीया मस्जिद पर कुछ बाइक सवार लोगों ने पथराव किया। इसमें 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी VHP से जुड़े लोग हैं। इसके विरोध में कटिपल्ला में रात को लोग प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हो गए। हालांकि देर रात प्रदर्शन तेज नहीं हुआ। इसके बाद सोशल मीडिया पर शेयर की गई पोस्ट को लेकर सोमवार सुबह VHP और बजरंग दल के कार्यकर्ता भड़क गए। दोनों घटनाओं के लेकर वे सड़क पर नारेबाजी कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि स्थिति को काबू में करने की कोशिश की जा रही है। जवानों की तैनाती बढ़ाई गई है। पुलिस ने मामले को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी है। खबर अपडेट की जा रही है।

Dainik Bhaskar हिमाचल में मस्जिद विवाद में ​​​​​​​व्यापारियों में झड़प:नारे लगे; सोलन में रहना होगा जयश्री राम कहना होगा, बाजार बंद का था आह्वान

हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर में सोमवार को उस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया, जब कुछ व्यापारियों ने व्यापार मंडल के बाजार बंद आवाहन के बावजूद दुकानें खुली रखी। इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए कहा, 'सोलन में रहना होगा तो जय श्रीराम कहना होगा'। दरअसल, संजौली मस्जिद विवाद मामले में लाठीचार्ज के विरोध में सोलन के व्यापारियों ने सोमवार सुबह सुबह 9 से 12 बजे तक बाजार बंद का आवाहन किया था। मगर कुछ दुकानदारों ने दुकानें बंद नहीं की। इससे व्यापारी भड़क गए और उनकी दुकानों के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस ने समझाने पर गुस्साएं प्रदर्शनकारी शांत हुए और बाजार में आक्रोश रैली निकाली। दरअसल, बीते शनिवार को हिमाचल व्यापार मंडल ने प्रदेशभर में दुकानें बंद का आवाहन किया था, लेकिन उस दिन सोलन के व्यापारियों से किसी ने संपर्क नहीं किया। इसलिए शनिवार को सोलन बाजार ओपन रही और आज बंद किया गया। संजौली मस्जिद में आ सकता है फैसला वहीं संजौली मस्जिद विवाद में आज नगर निगम (MC) आयुक्त भूपेंद्र अत्री अपना फैसला सुना सकते हैं। ​​​​​​संजौली मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड अवैध हिस्से को सील करने की सिफारिश कर चुका है। संजौली में बीते 11 सितंबर को हिंदू संगठनों के उग्र प्रदर्शन के अगले ही दिन मस्जिद कमेटी MC आयुक्त से मिलने पहुंची और कहा, जब तक कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता, तब तक अवैध हिस्से को सील किया जाए। कोर्ट यदि मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने को आदेश देगा तो मस्जिद कमेटी इसके लिए तैयार है। मस्जिद कमेटी के बाद यह बात वक्फ बोर्ड भी मान चुका है। लिहाजा आज इस मामले में फैसला आना संभावित माना जा रहा है। 1947 से पहले की बनी हुई है मस्जिद संजौली मस्जिद 1947 से पहले बनी थी। तब यहां कच्ची व दो मंजिला मस्जिद थी। 2010 में इसकी पक्की इमारत बननी शुरू हुई तो नगर निगम में शिकायत की गई थी। अब मस्जिद 5 मंजिला है। नगर निगम 35 बार अवैध रोकने के नोटिस दे चुका है। 2 गुटों में मारपीट से उग्र हुए हिंदू संगठन ताजा विवाद 31 अगस्त से शुरू हुआ, जब मैहली में 2 गुटों के बीच मारपीट हुई। इस मामले में हिंदू संगठन और स्थानीय लोगों ने 1, 5 और 11 सितंबर को शिमला में प्रदर्शन कर अवैध मस्जिद को गिराने की मांग की। 11 सितंबर के उग्र प्रदर्शन में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त झड़प हुई और पुलिस को हल्के बल प्रयोग व वाटर क

Dainik Bhaskar पंजाब के 2017 NEET टॉपर नवदीप ने की आत्महत्या:दिल्ली पारसी धर्मशाला के कमरे में फंदे से लटका मिला, मुक्तसर निवासी था मृतक

पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब के रहने वाले 2017 के NEET टॉपर नवदीप सिंह ने दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजी के एमडी डॉ. नवदीप सिंह का शव पारसी अंजुमन (पारसी धर्मशाला) के एक कमरे में फंदे से लटका मिला। पुलिस को घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। बता दें कि नवदीप सिंह साल 2017 में नीट ऑल इंडिया टॉपर थे। रविवार को जब परिवार को पूरे मामले की जानकारी मिली तो परिवार तुरंत दिल्ली से मुक्तसर साहिब पहुंचा। पुलिस ने कल शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नवदीप ने आत्महत्या क्यों की। दरवाजा नहीं खोला तो तोड़ कर अंदर घुसे गार्ड मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह पारसी धर्मशाला के गार्ड ने जब नवदीप का कमरे का दरवाजा खटखटाया, तो अंदर से कोई जवाब नहीं आया। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो अन्य लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया। नवदीप का शव कमरे में पंखे से लटका मिला। नवदीप के सीनियर डॉक्टर ने बताया कि नवदीप पढ़ाई में बहुत अच्छा था। मौलाना आज़ाद कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एमडी में एडमिशन लिया था। रविवार को नवदीप छुट्टी पर था। नवदीप का फोन फोरेंसिक के लिए भेजा मिली जानकारी के अनुसार क्राइम सीन से पुलिस को नवदीप का फोन मिला था, जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। जिसकी हर तरह की जानकारी निकलवाई जा रही है। फिलहाल आत्महत्या की वजहों का पता नहीं चल सका है। पुलिस ने नवदीप के साथियों से भी पूछताछ की, मगर अभी तक कुछ हाथ नहीं लगा है। पंजाब के मुक्तसर साहिब के रहने वाले नवदीप सिंह के परिवार में पिता गोपाल सिंह, मां सिमरनजीत कौर और एक छोटा भाई है। नवदीप के पिता पंजाब में एक कॉलेज के टीचर हैं। छोटा भाई चंडीगढ़ के एक कॉलेज से एमबीबीएस कर रहा है।

Dainik Bhaskar हरियाणा में कांडा को समर्थन दे सकती है BJP:भाजपा उम्मीदवार के आज नामांकन वापस लेने की चर्चा; पार्टी ऑफिस में मीटिंग बुलाई

हरियाणा में सिरसा विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा आज अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। भाजपा इस सीट पर हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के उम्मीदवार गोपाल कांडा को समर्थन दे सकती है। रोहताश जांगड़ा ने खुद इसके संकेत दिए हैं। रोहताश जांगड़ा का कहना है कि सुबह 9 बजे पार्टी कार्यालय में मीटिंग बुलाई गई है। इसमें हरियाणा के प्रवासी प्रभारी सुरेंद्र सिंह टीटी मौजूद रहेंगे। पार्टी जो भी आदेश देगी, वह मानने के लिए तैयार हैं। हमारा बस एक ही लक्ष्य है कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बननी चाहिए। वहीं एक दिन पहले गोपाल कांडा ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अब भी NDA का हिस्सा हैं। जीतने के बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। हम इस खबर को लगातार अपडेट कर रहे हैं...

Dainik Bhaskar हरियाणा चुनाव में नामांकन वापसी का अंतिम दिन:नाराज नेताओं को मनाने में जुटे, कांग्रेस को 12, भाजपा को 6 नाम वापसी की उम्मीद

हरियाणा विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने की आज आखिरी तारीख है। इससे पहले भाजपा और कांग्रेस बागियों को मनाने की हरसंभव कोशिश कर रही है। वरिष्ठ नेताओं को न सिर्फ बागियों को पार्टी में वापस लाने बल्कि उनसे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए कहने का कठिन काम सौंपा गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बागियों को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने के लिए हरियाणा भर में अभियान चलाया, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने भी बागियों से संपर्क साधा। माना जा रहा है कि उन्हें कुछ हद तक सफलता भी मिली है, हालांकि अधिकांश बागी आज भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि वे अंतिम निर्णय लेने से पहले अपने कार्यकर्ताओं से सलाह-मशविरा करेंगे। रूठों को मनाने के लिए बीजेपी-कांग्रेस में क्या चल रहा है... CM सैनी 3 नेताओं को मनाएंगे 1. सैनी का पहला पड़ाव महेंद्रगढ़ के बागी और वरिष्ठ नेता रामबिलास शर्मा के निवास पर था, हालांकि शर्मा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ अपना नामांकन वापस ले लेंगे। 2. मुख्यमंत्री ने नारनौल नगर परिषद की पूर्व प्रधान एवं भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भारती सैनी से भी मुलाकात की। बैठक के बाद भारती ने कहा कि नाम वापसी पर फैसला लेने के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक होगी, हालांकि बातचीत "बहुत सकारात्मक" रही। 3. सोनीपत के बागी और वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव जैन को भी संदेश मिला है कि सीएम उनके आवास पर आएंगे। राज्य पार्टी प्रमुख मोहन लाल बडोली सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही उनसे “समझौते” के लिए संपर्क किया है। बिप्लब देब 3 नेताओं से मिलेंगे पार्टी के सह-प्रभारी बिप्लब देव रणधीर कापड़ीवास (रेवाड़ी), संतोष यादव (अटेली) और शशि रंजन परमार (तोशाम) से मिलने वाले थे। तीनों नेताओं को फोन कॉल आए, जिसमें उनसे नामांकन वापस लेने का आग्रह किया गया। यादव ने कहा, "मैं इस बार विधानसभा नहीं जाऊंगा, लेकिन तय करूंगा कि किस उम्मीदवार का समर्थन करना है। मुझे बिप्लब देब का फोन आया था। कांग्रेस को 12 नाम वापसी की उम्मीद कांग्रेस भी पूरी ताकत लगा रही है और हुड्डा पिता-पुत्र की जोड़ी लगातार बागियों के संपर्क में है। हुड्डा ने कहा, "हम

Dainik Bhaskar बीजेपी नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापसी की तैयारी?:दिलावर पर खड़गे की हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप, नड्डा पर भी 3 केस

कांग्रेस राज में बीजेपी नेताओं के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमों की मौजूदा सरकार ने समीक्षा शुरू कर दी है। प्रदेश के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने रिव्यू के बाद मुकदमे वापस लेने के संकेत दिए हैं। अभी यह तय नहीं हुआ है कि कौन-कौन से मुकदमे वापस होंगे। भास्कर ने उन मुकदमों की पड़ताल की जो कांग्रेस राज में बीजेपी नेताओं पर हुए। सामने आया कि मौजूदा सरकार के 7 मंत्रियों के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं। सबसे ज्यादा 14 मुकदमे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ हैं। यहां तक कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ भी राजस्थान में 3 मुकदमे चल रहे हैं। मंडे स्पेशल स्टोरी में पढ़िए पूरी रिपोर्ट… जेपी नड्डा के खिलाफ सीआईडी सीबी में 3 मुकदमे पेंडिंग बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ राजस्थान में 3 केस पेंडिंग हैं। डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बूंदी, चित्तौड़गढ़ के थानों में मामले दर्ज हैं। चितौड़गढ़ कोतवाली में 25 अप्रैल 2020 को कांग्रेस नेता सुरेंद्र जाड़ावत ने केस दर्ज करवाया था। 23 अप्रैल 2020 को कांग्रेस एमएलए गणेश घोघरा ने डूंगरपुर कोतवाली में केस दर्ज करवाया था। 28 अप्रैल 2020 से सीआईडी सीबी में लंबित है। नड्डा के खिलाफ प्रतापगढ़ में 24 अप्रैल 2020 को केस दर्ज हुआ जो 5 मई 2020 से सीआईडी सीबी में लंबित है। सरकार के 7 मंत्रियों पर केस पेंडिंग बीजेपी के दर्जन भर नेताओं के खिलाफ कांग्रेस राज में एफआईआर हुई थी। उनमें से ​जो नेता एमएलए थे, उनके मामलों की जांच सीआईडी-सीबी कर रही है। सरकार के 24 में से 7 मंत्री ऐसे हैं, जिनके खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मामले दर्ज हैं। चार मंत्री तो ऐसे हैं, जिनके खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामले दर्ज हैं। 1. मदन दिलावर : सबसे ज्यादा 14 केस पेंडिंग प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ गंभीर धाराओं वाले सर्वाधिक केस दर्ज हैं। दिलावर के खिलाफ कोटा ग्रामीण के विभिन्न थानों में 4, कोटा शहर के पुलिस थानों में 2, झालावाड़, राजसमंद और जयपुर के अलग अलग थानों में 1-1 केस दर्ज हैं। दिलावर के खिलाफ दर्ज प्रकरणों में राजद्रोह, हत्या, आपराधिक साजिश, राजकार्य में बाधा और महिला की गरिमा भंग करने जैसी धाराओं के मामले भी शामिल हैं। 17 अप्रैल 2020, कोटा के महवीर नगर में महामारी एक्ट का उल्लंघन, राजकार्य में बाधा का केस सीआईडी-सीबी के पास है। दिला

Dainik Bhaskar हरियाणा की ऐसी सीट जहां कभी नहीं जीती BJP:यहां निर्दलीय भी जीते; इस बार बाहरी पर दांव लगाया, पूर्व सांसद का बेटा कैंडिडेट बनाया

हरियाणा में पानीपत जिले की 4 विधानसभाओं में एक सीट ऐसी भी है, जिसने प्रदेश की राजनीति में सबसे पहले दलबदलू नेता दिए हैं। इस सीट पर इतिहास में अब तक एक भी बार भाजपा का उम्मीदवार नहीं जीता है। पार्टी हमेशा स्थानीय चेहरों पर दांव लगाती आ रही है, इसके बाद भी कोई भला नहीं हो सका। इस बार भाजपा ने इस सीट से बाहरी चेहरे को टिकट दिया है। यह पानीपत की समालखा विधानसभा सीट है। भाजपा ने इस बार फरीदाबाद के रहने वाले पूर्व सांसद करतार सिंह भड़ाना के बेटे मनमोहन भड़ाना को इस सीट से टिकट दिया है। भाजपा को इस बार उम्मीद है कि जो कभी नहीं हुआ, वह इस बार होगा। क्योंकि, करतार सिंह दूसरी पार्टियों के टिकट पर समालखा से 2 बार विधायक चुने जा चुके हैं। इसलिए, भाजपा को लगता है कि पार्टी के लिए जो काम अब तक कोई नहीं कर सका, वह पूर्व सांसद के बेटे मनमोहन कर सकते हैं। करतार भड़ाना ने गिराई थी चौधरी बंसीलाल की सरकार उत्तर भारत में कोल्हू के पार्ट और चारा काटने वाली मशीन के निर्माण के लिए प्रसिद्ध समालखा आया राम गया राम की राजनीति के लिए हरियाणा भर में चर्चाओं का केंद्र रहा है। समालखा विधानसभा में 1967 में राव वीरेंद्र सिंह और 1996 में चौधरी बंसीलाल की सरकार के पतन के दौरान तत्कालीन विधायक पर दलबदल की उंगली उठी थी। जबकि, करतार भड़ाना को तो चौधरी बंसीलाल की सरकार गिराने का सबसे बड़ा सूत्रधार माना गया। वहीं, 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस में विधायक बने धर्म सिंह छौक्कर रातों-रात हुड्‌डा की सरकार में मंत्री बनने की लालसा के लिए कांग्रेसी बन गए थे, लेकिन उनके मंत्री बनने का सपना पूरा नहीं हो पाया। 1990 से पहले करनाल का हिस्सा था समालखा बता दें कि साल 1990 से पहले समालखा, करनाल जिले का हिस्सा हुआ करता था। चौधरी देवीलाल की सरकार ने साल 1991 में पानीपत को नया समालखा बनाया, जो पानीपत जिले में शामिल हुआ। समालखा हरियाणा की जनरल विधानसभा सीट है। इस निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस और बीजेपी मुख्य दल हैं। 2019 के विधानसभा में कांग्रेस के धर्म सिंह छौक्कर ने 14,942 वोटों के अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की थी। उन्हें 52.16% वोट शेयर के साथ 81,898 वोट मिले थे। उन्होंने BJP के शशिकांत कौशिक को हराया था, जिन्हें 66,956 वोट (42.64%) मिले थे। 2014 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय रविंद्र मछरौली ने कांग्रेस के धर्म सिंह छौक्क

Dainik Bhaskar खट्‌टर के दिल्ली जाने से नहीं हो रहा डैमेज कंट्रोल:CM सिटी के 5 बड़े नेता पार्टी छोड़ गए; केवल एक को ही मना पाए CM सैनी

हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्‌टर के सांसद बनने पर करनाल छोड़ने से भाजपा के हाथ से जिले की पकड़ भी ढीली होती जा रही है। यहां लगातार नेताओं के इस्तीफे आ रहे हैं, और पार्टी में बगावती सुर भी मुखर हो रहे हैं। मौजूदा CM नायब सैनी करनाल में डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बात बन रही। क्योंकि, पार्टी ने नायब सैनी को भी करनाल छोड़ लाडवा से अपना उम्मीदवार बना दिया है। जबकि, सैनी खुद चाहते थे कि वह करनाल से ही विधानसभा चुनाव लड़ें। पार्टी की रिपोर्ट में भले ही बताया गया हो कि नायब सैनी को बाहरी होने के कारण करनाल की जनता नापसंद कर रही थी, इसलिए उन्हें करनाल की बजाय लाडवा से कैंडिडेट घोषित किया गया है। और जगमोहन आनंद को लोकल होने के चलते करनाल सीट पर खड़ा किया गया है। लेकिन, पार्टी से अलग हुए नेता हरपाल कलामपुरा कह चुके हैं कि सैनी को परेशान कर पार्टी ने ही लाडवा भेजा है। करनाल में राजनीति के जानकार मानते हैं कि जब तक यहां से मनोहर लाल खट्‌टर विधायक रहे और 2 बार CM बने, तब तक पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक था। क्योंकि यहां के ज्यादातर नेता खट्‌टर के जरिए ही पार्टी में लाए गए, और उनसे ही इन नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट दिलवाने की आशा थी, लेकिन खट्टर के दिल्ली की राजनीति में इन्वॉल्व होने से करनाल के नेता टिकट से भी वंचित रह गए। इसका असर यह हुआ कि जिले के 5 बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। करनाल में भाजपा के हालात बिगड़ने के 3 प्रमुख कारण... 1. पूर्व सीएम खट्‌टर की दूरी दिल्ली की राजनीति में जब से मनोहर लाल खट्‌टर गए हैं, उनकी करनाल से दूरी बढ़ गई। जबकि, खट्‌टर ही वह धागा था, जिससे करनाल के नेता एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। उनके केंद्र में चले जाने से इन नेताओं को भाजपा का कोई अन्य बड़ा नेता संभाल नहीं पाया, जिससे पार्टी यहां कमजोर हो चली है और नेतृत्व भटकता नजर आ रहा है। 2. टिकट कटने से नाराजगी खट्‌टर पंजाबी समाज से आते हैं। लोकसभा में जाने के बाद उप-चुनाव में CM नायब सैनी को यहां से चुनाव लड़वाया गया। उस समय भी बाहरी होने का मुद्दा उठा था, लेकिन खट्‌टर इसे कंट्रोल कर गए। इसके चलते सैनी को उप-चुनाव में जीत मिली। लोकल-बाहरी का मुद्दा इस बार न बने, इसलिए पार्टी ने सैनी को लाडवा विधानसभा भेज दिया और पंजाबी चेहरा जगमोहन आनंद को यहां से उम्मीदवार बना दिया। हालांकि, कार्यकर्ता यहां

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