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Dainik Bhaskar किसानों को चंडीगढ़ में मार्च की परमिशन मिली:एक हजार प्रदर्शनकारी मटका चौक की तरफ बढ़े; SKM की महापंचायत शुरू

पंजाब के किसानों के मुद्दों को लेकर आज चंडीगढ़ में किसानों का संघर्ष चल रहा है। हालांकि ये संघर्ष दो अलग-अलग मंच से चल रहा है। संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से जहां महापंचायत की जा रही है, वहीं दूसरे ग्राउंड में भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के बैनर तले किसानों ने 5 सितंबर तक पक्का मोर्चा लगाया हुआ है। प्रशासन ने मीटिंग के बाद किसानों को चंडीगढ़ के मटका चौक तक मार्च की परमिशन दे दी है। इसमें एक हजार लोग ही शामिल हो पाएंगे। परमिशन मिलने के बाद किसान मार्च निकालने के लिए निकल गए हैं। किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि उन्हें पैदल मार्च की परमिशन मिल गई है। जहां पर वह अपना मांग पत्र सरकार के अधिकारियों को सौंपेंगे। वहीं, प्रशासन ने फौरी इंतजाम किए गए हैं। करीब 700 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात किए गए है। साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स लगाई गई है। सभी किसानों को मिलकर लड़ाई लड़नी चाहिए SKM नेता बलबीर सिंह राजेवाल और रूलदू सिंह मानसा ने कहा कि आज महापंचायत की अहम मीटिंग है। इसमें उन मुद्दों पर फोकस किया जा रहा है। जिनकी किसानों की अहम जरूरत है। किसान नेताओं का कहना है कि पानी एक गंभीर मुद्दा है। पानी प्रदूषित हो रहा है। साथ ही भूमिगत जल स्तर गिर रहा है। इसके अलावा राजस्थान से पानी की रायल्टी का मुद्दा प्रमुख है। DAP खाद की कमी है। राजेवाल ने कहा कि आज पंजाब में खेती संकट है। ऐसे में सभी किसान सभी यूनियन को एकजुट होना चाहिए। किसानों की महापंचायत से आम लोगों को दिक्कत न उठानी पड़े। रूलदू सिंह मानसा ने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ। दिल्ली में भी उगराहां का अलग मंच था। इसके लिए पुलिस की तरफ से कुछ सड़कों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया है। साथ ही लोगों को सलाह दी है कि ट्रैफिक पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट काे फॉलो करे। ताकि उन्हें दिक्कत न उठानी पडे़। संयुक्त किसान की महा पंचायत की तस्वीरें 3 घंटे तक प्रशासन व किसानों में चली मीटिंग इससे पहले बीकेयू एकता उगराहां के विधानसभा की तरफ से निकाले जाने वाले मार्च को रोकने के लिए प्रशासन व यूनियन के नेताओं में करीब 3 घंटे तक मीटिंग चली। लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई। प्रशासन की कोशिश रही कि यह मार्च न हो। इसके लिए आज दोबारा भी मीटिंग होने के आसार है। ऐसे किया गया है ट्रैफिक डायवर्ट सरोवर पथ - गौशाला चौक (सेक्टर 44/45-50/51

Dainik Bhaskar कंगना की फिल्म इमरजेंसी पर पूर्व CM का विरोध:चन्नी बोले- सिमरनजीत मान की तरह गुस्सा न करें, SGPC परमिशन के बिना नहीं चलेगी

भाजपा सांसद व अभिनेत्री कंगना रनोट का पहले किसानों के खिलाफ बयान और फिर फिल्म इमरजेंसी को लेकर पंजाब में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब पंजाब के पूर्व सीएम और जालंधर लोकसभा सीट से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कंगना का कड़ा विरोध जताया है। चन्नी कंगना को पूर्व सांसद और खालिस्तान समर्थक सिरमनजीत सिंह मान की तरह गुस्सा न करने की नसीहत दी है। कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा- एसजीपीसी की परमिशन के बिना न तो फिल्म चलेगी और न ही चलने देंगे। वहीं, कंगना को ज्यादा सीरियस नही लेना चाहिए। सिमरनजीत सिंह मान को लेकर भी तंज कसा और कहा की उनकी तरह गुस्सा नहीं करना चाहिए। चन्नी बोले- कंगना सिमरनजीत मान की तरह गुस्सा न करें जालंधर से लोकसभा सांसद चन्नी ने कहा- पंजाब, हरियाणा और हिमाचल यह पुराने पंजाब का हिस्सा है। सभी का आपस में भाई चारा है। हमारी आपसी सांझ न कभी टूटी है और न टूटने दी जाएगी। इसे ऐसे ही चलने दिया जाएगा। अगर कोई भी ताकत तोड़ने की कोशिश करेगी उसका मुंह तोड़ जवाब दिया जायेगा। देश की आजादी के बाद पंजाब का इतिहास है कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई प्यार से रहे है। आज तक यहां दंगा फसाद की कोई घटना नहीं हुई है। कंगना रनोट को ज्यादा सीरियस लेने की कोई जरूरत नहीं है। सिमरनजीत सिंह मान की तरह गुस्सा गुस्सा नहीं करना चाहिए। फिल्म के लिए पहले SGPC से परमिशन लेनी चाहिए हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बीजेपी की सांसद कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी को लेकर चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा- जहां भी सिख इतिहास को लेकर दिखाया जाना है, उसके लिए पहले एसजीपीसी को फिल्म दिखाकर उनसे परमिशन ली जानी चाहिए थी। एसजीपीसी सिख समुदाय के लोगों की प्रमुख संस्था है। जिसके चलते ये परमिशन जरूरी थी। प्रोटोकॉल तो ये कहता है कि अगर उक्त फिल्म दिखानी ही थी तो पहले उन्हें अपनी फिल्म एसजीपीसी को दिखानी चाहिए थी। जिससे सिख धर्म को कोई दिक्कत न हो। एसजीपीसी ही डिसाइड करेगी और उनके सर्टिफिकेट के बाद ही फिल्म चल पाएगी। एसजीपीसी की बगैर परमिशन के बिना ना तो फिल्म चलेगी और ना ही चलने दी जाएगी।

Dainik Bhaskar हरियाणा के पूर्व मंत्री बबली BJP में शामिल:JJP के बागी MLA, कांग्रेस ने टिकट नहीं दी; लोकसभा चुनाव में सैलजा की मदद की थी

हरियाणा के पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली ने भाजपा जॉइन कर ली है। दिल्ली में प्रदेश चुनाव सह प्रभारी बिप्लब देब ने उन्हें शामिल कराया। उनके साथ जेल अधीक्षक पद से इस्तीफा देने वाले सुनील सांगवान और जजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष संजय कबलाना भी भाजपा में शामिल हो गए। बता दें कि बबली ने रविवार रात को JJP से इस्तीफा दे दिया। पहले उनके कांग्रेस में जाने की चर्चा थी, लेकिन कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा था कि देवेंद्र बबली ने उनसे मुलाकात की थी, लेकिन उन्हें टिकट के लिए मना कर दिया गया है। बबली लगातार कहते रहे हैं कि मई महीने में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने सिरसा से जीती कांग्रेस की कुमारी सैलजा की मदद की थी। वहीं सरपंच एसोसिएशन ने भी बबली को कांग्रेस में शामिल करने पर विरोध की चेतावनी दी थी। वहीं BJP उम्मीदवारों की लिस्ट आज भी जारी नहीं होगी। प्रदेश अध्यक्ष मोहन बड़ौली ने इसकी पुष्टि की। बड़ौली ने यह भी स्पष्ट किया कि लंबी लिस्ट तैयार हुई थी लेकिन अभी सबका सर्वे चल रहा है। उनके बारे में फीडबैक लिया जा रहा है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के बाद पूर्व सांसद संजय भाटिया ने विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। संजय भाटिया ने भाजपा के प्रदेश सह चुनाव प्रभारी बिप्लब देब को फोन कर इसकी जानकारी दी। भाटिया के पानीपत शहरी सीट से सिटिंग MLA प्रमोद विज की जगह चुनाव लड़ने की चर्चा थी। भाटिया से पूर्व सीएम(अब केंद्रीय मंत्री) मनोहर लाल खट्‌टर के लिए करनाल लोकसभा सीट छुड़वा दी गई थी। BJP अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली से जॉइनिंग-टिकट लिस्ट पर 3 सवाल-जवाब... सवाल : कई लोगों ने पार्टी जॉइन की है, क्या कहना चाहेंगे? जवाब : कुछ लोगों की जॉइनिंग प्रक्रिया चल रही है। जैसे ही वो पूरी होंगी, उसके बाद राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ बैठना होगा। तभी कोई न कोई फैसला होगा। सवाल : आज लिस्ट की संभावना है? जवाब : अभी लिस्ट आने की कोई भी संभावना नहीं है। कहीं भी पेंच नहीं फंसा है। एक लंबी लिस्ट थी। सभी उम्मीदवारों का सर्वे लिया जा रहा है। कौन अच्छा है, उसको लेकर फीडबैक लिया जा रहा है। बातचीत के बाद केंद्रीय नेतृत्व कोई फैसला लेगा। सवाल : दिल्ली में आज कोई बैठक है? जवाब : टिकटों को लेकर आज दिल्ली में किसी तरह की बैठक नहीं है। मैं भी अब हरियाणा के सोनीपत जाऊंगा। BJP में इन 18 नामों पर सहमति की चर्चा हरियाणा BJP

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:महाराष्ट्र के पुणे में NCP के पूर्व पार्षद पर फायरिंग, हुई मौत

महाराष्ट्र के पुणे में एनसीपी के पूर्व पार्षद वनराज आंडेकर की रविवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व पार्षद पर ताबड़तोड़ पांच गोलियां चलाईं गईं। फायरिंग के बाद वनराज आंडेकर को गंभीर हालत में हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां उनकी मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि घरेलू विवाद के चलते वनराज आंडेकर पर गोली चलाई गई है। आज की अन्य खबरें... दिल्ली में चौथी मंजिल से गिरकर वरिष्ठ पत्रकार की मौत, पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में रविवार(1 सितंबर) को वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय(64) की चौथी मंजिल से गिरने के कारण मौत हो गई। जानकारी के अनुसार उमेश उपाध्याय घर पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान चौथी मंजिल से दूसरी मंजिल पर गिर गए। इसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उपाध्याय ने टेलीविजन, प्रिंट, रेडियो और डिजिटल मीडिया में पिछले चार दशक से अधिक समय तक काम किया। पीएम मोदी ने उनके निधन पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करके शोक जताया।

Dainik Bhaskar शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर आज SC में सुनवाई:विफल बैठक की रिपोर्ट देगी पंजाब-हरियाणा सरकार; कमेटी सदस्य के नाम भी देंगे

शंभू- खनौरी बॉर्डर खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) में आज सोमवार सुनवाई होगी। बीती सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों सरकारों को किसानों के साथ बैठकें जारी रखने के आदेश दिए थे। इस दौरान सुनवाई हुई, लेकिन वे विफल रही। वहीं, पंजाब को अन्य समिति सदस्यों के नाम देने को भी कहा गया था, जिसे आज सौंपा जा सकता है। पंजाब सरकार अगर आज नाम सौंप देती है तो सुप्रीम कोर्ट समिति सदस्यों को फाइनल कर सकती है। ये समिति किसान और केंद्र सरकार के बीच तालमेल का काम करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बीती सुनवाई में स्पष्ट किया था कि दोनों राज्यों के वकील इस अदालत द्वारा गठित की जाने वाली समिति के लिए मुद्दों का प्रस्तावित विषय प्रस्तुत करेंगे। समिति का संदर्भ एक व्यापक अधिदेश होगा ताकि जो मुद्दे बार-बार कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा कर रहे हैं, उन्हें निष्पक्ष और उचित तरीके से सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जा सके। दूसरी बैठक भी रही विफल शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को मनाने के लिए 25 अगस्त को रखी बैठक भी विफल रही। पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों का प्रयास दूसरी बार विफल रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 5 दिन में दूसरी बार पुलिस अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक की थी, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं। किसान इस बात पर अड़े रहे कि वे अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को नहीं छोड़ेंगे और इन्हीं से दिल्ली कूच करेंगे। एक घंटे तक चली इस बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई। पुलिस लाइन में एडीजीपी (इंटेलिजेंस) जसकरण सिंह और एआईजी संदीप गर्ग के अलावा पटियाला के डीसी व एसएसपी और हरियाणा के अंबाला जिले के एसपी और एसडीएम किसानों से बैठक करने के लिए पहुंचे थे। फरवरी से चल रहा संघर्ष फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई

Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:न्याय में देरी आख़िर कितनी, क्यों और कब तक जारी रहेगी?

पीढ़ियाँ गुज़र जाती हैं लेकिन वो तारीख़ नहीं आती। आरोपी खुले घूमते रहते हैं और पीड़ित लोग डर में जीते रहते हैं, लेकिन वो तारीख़ नहीं आती। सरकारों, वकीलों और न्यायाधीशों ने इस बारे में हो सकता है सोचा होगा, लेकिन इस दिशा में कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए। किए भी गए हो तो न तो वे आम आदमी को दिखाई दिए और न ही न्याय प्रक्रिया में उनकी झलक दिखाई दी। न्याय प्रक्रिया को इतना सरल और सहज बनाना चाहिए कि आम आदमी कोर्ट रूम में जाने से घबराए नहीं। ख़ासकर पीड़ित व्यक्ति की घबराहट तो दूर करनी ही चाहिए। आख़िर तारीख़ पे तारीख़, तारीख़ पे तारीख़ के नकारात्मक कल्चर को न्यायपालिका कब तक ढोती रहेगी? आरोपी तारीख़ें आगे बढ़वाते रहते हैं और वे बढ़ती भी रहती हैं। न्याय आम आदमी की पहुँच से दूर, बहुत दूर होता जाता है। अगर त्वरित न्याय होने लगे तो अपराधों पर बहुत हद तक अंकुश लग सकता है। कोलकाता, बदलापुर जैसी घटनाओं में निश्चित रूप से कमी ज़रूर आएगी। अभी न्याय या फैसलों में बहुत देर होने के कारण अपराधियों में ख़ौफ़ नहीं है। अपराध करने वाले के भीतर ख़ौफ़ पैदा करने का एक ही तरीक़ा है और वो है त्वरित न्याय। इसके सिवाय कोई चारा नहीं है। क्योंकि हम एक सभ्य और सहज राष्ट्र के रूप में जाने जाते हैं इसलिए अपराधियों को दण्ड देने का न्यायिक प्रक्रिया के सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं हो सकता। हो सकता है कि जघन्य घटनाओं के तुरंत बाद कुछ लोगों को लगता हो कि चौराहे पर खड़ा करके ऐसे अपराधियों को दण्ड देना ही उचित है लेकिन यह नारकीय व्यवस्था साबित हो सकती है। सही मायने में कुछ लोगों में इस तरह की सोच विकसित होने का कारण भी न्याय में देरी ही है। न्याय प्रक्रिया में सुधार की बात ठान ली जाए तो पेंडिंग केस और नए मामलों में देरी की समस्या से निजात पाई जा सकती है। अगर यह करना है तो वकीलों, न्यायाधीशों और सरकारों को मिलकर इसके लिए तुरंत आगे बढ़ना होगा। न्याय में देरी आख़िर कितनी, क्यों और कब तक जारी रहेगी?

Dainik Bhaskar देश का मानसून ट्रैकर:तेलंगाना में 9 की मौत; आंध्र प्रदेश में 17 हजार लोगों का रेस्क्यू; MP-UP सहित 18 राज्यों में बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने सोमवार (2 सितंबर) को उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश सहित 18 राज्यों में में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यूपी के 18 जिलों में आज बारिश का अलर्ट है। मध्य प्रदेश में अब तक 34.2 इंच बारिश हो चुकी है। यह मानसून सीजन के कोटे के 91% से अधिक है। अब केवल 3.1 इंच और पानी गिरते ही प्रदेश में सामान्य बारिश का आंकड़ा भी पार हो जाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक, एमपी में अगले 2 दिन तक स्ट्रॉन्ग सिस्टम के कारण बारिश होने की संभावना बनी रहेगी। वहीं, ओडिशा में रविवार को भारी बारिश हुई। गंजम जिले में टोटा साही गांव में बारिश के कारण घर ढहने से 3 साल के बच्चे की मौत हो गई। आंध्र प्रदेश में बीते दो दिन से भारी बारिश हो रही है। राज्य भर में 17 हजार लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इन लोगों को 100 से ज्यादा राहत शिविरों में ठहराया गया है। विजयवाड़ा जिला बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। यहां बुडामेरु नदी उफान पर है। वहीं, विजयवाड़ा में कई वाहन बाढ़ में डूब गए। सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि भारी बारिश ने राज्य को हिलाकर रख दिया है। विजयवाड़ा और गुंटूर शहर पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। विजयवाड़ा-गुंटूर नेशनल हाइवे और विजयवाड़ा-हैदराबाद नेशनल हाइवे भी बाढ़ से प्रभावित हैं। अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण 9 लोगों की जान गई है। एक व्यक्ति लापता है। कुछ स्थानों पर कमजोर बांधों और अन्य मुद्दों के कारण, नायडू ने कहा कि बुडामेरु में बाढ़ के कारण विजयवाड़ा के पास वीटीपीएस बिजली स्टेशन में बिजली उत्पादन ठप हो गया। तेलंगाना में 9 की मौत, खम्मन जिले के 110 गांव बाढ़ में डूबे तेलंगाना भी भारी बारिश का दौर जारी है। बारिश से जुड़ीं अलग-अलग घटनाओं में 9 लोगों की मौत हुई। भारी बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर हैं। निचले इलाकों में पानी भरा हुआ है। सूर्यपेट, भद्राद्री कोठागुडेम, महबूबाबाद और खम्मम जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को रेस्क्यू किया गया है। हुए हैं। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की सीमा में आने वाले ऐसे घरों को खाली कराया गया है, जिनके ढहने की आशंका है। लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है। बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि सोमवार को स्कूलों को छुट्टी रखें। मौसम केंद्र ने कहा है कि राज्य के आदिलाबाद, निजामाबाद, राजन्ना सिरसिला, यादाद्री भुवनगिरी, विकाराबाद, संगारेड

Dainik Bhaskar मणिपुर में फिर हिंसा, गोलीबारी में महिला समेत 2 मौतें:9 घायल लोग घायल; लोगों का दावा- ड्रोन से बम गिराए गए

मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में रविवार को उग्रवादियों के हमले में एक महिला सहित दो लोगों की मौत हो गई। महिला की 8 साल की बेटी और एक पुलिस अधिकारी समेत 9 लोग घायल हुए हैं। पुलिस के ,मुताबिक, उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से भी हमला किया। गांव पर अचानक हुए इस हमले की वजह से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 9 घायलों में से 5 को गोली लगी है, जबकि बाकी को बम के छर्रे लगे हैं। स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि हमले में ड्रोन बम का इस्तेमाल ​हुआ है। BJP नेता के घर में आग लगाई गई पेनियल में BJP प्रवक्ता टी माइकल एल हाओकिप के घर पर आग लगा दी गई। हाओकिप ने X पर वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया है कि यह काम कुकी लोगों का है। हाओकिप ने कहा कि पिछले एक साल के अंदर तीसरी बार उनके घर पर हमला हुआ। पिछले हफ्ते भी 30 से ज्यादा हथियारबंद लोगों ने कई राउंड फायरिंग की थी। कुकी-जो संगठनों की मणिपुर में कुकीलैंड की मांग कुकी-जो समुदाय के लोगों ने 31 अगस्त को मणिपुर के चुराचांदपुर, कांगपोकपी और टेंग्नौपाल में रैलियां निकालीं। इन संगठनों की मांग है कि मणिपुर में अलग कुकीलैंड बनाया जाए, जो केंद्र शासित प्रदेश हो। इन संगठनों का कहना है कि ने पुडुचेरी की तर्ज पर विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश बनाना ही राज्य को जातीय संघर्ष से बाहर निकालने का इकलौता रास्ता है। CM बीरेन के इंटरव्यू और वायरल ऑडियो का विरोध मणिपुर में निकाली गई रैलियों में CM बीरेन सिंह के न्यूज एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू का विरोध किया गया। PTI को दिए इंटरव्यू में मुख्यमंत्री ने कुकी समूहों की अलग प्रशासन (कुकीलैंड) की मांग को खारिज कर दिया। CM बीरेन ने कहा कि वे राज्य की पहचान को कमजोर नहीं होने देंगे। बीरेन मैतेई समुदाय से आते हैं। जिस इलाके में कुकी रहते हैं, उस क्षेत्र के लिए एक विशेष विकास पैकेज देने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा बीरेन सिंह के सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो पर भी बवाल मचा है। इस ऑडियो को CM बीरेन सिंह का बताया गया है। ऑडियो में मणिपुर में मई 2023 से जारी हिंसा पर आपत्तिजनक टिप्पणियां सुनाई दे रही हैं। हालांकि, मणिपुर सरकार का कहना है कि ऑडिय

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:राष्ट्रपति बोलीं- रेप के फैसले में एक पीढ़ी गुजर जाती है; शिवाजी मूर्ति विवाद- उद्धव ने शिंदे-फडणवीस की फोटो पर चप्पल मारी

नमस्कार, कल की बड़ी खबर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के एक बयान की रही। उन्होंने कहा- भारत में रेप जैसे मामलों में तुरंत न्याय नहीं मिलता। पीढ़ियां गुजर जाती हैं। हमें इसका हल निकालना होगा। वहीं दूसरी खबर शिवाजी मूर्ति विवाद पर है, महाविकास अघाड़ी ने मुंबई में प्रदर्शन किया। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... 1. शंभु बॉर्डर खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। हरियाणा सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। 2. OBC सर्टिफिकेट रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बंगाल सरकार ने याचिका लगाई है। 3. पश्चिम बंगाल विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू होगा। इस सत्र में ममता सरकार रेप को लेकर सख्त कानूनों से जुड़ा बिल पेश करेगी। अब कल की बड़ी खबरें... 1. राष्ट्रपति बोलीं- पेंडिंग केस ज्यूडिशियरी के लिए बड़ा चैलेंज, रेप जैसे मामलों में भी तत्काल न्याय नहीं मिलता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पेंडिंग केस और बैकलॉग न्यायपालिका के लिए बड़ा चैलेंज हैं। जब रेप जैसे मामलों में कोर्ट का फैसला एक पीढ़ी गुजर जाने के बाद आता है, तो आम आदमी को लगता है कि न्याय की प्रक्रिया में कोई संवेदनशीलता नहीं बची है। राष्ट्रपति मुर्मू रविवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशीयरी के वैलेडिक्टरी इवेंट में शामिल हुई थीं। मुर्मू बोलीं- न्याय की रक्षा करना सभी जजों की जिम्मेदारी: मुर्मू ने कहा कि न्यायालयों में तत्काल न्याय मिल सके इसके लिए हमें मामलों की सुनवाई को आगे बढ़ाने के कल्चर को खत्म करना होगा। इसके लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाने चाहिए। इस देश के सारे जजों की यह जिम्मेदारी है वे न्याय की रक्षा करें। राष्ट्रपति ने कहा कि कोर्टरूम में आते ही आम आदमी का स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है। उन्होंने इसे ‘ब्लैक कोट सिंड्रोम’ का नाम दिया और सुझाव दिया कि इसकी स्टडी की जाए। पढ़ें पूरी खबर... 2. शिवाजी मूर्ति विवाद: उद्धव ने शिंदे-फडणवीस की फोटो पर चप्पल मारी; CM शिंदे बोले- जनता इन्हें जूतों से पीटेगी महाराष्ट्र के कोल्हापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के विरोध में रविवार को महाविकास अघाड़ी (MVA) ने मुंबई में प्रदर्शन किया। MVA ने साउथ मुंबई के हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ

Dainik Bhaskar उत्तराखंड में नाबालिग से छेड़छाड़ का आरोपी BJP नेता गिरफ्तार:लड़की को टॉफी देकर छेड़ रहा था, पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज; पार्टी ने निष्कासित किया

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के आरोप में भाजपा के एक नेता को गिरफ्तार किया गया है।एसएसपी देवेंद्र पिंचा ने रविवार को बताया कि 14 साल की लड़की से छेड़छाड़ के आरोपी भगवत सिंह बोरा को शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। ये वारदात 24 अगस्त को सल्ट राजस्व क्षेत्र में हुई थी। नाबालिग लड़की बकरी चराने गई थी, तभी आरोपी उसे टॉफी देकर छेड़खानी कर रहा था। पुलिस ने बताया कि मामले की सूचना 30 अगस्त को मिली थी। इसके बाद आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) और BNS की धारा 74 (महिला पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल) के तहत केस दर्ज किया गया। पीड़िता का मेडिकल टेस्ट भी कराया गया है। पार्टी ने भाजपा नेता को निष्कासित किया भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर भगवत सिंह बोरा को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण महारा ने कहा कि भाजपा सरकार ने महिलाओं पर अत्याचार के मामले में अपने नेताओं को लाइसेंस दे रखा है। मामले में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोपी की फोटो शेयर करते हुए कहा- यह भगवत बोरा है। खुद को BJP मंडल अध्यक्ष बताता था। लोगों से कहा था कि मैं BJP की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाऊंगा। नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पार्टी को नई ऊंचाई तक ले जाऊंगा। अब वह छेड़छाड़ करते हुए पाया गया है। उत्तराखंड में टीचर ने नाबालिग को न्यूड फोटो भेजे उत्तराखंड के हल्द्वानी में 10वीं क्लास की एक छात्रा ने अपने टीचर के खिलाफ सेक्शुअल हैरेसमेंट का केस दर्ज कराया है। 16 साल की लड़की का कहना है कि टीचर ने उसके साथ छेड़छाड़ की और वॉट्सऐप और स्नैपचैट पर उसे न्यूड तस्वीरें भेजीं। यह मामला रविवार को सामने आया। हल्द्वानी सर्किल अफसर नितिन लोहानी ने कहा कि एक प्राइवेट स्कूल का टीचर एक स्टूडेंट को सोशल मीडिया पर गंदे मैसेज भेज रहा था। हमें इसकी शिकायत मिली है और हमने जांच शुरू कर दी है। आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उत्तराखंड में 10 लड़कों ने 2 महिलाओं से छेड़छाड़ की उत्तराखंड के हल्द्वानी में 28 अगस्त को दो महिलाओं के साथ 10 लड़कों के छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिख रहा है कि लड़कियां रात में अपनी कार से घर जा रही थीं, तभी एक स्कॉर्पियो ने

Dainik Bhaskar बंगाल में OBC सर्टिफिकेट रद्द मामले पर SC में सुनवाई:पिछली सुनवाई में सिब्बल बोले- कई दस्तावेज पढ़ने हैं, वक्त चाहिए

पश्चिम बंगाल में OBC सर्टिफिकेट रद्द किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (2 सितंबर) को सुनवाई होगी। इससे पहले 27 अगस्त को मामले की सुनवाई हुई थी। इस दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि याचिकाकर्ताओं ने बहुत सारे दस्तावेज पेश किए हैं। इन्हें पढ़कर जवाब देने के लिए वक्त चाहिए। दरअसल 22 मई को कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य में 2010 के बाद कई जातियों को मिले OBC स्टेटस को रद्द कर दिया। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों और राज्य द्वारा के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में मिलने वाले आरक्षण को अवैध ठहराया था। इसके विरोध में कलकत्ता हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने OBC में शामिल नई जातियों से जुड़ा डेटा मांगा था सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की अपील पर 5 अगस्त को कोर्ट ने कहा था, ‘मुस्लिम कम्युनिटी समेत 77 नई जातियों को OBC लिस्ट में क्यों शामिल किया गया। राज्य सरकार इन नई जातियों के सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन का डेटा दें।’ इसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट कलकत्ता के फैसले को रद्द करने की मांग की। राज्य सरकार ने कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट के फैसले की वजह से NEET-UG 2024 पास करने वाले उम्मीदवारों को प्रवेश में दिक्कतें आ रही हैं। ममता बोलीं थी- हाईकोर्ट का आदेश नहीं मानेंगे हाईकोर्ट के फैसले को लेकर बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि वे हाईकोर्ट और भाजपा के आदेश को नहीं मानेंगी। राज्य में ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा। एक रैली में ममता ने कहा था कि ओबीसी आरक्षण लागू करने से पहले कई सर्वे कराए गए थे। इस मामले में पहले भी कई केस दर्ज कराए गए हैं, पर उनका कोई नतीजा नहीं निकला। ये लोग भाजपा शासित प्रदेशों में नीतियों पर बात क्यों नहीं करते हैं। ममता ने यह भी कहा था कि पीएम मोदी लगातार बात करते आए हैं कि कैसे माइनॉरिटीज तापाशिली आरक्षण को छीन लेंगी और इससे संविधान ध्वस्त हो जाएगा। माइनॉरिटीज कभी तापाशिली या आदिवासी रिजर्वेशन को हाथ भी नहीं लगा सकती हैं, लेकिन भाजपा के शातिर लोग एजेंसियों के जरिए अपने काम करवाते हैं। अमित शाह बोले- हम सुनिश्चित करेंगे कि कोर्ट का आदेश लागू हो इस मामले पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी ने बिना किसी सर्वे के 118 मुस्लिमों को OBC रि

Dainik Bhaskar बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र आज से:ममता सरकार रेप विरोधी कानून पेश करेगी, भाजपा का भी समर्थन

बंगाल सरकार ने आज से विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाया है, जिसमें रेप के दोषियों को मौत की सजा देने का बिल पेश होगा और इसे पारित भी किया जाएगा। ममता बनर्जी ने 28 अगस्त को कहा था कि हम अगले हफ्ते विधानसभा सत्र बुलाएंगे और आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए 10 दिनों के भीतर एक बिल पारित करेंगे। भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने रविवार को कहा कि हमने फैसला किया है कि ममता बनर्जी के इस विधेयक का समर्थन करेंगे। हालांकि, ममता के इस्तीफे की मांग को लेकर विधानसभा के अंदर भी विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की बॉडी मिली थी। इसके बाद देशभर के डॉक्टर सड़क पर उतर आए थे। सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने हड़ताल कैंसिल कर दी। हालांकि बंगाल में प्रदर्शन जारी है। बंगाली कलाकारों ने देर रात तक प्रदर्शन किया बंगाली फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़ी हस्तियों ने रविवार को देर रात तक विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार से कोलकाता रेप केस की पीड़ित को न्याय देने की मांग की। एक्ट्रेस स्वस्तिका मुखर्जी ने कहा कि हम जानते हैं कि सीबीआई मामले की जांच कर रही है, लेकिन रिपोर्ट्स से पता चला है कि मामले के कई फैक्ट्स को दबाने की कोशिश की जा रही है। इसलिए हमें सरकार से जवाब चाहिए। आरोपी बोला- सेमिनार रूम में गलती से गया कोलकाता रेप-मर्डर केस के आरोपी संजय रॉय ने ट्रेनी डॉक्टर की मौत को लेकर नया दावा किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उसने पॉलीग्राफ टेस्ट में CBI को बताया कि 8 अगस्त की रात वह गलती से सेमिनार रूम में घुसा था। आरोपी के अनुसार, एक मरीज की हालत खराब थी। उसे ऑक्सीजन की जरूरत थी। इसलिए वो डॉक्टर को ढूंढ रहा था। इसी दौरान थर्ड फ्लोर पर सेमिनार रूम में गया। वहां ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी पड़ी थी। उसने शरीर को हिलाया, लेकिन कोई मूवमेंट नहीं हुआ। इससे वह घबरा गया और बाहर भागा। इस दौरान किसी चीज से टकराकर वह लड़खड़ाया और उसका ब्लूटूथ डिवाइस गिर गया। आरोपी ने दावा किया कि वह ट्रेनी डॉक्टर को पहले से नहीं जानता था। उसने बताया कि घटना के दिन अस्पताल के गेट पर कोई सिक्योरिटी नहीं थी और न किसी ने उसे रोका। CBI ने अब तक 10 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया क

Dainik Bhaskar मॉब लिंचिंग पर राहुल बोले- मुसलमानों पर हमले जारी हैं:BJP सरकार में उपद्रवियों को छूट है, सरकारी तंत्र मूक दर्शक बना हुआ है

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा और महाराष्ट्र की मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों को भाजपा सरकार से खुली छूट मिली हुई है, इसीलिए उनमें ऐसा साहस है। अल्पसंख्यकों और खास कर मुसलमानों पर लगातार हमले जारी हैं और सरकारी तंत्र मूक दर्शक बना देख रहा है। राहुल ने आगे कहा कि भाजपा कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन नफरत के खिलाफ भारत जोड़ने के लड़ाई हम जीतेंगे। राहुल का कहना है कि भाजपा पार्टी नफरत को राजनीतिक हथियार बनाकर सत्ता की सीढ़ी की चढ़ रही है और देश में डर का माहौल पैदा कर रही है। भीड़ की शक्ल में अपराधी खुलेआम हिंसा फैला रहे हैं और इन्हें भाजपा सरकार से छूट है। ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

Dainik Bhaskar कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' की रिलीज टली:सेंसर बोर्ड और कट्स लगाना चाहता है; MP हाईकोर्ट में फिल्म के खिलाफ सुनवाई आज

फिल्म इमरजेंसी पहले 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब इसकी रिलीज रोक दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CBFC (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) फिल्म में और कट्स लगाना चाहता है। ताकि किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाएं आहत न हों। हालांकि, बोर्ड ने पहले फिल्म को क्लियर कर दिया था, लेकिन बाद में सर्टिफिकेशन पर रोक लगा दी। वहीं, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में फिल्म की रिलीज को लेकर आज सुनवाई होगी। एक सिख संगठन ने याचिका में इमरजेंसी की रिलीज रोकने की मांग की है। सिख समुदाय की मांग- कंगना की इमरजेंसी रिलीज न हो फिल्म के खिलाफ रविवार को मुंबई के 4 बंगला स्थित गुरुद्वारे के बाहर सिख समुदाय ने प्रदर्शन किया। सिख समुदाय का आरोप है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। सिख समुदाय ने मांग की है कि फिल्म पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए और कंगना के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाए। प्रदर्शनकारियों की अगुआई करने वाले जसपाल सिंह सूरी ने कहा, ‘कंगना को हर जगह जाकर माफी मांगनी चाहिए। उसने खालसा पंथ को आतंकवादी बोला है। उन किसानों को आतंकवादी बोला है, जो अपने हक के लिए अनशन पर बैठे हुए थे। अगर वह ऐसा नहीं करती है तो उसके आने वाले दिन बहुत खराब होंगे। इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। उसने यह फिल्म हिंदू, मुस्लिमों और सिखों को आपस में लड़ाने के लिए बनाई है। अगर यह फिल्म रिलीज हुई तो जगह-जगह पर दंगे होंगे, कत्लेआम होंगे। यह जूते खाने की हरकत है और वह (कंगना) जूते खाएगी।’ सिख समुदाय के लोगों का दावा- मुंबई में फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे हजारों सिखों ने 4 बंगला गुरुद्वारे के बाहर इकट्ठा होकर फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कंगना रनोट के पोस्टर्स पर चप्पल मारी और फिल्म के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि वे किसी भी सूरत में इस फिल्म को मुंबई के सिनेमाघरों में रिलीज नहीं होने देंगे। उनका दावा है कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे इसके खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। फिल्म पर सिख समुदाय की छवि को धूमिल करने का आरोप प्रदर्शनकारियों का कहना है कि फिल्म इमरजेंसी में सिखों के इतिहास से जुड़े कुछ संवेदनशील मुद्दों को गलत तरीके से दिखाया गया है। इससे सिख धर्म और समुदाय की छवि धूमिल हुई है। वे अपने धर्म और इति

Dainik Bhaskar SC जज बोले- समाज में भीड़ तंत्र पैदा हो रहा:नेता अपराधियों को फांसी देने का वादा करते हैं, जबकि फैसला लेना न्यायपालिका का काम

सुप्रीम कोर्ट जस्टिस अभय ओका ने रविवार को कहा कि समाज में ‘भीड़ तंत्र’ पैदा हो रहा है। जब कोई हादसा होता है, तो नेता इसका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। वे उस जगह जाते हैं और जनता से वादा करते हैं कि आरोपी को फांसी की सजा दी जाएगी, लेकिन ये तय करना उनका काम नहीं है। ये फैसला लेने की ताकत सिर्फ न्यायपालिका के पास है। जस्टिस ओका बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र की तरफ से पुणे में आयोजित कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे। यहां उन्होंने न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनाए रखने और त्वरित और न्यायपूर्ण फैसले सुनाने की अहमियत पर अपनी बात रखी। उन्होंने यह भी कहा कि कई केस में बेल देने के चलते बिना वजह ही न्यायपालिका की आलोचना की जाती है। रामदास अठावले ने की थी अपराधियों के लिए फांसी की सजा की मांग मॉब रूल की टिप्पणी करते वक्त जस्टिस ओका ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कोलकाता रेप-मर्डर और महाराष्ट्र के बदलापुर में दो स्कूली छात्राओं के यौन शौषण के मामले सामने आने के बाद अपराधियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा सुनाए जाने के मांग उठ रही है। शनिवार (31 अगस्त) को ही केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर में शामिल अपराधियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी। इससे कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वादा किया था कि वे मौजूदा कानून में बदलाव करेंगी ताकि रेप के अपराधियों को फांसी की सजा सुनिश्चित की जा सके। जस्टिस ओका बोले- ज्यूडिशियरी की आजादी बनाए रखनी होगी उन्होंने कहा कि अगर ज्यूडिशियरी का सम्मान करना है, तो इसकी स्वतंत्रता बनाए रखनी होगी। संविधान का पालन सिर्फ तब होगा जब वकील और ज्यूडिशियरी संवेदनशील रहेंगे। न्याय तंत्र को बनाए रखने में वकील अहम भूमिका निभाते हैं, लिहाजा उन्हें अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी होगी, वरना संविधान नहीं बच पाएगा। जस्टिस वराले बोले- बेटी पढ़ाओ के साथ बेटा पढ़ाओ पर भी जोर देना होगा कॉन्फ्रेंस में मौजूद सुप्रीम कोर्ट जस्टिस प्रसन्न भालचंद्र वराले ने शिक्षा और जागरूकता के जरिए संविधानिक मूल्यों को बनाए रखने की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अपने मूल्यों को बनाए रखने और कड़ी मेहनत करने से ही सफलता मिलती है। जस्टिस वराले ने कहा कि सिर्फ संविधान को जानने या पढ़ने से काम नहीं चलता, हमें इसके प्रति ज