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Dainik Bhaskar टीचर ने 3 साल की बच्ची से रेप किया:भोपाल में स्कूल से लौटी तो शरीर पर चोट के निशान दिखे; मां ने थाने में की शिकायत

भोपाल में एक प्राइवेट स्कूल के टीचर पर 3 साल की बच्ची से रेप की एफआईआर दर्ज की गई है। बच्ची की मां की शिकायत के बाद पुलिस ने टीचर कासिम रेहान को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, बच्ची की मां ने सोमवार को शिकायत की थी कि उनकी 3 साल की बेटी के साथ टीचर ने गलत काम किया है। दो दिन पहले बच्ची स्कूल से घर पहुंची तो उसके प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान थे। इसकी शिकायत करने वे स्कूल पहुंचीं। उन्होंने टीचर का नाम भी बताया, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने बताया कि थाने में शिकायत के बाद पुलिस ने स्कूल पहुंचकर आरोपी टीचर कासिम की जानकारी जुटाई। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को कड़ी सजा दी जाएगी स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी को कड़ी सजा दी जाएगी, स्कूल सिस्टम के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। किसी व्यक्ति विशेष को यह न लगे कि उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। चिंता से इस विषयों को लिया जा रहा है। जंगलराज क्या होता है, एमपी में देख रहे: जीतू पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा, आज राष्ट्रपति महोदय का मध्यप्रदेश दौरा है, प्रदेश की राजधानी में 3 साल की मासूम के साथ बलात्कार हुआ है। राष्ट्रपति को मध्यप्रदेश की बेटियों की स्थिति को लेकर मैंने पत्र भेजा था कि मैं उनसे मिलकर उन्हें इस बारे में अवगत कराऊं। मुझे आशा थी कि मुझे मिलने का समय मिलेगा, पर मैं मीडिया के माध्यम से राष्ट्रपति जी से अनुरोध करना चाहता हूं कि रोज बहनों के साथ बलात्कार होते हैं। भोपाल में 3 साल की मासूम के साथ रेप हुआ। इस बारे में प्रदेश की सरकार और गृह मंत्रालय सोया हुआ है। बद से बदतर स्थिति हो चुकी है। जंगल राज क्या होता है, महिलाओं की आबरू किस तरह लूटी जाती है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण रोज एमपी में देखने को मिलता है। केस दर्ज कर गिरफ्तार किया आरोपी स्कूल शिक्षक पर दुष्कर्म की धाराओं में केस दर्ज किया लिया है और उसको गिरफ्तार कर लिया गया है।

Dainik Bhaskar पंजाब CM मान की चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर तबीयत बिगड़ी:कुछ दिन से दिल्ली में थे; आवास पर ड्रिप लगाकर वापस राजधानी ले जाया गया

पंजाब के CM भगवंत मान की मंगलवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। वह चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर विमान से उतरे थे, तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें पहले CM आवास पर चंडीगढ़ में ड्रिप लगाई गई। इसके साथ ही उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाया गया गया। डॉक्टर फिलहाल उनके हेल्थ अपडेट के बारे में कुछ भी जानकारी देने से मना कर रहे हैं। हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं...

Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:इस्तीफ़े के जरिए अमरता चाहने की आतिशी कवायद!

राजनीति क्या है? वो हर परिस्थिति में निराश न होने वाली दिलेरी भी है! नफ़रत को मणि समझकर अपने मस्तिष्क में सँभाले रखने वाली दिलेरी भी है! … और सपनों को ताश के पत्तों की भाँति मिलाकर और बाँटकर कोई खेल खेलने वाली दिलेरी भी! जिसमें कोई भी हार शाश्वत नहीं होती और कोई भी जीत स्थाई नहीं होती…क्योंकि पत्ते फिर से मिलाए या फेटे जा सकते हैं और जीत की आस फिर से बांधी जा सकती है! आप वाले अरविंद केजरीवाल इस वक्त इनमें से किस दिलेरी को जी रहे हैं, ये तो वे ही जानें, लेकिन इतना सच है कि उनकी दुविधा विकट थी। पहाड़ जैसा संकट यही था कि कुछ महीनों के लिए ही सही, अपनी कुर्सी पर किसे बैठाएँ? राजनीति के चक्रव्यूह और इसकी निष्ठाओं से तो वे भी भली- भाँति परिचित हैं ही! दरअसल, दुविधा यह थी कि कब कोई जीतनराम माँझी बन जाए, कब कोई चंपई सोरेन हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता। ख़ैर गहन मंथन के बाद आख़िर वे अपनी विश्वस्थ आतिशी को डमी सीएम के रूप में चुनने में कामयाब हो गए। डमी इसलिए कि कुर्सी पर चाहे जो बैठे, सिक्का तो केजरीवाल का ही चलता रहेगा, जैसा पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाने पर जेल में बैठी जयललिता का चलता था। पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री बनकर भी जयललिता की कुर्सी छोड़कर बग़ल वाली कुर्सी पर बैठा करते थे और छाती से चिपकी जेब में उनका फ़ोटो हमेशा रखते थे। कभी फ़ोन आ जाए तो कुर्सी से उठकर बात किया करते थे। इस तरह की प्रतिबद्धता नक्की करने के बाद ही केजरीवाल ने भी आतिशी को उत्तराधिकारी चुना होगा, यह तय है। अब सवाल यह उठता है कि यह पूरी क़वायद आख़िर क्यों? जब जेल में रहते हुए कुर्सी नहीं छूटी तो अब उसी प्यारी कुर्सी को बाहर (ज़मानत पर) आकर लतियाने का मतलब क्या? जवाब आसान है। अगली जनवरी- फ़रवरी में दिल्ली विधानसभा के चुनाव हैं। केजरीवाल इन चार- पाँच महीनों को अग्नि परीक्षा का समय मान रहे हैं। वे इसमें से पवित्रता का वरदान चाह रहे हैं। कह रहे हैं कि अब जनता से पूछेंगे कि वह उन्हें ईमानदार मानती है या बेईमान? अगर ईमानदार मानती है तो जिताकर ईडी- सीबीआई सबको झूठा साबित कर दे। अगर जीत जाते हैं तो चार महीने के लिए कुर्सी छोड़कर जो अमरता वे चाह रहे थे वह भी मिल जाएगी और चूँकि उनके नारे पर ही जीत मिलेगी, इसलिए पार्टी के भीतर किसी जीतन राम या किसी चंपई के उठ खड़े होने की संभावना भी पूरी तरह क्षीण हो जाएगी। आखि

Dainik Bhaskar मंडी मस्जिद बनाने को 186 मीटर सरकारी जमीन पर कब्जा:अब इसके नीचे खुदाई की मांग, मंदिरों के अवशेष का दावा, DC से मिले लोग

हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी के जेल रोड पर मुस्लिम समुदाय ने 186 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके मस्जिद बनाई। इसका खुलासा नगर निगम द्वारा कोर्ट में पेश स्टेट्स रिपोर्ट में हुआ है। मुस्लिम समुदाय जिस मस्जिद के आजादी से पहले होने का दावा करता रहा, वह 45 वर्ग मीटर जमीन पर बनी थी। यहां अतिक्रमण करके 231 वर्ग मीटर में मस्जिद बना दी गई। मस्जिद को बनाने के लिए नक्शा भी पास नहीं कराया। इसी आधार पर नगर निगम आयुक्त (MC) कोर्ट ने बीते शुक्रवार को मस्जिद की 2 मंजिल गिराने के आदेश दिए और पहले की स्थिति बहाल करने को कहा। अब मस्जिद के नीचे खुदाई की मांग इस बीच हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने मस्जिद के नीचे खुदाई की मांग की है। मस्जिद के नीचे मंदिरों के अवशेष होने का दावा किया जा रहा है। इसी मांग को लेकर स्थानीय लोग बीते मंगलवार को मंडी के DC अपूर्व देवगन से मिले और पुरातत्व विभाग से निरीक्षण कर खुदाई की मांग की। इस बाबत स्थानीय निवासी गगन बहल, एडवोकेट संजय मंडयाल, गीतांजलि शर्मा, कर्नल तारा प्रताप राणा, विराज जसवाल, रिटायर्ड डीआईजी केसी शर्मा ने डीसी मंडी अपूर्व देवगन को एक ज्ञापन भी सौंपा। इससे यह मामला आने वाले दिनों में फिर गरमा सकता है। मस्जिद का अवैध हिस्सा तोड़ा गया फिलहाल MC आयुक्त द्वारा मस्जिद के अवैध हिस्से को 30 दिन के भीतर तोड़ने के आदेशों के मामला शांत है। मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद के अवैध हिस्से को भी गिरा दिया है। 45 मीटर जगह में बनी थी पुरानी मस्जिद जेल रोड पर पूर्व में 45 वर्ग मीटर में एक मंजिला मस्जिद थी, बाद में यहां पर 3 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी गई। इसी वजह से शिमला के संजौली के बाद मंडी में भी मस्जिद को लेकर बवाल मचा और बीते शुक्रवार को ही स्थानीय लोगों ने मस्जिद को गिराने के लिए उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण पाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। संजौली में भी बिना मंजूरी बनाई 5 मंजिला मस्जिद मंडी में अतिक्रमण करके मस्जिद बनाने का मामला और शिमला के संजौली भी बिना मंजूरी के 5 मंजिला मस्जिद बनाने के आरोप है। संजौली मस्जिद का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और 5 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई होनी है। शिमला के लोग इसे भी गिराने की मांग पर अड़े हुए है, क्योंकि यहां पर भी आजादी से पहले दो मंजिला मस्जिद थी।

Dainik Bhaskar योगी बोले- अखिलेश और राहुल भस्मासुर जैसे:शक्ति मिलते ही इन्होंने सिर्फ लूटा; सपा के अंदर औरंगजेब की आत्मा

सीएम योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में अखिलेश और राहुल पर निशाना साधा। कहा- यूपी में दो लड़कों की जोड़ी गुमराह करने के लिए आई है। इन्होंने किसी का हित नहीं किया, सिर्फ लूटा है। इन लोगों को जब भी जनता ने शक्ति दी है, तब इन्होंने शक्ति का दुरुप्रोग किया है, जैसे भस्मासुर ने किया था। सीएम ने कहा- कांग्रेस सरकार रामसेतु तोड़ने का काम कर रही थी। अयोध्या राम मंदिर में बाधक बन रही थी। कश्मीर में आतंकी पनपा रही थी। वही सपा भी उसी के नक्शे कदम पर चल रही थी। गुंडागर्दी, दंगा, अराजकता चरम पर था। सपा तो माफिया के सामने नाक रगड़ती थी। इनके अंदर औरंगजेब की आत्मा घुस चुकी है। ये धर्माचार्यों को माफिया कहते हैं।

Dainik Bhaskar दुष्यंत चौटाला का विरोध, जनसभा रद्द करनी पड़ी:गांव में नहीं घुसने दी गाड़ी; मंदिर से वर्कर के घर तक पीछा करते रहे ग्रामीण

हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए उतरे पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला को कैथल में जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। वह गुहला चीका में JJP कैंडिडेट कृष्ण कुमार बाजीगर के लिए वोट मांगने गए थे। वहां गांव बलबेहड़ा में किसानों ने गांव के बाहर ही उनकी गाड़ी रोक ली। ग्रामीणों को जैसी ही दुष्यंत के आने की सूचना मिली थी, वे काले झंडे लेकर रास्ते पर पहुंच गए थे। गांव में दुष्यंत का कार्यक्रम मंदिर परिसर में रखा गया था। जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो कार्यक्रम स्थल एक कार्यकर्ता के घर शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन लोग वहां भी पहुंच गए। इसके बाद दुष्यंत को जनसभा रद्द करनी पड़ी और रास्ता बदलकर निकलना पड़ा। ग्रामीणों का कहना था कि 5 साल सरकार में रहते हुए दुष्यंत ने उनकी कोई सुध नहीं ली। अब उन्हें गांव की सीमा से होकर भी नहीं गुजरने देंगे। वहीं, हरिगढ़ किंगन गांव में भी एक युवा ने दुष्यंत चौटाला की जमकर क्लास लगाई। उनसे बहस हुई और युवक ने उनसे सवाल भी पूछे। 2 वीडियो वायरल हो रहे, एक में दुष्यंत नहीं दिख रहे जानकारी के अनुसार, मंगलवार को गुहला हलके में पूर्व डिप्टी CM के प्रोग्राम रखे गए थे। इस दौरान उन्हें दर्जन भर गांवों में जाना था। अपनी पार्टी कैंडिडेट की जीत की अपील भी लोगों से करनी थी। इसके लिए ही वह गुहला हलके में पहुंचे थे। इस दौरान उनका विरोध किया गया। दुष्यंत चौटाला के विरोध को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। उनमें से एक 17 सेकेंड का है। उस वीडियो में बलबेहड़ा गांव में किसान JJP के झंडे वाली गाड़ी को घेरे खड़े हैं। वे दुष्यंत चौटाला के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और काले झंडे दिखा रहे हैं। गाड़ी में कंडक्टर साइड में बैठा व्यक्ति तो शीशा उतार कर बातचीत करता है, लेकिन गाड़ी का पीछे का शीशा नहीं उतारा जाता। गाड़ी में पीछे दुष्यंत थे या कोई अन्य, लेकिन किसान नारेबाजी कर उस गाड़ी काे वापस कर देते हैं। युवक ने क्लास लगाई वहीं, दूसरी वीडियो हरिगढ़ किंगन गांव की बताई जा रही है। इसमें एक युवक दुष्यंत चौटाला को अपनी आपबीती सुना रहा है। वह सरकार में रहते हुए उनके किए को लेकर सवाल भी कर रहा है। इस दौरान दुष्यंत अपने वर्करों के साथ मौजूद हैं। वह युवक की बातें सुन रहे हैं। इसके बाद जवाब भी देते हैं, और कुछ हो-हल्ला हो उठता है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब दुष्यंत का विरोध हो रह

Dainik Bhaskar MI-17 हेलीकॉप्टर से कैलाश दर्शन अगले हफ्ते से:खर्च 75 हजार रुपए; 55 साल तक की उम्र वालों को ही कराई जाएगी यात्री

भारत से ही कैलाश पर्वत के दर्शन का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खबर है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के ओल्ड लिपुलेख की पहाड़ियों से MI-17 हेलिकॉप्टर से अगले हफ्ते से कैलाश पर्वत के दर्शन शुरू हो जाएंगे। इसकी घोषणा 2-3 दिन में हो सकती है। इस यात्रा का खर्च 75 हजार रुपए होगा। कैलाश पर्वत चीन आधिपत्य वाले तिब्बत में है और व्यू पॉइंट से चीन बॉर्डर 10 किमी दूर है। व्यू पॉइंट की ऊंचाई 14 हजार फीट से अधिक है। इसलिए 55 साल की उम्र तक वालों को ही यात्रा कराई जाएगी। पुराने रास्तों की तुलना में आधे से भी कम में होगी यात्रा... पहले की तुलना में इस बार यात्रा का खर्च आधे से भी कम है। 2019 तक भारतीय नागरिक तीन रास्तों से कैलाश पर्वत पहुंच सकते थे। पहला- नेपाल, दूसरा- ओल्ड लिपुलेख और तीसरा- सिक्किम। इन रूट्स से यात्रा 11 से 22 दिन में पूरी होती थी और 1.6 लाख से 2.5 लाख रु. तक खर्च हो जाते थे। कोरोना आते ही चीन ने तीनों रास्ते बंद कर दिए। इसलिए भारत सरकार ने ओल्ड लिपुलेख की पहाड़ियों से कैलाश दर्शन कराने का रास्ता निकाला। इस रास्ते को बीआरओ ने बड़ी मुश्किल से कई पहाड़ों को काटकर बनाया है। पहले आदि कैलाश के दर्शन होंगे यात्रा पिथौरागढ़ से शुरू होगी। यहां से सेना का MI-17 हेलिकॉप्टर एक बार में 15 श्रद्धालुओं को ओल्ड लिपुलेख से 30 किमी पहले गुंजी गांव तक ले जाएगा। यहां से फोर-बाई-फोर की गाड़ियां 21 किमी आगे नाभिढांग ले जाएंगी। पहले ऊं पर्वत के दर्शन होंगे। फिर सेना और आईटीबीपी के जवान अपनी सुरक्षा में श्रद्धालुओं को 9 किमी आगे ओल्ड लिपुलेख पास ले जाएंगे। यहां चोटी पर बने व्यू पॉइंट से श्रद्धालुओं को कैलाश पर्वत के दर्शन कराए जाएंगे। सुबह 6 बजे से शुरू होंगीं हेलिकॉप्टर उड़ानें कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के डीटीओ ललित तिवारी के मुताबिक सुबह 6 बजे से हेलिकॉप्टर की उड़ानें होंगी और दोपहर 2 बजे तक सभी श्रद्धालुओं को गुंजी गांव वापस ले लाएंगे। इस टूर का पैकेज 4 दिनी रहेगा। इसके लिए हमने 75 हजार रु. प्रति व्यक्ति खर्च प्रस्तावित किया है। इसमें हेलीकॉप्टर-जीप का किराया, रुकना, खाना, गर्म पानी, रजाई-गद्दे आदि शामिल हैं। गुंजी गांव के सभी होम स्टे बुक कर लिए हैं। राज्य या केंद्र सरकारी यात्रा किराए में सब्सिडी दे सकती है, लेकिन हमने यही खर्च तय किया है। 15 सितंबर से सड़क रास्ते से शुरू ह

Dainik Bhaskar एमपी में 62% मुस्लिम और 38% हिंदुओं पर बुलडोजर एक्शन:ढाई साल में 259 मकान-दुकान तोड़े; सबसे ज्यादा कार्रवाई हत्या के आरोपियों पर

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए देशभर में बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने दलील दी, 'MP का एक मामला है, जहां 70 दुकानों को गिरा दिया गया। इनमें से 50 दुकानें हिंदुओं की थीं।' दैनिक भास्कर की पड़ताल में सामने आया है कि ढाई साल में मध्यप्रदेश में 259 मकान तोड़े गए। इनमें 160 मुस्लिम और 99 हिंदुओं के हैं। प्रशासन ने 22 अगस्त को छतरपुर में थाने पर पथराव के मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली की 20 करोड़ रुपए की हवेली को जमींदोज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में भी राहत मांगी गई थी। दैनिक भास्कर ने मार्च 2022 से लेकर 26 अगस्त 2024 तक एमपी में ऐसे बुलडोजर एक्शन का एनालिसिस किया। पढ़िए ये रिपोर्ट.. भास्कर ने ऐसे किया एनालिसिस हमने मार्च 2022 से 26 अगस्त 2024 तक मध्यप्रदेश में आरोपियों के घरों को बुलडोजर से गिराने के हर एक मामले की लिस्टिंग की। देखा कि हत्या या रेप के आरोपियों की संख्या कितनी है? साथ ही ये भी देखा कि जिन आरोपियों के अवैध अतिक्रमण हटाए, उनमें किस धर्म से जुड़े कितने लोग हैं और ये भी कि किस जिले में सबसे ज्यादा कार्रवाई की गई। हत्या के 26 आरोपियों के घरों पर चला बुलडोजर हत्या के आरोपियों के घरों को तोड़ने के लिए 26 बुलडोजर की कार्रवाई हुई। यह सबसे ज्यादा है। 16 कार्रवाई हिंदू तो 10 कार्रवाई मुस्लिम आरोपियों के खिलाफ की गई। गौहत्या के मामले में सभी कार्रवाई मुस्लिमों के खिलाफ गौ हत्या के मामलों में बुलडोजर की 12 कार्रवाई हुईं। मंदिरों को नुकसान पहुंचाने और दंगे के मामलों में 6 कार्रवाई हुईं। ये सभी कार्रवाई मुस्लिम वर्ग के आरोपियों के खिलाफ की गईं। उज्जैन में सबसे ज्यादा 9 कार्रवाई, ग्वालियर-इंदौर में 3-3 2022 से अब तक उज्जैन में 9 बार बुलडोजर चल चुका है। 2 बार नाबालिग से बलात्कार के आरोपियों, 2 बार हत्या के आरोपियों, 2 कार्रवाई गुंडागर्दी करने वालों पर हुईं। महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं से मारपीट करने वालों पर, महाकाल सवारी पर थूकने वाले और सटोरिए पर एक-एक कार्रवाई की गई। उज्जैन में 5 कार्रवाई हिंदू और 4 कार्रवाई मुस्लिम आरोपियों के खिलाफ की गई। मोहन सरकार में 54 कार्रवाई, 30 हिंदुओं और 24 मुस्लिमों पर डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद से 54 बार बुलडोजर चला है। इन 54 मामलों में से 30 कार्रवाई हिंदू

Dainik Bhaskar हरियाणा में मायावती ने बढ़ाई BJP-कांग्रेस की टेंशन:35 सीटों पर खेल बिगाड़ सकते हैं दलित वोटर, इनेलो से गठबंधन कर जाटों को लुभाया

हरियाणा में बसपा सुप्रीमो मायावती बीजेपी और कांग्रेस दोनों की टेंशन बढ़ा सकती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह बीएसपी का परंपरागत वोट बैंक है, जो चुनाव में खेल बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। मायावती हरियाणा पर इसलिए भी फोकस कर रही हैं, क्योंकि यहां 21 फीसदी दलित वोट बैंक है। यही वो वोट बैंक है, जो मायावती को हरियाणा में मजबूत दावेदार बनाता है। प्रदेश में दलित आबादी वंचित अनुसूचित जाति (DSCs) और अन्य अनुसूचित जाति (OSCs) के रूप में वर्गीकृत हैं। हालांकि बीएसपी को छोड़कर सभी राजनीतिक दल इन पर अपना हक जताते हैं, लेकिन पिछले 4 चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में बीएसपी का वोट बैंक जरूर बढ़ा या घटा है। इसके अलावा विधानसभा की 17 सीटें आरक्षित हैं और राज्य की 35 सीटों पर दलित वोटरों का प्रभाव है। बीएसपी सुप्रीमो का टारगेट 17 और 35 सीटों पर है, जहां दलित वोटरों का प्रभाव है, ताकि हरियाणा में बीएसपी गेम चेंजर की भूमिका में रहे। हरियाणा में दलित वोट का महत्व 2011 की जनगणना के अनुसार, हरियाणा की आबादी में दलितों की हिस्सेदारी 20.2% है, जिसमें 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, एससी आबादी शहरी क्षेत्रों में 15.8% की तुलना में 22.5% अधिक है। मायावती कैसे बढ़ाएंगी बीजेपी और कांग्रेस की टेंशन? कांग्रेस के लिए ये खड़ी होंगी मुश्किलें 1. 2019 में इनमें से 21 सीटें भाजपा ने जीती थीं, 15 कांग्रेस ने और 8 जेजेपी ने जीती थीं। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस-आप गठबंधन ने 68% दलित वोट हासिल किए, जिससे उसे स्पष्ट बढ़त मिली। लेकिन अब जेजेपी-भीम आर्मी और BSP-INLD गठबंधन की नज़र उन्हीं मतदाताओं पर है, ऐसे में कांग्रेस के लिए मुश्किल काम होगा। 2. 2024 में दलितों के समर्थन से कांग्रेस सबसे बड़ी लाभार्थी बनकर उभरी, लेकिन मायावती और आजाद दोनों ही पार्टी की संभावनाओं को बिगाड़ने के लिए पर्याप्त वोट खींच सकते हैं, क्योंकि इस मुकाबले में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। BJP की टेंशन की ये है बड़ी वजह 1. 2024 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा को अपने दलित वोटों में भारी गिरावट देखने को मिली, जो कांग्रेस की ओर चले गए। लगभग 68% दलित मतदाताओं ने I.N.D.I.A (कांग्रेस-आप) का समर्थन किया, जो 40% से अधिक की वृद्धि है। केवल 24 प्रतिशत दलितो

Dainik Bhaskar हरियाणा में कांग्रेस आज मेनिफेस्टो जारी करेगी:पहले फेज में 15 गारंटिया शामिल; 2 लाख नौकरियां-ओल्ड पेंशन स्कीम देने का वादा

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस आज अपना घोषणा पत्र दिल्ली से जारी करेगी। इसको लेकर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल शामिल होंगे। इस बार कांग्रेस ने घोषणा पत्र को 2 फेज में तैयार किया है। इस फेज में 15 गारंटियां शामिल की गई हैं। दूसरे चरण का घोषणा पत्र चंडीगढ़ में जारी होगा। कांग्रेस इस बार देगी ये गारंटियां हरियाणा में कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में कई गारंटियां देगी। सरकार बनने पर 2 लाख खाली सरकारी पदों पर पक्की भर्तियां, कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ और बुढ़ापा पेंशन 6 हजार रुपए करने की गारंटी शामिल रहेगी। किसानों को एमएसपी और ज्यादा भाव की गारंटी देने के साथ ही पिछड़ा वर्ग के क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ाकर 10 लाख कर सकती है। पहले यह 6 लाख थी। जिसे भाजपा सरकार ने बढ़ाकर 8 लाख कर दिया था। 300 यूनिट फ्री बिजली देने की भी गारंटी कांग्रेस की ओर से जिन 15 गारंटियों को हरियाणा में जारी किया जाएगा, उनमें 300 यूनिट मुफ्त बिजली और ऑनलाइन पोर्टल बंद करने की घोषणा शामिल है। सफाई कर्मचारियों, ग्रामीण चौकीदारों और मनरेगा मेट के कर्मचारियों को पक्का करने का वादा भी कांग्रेस कर सकती है। 2019 में बीस पन्नों के संकल्प पत्र में 17 प्रमुख एजेंडे थे 2019 में कांग्रेस ने ‘संकल्प हमारा, खुशहाल हरियाणा’ के नारे के साथ अपना संकल्प पत्र जारी किया था। बीस पन्नों के संकल्प पत्र में 17 प्रमुख एजेंडे शामिल कर कांग्रेस ने दिल खोलकर वादे किए थे। नारी, किसान, नौजवान, बुजुर्गों और कर्मचारियों पर विशेष फोकस किया गया था। कांग्रेस ने सरकार बनने पर महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण और 24 घंटे में किसान कर्ज माफी का बड़ा वादा किया था। साथ ही कर्मचारियों की पुरानी पेंशन नीति दोबारा लागू करने की बात कही थी। वृद्धावस्था पेंशन 5100 रुपए करने का वादा भी किया गया था।

Dainik Bhaskar हरियाणा में भाजपा आज मेनिफेस्टो जारी करेगी:रोहतक में कार्यक्रम, अध्यक्ष जेपी नड्‌डा पहुंचेंगे, युवाओं, किसानों व गरीबों पर रहेगा फोकस

हरियाणा के लिए भाजपा आज रोहतक में अपना घोषणा पत्र जारी करेगी। जिसके लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्‌डा रोहतक पहुंचेंगे। उनके साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, प्रदेश प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया व मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ आदि नेता भी उपस्थित रहेंगे। इस बार भाजपा अपने घोषणा पत्र में युवाओं, किसानों व गरीब वर्ग के लिए विशेष घोषणाएं कर सकती है। मेनिफेस्टो को लेकर भाजपा ने कमेटी बनाई थी, जिसने लोगों से भी सुझाव मांगे गए। वहीं केंद्रीय नेतृत्व ने घोषणा पत्र को तैयार करने में विशेष फोकस किया है। बीपीएल परिवारों के लिए होंगी बड़ी घोषणाएं भाजपा पिछले 10 साल से सत्ता में हैं, इसलिए वह कराए गए विकास और मेरिट पर नौकरियों के दम पर वोट मांग रही है। इनके अलावा, पार्टी युवा, महिलाओं, किसानों के साथ-साथ व्यापारियों, मजदूरों और पिछड़ों को साधने की तैयारी में हैं। 1.80 लाख से कम आय वाले लोगों के लिए घोषणा पत्र में कई बड़े वादे हो सकते हैं। जारी नहीं हो सका था सीएमपी 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और जजपा ने अलग-अलग घोषणा पत्र जारी किए थे। गठबंधन के बाद दोनों दलों ने वादों को पूरा कराने के लिए एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (CMP) बनाने के लिए कमेटी गठित की। हालांकि साढ़े चार साल बाद गठबंधन टूट गया, पर सीएमपी जारी नहीं हो पाया। 2019 में बीजेपी ने संकल्प पत्र में ये किए थे वादे भाजपा के 2019 विधानसभा चुनाव के लिए जारी संकल्प पत्र में 15 प्रमुख एजेंडे थे। इसमें हरियाणा के लोगों के साथ 258 वादे किए गए थे। भाजपा के पास 1.70 लाख सुझाव आए थे। जिनमें से यह संकल्प पत्र तैयार किया गया था। 258 वादों में हर वर्ग को छूने का प्रयास किया गया था। युवा, किसान, उद्योग, खेल, स्वास्थ्य, दलितों और पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया गया था। 3 नए मंत्रालय युवा विकास और रोजगार मंत्रालय, अंत्योदय व मानव संपदा मंत्रालय के गठन की कल्पना की गई थी।

Dainik Bhaskar विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल में फंसेगी रेसलर; OBC-ब्राह्मण एकतरफा होने पर ही BJP को फायदा

हरियाणा में जींद की जुलाना विधानसभा सीट इस बार के चुनाव में सुर्खियों में है। इसकी वजह रेसलर विनेश फोगाट हैं। विनेश पहले पहलवान आंदोलन और फिर ओलिंपिक डिस्क्वालिफिकेशन से चर्चा में आईं। अब वह कांग्रेस की टिकट पर जुलाना सीट से चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, यहां भाजपा से कैप्टन योगेश बैरागी, इनेलो-बसपा से डॉ. सुरेंद्र लाठर, आम आदमी पार्टी (AAP) से WWE में जाने वाली पहली महिला रेसलर कविता दलाल और JJP से अमरजीत ढांडा चुनाव लड़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट का खूब माहौल है, लेकिन ग्राउंड लेवल पर यह पूरी तरह खरा नहीं उतरता। लोग विनेश को मजबूत तो मानते हैं, लेकिन उसकी बड़ी वजह यहां की दोहरी एंटी इनकंबेंसी है। भाजपा की 10 साल की सरकार और मौजूदा JJP विधायक से लोग नाराज हैं। लोगों को इसका बेहतर विकल्प कांग्रेस नजर आ रही है। हालांकि, जातीय गणित यहां कांग्रेस और विनेश, दोनों के लिए पेंच फंसा सकता है। जुलाना में 1.87 लाख वोटर हैं। सबसे ज्यादा 70% यहां जाट समाज के वोट हैं, लेकिन 5 पार्टियों में से 4 ने उम्मीदवार जाट समाज से उतारे हैं। उसमें विनेश, लाठर, ढांडा और कविता दलाल शामिल हैं। ऐसे में जाट वोट बंटे तो विनेश का कड़े मुकाबले में फंसना तय है। जाट वोट एकतरफा हुए तो भाजपा के कैप्टन बैरागी मुकाबले से बाहर नजर आते हैं। यदि जाट वोट बंटा और 30% OBC और ब्राह्मण वोट भाजपा के खाते आया तो वह चौंका भी सकते हैं। जुलाना के लोगों का कहना है कि विनेश फोगाट को सहानुभूति, सत्ता विरोधी लहर, BJP-JJP से नाराजगी और सेलिब्रिटी चेहरे का फायदा मिलेगा। लोगों की जुबान पर डॉ. सुरेंद्र लाठर का भी नाम है। वहीं, भाजपा के कैप्टन योगेश बैरागी को लेकर लोगों ने कहा कि उन्हें OBC और ब्राह्मण समाज का साथ मिलेगा। 4 पॉइंट में समझिए जुलाना का समीकरण विनेश बहू के नाम पर वोट मांग रहीं बेशक जुलाना विनेश फोगाट का ससुराल हो, लेकिन वह यहां कम ही आती थीं। उनके पति सोमवीर राठी और ससुराल वाले सोनीपत के खरखौदा में बनाए हुए घर में रह रहे हैं। विनेश का अपना परिवार चरखी दादरी जिले के बलाली गांव में रहता है। कुछ लोग उन्हें भी बाहरी उम्मीदवार कह रहे हैं। इसलिए वह खुद को जुलाना की बहू के रूप में पेश कर वोट मांग रही हैं। पारंपरिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वह अपना सिर चुन्नी से ढंक रही हैं। अपनी जनसभाओं में क्षेत्र के साथ अपने संबंध

Dainik Bhaskar देश का मानसून ट्रैकर:मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश में बहुत भारी बारिश का अलर्ट; राजस्थान के 22 जिलों में बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने बुधवार को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। दोनों ही राज्यों में बीते 5 दिन से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, मध्य प्रदेश पर बन रहा स्ट्रांग सिस्टम आज से आगे निकल जाएगा। इससे बाद से तेज बारिश का दौर थमेगा। 19 सितंबर से राज्य में बारिश में भारी कमी आएगी। राज्य में अबतक 1042mm बारिश हो चुकी है। वहीं, उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति है। 4 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। जालौन में 15 से ज्यादा गांव यमुना में डूबे हुए हैं। मंगलवार को 26 जिलों में भारी बारिश हुई। सबसे ज्यादा 74.5 मिमी बारिश सोनभद्र में हुई। लखीमपुर खीरी जिले के 220 गांव पानी में डूबे हैं। राजस्थान में अगले दो दिन भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बने नए सिस्टम के असर के चलते से राज्य के 22 से ज्यादा जिलों में बारिश का अलर्ट रहेगा। राज्यों से बारिश की तस्वीरें... झारखंड: राज्य में बीते तीन दिन से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो दिन में बारिश से राहत मिलने का अनुमान है। सोमवार राज्य के 6 जिलों में बहुत भारी हुई थी। चतरा जिले में सबसे ज्यादा 163 mm बारिश हुई थी। पश्चिम बंगाल: मंगलवार को पश्चिम बंगाल के अधिकांश हिस्से में भारी बारिश हुई। बीरभूम, बांकुरा, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, पश्चिम बर्धमान जिलों के कई इलाके बाढ़ से घिर से हैं। इन जिलों में मौजूद कई डेम और बैराज से पानी छोड़ा गया है। दुर्गापुर बैराज से 1,33,750 क्यूसेक, कांगसाबती बांध से 40,000 क्यूसेक, मैथन बांध से 2,00,000 क्यूसेक और पंचेत बांध से 50,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बारिश से जुड़ी घटना में 2 लोगों की मौत भी हुई है। 19 अगस्त को 7 राज्यों में बारिश का अलर्ट राज्यों में मौसम का हाल

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला CM होंगी; बुलडोजर एक्शन पर 1 अक्टूबर तक रोक; भारत 5वीं बार एशियन हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी जीता

नमस्कार, कल की बड़ी खबर दिल्ली की रही, अब आतिशी राज्य की CM होंगी। एक खबर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की रही, जिसमें बुलडोजर एक्शन पर 1 अक्टूबर तक रोक लगा दी गई है। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. केजरीवाल ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा, आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के CM पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने उपराज्यपाल विनय सक्सेना को इस्तीफा सौंपा। इससे पहले AAP विधायक दल की बैठक में आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बनी। आतिशी ने राज्यपाल के सामने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। वे इसी हफ्ते शपथ ले सकती हैं। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला CM होंगी। इससे पहले शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज राज्य की CM रह चुकी हैं। सत्ता परिवर्तन पर भाजपा ने कहा कि मेकओवर से AAP के दाग नहीं छुपेंगे। आतिशी ने कहा कि अगले चुनाव तक मेरे पास सिर्फ दो काम हैं। पहला- भाजपा के षड्यंत्र से दिल्ली के लोगों की रक्षा करना। दूसरा- केजरीवाल को फिर से CM बनाना। इस बीच, दिल्ली सरकार ने 26 और 27 सितंबर को 2 दिन का विधानसभा सत्र बुलाया है। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, कहा- हमारी इजाजत बिना तोड़फोड़ न हो सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर 1 अक्टूबर तक रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई तक देश में एक भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइंस के अवैध अतिक्रमण को इस ऑर्डर से अलग रखा गया है। केंद्र ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के हाथ इस तरह नहीं बांधे जा सकते हैं। इस पर अदालत ने कहा, ‘अगर कार्रवाई दो हफ्ते रोक दी तो आसमान नहीं फट पड़ेगा। आप इसे रोक दीजिए, 15 दिन में क्या होगा?’ किस याचिका पर फैसला दिया: जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने 22 अगस्त को याचिका दाखिल की थी। जमीयत का आरोप था कि BJP शासित राज्यों में समुदाय विशेष को निशाना बनाकर बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा है। याचिका में एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट का भी जिक्र था। इनमें 5 राज्यों में बुलडोजर एक्शन की 128 घटनाओं की फैक्ट फाइंडिंग है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जहां डिमोलिशन हुआ है, वहां कानूनी प्रकिया का पालन किया गया। समुदाय विशेष को टारगेट करने का आरोप गलत है। पूरी खबर यहां पढ़ें... 3.

Dainik Bhaskar महाराष्ट्र में आज MVA की मीटिंग:सीट बंटवारे पर 3 दिन चर्चा होगी; कांग्रेस 288 में से 120 सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर महा विकास अघाड़ी (MVA) 18 से 20 सितंबर तक मुंबई में बैठक करेगी। शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार (17 सितंबर) को इसकी जानकारी दी। राउत ने बताया कि गठबंधन में शामिल किस पार्टी को कितनी और कहां की सीटें मिलेंगी इसका फॉर्मूला तय किया जाएगा। सीट बंटवारे का फैसला उम्मीदवारों की जीत की संभावना के आधार पर तय होगा। MVA गठबंधन में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) और कांग्रेस शामिल हैं। लोकसभा चुनाव में 13 सीटें जीतने के बाद कांग्रेस का मनोबल बढ़ा है। इस वजह से पार्टी ज्यादा सीटें मांग रही है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में से करीब 110- 120 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है। 31 अगस्त को महायुति की बैठक हुई थी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महायुति (भाजपा, शिवसेना और NCP) की दूसरे दौर की बैठक 31 अगस्त को हुई। NCP के सूत्रों ने ANI को बताया कि 3 घंटे तक चली इस मीटिंग में महाराष्ट्र की 288 में से 173 सीटों पर सहमति बनी। इनमें सबसे ज्यादा सीटें भाजपा को देने का फैसला किया गया है। भाजपा के बाद शिवसेना और NCP को सीटें मिलेंगी। हालांकि, किस पार्टी को कितनी सीटें देने पर सहमति बनी, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। बाकी की 115 सीटों पर बैठक में फैसला होगा। सीट शेयरिंग फाइनल करने के लिए 2-3 दौर की मीटिंग और होगी। नवंबर 2024 को बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) सरकार का कार्यकाल खत्म होगा लोकसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ 9 सीटें मिली 2019 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 104 सीटें जीतीं थी। भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन में मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की वाली एनसीपी शामिल है। लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र की 48 सीटों में भाजपा सिर्फ 9 सीटें जीत सकी। गठबंधन की सहयोगी NCP ने एक सीट जीती। शिवसेना (शिंदे गुट) को 7 सीटों पर जीत मिली। यह खबर भी पढ़ें... महाराष्ट्र भाजपा प्रवक्ता बोले- NCP को NDA छोड़ देना चाहिए, अजित पवार का जवाब- हम PM और शाह से बात करते हैं महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव पहले महायुति गठबंधन (भाजपा, शिवसेना-शिंदे गुट, NCP) के नेता एक दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता गणेश हेक ने कहा