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Dainik Bhaskar झारखंड सिपाही भर्ती में कैसे हुई 12 कैंडिडेट्स की मौत:एक्सपर्ट बोले- कोविड के बाद ऐसे केस बढ़े, परिवार ने कहा- स्वस्थ थे बच्चे
सीन 1 - पलामू प्रमंडल का सबसे बड़ा अस्पताल मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, तारीख 29 अगस्त 2024। समय दोपहर के लगभग 12 बजे का वक्त। उत्पाद सिपाही की दौड़ में शामिल युवा अस्पताल की फर्श पर पड़े हैं। ना बेहतर इलाज की सुविधा है, ना कोई डॉक्टर। जिसकी हालत गंभीर है, उसे जमीन पर ही लेटा कर स्लाइन चढ़ाया जा रहा हैं। सीन 2 - पलामू में चियांकी हवाई अड्डा सात सेंटर में से एक, जहां उत्पाद सिपाही की दौड़ हो रही है। अरुण कुमार उत्पाद सिपाही की दौड़ में शामिल हुए। दिन 28 अगस्त और समय दोपहर के लगभग 1 बजे का वक्त... अरुण ने छह राउंड की दौड़ पूरी कर ली, लेकिन अचानक उनकी तबीयत खराब होने लगी और वो ठहर गए। एक अधिकारी ने कहा, आगे तक जाना है दौड़ पूरी करो। अरुण की तबीयत इतनी खराब हो रही है कि वो जमीन पर लेट गए और मदद के लिए चिल्ला लगे... झारखंड में लगभग 44 साल बाद उत्पाद सिपाही के पद के लिए भर्तियां शुरू हुई थी। इस दौड़ ने 12 लोगों की जान ले ली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मौत के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस पर रोक लगा दी। एडीजी आरके मलिक ने आज बताया कि 22 अगस्त से शुरू हुई उत्पाद सिपाही बहाली में 12 अभ्यर्थियों की मौत के बाद इसे स्थगित किया गया था। जिसके बाद इस प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। अब फिर से प्रक्रिया शुरू होगी। 10 सितंबर से दौड़ शुरू होगी । मौत की असल वजह के लिए पूरी रिपोर्ट का इंतजार उत्पाद सिपाही की दौड़ में मौत की शुरुआत जहां से हुई अब उस जगह को बाहर निकाल दिया गया है। पलामू के शेष अभ्यर्थियों को 19 और 20 सितंबर को रांची और अन्य सेंटर में आना होगा। उत्पाद सिपाही की दौड़ में अब तक 1 लाख 87 हजार 400 लोगों ने हिस्सा लिया है। जिसमें 1 लाख 17 हजार छात्र सफल हुए है। अभी 1 लाख 14 हजार बचे हुए है।जिनके लिए दौड़ 10 सितंबर से शुरू होगी। मौत की वजह एडीजी आरके मलिक ने हार्ट अटैक को बताया। उन्होंने विस्तार से टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कहा, सभी मामले में रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ साफ पाएगा। इसका साफ अर्थ है कि मौत कैसे हुई इस पर अब भी एक बड़ा सवालिया निशान है। अभ्यर्थियों की दौड़ से पहले बीपी की जांच होगी। जिन्हें लगे कि वह स्वस्थ्य नहीं है वो जांच करा सकते है। मौत की वजह... परिजनों ने कहा- स्वस्थ था हमारा बच्चा, तबीयत खराब होती तो मरने नहीं जाता प्रशासन मौत की वजह के
Dainik Bhaskar भागवत बोले-आप भगवान बने या नहीं, इसका फैसला लोग करेंगे:खुद न कहें कि ईश्वर बन गए हैं; मणिपुर पर कहा- यहां सुरक्षा की गारंटी नहीं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा- अपने कर्मों में सफल होने के बाद आप भगवान बन गए हैं या नहीं, इसका फैसला लोगों को करना चाहिए। आप को खुद नहीं बोलना चाहिए कि आप भगवान बन गए हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शंकर दिनकर काने की सौंवीं जयंती पर पुणे में आयोजित कार्यक्रम में भागवात ने कहा- हमें जितना हो सके उतना अच्छा काम करना चाहिए। अपने अच्छे काम के जरिए, हर कोई एक सम्मानित व्यक्ति बन सकता है, लेकिन हम उस स्तर तक पहुंचे हैं या नहीं, यह फैसला हम नहीं, बल्कि दूसरे लोग करेंगे। हमें कभी यह ऐलान नहीं करना चाहिए कि हम भगवान बन गए हैं। दरअसल, लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भगवान ने मुझे किसी उद्देश्य से भेजा है। मैं जो भी करता हूं, परमात्मा ही मुझसे करते हैं। एक बार उद्देश्य पूरा हो जाए तो मेरा काम खत्म हो जाएगा। भागवत बोले- मणिपुर में सुरक्षा की गरंटी नहीं शंकर दिनकर 1971 तक मणिपुर में बच्चों को शिक्षित करने के अभियान में जुटे थे। मणिपुर को लेकर हो रही चर्चा के दौरान भागवत ने कहा- संगठन के कार्यकर्ता तमाम चुनौतियों और सुरक्षा की गारंटी न होने के बावजूद संघर्षग्रस्त उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में डटे हैं। भागवत ने कहा- मणिपुर में परिस्थितियां कठिन बनी हुई हैं। स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर सशंकित हैं। वहां कारोबार या सामाजिक सेवा के लिए गए लोगों के लिए माहौल अधिक चुनौतीपूर्ण है। इस सबके बावजूद संघ के कार्यकर्ता दोनों गुटों की मदद और माहौल सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। न ही वे वहां से भागे, न ही हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे। वे जनजीवन सामान्य करने, गुस्सा कम करने और राष्ट्रीय एकता की भावना बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इसका नतीजा है कि वे स्थानीय लोगों का भरोसा जीतने में सफल रहे। भागवत बोले- NGP सब कुछ नहीं संभाल सकते भागवत ने कहा- मणिपुर में NGO सब कुछ नहीं संभाल सकते। संघ स्थिति सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। संघ सभी पक्षों से बातचीत कर रहा है। स्वयं सेवकों ने लोगों का विश्वास हासिल कर लिया है। स्थानीय लोगों ने सालों से संघ के काम को देखा है, इसलिए विश्वास किया है। भारत के सपने को पूरा करने में दो पीढ़ियां लगेंगी भागवत ने कहा- लगभग 40 साल पहले यहां की स्थिति और बदतर थी। इसके बावजूद लोग वहीं
Dainik Bhaskar सावित्री जिंदल को सांसद बेटे का समर्थन:बोले- मैं साथ हूं, पार्टी का फैसला भी सही; पूर्व विधायक ने लिया निर्दलीय लड़ने का फैसला
देश की सबसे अमीर महिलाओं में शुमार उद्योगपति सावित्री जिंदल की बीजेपी से बगावत को उनके बेटे नवीन जिंदल ने सही बताया है। बता दें कि नवीन कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं। एक इंटरव्यू में नवीन जिंदल ने कहा है कि "मैं पार्टी के टिकट वितरण के फैसले को सही मानता हूं, लेकिन मैं अपनी मां के फैसले का भी सम्मान करता हूं"। जिंदल ने कहा कि "मेरी मां के 4 बेटे और 5 बहनें हैं, हम कुल मिलाकर 9 भाई-बहन मां के साथ हैं। इसके अलावा पूरा हिसार मेरा परिवार है। मेरे पिता और मेरी मां का हिसार लंबे समय से कार्यक्षेत्र है, यहां के लोग भी उनका परिवार है। इस कारण से मां ने अपने परिवार की सेवा के लिए जो भी फैसला लिया है, मैं उसका सम्मान करता हूं और साथ भी दूंगा"। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए सावित्री जिंदल की बगावत 1. लिस्ट जारी होते ही शुरू हुई बगावत हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने बुधवार देर शाम को 67 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की थी। हालांकि बुधवार की सुबह ही सावित्री जिंदल दिल्ली पहुंच चुकी थी। लेकिन जब उन्हें पता लगा की सूची में उनका नाम नहीं है तो वह हिसार वापस लौट आईं। लिस्ट आते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही इस्तीफा दे दिया। वहीं, सावित्री जिंदल की टिकट कटने के बाद हिसार के जिंदल हाउस में भी हलचल बढ़ गई। परिवार के कई करीबियों ने फोन कर इस मामले पर चर्चा की। 2. सुबह होते ही जिंदल हाउस पहुंचे समर्थक वहीं गुरुवार सुबह होते ही जिंदल परिवार के समर्थक जिंदल हाउस पहुंचने लगे। उन्होंने सावित्री जिंदल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के नारे लगाए। समर्थक उनके पति स्व. ओपी जिंदल की फोटो भी लेकर आए थे। जहां सभी के साथ चर्चा के बाद देश की चौथी सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने भी बगावत का ऐलान कर दिया। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। 3. क्या बोलीं सावित्री जिंदल चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा- मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए दिल्ली से वापस आई थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। सावित्री मशहूर उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां हैं। हिसार सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से ह
Dainik Bhaskar विधायक बचाने के लिए बंदूक रखते थे भजनलाल:केंद्रीय मंत्री बने तो पत्नी को MLA बनवाया; मुस्लिम बनने पर बेटे को पार्टी से निकाला
साल 1977, इमरजेंसी के बाद केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री। ये आजादी के बाद पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार थी। इसमें भारतीय जनसंघ, भारतीय लोकदल और कांग्रेस से अलग हुए दल शामिल थे। हालांकि कुछ दिनों बाद ही जनता पार्टी के अलग-अलग धड़ों के बीच अनबन होने लगी। जनसंघ से आए सांसदों पर दबाव बनाया जाने लगा कि वे या तो जनता पार्टी छोड़ दें या RSS। इधर, हरियाणा की जनता पार्टी सरकार में भी उथल-पुथल मची थी। मुख्यमंत्री देवीलाल के करीबी ही बगावत पर उतारू थे। इस बीच 19 अप्रैल 1979 को देवीलाल ने जनसंघ से आए मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। 6 जून 1979, मुख्यमंत्री देवीलाल हिसार और सिरसा के दौरे पर थे। उन्हें खबर मिली कि उनके चार मंत्रियों ने बगावत कर दी है। इनमें एक डेयरी मंत्री भजनलाल बिश्नोई भी थे। देवीलाल ने फौरन विधायकों को बचाने की कवायद शुरू कर दी। उन्होंने सिरसा जिले के तेजाखेड़ा में अपने किलेनुमा घर में 42 विधायकों को बंद कर लिया। कहा जाता है कि देवीलाल बंदूक लेकर विधायकों की रखवाली कर रहे थे। इधर, तख्तापलट के लिए भजनलाल के पास दो विधायक कम पड़ रहे थे। देवीलाल खेमे के दो विधायक तेजाखेड़ा से बाहर निकले। एक विधायक के घर शादी थी और दूसरे विधायक के चाचा बीमार थे। देवीलाल को लगा कि कुछ तो गड़बड़ है। वे बिन बुलाए विधायक के घर शादी में पहुंच गए। देवीलाल ने देखा कि भजनलाल तो वहां पहले से मौजूद हैं। दरअसल, तेजाखेड़ा में बंद विधायकों से मिलने उनकी पत्नियां और परिवार के लोग जाते थे। इनके जरिए ही भजनलाल अपना मैसेज इन विधायकों तक पहुंचाते थे। बाद में दोनों विधायक भजनलाल के खेमे में आ गए। 26 जून 1977, देवीलाल को बहुमत साबित करना था। उन्होंने संख्याबल जुटाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। एक दिन पहले ही देवीलाल ने इस्तीफा दे दिया। इस तरह भजनलाल तख्तापलट कर मुख्यमंत्री बन गए। भजनलाल बिश्नोई तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। उनके बेटे चंद्र मोहन हुड्डा सरकार में डिप्टी सीएम रहे। अब भजनलाल की तीसरी पीढ़ी राजनीति में है। हरियाणा के ताकतवर राजनीतिक परिवारों की सीरीज ‘परिवार राज’ के दूसरे एपिसोड में पढ़िए भजनलाल कुनबे की कहानी… 6 अक्टूबर 1930, संयुक्त पंजाब के बहावलपुर में जन्मे भजनलाल का परिवार बंटवारे के ब
Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:भारत के प्रयासों से रूस- यूक्रेन वार्ता टेबल पर आने को तैयार
ढाई साल तक लड़ने के बाद आख़िरकार रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन को समझ में आ रहा है कि जंग से किसी का भला नहीं होने वाला। शांति से ही विकास का रास्ता निकलता है। लगभग ढाई साल पहले शांति युग के सूत्रपात का दावा करने वाली यह दुनिया देखती रह गई थी और दो राष्ट्राध्यक्षों की ज़िद या तेलस्वार्थ ने अपने चरम पर पहुँचकर युद्ध का रूप ले लिया था। ऐसा नहीं है कि युद्ध टालने की कोशिशें नहीं की गईं लेकिन ये तमाम कोशिशें एकतरफ़ा थीं। अमेरिका और उसके साथी देश यूक्रेन को नाटो में मिलाने की गरज से उसके साथ खड़े हो गए थे और पुतिन के ग़ुस्से की यही सबसे बड़ी वजह थी। जिस तरह श्रीकृष्ण अंतिम मध्यस्थता करने हस्तिनापुर गए थे और सुई की नोक बराबर भी ज़मीन न देने का दुर्योधन का टका सा जवाब लेकर लौट आए थे वैसे ही बाइडन को भी लौटना पड़ा था। हालाँकि श्रीकृष्ण युद्ध टालने के पक्षधर थे जबकि बाइडन का मत बहुत हद तक एकतरफ़ा था। अमेरिका यूक्रेन का समर्थन करता रहा और रूस का ग़ुस्सा बढ़ता गया। अमेरिका चूँकि यूक्रेन के साथ था इसलिए चीन ने रूस और उसके राष्ट्रपति पुतिन के ग़ुस्से को भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एक भारत ही था जो न अमेरिका से डरा और न ही चीन से। उसने अपने शांति प्रयास जारी रखे। वह अमेरिका के दबाव के बावजूद इस युद्ध में तटस्थ बना रहा। भारत की यही भूमिका दुनियाभर में सराही गई। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं जो रूस भी गए और यूक्रेन भी गए। दोनों राष्ट्रपतियों से मिले। शांति का संदेश दिया और भारत का यह मंत्र दोनों को अच्छी तरह समझाने में कामयाब रहे कि युद्ध आख़िर किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। बातचीत ही समाधान की धुरी है और दोनों देशों को यह बात समझ में आ गई। पुतिन अब यूक्रेन से बात करने को तैयार हो गए हैं और यह भी कह रहे हैं कि इस बातचीत में भारत मध्यस्थता कर सकता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की तो भारत की भूमि पर शांति वार्ता करने का सुझाव रख चुके हैं। 1919 से 1939 की दुनिया में ब्रिटेन एक महाशक्ति था, लेकिन निर्द्वंद्व नहीं। उसके बाज़ू में फ़्रांस था, जर्मनी और इटली थे, सोवियत संघ और जापान भी था। रूस - यूक्रेन युद्ध के समय कहा जा सकता है कि अकेला अमेरिका था। और कोई नहीं था। लेकिन अमेरिका कमजोर हो चुका था और उसकी निष्पक्षता भी शक के दायरे में आ चुकी थी। यही वजह है कि वह युद्ध
Dainik Bhaskar 5वीं के बच्चों के ऑनलाइन एग्जाम, VR हेडसेट से लर्निंग:कभी फूस के छप्पर में बैठते थे, आज स्मार्ट TV से पढ़ते हैं बच्चे
बिहार के कैमूर जिले के एक छोटे से गांव तरहनी में एक ऐसा स्कूल है, जहां बच्चे क्लासरूम में ही दुनियाभर के जानवरों से भरा जू यानी चिड़ियाघर घूम आते हैं। पूरे सोलर सिस्टम की सैर करते हैं और भागकर चांद को पकड़ लेते हैं। कक्षा 1 से 5वीं तक के ये बच्चे मोबाइल पर ऑनलाइन एग्जाम देते हैं और इनके रिजल्ट भी ऑनलाइन ही जारी होते हैं। ये नजारा न्यू प्राथमिक विद्यालय तरहनी का है, जहां 35 साल के हेडमास्टर सिकेंद्र कुमार सुमन ने पूरे स्कूल को डिजिटल टेक्नोलॉजी से जोड़ दिया है। सिकेंद्र को शिक्षक दिवस के मौके पर नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। लोगों के सहयोग से क्लास में लगाए स्मार्ट TV सिकेंद्र कहते हैं, 'ज्यादातर सरकारी स्कूल सरकार की फंडिंग पर ही पूरी तरह से निर्भर रहते हैं, लेकिन मैं जो बच्चों के लिए करना चाहता था उसके लिए सरकार की फंडिंग काफी नहीं थी। इसलिए सोचा क्यों न आसपास के लोगों और टीचर्स से ही सहयोग लिया जाए। टीचर्स और कुछ पेरेंट्स से पैसे जुटाकर स्कूल में स्मार्ट TV लगाया। टीचर्स ने अपनी तरफ से पहली से पांचवी तक के बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास की शुरुआत की। बिहार के किसी सरकारी स्कूल में ऐसा पहली बार हुआ है। इसके अलावा स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए CCTV कैमरे भी इंस्टाल कराए गए हैं। बच्चों और टीचर्स को पीरियड खत्म होने और दूसरा पीरियड शुरू होने का इशारा देने के लिए इलेक्ट्रिक स्कूल बेल है। स्कूल के कैंपस को बहुत सुंदर डिजाइन किया है जो किसी प्राइवेट स्कूल के किंडरगार्टेन से भी सुंदर दिखता है।' 5वीं क्लास के सभी बच्चों के पास है ईमेल आईडी सिकेंद्र कहते हैं, 'मुझे हमेशा ये लगता था कि किताब और ब्लैकबोर्ड की पढ़ाई बच्चों के लिए काफी नहीं है। बच्चों को नई टेक्नोलॉजी भी सीखनी जरूरी है। तभी आगे चलकर वो बाकी दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चल पाएंगे। आज हमारे स्कूल में 5वीं क्लास तक के हर बच्चे के पास खुद की ईमेल आईडी है। सभी बच्चे ईमेल बनाना और ईमेल भेजना जानते हैं। हालांकि स्कूल में कंप्यूटर नहीं है, लेकिन कंप्यूटर की सभी चीजें हम बच्चों को स्मार्टफोन के जरिए बताते हैं। अब बच्चे अपने घरों से मोबाइल फोन लेकर आते हैं। यहां तक कि कई पेरेंट्स ने अब इसलिए ही फोन खरीदा है ताकि उनके बच्चे फोन के जरिए पढ़ाई कर सकें।' सिकेंद्र और स्कूल के दूसरे टीचर्स लग
Dainik Bhaskar देश का मानसून ट्रैकर:MP में अब तक 904 मिमी बारिश, सालाना औसत से 10% ज्यादा; 18 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग (IMD) ने शुक्रवार (6 सितंबर) को 18 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, IMD के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 1 जून से 5 सितंबर तक 904.9 मिमी बारिश हुई। यह सालाना मानसून औसत से 10% ज्यादा है। राज्य में इस अवधि में सामान्य रूप से 823.9 मिमी बारिश होती है। भोपाल मौसम विभाग ने कि पूर्वी मध्य प्रदेश में 953.9 मिमी (6% ज्यादा), पश्चिमी मध्य प्रदेश में 867.2 मिमी (13% ज्यादा) बारिश हुई। श्योपुर जिले में प्रदेश में सबसे ज्यादा 1087.7 मिमी बारिश (81% ज्यादा) हुई, जबकि यहां सामान्य रूप से 600.5 मिमी बारिश होती है। रीवा में सबसे कम 572.6 मिमी बारिश (31% कम) हुई। यहां सामान्य रूप से 823.3 मिमी बारिश होती है। वहीं, राजस्थान में भारी बारिश का दौर जारी है। सवाई माधोपुर में तेज बारिश के कारण गुरुवार को एक मकान ढहने एक युवक की मौत हो गई। बूंदी में बाढ़ के हालात हैं। प्रदेश के 10 से ज्यादा जिलों में भारी बरसात हो रही है। इस कारण राजस्थान के कई डैम ओवरफ्लो हो गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 8 सितंबर से प्रदेश में मानसून धीमा हो जाएगा। देशभर से बारिश की 4 तस्वीरें... 7 सितंबर को 15 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
Dainik Bhaskar आरजी कर के पूर्व-प्रिंसिपल की याचिका पर SC में सुनवाई:संदीप घोष ने वित्तीय अनियमिततओं का मामला CBI को सौंपे जाने के खिलाफ अपील की
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की याचिका पर आज (6 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। घोष ने मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं का केस CBI को सौंपने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ 4 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को CBI को आरजी कर रेप-हत्या केस और अस्पताल में वित्तीय गड़बड़ी की जांच सौंपी थी। इस बीच 2 सितंबर को CBI ने संदीप घोष को गिरफ्तार किया था। 3 सितंबर को घोष को अलीपुर जजेस कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे और तीन अन्य लोगों को 8 दिन की CBI कस्टडी में भेज दिया गया। 2 सितंबर को संदीप घोष की गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने नोटिफिकेशन जारी करके कहा कि घोष के खिलाफ जारी कानूनी कार्रवाई के चलते उन्हें सस्पेंड किया जा रहा है। इससे पहले 28 अगस्त को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने संदीप घोष की सदस्यता रद्द कर दी थी। CBI की जांच में खुलासा- संदीप घोष ने घटना के अगले दिन रेनोवेशन का ऑर्डर दिय इस बीच 5 सितंबर को CBI की जांच में सामने आया है कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह सेमिनार हॉल में ही मिला था। सूत्रों के मुताबिक CBI को ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि संदीप घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को सेमिनार हॉल से लगे कमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था। इस परमिशन लेटर पर घोष के साइन भी हैं। रेप-मर्डर केस और वित्तीय गड़बड़ी के बीच कड़ी बन सकता है ये लेटर सूत्रों के मुताबिक पहले यह समझा जा रहा था कि PWD को रेनोवेशन का काम शुरू करने का निर्देश आरजी कर मेडिकल कॉलेज के किसी प्रशासनिक अधिकारी ने दिया था। लेकिन, परमिशन लेटर मिलने के बाद यह साफ हो गया है कि घोष को रेनोवेशन कराने की जल्दी थी। इन्वेस्टिगेशन कर रहे अधिकारियों का कहना है कि इस डॉक्यूमेंट से यह साफ हो रहा है कि घोष को रेनोवेशन कराने की जल्दी थी, लिहाजा यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और आरजी कर कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी के केस के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है। स्टूडेंट्स के विरोध के बाद रोक दिया गया था रेनोवेशन का काम 13 अगस्त की शाम को जब कलकत्ता
Dainik Bhaskar गृहमंत्री अमित शाह दो दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे पर जाएंगे:आज जम्मू में भाजपा का घोषणापत्र जारी करेंगे; घाटी का दौरा भी कर सकते हैं
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज (6 सितंबर) दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर आएंगे। वे आज जम्मू में भाजपा का चुनावी घोषणापत्र जारी करेंगे। गृहमंत्री आज कश्मीर घाटी का भी दौरा कर सकते हैं। ये जानकारी भाजपा के जम्मू-कश्मीर महासचिव अशोक कौल ने गुरुवार को दी। अशोक कौल ने कहा कि पीएम मोदी भी जल्द ही जम्मू-कश्मीर में तीन चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। इन तीन रैलियों में से दो जम्मू संभाग में और एक कश्मीर में होगी। पीएम मोदी की जम्मू की एक रैली डोडा जिले में होने की संभावना है, जहां हाल के दिनों में आतंकवादी हमले हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटें हैं, जिनमें से 47 घाटी में और 43 जम्मू संभाग में हैं। प्रदेश में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन फेज में चुनाव होने हैं। नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे। मोदी-शाह समेत 40 स्टार प्रचारक बनाए भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। लिस्ट में शिवराज चौहान, योगी आदित्यनाथ और स्मृति ईरानी का भी नाम है। कश्मीर में कुछ सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन कर सकती है भाजपा जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि घाटी के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में जमीनी हालात को देखते हुए भाजपा कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे जम्मू-कश्मीर में इस समय भाजपा की जबरदस्त लहर है। मैं विश्वास के साथ कहता हूं कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा की सरकार बनेगी। प्रचंड बहुमत के साथ जम्मू-कश्मीर में भाजपा अपनी सरकार बनाएगी। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया है। NC 52 सीटों पर और कांग्रेस 31 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है। दोनों पार्टियों ने दो सीटें छोड़ी हैं, एक घाटी में CPI (M) के लिए और दूसरी जम्मू संभाग में पैंथर्स पार्टी के लिए। जम्मू संभाग में नगरोटा, बनिहाल, डोडा और भद्रवाह और घाटी में सोपोर की पांच सीटों पर NC और कांग्रेस दोनों ही अपने उम्मीदवार उतारेंगे, जिसे गठबंधन ‘दोस्ताना मुकाबला’ कह रहा है। 2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP औ
Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:देश की सबसे अमीर महिला की BJP से बगावत; राहुल बोले- जाति जनगणना कराकर रहेंगे; पुतिन बोले- यूक्रेन से बातचीत के लिए राजी
नमस्कार, कल की बड़ी खबर हरियाणा विधानसभा चुनाव की रही। एक खबर राहुल गांधी के जाति जनगणना वाले बयान से जुड़ी रही। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल को BJP ने टिकट नहीं दिया, अब निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने BJP से बगावत कर दी है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 67 कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी की थी। इसमें हिसार से डॉ. कमल गुप्ता को टिकट मिला। इससे नाराज सावित्री ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। सावित्री ने अपने समर्थकों से कहा कि वो अब BJP की सदस्य नहीं हैं। सावित्री उद्योगपति और कुरुक्षेत्र से BJP सांसद नवीन जिंदल की मां हैं। जिंदल का 4 पार्टियों से होगा मुकाबला: सावित्री का मुकाबला 4 पार्टियों से होगा, जिसमें भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और जजपा शामिल हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के डॉ. कमल गुप्ता से ही होगा। दोनों 2014 में आमने-सामने चुनाव लड़ चुके हैं। तब सावित्री कांग्रेस प्रत्याशी थीं, वह हार गईं थीं। सावित्री जिंदल ₹2.77 लाख करोड़ की मालकिन: फॉर्च्यून इंडिया की 5 सितंबर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, जिंदल परिवार की मुखिया और जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल देश की चौथी सबसे अमीर शख्सियत हैं। इसके अलावा वह देश की सबसे अमीर महिला भी हैं। हरियाणा के हिसार की रहने वाली सावित्री स्टील किंग स्व. ओपी जिंदल की पत्नी हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. कोलकाता रेप-मर्डर केस: पूर्व प्रिंसिपल ने घटना के अगले दिन क्राइम सीन के पास रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह सेमिनार हॉल में ही मिला था। CBI के मुताबिक, घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर PWD को सेमिनार हॉल से लगे कमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था। रेनोवेशन 13 अगस्त को शुरू हुआ। प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ने सबूत मिटाने के आरोप लगाए, इसके बाद काम रोक दिया गया। मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में CBI ने घोष को 2 सितंबर को अरेस्ट किया था। घोष को रेनोवेशन कराने की जल्दी थी: CBI
Dainik Bhaskar बंगाल गवर्नर बोले- अपराजिता बिल ममता के कारण अटका:राज्य सरकार ने बिल के साथ टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी, मंजूरी देने में देरी होगी
पश्चिम बंगाल के गवर्नर आनंद बोस ने कहा- अपराजिता बिल ममता सरकार के कारण पेंडिंग है। ममता सरकार ने बिल के साथ टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी है। इस रिपोर्ट के बिना बिल को मंजूरी नहीं दी जा सकती। राजभवन की ओर से गुरुवार 5 सितंबर को जारी बयान में बताया गया कि ममता सरकार के इस रवैये से गवर्नर बोस नाराज हैं। महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण बिल को लेकर ममता सरकार ने कोई होमवर्क नहीं किया। राज्य सरकार पहले भी ऐसा करते रही है। विधानसभा से पास हुए कई बिल की टेक्निकल रिपोर्ट राजभवन नहीं भेजी जाती है। इससे बिल पेंडिंग हो जाते हैं, जिसका इल्जाम ममता सरकार राजभवन पर लगाती है। दरअसल, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर के बाद राज्य सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे थे। ममता सरकार ने 3 सितंबर को पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी-रेप बिल पेश किया था। इसके तहत पुलिस को रेप केस की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी। विधानसभा से पास होने के बाद बिल को राज्यपाल के पास भेजा गया है। यहां से पास होने के बाद बिल राष्ट्रपति को भेजा जाएगा, जहां से मुहर लगने के बाद यह कानून में बदल सकेगा। गवर्नर बोले- अपराजिता बिल आंध्र-महाराष्ट्र के बिल का कॉपी पेस्ट गवर्नर ने अपराजिता बिल को आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश के बिल का कॉपी-पेस्ट बताया। गवर्नर के मुताबिक, इस तरह के बिल प्रेसिंडेट के पास पहले से पेंडिंग है। ममता सरकार सिर्फ राज्य के लोगों को धोखा देने के लिए धरना-प्रदर्शनों में भाग ले रही हैं, क्योंकि उन्हें भी पता है कि इस तरह के बिल राष्ट्रपति के पास पेंडिंग पड़े हैं। राज्यपाल ने 9 बिल रोके बिल से जुड़े 10 सवाल-जवाब... 1. बिल का नाम क्या है और इसका मकसद? जवाब: बंगाल सरकार ने बिल को अपराजिता वुमन एंड चाइल्ड बिल 2024 नाम दिया है। इसका मकसद वेस्ट बंगाल क्रिमिनल लॉ एंड अमेंडमेंट बिल में बदलाव कर रेप और यौन शोषण के मामलों में महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा बढ़ाना है। 2. दोषी को फांसी की सजा कब होगी? जवाब: अगर रेप के बाद विक्टिम की मौत हो जाती है या फिर वो कोमा में चली जाती है तो इस स्थिति में रेप के दोषी को फांसी की सजा दी जाए। 3. रेपिस्ट को उम्रकैद दी गई तो जेल की अवधि क्या होगी? जवाब: बिल में कहा गया है कि रेप-गैंग रेप के दोषी को उम्रकैद की सजा
Dainik Bhaskar वक्फ बिल पर JPC की तीसरी बैठक में भी हंगामा:विपक्षी सांसदों ने कहा- मीटिंग में मंत्रालय के अधिकारियों ने जानकारी छिपाई
वक्फ बिल में संशोधन के लिए गुरुवार (5 सितंबर) को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की तीसरी बैठक हुई। इसमें मंत्रालयों के अधिकारियों ने कमेटी को वक्फ बिल के बारे में प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान अधिकारियों की विपक्षी सांसदों से तीखी बहस हुई। इसके अलावा भाजपा के सांसदों और विपक्षी सांसदों में भी बहस हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मीटिंग में हंगामा भी हुआ। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि प्रेजेंटेशन के दौरान सरकारी अधिकारी कमेटी को बिल के बारे में पूरी जानकारी नहीं दे रहे। साथ ही कहा कि मिनिस्ट्री के अधिकारी अपना स्वतंत्र दृष्टिकोण नहीं अपना रहे। वे बिना किसी विचार-विमर्श के सरकार के रुख को ही बढ़ावा दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सबसे ज्यादा विरोध AAP सांसद संजय सिंह और TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने किया। दरअसल, संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष के विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के JPC को भेज दिया गया था। 8 पॉइंट में समझिए तीसरी बैठक में क्या-क्या हुआ वक्फ बोर्ड की पिछली बैठक में क्या-क्या हुआ? 30 अगस्त, दूसरी बैठक: विपक्षी सांसदों ने वॉक आउट किया JPC की दूसरी बैठक में विपक्षी सदस्यों ने कुछ देर के लिए बैठक से वॉक आउट किया। यह बैठक करीब 8 घंटे तक चली बैठक में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा और इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स, राजस्थान मुस्लिम वक्फ, दिल्ली और यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के विचारों को सुना। सूत्रों के अनुसार, मुस्लिम संगठनों ने बिल के कई प्रावधानों पर कहा कि यह मुसलमानों के लिए चिंता का विषय हैं। बैठक में 'वक्फ बाय यूजर्स' पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि यह धार्मिक आस्था और व्यवहार का मामला है। इसलिए सरकार को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। बैठक के बारे में जानने के लिए क्लिक करें... पहली बैठक के बाद समिति अध्यक्ष बोले थे- सभी हिस्सेदारों की बात सुनी जाएगी 22 अगस्त को 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक हुई थी। इसमें समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया था कि बिल पर विचार करने के दौरान सभी 44 बदलावों (अमेंडमेंट्स) पर चर्चा होगी। सभी हिस्सेदारों की बात सुनी जाएगी। मुस्लिम जानका
Dainik Bhaskar हरिद्वार के संतों की मांग-हिंदू संदर्भों से उर्दू शब्द हटाएं:शाही-पेशवाई जैसे शब्द मुगल सल्तनत की याद दिलाते हैं
हरिद्वार के संत समाज ने गुरुवार (5 सितंबर) को हिंदू धार्मिक संदर्भों से उर्दू शब्दों को हिंदी और संस्कृत के शब्दों से बदलने की मांग रखी। संतों ने कहा- शाही और पेश्वाई जैसे उर्दू शब्द मुगल सल्तनत की याद दिलाते हैं। कुंभ में होने वाले स्नान को भी शाही स्नान कहा जाता है। यह शब्द भारतीय संस्कृति की परंपरा में नहीं है। जल्द ही अलग-अलग अखाड़ों से मीटिंग की जाएगी, जिसमें इन शब्दों को हटाने के प्रस्ताव पर जोर दिया जाएगा। दरअसल, MP के CM मोहन यादव ने 2 सितंबर ही में उज्जैन में भगवान महाकाल की सवारी का जिक्र करते हुए 'शाही सवारी' की जगह 'राजसी सवारी' शब्द का इस्तेमाल किया था। इसी के बाद संतों ने यह मांग उठाई है। अखाड़ा परिषद बोला- शाही शब्द गुलामी का प्रतीक अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी (निरंजनी) ने कहा- शाही और पेशवाई जैसे शब्द गुलामी के प्रतीक हैं। मुगल शासक इन शब्दों को अपना गौरव दिखाने के लिए इस्तेमाल करते थे। हमारी हिंदी भाषा की उत्पत्ति प्राचीन भारतीय सनातन संस्कृति की भाषा संस्कृत से हुई है। संस्कृत में शाही जैसा कोई शब्द नहीं है।
Dainik Bhaskar रिपोर्ट- देश में 2 महीने में रेप के 149 केस:इनमें सबसे ज्यादा 93 केस बच्चियों के साथ, 62% मामलों में रिश्तेदार आरोपी
9 अगस्त को कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद से ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच मीडिया एजेंसी PTI ने खुद की खबरों के हवाले से देशभर में रेप केसेस की एक रिपोर्ट जारी की। यह आकड़ा 1 जुलाई से 31 अगस्त के बीच का है। 18 साल से छोटी बच्चियों के साथ सबसे अधिक रेप केस इस रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 2 महीने में देश में 149 रेप केस दर्ज हुए हैं। इनमें सबसे अधिक 93 केस 13 से 18 साल की बच्चियों के साथ हुए हैं। यौन हिंसा की शिकार हुई सबसे छोटी बच्ची की उम्र सिर्फ 18 महीने है। वहीं रेप केस के ज्यादातर मामलों में आरोपी कोई पहचान वाला या फिर रिश्तेदार था। रिपोर्ट के अनुसार देशभर में सबसे अधिक रेप के मामले महाराष्ट्र के ठाणे, यूपी के बलिया और राजधानी दिल्ली से आए। ग्राफिक्स की मदद से देखिए पिछले 2 महीने में देशभर में रिपोर्टेड रेप केस… कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में अब तक की टाइमलाइन यह खबर भी जरूर पढ़ें… पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पास:पीड़ित कोमा में गई या मौत हुई तो दोषी को 10 दिन में फांसी होगी पश्चिम बंगाल विधानसभा में 3 सितंबर को एंटी रेप बिल पास हो गया। नए कानून के तहत रेप केस की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी। इसके अलावा पीड़ित के कोमा में जाने या मौत होने पर दोषी को 10 दिन में फांसी की सजा होगी। भाजपा ने भी बिल का समर्थन किया है। इसे अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024 (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) नाम दिया गया है। अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। उसके बाद यह राष्ट्रपति के पास जाएगा। दोनों जगह पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा। पूरी खबर पढ़ें… दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर, NCRB-2022 की रिपोर्ट में दावा- यहां एक दिन में 3 रेप हुए; हर घंटे 51 FIR हुईं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने 2022 की रिपोर्ट पिछले साल 3 दिसंबर को जारी की थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर है। यहां 2022 में रोजाना हर दिन में 3 रेप केस दर्ज किए गए। NCRB की 546 पेज की रिपोर्ट में बताया कि देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4 लाख 45 हजार 256 केस दर्ज किए गए, यानी हर घंटे लगभग 51 FIR हुईं। 2021 में यह आंकड़ा 4 लाख 28 हजार 278 था। पूरी खबर पढ़ें…
Dainik Bhaskar उज्जैन में महिला से फुटपाथ पर रेप:पीड़ित बोली-शराब पिलाकर किया गलत काम; कांग्रेस ने कहा-सत्ताधीशों शर्म से डूब मरो
उज्जैन में एक महिला के साथ सरेराह रेप का वीडियो सामने आया है। आरोपी ने शहर के कोयला फाटक चौराहे के फुटपाथ पर महिला के साथ गलत हरकत की। घटना बुधवार की बताई जा रही है। जिसका वीडियो गुरुवार को सामने आया। जिसके बाद पुलिस ने संज्ञान लिया। सीएसपी ओम प्रकाश मिश्रा ने बताया कि पीड़ित महिला को थाने लाया गया। उसकी शिकायत पर एफआईआर की गई है। इधर, इस घटना को लेकर कांग्रेस एक बार फिर से प्रदेश सरकार पर हमलावर हो गई है। एमपी कांग्रेस के X हैंडल से पोस्ट किया गया- 'शर्मसार हुई धर्मनगरी उज्जैन। सत्ताधीशों शर्म से डूब मरो या कुर्सी छोड़ दो।' महिला बोली- शराब पिलाई, फिर रेप किया पीड़ित महिला भिक्षा मांगकर अपना गुजारा करती है। उसने पुलिस को आरोपी का नाम लोकेश बताया है। आरोपी उसे कोयला फाटक के पास मिला था। उसने शादी का झांसा देकर पहले शराब पिलाई और नशे की हालत में उसके साथ गलत काम किया। फिर धमकी देकर भाग निकला। आरोपी रेप करता रहा, लोग वीडियो बनाते रहे कोयला फाटक शहर के सबसे व्यस्ततम इलाकों में से एक है। एक बात और सामने आ रही है कि आरोपी महिला से रेप करता रहा और कुछ लोग इसका वीडियो बनाते रहे। किसी ने रोका नहीं। अब यही वीडियो सामने आया है। पटवारी बोले- उज्जैन एक बार फिर कलंकित... पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने X पर लिखा, 'धर्मनगरी उज्जैन एक बार फिर कलंकित हुई है। इस बार भी काला टीका उज्जैन की कानून-व्यवस्था के माथे पर ही लगा है। 11 महीने पहले बच्ची से रेप, तब राहुल गांधी तक ने घेरा था 11 महीने पहले उज्जैन में 12 साल की बच्ची के साथ रेप का मामला सामने आया था। महाकाल थाना इलाके में बड़नगर रोड पर दांडी आश्रम के पास बच्ची घायल हालत में मिली थी। उसके कपड़े खून से सने थे। तब राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव तक ने इस मामले में सरकार को घेरा था। राहुल ने X पर लिखा था, 'महिलाओं के खिलाफ अपराध और नाबालिग बच्चियों के खिलाफ हुए दुष्कर्म की संख्या सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में है।'