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Dainik Bhaskar सैम पित्रोदा बोले- राहुल गांधी पिता राजीव से ज्यादा समझदार:वे अच्छी स्ट्रैटजी बनाते हैं; उनमें प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण

राजीव गांधी की तुलना में उनके बेटे राहुल गांधी ज्यादा समझदार हैं। वे बौद्धिक होने के साथ-साथ एक बेहतर रणनीतिकार भी हैं। राजीव थोड़े ज्यादा मेहनती थे। दोनों का DNA एक जैसा है। दोनों नेता आइडिया ऑफ इंडिया के संरक्षक हैं। गांधी परिवार के करीबी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने शिकागो से न्यूज एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू में ये बातें कहीं। पित्रोदा ने कहा कि कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी में फ्यूजर प्रधानमंत्री के सारे गुण हैं। पित्रोदा बोले- राहुल की गलत इमेज बनाने के लिए कैंपेन चला पित्रोदा ने कहा कि राहुल की एक गलत इमेज बनाई गई थी। उन्हें बदनाम करने के लिए लाखों-करोड़ों डॉलर खर्च किए गए। मीडिया में जो राहुल की इमेज थी, वह एक प्लान्ड कैंपेन पर आधारित थी। राहुल काफी पढ़े-लिखे हैं। लोगों ने कहा कि वे कभी कॉलेज नहीं गए। उनके बारे में झूठी बातें कहीं गईं। कांग्रेस नेता ने कहा, 'अब राहुल की वैसी छवि सामने आ रही है, जैसे वे सच में हैं। उनकी दो भारत जोड़ो यात्राओं ने इसमें काफी मदद की। मैं इसका श्रेय राहुल को देता हूं। उन्होंने लंबे समय तक इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी और बच गए। कोई और रहता तो बच नहीं पाता। किसी व्यक्ति, उसके परिवार, उसकी विरासत, उसकी पार्टी के चरित्र पर दिन-रात हमला करना बुरा है। ये मतलबी लोग हैं जो जानबूझकर झूठ बोलते हैं, धोखा देते हैं और व्यक्तियों के बारे में तरह-तरह की बातें कहते हैं। हालांकि, अब जनता को यह एहसास होने लगा है कि मीडिया पर किसी का कंट्रोल है। लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए खबरें बनाई जाती हैं। झूठ सामने आ रहा है।' कांग्रेस नेता ने कहा- राजीव और राहुल में लोगों के प्रति एक समान चिंता पित्रोदा ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और राहुल गांधी के बीच समानताओं और फर्क के सवाल पर कहा, 'मैंने कई प्रधानमंत्रियों जैसे राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव, मनमोहन सिंह, वीपी सिंह, चंद्रशेखर और एचडी देवेगौड़ा के साथ काम किया है। मुझे कई पूर्व PM को बहुत करीब से देखने का मौका मिला, लेकिन राहुल और राजीव के बीच शायद यही अंतर है कि राहुल ज्यादा बौद्धिक, विचारक हैं। राजीव थोड़े ज्यादा कर्मशील थे। उनका DNA एक जैसा है। लोगों के लिए उनकी चिंताएं और भावनाएं एक जैसी हैं। वे सच में बहुत सरल लोग हैं। उनकी अपनी कोई निजी जरूरतें नहीं

Dainik Bhaskar 6 सितंबर को रिलीज नहीं होगी कंगना की ‘इमरजेंसी’:बॉम्बे HC की CBFC को फटकार, कहा- 18 सितंबर तक ऑब्जेक्शन क्लीयर कर फिल्म को सर्टिफिकेट दें

कंगना स्टारर फिल्म ‘इमरजेंसी’ के मेकर्स जी-स्टूडियोज ने फिल्म की रिलीज और सेंसर सर्टिफिकेट की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस याचिका पर बुधवार 4 सितंबर को जस्टिस बी.पी. कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की बेंच में सुनवाई हुई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि वह CBFC को प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश देने में असमर्थ है, क्योंकि यह एमपी हाईकोर्ट के आदेश का खंडन होगा। 6 सितंबर को रिलीज नहीं हो पाएगी फिल्म कोर्ट ने यह भी कहा कि वो इतनी जल्दी इस मामले में आदेश पारित नहीं कर सकता। 18 सितंबर तक इस मामले में निर्णय लिया जाएगा और 19 सितंबर को इस मामले में अगली सुनवाई होगी। ऐसे में अब कंगना की फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज नहीं हो पाएगी। बोर्ड 13 सितंबर के पहले ऑब्जेक्शन क्लीयर करे सुनवाई में कोर्ट ने CBFC को निर्देश दिया कि फिल्म को लेकर जो भी ऑब्जेक्शन हो उसे 13 सितंबर से पहले क्लीयर किया जाए। साथ ही बोर्ड को फटकार लगाते हुए कहा कि किसी फिल्म पर करोड़ों रुपए लगे होते हैं। आप गणपति उत्सव के नाम पर छुट्टी बताकर सर्टिफिकेट संबंधी विषय पर अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते। ट्रेलर देखकर कैसे अनुमान लगा सकते हैं: कोर्ट सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सिख कम्युनिटी ने सिर्फ ट्रेलर देखने के बाद फिल्म को गलत पाया और इसका विरोध करना शुरू कर दिया। ट्रेलर देख के वो कैसे अनुमान लगा सकते हैं ? बताते चलें कि जबलपुर सिख संगत ने फिल्म और इसके ट्रेलर पर आपत्ति जताते हुए एमपी हाई कोर्ट में इसे बैन करने की अपील की थी। कोर्ट ने लगाई CBFC के वकील काे फटकार इससे पहले कोर्ट में CBFC के वकील ने बताया कंगना की फिल्म को पहले जो सर्टिफिकेट दिया गया था वो एक सिस्टम जनरेटेड मेल था लेकिन बाद में आपत्तियों के कारण इसे रोक दिया गया। साथ ही कहा कि मेकर्स को सर्टिफिकेट ईमेल किया गया था, लेकिन फिजिकल कॉपी कभी पोस्ट नहीं की गई। कोर्ट ने CBFC से पूछा कि आप सिस्टम जनरेटेड ईमेल कैसे भेज सकते हैं? कोर्ट ने CBFC के वकील से पूछा की क्या उनके अधिकारियों ने शुरू में फिल्म देखी और प्रमाण पत्र दिया तो उन्होंने अपने दिमाग का इस्तेमाल क्यों नहीं किया? कोर्ट ने उस अधिकारी को फटकार लगाई। काश इसी तरह आपने MP HC में तर्क दिया होता: बॉम्बे हाई कोर्ट कोर्ट ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश द

Dainik Bhaskar स्टूडेंट्स बोले-टीचर मांगने पर दी जेल भेजने की धमकी:छत्तीसगढ़ में रोते हुए छात्राएं बोलीं-DEO सर ऐप्लीकेशन देखकर भड़के, चैंबर से निकाला बाहर

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में शिकायत लेकर पहुंची छात्राओं को DEO (जिला शिक्षा अधिकारी) ने जेल भेजने की धमकी दे डाली। छात्राओं का आरोप है कि DEO अभय जायसवाल ने उनसे बदसलूकी भी की। मामला डोंगरगढ़ स्थित सरकारी स्कूल का है। छात्राओं का रोते हुए वीडियो भी आया है। इसमें छात्राएं बता रही हैं कि, DEO ने उनसे कहा- इस तरह किसने कहा था ऐप्लीकेशन लिखने के लिए? फिर डरा-धमकाकर भगा दिया। पिछले 4 दिनों में टीचर की बदसलूकी के कई मामले सामने आ चुके हैं। बलरामपुर और जांजगीर-चांपा में भी शिक्षकों ने छात्रों से बदसलूकी की थी। बलरामपुर में स्टूडेंट्स ने पानी की समस्या बताई तो नाली का पानी पीने और पेशाब पीने को कह दिया। वहीं जांजगीर-चांपा में टीचर की पिटाई से एक छात्र के कान पर्दा फट गया। DEO पर छात्राओं के आरोप और क्या लिखा है ऐप्लीकेशन में? छात्रा आरती साहू ने बताया कि, DEO अभय जायसवाल सर ऐप्लीकेशन देखकर भड़क गए। उन्होंने कहा, ये चिट्ठी लिखना किसने सिखा दिया। इसके लिए जिंदगी भर जेल की हवा खाओगी। इसके बाद हम लोगों को चैंबर से बाहर निकाल दिया। छात्रा ने बताया कि, पिछले साल भी बिना टीचर के पास हुए हैं। अब बोर्ड परीक्षा है, कैसे एग्जाम देंगे। ऐप्लीकेशन में स्कूली बच्चों लिखा है- '3 दिन के अंदर शिक्षक व्यवस्था नहीं करने पर स्कूल में धरना प्रदर्शन करेंगे। स्कूल में ताला जड़ देंगे।' DEO के पास क्यों गए स्टूडेंट्स? दरअसल, डोंगरगढ़ के आलिवारा हायर सेकेंडरी स्कूल में 11वीं और 12वीं क्लास में पढ़ाने के लिए टीचर नहीं हैं। ऐसे में आवेदन लेकर छात्र-छात्राएं कलेक्टर के जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंची थी। वहां से कलेक्टर ने छात्र-छात्राओं को DEO के पास भेज दिया था। वहीं बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि, पिछले 2 साल से स्कूल में टीचर नहीं हैं, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हाईस्कूल के शिक्षक पढ़ा रहे हैं, लेकिन कई विषय के टीचर नहीं हैं। कलेक्टर ने 2 दिन में व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है। अब जानिए क्या कहते हैं DEO? मामले में DEO अभय जायसवाल ने बताया कि, स्कूल में तालाबंदी की बात आवेदन में लिखी थी। मैंने बच्चों को समझाने की कोशिश की। स्कूल में तालाबंदी कानून के खिलाफ है। ऐसा करने पर आपके पालकों को परेशानी हो सकती है, लेकिन छात्राओं ने गलत ढंग से ले लिया। मैं खुद उनसे मिलूंगा और समझाउंगा। बच्चे

Dainik Bhaskar महाराष्ट्र में CM फेस को लेकर NCP बंटी:शरद बोले- सीटों के आधार पर तय करेंगे; सुप्रिया ने कहा- MVA से उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री होंगे

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महा विकास अघाड़ी (MVA) में मुख्यमंत्री फेस को लेकर NCP (शरद गुट) की राय बंट गई है। NCP चीफ शरद पवार ने बुधवार (4 सितंबर) को कहा कि MVA चुनाव के बाद सीटों के आधार पर सीएम का नाम तय करेगी। दूसरी तरफ, शरद पवार की बेटी और बारामती से NCP सांसद सुप्रिया सुले ने इसके उलट बयान दिया। सुप्रिया ने सोमवार (2 सितंबर) को कहा था कि हमारी पार्टी सीएम की रेस से बाहर है। हमें किसी पद में रूची नहीं है।उद्धव ठाकरे या फिर कांग्रेस का कोई नेता सीएम बन सकता है। शरद बोले- चुनाव के बाद सीएम पद पर फैसला होगा शरद पवार बुधवार को कोल्हापुर में मीडिया से बात कर रहे थे। इस दौरान उनसे सीएम फेस को लेकर सवाल पूछा गया। शरद पवार ने जवाब में कहा, '​​​​​​अभी मुख्यमंत्री के चेहरे पर जोर देने का कोई मतलब नहीं है। महा विकास अघाड़ी एक साथ बैठकर मुख्यमंत्री पद पर फैसला करेगी। विधानसभा चुनाव के बाद सीटों की संख्या के आधार पर फैसला होगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। अभी महा विकास अघाड़ी को बहुमत मिलना जरूरी है। लोगों के समर्थन के बाद स्थिर सरकार देना जरूरी है।' पवार ने 1977 का उदाहरण देते हुए कहा- इमरजेंसी के बाद देश में चुनाव हुए थे। इस चुनाव में जयप्रकाश नारायण ने सभी विपक्षियों से एकजुट होने की अपील की थी। जब सब एक साथ आए तो चुनाव में कोई चेहरा नहीं था। चुनाव के बाद मोरारजी देसाई का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए आया। तब तक उनका नाम कहीं नहीं आया था। वह फैसला चुनाव में बहुमत मिलने के बाद हुआ। सुप्रिया बोलीं- हमारे लिए पद नहीं, सेवा मायने की रखती है सुप्रिया सुले ने 2 सितंबर को एक मीडिया चैनल को दिए इंरव्यू में कहा था, 'हमारे लिए सेवा मायने रखती है। हम पद को महत्व नहीं देते हैं। अगर देश की सेवा करनी है तो आप किस पद पर काम करते हैं, ये क्या मायने नहीं रखता है। मैं बस चाहती हूं कि महाराष्ट्र का सीएम ऐसा हो जो दिल्ली के सामने न कभी झुका है, न कभी झुकेगा। हमारी पार्टी उस रेस में नहीं है। सुप्रिया से जब पूछा गया कि क्या उद्धव ठाकरे फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं। इस पर NCP सांसद ने कहा कि कोई भी बन सकता है। उद्धव ठाकरे या कांग्रेस का कोई नेता भी सीएम बन सकता है। नवंबर 2024 को भाजपा-शिवसेना (शिंदे गुट) सरकार का कार्यकाल खत्म होगा लोकसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ 9 सीटें मिली भाजपा ने 2019 म

Dainik Bhaskar मंत्री बोले- दो मिनट में ठीक कर दूंगा:जौनपुर में मीडियाकर्मी पर भड़के; कहा-बहुत ज्यादा सवाल करते हो...बहुत विकास चाहिए

जौनपुर में विकास को लेकर सवाल पूछने पर योगी के मंत्री गिरीश यादव भड़क गए। उन्होंने मीडियाकर्मी से कहा- दो मिनट में ठीक कर दूंगा। बहुत ज्यादा सवाल करते हो। बहुत विकास चाहिए। इतना कोई नहीं करा सकता है। जवाब में मीडियाकर्मी ने कहा- पता है कितना विकास कराया। बहुत देखे आप जैसे मंत्री। मैं भी आपको ठीक कर दूंगा। इसके बाद काफी देर तक मंत्री और मीडियाकर्मी में हॉट-टॉक हुई। भाजपा नेताओं ने किसी तरह से दोनों को शांत कराया। मंत्री के गुस्से की 2 तस्वीरें... सभी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहीं..सुनते ही भड़के मंत्री शहर के एक होटल में बुधवार सुबह 11 बजे भाजपा सदस्यता अभियान कार्यक्रम चल रहा था। इसमें राज्यमंत्री गिरीश यादव, पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपा शंकर सिंह समेत भाजपा के कई पदाधिकारी मौजूद थे। मीडियाकर्मियों को भी बुलाया गया था। इस दौरान राज्यमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तभी एक मीडियाकर्मी ने उसने पूछा- STP परियोजना के तहत आपने कितने विकास करवाए? शीतला चौकिया धाम में क्या विकास हुआ? शहर में विकास के लिए जो योजनाएं आईं, वो कौन सी हैं? जवाब में मंत्री ने कहा- आजादी के बाद से जितना विकास का कार्य हमने करवाया। उतना किसी ने नहीं करवाया होगा। बहुत विकास किया, कितना गिनाएं। इस पर मीडियाकर्मी ने कहा- जिले में जितनी भी योजनाएं चल रही हैं। सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। ये सुनते ही राज्य मंत्री भड़क गए। अब मंत्री और मीडियाकर्मी की बहस पढ़िए... मंत्री- बहुत ज्यादा सवाल करता है। दो मिनट में ठीक करा दूंगा। बहुत विकास चाहिए। मीडियाकर्मी -विकास कार्यों के बारे में तो आपको बताना पड़ेगा। मंत्री- बहुत विकास कराया, इतना कराया कि कोई नहीं करा सकता। मीडियाकर्मी- हां पता है कितना विकास कार्य कराया है। बहुत देखे आपके जैसे मंत्री। मैं आपको ठीक कर दूंगा। छात्र जीवन से RSS से जुड़े, लगातार दूसरी बार मंत्री बने राज्यमंत्री गिरीश यादव जौनपुर के सैदपुर पनियरिया गांव के रहने वाले हैं। पेशे से वकील गिरीश छात्र जीवन से RSS से जुड़े। 2005 में जिला पंचायत सदस्य चुने गए। 2017 में गिरीश को भाजपा ने जौनपुर की सदर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। उनका मुकाबला मौजूदा सदर विधायक कांग्रेस के नदीम जावेद से था। गिरीश ने उन्हें 12000 वोट से हराया। भाजपा ने उन्हें नगर विकास राज्य मंत्री बनाया। फिर शहरी नियोजन और

Dainik Bhaskar राजस्थान के सुंदर गुर्जर ने पैरालिंपिक में जीता ब्रॉन्ज मेडल:64.96 मीटर की दूरी तक भाला फेंका, सीएम ने दी बधाई

पेरिस पैरालिंपिक 2024 में राजस्थान के सुंदर गुर्जर ने जेवलिन थ्रो (F 46) में ब्रॉन्ज मेडल जीता। सुंदर ने 64.96 मीटर की दूरी तक थ्रो किया। सुंदर गुर्जर गंगापुरसिटी के टोडाभीम के देवलेन गांव के रहने वाले हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सुंदर गुर्जर को कांस्य पदक जीतने पर बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा 'राजस्थान के करौली जिले के प्रतिभाशाली एथलीट सुंदर गुर्जर ने पेरिस पैरालिंपिक में भाला फेंक (F 46) प्रतियोगिता में कांस्य पदक प्राप्त कर न केवल देश बल्कि पूरे राजस्थान का मान बढ़ाया है। आपको बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। यह ऐतिहासिक उपलब्धि आपके अथक परिश्रम और असाधारण खेल कौशल का परिणाम है। यह जीत प्रदेश और देश के असंख्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। भारत माता की जय। परिवार में खुशी सुंदर गुर्जर के कांस्य पदक जीतने पर उनके गांव में खुशी का माहौल है। उनके बड़े भाई ने लोगों को मिठाई खिलाई। बड़े भाई ने बताया कि सुंदर एक बहुत मेहनती खिलाड़ी है, जो अपने काम को पूरी लगन से करता है। उन्होंने 2021 में गोल्ड मेडल जीतने का सपना देखा था, लेकिन वह पूरा नहीं हो सका। हालांकि पिछले प्रयास में भी कांस्य पदक ही मिल पाया था। इसके बावजूद सुंदर ने लगातार मेहनत की और इस बार भी फिर कांस्य पदक जीतकर देश, समाज और परिवार का मान बढ़ाया है। एशियाई पैरा गेम्स में जीता था गोल्ड सुंदर गुर्जर ने 2023 में आयोजित एशियाई पैरा गेम्स में भी इतिहास रचा था। उन्होंने 68.60 मीटर थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था। 2021 में आयोजित पैरालिंपिक खेलों में भी सुंदर गुर्जर ने कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी थी। हाथ कटा तो घर नहीं लौटे थे साल 2016 में सुंदर गुर्जर के एक दोस्त के घर पर हुए हादसे में उनकी कलाई पर टीन शेड गिर गया था, जिससे उनका बायां हाथ काटना पड़ा था। हादसे के बाद सुंदर गहरी निराशा में डूब गए थे और उन्होंने अपने माता-पिता को शक्ल तक नहीं दिखाई थी। उन्होंने ठान लिया था कि वह तब तक घर नहीं लौटेंगे, जब तक कुछ बड़ा हासिल नहीं कर लेते। मेहनत और संघर्ष के बाद सुंदर ने पैरा वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर अपने गांव देवलेन में कदम रखा। गोल्ड मेडल जीतने के बाद पहली बार घर लौटे सुंदर ने मेडल अपने दादा के गले में डाल द

Dainik Bhaskar कंगना की इमरजेंसी पर कॉमेडियन घुग्गी का बयान:बोले-आपकी नॉलेज में कमी, एजेंडा आधारित मूवी बनाकर सिनेमा का दुरुपयोग न करें

हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट से सांसद कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कॉमेडियन और एक्टर गुरप्रीत सिंह उर्फ गुरप्रीत घुग्गी ने उक्त फिल्म पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। धुग्गी ने कहा कि किसी भी फिल्म को किसी एजेंडे के आधार पर नहीं बनाना चाहिए और ना ही सिनेमा का दुरुपयोग किया जाना चाहिए। गुरप्रीत अपनी आगामी पंजाबी फिल्म ‘अरदास सरबत दे भले दी’ के प्रचार के दौरान ये बात कही। दिल्ली में ये बयान उन्होंने दिया। इस दौरा स्टार कलाकार गिप्पी ग्रेवाल और जैसमीन भसीन वहीं पर मौजूद थे। घुग्गी बोले- फिल्म में दिखाए गए सीन पर ऐतराज जरूरी गुरप्रीत घुग्गी ने आगे कहा- जो खुद को ठीक लगता है, यह सिनेमा है। ऐसी सोच रखना ही गलत बात है। खास तौर पर ऐसा तब हो जब आपके पास सही ऐतिहासिक फैक्स पड़े हों, तो ये गलत बात है। घुग्गी ने कहा कि आपकी रिसर्च में कमी है। इस सूरत में दर्शक या फिर कोई धार्मिक संस्था जिम्मेदार नहीं होती। आगे गुरप्रीत धुग्गी ने कहा- मैं फिल्म तो देखी नहीं, मगर ट्रेलर में दिखाए गए सीन पर ऐतराज जताना जरूरी है और लोग ऐतराज करेंगे भी। मगर वह सोच रहे हैं कि उक्त फिल्म ऐसे सिनेमा घरों में आएगी तो मुझे इस पर डाउट है। 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी ‘इमरजेंसी’ इससे पहले कंगना के निर्देशन में बनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन इसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से क्लीयरेंस ही नहीं मिला। फिल्म में कंगना देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रोल में नजर आएंगी। कई सिख धार्मिक संगठनों ने इस फिल्म की आलोचना की और इसके खिलाफ प्रदर्शन किए। इन संगठनों का दावा है कि यह फिल्म सांप्रदायिक तनाव भड़का सकती है और गलत जानकारी फैला सकती है। इन सब वजहों से फिल्म की रिलीज टाल दी गई है। सेंसर बोर्ड ने इससे विवादित सीन हटाने का आदेश दिया है। इसे लेकर कंगना ने कहा है कि वो अपनी फिल्म 'इमरजेंसी' के लिए कोर्ट में लड़ेंगी और इसे बिना किसी काट-छांट के रिलीज करेंगी, क्योंकि वे तथ्यों को बदलना नहीं चाहती हैं।

Dainik Bhaskar विनेश फोगाट-बजरंग पूनिया दिल्ली में राहुल गांधी से मिले:कांग्रेस ने टिकट ऑफर की; विनेश को 3, बजरंग को 2 सीटों का ऑप्शन दिया

हरियाणा की पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के चुनाव लड़ने की चर्चा के बीच दोनों ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। इससे दोनों के चुनाव लड़ने के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस दोनों पहलवानों को टिकट का ऑफर दे चुकी है। विनेश को 3 और बजरंग को 2 सीटों के ऑप्शन दिए गए हैं। हालांकि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने कल (मंगलवार) को कहा था, 'चुनाव लड़ने का फैसला विनेश फोगाट का होगा। इसे लेकर आज (बुधवार) को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।' पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की कोशिश है कि दोनों को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बना पहलवान आंदोलन को BJP के खिलाफ फिर से गर्माया जा सके। फिलहाल कांग्रेस को विनेश फोगाट की हां का इंतजार है। बजरंग पूनिया के चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस को पॉजिटिव संकेत मिले हैं, लेकिन बात विनेश पर टिकी हुई है। विनेश को इन 3 सीटों का ऑफर कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक विनेश फोगाट को जिन 3 सीटों का ऑफर दिया गया है, उनमें पहली 2 सीटें चरखी दादरी की दादरी और बाढड़ा है। वह इसी जिले के बलाली गांव की रहने वाली हैं। विनेश अगर दादरी से हामी भरेगी तो उनका मुकाबला चचेरी बहन दंगल गर्ल बबीता फोगाट से हो सकता है। बबीता यहां से 2019 में BJP की टिकट पर चुनाव लड़ चुकी थी लेकिन हार गईं। इस बार भी वह टिकट की दावेदार है। विनेश को तीसरा ऑप्शन जींद की जुलाना सीट की दी गई है। यहां विनेश फोगाट का ससुराल है। बजरंग को इन 2 सीटों का ऑफर कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक बजरंग पूनिया को भी 3 सीटों का ऑफर दिया गया है। बजरंग सोनीपत से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं लेकिन यहां से कांग्रेस मौजूदा विधायक सुरेंद्र पंवार को ही टिकट देना चाहती है। पंवार अभी ED केस में जेल में बंद हैं। वह चुनाव न लड़े तो उनके बेटे या बहू को टिकट मिल सकता है। कांग्रेस उनका टिकट काटकर यह संकेत नहीं देना चाहती कि मुसीबत के वक्त नेता का साथ छोड़ दिया। बजरंग ने झज्जर की बादली सीट में भी दिलचस्पी दिखाई है लेकिन यहां से कांग्रेस मौजूदा विधायक कुलदीप वत्स का टिकट फाइनल कर चुकी है। वत्स बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं, इसलिए कांग्रेस उनका टिकट काटकर ब्राह्मण वोट बैंक को नाराज नहीं करना चाहती। बजरंग को कांग्रेस की तरफ से बहादुरगढ़ और भिवानी का ऑप्शन दिया गया है। ये दोनों जाट बाहुल्य सीट हैं। भूपेंद्र हुड्‌डा टि

Dainik Bhaskar पैराशूट से कूदे जवान, फाइटर प्लेन का विक्ट्री फॉर्मेशन:लखनऊ में सैन्य महोत्सव में हैरतअंगेज कारनामे; CDS के साथ तीनों सेना प्रमुख की कॉन्फ्रेंस ​

लखनऊ में सैन्य महोत्सव के दूसरे दिन फाइटर प्लेन ने विक्ट्री फॉर्मेशन बनाया। पैराशूट से कमांडो कूदे। जवानों ने गांवों में छिपे आतंकियों को खोजकर मार गिराने का रिहर्सल किया। हेलिकॉप्टर से पलभर में जवान रस्सी के सहारे​​​​​​ उतरे। पोजिशन ली और टारगेट पर निशाना लगाया। फाइटर प्लेन जगुआर ने आसमान में गोते खाए। ऊपर से गुजरे तो दर्शक हैरान रह गए। लोग खड़े होकर सैल्यूट करने लगे। डॉग स्क्वायड और घुड़सवारों ने भी कमाल दिखाया। नौसेना के बैंड ने मार्शल ट्यून बजाया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इधर, लखनऊ में CDS के साथ तीनों सेना प्रमुख की कॉन्फ्रेंस हुई। यहां नॉर्थ-ईस्ट और बांग्लादेश के हालात पर चर्चा की गई। गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बैठक को संबोधित करेंगे। सूत्र बताते हैं कि बैठक में तीनों सेना के बीच देश की सुरक्षा, हथियार खरीद और वित्तीय योजनाओं पर चर्चा होनी है। सैन्य महोत्सव की तस्वीरें देखिए... पल-पल के अपडेट्स जानने के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए...

Dainik Bhaskar छपरा में ऑर्केस्ट्रा देखने के दौरान गिरा छज्जा, VIDEO:एक साथ खड़े थे 100 से ज्यादा लोग, अचानक से गिरा, इधर-उधर भागने लगे लोग

छपरा के ईश्वरपुर मेले में ऑर्केस्टा के दौरान अचानक छज्जा गिर गया। इस दौरान उसके ऊपर 100 से ज्यादा लोग मौजूद थे। बताया जा रहा है कि मंगलवार देर रात गांव में महावीरी जुलूस निकाला जा रहा था। इसमें ऑर्केस्टा बुलाया गया था। हजारों की संख्या में लोग ऑर्केस्टा देख रहे थे, तभी अचानक एक घर का छज्जा टूटकर गिर गया। छपरा के प्रसिद्ध ईश्वरपुर मेला में छज्जा गिरने का वीडियो वायरल देर रात का बताया जा रहा है। छज्जा गिरने का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना बीती रात करीब 2 बजे जिले से करीब 40 किमी दूर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि हादसे में 2 लोगों को मामूली चोट आई है। जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया है। तीन तस्वीरों में देखिए हादसा.. सारण, सीवान और गोपालगंज में होता है महावीरी मेला पश्चिमी बिहार के 3 जिलों सारण, सीवान और गोपालगंज में मुख्य तौर पर महावीरी मेला का आयोजन होता है। जानकार बताते हैं कि इसकी शुरुआत साल 1923 के आसपास हुई थी। धर्म प्रचारक रहे संत मौनी बाबा की अंग्रेज सिपाहियों ने पिटाई कर दी। उन पर भीड़ बटोरने का आरोप लगाया गया। पिटाई से आहत होकर मौनी बाबा ने सीवान जिले के महाराजगंज में जिंदा ही समाधि ले ली। इसकी जानकारी मिलते ही आसपास के सैकड़ों साधु-संत महाराजगंज पहुंचे। भाला, कटार, तलवार से लैस होकर अंग्रेज सैनिकों के खिलाफ साधु-संतों की टोली करीब एक महीने तक वहां जमी रही। सभी ने भगवान महावीर (हनुमान) को आदर्श मान साधु-संतों की रक्षा का प्रण लिया। यह घटना हिंदी मास के अनुसार भाद्रपद अमावस्या के दिन हुई थी। धीरे-धीरे तीनों जिलों के सभी धार्मिक स्थानों पर साधु-संत जुटने लगे। हर साल ऐसे आयोजन होने लगे। इसी घटना की याद में सीवान, गोपालगंज और सारण के इलाकों में भाद्रपद अमावस्या से लेकर अलग अलग दिन धार्मिक स्थलों पर महावीरी मेला का आयोजन होने लगा। बाद में इसमें बल प्रदर्शन के उद्देश्य से अखाड़ा का भी आयोजन होने लगा जिसमें हथियारों का प्रदर्शन और कुश्ती होती थी। ये खबरें भी पढ़ें वरमाला देख रहे थे लोग, अचानक गिरी बालकनी:गया में शादी के दौरान हादसा, कुछ देर के लिए रोकी गईं रस्में; 12 महिलाएं घायल गया में शादी के दौरान हादसा हुआ। वरमाला देखने के लिए बालकनी में महिलाओं की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान अचानक बालकनी नीचे गिर गई। इस हादसे में 12 महिलाएं घाय

Dainik Bhaskar गडकरी बोले-शिवाजी की प्रतिमा स्टील की होती तो नहीं गिरती:सिंधुदुर्ग में 8 महीने पहले बना स्टेच्यू गिरा था; PM, CM-डिप्टी CM माफी मांग चुके

केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार (3 सितंबर) को कहा कि अगर छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा बनाने में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल होता तो वह कभी नहीं गिरती। केंद्रीय मंत्री फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। गडकरी ने कहा, 'मैं पिछले तीन सालों से इस बात पर जोर रहा हूं कि समुद्र के आस-पास बनी सड़कें, पुलों या किसी तरह के निर्माण में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।' गडकरी ने कार्यक्रम में नेशनल हाईवे, रोड और टनल कंस्ट्रक्शन में आ रही दिक्कतों पर भी बात की। दरअसल, 26 अगस्त को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग स्थित राजकोट किले में 8 महीने पहले बनी शिवाजी की 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिर गई थी। पीएम मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को प्रतिमा का अनावरण किया था। 27 अगस्त को PM मोदी ने कहा था- मैं सिर झुकाकर माफी मांगता हूं विपक्ष ने शिवाजी की प्रतिमा गिरने का जमकर विरोध किया। इसके बाद PM मोदी को माफी मांगनी पड़ी थी। 27 अगस्त को मोदी ने पालघर में एक प्रोग्राम में कहा, 'हमारे लिए छत्रपति शिवाजी सिर्फ एक महाराजा नहीं हैं। वे पूजनीय हैं। आज मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने नतमस्तक हूं और उनसे क्षमा मांगता हूं।' मोदी से पहले महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे, डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी माफी मांग चुके हैं। हालांकि, CM शिंदे ने पहले कहा था कि तेज हवा के कारण प्रतिमा गिर गई।पूरी खबर पढ़ें... गडकरी बोले- मुंबई के सभी पुलों में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल होगा गडकरी ने 3 सितंबर को कहा, 'जब मैंने (राज्य मंत्री के रूप में) मुंबई में 55 फ्लाईओवर बनाए, तो एक आदमी मुझे घुमाने के लिए ले गया। उसने लोहे की रॉड पर कुछ पाउडर कोटिंग लगाई और कहा कि वे जंग-रोधी हैं, लेकिन उनमें जंग लग रही थी। गडकरी ने कहा, 'अब मुझे लगता है कि समुद्र से 30 किमी के अंदर सभी सड़कों पर स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। मैंने भविष्य में मुंबई के सभी पुलों के लिए स्टेनलेस स्टील इस्तेमाल करने का फैसला लिया है।' प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार के खिलाफ लुकआउट नोटिस शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में ठेकेदार जयदीप आप्टे के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया है। अधिकारियों ने मंगलवार (3 सितंबर) को यह जानकारी दी। किसी व्यक्ति को देश से भागने

Dainik Bhaskar सावित्री जिंदल देश में चौथी सबसे अमीर:2.77 लाख करोड़ संपत्ति; फॉर्च्यून इंडिया की टॉप 10 लिस्ट में इकलौती महिला

जिंदल परिवार की मुखिया एवं जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल देश में चौथे नंबर पर सबसे अमीर हैं। इसके अलावा वह देश की सबसे अमीर महिला भी हैं। सावित्री जिंदल हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं और स्टील किंग स्व. ओपी जिंदल की पत्नी हैं। इनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। फॉर्च्यून इंडिया ने सबसे अमीर लोगों की सूची जारी की है। जिसके मुताबिक 74 वर्षीय सावित्री देवी जिंदल लगभग 2.77 लाख करोड़ रुपए की मालकिन हैं। टॉप 10 में इकलौती महिला होने के साथ वह चौथे स्थान पर हैं। सावित्री जिंदल हिसार विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट की दावेदार हैं। वह कांग्रेस में होते हुए यहां से विधायक और मंत्री बन चुकी हैं। साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले वह अपने बेटे नवीन जिंदल के साथ भाजपा में शामिल हो गई थीं। भारत में अमीर लोगों के पास GDP की 33.81% के बराबर संपत्ति फॉर्च्यून इंडिया की रिपोर्ट के आधार पर आकलन किया जाए तो भारत के सबसे अमीर लोगों की कुल संपत्ति करीब 99.86 लाख करोड़ रुपए हो गई है। यह देश की GDP के 33.81 प्रतिशत के बराबर है। लिस्ट में शामिल 185 लोगों के पास 8 हजार करोड़ की संपत्ति है। कोलकाता में लगाई पहली फैक्ट्री हिसार के गांव नलवा में जन्मे ओपी जिंदल किसान परिवार से आते हैं। छठी कक्षा तक पढ़े ओपी जिंदल अपने भाइयों की तरह ही बाहर जाकर कमाना चाहते थे। दूसरे विश्व युद्ध के अंतिम समय में असम अमेरिकी फौजियों का बड़ा गढ़ था। इसलिए युद्ध के बाद लोहे और इस्पात से बना बहुत सा माल, वे यहीं छोड़ गए थे। ओपी जिंदल को यहीं से व्यापार करने का आइडिया आया। साल 1952 में जिंदल ने कोलकाता के पास लिलुआ में पाइप बेंड और सॉकेट बनाने की फैक्ट्री लगाई। उन्होंने इस फैक्ट्री का नाम जिंदल इंडिया लिमिटेड रखा। यहीं से उनके सफर की शुरुआत हुई। ओपी जिंदल असम के बाजारों से नीलामी में पुराने पाइप खरीदते थे और उन्हें कोलकाता में बेचते थे। टाटा और कलिंग के बाद भारत में यह तीसरी इस किस्म की फैक्ट्री थी। इसके बाद 1960 में ओपी जिंदल अपने पैतृक जिले हिसार में वापस आ गए। हिसार में बाल्टी बनाने का काम शुरू किया ओपी जिंदल ने हिसार आकर सबसे पहले बाल्टी बनाने की फैक्ट्री लगाई। इससे आमदनी शुरू हुई तो 1962 में जिंदल इंडिया लिमिटेड हिसार में भी फैक्ट्री खोल दी। इसके बाद 1969 में जिंदल स्ट्रिप्स लिमिटेड के नाम से

Dainik Bhaskar सलमान के घर फायरिंग करने वालों को दाऊद का डर:आरोपी विक्की और सागर का दावा- सलमान के गैंगस्टर्स से संबंध, वो हमें मरवाना चाहते हैं

सलमान खान के घर पर फायरिंग करने के आरोप में जेल में बंद विक्की गुप्ता और सागर पाल को अपनी हत्या का डर सता रहा है। दोनों आरोपियों के परिवार वालों ने महाराष्ट्र और बिहार सरकार से सुरक्षा की मांग की है। उनका दावा है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गों द्वारा विक्की और सागर की हत्या की साजिश रची जा रही है। इसी साल 14 अप्रैल को मुंबई के बांद्रा इलाके में सलमान खान के घर पर फायरिंग हुई थी। दोनों शूटर्स के भाइयों ने लिखा पत्र अब शूटर विक्की गुप्ता के भाई सोनू गुप्ता और शूटर सागर पाल के भाई राहुल पाल ने सरकार को एक पत्र लिखा है। दोनों ही बिहार के पश्चिमी चंपारण के मझरिया का रहने वाले हैं। दोनों आरोपी इस वक्त मुंबई की तलोजा सेंट्रल जेल में बंद हैं। कहा जा रहा है कि पत्र लिखने से पहले दोनों आरोपियों के भाइयों ने जेल में उनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान आरोपियों ने उन्हें बताया था कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गे उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं। सह-आरोपी अनुज थापन जैसा हश्र होगा इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि दोनों आरोपियों का भी वही हश्र होगा जो उनके सह-आरोपी अनुज थापन का हुआ था। अनुज की मई में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने जेल में फांसी लगा ली थी। आरोपियों को डी कंपनी की ओर से मिली धमकी जेल में बंद आरोपी विक्की गुप्ता के वकील ने भी इस मामले पर ANI से बात की। उन्होंने कहा, ‘विक्की गुप्ता और सागर पाल ने अपनी जान की सुरक्षा के लिए अधिकारियों को एक आवेदन दिया है। उनका कहना है कि उन्हें डी कंपनी की ओर से धमकाया जा रहा है। आरोपियों ने अपने परिवार को इस बारे में सूचित कर दिया है।’ सलमान पर लगाए आरोप वकील ने आगे बताया, ‘आरोपियों (विक्की गुप्ता और सागर पाल) का आरोप है कि सलमान खान के किसी गैंगस्टर से संबंध हैं, शायद वह आरोपी को मरवाना चाहता है। हमने केंद्र सरकार, महाराष्ट्र और बिहार सरकार को उनकी सुरक्षा के लिए लिखा है।’ गुजरात से गिरफ्तार हुए थे आरोपी 14 अप्रैल को दो बाइक सवार लोगों ने सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग की थी। इस घटना के बाद मुंबई पुलिस ने फायरिंग करने वाले शूटर्स विक्की गुप्ता और सागर पाल को गुजरात से गिरफ्तार किया था। अनुज थापन (32) को इस मामले में एक अन्य व्यक्ति के साथ 26 अप्रैल को पंजाब से गिरफ्तार किया गया

Dainik Bhaskar भास्कर ओपिनियन:कांग्रेस, संघ और भाजपा के लिए जातीय जनगणना के मायने

जातीय जनगणना पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने एक संयमित और संतुलित बयान दिया है। संघ का कहना है कि समाज के कल्याण के लिए सरकार को आँकड़ों की ज़रूरत होती है और जातीय जनगणना इसका ज़रिया हो सकती है। लेकिन इसका चुनाव प्रचार में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। सीधा-सा मतलब है कि संघ की लीडरशिप, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जातीय जनगणना की माँग से तो सहमत है लेकिन राहुल के तरीक़े से असहमत। ज़ाहिर है कि पिछले कुछ चुनावों में राहुल गांधी जातीय जनगणना का मुद्दा लगातार उठा रहे हैं। साफ है कि कांग्रेस यह माँग उठाकर जातियों, ख़ासकर अनुसूचित जाति- जनजाति और पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित जातियों को अपनी तरफ़ करना चाह रही है! उनके वोट एकजाई अपनी तरफ़ करने की फ़िराक़ में है जो कि पिछले लोकसभा चुनाव में बहुत हद तक देखने को भी मिला। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस तरह की जनगणना हो चुकने के बाद जो जितने संख्याबल में होगा, उसे उतना हक़ दिया जा सकेगा? मान लीजिए कल को पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या पचास प्रतिशत से भी ज़्यादा निकल आती है तो क्या उसे उतना आरक्षण या उतनी मात्रा में हक़ दिया जाना संभव होगा? फ़िलहाल तो कुछ राज्यों को छोड़ दिया जाए तो पचास प्रतिशत से ऊपर आरक्षण होते ही सुप्रीम कोर्ट या अन्य अदालतों की मनाही आने लगती है। अगर यह संख्या के हिसाब से सहूलियत देने का ही मंतव्य है तो उसका प्रैक्टिकल रूप से पहले खाका तैयार होना चाहिए। संभव हो तो ही उसका समाज हित में उपयोग होना चाहिए वर्ना जातियों और समूहों को जोड़ने और फिर उन्हें तोड़ने का प्रयोग आज़ादी के पहले भी खूब किया गया जिसका हश्र आख़िरकार ढाक के तीन पात से ज़्यादा कुछ नहीं हुआ। आज़ादी के पहले जब सांप्रदायिक तौर पर निर्वाचक मंडल और प्रतिनिधित्व तय करने से अंग्रेजों का पेट नहीं भरा तो उन्होंने जातिवाद और ऊँच- नीच की भावना को खूब भड़काया। साम्राज्य की ख़ातिर पहले उन्होंने अलग- अलग, असमान लोगों को ठोक- पीटकर एक किया और बाद में वे उन्हीं टुकड़ों को बाँटने में लग गए। उन्होंने ध्येय बनाया कि केवल अंश, केवल टुकड़े ही वास्तविक है। समग्र, संपूर्ण तो महज़ गढ़ी हुई कल्पना भर है। टुकड़ों को उन्होंने आश्रय और सहारा दिया। टुकड़े यानी जातियाँ, छोटे- छोटे समूह और जो उनके गणित से मिशनरियों के लिए सर्वाधिक सुलभ थे- भोले आदिवासी और अछूत। तर्क यह दिया गया कि वे उन्हें अप

Dainik Bhaskar दिल्ली में MCD में 12 वार्ड समितियों के चुनाव आज:LG ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए, मेयर ने नियुक्ति से इनकार कर दिया था

केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) की 12 वार्ड समितियों के चुनाव आज ही होंगे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर MCD के आयुक्त अश्वनी कुमार ने सभी वार्ड समितियों के चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिए। उन्होंने MCD के सभी जोन के उपायुक्तों को पीठासीन अधिकारी बनाया है। इससे पहले मेयर शैली ओबराय ने वार्ड समितियों के चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया था। इस बीच केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार दे दिया। दरअसल, चुनाव कराने के लिए 30 अगस्त को नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया खत्म हुई थी। MCD के कमिश्नर ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के लिए फाइल भेजी थी, लेकिन मेयर शैली ओबेरॉय ने नियुक्ति करने से इनकार कर दिया था।

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