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Dainik Bhaskar बच्चे सो रहे, मां लाठी लेकर बैठी:बहराइच में भेड़ियों का खौफ, 35 गांवों में बाहर सोने की इजाजत नहीं; सफाईकर्मी तक ड्यूटी दे रहे

सीन-1: बहराइच का मिसरन पुरवा गांव। रात में चारपाई पर दो बच्चे सो रहे हैं। मां खलीकुन लाठी लेकर सुरक्षा में बैठी है। पुरुष गांव में पहरा दे रहे हैं। सीन- 2: बहराइच के अहिरन पुरवा गांव में ट्रैक्टर-ट्रॉली पर लगे लाउडस्पीकर से अनाउंस हो रहा है- सुनो-सुनो-सुनो...आप सभी को सचेत किया जाता है कि आपके क्षेत्र में जंगली जानवर रात और दोपहर में छोटे बच्चों पर हमला कर रहे हैं। इसलिए आप सभी से आग्रह है कि शाम और रात में बच्चों को अकेला न छोड़ें। ये दोनों सीन रात होते ही बहराइच के महसी तहसील के 35 गांवों में दिखने लगते हैं। वजह है, इलाके में भेड़ियों का आतंक। भेड़िया रात में कब हमला कर दे, कहा नहीं जा सकता। आदमखोर भेड़िए ने 49 दिन में 8 बच्चों और एक बुजुर्ग महिला को मार डाला। हमले में करीब 40 लोग घायल हो चुके हैं। 35 गांव की 80 हजार की आबादी खौफ के साए में जी रही है। पुरुष रातभर गांव में घूमकर पहरा देते हैं, महिलाएं घर के बाहर लाठी लेकर अपने बच्चों को बचाने के लिए पहरा दे रही हैं। दैनिक भास्कर की टीम बहराइच में भेड़िए के हमलों से प्रभावित गांव पहुंची। शाम के 7 बजे से रात 3 बजे तक हम अलग-अलग गांवों में गए। यहां के सुरक्षा इंतजाम देखे। ग्रामीण बचाव के लिए क्या-क्या कर रहे हैं? पुलिस और वन विभाग क्या कर रहा है? पढ़िए सिलसिलेवार… हर घर से एक व्यक्ति सुरक्षा में पहरा देगा हम बहराइच जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर हरदी इलाके में पहुंचे। यहां करीब 10 किलोमीटर के रेंज में भेड़िए का जबरदस्त आतंक है। यहां पहुंचते ही हमें हर गांव के बाहर हाथ में टॉर्च और लाठी लेकर लोगों की टोलियां बैठी दिखीं। ये सभी बीच-बीच में गांव का एक चक्कर लगाते। टॉर्च मारकर हर चीज को देखते हैं कि कहीं भेड़िया तो नहीं? ऐसी ही एक टोली के पास हम रुके। वहां हमें संदीप मिले। वह कहते हैं, यहां भेड़िए का ज्यादा आतंक है। हम लोग उससे बचाव में ग्रुप बनाकर बैठते हैं। रात 2 बजे तक हम 15 लोगों का ग्रुप बैठता है। 2 बजे के बाद दूसरे लोग आते हैं, वो 5 बजे तक गांव में घूमते हैं। हम यहां से सुनसान रास्तों से होते हुए मिसरन पुरवा गांव पहुंचे। करीब 2 किलोमीटर का रास्ता एकदम सुनसान है। बगल गन्ने के खेत हैं। जो अब 5 से 7 फीट तक बड़े हो गए हैं। मिसरन पुरवा में कुछ पुरुषों के साथ महिलाओं की भी टोली दिखाई दी। हम पहले पुरुषों के पास पहुंचे।

Dainik Bhaskar सैलजा बोलीं-कांग्रेस में हुड्‌डा की चलने जैसी कोई बात नहीं:CM का फैसला भी हाईकमान करेगा; BJP में तो मुख्यमंत्री-अध्यक्ष के स्वर ही अलग-अलग

'भाजपा ने 400 पार का हव्वा बनाया हुआ था, वह खत्म हो गया। हरियाणा में जो 10 साल में हुआ, इन्हें पता लग गया। इसलिए इन्होंने मुख्यमंत्री बदला। इसके बाद भी पार्टी को मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के अलग-अलग स्वर सुनने को मिल रहे हैं। इन लोगों में तालमेल की कमी है, ये क्या राज देंगे।' यह बात कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कही। हरियाणा में कांग्रेस के CM फेस पर कुमारी सैलजा ने कहा कि आखिरी वर्ड हाईकमान का होगा। यही टिकट वितरण में होता है और यही मुख्यमंत्री के नाम पर भी होगा। दैनिक भास्कर से कुमारी सैलजा ने सांसदों के चुनाव लड़ने, हुड्‌डा पिता-पुत्र की पार्टी में चलने, किरण चौधरी के भाजपा में जाने समेत अन्य चीजों पर खुलकर बातचीत की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू... भास्कर : हरियाणा में चुनाव को लेकर तैयारियां कैसी चल रही हैं? सैलजा : तैयारी पूरी है। कांग्रेस की भी तैयारी है और हरियाणावासियों की भी तैयारी पूरी है। भास्कर : क्या यह तय माना जाए कि आप विधानसभा चुनाव लड़ेंगी? सैलजा : नहीं-नहीं, यह तय नहीं होता। मैने इच्छा जाहिर की थी और साथ में ये भी कहा था कि हाईकमान ही इसका फैसला करेगा। वो बताएंगे कि चुनाव लड़ना है या नहीं। भास्कर : हरियाणा में कांग्रेस 10 साल से सत्ता से बाहर है। आपके हिसाब से इसकी वजहें क्या रहीं? सैलजा : 2 बार जैसे केंद्र में भाजपा की सरकार बनी। लोगों को बरगलाकर सब्जबाग दिखाते थे, जुमलेबाजी करते थे। ये मत भूलिए केंद्र में सरकार होने के बावजूद पहली बार इनकी 46-47 सीटें आई थीं। बहुमत मार्जिन से थोड़ा ऊपर। इसके बाद 75 पार का नारा देने के बावजूद इनकी केवल 40 सीटें आईं और दूसरे के साथ मिलकर अपनी सरकार बनाई। पिछली बार तो इनको सरकार बनाने का मैंडेट नहीं मिला था। जनता ने 10 साल इनकी कार्यशैली देखी है, जमीन पर कुछ काम नहीं हुए। वैसे भी इनका लोगों के साथ कोई जुड़ाव नहीं है, कोई कनेक्ट नहीं है। जहां भी जाएंगे, स्थानीय बातें भी हैं, राज्य और राष्ट्रीय बातें भी हैं। इन्होंने एक केंद्र का हव्वा बनाया हुआ था 400 पार का, वो खत्म हो गया है। इनकी बातें खोखली साबित रहीं। हरियाणा में खासतौर पर जो 10 साल में हुआ, शायद इन्हें भी इस चीज का पता लगा होगा, जो इन्होंने मुख्यमंत्री बदले। इसके बाद भी इन्होंने देख लिया कि कैसे रोज इनके अलग-अलग से स्वर सुनने में आते हैं। इनके प्रद

Dainik Bhaskar देश का मानसून ट्रैकर:मध्य प्रदेश-राजस्थान सहित 20 राज्यों में बारिश का अलर्ट; आंध्र प्रदेश में NDRF की 30 टीमें, 120 मोटर बोट से रेस्क्यू

मौसम विभाग ने बुधवार (4 सितंबर) को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित 20 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। केवल गुजरात में ही बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में बारिश के कारण आई बाढ़ से कहर जारी है। मंगलवार को भी दोनों ही राज्यों के बाढ़ प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। NDRF, SDRF, एयरफोर्स, नेवी और स्थानीय प्रशासन बाढ़ में फंसे लोगों की मदद में जुटे रहे। आंध प्रदेश में NDRF की 30 टीम और एयरफोर्स के 6 हेलीकॉप्टर मदद में जुटे हुए हैं। 120 मोटर वोट लगातार लोगों की मदद कर रही हैं। सीएम चंद्रबाबू नायडू भी लगातार ग्राउंड जीरो पर डटे हुए हैं। वे खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों में जा-जाकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ में फंसे लोगों की हर तरह से मदद की जाए। उन्हें खाने-पीने कमी नहीं होने दी जाए। राज्य में कई नेशनल हाइवे बाढ़ में बह गए हैं। रेल सेवा भी ठप्प हैं। कृष्णा और गुंटूर जिलों हालत बहुत खराब है। बुडामेरु डेम से छोड़े गए पानी के कारण विजयवाड़ा के सिंहनगर, नंदमुरी नगर और अन्य निचले इलाकों में पानी भर गया। यहां रहने वाले करीब 2 लाख लोगों को इमारतों की छतों पर शरण लेनी पड़ी। इधर, बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए तेलंगाना के सरकारी कर्मचारियों ने अपना एक दिन वेतन यानी करीब 130 करोड़ रुपए दान किए। उन्होंने सीएम रेवंथ रेड्डी को चेक सौंपा। टॉलीवुड अभिनेता और टीडीपी विधायक एन बालकृष्ण ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को 50-50 लाख रुपए दान करने की घोषणा की। मध्य प्रदेश: अगले दो दिन बारिश की संभावना मौसम विभाग ने बताया कि 5 सितंबर से बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया यानी निम्न दाब क्षेत्र एक्टिव हो रहा है। मानसून ट्रफ प्रदेश के रायसेन, छिंदवाड़ा से गुजर रही है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की एक्टिविटी बनी हुई है। इस कारण प्रदेश में तेज बारिश हो रही है। अगले 2 दिन यह सिस्टम एक्टिव रहेगा। हालांकि, मंगलवार के बाद सिस्टम आगे बढ़ जाएगा। जुलाई और अगस्त के बाद सितंबर में भी प्रदेश के बड़े डैम का जलस्तर बढ़ा है। भोपाल के 3 डैम कलियासोत, केरवा और भदभदा के गेट एक बार फिर खुल चुके हैं। नर्मदापुरम के तवा डैम के भी तीन गेट 4-4 फीट तक खोले गए हैं।प्रदेश के 10 जिलों में 40 इंच से

Dainik Bhaskar हरियाणा कांग्रेस में 66 नाम फाइनल:25 सिटिंग विधायकों की टिकट तय; सैलजा-सुरजेवाला की सीटें रोकीं, लिस्ट में 7 नए नाम जोड़े

हरियाणा में कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट कल आएगी। इसकी पुष्टि प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने की। केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग के बाद बाबरिया ने कहा कि बैठक में 34 सीटों पर चर्चा की गई। 32 पर सहमति बन गई है। रेसलर विनेश फोगाट के चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि कल इस बारे में स्थिति क्लियर हो जाएगी। कांग्रेस से विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के चुनाव लड़ने की चर्चा है। वहीं जिन 2 सीटों पर फैसला नहीं हो पाया है, वो रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा की हैं। हालांकि मीटिंग में इन दोनों सीटों के प्रस्ताव रखे गए, चर्चा भी की गई। सुरजेवाला की कैथल सीट से नाम चर्चा में है। वहीं सैलजा ने अभी किसी सीट पर दावेदारी नहीं जताई है। हालांकि चुनाव लड़ने की सूरत में वे अंबाला की मुलाना और सिरसा की कालांवाली रिजर्व सीट से उम्मीदवार हो सकती हैं। अभी तक के मंथन में पार्टी ने तय किया है कि सिटिंग 29 विधायकों में से 25 को वह फिर से चुनाव मैदान में उतारेगी। इसके अलावा लिस्ट में 7 नए चेहरों को भी शामिल किया गया है। इनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का भी नाम शामिल है। इन दो विधायकों की टिकटों पर पेंच पार्टी सूत्रों के मुताबिक महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह और समालखा से विधायक धर्म सिंह छौक्कर के टिकट पर पेंच फंसा हुआ है। बाबरिया दोनों को टिकट देने के पक्ष में नहीं है, जबकि हुड्‌डा दोनों की पैरवी कर रहे हैं। चर्चा यह भी है कि राव दान सिंह ने बेटे अक्षत राव का नाम टिकट के लिए सामने रखा है, लेकिन फीडबैक के बाद प्रभारी उनके पक्ष में भी नहीं हैं। वहीं सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार को भी टिकट मिल सकती है। अभी वह ED के केस में जेल में बंद हैं। पंवार न लड़े तो फिर उनके बेटे या बहू भी उम्मीदवार हो सकती हैं। वहीं दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान कांग्रेस से टिकट चाहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस उन्हें टिकट देगी। उन्होंने कहा कि अगर नहीं देगी तो वे चुनाव तो लड़ेंगे। 2 दिन पहले 49 सीटों पर हुई थी चर्चा वहीं सोमवार (2 सितंबर) को हुई CEC की मीटिंग के बाद दीपक बाबरिया ने बताया था कि CEC मीटिंग में 49 सीटों पर चर्चा हुई। 34 उम्मीदवारों के नाम फाइनल हुए। 15 नाम स्क्रीनिंग कमेटी को लौटा दिए हैं। इन पर दोबारा बातचीत की जाएगी। जो 34 नाम फाइनल हुए हैं, उनमें 22 विधायक हैं। लिस्ट 2 दिनों

Dainik Bhaskar PM की आपत्ति पर BJP ने तैयार की जंबो लिस्ट:60 नाम; पार्टी आज कर सकती है ऐलान, 23 उम्मीदवारों की लिस्ट वायरल

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की मीटिंग में प्रदेश चुनाव समिति की लिस्ट पर आपत्ति के बाद अब नई लिस्ट तैयार की है। यह लिस्ट जंबो होगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस लिस्ट में 60 नाम होने की संभावना है। इसमें दिग्गजों के साथ कुछ विधायकों के नाम भी शामिल होंगे। वहीं जिन दावेदारों को अपनी टिकट कटती हुई दिख रही है, वह सीधे केंद्रीय नेतृत्व के नेताओं से मिल रहे हैं। मंगलवार को हरियाणा में BJP की टिकट मिलने से पहले ही राव नरबीर के घर पटाखे चलना शुरू कर दिए थे। नरबीर की सुबह केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी, जिसके बाद से समर्थकों का कहना है कि नेता की टिकट पक्की हो गई है। राव नरबीर बादशाहपुर से टिकट के दावेदार हैं। 2019 के चुनाव में उनकी टिकट काट दी गई थी। इस बीच भाजपा की टिकट बंटवारे की एक लिस्ट वायरल हुई है। इस लिस्ट में 23 उम्मीदवारों के नाम हैं। इनमें सीएम नायब सैनी से लेकर गोपाल कांडा, सावित्री जिंदल, श्रुति चौधरी और आरती राव का नाम शामिल है। इस लिस्ट में BJP के सचिव और कार्यालय प्रभारी अरूण सिंह के मुहर-साइन होने का भी दावा किया जा रहा है। वहीं भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अरविंद सैनी ने कहा कि ये फेक लिस्ट है, जो वायरल की जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही लिस्ट.. भाजपा में 55 नाम फाइनल, फिर भी लिस्ट अटकी भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति की गुरुग्राम में 3 मीटिंगें हुईं। जिसके बाद गुरुवार रात को केंद्रीय चुनाव समिति की भी मीटिंग हुई। इसमें 55 नामों पर मुहर लगने की बात सामने आई। जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा की लिस्ट जल्द जारी होगी। हालांकि लिस्ट के बजाय भाजपा नेताओं की दिल्ली में लगातार मीटिंगें चल रही हैं। BJP में इन 18 नामों पर सहमति की चर्चा हरियाणा BJP की टिकट के लिए अभी तक जिन नामों पर सहमति की चर्चा है, उनमें लोहारू से जेपी दलाल, अंबाला कैंट से अनिल विज, पंचकूला से कुलभूषण गोयल, तोशाम से श्रुति चौधरी, बवानी खेड़ा से विशंभर वाल्मीकि, आदमपुर से भव्य बिश्नोई, पलवल से दीपक मंगला, बल्लभगढ़ से मूलचंद शर्मा, फरीदाबाद से विपुल गोयल, सोहना से डॉ संजय सिंह, महेंद्रगढ़ से रामबिलास शर्मा, जींद से कृष्ण मिड्‌डा, कैथल से लीलाराम गुर्जर, जगाधरी से कंवर पाल गुर्जर, थानेसर से सुभाष सुधा, पानीपत (ग्रामीण) से महिपाल ढांडा, कोटली से आरती

Dainik Bhaskar कांग्रेस-AAP गठबंधन, राहुल गांधी के हरियाणा में 3 निशाने:भूपेंद्र हुड्‌डा को पार्टी ही बड़ी होने का मैसेज; भाजपा की गैर जाट पॉलिटिक्स का तोड़

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर अकेले सरकार बनाने का कॉन्फिडेंस दिखा रही कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन की बात कर सबको चौंका दिया। सबसे अहम बात ये कि इसकी पहल लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने की। राहुल गांधी ने आप से बातचीत के लिए 4 मेंबरों की कमेटी बना दी है। जिसमें पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के अलावा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को भी रखा गया है। जो सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत करेंगी। वहीं गठबंधन की पहल से हरियाणा में कांग्रेस के लिहाज से राहुल गांधी ने 3 बड़े मैसेज दिए हैं। पहला मैसेज पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा के लिए है कि अपने स्तर पर अकेले चुनाव लड़ने की बात कहकर वह खुद को कांग्रेस से बड़ा नेता न समझें। दूसरा भाजपा की गैर जाट पॉलिटिक्स का भी तोड़ में निकाला कि कांग्रेस भी अकेले जाट वोट बैंक पर निर्भर नहीं रहेगी। तीसरा एंटी इनकंबेंसी से मिलने वाले वोटों का आम आदमी पार्टी के साथ बिखराव रोकने की कोशिश की है। विस्तार से पढ़ें, गठबंधन से राहुल गांधी के 3 निशाने 1. भूपेंद्र हुड्‌डा को भी इशारा किया हरियाणा में कांग्रेस के भूपेंद्र हुड्‌डा और सांसद कुमारी सैलजा-रणदीप सुरजेवाला के 2 गुट हैं। संगठन पर अभी हुड्‌डा की पकड़ है। प्रधान चौधरी उदयभान भी हुड्‌डा के करीबी हैं। हुड्‌डा लगातार कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की पैरवी करते रहे। उन्होंने लोकसभा चुनाव के वक्त भी कहा कि विधानसभा में AAP से गठबंधन नहीं होगा। हुड्‌डा के हाईकमान को इग्नोर कर सीधे दावे करने के बाद राहुल गांधी का गठबंधन की तरफ बढ़ना उनके लिए ब्रड़ा झटका है। यह भी मैसेज दिया गया कि हुड्‌डा खुद को हरियाणा कांग्रेस न समझें बल्कि पार्टी उनसे ऊपर है। यह भी माना जा रहा है कि पिछले दिनों कुमारी सैलजा के CM पद पर दावा ठोकना भी हुड्‌डा को झटका देने की रणनीति का ही हिस्सा है। खास बात यह है कि सैलजा जहां उनके चुनाव लड़ने से लेकर सीएम चुनने तक का फैसला हाईकमान पर छोड़ती रही हैं, वहीं हुड्‌डा अपने स्तर पर किसी भी पार्टी से गठबंधन की बात को नकारते आ रहे हैं। 2. एंटी इनकंबेंसी वाले वोटों का बिखराव रोकेंगे भाजपा 10 साल से प्रदेश में सरकार चला रही है। ऐसे में सत्ता के प्रति एक स्वाभाविक एंटी इनकंबेंसी नजर आ रही है। अगर कांग्रेस और AAP अलग-अलग लड़ते हैं तो वोट

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:दिल्ली LG ने पलटा मेयर शैली ओबेरॉय का फैसला, आज ही होंगे MCD में 12 वार्ड समितियों के चुनाव

केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) की 12 वार्ड समितियों के चुनाव आज ही होंगे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर MCD के आयुक्त अश्वनी कुमार ने सभी वार्ड समितियों के चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिए। उन्होंने MCD के सभी जोन के उपायुक्तों को पीठासीन अधिकारी बनाया है। इससे पहले मेयर शैली ओबराय ने वार्ड समितियों के चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इन्कार कर दिया था। इस बीच केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार दे दिया। दरअसल, चुनाव कराने के लिए 30 अगस्त को नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया खत्म हुई थी। MCD के कमिश्नर ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के लिए फाइल भेजी थी, लेकिन मेयर शैली ओबेरॉय ने नियुक्ति करने से इनकार कर दिया था। आज की अन्य खबरें... गुलाम नबी आजाद की पार्टी DPAP ने 10 कैंडिडेट्स की दूसरी लिस्ट जारी की जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में गुलाम नबी आजाद की पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) ने 10 कैंडिडेट्स की दूसरी लिस्ट जारी की। इससे पहले 25 अगस्त को DPAP ने 13 कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी की थी। DPAP ने गांदरबल में नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सामने कैसर सुल्तान गनई को उतारा है।

Dainik Bhaskar बंसीलाल पर 164 अविवाहितों की नसबंदी का आरोप लगा:4 बार CM बने; बड़ा बेटा BCCI अध्यक्ष बना, छोटा बेटा सांसद रहा

1 नवंबर 1966, पंजाब से अलग होकर हरियाणा नया राज्य बना। चार महीने बाद यानी, फरवरी 1967 में विधानसभा चुनाव हुए। कांग्रेस को 81 में से 48 सीटें मिलीं और भगवत दयाल शर्मा मुख्यमंत्री बने, लेकिन कांग्रेस के दिग्गज नेता और अहीरवाल राज परिवार से आने वाले राव बीरेंद्र सिंह ने बगावत कर दी। 10 मार्च 1967 को विधानसभा में सभी विधायक इकट्ठा हुए। CM भगवत दयाल शर्मा ने स्पीकर पद के लिए जींद के विधायक लाला दयाकिशन के नाम का प्रस्ताव रखा। उसी समय उन्हीं की पार्टी के एक विधायक ने राव बीरेंद्र सिंह का नाम भी प्रपोज कर दिया। मुख्यमंत्री दंग रह गए। वोटिंग हुई, तो राव बीरेंद्र सिंह को लाला दयाकिशन से 3 वोट ज्यादा मिले। इसका सीधा मतलब था कि मुख्यमंत्री भगवत दयाल बहुमत खो चुके थे। आखिर बहुमत परीक्षण का दिन आया। सबकी निगाहें पहली बार विधायक बने बंसीलाल पर थीं। बागी विधायक जानते थे कि बंसीलाल उनके पक्ष में वोट नहीं करेंगे। प्लान बना कि बंसीलाल को वोटिंग के दिन सदन में आने ही ना दिया जाए। पूर्व विधायक और लेखक भीम सिंह दहिया अपनी किताब ‘पावर पॉलिटिक्स ऑफ हरियाणा’ में लिखते हैं- ‘बंसीलाल को विधानसभा जाने से रोकने का काम एक अफसर को सौंपा गया। उसने विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले बंसीलाल को अपने घर बुलाया। कुछ देर बाद बंसीलाल बाथरूम में गए, तो उस अफसर ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। बंसीलाल काफी देर तक अंदर से आवाज लगाते रहे, लेकिन तब तक दरवाजा नहीं खुला, जब तक भगवत दयाल शर्मा की सरकार गिरा नहीं दी गई।' 25 मार्च 1967 को राव बीरेंद्र सिंह नए मुख्यमंत्री बने, लेकिन 9 महीने बाद ही राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी। राज्यपाल का दावा था कि विधायक पाला बदल रहे हैं और सरकार के पास बहुमत नहीं है। मई, 1968 में फिर से विधानसभा चुनाव हुए। कांग्रेस को बहुमत मिला और 22 मई को नई सरकार ने शपथ ली। मुख्यमंत्री ने पहले आदेश में उस अफसर को सस्पेंड किया जिसने बंसीलाल को बाथरूम में बंद किया था। ये मुख्यमंत्री कोई और नहीं चौधरी बंसीलाल ही थे। वे चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। दो बार केंद्र में मंत्री बने। बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी, BCCI के अध्यक्ष रहे और छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह सांसद रहे। आज उनकी तीसरी पीढ़ी राजनीति में है। हरियाणा के ताकतवर राजनीतिक परिवारों की सीरीज ‘परिवार र

Dainik Bhaskar हिमाचल में अयोग्य विधायकों की पेंशन बंद होगी:यह बिल विधानसभा में पास करने वाला देश का पहला राज्य, भाजपा बोली- बदले की भावना से लाए

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को अयोग्य विधायकों की पेंशन बंद करने वाला संशोधित विधेयक पास हो गया। अब इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद यह कानून का रूप लेगा। इस तरह का प्रावधान करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बन जाएगा। इससे संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्य घोषित होने वाले विधायक पेंशन के हकदार नहीं रहेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बीते मंगलवार को दलबदलुओं को हतोत्साहित करने की मंशा से सदन में विधानसभा सदस्यों के भत्ते एवं पेंशन अधिनियम 1971 में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया था। सदन में आज इस पर विस्तृत चर्चा हुई। विपक्ष ने इसे बदले की भावना से लाया गया प्रस्ताव बताते हुए बिल को वापस लेने या सिलेक्ट कमेटी को भेजने की बात कही। दल-बदल रोकने को ऐसा करना जरूरी: CM मुख्यमंत्री ने कहा, 'भविष्य में दल-बदल रोकने और साफ-सुथरी राजनीति के लिए ऐसा करना जरूरी है। इस संशोधन में कोई द्वेष भावना नहीं है। स्वर्गीय राजीव गांधी ने जब दलगत राजनीति रोकने के लिए जो दल-बदल कानून बनाया था, हम उसे आगे बढ़ा रहे हैं। सशक्त लोकतंत्र और राजनीति में पारदर्शिता के लिए सभी को इसका समर्थन करना चाहिए। जो कांग्रेस छोड़कर गए हैं, वह अब आपके साथ धोखा करेंगे।" बदले की भावना से लाया संशोधन: रणधीर BJP विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि इस संशोधन का कोई भी औचित्य नहीं है। बदले की भावना से कानून नहीं बदले जाते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से विधायक क्यों नाराज है, इस पर उन्हें आत्म चिंतन करना चाहिए। अगर अभी भी इसी भावना से काम करेंगे तो ठीक हीं है। इसलिए, सरकार इस बिल को वापस ले। जिन्होंने दल बदल किया, वे गद्दार: नेगी राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा, 'दल बदल रोकने की बात इस बिल में की गई है। जो दल बदलू होते हैं, उन्हें भविष्य में सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि इन्होंने चुनी हुई सरकार को गिराने का काम किया है। जिन लोगों ने यह उल्लंघन किया है, वह इसके हकदार नहीं है। इनकी वजह से हिमाचल में विकास प्रभावित हुआ। जिसने पार्टी से गद्दारी की है, वह गद्दार है।' प्रतिशोध की भावना से लाया गया संशोधन: जयराम नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, 'हम राजनीतिक क्षेत्र में हैं। जो हो गया, वह हो गया। हमें आगे बढ़ने की सोच रखनी चाहिए। इस बिल में प्रतिशोध की भावना है। इस पर दल ब

Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:बंगाल में रेप पीड़ित की मौत पर फांसी; कंधार वेबसीरीज- आतंकियों के असली नाम दिखेंगे; मोदी ब्रुनेई जाने वाले पहले भारतीय PM

नमस्कार, कल की बड़ी खबर एंटी रेप बिल को लेकर है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में यह बिल पास हो गया। बिल में पीड़ित के कोमा में जाने या मौत होने पर 10 दिन में फांसी का प्रावधान है। वहीं दूसरी खबर कंधार हाईजैक पर बनी वेब सीरीज IC814 की है, विवाद के बाद नेटफ्लिक्स ने सीरीज में हाईजैकर्स के रियल और कोड नेम शामिल कर दिए। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... 1. कोलकाता हाईकोर्ट में आरजी कर मेडिकल-कॉलेज में हुए वित्तीय गड़बड़ी केस की सुनवाई होगी। यहीं ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 2. राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर दौरे पर जाएंगे। वह यहां दो चुनावी रैली करेंगे। पहली रैली कश्मीर के अनंतनाग में, दूसरी - जम्मू के संगलदान इलाके में होगी। 3. PM मोदी के ब्रुनेई दौरे का दूसरा दिन। एनर्जी समझौता हो सकता है। प्रधानमंत्री शाम को सिंगापुर रवाना होंगे। अब कल की बड़ी खबरें... 1. नेटफ्लिक्स ने विवाद के बाद वेब सीरीज IC814 में बदलाव किया: हाईजैकर्स के रियल और कोड नेम शामिल किए नेटफ्लिक्स ने विवादित वेब सीरीज IC 814- द कंधार हाईजैक में मंगलवार (3 सितंबर) को बदलाव कर दिए। अब सीरीज के ओपनिंग डिस्क्लेमर में ही हाईजैकर्स के रियल और कोड नाम दिखेंगे। सीरीज में आतंकियों के हिंदू नामों पर विवाद था और इसे बैन करने की मांग की गई थी। इस पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स को नोटिस भेजकर सफाई मांगी थी। आतंकियों के नाम भोला' और 'शंकर' थे: सीरीज में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट को हाईजैक करने वाले आतंकी, पूरी घटना के दौरान रियल नामों की बजाय, कोड नेम जैसे बर्गर, चीफ, शंकर और भोला इस्तेमाल करते नजर आए। सोशल मीडिया पर लोगों ने 'IC 814' में हाईजैकर्स के हिंदू नामों को लेकर आपत्ति जताई। आरोप लगाया कि ये आतंकवादियों के रियल नाम छिपाने की कोशिश है। IC 814 सीरीज 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पास: पीड़ित के कोमा में जाने या मौत होने पर दोषी को 10 दिन में फांसी पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को एंटी रेप बिल पास हो गया। नए कानून के तहत रेप केस की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी। इसके अलावा पीड़ित के कोमा में जाने या मौत होने पर दोषी को 10 दिन में फांसी की सजा होगी। भाजपा ने भी बिल का समर्थन किया है। बिल पास हुआ, अब

Dainik Bhaskar मलयालम एक्टर निविन पॉली पर रेप का केस दर्ज:महिला बोली- दुबई में उनका शोषण किया गया, निविन बोले- यह पूरी तरह से झूठ है

हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के कुछ दिन बाद ही मलयालम एक्टर निविन पॉली पर मंगलवार को यौन शोषण का आरोप लगाया गया है। 40 साल की महिला ने केरल के एर्नाकुलम स्थित ओन्नुकल पुलिस थाने में निविन समेत 6 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। आरोपियों में श्रेया नाम की महिला भी शामिल हैं। इसके अलावा प्रोड्यूसर एके सुनील, बीनू, बशीर, कुट्टन और निविन पॉली का नाम है। निविन मामले में छठे आरोपी हैं। पीड़ित महिला का आरोप है कि एक्टर ने दुबई में उनके साथ दुष्कर्म किया था। एक्टर निविन ने इन आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठ बताया है। महिला ने कहा- नवंबर 2023 की घटना है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिकायतकर्ता महिला पहली बार आरोपी श्रेया के संपर्क में आई थीं। श्रेया ने यूरोप में महिला को केयरगिवर की नौकरी ऑफर की थी। जब महिला ने ये नौकरी नहीं की, तो श्रेया ने उससे पैसे वापस मांग लिए। इसके कुछ दिन बाद आरोपी श्रेया ने महिला को एक फिल्म का ऑफर दिया। इसी दौरान उन्हें ड्रग्स दिए गए और फिर उनका यौन शोषण किया गया। महिला का कहना है कि छह आरोपियों ने अलग-अलग मौकों पर उनके साथ कुछ न कुछ किया है। ये सारे मामले नवंबर 2023 में दुबई में हुए थे। एक्टर बोले- शिकायतकर्ता के खिलाफ मानहानि केस करेंगे एक्टर निविन ने मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X में एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि मुझे अपने बारे में एक झूठी खबर है पता चली है, जिसमें मुझ पर शोषण करने का आरोप लगाया गया है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि ये एकदम झूठ है। मैं इन आरोपों को बेबुनियाद साबित करने के लिए पूरी कोशिश करने वाला हूं। इसके बाद निविन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगे और शिकायतकर्ता के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करेंगे। एक्टर सिद्दीकी पर भी दुष्कर्म का आरोप, राज्य फिल्म पुरस्कार जीत चुके एक मलयाली एक्ट्रेस ने एक्टर सिद्दीकी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। इसके बाद सिद्दीकी ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। 300 मलयालम फिल्मों में काम कर चुके सिद्दीकी फिल्म सासनेहम सुमित्रा के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। दूसरी ओर, एक और एक्ट्रेस ने नंदनम जैसी अवॉर्ड विनिंग फिल्म का निर्देशन करने वाले रंजीत पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। इसके बाद उन

Dainik Bhaskar आज राहुल गांधी की जम्मू-कश्मीर में दो चुनावी रैली:पहली अनंतनाग और दूसरी जम्मू के संगलदान में; कांग्रेस के 40 स्टार कैम्पेनर्स चुनाव में

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले फेज की वोटिंग से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी 4 सितंबर को दो चुनावी रैली करेंगे। इस दौरे पर राहुल गांधी की पहली रैली कश्मीर के अनंतनाग और दूसरी जम्मू के संगलदान में होगी। कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर ने बताया कि इस दौरान राहुल गांधी नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए रैली को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम केवल पहले चरण के लिए है। वह अन्य चरणों के लिए फिर जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकते हैं। फेज-1 से पहले NC-कांग्रेस गठबंधन ने 59 सीट पर उम्मीदवार घोषित किए जम्मू कश्मीर चुनाव के फेज-1 से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने कुल 59 सीट पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 50 और कांग्रेस ने 9 उम्मीदवारों का ऐलान किया है। दोनों पार्टियों के बीच 26 अगस्त को सीट शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल हो गया था। इसमें केंद्र शासित प्रदेश की 90 सीटों में से 51 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और 32 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। 5 सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। 2 सीटें CPI (M) और पेंथर्स पार्टी को मिली हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के 18 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट.. कांग्रेस की 9 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट... जम्मू-कश्मीर में तीन फेज में वोटिंग, 8 अक्टूबर को रिजल्ट आएगा इलेक्शन कमीशन ने 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। राज्य में तीन फेज में वोटिंग होगी। यहां विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 46 है। 2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।

Dainik Bhaskar आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल को थप्पड़ मारने की कोशिश:लोगों ने चोर-चोर के नारे लगाए; घोष पर वित्तीय गड़बड़ी करने का आरोप

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भीड़ में से एक व्यक्ति ने थप्पड़ मारने की कोशिश की। उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चोर-चोर के नारे लगाए। साथ ही घोष को फांसी देने की मांग की। इसके बाद पुलिस और केंद्रीय बलों ने स्थिति पर काबू पाया। दरअसल, संदीप घोष पर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी का आरोप है। हाईकोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच CBI कर रही है। उन्हें मंगलवार को घोष को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया था। इसी दौरान भीड़ ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। कोर्ट ने घोष और अन्य 3 लोगों को 8 दिन की CBI कस्टडी में भेजा दिया गया है। भ्रष्टाचार के मामले में इन लोगों को 2 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने नोटिफिकेशन जारी करके कहा कि संदीप घोष के खिलाफ जारी कानूनी कार्रवाई के चलते उन्हें सस्पेंड किया जा रहा है। इससे पहले 28 अगस्त को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने संदीप घोष की सदस्यता रद्द कर दी थी। वहीं, मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ 8-9 अगस्त की रात रेप-मर्डर केस में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन 26वें दिन भी जारी है। प्रदर्शनकारी डॉक्टर पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। डॉक्टर्स के प्रदर्शन की तस्वीरें... केंद्र का आरोप- आरजी कर अस्पताल में तैनात CISF को बंगाल सरकार सुविधाएं नहीं दे रही केंद्र सरकार ने आज पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका लगाई है। केंद्र का आरोप है कि बंगाल सरकार आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात CISF जवानों को परिवहन और आवास की सुविधा उपलब्ध नहीं करा रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 21 अगस्त को CISF के 92 जवान आरजी कर की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। इनमें 54 महिलाएं भी हैं। इन्हें अपने हथियार रखने की भी जगह नहीं मिली है। केंद्र सरकार के अनुरोध के बाद भी बंगाल सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही। डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर से मिलेगा डॉक्टरों ने सोमवार (2 सितंबर) को पुलिस हेडक्वॉर्टर लालबाजार तक रैली निकाली थी। पुलिस ने हेडक्वॉर्टर से आधा किमी पहले बीबी गांगुली स्ट्रीट पर ही बैरिकेडिंग लगाकर सभी को रोका था। सोमवार से लेकर मंगलवार सुबह तक डॉक्टरों सड़क पर बैठे रहे। उन्होंने पुलिस के लगाए बैरिकेड पर रीढ़ की हड्डी और लाल गुल

Dainik Bhaskar राष्ट्रपति मुर्मू ने दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाईं:बोर्ड-पैनल बनाने के साथ नियुक्ति का अधिकार मिला, गृह मंत्रालय ने जानकारी दी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) की शक्तियां बढ़ा दी हैं। अब एलजी राजधानी में ऑथॉरिटी, बोर्ड, कमीशन या वैधानिक निकाय का गठन कर सकेंगे। इसके अलावा वे इन सभी बॉडीज में मेंबर्स की नियुक्ति भी कर सकेंगे। इसकी जानकारी गृह मंत्रालय ने मंगलवार की देर रात नोटिफिकेशन जारी करके दी है। यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 के तहत लिया गया है। इससे पहले यह अधिकार दिल्ली सरकार के पास थे। गृह मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रपति ने उपराज्यपाल को संसद की ओर से दिल्ली के लिए बनाए गए कानूनों के तहत अहम फैसला लिया है। MCD में सीधे पार्षद नियुक्त कर सकते हैं LG दिल्ली के उपराज्यपाल MCD में सीधे पार्षद नियुक्त कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें दिल्ली सरकार से सलाह लेना जरूरी नहीं है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में था। 5 अगस्त को कोर्ट ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में 10 मेंबर नॉमिनेट करने के उपराज्यपाल (LG) के फैसले को मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह की आवश्यकता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल के 10 एल्डरमैन नियुक्त करने के फैसले को बरकरार रखा था। दरअसल, LG विनय कुमार सक्सेना की ओर से इस साल 1 और 4 जनवरी को ऑर्डर और नोटिफिकेशन जारी करके 10 एल्डरमैन (मेंबर) की नियुक्ति की गई थी। इसके फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असहमति जताई थी आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र और संविधान के लिए बड़ा झटका बताया है। उन्होंने फैसले पर अपनी असहमति व्यक्त करते हुए कहा है कि कोर्ट का फैसला मामले की सुनवाई से एक दम उलट है। सांसद ने कहा कि दिल्ली को अन्य राज्यों की तरह ये अधिकार मिलना चाहिए।

Dainik Bhaskar छत्तीसगढ़ में ईसाई प्रार्थना सभा में जाने वालों से मारपीट:पीड़ित बोला- विवाद जमीन का है इसे धार्मिक रंग दिया रहा

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के इरदाहा गांव में प्रभु यीशु मसीह में आस्था रखने वाले 12 परिवार रहते हैं। 20 अगस्त को गांव में 150 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने इन 12 परिवारों पर हमला किया। यह हमला शाम करीब 5 बजे हुआ, जब भीड़ ने इकट्ठा होकर काम के बाद घर लौट रहे परिवारों को निशाना बनाया। जिन 12 परिवारों के साथ मारपीट हुई, उनमें जितेंद्र कुमार का भी परिवार शामिल है। जितेंद्र 20 साल से भी अधिक समय से प्रार्थना में जा रहे हैं। उनका मानना है कि पूरा गांव उनसे इस बात को लेकर काफी समय से गुस्सा और नाराज था। मौके की तलाश में था कि इस मुद्दे पर लड़ाई हो सके। आखिरकार, गांव का गुस्सा 20 अगस्त को उन सभी लोगों पर निकला जो प्रार्थना में जाते हैं। भीड़ ने कई घरों में घुसकर उन पर हमला किया। जब यह हमला हो रहा था, तब सभी पीड़ित पास की झाड़ियों और इमारतों के पीछे छिप गए, लेकिन बाद में शाम को जब वे अपने घरों की ओर लौटने लगे, तो उन पर फिर से हमला किया गया। कई लोग घायल हो गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, और दो पीड़ितों की हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें कांकेर के जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस मामले में सभी परिवारों ने पुलिस को सूचित किया, लेकिन उनके मुताबिक पुलिस ने अभी तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की है। भीड़ घरों में घुसी, महिला-बच्चों को भी पीटा​​​​​​​ इस मामले में ​​​​​​​पीड़ित मंशु राम थापा FIR दर्ज कराने पुलिस थाने पहुंचा, लेकिन केस दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद 22 अगस्त को छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम के करीब 200-250 कार्यकर्ताओं ने कांकेर में पुलिस थाने का घेराव किया।तब कहीं जाकर शाम को FIR दर्ज की गई।​​​​​​​ मंशु राम थाप्पा के मुताबिक, फरस राम मातलाम, बिरसू कुरेटी, सगउ कुरेटी, रिपो कुरेटी और रमेश कोर्राम ने हमें गालियां दीं, थप्पड़ मारे, लाठी-जूतों से पीटा। इसके बाद जान से मारने की धमकी दी। पुलिस की दर्ज FIR में आरोपियों के पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296, 115 (2), 351 (3), 190, 191 (2) लगाई गई हैं। क्या कहती है ये धाराएं: 1. धारा 296 - धार्मिक समारोहों में जानबूझकर विघ्न डालना इस धारा के अंतर्गत, कोई व्यक्ति यदि जानबूझकर किसी धार्मिक समारोह या धार्मिक विधि में विघ्न डालता है, तो उसे इस धारा के तहत अपराधी माना जाएगा। इसका उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करना है।

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