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Dainik Bhaskar महबूबा मुफ्ती ने हिजबुल्ला चीफ को शहीद बताया:बोलीं- हम लेबनान-फिलीस्तीन के साथ, उनके समर्थन में कल प्रचार नहीं करूंगी
इजराइली हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने को लेकर PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दुख जताया है। उन्होंने X पर पोस्ट में कहा कि लेबनान और गाजा के शरीदों, खासतौर से हसन नसरल्ला के समर्थन में कल का चुनावी दौरा रद्द कर रही हूं। इस गहरे दुख और विद्रोह की घड़ी में हम फिलीस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं। अंजुमन-ए-शरिया के अध्यक्ष बोले- जितना दुख मनाएं, वो कम होगा जम्मू-कश्मीर अंजुमन-ए-शरीय के अध्यक्ष शियान आगा सैयद हसन मुसावी अल सफावी ने कहा कि हम उनकी (हसन नसरल्लाह) मौत का जितना भी शोक मनाएं, वह कम ही होगा। शांति होनी चाहिए और यही उनका मिशन था। उन पर आतंकवाद में शामिल होने का आरोप लगाया गया ताकि लोग यह न जान सकें कि वे मानवता के लिए क्या कर रहे थे और क्या चाहते थे। वे चाहते थे कि फिलिस्तीन, फिलिस्तीनियों के लिए आजाद हो। मैं पूरी मानवता और इस्लामी लोगों से कहना चाहता हूं कि जिस बात के लिए उन्होंने अपनी जान की कुर्बानी दी है, उससे कुछ अनोखा होने वाला है। इस क्षति का आकलन करना मुश्किल है, लेकिन उनके खून से हजारों नसरल्लाह पैदा होंगे, जो इस मिशन को आगे बढ़ाएंगे और सफलता हासिल करेंगे। हिजबुल्लाह ने की नसरल्ला के मारे जाने की पुष्टि हिजबुल्लाह ने इजराइली हमले के 20 घंटे बाद चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने की पुष्टि की है। हिजबुल्लाह ने शनिवार शाम 5 बजे कहा कि शुक्रवार रात साढ़े 9 बजे इजराइल के हवाई हमलों में नसरल्लाह की मौत हो गई। इजराइली सेना ने राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 80 टन बम से हमला किया था। यह इतना भीषण था कि आसपास की 6 बिल्डिंग ध्वस्त हो गईं। बताया जा रहा है कि नसरल्लाह अपनी बेटी के साथ यहीं मौजूद था। हमले में बेटी की मौत की भी खबर है। IDF ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, 'अब दुनिया को नसरल्लाह से डरने की जरूरत नहीं है। वह आतंक नहीं फैला पाएगा।' पूरी खबर यहां पढ़ें... ये खबरें भी पढ़ें... PM मोदी के बयान पर महबूबा का पलटवार:पीडीपी चीफ बोलीं- अब्दुल्ला खानदान पाकिस्तानी एजेंडा लाता तो जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान में होता पीएम नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए पाकिस्तान का हौवा खड़ा कर रही है। हिंदू-मुस्लिम, मुसलमानों की लिंचिंग, मस्जिदों को तोड़ने के
Dainik Bhaskar राहुल गांधी का विदेश मंत्री को लेटर:कहा- 37 तमिल मछुआरों की श्रीलंका से रिहा कराएं, CM स्टालिन ने यही मांग PM मोदी से की थी
राहुल गांधी ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को लेटर लिखकर श्रीलंका में बंद तमिल मछुआरों की मांग की है। राहुल ने कहा कि मछुआरों की रिहाई कराने और जब्त की गई नावों को छोड़ने के लिए श्रीलंका के अफसरों से बात करें। इससे पहले 27 सितंबर को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करके मछुआरों की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था। उन्होंने मछुआरों को जल्द रिहाई की मांग की थी। दरअसल, 21 सितंबर 2024 को श्रीलंकाई नेवई अफसरों ने 37 तमिल मछुआरों की गिरफ्तारी की। साथ ही उनकी नौकाओं को जब्त कर लिया था। राहुल गांधी के लेटर की 2 बड़ी बातें... 1. मछुआरे श्रीलंकाई नाव को बचा रहे थे मुझे मयिलादुथुराई संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस सांसद आर सुधा ने मामले की जानकारी दी है। गिरफ्तार किए गए मछुआरे घटना वाले दिन संकट में फंसी श्रीलंकाई नाव को बचाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने श्रीलंकाई अधिकारियों से सहायता के लिए भी संपर्क किया था। इसके बावजूद उन्हने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पार करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। 2. मछुआरों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए ऐसी घटनाएं मछुआरों के जीवन को प्रभावित करती हैं। इनकी रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और मछुआरों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। जनवरी से जून तक 182 भारतीय गिरफ्तार श्रीलंकाई अधिकारियों के मुताबिक इस साल अब तक 182 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया और 25 नाव जब्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय मछुआरे अवैध तरीके से श्रीलंका में घुसने की कोशिश करते हैं। इस साल भी पिछले साल के बराबर गिरफ्तारियां हुईं श्रीलंकाई अधिकारियों ने बताया कि 2023 में भी भारतीय मछुआरों यहीं हाल था, जिसमें जून के महीने में 240-245 तक मछुआरों गिरफ्तार किया था, जो इस साल लगभग 75% है। कई बार तमिलनाडु सरकार इस बात का मुद्दा केन्द्र सरकार के सामने भी उठा चुकी है। मछुआरे सबसे ज्यादा तमिलनाडु के पाक स्ट्रेट से श्रीलंका के उत्तरी सिरे में मछलियों पकड़ने जाते हैं। यहां बड़ी संख्या में मछलियों का झुंड रहता है, जो लंबी और वजन में भारी होती हैं। कैसे पकड़े जाते हैं मछुआरे भारतीय हिस्से में मछलियों की संख्या लगातार कम हो रही हैं। ऐसे में फ
Dainik Bhaskar हरियाणा चुनाव के बीच AAP प्रत्याशी ने पार्टी छोड़ी:वोटिंग से 6 दिन पहले भाजपा जॉइन की, केंद्रीय मंत्री की सभा में पहुंचे
हरियाणा के फरीदाबाद में शनिवार (28 सितंबर) को आम आदमी पार्टी (AAP) को झटका लगा। वोटिंग से 6 दिन पहले AAP के प्रत्याशी प्रवेश मेहता पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए। फरीदाबाद से सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने उनको भाजपा जॉइन कराई। प्रवेश मेहता भाजपा कैंडिडेट विपुल गोयल की सभा में पहुंचे थे। हरियाणा में कांग्रेस से चुनावी गठबंधन न होने पर आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। फरीदाबाद में पार्टी ने प्रवेश मेहता को टिकट दी थी। नामांकन के बाद प्रवेश मेहता चुनाव प्रचार में लगे हुए थे। केंद्रीय राज्यमंत्री ने पार्टी जॉइन कराई फरीदाबाद में शनिवार को भाजपा कैंडिडेट विपुल गोयल की सभा थी। इस सभा में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी पहुंचे थे। इस बीच आप प्रत्याशी प्रवेश मेहता मंच पर पहुंच गए। उन्होंने लोगों की भीड़ के बीच अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताई। इसके बाद मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने उनको भाजपा का पटका पहना कर पार्टी में शामिल किया। मेहता बोले- विपुल गोयल की तरफ लोगों का रुझान उन्होंने कहा कि आज फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र में विपुल गोयल के समर्थन में लोगों का रुझान है। हम उम्मीद करते हैं कि फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र का विकास करने में वह अहम भूमिका निभाएंगे। हमारा साथ और विश्वास उनके साथ है। क्षेत्र के विकास और उन्नति के लिए हमने विपुल गोयल के नेतृत्व में भाजपा का दामन थामा है। विपुल बोले- मेहता को पूरा मान-सम्मान देंगे वहीं विपुल गोयल ने कहा कि पिछले 10 साल में भाजपा ने जिस प्रकार से देश एवं प्रदेश का विकास किया, उससे हर कोई प्रभावित है और आज हमारे पुराने दिग्गज नेता प्रवेश मेहता ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कहकर भाजपा का दामन थामा है। आज से वह भाजपा के सिपाही के रूप में घर-घर जाकर काम करेंगे। भारतीय जनता पार्टी प्रवेश मेहता एवं उनकी टीम का स्वागत करती है और उनको पार्टी में पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा।
Dainik Bhaskar डॉक्टरों की निगरानी में इच्छामृत्यु को लेकर गाइडलाइन:स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- मरीज का लाइफ सपोर्ट हटाया जाए या नहीं, चार शर्तों से तय होगा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निष्क्रिय इच्छामृत्यु यानी गंभीर रूप से बीमार मरीजों का लाइफ सपोर्ट हटाने को लेकर नई गाइडलाइन का ड्राफ्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि डॉक्टरों को कुछ शर्तों को ध्यान में रखकर बेहद सोच-समझकर ये फैसला लेना होगा कि मरीज का लाइफ सपोर्ट हटाया जाना चाहिए या नहीं। गाइडलाइन्स में चार शर्तें तय की गई हैं, जिनके आधार पर यह फैसला लिया जाएगा कि लाइफ सपोर्ट को रोकना मरीज के हित में उचित है। यह तब किया जाएगा जब यह साफ हो कि गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज को लाइफ सपोर्ट से कोई फायदा होने की संभावना नहीं है, या लाइफ सपोर्ट पर रखने से मरीज की तकलीफ बढ़ने और गरिमा को नुकसान पहुंचने की संभावना हो। IMA अध्यक्ष बोले- इन गाइडलाइन से डॉक्टर तनाव में आएंगे सरकार की इन गाइडलाइन्स को लेकर मेडिकल फ्रेटरनिटी में असंतोष देखा जा रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रेसिडेंट डॉ. आर.वी. असोकन ने कहा कि ये दिशा-निर्देश डॉक्टरों को कानूनी जांच के दायरे में लाएंगे और उन पर तनाव डालेंगे। उन्होंने कहा कि डॉक्टर हमेशा मरीजों की भलाई के लिए फैसले लेते हैं और परिवार के साथ हर स्थिति पर चर्चा करने के बाद ही ऐसा फैसला लेते हैं। इस तरह के फैसले हमेशा मरीज के सर्वोत्तम हित में लिए जाते हैं। इन्हें दिशा-निर्देशों में बांधना गलतफहमी पैदा करेगा।
Dainik Bhaskar CJI ने कहा- न्याय व्यवस्था दिव्यांग बच्चों की परेशानियां समझे:कहा- मेरी दो दिव्यांग बेटियां हैं, उन्होंने मेरा दुनिया को देखने का नजरिया बदला
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि न्याय व्यवस्था को दिव्यांग बच्चों की जरूरतों को समझना चाहिए। मेरी दो दिव्यांग बेटियां है, जिन्होंने मेरा दुनिया देखने का नजरिया ही बदल दिया है। CJI बाल संरक्षण पर नौवे नेशनल एनुअल स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन वर्कशाप को संबोधित कर रहे थे। सीजेआई, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और जस्टिस नागरत्ना ने दिव्यांग व्यक्तियों पर हैंडबुक जारी की। यह समाज को सही शब्दावली का इस्तेमाल करने में मदद करेगी। विकलांगता लिंग, जाति और आर्थिक स्थिति के साथ मिलकर और भेदभाव पैदा करती है CJI ने कहा कि हमारी न्याय व्यवस्था में पुलिस से लेकर कोर्ट रूम तक दिव्यांग बच्चों की परेशानियों को समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों को शारीरिक चुनौतियों के साथ-साथ समाज में मौजूद गलत धारणाओं का भी सामना करना पड़ता है। दिव्यांग लिंग, जाति और आर्थिक स्थिति के साथ मिलकर और भी अधिक भेदभाव पैदा करती है। रेस्टोरेटिव जस्टिस के तरीकों को शामिल करने पर जोर दिया उन्होंने जूडिशल सिस्टम में पुनर्स्थापनात्मक न्याय (रेस्टोरेटिव जस्टिस) के तरीकों को शामिल करने पर जोर दिया, जिससे बच्चों को शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग मिल सके। समानता, सम्मान और भेदभाव न होना दिव्यांग बच्चों के मौलिक अधिकार है। चार मुद्दों पर पॉलिसी मेकर्स को ध्यान देने के लिए आग्रह किया सीजेआई ने चार बातों पर न्यायपालिका और पॉलिसी मेकर्स को ध्यान देने के लिए कहा-
Dainik Bhaskar 2 मिनट में समझिए मोदी की सभा का सार:मिर्चपुर-गोहाना कांड याद दिलाया, कांग्रेस को दलित विरोधी बताया; तीसरी बार BJP सरकार के फायदे गिनाए
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र नरेंद्र मोदी ने अपनी तीसरी रैली हिसार में की। 35 मिनट के भाषण के दौरान उनके फोकस पॉइंट थे- किसान, भ्रष्टाचार, युवा और दलित। किसानों पर पीएम ने कहा- किसानों को जो समस्याएं आ रही हैं, सरकार बनते ही उसका हल करेंगे। कांग्रेस मुआवजे के नाम पर पर 2 रुपए के चेक देती थी लेकिन भाजपा पीएम सम्मान निधि के तहत हर साल 6000 रुपए किसानों के खाते में जमा करती है। युवाओं पर पीएम बोले, भाजपा ने बिना खर्ची-पर्ची के युवाओं को नौकरियां दी तो कांग्रेस के भर्ती रोको गैंग ने नौकरियों पर ब्रेक लगाई। भ्रष्टाचार पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा- कांग्रेस राज में दलालों-दामाद का बोलबाला रहा। कांग्रेस सिर्फ लूट-खसोट ही नहीं करती, बल्कि निर्लज्जता से उसका बचाव भी करती है। गोहाना-मिर्चपुर कांड का जिक्र करते हुए मोदी ने दलितों को लेकर कहा- कांग्रेस के राज में दलित बेटियों के साथ अन्याय हुआ, कांग्रेस चुप रही। कांग्रेस ने दलितों पर जो अत्याचार किया है उसे दलित समाज कभी भी भूल नहीं सकता। अपने भाषण में पीएम मोदी ने अग्निवीर और खिलाड़ियों के मुद्दे पर कुछ नहीं बोला। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस सरकार के नुकसान और तीसरी बार बीजेपी सरकार बनाने के फायदे भी बताए। 4 ग्राफिक्स से जानिए सभा का सार… पीएम मोदी की रैली की खबर पढ़ें... मोदी बोले-हरियाणा में MP-राजस्थान की तरह गुब्बारा फूटेगा:कांग्रेस विधायक ने लोगों को घर छोड़ने की धमकी दी; इनके राज में दामाद-दलालों का बोलबाला हरियाणा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को हिसार में रैली को संबोधित किया। यहां मोदी ने कहा कि हरियाणा में भी कांग्रेस का सरकार बनाने का गुब्बारा राजस्थान और मध्यप्रदेश की तरह फूटेगा। हिमाचल प्रदेश में भी इन्होंने झूठ बोलकर सरकार बनाई। पूरी खबर पढ़ें...
Dainik Bhaskar तिरुपति लड्डू विवाद- YSRCP ने मंदिरों में शुद्धीकरण पूजा की:कहा- मिलावट की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराएं, ये सरकार की साजिश
तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में मिलावट के आरोप में घिरी YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने शनिवार को तिरूपति के प्राचीन तातैयागुंटा गंगम्मा मंदिर में शुद्धीकरण पूजा की। तिरुपति के सांसद डॉ. एम. गुरुमूर्ति ने कहा- YSRCP ने तिरुपति मंदिर के लिए खरीदे जाने वाले घी की क्वालिटी बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए थे। सरकार राजनीति के तहत हमें बदनाम कर रही है। मंदिर सेल्फ डिपेड बनने के लिए मंदिर ट्रस्ट ने 1000 गायों के साथ गोशाला की शुरुआत की। शुद्धीकरण पूजा में तिरुपति ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष भुमना करुणाकर रेड्डी, डिप्टी मेयर भुमना अभिनय रेड्डी भी थे। इधर, पूर्व मंत्री और साउथ एक्ट्रेस आरके रोजा ने भी तमिलनाडु के सुंदरेश्वर मंदिर में शुद्धीकरण अनुष्ठान किया। उन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा जांच के लिए बनाई गई एसआईटी पर सवाल उठाए और कहा कि किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए, तभी सच्चाई सामने आएगी। दरअसल, आंध्र प्रदेश के CM नायडू की तेलुगु देशम पार्टी ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि तिरुपति मंदिर में मिलने वाले लड्डू (प्रसादम्) में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया जाता है। जुलाई में घी सप्लाई करने वाली कंपनी के प्रोडक्ट में गड़बड़ी मिली थी यह मामला तब सामने आया जब इसी साल जुलाई में तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स के प्रोडक्ट में इस साल गड़बड़ी मिली। यह कंपनी उन 5 फर्म में आती है जो तिरुपति मंदिर में घी सप्लाई करती है। दरअसल पिछले 50 सालों से कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। प्रसादम विवाद पर किसने-क्या कहा.. टीडीपी धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण कर रही है। प्रसादम के लिए टेंडर प्रोसेस हर 6 महीने में होती है। सप्लायर की योग्यता का पैमाना दशकों से नहीं बदला है। सप्लाई करने वालों को NABL सर्टिफिकेट और प्रोडक्ट क्वालिटी सर्टिफिकेट देना होगा। TTD घी से नमूने कलेक्ट करता है। केवल उन्हीं प्रोडक्ट का यूज किया जाता हैं, जिन्हें पास सर्टिफिकेट मिलता है। हमने अपने शासन में 18 बार प्रोडक्ट को खारिज किया था। - वाईएस जगन मोहन रेड्डी, आंध्र प्रदेश के पूर्व CM यह हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत पर सीधा हमला
Dainik Bhaskar CEC बोले- 26 नवंबर के पहले होंगे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव:राजनीतिक दलों की मांग- त्योहारों को ध्यान में रखकर हो तारीखों का ऐलान
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने शनिवार (28 सितंबर) को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसके पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। तारीखों का ऐलान अगले महीने होने की उम्मीद है। राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एस एस संधू दो दिन के महाराष्ट्र दौरे पर हैं। उन्होंने यहां विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर, सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस, समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके अलावा उन्होंने शिवसेना, शिवसेना UBT, मनसे, बसपा, आप समेत 11 पार्टियों से मुलाकात की। सभी पार्टियों ने मांग की है कि दिवाली, देव दिवाली और छठ पूजा जैसे त्योहारों को ध्यान में रखकर चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाए। CEC राजीव कुमार की प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें... शुक्रवार को चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव से जवाब मांगा चुनाव आयोग ने शुक्रवार (27 सितंबर) को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और DGP से आदेश का पालन न करने पर जवाब मांगा है। मामला विधानसभा चुनाव को देखते हुए अधिकारियों के ट्रांसफर से जुड़ा है। इलेक्शन कमीशन ने आदेश दिया था कि, राज्य में उन अधिकारियों का ट्रांसफर किया जाए। जो या तो अपने होम टाउन में पोस्टेड हैं या वे अधिकारी जिन्हें एक जगह सर्विस करते हुए तीन साल से ज्यादा हो गया। चुनाव आयोग ने 31 अगस्त तक रिपोर्ट फाइल करने का समय दिया था। ADGP ने अभी तक अधूरी रिपोर्ट दी है। वहीं चीफ सेक्रेटरी का भी पूरी रिपोर्ट फाइल करना बाकी है। मुंबई में करीब 100 से ज्यादा अधिकारियों को ट्रांसफर नहीं हुआ है। नवंबर 2024 को बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) सरकार का कार्यकाल खत्म होगा लोकसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ 9 सीटें मिली 2019 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 104 सीटें जीतीं थी। भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन में मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की वाली एनसीपी शामिल है। लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र की 48 सीटों में भाजपा सिर्फ 9 सीटें जीत सकी। गठबंधन की सहयोगी NCP ने एक सीट जीती। शिवसेना (शिंदे गुट) को 7 सीटों पर जीत मिली।
Dainik Bhaskar एअर इंडिया फ्लाइट के खाने में कॉकरोच मिला:मां-बेटे को फूड पॉइजनिंग हुई, पीड़ित बोली- एअर इंडिया में सफर करने में डर लग रहा
दिल्ली से न्यूयॉर्क जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट के नाश्ते में एक कॉकरोच मिला। घटना 17 सितंबर की है। एक महिला ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके मामले की जानकारी दी। पैसेंजर महिला ने बताया कि उन्हें और उनके 2 साल एक बेटे को फूड पॉइजनिंग हुई। अब वे एअर इंडिया की फ्लाइट में सफर नहीं करेंगी। एअर इंडिया ने कहा कि वे मामले की जांच करेंगे। साथ ही खाना परोसने वाली एजेंसी से भी बात करेंगे। महिला की शिकायत 2 पॉइंट्स में पढ़ें… 1. फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए मां-बेटे सुयशा सावंत नाम की एक महिला अपने दो साल के बच्चे के साथ दिल्ली से न्यूयॉर्क जा रही थी। इस दौरान नाश्ते में ऑमलेट मिला। उन्होंने अपने बेटे के साथ नाश्ता किया। हम नाश्ता ही कर रहे थे कि मुझे कॉकरोच दिख गया। मैं घबरा गई। थोड़ी ही देर में पेट दर्द होने लगा। महिला ने बताया कि इसके बाद उन्हें और उनके बेटे को फूड पॉइजनिंग हो गई। 2. एअर इंडिया की फ्लाइट में सफर करने में डर लग रहा महिला ने बताया कि उनकी फैमिली ज्यादातर एअर इंडिया में ही सफर करते हैं। कई बार बहुत परेशानी झेली है, लेकिन अब कॉकरोच का मिलना कुछ ज्यादा ही बड़ी घटना है। अब हमें एअर इंडिया के साथ सफर करने में डर लग रहा है। एअर इंडिया इंटरनेशनल फ्लाइट में खाने में ब्लेड मिली थी इसी साल 16 जून को एअर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट में एक पैसेंजर के खाने में ब्लेड मिली थी। इसके बाद एअर इंडिया ने माफी मांगी थी। दरअसल, मैथुरेस पॉल नाम का पैसेंजर एअर इंडिया की फ्लाइट से बेंगलुरु से सैन फ्रांसिस्को जा रहा था। जब उसे खाने में ब्लेड मिली तो उसने सोशल मीडिया पर दो फोटो शेयर कीं। पॉल ने लिखा, 'एअर इंडिया का खाना चाकू की तरह काट सकता है। भुने हुए शकरकंद और अंजीर चाट में एक मेटल का टुकड़ा मिला, जो ब्लेड जैसा दिख रहा था। मुझे इसका एहसास कुछ सेकेंड तक खाना चबाने के बाद ही हुआ। शुक्र है, मुझे कोई नुकसान नहीं हुआ। बेशक, इसका दोष पूरी तरह से एअर इंडिया की कैटरिंग सर्विस पर है। क्या होता अगर मेटल का टुकड़ा किसी बच्चे को परोसे गए खाने में होता? पहली फोटो में वह मेटल का टुकड़ा दिखाया गया है, जिसे मैंने थूक दिया और दूसरी तस्वीर में वह खाना दिखाया गया है, जो मुझे सर्व किया गया था।' पूरी खबर पढ़ें ... ये खबर भी पढ़ें... अमूल आइस्क्रीम में कनखजूरा निकलने का मामला: कंपनी ने जांच के लिए वापस मांगा आइ
Dainik Bhaskar मणिपुर के जिरीबाम में हिंसा, मैतेई गांव पर फायरिंग:चुराचांदपुर-कांगपोकपी में 3 दिनों का बंद; कुकी समुदाय सिक्योरिटी एडवाइजर के बयान का विरोध कर रहे
मणिपुर के जिरीबाम जिले में शनिवार, 28 सितंबर को फिर से हिंसा हुई। पुलिस ने बताया कि संदिग्ध उपद्रवियों ने दोपहर करीब 11.30 बजे जिरीबाम के मोंगबुंग मैतेई गांव में अंधाधुंध फायरिंग की। गांव के वालंटियर ने जवाबी कार्रवाई की। फिलहाल गोलीबारी जारी है। दूसरी तरफ, चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में आज बंद का दूसरा दिन है। इसके कारण बाजार बंद रहे। सड़कें वीरान दिखीं। अधिकारियों ने बताया कि कुकी-जो समूहों ने दोनों जिलों में रविवार, 29 सितंबर तक बंद का आह्वान किया है। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) और कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (KSO) सहित अन्य कुकी समुदाय सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह के बयान का विरोध कर रहे हैं। कुलदीप सिंह ने 20 सितंबर को दावा किया था कि मणिपुर में म्यांमार से 900 कुकी उग्रवादी घुस गए हैं। कुलदीप सिंह के मुताबिक, ये उग्रवादी ड्रोन बम, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और गोरिल्ला युद्ध में ट्रेंड हैं। ये 30-30 लोगों के ग्रुप में हैं और अलग-अलग क्षेत्राें में छिपे हुए हैं। वे 28 सितंबर के आसपास मैतेई गांवों पर हमले कर सकते हैं। हालांकि, राज्य सरकार ने 25 सितंबर को ऐसे किसी हमले का दावा वापस ले लिया था।
Dainik Bhaskar कनाडा समेत कई देश खरीदना चाहते हैं वंदे भारत:डिजाइन-लागत में बेहतर; 52 सेकंड में 100kmph की रफ्तार, बुलेट ट्रेन इसके लिए 54 सेकंड लेती है
चिली, कनाडा, मलेशिया जैसे देशों ने भारत से वंदे भारत ट्रेनें खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। इसका सबसे बड़ा कारण इसकी लागत है। भारत में वंदे भारत को 120 से 130 करोड़ रुपए की लागत में बन रही है। जबकि ऐसी ही ट्रेनों की लागत 160-180 करोड़ रुपए है। बात अगर स्पीड की करें तो वंदे भारत आगे है। वंदे भारत को 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में सिर्फ 52 सेकंड लगते हैं। जबकि जापान की बुलेट ट्रेन इसके लिए 54 सेकंड लेती है। वंदे भारत का डिजाइन भी विदेशी ट्रेनों की तुलना में बेहतर है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक प्लेन की तुलना में सौ गुना कम शोर होता है, ईंधन की खपत भी बहुत कम है। भारतीय रेलवे भी अपने ट्रैक नेटवर्क और ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है। वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत पहली बार 15 फरवरी 2019 को मेक इन इंडिया स्कीम के तहत की गई थी। इस समय देश में 102 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। वंदे भारत ट्रेनों का रूट देश के 280 से अधिक जिलों को आपस में जोड़ रहा है। 10 साल में 31 हजार से ज्यादा रेलवे ट्रैक जोड़े गए- रेल मंत्री रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पिछले 10 साल में 31000 किमी से ज्यादा ट्रैक जोड़े गए हैं। 40 हजार किमी के ट्रैक और जोड़े जाने हैं। वैष्णव ने बताया कि बुलेट ट्रेन पर काम तेजी से चल रहा है। सिक्योरिटी के लिए रेलवे देश भर में ऑटोमैटिक ट्रेन सिक्योरिटी सिस्टम कवच पर खास ध्यान दे रहा है। ये लगभग 40 हजार किमी नेटवर्क को कवर करेगा। इसे 10000 इंजनों में लगाया जाएगा। कवच, असरदार और कम लागत वाली सर्टिफाइड सुरक्षा प्रणाली है। कवच लगने के बाद रेल हादसों को 80% तक कम किया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि 10,000 लोको और 9,600 किमी ट्रैक का टेंडर जारी हो चुका है। कवच सिस्टम की मौजूदा स्थिति ये खबर भी पढ़ें... रेल मंत्री ने दिखाया वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का मॉडल, 3 महीने में लॉन्च होगी केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार (1 सितंबर) को वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के पहले मॉडल की झलक दिखाई। वे बेंगलुरु में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) की फैक्ट्री में ट्रेन का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि अगले 3 महीने यानी दिसंबर तक वंदे भारत स्लीपर ट्रेन शुरू हो जाएगी। ट्रेन की टेस्टिंग चलेगी। इसके बाद यात्रियों के लिए ट्रेन की लॉन्चिंग होगी। पढ़ें पूरी खबर...
Dainik Bhaskar राममंदिर में नाच-गाना के बयान पर घिरे राहुल गांधी:पुजारी सत्येंद्र दास बोले-कांग्रेस की भावना ही नौटंकी वाली, राजू दास ने कहा-उनकी बुद्धि खराब
'अयोध्या में मंदिर खोला, वहां अडानी दिखे, अंबानी दिखे, पूरा बॉलीवुड दिख गया। लेकिन, एक भी गरीब किसान नहीं दिखा। सच है...इसलिए तो अवधेश ने इनको पटका है। अवधेश वहां के एमपी हैं। इसलिए तो वो जीता है। सबने देखा, आपने राम मंदिर खोला, सबसे पहले आपने राष्ट्रपति से कहा कि आप आदिवासी हो। आप अंदर आ ही नहीं सकती, अलाउ नहीं है। आपने किसी मजदूर, किसान, आदिवासी को देखा, कोई नहीं था वहां। डांस-गाना चल रहा है। प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे हैं, सब देख रहे हैं।' रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 26 सितंबर को हरियाणा में विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान यह बयान दिया। उनके इस बयान के बाद से विवाद खड़ा हो गया है। अयोध्या के साधु-संत नाराज हैं। राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास और हनुमानगढ़ी के महंत ने राहुल को घेरा है। पढ़िए राहुल के बयान पर अयोध्या के संतों ने किन शब्दों में नाराजगी जताई सत्येंद्र दास बोले- उनकी नजर में नौटंकी है, भक्तों के लिए प्राण प्रतिष्ठा राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा- कांग्रेस सरकार शुरू से नकार रही है कि राम का अस्तित्व नहीं है। ऐसे में उनके नेता तो ऐसा बोलेंगे ही। जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। प्राण प्रतिष्ठा को राहुल जी अगर नौटंकी बता रहे हैं, तो उनकी ऐसी भावना रही होगी। उनकी नजर में यह नौटंकी है, लेकिन भक्तों की नजर में प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसमें भगवान श्रीराम की बालक रूप में स्थापना हुई है। राजू दास ने कहा- उन्हें नहीं पता, 500 साल के संघर्ष के बाद ये क्षण आया था राजू दास ने कहा- राहुल गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हम निंदा करते हैं। मांग करते हैं, उन हिंदू संगठन और सेक्युलर लोगों से कि वो राहुल गांधी के लिए प्रार्थना करें। उनकी बुद्धि खराब हो गई है। उन्हें यही नहीं पता है कि 500 साल के संघर्ष के बाद लाखों हिंदू जनमानस ने त्याग किया। उसके बाद यह पल आया। उन्होंने कहा- भव्य रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण हुआ। तब ये कह देना कि बॉलीवुड के एक्टर्स को बुलाकर डांस-गाना किया जा रहा था। कांग्रेस तो शुरू से ही नहीं चाहती थी कि मंदिर बने। मंदिर का विरोध करती थी, कांग्रेस को परेशानी है। कांग्रेसी हमेशा सनातन विरोधी रहे हैं। आप देखिए, राहुल गांधी लगातार हिंदू देवी-देवता, साधु-संतों, मंदिर और संस्कृति का विरोध करते आ रहे
Dainik Bhaskar CA ऐना की मां बोलीं- EY कंपनी झूठ बोल रही:कंपनी ने ऐना की ड्यू सैलरी लेट दी, उसे वीक ऑफ भी नहीं मिलते थे
CA एना सेबेस्टियन की मौत मामले को लेकर एना की मां का एक और बयान सामने आया है। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार एना की मां ने शुक्रवार को EY कंपनी पर ड्यू सैलरी लेट देने आरोप लगाया है। दरअसल, महाराष्ट्र लेबर डिपार्टमेंट के अधिकारी 25 सितंबर को जांच के लिए ने EY के पुणे ऑफिस पहुंचे थे। कंपनी ने अधिकारियों को बताया था कि एना को कॉम्प ऑफ और वीक ऑफ देती थी। कंपनी के इसी दावे को लेकर एना की मां अनीता ने कहा कि कंपनी उसे वीक ऑफ के दिन भी ऑफिस बुलाती थी। छुट्टी के दिन काम करने के बदले मिलने वाला कॉम्प ऑफ भी एना को नहीं दिया जाता था। एना की 20 जुलाई को कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उसे वर्कलोड के चलते कार्डियक अरेस्ट आया था। मौत से कुछ दिन पहले जब माता-पिता उससे मिलने पुणे आए तो उसने सीने में दर्द की शिकायत की। डॉक्टर को दिखाने पर पता चला था कि ऑफिस वर्कलोड के चलते एना परेशान थी। एना की मां के 3 बयान, कहा- कंपनी ने लेबर डिपार्टमेंट से झूठ कहा एना ने मार्च में कंपनी जॉइन की, 5 महीने में मौत केरल की रहने वाली CA एना ने 19 मार्च को अर्न्स्ट एंड यंग कंपनी जॉइन की थी। 6 जुलाई को जब एना के माता-पिता उससे मिलने पुणे आए तो उसने सीने में दर्द की शिकायत की। डॉक्टर को दिखाने पर पता चला कि ऑफिस वर्कलोड के चलते एना परेशान थी। एना के पेरेंट्स का कहना है कि उनकी बेटी डॉक्टर से मिलने के बाद ऑफिस लौट गई थी। रात में देर से घर आई और अगली सुबह फिर जल्दी चली गई। जिसके बाद 20 जुलाई को एना की मौत हो गई। जिस कंपनी के लिए काम करते हुए एना की जान गई, उस कंपनी से कोई भी उसके अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हुआ। एना की मौत से पहले कई कर्मचारी रिजाइन कर चुके थे एना की मां अनीता ऑगस्टिन ने चेयरमैन राजीव मेमानी को लेटर लिखकर अपनी कंपनी के टॉक्सिक वर्क कल्चर में सुधार करने को कहा था। अनीता ने यह भी दावा किया है कि कई कर्मचारी वर्कलोड के चलते रिजाइन कर चुके थे। इसलिए उनकी बेटी के बॉस ने एना को रिजाइन करने से रोक दिया था। साथ ही कहा था कि उसे टीम के बाकी लोगों की राय बदलनी चाहिए। एना का मैनेजर अक्सर क्रिकेट मैचों के दौरान मीटिंग्स को रीशेड्यूल करता था। दिन खत्म होने पर उसे काम सौंपता, जिससे उनका तनाव बढ़ता जा रहा था। एना की मौत पर राजनीतिक बयानबाजी, कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने 22 सितंबर:
Dainik Bhaskar पुणे पोर्श केश, दिल्ली में आरोपी का एडमिशन कैंसिल:वकील ने याचिका दायर की, फिर वापस ली; कहा- आरोपी अब पुणे में पढ़ना चाहता है
दिल्ली के एक कॉलेज ने पुणे पोर्श केस के नाबालिग आरोपी का एडमिशन कैंसिल कर दिया। आरोपी के वकील ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) को बताया कि आरोपी ने इसी साल 12वीं बोर्ड की परीक्षा पास की है। उसने दिल्ली के मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) कोर्ट के लिए अप्लाई किया था। इंस्टीट्यूट ने आरोपी को एडमिशन दिया था, लेकिन बाद में कैंसिल कर दिया। इंस्टीट्यूट ने एडमिशन के लिए जुवेनाइल बोर्ड से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मांगी, जो पुणे पोर्श केस मामले की सुनवाई कर रही है। मामले की जांच कर रहे असिस्टेंट कमिश्निर ऑफ पुलिस (क्राइम) गणेश इंगले ने गुरुवार को बताया कि आरोपी के वकील ने एडमिशन के मुद्दे पर जुवेनाइल बोर्ड में याचिका दायर की थी। उन्होंने बोर्ड से दिशा-निर्देश मांगे, लेकिन बाद में याचिका वापस ले ली। वकील ने कहा कि अब आरोपी पुणे के कॉलेज में एडमिशन लेना चाहता है। पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 18 मई की रात 17 साल 8 महीने के एक लड़के ने IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई थी। घटना के समय आरोपी नशे में था। वह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था। पुलिस ने नाबालिग पर सबूत मिटाने, जालसाजी करने का मामला जोड़ा पुणे पुलिस ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) के सामने गुरुवार, 26 सितंबर को सप्लीमेंट्री फाइनल रिपोर्ट सब्मिट की। पुलिस ने नाबालिग आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 201 (सबूत मिटाने), 213 (अपराधी को छिपाने के लिए उपहार लेना), 214 (अपराधी को छिपाने के लिए उपहार या संपत्ति वापस देने की पेशकश), 466, 467, 468, 471 (जालसाजी से जुड़े अपराध) के तहत आरोप जोड़े हैं। इसके अलावा नाबालिग आरोपी पर भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। उस पर अपने माता-पिता, ससून अस्पताल के डॉक्टरों और कुछ दलालों के साथ मिलकर अपने खून के सैंपल बदलने का आरोप है, ताकि यह छिपाया जा सके कि घटना के समय वह नशे में था। साथ ही पुलिस ने घटना के समय कार की स्पीड से जुड़ा टेक्निकल डेटा और गवाहों के बयान भी शामिल किए हैं। इससे पहले जून में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट सब्मिट की थी, जिसमें नाबालिग पर IPC के सेक्शन 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का चार्ज लगाया गया था। पोर्श मामले में 9 लोगों की गिरफ्तारी पुणे पुलिस के अनुसार,
Dainik Bhaskar ओडिशा के भद्रक में 48 घंटो के लिए इंटरनेट-ब्रॉडबैंड बैन:सोशल मीडिया पोस्ट के कारण हिंसा भड़की थी, धारा 163 लगाई गई
ओडिशा के भद्रक जिले में शनिवार को प्रशासन ने 48 घंटे के लिए इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सर्विस पर बैन लगा दिया। दरअसल, एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर एक समुदाय प्रदर्शन कर रहा था। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई में देरी से नाराज एक समुदाय के लोगों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद प्रशासन ने 30 सितंबर सुबह दो बजे तक भद्रक जिले में इंटरनेट सेवा पर बैन लगा दिया। प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि एक युवक ने समुदाय विशेष के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। शिकायत के बाद भी प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की। विरोध में लोगों ने एक रैली निकाली। पुलिस ने इसे रोका तो उन पर भीड़ ने पथराव किया और तहसीलदार के वाहन में तोड़फोड़ की। इसमें एक DSP समेत दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। संथिया इलाके में दो समुदाय भिड़े पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर 27 सितंबर को दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई। बाद में हिंसा जिले के धामनगर इलाके में फैल गई। इस बीच, जिला प्रशासन ने शुक्रवार को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुरुना बाजार और धामनगर थाना क्षेत्र में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत भीड़ इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी। 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया भद्रक के DIG सत्यजीत नाइक ने बताया कि 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इलाके में BNSS की धारा 163 लगा दी गई है। पथराव करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। जिला प्रशासन ने कहा कि वॉट्सऐप, फेसबुक, एक्स और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म सांप्रदायिक तनाव को भड़काने में सहायक हो सकते हैं। इसलिए इंटरनेट पर 48 घंटे के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। 600 लोगों ने प्रदर्शन किया पुलिस ने बताया कि 600 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों ने कचहरी बाजार और पुरुना बाजार को जोड़ने वाले संथिया पुल को जाम कर दिया। जिसके चलते पुरुना बाजार और धामनगर में कम से कम 14 प्लाटून (एक प्लाटून में 30 जवान होते हैं) पुलिस बल तैनात किया गया है। 19 सितंबर को भी जिले में हिंसा भड़की थी 19 सितंबर को भद्रक जिले में दो गुटों के बीच हुई झड़प में कम से कम चार लोग घायल हो गए थे। घटना के बाद प्रशासन ने हिंसा प्रभावित इलाके में धारा 163 लागू कर दी। उन्होंने बताया कि धुसुरी थाना क्षेत्र के गोदीपोखरी गांव में एक समुदाय का धार्मिक झंडा फाड़ दिए जाने के बाद विवाद शुरू हुआ था।