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Dainik Bhaskar संगठन चुनाव को लेकर भाजपा की बैठक:फरवरी तक नया पार्टी अध्यक्ष मिलने की उम्मीद, इससे पहले 50% राज्यों में आंतरिक चुनाव जरूरी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संगठनात्मक चुनाव को लेकर पार्टी मुख्यालय में रविवार को समीक्षा बैठक हुई। बैठक मंडल, जिला और प्रदेश पदाधिकारियों के चुनाव पर केंद्रित रही। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया की समीक्षा भी की गई। भाजपा का लक्ष्य 15 जनवरी तक 50% राज्यों में मंडल, जिला और प्रदेश स्तर के पदों पर चुनाव पूरे कराने का है। भाजपा के संविधान के मुताबिक कम से कम आधे राज्यों में संगठनात्मक चुनाव हो जाने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है। भाजपा के संविधान के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है। इस लिहाज से मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 2023 में खत्म हो चुका है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था। पद के लिए आयु सीमा तय की, युवाओं को अहमियत पार्टी संगठन में युवाओं को महत्व देने के लिए आयु सीमा तय कर चुकी है। इसके लिए जिलों के भीतर बनाए जाने वाले मंडल अध्यक्ष की आयु 35 से 45 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है। इसके अलावा दो बार मंडल अध्यक्ष रहने वालों को तीसरी बार मंडल अध्यक्ष का पद नहीं दिया जाएगा। वहीं, जिलाध्यक्ष की आयु 45 से 60 वर्ष के बीच होगी। जिलाध्यक्ष के लिए संगठन में 7 से 8 साल तक काम करने का अनुभव भी जरूरी किया गया है। इसके अलावा भाजपा ने तय किया है कि मौजूदा समय में संगठन में किसी पद काम कर रहे व्यक्ति को ही जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा। अक्टूबर में नियुक्त हुए थे चुनाव अधिकारी भाजपा ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के एलान के दिन (15 अक्टूबर) ही पार्टी के आंतरिक चुनावों के लिए अधिकारी नियुक्त किए थे। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तेलंगाना से राज्यसभा सांसद डॉ. के लक्ष्मण को राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी बनाया था। लक्ष्मण 2020 से OBC मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भी इनके नाम की चर्चा थी, लेकिन राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी बनाए जाने के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया था। इसके अलावा नरेश बंसल, रेखा वर्मा, संबित पात्रा को राष्ट्रीय सह चुनाव अधिकारी बनाया गया था। पार्टी के सभी राष्ट्रीय महासचिवों और दूसरे पदाधिकारियों को अलग-अलग राज्यों का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था।
Dainik Bhaskar देश में चल रहीं 136 वंदे भारत ट्रेन:अकेले 2024 में 62 ट्रेन शुरू हुईं; 3210 किमी का ट्रैक इलेक्ट्रिक हुआ
रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि देश में अलग-अलग रूटों पर 136 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। इनमें से 62 अकेले 2024 में शुरू की गईं। भारतीय रेलवे ने 2024 के दौरान 3,210 किमी रेल ट्रैक इलेक्ट्रिफाई किया है। इसके साथ-साथ रेलवे विद्युतीकरण के ब्रॉडगेज नेटवर्क को 97% तक बढ़ाया गया है। रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए चल रही 'अमृत भारत स्टेशन योजना' के तहत 1337 स्टेशनों को चुना गया है। इनमें से 1198 रेलवे स्टेशनों पर काम शुरू हो गया है। भारतीय रेलवे ने 2030 तक नेट जीरो कार्बन एमिटर बनने का लक्ष्य रखा है। नवंबर तक लगभग 487 मेगावाट सौर संयंत्र (छत और जमीन पर लगे) और लगभग 103 मेगावाट पवन ऊर्जा संयंत्र चालू कर दिए हैं। 2024-25 में भारतीय रेलवे के लिए कुल पूंजीगत व्यय 2,65,200 करोड़ रुपए है, जो बजट में आवंटित सबसे ज्यादा अमाउंट है। रिजर्वेशन में ई-टिकटिंग 86% तक पहुंच गई है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए देश भर में 'गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल (जीसीटी) विकसित किए जा रहे हैं। अब तक 354 स्थानों (गैर-रेलवे भूमि पर 327 और रेलवे भूमि पर 27) की पहचान की गई है। अक्टूबर तक ऐसे 91 टर्मिनल चालू हो चुके हैं। 2024 में तीन इकोनॉमिक कॉरिडोर को भी मिली मंजूरी इसके तहत ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर, हाई ट्रैफिक डेन्सिटी रूट और रेल सागर कॉरिडोर के शुरुआत की मंजूरी दी गई है। इन तीन गलियारों के तहत कार्यान्वयन के लिए कुल 434 प्रोजेक्ट की प्लानिंग है। 2024 में तीन इकोनॉमिक कॉरिडोर के कुल 434 प्रोजेक्ट्स में से 58 को मंजूरी दी गई। ये प्रोजेक्ट 88,875 करोड़ रुपए के हैं। इनके कुल ट्रैक लंबाई लगभग 4107 किमी है। ------------------------ वंदे भारत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... रेल मंत्री ने दिखाया वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का मॉडल, बोले- किराया राजधानी जितना होगा केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 1 सितंबर 2024 को वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के पहले मॉडल की झलक दिखाई थी। वे बेंगलुरु में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) की फैक्ट्री में ट्रेन का निरीक्षण करने पहुंचे थे। केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार (1 सितंबर) को वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के पहले मॉडल की झलक दिखाई। वे बेंगलुरु में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) की फैक्ट्री में ट्रेन का निरीक्षण करने पहुंचे थे। पढ़ें पूरी खबर...
Dainik Bhaskar बेंगलुरु में टेक्निकल एक्सपर्ट के 1.3 करोड़ ठगे:आरोपियों ने टेलीग्राम ग्रुप के जरिए ऑनलाइन ट्रेडिंग करवाई, फंसाने के लिए मुनाफे के स्क्रीनशॉट शेयर किए
बेंगलुरु में एक टेक्निकल एक्सपर्ट 1.3 करोड़ रुपए की ठगी का शिकार हो गया। आरोपियों ने ऑनलाइन ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने का लालच देकर टेक्निकल एक्सपर्ट को पहले ट्रेडिंग की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी। छोटी रकम का मुनाफा देकर उसे भरोसे में लिया। बाद में उससे बड़ी रकम लेकर गायब हो गए। आरोपियों ने यह सब एक टेलीग्राम ग्रुप के जरिए किया। बाद में इसे डिलीट कर दिया। पुलिस ने टेक्निकल एक्सपर्ट की शिकायत पर IT एक्ट के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। आरोपियों ने फर्जी नंबरों के साथ ग्रुप बनाया, इन्वेस्टमेंट में मुनाफे के झूठे सबूत दिखाए यह घोटाला तब शुरू हुआ जब इस शख्स को एक टेलीग्राम ग्रुप के बारे में बताया गया। इस ग्रुप को सुरेंद्र कुमार दुबे नाम के एक व्यक्ति नेबनाया था। सुरेंद्र खुद को ट्रेडिंग लीडर बताता था। ग्रुप में लगभग 60 मेंबर थे। इन लोगों ने ग्रुप को वैलिड दिखाने के लिए अपने मुनाफे के स्क्रीनशॉट शेयर किए थे। बाद में ये लोग सुरेंद्र के लिए काम करने वाले जालसाज निकले। इन लोगों के झांसे में आकर टेक्निकल एक्सपर्ट ग्रुप पर दी गई लिंक के जरिए डीमैट अकाउंट खोला। फिर 10 हजार का इन्वेस्टमेंट किया।यह अमाउंट 7 दिन में दोगुना हो गया। इसके बाद टेक्निकल एक्सपर्ट ने इन्वेस्टमेंट बढ़ा दिया। प्लेटफॉर्म की जांच करने के लिए उन्होंने 85,036 रुपए निकालने का प्रयास किया और पैसे मिले भी। हालांकि, जब टेक्निकल एक्सपर्ट ने 20 लाख निकालने चाहे तो उनका खाता ब्लॉक कर दिया गया। कुछ ही समय बाद, जालसाजों ने टेलीग्राम ग्रुप ही डिलीट कर दिया और उनका पता नहीं चल पाया। -------------------------------------------------- ऑनलाइन फ्रॉड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... जल्दी पैसा कमाने, ज्यादा रिटर्न पाने के लालच में न आएं, साइबर एक्सपर्ट की 6 सलाह इन दिनों साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। साइबर क्रिमिनल लोगों को फंसाने के लिए इन्वेस्टमेंट, ट्रेडिंग ऐप का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इनसे सतर्क और सावधान रहने की जरूर है। जरूरत की खबर में बात करेंगे कि ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट स्कैम क्या है? साथ ही जानेंगे कि इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं। इस तरह के स्कैम से कैसे बच सकते हैं। पढ़ें पूरी खबर...
Dainik Bhaskar राम मंदिर के ऊपर उड़ नहीं पाएंगे हवाई जहाज:एविएशन सेफ्टी के लिए बनेगा टॉवर; बिजली से बचाने के लिए लग रहे कॉपर वायर
अयोध्या में राम मंदिर के शिखर के ऊपर से विमान उड़ान नहीं भर पाएंगे। निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया, 'अब परिसर को एविएशन सेफ्टी से लैस किया जाएगा, ताकि दूर से पायलट को पता लग जाए। अगर कोई विमान राम मंदिर के शिखर की तरफ आएगा तो उसे टॉवर से सिग्नल दिया जाएगा। वो विमान की दिशा मोड़ लेगा। साथ ही आकाशीय बिजली से बचाने के लिए शिखर से जमीन तक 28 कॉपर के वायर लगाए जा रहे हैं। पत्थरों में आए क्रैक की वजह पता चली राम मंदिर में लगे पत्थरों में क्रैक आ गए थे। निर्माण समिति ने इसकी वजह पता कर ली है। रैंप पर मौजूद 2 पत्थरों के बीच में गैप नहीं था। ऐसे में गर्मियों के दौरान तापमान बढ़ने से पत्थरों में क्रैक आ गया। इसे सही करने के लिए अब क्रैक पत्थरों को निकाल कर वहां नए पत्थर लगाए जाएंगे। यहां दो पत्थरों के बीच में गैप न रखने की वजह से तापमान बढ़ने से दोनों पत्थरों में खिंचाव आया है। इससे पत्थर में क्रैक आया है। जून 2025 तक पूरा होगा मंदिर नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि जून 2025 तक मंदिर निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा है। जन्मभूमि परिसर में एक पुष्कारिणी (फूलों से भरा तालाब) नाम से सरोवर बनेगा। अगले साल जून तक हिंदू संतों के 6 मंदिरों का निर्माण, तालाब और एक किलोमीटर लंबे परकोटे का निर्माण पूरा हो जाएगा। तीन लाख घन फुट पत्थर परकोटा के निर्माण में लगाए जाने हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू संतों की प्रतिमाएं जयपुर में बन रही हैं और इनका निरीक्षण जनवरी के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा। इन मंदिरों का निर्माण कार्य पूरा होने पर इन प्रतिमाओं को स्थापित करने के लिए अयोध्या लाया जाएगा। मंदिर में प्रवेश के लिए सभी चार दिशाओं में प्रस्तावित प्रवेश द्वारों का नाम इतिहास के प्रसिद्ध आचार्यों के नाम पर रखा जाएगा। ये नाम अभी तय किए जाने बाकी हैं। 70 एकड़ के मंदिर परिसर का 40 एकड़ हिस्सा हरित क्षेत्र को समर्पित होगा। इसमें से 18 एकड़ की 'हरितिका वीथि' मार्च तक तैयार हो जाएगी। राम दरबार समेत 18 मंदिर भी तैयार हो रहे अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में भव्य राम मंदिर का निर्माण चल रहा है। परिसर में राम दरबार समेत 18 मंदिर भी तैयार हो रहे हैं। इन मंदिरों के निर्माण में तेजी आई है। मंदिर परिसर में श्रद्धालु सुविधा केन्द्र (PFC) भवन के निकट श्रीराम चरित मानस के रचयिता तुलसी दास का मंदिर बना
Dainik Bhaskar अखिलेश बोले- यूपी सीएम आवास में शिवलिंग, खुदाई हो:उनके हाथ में विकास नहीं, विनाश की रेखा; राजभवन में अवैध कंस्ट्रक्शन हो रहा
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- यूपी के मुख्यमंत्री आवास में भी शिवलिंग है। उसकी भी खुदाई होनी चाहिए। उन्होंने राजभवन में भी बिना नक्शा पास कराए अवैध निर्माण कराने का आरोप लगाया। रविवार को लखनऊ में जर्मनी के सांसद राहुल कंबोज के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने EVM और कुंभ की तैयारियों पर भी सवाल उठाए। दरअसल, यूपी के संभल में खुदाई में मंदिर, बावड़ी और मूर्तियां मिल रही हैं। अखिलेश ने कहा- सरकार जान-बूझ कर ध्यान भटकाने के लिए नए-नए तरीके अपना रही है। जगह-जगह खुदाई हो रही है। अखिलेश ने सीएम योगी द्वारा अमित शाह, जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह को महाकुंभ में आने का न्योता देने पर कहा- कुंभ में लोग खुद आते हैं, निमंत्रण नहीं दिया जाता। उनके हाथ में विकास की नहीं, विनाशकारी रेखा है। हमने कुंभ पर सवाल उठाए तो सरकार रियलिटी टेस्ट करवाने लगी। अब हमारे कार्यकर्ताओं पर केस हुए तो पोल खोल देंगे। अखिलेश के कुंभ वाले बयान पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा- कुंभ में अखिलेश यादव भी आएं। पुण्य प्राप्त करें और अपने पापों को धोएं। अखिलेश की बड़ी बातें- 1- राजभवन में अवैध कंस्ट्रक्शन हो रहा राजभवन में खुद अवैध कंस्ट्रक्शन हो रहा है। नक्शा किसने पास कराया? सरकार ने गन्ने की कीमत बढ़ाई? क्या गन्ने का भुगतान हुआ? क्या किसानों की आय दोगुनी हुई? सोचिए आप। अभी भी गन्ना किसानों के लिए रेट तय नहीं हुआ। 2- सरकार को कठघरे में खड़ा करना हमारी जिम्मेदारी जब सपा सरकार में कुंभ हुआ था, उसकी स्टडी हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी ने की थी। कुंभ अच्छा सम्पन्न हो, सपा सहयोग के लिए तैयार है, लेकिन अभी तक बिजली और ब्रिज का काम अधूरा है। सरकार को कठघरे में खड़ा करना हमारी जिम्मेदारी है। जो करोड़ों लोग आएंगे, क्या उन्हें निमंत्रण दिया जाता है? हमने अपने धर्म में यही सीखा है। ये सरकार अलग है। 2- EVM से चुनाव जीतने वालों को खुद पर भरोसा नहीं जर्मनी की सुप्रीम कोर्ट ने EVM पर रोक लगाई। जर्मनी में चुनाव बैलेट से होता है। यहां हमें भरोसा बनाना पड़ेगा, जो अभी टूट रहा है। हालत यह है कि EVM से चुनाव जीतने वालों को खुद पर ही भरोसा नहीं। 3- आगरा एक्सप्रेस-वे आज भी देश की सबसे अच्छी सड़क जर्मनी की सड़कें देखने के बाद आगरा एक्सप्रेस-वे बनाया गया। आज भी देश की सबसे अच्छी सड़क है। दुनिया कहां पहुंच गई? हम लोग कहां उलझे हैं। आने वाले दिनों
Dainik Bhaskar सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने चर्च में लगाए धार्मिक नारे:चर्च खाली था, FIR दर्ज; मेघालय के CM बोले- राज्य में माहौल बिगाड़ने की कोशिश
मेघालय में एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के खिलाफ चर्च में जय श्री राम का नारा लगाने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। 26 दिसंबर को हुई इस घटना का वीडियो तब सामने आया जब इन्फ्लुएंसर और उसके दो साथियों ने चर्च में धार्मिक नारे लगाए और उसका वीडियो वायरल हो गया। इन्फ्लुएंसर का नाम आकाश सागर है। उसने नारे लगाने का वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया था, जहां उनके 1.5 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। आकाश ने माइक पर जय श्री राम का नारा लगाया वीडियो में आकाश मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले में स्थित मावलिन्नॉन्ग के चर्च ऑफ एपिफनी में अपने साथियों के साथ दिखाई दे रहा है। इस दौरान वह चर्च के वेदी (altar) में माइक पर धार्मिक नारा लगा रहा है और उसके 2 साथी बेंच पर बैठकर ये सुन रहे हैं। इनके अलावा एक व्यक्ति वीडियो बना रहा है। हालांकि, घटना के समय चर्च में कोई नजर नहीं आ रहा है। एक्टिविस्ट बोले- ईसाई धर्म और चर्च की पवित्रता का अपमान मामले को लेकर शिलॉन्ग की एक्टिविस्ट एंजेला रंगद ने लैटुमखरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने इस घटना को जानबूझकर और सोची-समझी साजिश बताया। एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया कि इस हरकत का उद्देश्य ईसाई धर्म और चर्च की पवित्रता का अपमान करना और धार्मिक सौहार्द वाले इलाके में साम्प्रदायिक तनाव फैलाना था। आरोपियों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की: CM वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने भी घटना को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “आरोपियों ने राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। इस मामले में पुलिस को कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दे दिए गए हैं।” राज्य के हिंदू संगठन ने भी घटना की निंदा की दूसरी तरफ, राज्य के हिंदू संगठन सेंट्रल पूजा कमेटी (सीपीसी) ने भी इस घटना की निंदा की है। सीपीसी के अध्यक्ष नब भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हमें सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो को देखकर दुख हुआ। इस घटना ने मेघालय जैसे शांतिप्रिय राज्य में सभी की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। हम आरोपी व्यक्ति के कृत्य की निंदा करते हैं और पुलिस से आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं।'' शिकायत के बाद, मेघालय पुलिस ने आकाश सागर और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। उन पर गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करने, सार्वजनिक शांति भंग करने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आ
Dainik Bhaskar सुखबीर बादल का इस्तीफा नए साल में स्वीकार होगा:14 दिसंबर को कार्यकाल समाप्त हुआ; सदस्यता अभियान की तैयारियां शुरू
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा जनवरी के पहले सप्ताह में स्वीकार किया जा सकता है। इसके साथ ही पार्टी नए साल में सदस्यता अभियान शुरू करने की योजना बना रही है। कल ही सुखबीर बादल के सेक्टर-9 स्थित आवास पर अकाली दल की कोर कमेटी, कार्यकारिणी, जिला अध्यक्षों और हलका इंचार्जों के साथ बैठक हुई थी। कार्यकारिणी ने जमीनी स्तर पर नेताओं से विचार-विमर्श के बाद इस्तीफे को लेकर फैसला लिया है। सूत्रों के अनुसार सुखबीर बादल ने पार्टी के जमीनी हालात और मौजूदा राजनीतिक हालात पर नेताओं से चर्चा की और उनकी राय ली। ज्यादातर नेताओं ने सुखबीर का समर्थन किया और उनके साथ खड़े होने का भरोसा जताया। इस्तीफे पर लंबी चर्चा सुखबीर बादल पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के तहत कार्यकारिणी को इस्तीफा स्वीकार कर अकाल तख्त सचिवालय को सूचित करने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि, अकाली नेताओं ने धार्मिक सेवाओं का हवाला देते हुए कार्यकारिणी की बैठक के लिए समय मांगा था, जिसे मंजूर कर लिया गया। बैठक में सुखबीर बादल के इस्तीफे पर लंबी चर्चा हुई। बैठक के दौरान साफ तौर पर संकेत दिए गए कि नए साल में सदस्यता अभियान शुरू किया जाएगा और ऐसे कार्यकर्ताओं और व्यक्तियों को सदस्य बनाया जाएगा जो जमीनी स्तर पर भरोसेमंद हैं और पार्टी नेतृत्व के प्रति वफादार हैं। श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश का होगा पालन कार्यसमिति ने फैसला किया है कि जनवरी के पहले सप्ताह में सुखबीर बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाएगा। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि श्री अकाल तख्त साहिब ने इस्तीफा स्वीकार करने का आदेश दिया है। अगर इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया तो इससे जनता और पंथक हलकों में यह संदेश जाएगा कि अकाली नेतृत्व श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का पालन नहीं कर रहा है। दूसरी ओर, सुखबीर बादल का अध्यक्ष पद का कार्यकाल 14 दिसंबर को समाप्त हो चुका है।
Dainik Bhaskar वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन का 5वां दिन:भूख हड़ताल भी जारी, डिप्टी CM बोले- 40,000 लोगों का रोजगार छिनेगा, LG बात सुनें
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों में रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ बंद रविवार को 5वें दिन भी जारी है। 18 प्रदर्शनकारियों को कटरा पुलिस ने 3 दिन पहले गिरफ्तार किया था, जिनकी रिहाई की मांग के लिए 5 अन्य प्रदर्शनकारी भूख हड़ताल पर बैठ गए। जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (JCCI) ने श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति को अपना समर्थन दिया है और प्रशासन से बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाने की बात कही है। इस बीच, डिप्टी CM सुरिंदर चौधरी ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए कहा- रोपवे प्रोजेक्ट का फैसला गलत है। यदि कटरा के लोग रोपवे परियोजना नहीं चाहते हैं, तो श्राइन बोर्ड और एलजी को उनकी बात सुननी चाहिए और समस्याएं हल करनी चाहिए, क्योंकि इससे 40 हजार लोगों का रोजगार छिन जाएगा। दरअसल, वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड श्रद्धालुओं के मंदिर जाने के लिए कटरा में ताराकोट मार्ग और सांझी छत के बीच 12 किलोमीटर के मार्ग पर 250 करोड़ रुपए की लागत से रोपवे का निर्माण करवा रहा है। अभी तक वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं को खच्चर और पालकीवाले ही मंदिर दर्शन कराने ले जाते हैं। ये उनके कमाई का जरिया है। इसलिए वे रोपवे प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। LG ने कहा था- जनवरी तक प्रोजेक्ट काम पूरा हो जाएगा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने निर्माणाधीन जम्मू तवी रिवरफ्रंट परियोजना के स्थल का दौरा किया था। उन्होंने कहा था- 90% काम पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि यह जनवरी तक पूरा हो जाएगा। कटरा में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा था कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा घोषित रोपवे परियोजना का उद्देश्य तीर्थयात्रियों के लिए तेज और सुरक्षित यात्रा प्रदान करना है। प्रदर्शनकारी 20 लाख मुआवजा मांग रहे रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ चार दिन चले प्रदर्शन में मजदूर संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह जामवाल और शिवसेना (UBT) के प्रदेश अध्यक्ष मनीष साहनी भी शामिल हुए। उन्होंने रोपवे प्रोजेक्ट से प्रभावित होने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए ₹20 लाख का मुआवजा देने की मांग की थी। साथ ही प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास प्लान बनाने के लिए भी कहा था। 2024 में अब तक 84 लाख लोगों ने दर्शन किए वैष्णो देवी के दर्शन के लिए इस साल अक्टूबर तक 86 लाख से ज्यादा लोग पहुंच चुके है। श्राइन बोर्ड के अधिकारियों को कह
Dainik Bhaskar लॉरेंस इंटरव्यू केस: DSP की फाइल लोक सेवा आयोग भेजी:मान सरकार बोली- जल्द जारी करेंगे आदेश; हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
पंजाब सरकार ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के पुलिस हिरासत में इंटरव्यू मामले में लोक सेवा आयोग को रिपोर्ट भेजी है। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। रिपोर्ट में पंजाब पुलिस के डीएसपी गुरशेर सिंह को बर्खास्त करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई थी। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि गुरशेर सिंह को बर्खास्त करने का काम शुरू हो गया है। लॉरेंस इंटरव्यू मामले में हाईकोर्ट ने निचले अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर भी आपत्ति जताई थी और राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि उच्च अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। निचले स्तर के अधिकारियों के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों की गई। बता दें कि जिस समय यह इंटरव्यू एक निजी चैनल पर प्रसारित किया गया था, उस समय लॉरेंस सीआईए खरड़ की हिरासत में था। डीएसपी गुरशेर सिंह मामले की जांच कर रहे थे। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है।
Dainik Bhaskar आचार्य किशोर कुणाल का हार्ट अटैक से निधन,अंतिम संस्कार कल:राम मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य थे; पूर्व IPS महावीर मंदिर न्यास के सचिव भी रहे
महावीर मंदिर न्यास के सचिव और अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापकों में से एक आचार्य किशोर कुणाल का रविवार सुबह निधन हो गया है। वो 74 साल के थे। आज सुबह उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ। उसके बाद तुरंत महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें बचाया नहीं जा सका। आचार्य किशोर कुणाल का अंतिम यात्रा सोमवार सुबह 9 बजे आवास से शुरू होगी। घर से महावीर वात्सल्य अस्पताल होते हुए महावीर मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। वहां से फिर हाजीपुर के कोनहारा घाट पर अंतिम संस्कार होगा। जब देश में वीपी सिंह की सरकार थी तो उस वक्त आचार्य किशोर कुणाल को केंद्र सरकार ने विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता के लिए विशेष अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया था। पूर्व IPS किशोर कुणाल बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी के समधी भी थे। अशोक चौधरी की बेटी शांभवी की शादी किशोर कुणाल के बेटे सायण कुणाल से हुई है। किशोर कुणाल के निधन पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने शोक जताया है। महावीर मंदिर न्यास के सचिव थे आचार्य किशोर कुणाल बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और पटना के चर्चित महावीर मन्दिर न्यास के सचिव भी थे। महावीर मंदिर न्यास बोर्ड पटना में कई स्कूलों और कैंसर अस्पताल का संचालन करती है। आचार्य किशोर कुणाल राजधानी पटना में ज्ञान निकेतन जैसे चर्चित स्कूल की स्थापना भी की। सीएम नीतीश, डिप्टी सीएम समेत कई नेताओं ने जताया शोक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किशोर कुणाल के निधन पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि आचार्य किशोर कुणाल एक कुशल प्रशासक और संवेदनशील पदाधिकारी थे। उन्होंने महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव के पद पर रहते हुए सामाजिक और धार्मिक कार्यों को अच्छे से किया। उन्होंने बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष पद पर रहते हुए अपने दायित्वों को निभाया। उनके निधन से प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। किशोर कुणाल के निधन से पूरे बिहार को गहरा सदमा लगा है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें । ललन सिंह, केंद्रीय मंत्री अपनी किताब में कई खुलासे किए किशोर कुणाल ने अपनी किताब दमन तक्षकों में कई खुलासे
Dainik Bhaskar पीलीभीत एनकाउंटर केस में हाई लेवल जांच की मांग उठी:पंजाब के MLA ने स्पीकर को लिखा पत्र; 15 दिन के अंदर दर्ज होंगे परिजनों के बयान
यूपी के पीलीभीत एनकाउंटर में मारे गए तीन पंजाबी युवकों की मौत का मामला गरमा गया है। इस मामले में पंजाब के आम आदमी पार्टी (आप) विधायक मनविंदर सिंह ग्यासपुरा ने पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार से संपर्क कर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके। उधर, यूपी में इस मामले की जांच शुरू हो गई है। मामले की जांच कर रहे डीएम संजय कुमार ने मृतकों के परिजनों को बयान दर्ज कराने के लिए 15 दिन का समय दिया है। इसके अलावा अगर किसी अन्य व्यक्ति के पास कोई जानकारी है तो वह भी 3 जनवरी तक अपना बयान दर्ज करा सकेगा। हमले के बाद यूपी भाग गए थे मुठभेड़ में मारे गए तीनों युवक गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमले में शामिल थे। हमले के बाद तीनों पंजाब से भागकर यूपी के पीलीभीत चले गए थे। पंजाब पुलिस ने पीलीभीत पुलिस को सूचना दी थी कि ये आरोपी जिले में छिपे हुए हैं। इस मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने जसप्रीत सिंह, गुरविंदर सिंह और वीरेंद्र सिंह को मार गिराया। पुलिस ने इनके पास से दो एके-47 राइफल और दो विदेशी पिस्तौल भी बरामद की हैं। आतंकी रिंदा समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज यूपी पुलिस मुठभेड़ मामले की जांच कर रही है। यूपी पुलिस के मुताबिक, मुठभेड़ में मारे गए तीनों युवक बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े थे। आतंकी उनकी मदद कर रहे थे। इनमें से एक आतंकी कुलबीर सिंह उर्फ सिद्दू बब्बर ने उन्हें होटल में कमरा दिलाने में मदद की थी। पुलिस ने कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू, पाकिस्तान स्थित आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और फतेह सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है।
Dainik Bhaskar पंजाब में कल 4 घंटे सरकारी बसें नहीं चलेंगी:577 रूट प्रभावित होंगे, 7 राज्यों पर असर पड़ेगा; किसानों ने प्रदेश बंद का आह्वान किया
फसलों के एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में किसानों ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद रखने का फैसला किया है। इस प्रदर्शन में पनबस पीआरटीसी वर्कर यूनियन के कर्मचारी भी शामिल होंगे। ऐसे में पूरे पंजाब में करीब चार घंटे तक सरकारी बसें नहीं चलेंगी। 1125 बसों के पहिए पूरी तरह जाम रहेंगे। सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक बसें सड़क पर नहीं उतरेंगी। पूरे दिन बस बंद करना संभव नहीं पंजाब बंद को लेकर यूनियन की बैठक हुई है। इसमें संघर्ष को लेकर रणनीति बनाई गई है। इस दौरान यूनियन के चेयरमैन बलजिंदर सिंह राठ और प्रधान रेशम सिंह ने कहा कि किसानों ने सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक पंजाब बंद का आह्वान किया है। लेकिन पूरे दिन की हड़ताल संभव नहीं है। हम भी लोगों को परेशान नहीं करना चाहते। इसी के चलते लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक बसों का चक्का जाम करने का फैसला लिया गया है। पंजाब समेत आठ राज्यों में है बस सेवा पीआरटीसी पंजाब और अन्य राज्यों में 577 रूटों पर बसें चलाता है। जो इस दौरान प्रभावित रहेंगी। ये बसें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड को कवर करती हैं। पीआरटीसी के नौ डिपो हैं। इनमें पटियाला, बठिंडा, कपूरथला, बरनाला, संगरूर, बुढलाडा, फरीदकोट, लुधियाना और चंडीगढ़ शामिल हैं। कुल मिलाकर विभाग में तीन हजार से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं। वहीं, पंजाब बंद को लेकर हुई बैठक में फैसला लिया गया कि 29 तारीख तक कंडक्टर बसों में टिकट जारी करने से पहले लोगों को बंद के बारे में बताएंगे। ताकि बसों में सफर करने वाले लोगों को इसके बारे में पहले से पता चल सके। हालांकि, किसान पहले ही साफ कर चुके हैं कि निजी बस ऑपरेटरों ने उनका समर्थन किया है।
Dainik Bhaskar बोरवेल में गिरी चेतना को बचाने में 4 लापरवाही:29 घंटे चमत्कार के भरोसे थे अधिकारी; ऐसी चूक से 6 साल में 40 से ज्यादा मौतें
राजस्थान के कोटपूतली में 3 साल की मासूम चेतना 6 दिन तक बोरवेल में फंसी रही। हादसे के कई घंटे तक शरीर में हलचल भी थी। लेकिन बाहर निकलने के लंबे इंतजार और भूख-प्यास ने चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं। इस घटना के पीछे जितना जिम्मेदार चेतना के परिजन हैं, उससे ज्यादा लापरवाही उन अधिकारियों की है, जिन्होंने 29 घंटे केवल देसी जुगाड़ के भरोसे बर्बाद कर दिए। देसी तरीके फेल होने के बाद प्लान ‘बी’ पर काम शुरू किया। राजस्थान का सबसे लंबा और कठिन रेस्क्यू ऑपरेशन का दावा करने वाली जिला कलेक्टर खुद 2 दिन बाद घटनास्थल पर पहुंचीं। इससे पहले 10 दिसंबर दौसा जिले में बोरवेल में गिरे 3 साल के मासूम आर्यन को बचाने में नाकामी की भी ऐसी ही वजहें थी। बीते 6 साल में 59 से ज्यादा बोरवेल हादसों में भी यही हुआ। 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। कोटपूतली के इस रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या चुनौतियां और क्या लापरवाहियां रहीं? एक्सपर्ट की मदद से जाना कि आखिर क्यों बोरवेल हादसे हो रहे हैं? रेस्क्यू ऑपरेशन क्यों फेल हो जाते हैं? सबसे पहले जानिए चेतना के रेस्क्यू में क्या-क्या लापरवाहियां सामने आईं? 1. पहली लापरवाही : रेस्क्यू टीम के आने से पहले किए प्रयास ने बढ़ाई दी दिक्कतें कोटपूतली के किरतपुरा के बड़ियाली की ढाणी की चेतना सोमवार (23 दिसंबर) को 700 फीट गहरे बोरवेल में 150 फीट पर फंस गई थी। भास्कर पड़ताल में सामने आया कि चेतना बोरवेल में गिरी तब वो महज 15 फीट पर अटकी हुई थी। उसके रोने और चिल्लानें की आवाजें सुनाई दे रही थी। लेकिन परिजनों ने जोखिम को अनदेखा कर बोरवेल में रस्सी डालकर अपने लेवल पर ही उसे बाहर निकालने का प्रयास किया। अंदर रस्सी डाली जिससे कि मासूम चेतना उसे पकड़े और उसे बाहर निकाला जाए। लेकिन आशंका है हाथ ऊपर करने से बोरवेल की दीवारों और चेतना के बीच गैप बन गया। इससे वो फिसल कर करीब 80 फीट गहराई तक चली गई। क्या करना था? : दरअसल ऐसे मामलों में स्पेशलाइज्ड रेस्क्यू टीम बोरवेल में फंसे बच्चों को पहले अम्ब्रेला लॉक या L शेप की रॉड से होल्ड करते हुए फिक्स कर देते हैं। जिससे कि बच्चा जितनी गहराई पर होता है, उससे नीचे नहीं खिसकता। लेकिन रेस्क्यू टीम से पहले के प्रयास ही भारी पड़ गए। 2. दूसरी लापरवाही : रेस्क्यू ऑपरेशन स्टार्ट होने में हुई देरी दोपहर 2 बजे स्थानीय प्रशासन को हादसे की जानकारी मिल गई थी। बाव
Dainik Bhaskar जम्मू-कश्मीर के पुलवामा-कुलगामा में 24 घंटे में 2-2 फीट बर्फबारी:श्रीनगर एयरपोर्ट से एक भी फ्लाइट नहीं उड़ सकी; MP-UP राजस्थान में आज से तेज कोल्डवेव
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में जारी भारी बर्फबारी और बारिश के कारण पूरा उत्तर भारत तेज ठंड की चपेट में हैं। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली में टेम्परेचर गिरा है। जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में शनिवार को टेम्परेचर -5°C रहा। श्रीनगर में ये -1°C था। पिछले घंटे में 24 पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां और कुलगाम में 2-2 फीट के करीब बर्फबारी हुई है। श्रीनगर एयरपोर्ट पर शनिवार को सभी उड़ानें रद्द रहीं। रेलवे यातायात भी बाधित रहा। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे (NH-44) बंद है। यहां करीब 1200 से ज्यादा गाड़ियां फंसी हुई हैं। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों का टेम्परेचर 0 से 1°C के बीच बना हुआ है। बर्फबारी के अलावा हिमाचल प्रदेश में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। कई जगहों में लैंडस्लाइड भी हुई। सोलंग घाटी से अटल सुरंग के बीच फंसे 1800 वाहनों को शनिवार सुबह निकाला गया। 200 गाड़ियां अभी भी फंसी हैं। IMD के मुताबिक 29 दिसंबर से उत्तर भारत के राज्यों में तेज कोल्ड वेव चलने की संभावना है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली में नए साल में प्रवेश के साथ ही मिनिमम टेम्पेरचर में 3-5°C की कमी आएगी। राज्यों से बर्फबारी की तस्वीरें... जम्मू-कश्मीर: लोग घरों में फंसे, फ्लाइट-रेल सेवा स्थगित और जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे बंद जम्मू-कश्मीर 40 दिन के चिल्लई-कलां का दौरा जारी है, जिसमें भयंकर ठंड और बर्फबारी होती है। पिछले घंटे में 24 पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां और कुलगांव में 2-2 फीट के करीब बर्फबारी हुई है। भारी बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे (NH-44) बंद है। यहां करीब 1200 से ज्यादा गाड़ियां फंसी हुई हैं। इसके अलावा श्रीनगर-लेह मार्ग भी बंद है। 8.5 किमी लंबी नवयुग सुरंग में में बर्फबारी के कारण वहां जमी बर्फ हटाने में दिक्कत हो रही है। यहां फंसे लोगों ने सुरंग में क्रिकेट खेल कर समय काटा। लोगों को कार में ही रात बितानी पड़ी। शुक्रवार शाम से श्रीनगर एयरपोर्ट पर प्रभावित उड़ाने शनिवार को भी रद्द रहीं। एयरपोर्ट से एक भी फ्लाइट ने उड़ान नहीं भरी। हेवी मशीनों से हवाईपट्टी पर जमी बर्फ को हटाया जा रहा है। वहीं बनिहाल-बारामुल्ला रेलवे सेक्शन पर ट्रेन सेवाएं रद्द हैं। यहां ट्रैक पर जमी बर्फ हटाई
Dainik Bhaskar 'मन की बात' का 117वां एपिसोड आज:ये साल का 9वां और आखिरी; लोकसभा चुनाव के कारण मार्च, अप्रैल और मई में टेलीकास्ट नहीं हुए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मन की बात रेडियो शो का 117वां एपिसोड करेंगे। ये इस साल 9वां और आखिरी एपिसोड भी है। लोकसभा चुनाव के कारण मार्च, अप्रैल और मई में एपिसोड टेलीकास्ट नहीं हुए थे। 116वां एपिसोड 24 नवंबर आया था। पीएम ने इसमें डिजिटल अरेस्ट, स्वामी विवेकानंद, NCC, लाइब्रेरी जैसे मुद्दों पर बात की थी। पीएम मोदी की 'मन की बात' को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी ब्रॉडकॉस्ट किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। इसके 62 एपिसोड को भीली बोली में भी अनुवाद किया गया है। मन की बात की ब्रॉडकास्टिंग आकाशवाणी के 500 से अधिक ब्रॉडकास्टिंग सेंटर द्वारा किया जाता है। पहले एपिसोड की टाइम लिमिट 14 मिनट थी। जून 2015 में इसे बढ़ाकर 30 मिनट कर दिया गया था। 24 नवंबर, 116वां एपिसोड: इन मुद्दों पर की थी बात 'मन की बात' से जुड़ी ये खास बातें भी जानिए पीएम मोदी की 'मन की बात', साल 2024 के सभी एपिसोड (मार्च, अप्रैल और मई में लोकसभा चुनाव के चलते मन की बात एपसोड टेलीकास्ट नहीं हुए थे) 24 नवंबर : 116वें एपिसोड में पीएम ने स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती, NCC दिवस, गयाना यात्रा, लाइब्रेरी जैसे मुद्दे पर बात की थी। उन्होंने NCC डे पर कहा कि जब हम NCC का नाम सुनते हैं, हमें अपने स्कूल और कॉलेज के दिन याद आ जाते हैं। मैं खुद एनसीसी कैडेट रह चुका हूं, इसलिए मैं पूरे आत्मविश्वास से कह सकता हूं कि उससे मिले अनुभव मेरे लिए अमूल्य हैं। पूरी खबर पढ़ें... 27 अक्टूबर : 115वें एपिसोड में पीएम मोदी ने सरदार पटेल और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाने, डिजिटल अरेस्ट जैसे फ्रॉड से बचने के लिए तीन स्टेप रुको, सोचो और एक्शन लो अपनाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था -कॉल आते ही रुकें। घबराएं नहीं, शांत रहें, जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं, किसी को अपनी निजी जानकारी न दें। स्क्रीन शॉट लें और रिकॉर्डिंग जरूर करें। पूरी खबर पढ़ें... 29 सितंबर : 114वें एपिसोड में पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के 10 साल पूरे होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि मन की बात के कई पड़ाव हैं, जिन्हें मैं भूल नहीं सकता। यह कार्यक्रम मेरे लिए मंदिर में पूजा करने जैसा है। एक धारणा ऐसी घर कर गई है, कि जब तक चटपटी नकरात