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Dainik Bhaskar BJP का AAP पर वोटों की धांधली करने का आरोप:कहा- लाखों अल्पसंख्यक मतदाताओं का नाम फर्जी तरीके से वोटर लिस्ट में जोड़ा
दिल्ली भाजपा ने शनिवार को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) पर आरोप लगाया कि वह विधानसभा चुनाव जीतने के लिए वोटों की धांधली कर रही है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मतदाताओं का डेटा शेयर करते हुए दावा किया कि लाखों अल्पसंख्यक मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि तुगलकाबाद और कालकाजी के कई हिंदू मकान मालिकों ने शिकायत की है कि केजरीवाल ने उन्हें बिना बताए उनके एड्रेस पर अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोगों को मतदाता के रूप में रजिस्टर किया गया है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में तुगलकाबाद के कई मकान मालिकों को भी बुलाया गया था, जिन्होंने मीडिया के सामने बताया कि उनके एड्रेस पर ऐसे कई लोगों के नाम दर्ज हैं, जिन्हें वे नहीं जानते हैं। सचदेवा बोले- मतदाता सूची में उनके नाम भी, जिनका निधन हो गया वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में जिन नए लोगों को शामिल किया गया है, उनमें से कई 40 साल के हैं और एक की उम्र तो 80 साल है। ये कैसे मुमकिन है कि इससे पहले कभी वोटर लिस्ट में इन्हें रजिस्टर नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि ये सवाल भी उठता है कि ये लोग कौन हैं और अब तक कहां रह रहे थे। ऐसे भी कई लोगों के नाम अब तक वोटर लिस्ट में हैं, जो या तो मर चुके हैं या दिल्ली छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो गए हैं। इलेक्शन कमीशन को इन नई वोटर एप्लिकेशन की गहन जांच करनी चाहिए। सचदेवा ने कहा- AAP सरकार फर्जी वोटर आईडी से चुनाव जीतना चाहती है सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल धोखधड़ी से चुनाव जीतना चाहते हैं। इसके लिए आप सरकार फर्जी योजनाएं पेश कर रही है और नकली आधार कार्ड के इस्तेमाल से लोगों के लिए फर्जी वोटर ID बनवा रही है। उन्होंने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ 8 महीने में दिल्ली में मतदाताओं की संख्या 14 लाख बढ़ गई। 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में 1.19 करोड़ मतदाता थे जो 2015 के विधानसभा चुनाव तक 1.33 करोड़ हो गए। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले चार साल में सिर्फ 6 लाख वोटर ही लिस्ट में जोड़े गए थे, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनावों तक 8 महीने में वोटर लिस्ट में 9 लाख मतदाता जोड़े गए। इससे मतदाताओं की संख्या बढ़कर 1.42 करोड़ हो गई। साउथईस्ट दिल्ली के इलेक्शन ऑफिसर बोले- मामले की जांच करेंगे वीरेंद्र
Dainik Bhaskar 'जहां गांधी जी पहुंचे हैं, वहां पहुंचा देंगे':सोशल मीडिया पर सिंगर देवी को मिल रही धमकी; बोलीं- पागलों के झुंड के लिए मांगी थी माफी
पटना में 25 दिसंबर को अटल जयंती समारोह में महात्मा गांधी के 'ईश्वर अल्लाह तेरो नाम' भजन के दौरान हुए हंगामे और सिंगर के माफी मांगने के बाद भोजपुरी गायिका देवी को अब धमकी मिल रही है। सोशल मीडिया पर उनसे कहा जा रहा है कि 'सुधर जाओ वरना जहां महात्मा गांधी जी पहुंचे हैं, वहीं पहुंचा देंगे।' वहीं गायिका देवी ने कहा कि 'मैंने प्रोग्राम के दौरान 'ईश्वर अल्लाह तेरो नाम' गाने के लिए नहीं, बल्कि पागलों के झुंड के लिए सॉरी बोला था।' गायिका देवी ने कहा कि 'मैं बहुत ही ज्यादा शॉक्ड हूं, क्योंकि मैं एक ऐसा भजन गा रही थी जो महात्मा गांधी जी का बहुत ही प्रिय भजन है। उस समय मंच पर बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कार्यक्रम को ऑर्गेनाइज किया था। इनके अलावा डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, संजय पासवान, शाहनवाज हुसैन भी कार्यक्रम में मौजूद थे।' 'ईश्वर अल्लाह तेरो नाम’ को जैसे ही गुनगुनाना शुरू किया तो कार्यक्रम में मौजूद कुछ लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया और जय श्री राम के नारे लगाने लगे। उस टाइम मुझे नहीं पता था कि ये कौन लोग हैं। लेकिन अभी पता चल गया है, वो लोग हिंदू पुत्र संगठन से जुड़े हैं, जिसके अध्यक्ष नागेश सम्राट हैं। इन लोगों का ही ग्रुप था। इसी संगठन ने शोर मचाया था। मारपीट की आशंका को देख सॉरी बोला गायिका देवी ने कहा कि 'जब यह लाइन आई 'ईश्वर अल्लाह तेरे नाम' तो लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद मंच पर बैठे सभी नेता हरकत में आए। उन लोगों को भी समझ में नहीं आया कि किस तरह से पब्लिक को हैंडल किया जाए। कुछ लोग मेरे पास आए और कहा- आप सॉरी बोलिए, थोड़ा काम हो जाएगा। हंगामा देख कर मुझे इस बात का भय हुआ कि अब ऐसा ना हो कि इस प्रोग्राम में मारपीट हो जाए। इसलिए मैंने सॉरी कह दिया। ' सिंगर ने आगे कहा कि अश्विनी चौबे जी ने मुझे एक सम्मान के लिए वहां बुलाया था। विरोध से ठीक पहले डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने मुझे अटल विशिष्ट सम्मान दिया था। मुझे कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा था कि इस प्रोग्राम का स्वरूप ज्यादा न बिगड़े, इस वजह से मैंने अपनी तरफ से सॉरी भी बोला। मेरे सॉरी कहने का उद्देश्य इतना ही था कि हंगामा शांत हो जाए। 'लेकिन, मैं अब इस बात को कहना चाहती हूं कि इतने बड़े दिग्गज नेता उपस्थित थे। उनकी उपस्थिति में इस तरह की हरकत कुछ लोगों ने क
Dainik Bhaskar हरियाणा BJP नेता बोले- अंबेडकर का अंतिम-संस्कार मुंबई में किया:कांग्रेस ने दिल्ली में जमीन तक नहीं दी, मनमोहन सिंह पर विवाद अनुचित
हरियाणा में नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिसके चलते करनाल जिला चुनाव प्रभारी एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता शनिवार शाम को करनाल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने समय और व्यवस्था के अनुसार नगर निगम चुनाव की घोषणा की है। नगर निगम और नगर परिषद के चुनाव समय पर ही होने जा रहे हैं। करनाल सीट ओपन होने के सवाल पर गुप्ता ने कहा कि करनाल ओपन हो या अन्य सीटें आरक्षित हों, इसका फैसला लॉटरी सिस्टम से होता है। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहता है, संगठन कार्यकर्ता जनता के बीच रहकर जन समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर कार्य करते हैं और उसी का परिणाम है कि हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है। अंतिम संस्कार पर विवाद खड़ा करना ठीक नहीं कांग्रेस नेता आरोप लगा रहे हैं कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को वह सम्मान नहीं मिला जो अन्य प्रधानमंत्रियों को मिला। इस सवाल का जवाब देते हुए गुप्ता ने कहा कि मैं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देता हूं। उनके अंतिम संस्कार पर इस तरह का विवाद खड़ा करना ठीक नहीं है, सरकार तय करती है, सरकारी जमीन की उपलब्धता तय होती है। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए बाबा साहेब के अंतिम संस्कार को याद किया। उन्होंने कहा कि जब बाबा साहेब का निधन हुआ तो कांग्रेस ने दिल्ली के अंदर जमीन नहीं दी और उनका अंतिम संस्कार मुंबई में करना पड़ा। आज वे इस तरह का विवाद खड़ा करके डॉ. मनमोहन सिंह को अपमानित करने की कोशिश कर रहे हैं। सिंबल पर कांग्रेस टक्कर दे सकती है? अगर कांग्रेस सिंबल पर चुनाव लड़ती है तो क्या वह बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकती है? इस सवाल पर गुप्ता ने कहा कि हमें अपनी पार्टी के संविधान के तहत काम करना है। हम हर बार कुछ नया तय नहीं करते। नगर निगम चुनाव सिंबल पर होंगे, नगर परिषद चुनाव बिना सिंबल या सिंबल पर भी हो सकते हैं। कांग्रेस के लोग आज कुछ कहते हैं तो कल कुछ और, उनके अध्यक्ष कुछ कहते हैं तो प्रभारी कुछ और, उनकी कथनी और करनी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। कांग्रेस के लोगों की ओर से हर दिन नए-नए बयान आते रहते हैं। चुनाव नतीजों से कांग्रेस के लोग अभी तक अचेत कांग्रेस अध्यक्ष प्रभारियों की सूची जारी करते हैं और प्रभारी जी उसे रोक देते हैं, अब कांग्रेस का
Dainik Bhaskar 137 घंटे से बोरवेल में चेतना, टनल की खुदाई जारी:सुरंग से बोरवेल के बीच पत्थर होने से बढ़ी मुश्किलें; परिवार बोला- लापरवाही हो रही
कोटपूतली में 7 दिन से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में टीम अब भी चेतना (3) तक नहीं पहुंच सकी है। चेतना को निकालने के लिए एनडीआरएफ के जवान 170 फीट गहराई में सुरंग खोद रहे हैं। शनिवार सुबह 10 बजे सुरंग खोदने का काम शुरू हुआ था। एनडीआरएफ के 6 जवान को इस काम में लगाया गया है। वे दो-दो के बैच में नीचे जाकर खुदाई कर रहे हैं। वहीं, जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने दावा किया है कि ये राजस्थान का सबसे मुश्किल ऑपरेशन है। शनिवार को चेतना के परिवार-ग्रामीणों ने भी प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए। चेतना के ताऊ शुभराम ने कहा कि- अधिकारी जवाब नहीं देते हैं। ज्यादा पूछो तो कहते हैं-कलेक्टर मैम बताएंगी, अभी वो सो रही हैं। वे अब तक परिवार से मिलने तक नहीं आई हैं। प्रशासन पर उठ रहे सवाल, गुढ़ा बोले - लेट कर दिया दरअसल, किरतपुरा के बड़ियाली की ढाणी की चेतना सोमवार (23 दिसंबर) को 700 फीट गहरे बोरवेल में 150 फीट पर फंस गई थी। देसी जुगाड़ से उसे रेस्क्यू टीमें केवल 30 फीट ऊपर ला सकी थीं। मासूम करीब 137 घंटे से भूखी-प्यासी है और चार दिन से कोई मूवमेंट नहीं कर रही है। अधिकारी उसकी कंडीशन को लेकर अब कुछ भी कहने से बच रहे हैं। वहीं, चेतना का परिवार लगातार प्रशासन पर अनदेखी और लापरवाही के आरोप लगा रहा है। पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ाने कहा- बच्ची को बचाने में सभी लगे हुए हैं, लेकिन प्रशासन ने लेट कर दिया। अगर घटना के तुरंत बाद ही ऑपरेशन युद्ध स्तर पर शुरू हो जाता तो इसका रिजल्ट हम ज्यादा बढ़िया देखते। जो तैयारी पिछले तीन दिन में हुई है, वो 6 दिन पहले होनी चाहिए थी। जिला कलेक्टर को तीन दिन लग गए यहां पहुंचने में, ये शर्म की बात है। अब देखिए रेस्क्यू से जुड़े PHOTOS... चेतना के रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... बोरवेल में चेतना,170 फीट गहराई में खुदाई कर रहे जवान:कलेक्टर बोलीं- ये राजस्थान का सबसे मुश्किल ऑपरेशन; परिवार बोला- लापरवाही हो रही कोटपूतली में बोरवेल में फंसी चेतना को निकालने के लिए एनडीआरएफ के 2 जवान 170 फीट गहराई में उतरे हैं। यहां से वे 10 फीट की सुरंग खोद रहे हैं। उनकी सुरक्षा के लिए ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की गई है। (पूरी खबर पढ़ें)
Dainik Bhaskar AI इंजीनियर अतुल सुभाष का बेटा किसे मिलेगा?:पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट गए दादा-दादी, मां का अधिकार ज्यादा; लेकिन परिस्थितियां अलग
AI इंजीनियर अतुल सुभाष के 4 साल के बेटे व्योम को पुलिस अब तक नहीं खोज पाई है। अतुल के माता-पिता पोते को खोजने और कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने कोर्ट में हेबियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका लगाई है। इस पर शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक की सरकारों को नोटिस जारी कर बच्चे की स्थिति की जानकारी 7 जनवरी तक देने को कहा है। अब सवाल उठ रहा है कि पुलिस अब तक बच्चे को सामने क्यों नहीं ला पाई है? अगर बच्चा मिल गया तो उसकी कस्टडी किसे मिलेगी? क्या अतुल के माता-पिता या बच्चे के नाना-नानी को उसकी कस्टडी मिलेगी? इस सवालों को जानने के लिए पढ़िए और देखिए स्पेशल रिपोर्ट… इसलिए अतुल के माता-पिता चाहते हैं पोते की कस्टडी अतुल के पिता पवन मोदी अपने पुत्र विकास मोदी और पत्नी के साथ पुलिस के बुलावे पर बेंगलुरु गए हैं। वहां उनको बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है। शनिवार को वह बेंगलुरु पहुंचे हैं। हालांकि, उनका बयान अभी दर्ज नहीं हो पाया है। पवन मोदी ने भास्कर को फोन पर बताया, 'पोते की कस्टडी इसलिए चाह रहे हैं कि निकिता के परिवार वाले अपराधी किस्म के हैं। अगर बच्चा उनके पास रहेगा तो वह भी अपराधी बन जाएगा। अपने पोते को अपनी कस्टडी में लेकर दूसरा अतुल सुभाष बनाना चाहते हैं।’ ‘याचिका में बच्चों के पालन पोषण के लिए कस्टडी की मांग की है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा। अगर वहां भी न्याय मिल नहीं मिला तो राष्ट्रपति के पास जाकर न्याय की गुहार लगाएंगे।’ अतुल के बेटे व्योम का क्या होगा हिंदू माइनॉरिटी एंड गार्जियनशिप एक्ट 1956 के अनुसार, पिता की डेथ हो गई है और मां जेल में हो तो मां पुलिस या कोर्ट के माध्यम से बच्चे की कस्टडी ले सकती है। कानूनन एक बच्चे की कस्टडी का पहला अधिकार मां या पिता का ही है। सुप्रीम कोर्ट के वकील डॉ एपी सिंह का कहना है, 'एक्ट के अनुसार तो बच्चे पर मां का अधिकार ज्यादा दिखता है, लेकिन ये परिस्थिति विपरीत है। यहां कोर्ट बच्चे की सलामती को ध्यान में रखकर फैसला ले सकता है। दादा-दादी को अधिकार मिल सकता है।' सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी आरोड़ा ने कहा- अभी बच्चे के देखभाल के लिए दादा-दादी ही बाहर हैं। कोर्ट बच्चे का वेलफेयर देखेगा। बच्चे की सुरक्षा और बेहतर पेरेंटिंग को देखा जाएगा, इसके लिए जरूरी नहीं कि नेचुरल र
Dainik Bhaskar अब कोर्ट में भी आरोपी को हथकड़ी लगा सकेगी पुलिस:हरियाणा DGP ने भेजी चिट्ठी, नए कानून में 12 तरह के अपराध में अधिकार मिला
हरियाणा में अब किसी आरोपी को कोर्ट में पेशी के वक्त भी पुलिस हथकड़ी लगा सकेगी। इसके लिए नए कानून में पुलिस को पावर दे दी गई है। जिसमें 12 तरह के अपराधियों को पुलिस अपने स्तर पर ही हथकड़ी पहना सकती है। पहले पुलिस को इसके लिए कोर्ट से परमिशन लेनी होती थी। इस बारे में DGP शत्रुजीत कपूर ने सभी जिलों के SP को चिट्ठी जारी की है। जिसके बाद सभी SP ने फील्ड में तैनात पुलिस कर्मियों को इस बारे में ट्रेनिंग देने के लिए कहा है। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने CM नायब सैनी की अगुआई वाली हरियाणा सरकार को मार्च महीने तक 3 नए कानून लागू करने का टाइम दिया है। DGP की भेजी चिट्ठी में क्या लिखा… भारतीय नागरिक संहिता (BNS), 2023 की धारा 43(3) में अपराध की प्रकृति और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधिकारियों की तरफ से हथकड़ी का इस्तेमाल करने का प्रावधान है। इसके लिए डीजीपी की तरफ से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। किन अपराधियों को लगाई जा सकती है हथकड़ी... 1. आदतन अपराधी या हिरासत से फरार हो चुका डीजीपी के पत्र के मुताबिक पुलिस अधिकारी किसी को गिरफ्तार करते वक्त या कोर्ट में पेश करते समय हथकड़ी लगा सकता है, अगर वह कोई अपराध बार–बार कर चुका है या आदतन अपराधी है या फिर हिरासत से फरार हो चुका है। 2. प्रकृति–गंभीरता के हिसाब से इन 11 आरोपों में इसके अलावा अपराध की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए 11 अपराधों के आरोपी को हथकड़ी लगाई जा सकती है। इसमें ऑर्गेनाइज्ड क्राइम यानी संगठित अपराध से लेकर आतंकवाद, नशा, हथियार और गोला–बारूद, रेप, मर्डर, एसिड अटैक, बच्चों के विरोध यौन अपराध से लेकर राज्य के खिलाफ अपराध तक शामिल हैं। जानें, पहले हथकड़ी को लेकर क्या थे नियम सुप्रीम कोर्ट ने 1980 में प्रेम शंकर शुक्ला बनाम दिल्ली सरकार मामले में फैसला सुनाते हुए हथकड़ी के इस्तेमाल को अनुच्छेद 21 के तहत असंवैधानिक करार दिया था। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा था कि यदि किसी कैदी को हथकड़ी लगाने की जरूरत महसूस होती है तो उसका कारण दर्ज करना होगा और मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी। 1860 में IPC की जगह BNS ने ली, तब बदला कानून बता दें कि 1860 में बनी IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता, CrPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 के इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य संहिता ने ले ली है। इन तीनों नए कानून
Dainik Bhaskar किसान नेता डल्लेवाल बोले- SC चाहता किसानों पर गोलियां चले:केंद्र को निर्देश नहीं दे रहा कोर्ट; आमरण अनशन का आज 34वां दिन
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 34वें दिन में प्रवेश कर गया है। एक तरफ किसानों ने पंजाब बंद की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं दूसरी तरफ हरियाणा के हिसार के गांव बास में आज महापंचायत बुलाई गई है। जिसमें खापों ने किसान मजदूर संगठनों और खाप प्रतिनिधियों से 29 दिसंबर को गांव बास पहुंचने का आह्वान किया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट लगातार पंजाब सरकार को फटकार लगा रहा है। 31 दिसंबर को पंजाब के डीजीपी और सचिव को हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए गए हैं। डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी सवाल उठाए हैं। डल्लेवाल ने कहा कि एक तरफ माननीय सुप्रीम कोर्ट उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जता रहा है और दूसरी तरफ उन्हें किसी भी तरह से जबरन अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश देने की कोशिश की जा रही है, यह कैसी हमदर्दी है? उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को कोई निर्देश नहीं दे रहा है और जानबूझकर इस मुद्दे को राज्य सरकार तक सीमित रखने की कोशिश की जा रही है, जबकि हमारी मांगें केंद्र सरकार से हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एमएसपी गारंटी कानून के मुद्दे पर संसद और सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की सिफारिशों को भी लागू नहीं कर रही है। डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया पर उठाया सवाल डल्लेवाल ने कहा कि जब किसी व्यक्ति को कहीं से न्याय नहीं मिलता तो उसकी आखिरी उम्मीद सुप्रीम कोर्ट से होती है। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखकर लग रहा है, कि जैसे वे भी चाहते हैं कि सरकार किसानों पर गोलियां चलाए। उन्होंने कहा कि वे अपनी इच्छा से आमरण अनशन पर बैठे हैं। उन पर किसी का दबाव नहीं है। केंद्र सरकार के इशारे पर जानबूझकर यह भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है कि वे किसी के दबाव में हैं। वे किसानों को उनके हक दिलाने के लिए आमरण अनशन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगे जवाब सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से निम्नलिखित सवाल पूछें: जानें क्या सेवाएं रहेंगी बंद आंदोलन की अगुआई कर रहे किसान संगठन किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की तरफ से 30 दिसंबर को पंजाब बंद की कॉल दी गई है। इस दौरान सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक बस-ट्रेनें बंद कराई जाएंगी। इस दौरान सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थान भी बंद कराए जाएंगे। पंधेर ने कहा कि पंजाब बंद को सभी वर्
Dainik Bhaskar हरियाणा में आज से ठंड का ट्रिपल अटैक:11 जिलों में ऑरेंज अलर्ट; घना कोहरा, शीतलहर और कोल्ड डे की संभावना
हरियाणा में आज से ठंड की थर्ड डिग्री यानी ट्रिपल अटैक शुरू होने जा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के 11 जिलों के लिए ठंड का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, नारनौल, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, झज्जर, रेवाड़ी और गुरुग्राम शामिल हैं। इन जिलों में घने कोहरे के साथ कोल्ड वेव और कोल्ड डे की स्थिति रहेगी। इसके अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, अंबाला, यमुनानगर, चंडीगढ़, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, मेवात और पलवल के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। यहां कोहरे और कोल्ड वेव का असर रहेगा। 2 जनवरी तक मौसम खुश्क बने रहने की संभावना है। आज से हवा की दिशा बदलेगी नारनौल राजकीय यूनिवर्सिटी के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. चंद्र मोहन ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तरी पर्वतीय राज्यों में भारी बर्फबारी और हरियाणा और दिल्ली NCR के क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि हुई है। जिसकी वजह से हाड़ कंपा देने वाली ठंड ने अपना प्रचंड रूप ले लिया है। 29 दिसंबर से हवा की दिशा बदलेगी और उत्तरी इलाके में ठंड पूरा जोर दिखाएगी। इससे तापमान में और गिरावट आएगी, जिससे 2025 की शुरुआत में ठंड का ट्रिपल अटैक होगा। दिन-रात का तापमान सामान्य से नीचे डॉ. चंद्र मोहन के मुताबिक हरियाणा और दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन और रात का तापमान सामान्य से नीचे है। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद वातावरण में नमी की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है। जिसकी वजह से घना कोहरा छाएगा। दिन का तापमान सामान्य से नीचे रहने पर कोल्ड डे की स्थिति बनी रहेगी। CM ने खराब हुई फसल की रिपोर्ट मांगी 27 दिसंबर को राज्य के अधिकतर जिलों में बारिश और 5 जिलों (हिसार, सिरसा, भिवानी, फतेहाबाद और कैथल) में जमकर ओलावृष्टि हुई। इसके कारण सब्जी, सरसों, चने और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा। किसानों ने सरकार ने मुआवजे की मांग भी की। एक दिन पहले शनिवार को चंडीगढ़ में कैबिनेट मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सभी जिलों के DC से खराब हुई फसल की रिपोर्ट मांग ली। नायब सैनी ने कहा- तोशाम, बवानी खेड़ा, लोहारू, फतेहाबाद, रानियां, भट्टू कलां, नारनौंद, हांसी, महेंद्रगढ़, कनीना, हथीन, बावल में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान की संभावना है। सभी DC को इस संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश
Dainik Bhaskar ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा का आखिरी दिन:सुबह 9 बजे पानीपत से रवाना होगी, 8 जिलों को कवर करेगी; 31 को रस्म पगड़ी
हरियाणा के 5 बार CM रहे ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा का आज रविवार को आखिरी दिन है। यात्रा सुबह 9 बजे से पानीपत के PWD रेस्ट हाउस से शुरू होगी, जो 8 जिलों को कवर करते हुए पंचकूला में खत्म होगी। यात्रा 3 दिन में सभी 22 जिले कवर करेगी। ओपी चौटाला का 89 साल की उम्र में गुरुग्राम में निधन हुआ था। उनकी रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा 31 दिसंबर को चौधरी देवीलाल स्टेडियम, सिरसा में होगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। पहले दिन 6 और दूसरे दिन 7 जिलों से गुजरी ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा पहले दिन फतेहाबाद से शुरू हुई। यहां उनके विधायक पोते अर्जुन चौटाला और विधायक भतीजे आदित्य देवीलाल चौटाला ने इसकी शुरुआत की। इसके बाद यात्रा हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ (नारनौल), रेवाड़ी से होते हुए गुरुग्राम पहुंची। गुरुग्राम में यात्रा का रात्रि ठहराव हुआ। दूसरे दिन यात्रा गुरुग्राम से शुरू हुई और 7 जिले कवर किए। फरीदाबाद, पलवल, मेवात, झज्जर, रोहतक, सोनीपत होते हुए यात्रा पानीपत पहुंची। यहां यात्रा का रात्री ठहराव था। चौटाला की अस्थि कलश यात्रा के 3 सियासी मायने भी इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा का तर्क है कि यह यात्रा उन लोगों के लिए निकाली जा रही है, जो अंतिम संस्कार के वक्त श्रद्धांजलि नहीं दे सके थे। हालांकि, सियासी तौर पर भी इस यात्रा के 3 मायने निकाले जा रहे हैं। 1. कैडर वोट बैंक को एकजुट करना इनमें सबसे पहले इनेलो के कैडर वोट बैंक को एकजुट करना है। दरअसल, 2018 में अजय चौटाला के अलग जननायक जनता पार्टी (JJP) बनाने के बाद इनेलो का वोट बैंक बंट गया। कुछ इनेलो के साथ रहे, लेकिन कुछ JJP के साथ चले गए। परिवार की लड़ाई में कई बड़े नेता भी पार्टी छोड़ गए। 2. कांग्रेस की हार में अवसर देख रही पार्टी प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इसी साल कांग्रेस की लगातार तीसरी हार हुई। ऐसे में इनेलो को लगता है कि अब वोटर भाजपा के मुकाबले कांग्रेस को विकल्प नहीं मान रहा। ऐसे में इनेलो की वापसी हो सकती है। इसी साल चुनाव में जहां JJP जीरो सीट पर सिमट गई, वहीं इनेलो 2 सीटें जीतने में कामयाब रही। भले ही अभय चौटाला खुद चुनाव हार गए, लेकिन उनके उम्मीदवार ज्यादातर जगहों पर दूसरे या तीसरे स्थान पर रहे। 3. चुनाव चिन्ह छिनने का भी खतरा इनेलो के ऊपर पार्टी का चुनाव चिन्ह चश्मा के छिनने का
Dainik Bhaskar हरियाणा निकाय चुनाव से पहले EVM की बैटरियां बदल रहीं:हैदराबाद से भेजी गई टेक्निकल टीमें, 14877 ईवीएम की चेकिंग की जा रही
हरियाणा में निकाय चुनाव से पहले वोटिंग के लिए आई EVM की बैटरियां बदली जा रही हैं। प्रदेश के 8 नगर निगमों के अलावा नगर परिषद और नगर पालिकाओं में भी फरवरी में चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले EVM से जुड़ी टेक्निकल टीम पूरे प्रदेश में इन EVM की बैटरियां बदल रही है। बता दें कि प्रदेश के विधानसभा चुनाव में EVM की बैटरी बड़ा मुद्दा रही। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि जिन EVM की बैटरी 99% थी, उनमें भाजपा जीती। कांग्रेस ने सवाल उठाया था कि पूरे दिन यूज के बाद भी बैटरी 99% कैसे रह सकती है? हालांकि, आयोग ने बाद में इसे लेकर स्पष्टीकरण भी दिया था। पंचायत चुनाव वाली EVM यूज की जा रहीं प्रदेश के 8 नगर निगमों फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, पानीपत, करनाल, मानेसर और यमुनानगर में पार्षद और मेयर के चुनाव होने हैं। इसके अलावा सोनीपत और अंबाला में मेयर का चुनाव होना है। इसके लिए यह EVM आई हैं। चुनाव से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक यह EVM पंचायत चुनाव में इस्तेमाल की गईं थी। तब उनकी बैटरियां लगभग खत्म हो गईं थी। हिसार नगर निगम की बात करें तो हैदराबाद से चुनाव आयोग की तरफ से 10 इंजीनियरों की टीम भेजी गई है। यह टीम EVM चलाने का प्रशिक्षण 3 टेक्निकल कर्मचारियों को देगी और ये 3 कर्मचारी आगे जिले में कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे। 8 दिन तक EVM की जांच करेगी टीम नगर निगम में आई टेक्निकल टीम 8 दिन तक फर्स्ट लेवल चेकिंग (FLC) करेगी। निगम इंजीनियरों के अनुसार इसके बाद द्वितीय लेवल चेकिंग शुरू की जाएगी। EVM का पुराना डाटा डिलीट किया जाएगा। उनके बटन काम कर रहे है या नहीं, यह भी चेक किया जाएगा। इसके अलावा टीम यह भी जांच कर रही है कि किसी EVM का बटन खराब या दूसरी कोई तकनीकी समस्या तो नहीं है। इसके बाद अधिकारियों के साइन करवाकर उनकी मौजूदगी में मशीनों को सील कर दिया जाएगा। हिसार से अंबाला, गुरुग्राम और सोनीपत भी भेजी ईवीएम निर्वाचन आयोग की ओर से हिसार के पंचायत भवन क्षेत्र में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी के अंतर्गत रखी EVM को अलग अलग स्थानों पर भेजा जा गया है। हिसार में रखी EVM को निगम चुनावों के लिए प्रदेश के ओर भी जिलों में भेजा गया था। पंचायत भवन से हिसार नगर निगम में 1500 EVM (कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट) लाई गई थी। जिनकी अब फर्स्ट लेवल चेकिंग हो रही है। इनके अलावा हिसार से अंबाला में 400 EVM, सोन
Dainik Bhaskar बंगाल में बिक रही बांग्लादेशी सिम, इन्हें ट्रैक करना मुश्किल:इंटरनेशनल की जगह लोकल कॉल पर बातचीत, सीमा में पांच किमी अंदर तक ये सिम एक्टिव
जगह: बांग्लादेश सीमा पर बसा पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले का गांव श्रीरामपुर। समय: दोपहर 2 बजकर 36 मिनट। इस समय यहां साप्ताहिक हाट लगा हुआ है। यहीं हमारी मुलाकात स्थानीय मोहम्मद अशफाक से हुई। उनके हाथ में कीपैड फोन था, जिससे वो बार-बार बांग्लादेश कॉल कर रहे थे। मैंने कॉल रेट के बारे में पूछा तो बोले- यह इंटरनेशनल नहीं, लोकल कॉल है, क्योंकि फोन में बांग्लादेश की सिम है। इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का काम करता हूं, इसके लिए लोकल सिम चाहिए। मैंने पूछा- सिम कहां से मिली, तो बोले- यहीं। आपको चाहिए क्या? मैंने कहा- नहीं। इसके बाद मैं वहां से निकल आया। बांग्लादेश से सटे बंगाल बॉर्डर पर यही सिम सीमा सुरक्षा बल (BSF) का सिरदर्द बनी हुई हैं। अगस्त में बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से श्रीरामपुर में बाहरी सिम की खरीद-बिक्री होने लगी है। बांग्लादेश के ज्यादातर टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के नेटवर्क भारतीय सीमा में पांच किमी भीतर तक आते हैं। यानी तस्कर दो देशों के बीच लोकल कॉल पर बात कर रहे हैं। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि बीते दिनों कुछ तस्कर जब भागकर बांग्लादेश की सीमा में जा रहे थे, तब उनका एक फोन गिर गया था। इसमें बांग्लादेशी सिम थी। तब हमें भारतीय इलाके में विदेशी सिमों के एक्टिव होने की जानकारी मिली। इन्हें ट्रैक करने की तकनीक फिलहाल हमारे पास नहीं है। BSF के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के DIG एनके पांडे ने बताया कि बांग्लादेशी नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे तस्करों को ट्रैक करना सबसे बड़ी समस्या बन गई है। वहीं, बीएसएफ की बहरमपुर रेंज के डीआईजी अनिल कुमार सिन्हा के मुताबिक हमने निगरानी बढ़ाने के लिए नदिया से जवानों की एक कंपनी जंगीपुर भेजी है। खुलेआम सौदेबाजी... एक सिम की कीमत 5 हजार, डिलीवरी थर्ड पार्टी करने आएगी एजेंट ने बताया कि कुछ अन्य सीमावर्ती गांवों में ऐसी सिम पान-किराने की दुकानों पर भी मिल जाएगी। इस एक सिम की कीमत 5 हजार रुपए है। यदि आपको चाहिए तो लोकेशन बताइए, वहां डिलीवरी कोई तीसरा व्यक्ति कर देगा। इसमें पकड़े जाने का कोई खतरा नहीं है। लोकेशन ट्रेस करने के 4 तरीके, लेकिन अभी सब फेल नेटवर्क तकनीक से जुड़े एक BSF अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अभी भारतीय सिम वाले फोन की लोकेशन ट्रैक करने के 4 तरीके हैं। पहला- ट्रेंगुलेशन। इसमें किसी सिग्नल के फोन से अलग-अलग मो
Dainik Bhaskar मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:राहुल बोले- केंद्र ने मनमोहन सिंह का अपमान किया; गहलोत के बनाए 9 जिले भजनलाल ने खत्म किए; पुतिन ने माफी मांगी
नमस्कार, कल की बड़ी खबर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर चल रही सियासी खींचतान की रही। एक खबर राजस्थान से जुड़ी रही, अब यहां 50 की बजाय 41 जिले होंगे। हम आपको ये भी बताएंगे की रूस के राष्ट्रपति ने किस बात के लिए माफी मांगी है। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. मनमोहन सिंह पंचतत्व में विलीन, बेटी ने मुखाग्नि दी; PM, राहुल, सोनिया और प्रियंका मौजूद रहे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। उनके पार्थिव शरीर को सेना की तोपगाड़ी पर घाट लाया गया था। यहां तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी। इसके बाद अंतिम संस्कार की रस्में पूरी की गईं। सोनिया, प्रियंका, राहुल और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति मुर्मु, प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ भी अंतिम विदाई देने पहुंचे। पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. राहुल बोले- निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार मनमोहन सिंह का अपमान, केजरीवाल ने कहा- केंद्र स्मारक के लिए जमीन नहीं दे सका कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने X पर लिखा, 'डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर केंद्र सरकार ने उनका अपमान किया है। वे सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल के हकदार हैं।' वहीं केजरीवाल ने कहा, 'मनमोहन के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए बीजेपी सरकार 1000 गज जमीन भी न दे सकी। अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट पर किया जाता था।' विवाद कहां से शुरू हुआ: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 27 दिसंबर को PM मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को लेटर लिखा। कहा था कि डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार जहां हो, वहीं स्मारक बनाया जाए। इस पर गृह मंत्रालय ने कहा कि स्मारक के लिए उचित जगह तलाशी जाएगी और ट्रस्ट बनेगा, जिसमें समय लगेगा। शनिवार को BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, 'डॉ. सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित कर दी गई। इसके बारे में उनके परिवार को भी जानकारी दी गई है।' हालांकि नड्डा ने यह नहीं बताया कि जमीन कहां दी गई है। पूरी खबर यहां पढ़ें... 3. पुतिन ने अजरबैजान प्लेन क्रैश पर माफी मांगी, जिम्मेदारी नहीं ली; हादसे में 38 लोग मारे गए थे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अजरबैजान प्लेन क्रैश को ले
Dainik Bhaskar मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की व्यवस्थाओं से कांग्रेस नाराज:कहा- परिवार के लिए सिर्फ 3 कुर्सियां रखी गईं, गन सैल्यूट के दौरान PM बैठे रहे
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर विवाद के बीच कांग्रेस ने उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक X पोस्ट में कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार में सरकार की तरफ से अव्यवस्था और अनादर देखकर हैरानी हुई। खेड़ा ने 9 पॉइंट में अंतिम संस्कार से जुड़ी आपत्तियां दर्ज कराईं। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह के परिवार के लिए 3 ही कुर्सियां रखी गई थीं। परिवार के बाकी लोगों के लिए कुर्सियां मांगनी पड़ीं। इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी पर ये आरोप भी लगाया कि जब डॉ. सिंह की पत्नी को राष्ट्रीय सौंपा गया और गन सैल्यूट दिया गया, तो पीएम मोदी और मंत्री खड़े नहीं हुए। खेड़ा ने कहा कि इस अव्यवस्था और अनादर से ये साफ होता है कि एक महान नेता के प्रति सरकार की प्राथमिकताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों में कितनी कमी है। डॉ. सिंह सम्मान और गरिमा के हकदार थे। इससे पहले राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर केंद्र सरकार ने उनका सरासर अपमान किया है। पवन खेड़ा की तरफ से दर्ज कराई गईं 9 आपत्तियां... 1. डीडी को छोड़कर किसी भी न्यूज एजेंसी को अंतिम संस्कार के कार्यक्रम को कवर करने की अनुमति नहीं दी गई। डीडी का ध्यान केवल मोदी और शाह पर था। डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार को मुश्किल से दिखाया गया। 2. मनमोहन सिंह के परिवार के लिए केवल 3 कुर्सियां रखी गई थीं। कांग्रेस नेताओं को उनके परिवार की बेटियों और अन्य सदस्यों के लिए सीटें मांगनी पड़ीं। 3. राष्ट्रीय ध्वज उनकी विधवा को सौंपे जाते समय और मनमोहन सिंह को गन सल्यूट दिए जाने के दौरान PM और मंत्री खड़े नहीं हुए। 4. मनमोहन सिंह की चिता के पास परिवार को पर्याप्त जगह नहीं दी गई। सैनिकों ने एक तरफ की जगह ले रखी थी। 5. जनता को बाहर रखा गया। लोग केवल बाहर से कार्यक्रम देखते रहे। 6. अमित शाह के काफिले ने अंतिम यात्रा को बाधित किया। परिवार की गाड़ियां बाहर रह गईं, गेट बंद कर दिया गया। परिवार के सदस्यों को ढूंढकर अंदर लाना पड़ा। 7. डॉ. सिंह के पोते-पोतियों को अंतिम संस्कार की रस्में निभाने के लिए चिता तक पहुंचने में धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा। 8. विदेशी राजनयिक अलग जगह बैठाए गए थे और दिख नहीं रहे थे। भूटान के राजा खड़े हु
Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:मेघालय में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने चर्च में धार्मिक नारे लगाए, FIR दर्ज
मेघालय में एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के खिलाफ चर्च में जय श्री राम का नारा लगाने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। यह मामला तब सामने आया जब उसने और उसके दो साथियों ने चर्च में धार्मिक नारे लगाए और उसका वीडियो वायरल हो गया। इन्फ्लुएंसर का नाम आकाश सागर है। उसने यह वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया था, जहां उनके 1.5 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। वीडियो में आकाश को मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले में स्थित मावलिन्नॉन्ग के चर्च ऑफ एपिफनी में प्रवेश करते हुए दिखाया गया है। शिकायत में कहा गया है कि आकाश ने चर्च की पवित्रता का अपमान किया और 'जय श्री राम' जैसे नारे लगाए। वीडियो में आकाश और उसके साथी चर्च के वेदी (altar) में जाकर नारे लगाते हैं और ईसाई भजनों को बदलकर गाते हैं। शिलॉन्ग के एक एक्टिविस्ट ने लैटुमखरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने इस घटना को जानबूझकर और सोची-समझी साजिश बताया। एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया कि इस हरकत का उद्देश्य ईसाई धर्म का अपमान करना और धार्मिक सौहार्द्र वाले इस क्षेत्र में साम्प्रदायिक तनाव फैलाना था। शिकायत के बाद, मेघालय पुलिस ने आकाश सागर और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। उन पर गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करने, सार्वजनिक शांति भंग करने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप लगे हैं।
Dainik Bhaskar इंडिगो की फ्लाइट 16 घंटे से मुंबई में फंसी:इस्तांबुल जाना था, तकनीकी खराबी से लेट; एयरलाइन बोली- रात 11:00 बजे उड़ान भरेगी
इस्तांबुल जाने वाली इंडिगो एयरलाइन की एक फ्लाइट तकनीकी खराबी के कारण 16 घंटे से मुंबई एयरपोर्ट पर फंसी है। इससे करीब 100 पैसेंजर मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फंस गए। एयरलाइन ने माफी मांगते हुए कहा कि दूसरे एयरक्राफ्ट की व्यवस्था कर ली गई है। फ्लाइट रात 11:00 बजे उड़ान भरेगी। फ्लाइट 6E17 को सुबह 6:55 बजे तुर्किये के शहर इस्तांबुल रवाना होना था। सूत्रों के मुताबिक फ्लाइट तीन बार लेट हुई। पैसेंजर्स को प्लेन में चढ़ने और उतरने के लिए कहा गया। इसके बाद पैसेंजर्स ने किराया वापस करने या दूसरे प्लेन की व्यवस्था करने की मांग की। एयरलाइन पर दबाव बनाने के लिए पैसेंजर्स ने सोशल मीडिया का भी सहारा लिया। पैसेंजर्स ने स्टाफ के खराब व्यवहार और सही जानकारी न देने के भी आरोप लगाए। मुंबई-दोहा इंडिगो फ्लाइट 6 घंटे देरी के बाद कैंसिल करीब 3 महीने पहले मुंबई से दोहा जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6 घंटे लेट होने के बाद कैंसिल कर दी गई। फ्लाइट में करीब 300 यात्री सवार थे। वे फ्लाइट में ही 6 घंटे तक इंतजार करते रहे। इमिग्रेशन खत्म होने की वजह से उन्हें उतरने नहीं दिया गया। पैसेंजर्स का गुस्सा बढ़ने के बाद क्रू मेंबर्स ने उन्हें उतरने दिया गया। बाद में तकनीकी खराबी के कारण फ्लाइट कैंसिल कर दी गई। एक यात्री ने दावा किया, "जब हम फ्लाइट में इंतजार कर रहे थे, इस दौरान पानी और खाना तक नहीं मिला।" हालांकि, इंडिगो ने कहा कि पैसेंजर्स को तुरंत रिफ्रेशमेंट दिया गया था। दिल्ली एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट के पैसेंजर्स ने हंगामा किया इससे पहले सितंबर में दिल्ली एयरपोर्ट पर को स्पाइसजेट के पैसेंजर्स ने हंगामा किया था। दिल्ली से दरभंगा जा रही स्पाइसजेट की फ्लाइट बोर्डिंग से ठीक 5 मिनट पहले रद्द कर दी गई। इसके बाद टर्मिनल 3 पर गेट नंबर 62 के सामने बोर्डिंग का इंतजार कर रहे पैसेंजर्स ने हंगामा शुरू कर दिया। पैसेंजर्स ने आरोप लगाया कि एयरलाइन पिछले कुछ महीनों से लगातार दिल्ली-दरभंगा रूट पर उड़ानें रद्द कर रही है। दो मामलों में एअर इंडिया पर ₹1.05 लाख का जुर्माना 1. केबिन में दवा नहीं रखने दी, व्हीलचेयर भी नहीं दी मध्य प्रदेश के एक डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम ने करीब एक हफ्ते पहले दो अलग-अलग मामलों में एअर इंडिया पर कुल 1.05 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। दोनों मामले एक ही पैसेंजर से जुड़े थे। पैसें