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Dainik Bhaskar लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस के यात्रियों को दूसरी ट्रेन ने कुचला:12 की मौत, 40 घायल; आग की अफवाह फैली, लोग कूदकर ट्रैक पर खड़े थे
महाराष्ट्र के जलगांव में बुधवार शाम 4:42 बजे बड़ा ट्रेन हादसा हुआ। यहां पाचोरा स्टेशन के पास माहेजी और परधाड़े के बीच पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैली। इस दौरान किसी यात्री ने चेन पुलिंग कर दी। ट्रेन रुकी और घबराए यात्री कूद गए। इसी दौरान दूसरे ट्रैक पर आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस ने कई यात्रियों को कुचल दिया। जलगांव SP ने 11 लोगों की मौत की पुष्टि की है। जबकि विशेष पुलिस महानिरीक्षक दत्तात्रय कराले ने पीटीआई को 12 शव सिविल अस्पताल भेजे जाने की जानकारी दी। 40 पैसेंजर्स के घायल होने की खबर है। सेंट्रल रेलवे के भुसावल डिवीजन के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जहां घटना हुई, उस जगह पर शार्प टर्न था। इस वजह से दूसरे ट्रैक पर बैठे पैसेंजर्स को ट्रेन के आने का अंदाजा नहीं लगा। यही वजह रही कि कर्नाटक एक्सप्रेस से इतनी बड़ी संख्या में लोग कुचले गए। सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ स्वप्निल निला ने बताया, घटनास्थल मुंबई से 400 किलोमीटर दूर है। जलगांव के सरकारी अस्पताल में 12 शवों को लाया गया है। इनमें 7 की पहचान हो गई है। मरने वालों में 9 पुरुष और 3 महिलाएं हैं। जिन 7 की शिनाख्त हुई, उनमें 3 नेपाल के ब्रेक लगने पर ट्रेन के पहिए से निकला था धुआं गाड़ी नंबर 12627 कर्नाटक एक्सप्रेस बेंगलुरु से नई दिल्ली जा रही थी। जबकि पुष्पक एक्सप्रेस (12533) लखनऊ से मुंबई जा रही थी। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार पुष्पक एक्सप्रेस के एक कोच के अंदर ‘हॉट एक्सल' या ‘ब्रेक-बाइंडिंग (जैमिंग)’ के कारण चिनगारी उठी और कुछ यात्री घबरा गए। उन्होंने जंजीर खींची और उनमें से कुछ नीचे कूद गए। हादसे से जुड़ी 5 तस्वीरें... 5 बड़े रेल हादसे...
Dainik Bhaskar सैफ को मारे गए चाकू का तीसरा हिस्सा मिला:बांद्रा झील के पास से पुलिस ने बरामद किया; एक्टर अस्पताल पहुंचाने वाले ऑटो ड्राइवर से मिले
मुंबई पुलिस ने एक्टर सैफ अली खान पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किए गए चाकू का तीसरा हिस्सा बरामद किया है। आरोपी शरीफुल ने इसे बांद्रा झील के पास फेंक दिया था। इससे पहले चाकू का एक हिस्सा घटनास्थल से पाया गया था। वहीं, 2.5 इंच लंबे चाकू का दूसरा हिस्सा एक्टर के शरीर के अंदर से सर्जरी के दौरान निकाला गया था। वहीं, अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद सैफ अली खान ने अस्पताल ले जाने वाले ऑटो ड्राइवर भजन सिंह से मुलाकात की। सैफ और उनकी मां शर्मिला ने भी ड्राइवर को शुक्रिया कहा। इसके अलावा हमले के 6 दिन बाद बांद्रा पुलिस ने सैफ अली खान का बयान दर्ज किया। दरअसल, सैफ अली खान पर 15 जनवरी को उनके घर सतगुरु शरण अपार्टमेंट में घुसकर हमला किया गया। जिसके बाद सैफ खुद अस्पताल पहुंचे, इलाज के बाद एक्टर को 21 जनवरी को डिस्चार्ज किया गया। हमले के बाद सैफ अब सतगुरु शरण अपार्टमेंट की जगह फॉर्च्यून हाईट्स स्थित अपने पुराने घर में रहने आ गए हैं। पुलिस ने दो बार क्राइम सीन रीक्रिएट किया मुंबई पुलिस ने मंगलवार सुबह और देर रात क्राइम सीन रीक्रिएट किया था। पुलिस आरोपी शरीफुल इस्लाम को सैफ के घर से करीब 500 मीटर दूर ले गई। पुलिस ने बताया कि आरोपी बाथरूम की खिड़की से ही सैफ के घर में घुसा था और हमले के बाद यहीं से बाहर भी निकला। जब आरोपी बिल्डिंग में दाखिल हुआ तब गार्ड सो रहे थे। आरोपी ने मेन गेट और गलियारे में CCTV न होने का फायदा उठाया। आवाज न हो इसलिए जूते उतार दिए और मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। सैफ के बेटे जहांगीर के कमरे से आरोपी की टोपी मिली। टोपी में मिले बाल को DNA टेस्ट के लिए भेजा गया है। मुंबई पुलिस ने आरोपी शरीफुल को 19 जनवरी की देर रात गिरफ्तार किया था। इस केस की जांच अब सुदर्शन गायकवाड़ की जगह अजय लिंगनुरकर को सौंपी गई है। IO को हटाने की वजह नहीं बताई गई है। गार्ड के सोने की बात पर एक्ट्रेस आलिया भट्ट के सिक्योरिटी चीफ यूसुफ ने कहा- इमारत की सुरक्षा के लिए लोग ₹7000-8000 की बात करते हैं। इतने कम पैसे में गार्ड का घर नहीं चलता। वो गांव से काम करने आता है और डबल शिफ्ट करता है। सुबह और रात की 12-12 घंटे की शिफ्ट। वो सोएगा ही। हमले में घायल हाउसकीपर को इनाम देंगे सैफ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सैफ अली खान जल्द ही उस हाउसकीपर आरियाना फिलिप से मिलकर उसे इनाम देंगे, जो उनके साथ इस हमले में घा
Dainik Bhaskar राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड से मिला फंड जब्त हो:सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका लगाई, BJP को सबसे ज्यादा ₹6,060 करोड़ चंदा मिला था
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक याचिका दाखिल की गई। इसमें 2 अगस्त 2024 के उस फैसले की समीक्षा करने की मांग की गई है, जिसमें चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को मिले 16,518 करोड़ रुपए जब्त करने की मांग खारिज की गई थी। पुनर्विचार याचिका में कोर्ट से मामले पर नए सिरे से सुनवाई करने की मांग की गई है। साथ ही उस फैसले को वापस लेने और समीक्षा का आग्रह किया गया है। एडवोकेट जयेश के उन्नीकृष्णन और एडवोकेट विजय हंसारिया ने समीक्षा याचिका लगाई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 2 अगस्त को खेम सिंह भाटी द्वारा दायर याचिका सहित कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिन्होंने चुनावी बॉन्ड योजना (ईबीएस) की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया कि ADR मामले में दिए गए फैसले ने चुनावी बॉन्ड को शुरू से ही अमान्य माना है। इसलिए राजनीतिक दलों को मिली फंडिंग को जब्त करने वाली याचिका खारिज नहीं की जा सकती है। पूर्व सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने 15 फरवरी 2024 को भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई राजनीतिक फंडिंग की चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया था। चुनावी बॉन्ड स्कीम क्या है? चुनावी या इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम 2017 के बजट में उस वक्त के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश की थी। 2 जनवरी 2018 को केंद्र सरकार ने इसे नोटिफाई किया। ये एक तरह का प्रॉमिसरी नोट होता है। इसे बैंक नोट भी कहते हैं। इसे कोई भी भारतीय नागरिक या कंपनी खरीद सकती है। चुनाव आयोग ने 14 मार्च को डेटा जारी किया था भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 12 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट में डेटा सबमिट किया था। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 15 मार्च तक डेटा सार्वजनिक करने का आदेश दिया था। चुनाव आयोग ने 14 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा अपनी वेबसाइट पर जारी किया था। भाजपा सबसे ज्यादा चंदा लेने वाली पार्टी है। 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक पार्टी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपए मिले हैं। लिस्ट में दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस (1,609 करोड़) और तीसरे पर कांग्रेस पार्टी (1,421 करोड़) है। हालांकि किस कंपनी ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया है, इसका लिस्ट में जिक्र नहीं किया गया है। चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर 763 पेजों की 2 लिस्ट अपलोड की हैं। एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वालों की जानकारी है। चुनावी
Dainik Bhaskar 7 घंटे बंधक रही एमपी पुलिस, फोर्स ने पहुंचकर छुड़ाया:नीमच में ग्रामीणों ने की पत्थरबाजी; पुलिस ने किया लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े
नीमच में बुधवार को ग्रामीणों ने पुलिस टीम को करीब 7 घंटे तक बंधक बनाए रखा। मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने रात करीब 11 बजे जब अपने साथी पुलिसकर्मियों और दोनों पुलिस वाहनों को निकालना चाहा तो लोगों ने विरोध करते हुए पुलिस पर पथराव कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े। पुलिस ने जैसे-तैसे अपने साथी पुलिसकर्मियों और दोनों वाहनों को ग्रामीणों के चंगुल से निकाला। एएसपी नवल सिंह सिसोदिया ने बताया कि गाड़ियों को निकालने के दौरान ग्रामीणों ने विवाद किया और कानून व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने पथराव किया। इस दौरान पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आंसू गैस गोले के करीब 10-12 राउंड छोड़े हैं। ग्रामीणों के पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनका मेडिकल करवाया जा रहा है। कानून व्यवस्था बिगड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले पुलिस के आला अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। मनासा विधायक अनिरुद्ध माधव मारू ने करीब एक से डेढ़ घंटे तक ग्रामीणों को समझाया। इसके बाद वे भी मौके से रवाना हो गए। तस्करी मामले में जांच करने पहुंची थी टीम ये मामला जिले के मनासा थाना क्षेत्र के चौकड़ी गांव का है। बुधवार शाम करीब 4 बजे पुलिस यहां तस्करी मामले में जांच के लिए पहुंची थी। जिसे ग्रामीणों ने घेर लिया। लोगों ने पुलिस वाहनों के सामने जेसीबी खड़ी कर दी। बाद में सूचना पर मौके पर आला अधिकारी पहुंचे थे। दरअसल, जिले की सिंगोली थाना पुलिस ने सोमवार की रात झांतला गांव के पास से चौकड़ी गांव के नीलेश (उम्र 24 वर्ष) पिता श्यामलाल को 54.3 किलोग्राम डोडाचूरा के साथ गिरफ्तार किया था। इसी मामले में आगे की जांच के लिए पुलिस की टीम आरोपी को लेकर चौकड़ी गांव पहुंची थी। 30 किलो मादक पदार्थ को 54 किलो बता दिया ग्रामीणों का आरोप है कि जिस युवक को पकड़ा गया था, उसके पास 30 किलो अवैध मादक पदार्थ था, लेकिन पुलिस ने उसकी मात्रा बढ़ाकर 54 किलो कर दिया। ग्रामीणों का ये भी आरोप है कि पुलिस झूठे मामलों में फंसा रही है। मादक पदार्थ तस्करी के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। ग्रामीण मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। आरोपी को लेकर तीन गाड़ियों में पहुंची थी पुलिस घटनाक्रम शाम करीब 4 बजे तब शुरू हुआ, जब सिंगोली पुल
Dainik Bhaskar बिहार के बाहुबली अनंत सिंह पर 60-70 राउंड फायरिंग:मोकामा क्षेत्र में लोगों की शिकायत सुनने पहुंचे थे; गैंगस्टर सोनू-मोनू ने की फायरिंग
पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह पर बुधवार देर शाम जानलेवा हमला हुआ है। गैंगस्टर सोनू-मोनू ने 60 से 70 राउंड फायरिंग की। हालांकि हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। अनंत सिंह मोकामा विधानसभा क्षेत्र के नौरंगा गांव के दौरे पर थे। तभी हमला हुआ। गिरोह के लोगों ने गांव के एक परिवार को जमकर पीटा और घर से बाहर करके ताला लगा दिया था। जब इस बात की खबर अनंत सिंह को हुई तो वे गैंगस्टर के घर पहुंचे। ऐसा बताया जा रहा है कि, अनंत सिंह को घर पर देखकर दोनों भाई सोनू-मोनू फायरिंग करने लगे। हालांकि इस गोलीबारी में अनंत सिंह बाल-बाल बच गए हैं। गोलीबारी के बाद सोनू-मोनू फरार हो गए हैं। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। गोलीबारी की घटना के बाद नौरंगा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। बाढ़ डीएसपी मौके पर कैंप कर रहे हैं। 16 अगस्त को जेल से बाहर आए थे अनंत बता दें कि 14 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने AK-47 और आवास से बुलेट प्रूफ जैकेट मिलने के केस में उन्हें बरी कर दिया था। पूर्व विधायक के खिलाफ अब एक भी केस पेंडिंग नहीं है। 16 अगस्त को अनंत सिंह जेल से बाहर आए थे। अब पढ़िए अनंत सिंह के पॉलिटिक्स के किस्से…. नीतीश कुमार को चांदी से तौल कर राजनीति में की थी एंट्री 90 के दौर में जब बिहार जातीय संघर्ष में जल रहा था। तब अनंत सिंह की पहचान भूमिहार के रक्षक की थी। 2004 आते-आते अनंत सिंह इलाके के बाहुबली बन चुके थे। इधर, बिहार की सियासत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उदय हो रहा था। 2004 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार और अनंत सिंह की मुलाकात हुई। नीतीश कुमार बाढ़ से चुनाव लड़ रहे थे। उनके खिलाफ बाहुबली सूरजभान सिंह मैदान में थे। चुनाव में अनंत सिंह ने नीतीश कुमार की खूब मदद की। एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान बाढ़ शहर में अनंत सिंह ने नीतीश कुमार को लड्डू और चांदी के सिक्कों से तौल दिया। औपचारिक तौर पर अनंत सिंह की ये राजनीति में एंट्री थी। नीतीश कुमार चुनाव जीत गए। केंद्र की अटल सरकार में मंत्री बनाए गए। अनंत और नीतीश की सियासी दोस्ती आगे बढ़ने लगी। 2004 का इनाम 2005 में मिला, मोकामा से टिकट मिला और विधानसभा पहुंच गए 2004 में नीतीश कुमार की मदद का इनाम अनंत सिंह को 2005 के विधानसभा चुनाव में मिला। 2005 चुनाव में अनंत सिंह को मोकामा से उम्मीदवार बनाया। उन्होंने लोजपा के नलिनी रंजन श
Dainik Bhaskar पुष्पक एक्सप्रेस हादसा, यात्री बोले-लोग जान बचाने कूदे, कट गए:मैं चिल्लाता रहा, ट्रेन आ रही, हट जाओ; किसी ने सुना नहीं
लखनऊ से मुंबई जा रही 12533 पुष्पक एक्सप्रेस में सवार यात्री महाराष्ट्र के जलगांव में हादसे का शिकार हो गए। हादसे में अब तक 11 की मौत हो चुकी है। कई लोग घायल हैं। ज्यादातर यात्री उत्तर प्रदेश के हैं। पूर्वोत्तर रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर 8957409292 जारी किया है। दैनिक भास्कर ने पुष्पक एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे लोगों से बात की। लखनऊ में गोमती नगर के राजीव शर्मा हादसे में बाल-बाल बचे। उन्होंने बताया, मैं हादसे के समय स्लीपर बोगी में था। ट्रेन के दरवाजे के पास खड़ा था। अचानक लोग ट्रेन में आग लगने की बात कहते हुए चीखने लगे। तभी किसी ने चेन पुलिंग कर दी। ट्रेन की रफ्तार धीमी हुई और लोग पटरी पर कूदने लगे। मैंने दूसरी पटरी पर आती ट्रेन को देखा और चिल्लाया कि लोग वहां से हट जाएं, लेकिन किसी ने नहीं सुना। कर्नाटक एक्सप्रेस ने कई लोगों को कुचल दिया। हादसे के बाद वहां सिर्फ खून और लाशें पड़ी थीं। हादसे की 3 तस्वीरें... यात्री बोले- पटरी पर लोगों को गिरता देख रुह कांप गई पुष्पक एक्सप्रेस में बहराइच के शमीम अहमद अपने भाई अनीस के साथ यात्रा कर रहे थे। उन्होंने बताया, ट्रेन रफ्तार में थी। अचानक तेज झटका लगा..कुछ पैसेंजर बर्थ से नीचे गिर गए। हम लोग रिजर्वेशन वाली बोगी में थे, समझ नहीं आया कि हुआ क्या? कुछ पैसेंजर चिल्लाए कि आग लगी है। इसके बाद हड़कंप मच गया। लोग गेट की तरफ भागे। मगर गेट पर खड़े लोगों ने कहा कि पहिए से चिंगारी निकली है। उन्होंने नीचे जाने को मना किया। मगर पीछे से आने वाले लोग घबराए थे, कोई कुछ सुनने को तैयार नहीं था। सब नीचे कूदते चले गए। शमीम कहते है कि लोगों ने अगर थोड़ा मामले को समझने का प्रयास किया होता, तो हादसा नहीं होता। उन्हें सेना के जवान रिलीफ कैंप में लेकर आए थे। शमीम के भाई अनीस कहते हैं- इंजन के ड्राइवर ने तेजी से ब्रेक लिया था। इसके बाद ही लोग घबराकर बाहर की तरफ भागे थे। किसी को कुछ पता नहीं था। बस लोग घबराए हुए थे। इसी बोगी में सफर कर रहे शोएब गोंडा के रहने वाले हैं। वह कहते हैं- मेरे साथ परिवार के 6 सदस्य थे। सभी मुंबई जा रहे थे। हमारी ट्रेन जलगांव पहुंची थी। बोगी में सब आराम से बैठे थे। किसी को अंदाजा ही नहीं था कि हुआ क्या, मगर ट्रेन के ठहरते ही हल्ला मचने लगा। फिर दौड़भाग शुरू हो गई। लखनऊ के सुरेश बोले- अफवाह ने लोगों की जान ले ली लखनऊ के चौक इलाके के र
Dainik Bhaskar ब्रेकिंग न्यूज़:महाराष्ट्र के जलगांव में पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफवाह, ट्रेन से कूदे लोग; दूसरे ट्रैक पर आ रही ट्रेन ने कुचला
महाराष्ट्र के जलगांव के परांदा रेलवे स्टेशन के पास एक बहुत ही गंभीर हादसा हुआ है। पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह से यात्री ट्रेन से कूद पड़े। यात्रियों ने अपनी जान बचाने के लिए छलांग लगा दी। हालाँकि, आ रही बैंगलोर एक्सप्रेस ने कई लोगों को उड़ा दिया है। इस दुर्घटना में कई लोगों के मारे जाने की आशंका है। इस भीषण हादसे से जलगांव में भी हड़कंप मच गया है। हम इसे लगातार अपडेट कर रहे हैं..
Dainik Bhaskar जदयू ने मणिपुर की भाजपा सरकार से समर्थन वापस लिया:लेटर जारी होने के 1 घंटे बाद पार्टी का एक्शन, प्रदेश अध्यक्ष विरेन सिंह को हटाया
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बुधवार को मणिपुर की BJP नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया। यह घोषणा पार्टी की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष विरेन सिंह ने की। उनके ऐलान के कुछ देर बाद JDU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद मीडिया के सामने आए और समर्थन वापसी का खंडन किया। उन्होंने कहा- NDA को हमारा समर्थन जारी रहेगा। पार्टी की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष विरेन सिंह को उनके पद से हटा दिया गया है। मणिपुर इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत किए बिना पत्र जारी किया था। यह अनुशासनहीनता है। हम मणिपुर सरकार के साथ राज्य के लोगों की सेवा करना जारी रखेंगे। बता दें कि साल 2022 में हुए चुनाव में भाजपा ने 60 में से 32 सीटें जीती थीं। JDU के 6 विधायक जीते थे। इसमें से 5 विधायक BJP के साथ चले गए थे। तीन निर्दलीय विधायकों का भी सरकार को समर्थन है। बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। केंद्र के साथ बिहार सरकार में भी भाजपा और JDU सहयोगी पार्टियां हैं। कांग्रेस ने कहा- मणिपुर में सरकार को खुद इस्तीफा दे देना चाहिए था कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने प्रतिक्रिया दी है। ज्ञान रंजन ने कहा कि मणिपुर में जो हालात है, जिस तरह से वहां पर जुल्म ढाया गया। वहां की सरकार को तो खुद इस्तीफा दे देना चाहिए था। इसके बाद वहां राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि आज तक प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर नहीं गए। आरजेडी ने कहा- मणिपुर के विधायक ने साहसी कदम उठाया है राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि JDU विधायक ने मणिपुर में सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला लेकर भाजपा और नरेंद्र मोदी के प्रति अविश्वास जताया है। इस तरह की स्थिति का निर्माण पूरे देश में होने जा रहा है। भाजपा जिस तरह की राजनीति करती रही है और जैसी उनकी नीयत रही है, वैसे में इस तरह का परिणाम सामने आना ही था। मणिपुर के विधायक ने साहसी कदम उठाया है। ------------------------------------------------ ये खबर भी पढ़ें नीतीश बोले- अटल जी ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया था:लालू के ऑफर पर कहा- मैं क्यों इधर-उधर जाऊंगा, कौन क्या बोलता है मुझे मतलब नहीं CM नीतीश कुमार ने सोमवार को फिर से लालू के ऑफर का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि 'पटना में जो लोग बात कर रहे हैं, उनसे हमको क्या लेना-देना है। हम दो बार गलती से इधर-
Dainik Bhaskar कलकत्ता हाईकोर्ट डॉक्टर रेप-मर्डर के दोषी, विक्टिम फैमिली को सुनेगा:CBI ने कहा- फांसी के लिए अपील हमारा अधिकार, राज्य सरकार का नहीं
आरजी कर रेप-मर्डर केस में दोषी संजय रॉय की सजा के खिलाफ बंगाल सरकार की अपील पर फैसला करने से पहले कलकत्ता हाईकोर्ट दोषी संजय, पीड़ित परिवार और CBI को सुनेगा। बुधवार को हाईकोर्ट ने कहा कि बंगाल सरकार की याचिका मंजूर करने से पहले हम इन पक्षों की बात सुनेंगे। सुनवाई 27 जनवरी को होगी। बंगाल सरकार ने अपील में कहा था कि संजय रॉय ने जो अपराध किया है, उसके लिए उम्रकैद पर्याप्त नहीं है। उसे फांसी दी जानी चाहिए। सियालदह कोर्ट ने 20 जनवरी को संजय को मरते दम तक उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जस्टिस अनिर्बान दास ने कहा था कि यह मामला रेयरस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी में नहीं आता, इसलिए फांसी की सजा नहीं दी गई है। CBI ने बंगाल सरकार की याचिका का विरोध किया हाईकोर्ट में जस्टिस देबांगशु बसक और जस्टिस मो. शब्बार राशिदी की बेंच के सामने CBI के वकील ने बंगाल सरकार के याचिका दाखिल करने के अधिकार का विरोध किया। CBI के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल राजदीप मजूमदार ने कहा कि बंगाल सरकार के पास याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जांच एजेंसी CBI थी, एजेंसी के पास ही यह अधिकार है कि वो सजा पर्याप्त न होने के आधार पर याचिका दाखिल करे। CBI ने ट्रायल कोर्ट के सामने भी फांसी की सजा देने की अपील की थी। बंगाल सरकार बोली- शुरुआती जांच कोलकाता पुलिस ने की बंगाल सरकार के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने कहा कि प्रॉसीक्यूशन एजेंसी, फैमिली, दोषी के अलावा राज्य भी सजा को लेकर अपील कर सकता है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कोलकाता पुलिस केस की जांच कर रही थी। 13 अगस्त 2024 को यह केस CBI को सौंपा गया। घटना के 164वें दिन दोषी को सजा थी मिली सियालदह कोर्ट ने 18 जनवरी को संजय को दोषी ठहराया था। घटना के 164वें दिन (20 जनवरी) सजा पर 160 पेज का फैसला सुनाया था। CBI और पीड़ित परिवार ने मौत की सजा मांगी थी। कोर्ट रूम, सजा पर 3 पक्षों की दलील... मौत की सजा क्यों नहीं मिली, दोषी संजय की वकील ने बताया पीड़ित की फैमिली हाथ जोड़कर बोली- मुआवजा नहीं चाहिए जज ने कहा कि पीड़ित की मौत ड्यूटी के दौरान अस्पताल में हुई थी। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो पीड़ित की फैमिली को मुआवजा दे। कोर्ट ने डॉक्टर की मौत के लिए 10 लाख और रेप के लिए 7 लाख मुआवजा तय किया। कोर्ट में मौजूद ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने हाथ जोड़कर कहा कि हमें मुआवजा न
Dainik Bhaskar दिल्ली दंगों के आरोपी की जमानत पर जज बंटे:अब 3 जज की बेंच सुनवाई करेगी, AIMIM कैंडिडेट ने दिल्ली चुनाव के लिए बेल मांगी
दिल्ली दंगों के आरोपी और विधानसभा चुनाव में AIMIM कैंडिडेट ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच में सहमति नहीं बन सकी। बुधवार को हुई सुनवाई में जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ताहिर को जमानत देने के पक्ष में थे, जबकि जस्टिस पंकज मित्तल ने याचिका खारिज कर दी। अब 3 जजों की बेंच बेल पर सुनवाई करेगी। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने कहा कि यह जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ा मामला है, इसलिए रोज सुनवाई की जा रही है। उन्होंने अंतरिम जमानत देने का विरोध कर रही पुलिस से भी सवाल किए। पंकज मित्तल ने बेल देने से मना किया जस्टिस पंकज मित्तल ने कहा कि ताहिर की याचिका स्वीकार करने पर एक नई प्रथा की शुरुआत हो जाएगी। विचाराधीन कैदी चुनाव में खड़े हो जाएंगे और चुनाव लड़ने या प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग करेंगे। सबूतों और गवाहों से छेड़छाड़ की भी संभावना है। चुनाव लड़ने के लिए जमानत मांगी 4 साल 9 महीने से जेल में बंद ताहिर हुसैन को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए ओवैसी की पार्टी AIMIM ने मुस्तफाबाद से कैंडिडेट बनाया है। उन्होंने दिल्ली चुनाव लड़ने के लिए ही सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई है। इससे पहले मामले पर 20 जनवरी को भी सुनवाई हुई थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जेल में बंद सभी लोगों को चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए। इस पर ताहिर की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल ने 21 जनवरी को कोर्ट से सुनवाई का अनुरोध किया था। तब जस्टिस मित्तल ने कहा था- अब तो जेल में बैठकर चुनाव लड़ते हैं। जेल में बैठकर चुनाव जीतना आसान है। इन सभी को चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने नामांकन के लिए कस्टडी पैरोल दी थी ताहिर पर दिल्ली दंगों के दौरान 25 फरवरी 2020 को IB अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या करने का आरोप है। ताहिर ने चुनाव प्रचार के लिए हाईकोर्ट से 14 जनवरी से 9 फरवरी तक अंतरिम जमानत मांगी थी। 13 जनवरी को हाईकोर्ट ने कहा था कि नामांकन जेल से भी भरा जा सकता है। इस पर ताहिर की वकील तारा नरूला ने तर्क दिया कि इंजीनियर रशीद को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। उनके खिलाफ टेरर फंडिंग का भी मामला चल रहा है। ताहिर को एक राष्ट्रीय पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। वे अपनी सभी संपत्तियों का विवरण देने को तैयार हैं। उन्हें अपने लिए एक प्रस्तावक भी खोजना है और
Dainik Bhaskar 4 बदमाशों का एनकाउंटर करने वाले STF इंस्पेक्टर शहीद:शामली में गोली लगने से छलनी हो गया था लिवर, मेदांता में ली अंतिम सांस
यूपी STF के इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हो गए। सोमवार (20 जनवरी) की रात सुनील कुमार और उनकी टीम ने शामली में कग्गा गैंग के 4 बदमाशों का एनकाउंटर किया था। मुठभेड़ में इंस्पेक्टर के पेट में दो गोली लगी थी। सुनील कुमार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में ले जाया गया, जहां सर्जरी की गई। दोनों गोलियां बाहर निकाल ली गईं। लेकिन गोली से उनका लिवर छलनी हो गया था। डॉक्टरों ने कहा था- गोली से लिवर डैमेज हो गया है। अगले 24 घंटे इंस्पेक्टर सुनील के लिए बेहद अहम हैं। कुछ भी हो सकता है। आखिरकार 36 घंटे जिंदगी-मौत से लड़ने के बाद इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने अंतिम सांस ली। एसपी शामली रामसेवक गौतम ने कहा कि इंस्पेक्टर की मौत की सूचना के बाद एक टीम को गुरुग्राम भेजा गया है। मेरठ के रहने वाले थे इंस्पेक्टर सुनील इंस्पेक्टर सुनील मेरठ में इंचौली के मसूरी गांव के रहने वाले थे। 1 सितंबर, 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का गठन होने के बाद उन्होंने 1997 में मानेसर, हरियाणा में कमांडो कोर्स किया। 1 जनवरी, 2009 को सुनील ने STF जॉइन किया। 16 साल से वह STF में ही थे। सुनील कुमार 7 अगस्त, 2002 को हेड कॉन्स्टेबल के पद पर प्रमोट हुए। 13 मार्च, 2008 को फतेहपुर में हुई पुलिस मुठभेड़ में ओमप्रकाश उर्फ उमर केवट को मार गिराया था। इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। इसके लिए उन्हें 16 सितंबर, 2011 को आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल से PAC में प्लाटून कमांडर बना दिया गया। 22 अप्रैल, 2020 को दलनायक के पद पर प्रमोट हुए थे। कई बड़े एनकाउंटर किए इसके अलावा इंस्पेक्टर सुनील कुमार के नेतृत्व में अवैध शस्त्रों की तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। अब शामली मुठभेड़ की 4 तस्वीरें देखिए- बिना बुलेटप्रूफ जैकेट के 2 किमी पीछा किया, 40 मिनट में 50 राउंड फायरिंग इंस्पेक्टर सुनील कुमार अपनी टीम के साथ सोमवार की रात करीब डेढ़ बजे चौसाना रोड पर घेराबंदी किए थे। उन्हें अरशद के मूवमेंट की टिप मिली थी। रात करीब 2 बजे हरियाणा की तरफ से सफेद रंग की ब्रेजा कार आती दिखाई दी। पुलिस टीम ने टार्च की रोशनी से गाड़ी रोकने का इशारा किया। पुलिस से करीब 150 मीटर पहले ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी। गाड़ी में मौजूद अरशद ने ड्राइविंग सीट
Dainik Bhaskar राजौरी के बदहाल गांव को कंटेनमेंट जोन बनाया:भीड़ इकट्ठा होने पर रोक, खाना-पीना प्रशासन देगा; 17 लोगों की अचानक मौत के बाद फैसला
3 परिवारों के 17 लोगों की रहस्यमयी मौत के बाद राजौरी के दूरदराज के गांव बदहाल को कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया है। यहां सार्वजनिक और प्राइवेट कार्यक्रमों में भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। गांव के एक और आदमी को अस्पताल में भर्ती किया है, जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। गांव में हुई मौतों की वजह अभी सामने नहीं आई है। गांव में 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में ये मौते हुई हैं। 21 जनवरी को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला गांव में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। इसके बाद प्रशासन ने गांव को कंटेनमेंट जोन बनाने का फैसला लिया। 3 कंटेनमेंट जोन बनाए गए गांव को 3 कंटेनमेंट जोन में बदला गया है। पहला जोन उन परिवारों को कवर कर रहा है, जिनमें मौतें हुई हैं। इन परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है और सभी लोगों के लिए यहां पर एंट्री बैन कर दी गई है। परिवारवालों को भी यहां जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्हें यहा जाने के लिए अधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी। गांववालों को खाना-पानी प्रशासन ही देगा दूसरे कंटेनमेंट जोन में प्रभावित व्यक्तियों के करीबी संपर्क में आने वालों यानी परिवारवालों को रखा गया है। इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी सेहत पर नजजर रखी जा रही है। तीसरे जोन में गांव के सभी परिवारों को रखा गया है। मेडिकल स्टाफ लगातार इनके खान-पान पर नजर रख रहा है। यहां अस्पताल की तरफ से तैनात किया गया अफसर ही लोगों को खाना और पानी देगा। यहां पहले से मौजूद कुछ भी खाने पर रोक लगा दी गई है। पुलिस टीम भी यहां मौजूद है। क्या ये बीमार है, हमें इसका जवाब चाहिए मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला ने गांव का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उमर ने मोहम्मद असलम से मुलाकात की। उसने परिवार के 8 सदस्यों को खोया है। उमर ने कहा- ऐसा क्यों हुआ? हमें इस सवाल का जवाब चाहिए। यह कोई बीमारी नहीं है, इसलिए पुलिस इसकी जांच कर रही है। SIT गठित की गई है। केंद्र सरकार ने भी एक टीम तैनात की है। वो सैंपल कलेक्टर रही है। उमर ने कहा कि मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि प्रशासन, पुलिस और भारत सरकार की कोशिश जारी है, जल्द ही सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। अगर ये कोई बीमारी है तो हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी ये तय
Dainik Bhaskar बहू के भाई की हत्या कर मां ने बदला लिया:तलाक के बाद बेटे ने कर ली थी खुदकुशी, चाकू के 8 वार से आंतें बाहर निकालीं, अंगुलियां भी काटीं
गुजरात में राजकोट के सर गांव में शनिवार को दोपहर करीब 3 बजे एक युवक का हत्या किया शव मिला था। प्रारंभिक जांच में पता चला कि मृतक गिरीश राठौड़ अपनी मां के ऑपरेशन के लिए रामोद जाने को सरधार गांव से निकलकर सर गांव पहुंचा था, जहां चाकू के 8 वार करके उसकी हत्या की गई थी। पुलिस जांच में पता चला कि मृतक गिरीश राठौड़ की हत्या उसकी बहन की पूर्व सास सोनलबेन उर्फ सालुबेन सोहलिया (उम्र 50) ने दो नाबालिगों के साथ मिलकर की थी। इसलिए पुलिस ने नाबालिग और महिला आरोपी दोनों को पकड़कर कानूनी कार्रवाई की। पूछताछ में पता चला कि आरोपी मां के बेटे ने तलाक से दुखी होकर सुसाइड कर लिया था। इसीलिए मां ने बेटे की मौत का बदला बहू के भाई को मारकर लिया। आरोपी मां ने 2 नाबालिग के साथ मिलकर हत्या का प्लान बनाया था राजकोट शहर एसीपी साउथ भावेश जाधव ने बताया कि 18 जनवरी 2025 को सर गांव के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था। जांच करने पर पता चला कि शव गिरीश दिलीपभाई राठौड़ (उम्र 32) का था, जो सरदार बस स्टैंड पर इलेक्ट्रिकल की दुकान चलाता था। गिरीश अपनी मां लाभुबेन से फोन पर बात करने के बाद उनकी आंख की सर्जरी कराने के लिए सरधार गांव से रामोद जाने के लिए बाइक से जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में सर गांव के पास उसे रोक लिया गया और उसके पेट, सिर और हाथ समेत शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर 8 वार करके उसकी हत्या कर दी गई। लगातार चाकू के 8 वार करने के कारण मृतक की आंतें भी बाहर आ गई थीं। मृतक युवक गिरीश की अंगुलियां भी काट दी गई थीं। पुलिस जांच में पता चला कि मृतक गिरीश राठौड़ की हत्या उसकी बहन की पूर्व सास सोनलबेन उर्फ सालुबेन सोहलिया (उम्र 50) ने दो नाबालिगों के साथ मिलकर की थी। इसलिए पुलिस ने नाबालिग और महिला आरोपी दोनों को पकड़कर कानूनी कार्रवाई की। मां ने इंस्टाग्राम-फेसबुक पर लाइव होकर बदला लेने को कहा था हत्या करने का कारण बदला लेना था। गिरीश राठौड़ की हत्या में उसकी बहन की पूर्व सास सोनल उर्फ सालू सोहालिया (50 वर्ष) समेत 2 नाबालिग शामिल हैं। पुलिस को आरोपी सोनल से पूछताछ करने पर पता चला कि सोनल के बेटे अजय ने पत्नी जयश्री से तलाक के बाद डेढ़ महीने पहले आत्महत्या कर ली थी। इकलौते बेटे को खोने से दुखी मां सोनल ने बेटे के वियोग में हत्या करने का फैसला किया। वह अक्सर इंस्टाग्राम-फेसबुक पर लाइव होकर बदला लेन
Dainik Bhaskar इंदौर के फोटोग्राफर का 14 पेज का सुसाइड नोट:पत्नी और सास 20 लाख मांग रही; राजस्थान पुलिस ने 50 हजार रिश्वत मांगी
इंदौर में पत्नी और ससुरालवालों की प्रताड़ना से तंग आकर 28 साल के युवक ने सुसाइड कर लिया। फांसी लगाने से पहले उसने 14 पेज का सुसाइड नोट लिखा, जिसमें पत्नी, सास और दो सालियों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। बाणगंगा के यादव नंद नगर में रहने वाले इवेंट फोटोग्राफर और कैफे संचालक नितिन (28) पडियार ने सोमवार रात को सुसाइड कर लिया था। सुसाइड नोट में नितिन ने आरोप लगाया कि पत्नी हर्षा शर्मा के परिवार ने कभी उनकी शादी को स्वीकार नहीं किया। 2019 में शादी हुई, इसके छह महीने बाद से विवाद शुरू हो गया। 2024 में हर्षा ने नितिन, जेठ सूरज और सास पर दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया। समझौते के लिए 20 लाख रुपए की डिमांड कर रहे थे। दहेज प्रताड़ना की एफआईआर से नाम हटाने के लिए राजस्थान पुलिस ने भी 50 हजार रुपए मांगे। इन आरोपों पर हर्षा का कहना है कि शादी के बाद से ही उससे दहेज मांगा जाता था। पढ़िए 14 पेज के सुसाइड नोट में नितिन ने क्या लिखा... मैं नितिन पडियार आत्महत्या कर रहा हूं। पत्नी हर्षा शर्मा ने मुझे और मेरी पूरी फैमिली को झूठे केस में फंसा दिया है। मैंने अगस्त 2019 में हर्षा से लव मैरिज की थी। शादी के लिए हम दोनों की फैमिली राजी नहीं थी। इसलिए हमने भागकर शादी कर ली। घर से अलग किराए के मकान में रहने लगे। शादी के दो महीने बाद मेरे परिवार ने हमें अपना लिया। परिवार ने समाज के सामने हमारी शादी की। मेरी सास सीता शर्मा इस शादी से खुश नहीं थी। उन्होंने मुझे कभी नहीं अपनाया। मेरी मौत का कारण सिर्फ और सिर्फ पत्नी हर्षा शर्मा, सास सीता शर्मा, साली मीनाक्षी और वर्षा शर्मा है। इन्होंने मुझे बहुत डराया और ब्लैकमेल किया है। पत्नी के कहने पर परिवार से लड़ता रहा हर्षा के कहने पर मैंने मां और भाई से लड़ाई की। उसी घर में ऊपर अलग रहने लगा। कुछ दिन बाद से हर्षा सुबह 11 बजे तक सोकर उठने लगी। मैं सुबह 10.30 बजे जॉब पर भूखा ही जाता था। कई बार भाभी ने खाना खिलाया। इस बात पर मां ने हर्षा को समझाया तो वह विवाद करने लगी। कुछ दिन बाद हर्षा प्रेग्नेंट हो गई। उसने यह बात अपनी मम्मी को बताई। उन्होंने कह दिया कि नितिन के बच्चे से हमें कोई रिश्ता नहीं रखना। गोद भराई में नहीं आई हर्षा की मां हर्षा की प्रेग्नेंसी के 6 महीने पूरे होने के बाद हमने गोद भराई कराई। हर्षा की मम्मी नहीं आई तो हमने गोद भराई की रस्म भती
Dainik Bhaskar कोटा में नीट स्टूडेंट ने फंदे पर लटककर जान दी:हैंगिंग डिवाइस नहीं लगा था, 6 महीने पहले ही अहमदाबाद से आई थी
कोटा में सुसाइड का सिलसिला थम नहीं रहा है। बुधवार (22 जनवरी) को नीट की तैयारी कर रही एक और स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया। छात्रा ने पीजी के कमरे में पंखे से फंदा लगा लिया। गाइडलाइन के बाद भी पंखे में हैंगिंग डिवाइस नहीं लगा था। मामला जवाहर नगर थाना क्षेत्र का सुबह करीब 10 बजे का है। सीआई राम-लक्ष्मण ने बताया कि अहमदाबाद की रहने वाली अफ्शा शेख (23) करीब 6 महीने पहले कोटा आई थी। अफ्शा प्रतीक्षा रेजिडेंसी में रह रही थी। बुधवार सुबह पीजी मालिक ने छात्रा को कमरे में फंदे पर लटका देखा था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। स्टूडेंट के परिजनों को सूचना दी गई है। उनके आने के बाद पोस्टमार्टम कराया जाएगा। फिलहाल सुसाइड का कारण सामने नहीं आया है।